Overview of Magnetic Circuits and Transformers
Introduction
- Welcome to Gateway Classes! The session focuses on Unit 3: Magnetic Circuits and Transformers.
- Importance of having the syllabus handy to avoid confusion about topics to study.
Syllabus Review
- Key topics include:
- Magnetic Circuits: Basic definitions and comparisons with electric circuits. For a deeper understanding of the principles behind these circuits, check out Understanding Magnetism: Forces, Currents, and Magnetic Fields.
- Transformers: Ideal vs. practical transformers, construction, and working principles. To learn more about the laws governing transformers, refer to Understanding Faraday's Law and Lenz's Law: A Comprehensive Guide.
- Efficiency: Understanding losses in transformers and how to calculate efficiency.
Key Definitions
- Magnetic Field: The area around a magnet where magnetic forces can be felt.
- Magnetic Flux: The total number of magnetic field lines passing through a given surface.
- Magnetic Circuit: A closed path followed by magnetic flux, similar to an electric circuit.
Transformers
- Types of Transformers: Step-up and step-down transformers based on voltage levels.
- Working Principle: How transformers operate using electromagnetic induction to transfer energy without electrical connections. For a more detailed exploration of electromagnetic principles, see Understanding Ampere's Law and Its Application in Electromagnetism.
- Efficiency: Calculating efficiency based on input and output power, considering losses.
Losses in Transformers
- Core Losses: Constant losses due to hysteresis and eddy currents.
- Copper Losses: Variable losses that depend on the load current.
Efficiency Calculation
- Formula for efficiency at full load and at any load fraction.
- Conditions for maximum efficiency: when copper losses equal iron losses.
Voltage Regulation
- Definition and calculation of voltage regulation in transformers.
Numerical Examples
- Worked examples on calculating efficiency, losses, and transformer ratings. For a broader context on circuits, you might find Understanding Circuits: Key Concepts and Theories helpful.
Conclusion
- Key takeaways include understanding the importance of magnetic circuits and transformers in electrical engineering, along with practical applications and calculations for exams.
हेलो डियर स्टूडेंट्स वेलकम टू गेटवे क्लासेस तो कैसे हैं आप लोग कैसी चल रही है आप लोगों की तैयारी तैयारी मेरे ख्याल
से तो अच्छी चल ही रही होगी तो चलिए स्टार्ट करते हैं आज यूनिट नंबर थ्री की वन शॉट और यूनिट नंबर थ्री है आपकी
मैग्नेटिक सर्किट एंड ट्रांसफॉर्मर तो यहां सबसे पहले हम बात करते हैं सिलेबस की कई बच्चों को बड़ा सिलेबस को लेकर
कंफ्यूजन होता है बहुत बच्चों के कमेंट्स आते हैं कि सर यह टॉपिक पढ़ना है कि नहीं पढ़ना है आप अपना सिलेबस को अपने टॉपिक के
साथ रखिए आप ध्यान रखिए आपके हाथ में आपका सिलेबस होना चाहिए जब आपके हाथ में सिलेबस होगा आपके ये क्वेश्चन नहीं आने चाहिए
जो टॉपिक आपके सिलेबस में है वह हम सारे कवर कर रहे हैं ठीक है कोई टॉपिक ऐसा नहीं है जो हम छोड़ के चल रहे हैं सारे टॉपिक
कवर करके चल रहे हैं इनफैक्ट कुछ टॉपिक हम एक्स्ट्रा ही करा देते हैं तो अभी हम रिवीजन का टाइम चल रहा है तो कोशिश यह कर
रहे हैं कि जो एक्स्ट्रा टॉपिक है उसको यहां पर ना कराए ताकि आपका टाइम भी ज्यादा वेस्ट ना हो यहां पर हम बिल्कुल पॉइंट टू
पॉइंट एस पर द सिलेबस चल रहे हैं ठीक है तो स्टार्ट करते हैं सबसे पहले एक बार सिलेबस को रिव्यू करते हैं सिलेबस में
आपका बेटा सबसे पहला टॉपिक होगा मैग्नेटिक सर्किट मैग्नेटिक सर्किट में आपको बहुत ज्यादा नहीं जाना है यहां से कोई
न्यूमेरिकल नहीं आएगा कुछ नहीं आएगा यहां से आपको टॉपिक ज्यादा ज्यादा पूछ सकता है मैग्नेटिक सर्किट क्या होते हैं और उसकी
इलेक्ट्रिक सर्किट से कंपैरिजन करके बता दीजिए कितने टाइप के सर्किट होते हैं बस या कुछ बेसिक डेफिनेशन आ गया तो क्वेश्चन
आ गया नहीं आया तो नहीं आया क्योंकि ये यूनिट जो है ये यूनिट आपकी ट्रांसफॉर्मर की तो यहां से आपके ट्रांसफॉर्मर के
क्वेश्चन ही बनेंगे तो इस टॉपिक में से आप केवल जो थोरेट्स है उसी को करेंगे केवल ये जानेंगे मैग्नेटिक सर्किट्स क्या होते हैं
कन कौन से टाइप के मैग्नेटिक सर्किट होते हैं बेसिक टर्मिनोलॉजी के बारे में हम लोग समझेंगे बात खत्म उसके बाद आइडियल
प्रैक्टिकल ट्रांसफॉर्मर के बारे में थोड़ा सा समझेंगे ट्रांसफॉर्मर की कंस्ट्रक्शन वर्किंग के बारे में पढ़ेंगे
तीसरा मेन टॉपिक होगा इक्विवेलेंट सर्किट यहां से एक क्वेश्चन आना ही आना है वेरी इंपॉर्टेंट एक क्वेश्चन आएगा ठीक है नोट
कर लीजिए दूसरा है लॉसेस इन ट्रांसफॉर्मर और इसी पर बेस्ड होती है आपकी एफिशिएंसी एक क्वेश्चन आपका एफिशिएंसी से
जरूर आएगा दो क्वेश्चन हो गए तीसरा क्वेश्चन जो आपका बनता है अब या तो वो न्यूमेरिकल आ जाएगा ठीक है या फिर अगर
न्यूमेरिकल नहीं आया तो आपका आइडियल प्रैक्टिकल से भी मिलाकर बना सकते हैं लेकिन जो ये दो टॉपिक है यहां से आपका
क्वेश्चन आएगा ही आएगा ठीक है तो स्टार्ट करते हैं फ्रॉम द वेरी फर्स्ट टॉपिक दैट इज मैग्नेटिक सर्किट चलिए आते हैं बात
करते हैं मैग्नेटिक सर्किट की तो बेसिक जो डेफिनेशंस है सबसे पहले उसकी बात कर लेते हैं कि मैग्नेटिक्स क्या है मैग्नेटिक
सर्किट्स क्या होते हैं उसके बारे में हम थोड़ा सा समझते हैं राइट सबसे पहली टॉप डेफिनेशन आती है मैग्नेटिक फील्ड की
मैग्नेटिक फील्ड क्या होता है देखो ये ऐसा चीज है जो आप बहुत पहले से पढ़ते आ रहे हो क्लास एठ से हम लोग पढ़ते हैं क्या कि कोई
भी मैग्नेट है उस मैग्नेट के चारों तरफ का वो एरिया या वो रीजन जिसमें आपको कोई फोर्स एक्सपीरियंस होता है आपको नहीं मतलब
किसी मैग्नेटिक मटेरियल को एक मैग्नेट रखी है उसके पास में आप कोई लोहे का टुकड़ा लेके जाते हो वो उसको अट्रैक्ट कर लेती है
यानी के जब भी वो लोहे का टुकड़ा उसके मैग्नेटिक फील्ड में जाएगा तो उस परे कोई फोर्स लग रहा होगा तो वो जो चारों तरफ का
एरिया है कितनी दूर तक आप उसको टुकड़े को रख रखेंगे कि उस परे फोर्स लगे उस एरिया को आप क्या कहते हैं मैग्नेटिक फील्ड तो
मान लीजिए कि अभी आपके पास यह कोई मैग्नेट रखी हुई है ठीक है और यहां इसके चारों तरफ कुछ फील्ड रखा हुआ है इसके चारों तरफ कोई
फील्ड ये बनाएगी अपने चारों तरफ ये फील्ड बनाएगी ठीक है अब अगर इस फील्ड में कोई आप लोहे का टुकड़ा रखते हो तो ये इसको अपनी
तरफ अट्रैक्ट कर लेती है ठीक है तो ये जो रीजन है चारों तरफ की इसी को हम क्या बोलते हैं मैग्नेटिक फील्ड जिसमें कोई भी
मैग्नेटिक मटेरियल जो होगा उसपे कोई फर्स लग रहा होगा राइट दूसरी डेफिनेशन आती है मैग्नेटिक फ्लक्स मैग्नेटिक फ्लक्स क्या
होता है टोटल नंबर ऑफ मैग्नेटिक फील्ड लाइंस पासिंग थ्रू ए गिवन सरफेस किसी सरफेस से कितनी मैग्नेटिक लाइंस पास हो
रही है उसको हम बोलते हैं मैग्नेटिक फ्लक्स जैसे ये टुकड़ा रखा था यहां पर मैं एक कोई सरफेस रख देता हूं अब इस सरफेस से
कितनी लाइन पास हो रही है ये जो लाइन पास हो रही है एक दोती च पा इसका फ्लक्स कितना हो गया पांच ऐसे काउंट कर लेंगे ठीक है तो
पास नहीं होगा नंबर ऑफ मैग्नेटिक लाइंस पास करेंगी ये तो बहुत दूर-दूर है हकीकत में अगर आप इसको ऑब्जर्व करेंगे तो इतने
एरिया में बहुत सारी थाउजेंड्स ऑफ लाइंस आपकी यहां पे आ जाएंगी तो इस सरफेस से कितनी लाइंस पास हो रही है अब लाइंस कहां
से आई जो मैग्नेटिक फील्ड हमने दिखाया था इनको लाइंस की फॉर्म में दिखा रहे हैं तो किसी भी फील्ड को जब आप दिखाते हो तो कैसे
दिखाओगे उस चीज को रिप्रेजेंट कैसे करेंगे तो वो तो बड़ा मुश्किल काम है ना चारों तरफ फैला होता है इवनली तो उसको लाइंस की
हेल्प से शो करते हैं ये एक हमें रिप्रेजेंट करने का तरीका है कि मैग्नेटिक फील्ड को मैग्नेटिक फील्ड लाइंस की तरफ से
हम रिप्रेजेंट करते हैं कि ये मैग्नेटिक फील्ड लाइंस है नॉर्थ से साउथ की तरफ हमारी फील्ड लाइन जा रही है तो फील्ड को
हम लाइन से शो करते हैं अब ऐसी कितनी लाइन किसी सरफेस से पास हो रही है उसको हम बोलते हैं फ्लक्स और वन फ्लक्स यानी कि वन
वेबर फ्लक्स की यूनिट होती है वेबर और वन वेबर इक्वल टू होता है 10 टू द पावर लाइंस 10 टू द पावर 8 लाइंस कितनी लाइंस ऑफ
फोर्स आपकी इसमें से जा रही है नेक्स्ट आता है मैगनेटिक फ्लक्स डेंसिटी डेंसिटी हमेशा आती है पर यूनिट एरिया किसकी
डेंसिटी है फ्लक्स की तो फ्लक्स पर यूनिट एरिया इज द डेंसिटी यानी कि यह सरफेस से फ्लक्स पास हो रहा था अब इस सरफेस का हमने
यह पर्टिकुलर एक यूनिट एरिया ले लिया इससे कितना फ्लक्स पास हो रहा है इसको हम बता देंगे मैग्नेटिक फ्लक्स डेंसिटी राइट
नेक्स्ट आ जाएगी आपकी मैग्नेटिक फील्ड इंटेंसिटी इंटेंसिटी का मतलब होता है कि कितना ज्यादा मैग्नेटिक फील्ड वो बन रहा
है उसको पता कैसे करेंगे जैसे अगर मैं किसी ऑब्जेक्ट को यहां रखूं तो इस पे फोर्स ज्यादा लगेगा ये इसको बहुत जल्दी
अट्रैक्ट कर लेगा लेकिन अगर मैं इसी ऑब्जेक्ट को यहां रखूं तो इसको यहां पे अट्रैक्ट करने में कम फोर्स लगेगा हो सकता
है अट्रैक्ट होके आ भी जाए हो सकता है ना भी आए यानी कि इस मैग्नेटिक फील्ड की इंटेंसिटी इस पॉइंट पे तो बहुत ज्यादा है
लेकिन इस पॉइंट पे बहुत कम है ठीक है इसको स्ट्रेंथ भी बोल सकते हो तो इसकी अगर डेफिनेशन की बात करें इट इज द
मैग्नेटाइजिंग फोर्स और मैग्नेटिक फील्ड इंटेंसिटी और मैग्नेटिक फील्ड स्ट्रेंथ तीनों नाम से से हम इसको बोलते हैं इट इज
दी एमएमएफ रिक्वायर्ड टू मैग्नेटाइज अ यूनिट लेंथ ऑफ मैग्नेटिक फ्लक्स पाथ यानी कि कितना एमएमएफ हमें चाहिए पर यूनिट लेंथ
को मैग्नेटाइज करने के लिए पर यूनिट लेंथ यानी कि उसकी जो लेंथ है आपकी ऑब्जेक्ट की उसको मैग्नेटाइज करने के लिए आपको कितना
मैग्नेटिक फील्ड या कितना फ्लक्स कितना एमएमएफ चाहिए एमएमएफ होता है मैग्नेटोमोटिव फोर्स दैट इज n * i और पर
यूनिट लेंथ तो मैग्नेटिक एमएमए अपॉन लेंथ इज नोन एज मैग्नेटिक फील्ड इंटेंसिटी और मैग्नेटिक फील्ड स्ट्रेंथ h से इसको डिनोट
करते हैं ए को लिखते हैं एंपियर टर्न्स ए का मतलब है टर्न्स आई का मतलब है करंट यानी कि एंपियर तो इसकी यूनिट होती है
एमएमएफ की एंपियर टर्न्स और एल को लिखते हैं लेंथ यानी के मीटर एंपियर टर्न पर मीटर इज दी अ यूनिट ऑफ मैग्नेटिक फील्ड
इंटेंसिटी राइट तो आगे बढ़े चलिए उसके बाद आता है मैग्नेटोमोटिव फोर्स तो प्या बच्चों जो आपने इलेक्ट्रिक सर्किट में
ईएमएफ पढ़ा था ईएमएफ क्या होता था ईएमएफ इज द इलेक्ट्रोमोटिव फोर्स ईएमएफ एक ऐसा फोर्स था जिसकी वजह से इलेक्ट्रॉन मूव
करने लगते थे तो किसी भी सर्किट में अगर इलेक्ट्रिक सर्किट है तो वहां इलेक्ट्रॉन मूव कर रहे हैं तो उसको मूव करने के लिए
एक पुश चाहिए था एक फोर्स चाहिए था वो फोर्स क्या था ईएमएफ इसी तरह से मैग्नेटिक सर्किट में होती है फ्लक्स यहां फ्लक्स को
अगर आपको फ्लो कराना है या फ्लक्स को बनाना है या फ्लक्स को चलाना है तो एक फोर्स की जरूरत पड़ती है उस फोर्स को
बोलते हैं एमएमएफ मैग्नेटोमोटिव फोर्स इट इज द मैग्नेटोमोटिव फोर्स क्या हो जाएगा एमएमएफ इज द कॉज फॉर प्रोड्यूस द
मैग्नेटिक फ्लक्स इसकी वजह से मैग्नेटिक फ्लक्स प्रोड्यूस होगा और ये कितना था n * आ ठीक है एमएमएफ इन अ मैग्नेट सर्किट
डिपेंड ऑन द नंबर ऑफ टर्न्स एंड अमाउंट ऑफ करंट यानी कि एमएमएफ इक्वल टू होता है n * आ अभी बताया था यूनिट क्या हो जाएगी इसकी
एंपियर टर्न ए जिससे रिप्रेजेंट करते हैं नेक्स्ट आती है रिलक्टिविटी
टू दी फ्लो ऑफ करंट इसी तरह से रिलक्टिविटी द अपोजिशन दैट द मैग्नेटिक सर्किट ऑफर फॉर
द फ्लो ऑफ मैग्नेटिक फ्लक्स ठीक है वी कैन आल्सो डिफाइन रिलक्टिविटी आपके यहां रख दिया r की जगह आ गया s एमए
ईएमएफ की जगह आ गया एमएमएफ करंट की जगह आ गया फ्लक्स ठीक है और इसका फार्मूला हो जाता है l / ए मन म म आ ये कहां से आया r
का एक फार्मूला आपने पढ़ा था रो ए / a ठीक है तो यहां पर भी वही है बस यहां जो रो है उसकी जगह आपका क्या आ जाएगा 1 अप म म आ
जैसे वहां रेजिस्टिविटीज होती है और परमीबिलिटी के दो पार्ट होते हैं एब्सलूट परमीबिलिटी और रिलेटिव
परमीबिलिटी मतलब यह जो मैग्नेटिक मटेरियल है इसकी खुद की परमीबिलिटी कितनी है और एयर के साथ में कितनी है ठीक है तो न
जनरली फिक्स होता है एयर की परमीबिलिटी तो l अप ए l अप ए तो यहां भी आपने लिखा l अपन ए ठीक है l अप ए और म की जगह रो की जगह
क्या आ गया 1 अप मन म आ तो देखिए फार्मूला सेम है l अप म * a बस वहां पे रो था तो यहां पर 1 अपन म आ गया तो सेम फार्मूला हम
कॉपी कर रहे हैं बिल्कुल इलेक्ट्रिक सर्किट से यानी कि इलेक्ट्रिक सर्किट और मैग्नेटिक सर्किट आर
कंपेयर कर सकते हो काफी हद तक वो सिमिलर होते हैं ठीक है नेक्स्ट आता है परमीयंस परमंस इज द रेसिप प्रोकल ऑफ
रिलक्टिविटी वो परमीयंस है ऐसे ही कंडक्टेंस में होता था कितनी आसानी से करंट पास कर सकती है किसी कंडक्टर से दैट
इज कंडक्टेंस तो सिमिलरली यहां पर क्या होता है परमीयंस इसकी यूनिट हो जाएगी वेब पर एंपियर नेक्स्ट आता है परम एबिलिटी परम
एबिलिटी यहां से वर्ड देखो इट इज द एबिलिटी टू परमिट एबिलिटी टू परमिट किसको परमिट करेगा एक ही चीज तो फ्लो हो रही है
मैग्नेटिक सर्किट में या एक ही चीज तो है फ्लक्स तो एबिलिटी टू परमिट फ्लक्स तो इट इज द एबिलिटी ऑफ मटेरियल टू अलाउ
मैग्नेटिक फ्लक्स व्हेन द ऑब्जेक्ट इज प्लेस इनटू दी मैग्नेटिक फील्ड जब कोई ऑब्जेक्ट को किसी मैग्नेटिक फील्ड में आप
रखते हैं तो उसकी एबिलिटी जिससे वो फ्लक्स को पास करा रही है कितना पास करा रही है उसको पास कराने की जो एबिलिटी है वो
कहलाती है आपकी परमबिलंगड़ी अगर कोई मटेरियल है तो हर की आपको क्वेश्चंस में गिवन होती है तो म आ इज द
रिलेटिव परमबिलंगड़ी डेफिनेशन अब बात करते हैं मैग्नेटिक
सर्किट की तो जैसे इलेक्ट्रिक सर्किट होता था इलेक्ट्रिक सर्किट को हम क्या बोलते थे कि ये करंट फ्लो कर जाए एक क्लोज पाथ है
जिसमें करंट फ्लो करने लगे तो वो सर्किट है ठीक है तो ऐसे ही एक ऐसा क्लोज पाथ फॉलो बाय मैग्नेटिक फ्लक्स जिसमें
मैग्नेटिक फ्लक्स बन जाए वो क्या कहलाएगा आपका मैग्नेटिक सर्किट बिल्कुल इसी तरह से होता है जैसे आपका इलेक्ट्रिक सर्किट होता
है कंपेयर करते चले साथ-साथ याद करने में आसानी रहती है जब आप इलेक्ट्रिक सर्किट के साथ इसको कंपेयर करेंगे आप देखेंगे कि
इसको आप समझने में बड़ी आसानी हो जाएगी आपको डायरेक्ट रात करेंगे तो दिक्कत आएगी कंपेयर करते चले इलेक्ट्रिक सर्किट में
क्या था मैग्नेटिक सर्किट में क्या था और क्वेश्चन भी यही पूछा जाता है कि कंपेयर कर दो बस इलेक्ट्रिक सर्किट को और
मैग्नेटिक सर्किट को तो कंपैरिजन आपको आना चाहिए राइट अब क्या कह रहे हैं कि भई एक मैग्नेटिक सर्किट हमने समझाया ये एग्जांपल
है डेफिनेशन तो आपकी हो गई अब मान लीजिए कि एक मैग्नेटिक सर्किट है जिसको हमने डिफरेंट डिफरेंट मटेरियल से बनाया है
हैविंग हाई परमीबिलिटी सच एज आयरन सॉफ्ट स्टील डिफरेंट डिफरेंट मटेरियल लेके बनाया कंसीडर ए सोलेनोइड्स बाउंड ऑन एन आयरन कोर
अब मान के चलिए ये हमारी एक आयरन कोर है ठीक है किसी भी मटेरियल का बना सकते हैं इस पे हमने एक वाइंडिंग कर दी ए टर्न्स
उसके बनाए जिसको हमने बोला कि सोलेनोइड्स में जाएगी तो यहां पर ये क्या करेगा एक फ्लक्स इस कोर में बना देगा ये फ्लक्स एक
स्कोर में सेट अप हो जाएगा जिसको हमने नाम दे दिया फा ठीक है अब ये मान के चले कि जो l है वो मीन लेंथ और मैग्नेटिक सर्किट है
भाई दो लेंथ हो सकती थी ना सर्किट में बाहर वाले की लेते हैं अलग अंदर वाले की अलग तो हमने क्या किया बीच में एक लेंथ को
कंसीडर कर लिया मीन लेंथ और उसको अपने मैग्नेटिक पाथ की लेंथ मान लिया तो इसको हमने क्या लेंथ मान ली l कि जो जिसमें
हमारा फ्लक्स है मीन लेंथ जो है वो हमारी क्या है l फ्लक्स कितना है फा और ये जो क्रॉस सेक्शनल एरिया है इसका ये जो कितनी
मोटी है आपकी ये रॉड ठीक है तो इसको हमने क्या नाम दे दिया क्रॉस सेक्शनल एरिया a तो क्रॉस सेक्शनल एरिया आपके पास आ गया म
आ इज द रिलेटिव परमीबिलिटी तो h इक्वल टू कितना होता है मैग्नेटिक फील्ड इंटेंसिटी n / l ये आपने पढ़ा हुआ है दूसरा b ये
