Rise of Magadh and the Foundation of the Mauryan Empire
Overview
In this video, we delve into the historical significance of Magadh, the first empire of ancient India, tracing its evolution from a Mahajanapada to a powerful empire. We discuss the influential rulers, including Bimbisar and Chandragupta Maurya, and examine the impact of Alexander's invasion on the region.
Geography of Magadh
- Magadh was one of the 16 Mahajanapadas, located in present-day Bihar, covering districts like Patna, Gaya, Nalanda, and Shahabad.
- It was strategically bordered by Avanti to the southwest, Kashi to the southeast, and the Vajjii confederation to the north.
Political History
- Bimbisar: The first significant ruler of Magadh, contemporary to Buddha, ruled from 544 BC to 492 BC. He expanded Magadh through marriage alliances and military conquests.
- Ajatashatru: Bimbisar's son, who further strengthened Magadh's power by defeating neighboring kingdoms.
- Udayin: Constructed a fort at the confluence of the Ganga and Son rivers, enhancing Magadh's strategic position.
- Nanda Dynasty: Established by Mahapadma Nanda, known for unifying northern India and defeating various ruling dynasties.
Alexander's Invasion
- Alexander the Great invaded India around 326 BC, but his army did not confront Magadh directly due to its formidable military strength.
- The invasion opened new trade routes between Europe and India, significantly impacting socio-economic conditions.
Foundation of the Mauryan Empire
- Chandragupta Maurya: Overthrew the last Nanda ruler, Dhanananda, in 321 BC, marking the beginning of the Mauryan Empire.
- Administration: The Mauryan Empire was highly centralized, divided into provinces with a strong bureaucratic system.
- Key Texts: "Arthashastra" by Kautilya and "Indica" by Megasthenes provide insights into the administration and economy of the Mauryan Empire.
Conclusion
The rise of Magadh and the establishment of the Mauryan Empire illustrate the complex political landscape of ancient India, showcasing the transition from regional powers to a unified empire under Chandragupta Maurya. The legacy of this empire continued to influence the region long after its decline.
राइज ऑफ मगध एंड फाउंडेशन ऑफ मोरियन एंपायर आज हम उस रीजन की बात करने वाले हैं जहां एसिएंट इंडिया का पहला एंपायर
फॉर्म होता है जी हां हम जानेंगे कि कैसे मगध का राइज होता है एक महाजनपद से एंपायर तक इसी बीच हम बात करेंगे एलेग्जेंडर के
फेमस इनवेजन की और फाइनली बढ़ेंगे मोरियन एंपायर के फाउंडेशन की तरफ आइए शुरू करते हैं सबसे पहले मगध की ज्योग्राफी से
जियोग्राफी ऑफ मगध मगध 16 महाजनपदास में से एक था यह आज के बिहार स्टेट के पटना गया नालंदा और शाहाबाद डिस्ट्रिक्ट को कवर
करता था इसके साउथ वेस्ट में अवंती था नॉर्थ वेस्ट में कशाल और नॉर्थ में वज्जी कन्फेडरेशों
पॉलिटिकल हिस्ट्री के बारे में पॉलिटिकल हिस्ट्री ऑफ मगध मगध का पहला इंपॉर्टेंट रूलर माना जाता है बिंबिसार को जो कि
