Introduction
Welcome to the exciting world of fluid mechanics, where we unravel the principles that govern the behavior of liquids and gases. In this comprehensive guide, we focus on the mechanical properties of fluids, particularly discussing Bernoulli's theorem—a cornerstone of fluid dynamics. This article aims to educate and engage readers with in-depth explanations, examples, and experiments related to fluid mechanics.
Understanding Fluids
Fluids, encompassing both liquids and gases, are unique substances that can flow and change shape under the influence of external forces. Understanding their properties is crucial for applications in engineering, meteorology, and more.
Definition of Fluids
A fluid is defined as any substance that can flow under stress and does not have a fixed shape. This includes:
- Liquids (e.g., water, oils)
- Gases (e.g., air, helium)
Mechanical Properties of Fluids
Mechanical properties indicate how fluids respond to forces. Key properties include:
- Viscosity: A measure of a fluid's resistance to deformation or flow.
- Pressure: The force exerted per unit area within the fluid.
Understanding viscosity is essential, as it influences fluid flow rates and behavior in different situations.
Bernoulli's Theorem Explained
Bernoulli's theorem provides a relationship between pressure, velocity, and height in a flowing fluid. It's particularly useful for understanding various phenomena in fluid mechanics.
Statement of Bernoulli's Theorem
In a fluid flow, the total mechanical energy remains constant along a streamline. Mathematically, it can be expressed as:
[ P + \frac{1}{2} \rho v^2 + \rho gh = Constant ]
Where:
- P = Pressure energy per unit volume
- ρ = Density of the fluid
- v = Flow velocity
- g = Acceleration due to gravity
- h = Height above a reference level
Derivation of Bernoulli's Theorem
The derivation involves applying the principle of conservation of energy, equating the energies related to pressure, kinetic, and potential energy.
- Pressure Energy: The energy stored due to fluid pressure.
- Kinetic Energy: Due to fluid velocity.
- Potential Energy: Due to fluid elevation in a gravitational field.
The detailed derivation leads us to the conclusion that as the speed of a fluid increases, the pressure decreases, demonstrating the inverse relationship between velocity and pressure.
Applications of Bernoulli's Theorem
Bernoulli's theorem has numerous practical applications:
- Airplane Wings: The shape of airplane wings (airfoil) creates differences in air pressure—fast-moving air above and slower air below, generating lift.
- Venturi Effect: A fluid flowing through a constricted section of pipe speeds up, leading to a drop in pressure—this principle is utilized in carburetors.
- Atomizers and Spray Bottles: Bernoulli's principle explains the spraying mechanism, creating low pressure that pulls fluid upwards.
- Cardiovascular Health: Understanding blood flow in arteries, especially how blockages affect blood pressure and flow rates.
Practical Experiment: Observing Bernoulli's Principle
To observe Bernoulli's principle in action, one can perform the following experiment:
- Setup: Use a straw and a cup of water.
- Action: Blow through the straw. Notice how the water rises in the straw, illustrating how fast-moving air above creates lower pressure, allowing atmospheric pressure to push the water up.
Conclusion
In this article, we explored the fascinating mechanical properties of fluids with a specific focus on Bernoulli's theorem. Understanding the dynamics of fluids is critical for applications across various fields—engineering, medicine, and environmental science. Knowing how pressure and velocity interact enhances our ability to design better systems and understand natural phenomena.
By grasping these concepts, you are well-equipped to delve deeper into fluid mechanics and its real-world applications!
स्वागत है आप सभी का साइंस एंड फन पे जहां पर टीचर्स आपको दिल और दिमाग दोनों से पढ़ाते हैं तो आज इस बहुत ही बढी मैं
एक्चुअली बबल्स के साथ खेल रहा था मैंने अभी एक सलूशन बनाया जो कि हमारे इस चैप्टर के वन शॉट में काम भी आएगा लेकिन आज हम
लोग मिले हैं मैकेनिकल प्रॉपर्टीज ऑफ फ्लूइड हमारी आप ऐसा कह सकते हो कि पूरी 11थ का सबसे मजेदार और साथ ही साथ सबसे
बड़ा चैप्टर भी मैकेनिकल प्रॉपर्टीज ऑफ फ्लूइड में बहुत सारे छोटे-छोटे कांसेप्ट हैं जो आपस में इंडिपेंडेंट भी हैं लेकिन
इंपॉर्टेंट भी है अब एनसीआरटी को अगर आप देखेंगे तो आप नोटिस करेंगे कि उन्होंने बर्नोली थ्योरम को सबसे पहले करवाया लेकिन
हम लोग इस वन शॉट में सबसे लास्ट में करवाएंगे पॉइंट यही है कि बहुत सारे छोटे-छोटे कांसेप्ट से हैं और ज्यादातर
कांसेप्ट आपस में इंडिपेंडेंट है लेकिन चैप्टर बहुत इंटरेस्टिंग बहुत सारे इसमें एक्सपे एमेंट्स कुछ तो नीचे भी सामान रखे
हुए हैं क्योंकि ऊपर जगह नहीं है तो बहुत ही मजेदार वन शॉट होने वाला है तो चलिए स्टार्ट करते हैं तो मैकेनिकल प्रॉपर्टीज
ऑफ फ्लूइड जो है वो सॉलिड से अलग कैसे होने वाला है आप इतना तो समझते हैं कि फ्लूइड और सॉलिड में फर्क क्या होता है इस
कंटेनर को मैं ऐसे उल्टा कर देता हूं ताकि आपको चीजें देखने में दिक्कत ना हो और इस सॉल्यूशन को भी मैं फिलहाल टाइट बन करके
नीचे रख देता हूं ताकि आपको बोर्ड देखने में कोई दिक्कत ना हो लेकिन मैकेनिकल प्रॉपर्टीज ऑफ सॉलिड में हम लोगों ने
सॉलिड की बात की थी और आपको याद होगा मेन हम लोगों ने बात की थी इलास्टिसिटी के बारे में लेकिन ये जो चैप्टर है ये
मैकेनिकल प्रॉपर्टीज ऑफ पहली बात तो फ्लूट्स के ऊपर है यानी कि यहां पे हम लोग लिक्विड्स और गैसेस की बात करने वाले हैं
तो सबसे पहला सवाल हमारे दिमाग में आता है कि फ्लूइड होता क्या है तो ऐसी कोई भी चीज ऐसी कोई भी चीज ऐसी कोई भी चीज जो बह सकती
है अगर मैं बहुत आसान भाषा में कहूं जो फ्लो कर सकती है जो बह सकती है उसे हम लोग फ्लूइड कहते आए हैं जिसकी फिक्स शेप नहीं
होती है जो बिना एक्सटर्नल फर्स लगाए बस एक ढलान दे दो तो बह जाए या हायर प्रेशर से लोअर प्रेशर बह जाए यानी कि वो बह जाए
उसे हम लोग कहते हैं फ्लूइड तो फ्लूइड इज द नेम गिवन टू सब्सटेंस व्हिच बिगिंस टू फ्लो जो फ्लो कर सकता है जब भी उसके ऊपर
एक्सटर्नल फोर्स लगाई जाएगी और और ध्यान रहे जरूरी भी नहीं है कि एक्सटर्नल फोर्स लगाई जाए ढलान भी दे देंगे तो भी वो फ्लो
करने लग जाए उसको भी हम लोग फ्लूइड कहते हैं अब जो फ्लूइड की पढ़ाई होती है वो दो ब्रांचेस में डिवाइडेड है अगर हम किसी भी
फ्लूइड को रेस्ट पे पढ़ रहे हैं जैसे कि मान लो मैं आपको कहता हूं कि मेरे पास एक कंटेनर में एक फ्लूइड पड़ा हुआ है यह
कंटेनर में एक फ्लूइड पड़ा हुआ है तो इसकी मैं पढ़ाई कर रहा हूं तो इसको हम लोग बोलेंगे हाइड्रोस्टेटिक्स हाइड्रो यहां पे
फ्लूइड के लिए हो गया और स्टैटिक्स मतलब यहां पे रेस्ट पे हो गया तो जब भी हम किसी फ्लूइड की पढ़ाई को रेस्ट पे पढ़ते हैं
इसे कह दिया जाता है हाइड्रोस्टेटिक्स बिल्कुल इसका अपोजिट हो जाता है हाइड्रो डायनेमिक्स जहां पे हम लोग आप समझ ही
जाओगे कि फ्लूइड को मोशन में पढ़ेंगे फ्लूइड एक जगह से दूसरी जगह बहेगा जैसे कि आपके घर में पाइप के अंदर पानी बह रहा है
है ना जैसे अभी तो इस कमरे में ऐसा कुछ नहीं है ये तो बहुत छोटा सा इधर से इधर पानी का बहना हो गया बट मान लो आपके पाइप
में आपके घर में टैंकी भर रही है तो पानी नीचे से जा रहा है ऊपर तो पानी बह रहा है या आप नलका खोलते हो टंकी से पानी नीचे आ
जाता है वाटर टैंक से पानी नीचे आ जाता है तो इसको हम बोलेंगे हाइड्रोडायनेमिक्स नदी में पानी बह रहा है इसको हम बोलेंगे
हाइड्रोडायनेमिक्स लेकिन पंड में पानी रुका हुआ है उसकी पढ़ाई को हम लोग बोलेंगे हाइड्रोस्टेटिक्स अब सवाल उठता है इस
चैप्टर में हमें हाइड्रोडायनेमिक ज्यादा पढ़ना है या हाइड्रोस्टेटिक ज्यादा पढ़ना है तो आंसर इस चैप्टर के अंदर
हाइड्रोडायनेमिक्स जो है वो ज्यादा है लेकिन ऐसा नहीं है कि हाइड्रोस्टेटिक्स पढ़ना नहीं है लगभग लगभग 2080 या 3070 का
रेशो आप मान के चलो मतलब हाइड्रोडायनेमिक्स यानी फ्लूइड को मोशन में थोड़ा ज्यादा पढ़ना है स्टैटिक्स में
भी पढ़ना है ऐसी बात नहीं है ठीक है ना चलिए तो आगे बात करते हैं और सबसे पहले सवाल आता है फिजिक्स ऑफ लिक्विड देखो एक
बड़ा ही इंटरेस्टिंग बात है इससे पहले हमने एक चैप्टर पढ़ा जिसका नाम था स्ट्रेस अब अगर आपने नोटिस किया हो कि जो स्ट्रेस
का मतलब प्रेशर ही था याद होगा इससे पहला वाला वन शॉट आई होप आपने देख लिया अब अगर हम लोग बात करें स्ट्रेस यानी कि प्रेशर
की तो प्रेशर जब कोई सॉलिड लगाता है तो सॉलिड प्रेशर हमेशा लगाता है डाउन वर्ड डायरेक्शन में सॉलिड का प्रेशर हमेशा लगता
है डाउन वर्ड डायरेक्शन में क्योंकि उसका वेट नीचे होता है लेकिन आपको बताया गया था कि जो फ्लूइड होते हैं उनका प्रेशर हर
डायरेक्शन में लगता है यह बहुत अलग बहुत डिफरेंट चीज रहती है अब अगर समझे द नॉर्मल फर्स यानी कि थ्रस्ट ऐसी फोर्स जो कि
परपेंडिकुलर होती है उसको थ्रस्ट भी कहते हैं एजर्ज बाय लिक्विड एट रेस्ट पर यूनिट एरिया ऑफ़ द सरफेस इन कांटेक्ट विद इट्स
इट कॉल्ड प्रेशर ऑफ़ द लिक्विड और हाइड्रोस्टेटिक प्रेशर यानी जो प्रेशर एक लिक्विड लगाता है पर यूनिट एरिया उसको हम
लोग कह देते हैं हाइड्रोस्टेटिक प्रेशर लेकिन ये तो हम सब जानते हैं कि प्रेशर होता है फोर्स अपॉन एरिया लेकिन जो एक
रहा हूं ध्यान रखना गैस और लिक्विड दोनों आ गए हैं क्योंकि दोनों ही फ्लूइड होते हैं ध्यान रखिएगा तो प्रेशर अप्लाइड बाय
पॉसिबल डायरेक्शन यानी जो फ्लड्स प्रेशर लगाते हैं ये हमेशा हर डायरेक्शन में लगता है जो प्रेशर अप्लाइड बाय फ्लड्स होता है
वो हर डायरेक्शन में लगता है जैसे अगर इस कंटेनर में अभी पानी भरा हुआ है वैसे पानी तो नहीं है सोप सॉल्यूशन है बट इसको भी
हमने एक अलग तरीके से बनाया इस चैप्टर का कंसेप्ट लगा के नॉर्मल सोप सॉल्यूशन ये बात करेंगे लेकिन इसमें जो लिक्विड भरा
हुआ है ये इसके कंटेनर के साइड में भी प्रेशर लगा रहा होगा इधर भी लगा रहा होगा नीचे भी लगा रहा होगा और अगर ऊपर तक भरा
होता तो ऊपर भी लगाता मैं हमेशा एक सवाल पूछता हूं अपने बच्चों से आपसे ही पूछूंगा आप भी अपने बच्चे हो सवाल क्या है कि मान
लो एक बैलून है और एक बैलून में मैं कहीं पे भी उसको पंचर करता हूं मतलब फाड़ नहीं हूं उसमें एक छोटा सा छेद कर देता हूं तो
कहीं पे भी छेद कर लू मैं उसमें से हवा निकलेगी ही निकलेगी क्योंकि जो हवा है वो हर तरफ प्रेशर लगा रही है तो हर तरफ से
बाहर आ सकती है सेम गोज फॉर एक पानी से भरा हुआ बैलून भी लेकिन अगर एक आटे की बोरी है और आटे की बोरी में ऊपर या साइड
में छेद करूंगा तो छेद करते वक्त थोड़ा सा सा आटा निकले निकले लेकिन उसके बाद आटा नहीं निकलेगा थोड़ा बड़ा छेद भी कर दूंगा
तो भी नहीं निकलेगा लेकिन अगर मैं उसके नीचे छेद कर दूंगा थोड़ा सा बड़ा तो आटा निकल सकता है आटा निकलता भी है या ऐसे भी
समझो तो हमेशा बैलून में अगर मैं कंकड़ पत्थर डालूंगा तो वो नीचे से बढ़ेगा पहले नीचे से बढ़ेगा फिर साइड साइड गिरते
