Introduction to Data Structures and Algorithms
In this video, we begin by defining data and its significance in programming. Data is described as a collection of properties, such as names and numbers, which are essential for understanding data structures.
What is Data Structure?
- A data structure is an organized collection of data in a specific format.
- It is a technique and method for studying how data is interrelated logically and mathematically.
Purpose of Data Structures
- The primary purpose is to increase the efficiency of programs and decrease storage requirements.
- Data structures help manage memory allocation dynamically, improving program performance. For a deeper understanding of how data structures can be implemented, check out our summary on Understanding Data Structures Through C Language: A Comprehensive Guide.
Classification of Data Structures
- Linear vs. Non-linear: Linear structures store data in a sequential format, while non-linear structures allow random storage.
- Homogeneous vs. Non-homogeneous: Homogeneous structures deal with similar types of data, whereas non-homogeneous structures can handle different types.
- Static vs. Dynamic: Static structures have fixed memory sizes, while dynamic structures allow memory management at runtime.
Operations on Data Structures
- Searching: Finding individual elements.
- Traversing: Processing each element in a structure.
- Inserting: Adding new records.
- Updating: Modifying existing records.
- Deleting: Removing records.
- Merging: Combining multiple lists.
- Sorting: Arranging elements in a specific order. To learn more about algorithms related to data structures, refer to our Comprehensive Overview of Algorithms and Data Structures Course.
Understanding Algorithms
- An algorithm is a step-by-step description of a program in general language.
- It consists of clear instructions to solve a problem, which can later be implemented in programming languages. For those interested in mastering coding fundamentals, our Java Course Introduction: Mastering Coding Fundamentals and Data Structures provides valuable insights.
Properties of Algorithms
- Input: Every algorithm must have input.
- Output: It should produce output.
- Definition: Instructions must be clear and understandable.
- Finiteness: It must terminate after a finite number of steps.
Conclusion
The video concludes by summarizing the importance of understanding data structures and algorithms for efficient programming. It emphasizes the need to write algorithms before coding to ensure clarity and logic in programming. For a structured approach to learning programming, consider our Java Programming Course: Introduction, Structure, and Setup Guide.
डाटा स्ट्रक्चर और एल्गोरिथम के इस सीरीज में सबसे पहले हम बात करेंगे डाटा की डाटा क्या होता है डाटा इसे एन कलेक्शन ऑफ
प्रोफ्ट्स इसका मतलब क्या हुआ की जैसे अगर मां लो किसी का नाम किसी का नाम जैसे यहां पे एक नाम लेते हैं अंकुश अंकुश क्या है
