Overview of the Dark Period (200 BC - 300 AD)
This video discusses the period in Ancient Indian history from 200 BC to 300 AD, often referred to as the 'Dark Period' due to the absence of major imperial dynasties. Instead, various smaller dynasties ruled different regions, including the Sungas, Kanvas, Indo-Greeks, Sakas, Parthians, Kushanas, Satavahanas, and Ikshvakus.
Key Dynasties Covered
- Sungas: Founded by Pushyamitra Sunga after defeating the last Mauryan ruler. Known for their resistance against Indo-Greeks and contributions to Brahmanical traditions.
- Kanvas: Established around 75 BC but lasted only until 30 BC, ending with the rise of the Satavahanas.
- Indo-Greeks: Originating from the Bactrian Greeks, they established control in regions like Punjab, with notable rulers like Menander who converted to Buddhism.
- Sakas: Nomadic tribes from Central Asia who migrated to India, establishing significant control in regions like Gandhara and Punjab.
- Parthians: Migrated from Iran, they established a small control in North-West India, with notable kings like Gondophares.
- Kushanas: A Central Asian tribe that expanded their empire across North India, known for rulers like Kanishka who promoted Buddhism and trade. For more on the Kushanas, see our summary on the Rise of Magadh and the Foundation of the Mauryan Empire.
- Satavahanas: Dominated the Deccan region, known for their contributions to art and culture, and significant rulers like Gautamiputra Satakarni. To learn more about the cultural context, check out Understanding the Later Vedic Age: Society, Politics, and Economy.
- Ikshvakus: Emerged after the decline of the Satavahanas, ruling in the Andhra region.
Trade Developments
- Internal Trade: Flourished through routes like the Northern and Southern paths, connecting major trade centers.
- External Trade: Strengthened relations with the Roman Empire and the Chinese Han Empire, with India exporting goods like silk and spices. For a deeper understanding of trade dynamics, refer to Understanding Mahajanapadas: The Rise of Ancient Territorial States in India.
- Trade Guilds: Organized groups of merchants that played crucial roles in training, financing, and ensuring compliance with laws.
Conclusion
The period from 200 BC to 300 AD, while often labeled as a dark age, was marked by significant political, cultural, and economic developments that laid the groundwork for future empires in India.
FAQs
-
What is the 'Dark Period' in Ancient Indian history?
The 'Dark Period' refers to the time from 200 BC to 300 AD, characterized by the absence of major imperial dynasties and the presence of various smaller dynasties. -
Which dynasties ruled during this period?
Key dynasties include the Sungas, Kanvas, Indo-Greeks, Sakas, Parthians, Kushanas, Satavahanas, and Ikshvakus. -
What were the major trade routes during this time?
Major trade routes included the Northern path connecting regions like Mathura and Pataliputra, and the Southern path linking the Ganges and Godavari valleys. -
How did trade guilds function in this period?
Trade guilds organized merchants by craft and region, providing training, resources, and ensuring compliance with laws. -
What was the significance of the Kushana Empire?
The Kushana Empire, especially under Kanishka, was significant for promoting Buddhism and facilitating trade along the Silk Route. -
Did any major cultural developments occur during this period?
Yes, this period saw significant developments in art and culture, which will be discussed in further detail in related sections. For more on cultural developments, see Early Vedic Age: An Overview of Aryan Migration and Civilization. -
Why is this period often misunderstood as a dark age?
The lack of major imperial records and the focus on smaller dynasties led to the misconception of this era being devoid of significant developments.
