Complete Guide to Class 11 Physical Education: Trends, Careers & Notes
Introduction to Class 11 Physical Education
- Overview of the new syllabus for 2024-2025
- Importance of understanding Physical Education beyond just easy scoring
- Availability of premium notes and detailed video lectures for better preparation
Unit 1: Changing Trends and Career in Physical Education
Concept and Objectives of Physical Education
- Historical background: Origin from ancient Greek philosophers and physical fitness for warriors
- Definition: Physical Education develops physical, mental, social, and emotional strength
- Multiple definitions by scholars; students advised to memorize 1-2 for exams
Current Trends in Physical Education
- Evolution from gymnastics and physical culture to modern Physical Education linked with sports
- Benefits include improved physical fitness, cardiovascular endurance, body composition, self-discipline, confidence, and stress reduction
- Physical Education also known as Movement Education focusing on motor skills
Aims and Objectives of Physical Education
- Four main objectives:
- Physical Development: Muscle growth, posture, and overall fitness
- Social Development: Enhances social skills, teamwork, sportsmanship
- Emotional Development: Controls emotions, anger management, resilience
- Mental Development: Improves brain function, alertness, reasoning, and academic performance
Development of Physical Education in India
- Post-independence initiatives:
- 1948: Central Government Physical Education Committee (Tarachand Committee)
- 1950: Central Advisory Board of Physical Education to promote compulsory Physical Education in schools
- Establishment of National Institute of Sport and various sports councils
- Key milestones:
- 1951 Asian Games in Delhi
- 1957: First College of Physical Education (Laxmibai College)
- 1984: Sports Authority of India (SAI) formation
- 2010 Commonwealth Games in New Delhi
- 2018: CBSE made Physical Education compulsory for classes 9-12
Changing Trends in Sports and Technology
- Advancements in playing fields: From natural grass to artificial turf and urban sports facilities
- Evolution of sports equipment: Improved helmets, wearable tech, sensor-based performance analysis
- Role of coaches and technology in enhancing athlete performance
Career Options in Physical Education
Traditional Careers
- Teaching Physical Education at various educational levels
- Coaching athletes with recognized courses and diplomas
Emerging Careers
- Health-related fields: Diet planning, fitness training
- Administrative roles: Sports club management, marketing, government sports departments
- Media-related careers: Sports journalism, broadcasting, photography, writing
Government Initiatives: Khelo India and Fit India
Khelo India
- Launched to promote grassroots sports participation across urban and rural areas
- Objectives include talent identification, increasing fitness among school children, promoting women’s participation, and reviving indigenous sports
- Provides scholarships and financial support to talented athletes
Fit India Movement
- Launched in 2019 to encourage daily physical activity among all age groups
- Aims to create awareness about fitness and promote traditional and modern physical activities
- Encourages community participation and behavioral change towards a healthier lifestyle
Exam Preparation Tips
- Focus on syllabus-aligned topics only
- Use premium notes and revise regularly
- Practice multiple-choice and match-the-following questions provided
- Understand key definitions, objectives, and government schemes
Conclusion
This comprehensive guide equips Class 11 students with essential knowledge of Physical Education, its evolving trends, career pathways, and government programs. Regular study and practical engagement in physical activities will ensure academic success and holistic development.
For further reading, check out our resources on Class 12 Physics: Introduction to Electrostatics and Electric Charges for foundational concepts that can enhance your understanding of physical principles in sports. Additionally, explore Understanding Motion: A Comprehensive Guide for Class 9 Science to grasp the basics of motion, which is crucial in physical education. If you're preparing for competitive exams, our 6 Months of Current Affairs for Competitive Exams: Comprehensive Overview can provide valuable insights. Lastly, for those interested in mathematics related to sports, our Comprehensive Overview of Lines and Angles for Class 9 Mathematics can be beneficial.
[संगीत] सो हेलो एवरीवन वेलकम टू माय चैनल तो कैसे हैं आप सभी लोग तो सभी लोग का बहुत-बहुत
स्वागत है क्लास 11 फिजिकल एजुकेशन की इस जर्नी में जहां में मैं जानता हूं कि आप लोगों ने अपने सीनियर से सुनकर फिजिकल
एजुकेशन ले चुके हो ये सोच के कि ये सब्जेक्ट तो इजी पीजी है आराम से पढ़ेंगे और अच्छे नंबर हासिल कर लेंगे बेशक ये
सब्जेक्ट इजी है बट उसको समझने के लिए एक सही बंदे की बहुत ज्यादा जरूरत है क्योंकि स्कूल के टीचर्स कैसे पढ़ाते हैं ये तो आप
लोग समझ चुके होंगे तभी आपने youtube1 या यूनिट नंबर वन जिसका नाम है चेंजिंग ट्रेंड एंड करियर इंड फिजिकल
