Understanding Buddhism: Origins, Teachings, and Influence
Overview
This video explores the origins of Buddhism, its founder Gautam Buddha, and the key teachings that shaped this influential religion. It discusses the socio-economic conditions that led to the rise of Buddhism and its impact on Indian society and beyond.
Key Points
- Historical Context: Buddhism emerged during the 6th and 5th centuries BC in North India, coinciding with the peak of Aryan culture and the rise of various religious sects, including Jainism.
- Gautam Buddha: Born Siddhartha in a noble family in Lumbini (now Nepal), he renounced his royal life at 29 after witnessing human suffering. He attained enlightenment under a Bodhi tree at 35.
- Teachings: Buddha emphasized the Four Noble Truths and the Eightfold Path as a means to overcome suffering and achieve Nirvana. He rejected the caste system and promoted equality.
- Spread of Buddhism: After Buddha's death, his teachings were compiled into texts and spread across Asia, significantly influenced by Emperor Ashoka, whose efforts in state-building helped propagate Buddhism.
- Decline: By the 12th century, Buddhism faced decline in India due to various socio-political factors, including the rise of Brahmanical traditions and invasions.
Features of Buddhism
- Philosophy: Buddhism focuses on individual responsibility for happiness and promotes a middle path between luxury and austerity.
- Community: The Sangha (monastic community) was open to all, including women and lower castes, promoting inclusivity.
- Cultural Impact: Buddhism contributed significantly to Indian culture, art, and the concept of non-violence, influencing figures like Mahatma Gandhi.
FAQs
-
What are the main teachings of Buddhism?
Buddhism teaches the Four Noble Truths and the Eightfold Path as a way to overcome suffering and achieve enlightenment. -
Who was Gautam Buddha?
Gautam Buddha, originally Siddhartha, was the founder of Buddhism who attained enlightenment and shared his teachings on suffering and liberation. -
How did Buddhism spread?
Buddhism spread through the efforts of monks and emperors like Ashoka, who promoted its teachings across Asia. -
What is the significance of the Sangha?
The Sangha is the monastic community in Buddhism, which is open to all individuals, promoting equality and inclusivity. -
What led to the decline of Buddhism in India?
The decline was due to the resurgence of Brahmanical traditions, socio-political changes, and invasions that targeted Buddhist institutions. -