रहेंगे तो बढ़ेगा लेकिन पानी से भरते वक्त ग्रेविटी एक्ट करती है लेकिन वो नीचे भी ग्रो करता है साइड में भी ग्रो करता है और
हवा पे तो बहुत ही अच्छा देखने को मिलता है कि हर तरफ से ग्रो करता है क्योंकि जो लिक्विड्स और गैसेस होते हैं वो कंटेनर पे
हर तरफ प्रेशर लगाते हैं लेकिन जो सॉलिड्स होते हैं वो सिर्फ टुवर्ड्स अ डाउन वर्ड टुवर्ड्स सेंटर ऑफ द एर्ट्स क्योंकि उनके
पास वेट होता है तो ये बहुत बड़ा फर्क है लिक्विड्स में तो लिक्विड्स में हर तरफ प्रेशर लगता है यह भी आपको ध्यान में रखना
होगा अब अगर मैं यहां पे बात करूं तो प्रेशर का हमारे पास फर्मूला ये थोड़ा पुराना ही टॉपिक है तो थोड़ा सा
जल्दी-जल्दी करेंगे क्योंकि हम ये बहुत बार कर चुके हैं कि प्रेशर का फार्मूला हमारे पास फोर्स अपॉन एरिया रहता है अगर
फोर्स परपेंड ल हो तो उसको हम थ्रस्ट कह देते हैं तो थ्रस्ट और फोर्स एक ही बात होती है तो थ्रस्ट अपॉन एरिया भी यहां से
बन जाता है और यह पूरा फार्मूला रिप्रेजेंट करता है कि जो प्रेशर है जो प्रेशर है वो इन्वर्सली प्रोपोर्शनल होता
है एरिया के है ना जो प्रेशर है वो इन्वर्सली प्रोपोर्शनल होता है एरिया के और इसके ऊपर बहुत सारी चीजें हमने नाइंथ
में देख रखी थी अगर आप फिर भी देखना चाहते हो कि एरिया कम करने पर प्रेशर बढ़ता है या एरिया बढ़ाने प प्रेशर कम करता है यह
हम ससरी क्लास से पढ़ते आ रहे हैं लेकिन फिर भी मैंने बहुत सारी वीडियोज इसको साइंस के एंड फन पे बना रखी हैं अपने 5
मिलियन वाले चैनल पे जिसमें से बहुत सारी हो सकता है आपने कुछ-कुछ वीडियोस देखी भी हो जैसे कि एक बल्ब के ऊपर अगर एक बच्चा
खड़ा हो जाएगा तो बल्ब टूट जाएगा लेकिन बहुत सारे बल्ब्स के ऊपर इकट्टा खड़ा करेंगे तो नहीं टूटेगा ये वीडियो भी आपको
वहां मिल जाएगी या फिर एक वीडियो आपको मिलेगी जहां पे हम लोगों ने एक अ ये तो वीडियो आपने बहुत सारे चैनल पे अलग-अलग
जगह देखी होगी कि अगर एक बैलून को एक एक कील पे रखो तो बैलून फट जाता है पर बहुत सारी किलों पर रखो तो वो नहीं फटता है
स्कूल के बैग्स के स्टैप्स बहुत ब्रॉड होते हैं ताकि एरिया ज्यादा हो प्रेशर कम हो जाए ये हम बचपन से पढ़ते आ रहे हैं
गर्ल्स जो पेंसिल हील पहनती हैं उनका एरिया बहुत कम होता है प्रेशर बहुत ज्यादा होता है जिसकी वजह से वो सॉफ्ट मिट्टी पे
चल नहीं पाती हैं और दब जाती हैं अंदर बर्फ पे चलना मुश्किल होता है लेकिन सैंड पे चलना मुश्किल होता है कैमल बड़े आसानी
से चलता है बिकॉज़ कैमल के पैरों का एरिया बहुत ज्यादा एरिया ज्यादा होगा तो प्रेशर बहुत ज्यादा कम होगा और बहुत सारी वीडियोस
बना रखी हैं मैंने लं पतली तार मोटी तार से बोटल को टंगा खीरे को काटा ऐसी बहुत सारी वीडियोस बट सबका एक ही निचोड़ है कि
जितना एरिया कम होता चला जाएगा उतना प्रेशर बढ़ता चला जाएगा वो सारी वीडियोस नाइंथ क्लास के लिए हैं आप लोग बहुत बड़े
हो गए हो आप सब ये स्टेटमेंट पहले से ही जानते हो कि प्रेशर और एरिया आपस में इन्वर्सली प्रोपोर्शनल रहते हैं और इसकी
बहुत सारी एप्लीकेशन भी रहती हैं अब यूनिट अगर बात करें तो अगेन ये भी हम लोग जानते हैं तो प्रेशर की यूनिट क्या होगी क्या
इसकी पहली यूनिट होगी क्य क्योंकि इसका फार्मूला फोर्स अपॉन एरिया है तो न्यूटन और एरिया के लिए पर मीटर स्क्वायर लेकिन
इसकी यूनिट आप सब जानते हैं पूरा ब्रह्मांड जानता है कि इसकी यूनिट पास्कल भी है क्योंकि जो लुईस बेस पास्कल जी हैं
उनके नाम पे उनको इज्जत देने के लिए ऑनर देने के लिए रखा गया है ना भाई लेकिन ये दोनों हमारे पास एसआई यूनिट्स हैं ये
दोनों हमारे पास स्टैंडर्ड यूनिट्स हैं जो पूरे ब्रह्मांड में चलती हैं लेकिन और भी प्रेशर की यूनिट्स होती हैं जैसे कि एटीएम
जो कि हम इस चैप्टर में बात करने वा एटमॉस्फेरिक प्रेशर इसकी एक और यूनिट होती है जो कि बार होती है इसकी एक और यूनिट
होती है जो कि टोर होती है ऑल दो टॉर तो हम यूज नहीं करेंगे और ना ही हम लोग ज्यादा एम एम ऑफ एचजी यूज करेंगे एमएम ऑफ
एचजी बायोलॉजी में बहुत इस्तेमाल होता है ब्लड प्रेशर वगैरह कैलकुलेट करने के लिए हमारे फिजिक्स में ज्यादा इस्तेमाल नहीं
होता है लेकिन हां एटीएम और बार तो हम बहुत करेंगे तो अगर आप एटीएम को बार में कन्वर्ट करना हो तो एक एटीएम में
1.013 * में 10 की पावर फाइव पास्कल होते हैं ये हम आज इस वन शॉट में देखने भी वाले हैं कैसे और ये एटीएम क्या होता है
एटमॉस्फेरिक प्रेशर क्या होता है और ऐसे ही वन बार का मतलब 10 की पावर 5 पास्कल भी रहता है है ना भाई तो ये अलग-अलग प्रेशर
की यूनिट्स है और हम सब अगेन प्रेशर के डायमेंशन फर्स्ट चैप्टर में बहुत अच्छे से निकाल चुके हैं तो इन चीजों में टाइम
ज्यादा वेस्ट ना करके लेकिन स्किप भी नहीं कर सकते पता होना चाहिए कि इस चैप्टर में भी है प्रेशर का फार्मूला फोर्स अपॉन
एरिया रहता है तो फोर्स के लिए m एटी -2 हो गया और एरिया के लिए l2 हो गया यह ऊपर जाता है एक l से एक l कैंसिल पावर माइनस
डायमेंशन क्या हो गए भाई m l - 1 t -2 तो यहां तक हमने अभी जो जो 10-15 मिनट में पढ़ा मुझे लगता नहीं है कुछ भी नया है सब
कुछ पुराना है और देखो वहीं पे यह एप्लीकेशन आ जाती है कि जो बैग्स होते हैं या सूट केस होते हैं उनके ब्रॉड हैंडल्स
होते हैं या जो रेलवे ट्रैक्स होते हैं जो नीचे बिछाए जाते हैं उनके बीच में स्लीपर जो कि आपको याद होगा जब देश आजाद हुआ था
तो लकड़ी के बनते थे बहुत लड़ाइयां हुई थी फिर अब ये सीमेंट के बनते हैं जिनसे एरिया बढ़ जाता है प्रेशर कम हो जाता है है ना
नंगे पैर अगर पत्थर पर चलोगे तो बहुत दर्द होता है क्योंकि पत्थरों के पास शार्प एजेस होते हैं जिनकी वजह से एरिया कम होने
की वजह से प्रेशर बहुत ज्यादा हो जाता है और ऐसे ही अ सैंड पे भी चलना मुश्किल है लेकिन कैमल चल पाता है पिन और नेल्स आगे
से पॉइंटेड होते हैं क्योंकि एरिया कम होगा तो प्रेशर ज्यादा होगा यह सार बातें एल केजी का बच्चा भी मुझे लगता है जानता
है और यह आपके एग्जाम में आने भी नहीं वाली है बट क्योंकि शुरुआत प्रेशर की करनी है और एनसीआरटी समझाती है इन सबको तो
समझना एक फॉर्मेलिटी हो जाती है ऑल दो ये सब बहुत इजी टॉपिक है लेकिन यहां से हमारा चैप्टर जो है बेसिकली वो स्टार्ट होता है
यहां से हमारा चैप्टर स्टार्ट होता है और वोह है वेरिएशन ऑफ प्रेशर विद डेप्थ अच्छा जी यह क्या है हम लोग बचपन से पढ़ते आ रहे
हैं कि जितनी गहराई पे जाएंगे पानी का प्रेशर उतना बढ़ता है लेट अस सपोज हमारे पास यह एक कंटेनर है यह डेरिवेशन करने जा
रहे हैं ठीक है ना डेरिवेशन करने जा रहे हैं लेट अस सपोज हमारे पास यहां पे एक कंटेनर है ठीक है अब इस कंटेनर के अंदर
हमने कोई भी एक फ्लूइड भरा हुआ है हमने इसके अंदर कोई भी एक लिक्विड भरा हुआ है कोई भी एक लिक्विड भरा हुआ है अच्छा
फ्लूइड का मतलब लिक्विड और गैस दोनों हो सकता है ठीक है ना कोई भी एक लिक्विड भरा हुआ है इसके अंदर अब इस लिक्विड में जितना
आप गहराई पर जाओगे जितना आप गहराई पर जाओगे प्रेशर बढ़ेगा यह हम पढ़ते आ रहे हैं आज हम इसको प्रूफ भी करने वाले हैं और
देखने भी वाले हैं आपके घर में पानी का जग होगा जिसमें नीचे नलका लगा रहा होगा आप नलिके को खोलो अगर जग में पानी एकदम टॉप
की वेलोसिटी भी कम होती है क्योंकि उसका प्रेशर कम होता है जितना गहराई पर जाओगे प्रेशर बढ़ता है हम सब जानते हैं शायद कि
समुद्र की गहराई प जाओगे जितना गहराई प जाओगे प्रेशर उतना बढ़ेगा जितनी गहराई पर जाओगे प्रेशर उतना बढ़ेगा जितनी गहराई पर
जाओगे प्रेशर बढ़ेगा पहली बात तो यह हम सब जानते हैं कि गहराई पर जाने प प्रेशर बढ़ता है बट कितना बढ़ता है आज हमें
डिराइवर भी करना है तो हम क्या कर रहे हैं यह अंदर हमारे पास पानी पड़ा हुआ है और हम इसके अंदर एक इमेजिनरी इसके अंदर ही हम एक
इमेजिनरी इमेजिनरी सिलेंडर ले रहे हैं यह हमारे पास एक पानी का एक कंटेनर है और उसी के अंदर यह पानी का इमेजिनरी सिलेंडर है
मतलब कुछ अलग नहीं लिया बन पानी का बना हुआ इमेजिनरी सिलेंडर ले लिया इस सिलेंडर की जो हाइट है वो h है ठीक है ना और इस
सिलेंडर का जो हमने एरिया लिया है वो ए लिया है ए एरिया लिया ठीक है ना अब क्या ये पानी रेस्ट पे पड़ा हुआ है तो आंसर है
यस तो इसके ऊपर कौन-कौन सी फोर्सेस लग रही होंगी एक तो पक्का है कि इस पे नीचे की तरफ एक फोर्स लग रही होगी जो कि होगा
अलग-अलग प्रेशर लग रहा होगा क्योंकि हम बचपन से पढ़ते आ रहे हैं कि गहराई पर जाने पे प्रेशर चेंज होता है तो ऊपर और नीचे
अलग-अलग प्रेशर लग रहा होगा अब मान लो यहां से जो प्रेशर लग रहा है वो लग रहा है p1 और यहां से जो प्रेशर लग रहा है वो लग
रहा है p2 अब अगर प्रेशर लग रहा है तो इस पे फर्स भी लग रही होगी तो p2 प्रेशर पे फोर्स लग रही है f2 तो अगर मैं इसको p2
प्रेशर पे बोलूं कि फर्स लग रही है यहां से f2 और उधर p1 प्रेशर पे फर्स लग रही है हमारे पास कितनी f 1 तो यहां से फर्स लग
रही है इसपे पानी जो फोर्स लगा रहा है इसपे f2 और ऊपर से जो पानी फोर्स लगा रहा है इसपे f1 लेकिन ये पूरा का पूरा सिलेंडर
जो है वो रेस्ट पे है ये पूरा का पूरा सिलेंडर जो है वो रेस्ट पे है अब क्या-क्या चीजें ध्यान रखनी है आपको यहां
रो जो है वो हमारे पास डेंसिटी ऑफ फ्लूइड है डेंसिटी सबको पता है मास बाय वॉल्यूम तो डेंसिटी यहां पे रो है
यानी ये जो फ्लूइड है उसकी डेंसिटी यहां पे रो है मास अपॉन वॉल्यूम इसका रो है ठीक है अब अगर ऐसा है तो क्या ये कहना सहिए कि
इस पूरे सिलेंडर पे नेट फर्स जीरो होगी यस अब अगर इस पे नेट फर्स जीरो होगी तो एज अ सिलेंडर जो हमने लिया है शेप आप कोई भी ले
सकते थे क्योंकि एनसीआरटी सिलेंडर लेते थे हम भी सिलेंडर से काम कर रहे हैं एज सिलेंडर इज एट रेस्ट तो इसके ऊपर जो नेट
फोर्स होगी व जीरो होगी अब इस पे नेट फोर्स जीरो का मतलब है जो भी लेफ्ट जो भी ऊपर की फोर्स होंगी वो नीचे की फोर्स के
बराबर होंगी अब नीचे इसके ऊपर दो फर्स लग रही है एक लग रही है mg1 लग रही है f1 नीचे इस पे दो फोर्सेस
लग रही हैं एक लग रही है mg1 और ऊपर इसके ऊपर जो फर्स लग रही है वो लग रही है f2 बट हमें तो ये निकालना है कि
गहराई पे जाने पे प्रेशर में कितना चेंज आएगा प्रेशर डिफरेंस कैसे निकालें तो क्या मैं फोर्स को प्रेशर इंटू में एरिया लिख
सकता हूं बिल्कुल क्या मैं फोर्स को प्रेशर इंटू में एरिया लिख सकता हूं क्या मैं इस वाली फर्स को भी प्रेशर इंटू में
एरिया लिख सकता हूं क्योंकि हमने आज ही पढ़ा है कि प्रेशर का फार्मूला होता है फोर्स अपॉन एरिया मतलब आज नहीं पढ़ा है हम
पहले से जानते हैं लेकिन आज हमने रिवाइज किया है तो फोर्स हो गया प्रेशर इंटू में एरिया अब मास जो है मास क्या मास को
डेंसिटी इंटू में वॉल्यूम लिखा जा सकता है यस क्यों क्योंकि हम सब जानते हैं कि डेंसिटी का फार्मूला मास बाय वॉल्यूम होता
है तो मास की जगह मैंने रख दिया डेंसिटी इनटू में वॉल्यूम ठीक है अब यहां से इस सिलेंडर की वॉल्यूम कैसे निकालेंगे तो
इसका एरिया a है और इसकी जो हाइट है वो छ तो सिलेंडर की वॉल्यूम एरिया इंटू में हाइट होती है इंटू में g है यहां पे आ गया
p1 ए और यहां पे आ गया p2a अगर आप नोटिस करें तो सब में a आ रहा है तो a से a तो कैंसिल हो जाएगा a से a तो कैंसिल हो
जाएगा सब में a आ रहा है तो a से a तो कैंसिल हो जाएगा अब a से a कैंसिल हो गया तो इसको इधर ले जाओ तो ये हमारे पास कितना
हो गया भाई p2 - p1 ये तो चला गया इधर और यहां क्या बच गया रो g ए क्या बच गया रो g तो यहां पे p2 - p1 क्या है इन दोनों का
प्रेशर डिफरेंस तो इन दोनों का जो प्रेशर डिफरेंस हमारे पास आ जाता है वह आ जाता है रो g इन दोनों का जो प्रेशर डिफरेंस हमारे
पास आ जाता है वह आ जाता है रो g यानी कि इधर और इधर जो प्रेशर में डिफरेंसेस हमें मिलेंगे वह रो g होंगे अब रो क्या है
डेंसिटी वह तो कांस्टेंट है g क्या है एक्सीलरेशन ड्यू टू ग्रेविटी वह भी कांस्टेंट है बचा कौन हाइट लेकिन हाइट तो