एजुकेशन तो डिटेल में इस चैप्टर को हम लोग कवर अप करने वाले हैं तो चैप्टर को अच्छे से देखें उसके बाद नोट्स को एक बार रिवाइज
कर लें जिससे आप लोग की प्रिपरेशन तगड़ी हो जाएग इसके अलावा एक और चीज बताऊं क्लास 11थ के साथ-साथ 12थ में भी मैं आप लोग के
साथ बना हुआ हूं तो इस चैनल को सब्सक्राइब करें ना क्योंकि इस चैनल में फिजिकल एजुकेशन रिगार्डिंग प्यारा कंटेंट आप लोग
को मिलता रहता है तो प्यारा कंटेंट मैं आप लोग के लिए लेकर आया हूं मैं जानता हूं मैं पका रहा हूं आप लोग को चलिए शुरू करते
हैं वीडियो को तो चलिए स्टार्ट करते हैं यूनिट नंबर वन जिसका नाम है चेंजिंग ट्रेंड एंड करियर इन फिजिकल एजुकेशन जो
टॉपिक हम लोग कवर अप करने वाले हैं फिजिकल एजुकेशन क्लास 11थ के अकॉर्डिंग होने वाला है और जो भी हम लोग टॉपिक पढ़ने वाले वो
2024 2025 के स्टूडेंट्स के लिए होने वाला है वीडियो में आगे बढ़ने से पहले अगर आप फिजिक्स मेरे साथ पढ़ना चाहते हो तो मेरे
फिजिक्स के चैनल को भी सब्सक्राइब कर लेना जकी सौदागर फिजिक्स नाम से आप लोग को मिल जाएगा जहां पे आप लोग को फिजिक्स रिलेटेड
प्यारा कंटेंट मैं कवर अप करवाता रहता हूं इसके अलावा अगर आप लोग चाहो तो ा और में जितने भी टाइप के क्वेश्चन जो आपके
एग्जाम पॉइंट ऑफ व्यू से आते हैं सभी के सभी आप लोग को इसमें मिल जाएंगे और बहुत तगड़ा थ्योरी कंटेंट है इसके अंदर तो अगर
आप लोग बुक लेने की सोच रहे हो तो इस फिजिकल एजुकेशन की बुक को आप लोग परचेज कर सकते हैं डिस्क्रिप्शन में फर्स्ट लिंक आप
लोग को मिल जाएगी इसके अलावा आप में से काफी सारे लोग पूछ रहे थे कि भैया नोट्स के लिए क्या करना है तो प्रीमियम नोट्स
क्लास 11थ के लिए भी डिजाइन कर दिए गए हैं 2024 2025 के लिए तो अगर आप मेरे प्यारे प्रीमियम नोट्स रिवीजन के पॉइंट ऑफ व्यू
से आप लोग चाहते हो तो वो नोट्स आप लोग को डिस्क्रिप्शन में मैंने पिंड कर दिया हूं सेकंड नंबर की लिंक जहां पे आप लोगों मेरे
प्रीमियम नोट्स क्लास 11थ की मिल जाएंगे वहां पे जाके आप लोग मेरे प्लेटफॉर्म की वेबसाइट या एप्लीकेशन से उसको डाउनलोड कर
सकते हैं और अभी चल रहा है स्पेशल डिस्काउंट तो आप लोग pe30 कोड यूज करके इसको डाउनलोड कर सकते हैं और प्रिंट आउट
कराके अपनी तगड़ी प्रिपरेशन कर सकते हैं तो बुक और नोट्स दोनों के बारे में अब मैंने बता दिया तो बार-बार पूछना नहीं
मुझसे अब बात निकल के आती है कि इस चैप्टर में हम लोग क्या पढ़ने वाले हैं पहली चीज तो मैं आप लोग को क्लियर बता देता हूं मैं
जानता हूं क्लास 11थ के इस फिजिकल एजुकेशन की जर्नी में तुम्हारे स्कूल के टीचर्स कुछ अलग पढ़ा रहे होंगे और मैं कुछ अलग
पढ़ा रहा हूंगा ऐसा तुम लोग को फील होने वाला है या होने ही लग गया होगा तो एक चीज आप लोगों को क्लियर समझाना चाहता हूं जो
भी मैं आप लोगों को पढ़ा रहा हूं न्यू सिलेबस क्लास 11 2024 2025 के अकॉर्डिंग ही मैं चीजों को कवर अप करवाने वाला हूं
इस चैप्टर के अंदर आप लोग को ये टॉपिक्स ही दिए गए हैं न्यू सिलेबस के अकॉर्डिंग अब मुझे नहीं मालूम कि आपके स्कूल के टीचर
कोई पुरानी बुक को फॉलो कर रहे हैं या कोई आउट ऑफ सिलेबस के अंदर वाले टॉपिक को इंक्लूड करके पढ़ा रहे हैं वो आप लोग को
अपने टीचर को समझाना पड़ेगा आपको यकीन ना हो तो ये देखिए मैंने स्क्रीन पे आप लोग के लिए डाल दिया हूं ये यूनिट नंबर वन के
अंदर के सारे टॉपिक्स आप लोग के न्यू सिलेबस के अकॉर्डिंग है तो वही चीजें हम लोग यहां पे आज पढ़ने वाले हैं तो पहले ही
मैं आप लोग को क्लियर कर दे रहा हूं कमेंट बॉक्स में प्लीज ये मत लिखना कि भैया हमारे स्कूल के टीचर तो कुछ और पढ़ा रहे
हैं आप तो कुछ बलते टॉपिक पढ़ा रहे हो जो आउट ऑफ सिलेबस ऐसा नहीं है मेरे भाई मैं आप लोग को न्यू सिलेबस के अकॉर्डिंग चीजें
पढ़ा रहा हूं जो एक्चुअल में सिलेबस के पॉइंट ऑफ व्यू से आप लोग को चीजें दी गई है तो सबसे पहले टॉपिक से स्टार्ट करते
हैं जो है कांसेप्ट एम ऑब्जेक्टिव ऑफ फिजिकल एजुकेशन तो जैसे कि आप लोगों ने समझे सबसे पहला टॉपिक का नाम ही फिजिकल
एजुकेशन है तो आखिर ये फिजिकल एजुकेशन वर्ड क्या पहली बार आप लोग पढ़ रहे हो क्या जिंदगी में ये पहली बार आया है या
फिर आप जैसे जेंसी बच्चों के लिए पहली बार आया है ऐसा बिल्कुल नहीं है एशियंट टाइम में भी फिजिकल एजुकेशन आप लोग को देखने को
मिलता मतलब ये कि फिजिकल एजुकेशन उस टाइम पढ़ना पड़ता था ऐसा नहीं है फिजिकल एजुकेशन एशियंट टाइम में फिजिकल फिटनेस के
नाम से जाना जाता था उस टाइम पे कुछ फिजिकल एक्टिविटीज करवाई जाती थी इंडिविजुअल एथलीट्स को वॉरियर को जिससे कि
वो अपने आप को फिजिकली फिट रख सके मेंटली स्ट्रांग बना सके तो वही चीज आज के टाइम पे फिजिकल एजुकेशन के नाम से जानी जाती है
तो याद रखना फिजिकल एजुकेशन की फाउंडेशन ग्रीस के कुछ फिलोसोफर ने रखे हैं क्योंकि उस टाइम पे फिजिकल एक्टिविटीज फिजिकल
फिटनेस के बारे में बहुत ज्यादा ख्याल रखा जाता था और वही चीज आगे जाके इवॉल्व होकर फिजिकल एजुकेशन बनी है अब आखिर ये फिजिकल
एजुकेशन बेसिकली होती क्या है तो याद रखना फिजिकल एजुकेशन ना इंटीग्रल पार्ट है हमारे एजुकेशन सिस्टम का क्योंकि ये
बेसिकली आपको समझाती है कि कैसे आप अपने आप को मेंटली स्ट्रांग रख सकते हो कैसे आप फिजिकली आप लोग अपनी बॉडी को स्ट्रांग रख
सकते हो कैसे मेंटली और सोशली आप लोग अपने आप को स्टेबल रख सकते हो और लोगों के साथ कैसे सोशल हो सकते हो इन सबके अलावा
जिंदगी के जितने भी टाइप के चैलेंज आते हैं उन सबको कैसे फेस करना है वो सभी चीजें आपको फिजिकल एजुकेशन बताती है तो
बेसिकली फिजिकल एजुकेशन डेवलप अ चाइल्ड फिजिकली मेंटली सोशली एंड इमोशनली एंड प्रिपेयर देम टू फेस वेरियस चैलेंज ऑफ
लाइफ तो मेरे ख्याल से समझ में आया अब आप कहोगे कि भैया क्या यही डेफिनेशन लिखना जरूरी है हमारे स्कूल के सर तो कह रहे हैं
बुक की डेफिनेशन याद कर लो लेकिन आपको एक चीज समझाना चाहता हूं बुक के अंदर ढेर सारी डेफिनेशंस आप लोग को फिजिकल एजुकेशन