How does Buddhism differ from Jainism?
While both religions emerged around the same time, Buddhism emphasizes the Eightfold Path and the concept of Nirvana, whereas Jainism focuses on strict non-violence and the importance of good deeds. -
What is the impact of Buddhism on Indian culture?
Buddhism has significantly influenced Indian culture, particularly in art, architecture, and the promotion of non-violence.
बुद्धिज्म दोस्तों आज मैं आपको ऐसे समय से अवगत कराने वाला हूं जिसे इंडियन एंट हिस्ट्री
का वाटरशेड मोमेंट बोला जा सकता है यह कहानी है सिक्सथ और फिफ्थ सेंचुरी बीसी की जब नॉर्थ इंडिया के गंगा यमुना के अपर
दवाब में आर्यन कल्चर अपने पीक पर पहुंच चुका था दोस्तों जैनिज्म के लेक्चर में हमने देखा कि किस प्रकार इस दौर में कई
तरह के रिलीजियस सेक्ट्स का राइज हुआ हमने देखा कैसे सोसाइटी की सोशल इकोनॉमिक और पॉलिटिकल कंडीशंस किसी भी रिलीजन के राइज
होने का प्राइमरी कारण होती हैं इन रिलीजस सेक्ट्स में से जैनिज्म के साथ बुद्धिज्म ऐसा दूसरा सेक्ट था जो इंडियन
सबकॉन्टिनेंट में वाइड स्प्रेड हो पाया इंडिया में ही नहीं बुद्धिज्म का इन्फ्लुएंस आज आपको पूरे वर्ल्ड में देखने
को मिलेगा कंपैरिजन के तौर पर देखें तो जैनिज्म इंडिया में ही कन्फाइंड होकर रह गया तो दोस्तों शुरू करते हैं डिस्कशन
बुद्ध बुम के कॉसेस ऑफ ओरिजिन से कॉसेस ऑफ ऑरिजिन ऑफ बुद्धिज्म दोस्तों क्योंकि बुद्धिज्म और जैनिज्म
लगभग एक ही समय पर राइज हुए इसलिए दोनों के ऑरिजिन के कॉसेस भी सेम ही थे संक्षिप्त में देखें तो लेटर वैदिक कल्चर
में वर्ण सिस्टम का रिजिन स्ट्रक्चर और बर्थ पर बेस्ड होना न्यू रिलीजस के राइज का एक कारण बना दूसरा और सबसे मेन कॉज था
मिड गजेट प्लेंस में वाइड स्प्रेड एग्रीकल्चर बेस्ड इकॉनमी का राइज होना तीसरा कॉइंस के यूज से ट्रेड और कॉमर्स
बढ़ा जिससे वैश्यास का सोसाइटी में इंपॉर्टेंस बढ़ता गया और वह अपनी सोशल स्टेटस बढ़ाने के लिए नए रिलीजस की ओर
आकर्षित हुए और फाइनली सोसाइटी के कंजरवेटिव लोग पुरानी लाइफ स्टाइल की मांग करने लगे दोस्तों इन सभी पॉइंट्स को आप
डिटेल में जैनिज्म के वीडियो से कवर कर सकते हैं आइए अब हम बात करेंगे बुद्धिज्म के
फाउंडर गौतम बुद्ध के बारे में गौतम बुद्ध गौतम बुद्ध महावीर के कंटेंपररी थे उन्हें सिद्धार्थ और शाक्य मुनि के नामों से भी
जाना जाता है एक ट्रेडिशनल उनका बर्थ 567 बीसी में एक शाक्य क्षत्रिय फैमिली में कपिल वस्तु के पास लुंबिनी में हुआ जो कि
नेपाल में है यह जगह आज यूपी के बस्ती डिस्ट्रिक्ट से कुछ ही दूरी पर है गौतम बुद्ध के फादर शुद्धोधन कपिल वस्तु के एक
इलेक्टेड लीडर माने जाते हैं जो शाक्य क्लन के हेड थे उनकी मदर माया देवी कुशला डायनेस्टी की एक प्रिंसेस थी इससे यह साफ
है कि बुद्ध एक नोबल फैमिली से बिलोंग करते थे और एक रिपब्लिक स्टेट में रहने के कारण लिटरिंग बिलीव्स यानी समान अधिकार