मैग्नेटिक फील्ड डेंसिटी ये कितना होता है न म आ * h * h होता है ठीक अब इसमें वैल्यू रख दो h की तो न म
आ n / l अब अगर इसको आप ध्यान से देखें और थोड़ा सा सॉल्व करें तो आप फ्लक्स निकाल सकते हैं फ्लक्स फ इक्वल टू हो जाता है बी
इन ए ये बी आपने निकाल ही दिया इसमें ए से मल्टीप्लाई कर दीजिए अब क्या करो आप ए को रहने दो ऊपर और बाकी दोनों टर्म को नीचे
ले जाओ तो एल अपन ए मन म आ क्यों किया ऐसा ऐसा इसलिए किया क्योंकि ए है हमारा मैग्नेटिक फोर्स एमएमएफ ए क्या होता है
एमएमएफ यानी कि इसको तो हमने बना दिया एमएमएफ इसको हमने क्या बना दिया एमएमए और एमएमए फ्लक्स क्या होता है फ्लक्स एनालॉग
अस था करंट के i इक्वल टू होता है v / r तो यहां पे हमने i की जगह बना दिया फ्लक्स फ ऊपर n आ गया ए क्या आ गया आपका एमएमएफ
और नीचे अब जो टर्म आएगी यहां जो टर्म आएगी वो होगी आपकी रिलक्टिविटी से जो टर्म आई डिनो मिनेट
वाली ये क्या कहलाए कीी हमारा रिलक्टिविटी करंट इज कॉल्ड इलेक्ट्रिक सर्किट ठीक है दूसरी चीज इधर की तरफ मैग्नेटिक सर्किट
में हमारे पास होता है फ्लक्स इधर की तरफ क्या होता है हमारे पास फ्लक्स फ इ एएए अपन
रिलक्टिविटी आ गई इधर फ्लक्स इधर आ इधर एमएमएफ इधर v इधर इलेक्टेंसिटी इधर की तरफ ईए होता है ठीक है इधर की तरफ
ए होता है इधर की तरफ आ होता है दोनों की चीज काम एक ही है आ का काम भी अपोज करना है और s का काम भी अपोज करना है इधर की
तरफ फ्लक्स डेंसिटी ब होती है इधर की तरफ करंट डेंसिटी ज होती है फार्मूला होता है फ अप ए इसका फार्मूला हो जाता है आ अप ए
तो सिमिलर चल रहे है ना बिल्कुल एमएमएफ ड्रॉप होता है फ फ न s इधर हो जाता है आ इन आ ठीक है एनाल टू अ बिल्कुल दोनों आपस
में एनालॉग अस है मैग्नेटिक फील्ड इंटेंसिटी h होती है इधर इलेक्ट्रिक फील्ड इंटेंसिटी होती है e इधर परमीयंस होता है
उधर कंडक्टेंस होता है इधर परमबिलंगड़ी चीजें थोड़ी एक जैसी हो सकती है तो डिस
सिमिलरिटी क्या है तो सबसे पहली डिसिमिलरिटी क्या है कि मैग्नेट फ्लक्स बेटा कभी भी फ्लो नहीं करता
है जैसे इलेक्ट्रिक करंट को हम कहते ना कि इलेक्ट्रिक करंट फ्लो कर रही है मैग्नेटिक फ्लक्स फ्लो नहीं करता तो पहली चीज तो यह
अलग है इलेक्ट्रिक करंट फ्लो करता है मैग्नेटिक फ्लक्स फ्लो नहीं करता है तो मैग्नेटिक फ्लक्स के साथ क्या बोलते हैं
कि इट इज सेट अप इन द कोर मैग्नेटिक फ्लक्स इज सेट अप एक बार बन गया वो कंटीन्यूअस फ्लो नहीं होगा वो बन के रह
गया ठीक है जब हटा देंगे तो वो खत्म हो जाएगा तो पहला डिफरेंस देयर इज नो मैग्नेटिक इंसुलेटर मैग्नेटिक इंसुलेटर
नाम की कोई चीज नहीं होती जबकि इलेक्ट्रिकल इंसुलेटर होते हैं कैसे होते हैं जैसे आप वायरिंग करते हो वायरिंग के
ऊपर रबर चढ़ी होती है वो भी इंसुलेटर है ठीक है आपके फ्यूज होते हैं उसके ऊपर जो मिट्टी का बना होता है वो भी इंसुलेटर
होता है जो टावर पर लाइन चलती है उसके ऊपर चीनी मिट्टी के लगे होते हैं इंसुलेटर इंसुलेटर होते हैं ना तभी तो आप करंट से
बचते हो बट मैग्नेटिक फील्ड में ऐसा कुछ नहीं होता है अगर एक वायर है उसके अंदर करंट जा रही है भले ही इंसुलेटर लगा है तब
भी उसके चारों तरफ फील्ड बनेगा ठीक है तो मैग्नेटिक इंसुलेटर नाम की कोई चीज नहीं होती है द वैल्यू ऑफ म आर इज नॉट
कांस्टेंट ेंट फॉर ए गिवन मैग्नेटिक मटेरियल इट वेरीज कंसीडरेबली विद फ्लक्स डेंसिटी इन द मटेरियल ठीक है तो जो म आ है
वो कांस्टेंट नहीं होता है वो फ्लक्स डेंसिटी के साथ वेरी करता है दिस इंप्ला दैट
रिलक्टिविटी होती है वो टेंपरेचर के साथ बहुत कम वेरी करती है जिसकी वजह से हम ये कहते हैं कि
जो रेजिस्टेंस है वो लगभग लगभग कांस्टेंट होता है प्रैक्टिकली ऑलमोस्ट कांस्टेंट होता है थोड़ा बहुत डिफरेंस जाता है
टेंपरेचर के साथ बट ऑलमोस्ट वो कांस्टेंट होता है लास्ट पार्ट नो एनर्जी इज एक्सपेंडेड इन अ मैग्नेटिक सर्किट इन अदर
वर्ड एनर्जी इज रिक्वायर्ड इन क्रिएटिंग द फ्लक्स एंड नॉट इन मेंटे निंग इट केवल क्रिएट करने के लिए एनर्जी चाहिए आपको
मेंटेन करने के लिए एनर्जी नहीं चाहिए इसका मतलब एनर्जी का खर्च इसमें नहीं होता है जबकि जब करंट फ्लो होगी तो यहां पे
एनर्जी आपकी कंटीन्यूअसली जब तक करंट फ्लो कर रही है तब तक एनर्जी आपकी लॉस होती रहेगी ठीक है तो यह दोनों में डिफरेंसेस
होते हैं तो चार नहीं तो कम से कम दो या तीन तो आप याद कर ही ले ठीक है और एक और डिफरेंस
था एक और डिफरेंस था चाहो तो वो भी लिख सकते हो के पांचवा डिफरेंस अगर लिखना चाहे तो लिख सकते
हैं मैग्नेटिक फ्लक्स मैग्नेटिक फ्लक्स कैन पास
थ्रू एयर और इसमें लिख सकते हैं करंट कैन नॉट
पास थ्रू एयर इलेक्ट्रिक करंट अगर कहीं ओपन सर्किट हो गया तो करंट फ्लो नहीं करेगी
लेकिन मैग्नेटिक फ्लक्स पास कर सकता है एयर के थ्रू मैग्नेटिक फ्लक्स फलो कर सकता है यह हुआ कंपैरिजन ऑफ मैग्नेटिक सर्किट
एंड इलेक्ट्रिक सर्किट अब इसके बाद बात करते हैं आपके टाइप्स ऑफ मैग्नेटिक सर्किट तो मैग्नेटिक सर्किट के
टाइप्स तो पहला सर्किट हो सकता है सीरीज सर्किट अब जैसे इलेक्ट्रिक सर्किट होता था सीरीज में हम क्या करते थे एक रेजिस्टेंस
दो रेजिस्टेंसस तीन रेजिस्टेंस r1 r2 r3 और टोटल कितना निकाल दिया r इक्विवेलेंट इक्वल टू आप लिखते थे r1 + r2 + r3 तो
कैसे कहते थे अगर किन्हीं रेजिस्टेंसस में सेम करंट फ्लो कर रही है तो हम कहते हैं कि यह सीरीज में है सेम चीज होती है
मैग्नेटिक में अगर आपके पास अलग-अलग मटेरियल है अलग-अलग लेंथ है अलग-अलग उनकी एरिया है लेकिन उसमें फ्लक्स सेम पास हो
रहा है एक ही फ्लक्स तीनों में पास जा रहा है चारों में पास जा रहा है तो हम क्या बोलेंगे कि उनमें वो सीरीज में कनेक्टेड
है अगर आपके मैग्नेटिक सर्किट के चार पार्ट कर दिए जाए और सब में सेम फ्लक्स चला जा रहा है तो आप क्या बोलेंगे कि वो
सीरीज में है अब जैसे यह एग्जांपल है इसमें अगर आप देखें तो यह जो पोर्शन है यहां से
लेके यहां से लेके यहां तक इसकी लेंथ है l1 ठीक है इसका मटेरियल भी कुछ और हो सकता है तो मटेरियल अगर कुछ और है तो मैंने
इसका कह दिया कि म आ जो है वो वन है ठीक है और इसका एरिया भी अलग है तो इसका जो एरिया है वो मैंने कह दिया कि वो a1 है
ठीक है अब दूसरे पोर्शन पे आ जाओ इस पोर्शन की अगर हम बात करें इस पोर्शन की जो लेंथ है वो l2 है मान लिया यह भी
मटेरियल दूसरा है तो इसका जो म आ है वो ट मान लिया इसका जो एरिया है वो एरिया हमने कितना मान लिया a2 अब थर्ड पोर्शन है यहां
से लेके यहां तक इसकी जो लेंथ है सपोज वो l3 है और इसका जो एरिया है वो हमारा a3 है ठीक और ये भी मटेरियल अलग अगर है तो इसका
जो म आ होगा वो थ हो जाएगा फिर ये एयर गैप है फिर ये एयर गैप है इस एयर गैप की जो लेंथ है वो सपोज एलज है एरिया जो है वो जी
है ठीक है और म आ एरिया के केस में नहीं लेते तो कुल मिला के इसके आपने चार लेंथ देखी l1 ए2 l3 और एज चारों में लेकिन
फ्लक्स क्या है चारों में फ्लक्स हमारा कॉमन जा रहा है फ तो हम क्या कहेंगे कि बच्चों जब फ्लक्स हमारा चार पोर्शन में
सेम फ्लक्स जा रहा है तो वो सीरीज में होंगे तो अगर मैं पहले पोर्शन का रिलक्टिविटी s3 और इसका कितना मान लिया s
तो मैं ये लिख सकता हूं ना सीरीज में है तो s = s1 + s2 + s3 + s या अगर s1 को लिखेंगे तो l1 / म म r1 a1 ठीक है क्योंकि
ये मटेरियल अलग है तो इसलिए म r1 एरिया भी अलग है तो a1 लेंथ भी अलग है तो l1 सिमिलरली l2 / म म आ2 a2 एयर गैप के लिए म
आ नहीं आएगा क्योंकि एयर के लिए म आ इक्वल टू होता है वन एयर के लिए म इक्वल टू कितना होता है वन सो दिस इज द रिलेशन फॉर
रिलक्टिविटी एमएमएफ निकालना है या अगर मुझे यहीं पे मैं सारे में i से मल्टीप्लाई कर दूं तो
क्या हो जाएगा यह हो जाएगा v = v1 + v2 + v3 या टोटल ईए = e1 e + e2 + e3 तो सिमिलरली अगर मैं मैग्नेटिक सर्किट में जा
रहा हूं तो एमएमएफ इक्वल टू कितना होगा टोटल एएमए इक्वल ऑफ 1 एएमए ऑफ 2 एएमए ऑफ 3 कर भी सकते हैं टोटल एमएमएफ क्या होता है
5 * s तो 5 * s1 + s2 ये हमने लिख दिया अब टोटल देख लो आप 5 s1 5s 2 5s 3 5s सबको अलग-अलग ऐड कर देंगे तो टोटल एमएमएफ भी
हमारा निकल जाएगा तो दिस टाइप ऑफ सर्किट इज नोन एज सीरीज मैग्नेटिक सर्किट सीरीज किस बेस पे कहा हमने बेटा क्योंकि हमारा
जो फ्लक्स है वो सेम फ्लो कर रहा है ठीक है तो यह हुआ आपका सीरीज मैग्नेटिक सर्किट दूसरा होता है बच्चों पैरेलल मैग्नेटिक
सर्किट पैरेलल मैग्नेटिक सर्किट में क्या होता है जैसे इलेक्ट्रिक सर्किट है अगर पैरेलल सर्किट है तो करंट का
डिस्ट्रीब्यूशन हो जाता है पैरेलल में करंट डिवाइड हो जाती है यहां भी अगर पैरेलल मैग्नेटिक सर्किट है तो फ्लक्स
डिवाइड हो जाएगा तो मान लीजिए कि ये मेरी एक कोर है जिसमें मैंने बीच वाली जो लेंथ है इस पे मैंने वाइंडिंग कर दी ठीक है अब
वाइंडिंग करने के बाद जो फ्लक्स है मेरा वो यहां बनेगा इस जगह पे मेरा फ्लक्स बन रहा है अब यहां फ्लक्स बन रहा है तो ये
फ्लक्स इधर भी जाएगा और कुछ फ्लक्स इधर भी जाएगा यानी कि एक पोर्शन में इधर फ्लक्स सेट अप होगा और एक पोर्शन में फ्लक्स इधर
सेट अप होगा तो फ्लक्स क्या हो गया डिवाइड हो गया दो पार्ट में तो जब डिवीजन होगा तो वह दोनों पोर्शन कैसे हो जाएंगे पैरेलल हो
जाएंगे ठीक है तो जैसे कि यह आ गया बीच में हमारा यहां पे यह क्या है यह सोर्स है यहां पे हमारा e जनरेट होगा तो यह मेरा
सोर्स हो गया ठीक है यहां से मेरी करंट जनरेट हुई i इधर क्या है फ अब ये i इधर जाके i1 हो जाएगी इधर i2 तो इधर 52 और इधर
51 चलो इसको टू और वन कर देते हैं ू और 1 ठीक है इधर की तरफ जो इस पोर्शन का रिलक्टिविटी
इधर की तरफ जो रिलेक्टो फ्लक्स फ इक्वल टू क्या हो जाएगा 51 + 52 पैरेलल सर्किट में आपके फ्लक्स जो
है वो ऐड हो जाएंगे दूसरी चीज अगर आप इस पूरे सर्किट की बात कर रहे हो और मैं आप कहूं कि टोटल एमएमएफ निकालना है तो टोटल
एमएमएफ तो ये होगा तो जैसे इसको निकालना है तो या तो आप इधर की तरफ लूप लगा दो या आप इधर की तरफ लूप लगा दो सिमिलरली या तो
आप ऐसे घूम के आ जाओ या फिर आप ऐसे घूम के आ जाओ ठीक है जैसे इलेक्ट्रिक सर्किट में हमने किया था तो क्या हो जाएगा टोटल एएए
इक्वल टू हो जाएगा 52 * s2 तो 52 * s2 प् फ * इस पाथ का जो रिलक्टिविटी * r + i2 r2 अगर मैं इधर से घूम के आया
ऐसे लूप पूरा किया लेकिन अगर ऐसे करता हूं तो हो जाएगा i * r + i1 r1 दोनों ही चीजें लिख सकते हैं ना तो यहां पर भी हम दोनों
चीजें लिख सकते हैं y * s + y2 s2 5 * s 51 s1 s को बड़ा कर लीजिए 5 * s1 तो चाहे तो आप मैग्नेटिक
सर्किट को ऐसे बना दीजिए चाहे आप ऐसे लिख दीजिए आप टोटल एमएमएफ की इक्वेशन को लिख सकते हैं राइट सो दिस इज द पैरेलल
मैग्नेटिक सर्किट बात समझ में आ गई तो दोनों टाइप के सर्किट आपके हो जाएंगे आगे बढ़ते हैं एक कांसेप्ट आता है
इसमें लीकेज फ्लक्स का और फंगिंग का तो लीकेज फ्लक्स का मतलब क्या है यह जो फ्लक्स आपको दिख रहा है यह ये मेन फ्लक्स
जब हम हम कहां चाहते हैं यह हमारी डिजायर है हम चाहते हैं कि जब हम कोर को सप्लाई देते हैं तो वो कहां-कहां फ्लक्स जाए हम
ये चाहते हैं कि जो हमारा फ्लक्स है जब हम सप्लाई दें तो वो कोर में सेट अप हो जाए यह कोर है हमारी इस कोर में फ्लक्स रहे बस
ठीक है लेकिन ऐसा होता नहीं है जो फ्लक्स है जहां पर ये सप्लाई आपने वाइंडिंग की हुई है यहां पर भी आपका फ्लक्स थोड़ा सा
लीकेज होता है ठीक है इस तरह से तो ये जो मेन पाथ को फॉलो नहीं कर रहा है जिस पाथ पे हम चाहते हैं कि फ्लक्स फ्लो हो उस पाथ
को छोड़ के फ्लक्स अगर कहीं और फ्लो होता है तो वो हमारे लिए बेकार है तो उसको हम क्या बोलते हैं लीकेज फ्लक्स तो आपका जो
लीकेज फ्लक्स हुआ जो मेन पाथ हो गया ये वाला जो मेन पाथ को छोड़ के कहीं और फ्लो हो रहा है उसको हमने क्या बोल दिया लीकेज
फ्लक्स तो क्या डेफिनेशन हुई द पार्ट ऑफ मैग्नेटिक फ्लक्स दैट डज नॉट फॉलो द डिजायर्ड पाथ इज नोन एज मैग्नेटिक फ्लक्स
जैसे इस केस में हमारा डिजायर्ड पाथ ये था कि ये चारों तरफ ऐसे-ऐसे घूमते हैं ऐसा ऐसा सेट अप हो जाए बट ये थोड़ा सा ऐसे भी
निकलता है ठीक है तो इसको हमने क्या बोल दिया कि ये हमारा लीकेज फ्लक्स होगा ठीक है बाकी जो मेन पाथ हमारा फॉलो कर रहा है
उसको हम क्या बोलते हैं यूजफुल फ्लक्स लीकेज फ्लक्स हो गया लीकेज फ्लक्स इक्वल टू हो गया टोटल फ्लक्स माइनस यूज़फुल भाई
टोटल फ्लक्स यहां फा बन रहा था उस फा में से यूज़फुल हटा दो तो जो बचा वो क्या हो जाएगा आपका लीकेज फ्लक्स ठीक है लीकेज
कफिट निकालना है तो टोटल फ्लक्स अपॉन यूजफुल मैग्नेटिक फ्लक्स तो आपका आ जाएगा लीकेज कफिट फिर एक टर्म पूछी जाती है
मैग्नेटिक फिंगंग मैग्नेटिक फिंगंग मैग्नेटिक फिंगंग क्या होती है कि जब तक आपका जो फ्लक्स है अब ये देखिए तीनों की
डायरेक्शन सेम है तो इन लाइंस में जब ये लाइंस एक साथ जा रही है साथ-साथ चल रही है तो ये आपस में एक दूसरे पर रिपल्सिव फोर्स
लगाती है ये कोशिश करती है एक दूसरे को दूर भगाए लेकिन चूंकि यहां पर कोर का एरिया फिक्स है तो कोर से बाहर तो जाएंगी
नहीं तो कोर के अंदर ये कुछ नहीं कर पाती हैं लेकिन जैसे ही ये एयर गैप के थ्रू पास करती है अब यहां से आगे हमारा एयर गैप है
यह हमारा एयर गैप ये क्या है एयर गैप ठीक है जब ये एयर गैप में पास करती हैं और तब ये फोर्स लगने की वजह से ये
बाहर की तरफ एक दूसरे को भती है तो जिससे ये जो लाइंस होती है ना फ्लक्स की ये लाइंस चारों तरफ ऐसे निकलती है बाहर की
तरफ ये निकल जाती है इसको बोलते हैं बलजिवन पास कर रही है तो जो लाइनों का बाहर की तरफ निकलना होता है क्योंकि अंदर
उनमें रिपल्सिव फोर्स लग रहा था तो उस फोर्स की वजह से वो थोड़ा सा ऐसी शेप में निकल के आती है तो जो
बलजिवन आउट ऑफ दी मैग्नेटिक फ्लक्स लाइंस आर नोन एज मैग्नेटिक फंगिंग क्या है डेफिनेशन पढ़ लेते हैं व्हेन द मैग्नेटिक
फ्लक्स लाइन पासेस थ्रू द एयर गैप जब एयर गैप से पास करती है दे टेंड्स टू बलज आउट वो बाहर की तरफ निकलने की कोशिश करती है
इट इज बिकॉज द मैग्नेटिक फ्लक्स लाइंस रिपेल ईच अदर व्हेन पासिंग थ्रू दी एयर और इसी इफेक्ट को हम क्या बोलते हैं
मैग्नेटिक स्प्रिंगिंग ठीक है जी तो ये एक इफेक्ट हुआ अब मैग्नेटिक सर्किट का काम खत्म अब
ये कुछ कांसेप्ट इलेक्ट्रोमैग्नेटिक इंडक्शन क्या होता है क्योंकि इसी पर आपका
जो वर्किंग है ट्रांसफॉर्मर की वो बेस यहां केवल आपको समझने वाला पोर्शन है ओनली फॉर
अंडरस्टैंडिंग ओनली फॉर अंडरस्टैंडिंग मतलब यहां आपको इसको रट्टा मार के जाने की कोई जरूरत
नहीं है यह पोर्शन एग्जाम में नहीं आता है जन यह चीज एग्जाम में नहीं पूछी जाती तो क्या है दो ल होते इलेक्ट्रोमैग्नेटिक
इंडक्शन के फर्स्ट ल क्या कहता है कि व्हेन एवर अ कंडक्टर इज प्लेस इन अ वरिंग मैग्नेटिक फील्ड ईएमएफ इंड्यूस एंड दिस
ईएमएफ इज कॉल्ड अ एन इंड्यूस्ड ईएमएफ एंड इफ द कंडक्टर इज अ क्लोज सर्किट देन द इंड्यूस्ड करंट फ्लो थ्रू इट मतलब ये है
कि जब भी किसी कंडक्टर को एक वैरिंग मैग्नेटिक फील्ड में रखा जाता है एक वैरिंग मैग्नेटिक फील्ड है उसके अंदर आप
कंडक्टर को रखते हो वेयरिंग का मतलब होता है अभी ये n है फिर ये s है थोड़ी देर बाद ये n बन जाए फिर ये s बन जाए फिर ये n बन
जाए या s बन जाए यानी कि फील्ड अगर चेंज हो रहा है और ऐसे फील्ड में अगर आप कोई कंडक्टर रखते हो तो उस कंडक्टर में एक
ईएमएफ इंड्यूस हो जाता है और अगर वो कंडक्टर क्लोज सर्किट है तो एक करंट उसमें फ्लो करना शुरू कर जाती है तो ये तो था
हमारा फर्स्ट लॉ ठीक है दूसरा क्या है द मैग्निटिया कि जो ईएमएफ इंड्यूस होगा e इक्वल टू होगा वो होगा n d फ / dt8 ऑफ
चेंज ऑफ फ्लक्स के बराबर होगा जो ईएमएफ इंड्यूस होगा अब देखो कई बार ऐसा जरूरी थोड़ी होता है मोटर के केस में ऐसा नहीं
होता है वहां पर आपका फील्ड फिक्स होता है आप क्या करते हो उसमें कंडक्टर को मूव करा देते हो तो अलग-अलग तरीके से हो सकता है
या तो फील्ड वेरी कर रहा हो तो कंडक्टर स्टेशनरी है तो भी करंट प्रोड्यूस हो जाएगी लेकिन अगर फील्ड स्टेशनरी है तो
कंडक्टर को मूव करा दो कंडक्टर मूव करेगा उसको फील्ड वेरी करता हुआ दिखेगा तो भी करंट प्रोड्यूस हो जाएगी तो दोनों ही जगह
ये एप्लीकेशन काम आ जाती है तो दिस इज द लॉ इलेक्ट्रोमैग्नेटिक इंडक्शन जिसकी वजह से एक वरिंग मैग्नेटिक फील्ड में अगर
कंडक्टर को रखा जाए तो उस परे एक ईएमएफ इंड्यूस हो जाता है जिसको हम इंड्यूस्ड ईम e बोलते हैं और e इक्वल टू होता है n d फ
/ dt50 ऑफ द कॉइल कोई कॉइल है हमारे पास उसकी ऐसी प्रॉपर्टी जिसकी वजह से से ये