डाटा है या फिर आगे किसी का आगे तो ये जो नंबर दिखे रहा है 23 ये क्या है डाटा है तो इसी को हम कहते हैं डाटा और डाटा
स्ट्रक्चर दो शब्द के कांबिनेशन से बना हुआ है डाटा स्ट्रक्चर इसलिए आपको डाटा के बड़े में जरूर पता होना चाहिए
तो आज के इस इंट्रोडक्शन तू डाटा स्ट्रक्चर के वीडियो में सबसे पहले हम आपको बताएंगे व्हाट इसे डाटा स्ट्रक्चर
डाटा स्ट्रक्चर क्या होता है ये जन के बाद हम आपको बताएंगे डाटा स्ट्रक्चर का परपज क्या है ठीक है किसने डाटा स्ट्रक्चर को
हम उसे करते हैं फिर क्लासिफिकेशन ऑफ डाटा स्ट्रक्चर हम डिस्कस करेंगे ये क्या होता है डाटा स्ट्रक्चर में हम क्या-क्या
ऑपरेशंस परफॉर्म कर सकते हैं वो देखेंगे हम उसके बाद आपने सुना होगा डाटा स्ट्रक्चर और एल्गोरिथम तो ये एल्गोरिथम
क्या होता है एल्गोरिथम को भी देखेंगे और एल्गोरिथम की साड़ी प्रॉपर्टीज को हम डिस्कस करेंगे और एल्गोरिथम हम प्रैक्टिकल
आपको कैसे लिखा जाता है वो शो करके दिखाएंगे और उसे एल्गोरिथम को रियल में प्रोग्राम में इंप्लीमेंट कैसे करते हैं
वो भी डिस्कस करेंगे तो ये होगा हमारा कंप्लीट डाटा स्ट्रक्चर और एल्गोरिथम का सीरीज तो चलिए सबसे पहले हम व्हाट इसे
डाटा स्ट्रक्चर क्या होता है वो डिस्कस करते हैं क्या होता है डाटा स्ट्रक्चर ऑर्गेनाइज्ड कलेक्शन ऑफ डाटा इन पर्टिकुलर
फॉर्मेट कोड डाटा स्ट्रक्चर डाटा स्ट्रक्चर इस ए टेक्निक और मेथड ऑफ स्टडी हो डी डाटा आर इंटर रिलेटेड तू इ
अदर लॉजिकल और मैथमेटिकली ठीक है तो यहां पे इसका मतलब क्या हुआ की अगर डाटा किसी पर्टिकुलर फॉर्मेट में ऑर्गेनाइज है तो
वही कहलाता है डाटा स्ट्रक्चर और डाटा स्ट्रक्चर में हम यही देखते हैं डाटा स्ट्रक्चर एक ऐसा मेथड है एक ऐसा टेक्निक
है जिसमें हम यही देखते हैं की डाटा कैसे एक दूसरे से इंटर रिलेटेड है लॉजिकल और मैथमेटिक के लिए ठीक है यही होता है डाटा
स्ट्रक्चर तो यहां पे अगर हम आपको एग्जांपल शो करें समझने के लिए मां के चलो हम लिंक लिस्ट कहिए एक
एग्जांपल ले लेते हैं ठीक है बहुत इंपॉर्टेंट टॉपिक है ये डाटा स्ट्रक्चर का लिंक लिस्ट ठीक है लिंक लिस्ट में क्या
होता है दो पार्ट होता है एक होता है डाटा मां लो पहले हम एक डाटा ले लेते हैं ठीक है यह अंकित क्या है अंकित हमारा डाटा है
ठीक है याद रखिएगा अब लिंक लिस्ट में दो पार्ट होता है एक होता है डाटा पार्ट और एक होता है लिंक पार्ट ठीक है
ध्यान से समझिएगा आपको कॉन्सेप्ट समझ में ए जाएगा लिंक लिस्ट कभी यहां पे ठीक है और यहां पर एड्रेस होगा यह एड्रेस है ठीक
है यहां पर हम लिख सकते हैं एड्रेस लिंक लिस्ट स्टार्टिंग होता है वन से ठीक है तो
यहां पर वन हमें यहां पर लिखना चाहिए था पर आप इग्नोर करेगा उसको ठीक है अब मां लो यहां पे किसी भी एड्रेस में कोई भी डाटा
जा के ये स्टोर हो सकता है मां लीजिए ये यहां पे स्टोर हो गया एन यहां पे के आई उसके बाद टी यहां स्टोर हो गया तो अब इसको
हम फैज कैसे करेंगे हम इस लिंक की मदद से क्या करेंगे फैज करेंगे डाटा को लिंक करेंगे एक दूसरे से इंटररिलेट करेंगे तो
अगर फैज करने का बड़ी आएगा तो फिर हम क्या करेंगे हम स्टार्ट करेंगे हमारा डाटा अंकित ना ए से स्टार्ट हो रहा तो हमारा
स्टार्टिंग पॉइंट क्या होगा ये होगा ये होगा हमारा स्टार्टिंग पॉइंट ठीक है तो यहां पे स्टार्ट होगा फोर से तो ए को हम
क्या करेंगे प्रिंट करेंगे उसके बाद हमें कहां जाना है एन में जाना है तो एन कहां पे है यहां पे एन का एड्रेस क्या है 7 तो