वादी थे बचपन से ही उनका मेडिटेशन से बड़ा लगाव था उनकी मैरिज अर्ली एज में ही हो गई थी
लेकिन उन्हें कभी मैरिड लाइफ में इंटरेस्ट नहीं रहा यहां पर फोर साइड्स के फेमस इ डेंट का जिक्र आता है बचपन की एक
भविष्यवाणी में कहा गया कि सिद्धार्थ या तो बुद्ध बनेंगे या फिर एक ग्रेट किंग अब उनके फादर ने उनको ग्रेट किंग बनने की
मंशा रखते हुए उन्हें पैलेस की लग्जरी में बंद करके रखा 29 साल की एज में जब पहली बार वह अपनी पैलेस से बाहर निकले तो
उन्हें चार सींस दिखाई दिए पहले उन्हें एक ओल्ड पर्सन दिखाई दिया जिसने उन्हें एजिंग के कंसीक्वेंसेस से अवगत कराया दूसरे सीन
में उन्हें एक सिक पर्सन मिला जिसको कोई डिजीज थी उसने यह बताया कि सारे ह्यूमन बीइंग्स को डिजीज और पेन होना निश्चित है
तीसरे सीन में उन्हें एक डेड बॉडी दिखाई दी उनके चैरिटी ने उन्हें बताया कि डेथ को रोकना इंसान के लिए नामुमकिन
है चौथा सीन एक एटिक यानी तपस्वी का था जिसने अपने आप को ह्यूमन सफरिंग सर्च करने में डिव किया हुआ था इन फोर साइट्स के बाद
ही उन्हें ह्यूमन सफरिंग को को खत्म करने और रीबर्थ की साइकिल से फ्री होने की प्रेरणा
मिली 29 साल की ऐज में ही उन्होंने अपने घर का त्याग कर दिया समाज के लोगों में फैली मिजी से वह काफी इन्फ्लुएंस थे और
उसका सलूशन ढूंढना चाहते थे 7 साल तक वह एक जगह से दूसरी जगह भ्रमण करते रहे और 35 साल की ऐज में उन्होंने एक पीपल ट्री के
नीचे इनलाइटनमेंट को पाया इसी कारण से जगह का नाम बोध गया पड़ा जो कि आज बिहार में है इसी के बाद उनको द इनलाइटें वन यानी
बुद्ध कहा जाने लगा अपनी इस लंबी जर्नी में उन्होंने लोगों से अपने आइडियाज शेयर करना चालू किया जिसे सर्मन कहते हैं पहला
सर्मन उन्होंने सारनाथ बनारस में दिया उनकी फिजिक काफी स्ट्रांग थी जिसके कारण वह एक दिन में ही काफी लंबी जर्नी कर पाते
थे सिर्फ बारिश के सीजन को छोड़कर वह लगातार घूमते रहते मेडिटेटर और प्रीच करते रहते थे चार 40 साल तक यही सिलसिला चलता
रहा इस दौरान उन्हें दूसरे सेक्ट के सपोर्टर्स जैसे ब्राह्मण भी मिले जिनको उन्होंने आसानी से डिबेट्स में डिफीट
किया उनकी मिशनरी एक्टिविटीज ने कभी भी रिच और पुआ हाई और लो मैन और वुमन में डिस्क्रिमिनेट नहीं किया जो उनके इलिट
बिलीव्स का एक एग्जांपल है 487 बीसी में कुशीनगर में 80 साल की उम्र में उनकी डेथ हो गई यह जगह आज ईस्टन
यूपी के दे डिस्ट्रिक्ट के कसया नाम के विलेज में है यहां यह जानना जरूरी है कि सिक्सथ
सेंचुरी बीसी में बुद्ध के एक्जिस्टेंस का कोई आर्कियोलॉजिकल एविडेंस अभी तक नहीं मिला है कौशांबी श्रावस्ती वाराणसी वैशाली
और राजगृह जैसी सिटीज जिनमें बुद्ध की प्रेजेंस का दावा किया जाता है वह सभी फिफ्थ सेंचुरी बीसी के बाद ही अर्बनाइज हो
पाई दोस्तों आगे बढ़ते हैं और बात करते हैं बुद्धिज्म की डॉक्ट्रिन की डॉक्ट्रिन ऑफ बुद्धि
गौतम बुद्ध वास्तव में एक प्रैक्टिकल रिफॉर्मर थे जिन्होंने उस समय की सोसाइटी की रियलिटीज को एक्सेप्ट किया और उसके