की दी हुई है अब आप कहोगे भैया जब डिफरेंट डिफरेंट टाइप की फिजिकल एजुकेशन की डेफिनेशन दी है इसका मतलब क्या कोई सही
डेफिनेशन नहीं है देखो अलग-अलग स्कॉलर ने अलग-अलग राइटर ने अपने-अपने अकॉर्डिंग यार फिजिकल एजुकेशन की डेफिनेशन को डिफाइन
करें आप चाहो तो कोई भी एक से दो टाइप की डेफिनेशन याद कर लो एग्जाम में कोट कर लेना आपको पूरे नंबर मिल जाएंगे यहां पे
मैंने कुछ डिफरेंट डिफरेंट टाइप के स्कॉलर्स की आप लोग को डेफिनेशंस यहां पे दिखा दिया हूं आप लोग से बस छोटा सा
रिक्वेस्ट है कि इस वीडियो को पॉज करिए वीडियो को जूम करिए और इन चार से पांच जो डेफिनेशंस आप लोग को यहां डिफरेंट डिफरेंट
टाइप की दी हुई है इन सबको एक बार रीड कर लो आई होप आप लोगों ने रीड कर लिए या या या चलिए आगे बढ़ते हैं अगला टॉपिक है करंट
ट्रेंड इन फिजिकल एजुकेशन तो बेसिकली इस टॉपिक में हम लोग ये जानेंगे कि फिजिकल एजुकेशन की इंपॉर्टेंस क्या आज के ही टाइम
पे है ऐसा बिल्कुल नहीं है पहले के टाइम पे भी फिजिकल एजुकेशन की इंपॉर्टेंस हमेशा से रही है एक वॉरियर को वॉरियर बनाने में
फिजिकल फिकल एजुकेशन का ही हाथ है और एक एथलीट को उसके मुकाम तक पहुंचाने के लिए भी फिजिकल एजुकेशन का हाथ है तो याद रखो
फिजिकल एजुकेशन आज के टाइम पे भी एक कॉमन पर्सन के लिए बहुत ज्यादा इंपॉर्टेंट होती है तो फिजिकल एजुकेशन के बारे में थोड़ी
देर पहले हम लोगों ने ये समझे थे कि ग्रीस के फिलोसोफर ने उस टाइम ये बताए हैं कि उस टाइम पे भी फिजिकल एक्टिविटीज परफॉर्म की
जाती थी जब फिजिकल एक्टिविटीज परफॉर्म की जाती थी तो मतलब उस टाइम से लेकर आज तक के फिजिकल एजुकेशन इवॉल्व होते हुए आया है
पहले के टाइम पे इसको जिम्नास्टिक के पॉइंट ऑफ व्यू से देखा जाता था आगे जाके ये फिजिकल कल्चर के नाम से जाना गया बाद
में इसे फिजिकल ट्रेनिंग के नाम से भी जाना गया और आज के टाइम में हम लोग इसको फिजिकल एजुकेशन के नाम से जानते हैं आफ्टर
1920 बट धीरे-धीरे करके फिजिकल एजुकेशन आप लोग को स्पोर्ट्स के साथ भी लिंक होते हुए देखने को मिला ओबवियस सी बात है यार
स्पोर्ट्स और फिजिकल एजुकेशन दोनों एक ही आप लोग को संदेशा दे रहे हैं जिसका मेन पर्पस ये है कि आप अपने आप को फिजिकली फिट
रख सको जिससे कि आप लोग की जिंदगी और ज्यादा बेहतर हो सके क्योंकि आप लोग एक चीज समझो ना जो लोग यार स्पोर्ट्स
एक्टिविटीज में पार्टिसिपेट करते हैं वो लोग हेल्दी रहते हैं वो डिसीजन से दूर रहते हैं हेल्दी खाना खाते हैं हेल्दी
लाइफस्टाइल जीते हैं तो उन लोग की जिंद तो यार एक कॉमन पर्सन से काफी ज्यादा बेटर होगी ना अगर जो रेगुलर फिजिकल एक्टिविटी
परफॉर्म कर रहा है एक और चीज याद रखना फिजिकल एजुकेशन को आज के टाइम पे हम लोग मूवमेंट एजुकेशन के नाम से भी जानते हैं
बिकॉज यहां पे हम लोग मूवमेंट कर रहे हैं मोटर स्किल्स यहां पे हमारी यूज हो रही है जिसकी वजह से आपकी बॉडी का मूवमेंट हो रहा
है मूवमेंट होगा तो ओबवियस सी बात है फिजिकल एक्टिविटीज हो रही है अब जानते हैं कि आखिर सिग्निफिकेंट क्या होते हैं
फिजिकल एजुकेशन के तो याद रखिएगा सबसे पहली और इंपॉर्टेंट चीज वो ये है कि आप लोग की बॉडी के अंदर जो फिजिकल फिटनेस है
वो इंप्रूव होती है चाहे अगर मैं बात करूं स्ट्रेंथ की या मैं बात करूं फले लेजिबिलिटी की या अगर आप लोग को अपनी बॉडी
के अंदर लंबे वक्त तक की किसी भी एक्टिविटी को परफॉर्म करना है उसको अगर आपको डेवलप करना है जिसको हम लोग एंडोरेंस
कहते हैं वो सभी के सभी चीजों को इंप्रूव करता है इन सब के अलावा आपकी बॉडी का जो कंपोजीशन है वो बेटर होता है अगर आप मोटे
हो तो आप लोग एक हेल्दी वेट में आ जाओगे अगर आप रेगुलर फिजिकल एक्टिविटी को परफॉर्म करते हो तो अगर आप दुबले हो तो आप
लोग हेल्दी वेट में आ जाओगे तो बॉडी का जो कंपोजीशन है वो बेटर यहां पे आप लोग को देखने को मिलता है और कार्डियोवैस्कुलर
एंडोरेंस भी यहां पे डेवलप होता है आपका हार्ट हेल्दी रहता है लंग्स की एफिशिएंसी बढ़ती है और ढेर सारे बेनिफिट्स आप लोग को
देखने को मिलते हैं इन सब के अलावा आपकी जिंदगी के अंदर सेल्फ डिसिप्लिन भी बनता है आप जानते होंगे जितने भी स्पोर्ट्स
पर्सन है या जो भी फिजिकल एक्टिविटीज को परफॉर्म करते हैं रेगुलरली चाहे जिम ही क्यों ना जा रहे हो एक डिसिप्लिन आप लोग
की बॉडी के अंदर डेवलप हो रहा है वो आप लोग की हेल्थ और फिटनेस को डेवलप करने के लिए बहुत ज्यादा इंपॉर्टेंट होता है जब आप
फिजिकल एजुकेशन के इंटीग्रल पार्ट बनोगे तो उसमें आप याद रखना जो आप लोग का सेल्फ कॉन्फिडेंस एकदम लो होता वो धीरे-धीरे
करके डेवलप होने लग जाता है और सेल्फ एस्टीम भी यहां पे इंप्रूव होता है इसका मतलब ये कि आप लोग नई-नई फिजिकल
एक्टिविटीज में मास्टरी करना सीख लेते हो और नई स्किल को जानने का मौका मिल पाता है इन सबके अलावा जब भी आप लोग कोई भी फिजिकल
एक्टिव भाई यार सीधी सिंपल बात है ना आप लोग को कोई कहा जाए कि एक घंटे का वीडियो देख लो जो कि आप लोग को लेक्चर के तौर पे
फिजिक्स का वीडियो है भाई सर की नस फट जाएगी लेकिन वही अगर आपसे कहे कि एक घंटे जाके बढ़िया खेल कूद लो तो ओबवियस बात है
ना जब भी खेल कूदने की बात आती है तो हम लोग का स्ट्रेस यार एकदम से दूर हो जाता है अरे वो बंदा भूल जाता है कि उसका
ब्रेकअप हुआ है चल बस रुलाएगा क्या फिजिकल एजुकेशन और स्पोर्ट्स बहुत ज्यादा इंपॉर्टेंट है यार स्ट्रेस के रिडक्शन के
लिए इसके बाद नेक्स्ट टॉपिक आता है आप लोग का एम ऑफ फिजिकल एजुकेशन अब रही बात फिजिकल एजुकेशन की एम की तो याद रखना
डिफरेंट डिफरेंट स्कॉलर अलग-अलग वे में फिजिकल एजुकेशन के एम को एक्सप्लेन करते हैं हम लोग भी यहां पे जितने भी स्कॉलर्स
है उन सब की डेफिनेशंस और एम्स को समझ के एक स्टैंडर्ड एम समझते हैं कि आखिर फिजिकल एजुकेशन का एम क्या है तो बेसिकली फिजिकल
एजुकेशन का एम ये होता है कि दुनिया के अंदर जितने भी बच्चे हैं उन सबको हम लोग फिजिकली मेंटली सोशली इमोशनली स्ट्रांग
बना सके जिससे कि वो अपनी जिंदगी को बेहतर से बेहतर बना सके हेल्दीर लाइफ स्टाइल जी सके और एक अच्छे सिटीजन बन सके तो कभी भी