बुद्ध के कंटेंपररी थे बिंबिसार हरि अंक डायनेस्टी को बिलोंग करते थे यह 52 इयर्स तक मगध के राजा रहते हैं रफल फ्रॉम 544
बीसी टू 492 बीसी बिंबिसार मगध की टेरिटरी को बढ़ाते हैं थ्रू मैरिज अलायंस एंड वॉर कोसा की प्रिंसेस के साथ मैरिज करने पर
इनको काशी का कुछ पाठ डाउी में मिलता है वहीं अंग को वॉर में जीत लिया जाता है साथ ही वैशाली की लिच्छवी प्रिंसेस के साथ
शादी करने से मगध की डिप्लोमेटिक पावर बढ़ती है कहा जाता है कि बिंबिसार को उनके ही बेटे आजाद शत्रु इंप्रिजन कर देते हैं
और मार देते हैं लेकिन बिंबिसार की डेथ का मतलब यह नहीं था कि मगध की पावर कम हो जाए मगध की पावर और भी ज्यादा बढ़ जाती है
अंडर आजाद शत्रु जो 492 बीसी में मगध की राज गद्दी पर बैठते हैं आजाद शत्रु कशाल के राजा प्रसनजीत पर अटैक करते हैं और
पूरे काशी पर अपना कंट्रोल इस्टैब्लिशमेंट स्परे स की हेल्प से डिसेंशन पैदा कर जीत हासिल करते हैं अजात शत्रु रूल करते हैं
460 बीसी तक उसके बाद मगध के राजा बनते हैं उदैन उदैन गंगा और सोन नदी के कॉन्फ्लूएंट पर एक फोर्ट कंस्ट्रक्ट
करवाते हैं उदैन के बाद एक नई डायनेस्टी आती है मगध में शिशुनाग की इनका सबसे बड़ा अचीवमेंट था अवंती की पावर को डिस्ट्रॉय
करना शिशुनाग डायनेस्टी लंबे समय तक नहीं रहती और उसकी जगह आती है नंद डायनेस्टी नंदस को इंडिया का पहला एंपायर बिल्डर भी
कहा जाता है तो अब थोड़ा डिटेल में जानते हैं पावरफुल नंद डायनेस्टी के बारे में स्टोरी ऑफ नंद डायनेस्टी नंद
डायनेस्टी 343 से 321 बीसी के बीच मगध को रूल करती हैं इसके फाउंडर थे महा पद्म नंदा पुराणा आज में महा पद्म नंदा को
क्षत्रीय क्लास का सफाया करने वाला कहा गया है क्योंकि इन्होंने नॉर्दर्न इंडिया की सभी रूलिंग डायनेस्टीज जैसे कि पांचाल
कुरूज अमाका इक्ष वाकस सूर्य सेनाज एसेट को हराकर इनके स्टेट्स को एनेक्स कर लिया था इंडिया और ग्रेको रोमन ट्रेडिशनल बर्थ
का बताते हैं बुद्धिस्ट टेक्स्ट में इनको अननोन लीनियस का बताया गया है सभी सोर्सेस में नंद डायनेस्टी के नाइन
रूलरसोंग्स और 3000 एलिफेंट्स थे महापद्मनंद कलिंग को भी कांकर कर लेते
लास्ट नंद रूलर धनानंद के टाइम में ही एलेग्जेंडर का इनवेजन इंडिया पर होता है लेकिन एलेग्जेंडर की आर्मी ईस्ट में मगध
की सेना का सामना करने के लिए आगे नहीं बढ़ती इसलिए एलेग्जेंडर और धनानंद कभी आमने-सामने नहीं आते लेकिन धनानंद अपने
असभ्य स्वभाव और शोषणकारी टैक्स पॉलिसीज की वजह से अनपोल बन जाते हैं और मगध की प्रजा उनके खिलाफ जाकर चंद्रगुप्त मौर्या
की हेल्प करती है मगध का राजा बनने में चंद्रगुप्त मौर्य धनानंद को हराकर 321 बीसी में मौरिन डायनेस्टी की शुरुआत करते
हैं जिसकी बात हम आगे डिटेल में करेंगे तो दोस्तों मगध के राइज को तो हमने जान लिया अब आइए समझते हैं कि ऐसे क्या रीजंस थे कि
16 महा चन पदास में से मगध ही एक एंपायर फॉर्म करने में सक्सेसफुल होता है कॉसेस ऑफ मगद
सक्सेस मगध की सक्सेस के पीछे बहुत सारे फैक्टर्स थे जैसे एक रीजन था एंबिशियस और काबिल
रूलरसोंग्स को वेपंस की इजी सप्लाई पॉसिबल थी मगध का रीजन फर्टाइल एरिया था इसलिए यहां पर
एग्रीकल्चरल सरप्लस भी ज्यादा अटन होता था जो रूलर इजली टैक्स के फॉर्म में कलेक्ट कर सकते थे इस रीजन में एलीफेंट की भी
एंडेंजर है एक पावरफुल आर्मी बनाने में इसके अलावा मगध की कैपिटल्स का स्ट्रेटेजिक पॉइंट पर होना भी एक फैक्टर