कांस्टेंट नहीं है ना हाइट से यहां पे कहने का मतलब है डेप्थ तो क्या ऐसा कहना ठीक होगा कि जितना मैं गहराई पर जाऊंगा उत
क्योंकि हाइट के साथ यानी कि डेप्थ के साथ गहराई के साथ डेप्थ के साथ प्रेशर में डिफरेंस ज्यादा आता चला जाएगा इसका मतलब
चेंज इन प्रेशर जो है वो हाइट के साथ चेंज इन प्रेशर जो है वो हाइट के साथ डायरेक्टली प्रोपोर्शनल है दोबारा बोल रहा
हूं हाइट का मतलब ऊपर से नीचे आना जिसको आप डेप्थ भी कह सकते हो और इसलिए बचपन से पढ़ते आ रहे हैं कि जितना गहराई प जाएंगे
उतना प्रेशर बढ़ता चला जाएगा समझ गए आओ अब इसको देखने के लिए यहां पे एक एक्टिविटी करते हैं इसको मुझे अपने बाथरूम में करना
पड़ेगा बिकॉज़ यहां पर सारा पानी पानी हो जाएगा तो यहां पे इसको बाथरूम में देखते हैं कैसे हम ये देख सकते हैं कि कैसे-कैसे
घराई पे जाएंगे तो प्रेशर बढ़ता चला जाएगा चलो पहले ये देखते हैं तो यहां पे हमने एक बॉटल ले ली इस बोतल में टेप लगा रखे है
अलग-अलग छेद हैं जैसे ही मैं टेप को निकालूं आप देख सकते हैं कि पानी अलग-अलग छेद से बाहर आ रहा है लेकिन नीचे वाले छेद
से पानी सबसे ज्यादा दूर जा रहा है पूरी वीडियो पानी के साथ रिकॉर्ड करना बहुत डिफिकल्ट था लेकिन नीचे वाले छेद से पानी
सबसे ज्यादा दूर जा रहा है क्योंकि नीचे वाले की डेप्थ सबसे ज्यादा है डेप्थ सबसे ज्यादा होगी तो प्रेशर भी सबसे ज्यादा
होगा और यह हमारा पानी हो जाता है खत्म हां जी तो आई होप आपने देखा कि कैसे जितना जो डेप्थ था जो छेद था वो नीचे था
उतनी तेजी से पानी बाहर आ रहा है बिकॉज़ जितना गहराई यानी कि डेप्थ बढ़ती है उतना प्रेशर बढ़ता है और यही रीजन है कि जब
डम्स बनाए जाते हैं बांध बनाए जाते हैं तो उनको नीचे से बहुत ज्यादा चौड़ा और स्ट्रांग बनाया जाता है क्योंकि उनको नीचे
पानी बहुत ज्यादा सहन करना होता है और ऊपर ऊपर से वो उतने स्ट्रांग या चौड़े नहीं होते जितने वो नीचे से होते हैं तो रीजन
बहुत सिंपल है जितना गहराई पर जाओगे प्रेशर बढ़ेगा बिकॉज ऊपर वाला फ्लूइड भी नीचे वाले पे फोर्स लगाना शुरू कर देगा तो
प्रेशर बढ़ जाएगा ठीक है जी बहुत सिंपल है चलिए अब आगे हम लोग अच्छा ये हमारे लिए खाली बच गया हमने एक ही पेज पे इसकी
डेरिवेशन कर ली अब आगे अगर हम लोग बढ़े तो आगे हमारे पास जो टॉपिक आता है इस चैप्टर के अंदर वो आता है हाइड्रोस्टेटिक
पैराडॉक्स ये कहां चला गया हां हमारे पास जो टॉपिक आता है वो क्या आता है भाई हाइड्रो स्टैटिक पैराडॉक्स अब यह क्या है
देखो पहली बात तो यह पैराडॉक्स ओ ले ले तू रिहाई ले ले मेरे तो ये वो वाला पैराडॉक्स नहीं है आई होप जो आप लोग जानते हैं कि
पैराडॉक्स मैं कौन से पैराडॉक्स की बात कर रहा हूं नहीं जानते तो कोई बात नहीं अच्छी बात है पढ़ाई पे ध्यान दो लेकिन
हाइड्रोस्टेटिक पैराडॉक्स का मतलब है जो हमें दिखता है वैसा होता नहीं है ये एनसीआरटी ने एक बहुत छोटे से लेकिन बहुत
प्यारे से कांसेप्ट को समझाया है आओ जरा इसको समझते हैं कैसे अगर मैं आपको बोलूं कि मेरे पास दो कंटेनर हैं एक कंटेनर है
ऐसे इसकी शेप ऐसी है मान लो ठीक है ना और एक कंटेनर है मेरे पास जिसकी शेप ऐसी है बिल्कुल ऐसी है और एक कंटेनर है मेरे पास
जिसकी शेप नीचे से कुछ ज्यादा ही बड़ी है ऐसे करके बस फर्क यह है कि तीनों ही कंटेनर्स में तीनों ही कंटेनर्स में हमने
जो फ्लूइड है वो सेम भरा है सेम हाइट पर भरा है समझ गए क्या इन तीनों ही केसेस में हमने जो फ्लूइड को भरा है वह सेम हाइट पे
भरा है सेम हाइट पे भरा हुआ है दोनों ही तीनों ही केसेस में फ्लूइड को सेम हाइट पे भरा हुआ है और फ्लूइड भी सेम है तो अगर
मैं आपसे पूछूं कि यह तीनों ही फ्लूइड कंटेनर पे बराबर प्रेशर लगा रहे होंगे या अलग-अलग प्रेशर लगा रहे होंगे तो
यह पैराडॉक्स है सबसे पहले तो यहां पे दो सवालों को समझना है पहला अगर मैं आपको बोलूं कि यह तीनों के तीनों कंटेनर्स मैं
आपके सर के ऊपर रख दूं तो कौन या आपके या आप लेटे हुए और आपके पेट के ऊपर रख दूं आपकी कमर के ऊपर रख दूं तो इनमें से कौन
ज्यादा प्रेशर लगाएगा तो ओबवियस सी बात है कंटेनर ए इस केस में कंटेनर ए आप पे ज्यादा प्रेशर लगाने वाला है उसका रीजन
बहुत सिंपल है क्योंकि उसका एरिया जो है वह थोड़ा कम है काफी कम है और और मास लगभग लगभग उतना होगा अगर मैं मास को अभी थोड़ा
सा इग्नोर करूं तो ऑल दो मास भी यहां पे बहुत बड़ा फैक्टर है यानी कि अगर मुझसे पूछा जाए कि तीनों क आपकी कमर पे रखे
जाएंगे और मैं बोल दूं कि तीनों का मास सेम है लगभग तो इसका एरिया सबसे कम हो जाएगा तो वो सबसे ज्यादा प्रेशर लगाएगा और
यह वाला सबसे कम प्रेशर लगाएगा बिकॉज़ एरिया ज्यादा है लद थोड़ा सा इसका मास ज्यादा हो सकता है बट यहां पे सवाल ये है
ही नहीं सवाल ये है कि ये तीनों के तीनों कंटेनर्स में जो फ्लूइड है वो कंटेनर के बॉटम पे कितना प्रेशर लगा रहा है अगर मैं
आपसे पूछूं कंटेनर कितना प्रेशर लगा रहा है जमीन पे तो ये अलग होगा क्योंकि फिर वो प्रेशर बाय सॉलिड्स हो जाएगा क्योंकि
कंटेनर एक सॉलिड है लेकिन अगर मैं आपसे पूछूं फ्लूइड कितना प्रेशर लगा रहा है कंटेनर के डेप्थ पे बॉटम पे उस केस में
आंसर होगा तीनों केसेस में सेम क्यों क्योंकि तीनों ही केसेस में जो फ्लूइड हमने भरा है वो h हाइट में भरा है तो यहां
जो प्रेशर लग रहा होगा वो भी कितना होगा रोज यहां भी कितना होगा रोज और यहां भी कितना होगा रोज क्योंकि इसकी भी डेंसिटी
रो है इसकी भी डेंसिटी रो है और इसकी भी डेंसिटी रो है तीनों केसेस में डेंसिटी रो है तो इसका जो प्रेशर होगा इसका जो प्रेशर
होगा और इसका जो प्रेशर होगा फ्लूइड का ऑन दी बॉटम वो होगा रो g ए यानी कि इसको बोलते हैं हाइड्रोस्टेटिक पैराडॉक्स कि
फ्लूइड कितना प्रेशर लगाता है एट द बॉटम पे इसका बिल्कुल भी लेना देना नहीं है लिक्विड के अ कंटेनर की शेप से इसका लेना
देना सिर्फ किससे कि आपने कितनी हाइट पे भरा और जो डेंसिटी है वो क्या है जो कि तीनों ही केसेस में सेम है ठीक है जी चलो
चलिए इसके बाद आता है बड़ा ही इंटरेस्टिंग लॉ जिसको हम लोग कहते हैं अच्छा एक सेकंड पहली बात तो हाइड्रोस्टेटिक पैराडॉक्स को
समझने के लिए हम यहां पे अरे मैं तो ये भूल ही गया एक बड़ा अच्छा सेटअप लेके आए जिसमें दो अलग-अलग कंटेनर्स हैं दोनों
अलग-अलग कंटेनर्स में हम लोग फ्लूइड को भरेंगे और एक बड़ी इंटरेस्टिंग चीज दिखाता हूं क्योंकि हमने यहां पे क्या देखा कि
प्रेशर अप्लाइड बाय फ्लूइड इज इंडिपेंडेंट टू दी बेस ऑफ दी कंटेनर टू द शेप ऑफ दी कंटेनर बट ओनली डिपेंड्स ऑन दी डेंसिटी
एंड हाइट एक बार आओ ये वाली कांसेप्ट को देखते हैं बड़ा इंटरेस्टिंग है ये हमारे पास दो कंटेनर है इसका साइज बहुत अलग है
इसका साइज बहुत अलग है अब मैं क्या करूंगा यहां पर एक बाल्टी में मैंने नीले रंग का पानी भर दिया नीला इसलिए ताकि आपको यह
ओबवियस सी बात है पानी उस वाले कंटेनर में जाएगा लेकिन आपके हिसाब आपसे यह पानी यहां से यहां कब तक जाएगा तो आंसर है जब तक इन
दोनों का लेवल बराबर नहीं हो जाता है इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि किधर कंटेनर की शेप कैसी है इधर कंटेनर की
शेप बहुत छोटी है इधर कंटेनर की शेप बहुत बड़ी है तो ओबवियस सी बात है अगर यहां पे सेम हाइट पे भी पानी आता है तो इधर पानी
बहुत ज्यादा होगा क्योंकि इसका इसका एरिया ज्यादा है और इधर पानी बहुत कम होगा लेकिन फिर भी दोनों का प्रेशर बराबर होगा
क्योंकि जो फ्लूइड का प्रेशर है वो हाइट पे डिपेंड करता है ना कि अमाउंट ऑफ वाटर पे ना ही उसके बेस एरिया पे सिर्फ और
सिर्फ डेंसिटी डेंसिटी सेम है और इसकी हाइट पे तो ये पानी कब तक फ्लो करेगा आई होप आपको दिख रहा पानी अभी भी फ्लो कर रहा
है ये कब तक फ्लो करेगा जब तक इन दोनों की हाइट सेम नहीं हो जाती है तो आओ वेट करते हैं आप देख रहे होंगे कि यहां पे पानी की
हाइट धीरे-धीरे धीरे-धीरे बढ़ती जा रही है यहां मैंने एक मार्क भी लगा रखा था क्योंकि मैंने ऑफलाइन में भी दिखाया था तो
अब ये मार्क से भी पानी ऊपर जा रहा है और यहां से पानी नीचे आना जा रहा है पानी का लेवल और बढ़ गया
है पानी का लेवल अभी भी बढ़ रहा है एंड यस बात अगर यहां से पानी का लेवल बढ़ रहा तो यहां से कम हो
हाइट भी आप देख सकते हैं सेम हो गई है अब बड़ी कमाल की चीज है कि अगर मैं इसको उठाता हूं इस वाले कंटेनर को उठाऊंगा तो
इसकी हाइट बढ़ जाएगी तो वहां पर भी उस फ्लूइड की हाइट बढ़ेगी देखना अभी अब मैंने यहां से देखो अगर उसको
उठाया तो आप शायद देख सकते हो व पानी कितना तेजी से बढ़ने लग गया देखो देखो कितना तेजी से पानी व बढ़ रहा मैंने इसकी
ऊंचाई को बढ़ा दिया है देखो कितना ज्यादा पानी तेजी से बढ़ रहा है क्योंकि जो जो पानी का प्रेशर है
वो सिर्फ और सिर्फ डिपेंड करता है हाइट प अब मैंने इसको नीचे रख दिया अब ये वापस से जाएगा नीचे इसको बोलते हैं हाइड्रोस्टेटिक
पैराडॉक्स जो दिखता है वो होता नहीं है चाहे कंटेनर का साइज कुछ भी हो उनका प्रेशर सिर्फ और सिर्फ उनकी हाइट पर
डिपेंड करेगा हां जी तो देखा आपने कि कैसे चाहे कंटेनर छोटा हो चाहे बड़ा हो प्रेशर सिर्फ डिपेंड कर है हाइट पे और फ्लूइड तो
सेम ही था तो डेंसिटी पे उसका शेप से कोई लेना देना नहीं है चलिए आगे बात करते हैं और बात करते हैं पास्कल्स लॉ की यह ये ये
एक बहुत इंपॉर्टेंट टॉपिक है अब इस चैप्टर का पास्कल्स लॉ में एक्चुअली दो एप्लीकेशन हमारे पास हुआ करती थी एक थी हाइड्रोलिक
लिफ्ट जो कि हमारे सिलेबस में है और उसके ऊपर न्यूमेरिकल्स भी आते हैं और एक है हाइड्रोलिक ब्रेक्स हाइड्रोलिक ब्रेक्स
हमारे अब सीबीएससी के सिलेबस से डिलीट हो गई हैं लेकिन अगर बात करूं पास्कल्स लॉ की तो अपने आप में ये बहुत इंपॉर्टेंट लॉ है
यह लॉ क्या कहता है जरा ध्यान से सुनिए यह कहता है कि अगर आपके पास एक क्लोज्ड कंटेनर है लेट अस से आपके पास एक क्लोज्ड
कंटेनर है और इस क्लोज्ड कंटेनर में आपने एक फ्लूइड को भरा हुआ है इस क्लोज कंटेनर में आपने क्या किया हुआ है कि एक फ्लूइड
को भरा हुआ है इसके अंदर तो यह लॉ कहता है कि अगर आप इस क्लोज कंटेनर में कहीं पर भी एक प्रेशर अप्लाई
कर हो मान लो मैं यहां पर एक पिस्टन लगा दूं और पिस्टन लगा के इधर एक प्रेशर अप्लाई करूं इधर एक पिस्टन लगा दूं पिस्टन
मतलब आपको पता ही है क्या होता है जो प्रेशर अप्लाई करता है और प्रेशर अप्लाई करूं प प्रेशर अप्लाई करूं तो अकॉर्डिंग
टू पास्कल्स लॉ पूरे कंटेनर में हर जगह यह प्रेशर इक्वली ट्रांसमिट हो जाएगा यहां भी प प्रेशर चला जाएगा यहां भी प प प यहां पे
भी पी प्रेशर हर जगह पे पी प्रेशर इक्वली ट्रांसमिट हो जाए जाएगा लेकिन कुछ शर्तें हैं वो शर्त क्या है मैं आपको बताता हूं
बट अगर एक क्लोज्ड कंटेनर है क्लोज्ड होना चाहिए क्योंकि अगर वो ओपन हुआ तो फ्लूइड तो बाहर चला जाएगा अगर एक क्लोज कंटेनर है
और उसके अंदर एक फ्लूइड है और आप उस कंटेनर में कहीं पे भी पी प्रेशर अप्लाई कर देते हो तो वह प्रेशर इक्वली हर जगह
ट्रांसमिट हो जाता है इक्वली हर जगह जाके बट जाता है लेकिन दो शर्तें यहां पे हैं पहली बात आपको इफेक्ट ऑफ ग्रेविटी को
इग्नोर करना होगा क्योंकि हम सब जानते हैं ग्रेविटेशनल फर्स तो भैया हर जगह है तो यहां पे भी होगी जिसकी वजह से नीचे का जो
प्रेशर है वह थोड़ा सा ज्यादा होगा क्योंकि नीचे पहले से ही उस पे एक फोर्स एक प्रेशर लग रहा होगा तो ये वाला प्रेशर
ऐड ऑन हो जाएगा तो नीचे का प्रेशर हमेशा ज्यादा होगा यह ऑब् वियस सी बात है तो अगर आपको पास्कल्स लॉ लगाना है कि यह मानना है
कि हर जगह प्रेशर बराबर होगा तो आपको ग्रेविटेशनल फोर्स को इग्नोर करना होगा उसके इफेक्ट को हटा देना होगा पहली बात
दूसरी बात जो फ्लूइड आप इस के अंदर ले रहे हो वो इनकंप्रेसिबल होना चाहिए यानी ऐसा फ्लूइड होना चाहिए जो कंप्रेस ना हो जो
दबे ना क्योंकि अगर वो दबने वाला फ्लूइड होगा और आप उस परे प्रेशर लगाओगे तो आपके द्वारा लगाया गया प्रेशर वहां पे वेस्ट हो