ये मत समझना कि फिजिकल एजुकेशन सिर्फ स्पोर्ट्स की तर ी आप लोग को इंडल्स कर रहे है नहीं भाई अगर आप अपनी नौकरी कर रहे
हो अगर आप अपनी छोकरी के साथ घूम रहे हो तो जिंदगी में थोड़ा सा टाइम फिजिकल एक्टिविटी या स्पोर्ट्स के लिए निकालो
जिससे कि आप फिट रह सकते फिजिकल एजुकेशन इस चीज का एजुकेशन दे रहा है भाई और कुछ नहीं है ये मत सोचना कि यार फिजिकल
एजुकेशन पढ़ेंगे तो स्पोर्ट्स के टीचर बनेंगे या स्पोर्ट्स में ही जाना पड़ेगा ऐसा नहीं है भाई आप अपनी नॉर्मल लाइफ के
साथ-साथ फिजिकल एजुकेशन अगर आप लोगों ने अडॉप्ट कर लिए तो आप लोग बेहतर जिंदगी अपना सकते हो मैं जानता हूं आप उसके चक्कर
में यार स्पोर्ट्स नहीं खेल पा रहे हो तो उसको भी स्पोर्ट्स में लेकर आओ दोनों साथ में बैडमिंटन खेलो छोटी बच्ची हो क्या समझ
नहीं आता कि साथ रहो इसके अलावा एक और डेफिनेशन आप चाहो तो कोट कर सकते हो अकॉर्डिंग टू द नेशनल प्लानिंग ऑफ फिजिकल
एजुकेशन एंड रीक्रिएशन द एम ऑफ फिजिकल एजुकेशन मस्ट बी मेक एवरी चाइल्ड फिजिकली मेंटली इमोशनली फिट एंड आल्सो डेवलप इन
हिम सच पर्सन एंड सोशल क्वालिटीज एज विल हेल्प हिम टू लिव हैप्पी अर विद अदर एंड बिल्ड हिम अप अ गुड सिटीजन तो नेक्स्ट
टॉपिक के बारे में समझते हैं नेक्स्ट टॉपिक है आप लोग को फिजिकल एजुकेशन के क्या ऑब्जेक्टिव्स होते हैं चार
ऑब्जेक्टिव्स होते हैं इसके अलावा आपकी बुक के अंदर 50 ऑब्जेक्टिव ऑफ भी दिए होंगे अगर आप चाहो तो याद रख लो उसको नहीं
चाहो तो कोई बात नहीं लेकिन ये ये चार फिजिकल एजुकेशन के ऑब्जेक्टिव को याद रखना जरूरी है तो जो सबसे पहला ऑब्जेक्टिव है
उसका नाम है फिजिकल डेवलपमेंट बेसिक सी बात है फिजिकल एक्टिविटी अगर आप लोग कर रहे हो फिजिकल एजुकेशन में आप लोग पार्ट
ले रहे हो स्पोर्ट्स में आ रहे हो तो ओबवियस सी बात है आप लोग की बॉडी के अंदर फिजिकल डेवलपमेंट होंगे आपकी मसल्स डेवलप
होगी आपकी बोनस स्ट्रांग होगी आपकी बॉडी फिट होने लग जाएगी आपका पोस्चर बेटर हो जाएगा जिससे कि आप लोग दूसरे के सामने
अपने आप को या गुड लुकिंग दिखा सकते हो ओबवियस सी बात है चेहरा अच्छा नहीं होना चाहिए बॉडी भी अच्छी होनी
चाहिए और इसके साथ-साथ आप आप लोग की बॉडी का प्रॉपर ग्रोथ होगा ओबवियस सी बात है बच्चे हैं तो बच्चों की ग्रोथ एंड
डेवलपमेंट दूसरे बच्चों के कंपैरिजन में बेटर होगी अगर आप मोटे हो तो आप लोग फिजिकली फिट हो जाओगे तो ये सभी चीजें आप
लोग को देखने को मिलती है नेक्स्ट जो आप लोग का ऑब्जेक्टिव होता है वो है सोशल डेवलपमेंट कई बच्चे ऐसे रहते हैं जो यार
इंट्रोवर्ट टाइप के रहते हैं कभी किसी से बात करना पसंद नहीं करेंगे अकेले-अकेले रहेंगे या डरते हैं सोशली इंटरेक्शन से बट
अगर आप लोग फिजिकल एक्टिविटीज या फिजिकल एजुकेशन या स्पोर्ट्स में पार्टिसिपेट करते हो तो ओबवियस सी बात है आप लोग लोगों
से मिलोगे लोगे और धीरे-धीरे करके आप लोग सोशल होना चालू करोगे इन सब के अलावा भी सोशल क्वालिटी सीखना चालू करोगे जैसे
भाईचारा स्पोर्ट्समैनशिप टॉलरेंस फेयर प्ले खेलना ये सभी चीजें आप लोग के अंदर धीरे-धीरे करके डेवलप होने लग जाएगी तो
मैं ये कह सकता हूं कि जो आप सोसाइटी से हट के रहते थे फिजिकल एजुकेशन को जॉइन करते हो तो ओबवियस सी बात है आप लोग के
अंदर सोशल डेवलपमेंट होगा मान लो अगर आपकी बहन नहीं बोलती थी लेकिन फिजिकल एजुकेशन के बाद बोलने
लगी अगला आप लोग का जो ऑब्जेक्टिव है इसका नाम है इमोशनल डेवलपमेंट आप लोगों ने ऑब्जर्व करे होंगे डिफरेंट डिफरेंट
स्पोर्ट्स पर्सन रहते हैं अगर वो लोग हार भी रहे हैं तो वो अपने इमोशंस पे कंट्रोल ल रखते हैं इसका सबसे बेस्ट एग्जांपल है
केन विलियमसन वो वर्ल्ड कप हार भी रहे थे उसके बावजूद भी उनके चेहरे में स्माइल थी क्योंकि वो अपने इमोशंस को कंट्रोल करना
जानते हैं जब आप फिजिकल एजुकेशन स्पोर्ट्स में आते हो तो अपने आपको को अपने एंगर को अपने इमोशंस को कंट्रोल करना धीरे-धीरे
करके सीख जाते हो और यही एक अच्छे इंसान की क्वालिटी होती है कि अगर वो अपने इमोशंस प कंट्रोल कर सकता है तो वो दुनिया
में कुछ भी कर सकता है इसके बाद जो लास्ट आप लोग का मेन ऑब्जेक्टिव है वो है मेंटल डेवलपमेंट एक चीज समझ लो वो एक घटिया सी
कहावत है जिसमें ये कहा जाता है कि खेलोगे कूदोगे तो बनोगे खराब बिल्कुल गलत है वो अगर आप खेलोगे कूदोगे याद रखना आपकी बॉडी
के अंदर सबसे जो इंपॉर्टेंट पार्ट है वो है ब्रेन उसका डेवलपमेंट होता है तो बेसिक सी बात अगर आप लोग डेली एटलीस्ट 60 मिनट
खेल कूद रहे हो उसके बाद आके आप लोग पढ़ाई कर रहे हो वो आप लोग के रिजल्ट को बूस्ट कर देगा क्योंकि याद रखना फिजिकल
एक्टिविटी में सिर्फ फिजिकल डेवलपमेंट नहीं होता है बॉडी का मेंटल डेवलपमेंट भी होता है मेंटल ग्रोथ भी होता है तो याद
रखना इसमें आप लोग का बिहेवियर थिंकिंग एंड रीजनिंग एबिलिटीज डेवलप होगी जो आपकी जिंदगी में बहुत ज्यादा काम आएगी चाहे आप
पढ़ाई कर रहे हो आगे जाके नौकरी कर रहे हो या फिर आप लोग की जिंदगी में रिलेशनशिप खराब चल रही है वो सब चीजें भी नो आप लोग
की यहां पे सॉर्ट आउट हो सकती है अगर आप लोग फिजिकल एजुकेशन या स्पोर्ट्स से जुड़ते हो तो ओके ओके थैंक यू ये चीजें
याद रखना मेंटल डेवलपमेंट आप लोग का धीरे-धीरे करके होने लग जाता है आप लोग को अलर्टनेस ऑफ माइंड देखने को मिलता है
कॉन्फिडेंस बूस्ट होता है कैलकुलेटिव मूवमेंट्स आप लोग के डेवलप होते हैं बेसिक सी बात है ना एक टीम का कैप्टन के अंदर
मेंटल डेवलपमेंट होना जरूरी है ना तभी तो अपनी टीम को जिता सकता है यकीन नहीं हो रहा दिलाओ वर्ल्ड कप वापस से
याद इस महाशय ने जो मेंटल गेम खेला था उस से पूरे इंडिया को शांत कर दिया था इसने तो मेरे ख्याल से तुम लोग को यहां तक ये
चीजें क्लियर हो गई अब बढ़ते हैं नेक्स्ट टॉपिक की तरफ जिसका नाम है डेवलपमेंट ऑफ फिजिकल एजुकेशन इन इंडिया जब हमारा देश
आजाद हुआ 1947 में उसके बाद हमारे देश में जो गवर्नमेंट वर्क कर रही थी वो डिफरेंट डिफरेंट टाइप के फिजिकल एजुकेशन के लिए भी
पॉलिसीज और स्कीम्स को लेकर आ रही थी इसमें सबसे पहली बार 1948 में हमारी गवर्नमेंट ने सेटअप किया था सेंट्रल