था उनकी सक्सेस का पहली कैपिटल राजगीर पांच हिल्स से सराउंडेड थी इससे उस पर कोंक्स करना मुश्किल था दूसरी कैपिटल
पाटलीपुत्र बहुत सी रिवर्स जैसे कि गंगा गंडक सोन और पुनपुन के कॉन्फ्लूएंट पर थी इसलिए उसको वॉटरफ्रंट या जलदुर्ग भी कहा
जाता जाता था इसको भी कैप्चर करना इजी नहीं था यह रिवर्स ट्रांसपोर्ट का इजी मीडियम भी थी जिससे ट्रेड बढ़ता है जैसे
कि गंगा के रास्ते वाराणसी कौशांबी जैसी सिटीज के साथ ट्रेड होता था इसके अलावा मगध के
रूलरसोंग्स के डेवलपमेंट पर वो टोल टैक्स कलेक्ट कर सकते थे ये टैक्सेस हेल्प करते हैं एक
विशाल आर्मी को मेंटेन करने में यह सभी फैक्टर्स मिलकर मगध को एंपायर बनने में सक्सेस दिलाते हैं मगध के राइज के टाइम ही
एक और इंपॉर्टेंट हिस्टोरिकल इवेंट होता है वह था एलेग्जेंडर का इनवेजन तो चलिए अब उसके बारे में भी जानते
हैं एलेग्जेंडर इनवेजन ऑफ इंडिया मगध एंपायर के नॉर्थ वेस्ट बॉर्डर पर था रेनियर एंपायर यहां फोर्थ सेंचुरी बीसी
में ग्रीक्स और रेनियक चल रही थी वर्ल्ड सुप्रीमेसी के लिए मैसी डोनिया की एलेग्जेंडर की लीडरशिप
में ग्रीक्स फाइनली रेनियर एंपायर को डिस्ट्रॉय कर देते हैं एलेग्जेंडर एशिया माइनर और इराक को भी जीत चुके होते हैं
इसके बाद वह बढ़ते हैं इंडिया की तरफ इंडिया की इमेंस वेल्थ के किस्से उन्होंने भी सुने थे जो उनको टेंप्ट करते हैं
इंडिया के इनवेजन के लिए एलेक्जेंडर को जियोग्राफिक नॉलेज और नेचुरल हिस्ट्री के लिए भी पैशन था इंडिया एलेग्जेंडर के
एंपायर के कंपैरिजन में कहीं ज्यादा फर्टाइल और प्रोडक्टिव था ये भी एक रीजन था उनके इंडिया इनवेजन का नॉर्थ वेस्ट
इंडिया की पॉलिटिकल कंडीशन भी एलेग्जेंडर के प्लान को सूट कर रही थी क्योंकि ये एरिया बहुत सी इंडिपेंडेंट मनकी और
ट्राइबल रिपब्लिक्स के बीच डिवाइडेड था एलेग्जेंडर के लिए इन्हें एक-एक करके जीतना आसान था एलेग्जेंडर काबुल से खाबर
पास के रास्ते 326 बीसी में इंडिया आते हैं उनको 5 महीने लगते हैं इंडस रिवर तक पहुंचने में अभी जो तक्षशिला के रूलर थे
अलेक्जेंडर के सामने सरेंडर कर देते हैं और बहुत सारे गिफ्ट्स एलेग्जेंडर को देते हैं इसके बाद एलेक्जेंडर जब झेलम पहुंचते
हैं तब उनका सामना होता है पोरस से पोरस किंगडम ऑफ अभिसार के राजा थे पोरस और एलेग्जेंडर के बीच होता है बैटल ऑफ हाइड
स्पिस एलेक्जेंडर पोरस को हरा तो देते हैं लेकिन पोरस की बहादुरी और साहस से काफी इंप्रेस होते हैं इसलिए वह पोरस को उनका
किंगडम वापस कर उनको अपना अलाय बना लेते हैं उसके बाद वो ब्यास तक आगे बढ़ते हैं एलेग्जेंडर तो और भी आगे जाना चाहता था
लेकिन उनकी आर्मी आगे बढ़ने से मना कर देती है ग्रीक सोल्जर्स 10 साल से लगातार युद्ध करके परेशान हो चुके थे इंडिया का
हॉट क्लाइमेट भी उन्हें पसंद नहीं आ रहा था और अब वह बस घर वापस जाना चाहते थे उन्होंने मगध की स्ट्रांग आर्मी के बारे
में भी सुना था और वह उसका सामना नहीं करना चाहते थे इसलिए एलेग्जेंडर के बार-बार कहने पर भी वह नहीं मानते हैं और
एलेग्जेंडर जिसे कोई भी दुश्मन हरा नहीं सका था अपने ही सोल्जर्स के सामने हार जाते हैं वापस जाते टाइम एलेग्जेंडर बहुत
से छोटे-छोटे रिपब्लिक्स सिबो अगल सोई क्षुद्र काज मल्लास को भी डिस्ट्रॉय करते हुए जाते हैं एलेग्जेंडर
323 बीसी में बेबीलॉन पहुंचते हैं जहां फीवर से उनकी डेथ हो जाती है 19 मंथ्स के लिए एलेग्जेंडर इंडिया में रहते हैं