खिलाफ लड़ाई लड़ी उन्होंने खुद को समाज की सामान्य समस्याओं से जोड़ा जो लोग डेली लाइफ में सफर कर रहे थे उनका यह मानना था
कि वर्ल्ड सोरो यानी कि शोक से भरा हुआ है और लोगों की सफरिंग का मेन कारण उनकी डिजायर्स है यदि इन डिजायर्स को कंकर कर
लिया जाए तो इंसान निर्वाना को पा लेता है जिसके बाद वह बर्थ और डेथ के साइकिल से फ्री हो जाता है उनका कहना था कि निर्वाना
कोई प्लेस नहीं है जहां पहुंचा जा सकता है बल्कि यह एक एक्सपीरियंस है जिसको इसी लाइफ में पाया जा सकता है बुद्धिस्म में
कोई भी सुप्रीम डेटी या गॉड को एस्टेब्लिश नहीं किया गया बुद्ध ने ह्यूमन मिजी को एलिमिनेट करने के लिए एट फोल्ड पाथ यानी
अष्टांग का मार्ग को रेकमेंडेड में इस पाथ का मेंशन किया गया है इस एट फोल्ड पाथ में इंक्लूडेड है राइट
ऑब्जर्वेशन यानी सम्यक दृष्टि राइट डिटरमिनेशन यानी सम्यक संकल्प राइट स्पीच यानी सम्यक वाणी राइट एक्शन यानी सम्यक
कर्माता राइट लाइवलीहुड यानी सम्यक आजीविका राइट एफर्ट यानी सम्यक व्यायाम राइट अवेयरनेस यानी सम्यक स्मृति और राइट
कंसर्न यानी सम्यक समाधि बुद्ध के अनुसार यदि मनुष्य इस एटफोल्ड पाथ को फॉलो करेगा तो वह अपने आप
को रिचुअल्स को फॉलो करने की नेसेसिटी से दूर रख पाएगा और निर्वाणा की ओर अग्रसर हो पाएगा और ऐसा करके वह अपने फाइनल
डेस्टिनेशन को पाने में सक्सेसफुल हो पाएगा बुद्ध की सबसे इंपॉर्टेंट फिलॉसफी में से एक थी मिडल पाथ इसके हिसाब से
इंसान को लग्जरी और ऑस्टेरिटी यानी तपस्वी जीवन के बीच में रहने के उपदेश दिए दोनों ही चीजें एक्सेस में नहीं होनी चाहिए यही
फिलॉसफी बुद्ध को महावीर से अलग बनाती है जहां महावीर ने स्ट्रिक्ट ऑस्टेरिटी को फॉलो करने को कहा बुद्ध ने अपने फॉलोअर्स
के लिए एक कोड ऑफ कंडक्ट भी बनाया उसके प्रिंसिपल टेनेट्स कुछ इस प्रकार थे डू नॉट कमिट वायलेंस यानी हिंसा मत करो डू
नॉट कवट द प्रॉपर्टी ऑफ अदर्स यानी दूसरों की संपत्ति की कामना मत करो डू नॉट यूज इंटॉक्सिकेंट्स यानी मादक द्रव्यों का
प्रयोग मत करो डू नॉट टेल अ लाय यानी झूठ मत बोलो डू नॉट इंडल इन सेक्सुअल मिसकंडक्ट एंड एडल्ट्री यानी व्यभिचार से
दूर रहे आप देखेंगे कि यह टीचिंग हमें जेनिम में और बाकी सभी रिलीजन में भी देखने को मिलती है बुद्ध के अनुसार हर
इंसान खुद ही अपनी हैप्पीनेस के लिए रिस्पांसिबल होता है यह फीचर बुद्धिज्म के इंडिविजुअलिस्टिक कंपोनेंट को दर्शाता
है दोस्तों जेनिम और बुद्धिज्म इसी दौर में राइज हुए तो एक नजर डालते हैं दोनों के
डॉक्ट्रिन के डिफरेंसेस में कंपैरिजन विद जैनिज्म बुद्धिज्म साइकिल ऑफ बर्थ एंड डेथ में
बिलीव करता है जो कि सिर्फ निर्वाणा यानी इनलाइटनमेंट से ब्रेक हो सकता है जबकि जैनिज्म इंसान के गुड और बैड डीड्स के
हिसाब से चलता रहेगा जब तक लिबरेशन अचीव नहीं होता बुद्धिज्म में सिन को डिफाइन नहीं किया गया है जबकि जैनिज्म में दूसरों
को हाम पहुंचाना सिन बताया गया है बुद्धिस्ट टीचिंग के अनुसार लाइफ को सफरिंग बताया गया है जो डिजायर्स के कारण