अपने अंदर जाने वाली करंट का अपोज करता है क्यों क्योंकि जो इंडक्टेंस है अटेंड बाय द कॉइल ड्यू टू द सेल्फ इंड्यूस डीएमए
प्रोड्यूस्ड इन द कॉइल इट सेल्फ बाय चेंजिंग द करंट फ्लोइंग थ्रू इट तो यहां इस केस में जो हम e लेते हैं e = एडी /
उसको हम क्या बोलते हैं सेल्फ इंडक्टेंस दूसरी चीज आती है म्यूचुअल इंडक्टेंस म्यूचुअल इंडक्टेंस क्या होता है मान
लीजिए आपके पास दो कॉइल्स है अब दो कॉइल में एक कॉइल में आप करंट फ्लो करा रहे हो इसका मैग्नेटिक फील्ड बन रहा है इसका भी
मैग्नेटिक फील्ड बन रहा है ठीक है तो एक कॉइल की वजह से करंट तो हमारी जा रही है इस कॉइल में इसकी वजह से दूसरे कॉइल में
जो फ्लक्स लिंकेज होता है उसका जो इंडक्टेंस होता है उसको हम क्या बोलते हैं म्यूचुअल इंडक्टेंस जैसे कि इट म्यूचुअल
इंडक्टेंस बिटवीन द टू कॉइल डिफाइंड एज द प्रॉपर्टी ऑफ द कॉइल ड्यू टू व्हिच इट अपोज द चेंज ऑफ करंट इन द अदर कॉइल यहां
पे क्या था वो अपनी कॉइल का अपोज कर रहा है यहां पे अदर कॉइल का अपोज करता है या उसके पास में कोई कॉइल है उसका वो अपोज
करता है ठीक है तो उसको हम क्या बोलते हैं म्यूचुअल इंडक्टेंस करंट यहां जा रही है इसकी वजह से यहां जो इंडक्टेंस बनेगा वो
कहलाएगा म्यूचुअल इंडक्टेंस यहां ईएमएफ इंड्यूस हो रहा था तो वो सेल्फ इंड्यूस्ड ईएमएफ कहलाता था लेकिन इसकी वजह से यहां
मफ बनेगा e व यहां भी ईएफ बनेगा e2 तो जो e2 होगा वो कहलाएगा मचली इंड्यूस ईएफ क्योंकि वो इसकी वजह से यहां बन रहा है
ठीक है तो उसको हम क्या बोलते हैं मचली इंड्यूस ईएफ अब हम बात करेंगे अपने ट्रांसफॉर्मर
की देखिए ट्रांसफॉर्मर क्या होता है अभी तक जितनी भी चीजें आपने पढ़ी चाहे व पूरा मैग्नेटिक सर्किट पढ़ा उस
इलेक्ट्रोमैग्नेटिक इंडक्शन पढ़ा सेल्फ इंडक्टेंस ये सारी चीजें यहां पर आके यूज होने वाली बेसिकली हम जितनी चीज पढ़ रहे
थे ना वो सबका यूज कहां होगा इस ट्रांसफॉर्मर में होगा व सारे कांसेप्ट ट्रांसफॉर्मर में यूज होते अब सबसे पहले
बात करते कि ट्रांसफार्मर है क्या ऐसा तो है नहीं किय कोई नई चीज है आपने 11 या में भी थोड़ा सा इसके बारे में पढ़ा होगा
ट्रांसफॉर्मर क्या होता है बेटा ट्रांसफॉर्मर एक मशीन और यह मशीन कैसी है जो घूमती नहीं है जनरली हम यह सोचते हैं
कि मशीन जो होती है व रोटेट करती है ठीक है यह रोटेट नहीं करने वाली मशीन है और ये एक ऐसी मशीन है जो स्टैटिक है इसमें
कोई रोटेटिंग पार्ट नहीं होता है तो हम सबसे पहले क्या बोलेंगे कि ट्रांसफार्मर इज अ स्टैटिक मशीन स्टैटिक मतलब इसमें कोई
रोटेटिंग पार्ट नहीं है इसका कोई पार्ट मूव नहीं करता है ये स्टेशनरी रहती है ट्रांसफॉर्मर जैसा रखा दिखाई दे रहा है
वैसे ही दिखाई देगा कहीं इसमें कोई घूमने वाली चीज नहीं होती नो रोटेटिंग पार्ट तो ट्रांसफार्मर इज अ स्टैटिक डिवाइस या
स्टैटिक मशीन सबसे पहली लाइन हम यही लिखेंगे ए ट्रांसफॉर्मर इज अ स्टैटिक इलेक्ट्रिकल मशीन अब दूसरी बात करते इसका
काम क्या है इसका काम है वोल्टेज के लेवल को बढ़ाना या फिर घटाना जैसे आप घर में स्टेबलाइजर लगवाती हो उसका क्या काम होता
है अगर पीछे से वोल्टेज कम आ रहे है तो वो उसको बढ़ा दे या वोल्टेज ज्यादा आ गए तो उसको कम कर दे आप घर की एसी पे स्टेबलाइजर
लगाते हो क्यों लगाते हो कि वोल्टेज ज्यादा आ रहे हैं तो भी वो उसको नॉर्मल वोल्टेज सप्लाई करें और अगर कम आ रहे हैं
तो भी नॉर्मल सप्लाई करें इट मींस इट ट्रांसफॉर्मर कैन इंक्रीज और डिक्रीज दी वोल्टेज लेवल तो पहली चीज क्या हुई इट इज
स्टैटिक मशीन दूसरी चीज इट कैन इंक्रीज और डिक्रीज द वोल्टेज लेवल ठीक है तो ये वोल्टेज के लेवल को घटा सकता है या बढ़ा
सकता है ठीक है और उसके हिसाब से फिर यह करंट को भी घटाता या बढ़ाता है लेकिन यह सारे काम जब यह करता है उस समय पर
फ्रीक्वेंसी कैसी रहती है कांस्टेंट यह लाइन बहुत इंपॉर्टेंट है अब फ्रीक्वेंसी को चेंज नहीं करता है मतलब पहली चीज
स्टैटिक मशीन है दूसरी चीज वोल्ट के लेवल को घटाए या बढ़ाएगा जब वोल्टेज घटेगा तो करंट बढ़ेगी वोल्टेज बढ़ेगा तो करंट घटेगी
ठीक है दोनों चीजें साथ-साथ चलेंगी तो वोल्टेज और करंट भी चेंज हो रही है बढ़ाया घटा सकता है लेकिन इस दौरान फ्रीक्वेंसी
आपकी फिक्स रहेगी फ्रीक्वेंसी में कोई भी चेंज नहीं आएगा राइट तो ये चीज आप ध्यान रखेंगे अब बात करते हैं ये तो हो गई
डेफिनेशन ऑफ ट्रांसफॉर्मर अब बात करते हैं वर्किंग प्रिंसिपल की तो देखिए लिखा तो बहुत कुछ है मैं आपको इसको एक-एक पॉइंट को
डायग्राम की हेल्प से समझाता हूं सबसे पहले क्या होगा कि आप ट्रांसफार्मर के इधर की तरफ वोल्टेज सप्लाई करेंगे
ट्रांसफॉर्मर की दो साइड होती है एक को हम बोलते हैं प्राइमरी एक को बोलते हैं हम सेकेंडरी ट्रांसफार्मर की दो साइड होती है
दो वाइंडिंग लगी होती है तो जिस साइड पे आप सप्लाई देते हैं जिस साइड पर हम वोल्टेज लगाते जिस साइड को हम बिजली के
बोर्ड में लगाएंगे जहां से हम करंट देंगे उसको हम बोलते हैं प्राइमरी साइड जहां से आउटपुट लेते हैं उसको हम बोलते हैं
सेकेंडरी साइड प्राइमरी सेकेंडरी का फंडा क्लियर है कोई लेफ्ट और राइट नहीं जहां से सप्लाई देंगे वो प्राइमरी जहां से आउटपुट
लेंगे वो सेकेंडरी अभी बोर्ड प आप क्या दोगे कि सर इधर वाला प्राइमरी इधर वाला सेकेंडरी अभी मैं ट्रांसफार्मर आपको उठा
के हाथ में पकड़ा दूं तो आप कैसे कहोगे कि इसका इधर वाला प्राइमरी है कि इधर वाला वो तो हाथ में कैसे ही घुमा लो ऐसे घुमाओ या
ऐसे रख लो उससे मतलब नहीं होता जिधर से आप सप्लाई देते हो वो प्राइमरी जहां से आउटपुट लोगे वो सेकेंडरी तो मान लीजिए
हमने इधर से सप्लाई दी प्राइमरी साइड प प्राइमरी साइड प जो करंट होगी जो वोल्टेज होंगे जो नंबर ऑफ टर्न्स होंगे वो
प्राइमरी के ही होंगे सेकेंडरी पे सेकेंडरी के होंगे तो प्राइमरी के लिए सफिक्स यूज करते हैं वन सेकेंडरी के लिए
यूज करते हैं टू तो हमने इधर वोल्टेज दिया इसको हमने बोल दिया कि साहब इधर v1 है ठीक v1 हमने वोल्टेज दिया जब v1 वोल्टेज दिया
तो एक करंट यहां पे आई करंट आई i1 i1 करंट आएगी हमारी कॉइल में जाएगी और जैसे ही कॉइल में करंट फ्लो होगी इससे एक फ्लक्स
इस पूरी कोर में ये बन जाएगा ये जो फ्लक्स है जो आपको दिख रहा है 5m ये इस फ्लक्स जो है हमारा कोर में सेट अप हो गया ठीक है अब
फ्लक्स आपका कोर में सेट अप हो गया जब फ्लक्स कोर में सेट अप हो गया तो यह फ्लक्स क्या करेगा इस वाइंडिंग को कट
करेगा जिसके नंबर ऑफ टर्न्स क्या है n1 हमारी प्राइमरी वाइंडिंग के टर्न्स कितने हैं n1 जब ये फ्लक्स इस वाइंडिंग को कट
करता है तो अकॉर्डिंग टू इलेक्ट्रोमैग्नेटिक इंडक्शन अगर किसी कंडक्टर को एक मैग्नेटिक फील्ड कट कर रहा
है तो उसमें क्या होता है एक ईएमएफ इंड्यूस हो जाता है तो वो ईएमएफ क्या हो जाएगा बच्चों e1 तो जब यह फ्लक्स इस
कंडक्टर को कट करेगा तो यहां पर एक ईएमएफ इंड्यूस हो जाएगा e1 ठीक है क्यों क्योंकि फ इक्वल टू होता है 5m
सा ओमेगा t यहां हम साइन वेव दे रहे हैं v ए सा ओमेगा t अल्टरनेटिंग सप्लाई पे काम करता
है अल्टरनेटिंग सप्लाई देंगे तो फ्लक्स जो बनेगा वो भी अल्टरनेटिंग होगा यानी कि वरिंग फील्ड बनेगा वरिंग फील्ड जब इस
कंडक्टर को कट करेगा तो यहां एक ईएमएफ इंड्यूस हो जाएगा अकॉर्डिंग टू इलेक्ट्रोमैग्नेटिक लॉ ऑफ इंडक्शन जो अभी
मैंने लास्ट टॉपिक में बताया था तो ईएमएफ इंड्यूस हो गया अब एक चीज मुझे बताओ जब इस फ्लक्स के इस कंडक्टर को काटने से एक
ईएमएफ इंड्यूस हो गया तो बेटा यही फ्लक्स सेकेंडरी पे जो वाइंडिंग है इसको भी तो कट कर रहा होगा भाई इसमें से भी तो होके जा
रहा है यहां भी कंडक्टर है तो जब ये फ्लक्स सेकेंडरी की वाइंडिंग को कट करेगा तो एक ईएमएफ यहां पर भी इंड्यूस हो जाएगा
जैसे यहां इव आया सेकेंडरी पे इंड्यूस आ जाएगा तो इव कहलाएगा सेल्फ इंड्यूस्ड ईएमएफ e2 कहलाएगा म्यूचुअल इंड्यूस्ड
ईएमएफ इधर नंबर ऑफ टर्न्स n2 है अब इधर ईएमएफ आ गया और मैं अगर आउटपुट पे एक लोड लगा दूं या आउटपुट को क्लोज कर दूं तो एक
करंट इसमें फ्लो करना शुरू हो जाएगी जो कह लाएगी मेरी सेकेंडरी करंट i2 और इधर जो वोल्टेज होगा वो होगा v2 अब मैं क्या कह
सकता हूं के ट्रांसफॉर्मर में हमने इधर सप्लाई दी इधर सप्लाई दी इस वाइंडिंग में लेकिन ईएमएफ इंड्यूस हुआ सेकेंडरी में भी
और सेकेंडरी प करंट फ्लो होनी शुरू हो गई जबकि सेकेंडरी पर कोई भी सेकेंडरी और प्राइमरी का इलेक्ट्रिकली कोई कनेक्शन
नहीं है दे आर मैग्नेटिकली कनेक्टेड तो हम इसके डेफिनेशन में यह भी लिख सकते हैं कि इट
कैन ट्रांसफर करंट फ्रॉम प्राइमरी टू सेकेंडरी विदाउट एनी इलेक्ट्रिकल कनेक्शन किसी इलेक्ट्रिकल कनेक्शन के बिना भी करंट
प्रोड्यूस हो जाती है सेकेंडरी प ठीक है तो ऐसा किसम हो रहा है ट्रांसफार्मर में तो अब मैं देखता हूं क्या क्या हमने लिखा
है कंसिस्ट टू वाइंडिंग प्राइमरी सेकेंडरी मैंने आपको बता दिया जो सोर्स से कनेक्टेड है उसको प्राइमरी बोलते हैं जो लोड लेते
हैं उसको हम आउटपुट बोलते हैं जब प्राइमरी को हम सोर्स से कनेक्ट करेंगे तो एक मैग्नेटिक फ्लक्स बन जाएगा फाई ये आपको
बताया ये फ्लक्स आपका दोनों से लिंक करेगा प्राइमरी से भी सेकेंडरी से भी तो दोनों तरफ ईएमएफ प्रोड्यूस हो जाएंगे e1 और e2
यही मैंने आपको बताया एक कहलाएगा म्यूचुअल इंड्यूस्ड ईए e2 इस द सेकेंडरी वाइंडिंग इज क्लोज्ड तो करंट फ्लो करना शुरू कर
जाएगी तो ये पूरी वर्किंग मैंने आपको समझाई इधर आपने वोल्टेज दिया करंट आई फ्लक्स सेटअप हुआ फ्लक्स ने इसको भी काटा
इसको भी काटा दोनों वाइंडिंग को कट किया तो इधर ईएमएफ इंड्यूस हुआ e1 इधर इंड्यूस हुआ e2 अब अगर आउटपुट को क्लोज करते हैं
तो इधर करंट फ्लो होना शुरू हो जाएगी तो इसी को कहते हैं ट्रांसफॉर्मर का वर्किंग प्रिंसिपल यही इसी तरह से ट्रांसफॉर्मर
वर्क करता है अब एक चीज आप समझिए कि जब मैं वोल्टेज इधर का वोल्टेज दे रहा हूं इधर करंट है तो ये बेसिकली पावर को
ट्रांसफर कर रहा है ये कांस्टेंट पावर को ट्रांसफर कर रहा है तो हम एक डेफिनेशन ये भी लिख सकते हैं कि इलेक्ट्रिकल
ट्रांसफॉर्मर जो होता है य ट्रांसफॉर्मर इज इलेक्ट्रिकल मशीन दैट कैन ट्रांसफर पावर फ्रॉम वन सर्किट टू अनदर सर्किट ठीक
है इस सर्किट से पावर को ट्रांसफर कर रहा है फ्रॉम दिस सर्किट विदाउट चेंज इन फ्रीक्वेंसी पावर को ट्रांसफर कर रहा है
एंड पावर विल बी कांस्टेंट इस दौरान पावर हमारी कांस्टेंट रही क्यों मैंने आपको बताया था कि बेटा अगर हमारा प्राइमरी का
वोल्टेज v1 है सेकेंडरी का v2 है अब मुझे अगर v2 को बढ़ाना है ट्रांसफॉर्मर मेरा ऐसा है कि मैं v2 को बढ़ाना चाहता हूं या
इसका वोल्टेज अगर मेरा कम है तो इधर की जो करंट होगी ना वो मेरी बढ़ जाएगी और इधर का वोल्टेज अगर मेरा बढ़ रहा है ना तो इधर की
करंट मेरी जो है वो कम हो जाएगी तो इनका जो मल्टीप्लिकेशन होगा यानी कि पावर तो जो पावर इधर है वही पावर हमारी आएगी यानी कि
p इक्वल p ही ट्रांसफर होगी ठीक है तो यही तो हम समझाना चाह रहे हैं कि पावर ट्रांसफर कर रहा है कांस्टेंट बट विदाउट
चेंज इन फ्रीक्वेंसी और कोई इलेक्ट्रिकल कनेक्शन नहीं है वोल्टेज चेंज होता है करंट चेंज होती है पावर कांस्टेंट रहती है
तो तीनों चीजों आपको याद होनी चाहिए ऐसा नहीं कि केवल मैं रिवीजन की बात कर रहे तो कांसेप्ट को हम छोड़ देंगे नहीं यह ध्यान
रखिएगा हमेशा करंट चेंज होती है वोल्टेज चेंज होता है बट पावर कांस्टेंट रहती है फ्रीक्वेंसी कांस्टेंट रहती है तो दो चीज
चेंज होती है दो चीज कांस्टेंट रहती है चारों का आपको ध्यान रखना है राइट तो दिस इज द वर्किंग प्रिंसिपल ऑफ ट्रांसफॉर्मर
आप इसको देख लीजिए एक बार स्क्रीनशॉट लेना है ले लीजिए आगे बढ़ते हैं नाउ अब बात करते हैं टर्न्स रेशो की
ये भी देखो ये कांसेप्ट है ठीक है तो डायरेक्टली कोई क्वेश्चन यहां से नहीं आएगा बट हर क्वेश्चन में इसका यूज आएगा
ट्रांसफॉर्मेशन रेशो क्या होता है e इक्वल टू होता है - n1 d5 / dt2 = - n2 d5 /
dt2 / e1 इक्वल टू होता है n2 / n1 यही कहलाता है हमारा ट्रांसफॉर्मेशन रेशो k k इक्वल टू हुआ e2 / e1 या यह इक्वल टू होता
है n2 / n1 या यह इक्वल टू होता है v2 / v1 प्राइम और सेकेंडरी के लिए हम टू और वन ले रहे हैं लेकिन करंट के केस में उल्टा
होता है जिस साइड की वोल्टेज बढ़ती है करंट कम होती है तो करंट के केस में यह जो रिलेशन होता है मैं इसको अलग कलर से लिख
देता हूं ताकि आपको यह अच्छा सा दिखाई दे i1 अप आ2 ठीक है तो यह होता है हमारा के ट्रांसफॉर्मेशन रेशो के के इक्वल टू होता
है e2 अप e1 n2 अप n1 v2 अप v1 या आव अप आ2 अब एक क्वेश्चन टू मार्क्स में पूछ लिया जाता है अक्सर कि भैया यह बताइए कि
क्या हमारा ट्रांसफार्मर डीसी पे काम कर सकता है मैंने आपको अभी पिछले क्वेश्चन में बताया था कि यहां हम एसी सप्लाई लगाते
हैं v ए सान ओमेगा t क्या हो अगर मैं यहां पर डीसी सप्लाई लगा दूं तो क्या होगा अगर डीसी सप्लाई लगाएंगे तो यह काम नहीं करेगा
तो पहली चीज तो आपका आंसर आ जाएगा नो फिर आप कहेंगे क्या कि अगर हम डीसी सप्लाई देते हैं तो डीसी सप्लाई देने से
यहां जो फ्लक्स बनेगा वो आपका फई जो होगा वो कांस्टेंट होगा अगर फाई कांस्टेंट हो गया तो वैरिंग मैग्नेटिक फील्ड नहीं
मिलेगा वरिंग मैग्नेटिक फील्ड नहीं मिलेगा तो जब ये फ्लक्स इस कंडक्टर को कट करेगा तो यहां कोई भी ईएमएफ इंड्यूस नहीं होगा
यानी कि आपका जो फाई होगा वो कांस्टेंट होगा कांस्टेंट फाई होगा तो e जो होगा वो जीरो होगा e जीरो होगा तो आ भी आपका जीरो
होगा कोई करंट आपकी फ्लो नहीं होगी तो ट्रांसफॉर्मर वर्क नहीं करेगा टू मार्क्स में ऐसा क्वेश्चन आपसे अक्सर पूछ लेता है
ठीक है अब बात करते हैं टाइप्स ऑफ ट्रांसफॉर्मर की कंस्ट्रक्शन ऑफ
ट्रांसफॉर्मर तो ट्रांसफॉर्मर को हम तीन तरीके से क्लासिफाई कर सकते हैं ठीक है बेस्ड ऑन देयर पर्पस पर्पस क्या है कि या
तो ट्रांसफार्मर स्टेप अप होगा या स्टेप डाउन होगा स्टेप अप ट्रांसफॉर्मर का मतलब होता है अप अप का मतलब वोल्टेज के लेवल को
बढ़ाना कि या तो ट्रांसफार्मर आपके वोल्टेज के लेवल को बढ़ा देगा बढ़ाएगा मतलब आउटपुट प वोल्टेज ज्यादा मिलेगा इट
मींस v2 विल बी ग्रेटर दन v1 v2 विल बी ग्रेटर दन v1 और ट्रांसफॉर्मेशन रेशो में हमने पढ़ा है कि v2 / v1 = n2 / n1 या फिर
n2 इ ग्र n1 तो अगर ट्रांसफॉर्मर आपका कुछ ऐसा है कि आपके नंबर ऑफ टर्न्स सेकेंडरी पे
ज्यादा है ठीक है तो यह हो जाएगा n1 यह हो जाएगा n2 यह हो जाएगा v1 यह हो जाएगा v2 तो यह
कैसा ट्रांसफॉर्मर कहला लाएगा स्टेप अप ट्रांसफॉर्मर जिसमें वोल्टेज को वो इंक्रीज कर देता है इसी तरह से अगर
वोल्टेज को डिक्रीज कर रहा है तो हम उसको क्या बोल देंगे स्टेप डाउन ट्रांसफॉर्मर स्टेप डाउन ट्रांसफॉर्मर में आउटपुट हमारा
कम होगा इट मींस v2 इज लेसन v1 या n2 इज लेसन n1 तो यहां जो हमारी टर्न्स होंगे वो प्राइमरी के ज्यादा होंगे सेकेंडरी के
टर्न्स हमारे कम होंगे ठीक है n2 n1 ठीक है तो ये हो जाएगा हमारा स्टेप डाउन ट्रांसफॉर्म ठीक है जी तो दो तरीके के
ट्रांसफॉर्म हो गए स्टेप अप और स्टेप डाउन ट्रांसफॉर्मर फिर उसके बाद आती है ऑन द बेसिस ऑफ कंस्ट्रक्शन कोर टाइप
ट्रांसफॉर्मर एंड शेल टाइप ट्रांसफॉर्मर ये मैं आगे बताऊंगा अभी ऑन द बेसिस ऑफ सप्लाई दो तरीके के ट्रांसफॉर्म हो सकते
हैं या तो आप सिंगल फेज सप्लाई पे जो ऑपरेट कराते हो जो नॉर्मली आप अपने घर के स्टेबलाइजर में या इन सब चीजों में देखते
हैं वो सब सिंगल फेज ट्रांसफॉर्मर होते हैं जो घरों में यूज होते हैं लेकिन दूसरा होता है थ्री फेज ट्रांसफॉर्मर
ट्रांसफॉर्मर बड़े होते हैं जैसा कि आपके घर के बाहर जो ट्रांसफार्मर लग रहा होगा जहां से सारे घरों को सप्लाई जाती है या
जहां पे इलेक्ट्रिसिटी जनरेट हो रही है जो आपके पावर स्टेशन है वहां पर कैसे ट्रांसफॉर्मर होते हैं थ्री फेज
ट्रांसफॉर्मर होते हैं तो या तो आपके सिंगल फेज ट्रांसफॉर्मर होते हैं या फिर थ्री फेज ट्रांसफॉर्मर दो तरीके के
ट्रांसफॉर्म हो गए दूसरी टाइप बेस्ड ऑन कंस्ट्रक्शन कंस्ट्रक्शन के बेस पे अगर हम बात करें तो दो तरीके के होते हैं कोर
टाइप ट्रांसफॉर्मर एंड शेल टाइप ट्रांसफार्मर ये जो कुछ कंस्ट्रक्शन आपको दिख रही है ये कोर टाइप कंस्ट्रक्शन है
इसमें यह कोर होती है कोर पहले तो देखो आप दो चीज समझ लीजिए ट्रांसफार्मर के दो ही पार्ट है एक कोर और दूसरा वाइंडिंग कोर
होती है लोहे की स्ट्रिप्स होती है पतली पतली उनको जोड़ के एक मोटी सी फ्रेम बनाया जाता है उस फ्रेम को कोर बोलते हैं आयरन
का समझ लीजिए दूसरी तरफ वायर होती है उसको हम बोलते हैं वाइंडिंग तो ये चीज बारबार ध्यान रखिए कोर और वाइंडिंग कोर और