ज्यादातर जीते हुए स्टेट्स को वह उनके पुराने रूलरसोंग्स देते हैं जब वह उनकी अथॉरिटी को एक्सेप्ट कर लेते हैं अपनी
टेरिटोरियल पोशंस को वह तीन पार्ट्स में डिवाइड करते हैं और सब में एक ग्रीक गवर्नर
अपॉइंट्स झेलम पर बु केफला और सिंध में अलेक्जेंड्रिया तो यह थी एलेग्जेंडर के इवेज की कहानी अब चलिए समझते हैं इसके
इफेक्ट्स को इफेक्ट्स ऑफ एलेग्जेंडर इनवेजन एलेग्जेंडर के इनवेजन की वजह से एंसेट यूरोप और एंसेट इंडिया पहली बार
क्लोज कांटेक्ट में आते हैं इस इनवेजन से चार नए लैंड और सी रूट्स खुलते हैं इंडिया और ग्रीस के बीच इससे ग्रीक मर्चेंट्स और
क्राफ्ट्समैन का इंडिया में आना बढ़ता है और ट्रेड फैसिलिटी और भी ज्यादा बढ़ जाती हैं एलेग्जेंडर ने जो सिटीज फाउंड की थी
इंडिया में जैसे कि बुके फेला एलेक्जेंड्रा एट्स वहां लार्ज नंबर में ग्रीक लोग सेटल होते हैं एलेग्जेंडर पहली
बार ओशन देखते हैं एट द माउथ ऑफ द इंडस उनको इसकी जियोग्राफी जानने में डीप इंटरेस्ट था इसलिए वह अपने एक नेवल ऑफिसर
निकस की लीडरशिप में एक फ्लीट भेजते हैं टू एक्सप्लोर द कोस्ट ग्रीक हिस्टोरियंस ने एलेग्जेंडर के कैंपेन के क्लियर डेटेड
रिकॉर्ड्स भी दिए हैं यह हमें हेल्प करते हैं आगे के इवेंट्स की सही क्रोनोलॉजी डिसाइड करने में इसके अलावा यह
हिस्टोरियंस हमें सोशल और इकोनॉमिक कंडीशंस के बारे में भी इंपॉर्टेंट इंफॉर्मेशन बताते हैं जैसे कि सती प्रथा
के बारे में नॉर्थ वेस्ट में ऑक्सिन की फाइन ब्रीड की इंफॉर्मेशन भी है एलेग्जेंडर यहां से 2 लाख ऑक्सन
मेसेडोनिया भेजते हैं नॉर्थ वेस्ट के छोटे-छोटे स्टेट्स को डिस्ट्रॉय करके एलेग्जेंडर यहां मोरियन एंपायर के
एक्सपेंशन का रास्ता भी साफ कर देते हैं तो हम कह सकते हैं कि एलेग्जेंडर के इनवेजन के ना सिर्फ पॉलिटिकल बल्कि सोशल
इकोनॉमिक और कल्चरल इफेक्ट्स भी देखने को मिलते हैं दोस्तों अभी तक हमने देखा कि कैसे मगध एक महाजनपदा अपनी पावर
ग्रेजुएट नंद डायनेस्टी इसकी पावर इतनी ज्यादा थी कि एलेग्जेंडर के सोल्जर्स भी आगे बढ़ने से डरते हैं साथ ही हमने
एलेग्जेंडर के इनवेजन और उसके लॉन्ग टर्म इफेक्ट्स को भी जाना अब हम बात करेंगे मोरियन एंपायर की जिसने सबसे पहले एक पैन
इंडिया एंपायर की स्थापना की तो शुरू करते हैं मोरियन डायनेस्टी के फाउंडर चंद्रगुप्त मौर्य की कहानी से जिन्होंने
अराउंड 3 21 बीसी में नंद डायनेस्टी के लास्ट रूलर धनानंद को हराने के बाद मोरियन डायनेस्टी की शुरुआत की चंद्रगुप्त मौर्य
चंद्रगुप्त मौर्या की बर्थ को लेकर हमें अलग-अलग व्यूज मिलते हैं ज्यादातर हिस्टोरियंस मौर्य फैमिली को लो कास्ट या
ट्राइबल ओरिजिन का बताते हैं बुद्धिस्ट सोर्सेस में चंद्रगुप्त मौर्या को पिपल वाहना के मौर्या क्लन का बताया गया है
मौर्या नाम भी इसी मौर्या ट्राइब से डिराइवर किया गया पुराना में मौर्यास को शूद्र बताया गया है ग्रीक सोर्सेस में भी
चंद्रगुप्त को लो ओरिजिन का कहा जाता है यह भी कहा जाता है कि चंद्रगुप्त मौर्य को उनके पेरेंट्स ने छोड़ दिया था और वह एक
हंबल बैकग्राउंड से थे अकॉर्डिंग टू द लेजेंड उनका पालन एक पेस्टोरल फैमिली करती है दूसरी तरफ चाणक्य एक ऐसे व्यक्ति को
ढूंढ रहे थे जो नंद डायनेस्टी को खत्म करने में उनकी हेल्प कर सके चंद्रगुप्त अपने दोस्तों के साथ खेल रहे थे जब चाणक्य
उन्हें पहली बार देखते हैं चंद्रगुप्त की लीडरशिप स्किल्स से इंप्रेस होकर चाणक्य उन्हें अडॉप्ट कर लेते हैं और ट्रेनिंग