गवर्नमेंट फिजिकल एजुकेशन कमेटी जिसको हम लोग ताराचंद कमिटी के नाम से भी जानते हैं इनके रिकमेंडेशन पे सेंट्रल इंस्टिट्यूट
ऑफ फिजिकल एजुकेशन एंड रिक्रिएशन एंड इंप्रूव मेंट ऑफ स्टैंडर्ड ऑफ गेम एंड स्पोर्ट्स इन इंडिया को एस्टेब्लिश किया
गया था इसके बाद 1950 में सेंट्रल एडवाइजरी बोर्ड ऑफ फिजिकल एजुकेशन को सेटअप किया गया जिसका पर्पस था कि वो
एडवाइस दे सके गवर्नमेंट को कि किस तरीके से फिजिकल एजुकेशन के इश्यूज को सॉल्व किया जा सके सबसे इंपॉर्टेंट जो
ऑब्जेक्टिव था इस बोर्ड का वो यह था कि इंट्रोड्यूस कराया जा सके फिजिकल एजुकेशन नाम का सब्जेक्ट स्कूल लेवल पे और हर
बच्चे को कंपलसरी किया जाए ये सब्जेक्ट कि आपको ये पढ़ना ही पढ़ना है पढ़ाई तो होती रहेगी साथ में यार थोड़ा खेलकूद भी होना
जरूरी है चाहे वो एलिमेंट्री स्कूल हो मिडल हो सीनियर सेकेंडरी स्कूल हो सभी के लिए इंट्रोड्यूस करवाना चाहते थे जिससे कि
फिजिकल एक्टिविटी पूरे के पूरे देश में लोगों के बीच में इंट्रोड्यूस हो सके तो इन्हीं चीजों को देखते हुए सेंट्रल
एडवाइजरी बोर्ड ऑफ फिजिकल एजुकेशन ने एक नेशनल प्लान ऑफ फिजिकल एजुकेशन एंड रीक्रिएशन को प्रिपेयर करें 1956 में इसके
बाद हमारे देश में इसी बीच हमारे देश में फर्स्ट एशियन गेम भी हो चुका था 1951 में दिल्ली में इसका बेसिक मोटिव ये था कि
हमारे इंडिया के जो यूथ है उनको स्पोर्ट्स के तरफ ज्यादा से ज्यादा इंडल्स किया जाए कि आइए भाई आप लोग भी खेलिए जिससे कि
इंटरनेशनल लेवल पे हमारे देश का नाम रोशन कर सके ये सभी चीजें चल रही थी इस बीच में नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ स्पोर्ट एंड आईएएस
के नाम से भी जानते हैं इसको सेटअप किया गया था 1961 में जिसका बेसिक पर्पस ये था कि यहां से क्वालिफाइड कोचेस निकल सके जो
कि डिफरेंट डिफरेंट स्पोर्ट्स और गेम्स के हो जिससे कि ये लोग जाके हमारे देश के बाकी बच्चों को सिखा सके कि कैसे उस
स्पोर्ट्स में महारत हासिल कर सके 1954 में ऑल इंडिया काउंसिल ऑफ स्पोर्ट्स वजूद में आई 1957 के अराउंड पे मिनिस्टर ऑफ
एजुकेशन एंड कल्चर ने फर्स्ट कॉलेज ऑफ फिजिकल एजु एशन को एस्टेब्लिश किया जिसका नाम है लक्ष्मीबाई कॉलेज ऑफ फिजिकल
एजुकेशन जो कि गोलियर में आप लोग को देखने को मिलेगा गोलियर का मध्य प्रदेश में 1973 में याद रखना इस कॉलेज का नाम चेंज कर
दिया गया था और इस कॉलेज को अब जाना जा रहा था लक्ष्मीबाई नेशनल कॉलेज ऑफ फिजिकल एजुकेशन के नाम से थोड़ा सा हिस्ट्री में
वापस जाते हैं 1958 में मिनिस्ट्री ऑफ एजुकेशन ने इस्टैब्लिशमेंट जिसका बेसिक पर्पस था कि इंडिया में
फिजिकल एजुकेशन को प्रमोट किया जा सके हिस्ट्री में वापस से आगे आते हैं 1965 में नेशनल फिटनेस कॉर्पोरेशन को
एस्टेब्लिश किया गया था जिसका बेसिक ऑब्जेक्टिव ये था कि यूथ को फिजिकली स्ट्रांग बनाना है यूथ स्ट्रांग रहेगा तो
देश स्ट्रांग रहेगा इसके बाद 1970 से 71 के बीच में रूरल स्पोर्ट्स टूर्नामेंट स्कीम को इंट्रोड्यूस कराया गया जिससे कि
सिर्फ शहर के बच्चे ही नहीं जो गांव के बच्चे हैं वो भी स्पोर्ट्स के बारे में जान सके और अपना हुनर दिखा सके जिससे कि
टैलेंटेड बंदों को सिलेक्ट किया जाए और इंडिया के लिए रिप्रेजेंट करा के उनको ओलंपिक के लिए और बाकी स्पोर्ट्स इवेंट के
लिए भेजा जा सके इन सभी के बीच में 1975 में वुमन के लिए भी यहां पे ध्यान दिया गया और वुमन पार्टिसिपेशन को एनहांस करने
के लिए नेशनल स्पोर्ट्स चैंपियनशिप को स्टार्ट किया गया 1982 में फिर से एशियन गेम इंडिया में होता है जो एक्चुअल में जो
कि बहुत ज्यादा इंपॉर्टेंट रहा क्योंकि उस टाइम पे स्पोर्ट्स में इंफ्रास्ट्रक्चर का बूस्ट बहुत ज्यादा देखने को मिला था इसके
2 साल बाद 1984 में स्पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया जिसको साई के नाम से आज भी जाना जाता है इसको इस्टैब्लिशमेंट
ऑफ स्पोर्ट्स बट इसके 3 साल बाद सोसाइटी फॉर नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ फिजिकल एजुकेशन एंड स्पोर्ट्स को मर्ज कर दिया गया था सा
के साथ जिससे कि स्पोर्ट्स का अवेयरनेस लोगों तक के ज्यादा से ज्यादा फैल सके मतलब डिफरेंट डिफरेंट कमेटी बनाने से
अच्छा भाई इन सबको मर्ज करके एक बड़ी कमेटी बना देते हैं अब लोगों को बताओ स्पोर्ट्स के बारे में अच्छे से जिसकी वजह
से जो मेन एम है कि हमको इंडिया में स्पोर्ट्स को प्रमोट करना है वो अच्छे से हो सकता था इसके बाद 2010 में कॉमनवेल्थ
गेम इंडिया में पहली बार इंट्रोड्यूस हुए न्यू दिल्ली में और 20180 में सीबीएससी ने फिजिकल एजुकेशन नाम की बुक जो है आप लोग
के लिए कंपलसरी कर दी क्लास नाइ टू 12थ के लिए इसीलिए आपको शुक्र करना चाहिए कि आपके स्कूल में स्पोर्ट्स पीरियड भी होता है
जहां पे आपको छुट्टी मिलती है जाओ खेलो कूदो थोड़ी देर के लिए तो यहां तक कि मेरे ख्याल से आप लोग को चीजें क्लियर हो चुकी
होंगी अब नेक्स्ट टॉपिक में बढ़ते हैं चेंजिंग ट्रेंड मतलब वक्त के हिसाब से स्पोर्ट्स में किस तरीके से चेंजेज आए
चाहे वो स्पोर्ट्स की फील्ड हो इक्विपमेंट हो वो सभी चीजों को इस टॉपिक में समझने वाले हैं तो स्पोर्ट्स की इंडस्ट्री जो है
आज के टाइम पे ये कंटीन्यूअसली इवॉल्व हो रही है आप जानते हो पहले के टाइम पे जो क्रिकेट के स्टम्स रहते थे वो चमकते नहीं
थे आज के टाइम में आप लोग को चमकते हुए स्टम्स देखने को मिलते हैं जब भी बॉल उसको हिट करती है मैं कह सकता हूं कि इवोल्यूशन
हुआ उस स्टम पे भी जी हां तो हर स्पोर्ट्स की हर चीजों में आप लोग लोग को कंटीन्यूअस इवोल्यूशन देखने को मिल रहा है ये
इवोल्यूशन बेसिकली इसलिए हो रहा है जिससे कि स्पोर्ट्स की क्वालिटी एनहांस हो सके और बेसिक सी बात है स्पोर्ट्स पर्सन के
बेटरमेंट के लिए ये सब चीजें हो रही है पहले के टाइम पे हेलमेट यूज नहीं होते थे क्रिकेट में आज के टाइम पे होते हैं पहले
के टाइम पे क्रिकेट के हेलमेट कुछ इस तरीके के रहते थे आज के टाइम में इस तरीके के हैं जिससे कि यार इंजरी से बचाया जा