उत्पन्न होती हैं एटफोल्ड पाथ को फॉलो करके इंसान इससे बच सकता है जैनिज्म सभी लिविंग बीइंग्स की रिस्पेक्ट पर स्ट्रेस
करता है और लिबरेशन का माध्यम फाइव वाउस बताए गए हैं बुद्धिज्म के दो मेन सेक्ट्स हैं महायान और हीनयान जैनिज्म के दो मेन
सेक्ट्स हैं श्वेतांबर एंड दीगा दोस्तों आगे बढ़ते हैं और देखते हैं बुद्धिज्म के फीचर्स और यह भी देखेंगे कि
किस तरह बुद्धिज्म का स्प्रेड हुआ फीचर्स ऑफ बुद्धिज्म एंड कॉसेस ऑफ इट्स स्प्रेड बुद्धिज्म ने गॉड और सोल के
एक्जिस्टेंस को डिनायर फीचर इंडियन रिलीजस की हिस्ट्री में एक रेवोल्यूशन की तरह देखा जा सकता है बुद्धिज्म ने वर्ण सिस्टम
को अटैक किया जिसके कारण वह लोअर स्ट्रेटा के लोगों से अटैक छुपाया इसमें शुरुआती दौर में किसी भी तरह के फिलोसॉफिकल
डिस्कशन को इनकरेज नहीं किया गया जिसके चलते आम आदमी इससे अट्रैक्ट हुए ब्राह्मण जम के कंपैरिजन में बुद्धिज्म लिबरल और
डेमोक्रेटिक रिलीजन के तौर पर उभर कर आया बुद्धिज्म ने पर्टिकुलर नॉन वैदिक एरियाज के लोगों को अपील किया बुद्ध की
पर्सनालिटी और उनकी प्रीचिंग के मेथड्स के कारण बुद्धिज्म का स्प्रेड काफी तेजी से हुआ उन्होंने ईविल को गुडनेस से से और हेट
को लव से फाइट करने की बात कही विट और प्रेजेंस ऑफ माइंड से उन्होंने अपने अपोनेंट्स को टैकल किया पाली लैंग्वेज जो
कि प्राकृत लैंग्वेज का एक टाइप है उसने कॉमन लोगों के बीच बुद्धिज्म के स्प्रेड में कंट्रीब्यूट किया और बुद्ध ने रिलीजस
ऑर्डर यानी संघ को ऑर्गेनाइज किया जो हर तरह की कास्ट क्रीड और सेक्स के लोगों के लिए खुला था इन बुद्धिस्ट ऑर्डर्स यानी
संघ में विमेन को भी मेन के बराबर का अधिकार मिला स्लेव्स केवल अपने मास्टर्स की परमिशन के बाद ही जवाइन कर सकते थे संघ
को जवाइन करने के लिए कंटिनेंस यानी संयम पॉवर्टी और फेथ होना जरूरी था तो ओवरऑल अगर देखा जाए तो बुद्धिज्म के तीन
प्रिंसिपल एलिमेंट्स थे बुद्ध धम्म और संघ ऑर्गेनाइज्ड प्रीचिंग और संघ की मदद से बुद्धिज्म बहुत तेजी से प्रोग्रेस करने
लगा मगध कशाल और कौशांबी जैसे कई रिपब बलिकन स्टेट्स के रूलर और वहां के लोगों ने बुद्धिज्म को अपनाया बुद्ध की डेथ के
200 साल बाद अशोक ने बुद्धिज्म को एंब्रेस किया अशोक ने अपनी मिशनरी एक्टिविटी से बुद्धिज्म को सेंट्रल एशिया वेस्ट एशिया
और श्रीलंका तक पहुंचाया और बुद्धिज्म को एक वर्ल्ड रिलीजन बना दिया बुद्धिज्म का ओरिजिन जरूर इंडिया में रहा पर यह इंडिया
से दोस्तों गौतम बुद्ध की डेथ के बाद उनकी टीचिंग्स को कंपाइल करने के लिए एक
काउंसिल का गठन किया गया आगे चलकर टोटल चार काउंसिल्स बुद्धिज्म में हुई इन काउंसिल्स पर एक नजर डालते
हैं बुद्धिस्ट काउंसिल्स फर्स्ट काउंसिल किंग आजाद शत्रु के पेट्रोनेट में 483 बीसी में हुई मंक
महाक श्य ने इसको प्रिसा इड किया राजगृह के सत पानी केव में यह काउंसिल हुई बुद्ध की टीचिंग्स यानी सुत को प्रिजर्व
करने और डिसाइल्स के रूल्स बनाने के लिए यह काउंसिल हुई इसी काउंसिल में बुद्ध की टीचिंग्स को तीन पिकास में डिवाइड किया