देते हैं अब जानते हैं कि कैसे चंद्रगुप्त बनते हैं मगध के राजा चंद्रगुप्ता राइज टू पावर चंद्रगुप्त चाणक्य की हेल्प से अपनी
एक आर्मी बनाते हैं इस आर्मी की हेल्प से वह नॉर्थ वेस्ट के एरिया को जीत लेते हैं यहां एलेग्जेंडर के जाने के बाद सिचुएशन
ऐसी थी कि कोई भी पावरफुल रूलर नहीं था इसलिए इसको जीतना बहुत आसान था इसके बाद वह नंद रूलर धनानंद की आर्मी को हराकर 321
बीसी में मगध के राजा बनते हैं धनानंद और चंद्रगुप्त मौर्य के बीच हुई बैटल की डिटेल्स हिस्टोरिकल सोर्सेस में नहीं
मिलती हम बस इतना जानते हैं कि चंद्रगुप्त मौर्य की जीत होती है और नंद डायनेस्टी के शासन का एंड अब जानते हैं चंद्रगुप्त
मौर्य के राजा बनने के बाद के कुछ अचीवमेंट्स को चंद्रगुप्त मौर्य अचीवमेंट्स
मिलिट्री फ्रंट पर चंद्रगुप्त मौर्य का सबसे पहला चैलेंज था सेलक निकेटर से सामना 305 बीसी के अराउंड इंडस रिवर के वेस्ट के
एरियाज में सेल्यूकस निकेटर रूल कर रहे थे यह एलेग्जेंडर के गवर्नर थे चंद्रगुप्त मौर्य और सेलक निकेटर के बीच युद्ध में
चंद्रगुप्त जीत जाते हैं अराउंड 303 बीसी में दोनों के बीच एक शांति समझौता होता है जिसमें सेलक निकेटर ईस्टर्न अफगानिस्तान
बलूचिस्तान और इंडस के वेस्ट का एरिया चंद्रगुप्त मौर्य को दे देते हैं दोनों के बीच एक मैरिज अलायंस भी होता है कहा जाता
है कि सेलक निकेटर अपनी बेटी की शादी चंद्रगुप्त से करते हैं साथ ही वह ग्रीक एंबेसडर मेगस्थनीज को मोरियन कोर्ट में
भेजते हैं मेगस्थनीज काफी सालों तक मोरियन कोर्ट में रहते हैं और इंडिका नाम की बुक लिखते हैं इसके बारे में हम आगे जानेंगे
क्योंकि यह एक इंपॉर्टेंट हिस्टोरिकल सोर्स बन जाता है मोरियन एंपायर का इसके अलावा हिस्टोरियंस मानते हैं कि वेस्टर्न
इंडिया और डेकन में भी चंद्रगुप्त अपना कंट्रोल इस्टैब्लिशमेंट को जीतने की डिटेल्स हमें नहीं मिलती
ग्रीक राइटर्स सिर्फ इतना लिखते हैं कि 6 लाख की आर्मी से चंद्रगुप्त मौर्य पूरे देश को जीत लेते हैं सौराष्ट्र या
काठियावाड़ में इनका कंट्रोल था यह बात प्रूव होती है रुद दमन के जूनागढ़ रॉक इंस्क्राइनॉक्स
[संगीत] फाइनली जैन प्रैक्टिस सल खाना यानी स्लो स्टार्वेशन के द्वारा मृत्यु को प्राप्त
करते हैं अब जानते हैं चंद्रगुप्त मौर्य के सक्सेसर बिंदुसार के बारे में बिंदुसार बिंदुसार चंद्रगुप्त मौर्य और
उनकी पत्नी दुर्धरा की संतान थे एक लेजेंड के अनुसार चाणक्य स्मॉल डोसेज में चंद्रगुप्त मौर्य के खाने में पॉइजन
मिलाते थे जिससे उनकी बॉडी यूज टू हो जाए और एनीमीज के द्वारा पॉइजन देने पर भी चंद्रगुप्त मौर्य की मृत्यु ना हो
अनफॉर्चूनेटली प्रेगनेंसी की लास्ट स्टेज में क्वीन दुर्धरा चंद्रगुप्त मौर्य के लिए बना हुआ खाना खा लेती हैं चाणक्य समझ
जाते हैं कि दुर्धरा अब नहीं बचेंगे इसलिए वह अनबॉर्न बच्चे को बचाने का डिसीजन लेते हैं और तलवार से दुर्धरा के वूम को कट
करके बच्चे को बचा लेते हैं जिसका नाम बाद में रखा जाता है बिंदुसारा 297 बीसी में चंद्रगुप्त मौर्या
के साउथ चले जाने के बाद बिंदुसार राजा बनते हैं ग्रीक सोर्सेस में इनको एमटोकन को स्लेयर ऑफ फोज यानी कि दुश्मनों
का विनाश करने वाला भी बोला जाता है लेकिन इनकी विक्टरी के बारे में हिस्टोरिकल सोर्सेस में डिटेल नहीं मिलती लेकिन यह
माना जाता है कि इनके ही रूल के टाइम डेकन के एरिया पर मोरियन कंट्रोल एस्टेब्लिश होता है इनके कांटेक्ट सीरिया के सेल सड