वाइंडिंग इसी पर फोकस रखिएगा ट्रांसफॉर्मर बड़े आराम से समझ में आ जाएगा अदर वाइज बहुत कंफ्यूजन होता है तो यह कोर है आपकी
ठीक है इस कोर पे आपने इधर की तरफ वाइंडिंग की इधर की तरफ भी वाइंडिंग की और इधर की तरफ हम वाइंडिंग कैसे करते हैं
प्रैक्टिकली अगर हम बात करें तो हम क्या करते हैं कि अ यह जो आपकी है इसमें एल शेप की स्ट्रिप्स होती है और हम एक लिंब पे ही
पहले प्राइमरी वाइंडिंग करते हैं फिर सेकेंडरी की लेयर फिर प्राइमरी की लेयर फिर सेकेंडरी की लेयर इस तरह से करते हैं
तो दोनों तरफ हमारी प्राइमरी और सेकेंडरी वाइंडिंग्स होती है प्रैक्टिकल ट्रांसफॉर्मर की बात कर रहे हैं अब इसमें
अगर आप ध्यान से देखें तो आपको यह जो वाइंडिंग है ना इसके चारों तरफ ये कोर दिखाई दे रही है ठीक है सॉरी वाइंडिंग जो
है वो कोर के चारों तरफ आपको दिखाई दे रही है इसने कोर का इतना हिस्सा लगा लिया इतना हिस्सा घेर लिया तो कोर के चारों तरफ
वेंडिंग ही वेंडिंग दिखाई दे रही है तो इसको हम कैसे लिखते हैं कि इन कोर टाइप ट्रांसफॉर्मर इन कोर टाइप
ट्रांसफॉर्मर वाइंडिंग सराउंड्स अ कंसीडरेबल पार्ट ऑफ कोर जो वाइंडिंग है वो कोर के चारों तरफ हमें दिखाई देती है तो
उसको हम क्या बोलते हैं कोर टाइप ट्रांसफार्मर और इस तरह के ट्रांसफॉर्मर जो होते हैं वो पावर ट्रांसमिशन में और
डिस्ट्रीब्यूशन में यूज होते हैं यानी कि जो बड़े ट्रांसफॉर्मर होते हैं हैवी ट्रांसफॉर्मर जो बनते हैं वो हम कोर टाइप
बनाते हैं जबकि शेल टाइप ट्रांसफॉर्मर जो होते हैं वो छोटे ट्रांसफॉर्मर होते हैं आपके मोबाइल चार्जर में एडॉप्टर में ऐसी
एप्लीकेशन में यूज करते हैं ठीक है शेल टाइप में क्या होता है कि आपकी इस तरह की स्ट्रिप्स होती है ई शेप की और जो ये बीच
वाली लिंब आपको दिख रही है इस पे हम वाइंडिंग करते हैं ठीक है और इसको ऊपर से आई शेप से बंद कर देते हैं तो कुछ इस तरह
की स्ट्रक्चर बन जाएगी ठीक है इसमें क्या करते हैं कि एक फ्रेम लेते हैं और उस फ्रेम पे पहले प्राइमरी वाइंडिंग करते हैं
फिर सेकेंडरी फिर प्राइमरी फिर सेकेंडरी फिर प्राइमरी फिर सेकेंडरी और फिर बाद में इसको निकाल लेते हैं जो वो वाइंडिंग
वाइंडिंग रह जाएगी उसको बीच वाली लिम पे ऐसे फसा देंगे आप देखिए यहां इस वाइंडिंग के चारों तरफ कोर है तो आप शेल टाइप में
क्या बोलते हो इन शेल टाइप ट्रांसफॉर्मर कोर सराउंड्स अ कंसीडरेबल पार्ट ऑफ वाइंडिंग हेंस इट इज नोन एज शेल टाइप
ट्रांसफॉर्मर शेल में है वो सारी वाइंडिंग उसको हम क्या बोलते हैं शेल टाइप ट्रांसफॉर्मर इसकी एप्लीकेशन जो है वो
छोटी एप्लीकेशन होती है छोटी-छोटी जगह पर यूज करते हैं जैसे एडॉप्टर्स में मोबाइल के चार्जर में या आपके जो घर के
स्टेबलाइजर वगैरह है उसमें यूज कर लेंगे ठीक है इन्वर्टर वगैरह में यूज कर लेंगे इस तरह की एप्लीकेशन में यूज करते लेकिन
जहां बड़े ट्रांसफॉर्मर की बात आती है पावर ट्रांसफॉर्मर की बात आती है वहां पर हम कोर टाइप यूज करते हैं ठीक है तो ये
हुआ आपके टाइप्स ऑफ ट्रांसफॉर्मर बेस्ड ऑन कंस्ट्रक्शन अब बात करते हैं ईएफ इक्वेशन इंपॉर्टेंट
है ठीक है जी यह थोड़ी सी इंपोर्टेंट है और एक चीज मुझे बताइए सबसे पहले अगर हम इक्वेशन को ड्रा कर रहे हैं तो हमारे पास
जो फ्लक्स था वह कैसा आया था हमने सप्लाई दी थी इवी ए साइन ओमेगा और उस v ए साइन ओमेगा की वजह से जो फ्लक्स हमारा कोर में
सेट अप हो रहा था वो फ्लक्स कितना था लेट फ्लक्स पा इक्वल टू कितना था 5m साइ ओमेगा t फ्लक्स कितना था फ इ 5m सा ओमेगा t और
जो ईएमएफ हमारा प्राइमरी प इंड्यूस हुआ था ईएमएफ इंड्यूस प्राइमरी का ले ले रहे हैं अभी एग्जांपल प्राइमरी ईएमएफ इंड्यूस्ड ऑन
प्राइमरी साइड तो प्राइमरी साइड पे जो ईएमएफ हमारा इंड्यूस हो रहा है वो कितना हो रहा है e1 इक्वल टू हो जाएगा कितना
होता है अभी आपको बताया था उसमें भी बताया था आपको जो लॉ बताया था - n1 d फ बा dt50 फ की वैल्यू रख दीजिए तो e1 इक्वल टू
कितना हो जाएगा - n1 d 5m d / हो जाएगा कोस
ओमेगा यह ठीक है साइन ओमेगा का होता है कोस ओमेगा है ना ठीक है अब इसको आप क्या लिख सकते हो साइन ओमेगा में कन्वर्ट अगर
करना चाहे तो हम लिख सकते व इ एव पा ए ओमेगा साइन ओमेगा टी माइनस पाई बायट से लिख सकते
हैं कंपेयर करें इसको स्टैंडर्ड इक्वेशन से कंपेयर इट विद स्टैंडर्ड इक्वेशन
स्टैंडर्ड इक्वेशन स्टैंडर्ड इक्वेशन क्या थी e इक्व साइन ओमेगा तो यह जो पूरी टर्म है यह
क्या हो जाएगी हमारी सो इक्वल टू हो जाएगा एव पा ए इन ओमेगा अब m आपको निकल के आ गया तो ईव आरएमएस कितना
होगा इसकी आरएमएस कितनी होती है बाय रट कितना है हमारे पास एव फ ए ओमेगा अपॉन रट याव इक्वल टू हो जाएगा एव पा ए 2 पाई ए
अपॉन अंडर रटू अंडर रटू से इसको जब सॉल्व करेंगे 2 पाई अपन रट करेंगे तोव इक्वल टू निकल के आता है हमारे पास
4.44 n1 5m * f दिस इज दी ईएफ इक्वेशन ऑफ ट्रांसफॉर्मर सिमिलरली e2 इक्वल टू हो जाएगा
4.44 n1 की जगह n2 कर दीजिए बस n2 5m * f ठीक है जी तो इस तरह से जो इंड्यूस्ड ईएमएफ है उसकी इक्वेशन आप यहां पर
इंपोर्टेंट है अक्सर एग्जाम में पूछ ली जाती है इसको आप अच्छे से तैयार करके गए ठीक है जिसको स्क्रीनशॉट लेना है वो ले
सकता है आगे क्वेश्चन पूछता है टू मार्क्स में टू मार्क्स देखो जो मैंने छोटे-छोटे
क्वेश्चन बीच-बीच में डाले ये इंपोर्टेंट क्वेश्चन है बेटा इनमें से कोई भी क्वेश्चन टू मार्क्स में आपसे पूछ जा सकता
है जैसे पहले क्वेश्चन डाल दिया था कि ट्रांसफार्मर डीसी प क्यों नहीं वर्क करता है ऐसे ही एक क्वेश्चन यहां पर डाल दिया
कि व्हाई द रेट ट्रांसफॉर्मर इ इन केवीए हमारा जो ट्रांसफार्मर होता है उसकी रेटिंग केवीए में क्यों होती है किलोवाट
में क्यों नहीं होती है यह क्वेश्चन आपसे पूछ लिया जाता है तो आप क्या बताएंगे कि सर ट्रांसफार्मर में जो लॉसेस होते हैं वह
दो तरीके के लॉसेस होते हैं एक होता है कोर लॉस जो आपकी दो ही चीज होती है ना एक तो मैंने क्या बताया दो पार्ट होते हैं
कोर और वाइंडिंग एक तो होता है कोर लॉस और दूसरा होता है हमारा कॉपर लॉस ठीक है
कोर जो लॉस होते हैं हमारे जो आयरन लॉस है या जो कोर लॉस है वो डिपेंड करते हैं किस पर वोल्टेज प यह किस पर डिपेंड करते हैं
वोल्टेज पे ठीक है जबकि यह जो लॉसेस है यह डिपेंड करते हैं हमारी करंट पे तो ये दोनों पर हमारे टोटल लॉसेस डिपेंड करते
हैं फेज एंगल पर डिपेंड ही नहीं करते इन दोनों के बीच का जो फेज एंगल है उससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि वो कितना है लॉसेस जो
हमारे सप्लाई होते हैं वो वोल्टेज और करंट से सप्लाई होते हैं ट्स व्हाई जो हमारी रेटिंग होती है वो वोल्टेज यानी कि वोल्ट
और करंट की यानी कि v और a केवी ए में हमारी रेटिंग दी होती है ट्रांसफॉर्मर की पावर फैक्टर पे डिपेंड नहीं करता इसलिए तो
दैट इज द रीजन व्हाई ट्रांसफॉर्मर इज इन केवीए नॉट इन किलोवाट तो ये दो नंबर का क्वेश्चन है आप एक बार जरूर पढ़ के जाएं
हो सकता है यहीं से इस तरह का क्वेश्चन आपको एग्जाम में मिल जाए बात करते हैं आइडियल और प्रैक्टिकल ट्रांसफॉर्मर की
आइडियल ट्रांसफॉर्मर क्या होता है और प्रैक्टिकल ट्रांसफॉर्मर क्या होता है तो आइडियल का मतलब होता है बिल्कुल आदर्श
यानी के ऐसा ट्रांसफार्मर जिसमें कोई भी लॉसेज ना हो जिसकी एफिशिएंसी 100% हो आप उससे जैसा चाह रहे हो बिल्कुल वैसा ही व
आउटपुट दे तो ऐसा तो वैसे पॉसिबल नहीं होता है ठीक है आइडियल ट्रांसफॉर्मर नाम की चीज एजिस्ट नहीं कर सकती है कुछ भी
आइडियल नहीं होता है ठीक है तो हम जोब कहते हैं कि भाई यह ट्रांसफॉर्मर है ठीक है यह ट्रांसफॉर्मर है आपका जब आप इसको
सप्लाई देंगे ठीक है व देंगे और यहां से आ जाएगा तो हम क्या चाहते हैं कि यह फ्लक्स इसमें सेट अप हो जाए ठीक है लेकिन उसके
साथ-साथ यह जो लीकेज फ्लक्स है यह भी होता है तो इन आइडियल ट्रांसफॉर्मर इन आइडियल ट्रांसफॉर्मर हम
किसको बोलेंगे आइडियल ट्रांसफॉर्मर कि अगर हमारा लीकेज फ्लक्स जो
है वो कितना मान लिया जाए लीकेज फ्लक्स हमारा जीरो है हम ये कह रहे हैं कि इसमें कोई फ्लक्स लीक नहीं कर रहा 100% जो
फ्लक्स है वो आपका यूजफुल है ऐसा होता नहीं है लेकिन हमें लिखना पड़ता है आईडियली हम उसको क्या मान ले रहे हैं जीरो
हम उसको कह रहे हैं और जो हमारे लॉसेस हैं i स्क्वा आ लॉस ये जो भी हमारे क्या होते हैं जीरो वाइंडिंग में भी कोई लॉसेस नहीं
हो रहे वाइंडिंग में हमने इतनी बढ़िया ले ली है कि उसके कॉपर में कोई लॉस है ही नहीं कोई रेजिस्टेंस है ही नहीं वायर का
बिल्कुल परफेक्ट वायर है तो अगर हमारे सारे लॉसेस जीरो हो जाए हमारा लीकेज फ्लक्स जीरो हो जाए तब हम उसको क्या
बोलेंगे आइडियल ट्रांसफॉर्मर बोलेंगे अदर वाइज वो क्या कहलाएगा आपका प्रैक्टिकल ट्रांसफार्मर कहलाएगा ठीक है तो क्या ऐसा
संभव है नहीं है ठीक है तो आडिल ट्रांसफॉर्मर केवल किताबों मेंही होता है प्रैक्टिकली एजिस्ट नहीं करता इसीलिए वो
प्रैक्टिकल ट्रांसफार्मर कहलाता है आइडियल ट्रांसफॉर्मर जिसमें हमारे सारे लॉसेस को अगर हम जीरो मान ले तो उसको हम क्या बोलते
हैं आइडियल ट्रांसफॉर्मर बोलते हैं और लॉसेस क्या हो गए लीकेज फ्लक्स को जीरो कर दीजिए लीकेज फ्लक्स नहीं होगा आयरन लॉसेस
नहीं होंगे तो हमारे जो क्या बोलते हैं आइडियल ट्रांसफॉर्मर कहलाएगा जो नॉर्मल ट्रांसफॉर्मर है
राइट आगे बढ़ते हैं अब आइडियल ट्रांसफॉर्मर ऑन नो लोड ये आपसे अक्सर पूछे जाते हैं लेकिन ये भी टू मार्क्सस का
ही क्वेश्च क्वेन है जनरली टू मार्क्स में ज्यादा पूछा जाता है फाइव मार्क्स में या सेवन मार्क्स में कमी ही आता है तो मान
लीजिए ये एक ट्रांसफार्मर है नो लोड का मतलब ये कि आउटपुट प आपने कोई लोड नहीं लगाया जब आउटपुट प कोई लोड नहीं लगाया है
तो यहां पर हमारी कोई भी करंट नहीं होगी या i2 हमारा जो होगा वो जीरो होगा केवल इनपुट पे करंट होगी e2 इंड्यूस जरूर होगा
क्योंकि आउटपुट कनेक्ट नहीं है कोई लोड नहीं है सर्किट क्लोज नहीं है तो करंट भी हमारी आउटपुट पे जीरो होगी इनपुट पे इस
समय प जो करंट फ्लो हो रही होगी इस टाइम पर इनपुट पर जो करंट फ्लो हो रही होगी वो कहलाए कीी हमारी नो लोड करंट आ नो लेकिन
जब आउटपुट पर कोई लोड ही नहीं है एक चीज आप समझिए जितना ज्यादा लोड होता है उतनी ज्यादा करंट होती है अगर आपका एसी चल रहा
है तो वो ज्यादा करंट लेगा पंखा चल रहा है तो कम करंट लेगा और अगर कुछ भी नहीं चल रहा है तो करंट नहीं जाएगी ना इसी तरह से
अगर ट्रांसफॉर्मर में एक तरफ लोड ही नहीं है तो करंट नहीं जाएगी लेकिन फिर भी इस समय पर एक बहुत थोड़ी सी करंट आपकी फ्लो
होती है ऑलमोस्ट 5 टू 8 पर ऑलमोस्ट 5 टू 8 पर करंट हमारी फुल लोड करंट की ऑफ फुल लोड करंट फुल लोड का मतलब होता है
मैक्सिमम लोड मैक्सिमम लोड प जो करंट हमारी हो सकती है उस करंट का 5 से 8 पर हमारी करंट यहां
पे फ्लो हो रही है तो इस ये करंट कर क्या रही है हमने आपको बताया था कि फ्लक्स को सेट अप करने के लिए एनर्जी की जरूरत पड़ती
है तो ये कोर इस फ्लक्स को सप्लाई कर रही है फ्लक्स को जनरेट कराने का काम कर रही है ठीक है कोर को मैग्नेटाइज करने का काम
कर रही है तो केवल इतनी करंट प्रोड्यूस हो रही है यहां पर जो इस फ्लक्स को कोर को मैग्नेटाइज कर रही है या इसमें फ्लक्स को
जनरेट कर रही है ठीक है तो इसको बोलते हैं नो लोड करंट नो लोड करंट क्या हो गई जो इस कोर में फ्लक्स को सप्लाई कर रही है या
फिर इसको मैग्नेटाइज करने का काम कर रही है अब इस नो लोड करंट के दो मेन कंपोनेंट होते हैं आ नो के दो दो मेन कंपोनेंट होते
हैं एक कंपोनेंट होता है आई डब् दूसरा कंपोनेंट होता है आई म आईडल कंपोनेंट क्या होता है वर्किंग कंपोनेंट इसको हम बोलते
हैं जो कि कोर के लॉस को सप्लाई करता है कोर के लॉस क्या हो गए जो आयरन लॉस होते हैं हमारे कोर में जो भी लॉसेस हो रहे हैं
ठीक है जैसे एडी करंट हो गया या फिर आपका जो और लॉसेस होते हैं जो कोर के अंदर लॉसेस हो रहे हैं उसको ये सप्लाई कर रहा
है लेकिन हम क्या मान रहे हैं आइडियल ट्रांसफॉर्मर तो ये आ w क्या हो जाएगा जीरो आड क्या हो जाएगा हमारा जीरो क्योंकि
क्या है ये आइडियल केस है ठीक है ये कैसा केस है आइडियल केस है आइडियल केस में तो हमने इसको जीरो मान लिया था कि हमारे कोई
भी लॉसेस नहीं हो रहे दूसरी चीज दूसरा कंपोनेंट था आई म आई म का काम है कोर को मैग्नेटाइज करना कोर को मैग्नेटाइज करना
तो ये तो हमारे लिए जरूरी कंपोनेंट है ये कोर को मैग्नेटाइज करेगा आई म ये जो कंपोनेंट है ये रेजिस्टिव कंपोनेंट है तो
ये आपका v और आ इस केस में सेम फेज में होते थे लेकिन यहां जो है यह मैग्नेटाइजिंग कंपोनेंट है यह वोल्टेज के
साथ 90 डिग्री का एंगल बनाएगा ये जो करंट होगी वोल्टेज के साथ 90 डिग्री का एंगल बनाएगी ठीक है तो दो कंपोनेंट हो गए आड और
आ म चूंकि आइडियल केस है तो आड 0 हो जाएगा आ म ही आपका रहेगा जो कोर को मैग्नेटाइज करेगा इस फ्लक्स को बनाने का काम करेगा
ठीक है तो केवल आ म आपका आएगा अब अगर हम इसका फेजर डायग्राम बनाए सो से इट इज फ्लक्स फ और यहां इस फ्लक्स जो वोल्टेज है
वो v1 है इसके अपोजिट में क्योंकि इंड्यूस्ड ईएमएफ जो होता है वो अपोजिट पोलैरिटी का होता है v = - e तो जहां v
होगा उसके अपोजिट में e आएगा और e1 e2 सेम साइड में रहेंगे तो ये v और फ जो करंट आएगी हमारी i म ये इससे 90° पे लैक कर रही
होगी करंट कैसी होगी मैग्नेटाइजिंग करंट है तो 90° लैक करेगी ड अगर होता तो वो सेम फेज में होता तो ये आ जाएगी आपकी
im9 10° पे लैक कर रही होगी सो दिस इज द फेजर डायग्राम ऑफ आइडियल ट्रांसफार्मर एट नो लोड एंड दिस आ विल बी इक्वल टू आ नो इन
दिस केस आ ले रहे हैं तो हम m ले लेते हैं आ नो इक्वल टू हो जाएगा आ दिस इज दी नो लोड करंट तो एक बार पढ़ लेते हैं हमने
क्या क्या लिखा है द प्राइमरी ड्रस अ वेरी स्मल करंट फ टू 8 पर ऑफ फुल लोड करंट आव व्हिच इज जस्ट
नेसेसरी टू प्रोड्यूस फ्लक्स इन द कोर जो फ्लक्स को सेट अप कर रही है एज इट इज़ मैग्नेटाइजिंग कोर इट इज़ कॉल्ड
मैग्नेटाइजिंग करंट डिनोटेड बाय आ एज़ द ट्रांसफॉर्मर इज़ आइडल द वाइंडिंग रिएक्टेंस इज़ ज़ीरो एंड इज़ प्योर
इंडक्टिव इन नेचर रिएक्टेंस ज़ीरो होगा और प्योर इंडक्टिव होगी आपकी नेचर में वाइंडिंग रेजिस्टेंस इज़ ज़ीरो नॉट
रिएक्टेंस वाइंडिंग रेजिस्टेंस इज़ ज़ीरो एंड इट इज़ प्योर
इंडक्टिव इन नेचर द मैग्नेटाइजिंग करंट इज़ वेरी स्मॉल एंड लैग v1 बा 90° एज़ इट इज़ प्योर इंडक्टिव दिस आई प्रोड्यूस
अल्टरनेटिंग फ्लक्स फ च इ इन फेस वि आ इसकी वजह से फ प्रोड्यूस होगा जो कि अल्टरनेटिंग होगा और यह v से 90 डिग्री पर
लैक कर रहा है यही बताया था ठीक है द फ्लक्स लिंक विद बोथ द कॉइल ये जो फ्लक्स है दोनों से लिंक करता हैव e2 प्रोड्यूस
करेगा जो कि आपका v21 का अपोज कर रहे होंगे v1 के अपोजिशन में इसको दिखाया है ठीक है इंड्यूस e2 आल्सो अपोज ठीक है ये
सारी चीज जो मैंने आपको बताई वही यहां पर हमने लिखी है तो यह हो गया आपका आइडियल ट्रांसफॉर्मर ऑन नो लोड आगे बढ़ते हैं
हो गया तो इसको हम डिलीट कर देंगे बाद में इस पेज की जरूरत नहीं है हमें ठीक आगे बढ़ते हैं अब आइडियल ट्रांसफॉर्मर हो गया
अब बात करते हैं प्रैक्टिकल ट्रांसफॉर्मर की तो देखो आइडियल और प्रैक्टिकल में क्या डिफरेंस था एक कि वहां आईड जीरो था वहां
आईड नहीं था यहां आईड आ जाएगा अब क्या होगा सेम चीज है लोड नहीं है बहुत कम करंट फ्लो कर रही है बट ये जो करंट होगी आन
इसके दो कंपोनेंट होंगे कौन-कौन से एक आईड और एक आई म या आ यह आपके कोर के लॉस को सप्लाई करेगा जबकि
यह आपका कोर को मैग्नेटाइज करने का काम करेगा यह कोर को मैग्नेटाइज करने का काम करेगा या फाई को सेट अप करेगा ठीक है तो
दोनों काम हो गए यह आपका इन फेज होगा व के कक रेजिस्टिव होगा इन फेज विद ी और यह 90 डिग्री पर होगा तो जब हम इसका फेजर
बनाएंगे जो फई आपने बनाया था अबकी बार दो कंपोनेंट है एक है आ w जो कि वोल्टेज के साथ सेम फेज में होगा अगर वोल्टेज यहां है
तो आड यहां होगा जबकि जो आ होगा वो 90 डिग्री पे होगा आ आपका 90° पे है और इस आ और
आड का जो रिजल्टेंट होगा वो होगा हमारा आनो तो इन दोनों का हमने रिजल्टेंट निकाला वो कहलाएगा हमारा i नो जो कि एंगल बना रहा
होगा फ नो ठीक है तो दिस इज दी i आ न तो ये फेजर डायग्राम हो जाएगा प्रैक्टिकल ट्रांसफॉर्मर का ऑन नो लोड ठीक है तो यहां
पर अगर मैं i0 के कंपोनेंट निकालूं तो i इक्व टू कितना हो जाएगा i0 क फन अब देख लीजिए ये i न है ये एंगल फन है ऊपर वाला
तो इसका जो कंपोनेंट बनेगा एंगल के साथ i क फन और i न आ इक्वल टू कितना हो जाएगा i0 सा फन तो हमने यही लिखा है i =
i0 क फन i म या i = i0s फन और i नॉ इक्वल टू हो जाएगा इन दोनों का रिजल्टेंट ट इ दिस ठीक है पावर फैक्टर हो जाएगा कॉस फ तो