जाएगा आपके द्वारा लगाया गया प्रेशर उसको कंप्रेस करने में यूज़ हो जाएगा फिर प्रेशर इक्वली ट्रांसमिट नहीं होगा तो
पास्कल जी का लॉ दो शर्तों पे लागू रहता है एक है पहली बात तो आप पी प्रेशर लगाओगे तो इक्वल हर जगह ट्रांसमिट होगा लेकिन
उसकी कुछ शर्तें हैं पहली शर्त क्या है आपको ग्रेविटी को इग्नोर करना होगा ताकि नीचे का प्रेशर ज्यादा ना हो और जो कि
होगा आप इग्नोर कर रहे हो वो हट थोड़ी ना गई है और दूसरा अंदर जो आपने फ्लूइड लिया है वो इनकंप्रेसिबल है अब आपने अपने घर
में कभी नोटिस किया होगा कि अगर आप एक कमरे में हो जहां पे खिड़की है आपने नोटिस किया होगा अगर नोटिस किया है तो कमेंट
सेक्शन में लिखना यस नोटिस किया आज का पहला टास्क है कमेंट सेक्शन का ये अगर आपने कभी ये नोटिस किया है बड़ी
इंटरेस्टिंग बात है कि मान लो आपके घर में एक खिड़की है जिसमें आपने कुंडी नहीं मार रखी लेकिन वो बंद है थोड़ी सी मतलब वो खुल
सकती है लेन कुंट नहीं लगी हुई है अगर आप अपने कमरे का दरवाजा जोर से खोलते हो तो कभी-कभार वह खिड़की बाहर की तरफ खुल जाती
है या फिर अगर आपके बाथरूम में एग्जॉस्ट फैन लगा हुआ है या घर में कहीं एग्जॉस्ट फैन लगा हुआ है और आप अपने घर का दरवाजा
जोर से खोलते हो तो व एग्जॉस्ट फैन घूमने लग जाता है नोटिस किया है क्या या दीवारों पर लगी हुई तस्वीरें हिलने लग जाती हैं
कभी नोटिस कि है अगर ऐसा हुआ है तो आप कमेंट सेक्शन पे प्लीज लिखना यस सर नोटिस किया है मैं देखना चाहता हूं क्या यह मैं
ही ऑब्जर्व कर रहा हूं या और भी लोग ऑब्जर्व कर रहे हैं तो वो क्यों होता है तो वो पास्कल्स लॉ के हिसाब से ऑल दो घर
के अंदर पास्कल लॉ लगाना बहुत रफ होगा क्योंकि घर एक पहली बात तो क्लोज कंटेनर नहीं है उसके अंदर हवा है जो कि
कंप्रेसिबल होती है बट फिर भी रफ रफ अगर बात करें तो जब आप दरवाजे को पीछे खींचते हो तो एक प्रकार से आप ये पिस्टन खींच रहे
हो जो अंदर की कमरे की हवा को कंप्रेस करता है प्रेशर लगाता है अब वो हवा हर तरफ प्रेशर अप्लाई करती है अब दीवारें तो हिल
नहीं सकती इतना तो प्रेशर है नहीं तो जो भी कमजोर खिड़कियां होती हैं वो खुल जाती हैं या दीवार पे लगी हुई फोटो हिल जाती
हैं तो पास्कल लॉ की वजह से ही है लेकिन पास्कल लॉ लगाना है तो दो चीज़ें याद रखनी होंगी यह मैं आपको बता चुका हूं ठीक है जी
तो दिस लॉ स्टेट्स दैट द इंक्रीज इन प्रेशर एट एनी वन पॉइंट अगर आप प्रेशर को बढ़ाते हो किसी भी एक पॉइंट पे तो और वह
और वह फ्लूइड इक्विलियम में था तो वह प्रेशर हर जगह इक्वली ट्रांसमिट हो जाता है आपको किसके इफेक्ट को इग्नोर करना है
तो आंसर आपको ग्रेविटी के इफ़ेक्ट को यहां पे इग्नोर करना होगा ठीक है जी अब इसके ऊपर एक बहुत बेहतरीन एप्लीकेशन बेस्ड है
जिसको हम लोग कहते हैं हाइड्रोलिक लिफ्ट और मेरा यकीन मानिए हाइड्रोलिक लिफ्ट के ऊपर आपको बोर्ड एक क्वेश्चन जरूर मिलने
आएगा काफी इंपॉर्टेंट टॉपिक है आओ बात करते हैं हाइड्रोलिक लिफ्ट क्या होता है इसको यहां बात करते हैं व पीछे क्या लिखा
है वो तो हम पढ़ ही लेंगे पहली बात तो हाइड्रोलिक लिफ्ट क्या है कभी आपने देखा हो किसी सर्विस सेंटर पे गाड़ी को व जमीन
से ऊपर उठा रहे होते हैं वो एक प्रकार से हाइड्रोलिक लिफ्ट होती है जो गाड़ी को धीरे-धीरे धीरे धीरे ऊपर उठाती है या
धीरे-धीरे धीरे नीचे लेके आती है है ना ऐसा नहीं है कि हम हाइड्रोलिक लिफ्ट से सिर्फ गाड़िया ही उठा सकते हैं कुछ भी उठा
सकते हैं गाड़ी उसमें से एक है ठीक है ना अब हाइड्रोलिक लिफ्ट में होता क्या है पहली बात तो सब कुछ जमीन के नीचे है यह
अब यह जो आप लेवल देख रहे हो आप ऐसा कह सकते हैं कि ये सब जमीन के नीचे होता है यह ग्राउंड है क्योंकि जा
हैं इसके अंदर पूरे के अंदर एक फ्लूइड है और ये फ्लूइड कौन सा है ऐसा वैसा फ्लूइड नहीं है इनकंप्रेसिबल है मतलब पानी तो
नहीं भरेंगे ओबवियस सी बात है बिकॉज पानी तो बहुत ज्यादा कंप्रेस हो जाता है तो पानी तो नहीं भरेंगे कोई भी और
इनकंप्रेसिबल फ्लूइड हमने ने इसके अंदर भर दिया ठीक है ना कोई भी इनकंप्रेसिबल फ्लूइड हमने इसके अंदर भर दिया कुछ ज्यादा
ही हो गया था तो मैं ऐसे कर देता हूं कोई भी इनकंप्रेसिबल फ्लूइड हमने इसके अंदर भर दिया जो दब नहीं सकता जैसे कि ब्रेक ऑयल
वगैरह होते हैं काफी इनकंप्रेसिबल से रहते हैं उसको हमने इसके अंदर भर दिया ठीक है जी अब यहां पर इधर क्या रहता है एक पिस्टन
से हम प्रेशर अप्लाई करते हैं लेट्स से यहां पे हम प्रेशर लगाते हैं p1 इस पिस्टन का एरिया है a शायद छोटे ए
से रिप्रेजेंट किया हुआ है यस छोटे ए से इसका एरिया है छोटा ए अब यहां पे भी एक पिस्टन लगा हुआ है एक्चुअली में काफी बड़ा
पिस्टन है क्यों गाड़ी वाड़ी रख सकते हैं इस पे और यह पिस्टन के ऊपर आपको जो भी उठाना है वोह आप रख सकते हो बहुत बढ़िया
मिस्टर बीन वाली गाड़ी है ये इसका जो एरिया है वह कैपिटल ए है ठीक है ना अब आप बताओ अगर यहां पे मैं ग्रेविटी के इफेक्ट
को इग्नोर कर देता हूं और मैं इस लिक्विड को इनकंप्रेसिबल मान लेता हूं तो पास्कल्स लॉ मेरे काम का आएगा क्या पास्कल्स लॉ से
हम फोर्स को मल्टीप्लाई कर सकते हैं क्या पास्कल्स लॉ से हम कम फोर्स लगा के ज्यादा फोर्स प्राप्त कर सकते हैं तो आंसर है यस
हम पास्कल्स लॉ से कम फोर्स लगा के ज्यादा फोर्स बहुत इजली ऑब्टेन कर सकते हैं आओ जरा समझे कैसे तो यहां पे हम लोगों ने
सबसे पहली बात तो प्रेशर अप्लाई किया प्रेशर कित अप्लाई किया तो आंसर है p1 प्रेशर हमने यहां पर अप्लाई किया क्या यह
कहना ठीक है कि अगर मैं यहां पर प्रेशर लगाऊंगा तो प्रेशर इक्वली हर जगह जाएगा और यह प्रेशर मुझे यहां पर भी मिलेगा और यह
प्रेशर मुझे यहां पर मिलेगा लेट अस सपोज इस प्रेशर को मैं p2 कह देता हूं इस प्रेशर को मैं p2 कह देता हूं सारी कहानी
लिखी हुई है कि यहां पे एक सिलेंडर है यहां पे एक सिलेंडर है इस सिलेंडर का एरिया काफी ज्यादा बड़ा है अगर पास्कल लॉ
प्रेशर जो मुझे दूसरी तरफ मिलेगा क्या ये दोनों प्रेशर आपस में बराबर होंगे क्या p1 और p2 प्रेशर ये आपस में दोनों बराबर
होंगे तो आंसर है यस ये दोनों आपस में बराबर होंगे इक्वल होंगे अच्छा ओके अब प्रेशर का फार्मूला क्या होता है प्रेशर
का फार्मूला होता है फोर्स अपॉन एरिया और यहां पे फार्मूला क्या होगा अगेन फोर्स अपॉन एरिया यहां का एरिया है छोटा a और
वहां का एरिया है बड़ा a अब अगर मैं यहां से f1 / f2 का रेशो निकाल लेता हूं तो ये मेरे पास a / में a आ जाएगा अब बड़ी हैरान
कर देने वाली बात है अगर आप इस फॉर्मूले को ध्यान से देखेंगे तो बड़ी अजीब सी आपको चीज मिलेगी वो क्या मिलेगी कि f1 / f2 का
रेशो a अप में a के बराबर है तो अगर a छोटा a हमारे बड़े a से अगर छोटा है यानी अगर स्ल a कैपिटल a से काफी ज्यादा छोटा
है तो मैथ्स कहती है कि भैया अगर a बड़ा है डिनॉमिनेटर बड़ा है तो यहां पे भी डिनॉमिनेटर बड़ा होगा अगर हमारा सॉरी मुझे
यहां पे इफ लिखना चाहिए था अगर हमारा यहां का एरिया छोटा है और यहां का एरिया बड़ा है तो f2 भी ज्यादा होगा तो फिर f2 भी
ज्यादा होगा f1 से इतनी मैथ्स सबको आती है 11थ क्लास के बच्चे हैं अगर यहां पे डिनोट ज्यादा है और न्यूमेट कम है तो ओबवियस से
बात अगर इक्वल है तो यहां पे भी ऐसा होगा व्हिच बेसिकली मींस कि जितना ज्यादा एरिया यहां का ज्यादा होगा उतनी ज्यादा फोर्स
आपको मिलेगी अब इमेजिन कर लो मान लो एक रफ रफ नंबर ले लेते हैं पहली बात तो ये वाला फार्मूला आपको न्यूमेरिकल में हेल्प करेगा
बट एक रफ रफ नंबर ले लेते हैं वो नंबर लेटर सपोज ये है कि यहां से मान लेते हैं आपने 10 न्यूटन की फोर्स लगाई मैं हटा
दूंगा अभी इसको ये आपने 10 न्यूटन की फोर्स लगाई अब मान लो यहां और यहां का जो एरिया है वो 100 गुना ज्यादा है बहुत आसान
है 100 गुना एरिया ज्यादा करना है ना तो 100 गुना एरिया ज्यादा है तो 10 न्यूटन की फर्स यहां पे आपको अगर 100 गुना ज्यादा
मिल जाएगी तो क्या वह 1000 न्यूटन हो जाएगी यस अब अगर आप यहां पे 10 100 न्यूटन लगा दोगे तो वहां पे आपको 10000 मिल जाएगी
तो कहने का मतलब है जितनी फर्स आप चाहो उतना टाइम्स मल्टीप्लाई कर सकते हो यह तो यह तो डिजाइन आपके हाथ में है ना इसीलिए
हाइड्रोलिक लिफ्ट एक बहुत बेहतरीन इंस्ट्रूमेंट है फर्स को मल्टीप्लाई करने के लिए बहुत इजली हम फोर्स को मल्टीप्लाई
कर सकते हैं हाइड्रोलिक लिफ्ट की मदद से बहुत प्यारा इंस्ट्रूमेंट व्हिच कैन मल्टीप्लाई आवर फोर्स इजली जो हमारी फोर्स
को बहुत इजली मल्टीप्लाई कर देता है जितना ज्यादा a होगा उतनी ज्यादा f2 आपको मिलने लग जाएगी सही है बढ़िया है ओबवियस सी बात
है बहुत अच्छा तरीका है यह फोर्स को मल्टीप्लाई करने का इसके ऊपर आपको क्वेश्चन मिलेंगे आओ अब एक बड़ी
इंटरेस्टिंग सी चीज देखते हैं देखो मैंने यहां पे ये अब मैंने कहा ना आधी चीजें हमें इधर रखनी पड़े क्योंकि ये बहुत
डेलिकेट सा है मैं इसको भी बहुत पास से भी दिखाऊंगा लेकिन हमने यहां पे एक बड़ा ही तिगड़म बाजी सी बनाई है यहां पे हमारे पास
ऊपर एक सिरिंज है जिसका एरिया थोड़ा ज्यादा है तो ये हमारे लिए एक सिलेंडर का काम करेगा फिर हमारे पास यहां पे तीन अ
पिस्टन मान लो ये तीन सिरिंज यहां पे लगी हुई हैं तो जब हम ऊपर वाले सिरिंज को दबाए ऊपर वाले सिरिंज को दबाए इसके अंदर फ्लूइड
भरके अभी तो ये एयर टाइट नहीं है अभी तो इसके अंदर फ्लूइड भी नहीं भरा हुआ लेकिन जब इसके अंदर फ्लूइड भरके इसको दबाए तो
बड़ी ही कमाल की चीज आपको अंदर एक देखने को मिलेगी आप उसको पास्टर देखते हैं और समझते भी हैं जल्दी से पहले मैं इसको आप
इसको भी नोट कर लो चाहे देख लो आप पहले एक्टिविटी देख लेते हैं हां भाई तो हमने इसके अंदर आप देख सकते हो
पानी भर लिया और ऊपर वाली सिरिंज में भी पानी है अब अगर मैं इस वाली सिरिंज से प्रेशर अप्लाई करूंगा तो पास्कल्स लॉ के
हिसाब से हर एक सिरिंज प प्रेशर जाना चाहिए और हर एक सिरिंज एक्सपेंड होनी चाहिए बट आप ध्यान से देखना कि क्या
सिरिंज सारी एक्सपेंड हो रही है तो अगर आप नोटिस करो तो पहले ये बोतल थोड़ी सी फूली और ये देखो ये दोनों सिरिंज बाहर आई और
फिर ये लास्ट में ये हमारे पास ये लास्ट वाली सिरिंज आई ये दोनों पहले आई और ये दोनों ये वाली बाद में क्यों आई क्योंकि
आपको पता है कि पहले नीचे वाली बोतल प अब देख देखो पहली बात तो अगर मैं नीचे से प्रेशर लगा रहा हूं तो अब ये सिरिंज ऊपर
भी जा रही है यहां से प्रेशर लगाऊंगा तो ऊपर वा सिरिंज को देखना आप ये देखो ऊपर भी जा रही है अब यहां थोड़ा बहुत पानी लीक भी
हो रहा है तो ये सारे एरर्स हैं बट अगर मैं फिर से ध्यान से देखना अगर मैं यहां से भी लगाऊंगा तो भी बाहर आ गया अगर मैं
इस वाले को दबा आंगा तो पहले ऊपर वाली दो सिरिंज देखना बाहर आएंगे मैं दबाना शुरू कर रहा हूं ये देखो ये वाली बाहर
आई ये देखो नीचे वाली बाहर आई और फिर ये ऊपर वाली बाहर इस बार नहीं आई क्योंकि पानी लीक कर रहा है बट इधर से प्रेशर अब
ये देखो ये बाहर आ चुका ये वाली सरिज ये भी सज बाहर आ चुकी है ये शायद अटक गई है पता नहीं क्या हुआ है हां अब अगर मैं ये
वाली फिर बाहर आ गई है अच्छा ये देखो यहां से दबाने पे ये वाली भी बाहर जा रही है सारी की सारी इसको मैं ऊपर खींच देता हूं
ठीक है ना अब अगर मैं फिर से इस पर प्रेशर अप्लाई करता हूं तो ये देखो यह बाहर आई यह वाली और यह वाली बाहर आ गई है ना इस बार
ये नहीं आई बिकॉज पानी भी लीक कर रहा है तो ये एरर तो है ही लेकिन ये रिप्रेजेंट करता है हमारे पास्कल्स लॉ को हां तो बहुत
ही छोटे से तरीके से से लेकिन बहुत इफेक्टिव तरीके से हमने देखा कि पास्कल्स लॉ कैसे एक्चुअली में वर्क करता है किसी
एक तरफ अगर आप प्रेशर लगाओ तो वो प्रेशर हर जगह इक्वली ट्रांसमिट होता है बट अगर आपने नोटिस किया हो तो हर एक सिरिंज यहां
पे सेम टाइम पे नहीं बाहर आ रही है रीजन वही है क्योंकि इफेक्ट ऑफ ग्रेविटी तो है और हमने यहां पे पानी भरा है जो कि एक