गया सेकंड काउंसिल किंग काला शोका के पेटन ज में वैशाली में 383 बीसी में हुई इसको सबा कमी ने प्रिसा इड किया थर्ड काउंसिल
किंग अशोका के पेट्रोनेट में 250 बीसी में पाटली पुत्र में हुई मोगली पुत तिस ने इसको प्रोसाइट किया फोर्थ काउंसिल कुषण
टेंपल के किंग कनिष्क के पेट्रोनेट में 72 एडी में कुंडल वन कश्मीर में आयोजित की गई वासु मित्र ने इसको प्रेसा इड किया फोर्थ
काउंसिल इंपॉर्टेंट रही क्योंकि इसी काउंसिल में बुद्धिज्म दो सेक्ट्स महायान और हीनयान में डिवाइड हो
गया दोस्तों आज बुद्धिज्म हजारों सेक्ट्स और स्कूल्स ऑफ थॉट्स में डिवाइडेड है इनमें से कुछ इंपॉर्टेंट स्कूल्स और उनकी
बेसिक आइडियो जीी को समझते हैं स्कूल्स ऑफ बुद्धिज्म महायान इसका लिटरल मीनिंग है ग्रेट वकल
इसके अंतर्गत बुद्ध को गॉड की श्रेणी में रखा गया बुद्ध की आइडल वरशिप को इंपॉर्टेंस दी गई महायान बुद्धिज्म नॉर्थ
इंडिया और कश्मीर में ओरिजनेट हुआ और बाद में सेंट्रल एशिया ईस्ट एशिया और साउथ ईस्ट एशिया में स्प्रेड हुआ चाइना कोरिया
टिब और जापान में इस बुद्धिस्ट स्कूल को फॉलो किया जाता है हीनयान इसका लिटरल मीनिंग है लेस अ वकल इसमें बुद्ध की
ओरिजिनल टीचिंग्स पर स्ट्रेस दिया गया आइडल वरशिप को रिजेक्ट किया गया सेल्फ डिसिप्लिन और मेडिटेशन के थ्रू इंडिविजुअल
साल्वेशन को पाने की बात कही गई थराव हीनयान स्कूल का ही सेक्ट है ओरिजिनल बुद्ध टीचिंग्स के सबसे करीब इसको माना
जाता है श्रीलंका में इसका डेवलपमेंट हुआ और वहां से साउथ ईस्ट एशिया में इसका स्प्रेड
हुआ कैम कडिया लाओस म्यानमार श्रीलंका और थाईलैंड में यह डोमिनेंट है वज्रनाभ इसको तांत्रिक बुद्धिज्म भी कहा
जाता है 900 सीई में इंडिया में यह स्टार्ट हुआ इसमें कुछ स्पेशलाइज्ड नॉलेज वाले लोगों को ही इंपॉर्टेंस दी गई है
इसके काफी स्ट्रिक्ट रिचुअल्स को फॉलो किया जाता है अब एक नजर डालते हैं इंपॉर्टेंट बुद्धिस्ट टेक्स्ट पर मेजर
बुद्धिस्ट टेक्स्ट बुद्ध की टीचिंग्स ओरल थी जिसको संघ के मेंबर्स ने मेमोराइज किया और
स्पेशल ओकेज में रिसाइट किया फर्स्ट काउंसिल में थ्री पिकास में इसको डिवाइड किया गया और 25 बीसी में पाली लैंग्वेज
में इनको लिखा गया पहला विनया पिका इसमें मंस और नंस के लिए रूल्स ऑफ कंडक्ट और मोस्टिक लाइफ में फॉलो किए जाने वाले
डिसिप्लिन को मेंशन किया गया है दूसरा सुत पीत का इसमें बुद्ध की मेन टीचिंग यानी धम्म को एक्सप्लेन किया गया है इसको पांच
निकाया में डिवाइड किया गया है दिघा निकाया अंगुरा निकाया खुद का निकाया संयुक्त निकाया और मजमा निकाया
तीसरा है अभिधम्मा पत का इसमें मंस की टीचिंग्स का फिलोसॉफिकल एनालिसिस दिया गया है इसी तरह के कुछ और इंपॉर्टेंट
बुद्धिस्ट टेक्स्ट है जैसे दिव्या वंदना दीपा वंशा महाव मिलिंद पन्हा एटस दोस्तों जैसा कि हमने देखा कि
बुद्धिज्म इंडिया से डिसअपीयर्ड सेक्शन में कॉसेस ऑफ डिक्लाइन ऑफ बुद्धिज्म
12थ सेंचुरी के अंत तक बुद्धिज्म इंडिया से ऑलमोस्ट एक्सटिंक्ट हो गया दोस्तों कोई भी रिलीजन स्टार्ट होने का बेसिक कारण