कॉस फ निकाल देंगे आईड अप आन इ कॉस फ पावर हो जाएगी p इ v1 आन कॉस फन क्योंकि आउटपुट प कुछ है ही नहीं तो पव पावर होगी v1 आन
कॉस फन ठीक है तो दिस इज द प्रैक्टिकल ट्रांसफार्मर ऑन नो लोड जब हम नो लोड की बात कर रहे हैं ठीक है तो नो लोड पर आप
ध्यान रखेंगे दोनों कंपोनेंट होंगे आपके यह कॉपर लॉस नहीं स्मल अमाउंट ऑफ कोर
लॉस कॉपर ल नहीं बेटा कोर लॉस को सप्लाई करता है ठीक है प्राइमरी कोर लॉस ठीक है आगे बढ़े चलिए अब एक क्वेश्चन
देख लेते हैं क्या क्वेश्चन है आपको दिया हुआ है सॉल्यूशन आपको इसका करना है ये 25 केवी है ट्रांसफार्मर है
33/2 33 वोल्ट को कन्वर्ट कर रहा है 230 वोल्ट में यानी के v1 इक्वल टू हो जाएगा 3300 एंड v2 इक्वल टू हो जाएगा 230 वोल्ट
ठीक है और सिंगल फेस ट्रांसफॉर्मर हैज नो लोड करंट आई नॉ इक्वल टू हो जाएगा आपका 15 एंपियर
ठीक है न एक्साइटेड ऑन लोड वोल्टेज साइड ऑन लोड वोल्टेज साइड एंड कंज्यूम ी 50 वोट य लोड नहीं है बेटा य लो वोल्टेज
साइड है में भी लिखने में गड़बड़ हो रही है ये लो वोल्टेज साइड है अब लो वोल्टेज
साइड तो हमारी 230 है यानी कि आप जो v1 लेंगे वो इसको v1 लेंगे और इसको हम v2 लेंगे ठीक है क्योंकि लो वोल्टेज साइड प
एक्साइटन बोल रहा है वन एक्साइटेड ऑन लो वोल्टेज साइड लो वोल्टेज साइड प अगर आप एक्साइटन दे रहे हो तो यानी कि इसको हम v1
मान लेंगे इसको हम v2 मान लेंगे तो v1 इक्वल टू कितना हुआ 230 वोल्ट आनो कितना हो गया 15 एंपियर पावर कितनी हो गई 350
वाट आपसे पूछ रहा है कैलकुलेट द टू कंपोनेंट ऑफ दी करंट कंपोनेंट होते हैं आड इ आन क फन i m इक्वल टू होता है i न सा फन
तो क फ और सा फ चाहिए बेसिकली आपको आन आपको गिवन है यहां से फ आपको चाहिए तो फ कहां से मिलेगा p इक्वल टू होता है v1 आन
क फन तो क फन इक्वल टू हो जाएगा p अप v1 आन p कितना है हमारे पास 350 एंड v1 कितना है 230 इन कितना है 15
तो यह इक्वल टू आ जाएगा इसको मैं सॉल्व कर लेता हूं 350 डिवाइडेड बाय 230 इन 15 इक्वल
टू इ 230 एंड आन इक्व 15 कॉस फन इक्वल टू आ रहा है 0101 य आ गया कॉस फन एंड यहां से फन अगर
निकाले तो फ न आ जाएगा
8417 तो साइन फन आ जाएगा 0 प 99 ठीक है तो यह आपके पास वैल्यूज आ
जाएंगी य दोनों वैल्यूज आ गई अब आप निकाल सकते हैं कोस फन साइ फ हो गया आपके पास आपको
10 ठीक है और यह कितना है 15 इन साइन फन हो जाएगा 0.99 तो यह कितने आ जाएगी आईड इक्वल टू 15
इन 101 यानी के य आ जाए 1.51 एंपियर आई डब् एंड आई नो आ जाएगा 15 99 यानी कि
1485 यह आईम य दोनों कंपोनेंट आपसे पूछे थे इस तरह से आप इसको सॉल्व कर सकते हैं राइट आगे बढ़ते बात करते हैं ट्रांसफॉर्मर
ऑन लोड अब ये थोड़ा सा बड़ा ट्रिकी पार्ट है पूरे चैप्टर का जहां पर आपको यह समझना है कि लोड पर क्या हो होता है जब
ट्रांसफॉर्मर लोड में रहेगा तब क्या होगा तो आप ध्यान से इसको समझिए बहुत प्यार से समझिए तो क्या होगा मैं इसको एक काम करता
हूं थोड़ा सा इरेज कर देता हूं पहले ताकि आपको समझाने में मुझे आसानी रहे ठीक है ना मैं इसको थोड़ा सा इस करंट को इरेज कर
देता हूं पहले मैं इसको आव ही लिखता हूं है ना ताकि आपको समझने में आसानी रहे ये लीजिए ठीक है
जी अब आप समझिए हमने इधर सप्लाई दी अब थ्योरी जो लिखी है इसको आप थोड़ी देर के लिए भूल जाओ मैं आपको जो समझा रहा हूं
केवल उसको आप ध्यान हमने क्या किया प्राइमरी साइड पर एक सप्लाई दी v1 सप्लाई को दिया जैसे ही v1 सप्लाई देते हैं i1
करंट फ्लो होगी अभी तक जो पढ़ रहे थे i1 करंट फ्लो होने से एक फ्लक्स आपका फाई इसमें सेट अप हो जाएगा ठीक है यह जब
फ्लक्स फाई इस पूरी कोर में सेट अप हो जाएगा तो ये फ्लक्स कट करेगा इस प्राइमरी वाइंडिंग को और यहां पर एक ईएमएफ इंड्यूस
हो जाएगा e1 ए एट द सेम टाइम यह फ्लक्स इस सेकेंडरी वाइंडिंग को भी कट करेगा तो यहां पर फ्लक्स प्रोड्यूस हो जाएगा सॉरी ईएफ e2
अब इसकी वजह से e1 भी प्रोड्यूस हो गया e2 भी प्रोड्यूस हो गया यहां तक तो सेम है जो हमने कंस्ट्रक्शन में पढ़ा था फिर हमने
इसपे लगाया लोड आउटपुट प हमने कोई लोड लगा दिया क्योंकि हम पढ़ रहे हैं ट्रांसफार्मर ऑन लोड जब आपने लोड लगाया एक करंट फ्लो
होना शुरू हो गई यहां तक तो सब चीज ठीक चल रही थी अब दिक्कत आएगी यहां से क्या दिक्कत आई कि जब ये i2 फ्लो करनी शुरू हुई
तो जैसे यहां i1 के फ्लो होने से फ्लक्स बन रहा था लेकिन यहां i2 आ गई अब i2 की वजह से भी तो फ्लक्स बनेगा और i2 की
डायरेक्शन i1 से अपोजिट है यानी कि जो इसका फ्लक्स बन रहा था इस ये जो फ्लक्स बन रहा था सपोज इसकी
डायरेक्शन यह थी अब यह जो i2 प्रोड्यूस हुई यह i2 जब इस वाइंडिंग में फ्लो करेगी तो यह अपना फ्लक्स बनाना शुरू कर देगी अब
यह भूल गई कि ये किसी और से था ठीक है लेकिन जब कोई ताकत मिलती है तो उसका यूज करने लगते हैं वो तो आ2 ने ताकत दिखाई और
आ2 ने क्या कहा कि यहां पर इसने एक अपोजिट डायरेक्शन में फ्लक्स को सेट अप कराना शुरू कर दिया फ अब फटू के आते ही यह कह
रहा अच्छा भाई ऐसा कैसे हो सकता है भाई जितना रिक्वायर्ड फ्लक्स है वो तो हमें चाहिए ना तो ये फ्लक्स क्या करेगा यह फटू
इसको वीक करने की कोशिश करेगा अगर यह वीक कर पाया तो कोर तो डी मैग्नेटाइज होने लगेगी डी मैग्नेटाइज होगी तो का करना ये
बंद कर देगा ट्रांसफॉर्मर तो ऐसा तो ट्रांसफॉर्मर नहीं चाहेगा तो यह प्राइमरी साइड को जब पता चलेगा कि अच्छा बेटा आपने
यहां पर हमने तो तुम्हें i2 दिया और तुम ही फ्लक्स प्रोड्यूस करके हमारे वाले को कम कर रहे हो तो यह फिर अपनी ताकत दिखाएगा
यहां करंट ऑटोमेटिक बढ़ना शुरू हो जाएगी जो करंट पहले आ नो थी व करंट अब इसने एडिशनल करंट को सप्लाई करना शुरू कर दिया
आव ड एंड दिस आईव ड विल बी इक्वल टू आ2 जितनी करंट यहां प्रोड्यूस हो रही थी उतनी करंट इसने इधर बढ़ा दी ठीक है अब जब इसने
करंट बढ़ाई तो इधर का जो फ्लक्स था फ अब उसने भी एक और एडिशनल फ्लक्स सप्लाई करना शुरू कर दिया फव ये फव इस फट के बराबर
होगा यानी कि जो फ तो था वो तो अलग था एडिशनल करंट i1 ड इस i2 के इक्वल इसने अपनी बढ़ा ली जब इसने अपनी करंट बढ़ाई तो
इस करंट की वजह से फ्लक्स बना फव इस फव ने इस फट के इफेक्ट को कैंसिल आउट करना शुरू कर दिया जो ये i2 बना रहा था अब ये i2
जितना बनाता है उतना ही i1 ड बनाता है जिसकी वजह से ये इस वाले फ्लक्स को कैंसिल करता रहेगा और जो मेन फ्लक्स था फई जो
हमारा आन सप्लाई कर रहा था वो हमारा बना रहेगा यानी कि जो यूजफुल फ्लक्स था जितना हमें चाहिए वो मेंटेन रहेगा जो एडिशनल
फ्लक्स ये i2 बना रही थी इस i2 को खत्म करने का काम किया इस i1 ड ने ठीक है तो जो हमारा मेन फ्लक्स था फाई वो हमारा मेंटेन
रहेगा ठीक है तो इस तरह से आपका यह ट्रांसफार्मर लोड पे काम करता है बात समझ में आई थोड़ा सा कॉम्प्लिकेटेड जरूर है
मैंने कोशिश की है बहुत आराम से आपको समझाने की फिर से समझिए हमने सप्लाई दी करंट i1 = आन ने फ्लक्स फ सेट अप कर दिया
जब लोड करंट इसमें i2 फ्लो करने लगेगी ये i2 अपना ही फ्लक्स सेट अप कर देगी लेकिन अपोजिट डायरेक्शन में जो वीक करने की
कोशिश करेगा मेन फ्लक्स फा को ऐसा होना नहीं चाहिए तो प्राइमरी उतनी ही करंट एक्स्ट्रा सप्लाई करनी शुरू कर देगा जितनी
ये 2 थी इससे फ्लक्स बना 51 और यह 51 इस फट को न्यूट्रलाइज करने की कोशिश करेगा न्यूट्रलाइज कर देगा तो जो मेन फ्लक्स फ
है वो आपका मेंटेन रहेगा ठीक है सो दिस इज दी वर्किंग ऑफ ट्रांसफार्मर ऑन नो लोड यही चीज मैंने पूरी इसमें लिखी है कैसे व्हेन
द सेकेंडरी इज केप्ट ओपन इट ड्राज नो लोड करंट आ नो जा रही थी मैग्नेटाइज कर रहा था खत्म व्हेन लोड इज कनेक्टेड द सेकेंडरी ऑफ
द करंट i2 फ्लो थ्रू दर सेकेंडरी वाइंडिंग i2 फ्लो होने लगी इस i2 ने भी n2 i2 एएए बनाया जिसकी वजह से आपका फ्लक्स फट सेट अप
हो गया और ये जो फट है ये अपोज करेगा मेन फ्लक्स को ठीक है ये फट जो है मेन फ्लक्स को अपोज करेगा अब अपोज करने के चक्कर में
क्या हुआ द रिजल्टेंट फ्लक्स ऑफ ट्रांसफॉर्मर डिक्रीज ठीक है और डिक्रीज होगा तो इंड्यूस्ड एमएफ e1 भी डिक्रीज
होगा तो v1 की स्ट्रेंथ जो है वो ज्यादा है e1 से तो वो क्या करेगा एक एडिशनल प्राइमरी करंट i1 ' ड्रॉ करनी शुरू कर
देगा जब ऐसा होगा तो एडिशनल करंट की वजह से ओरिजिनल वैल्यू आपकी रिस्टोर करेगा फाई को यानी कि उसको न्यूट्रलाइज कर रहा है
ठीक है i1 ' इज इन फेज अपोजिशन विद दी सेकेंडरी करंट ये i1 ' इसके अपोजिट हो गई i2 ड के i2
के ठीक है तो ये अपोजिट आ जाएगी इस तरह से आपका जो फ्लक्स है फा वो मेंटेन रहेगा तो ये होती है वर्किंग ऑफ ट्रांसफॉर्मर ऑन
लोड अब इसका हम फेजर देख लेते हैं एक बार कि फेजर कैसे बनाएंगे इफ इट इज फा ठीक है अब मैंने i0 डायरेक्ट बनाया i म और ड नहीं
बना रहा i0 हमारा ये आ गया फन अब हमें क्या बनाना था कि हमारी प्राइमरी पर करंट आई थी i1 = आन प् आवड और i1 ड कहां से
मिली थी यह अपोजिट में थी i2 के तो हमने सबसे पहले क्या बनाया i1 आन बनाया यह हमने बनाया जो कि फ से फन डिग्री पे था इधर v1
और इधर e1 आपने दिखाया i2 जो होगा वो लैक कर रहा होगा हमारे e1 और e2 से ठीक है e2 हमारा इंडक्टिव लोड है तो
करंट हमारी लैक कर रही है तो हमने दिखाया कि i2 हमारी लैक कर रही है 52 से तो फिर हमने क्या बनाया i2 बनाया तो यह i2 आपका
बन के आ गया ठीक है ये i2 आया और अगर मुझे इस i1 को बनाना है तो मुझे चाहिए i1 ' और i1 ' i2 के अपोजिट है यानी कि इसके जस्ट
अपोजिट मैंने क्या बनाया i1 ' इसको मैं क्या लिखूंगा i1 ड i1 ' बन गया i बन गया इस i0 और i1 ' i0 और i1 ' का जो रिजल्टेंट
है वो होगी मेरी i1 तो यह मेरी i1 आ जाएगी इसका फेज एंगल बनेगा फव तो दिस इज द फेजर ऑफ ट्रांसफार्मर ऑन लोड प्रैक्टिकल
ट्रांसफॉर्मर का लोड पे फेजर आपका ये बन जाएगा ठीक है यही चीज मैंने यहां पर आपको मेंशन की है n1 अप i1 ड इ n2 अप i2 या i1
ड इ k * i2 ये इतनी हो जाएगी आपकी जो सप्लाई करेगा i1 ड इक्वल टू कितना हो जाएगा k * i2 इतनी करंट इसको सप्लाई करनी
पड़ेगी ठीक है द फेस डिफरेंस बिटवीन v1 एंड i1 गिव्स द पावर एंगल 51 ये हो जाएगा आव और v1 के बीच का एंगल यानी कि यह वाला
एंगल फव और पावर फैक्टर ऑफ द सेकेंडरी साइड डिपेंड अपॉन द लोड किस तरह का लोड लगाया उस पर पावर फैक्टर डिपेंड करेगा
टोटल करंट आव इक्वल टू कितनी हो जाएगी आन प्स आवड वो हमने यहां पे मेंशन कर दिया ठीक है तो दिस इज द ट्रांसफॉर्मर ऑन लोड
अब बात करेंगे कांसेप्ट ऑफ लीकेज रेजिस्टेंस लीकेज रिएक्टेंस एंड इक्विवेलेंट सर्किट रेफर टू प्राइमरी एंड
सेकेंडरी साइड देखिए कांसेप्ट ऑफ लीकेज रिएक्ट अब लीकेज रिएक्टेंस क्या है कैसे क्या
कांसेप्ट की जरूरत पड़ी वो इसलिए पड़ी जब आप इक्विवेलेंट सर्किट को डिजाइन करने की कोशिश करते हो ट्रांसफॉर्मर के तो व
दिखाना पड़ता है कि किस चीज को हम कैसे रिप्रेजेंट करते पूरे ट्रांसफॉर्मर को तो बना नहीं सकते तो मान लीजिए कि यह
ट्रांसफार्मर है ठीक है और इस ट्रांसफार्मर के लिए मैं बात करूं कि इस पर हमने य वाइंडिंग कर दी ठीक
है ये वाइंडिंग हमने कर दी अब इस ट्रांसफॉम में क्या क्या चीज होंगी देखो एक तोय हो रही है ठीक है इस वाइंडिंग जो
हो रही है इस वाइंडिंग का अपना रेजिस्टेंस होगा यानी कि सबसे पहले तो वाइंडिंग रेजिस्टेंस
होगा वाइंडिंग रेजिस्टेंस ठीक है क्या क्या होंगे प्राइमरी साइड की जो वाइंडिंग है इसमें
आरव होगा और इसका आ2 होगा तो ये आव और आ2 होगा ठीक है दूसरी तरफ जब हम इसमें फ्लक्स सेट अप करते हैं तो फ्लक्स बनने के बाद
यहां पर क्या होता है लीकेज फ्लक्स भी होगा कुछ लीकेज फ्लक्स होगा इसको भी शो करना पड़ेगा हमें ठीक है ये जो लीकेज
फ्लक्स होगा ये हो जाएगा x2 और इसको हम बोल देंगे x1 तो हमारा जो लीकेज फ्लक्स होगा लीकेज फ्लक्स वो क्या हो जाएगा हमारा
x1 और x2 प्राइमरी का x1 सेकेंडरी का x2 तो हम क्या बताएंगे कि जो हमारा जो टोटल रेजिस्टेंस और रिएक्टेंस है प्राइमरी पे
और सेकेंडरी पे प्राइमरी पे हमारे पास क्या-क्या आ जाएगा प्राइमरी प आ जाएगा r1 और x1 और सेकेंडरी पे हमारे पास क्या आ
जाएगा r2 एंड x2 ये दो चीजें हमें मिल जाएंगी अगर हम टोटल रेजिस्टेंस निकालना चाहते हैं प्राइमरी की साइड में या फिर
सेकेंडरी के साइड में अब एक काम और कर सकते हैं इसमें हम क्या कर सकते हैं सिंबॉलिकली प्रैक्टिकली तो ऐसा नहीं होता
है बट हम क्या कर सकते हैं फॉर सिंपलीफिकेशन हम सारी चीजों को एक साइड रख ले या तो प्राइमरी पे रख ले या सेकेंडरी
पे रख ले अभी हमारे पास क्या प्राइमरी का भी रेजिस्टेंस है सेकेंडरी का भी है प्राइमरी का रिएक्टेंस है सेकेंडरी का
रिएक्टेंस है लीकेज रिएक्ट जो लीकेज फ्लक्स आपको दिख रहा है इसका रिएक्टेंस लेकिन हम इसको प्राइमरी से
सेकेंडरी और सेकेंडरी से प्राइमरी पर भी दिखा सकते हैं उसको बोलते हैं रेफर टू प्राइमरी साइड या रेफर टू सेकेंडरी साइड
अब अगर मान लीजिए आपको टोटल लॉसेस दिखाने हो तो आप क्या कहोगे टोटल लॉसेस क्या होंगे लॉसेस
ऑन प्राइमरी ठीक है प्लस लॉसेस ऑन सेकेंडरी ठीक है अगर मैं आपको कहूं कि लॉसेस और
प्राइमरी कितने हो गए आप कहेंगे सर i1 स्क्वायर r1 i1 r1 ही तो था लॉसेस जो होते हैं वो केवल रेजिस्टेंस की वजह से होते
हैं यूनिट नंबर टू में आपने अच्छे से पढ़ा है प्लस लॉसेस ऑन सेकेंडरी सेकेंडरी की करंट i2 स्क्वायर और उसका रेजिस्टेंस r ये
इस तरह से लिख सकते हैं अब मान लो मैं सारे लॉसेस को अभी तो मैं प्राइमरी पर अलग सेकेंडरी पर अलग दिखा रहा हूं मैं आपसे
कहूं कि सारे को प्राइमरी दिखाओ या सारे को सेकेंडरी पर दिखाओ तो हम क्या कर सकते हैं मैं यहां से आव को कॉमन लेता हूं अगर
मैंने आव स्क्वा कॉमन लिया तो क्या हो जाएगा आ2 प्लस सॉरी ये आव है आव प्लस आ2 इन आ2 अपन आईव का होल स्क्वायर ठीक है ऐसे
लिख सकते हैं इसको वैसे ही लिखेंगे आव कॉमन लिया तो हम इसको क्या लिख सकते हैं कि आईव
स्क्वायर आव प्लस आव अपन आ2 होता है के तो आ2 अप आव क्या हो गया 1 अपन के यानी कि मैं इसको लिख सकता हूं आ2 अपन के स्क तो
यह जो टोटल रेजिस्टेंस हुआ या इसको मैं लिख सकता हूं आव स्क्वा आर0 आव क्या हो जाएगा यहां
पर आव प्स आ2 अपॉन k स्क्वा तो ये हो जाएगा टोटल रेजिस्टेंस रेफरड टू प्राइमरी यानी कि जब हमने प्राइम सेकेंडरी के
रेजिस्टेंस को उठा के प्राइमरी पे रखा इस रेजिस्टेंस को अगर मैं इधर लेके आना चाहता हूं तो मुझे क्या करना पड़ेगा r2 / k स्
करना पड़ेगा तब मैं इसको इधर लेके आ सकता हूं और इधर मैं r1 + r2 / k स् करके कर दूं तो कोई फर्क नहीं पड़ेगा ये आ जाएगा
सिमिलरली अगर मैं इसको सेकेंडरी पे करना चाहूं तो मैं क्या कर सकता हूं फिर मैं इसको लिख सकता हूं यहां से मैंने i2 को
कॉमन ले लिया तो अगर मैं i2 को कॉमन लेता हूं तो ये आ जाएगा r2 प्स r1 आव अपॉन आ2 का होल स्क्वायर ये स्क्वायर ठीक
है i1 अप आ2 इज के यानी कि मैं इसको लिख सकता हूं i2 स्क्वायर r2 प्स r1 के स् ठीक है या इसको लिख सकते हैं i2 स्
r02 r02 इक्वल टू कितना हो गया r2 प्स के स्क्वा r1 ठीक है तो जब हम सेकेंडरी प अगर बनाना चाह रहे हैं 02 का मतलब i2 कहां है
सेकेंडरी पे अगर मैं चाह रहा हूं कि बजाय r2 को इधर दिखाने के मैं चाह रहा हूं कि इस r1 को मैं यहां से उठा के यहां पर दिखा
दूं तो मुझे क्या करना पड़ेगा इसमें k स् से मल्टीप्लाई करना पड़ेगा तो दिस इस तरह से हम क्या कर सकते हैं प्राइमरी की चीज
को सेकेंडरी पे सेकेंडरी की चीज को प्राइमरी पे जब दिखाते हैं तो अगर इस साइड के पैरामीटर को सेकेंडरी पे शो करना चाहते
हो तो k स्क से मल्टीप्लाई कर दो और अगर इस साइड के पैरामीटर को प्राइमरी पे शो करना चाहते हो तो k स्क से डिवाइड कर दो
सिंपली ठीक है तो इस तरह से हम इसको कर सकते हैं अब बात करते हैं इसकी इक्विवेलेंट सर्किट की एग्जैक्ट
इक्विवेलेंट सर्किट तो अभी जैसे मैंने बताया आपको कि सबसे पहले आप क्या बताओ प्राइमरी वाइंडिंग
बनाओ और सेकेंडरी वाइंडिंग बनाओ ठीक है जी प्राइमरी वाइंडिंग में मैंने क्या-क्या चीज आपको बताई एक तो
मैंने आपको बताया उसका रेजिस्टेंस होगा वाइंडिंग का और दूसरा रिएक्टेंस होगा ठीक है और इसी तरह से सेकेंडरी का भी
रेजिस्टेंस होगा और लीकेज रिएक्टेंस होगा तो यह बन गया इसका इक्विवेलेंट सर्किट लेकिन प्राइमरी पे एक चीज एडिशनल होती है
क्या कि प्राइमरी से ही जो हमारी कोर है वो मैग्नेटाइज होती है वो मैग्नेटाइज वाला जो कंपोनेंट है नो लोड कंपोनेंट जिसको
बोलते हैं वह भी हमें यहां पर दिखाना पड़ेगा उसके दो पार्ट थे एक जो कोर के लॉस को सप्लाई कर रहा है दूसरा जो कोर को
मैग्नेटाइज कर रहा है यानी कि एक तो था आईड एक तो था आपका आर नो और दूसरा था न इसमें जो करंट जा रही थी वो आ नो और इसमें