डेवलपमेंट्स ड्यूरिंग 200 बीसी टू 300 एडी आज हम कवर करने वाले हैं एसिएंट इंडियन हिस्ट्री का ऐसा पीरियड जिसे कन्वेंशनल
हिस्ट्री राइटिंग्स में डार्क पीरियड कहा जाता है यानी कि 200 बीसी से 300 एडी तक का समय ऐसा इसलिए क्योंकि 200 बीसी और 300
एडी के बीच कोई भी बड़ी इंपीरियल डायनेस्टी नहीं रहती बल्कि इस पीरियड के दौरान बहुत सारी डायनेस्टीज अलग-अलग रीजन
में रूल करती हैं बट क्या इस पीरियड को डार्क एज कहना ठीक होगा यह हम आज इस वीडियो में जानने की कोशिश करेंगे आज हम
इसी पीरियड की कुछ इंपॉर्टेंट डायनेस्टीज को कवर करेंगे जैसे सुंगा कनवास इंडो ग्रीक्स सकास पार्थियंस कुशानास सातवाहनस
और इश वाकस इसके अलावा हम इस पीरियड में हुई इंपॉर्टेंट ट्रेड डेवलपमेंट और ट्रेड
गिल्ड्स को भी समझेंगे तो चलिए शुरू करते हैं सुंग एंड कनवास से शंगस एंड कनवास नॉर्थ इंडिया में मोरियन डायनेस्टी
के बाद आती है सुंग डायनेस्टी इसके फाउंडर थे पुष्यमित्र सुंग जो कि मोरियन आर्मी में एक सेनापति थे लास्ट मोरियन रूलर बृहद
रथ को अराउंड 180 बीसी में मारने के बाद वह सुंग डायनेस्टी को एस्टेब्लिश करते हैं सुंगा इस को ब्राह्मण वर्ण का माना जाता
है कहा जाता है कि ये उज्जैन को बिलोंग करते थे पुष्यमित्र सुंग ने अश्वमेध यज्ञ भी फॉर्म किया था बुद्धिस्ट सोर्सेस जैसे
कि दिव्य वादनालू मॉनेस्ट्रीज का डिस्ट्रॉयर कहा गया है पुष्यमित्र सुंग नॉर्थ वेस्ट की
तरफ से यवनस यानी कि बैक्ट्रियन ग्रीक्स के अटैक्स का भी सामना करते हैं और अपने ग्रैंडसन अग्नि मित्रा की हेल्प से इनको
हराने में कामयाब होते हैं पुराना के अनुसार पुष्यमित्र 36 साल तक रूल करते हैं और उनके बाद रूलर बनते हैं अग्निमित्र
सुंग अग्निमित्र सुंग की बात करें तो यही कालिदास के फेमस ड्रामा मालविका अग्नि मित्रम के हीरो हैं इनके रूल में भी
बैक्ट्रियन ग्रीक्स के साथ फ्रीक्वेंसी के राजा एंटल किड्स के एंबेसडर हीलियो डोरस आते हैं लिडर फेमस है अपने गरुड़ा या
बेस नगर इंस्क्राइनॉक्स भागवत रिलीजन अपना लेते हैं और विदिशा में गरुड़ा पिलर का
कंस्ट्रक्शन करवाते हैं जो बाग भद्रा की कैपिटल थी बेस नगर इंस्क्राइनॉक्स करते हैं कनवर डायनेस्टी अराउंड 75 बीसी
में लेकिन यह डायनेस्टी बहुत लंबे समय तक नहीं रहती अराउंड 30 बीसी में इसका एंड हो जाता है कनवा डायनेस्टी के लास्ट रूलर थे
सु शर्मा जिन्हें सातवाहन डायनेस्टी के फाउंडर सिमुका मार देते हैं सातवाहन डायनेस्टी के बारे में हम थोड़ी देर में
डिटेल में देखेंगे दोस्तों यह तो बात हुई नॉर्थ इंडिया के रीजन की अब चलते हैं नॉर्थ वेस्ट की तरफ जहां बहुत से
आउटसाइडर्स आके अपना रूल एस्टेब्लिश करते हैं इनमें सबसे पहले थे इंडो ग्रीक्स तो आइए उनके बारे में जानते हैं इंडो
ग्रीक्स इंडो ग्रीक्स को इंडियन सोर्सेस जैसे कि पुराना में यवनस कहा जाता है ये ओरिजनली वेस्ट एशिया के सेलसत एंपायर के