सके लोगों को तो याद रखना स्पोर्ट्स की फील्ड में भी धीरे-धीरे करके चीजें चेंज होते हुए हमेशा से आई है चाहे वो ड्रोन
कैमरा हो स्पाइडर कैमरा हो जिससे कि आप लोग को हाई क्वालिटी विजुअल्स आप लोग स्क्रीन पे देख पाते हो टीवी में तो आइए
एक-एक चीजों को समझते हैं तो सबसे पहली चीज प्लेइंग फील्ड पहले के टाइम में एक्चुअल में ग्रास उगाई जाती थी और पूरा
फील्ड बनाया जाता था आज के टाइम में ऐसा नहीं है भाई नकली वाली ग्रास आके बिछा दिया जाता है इन सब के अलावा आज के टाइम
में आप देख रहे होंगे बड़े शहरों में टर्फ बनाए जा रहे हैं ऐसे टाइप के स्पोर्ट्स फील्ड जो कि या तो टेरेस में डिजाइन किए
जा रहे हैं ग्राउंड में डिजाइन किए जा रहे हैं आर्टिफिशियल जहां पे आप लोग आके खेल कूद सकते हो क्योंकि ओबवियस सी बात है यार
बड़े-बड़े शहरों में ग्राउंड्स हर जगह मिलना पॉसिबल नहीं है तो इन टर्फ में आके आप लोग पैसे से चंदा अंदा करके 000 घंटे
के हिसाब से खेल सकते हो यहां पे इन सब के अलावा जो वियरेबल गियर्स हैं और इक्विपमेंट से वो धीरे-धीरे करके एडवांस
होने लग गए हैं इन सब के लिए हम लोग को थैंकफूल रहना चाहिए किस चीज के लिए टेक्नोलॉजी के लिए क्योंकि टेक्नोलॉजी
नहीं आती तो ये चीजें कभी हो नहीं पाती ना यार और इन सबसे भी ज्यादा हमको जिसके लिए थैंकफूल होना चाहिए वो कौन है कोचेस
क्योंकि वो ज्यादा अच्छे तरीके से ऑब्जर्व करते हैं कि यार किस स्पोर्ट्स पर्सन के लिए कौन सी चीजें और ज्यादा बेटर हो सकती
है अगर कोचेस एडवाइज नहीं करते तो ये चीजें इवॉल्व नहीं हो पाती तो ऐसे ही इन्फोमेशन स्पोर्ट्स ने एक ऐसी बास्केटबॉल
क्रिएट करी है जो एक्चुअल में प्लेयर की बॉल हैंडलिंग स्किल को मेजर कर सकता है अब एक चीज चीज समझने की कोशिश करो प्लेयर
बहुत अच्छा है उसके बाद भी उससे गलतियां कहां हो रही है तो वो इ सब चीजों से मेजर हो सकता है ये बॉल कुछ इस तरीके की दिखती
है यहां पे उसके सारे स्कोर्स आप लोग को निकल के आ जाते हैं इसके अलावा तो बेबलेट ने एक ऐसे टाइप का टेनिस जैकेट
इंट्रोड्यूस किया है जो एक्चुअल में उनकी स्किल को बता देता है कि किस लेवल की है कहां गलतियां हो रही है किस एंगल से वो
चीजें कर रहे हैं जो उनके परफॉर्मेंस को एनहांस कराने के लिए बहुत ज्यादा इंपॉर्टेंट है ओबवियस सी बात है कोच इन
सभी चीजों को ऑब्जर्व करेंगे जिससे कि उनके स्किल को और ज्यादा बेटर बनाया जा सके तो मैं ये कह सकता हूं कि ये जो
एडवांसमेंट हुआ है टेक्नोलॉजी ये बहुत ज्यादा इंपॉर्टेंट रोल प्ले कर रहा है आज के टाइम में जो हम देख रहे हैं कि इतने
अच्छे-अच्छे प्लेयर निकल के आ रहे हैं क्यों क्योंकि कोचेस उनको सही तरीके की कोचिंग प्रोवाइड कर पा रहे हैं इन सभी
टेक्नोलॉजी का यूज करके तो वही चीजें मैंने आप लोग को अभी समझाया कि टेक्निकल एडवांसमेंट स्पोर्ट्स में आज के टाइम में
सबसे ज्यादा देखने को मिल रहा है और आने वाले पांच से 10 साल में भी आप लोग को और ज्यादा एडवांसमेंट देखने को मिलने वाला है
क्योंकि ये ऑप्टिमाइज कर पाता है एथलीट की स्पोर्ट्स परफॉर्मेंस को तो ऐसे डिफरेंट डिफरेंट टाइप के सेंसर आ चुके हैं आज के
टाइम में स्पोर्ट्स में आप लोगों को देखने को मिल रहा है चाहे वो बॉलिंग स्पीड को मेजर करना हो चमकने वाले स्टम्स हो
अल्ट्रा एज हो या या फिर एक स्पोर्ट्स पर्सन की ओवरऑल एबिलिटी को स्पोर्ट्स के दौरान मेजर करने के लिए हो जिससे कि ये
समझ में आ सकता है कि यार वो जो प्लेयर खेल रहा है वो हेल्दी है इसके अलावा जो प्रोडक्टिव गियर्स है ये भी बहुत ज्यादा
इवॉल्व हुए तो आज के टाइम में कुछ इस तरीके के इक्विपमेंट यूज होते हैं पहले के टाइम में ऐसे नहीं होते थे पहले के टाइम
में इंजरी बहुत ज्यादा होती थी क्योंकि स्पोर्ट्स गियर उतने बेटर नहीं थे ना यार अब धीरे-धीरे करके यहां पे इवोल्यूशन होने
लग गया है तो यहां तक कि मेरे ख्याल से चीजें आप लोग को क्लियर हो चुकी होंगी तो चलिए देखते हैं नेक्स्ट टॉपिक करियर ऑप्शन
एंड फिजिकल एजुकेशन तो जैसे आप लोग फिजिकल एजुकेशन आज पढ़ रहे हो अगर आप चाहो तो इसमें अपना करियर भी बना सकते हो मेनली जो
फिजिकल एजु एशन के करियर ऑप्शंस ये दो टाइप के होते हैं जो फर्स्ट होता है करियर ऑप्शन इसमें आप लोग या तो टीचिंग या
कोचिंग प्रोवाइड कर सकते हो स्कूल्स में कि एक एथलीट को इनको हम लोग कहते हैं ट्रेडिशनल करियर ऑप्शन एंड फिजिकल एजुकेशन
बट जो आज के टाइम में जो इवॉल्व हो रहे हैं सेकेंडरी टाइप के फिजिकल एजुकेशन के अंदर करियर ऑप्शंस वो है हेल्थ रिलेटेड
एडमिनिस्ट्रेटिव रिलेटेड स्पोर्ट्स परफॉर्मेंस रिलेटेड करियर ऑप्शंस मीडिया रिलेटेड करियर ऑप्शंस ये सभी तो इन सभी
चीजों को डिटेल में देखते हैं तो सबसे पहला है टीचिंग रिलेटेड करियर ऑप्शन फिजिकल एजुकेशन में ओबवियसली बात है अगर
आप चाहो तो एक स्कूल में टीचर बन सकते हैं जहां पे आप लोग फिजिकल एजुकेशन पढ़ा सकते हो चाहे एलिमेंट्री स्कूल हो मिडिल हो हाई
स्कूल हो सीनियर सेकेंडरी स्कूल हो या कॉलेज या यूनिवर्सिटी में तो अगर आप चाहते हो इन सब चीजों को पढ़ाना तो उसके लिए आप
लोग को ये डिफरेंट डिफरेंट टाइप के कोर्सेस करना पड़ेगा बेसिकली नेशनल काउंसिल ऑफ टीचर एजुकेशन कुछ रिकॉग्नाइज
कोर्सेस फिजिकल एजुकेशन रिकॉर्डिंग आप लोग के लिए प्रोवाइड करता है जिसके थ्रू आप लोग स्कूल्स में जाके या यूनिवर्सिटीज में
जाके पढ़ा सकते हो उसके लिए आप लोग को ये डिफरेंट टाइप के कोर्सेस करने पड़ेंगे चाहे तो आप लोग फिजिकल एजुकेशन में
डिप्लोमा कर सकते हो इसके थ्रू क्लास वन से लेकर क्लास एट तक के आप लोग टीचर बन पाओगे अगर आप चाहो तो बैचलर ऑफ फिजिकल
एजुकेशन कर सकते हो जिसके थ्रू आप लोग 12 तक के आप लोग यहां पे बच्चों को पढ़ा सकते हो इसके अलावा अगर आप चाहो तो मास्टर्स कर
सकते हो फिजिकल एजुकेशन में जहां पे आप लोग कॉलेज या यूनिवर्सिटीज में भी आप लोग जाके फिजिकल एजुकेशन को पढ़ा सकते हैं
सबके अलावा अगर आप चाहो तो मास्टर्स ऑफ फिलॉसफी भी कर सकते हो फिजिकल एजुकेशन में पीएचडी करना चाहो तो फिजिकल एजुकेशन में
पीएचडी भी की जा सकती है तो आप लोग के ऊपर अगर आप लोग चाहते हो करियर ऑप्शन बनाना तो इन सब चीजों को पढ़िए इसमें भी कौन-कौन से