जो करंट जा रही थी वो आ ठीक है और जो टोटल कर व थी आई न यहां जो करंट हमारी जा रही है वह है आईव
आरव एक्सव ठीक है यह हो जाएगा वव ठीक इधर जो मफ इंड्यूस हो जाएगा वो हो
जाएगा व ठीक है तो यह हो गई प्राइमरी साइड सेकेंडरी साइड पर इधर हो जाएगा ट ठीक है आ2 एक्सट एंड इधर की तरफ हो
जाएगा हमारा v2 और करंट हो जाएगी ठीक है तो यहां जो करंट सप्लाई होगी व हो
जाएगी आईव प्स आन आन आपकी य पर आप इसको शो करेंगे सो दिस इ द एट इक्विवेलेंट सर्किट ऑफ ट्रांसफॉर्मर एगजाम में क्वेश्चन ऐसे
आता है ड्र द इक्ट सर्किट ऑफ ट्रांसफार्मर आपको यह ड्र करके आना है ठीक है ड करने के बाद आप इसमें लिख देंगे
वेर आव एंड एक्सव आर क्या है रेजिस्टेंस एंड
रिएक्टेंस या इसको लिखेंगे लीकेज लीकेज रिएक्टेंस ऑफ प्राइमरी
साइड प्राइमरी साइड ठीक है आरट एंड आर रेजिस्टेंस एंड रिएक्टेंस ऑफ
सेकेंडरी साइड ठीक है और व एंड ट आप लिख लेंगे व क्या होगा
इंड्यूस मफ इंड्यूस्ड ईएफ ऑन प्राइमरी
साइड ठीक है ट हो जाएगा इंड्यूस मईएफ ऑन सेकेंडरी साइड ठीक है और आर न एक्स न क्या हो जाएंगे आर न हो जाएगा
कोर लॉस कंपोनेंट एक् नो हो जाएगा अ मैग्नेटाइजिंग
कंपोनेंट बस आपको क्या लिखना है इसको जितनी भी चीजें है लिख सकते जितना पेज में लिख सकते हैं उतना लिख दीजिए हर चीज को
डिफाइन करिए b1 क्या है प्राइमरी वोल्टेज b2 क्या है सेकेंडरी वोल्टेज i1 प्राइमरी करंट i2 सेकेंडरी करंट आन यह जो हो जाएगा
आपका नो लोड कंपोनेंट का यह आईड है आईड ईड और आईका वर्किंग कंपोनेंट और मैग्नेटाइजिंग कंपोनेंट इस तरह से आप क्या
कर सकते हो इस पूरे इक्विवेलेंट सर्किट को ड्रॉ कर सकते हो दिस इज नोन एज एग्जैक्ट इक्विवेलेंट सर्किट ऑफ ट्रांसफॉर्मर दिस
इज एग्जैक्ट इक्विवेलेंट सर्किट ऑफ ट्रांसफॉर्मर ठीक है इसके अलावा जब आपसे पूछा जाएगा तो सात नंबर में इतना तो करोगे
नहीं फिर क्या करोगे आप एग्जैक्ट इक्विवेलेंट सर्किट रेफर टू प्राइमरी प्राइमरी पर अगर रेफरड करना हो तब आप इसको
क्या बनाएंगे पहले प्राइमरी का सर्किट पूरा बना दो ठीक है पहले प्राइमरी का पूरा बना दीजिए
आव एक्सव आर नॉ
एकसन आन अब सेकेंडरी हमने क्या कहा है एकट इक्ट सर्किट रेफर टू प्राइमरी सारी चीजें प्राइमरी दिखानी है तो प्राइमरी पर दिखानी
है तो सेकेंडरी का जो रेजिस्टेंसस था वो भी दिखाना पड़ेगा सेकेंडरी का रिएक्टेंस भी दिखाना
पड़ेगा और इधर की तरफ फिर कुछ भी नहीं बचेगा ठीक है बस ठीक है ये हो जाएगा e1 और यह हो जाएगा e2 यह आ जाएगा आपका r2 ड और
यह हो जाएगा x2 ड डैश का मतलब क्या है कि हमने सेकेंडरी से उठा के इसको प्राइमरी पर डाल दिया प्राइमरी डाल दिया तो इसकी
वैल्यू कितनी थी जब हम उधर से लेकर आ रहे थे तो मैंने आपको कैसे बताया था कि आप के से इसको डिवाइड कर दीजिए के स्क्वा से
डिवाइड कर दीजिए सिमिलरली x2 अपन के स्क तो यह आप इस तरह से कर लेंगे यह आ जाएगा आपका
टोटल एजेक्ट इक्विवेलेंट सर्किट रेफर टू प्राइमरी साइड ठीक है ये हो जाएगा एजेक्ट इक्विवेलेंट सर्किट
रेफर टू प्राइमरी साइड तो इस तरह से आप निकाल देंगे ठीक फिर आपसे कहा जाए एट
इक्विवेलेंट सर्किट रेफर टू सेकेंडरी साइड तो इसमें आप क्या करें अबकी बार सारी चीजें प्राइमरी से हटा दो और कहां ले जाओ
सेकेंडरी प तो बेटा सेकेंडरी पर r2 और x2 तो पहले से ही थे r2 और x2 सेकेंडरी पर तो पहले से ही रहेंगे अब यहां से क्या लेके
जा रहे हो r1 एक्सव और नो लोड कंपोनेंट तो यहां से आपने नो लोड कंपोनेंट बना दिया ठीक है और आ
सॉरी r1 ड और एक्वड यह दोनों आ गए आवड जब हम सेकेंडरी प्राइमरी से सेकेंडरी पर जा रहे थे तो
मैंने क्या बताया था के स्क्वा से मल्टीप्लाई करना है जब r1 उधर से लाए तो r1 के स्क्वा इसी तरह से एक्वड हो गया
एक्सव के स्क्वा ठीक है और यह हो जाएगा आ न ड एक्स न ड ये भी ऐसे आ जाएगा आन ड ये हो जाएगी आ2 ठीक है इधर हम सप्लाई दे
देंगे v1 ठीक इधर करंट हो जाएगी आव तो दिस इज दी एग्जैक्ट इक्विवेलेंट सर्किट रेफ टू सेकेंडरी साइड सेकेंडरी साइड पर जब आप
इसको रेफर कर रहे हो तो यह हो गया एग्जैक्ट इक्विवेलेंट सर्किट रेफर टू सेकेंडरी साइड ठीक है जी
अब यह तो आ गया एग्जैक्ट इक्विवेलेंट सर्किट अब इसमें एक सेकंड रुको जरा नहीं हा अब इसमें आप एक काम और कर सकते हो
एप्रोक्सीमेट मॉडल भी कई बार पूछता है तो एप्रोक्सीमेट मॉडल
एप्रोक्सीमेट इक्विवेलेंट सर्किट
रिफर्ब प्राइमरी पे एप्रोक्सीमेट इक्विवेलेंट सर्किट बनाएंगे तब क्या करंगे इस नो नड कंपोनेंट को आप हटा देंगे इस नो
लोड कंपोनेंट की वैल्यू बहुत कम होती है तो इसको हम हटा देंगे अगर इसको हमने हटा दिया तो हमारा जो सर्किट बनेगा वो यह
बनेगा ठीक है तो ये हो जाएगा r1 एक्सव ये हो जाएगा आ2 अपन के स्क्वा और यह हो जाएगा एक्सट अपन के स्क्वा दिस इज आईव और यह हो
जाएगा v1 ठीक है e1
e2 एंड ठीक है तो यहां से आप क्या लिख सकते हो कि टोटल r01 r01 का मतलब क्या
है टोटल रेजिस्टेंस
रेफर्स सेंस रेफरड टू प्राइमरी साइड उसको लिख देंगे r1 प् आ2 अपन के स्क्वा सिमिलरली रिएक्टेंस कितना हो जाएगा लीकेज
रिएक्टेंस 01 इक्व टू एक्सव प्स एक्सट अपन के स्क्वा अगर आपको निकालना है ज0 यानी के टोटल इंपेडेंस
टोटल इपेंसिल वो कितना हो जाएगा z01 = r01 प् j एक 01 या आप ऐसे भी लिख सकते हो अंडर रूट
r01 स् + x01 स्क्वा ऐसे भी लिख सकते हो तो दिस इज दी टोटल रेजिस्टेंस रेफर टू प्राइमरी दोनों को सीरीज में है ऐड कर
दिया रिएक्टेंस दोनों सीरीज में है ऐड कर दिया और z निकालना है तो r01 + j एक 01 चाहे तो सारों को ऐड करके भी लिख सकते हैं
सो दिस इज दी एप्रोक्सीमेट इक्विवेलेंट सर्किट रेफर टू प्राइमरी सिमिलरली हम यहां पर भी कर सकते हैं क्या
एप्रोक्सीमेट इक्विवेलेंट सर्किट इक्विवेलेंट
सर्किट रेफरड टू सेकेंडरी अगर सेकेंडरी पर रेफर करते हैं तो प्राइमरी पर कुछ दिखाने की जरूरत नहीं
है ठीक है प्राइमरी पर कुछ नहीं दिखाएंगे सारी चीजें सेकेंडरी पर चली जाएंगी नो लोड कंपोनेंट को हटा देंगे तो यहां पर बन
जाएगा ठीक है इस तरह से तो ये r2 पहले से था x2 पहले से था इधर आ जाएगा के स्क्वा r1 और
ये आ जाएगा के स्क्वा एक्व ठीक है तो ये आ जाएंगे v2
आ2 e1 v1 ठीक है जी ये आ जाएगा तो ये हो गया
हमारा एप्रोक्सीमेट इक्विवेलेंट सर्किट रेफर टू सेकेंडरी यहां हमारे पास टोटल
रेजिस्टेंस रिएक्टेंस एंड इंपिटस
रेफर्स कितना हो जाएगा r01 इक्वल टू हो जाएगा 02 r02 इक्वल टू हो जाएगा r2
प् k स् r1 02 हो जाएगा x2 प्स के स्क्वा एक्सव और ज 02 हो
जाएगा r02 प्लस ज एक्स 02 या फिर अंडर रूट r02 स्क्वा प्स x02 स्क्वा यहां से
मैग्निटिया सेकरी साइड तो ये होगा एग्जैक्ट और एप्रोक्सीमेट में केवल इतना सा डिफरेंस है कि हमने नो लोड कंपोनेंट को
हटा दिया जब आप न्यूमेरिकल करेंगे तो इन मोस्ट ऑफ द केसेस इन मोस्ट ऑफ द न्यूमेरिकल्स आपको एप्रोक्सी मॉडल ही यूज
करना होता है ठीक है एप्रोक्सी मॉडल को ही हम यूज करते हैं तो दिस इज द इक्विवेलेंट सर्किट अगर इक्विवेलेंट सर्किट आता है तो
ये सारी चीजें आप उसमें कर डालो कुछ नहीं है बेटा चार पांच बार डायग्राम बनाना है एक ही डायग्राम को बनाना है कभी प्राइमरी
पर उठा के रख दिया कभी सेकेंडरी पर उठा के रख दिया इतना ही काम करना होता है ठीक है तो ये हुआ आपके चार तरीके से मैंने चार
पांच तरीके से मॉडल आपको बना के दिखाया आपको नहीं समझ में आता है ज्यादा कुछ नहीं करना तो पहले एग्जैक्ट बना दो फिर रेफर टू
प्राइमरी और सेकेंडरी एप्रोक्सीमेट बना दो ठीक है तो ये आप बना दीजिए अब देखिए एग्जांपल देखते हैं कई बार क्वेश्चन आया
हुआ है इसको देखते हैं क्या दिया हुआ है ये 20 केवी ट्रांसफार्मर
है ठीक है 200 बा 2000 बा 200 यानी कि ये हो गया आपका v1 और ये हो गया v2 तो के इक्वल टू होता है v2 अपन वव तो v2 कितना
है 200 और वव कितना है 2000 तो ये आ जाएगा / 10 के की वैल्यू निकल के आ जाएगी 1 बा 10 सिंगल फेस 50 ट्रांसफॉर्मर हैड
प्राइमरी एंड सेकेंडरी रिएक्टेंस यानी कि आव आपको दिया हुआ है कितना 1.5 ओम और एक्सव आपको दिया हुआ है 2 ओम आ2 भी दिया
होगा फिर r2 आपको दिया हुआ है 0 प0 ओम एक्स इक्वल टू दिया है
0.02 ओम आपसे कह रहा है नो लोड करंट आपको दी हुई है आई न इक्वल टू 1 एंपियर कॉस फ न इक्वल टू
0.2 आपसे पूछ रहा है इक्विवेलेंट रेजिस्टेंस रिएक्टेंस रेफरड टू प्राइमरी एंड सेकेंडरी तो फर्स्ट आपको करना
है इक्विवेलेंट रेजिस्टेंस एंड रिएक्ट
रिएक्टेंस रिफर्ब आप सेकेंडरी से प्राइमरी पर लेकर आते हो तो आप के स्क्वा से डिवाइड करते हो
अच्छा सेकेंडरी से लाएंगे किसे सेकेंडरी के रेजिस्टेंसस रिएक्टेंस को ना तो r2 और x2 को लेके आएंगे तो हमारे पास r01 कितना
हो जाएगा r1 तो हमारे पास प्राइमरी पर ऑलरेडी था हम तो r2 को लेकर आ रहे हैं तो r1 प् r2 अप k स् r1 कितना है 1 प 5 कितना
था 1.5 ठीक है प्लस r2 कितना है 0.015 अपन 1/10 का स्क्वायर यानी कि 100 से मल्टीप्लाई कर दीजिए तो ये भी 1.5 आ
जाएगा तो 1.5 + 1.5 = 3 ओम सिमिलरली x01 = कितना आ जाएगा x2 प् x2 अप k स् सॉरी एक्व प् एक्सट अप के स्क ये कितना था 2 प् 0.02
अपव बा 10 का स्क्वायर 100 से मल्टीप्लाई कर दीजिए ू आ जाएगा 2 प् 2 4 तो यह तो आ जाएगा आपके पास r01 एक्स आपसे पूछा है
प्राइमरी और सेकेंडरी दोनों के लिए ठीक है टोटल कॉपर लॉस भी पूछ लिए तो टोटल कॉपर लॉस भी निकाल देते हैं
प इक्वल टू हो जाएगा आईव स्क्वा r01 बट i1 हमारे पास नहीं है तो i1 निकाल लेते हैं पहले i1 कितना हो जाएगा i1 इक्वल टू हो
जाएगा p / v1 p कितना है हमारे पास पावर दी हुई है 20kv तो 20kv कितना हो जाएगा 20 * 10 की पावर 3 अप v1 कितना है हमारे पास
2000 ठीक है तो 1000 यह गया और ू से यह गया 10 तो i1 = 10 एंपियर तो p स इक्वल टू आ जाएगा i स्क्वा r01 मैं यहां पर इसलिए
निकाल रहा हूं यह सेकंड वाला पार्ट भी कुछ दिखाना चाहता हूं आपको एक फैक्ट आपको दिखाना चाहता हूं इसलिए मैं यहां पर निकाल
रहा हूं तो आव कितना हो जाएगा न स्क्वायर इन r01 कितना आया था 3 तो कितना आया प सय इक्व 100 * 3 यानी के 300 वाट जब मैंने
टोटल रेजिस्टेंस को प्राइमरी पर शिफ्ट कर दिया और उस समय मैं जब लॉसेज निकालता हूं तो कितने आते हैं 300 वाट अब मैं सेक
सेकंड करता हूं टोटल
रेजिस्टेंस एंड रिएक्टेंस
रेफर्स अगर सेकेंडरी पर रेफरड करते हैं तब क्या आता है बहुत इंपोर्टेंट न्यूमेरिकल है और
पूरे पूरे चांसेस है अगर वो थ्योरी वाला क्वेश्चन नहीं आया इस तरह का आपका न्यूमेरिकल जरूर आ सकता है रेफर टू
सेकेंडरी तो यहां पर r02 कितना होगा r2 पहले से रहेगा प्राइमरी वाले को उठा के लेकर जाएंगे सेकेंडरी पर
यानी के और कैसे लेके जाएंगे के स्क्वा से मल्टीप्लाई करके r1 तो ये कितना हो जाएगा r2 था
0.015 और यह हो जाएगा r1 था 1.5 इन 1 अप 10 का स्क्वायर यानी कि अपन 100 तो यह आ जाएगा आपका 0 प0
30 ठीक है 0.030 ओम ठीक है x02 कितना आ जाएगा x2 प्स के स्क्वा एक्सव एक्सट कितना था
0.02 प्लस 2 अप 100 यानी कि यह भी आ जाएगा 0.040 ओ तो r2 एक्सट निकल के आ जाएगा अब यहां पर यह तो सारा निकल गया ट रेजिस्टेंस
रिएक्टेंस आपका निकल के आ जाएगा कॉपर लॉस आपने प्राइमरी पर ऑलरेडी निकाल रखे हैं हालांकि क्वेश्चन कंप्लीट हो गया बट मैं
कह रहा हूं कि कॉपर लॉस आप सेकेंडरी पवर निकालते हैं तो मुझे i2 चाहिए होगा i2 इक्वल टू हो जाएगा p अप v2 p कितना है
अगेन 20 * 10 की पावर 3 अपन v2 कितना है हमारे पास 200 डिवाइड बाय 200 तो कितना जाएगा ये आ जाएगा जीरो से
जीट से 10 आ जाएगी 100 एंपियर ये कितना आ जाएगा 100 अब आप निकालिए प सय प सय इक्वल टू हो
जाएगा आ2 स्क्वा r02 आ2 स्क्वायर कितना हो जाएगा 100 का स्क्वायर यानी कि 100 इन 100 इन आ2 कितना आ जाएगा r02 है
0.030 जरा इसको सॉल्व करिए कितना आ जाएगा 0 100 से मल्टीप्लाई करोगे तो 3 आ जाएगा और 3 * 100
300 वाट तो एक चीज आप ने नोटिस की कि जितने लॉस जब हमने प्राइमरी पे टोटल रेजिस्टेंस
निकाल दिया था तब भी इतने ही आ रहे थे सेकेंडरी पे निकाल रहे तब भी इतने ही आ रहे क्यों क्योंकि हमने सारे रेजिस्टेंस
को किसी एक साइड पे रेफर कर लिया था तो चाहे तो आप ऐसा भी कर सकते हैं टोटल रेजिस्टेंस आपने प्राइमरी पे लगाया तब भी
लॉस आपके सेम आएंगे जब टोटल रेजिस्टेंस सेकेंडरी पे ले गए तब लॉस निकाला तब भी सेम आएंगे या अगर आप प्राइमरी के अलग
निकालते सेकेंडरी के अलग निकालते तब भी सेम आते हैं कैसे अगर आपके पास i1 है r1 निकाल दो i1 स् r1 कितना था व 1.5 तो आते
150 यहां पर हो जाता 100 015 150 150 प् 150 300 तो हर केस में लॉसेस विल बी कांस्टेंट लॉसेस आपके बराबर ही निकल के
आएंगे सो एक क्वेश्चन ये हुआ आपका अब आगे बढ़ते हैं लॉसेस की बात करते हैं क्योंकि अब टॉपिक आने वाला है हमारा एफिशिएंसी और
एफिशिएंसी के लिए पहले लॉसेस के बारे में जानना जरूरी है जब हम लॉसेस की बात करेंगे तो देखिए ट्रांसफॉर्मर में दो तरीके के
लॉसेस होते हैं एक लॉसेस ऐसे होते हैं जो थ्रू आउट द टाइम कांस्टेंट रहते हैं जिनका काम होता है कोर को सप्लाई करना जैसे जो
कोर के अंदर होते हैं कोर मैंने दो पार्ट बताए थे कोर वाइंडिंग फिर से वही आ जाओ कुछ लॉसेस जो कोर में हो रहे हैं कुछ
लॉसेस जो वाइंडिंग में हो रहे हैं कोर के जो लॉसेस है वो कांस्टेंट लॉसेस है वो हमारे कांस्टेंट लॉस है फिक्स लॉस है आयरन
लॉस बोलते हैं वाइंडिंग के लॉसेस आपके वेरिएबल लॉसेस हैं तो जब हम दो लॉसेस की बात कर रहे हैं एक कोर में जो रहे हैं एक
वाइंडिंग में जो र हैं कोर के लॉस कौन-कौन से होंगे फिक्स लॉस इसके कई नाम है कभी कोर लॉस बुलाते हैं कभी आयरन लॉस बोलते
हैं फिक्स लॉस भी बोलते हैं कांस्टेंट लॉस भी बोलते हैं ठीक है दो लॉसेस होते हैं एक होता है हिस्स लॉस और दूसरा होता है एडी
करंट लॉस हिसिस लॉस जो होते हैं वो आपके कोर के मटेरियल पे डिपेंड करते हैं जो कोर का मटेरियल है उस परे डिपेंड करेंगे तो
कोर के मटेरियल पर डिपेंड करेंगे यानी कि मटेरियल तो जो आपने लगा दिया एक बार वो फिक्स हो गया अब मटेरियल थोड़ी चेंज कर
सकते हो आप ठीक है तो क्या होते है व्हेन ए मैग्नेटिक मटेरियल इज सब्जेक्टेड टू द साइकल ऑफ मैग्नेट इजेशन एंड डी
मैग्नेटाइजेशन ए पावर लॉस अकर्स ड्यू टू दी मॉलिक्यूलर फ्रिक्शन इन दी मटेरियल देयर फॉर एनर्जी इज रिक्वायर्ड इन द
मटेरियल टू ओवरकम दिस अपोजिशन दिस लॉस बीइंग इन द फॉर्म ऑफ हीट एंड टर्म्स एंड रेसिस लॉस मतलब जब आप कोर को मैग्नेटाइज
करते हो और डी मैग्नेटाइज करते हो तो जो मॉलिक्यूल हैं वो एक डायरेक्शन में अलाइन हो जाते हैं फिर दूसरी डायरेक्शन में
अलाइन करना पड़ता है तो फ्रिक्शन उसमें डेवलप होता है जिसकी वजह से उसको लॉस हीट की फॉर्म में निकलते हैं तो बेसिकली लॉसेस
हो क् मैग्नेटाइजेशन और डी मैग्नेटाइजेशन की वजह से तो जितना आपका रिसिस लूप बनता है लूप कैसे बनता है कि अगर आप बीएच लूप
बना रहे हो ये बी है ये h है तो पहले आप मैग्नेटाइज करोगे फिर डी मैग्नेटाइज करोगे फिर मैग्नेटाइज करोगे तो यह लूप बनता है
जितना बड़ा ये एरिया होगा उतने ही ज्यादा आपके लॉसेस होंगे ठीक है तो यह फिक्स हो गया हमारा मटेरियल के लिए होता है जितना
हर मटेरियल का अलग लूप बनेगा तो ये किस पे डिपेंड करेगा मटेरियल पे द एरिया ऑफ स्टेस लूप बी मैक्स की पावर 1.6 के डायरेक्टली
प्रोपोर्शनल होता है पी इक्वल टू हो जाएगा एफिशिएंसी ए बी मैक्स की पावर 1/6 f इनवी वट किस पे डिपेंड कर रहा है वोल्टेज प
लॉसेस किस पे डिपेंड करते हैं वोल्टेज प पहले ही बताया था जब रेटिंग की बात कर रहे थे तो दिस इज द रिसस लॉस दूसरे होते हैं
एडी करंट लॉस एडी करंट लॉसेस होते हैं ड्यू टू द एडी करंट एडी करंट क्या होती है मान लीजिए जो कोर है यह उसकी सरफेस है जो
कोर की सरफेस होती है उस सरफेस पर कुछ सर्कुलर करंट प्रोड्यूस होती है सर्कुलर करंट प्रोड्यूस होती है इन करंट को हम
क्या बोलते हैं एडी करेंट्स इन करंट को हम क्या बोलते हैं एडी करेंट्स और एडी करंट की वजह से ये मेन करंट को वीक करती है
जिसकी वजह से लॉसेस होते हैं ठीक है तो लॉसेस ड्यू टू दी एडी करंट आर एडी करंट लॉसेस अब बात ये आती है कि इस लॉसेस को
मिनिमाइज कैसे करते हैं तो ये किस चीज पे डिपेंड कर रहे हैं डिपेंड कर रहे हैं सरफेस के एरिया पे सरफेस का एरिया कोही
अगर मैं कम कर दूं तो अगर मैं कोर ऐसे बनाता हूं तब तो लॉसेस ज्यादा होंगे लेकिन मान लीजिए कि मैं इसी कोर
को इसी कोर को मैं पतली पतली स्ट्रिप्स में ब्रेक कर दूं इस पतली पतली स्ट्रिप्स में ब्रेक कर
दूं ठीक है और अगर मैंने ऐसा कर दिया तो जो मेरा एक स्ट्रिप का एरिया है ये मेरी एक स्ट्रिप आ रही है सपोज इतनी मोटी
हालांकि प्रैक्टिकली इतनी मोटी भी नहीं होती है बिल्कुल पतली लाइन जितनी पतली होती है जितनी ये दिख रही है इससे भी पतली