कंप्रेसिबल लिक्विड है तो प्लस ये 100% एयर टाइट भी नहीं है ये कंटेनर अपनी शेप को भी थोड़ा बहुत चेंज कर रहा होगा प्रेशर
लगाने पे बहुत सारे फैक्टर्स हैं बट स्टिल चलो आगे बढ़ते हैं और बात करते हैं एटमॉस्फेरिक प्रेशर के बारे में अब
एटमॉस्फेरिक प्रेशर अपने आप में एक इंडिविजुअल सा टॉपिक है यह क्या कहता है भाई यह कहता है कि जब आप सबको पता है अर्थ
के ऊपर हमारे पास एक एटमॉस्फेयर है बहुत बड़ा एटमॉस्फेयर है जिसकी बहुत ऊंचाई है कहीं ना कहीं 1.3 के आसपास केजी पर मीटर
क्यूब में एवरेज डेंसिटी है हमारे एटमॉस्फेयर की बट अगर मैं इन सबको अभी बात ना करके इसके बारे में बात करूं क्या
एटमॉस्फेयर इतना ज्यादा ऊंचा हम पे कुछ किलोमीटर कहीं-कहीं जगहों पे 12 13 15 किमी एवरेज हाइट अभी हम इसकी कैलकुलेट
करेंगे 8 किमी बट 8 किमी तो एवरेज हाइट है 1520 किमी तक की अगर इसकी ऊंचाई तो इतना ज्यादा हवा का अमाउंट कि हम पे कोई प्रेशर
लगा रहा है तो आंसर है हां एक पर्टिकुलर एरिया पे आपके ऊपर हवा का जो कॉलम है वो कितना प्रेशर लगाता है उसको एटमॉस्फेरिक
प्रेशर बोलते हैं प्रेशर अप्लाइड बाय दी एटमॉस्फेयर इज कॉल्ड एटमॉस्फेरिक प्रेशर बट द पॉइंट इज कि हमें ये प्रेशर महसूस
क्यों नहीं होता एटमॉस्फेयर अगर हम पे प्रेशर लगा रहा है जैसे अभी अगर हम फर्स्ट वाले डायग्राम की बात करें तो पानी हम पे
प्रेशर लगा रहा था पानी का प्रेशर हमको समुद्र के गहराई में जाके महसूस होता है अगर आप कभी जाओ तो इसलिए जो लोग बिल्कुल
डेप्थ में जाते हैं उनको स्पेशल सूट पहन के जाने पड़ते हैं बट एटमॉस्फेयर भी हम पे एक प्रेशर लगाता है बड़ा ही ज्यादा अमाउंट
प बट वो हमें महसूस क्यों नहीं होता क्योंकि एटमॉस्फेयर हमारे हर तरफ मौजूद है एटमॉस्फियर हमारे हर तरफ
प्रेशर को अप्लाई कर रहा इससे भी इंपॉर्टेंट हमारा जो ब्लड है वो एटमॉस्फेयर के प्रेशर को बैलेंस करके चलता
है मैंने बहुत पहले एक डाली थी वीडियो शॉर्ट की फॉर्म में कि अगर हमको एकदम से स्पेस में ले जाकर छोड़ दिया जाए तो हम
कैसे मरेंगे हम सबको पता है मर जाएंगे बट कैसे मरेंगे क्या हम हमारा दम घुट के मरेगा तो आंसर है नहीं बिना ऑक्सीजन के
बिना हवा के हम फिर भी 30 सेकंड 40 सेकंड रह सकते हैं लेकिन ऊपर वैक्यूम में देयर इज नो एटमॉस्फेरिक प्रेशर और हमारे ब्लड
का प्रेशर बहुत ज्यादा है तो हमारा हम फट के मर जाएंगे हमारा सारा का सारा जो ब्लड है वह हमारे शरीर को फाड़ के अलग-अलग छेद
से बाहर आ जाएगा और हम मर जाएंगे तो ऐसे हम लोग मरेंगे प्रैक्टिकली टेंपरेचर एक और कारण तो है ही बट एटमॉस्फेयर हम पे कितना
प्रेशर लगाता है उसको एटमॉस्फेरिक प्रेशर बोलते हैं लेकिन हमें वो दिखता क्यों नहीं है महसूस क्यों नहीं होता क्योंकि वो हर
तरफ है इसको अगर देखना है महसूस करना है तो एक तरीका होता है और वो है कि किसी एक तरफ से एटमॉस्फेयर को आप हटा दो मैं
अर्थ का जो गैस का एनवेलप है उसको एटमॉस्फेयर कहते हैं हम सब जानते हैं अब यहां से अगर मैं एटमॉस्फेरिक प्रेशर की
परिभाषा को शुरू करूं तो एटमॉस्फेरिक प्रेशर एट एनी पॉइंट इज इक्वल टू द वेट ऑफ दी वर्टिकल कॉलम ऑफ एयर यूनिट क्रॉस
सेक्शनल एरिया यानी एक 1 मीटर स्क्वायर एरिया का कितना फर्स है कितना फोर्स है पर यूनिट एरिया बेसिकली उसी को हम लोग क्या
कहते हैं एटमॉस्फेरिक प्रेशर लेकिन एटमॉस्फेरिक प्रेशर हमें महसूस क्यों नहीं होता है क्योंकि हर तरफ सेव बराबर लग रहा
है सबसे पहले आओ यहां पर बात करते हैं कि हम एटमॉस्फेरिक प्रेशर की मदद से हाइट ऑफ एटमॉस्फेयर कैसे निकाल सकते हैं और
एटमॉस्फेयर प्रेशर की जो वैल्यू है यह कैसे निकाली गई थी आओ जरा बात करें पहली बात तो एटमॉस्फेयर प्रेशर की वैल्यू को
एटमॉस स्फेरिक प्रेशर तो एटमॉस्फेयर के प्रेशर को निकालने के लिए हम लोगों ने एक बहुत ही आसान सा तरीका अपनाया जिसको बोलते
एटमॉस्फेयर की ताकत को भी देख लेंगे बट हुआ क्या अगर हम मैं एक एक नीले रंग का फ्लूइड भरूं दोनों पे इसकी
हाइट सेम रहेगी अब मैं चाहे किसी भी एक तरफ से इसको नीचे कर दूं किसी भी एक तरफ से ऊपर कर दूं हाइट इसकी सेम रहेगी बड़ी
जादुई चीज है उसके पीछे का रीजन क्या होने वाला है क्योंकि इधर से भी एटमॉस्फेरिक प्रेशर लग रहा है इधर से भी एटमॉस्फेरिक
प्रेशर लग रहा है तो प्रेशर फ्लूइड के लेवल को बैलेंस करके चलता है लेकिन क्या होगा अगर मैं एक तरफ वैक्यूम क्रिएट कर
दूंगा क्या होगा अगर मैं एक तरफ वैक्यूम क्रिएट कर दूंगा तो क्या यहां से लिक्विड ऊपर की तरफ उठ जाएगा यस और यहां से अगर
लिक्विड ऊपर की तरफ उठा तो यहां से लिक्विड नीचे की तरफ चला जाएगा यहां से लिक्विड नीचे की तरफ चला जाएगा तो वैक्यूम
क्रिएट करने के बाद यहां पे हाइट में एक डिफरेंस आ जाएगा अब लेट अस सपोज ये जो हाइट में डिफरेंस है वो इतना डिफरेंस है
ये h हाइट में डिफरेंस आया ये h हाइट में डिफरेंस आया वैक्यूम क्रिएट करने के बाद जब तक ये दोनों एंड्स ऊपर से खुले हुए हैं
दोनों तरफ से प्रेशर सेम है लेकिन अगर हम यहां पे वैक्यूम क्रिएट कर देते हैं तो लिक्विड इधर ऊपर की तरफ राइज कर जाएगा इधर
से नीचे आ जाएगा तो इसमें एच हाइट का फर्क आ जाएगा अभी थोड़ी देर पहले हम लोगों ने बात की थी कि जो प्रेशर का फार्मूला होता
है वो रोज ए होता है अब रोजी ए में यहां पे रो क्या आएगा तो आंसर है हमने यहां पे जो फ्लूइड भरा था वो फ्लूइड भरा मरकरी
क्यों मरकरी क्यों भरा इसका मेन रीजन मैं आपको अभी समझाऊं जब अभी हम पढ़ेंगे एडसिम और कोहेसिव फोर्स बट मरकरी भरने के पीछे
का रीजन आप ये समझ लो क्योंकि मरकरी पाइप पे चिपकता नहीं है हम लोग यहां पर जो अभी लिक्विड लेंगे वोह हम पानी के अंदर नील
डाल देंगे या कॉफी ले लेंगे वो कंटेनर पे चिपके का तो एरर आता है लेकिन मरकरी कंटेनर पे चिपकता नहीं है बात करेंगे
क्यों कोहेसिव और एडेस फोर्स के बारे में लेकिन यहां पे हमने लिया मरकरी को जो फ्लूइड हमने यहां पे चुना मरकरी को चुना
अब मरकरी की जो डेंसिटी होती है 1.35 * में 10 की पावर 4 होती है इन केजी पर मीटर क्यूब 99.8 हमारे पास वैल्यू हो
जाती है g की और जो हाइट यहां पे निकल के आई वो 0.76 एवरेज ली आ गई मैं एवरेज बात कर रहा हूं जो हाइट यहां पे निकल के आई वो
1.013 * में 10 की पावर 5 पास्कल निकल के एवरेज एटमॉस्फेरिक प्रेशर आया सी लेवल पे ये कहां पे वैल्यू नापी गई सी लेवल पे
एक्सपेरिमेंट किया गया तो क्या देखा गया कि जब एक तरफ वैक्यूम किया गया तो मरकरी 0.76 उठ गया तो रोज के हिसाब से कितना
प्रेशर एटमॉस्फेयर उसके ऊपर लगा रहा होगा कि वोह इतना उठ गया तो आंसर था 1.013 * 10 की पा 5 और तभी से इसको 1 एटीएम भी यानी
वन एटमॉस्फेरिक प्रेशर भी बोला जाने लग गया तो आज लेक्चर के शुरुआत में हमने बात भी की थी कि वन एटमॉस्फेरिक प्रेशर इतना
होता है वह कैसे आया ऐसे आया कि जब हमने मरकरी के कॉलम को यहां रखा तो वैक्यूम क्रिएट करने के बाद एक तरफ से वो 0.76 उठ
गया इसका मतलब जो एटमॉस्फेरिक प्रेशर यहां पे लग रहा है जो एटमॉस्फेरिक प्रेशर यहां पे लग रहा है अब वहां तो लग नहीं रहा
जिसकी वजह से वो ऊपर की तरफ उठ जाएगा कितना उठेगा रोजी के फॉर्मूले से हम ये कैलकुलेट कर सकते हैं समझ गए समझ गए इसको
अभी हम मैं फिर बोल रहा हूं अभी हम आसान है यहां पे हमने किसकी डेंसिटी को रखा मरकरी की डेंसिटी को अब अगर मैं यहां
पे मरकरी की डेंसिटी की बजाय डेंसिटी ऑफ एटमॉस्फेयर रख दूं जो कि लगभग 1.3 होती है तो मुझे जो हाइट अब मिलेगी वो एटमॉस्फेयर
की हाइट मिल जाएगी तो क्या ऐसा कहना ठीक है कि प्रेशर का फार्मूला रो g है अब c लेवल पे प्रेशर कितना है हमने आज डिराइवर
कर लिया जो कि है 1.013 * में 10 की पावर 5 रो हमारे पास कितना है तो रो हमारे पास है 1 3 g की
वैल्यू सी लेवल पे 99.8 होती है तो यहां से हाइट लगभग लगभग 8 किमी आ जाएगी सारी वैल्यूज अब पढ़ा पढ़ा के याद हो गई ओबवियस
सी बात है लेकिन आपको भी याद कर लेनी चाहिए अगर ये सवाल आता है अब बड़ा हैरान कर देने वाली बात ये है कि हमने
एटमॉस्फेरिक प्रेशर में जिसकी भी डेंसिटी डालोगे उसकी हाइट आ जाएगी तो यहां पे हमने एटमॉस्फेयर की डेंसिटी डाली तो हाइट आ गई
8 किमी अब बड़ी हैरान कर देने वाली बात क्या है कि जो माउंट एवरेस्ट है उसकी हाइट 8 किलोमीटर से भी ज जदा है 88.8 किमी के
लगभग है अब आप मुझे बताओ क्या इसका मतलब यह हुआ कि अगर मैं एटमॉस्फेयर की चोटी पे एटमॉस्फेयर के पीक पर चढ़ जाता हूं तो
क्या मैं अ सॉरी माउंट एवरेस्ट के पीक पर चढ़ जाता हूं तो क्या इसका मतलब ये है कि मैं एटमॉस्फेयर को पार कर दूंगा तो आंसर
है नहीं ऐसा नहीं है मैंने आपको बताया ना एटमॉस्फेयर की हाइट बहुत ज्यादा है यहां पे हमने कुछ चीजें गलत ली हैं आप सबको
ग्रेविटेशन वाले चैप्टर में पढ़ाया जा चुका है कि जो g की वैल्यू रहती है वो 99.8 और कम होती रहती है ऊपर जाओ तो और
डेंसिटी भी तो चेंज हो रही है ये तो हमने एवरेज डेंसिटी ले ली 1.3 हमने डेंसिटी भी अलग ली है हमने 99.8 भी अलग लिया है तो ये
सब चीजें बहुत गलत है एरर के साथ है बट अगर एग्जाम में आए तो ऐसे ही करना होगा और ये एनसीआरटी का एक एग्जांपल है ये एक
एनसीआरटी का एग्जांपल है जो कि मैंने आपको करा दिया एनसीआरटी में यह बोल रखा है कि अगर एटमॉस्फेरिक प्रेशर इतना है डेंसिटी
इतनी है तो बताओ एटमॉस्फियर की हाइट क्या होगी तो लगभग लगभग 8 किमी होगी तो इस प्रोसेस से हम एटमॉस्फेयर की हाइट भी
निकालते हैं आओ एक बार इस youtube1 वाले शाही पनीर खाके आ चुके हैं मैं नहीं गया था सच बोल रहा हूं लेकिन अगर
मैं इसमें कागज डाल देता हूं आग लगा केय आपने बहुत जगह शायद प देखा होगा अगर मैं इसमें आग लगा के इस कागज को डाल दूं तो एक
चीज देखना प थोड़ी आग लग जाए इसमें बढ़िया से तो अगर मैं इस कागज में आग लगा के इसके अंदर डाल दूं ओहो हां और डालने के बाद अगर
मैं इस पर ये बैलून रखूं तो आप देख सकते हो कि ये बैलून कैसे इसके अंदर जा रहा है पता नहीं दिख रहा है कि नहीं आपको लेकिन
कैसे यह बैलून इसके अंदर जा रहा है है ना ये ऐसा क्यों हुआ आओ जरा समझे मैं इसको उठा के भी दिखाऊंगा बट जब हमने अंदर कागज
जलाया तो कागज ने अंदर की सारी हवा को गर्म करके बाहर निकाल दिया जब अंदर की सारी हवा गर्म होकर बाहर निकल गई तो अंदर
कुछ नहीं बचा तो जैसे ही मैंने इसके अंदर बैलून लगाया अब बाहर से इस पे एटमॉस्फेरिक प्रेशर लगा और इसने बैलून को अंदर की तरफ
धक्का मारा तो मैंने कहा था आपको कि एटमॉस्फेरिक प्रेशर की ताकत तब दिखती है जब एक तरफ एक तरफ से आप एटमॉस्फेयर को हटा
दो तो जब नीचे से मैंने एटमॉस्फेयर को हटा दिया कागज जलाया गर्म हवा ने सारी हवा को बाहर फेंक दिया अंदर आग ने हवा को बाहर
फेंक दिया ऊपर से प्रेशर लगा और अब आप देख सकते हो कि कैसे यह बोतल जो है इसके साथ बिल्कुल चिपक गई है यह देखो मैंने ऊपर से
ऐसे पकड़ रखा है और कैसे ये बैलून इसके अंदर जा चुका है अब अगर मैं चाहता हूं कि इसे वापस से बाहर निकालना तो मुझे कुछ
नहीं करना बस यहां से एटमॉस्फेयर को वापस से जाने देना है और य अंदर एटमॉस्फेयर जाएगा तो ये बैलून वापस से हमारा बाहर आ
जाएगा हम तो अब हम समझेंगे एटमॉस्फेरिक प्रेशर को एक और तरीके से ये हमारे पास एक चिपकू है मतलब इसको हम सेक्शन कप्स कहते
हैं बट मैं इसको चिपकू बोलता हूं अगर मैं इस चिपकू को यहां पे ऐसे रखता हूं तो अभी फिलहाल यह कुछ भी नहीं कर रहा है लेकिन
क्योंकि अभी इसके अंदर भी एटमॉस्फियर और इसके ऊपर भी लेकिन अगर मैं इसको यहां से ऐसे दबा के इसके अंदर का सारा एटमॉस्फेयर
बाहर निकाल दूं तो अब इस पे इसको हमने चिपकाया नहीं है बस ऊपर से इस पे एटमॉस्फेरिक प्रेशर की ताकत लग रही है अब
आप देखो अब मैं इसको ऐसे अलग नहीं कर सकता ओबवियस सी बात है ये वैसे बहुत हल्का है बट फिर भी मैं इसको उठा सकता हूं इससे आप
वापस जाने दूं तो ये बहुत आसानी से निकल जाएगा हम लोग ऑफलाइन में अगर आप मेरे सामने तो मैं आपसे करवाता भी हम ऑफलाइन