यहां पे हम ए में एन का एड्रेस यानी नेक्स्ट वाले नोट का एड्रेस पास करेंगे के के पास तो के यहां पे के का एड्रेस
क्या है तू है तो यहां पे हम 2 लिखेंगे तो एन में नेक्स्ट नोट का एड्रेस क्या है तू है अभी यहां पर क्या आएगा
उसके बाद क्या होगा के के बाद हमें आई के पास जाना आई यहां पे है तो आई का एड्रेस है थ्री तो यहां पे हम थ्री पास करेंगे
नेक्स्ट वाले नोट का एड्रेस तो अभी आई ए जाएगा उसके बाद आई के बाद हमें टी चाहिए तो टी का एड्रेस क्या है सिक्स ठीक है तो
हम क्या करेंगे यहां पे 6 पास करेंगे आई में तो सिक्स यहां पे है तो टी यहां पे मिल जाएगा हमें ठीक है तो आप देखो हमारा
डाटा हम चेंज कर लिए हैं और यहां पे लास्ट में क्या होगा एंडिंग में नल होगा नल वैल्यू ठीक है नल से और
होगा स्टार्ट होता है वन से एड्रेस लिंक लिस्ट का याद रखिएगा तो ये हो गया लिंक लिस्ट के थ्रू हमने आपको बताया की कैसे
डाटा एक दूसरे से इंटर रिलेटेड होता है और कैसे हम उन्हें डाटा स्ट्रक्चर टेक्निक के थ्रू फेस कर सकते हैं आप चाहे तो इसको बटर
तरीके से ऐसे भी समझ सकते हैं जैसे हम दो दो का अगर बना दें यहां पे नोट ठीक है तो यहां पर मां लीजिए अगर ए रहेगा
हम सब का एड्रेस सेट कर दे रहे हैं 12345 और भी आप ले सकते हैं ठीक है तो अगर मां लीजिए यहां पर ए है एन है के आई टी ये
हमारा डाटा है अंकित तो ए में है ठीक है उसके बाद में एन के पास जाना है एन का एड्रेस क्या है तू यहां पे तू दे दो उसके
बाद के क्या है थ्री तो यहां पे थ्री दे दो उसके बाद नेक्स्ट वाले का फोर एड्रेस यहां पे दे दो उसके बाद ये फाइव एड्रेस
यहां पे दे दो और लास्ट में इसमें नल दे दो तो अभी इसमें भी फैज कर सकते सबसे पहले ए आएगा उसके बाद तू में जाएगा तू में क्या
है एन फिर नेक्स्ट नोट का एड्रेस 3 में क्या है के उसके बाद 4 में क्या है आई उसके बाद इसमें क्या है टी तो हमारा डाटा
देखो ठीक है इसी तरीके से आप सोर्टिंग सर्चिंग में भी देखेंगे अरे में भी से ऐसे ही होता है मां लीजिए की हमें बना रहे हैं
ठीक है तो अगर मां लो यहां पर हम डाटा लिख देते 1050
अब किसी ने मुझे बोला की यह तो हमारा हो गया मां लीजिए जिसमें हम वैल्यू रखें हुए किसी ने हमें बोला की इसको सूट करो
एसेंडिंग ऑर्डर में ठीक है तो अब क्या करेंगे हम इस एड्रेस की मदद से इस डाटा को सॉर्ट कर पाएंगे तो जब हम इसको सॉर्ट
करेंगे तो हमारा रिजल्ट क्या आएगा हमारा रिजल्ट आएगा 10 20 एसेंडिंग ऑर्डर में सूट करने पे 30 फिर 50 तो ये हम डाटा कैसे
सॉर्ट कर पे एड्रेस से रहेगा यह डाटा को हम कैसे सॉर्ट कर पे इस डाटा को हम इसलिए शॉर्ट कर पे क्योंकि ये कॉन्टेसर्स मेमोरी
लोकेशन में स्टोर्ड था और इस एड्रेस की मदद से हम क्या किया डाटा को सॉर्ट कर पे और अगर कोई बोलेगा की पर्टिकुलर एलिमेंट
को सर्च करो सर्चिंग ऑपरेशन परफॉर्म करो 30 को हमें प्रिंट करके दिखाओ हम 30 को भी एक्सेस कर सकते हैं डायरेक्टली प्रिंट
करके ए तू ठीक है तो ये हो गया सर्चिंग शार्टिंग का टेक्निक में भी हमें दिखता है की डाटा कैसे एक दूसरे से रिलेटेड राहत है
10 के बाद 50 है अगले वाले प्रिंटर्स पर अगले वाले एड्रेस पर 30 फिर अगले एड्रेस पर 20 तो यह जो एड्रेस है ना कंटीन्यूअस
मेमोरी लोकेशन इसी एड्रेस के थ्रू हम सर्चिंग सोर्टिंग ऑपरेशन परफॉर्म कर पाते हैं अरे में ठीक है तो ये भी डाटा
स्ट्रक्चर का ही पार्ट होता है की कैसे हम डाटा स्ट्रक्चर में ऑपरेशंस को परफॉर्म करते हैं देखते हैं की डाटा कैसे एक दूसरे