होती है इस लाइन में दो या तीन स्ट्रिप बन जाएंगी इतनी पतली स्ट्रिप्स का हम यूज करते हैं तो उसके सरफेस का एरिया ही नहीं
बचा जब एरिया ही नहीं बचा तो इस पे जो लॉसेस होंगे जो इसपे जो करंट प्रोड्यूस होगी वो बहुत कम होगी लेकिन उसके लिए हमें
क्या करना पड़ता है ये जो कोर हमने बनाई स्ट्रिप्स जो हमने बनाई इसको हम बोलते हैं थिन लैमिनेटेड
कोर थिन लैमिनेटेड कोर थिन लैमिनेटेड कोर मतलब पतली पतली स्ट्रिप्स में हमने उसको ब्रेक किया और लैमिनेट कर दिया लेमिनेट का
मतलब उसको एक वार्निश की कोटिंग में डिप कर दिया क्यों किया क्योंकि ऐसा नहीं है कि हम एक कोर का यूज करेंगे हम तो ऐसी
पतली पतली बहुत सारी स्ट्रिप का यूज करके एरिया टोटल इतना ही बनाना है लेकिन अगर उसको लैमिनेट नहीं किया तो फिर से मिलके
वो एरिया तो बराबर ही हो जाएगा ना लैमिनेट करने से क्या हुआ कि सारी कोर एक दूसरे से इंसुलेटेड है तो इफेक्टिव एरिया जो होगा
एक कोर का वो इतना ही रहेगा ठीक है और हमारी इतनी बड़ी कोर भी बन जाएगी क्योंकि मैग्नेटिक सर्किट के लिए कोई इंसुलेशन
नहीं होता है इलेक्ट्रिकली हमने उसको इंसुलेट कर दिया तो करंट उसमें प्रोड्यूस हो नहीं पाएगी तो इस तरह से हम एडी करंट
को मिनिमाइज कर सकते हैं ठीक है एडी करंट का फार्मूला हो जाएगा प = के ब स् f स् t स् * v e स्क्वा इज द थिकनेस ऑफ द
लैमिनेशन कितनी मोटी थिकनेस आप इसकी रख रहे हो ठीक है उसके ऊपर लॉसेस डिपेंड करेंगे तो थिकनेस को जितना हो सकता है
उतना कम रखते हैं दिस आर दी कांस्टेंट लॉसेस नाउ दूसरे टाइप के लॉसेस हो गए कॉपर लॉसेस कॉपर लॉसेस क्या होंगे जो वाइंडिंग
में लॉसेस होंगे वाइंडिंग के रेजिस्टेंस में जो लॉसेस होंगे दैट इज आ स् आ लॉस और स्क्वा आर लॉस डिपेंड करते हैं आ पे करंट
ज्यादा होगी तो लॉसेस ज्यादा होंगे करंट कम होगी तो लॉसेस कम होंगे ट्स व्हाई दज लॉसेस आर आल्सो नोन एज वेरिएबल लॉसेस पहले
वाले क्या थे कांस्टेंट अब जो सरफेस एरिया एक बार आपने बना दिया कोर का वो फिक्स हो गया ना तो वो लॉसेस भी फिक्स हो गए इस तर
सेस लॉस भी फिक्स हो गए और कॉपर लॉसेस जो है ये करंट पे डिपेंड करेंगे करंट बढ़ेगी तो लॉसेस बढ़ेंगे करंट घटेगी तो लॉसेस घट
दैट्ची वो क्या हो गए आयरन लॉस प्लस कॉपर लॉस पीई प्लस पीसीयू पीआई हो गए आयरन लॉस पीसीयू हो गए कॉपर लॉस रिड्यूस के मेथड
मैंने आपको हैंड टू हैंड बता दिए चॉइस ऑफ मटेरियल पे डिपेंड करता है यूज ऑफ थिन लैमिनेटेड कोर से आप एडी करंट लॉसेस को कम
कर सकते हो रेजिस्टेंस को जितना हो सकता है उतना कम कर सकते हैं जितना कम रेजिस्टेंस रहेगा उतने ही लॉसेस हमारे कम
रहेंगे तो बस हमारे पास एक ही ऑप्शन है कि रेजिस्टेंस को कम कर दे करंट तो सिचुएशन के अगेंस्ट वेरी करेगी ही करेगी ठीक है
दिस आर सम मेथड ऑफ ड्यूसिन लॉसेस इन ट्रांसफार्मर अब बात करते हैं एफिशिएंसी की एफिशिएंसी क्या होती है तो एफिशिएंसी
का मतलब होता है बेटा कि हम कितना इनपुट दे रहे हैं और कितना आउटपुट हमें मिल रहा है ठीक है हम मेहनत तो बहुत कर रहे हैं
आउटपुट नहीं मिल रहा है इसका मतलब एफिशिएंसी लो है हम पढ़ तो बहुत रहे हैं 24 घंटे पढ़ रहे हैं टॉपिक हमसे एक कवर
नहीं हो रहा है इट मींस हमारी एफिशिएंसी लो है तो एफिशिएंसी का मतलब है कितना इनपुट दिया कितना आउटपुट हुआ और बीच में
कितना लॉस हुआ लॉसेस को हमने पढ़ लिया आपने ट्रांसफॉर्मर इनपुट दिया कुछ लॉसेस हो गए वो लॉसेस को निकाल दो क्या होगा
आपने मशीन को इनपुट दिया ठीक है इनपुट पावर दी ठीक है इनपुट पावर देने के बाद यहां से कुछ लॉसेस निकल गए ठीक है लॉसेस
निकलने के बाद जो बचा वही तो आपको आउटपुट पर मिला तो आप क्या लिख सकते हो इनपुट माइनस लॉसेस
इनपुट माइनस लॉसेस कितना क्या हुआ हमारा आउटपुट ठीक है आउटपुट इल टू हो गया इनपुट माइनस लॉसेस या इनपुट को हम लिख सकते हैं
आउटपुट प्लस लॉसेस ठीक है इस तरह से हम लिख सकते हैं य ट्रांसफॉर्मर है तो अब एफिशिएंसी क्या
होती है एफिशिएंसी टा इक्वल टू होती है आउटपुट अपॉन इनपुट आउटपुट अपॉन इनपुट ठीक है
आउटपुट अपॉन इनपुट आउटपुट क्या होता है हमारा
v2 आट कॉस फ यह हो गया हमारे पास पावर आउटपुट और इनपुट क्या होता है आउटपुट प्लस लॉसेस या इसको हम लिख सकते हैं आउटपुट
अपॉन इनपुट को मैं क्या लिख सकता हूं आउटपुट प्लस लॉसेस आउटपुट प्लस लॉसेस तो मैं इसको लिख
सकता हूं आउटपुट v2 आट कॉस फ प्लस लॉसेस कितने थे मेरे पास दो लॉसेस थे प प्लस पीसीयू सो दिस इज माय फुल लोड एफिशिएंसी
अगर परसेंटेज में निकालना चाहते हो तो इंटू 100 दिस इज द फार्मूला ऑफ फुल लोड एफिशिएंसी फुल लोड मतलब मैक्सिमम मैक्सिमम
नहीं टोटल जितना भी लोड के लिए बना है अगर फुल लोड हम इस पे डाल दे तो ये हमारी एफिशिएंसी का फार्मूला है अब इसमें एक
पूछा जाता है कई बार कि जरूरी थोड़ी है हर समय ट्रांसफॉर्मर फुल लोड पे काम करे कभी आधे लोड पे काम करता है कभी 25 पर लोड काम
करता है कभी वह 75 पर लोड पर काम करता हैय जो फ्रैक्शन ऑफ लोड है तो आप इसको कह सकते हैं
एफिशिएंसी एफिशिएंसी एट फ्रैक्शन ऑफ लोड फ्रैक्शन ऑफ लोड पर अगर एफिशिएंसी निकालनी है तो आप क्या कर सकते
हो उस फ्रैक्शन को समझिए अगर मान लीजिए लेट एट हाफ लोड हाफ लोड हाफ लोड का मतलब क्या है कि जो
हमने फ्रैक्शन लिया है इक्वल टू कितना ले लिया 1/2 हाफ लोड का मतलब हमने x को कितना लिया 1/2 या फिर
0.5 एक्स हमारा कितना हो गया 0.5 ये हमारा फ्रैक्शन है अब अगर हमें ऐसी सिचुएशन आ रही है या किसी और लोड पर निकालना है और
एट एनी लोड ऑफ फ्रैक्शन एक अब मान लीजिए कोई कह रहा हाफ लोड तो हो
जाएगा 0.5 कोई कह रहा है 1/4 लोड तो हो जाएगा फ्रैक्शन 1/4 कोई कह रहा है 3/4 लोड पर काम करना है तो फ्रैक्शन हो जाएगा 3/4
तो x की वैल्यू चेंज हो जाएगी अकॉर्डिंग टू लोड फार्मूले में क्या चेंज आएगा वो आप देखिए ध्यान से फ्रैक्शन से आपकी करंट कम
होगी फ्रैक्शन से वोल्टेज तो हमारा कांस्टेंट रहता है करंट आपकी उसी प्रोपोर्शन में कम हो जाती है या ज्यादा
हो जाती है अगर आपकी फ्रैक्शन यानी कि लोड आपका आधा हो गया तो करंट भी आधी हो जाएगी तो हम हमें क्या ध्यान रखना है कि
जहां-जहां करंट है वहां वहां फ्रैक्शन को आप फिक्स कर दो जैसे अगर आपको एफिशिएंसी निकालनी है एट x लोड एट x लोड आपका
फार्मूला होना चाहिए v2 i2 क फ इसमें कितनी बार करंट आ रही है ये करंट आ रही है ना तो बस करंट के साथ में आप क्या लगा
दीजिए x लगा दीजिए यहां पे फार्मूले में क्या कर दिया आपने ऊपर की तरफ i2 था तो हमने x यहां पे लगा दिया ठीक है यानी कि
लोड भी हमारा आधा हो जाएगा भाई v2 i2 मान लीजिए 100 केवीए का ट्रांसफार्मर है और हम उसको 50 केवीए पे चला रहे हैं तो हाफ लोड
का मतलब कितना हो गया 1/2 तो 100 का आधा कितना हो गया 50 तो 1/2 से डिवाइड कर मल्टीप्लाई करना
पड़ेगा सिमिलरली नीचे जो फार्मूला है इसमें भी v2 y2 आ रहा है तो यहां पर भी x लगा दो v2 y2 क फ अच्छा प करंट पे डिपेंड
ही नहीं करता तो प पे कोई फर्क नहीं पड़ेगा प एज इट इज रहेगा लेकिन पसी सोचिए ये i स् पर डिपेंड कर रहा है करंट के
स्क्वायर पर आ स्क्वा आ तो यहां पर हम क्योंकि आ स्क्वायर पर डिपेंड कर रहा है तो यहां पर हम क्या लगाएंगे x स्क्वा प
सय सो इस फार्मूले का यूज करके आप किसी भी लोड प एफिशिएंसी निकाल सकते हो फुल लोड प अगर निकालना है तो x इक्वल टू हो जाएगा व
x की वैल्यू वन रखो यही फार्मूला आ जाएगा हाफ लोड प निकालना है x की वैल्यू 1/2 रखो तो हाफ लोड प निकल के आ जाएगी x की वैल्यू
25 पर प निकाल ना है 25 रखो 25 पर लोड प निकल के आ जाएंगे तो दिस इज द फार्मूला ऑफ एफिशिएंसी एट एनी लोड कोई भी फ्रैक्शन ऑफ
लोड हो उसपे आप एफिशिएंसी को निकाल सकते हैं राइट सो दिस इज दी एफिशिएंसी ऑफ अ ट्रांसफॉर्मर अब बात करते हैं कंडीशन ऑफ
मैक्सिमम एफिशिएंसी तो फार्मूला ऑफ एफिशिएंसी मैक्सिमम कब होगी तो ये होता है v2 i2 क फ अपॉन v2 आ2 क फ + प
प्लस आ2 स्क्वा r02 प सय को मैंने क्या लिख दिया आ स्क्वा आ प सय को हमने क्या लिख दिया आ स्क्वा आ फॉर मैक्सिमम
एफिशिएंसी यह मैक्सिम की कंडीशन आपने ऑलरेडी पढ़ी है फॉर मैक्सिमम एफिशिएंसी इसको डिफरेंशिएबल
मैस डिफरेंट करते हैं बायडी आट इक्वल टू हो जाएगा नोमिन को तो ए इट रख देंगे ट आट कॉस फ प्स प प्स आट
स्क्वा आ2 और यहां आ जाएगी इसको ए इट रख देंगे ट वाटू कॉस फ ए2 को इट रख देंगे प प्स आ2 स्क्वा आ2 ठीक है और पहली टर्म को
डिफरेंशियली टर्म को एज इट रख देंगे v2 वाटू कॉस फ और पहली टर्म को डिफरेंशिएबल i2 स्
r02 ठीक है इक्व 0 यह आ जाएगी कंडीशन डिनॉमिनेटर को उधर ले जाओ ज़ीरो हो जाएगा यहां से अ v2c फ यहां भी मिल जाएगा यहां
भी मिल जाएगा इक्वेट कर दो और रो को इस साइड ले जाओ यह भी खत्म हो जाएगा तो v2 i2c फ यहां से और v2 i2c फ यहां से उठा के
उधर ले जाओ रो के इक्वेट कर दो खत्म हो जाएगा तो या मैं इक्वेट कर देता हूं v2 क फ हमने कॉमन ले लिया तो यहां पर क्या
बचेगा v2 आ2 कॉस फ प्स प प्स आ2 स्क्वा r02 माइनस केवल i2 बचेगा आ2 के अंदर मल्टीप्लाई कर दीजिए v2 आ2 कॉस फ माइनस आ2
को इसमें मल्टीप्लाई करेंगे तो 2 आ2 आ जाएगा ना य प तो ये आ जाएगा 2 आ2 स्क्वा r02 ठीक है तो ये आ जाएगा इक्वल
0 अब ये वाली टर्म उधर ले जाओ तो जीरो में चली जाएगी और यहां से हम देखें तो v2 y2 कॉ फ से v22 कॉ फ खत्म हो जाएगा और आ2 स्क
r02 - 2 आ2 स्क r02 तो क्या बचेगा केवल इतना बचेगा प माइनस आ2 स्क्वा r02 = 0 या प इक्वल टू ये चीज क्या है p इक्वल टू पसी
तो प इक्वल टू आ जाएगा पसी ठीक है तो इस चीज को आप देख लीजिए एक बार ये हो जाती है आपकी एफिशिएंसी
मैक्सिमम एफिशिएंसी ठीक है तो जब हमारे दोनों लॉस आयरन लॉस और कॉपर लॉस इक्वल होते हैं उस मूवमेंट प
हमारी एफिशिएंसी मैक्सिमम होती है तो हम कह सकते हैं कि व्हेन आयरन
लॉस आर इक्वल टू कॉपर लॉस देन द
एफिशिएंसी विल बी मैक्सिमम अब यह हुई जब हम फुल लोड की बात कर रहे अगर फुल लोड चल रहा है और मैक्सिमम
एफिशिएंसी निकालनी है तो यह आ जाता है फॉर एनी लोड फर एनी अदर लोड अगर किसी और लोड पर आप
निकालना चाह रहे हो तो प शुड बी इक्व एक् स् पसी तब हमारे पास कंडीशन निकल के आती है प इ x स् पसी तो यह भी आप याद रख लेंगे
कि किसी और लोड पर अगर निकालना है तो प इक्वल टू आ जाएगा x स्क्वा पसी तो ये डेरिवेशन है बहुत इंपोर्टेंट डेरिवेशन है
तो जब एफिशिएंसी आपसे पूछी जाएगी तो यह डेरिवेशन बहुत इंपॉर्टेंट है एक मैंने मार्क कराया आपका इक्विवेलेंट सर्किट का
एक ये इन दो में से एक क्वेश्चन जरूर आएगा आपके एग्जाम में या तो एफिशिएंसी का आएगा या आपका इक्विवेलेंट सर्किट का आएगा दो
में से एक क्वेश्चन जरूर आता है अब बात कर लेते हैं इससे रिलेटेड कुछ टर्म्स की लोड करंट की आप बात करेंगे कि भाई लोड करंट
कितनी होती है तो कैसे निकालेंगे जो आपके लॉसेस होंगे एट फुल लोड तो आप कहेंगे कि i2 स्क्वा r02 =
प प फुल लोड पे है ना मैक्सिमम एफिशिएंसी पे तो मैक्सिमम एफिशिएंसी पे है तो i2 एट मैक्सिमम एफिशिएंसी फुल लोड नहीं एक सेकंड
इसको मैं ह स्क्वायर आर 02 इक्व टू प यह हम लिख सकते हैं मैक्सिमम एफिशिएंसी
पर ठीक है और यहां से मैं क्या लिख सकता हूं आट स्क्वायर आट एट मैक्सिमम एफिशिएंसी स्क्वायर इक्वल टू हो जाएगा प अपन आ r02
और अगर मैं इस स्क्वायर को हटाऊ इसको मैं लगा सकता हूं अंडर रूट दोनों साइड में डिवाइड कर दीजिए i2 ट मैक्सिमम एफिशिएंसी
अपॉन i2 फुल लोड फुल लोड करंट से मैं इसको डिवाइड कर दूं तो इक्वल हो जाएगा 1 अप i2 फुल लोड * अंडर रूट प / r02 अब अगर मैं इस
i2 को अंदर लेके जाता हूं तो स्क्वायर बना के अंदर लेके जाऊंगा ठीक है तो अंदर हो जाएगा ये जाके i2 स् r02 आ2 स्क्वायर r02
ठीक है तो यहां पर हम इसको लिख सकते हैं आ2 एट मैक्सिमम एफिशिएंसी अपॉन आट फुल लोड इक्वल टू अंडर रूट प अपॉन ये आट फुल
लोड अंदर जाके हो जाएगा आ2 स्क्वायर फुल लोड इन r02 दैट इज कॉपर लॉस एट फुल लोड तो आ2 अगर आप निकालेंगे मैक्सिमम एफिशिएंसी
पर तो वो कैसे निकालेंगे फुल लोड करंट इनटू प अपॉन पीसी ठीक है तो यह फार्मूला आ जाएगा करंट का मैक्सिमम एफिशिएंसी पर
कितनी करंट होगी आट मैक्सिमम एफिशिएंसी पर करंट हो जाएगी आट फुल लोड इनटू प अपन पसी य आई है ना
प तो ये आ जाएगी अब आपको केवीए निकालना है मैक्सिमम एफिशिएंसी पे तो केवीए कैसे निकालेंगे वो भी देख
लीजिए k एट मैक्सिमम एफिशिएंसी इक्वल टू i2 एट मैक्सिमम एफिशिएंसी इं v2 ठीक है अब i2m कितना आया आपके पास
i2 एट फुल लोड इन v2 अंडर रूट प अपन पी सय अब आ2 इन v2 क्या हो जाएगा यह हो जाएगा केवी एट फुल लोड यानी कि केवीए एट फुल लोड
इनटू अंडर रूट प अपन पीसी तो अगर आपको मैक्सिमम एफिशिएंसी पर निकालना है केवी एट मैक्सिमम एफिशिएंसी इक्वल टू हो जाएगा
केवी एट फुल लोड इन प अपॉन पीसी तो अगर आपको मैक्सिमम एफिशिएंसी के लिए केवीए निकालना है केवीए मतलब कितनी लोडिंग
है किस लोड प जाके एफिशिएंसी मैक्सिमम होगी जैसे 100 केवीए का ट्रांसफार्मर है तो उसकी एफिशिएंसी 90 केवीए पे मैक्सिमम
होगी मतलब ऐसे समझ लीजिए आपकी गाड़ी की टॉप स्पीड 200 है तो आपका बेस्ट इकोनॉमी कितने पे आता है 60 पे आता है तो ऐसे ही
अगर ट्रांसफार्मर 100 केवीए का है तो बेस्ट आउटपुट कब देगा बेस्ट एफिशिएंसी कब होगी तो वो 100 पे तो नहीं होगी ना 100
केवी के ट्रांसफॉर्मर की हो सकता है 80 पे आए हो सकता है 90 पे आए हो सकता है 70 पे आए तो आपको वोह 7080 अगर पता करना है तो
कैसे करेंगे कि भाई यह तो हो गई मैक्सिमम एफिशिएंसी के लिए क्या लोड है ये हो गया फुल लोड यानी कि टॉप स्पीड कि टॉप स्पीड
कितनी है उस ट्रांसफॉर्मर की और ये लॉसेस इस तरह से आप निकाल सकते हो कि हमारी मैक्सिमम एफिशिएंसी कितनी होगी एट
अ ये फुल लोड के रेस्पेक्ट में ठीक है सो दिस इज द केवीए फॉर मैक्सिमम एफिशिएंसी इन फॉर्मूले का आप यूज़ करेंगे न्यूमेरिकल्स
में अपने ठीक है अब बात करते हैं वोल्टेज रेगुलेशन की कि भैया वोल्टेज रेगुलेशन क्या होता
है तो आप इसके लिए क्या करिए ट्रांसफॉर्मर का इक्विवेलेंट सर्किट बना लीजिए ठीक यह है
ट यह हो जाएगा ट ठीक है ये हो जाएगी करंट आ2 r02 एक्स 02 यह हमने टोटल एग्जैक्ट
इक्विवेलेंट सर्किट बना दिया किसका अ ट्रांसफॉर्मर का फर अ रेफर टू सेकेंडरी साइड रेफर टू सेकेंडरी साइड आपने इसको बना
दिया ठीक है अब यहां से आप इसकी इक्वेशन लिखिए e2 की फर e2 e2 इक्वल टू कितना हो जाएगा अब देखिए
e2 = i2 इसका i2 r02 प् i2 x02
प्लस v2 य इक्वेशन आ जाएगी या e2 इक्वल टू हो जाएगा आट को कॉमन ले लिया
r02 यह ज लगा दीजिए r02 प्स ज एक्स 02 प्स v2 ये इक्वेशन आ गई हमारे पास एक ठीक है अब
यह इक्वेशन हमारे पास आ जाती है अब क्या करते हैं इसका फेजर बना लेते इसका हम फ ड्र कर लेते हैं तो मान लीजिए
के यह हमारे पास हो गया v2 ठीक है यह हो गया हमारे पास v2 ठीक है अब v2 आने के बाद आपको v2 इक्वल टू कितना करना
है v2 प्लस आ2 r02 e2 निकालना है ना तो v2 कितना हो जाएगा v2 आपने बनाया i2 r02 तो i2 आपको चाहिए पहले तो v से आ आपका लैक
करेगा क्योंकि इंडक्टिव लोड रहता है तो हम इंडक्टिव लोड के लिए बात कर रहे हैं फर इंडक्टिव लोड आ2 हमारा यह हो
जाएगा आ2 हमारा यह हो जाएगा ठीक है तो आ2 आपने ड्र कर लिया v2 आ2 आपने बनाया अब आपको बनाना है v2 के साथ में प्लस करना है
आ2 r02 तो रेजिस्टेंस के केस में वोल्टेज और करंट सेम फेज में होते हैं यानी के आट आ 02 आपका ये आ जाएगा ये और ये
पैरेलल बनेंगे i2 के सेम फेज में i2 r02 बनेगा ऐड करना है क्योंकि तो हमने यहां की टिप से बनाया v2 प्लस किया आपने तो
वेक्टर्स में हम पढ़ते हैं बेसिक i2 हमने बनाया इसके पैरेलल में आएगा क्योंकि ये जो वोल्टेज है इस करंट के सेम फेज में होगा
क्योंकि रेजिस्टेंस की बात चल रही है फिर प्लस करना है i2 x02 जो कि 90° पे है तो अगर ये i2 है ये i2 है तो इससे 90° पे
हमारा जाएगा i2 मैं य लिख देता हूं आट
एक्स ठीक है अब इक्वल टू कितना था ट प्लस आईईट आर0 प्लस आट एक्सट तो मेरा जो यह बनेगा यह क्या हो जाएगा हमारा ठीक है तो
हमने यह फेजर डायग्राम बनाया ठीक है इस फे डायग्राम बनाने के बाद लेट इसको हम कुछ नाम दे देते हैं
ओ सी ए बी ठीक है इसको नाम दे देते हैं तो लेट
ओ सी इक्वल टू रेडियस रेडियस इक्वल टू e2 है ना से सी क्या है e यह रेडियस हमने दे दी और इस
रेडियस को देने के बाद हमने क्या किया यहां से एक ऐसे इस
कर्व हमने ड्र कर दिया ठीक है रेडियस बना दिया अब इस पर अगर मैं कहीं पर मार्क करूंगा तो ओ स के इक्वल होगा यानी कि अगर
मैं इसको लाइन को सीधे सधे बढ़ा दू तो य यहां पर जब यह कट करेगा तो ी जितना यू है उतना ही यह भी होगा बा सम में
आ अब हम क्या करें यहां से एक परपेंडिकुलर ड्र कर ले ठीक है और इसको सीधा सधा मिला दे