में क्या करते हैं ये दो चिपकू को एक साथ बांध देते हैं ऐसे करके अब एटमॉस्फेयर निकाल दिया अब हम बोलते हैं जो इन दोनों
चिपकू को आपस में अलग कर देगा उसकी पूरे साल की फीस माफ हो जाएगी नहीं कर सकते आप क्योंकि एटमॉस्फेरिक प्रेशर बहुत ताकतवर
है लेकिन साइड से अगर हवा निकाल दूं हवा को जाने दूं तो अंदर एटमॉस्फेयर वापस एंटर कर जाएगा लेकिन ऐसे खींचना एटमॉस्फेयर के
अगेंस्ट जाना इट इज नॉट पॉसिबल देख सकते हैं कि यहां पे हमारे पास कॉफी भर रखी है हमने इसके अंदर कॉफी भर रखी है लद ये कॉफी
जैसे लग नहीं रही है बिकॉज़ बहुत डाइल्यूटेड है लेकिन ये दोनों तरफ से अभी पाइप ओपन है तो यहां से आप देख सकते हो कि
ये कॉफी का लेवल बैलेंस्ड है अब बड़ी कमाल की बात ये है कि अगर मैं इसका एक एंड नीचे भी करता हूं देखो आप और अगर इसका एक एंड
ऊपर भी करता हूं तो भी इसका जो लेवल है वो बैलेंस रहेगा ये देखो इसका जो लेवल है वो बैलेंस्ड है मैं कोई भी हिस्सा ऊपर नीचे
कर दूं इसका जो लेवल है वो बैलेंस है क कि दोनों तरफ से क्या लग रहा है एटमॉस्फेरिक प्रेशर लग रहा है लेकिन अगर मैं एक तरफ से
वैक्यूम सा क्रिएट हो गया है जिसकी वजह से अब आप देखो इनका जो लेवल है वो बैलेंस नहीं है ये कितना ऊपर है ओबवियस बात ऐसे
लेके जाऊंगा तो हो जाएगा लेकिन अब ये कितना ऊपर है और बड़ी कमाल की बात पता हूं क्या है अगर मैं इसको यहां से छोड़ भी
दूंगा तो अब ये गिरेगा नहीं देखो यानी कि मैंने यहां से ये पाइप पूरा भी छोड़ दिया लेकिन मैं अगर क्योंकि अभी
इधर एटमॉस्फेयर एक प्रेशर है अगर मैं इसको छोड़ दू तो देखो ये लेवल वापस से बैलेंस हो जाएगा तो मैंने यहां से हवा को जाने
दिया हवा को जाने दिया तो ये लेवल वापस से बैलेंस हो गया दोबारा देखो अब यहां पर फिलहाल इनका लेवल देखो
मैच नहीं हो रखा है लेकिन अगर मैं यहां से इसको छोड़ता हूं यह देखो तो वापस से बैलेंस बराबर हो गया तो ये एटमॉस्फेरिक
प्रेशर है और इसी से हम लोग एटमॉस्फेरिक प्रेशर की वैल्यू भी कैलकुलेट कर सकते हैं ठीक है यार तो हमने एक तो पाइप की मदद से
एटमॉस्फेरिक प्रेशर के बारे में थोड़ा बहुत समझा और साथ ही साथ हमने चिपको को और वो बैलून वाले एक्सपेरिमेंट से भी समझा कि
एटमॉस्फेरिक प्रेशर अगर एक तरफ से हटाया जाए तो दूसरे तरफ से वो कैसे एक्ट करने लग जाता तो बहुत ही अ प्यारी चीज है
एटमॉस्फेरिक प्रेशर लेकिन उसकी प्रेजेंस तब शो होती है जब एक तरफ से एटमॉस्फेयर हट जाए और दूसरी तरफ से एटमॉस्फेयर लग रहा हो
तभी हम उसकी प्रेजेंस को फील कर सकते हैं चलिए आगे बात करते हैं फिलहाल और अब हम लोग बात करने वाले हैं किसके बारे में भाई
बायोस के बारे में अब बायों स क्या है य हम में पढ़ चुके हैं जब भी किसी ऑब्जेक्ट को किसी भी फ्लूइड में डाला जाता है चाहे
पूरा डाला जाए चाहे आधा डाला जाए तो वो फ्लूइड जो है उस ऑब्जेक्ट के ऊपर अपवर्ड थ्रस्ट यानी ऊपर की तरफ एक फोर्स लगाता है
जिसको हम लोग बायसी या बायोन फोर्स कहते हैं टेंडेंसी को हम लोग बायोन स कह देते हैं और जो फोर्स अप्लाई होती है उसको हम
बायोन फोर्स कह देते हैं अब जैसे कि हमारे पास एक कंटेनर है अब इस कंटेनर के अंदर अगर मैं यहां पे एक लिक्विड डाल देता हूं
ठीक है ना कोई फ्लूइड है ये आगे हम हर बार हो सकता है बेटा कभी-कभार मैं पानी भी बोल दूं आपको समझना होगा ये पूरा चैप्टर सिर्फ
पानी के ऊपर नहीं है अब इसके अंदर कोई एक ऑब्जेक्ट पड़ा हुआ है लेट्स से ये कोई ऑब्जेक्ट पड़ा हुआ है अब ये जो ऑब्जेक्ट
इसके अंदर हमने रखा हुआ है ये ऑब्जेक्ट सॉरी सॉरी सॉरी ये जो ऑब्जेक्ट इसके अंदर में रखा हुआ है यह
ऑब्जेक्ट जैसे ही फ्लूइड में जाएगा कई ऑब्जेक्ट डूबते हैं कहीं तैरते हैं तो जो तैरने वाला होगा वो ऊपर रह जाएगा जो डूबने
वाला होगा वो नीचे जाएगा लेकिन अभी के लिए मान लोय बीच में तो हम सब जानते हैं कि इस पे नीचे की तरफ एक फर्स जरूर लग रही होगी
में कभी आप लोग गए होंगे तो आप हल्का महसूस करते हो तो दिस इज बेसिकली नोन एज बायोन फोर्स है ना इसको हम लोग बायोन
फोर्स या फिर हम इस टेंडेंसी को बायोन भी कहते हैं अब बायोन फोर्स का फार्मूला किसने दिया तो आंसर है आर कमडी जी ने और
इससे ही समझ में आया कि कोई चीजें पानी में तैरती कैसे और कोई चीजें पानी में डूबती कैसे पर मैं आपको यहां पर शॉर्ट में
समझा दूं क्योंकि हमने वैसे नाइंथ में पढ़ा था लेकिन जो बायो फोर्स होती है यह डायरेक्टली प्रोपोर्शनल होती है
के सरफेस एरिया के डायरेक्टली प्रोपोर्शनल होती है जितना ज्यादा सरफेस एरिया होगा बायोन फ उतना ज्यादा होगा मैंने साइंस एंड
फन के चैनल पे एक वीडियो बना रखी है आप सर्च कर सकते हैं बायोन स बाय आशु सर वहां पे मैंने एक वीडियो में क्या बताया हुआ है
अब वो नाइंथ क्लास की वीडियो है आपके लिए यहां पे टाइम वेस्ट हो जाएगा जल्दी-जल्दी बताता हूं पानी के अंदर हमने पहले क्ले को
डाला तो वो पानी में डूब गई लेकिन हमने फिर क्ले को चपटा किया एक बेलन से एक्चुअली बेलन भी नहीं था हमारे पास तो
कोल्ड ड्रिंक का कैन था उससे हमने उसको बेल के उसको चपटा कर दिया उसको बड़ा कर दिया वीडियो काफी वायरल हुई थी हो सकता है
आप में से बहुतों ने देखी भी हो तो उसका सरफेस एरिया बढ़ा दिया उसके बाद जब हमने उसको पानी में तराया तो वो तैरने लग गई
क्योंकि सरफेस एरिया बढ़ने पे उसपे बायोन फोर्स बढ़ गई सिमिलरली अगर मैं एक लोहे की कील को पानी पर छोड़ता हूं तो वो डूब जाती
है हथोड़ा मार मार के मार मार के उसको चपटा कर दूं फैला दूं तो वह तैर सकती है तैरती भी है लोहे की शीट्स अगर एक सर्टेन
शेप दी जाए पानी में कटोरी जो है लोहे की वह तैर जाती है अगर वो हल्की है तो है ना तो इस तरीके से होता है क्योंकि बायोन
फोर्स इज डायरेक्टली प्रोपोर्शनल टू सरफेस एरिया ऑफ ऑब्जेक्ट सिमिलरली जो बायोन फोर्स होती है ये डायरेक्टली प्रोपोर्शनल
होती है किसके भाई अ डेंसिटी ऑफ फ्लूइड के डेंसिटी ऑफ फ्लूइड के यानी फ्लूइड जितना ज्यादा डेंसर होगा जितनी ज्यादा डेंसिटी
वाला फ्लूइड होगा उतनी ज्यादा बायोन फोर्स लगेगी इसके ऊपर भी एक वीडियो बना रखी है जिसमें पानी के अंदर मैंने अंडा डाला
मुर्गी का तो वो डूब गया लेकिन जब उसके अंदर नमक डाला तो वो तैरने लग गया बिकॉज़ नमक ने पानी की डेंसिटी को बढ़ा दिया सॉरी
डेंसिटी बढ़ी तो बायोन फोर्स बढ़ गई बायोन फोर्स बढ़ गई तो वो तैरने लग गया तो इसी पे हमारे पास अभी आप देखेंगे लॉ ऑफ रोटेशन
भी आएगा चलो पहले ही पढ़ लेते हैं नीचे की तरफ जो फर्स लगती है वह कौन सी फोर्स होती है तो नीचे की तरफ जो फोर्स लगती है उसको
हम लोग बोलते हैं बायोन फोर्स है ना भाई ओ सॉरी वेट और ऊपर की तरफ जो फोर्स लग रही है वो कौन सी फोर्स है बायोन फोर्स तो अगर
किसी पे बायोन फोर्स ज्यादा है उसके वेट के मुकाबले है ना भाई अगर उसका वेट कम है और उसके ऊपर बायोन फोर्स ज्यादा है उसके
ऊपर बायोन फोर्स ज्यादा है तो वेट कम है बायोन फोर्स ज्यादा है तो वो ऊपर की तरफ जाएगा यानी कि वो फ्लोट करने लग जाएगा
यानी कि वो फ्लोट करने लग जाएगा लेकिन वहीं पे अगर बायोन फोर्स और वेट की बात की जाए वहीं पे अगर
बायोन फोर्स और वेट की बात की जाए और वेट ज्यादा हो जाए बायोन फोर्स से तो ऑब्जेक्ट जो है वो सिंक कर जाएगा तो आप तहरो ग या
डूबो ग यह दो चीजों पर डिपेंड करता है एक आपका वेट और एक है बायोन फोर्स अब अगर एक ऑब्जेक्ट है जिसका वेट तो उतना ही है
लेकिन आपको बांड फोर्स बढ़ानी है तो मैंने आपको दो तरीके बता दिए एक तो उसका सरफेस एरिया बढ़ा दो चपटा कर दो फैला दो और एक
है जिस फ्लूइड में उसे आप तैरा रहे हो उसकी डेंसिटी बढ़ा दो अगर दोनों ही पॉसिबल नहीं है तो एक और तरीका आर्कम डीज जी ने
बहुत टाइम पहले बहुत सालों पहले मतलब शायद मुझे पक्का यकीन नहीं है बट आप कोई नहीं जान रहा था ये किसी के पास आंसर
नहीं था इन्होंने सबसे पहले इसका आंसर दिया कि इतनी होगी कितनी होगी इन्होंने कहा जब भी किसी ऑब्जेक्ट को किसी भी
फ्लूइड में डाला जाएगा तो जो उस परे बायोन फोर्स लगेगी जो उस परे बायोन फोर्स लगेगी वो इक्वल होगी
वेट ऑफ फ्लूड डिस्प्लेस के वो इक्वल होगी वेट ऑफ फ्लूड डिस्प्लेस के जरा गौर फरमाइए बायोन फोर्स किसके बराबर होगी वेट ऑफ
फ्लूइड डिस्प्लेस के अब इसका क्या मतलब है आओ जरा समझे देखो अगर मेरे पास एक कंटेनर पानी से भरा हुआ है और मैं उसके अंदर कोई
भी एक ऑब्जेक्ट डालता हूं जो तैरे डूबेगा छोड़ देते हैं लेकिन डालता हूं तो जैसे ही वो ऑब्जेक्ट जाएगा क्या हमारा बहुत सारा
लिक्विड जो है वो डिस्प्लेस होगा क्या हमारा फ्लूइड जो है वो डिस्प्लेस होगा तो आंसर है यस हमारा फ्लूइड डिस्प्लेस होगा
अब अगर हमारा फ्लूइड डिस्प्लेस हुआ बाहर आया तो जो फ्लूइड बाहर आएगा उसका वजन उसका वेट अगर मैं कैलकुलेट कर लू उसका वजन अगर
मैं उसका वेट कैलकुलेट कर लूं तो वही बायोन फोर्स होगा समझे यानी जब भी एक ऑब्जेक्ट को पानी में या किसी भी फ्लूइड
में डालते हैं तो वो अपने फल वो जैसे ही फ्लूइड में जाता है फ्लूइड को डिस्प्लेस करता है अपनी जगह से हटाता है तो जितना
ज्यादा फ्लूइड डिस्प्लेस होगा जितना ज्यादा उसका वेट होगा उतनी बायोन फोर्स होगी तो वेट ऑफ फ्लूइड डिस्प्लेस बाय द
बॉडी इज इक्वल टू बायोन फोर्स तो यानी कि बायोन फोर्स बढ़ाने का एक और तरीका भी है और वो ये है कि ऑब्जेक्ट को ऐसा डिजाइन दो
कि जब व पानी में जाए तो ज्यादा से ज्यादा पानी को डिस्प्लेस करें बिकॉज अगर वो ज्यादा से ज्यादा पानी को डिस्प्लेस करेगा
लिए हम स्विमिंग के कांसेप्ट को अगर समझे तो कोई भी इंसान तैरता है जब अब आप में से कुछ को स्विमिंग आती होगी जिसको नहीं आती
होगी उसने सब लोगों को स्विमिंग करते हुए देखा होगा स्विमिंग करने में पैरों का बहुत बड़ा रोल होता है पैर नीचे से बहुत
तेजी से हिलाने होते हैं मेरे को स्विमिंग नहीं आती लेकिन प्रिंसिपल तो पता है ना कि ज्यादा से ज्यादा अगर हम पानी को अपनी जगह
से डिस्प्लेस करेंगे पैरों की मदद से हम पानी को डिस्प्लेस करते हैं ओबवियस सी बात है यहां पे एक्शन रिएक्शन भी इवॉल्व होता
है आगे जाना पीछे जाने में बट पानी में ऊपर रहने के लिए हम पानी को ज्यादा से ज्यादा डिस्प्लेस करते हैं पानी ज्यादा से
ज्यादा डिस्प्लेस होगा तो बायोन फर्स भी बढ़ जाएगी इसी प्रिंसिपल पे शेप सबमरींस वगैरह बेस्ड होती हैं सही है सही है सही
है ठीक है अब ये जो हमने टॉपिक पढ़ा एक दो और और तीन ये वैसे पिछले क्लासेस का था नाइंथ का और नाइंथ के लिए मैंने इसके ऊपर
बेइंतहा वीडियोस बना रखे हैं क्योंकि यह बहुत नया और बहुत ही अजीब कांसेप्ट था फॉर नाइंथ क्लास तो उनको विजुलाइज करने के लिए
बेइंतहा वीडियोस है आप जाके चेक कर सकते हैं बट अभी के लिए हम बात करते हैं इंटर मॉलिक्यूलर बाइंडिंग एनर्जी ऑफ लिक्विड के
बारे में यह क्या चीज है इंटरमॉलिक्युलर बाइंडिंग एनर्जी ऑफ लिक्विड क्या ऐसा कहना ठीक कि हमने नाइंथ में पढ़ा कि हर एक अ
मैटर चाहे वो सॉलिड और लिक्विड गैस हो उनके पार्टिकल्स में एक फर्स ऑफ अट्रैक्शन रहता है यस और नो यस अब कई पार्टिकल्स में
फोर्स ऑफ अट्रैक्शन बहुत ज्यादा रहता है कई पार्टिकल्स में फोर्स ऑफ़ अट्रैक्शन बहुत कम है सॉलिड्स में फर्स ऑफ अट्रैक्शन
बहुत ज्यादा होता है और गैसेस में बहुत कम तो यहां पे बाइंडिंग एनर्जी क्या देखो नाम सोचो बाइंडिंग एनर्जी बाइंडर वाली एनर्जी
रख रही है जोड़ के रख रही है उस एनर्जी को हम लोग क्या कह रहे हैं पे बाइंडिंग एनर्जी कह रहे हैं द इंटर मॉलिक्यूलर
बाइंडिंग एनर्जी ऑफ लिक्विड इज द मिनिमम एनर्जी रिक्वायर्ड टू सेपरेट टू मॉलिक्यूल देखो इसको उल्टा भी लिख सकते हैं ये हमने
केमिस्ट्री में भी बिल्कुल ऐसे ही अ केमिकल बॉन्डिंग में लैटिस एनर्जी की परिभाषा आपने पढ़ी होगी अगर मैं कह रहा
हूं कि मुझे इन दो बॉल्स को इन दो बॉल्स को साथ लाने के लिए 500 जूल लगाना पड़ रहा है तो ये ओबवियस सी बात है इनको दूर करने