राजा एंटीकस वन के साथ भी थे यह एंटीकस से रिक्वेस्ट करते हैं स्वीट वाइन ड्राइड फिग्स और एक सोफिस्ट भेजने के लिए इनकी
रिलीजियस लीनिंग्स आजीविकास सेक्ट की तरफ थी बुद्धिस्ट सोर्सेस के अनुसार इनकी डेथ होती है अराउंड 273 से 272 बीसी में इसके
बाद 4 साल तक इनके बेटों के बीच युद्ध चलता है सक्सेशन के लिए जिसमें अल्टीमेटली अशोक को जीत मिलती है और वह बनते हैं
मोरियन डायनेस्टी के अगले राजा सम्राट अशोक के बारे में हम विस्तार से अगले वीडियो में चर्चा करेंगे और अब हम जानते
हैं मोरियन एडमिनिस्ट्रेशन के बारे में मोरियन एडमिनिस्ट्रेशन मोरियन एंपायर चार
प्रोविंसेस में विभाजित था उसकी सेंट्रल कैपिटल पाटलीपुत्र में थी चार प्रोविंशियल कैपिटल्स थी तोसा उज्जैन सुवर्ण गिरी और
तक्षशिला मौर्य एंपायर हाईली सेंट्रलाइज्ड था मतलब सारी पावर का सोर्स सेंट्रल अथॉरिटी के पास था यह सेंट्रल अथॉरिटी
किंग होता था वही मंत्रियों और ऑफिशल्स को पॉइंट करता था किंग को असिस्ट करने के लिए काउंसिल ऑफ मिनिस्टर्स यानी कि एक मंत्री
परिषद होती थी मंत्री परिषद के हेड को मंत्री परिषद अध्यक्ष कहते थे काउंसिल के बाकी मेंबर्स थे युवराज यानी द क्राउन
प्रिंस पुरोहित यानी द चीफ प्रीस्ट द सेनापति यानी द कमांडर इन चीफ और अमात्य यानी कि सिविल सर्वेंट्स एंड फ्यू अदर
मिनिस्टर्स इसके अलावा मोरियन एंपायर में बहुत सारे ऑफिसर्स होते थे जो कुछ इस तरह कैटेगरी इज्ड थे पहले तीर्थस और अमात्यास
यह हाई रैंकिंग ऑफिशल थे आज के सेक्रेटरी की तरह यह एडमिनिस्ट्रेटिव और जुडिशियस अध्यक्ष रैंक में यह तीर्थस के
बाद आते थे टोटल 20 अध्यक्ष थे इनके पास मिलिट्री और इकोनॉमिक फंक्शन होते थे और थर्ड महामात्य हायर रैंकिंग ऑफिशल्स
अध्यक्ष मिलकर एक सेक्रेटेरिएट बनाते थे जो बहुत से डिपार्टमेंट्स में डिवाइड होता था जैसे कि रेवेन्यू मिलिट्री एस्पिनास
एंड पुलिस डिपार्टमेंट इसके अलावा प्रोविंशियल एडमिनिस्ट्रेशन में भी अलग-अलग ऑफिसर्स होते थे जैसे कि
प्रदेशिका यानी मॉडर्न डिस्ट्रिक्ट मैजिस्ट्रेट्स स्थानिका यानी टैक्स कलेक्टिंग ऑफिसर अंडर
प्रदेशिका दुर्गापाल यानी कि गवर्नर ऑफ वोट अंत पाल यानी गवर्नर ऑफ फ्रंटियर अक्ष पटल या या
अकाउंटेंट जनरल लीप कार्स यानी स्क्राइब्स और गोपा रिस्पांसिबल फॉर अकाउंटेंट्स एट इन सारी इंफॉर्मेशन से हम कह सकते हैं कि
मौर्यास का एडमिनिस्ट्रेशन सिस्टम बहुत डिवेलप था अब बात करते हैं दो ऐसे सोर्सेस की जिससे हमें मोरियन एंपायर और
एडमिनिस्ट्रेशन के बारे में इंफॉर्मेशन मिलती है कौटिल्य का अर्थशास्त्र और मेघस की इंडिका कोटिल एंड हिस
अर्थशास्त्र कोटिल शिला यूनिवर्सिटी के स्कॉलर थे इनको चाणक्य या विष्णुगुप्त के नाम से भी जाना जाता है हमने थोड़ी देर
पहले देखा कि इन्होंने ही चंद्रगुप्त मौर्य की हेल्प की थी नंदस को हराने में राजा बनने के बाद चंद्रगुप्त मौर्य चाणक्य
को प्राइम मिनिस्टर बनाते हैं कौटिल्य ने लिखी थी अर्थशास्त्र जो कि एक बुक है स्टेट क्राफ्ट और पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन
के ऊपर ये संस्कृत लैंग्वेज में लिखी गई थी ओरिजिनल अर्थशास्त्र को 1905 में रुद्र पत्न श्याम शस्त्री जो एक संस्कृत स्कॉलर
एंड लाइब्रेरियन थे उन्होंने डिस्कवर किया था अर्थशास्त्र 15 अधिकार या सेक्शंस में डिवाइडेड है जिसमें पहले पांच सेक्शंस डील
करते हैं इंटरनल एडमिनिस्ट्रेशन के टॉपिक को नेक्स्ट एट सेक्शंस में इंटरस्टेट रिलेशंस को डिस्कस किया गया है और लास्ट