स्पिरिट ऑफ रिफॉर्म होती है लेकिन समय के साथ वह रिचुअल्स और सेरेमनीज के सामने झुक जाता है ब्राह्मण जम के जिन इविल से लड़ाई
लड़ते हुए बुद्धिज्म का राइज हुआ था वही उसके डिक्लाइन का कारण बना बुद्धिस्ट चैलेंज से लड़ने के लिए ब्राह्मण ने अपने
रिलीजन को रिफॉर्म किया उन्होंने कैटल वेल्थ को प्रिजर्व करने की बात कही और विमेन और शुद्रास को हेवन में एडमिशन का
अरेंस दिया बुद्धिस्ट मांक्स धीरे-धीरे मेन स्ट्रीम लोगों से कट ऑफ होते चले गए उन्होंने कॉमन पीपल की लैंग्वेज यानी पाली
को अबन कर दिया और संस्कृत को अपना लिया जो कि इंटेलेक्चुअल्स की लैंग्वेज थी फर्स्ट सेंचुरी के बाद से ही मंक्त आइडल
वरशिप प्रैक्टिस करना चालू कर दिया रिच ऑफिस और रॉयल ग्रांट्स के चलते बुद्धिस्ट मॉनेस्ट्रीज के
मंक्त जैसे नालंदा ने करीब 200 विलेजेस से रेवेन्यू कलेक्ट करना चालू कर दिया सेवंथ सेंचुरी तक बुद्धिस्ट मॉनेस्ट्रीज ईज
लविंग लोगों के डोमिनेशन में आ गई और गौतम बुद्ध ने जिन करप्ट प्रैक्टिसेस को प्रोहिबिट किया उसी का सेंटर बन गई इस नए
तरह के बुद्धिज्म को वज्रयान बोला गया ब्राह्मण रूलर पुष्यमित्र शुंग ने बुद्धिस्ट को पर्सीक्यूट किया इसी तरह के
कई इंस्टेंसस हमें हिस्ट्री में देखने को मिलते हैं न किंग मेहर कुल ने हंड्रेड्स ऑफ बुद्धि को मार दिया शशांक ऑफ गौडा ने
बोधी ट्री को गिरवा दिया जहां बुद्ध को इनलाइटनमेंट मिला ट्रेवलर हुन संग के अनुसार करीब 1600 स्तूपस को डिस्ट्रॉय कर
दिया गया और हजारों मंस और फॉलोअर्स को मार दिया गया साउथ इंडिया में शैवाइट्स और वैश्णवाइट्स ने अर्ली मिडिवल एरा में जैन
और बुद्धिस्ट दोनों को ही अपोज किया इन कॉन्फ्लेट्स के चलते बुद्धिज्म वीक हो गया मॉनेस्ट्रीज के रिच होने के बाद टर्किश
इनवेडर्स स्पेशली इन्हीं को टारगेट करने लगे उन्होंने मॉनेस्ट्रीज को लूटा और बुद्धिस्ट की एक बड़ी संख्या को मौत के
घाट उतार दिया इन्हीं सब कारणों से 12थ सेंचुरी तक बुद्धिज्म इंडिया से वर्चुअली लेकिन
डिसअपीयर्ड इंडिया में आयन प्लाउ शेयर बेस्ड एग्रीकल्चर ट्रेडर्स और कॉइंस के कारण ट्रेडर्स और नोबल्स ने अच्छी खासी
वेल्थ जोड़ ली थी इसके कारण सोसाइटी में सोशल और नॉमिक इक्वालिटीज क्रिएट हो गई बुद्धिज्म ने लोगों को वेल्थ ना
एक्युमटिका खत्म होना जरूरी है अब बात करते हैं वर्ण क्लासिफिकेशन के बेसिस
की बुद्धिज्म के हिसाब से वर्ण क्लासिफिकेशन इंडिविजुअल एक्शन और क्वालिटीज पर बेस्ड था अनलाइक ब्राहमम
निज्म जिनके लिए वर्ण क्लासिफिकेशन बर्थ पर बेस्ड था अनडुनू था साल्वेशन ऑफ द इंडिविजुअल और
निर्वाणा अब बात करते हैं स्टेटस ऑफ वमन एंड शुद्रास की बुद्धिज्म का वुमेन और शुद्रास के लिए ओपन होना सोसाइटी पर एक
इंपॉर्टेंट इंपैक्ट कहा जा सकता है क्योंकि विमेन और शूद्र को हमेशा ही सेम कैटेगरी में रखा जाता था ब्राह्मण जम में
उन्हें वैदिक टेक्स्ट पढ़ने और सीक्रेड थ्रेड को पहनने की आजादी नहीं थी और बुद्धिज्म में कन्वर्ट होते ही उन्हें इस