के लिए भी मुझे 500 जूल ही लगाना पड़ेगा अगर इनको पास लाने के लिए मुझे 500 जूल अप्लाई करना पड़ रहा है तो इनको दूर ले
जाने के लिए भी मुझे 500 जूल्स अप्लाई करना होगा तो कैसे मर्जी डिफाइन कर लो तो चाहे ऐसे कर लो कि पार्टिकल्स को पास लाने
में कितनी एनर्जी लग रही है या दूर ले जाने में उन्हें कितनी एनर्जी लग रही है बस फर्क ये है कि पास लाएंगे और दूर ले
जाएंगे तो नेगेटिव पॉजिटिव का फर्क आएगा बात एक ही है तो दो मॉलिक्यूल को कितना दूर दो मॉलिक्यूल को एक दूसरे से दूर ले
जाने में कितनी एनर्जी खर्च करनी पड़ रही है उसे हम बाइंडिंग एनर्जी कहेंगे अब आप अकल लगाओ अगर बाइंडिंग एनर्जी ज्यादा है
अगर बाइंडिंग एनर्जी ज्यादा है इसका मतलब जो पार्टिकल्स है वो स्टेबल होंगे और बाइंडिंग एनर्जी अगर कम है तो पार्टिकल्स
कम स्टेबल होंगे इसी के ऊपर एक और टॉपिक आता है जिसको हम लोग कह देते हैं सरफेस टेंशन अब ये सरफेस टेंशन क्या चीज होती है
है चलो जैसे कि हमारे पास यहां पर एक फ्लूइड है अब ये फ्लूइड के पार्टिकल्स होंगे अगेन यह फ्लूइड कोई भी हो सकता है
होंगे अब यह जो फ्लूइड के पार्टिकल्स है इसमें य वैसे तो और पास होंगे क्योंकि इतना भी ज्यादा गैप नहीं होता है बट ठीक
है इसमें कोई भी एक ऐसा पार्टिकल इमेजिन करो जो कि बीच में है कहीं पे मान लो यह वाले पार्टिकल को आप इमेजिन करो इस वाले
पार्टिकल को तो क्या इस पार्टिकल के आसपास और पार्टिकल्स होंगे यस होंगे तो इस लाल वाला पार्टिकल जो कि इसके आसपास और भी
पार्टिकल्स होंगे जिसकी वजह से यह ज्यादा इधर उधर आगे पीछे दाएं बाएं भाग नहीं पाएगा यह स्टेबलाइज्ड होगा जो ये लाल वाला
पार्टिकल है अगर आप इस पर फोकस करोगे तो इस पार्टिकल के पास कम एनर्जी होगी और कम एनर्जी का मतलब ज्यादा स्टेबिलिटी होता है
क्योंकि जैसे क्लासरूम की बात करते हैं क्लासरूम में मान लो बहुत सारे बच्चे हैं चिपक चिपक के बैठे हुए तो बीच वाला बच्चा
चाह के भी ज्यादा हिल नहीं पाएगा क्योंकि उसके आसपास काफी बच्चे बैठे हुए हैं सिमिलरली इस वाले केस में भी ऐसा ही हो
रहा है कि यह जो लाल वाला पार्टिकल है उसके आसपास बहुत सारे पार्टिकल्स है जिसकी वजह से स्टेबलाइज है लेकिन जो ऊपर वाले
पार्टिकल है जिनको मैं अलग रंग से बना रहा ह बस अलग रंग बनाने का मकसद ये ताकि आप देख सको यस स बात है इनका रंग अलग थोड़ी
ना होगा भाई यह जो ऊपर वाले पार्टिकल्स आप देख रहे हो इन पार्टिकल्स के ऊपर कोई भी नहीं है दाएं
है बाएं है नीचे है आगे है पीछे लेकिन ऊपर कोई नहीं जिसकी वजह से यह नीचे वाले पार्टिकल्स के मुकाबले लेस स्टेबल होंगे
क्योंकि उनको ऊपर जाने की आजादी है जिसकी वजह से वो ज्यादा मूव कर पाएंगे एंड एज अ रिजल्ट उनमें ज्यादा काइनेटिक एनर्जी होगी
तो ऊपर वाले पार्टिकल्स के पास मोर काइनेटिक एनर्जी होगी लेस स्टेबिलिटी होगी और नीचे वाले पार्टिकल के पास लेस
काइनेटिक एनर्जी होगी और मोर स्टेबिलिटी होगी अब होगा क्या क्या ऊपर वाले पार्टिकल्स जो है वो भी स्टेबलाइज होना
चाहेंगे तो आंसर है हां क्योंकि हर कोई चाहता है कि वो स्टेबल हो जाए नीचे वाले पार्टिकल स्टेबल कैसे हुए आसपास पार्टिकल
थे एक दूसरे से अट्रैक्ट हो गए एक दूसरे को जकड़ लिया लेकिन ऊपर वाले पार्टिकल क्या करें तो ऊपर वाले पार्टिकल एक तरकीब
अपनाते हैं वो डिसाइड करते कि क्यों ना हम आपस में क्यों ना हम आपस में एक दूसरे का हाथ पकड़ ले क्यों ना हम आपस में एक दूसरे
को जकड़ ले एक दूसरे का हाथ पकड़ ले और इससे क्या होगा कि हम स्टेबलाइज हो जाएंगे यानी क्यों ना हम आपस की फोर्स को बढ़ा ले
जिससे क्या होगा कि हम नीचे वाले पार्टिकल्स के लगभग बराबर स्टेबिलिटी पे आ जाएंगे पहली बात तो इस प्रॉपर्टी को कहा
जाता है सरफेस टेंशन जब सरफेस के पार्टिकल एक दूसरे के साथ ज्यादा अट्रैक्शन बना लेते हैं फॉर द
स्टेबिलिटी उसको बोलते हैं सरफेस टेंशन तो सरफेस के पार्टिकल में खिंचाव आना एक दूसरे से अट्रैक्ट हो जाना ताकि वह नीचे
वाले पार्टिकल जितने स्टेबल हो जाए इसे कहते हैं सरफेस टेंशन तो इट इज द प्रॉपर्टी ऑफ द लिक्विड बाय वर्च्यू ऑफ
व्हिच द फ्री सरफेस ऑफ द लिक्विड व्हिच इज व्हिच इज द अपर मोस्ट लेयर फ्री सरफेस का मतलब अप्पर मोस्ट लेयर एट रेस्ट टेंड्स टू
हैव मिनिमम सरफेस एरिया वो मिनिमम सरफेस एरिया रखना चाहेंगे मिनिमम सरफेस एरिया का मतलब आप समझ रहे हो कि वो एक दूसरे के पास
आना चाहेंगे मिनिमम सरफेस एरिया का मतलब आप समझ रहे हो कि वो एक दूसरे के पास आना चाहेंगे है ना वो मिनिमम सरफेस एरिया रखना
चाहेंगे एंड सच एट इट बिहेव्स एज अ इफ कवर्ड विद अ स्ट्रेच्ड मेंब्रेन और ऐसा लगेगा कि वो एक लेयर से कवर्ड है एक
मेंब्रेन से कवर्ड है इस प्रॉपर्टी को हम सरफेस टेंशन कहते हैं लेकिन मैथमेटिकली सरफेस टेंशन क्या होता है अगर मुझे यह तो
हमने बताया कि सरफेस टेंशन क्यों डेवलप हुआ लेकिन अगर मुझे मैथमेटिकली आपको बताना हो कि सरफेस टेंशन क्या है तो इसकी की
इसको बोलते हैं सरफेस टेंशन नीचे वाला पार्टिकल आसपास से घिरा हुआ स्टेबल है ऊपर वाले पार्टिकल आसपास से नहीं घिरे हुए हैं
स्टेबल नहीं है आपस में खिंचाव बना लेता है जिसकी वजह से एक दूसरे से पास आ जाते हैं इस खिंचाव को हम सरफेस टेंशन कहते हैं
और ऊपर इसकी वजह से एक फिल्म बन जाती जिसको हम सरफेस फिल्म कहते हैं तो अगर मुझे सरफेस टेंशन का फार्मूला यहां से
लेंथ यस तो सरफेस टेंशन को हम ए से रिप्रेजेंट करेंगे फोर्स को एफ से और लेंथ को एल से तो हमारे पास सरफेस टेंशन का
यहां पर फार्मूला आ जाएगा f बा ए f बा ए अब यहां से अगर हम इसकी एसआई यूनिट की बात करें तो इसकी एसआई यूनिट क्या हो जाएगी
भाई न्यूटन पर मीटर क्या आपको याद है आपने ऐसा कुछ और भी पहले पढ़ा हुआ है आपने ऐसा पहले कुछ और भी पढ़ा हुआ है बिल्कुल पढ़ा
हुआ है क्या पढ़ा हुआ है याद करो तो हमने पहले पढ़ा हुआ है स्प्रिंग कांस्टेंट स्प्रिंग कांस्टेंट की भी यूनिट
न्यूटन पर मीटर होती है इसकी भी है बट दोनों बहुत अलग चीजें हैं ये है सरफेस टेंशन तो सरफेस टेंशन का फार्मूला हमारे
पास क्या आता है फोर्स अपॉन लेंथ आ जाता है क्या आ जाता है भाई फोर्स अपॉन लेंथ ठीक है ना अब सरफेस टेंशन को कैसे हम लोग
अ विजुलाइज करें सबसे पहले बताओ क्या यह कहना ठीक होगा कि अगर सरफेस टेंशन बहुत ज्यादा है तो पार्टिकल पास रहना चाहेंगे
और अगर सरफेस टेंशन बहुत कम है तो पार्टिकल दूर भागेंगे यस और नो अगर सरफेस टेंशन पास है तो पार्टिकल ज्यादा है तो
पार्टिकल पास आना चाहेंगे और वो लिक्विड कम फैले का और अगर सरफेस टेंशन बहुत कम है तो पार्टिकल दूर भागेंगे और फैलेंग जल्दी
अब साबुन में आप क्या चाहते हो कि सरफेस टेंशन बहुत ज्यादा हो या सरफेस टेंशन बहुत कम हो तो आंसर हम चाहते हैं साबुन की
सरफेस टेंशन बहुत कम हो क्योंकि साबुन को फैलना है हमारे शरीर पे आप क्या चाहते हो अपने शरीर पे साबुन लगाओ और पार्टिकल
इकट्ठा होके पास आ जाए नहीं ऐसा बिल्कुल नहीं चाहेंगे तो हम ये चाहेंगे कि वो पास ना आए जिसकी वजह से साबुन की सरफेस साबुन
सोप्स की सरफेस टेंशन को कम रखा जाता है इंजन ऑयल की सरफेस टेंशन को भी कम रखा जाता है ताकि वो आसानी से फैल जाए इंजन के
ऊपर और साबुन फैल जाए हमारे शरीर के ऊपर है ना तो यह बात ध्यान रखनी है और जहां पे भी आप चाहते हो कि पार्टिकल फैले ना एक
जगह पे नहीं जैसे कि मरकरी उसमें सरफेस टेंशन बहुत हाई रहती है हम चाहते हैं मरकरी फैले ना सिंस सरफेस टेंशन ऑफ सोप
सॉल्यूशन इज लो तो व आसानी से फैल जाता है सेम रीजन है सरफेस टेंशन ऑफ लुब्रिकेंट ऑयल जो होता है उनको बहुत कम रखा जाता है
ऑयल को पानी के ऊपर हम लोग फैला देते हैं जिससे कि अ कह रहे ऑयल स्प्रेड्स ओवर द सरफेस ऑफ वाटर एज सरफेस टेंशन ऑफ ऑयल इज
अगेन लो इससे हवाएं जो चलती है या पानी में वेव जो आती है उसके ऊपर ऑयल गेर के उसे कम भी किया जा सकता है अच्छा सोल्डिंग
आपने देखा होगा बेटा ये कुछ बच्चों ने देखा होगा कुछ ने नहीं जब हम सोल्डिंग कर रहे होते हैं दो तारों को वो गरम-गरम रॉड
से जोड़ रहे होते हैं एक सिल्वर सिल्वर सोल्डर की मदद से तो सोल्डर जो है वो कभी-कभार उस परे चिपकता नहीं है बल्कि
गोले बना लेता है छोटे-छोटे क्योंकि उसके सरफेस टेंशन बहुत हाई होती है इसलिए वो फैलता नहीं है वो इकट्ठा हो जाता है
लेकिन अगर आपको उसे फैलाना होता है तो हम एक फ्लक्स एक क्रीम का इस्तेमाल करते हैं उसको फ्लक्स कहते हैं वो इंप्योरिटी होती
है उसमें उसको डुबा हैं वैक्स जैसी होती है वो उसमें डुबा के उसके बाद गर्म करते हैं और फिर करने के बाद उसकी सरफेस टेंशन
कम हो जाती है वो फैलता है और तारों को चिपका आता है अगर आपने यह देखा है कि दो तारों को सोल्ड करने के लिए सोल्डर का
इस्तेमाल करते हैं बिना उस वैक्स में डुबाए वो ऐसे छोटे-छोटे गोले बना लेता है तार पर चिपकता ही नहीं है तार पर चिपकाने
के लिए उसे फैलाने के लिए उसके सरफेस टेंशन कम करने के लिए उसके अंदर कुछ वैक्स जिसको हम फ्लक्स कहते हैं उसका इस्तेमाल
करते हैं अब ये कुछ ने देखी होगी कुछ ने नहीं देखी होगी एंटीसेप्टिक जैसे कि टोल्स वगैरह इनका अब आप चोट पे डिटोल लगाओगे तो
आप क्या चाहते हो जैसे मैं इसको रखूं तो वो फैल जाए या हमें रगड़ रगड़ के उसे फैलाना पड़े बेटा चोट पे दर्द होगा ना तो
आप चाहते हो कि रखते ही फैल जाए उसके लिए सरफेस टेंशन बहुत लो होनी चाहिए तो साबुन के सरफेस टेंशन बहुत लो होती है आओ एक
बारी साबुन के साथ प्लेट पे सरफेस टेंशन लो होती है इसको देखते हैं बहुत बढ़िया से एक छोटे से एक्सपेरिमेंट से चलो तो ये
हमारे पास पानी लिया हमने अब इस पानी के ऊपर हम लोग क्या कर रहे हैं हल्की-हल्की काली मिर्च छिड़क दे रहे हैं काली मिर्च
क्यों छिड़क र मैं अभी आपको बताऊंगा लेकिन हमने इसके ऊपर हल्की-हल्की काली मिर्च को छिड़क दिया अब होगा क्या ध्यान से समझना
मैं यहां पे मैंने ये सोप ले रखा है अब मैं लिक्विड सोप को अपने हाथ पे हल्का सा ले लेता हूं ये मैंने हल्का सा लिक्विड
सोप ले लिया है अब हमारी उम्मीदें क्या है जब हम लिक्विड सोप को इसके ऊपर टच करेंगे क्योंकि लिक्विड सोप यानी कि सोप की सरफेस
टेंशन बहुत कम होती है तो से फैल जाना चाहिए अब अगर लिक्विड सोप फैले तो हमारी उम्मीदें है कि वो साथ में काली मिर्च को
भी ले जाएगा है ना भाई क्योंकि काली मिर्च तो बहुत हल्की होती है तो एक बार देखो यह देखो मैंने सिर्फ इसके ऊपर फिंगर रखी और
काली मिर्च कैसे दूर फैल गई क्योंकि जैसे साबुन मैंने इसके ऊपर रखा उसके सरफेस टेंशन बहुत लो होती है वो फैला साबुन फैला
तो साथ-साथ वो इस काली मिर्च को भी ले गया तो ये दिखाता है कि सरफेस टेंशन सोप्स की कितनी ज्यादा लो होती है ठीक है तो आई होप
आप समझे कि भाई सरफेस टेंशन एक्चुअली में कैसे वर्क करता है और साबुन का सरफेस टेंशन बहुत लो होता है अब यह साबुन के जो
सरफेस टेंशन होते हैं वह तो बहुत लो होते हैं वह तो हम समझ गए लेकिन क्या हम एक लो सरफेस टेंशन चीज का सरफेस टेंशन इंक्रीज
भी कर सकते हैं जैसे कि मेरे पास यहां पर एक सोप सॉल्यूशन है अब यह सोप सॉल्यूशन कोई ऐसा वैसा सोप सॉल्यूशन नहीं है इसके
लिए मैं आपको एक कपड़ा लेक आता हूं पहले अब यह सोप सॉल्यूशन कोई ऐसा वैसा सोप सॉल्यूशन नहीं है
क्यों क्या आप सब ने अपने बचपन में वो सोप सॉल्यूशन वाले बबल खरीदे होंगे और फिर जब वो सॉल्यूशन खत्म हो जाते हैं तो हम
उन्हें घर में बनाने की कोशिश भी करते हैं लेकिन हम जब भी उन बबल्स को घर के साबुन से बनाते हैं तो क्या होता है कि वो बहुत
जल्दी फट जाते हैं बबल्स या तो वो निकलने से पहले फट जाते हैं या वो बनते ही नहीं है या निकलने के जस्ट बाद फट जाते हैं
लेकिन मैंने यहां पे एक चेंज किया बताता हूं आपको यह कपड़ा चेंज किया मैंने यार वो मेरे याद आया मेरे बच्चे की यूनिफॉर्म का
खराब ना हो जाए तो मैं आपको एक चीज दिखाता हूं यह देखो अगर मैं इसमें बबल बनाता हूं तो यह देखो कि मैं कितने प्यार से इस बबल