से लॉजिकल और मैथमेटिकली कनेक्ट राहत है ठीक है अब हमारा टॉपिक होगा परपज ऑफ डाटा स्ट्रक्चर का परपज क्या है डी में एक ऑफ
डाटा स्ट्रक्चर इस तू इंक्रीस डी एफिशिएंसी ऑफ प्रोग्राम और डिक्रीज डी स्टोरेज रिटायरमेंट प्रोग्राम के
एफिशिएंसी को इंक्रीस करता है डाटा स्ट्रक्चर और स्टोरेज रिटायरमेंट को डिक्रीज करने का कम करता है तो इसका मतलब
क्या हुआ अगर मां लीजिए हम कोई प्रोग्राम बनाएं किसी प्रोजेक्ट में कम किया हमारा प्रोग्राम के परफॉर्मेंस को हम इंक्रीज कर
सकते हैं डाटा स्ट्रक्चर के थ्रू ठीक है और स्टोरेज रिटायरमेंट को हम डिक्रीज भी कर सकते हैं मेमोरी को रन टाइम में मैनेज
कर सकते हैं मां लीजिए हमें कुछ पर्टिकुलर मेमोरी का ही रिटायरमेंट है हमने ज्यादा मेमोरी एलोकेट कर लिया था अपने प्रोग्राम
में तो हम उसको रनटाइम में मैनेज कर सकते मेमोरी को डिक्रीज कर सकते हैं स्टोरेज रिटायरमेंट को अपने अकॉर्डिंग कम
कर सकते हैं और इससे क्या होगा मेमोरी डिक्रीज होने पे हमारे प्रोग्राम का एफिशिएंसी अपने आप इंक्रीज हो जाएगा ठीक
है तो ये में एम होता है डाटा स्ट्रक्चर का सी सी प्लस प्लस में इसलिए कहा जाता है डायनेमिक मेमोरी एलोकेशन येलोकेशन के लिए
हम डाटा स्ट्रक्चर उसे करते हैं ठीक है अब हम बात करते हैं क्लासिफिकेशन ऑफ डाटा स्ट्रक्चर का पहले होता है लाइनर और नॉनली
लाइनर तो लाइनर डाटा स्ट्रक्चर क्या होता है लाइनर डाटा स्ट्रक्चर वो डाटा स्ट्रक्चर होता है जिसमें सीक्वेंस के
फॉर्म में मेमोरी ऑक्यूपाइड होता है डाटा के लिए ठीक है जैसे लिंक लिस्ट स्टार्ट मेमोरी क्रिएट होता है एलिमेंट्स के लिए
सीक्वेंस के फॉर्म में लाइनर में और नॉन लाइनर का अगर हम बात करें तो यहां पे रैंडम कोई भी एलिमेंट कहानी पे भी स्टोर
हो जाता है हमारा डाटा ट्री और ग्राफ नल लाइनर डाटा स्ट्रक्चर का एग्जांपल है ठीक है
अब हम बात करें अगर होमोजेनियस और नॉन होमोजिनियस ये हमारा सेकंड क्लासिफिकेशन है डाटा स्ट्रक्चर का होमोजेनियस जिसमें
हम सिमिलर किड ऑफ डाटा के साथ कम करते हैं जैसे एरिक ठीक है ये हो गया हमारा क्या होमोजिनियस इसमें सिमिलर डाटा ही हम स्टोर
कर पाएंगे और नॉन होमोजेनियस यानी इसमें डिफरेंट किड्स ऑफ डाटा को वैल्यू के साथ कम कर सकते हैं जैसे स्ट्रक्चर और यूनियन
ओके अगला क्लासिफिकेशन हो गया हमारा स्टेटिक और डायनेमिक स्टेटिक टेस्ट स्ट्रक्चर क्या हो गया की जिसमें हम फिक्स
साइज ऑफ मेमोरी के साथ कम करते हैं अगर यहां पे हमने करी बनाया जिसका साइज हमने 10 रख दिया तो अब ये 10 ही रहेगा इसको नाम
इंक्रीज कर सकते हैं ना डिक्रीज कर सकते हैं अगर हमें तब मेमोरी का जरूर है तो हमारा मेमोरी को हम डिक्रीज नहीं कर सकते
वो बेस्ट होगा और अगर हमें मेमोरी को इंक्रीज करने का रिटायरमेंट ए गया तो हम इंक्रीज भी नहीं कर पाएंगे यह फिक्स होता
है स्टेटिक ठीक है डायनेमिक में क्या होता है की हम पेंटर के साथ कम करते हैं इसमें मेमोरी को रन टाइम में मैनेज कर सकते हैं
अपने रिटायरमेंट के अकॉर्डिंग इंक्रीज या फिर डिक्रीज कर सकते हैं तो यह होता है हमारा क्या ये होता तो हमारा डाटा
स्ट्रक्चर का क्लासिफिकेशन अब हम डिस्कस करेंगे ऑपरेशंस ऑफ डाटा स्ट्रक्चर के साथ हम क्या-क्या ऑपरेशंस परफॉर्म करेंगे ठीक
है तो यहां पे पहले हो गया सर्चिंग ऑपरेशन से हम परफॉर्म कर सकते हैं डाटा स्ट्रक्चर में जिसमें हम क्या कर सकते हैं
इंडिविजुअल एलिमेंट को फाइंड कर सकते हैं किसी भी पर्टिकुलर लोकेशन से उसके लोकेशन के साथ अगर हमें एलिमेंट को फाइंड करना