टू सेक्शंस में बाकी मिसलेनियस टॉपिक्स मिलते हैं इसमें अराउंड 6000 श्लोकास हैं इसका कंपैरिजन मैं क्या ली की प्रिंस से
किया जाता है अर्थशास्त्र में स्टेट की सप्तांग थ्योरी हमें मिलती है मतलब स्टेट के सात लिम्स बताए गए हैं जैसे कि किंग
मित्र यानी फ्रेंड दंड यानी आर्मी कोश यानी ट्रेजरी दुर्ग यानी फोर्ट जनपद यानी टेरिटरी और अमात्य यानी मिनिस्टर्स इसमें
स्लेव्स के नाइन टाइप्स बताए गए हैं आर्मी को चतुरंग बल कहा गया है यानी कि चार फोर्सेस होते थे इट्री कैवल
चैरिटहम में मोरियन एडमिनिस्ट्रेशन के बारे में जो पढ़ा व इंफॉर्मेशन भी हमें यहीं से मिलती है मौर्य इकॉनमी के बारे
में भी अर्थशास्त्र में डिटेल्स मिलती हैं जैसे कि अलग-अलग टाइप्स के टैक्सेस फॉर एग्जांपल लैंड रेवेन्यू यानी कि भाग 1 सि
ऑफ प्रोड्यूस होता था इसके अलावा इरिगेशन टैक्स टोल टैक्स प्राण टैक्स एट्स होते थे ऑफिसर्स के बारे में हम पहले ही डिस्कस कर
चुके हैं उनका नाम भी हमें अर्थशास्त्र में मिलता है इसके अलावा राजा की कई ड्यूटीज होती थी उसको कैसे रूल करना चाहिए
एटस भी अर्थशास्त्र डिटेल में डिस्क्राइब करती है इसका रेलीवेंस हम इसी बात से समझ सकते हैं कि आज भी पॉलिटिकल थ्योरी में
अर्थशास्त्र की स्टडी की जाती है अब बात करते हैं दूसरे कंटेंपररी टेक्स्ट यानी कि मेगस्थनीज की इंडिका की मेगस्थनीज
इंडिका मेगस्थनीज सेलक निकेटर के एंबेसडर थे चंद्रगुप्त मौर्य के कोर्ट में में इनकी बुक इंडि का भी इंपॉर्टेंट सोर्स है
मोरियन पीरियड के लिए लेकिन यह ओरिजिनल फॉर्म में अवेलेबल नहीं है हमें इसकी इंफॉर्मेशन बाद के ग्रीक और रोमन राइटर्स
जैसे कि स्त्राव जस्टिन प्लिनी अरेन एटस के वर्क्स में मिलती है मेगस्थनीज ने मोरियन कैपिटल पाटली पुत्र के बारे में
डिटेल इंफॉर्मेशन दी है क्योंकि उनका ज्यादा समय यहीं पर गुजरा था वह बताते हैं कि पाटली पुत्र एक मोट यानी कि खाई से
घिरी हुई थी पैलेस यानी कि चंद्रगुप्त मौर्य का महल वुड का बना हुआ था इंडिका में कुछ ऐसी भी इंफॉर्मेशन मिलती है जिसे
हम सही नहीं मानते जैसे कि मेगस्थनीज कहते हैं कि यहां कोई स्लेव नहीं था लेकिन हमने देखा कि अर्थशास्त्र में नाइन टाइप्स के
स्लेव्स के बारे में बताया गया है हम यह कह सकते हैं कि यहां स्लेव्स की कंडीशन वेस्टर्न वर्ल्ड के जितनी खराब नहीं थी
इसलिए मेगस्थनीज को लगता है कि कोई भी स्लेव नहीं है इसके अलावा वह सोसाइटी में सेवन क्लास बताते हैं ना कि फोर वर्णस यह
सेवन क्लासेस थी फिलोसोफर कल्ट वेटर्स हड्स मन आर्टिजंस एंड ट्रेडर्स सोल्जर्स ओवरसीयर्स एंड काउंसलर्स मेगस्थनीज कहते
हैं कि इंडिया में दो भगवान को पूजा जाता है एक हेरेक्स यानी कि लॉर्ड कृष्ण और दूसरा डायनीस मतलब लॉर्ड शिव यह कहा जा
सकता है कि इंडिका से हमें कंटेंपररी मोरियन पीरियड के बारे में काफी जानकारी मिलती है लेकिन ध्यान रखने वाली बात यह है
कि इसमें मिली इंफॉर्मेशन को बाकी के कंटेंपररी सोर्सेस से एनालाइज करना जरूरी है तभी हम सही और गलत इंफॉर्मेशन में फर्क
कर सकते हैं कंक्लूजन रिमार्क्स तो दोस्तों हमने जाना कि कैसे एक हंबल ओरिजिन से शुरुआत करके चंद्रगुप्त
मौर्य बनाते हैं अपने टाइम का सबसे बड़ा एंपायर और कैसे इस एंपायर में एक स्ट्रांग सेंट्रलाइज्ड एडमिनिस्ट्रेशन को मेंटेन
किया जाता था कहा जाता है कि उनका एंपायर कंपैरिजन में अलेक्जेंडर द ग्रेट के एंपायर से कम नहीं था उनकी ही लेगासी को