सत्रप्स यानी कि सबोर्डिनेट्स थे बाद में जब सेलू सेड एंपायर कमजोर होने लगता है तो अराउंड 250 बीसी में बैक्ट्रिया के ग्रीक
गवर्नर डिडोस रिवोल्ट कर देते हैं और एक इंडिपेंडेंट रूलर की तरह बैक्टीरिया पर रूल करना ना शुरू करते हैं बैक्टीरिया
सेंट्रल एशिया के एक एंसेट रीजन का नाम है जो हिंदू कुश माउंटेन रेंज के नॉर्थ और ऑक्सस रिवर के साउथ यानी कि मॉडर्न डे
अफगानिस्तान के एरिया को कवर करता था सेंट्रल एशिया का एक नोमेडिक ट्राइब जिसका नाम सिथिन था बैक्ट्रियन ग्रीक्स के लिए
खतरा बना हुआ था चाइनीज वॉल के कंस्ट्रक्शन के बाद सिथिन चाइना की तरफ मूव नहीं कर सकते थे इसलिए वह बैक्टीरिया
की तरफ मूव करते हैं और अटैक करना शुरू करते हैं सिथि के अटैक से बचने के लिए बैक्ट्रियन ग्रीक्स इंडिया की तरफ मूव
करते हैं और यही बैक्ट्रियन ग्रीक्स जो इंडिया में अपना एंपायर बनाते हैं इंडो ग्रीक्स कहे जाते हैं सबसे इंपॉर्टेंट
इंडो ग्रीक किंग थे मिनांडर और मिलिंद इनके टाइम में यानी कि अराउंड 165 बीसी में ग्रीक पावर स्वात वैली से पंजाब तक
फैली हुई थी पंजाब के सकल यानी मॉडर्न सियालकोट में इनकी कैपिटल थी मिनांडर बुद्धिस्ट मंक नाग सेना के इन्फ्लुएंस में
बुद्धिज्म में कन्वर्ट होते हैं मिनांडर नाग सेना से बहुत सारे क्वेश्चंस पूछते हैं बुद्धिज्म के बारे में ये क्वेश्चंस
और उनके आंसर्स एक बुक के फॉर्म में रिकॉर्ड किए जाते हैं जिसका नाम है मिलिंद पन्हा इंडो ग्रीक्स पहले ऐसे
रूलरसोंग्स की हिस्ट्री का वैल्युएबल सोर्स भी है कॉइंस के ऊपर रूलर का नाम और इमेज होती थी
और साथ ही उनका टाइम पीरियड भी जिससे हमें इन रूलरसोंग्स के बारे में पता चलता है उनके
कॉइंस की हेल्प से इन कॉइंस पर इंडियन और ग्रीक में इंस्क्राइनॉक्स
के बाद जो डायनेस्टी नॉर्थ वेस्ट एरिया में कंट्रोल एस्टेब्लिश करती है वो थे साकस यानी कि सिथिन तो आइए अब उनके बारे
में जानते हैं सकास सकास सेंट्रल एशिया के नोमेडिक ट्राइब्स में से एक थे सेंट्रल एशिया की एक और ट्राइब यूएजी साका को अटैक
करते हैं जिसकी वजह से साका को बैक्ट्रियन बॉर्डर छोड़कर इंडिया की तरफ माइग्रेट करना पड़ता है साका इंडो ग्रीक
रूलरसोंग्स अपना कंट्रोल बना लेते हैं साका फाइव ब्रांचेस में डिवाइडेड थे इनकी एक ब्रांच थी अपर डेकन में सेकंड ब्रांच
का इन्फ्लुएंस था पंजाब में इनकी कैपिटल तक्षशिला थी थर्ड ब्रांच का होल्ड वेस्टर्न इंडिया के ऊपर था फोर्थ ब्रांच
मथुरा में सेटल थी और फिफ्थ अफगानिस्तान में मोएस और मोगा फर्स्ट साका किंग थे ये गां धारा के ऊपर रूल करते हैं यानी कि आज
के पाकिस्तान और अफगानिस्तान के रीजन में इनकी कैपिटल थी पाकिस्तानी पंजाब के सिर कप एरिया में इनके पुत्र एज एज वन बाकी की
इंडो ग्रीक टेरिटरीज को भी जीत लेते हैं आफ्टर डिफीटिंग द लास्ट ग्रीक रूलर हिपोस्टल समय तक रूल करते हैं वेस्टर्न