कोर्सेस होते हैं तो पोस्ट ग्रेजुएट में ये डिप्लोमा कोर्सेस होते हैं अगर आप चाहो तो पॉज करके पढ़ सकते हो बैचलर लेवल में
ये सभी टाइप के आप लोग के कोर्सेस होते हैं इसके अलावा ये भी कुछ बैचलर कोर्सेस आप लोग को देखने को मिलते हैं तो अगर आप
चाहते हो टीचिंग करियर ऑप्शन बनाना तो वो सभी चीजों को आप लोग पढ़ सकते हो जहां पे आप लोग कोचिंग भी दे सकते हो एथलीट को है
ना टीचिंग कोचिंग दोनों के लिए वो कोर्सेस अगला है हेल्थ रिलेटेड सेक्टर में फिजिकल एजुकेशन करियर ऑप्शन जैसे आप जानते हो आज
के टाइम पे लोग बहुत ज्यादा हेल्थ कॉन्शियस हो चुके हैं हेल्थ कॉन्शियस ऐसे ही नहीं हो जाते उसके लिए प्रॉपर डाइट
चाहिए रहता है डाइट प्लान के साथ किस तरीके से आप लोगों को कितनी कैलोरी कंज्यूम करना है कितना खाना पीना है तो
उसके लिए एक प्रॉपर डाइट प्लान बनता है तो उसके लिए आपको डाइट बनना पड़ेगा तो ऐसे करके आप लोग हेल्थ रिलेटेड करियर ऑप्शन भी
अडॉप्ट कर सकते हो जो आज के टाइम में सच में भाई मोटी कमाई देता है बंदा फॉलो करे या ना करे आपने तो डाइट प्लान बना दिए ना
खतम कानी और उसमें हजारों लाखों रुपए सच में यार लोग आज के टाइम में इन्वेस्ट करने के लिए रेडी है अगला होता है
एडमिनिस्ट्रेटिव रिलेटेड करियर ऑप्शन जहां पे आप लोग कुछ स्पोर्ट्स क्लब्स खोल सकते हो कोर्ट्स मार्केटिंग एंड प्रमोशन
फैसिलिटी अवेल करा सकते हो तो इसमें कुछ डिफरेंट टाइप के करियर अपॉर्चुनिटी आप लोग को देखने को मिल सकती है डिपार्टमेंट ऑफ
फिजिकल एजुकेशन में फोर्ट्स डिपार्टमेंट में अरे मतलब वो जो गवर्नमेंट ने डिफरेंट डिफरेंट डिपार्टमेंट बनाई थी उसके अंदर आप
लोग जा सकते हो सरकारी जॉब कर सकते हो भाई अगला होता है कम्युनिकेशन मीडिया रिलेटेड कुछ डिफरेंट करियर ऑप्शंस ओबवियस सी बात
है आप लोग चाहो तो स्पोर्ट जनरलिज्म का कोर्स कर सकते हो ये भी बहुत ज्यादा चलता है स्पोर्ट्स रिलेटेड बुक लिख सकते हो
फोटोग्राफी भाई ओबवियस सी बात है स्पोर्ट्स को छोड़कर तो भाई कैमरामैन कहीं और ही ध्यान देता है अबे लड़की हिलवा दी
और रायडू जैसे लोगों को नहीं पहचान पाते क्या चीज हो अबे प्लेयर प्लेयर बुक पब्लिश कर सकते हो स्पोर्ट्स ब्रॉडकास्टिंग करा
सकते हो जैसे j और हॉटस्टार कर रहा है आज के टाइम में भाई इसमें सबसे बड़ा धंधा है लास्ट टॉपिक है आप लोग का खेलो इंडिया और
फिट इंडिया क्या है जानते हैं खेलो इंडिया क्या है तो खेलो इंडिया को समझने से पहले ये समझते हैं कि इंडिया में स्पोर्ट्स किस
तरीके से इवॉल्व हो रहा है तो याद रखना हाल ही में कुछ सालों से हम लोग ये चीज ऑब्जर्व कर रहे हैं कि हर कोई स्पोर्ट्स
के तरफ बहुत ज्यादा इंपॉर्टेंस देने लग गया अपने बच्चों को स्पोर्ट्स की तरफ इंडल्स कराने की कोशिश कर रहा है क्योंकि
ओबवियस स बात है आप देख रहे हो कि आज के टाइम में आईएल जैसे बड़े इवेंट्स होते हैं जहां पे स्पोर्ट्स पर्सन आके अपना
परफॉर्मेंस देते हैं और करोड़ों रुपए कमा के जाते हैं तो हर कोई चाहेगा ना कि यार उनके बच्चे के अंदर अगर वो क्वालिटी है तो
उसको भी पुश दिया जा सके तो हम ये चीज ऑब्जर्व कर रहे हैं आज के टाइम में इंडिया में तो बेसिकली खेलो इंडिया प्रोग्राम
यहां पे गवर्नमेंट ने इंट्रोड्यूस करी है जिसका बेसिक पर्पस ये है ग्रास रूट लेवल पे जाकर स्पोर्ट्स को ज्यादा से ज्यादा
प्रमोट किया जा सके और अगर कोई विलेजेस के अंदर भी ऐसे बच्चे हैं जो सच में बहुत अच्छा परफॉर्मेंस करते हैं बहुत अच्छे से
खेलते कूदते हैं उनको भी हम लोग चांस दे सके और उनको ग्रूम कर सके उनको और ज्यादा अच्छी बेटर कोचिंग देकर और उनको इंडिया के
लिए रिप्रेजेंट कराया जा सके जिससे कि उनका करियर भी बनेगा और इंडिया का नाम भी रोशन होगा तो बेसिकली इसको 2017-18 के बीच
में लॉन्च किया गया था मिनिस्ट्री ऑफ स्पोर्ट्स एंड यूथ अफेयर ने फर्स्ट खेलो इंडिया को न्यू दिल्ली में खेला गया था 31
जनवरी से लेकर 8 फैब 2028 में आप लोग को याद रखना है कि इस साल आप लोग पढ़ रहे हो तो इस साल खलो इंडिया कब होने वाला है वो
आप लोग थोड़ा बहुत याद रख लें आंसर राइटिंग के लिए अच्छा रहेगा खलो इंडिया का कुछ इस तरीके का लोगो होता है अगर आप चाहो
तो उसको भी याद रख लो क्योंकि एग्जामिनेशन ये डायग्राम भी बना के आ जाओगे ना तो नंबर मिल जाएंगे जान लेते हैं इसका ऑब्जेक्टिव
क्या है ओबवियस सी बात है टैलेंट को ढूंढना सबसे इंपॉर्टेंट इसका मोटो है चाहे वो गांव के बच्चे हो शहर के बच्चे हो हर
किसी को मौका मिलना चाहिए स्पोर्ट्स में पार्टिसिपेशन का और अगर सच में अच्छा खेल खेलते हैं चाहे वो गांव का ही क्यों ना हो
उसके पास पैसे नहीं है खेलने कूदने के लिए तो गवर्नमेंट यहां पे स्कॉलरशिप तक के प्रोवाइड कर रही है उन गांव के बच्चों के
लिए कि आओ तुम लोग पढ़ाई भी करो और खेलो कूदो इसके अलावा इसका नेक्स्ट ऑब्जेक्टिव है कि जितने भी स्कूल गोइंग बच्चे हैं
उनके अंदर फिजिकल फिटनेस डेवलप कराई जा सके क्योंकि बच्चे पढ़ाई पढ़ाई में ध्यान देते हैं और फिजिकल फिटनेस में ध्यान नहीं
देते और फिर हो जाते हैं मोटे और बाद में परेशान होते रहते हैं कि अरे यार इतना मोटापा आ गया अब कैसे निकाल इसको केलो
इंडिया का ये भी ऑब्जेक्टिव है कि वुमन का पार्टिसिपेशन इंडिया में ज्यादा से ज्यादा बढ़ाया जा सके चाहे वो गांव की लड़कियां
हो या शहर की लड़कियां इसके अलावा आपको भी समझा प्रमोशन ऑफ रूरल एंड इंजीनियस ट्राइबल गेम्स को भी हमको प्रमोट करना है
जैसे कबड्डी मलखंब जो आज के टाइम में धीरे-धीरे करके लोग खेलना कूदना बंद कर चुके हैं उनको भी हम लोग वापस याद करेंगे
बिकॉज ये हमारे कल्चर के पार्ट है मेरे भाई किलो इंडिया का ये भी ऑब्जेक्टिव है कि हमारे कंट्री के अंदर ढेर सारे हम लोग
प्ले फील्ड डेवलप कर सके जिससे कि बच्चे वहां पे आके खेल सके अरे देखो समझो यार भाई स्पोर्ट्स के मैदान ही नहीं होंगे तो
फिर खेलेंगे कहां भाई साथ में इनका ये भी एम है कि जितने भी डिसेबल्ड बच्चे या फिजिकली एबल्ड बच्चे दिव्यांग बच्चे उनको