होगा तो हम सर्चिंग टेक्निकल उसे करेंगे सेकंड हो गया हमारा ट्रैवर्सिंग ट्रैवर्सिंग का मतलब क्या होता है की अगर
मां लीजिए हमें किसी पर्टिकुलर एलिमेंट को प्रोसेस करना हुआ इसका रियल लाइफ एग्जांपल अगर हम बात करें अगर मां लीजिए मैंने 10
स्टूडेंट को कुछ टास्क दिया और सेकंड डेज जब हम चेक करेंगे तो हर एक इंडिविजुअल स्टूडेंट को हम चेक करेंगे की उन्होंने
टास्क कंप्लीट कर की नहीं यही होता है ट्रैवर्सिंग जिसमें हम इंडिविजुअल एलिमेंट जो डाटा स्ट्रक्चर का इंडिविजुअल एलिमेंट
होता है सभी को प्रोसेस करके देखते हैं ठीक है इंसर्ट इंसर्ट का मतलब अगर मैं न्यू
रिकॉर्डिंग सेट करना हुआ तो हम इंसर्ट उसे करेंगे इंसर्टिंग परफॉर्म करेंगे अपडेटिंग में रिकॉर्ड को मॉडिफाई करना होगा
डीलिटिंग मतलब रिकॉर्ड होगा डिलीट करना होगा तो हम डीलिटिंग उसे करेंगे इमर्जिंग अगर मां लीजिए हमें दो सोतीन
लिस्ट को कंबाइन करना हुआ तो हम मार्जिन टेक्निक उसे करेंगे सिंगल लिस्ट में मर्ज करने के लिए फिर हो गया हमारा सोर्टिंग
अगर मां लीजिए हमें एलिमेंट्स को पर्टिकुलर ऑर्डर में अरेंज करना है तो हम शार्टिंग टेक्निक उसे करेंगे तो ये होता
है हमारा डाटा स्ट्रक्चर का ऑपरेशंस हम डिस्कस करेंगे व्हाट इस एल्गोरिथम एल्गोरिथम होता क्या है ठीक है और इसको हम
कैसे लिख सकते हैं कैसे परफॉर्म कर सकते हैं रियल में कैसे इंप्लीमेंट कर सकते हैं प्रोग्राम में वो सब डिस्कस करेंगे तो
एल्गोरिथम क्या होता है डी स्टेप बाय स्टेप सन ऑफ अन्य प्रोग्राम इन जनरल लैंग्वेज इस कॉल्ड एल्गोरिथम किसी भी
प्रोग्राम का अगर आप स्टेप बाय स्टेप डिस्क्रिप्शन दे रहे हैं अपनी लैंग्वेज में जनरल लैंग्वेज मतलब अपने लैंग्वेज में
अगर आप लिख रहे हैं तो वही होता है एल्गोरिथम ठीक है आप इसका एक और डेफिनेशन ले सकते हैं यहां पर एल्गोरिथम इसे
सीक्वेंस ऑफ और क्लियर इंस्ट्रक्शंस यूज्ड तू सॉल्विंग एन प्रॉब्लम सच अब दत आईटी कैन इंप्लीमेंटेड एक एन प्रोग्राम पर
कंप्यूटर ठीक है आप एल्गोरिथम को एक क्लियर इंस्ट्रक्शन मां सकते हैं किसी भी प्रॉब्लम को सॉल्व करने के लिए है जिसको
बाद में हम क्या कर सके अपने सिस्टम में इंप्लीमेंट कर सके प्रोग्राम के फॉर्म में वही होता है एल्गोरिथम ठीक है और एक
एल्गोरिथम में सर चीज होता है किसी भी प्रोग्राम को इंप्लीमेंट करने के लिए जैसे एग्जांपल के लिए अगर हम एक प्रोग्राम ले
लेने एड तू नंबर का तो एड तू नंबर का प्रोग्राम बनाने से पहले हमें क्या पता होना चाहिए हमें एल्गोरिथम पता होना चाहिए
लेकिन हम क्या करते हैं हम गलती क्या करते हैं की अगर हम आपको बोलेंगे एड तू नंबर का प्रोग्राम बना तो आप डायरेक्ट जाएंगे
सिस्टम के पास बनाने लगेंगे और इसमें क्या होता है प्रॉब्लम क्या होता है की कई बार हम अट जाते हैं वो तो अभी हमें इसका लॉजिक
पता हो गया तो हम बना लेंगे लेकिन जब स्टार्टिंग में फर्स्ट टाइम सेकंड टाइम न्यू स्टूडेंट आते हैं तो उनको दिक्कत
होता है क्योंकि उन्हें नहीं पता होता है लॉजिक और ना ही इसे सिंटेक्स पता होता है तो कोई भी प्रोग्राम इंप्लीमेंट करने से
पहले बटर ये होता है उसका आप एल्गोरिथम लिख लो अपने से ये एनालाइज करूं की इस एड तू नंबर के प्रोग्राम के लिए क्या-क्या
रिटायरमेंट होगा हमें वो रिटायरमेंट की एल्गोरिथम कहलाता है जैसे स्टेप वन क्या होगा हमारा बिगिन स्टेप तू में हम ये
देखेंगे की हमें दो नंबर को एड करना है यानी हमें दो इनपुट चाहिए होगा तो यहां पे ए भी हम क्या लेंगे दो वेरिएबल ले लेंगे