ब्रांच के साकस यह लगभग फोर सेंचुरी तक पावर में रहते हैं आइए इनके कुछ इंपॉर्टेंट रूलर को जानते हैं चटाना रेन
78 एडी टू 130 एडी सकास की वेस्टर्न क्षत्रप यानी सेट डायनेस्टी जो उज्जैन से रूल करती थी वहां के राजा थे इनके 78 एडी
में पावर में आने पर ही साका एरा की शुरुआत मानी जाती है रुद्र दमन वन रेन 130 एडी टू 152 एडी सभी साका रूलर में सबसे
ज्यादा इंपॉर्टेंट माने जाते हैं यह चटाना के ग्रैंडसन थे इनके किंगडम में कोंकण नर्मदा वैली काठियावाड़ गुजरात और मालवा
शामिल थे इन्होंने काठियावाड़ में सुदर्शन लेक को यर कराया था सुदर्शन लेक गिरनार हिल के मिडल में लोकेटेड थी इसको सबसे
पहले चंद्रगुप्त मौर्य के ऑर्डर पर उनके गवर्नर पुष्य गुप्त वैश्य ने कंस्ट्रक्ट कराया था इसके बाद अशोका के टाइम में उनके
ग्रेट मास्टर तुष स्प ने इस लेख को रिबिल्ड और स्ट्रेंथ कराया यहीं पर रुद्र दमन ने संस्कृत का सबसे पहला
इंस्क्राइनॉक्स 50 एडी में इंस्क्राइनॉक्स की इंफॉर्मेशन भी मिलती है यह भी बताया
गया है कि इन्होंने सातवाहन रूलर सतक को दो बार हराया था लेकिन सात वाहना की पावर को पूरी तरह डिस्ट्रॉय नहीं किया था
क्योंकि सातवाहनस के साथ इनके मैरिटल रिलेशंस थे वशिष्ठ पुत्र सतक इनके सन इनलॉ थे रुद्र दमन के बाद इस एरिया में साका का
रूल बना रहता है फोर्थ सेंचुरी एडी के एंड तक इनके रूल का एंड होता है जब वेस्टर्न सत्रप के लास्ट साका रूलर रुद्र सिंहा
थर्ड को गुप्ता डायनेस्टी के चंद्रगुप्त द सेकंड हरा देते हैं नॉर्थ वेस्ट पार्ट के साका
रूलरसोंग्स पार्थियंस ऐसा कहा जाता है कि पार्थियंस ईरान को
बिलंग करते थे और वहां से माइग्रेट करके यह इंडिया आते हैं फर्स्ट सेंचुरी एडी में नॉर्थ वेस्ट के स्मॉल पोर्शन में यह अपना
कंट्रोल एस्टेब्लिश कर पाते हैं इनको इंडियन सोर्सेस में पहलवास कहा जाता है सबसे रिनाउंड पार्थियन किंग थे गोंडो फनीज
इनका रूल काबुल से लेकर पंजाब तक था गोंडो फनीज के टाइम में ही सेंट थॉमस क्रिश्चियनिटी का प्रचार करने के लिए
इंडिया आते हैं पार्थियंस को फॉलो करते हैं कुशानास आइए जानते हैं कुशानास कुशानास भी एक सेंट्रल एशियन
ट्राइब थी जिन्हें टोकस या यूए चज भी कहा जाता है इनफैक्ट यूची ट्राइब फाइव क्लांस में डिवाइडेड थी कुशानास इन्हीं में से एक
क्लन था सबसे पहले यह नॉर्थ अफगानिस्तान पर कंट्रोल एस्टेब्लिश करते हैं और फिर धीरे-धीरे काबुल वैली की तरफ आते हैं और
गां धारा को कांकर कर लेते हैं कुशा एंपायर उत्तर प्रदेश के वाराणसी से सेंट्रल एशिया के खुरासान तक और ऑक्सस से
गंगा रिवर तक फैला हुआ था कुशान एंपायर के फाउंडर थे कुजल कैड फिसी यह काबुल के एरिया में रूल करते हैं अराउंड 50 एडी
वीमा कैड फिसी जो कुजु कैड फेसीज को सक्सीडेंस रूलर थे जिन्होंने गोल्ड कॉइंस इशू किए थे