आगे बढ़ाते हैं उनके बेटे बिंदुसार जिनकी कहानी हमने जानी और बिंदुसार के बाद आते हैं अशोक जिनके बारे में हम नेक्स्ट
लेक्चर में पढ़ेंगे
Heads up!
This summary and transcript were automatically generated using AI with the Free YouTube Transcript Summary Tool by LunaNotes.
Generate a summary for freeRelated Summaries

Understanding Mahajanapadas: The Rise of Ancient Territorial States in India
This video explores the concept of Mahajanapadas, large territorial states that emerged in India around the 6th century BC. It delves into their origins, geographical spread, and the socio-political factors that contributed to their rise, including agriculture, trade, and the development of governance systems.

Exploring the Dark Period of Ancient Indian History (200 BC - 300 AD)
This video delves into the so-called 'Dark Period' of Ancient Indian history, covering significant dynasties such as the Sungas, Kanvas, Indo-Greeks, and more. It also highlights important trade developments and guilds that emerged during this era, challenging the notion of it being a dark age.

Understanding Buddhism: Origins, Teachings, and Influence
This video explores the origins of Buddhism, its founder Gautam Buddha, and the key teachings that shaped this influential religion. It discusses the socio-economic conditions that led to the rise of Buddhism and its impact on Indian society and beyond.

Indus Valley Civilization Part 2: Important Sites and Influences
This video explores the significant sites of the Indus Valley Civilization (IVC) and their implications on society, politics, and economy. It delves into major archaeological findings from sites like Harappa, Mohenjo-Daro, and Dholavira, while also discussing the theories surrounding the decline of this ancient civilization.

The Rise and Legacy of the Mongol Empire: Genghis Khan's Conquests and Innovations
Explore the rise of the Mongol Empire under Genghis Khan, his conquests, military strategies, and the empire's lasting legacy.
Most Viewed Summaries

Mastering Inpainting with Stable Diffusion: Fix Mistakes and Enhance Your Images
Learn to fix mistakes and enhance images with Stable Diffusion's inpainting features effectively.

A Comprehensive Guide to Using Stable Diffusion Forge UI
Explore the Stable Diffusion Forge UI, customizable settings, models, and more to enhance your image generation experience.

How to Use ChatGPT to Summarize YouTube Videos Efficiently
Learn how to summarize YouTube videos with ChatGPT in just a few simple steps.

Ultimate Guide to Installing Forge UI and Flowing with Flux Models
Learn how to install Forge UI and explore various Flux models efficiently in this detailed guide.

How to Install and Configure Forge: A New Stable Diffusion Web UI
Learn to install and configure the new Forge web UI for Stable Diffusion, with tips on models and settings.