इनपुट के लिए ये हम अपने एल्गोरिथम में लिख रहे हैं ए और बी में इनपुट होने के बाद हमारा अगला रिटायरमेंट क्या होगा की
हमें इनको क्या करना होगा एड करना होगा तो हम लिखेंगे सम ऑफ ए और बी ठीक है स्टेप फॉर्मेट डिस्प्ले कर देंगे हम अपने आउटपुट
ऑफ एडिशन को यानी सम को स्टेप फाइव एग्जिट तो अगर आप ये एल्गोरिथम लिख लोग अपने से रिटायरमेंट समझ के एल्गोरिथम बना लोग तो
अब आपको प्रोग्राम को इंप्लीमेंट करने में कोई प्रॉब्लम नहीं होगा क्योंकि आपको सर स्टेप पता है ठीक है और स्टेप बाय स्टेप
डिस्क्रिप्शन ऑफ अन्य प्रोग्राम इस कॉल्ड एल्गोरिथम देखो स्टेप बाय स्टेप लिखा हुआ है अब हम क्या करेंगे अब इसको अगर हम बोले
की सेल लैंग्वेज या फिर जावा में आप इसको इंप्लीमेंट करो एड तू नंबर को तो आपको क्या पता होना चाहिए आपको बस उसे लैंग्वेज
का सिंटेक्स पता होना चाहिए अगर आपको सिंटेक्स पता होगा लैंग्वेज का तो आप क्या करेंगे इस रिटायरमेंट को इंप्लीमेंट कर
सकते हैं किसी भी लैंग्वेज में ठीक है अब हम आपको एड तू नंबर का प्रोग्राम बना के दिखाएंगे से इस एल्गोरिथम को फॉलो करके जो
हमने आपको स्टेप बाय स्टेप लिख कर दिखाए तो स्टेप नंबर एवरीवन क्या था बेगन तो यह हो गया हमारा बेगन स्टेप नंबर तू क्या था
हमारा इनपुट तू नंबर्स ए और बी तुम क्या करेंगे इंतजार टाइप का दो नंबर इनपुट लेंगे तो पहले नंबर हम ए में इनपुट ले
लेते हैं 10 सेकंड नंबर हम बी में इनपुट ले लेते हैं 20 ठीक है स्टेप नंबर थर्ड क्या था सम ऑफ ए और बी ए
और बी का सम तो ए + बी हम करेंगे यहां पे और उसको हम क्या करेंगे स्टोर कर लेंगे एक थर्ड वेरिएबल सी में ठीक है स्टेप नंबर
फोर क्या था प्रिंट सम ऑफ ए और बी यानी एडिशन का रिजल्ट प्रिंट करो तो यहां पे हम प्रिंट ऑफ फंक्शन उसे करेंगे प्रिंट करने
के लिए परसेंटेज स्ट्रिंग हम उसे करेंगे इंतजार वैल्यू के लिए ठीक है और यहां पे हम सी को प्रिंट कर देंगे
स्टेप नंबर फाइव क्या था एग्जिट तो यहां पर देखो हमारा कैलिब्रेशन क्लोज कर दिए हैं एग्जिट हो गया है ठीक है प्रोग्राम
हमारा बन गया है अब हम क्या करेंगे इसको रन करेंगे तो रन कोड पे हम क्लिक करेंगे तो आप यहां पर देखिएगा रिजल्ट हमारा
प्रिंट होगा 30 ये देखो रिजल्ट ए चुका है तो आप इस तरीके से कोई प्रोग्राम बना सकते हैं अगर आपके पास उसे प्रोग्राम का
एल्गोरिथम होगा तो तो यही रिकमेंडेशन होता है की आप कोई भी प्रोग्राम बनाने से पहले प्रोग्रामिंग करने से पहले एक बार उसका
एल्गोरिथम जरूर स्टेप बाय स्टेप लिख ले के उसे प्रोग्राम को बनाने के लिए क्या-क्या रिटायरमेंट आपको लगेगा अब हम डिस्कस
करेंगे प्रॉपर्टीज ऑफ एल्गोरिथम तो पहले प्रॉपर्टी होता है इनपुट हर एक एल्गोरिथम में इनपुट होना चाहिए सेकंड आउटपुट
एल्गोरिथम में इनपुट आउटपुट होना ही चाहिए ठीक है अगर आप किसी भी प्रोग्राम का एल्गोरिथम लिखेंगे तो यह आम रहेगा थर्ड
होता है डेफिनिशन ये क्या होता है एवरी इंस्ट्रक्शंस ऑफ एन एल्गोरिथम मस्त बी क्लियर क्लियर होना चाहिए समझना के लिए
फिर हो गया फिटनेस ठीक है मतलब क्या हो गया इंस्ट्रक्शंस ऑफ एल्गोरिथम मस्त बी बेसिक इन अप तू केरिड
आउट और आईटी मस्त बी फिजिकल क्या हुआ पर डिफरेंट केसेस एल्गोरिथम मस्त प्रोड्यूस रिजल्ट आफ्टर फिनित सेट ऑफ
इंस्ट्रक्शंस ठीक है तो ये हो गया हमारा क्या प्रॉपर्टीज ऑफ एल्गोरिथम अब एग्जांपल देखो यहां पे हम एक और प्रोग्राम ले रहे
हैं नेचुरल नंबर का ठीक है की नेचुरल नंबर का प्रोग्राम बनाने के लिए अगर हमें कोई बोल दे की उसका एल्गोरिथम लिखो तो कैसे