इनके कॉइंस पर लॉर्ड शिवा और नंदी की इमेज मिलती है सबसे इंपॉर्टेंट कुशान रूलर मा माने जाते हैं कनिष्क जो रूल करते हैं 78
एडी से 101 एडी तक इनकी कैपिटल थी पुरुष पुर यानी कि मॉडर्न पेशावर इन पाकिस्तान मथुरा इनकी सेकंड कैपिटल थी इनका एंपायर
ईस्ट में पाटलीपुत्र तक फैला हुआ था और वेस्ट में अफगानिस्तान और बैक्ट्रिया तक कनिष्क के कोट में पांच फेमस पर्सनेलिटीज
शामिल थी जिन्हें पंचरत्न भी कहते हैं यह थे अश्वघोष पार्श्व वासु मित्र चारक और नागार्जुन इन्होंने देवपुत्र का टाइटल
अडॉप्ट किया था कनिष्क ने चाइनीज एंपरर के खिलाफ दो बार इनवेजन किया जिसमें पहली बार इनको हार का सामना करना पड़ा था लेकिन
दूसरी बार में इनको जीत मिलती है कुशान ने अपने खुद के टेंपल्स भी बनवाए मतलब इन टेंपल्स में कुशान राजाओं की पूजा होती थी
कनिष्क के टोसो का स्टैचू हमें मथुरा में मिलता है जो मथुरा के ही म्यूजियम में रखा गया है कनिष्क ने कश्मीर में फोर्थ
बुद्धिस्ट काउंसिल भी ऑर्गेनाइज कराई थी बुद्धिज्म के महायान फॉर्म की डॉक्ट्रिन इसी काउंसिल में फाइनलाइज्ड होती हैं
पुरुष पुर में एक मॉनेस्ट्री और स्तूप भी कनिष्क ने बनवाया था सिल्क रूट जहां से वर्ल्ड ट्रेड का मेजर पोशन होकर गुजरता था
कनिष्क के एंपायर का पार्ट थी जिससे इन्हें काफी रेवेन्यू मिलता था इनके टाइम पीरियड में गां धारा और मथुरा स्कूल
अवार्ड काफी डेवलप्ड होते हैं कनिष्क के सक्सेसर्स रूल करना कंटिन्यू रखते हैं लगभग एक और सेंचुरी तक लास्ट इंपॉर्टेंट
रूलर माना जाता है वासुदेव को इनके बाद कुशान एंपायर का डिक्लाइन शुरू हो जाता है थर्ड सेंचुरी के मिड में ईरान में सस नियन
पावर का राइज होता है जो कुशान एंपायर के अफगानिस्तान और इंडस के वेस्ट वाले पार्ट्स को जीत लेते हैं इसके बाद कुशानास
की पोजीशन रिड्यूस होकर सस नियन के सबोर्डिनेट्स की रह जाती है कुशानास ने अपने टाइम में जो कॉइंस इशू किए वो इस
टाइम पीरियड और कुशान रूलर के के बारे में काफी इंपॉर्टेंट इंफॉर्मेशन देते हैं जैसे कि इनके कॉइंस पर अलग-अलग रिलीजस
ट्रेडिशनल हैं जैसे बुद्धा शिवा पर्जन फायर गॉड अताश ग्रीक डेटी हीलियोस और सिलीन एटस की इमेजेस इससे कुशान
रूलरसोंग्स हमें अंपायर की बाउंड्री के बाहर जैसे कि वेस्टन एशिया के रीजंस में और रोमन एंपायर
तक मिलते हैं जो बताता है कि इन एरियाज के साथ कुशानास के ट्रेड रिलेशंस थे दोस्तों यह तो कहानी थी नॉर्दर्न पार्ट की अब चलते
हैं डेकन के रीजन की तरफ जहां सातवाहन डायनेस्टी अपना एंपायर बनाती है सातवाहनस पुराना में सातवाहनस को आंध्रस
बोला गया है यह ब्राह्मण वर्ण को बिलोंग करते थे सिमुका को सात वाहना डायनेस्टी का फाउंडर माना जाता है इनके के भाई कृष्णा
वन या कान्हा के बारे में हमें नासिक के इंस्क्राइनॉक्स इशू किया था जिससे हमें इंपॉर्टेंट
सातवाहन रूलरसोंग्स किया था इस यज्ञ के बाद उन्होंने सिल्वर