भी हम लोग स्पोर्ट्स की तरफ लेकर आ सके क्योंकि आज के टाइम में जानते हो पैरा ओलंपिक डेफ ओलंपिक स्पेशल ओलंपिक जैसे
बड़े टूर्नामेंट ऑर्गेनाइज कराए जाते हैं स्पेशली डिसेबल लोगों के लिए तो अगर वहां तक के उनको पहुंचाना है तो उसके लिए हम
लोग को स्पोर्ट्स का प्रमोशन करना पड़ेगा ना तो ये काम लो इंडिया का भी है तो बेसिकली अवार्ड क्या दिए जाते हैं लो
इंडिया में तो याद रखिएगा टैलेंटेड स्पोर्ट्स पर्सन को हाई लेवल कमेटी सिलेक्ट करती है और 5 लाख पर एनम देती है
फॉर 8 इयर्स तक के जिससे कि भाई अगर वो गांव का भी बच्चा है मान लो वो अच्छा भी खेलता है लेकिन भाई उसके घर में पैसे नहीं
है वो कैसे खेलेगा तो यहां पे गवर्नमेंट सपोर्ट कर रही है ₹ लाख 8 साल तक के देंगी जिससे कि तुम पढ़ाई भी करो और खेलो कूदो
भी और ये रहे पैसे टेंशन मत लो जिससे कि वो ट्रेनिंग फूड इन सब चीजों को फैसिलिटी अवेल कर पाए अब आप लोग के दिमाग में आ रहा
होगा कि कौन-कौन से डिफरेंट टाइप के गेम खेलो इंडिया के अंदर खेले जाते हैं तो ये जितने भी डिफरेंट टाइप के आप लोग को गेम्स
देखने को मिल रहे हैं सभी के सभी खेले जाते हैं नेक्स्ट टॉपिक है आप लोग का फिट इंडिया तो बेसिकली फिट इंडिया ना खेलो
इंडिया जैसा नहीं है ये बेसिकली एक मूवमेंट है एक मास मूवमेंट ये ये समझाना चाहता है कि हमारे इंडिया के जितने भी लोग
हैं चाहे यूथ हो या बुजुर्ग या हो बच्चे सभी के सभी फिजिकल एक्टिविटी में आगे बा पार्टिसिपेट करें जिससे कि हमारा पूरा
इंडिया फिजिकली फिट बन सके तो इसको लॉन्च किया गया था 29th अगस्त 2019 में हमारे प्राइम मिनिस्टर मोदी जी के द्वारा इसका
मोटो ये है कि भाई फिजिकल एक्टिविटी को आप लोग अपने इंटीग्रल पार्ट बनाओ अपनी डेली लाइफ का बेसिकली इसका मिशन ये है कि लोग
अपना बिहेवियर चेंज करें ऐसा नहीं है खाए पिए पड़े हुए हैं जाके फिजिकल एक्टिविटी भी करें थोड़ी बहुत जिससे कि एक्टिव लाइफ
स्टाइल जी सके वो लोग तो इसके लिए भाई अपने घर में जरा थोड़ा माहौल बनाओ अपने पेरेंट्स को भी कहो कि भाई आप लोग भी खेलो
कूदो तो इसके लिए आप लोग को भी माहौल बनाना पड़ेगा है ना मूवमेंट र लच हो जाते हैं लेकिन लोग ही अगर सपोर्ट नहीं करेंगे
तो कैसे चलेगा तो फिट इंडिया का कुछ इस तरीके का लोगो आप लोग को देखने को मिलता है अब बेसिक सी बात है फिट इंडिया के
ऑब्जेक्टिव क्या है एकदम इजी है सबसे पहली चीज तो ये है कि यार फिटनेस को हम लोग को प्रमोट करना है ऐसे नहीं कि एकदम सर दर्दी
की तरह इजी फन और फ्री स्टाइल में कि जिससे र लोग सच में खुद से आगे पार्टिसिपेट कर सके ज्यादा से ज्यादा
अवेयरनेस फैलाना है जिससे कि लोग फिटनेस की तरफ ध्यान दें डिफरेंट डिफरेंट टाइप की फिजिकल एक्टिविटी को हम लोग को यहां पे
प्रमोट करना है जिससे कि लोग उन चीजों में भी पार्टिसिपेट कर सके जितने हमारे इंजीनियस स्पोर्ट्स हैं जो कल्चर के
पुराने स्पोर्ट्स रहे उन सब को प्रमोट करना है जैसे कबड्डी अलकम जैसे स्पोर्ट इन सब के अलावा फिटनेस के बारे में हम लोग को
स्कूल कॉलेजेस यूनिवर्सिटीज पंचायत विलेज सब तरफ हम लोग को इस मुहीम को पहुंचाना है ये इसका ऑब्जेक्टिव है एक ऐसा प्लेटफॉर्म
क्रिएट करना है जहां पे हम लोग हर टाइप की इंफॉर्मेशन स्पोर्ट्स रिलेटेड प्रोवाइड कर सके अगर कोई चाहता है तो इसके अलावा ऐसी
कमेटी भी बनाई गई जो एक्चुअल में गवर्नमेंट को एडवाइस करती है कि ये डिफरेंट डिफरेंट टाइप की स्कीम्स लेकर आनी
चाहि है जिससे कि यूथ को काफी ज्यादा हेल्प हो सकती है स्पोर्ट्स में तो इन सब चीजों को देखते हुए डिफरेंट डिफरेंट टाइप
की कमिटीज गवर्नमेंट ने स्पेसिफिकली बनाई है कि मान लो अगर आपको लंप में जाना तो ओलंपिक में जाने के लिए सबसे पहले इंडियन
ओलंपिक एसोसिएशन जो है इससे बात करनी पड़ेगी ऐसी ही नेशनल स्पोर्ट्स फेडरेशन बनाए गए है डिफरेंट डिफरेंट प्राइवेट
बॉडीज फिटनेस प्रमोटर्स बनाए गए जो एक्चुअल में स्पोर्ट्स को प्रमोट कर रहे हैं नए टैलेंट को ढूंढ रहे हैं जो नेशनल
इंटरनेशनल लेवल तक के प्लेयर्स को ले जा रही है तो ये थी चीजें आई होप आप लोग को समझ में आया होगा आई नो चैप्टर आप लोग को
काफी छोटा लगा हो इस चीज के लिए आप लोग को बिल्कुल टेंशन नहीं लेना है बस आप लोग को ये वीडियो खत्म होने के बाद जो मैंने आप
लोगों को मेरे प्रीमियम नोट्स प्रोवाइड किया हूं उसको एक बार रिवाइज कर लेना है क्योंकि प्रीमियम नोट्स बहुत धासू नोट्स
है जिससे कि आप लोग की वन ऑफ द बेस्ट वाली तगड़ी प्रिपरेशन हो जाएगी क्योंकि घर पे एक बार रिवाइज करना बहुत जरूरी होता है इन
सबके अलावा बिल्कुल ये टेंशन नहीं लेना कि हम लोगों ने जो भी पढ़े क्या ये आउट ऑफ सिलेबस था ऐसा बिल्कुल नहीं ऑफिशियल
सिलेबस वापस से आपको स्क्रीन पे दिखा रहा हूं यही टॉपिक हमको पढ़ना है बस और इतना पढ़ना है और इसको आप लोग को इलब करके आना
है फिजिकल एजुकेशन वैसे ही इजी सब्जेक्ट है बस हर टॉपिक के बारे में थोड़ा बहुत हमको नॉलेज होना चाहिए बस याद रखो अच्छा
लिख कर आओ ज्यादा लिख करर आओ पूरे नंबर आप लोग को आराम से मिलेंगे तो वीडियो अगर आप लोगों ने अच्छे से देख लिए हो नोट्स को
रिवाइज कर लिए तो उसके बाद मैंने कुछ आप लोग को मल्टीपल चॉइस क्वेश्चंस यहां पे दिया हूं पॉज करके आप लोग इन क्वेश्चंस को
जरूर अटेंड करिएगा ये कुछ क्वेश्चंस है काफी ज्यादा इंपॉर्टेंट आप लोग के लिए रहने वाले हैं बिकॉज़ आज के टाइम में
मल्टीपल चॉइस क्वेश्चंस भी आप लोग को आ रहे हैं मैच द फॉलोइंग वाले क्वेश्चंस भी आप लोग के लिए यहां पे लेकर आ गया हूं इन
सब को आप लोग को अटेंड करना है अटेंड करने के बाद आप लोग को इन सब के आंसर कमेंट बॉक्स में पिंड मिल जाएंगे वहां से आप लोग
क्रॉस चेक कर लेना और मुझे कमेंट बॉक्स में जरूर बताना कि आप लोगों ने कितने क्वेश्चंस के आंसर सही सही दिए इन सबके
अलावा अगर आप लोग फिजिक्स पढ़ना चाहते हो तो मेरे फिजिक्स के चैनल को ज्वाइन कर लेना जहां क्लास 11थ एंड 12थ की फिजिकल
एजुकेशन के साथ फिजिक्स भी मैं आप लोग को कवर अप वहां पे करवा रहा हूं इसके अलावा
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