ठीक है एक परपेंडिकुलर यहां ड्र कर ले ठीक है इस तरह से अब देखि यह क्या है फटू यह भी एंगल कितना होगा फटू और यह जो
एंगल होगा यह भी कितना होगा फ अब एओ ए बी सीडी इसको भी नाम दे दीजिए ठीक है अब अगर मैं बात करूं तो हम इसको लिख सकते हैं
क्या भाई e2 माइनस v2 e2 माइन बट अब सोच e2 माइन बट क्या
होगा भाई ओ से लेके डी तक ओ से लेके तक तो है हमारे पास य e2 और ट को माइनस कर दीजिए माइनस तो हमारे पास क्या बचेगा हमारे पास
बचेगा ए से य ए ठीक है यह हमारे पास बचेगा ए f और ए को मैं एप्रोक्सीमेटली इक्वल मान लेता हूं
ए a सेडी तक इसको एप्रोक्सीमेटली इक्वल हम मान लेते हैं राइट ए येडी और ए बहुत नजदीक होंगे तो ए सेडी को हम मान लेते हैं तो ये
इक्वल टू हो गया एडी नाउ ए इक्वल टू कितना होगा यह एडी होगा टोटल वोल्टेज ड्रॉप टोटल वोल्टेज ड्रॉप ठीक है और यह इक्वल टू
कितना होगा ए इक्वल टू होगा ए प्लस सडी ठीक है ए प् सडी अब ए इक्वल टू कितना होगा
ये निकाल दीजिए ए इक्वल टू होगा अगर ये फट है तो आ2 r02 कॉस फट ये हमारा आ2 r02 कॉस फट इ ए यानी कि आ2
r02 कॉस फटू एंड सीडी जो होगा सीडी विल बी इक्वल टू होगा बी इक्वल टू बी और बी इक्वल टू क्या हो
अगर यह फ है तो यह बेस होगा यह हाइपोटेन्यूज हमारा परपेंडिकुलर है तो बी इक्वल टू हो
जाएगा सान फट यानी के आ2 क्योंकि ये कितना है यह वाली साइड आ2 एक्स 02 आ2 02 साइ फटू ठीक है तो ए निकल के आया सीडी
निकल के आया तो टोटल वोल्टेज ड्रॉप टोटल वोल्टेज ड्रॉप इक्वल टू निकल के आए हमारे पास आ2
इन दोनों को ऐड कर दीजिए आ2 r02 कॉस फट प्लस आ2 एक्स 02 साइन फट या आ2 को कॉमन ले लिया तो ड्रॉप आया
r02 कॉस फट प्लस x02 साइन
फटू ठीक है ये हमारे पास टोटल ड्रॉप निकल के आ गए तो टोटल वोल्टेज ड्रॉप इस तरह से आप निकाल ले तो ये कब आया जब हमने इसको
लीडिंग माना फर लगिंग लगिंग माना है फॉर लीडिंग पावर फैक्टर लीडिंग पावर
फैक्टर यह किसके लिए केस में है यह न लैग कर रहा है जब हमने क्या माना था लगिंग क्योंकि आ2 को लैक कराया था ना अगर लीडिंग
लेंगे तो ये साइन आपका प्लस की जगह माइनस आ जाएगा तो ये आ जाएगा आ2
r02 क फट माइ x02 सा 52 ठीक है तो यह आ जाएगा हमारे पास एप्रोक्सीमेट वोल्टेज ड्रॉप और इसी के बेस पे हम निकालेंगे
वोल्टेज रेगुलेशन तो वोल्टेज रेगुलेशन कितना हो जाएगा वह भी आप देख लीजिए परसेंटेज वोल्टेज रेगुलेशन होता है
परसेंटेज रेगुलेशन इक्वल टू हो जाएगा e2 - v2 / v2 * 100 ठीक है e2 - v2 / v2 * 100 और e2 -
v2 अभी हमने कितना निकाला i2 r2 कॉस फटू
r02 प्लस माइनस आट एक्स
02 साइन फटू अपॉन v2 ठीक है प्लस साइन जो आपने लिया है वह लिया है लगिंग के लिए और माइनस साइन जो लिया है वह आपने
लिया है लीडिंग के लिए ठीक है यह होता है रेगुलेशन बस वोल्टेज रेगुलेशन आपका का उल्टा होता है ये ड्रॉप्स के बारे में
बताता है तो पहले आपने ड्रॉप निकाली है उस ड्रॉप को आउटपुट वोल्टेज की टर्म्स में जब आप निकालते हो तो उसको बोलते हो रेगुलेशन
तो वोल्टेज रेगुलेशन इज द मेजर हाउ वेल ए ट्रांसफॉर्मर कैन मेंटेन ए कांस्टेंट सेकेंडरी वोल्टेज अंडर वरिंग लोड कंडीशन
ठीक है कैसे वो मेंटेन कर पाता है ठीक है वोल्टेज रेगुलेशन इज डिफाइंड एज द चेंज इन मैग्नी ूडल टर्मिनल वोल्टेज v2 व्हेन फुल
लोड ऑफ स्पेसिफाइड पावर रेटेड एट रेटेड वोल्टेज इज रिड्यूस्ड टू नो लोड विद प्राइमरी वोल्टेज तो इस तरह से आप आप
रेगुलेशन को निकाल सकते हो तो ये रेगुलेशन का डेरिवेशन है हालांकि बहुत कम पूछा जाता है बट फिर भी मैंने आपको इसमें
एप्रोक्सीमेट वोल्टेज से निकाल के पूरा ड्राइव करके बताया कि कैसे ये डेरिवेशन हमारा आता है ठीक है अब आगे बात करते हैं
कुछ न्यूमेरिकल्स की थोरेट्स करते हैं कुछ न्यूमेरिकल्स की इसका
सॉल्यूशन देखते हैं क्या-क्या हो सकता है कैसे-कैसे हो सकता है ये 40 केवीए ट्रांसफार्मर है यानी कि लोडिंग आपको दी
हुई है 40 केवीए का आयरन लॉस दिया हुआ है पीई इक्ट 450 वाट एंड पीसीयू आपको दिया हुआ है 850 वाट आपसे पूछ रहा है इफ द पावर
फैक्टर ऑफ द लोड इज क फ इक्वल टू दिया हुआ है 0.8 आपसे पूछ रहा है फुल लोड एफिशिएंसी तो एफिशिएंसी एट फुल लोड इक्वल टू कितना
होता है v2 y2 क फ + v2 y2 क फ + प + pc2 y2 कितना है हमारे पास 40 इन 10 की पावर 3 क्योंकि फुल लोड प है तो x की
वैल्यू वन कॉस फ कितना है 0.8 ये कितना हो गया 40 * 10 की पावर 3 * 0.8 प्लस पी कितना है 450 पीसीयू कितना है
850 ठीक है तो इसको आप सॉल्व कर लेंगे तो यह आ जाएगा आपके पास सॉल्व कर लेते हैं 4000 इन प8 इक्वल टू आया 32000
अपॉन ये आ जाएगा 33300 यह आ जाएगा इनटू 100 अगर कर रहे हैं तो परसेंटेज में निकल जाएगी इन 100 तो ये
आ जाएगी आपकी 96.9 पर एफिशिएंसी एट फुल लोड फर्स्ट पार्ट हो गया आपसे पूछा सेकंड पार्ट अब
आपको बताना है द लोड एट चच मैक्सिमम एफिशिएंसी अकर्स आ गई ना वही वाली बात आपको टॉप स्पीड बता दी कितनी 40 केवी है
अब आपसे पूछ रहा है अब मुझे ये बता दो किस स्पीड पर चलाऊ जिससे मैक्सिमम एफिशिएंसी आ जाए तो वो स्पीड निकालनी है तो वो कैसे
निकालेंगे तो केवीए निकालना है आपको फॉर मैक्सिमम एफिशिएंसी फार्मूला क्या था केवीए एट फुल
लोड जो कि कितना है 40 इन अंडर रूट प अपन पीसी तो फुल लोड कितना है 40 * 10 की पावर 3 अंडर रूट प कितना है 450 अपॉन पीसीयू
कितना है 850 तो यह आ जाएगा अंडर रूट 450 डिवा बा 850 इक्वल टू दिस
इन 40 तो ये आ जाएगा आपका 29.10
केवी इस केवीए प अगर चलाओगे ट्रांसफॉर्मर है 40 केवीए का लेकिन अगर उसको 29 केवीए प चलाओगे तो सबसे बढ़िया काम करेगा मैक्सिमम
एफिशिएंसी देगा और इस एफिशिएंसी पर आपके जो कॉपर लॉस होते हैं वो पीआई के बराबर हो जाते हैं एट मैक्सिमम एफिशिएंसी लॉसेस विल
बी इक्वल टू पी विल बी इक्वल टू पीसीयू तो थर्ड आपको निकालना है एफिशिएंसी एट मैक्सिमम ए एम तो यहां पर आपको लोड कितना
लेना है अबकी बार 29.10 40 नहीं लेना है मैक्सिमम एफिशिएंसी पे लोड कितना है ये तो हम क्या लेंगे v2 आ2 कॉस फ यानी कि 29 10
* 10 की पावर 3 तो हमने ले लिया लोड कस फ हमें दिया नहीं है तो हम इतना ही लेंगे जितना पहले था यानी कि 0.8 तो v2 i2 आ गया
आपके पास अगेन 29.10 * 10 की पावर 3 * 0.8 प्लस 2p अब यहां प भी कंफ्यूजन होता है प इक्व ट पसी होता है या पसी इक्वल ू प होता
है देखिए प कांस्टेंट होता है प हमेशा प तो कभी चेंज होगा नहीं तो किसको चेंज होना पड़ेगा पीसीयू को चेंज होना पड़ेगा यानी
के पीसीयू शुड बी इक्वल टू प तो 2 प हम लिखेंगे कभी भी 2 प सय मत लिख देना इसको हमेशा क्या लिखेंगे 2p क्योंकि हमेशा कॉपर
लॉस चेंज हो सकते हैं वही वेरिएबल है प तो फिक्स है इसको कितना लिख लेंगे 2 प तो यह कितना
हुआ तो यह आया 2 3 283 42 अपॉन
28 3.42 इन 2 इन प कितना है प्लस य प्लस है प्लट इन प कितना है
450 तो प्लस 2 इन 450 इक्वल टू आ जाएगा 2328
3.42 अपन 2483 प2 तो 2283
[संगीत] 42 ये आ जाएगी आपकी परसेंटेज में निकालेंगे तो 100% आप इसको 100 से
मल्टीप्लाई कर दीजिए इस तरह से आपकी मैक्सिमम एफिशिएंसी आ जाएगी 96.2 7
पर ठीक है पहले कितनी आरती 96.9 तो इससे ज्यादा एफिशिएंसी नहीं आ सकती इससे ज्यादा एफिशिएंसी नहीं आ सकती सो दिस इज द
सॉल्यूशन ठीक है एक और क्वेश्चन देख लेते हैं 100 केवी ट्रांसफॉर्मर हैज आयरन लॉस पई
आपको दिया हुआ है 100 वाट ठीक है कॉपर लॉस दिए हुए हैं पीसीयू इक्वल टू 1500 वाट डे किलोवाट है फुल लोड करंट दिए हुए हैं
कैलकुलेट एफिशिएंसी फुल लोड एंड 0.8 पावर फैक्टर तो एफिशिएंसी एट फुल लोड कितनी हो जाएगी v2 आ2 कॉस फ तो v2 आ2 कितना लेंगे
ये हो जाएगा v2 आ2 v2 आ2 कितना लेंगे 100 * 10 की पावर कस फ कितना लेंगे बेटा
0.8 अपन 100 इन 10 की पावर 3 इन 0.8 प्लस पीई पीई कितना है 100 प्लस पीसीयू पीसीयू कितना है 1500 सॉरी 600
है 600 इ 600 तोय आ जाएगा तो यह हो जाएगा 80000 डिवाइडेड बाय 800 प्स 600 + 1500 इक्वल टू आ
जाएगी 9744 पर परसेंटेज में अगर निकालेंगे इसको सॉल्व
करेंगे तो इतना आ जाएगा सेकंड आपसे पूछा है एफिशिएंसी एट हाफ लोड हाफ लोड यूनिटी पावर फैक्टर यानी कि क फ कितना रखना है 1
और x इक्वल टू कितना रखना है 1/2 x इक्वल टू कितना रखना है 1 बाय x = 1/2 हो जाएगा तो फार्मूला क्या था
हमारा एट हाफ लोड अगर निकालनी है तो xv2 i2 क फ + x v2 i2c फ प् p + x स् pc4 में x की वैल्यू रख दो 1/2 यानी कि आ
जाएगी 1/2 * 100 * क फ कितना है 1 क फ की वैल्यू कितनी है 1 * 10 की पावर 3 क्योंकि ये केवीए है ना तो 1/2 * 100 इन 10 की
पावर 3 इन 1 प्लस प कितना है 600 प्लस x स्क्वा कितना हो जाएगा 1/2 का स्क्वायर यानी कि 1/4 और पीसीयू कितना है 1500 तो
1500 बा 4 इसको सॉल्व कर लेंगे आंसर आ जाएगा तो यह आ जाएगा इक्वल ट 50000 अपन
50000 प् 600 प्लस 1500 बा 4 तो ये आ जाएगा आपका 1500 बा 4
375 ठीक है तो य आ जाएगा 500000 डिवाइड बाय 50000 प्लस 600 प्लस 375 तो यह एफिशिएंसी आ जाएगी परसेंटेज में
अगर निकालेंगे तो 100 से मल्टीप्लाई कर देंगे और ये आ जाएगी 9808 पर
ठीक है इस तरह से आप इसको सॉल्व कर लेंगे तो देखिए यहां पर क्या है ये पिछले साल का क्वेश्चन है यूनिटी पावर फैक्टर अलग पावर
फैक्टर दिया हाफ लोड तो करा ही करा है लेकिन पावर फैक्टर भी यूनिटी कर लिया तो हमने यहां पे क फ की वैल्यू को वन रखा है
बाकी हमारा क्वेश्चन देखिए बिल्कुल सिंपल क्वेश्चन है एक और क्वेश्चन देख लेते हैं ये सिंगल फेस 100 केवी इसकी कोई जरूरत
नहीं है इसकी कोई जरूरत पड़ेगी भी नहीं हमें ठीक है इसकी कोई जरूरत नहीं है कंफ्यूजन होगा बेटा ठीक है आपसे कह रहा है
100 केवीए ट्रांसफॉर्मर है 230 वोल्ट 50 हर्ट्ज पे काम कर रहा है और 90 पर एफिशिएंसी है
एट 0.8 लगिंग पावर फैक्टर बोथ एट फुल लोड एंड हाफ लोड मतलब जब फुल लोड प चला रहे हो तब भी उसकी 90 पर एफिशिएंसी है लेकिन 0.8
पावर फैक्टर पे जब आप हाफ लोड प चला रहे हो तब भी उसकी एफिशिएंसी 90 पर है तब आपको बताने है कि टोटल लॉसेस कितने होंगे तो एट
फुल लोड एट फुल लोड एफिशिएंसी कितनी है 90 पर तो आप क्या लिखेंगे एफिशिएंसी का फार्मूला n इक्व ट
v22 कॉस फ अपन v2 आ2 कॉस फ प्स प प्स पसी ठीक है और ए कितना है 0.9 v2 आ2 कितना है 100 इन 10 की पावर 3
कॉस फ कितना है हमारे पास 0.8 अपॉन 100 इन 10 की पावर 3 इन 0.8 प्लस प कितना है हमारे पास नहीं पीसीयू कितना
है हमारे पास नहीं पता तो बस इसको सॉल्व कर लेंगे तोय आ जाएगा 0.9 इन 100 यानी कि हो जाएगा
80000 प्लस पीई प्लस पीसीयू इक्वल टू 800 2 9 न 8 कितना हो जाएगा 72 89 72 तो - 72000 तो एक इक्वेशन आ गई प +
pc8 मतलब 70000 यानी कि 8000 एक इक्वेशन तो आपकी ये आ गई इक्वेशन नंबर वन ठीक है अब हाफ लोड पे ट हाफ लोड x इक्वल टू कितना
हो जाएगा 0.5 या 1/2 जो भी लिखना चाहो अब एफिशिएंसी कितनी है x v2 y2 क फ अप x v22 कॉस फ प् प प्स x स्क पसी x स्क पसी ये
कितनी आ जाएगी 0.9 इक्वल टू x का मतलब 1/2 इन 100 और इनटू 10 की पावर 3 इन कॉस फ कितना है सेम है यानी के
0.8 अपॉन 1/2 * 100 * 10 की पावर 3 इन 0.8 प् प प्लस पसी अप 4 x स् कितना हो गया 1/2 का
स्क्वायर 4 तो ये आ गया आपके पास 0.9 * 50 * 8 5 40 यानी कि 40000 40000 आ गया ना 8 प 40 ठीक है
40000 प्लस प प् पसी अप 4 ये आ जाएगा आपके पास यहां पर हमारा 0.9 डिवाइड बाय 0.9 भी
आएगा है ना क्योंकि यह 0.9 तो इसके साथ में भी आएगा ना तो यह आ जाएगा प अपन इतना ठीक है पीसीयू
इक्वल टू ये आ जाएगा 400 तो ये आ जाएगा पी प्लस पी सय 2 अपन 4 इन 0.9 इ
40000 माइनस 9 च 36 36000 36000 इक्वल टू तो प प्लस पी सय अपन 4 इक्वल टू 4000 डिवाइड बाय 0.9 तो यह आ
जाएगी दो इक्वेशन आ गई दोनों को सॉल्व कर लेंगे आंसर आ जाएगा फ्रॉम इक्वेशन वन इक्वेशन टू तो हम लिख देते हैं इसको मैं
कर देता हूं दो अननोन है प की वैल्यू वन पीसीयू की वैल्यू वन और इसकी वैल्यू हो जाएगी 8000 डिवाइड बायना और इसकी वैल्यू आ
जाएगी प की व पीसी की 1/4 और इसकी वैल्यू आ जाएगी 4000 डिवा बाना इक्वल टू आ जाएगा प इक्वल टू आ रहा
है बेटा हमारे पास 29 62 29 6296
वट एंड प सय इक्वल टू आ रहा है 5925 92
वाट सॉल्व इक्वेशन वन एंड ू दोनों इक्वेशन को सॉल्व कर लीजिए आंसर आ जाएगा ठीक है ये
क्वेश्चन भी अच्छा है एफिशिएंसी का है आपको इक्वेशन बना के निकालना होता है अलग टाइप का क्वेश्चन है ठीक है एक क्वेश्चन
और देख लेते हैं द मैक्सिमम एफिशिएंसी ऑफ 100 केवी ट्रांसफॉर्मर इतने वोल्ट पर ऑपरेट हो रहा है 96 पर यानी कि ए ए जो है
वो आपका कितना है 0.96 और आपसे कह रहा है दिस अकर्स एट 75 पर ऑफ फुल लोड यानी कि केवीए ऑफ मैक्सिमम
एफिशिएंसी कितना है फुल लोड का 75 पर यानी के 0.75 * केवीए ऑफ फुल लोड तो फुल लोड केवीए
कितना है 100 यानी कि 75 * 100 = 75 केवी तो मैक्सिमम एफिशिएंसी के लिए केवी कितना है इतना है एट लोड 0.8 पावर फैक्टर क फ
कितना है 0.8 ये आपको मिल गया अब आपसे पूछ रहा है फाइंड द एफिशिएंसी ऑफ ट्रांसफॉर्मर एट 3/4
फुल लोड तो पहले तो आपको लॉसेस निकालने पड़ेंगे ठीक है जब एक बार आप लॉसेस निकाल लेंगे तो लॉसेस निकालने के बाद फिर आप
इसको कर पाएंगे ठीक है तो सबसे पहले तो आप लॉसेज निकालिए तो मैक्सिमम एफिशिएंसी पे क्या
फार्मूला होता है v22 कॉस फ तो v2 कितना लेंगे v22 75 इन 10 की पावर 3 यह तो जाएगा आपका मैक्सिमम एफिशिएंसी पर केवी इनटू कॉस
फ कितना लेंगे 0.8 अपन 75 इन 10 की पावर 3 इन 0.8 प्स 2 प मैक्सिमम एंसी पर प लेते ना प इ पसी प् प और ये इक्वल टू कितना हो
गया 0.96 तो यहां से आपका हो जाएगा 75000 कैलकुलेटर से सॉल्व कर लेते हैं एक बार
75000 न प8 ये आ जाएगा 60000 तो 60000 अपन 60000 प्स 2 प इक्ट
0.96 या 0.96 न 60000 प्स 2 प इक्वल टू
60000 ठीक है तो इन 96 57600 तो 0.96 इन 2 प आई इक्वल ट
60000 माइनस 57600 ट इ इक्वल टू हो जाएगा
2400 तो यह आ जाएगा प इक्वल टू निकल के आ जाएगा यहां से प इक्वल टू आ जाएगा 2400 डिवाइड बाय 2 इन
296 तो यह आ जाएगा 2 96 तो प इक्वल टू आ जाएगा
ट 50 वाट ठीक है अब पीसीयू निकालना है तो पीसीयू के साथ क्या रिलेशन था प इक्वल टू एक्स स्क्वा पी सय ठीक है एक्स
स्क्वायर पीसीयू ठीक है एक्स की वैल्यू कितनी रखनी पड़ेगी हमें 75 एक्स कितना है 75 पर तो पीसीयू
इक्वल टू हो जाएगा प अपॉन एक्स स्क्वायर यानी कि प हो जाएगा 1250 बटे 75 का स्क्वायर ये कितना आ जाएगा इसको भी निकाल
लेते हैं डिवाइडेड बाय पॉट 75 का स्क्वायर तो ये आ जाएगा इक्वल टू 222 2.2 वाट तो ये आ गया 1250 वाट पीसी निकल
के आ गया इतने वाट अब आपसे पूछा है एफिशिएंसी ऑफ ट्रांसफॉर्मर एट इतने लोड इतने पावर फैक्टर यानी कि आपकी की
एफिशिएंसी आपको निकालनी है 3.4 ऑफ फुल लोड तो इसके लिए हो जाएगा x v2 आ2 कॉस फ प्लस x v2 आ2 कॉस फ प् प प् एक स्
ठीक है तो x कितना लेंगे 3.4 इन v2 i2 कितना लेंगे वही आपका मैक्सिमम कितना था 100 * 10 की पावर 3 क फ कितना लेंगे
0.6 अप 3.4 * 100 * 10 की पावर 3 * 0.6 प् प 1250 प्स पसी 222 2.22 अपन x स् कितना है x की वैल्यू 3.4 का स्क्वा ठीक है बस
इसको सॉल्व कर लेंगे तो 100 इन प 6 यह आ जाएगा इन 3.4 तोय आ जाएगा
204 अपॉन 204 प्स 1250 प्लस 19
2.2 ठीक है तो 204 डिवाइडेड बाय
204 तो यह आ जाएगी आपकी 3.4 ऑफ फुल लोड इक्वल टू 9929 पर
इतनी आ जाएगी ठीक है तो एफिशिएंसी आपकी आ जाएगी 99 प 29 पर ठीक है
[संगीत] 22222 इन 3.4 का स्क्वायर एक सेकंड यह आ रहा है
256 2 5688 2568
886 बहुत ज्यादा आ रहा है लसे इसलिए बारबार गब हो रही है 204 डिवाइडेड
बाय 204 प् 1250 प् 25
6886 तो आंसर आ जाएगा आपका 88.3 य आ जाएगा 8833 पर एफिशिएंसी इतनी आएगी ठीक है तो इस
तरह से क्वेश्चन कर सकते हो तो एफिशिएंसी के इसी तरह से आएंगे ठीक है और यूनिट आपकी
कंप्लीट हो गई है इस यूनिट की अगर मैं ओवरऑल समरी आपको बताऊं क्या क्या आपको करना है कम से कम क्या क्या चीजें आपको
करनी है तो सबसे पहला आपको जो करना है इक्विवेलेंट सर्किट जरूर करके जाना है इक्विवेलेंट सर्किट और उसका
न्यूमेरिकल ठीक है दूसरा एफिशिएंसी पूरी प्लस न्यूमेरिकल एफिशिएंसी क्वे जरूर जरूर आएगा तीसरा ईएमएफ
इक्वेशन ईएमएफ इक्वेशन और अगर कर सकते हैं तो वर्किंग ऑफ ट्रांसफार्मर यह चार टॉपिक है
जो आप कम से कम तैयार करके जाइए आई होप कि इन चारों में से आपको पूरा पेपर मिल जाएगा मैग्नेटिक सर्किट में ज्यादा डिफरेंस प दो
क्वेश्चन की बात नहीं कर रहा हूं जो दो नंबर के क्वेश्चन है लेकिन अगर आप को सात नंबर के क्वेश्चन चाहिए तो चार टॉपिक पढ़
जाओ इन चार टॉपिक में से आपको आराम से तीन क्वेश्चन मिल जाने चाहि होली ठीक है तो चलिए एंड करते हैं इस
यूनिट को और मिलते हैं नेक्स्ट क्लास में ठीक है चलिए बाय
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