के कॉइंस इशू किए जिसमें उनकी वाइफ नाग निका का नाम इंग्रेव था इन्होंने दक्षिणा पथ पति का टाइटल अडॉप्ट किया था एक और
इंपॉर्टेंट रूलर था हाला जो फेमस है गट सप्त सती के राइटर के रूप में यह प्राकृत लैंग्वेज में लिखी गई थी सातवाहन
डायनेस्टी के सबसे इंपॉर्टेंट रूलर माने जाते हैं गौतमी पुत्र सतक इनके बारे में हमें पता चलता है नासिक इंस्क्राइनॉक्स
गौतमी पुत्र सकर्णी की मिलिट्री कॉक्वेस्ट की डिटेल्स मिलती हैं यह रूल करते हैं 106 एडी से 130 एडी तक इन्होंने ही वेस्टर्न
डेकन और गुजरात के क्षत्रप यानी सक लर्स को हराया था गौतमी पुत्र सकर्णी के बाद रूलर बनते हैं इनके पुत्र वशिष्ठ पुत्र
पुलवी इनको सका रूलर रुद्र दमन ने दो बार हराया था यह अपनी कैपिटल चेंज करके बनाते हैं पैठन या प्रतिष्ठान इन मॉडर्न डे
महाराष्ट्र लास्ट इंपॉर्टेंट सात वाहना रूलर थे यजन सरी सतक इनको भी साका रूलर हरा देते हैं
इनके बाद सात वाहना किंगडम इनके सक्सेसर्स के बीच डिवाइड हो जाता है और धीरे-धीरे डिक्लाइन कर जाता है सातवाहन ने अमरावती
स्कूल अवर्ड को पेनाइज किया था सात वाहना को फॉलो करती है इवाक डायनेस्टी आइए इनके बारे में भी जानते हैं इ वाकस साद वाहना
डायनेस्टी के फॉल के बाद आंध्रा रीजन में रूल करते हैं इवाक मत्स्य पुराण के अनुसार इवाक डायनेस्टी के सात राजा अराउंड 52
इयर्स तक यहां रूल करते हैं फाउंडर थे श्री संथ मूला इन्होंने सात वाहना के लास्ट किंग पुलो मावी द थर्ड को हराया था
इनकी कैपिटल थी विजयापुरी श्री संथ मूला के पुत्र वीरा पुरुष दत्ता अगले राजा बनते हैं और इन्हें इक्ष वाकू डायनेस्टी का
ग्रेटेस्ट किंग माना जाता है और साउथ इंडिया का अशोका भी कहा जाता है इन्हें श्री पर्वता आधिपत्य भी बोला जाता है
गार्जुन कोंडा अमरावती जगाया पेटा उप गुंदुरु एंड अलर जैसे इंस्क्राइनॉक्स पर्वत यूनिवर्सिटी में पुरुष भद्र टेंपल
का कंस्ट्रक्शन कंप्लीट कराते हैं जिसकी शुरुआत इनके पिताजी ने की थी एवला संतु मला के पुत्र रुद्र पुरुष दत्त एक श वाकू
डायनेस्टी के लास्ट रूलर थे मंचिकल्लू इंस्क्राइनॉक्स की इसके अलावा यह पीरियड अपने ट्रेड डेल ट
के लिए भी जाना जाता है तो आइए अब बात करते हैं इस पीरियड में हुई इंपॉर्टेंट ट्रेड डेवलपमेंट्स के बारे में ट्रेड
डेवलपमेंट्स फ्रॉम 200 बीसी टू 300 एडी दोस्तों इस पीरियड में ट्रेड एंड कॉमर्स का बहुत तेजी से विस्तार होता है इंटरनल
और एक्सटर्नल दोनों ही तरह का ट्रेड होता था इंटरनल ट्रेड के लिए दो मेन रूट्स थे उत्तर पथ और दक्षिण पथ उत्तर पथ का मार्ग
पुष्कलावती या मॉडर्न छर सड्डागुंटे मथुरा कौशांबी वाराणसी होते हुए पाटलीपुत्र और वहां से चंपा और चंद्रकेतुगढ़ तक जाता था
दक्षिण पथ जो गंगा वैली से गोदावरी वैली तक जाता था साउथ इंडिया के इंपॉर्टेंट ट्रेड सेंटर्स जैसे कि प्रतिष्ठाना और टेर