इनफीरियर मार्क्स से फ्रीडम मिला वहीं मैनुअल लेबर की बात करें तो बुद्धिज्म ने मैनुअल लेबर का विरोध नहीं किया इनफैक्ट
बोध गया में मिले एक सेकंड सेंचुरी स्कल्पचर में बुद्ध को प्लाउ करते हुए देखा गया है अब करते हैं कैटल की बात कैटल
की इंपॉर्टेंस पर स्ट्रेस देते हुए बुद्धिज्म ने कंट्री की कैटल वेल्थ को बूस्ट किया एक अर्ली बुद्धिस्ट टेक्स्ट
सत्तानी पता में कैटल को फूड ब्यूटी स्ट्रेंथ और हैप्पीनेस अर्थात अन्नद वनद बलद और सुखद प्रदान करने वाला डिक्लेयर
किया और इसी कारण उनकी प्रोटेक्शन पर स्ट्रेस दिया ब्रह्मनिकल फिलोस में का की सेडनेस और नॉन वायलेंस की बात अपेरेंटली
बुद्धिस्ट टीचिंग से ही इंस्पायर्ड है अब बात करेंगे बुद्धिज्म में रशन की दोस्तों बुद्धिज्म ने लोगों को सुपरस्टिशन से बाहर
निकालकर लॉजिक और मेट आध अपने जजमेंट करने कहा इसका मतलब बिम ने कहीं ना कहीं रैशनल जम को प्रमोट किया वहीं बुद्धिज्म ने एक
नई तरह की लैंग्वेज हाइब्रिड संस्कृत को डिवेलप किया जिसमें पाली और संस्कृत को ब्लेंड किया गया ईस्ट इंडिया में कुछ
टेक्स्ट अपभ्रंश लैंग्वेज में लिखे गए बुद्धिस्ट मॉनेस्ट्रीज लर्निंग के लिए ग्रेट सेंटर्स की तरह उभर कर आई जिन्हें
रेसिडेंशियल यूनिवर्सिटीज भी कहा जा सकता है जैसे नालंदा और विक्रमशिला इन बिहार वल्लभी इन
गुजरात बुद्धिज्म का इंडियन कल्चर में भी काफी कंट्रीब्यूशन रहा आइए एक नजर डालते हैं कंट्रीब्यूशन टू इंडियन
कल्चर बुद्धिज्म का सबसे इंपॉर्टेंट कंट्रीब्यूशन रहा कांसेप्ट ऑफ अहिंसा जो आज भी इंडियन वैल्यूज में दिखाई पड़ता है
गांधी जी भी इससे प्रभावित रहे बुद्धिज्म ने एंसेट इंडिया के आर्ट पर अपना प्रभाव छोड़ा इतिहासकारों की माने तो इंडिया में
वरशिप की जाने वाली फर्स्ट ह्यूमन स्टैच्यू प्रोबेबली बुद्ध की ही कही जा सकती है फेथ फुल डेविट ने बुद्ध की लाइफ
इवेंट्स को स्टोन में पोट्रे किया बोध गया सांची और भारत में मिले बुद्धिस्ट आर्टिस्टिक एक्टिविटी का एक इलुमिनाटी
एग्जांपल कहे जा सकते हैं गौतम बुद्ध की पैनल इमेजेस फर्स्ट सेंचुरी के बाद से ही हमको देखने को मिलती हैं ग्रीक और इंडियन
स्कल्पचर्स ने मिलकर नॉर्थ वेस्ट फ्रंटियर में एक नई आर्ट को क्रिएट किया जो गांधा आर्ट के नाम से प्रचलित हुई मंक्त के लिए
रॉक्स में कट करके रूम्स बनाए गए जिसके बाद बर्बर हिल्स गया और वेस्टर्न इंडिया के नासिक के आसपास केव आर्किटेक्चर की
शुरुआत हुई साउथ के कृष्णा डेल्टा और नॉर्थ में मथुरा में भी बुद्धिस्ट आर्किटेक्चर फ्लोरिश
हुआ कंक्लूजन तो दोस्तों यह थी कहानी बुद्धिज्म के राइज और उसके इंडिया पर इन्फ्लुएंस की यह सच है कि बुद्धिज्म
इंडिया से डिसअपीयर्ड में आज भी बुद्धिज्म एक इंपॉर्टेंट रिलीजन है सिर्फ बुद्धिज्म में
ही नहीं बुद्ध की टीचिंग्स और उनके आइडियल के लिए रिस्पेक्ट आपको हर तबके के लोगों में देखने को मिलेगी ऐसा कहा जा सकता है
कि बुद्ध ह्यूमैनिटी के लिए एक ग्रेट इंस्पिरेशन है
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