लिखेंगे स्टेप वन बिग इन स्टेप तू एक वेरिएबल हम डिफाइन करेंगे तो वेरिएबल डिफाइन करने के लिए एल्गोरिथम में हम उसे
करते हैं सेट ठीक है तो यहां पे मां लो हम एक वेरिएबल इन स्लाइस के लिए आई इक्वल वन वैल्यू दाल दी है उसमें ठीक है स्टेप 3
रिपीट करेंगे हम स्टेप फोर और फाइव को आ लुक का कंडीशन क्या होगा <= 10 तक क्योंकि हमें 1 से 10 तक प्रिंट चाहिए नंबर ठीक है
तो 4 5 स्टेप रिपीट होगा यानी दो स्टेप या रिपीट होगा पहले वन प्रिंट होगा ये वाला वैल्यू वन प्रिंट होगा उसके बाद आई का
वैल्यू बाढ़ गया तू होगा फिर वापस से स्टेप फोर में तू प्रिंट होगा तो यह दोनों स्टेप रिपीट करता रहेगा कितना टाइम तक 10
टाइम्स तक तो हमारा नेचुरल नंबर प्रिंट हो जाएगा जहां तक हम चाहते हैं उसके बाद एग्जिट जब रिजल्ट ए गया एग्जिट तो यह हो
गया नेचुरल नंबर प्रिंट करने का नेचुरल नंबर के प्रोग्राम का एल्गोरिथम तो अगर आपको यह एल्गोरिथम पता चल गया तो अभी आप
इसको इंप्लीमेंट कर पाएंगे प्रोग्राम के फॉर्म में रियल में ठीक है अब हम आपको नेचुरल नंबर का प्रोग्राम बना के दिखाई
हैं से वही एल्गोरिथम फॉलो करके जो हमने आपको दिखाए ठीक है तो सबसे पहले हमारा स्टेप नंबर वन विभिन्न था स्टेप नंबर तू
में क्या था आई में हमने एक वैल्यू इन स्लाइस किया था ठीक है तो यहां पे भी हम क्या करते हैं एक वैल्यू इन स्लाइस कर
देते हैं एक वेरिएबल हाय में वन ठीक है स्टार्टिंग वैल्यू हो गया स्टेप नंबर थ्री क्या था हमारा हम लूप उसे किया थे कंडीशन
लगाएं थे तो यहां पे हम मोबाइल लूप उसे करेंगे कंडीशन क्या होगा की आई का वैल्यू ली दें इक्वल 10 हमें 10 तक चाहिए तो 10
तक जाएंगे ठीक है और यहां पर हमारा कोड होगा इस बॉडी के अंदर तो हम क्या करेंगे यहां पर सिंपली प्रिंट करेंगे
प्रिंट कर दिया हमने प्रिंट करने के बाद इसको हम रिमूव कर देते ठीक है प्रिंट करने के बाद आई की वैल्यू हमें
इंक्रीज करनी है तो यहां पे हम आई की वैल्यू इंक्रीज कर देंगे ठीक है उसके बाद हमारा एग्जिट था और कोई भी स्टेप्स नहीं
था तो जो स्टेप्स हमने एल्गोरिथम में आपको दिखाए उतना ही स्टेप्स को उसे करके हम ये प्रोग्राम बना दिए हैं ठीक है अब चलो हम
इसको रन करते हैं देखते हैं आउटपुट आता है की नहीं तो यहां पे ये रन हो गया देखो ये आउटपुट
प्रिंट हो गया तो अगर आप चाहते वैल्यू स्पेस पे प्रिंट हो तो यहां पे एक स्पेस आप मेंटेन कर सकते हैं ठीक है
ये देखो तो इस तरीके से आप कोई भी प्रोग्राम का एल्गोरिथम अपने अंडरस्टैंडिंग के हिसाब से
स्टेप बाय स्टेप लिख सकते हैं और एक बार अगर आप समझ गए एल्गोरिथम लिख लिया रिटायरमेंट को जान लिया तो उसके बाद
प्रोग्राम को इंप्लीमेंट करना कितना इसी होता है आपने देख भी लिया अगर आपको यह प्रोग्राम समझ में आया हो तो वीडियो को
लाइक करेगा सबसे पहले हमने डिस्कस कर व्हाट इसे डाटा स्ट्रक्चर तो आपको ही पता ऑर्गेनाइज्ड
कलेक्शन ऑफ डाटा इन ए पर्टिकुलर फॉर्मेट इस कॉल्ड डाटा स्ट्रक्चर ठीक है डाटा को एक स्ट्रक्चर के फॉर्म में रखना ही डाटा
स्ट्रक्चर कहलाता है फिर हम देखें थे परपज ऑफ डाटा स्ट्रक्चर की परपज क्या होता है इंक्रीज डी एफिशिएंसी ऑफ प्रोग्राम और
डिक्रीज डी स्टोरेज रिटायरमेंट ये परपज होता है डाटा स्ट्रक्चर का फिर क्लासिफिकेशन में हम देखें थे पहले था
हमारा लाइनर और नॉन लाइनर तो लाइनर डाटा स्ट्रक्चर में क्या होता है की हमारा जो डाटा होता है वो सीक्वेंस के फॉर्म में
स्टोर होता है कंप्यूटर मेमोरी में और हमारा नल लाइनर में क्या होता है की वो रेंडम फॉर्म में कहानी वेस्ट हो जाता है