को जोड़ता था इंटरनल ट्रेड का काम करने वाले मर्चेंट्स के अलग-अलग नाम हमें कंटेंपररी टेक्स्ट में मिलते हैं जैसे
जनरल ट्रेडर को वणिक बोलते थे फाइनेंसर को सेथी और कैरावन के लीडर को सर्थो कहा जाता था सबसे ज्यादा इंपॉर्टेंट डेवलपमेंट
देखने को मिलता है एक्सटर्नल ट्रेड में वेस्ट में रोमन एंपायर के साथ और ईस्ट में चाइनीज हान एंपायर के साथ ट्रेड रिलेशंस
मजबूत होते हैं पेरी पलस ऑफ एरिथ सी में रोमन एंपायर के साथ इंडिया के ट्रेड की डिटेल्स मिलती हैं एक्सपोर्ट के मेन
आइटम्स थे पेपर पर्ल्स सिल्क सैफरन एंड प्रेशर स्टोंस अंगस्ट अदर्स रोमन एंपायर से इंडिया में इंपोर्ट होने वाले आइटम्स
थे ग्लासवेयर टिन लिनन वाइन कॉपर एट्स इसके अलावा चाइना और रोमन एंपायर के बीच सिल्क ट्रेड में इंडियन मर्चेंट्स
इंटरमीडियरीज का रोल भी निभाते थे एक्सटर्नल ट्रेड का एक रूट बैक्टीरिया से होते हुए ब्लैक सी तक जाता था और दूसरा
रूट कांधल और हेरात से एक बाटना तक जहां से फिर ट्रेडर्स लैंड के रास्ते ईस्टर्न मेडिटरेनियन कोस्ट तक पहुंचते थे ट्रेड के
डेवलपमेंट में मेजर रोल प्ले करती हैं गिल्ड्स आइए जान गिल्ड्स के बारे में थोड़ा डिटेल में ट्रेड गिल्ड्स
एंट पीरियड में एक ही जैसे क्राफ्ट और ऑक्यूपेशन को फॉलो करने वाले और एक ही रीजन में रहने वाले लोग गिल्ड के फॉर्म
में खुद को ऑर्गेनाइज करते थे वैसे तो गिल्ड्स हमें मोरियन एंपायर से ही देखने को मिलती हैं लेकिन 200 बीसी के बाद जब
ट्रेड बढ़ने लगता है तो गिल्ड्स का नंबर भी बढ़ता है और इनकी एक्टिविटीज भी गिल्ड्स अपने मेंबर्स को ट्रेनिंग देती थी
उनके लिए रॉ मटेरियल प्रोक करती थी और सेल के लिए मार्केट भी देखती थी इसके अलावा गिल्ड्स बैंकर्स या ट्रस्टीस का रोल भी
प्ले करती थी गिल्ड्स के कुछ जुडिशियस फंक्शंस भी देखने को मिलते हैं जैसे कि यह इंश्योर करते थे कि इनके मेंबर्स स्टेट के
लॉज को फॉलो करें और गिल्ड के अपने रूल्स को भी गिल्ड्स का एक और इंपॉर्टेंट रोल था वो था रिलीजस और चैरिटेबल एक्टिविटीज में
इनका कंट्रीब्यूशन बहुत सारे एग्जांपल्स मिलते हैं जहां गिल्ड्स ने टेंपल या मॉनेस्ट्री को दान दिया हो जैसे कि मंदसौर
इंस्क्राइनॉक्स में कोई इंपॉर्टेंट डेवलपमेंट्स नहीं हुए बल्कि इस पीरियड में जैसा हमने देखा ट्रेड
और कॉमर्स में काफी डेवलपमेंट्स हुए इसके अलावा इस पीरियड में आर्ट और कल्चर भी डेवलप होता है जिसकी डिटेल डिस्कशन हम
आर्ट एंड कल्चर सेक्शन में करेंगे
Heads up!
This summary and transcript were automatically generated using AI with the Free YouTube Transcript Summary Tool by LunaNotes.
Generate a summary for freeRelated Summaries

Understanding the Prehistoric Period of India: A Comprehensive Overview
This summary explores the prehistoric period of India, detailing the evolution of human life from the Stone Age to the Chalcolithic phase. It highlights key archaeological findings, cultural developments, and the transition from prehistoric to historic times.

Understanding Mahajanapadas: The Rise of Ancient Territorial States in India
This video explores the concept of Mahajanapadas, large territorial states that emerged in India around the 6th century BC. It delves into their origins, geographical spread, and the socio-political factors that contributed to their rise, including agriculture, trade, and the development of governance systems.

Early Vedic Age: An Overview of Aryan Migration and Civilization
This summary explores the Early Vedic Age, marking the arrival of the Aryans in India around 1500 BC, leading to the development of Vedic civilization. It discusses the key texts, cultural features, political structure, social life, and economic aspects of the period, highlighting its significance in Indian history.

Rise of Magadh and the Foundation of the Mauryan Empire
This video explores the historical journey of Magadh from a Mahajanapada to a powerful empire, detailing key rulers like Bimbisar and Chandragupta Maurya. It also covers Alexander's invasion and its impact on the region, leading to the establishment of the Mauryan Empire.

Understanding Buddhism: Origins, Teachings, and Influence
This video explores the origins of Buddhism, its founder Gautam Buddha, and the key teachings that shaped this influential religion. It discusses the socio-economic conditions that led to the rise of Buddhism and its impact on Indian society and beyond.
Most Viewed Summaries

Mastering Inpainting with Stable Diffusion: Fix Mistakes and Enhance Your Images
Learn to fix mistakes and enhance images with Stable Diffusion's inpainting features effectively.

A Comprehensive Guide to Using Stable Diffusion Forge UI
Explore the Stable Diffusion Forge UI, customizable settings, models, and more to enhance your image generation experience.

How to Use ChatGPT to Summarize YouTube Videos Efficiently
Learn how to summarize YouTube videos with ChatGPT in just a few simple steps.

Ultimate Guide to Installing Forge UI and Flowing with Flux Models
Learn how to install Forge UI and explore various Flux models efficiently in this detailed guide.

How to Install and Configure Forge: A New Stable Diffusion Web UI
Learn to install and configure the new Forge web UI for Stable Diffusion, with tips on models and settings.