सेकंड क्लासिफिकेशन था डाटा स्ट्रक्चर का होमोजेनियस और नॉन होमोजेनियस होमोजेनियस में क्या था की हम सिमिलर किड ऑफ डाटा के
साथ कम करते हैं ठीक है जैसे एरर और होमोजेनियस में डिफरेंट किड्स ऑफ डाटा के साथ हम कम करते हैं जैसे स्ट्रक्चर यूनियन
फिर हमारा तो अगला स्टार्टिंग डायनेमिक डाटा स्ट्रक्चर स्टार्टिंग में क्या होता है की हम फिक्स साइज ऑफ मेमोरी के साथ कम
करते हैं डायनेमिक में हम मेमोरी को अपने रिटायरमेंट के अकॉर्डिंग इंक्रीज कर सकते हैं तो यह था हमारा थ्री टाइप्स ऑफ क्लास
इफिकेशन ऑफ डाटा स्ट्रक्चर उसके बाद हम डाटा स्ट्रक्चर का ऑपरेशन डिस्कस किया थे ठीक है फिर ए गया था हमारा एल्गोरिथम
एल्गोरिथम क्या होता है स्टेप बाय स्टेप डिटेल डिस्क्रिप्शन ऑफ अन्य प्रोग्राम इस कॉल्ड एल्गोरिथम ठीक है फिर प्रॉपर्टी ऑफ
एल्गोरिथम आपको बताए थे इनपुट आउटपुट इफेक्ट ठीक है हमारा क्या प्रॉपर्टी फिर हम एग्जांपल फिर डिस्कस किया थे तो अगर
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Data structures are organized collections of data that help manage and store data efficiently. They are crucial in programming because they enhance the efficiency of programs, reduce storage requirements, and improve memory management, which ultimately leads to better program performance.
Data structures can be classified into several categories: 1) Linear vs. Non-linear: Linear structures store data sequentially, while non-linear structures allow for random storage. 2) Homogeneous vs. Non-homogeneous: Homogeneous structures handle similar data types, whereas non-homogeneous structures can manage different types. 3) Static vs. Dynamic: Static structures have fixed memory sizes, while dynamic structures allow for memory management at runtime.
Common operations on data structures include searching for elements, traversing through elements, inserting new records, updating existing records, deleting records, merging lists, and sorting elements in a specific order.
An algorithm is a step-by-step procedure for solving a problem, consisting of clear instructions that can be implemented in programming languages. Key properties of algorithms include having input, producing output, being clearly defined, and terminating after a finite number of steps.
Understanding data structures and algorithms is essential for writing efficient programs. They provide the foundation for organizing data and solving problems effectively, which leads to optimized performance and resource management in programming.
Writing algorithms before coding helps ensure clarity and logic in programming. It allows programmers to outline the steps needed to solve a problem, making the coding process smoother and reducing the likelihood of errors.
For more in-depth learning, you can check out our summaries on related topics, such as 'Understanding Data Structures Through C Language' and 'Comprehensive Overview of Algorithms and Data Structures Course', as well as our Java programming courses.
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