के साथ खेल पा रहा हूं आई होप आपको बबल दिख रहा हू अ बबल बहुत ज्यादा स्टेबल हो गया है मेरे मुंह की हवा से यह फिर भी मैं
मुंह से बोल रहा हूं तो कुछ निकल रहा होगा लेकिन यह बाकी बबल्स के मुकाबले काफी ज्यादा स्टेबल है आप देख सकते हो मैं कैसे
इसके साथ खेल पा रहा हूं तो यह बबल क्यों इतना ज्यादा स्टेबल हो गया है तो आंसर है क्यों क्योंकि मैंने
इसको सिर्फ सोप से नहीं बनाया है मैंने इसके अंदर थोड़ा सा ग्लिसरीन भी डाल दिया है और वह लोग भी बिल्कुल इसी तरीके से
ग्लिसरीन या फिर शुगर का इस्तेमाल करते हैं बिकॉज ग्लिसरीन और शुगर ये दोनों ही साबुन की सरफेस टेंशन को थोड़ा बढ़ा देते
हैं अब सोप जो है वो सरफेस टेंशन लो रखता है तो वह चाहेगा कि वोह फैले जिसकी वजह से बबल जो है वो स्टेबलाइज नहीं रह पाते हैं
और एज अ रिजल्ट वो जल्दी फट जाते हैं लेकिन अगर हम उनकी स फ टेंशन को थोड़ा सा बढ़ा दें उसके अंदर ग्लिसरीन या फिर शुगर
डाल के तो बबल की लाइफ बढ़ जाती है और यह भी एक रीजन है कि सारे बबल्स स्फेरिकल शेप के ही क्यों होते हैं चाहे मैं कैसा भी अ
अ स्ट्रक्चर से उस बबल को बनाऊं आप सबको पता है बबल हमेशा स्फेरिकल होते हैं जबरदस्ती उसकी शेप देके क्यू बॉयड बनाया
जा सकता है बट अगर मैं उसको फ्रीली हवा में छोडूं तो हमेशा सारे बबल स्फेरिकल क्यों होते हैं क्योंकि स्फेयर का
मैक्सिमम सरफेस एरिया होता है और हर एक बबल क्योंकि सोप से बना हुआ है तो वो चाहता है कि वो मैक्सिमम सरफेस एरिया पर
रहे जिसकी वजह से सारे बबल स्फेरिकल शेप के भी होते हैं तो साबुन की सरफेस टेंशन बढ़ाने के लिए हमने उसके अंदर ग्लिसरीन और
शुगर का मतलब कोई एक चीज का इस्तेमाल किया मैंने ग्लिसरीन का किया है आप शुगर का भी कर सकते हो शुगर थोड़ी ज्यादा डालनी पड़ती
है बस ग्लिसरीन से ठीक है चलिए अब हम बात करते हैं इस चैप्टर में एक डेरिवेशन की जो कि हमारे पास सरफेस टेंशन अब यहां पे मैं
एक बार यार ये गंदा हो गया है तो हम ओ सॉरी मैंने तो फिर से वही थोड़ा ले लिया हे भगवान ये तो मेरे बच्चे की स्कूल का
स्वेटर है कोई नहीं चलो आओ सरफेस टेंशन के बाद हमारे पास टॉपिक आता है सरफेस एनर्जी का अब सरफेस एनर्जी क्या है आओ जरा समझे
तो हमारे पास अगर यहां पर एक मान लो एक वायर है जिसका यहां पे एक फ्रेम है यह वायर का फिक्स्ड फ्रेम है और इसके यहां पे
एक वायर है जो मूव हो सकती है यह वाली वायर मूव हो सकती है है ना तो ए बी सी और डी ये सीडी वायर जो है ये मूव हो सकती है
किया इसको सोप सॉल्यूशन में डुबा दिया अब अगर इसको सोप सॉल्यूशन में डुबा दूंगा तो आप सबको पता है कि यहां पे एक फिल्म बन
जाएगी है ना यह हमारे पास आ गई सरफेस फिल्म सोप की या किसी भी फ्लूइड की है ना अब ये सरफेस फिल्म क्या चाहती है कि
पार्टिकल पास रहे तो अगर मैं इस वाली वायर को थोड़ा सा डिस्प्लेस करके आगे लेके जाता हूं इस वाली वायर को थोड़ा सा डिस्प्लेस
करके आगे लेकर जाता हूं आगे लेकर जाता हूं तो इस वाली फिल्म में एक खिंचाव पैदा होगा यह सब माइक्रोस्कोपिक लेवल पर हो रहा है
आप समझो क्योंकि बहुत ज्यादा खींच होंगा माइक्रोस्कोपिक तो नहीं कहूंगा लेकिन मिलीमीटर या माइक्रोमीटर की रेंज में हो
रहा है जो कि अगर मैं इसको बहुत ज्यादा खींच तो ये फट जाएगी तो बहुत थोड़ा सा खींचा तो खिंचाव इसमें पैदा होगा और अगर
इसमें खिंचाव पैदा होगा तो इसमें एक पोटेंशियल एनर्जी भी पैदा होगी जैसे कि कि ये एक रबर बैंड की तरह एक स्प्रिंग की तरह
काम करेगा अब जब भी हम किसी इलास्टिक चीज को खींचते हैं हमने पढ़ा है मैकेनिकल प्रॉपर्टीज ऑफ सॉइल में भी पढ़ा है वर्क
एनर्जी में पढ़ा है कि उसमें एक एनर्जी स्टोर हो जाती है तो वही एनर्जी हमें यहां पे निकालनी है और पहली बात तो उसी एनर्जी
को हम सरफेस एनर्जी भी कहते हैं अब सरफेस एनर्जी जिसको हम लोग यहां पे e से रिप्रेजेंट करने वाले हैं उसका फार्मूला
क्या होगा आप चाहो तो सरफेस एनर्जी क्या इसकी परिभाषा कहीं पर लिख सकते हो एनर्जी स्टोर्ड एनर्जी स्टोर्ड इन अ फिल्म ऑफ
डिस्टेंस वन इट इज स्ट्रेच बाय वेरी स्मॉल डिस्टेंस ठीक है अब यहां पर जो छोटी सी एनर्जी हमारे पास पैदा होगी वह कितनी होगी
क्या क्या एनर्जी यानी कि वर्क डन का जो फार्मूला होता है वो फोर्स इंटू में छोटा सा डिस्प्लेसमेंट होता है बिल्कुल सही बात
है अब यहां पर जो डिस्प्लेसमेंट हमने करवाया वह तो डेल्टा एकस जो डिस्प्लेसमेंट हमने कराया है वो डेल्टा एक्स इसको खींचा
तो यहां पे ये तो हमारे पास डेल्टा एक्स ही रहेगा बट क्या हमने आज ही पढ़ा कि सरफेस टेंशन होता है फोर्स अपॉन में लेंथ
तो यहां से फोर्स की जगह मैं लिख सकता हूं सरफेस टेंशन इनटू में लेंथ मैं फोर्स की जगह लिख सकता हूं सरफेस टेंशन इनटू में
लेंथ ठीक है जी तो यहां से जी मेरे पास क्या आ जाएगा भाई s अब मैं l नटू में डेल्टा एक को साथ में ले रहा हूं तो l नटू
में डेल्टा एक से क्या मिलेगा l क्या है इसकी लंबाई और डेल्टा एक् क्या चौड़ाई तो क्या मैं हटा दूंगा इसको लेकिन क्या l *
में डेल्टा एक से मुझे ये मिल जाएगा ये वाला एरिया तो ये वाला एरिया क्या है चेंज इन एरिया तो l इंटू में यानी l * b होता
है एरिया तो l * चेंज इन b क्या हो जाएगा चेंज इन एरिया तो यहां से हमारे पास बेटा एक फार्मूला आ जाएगा इस चैप्टर का और बड़ी
ही प्यारी डेरिवेशन छोटी डेरिवेशन एग्जाम में आने वाली सरफेस एनर्जी का फार्मूला आ गया सरफेस एनर्जी का फार्मूला आ गया सरफेस
टेंशन इंटू में चेंज इन एरिया सरफेस एनर्जी का फार्मूला आ गया सरफेस टेंशन इंटू में चेंज इन एरिया समझ गए यानी जब भी
हम एक फिल्म को चाहे वो किसी भी फ्लूइड की फिल्म हो पानी की क्यों ना हो बस ओबवियस सी बात है पानी की फिल्म बनाना बहुत
मुश्किल है वो तो बहुत जल्दी ही रैप्चर हो जाती है लेकिन किसी भी चीज की फिल्म क्यों ना बनानी हो बन गई अगर और उसको हल्का सा
खींचा चाहे इमेजिनरी तरीके से तो उसमें हमेशा एक एनर्जी पैदा होगी और वो कितनी है s इनटू में डेल्टा ए जितना ज्यादा खींचो ग
उतनी ज्यादा एनर्जी वो स्टोर करता चला जाएगा ठीक है जी तो ये हमारे पास खाली रह जाता है इसका कोई काम नहीं है इसका कोई
काम नहीं है तो आगे बढ़ते हैं ठीक है जी अब हम इस चैप्टर की एक एक्चुअली दो और डेरिवेशन पे चलेंगे लेकिन उससे पहले हम
बात करेंगे एक्सेस प्रेशर ऑन कर्व्ड सरफेस ऑफ लिक्विड क्या होता है जब जब लेयर्स एक दूसरे के पास आना चाहती हैं तो पास आने की
वजह से वो कर्व हो जाती हैं अब जो अपर मोस्ट लेयर है कर्व होने को हम मेनिस्क कहते हैं आपने कभी नोटिस किया
हो बाल्टी में अगर आप पानी को भरोगे तो कभी भी यह नहीं दिखेगा क्योंकि बाल्टी में पानी का जो सरफेस रहता है वह बहुत ज्यादा
रहता है लेकिन अगर आप टेस्ट ट्यूब में भरोगे तो आपने नोटिस किया होगा कि पानी ऐसे नीचे की तरफ कनके हो जाता है और
मर्करी को भरोगे तो वैसे कन्वे क्स हो जाता है तो बिल्कुल यही है मेनिस्क यही है मेनिस्क अब जैसे कि यह कंटेनर है अब इस
कंटेनर के अंदर मैंने एक फ्लूइड को भरा हुआ है और उस फ्लूइड का जो अपर मोस्ट हिस्सा है मान लो वह कुछ ऐसा है इसके अंदर
हमने फ्लूइड भरा हुआ है और अपर मोस्ट हिस्सा उसका ऐसा है तो ऐसी मेनिस्क को ऐसी शेप को हम लोग कन्वे क्स मेनिस्क कहते हैं
क्योंकि ऊपर से कॉन्वेक्स शेप की है तो दिस टाइप ऑफ मेनिस्क इज़ कॉल्ड कॉन्वेक्स मेनिस्क इसको हम कॉन्वेक्स मेनिस्क कहते
अगेन यह मेरे पास एक कंटेनर है पानी में अगर आपने नोटिस किया हो तो पानी की मेनिस्क बिल्कुल कनके
होती है लेकिन अगर आपने टेस्ट ट्यूब में डाला हो तो तो जैसे ये मैंने पानी को लिया अब बाल्टी में ये नजर क्यों नहीं आता जैसे
अर्थ के साथ होता है अर्थ है तो कर्व्ड अर्थ है तो कर्वड लेकिन जब हम छोटे डिस्टेंस पर चलते हैं तो हमें एकदम फ्लैट
लगती है लद वो तो कर्वड है बट एक छोटे से डिस्टेंस प जब हम चलते हैं तो वो हमें फ्लैट लगती है लेकिन अ वो होती कर्वड है
तो ऐसे जब हम पानी को क्योंकि सरफेस एरिया बहुत बड़ा है ना अर्थ का पानी को जब हम एक बहुत बड़ी बाल्टी में रखते हैं तो हमें वो
एकदम फ्लैट लगती है बट होती वो कर्व है जब हम उसको टेस्ट ट्यूब में भरते हैं तो हमें दिखता है एक्चुअली में कि हां यार ये तो
कर्व्ड है तो ध्यान रखना है कि इसको हम पहली बात तो मेनिस्कल कहते हैं अब कई फ्लूट्स कॉनकेव मेनिस्कल बनाते हैं और कई
फ्लूट्स कॉन्वेक्स मेनिस्कल वो उनके अंदर के प्रेशर के ऊपर और एटमॉस्फेरिक प्रेशर के ऊपर डिपेंड करता है अगर बाहर से प्रेशर
ज्यादा लग रहा है तो मैंने इसका नीचे की तरफ बेंड हो जाएगी और अगर अंदर से प्रेशर ज्यादा लग रहा है तो मेनिस्क ऊपर की तरफ
बेंड हो जाएगी है ना वो तो मान लो एक पेपर है आप एक पेपर को ऐसे करके पास लाते हो अब वो ऊपर बैंड होगा जैसे मान लो मेरे पास एक
पेपर है चलो पेपर से इसको समझने की कोशिश करते हैं जैसे मान लो मैं आपको कहता हूं कि अगर मैं इन दोनों हिस्सों को पेपर
के पास लेके आऊंगा तो आपको बताना है कि ऊपर जाएगा या नीचे जाएगा तो आंसर है ये नीचे भी जा सकता है और आंसर है ये ऊपर भी
जा सकता है ये तो डिपेंड करता है अगर मान लो कोई ऊपर से हाथ मारेगा और मैं यह वाले पेपर को पास लाऊंगा तो मेनिस्क ऐसी हो
जाएगी यानी कनके और कोई नीचे से हाथ मारेगा और मैं पेपर को पास लाऊंगा तो यह मेनिस्क कन्वे क्स हो जाएगी तो कनके या
कन्वे क्स मेनिस्क जो है ये लिक्विड के नेचर पे डिपेंड करता है कि वो नीचे से ज्यादा प्रेशर लगा रहा है एटमॉस्फेयर के
मुकाबले या कम लगा रहा है और दो-चार चीजें और है जो हमें पढ़नी नहीं है कि ये किस नेचर पे डिपेंड करता है कलर वगैरह पे भी
करता है बट ठीक है ये कॉनकेव और कॉन्वेक्स मेनिस्क का खेल यहां पे होता है अब इस चैप्टर में में कॉनकेव कॉन्वेक्स मेनिस्क
के बाद बहुत इंपॉर्टेंट ये दो डेरिवेशंस आ रही हैं जो काफी ज्यादा इंपॉर्टेंट है इसमें हमें यह निकालना है कि किसी भी
लिक्विड के अंदर जो एक्सेस प्रेशर होता है जो एटमॉस्फेयर के प्रेशर के मुकाबले ज्यादा होता है उसका क्या फार्मूला है हर
एक लिक्विड ओबवियस सी बात है एटमॉस्फेयर से ज्यादा डेंसर होगा तो उसके अंदर का प्रेशर एटमॉस्फेयर के प्रेशर से थोड़ा
ज्यादा होता है जिसकी वजह से वो थोड़ा एक्सपेंड होता है तो कितना प्रेशर एक बबल में या एक लिक्विड ड्रॉप में रहता है यह
हमें कैलकुलेट करना है तो पहले हम यह काम करने वाले हैं एक लिक्विड ड्रॉप के लिए और उसके बाद हम लोग यह काम करने वाले हैं एक
सोप बबल के लिए लिक्विड ड्रॉप और सोप बबल में छोटा सा चेंज होगा और वह क्या चेंज है मैं आपको बताऊंगा लिक्विड ड्रॉप और सोप
बबल में सिर्फ एक माइन्यूट सा चेंज होगा चलो अब पहले समझते हैं कि क्या करने जा रहे हैं ये हमारे पास एक लिक्विड ड्रॉप है
लिक्विड ड्रॉप का मतलब पानी की एक ड्रॉप है लिक्विड लिविड ड्रॉप और सोप बबल में फर्क क्या होता है लिक्विड ड्रॉप में अंदर
लिक्विड और बाहर एटमॉस्फेयर सोप बबल में ऐसा नहीं होता है बाहर एटमॉस्फेयर फिर लिक्विड की लेयर फिर अंदर भी एटमॉस्फेयर
यानी हवा होती है तो यह हमारे पास एक क्या है लिक्विड ड्रॉप है ठीक है अब हमने क्या किया इसका जो अंदर का एक्सेस प्रेशर था
उसने इसको एक्सपेंड कर दिया इसके अंदर का जो एक्सेस प्रेशर था उसने इसको क्या कर दिया एक्सपेंड कर दिया पहले इसका जो
रेडियस था वो r रेडियस था पहले इसका जो रेडियस था वह r रेडियस था अब एक्सपेंशन की वजह से इसका जो रेडियस है वो r प्स डेल्टा
आ हो गया इसने प्रेशर लगाया एक्सेस प्रेशर लगाया प्रेशर लगाने से इसने अपने आप को एक्सपेंड कर लिया पहले इसका रेडियस r था
अब इसका रेडियस r + डेल्टा आ हो गया है अब इसका रेडियस r प् डेल्टा आ हो गया है तो कितना प्रेशर इसने अपने अंदर से लगाया ऐसा
करने के लिए पहली बात तो इसको हम हम लोग एक्सेस प्रेशर कहते हैं बहुत इंपॉर्टेंट डेरिवेशन है चलो आओ क्या ऐसा कहना ठीक है
कि वर्क डन का फार्मूला फोर्स इंटू में डिस्प्लेसमेंट रहता है छोटे से वर्क डन का फार्मूला फोर्स इनटू में डिस्प्लेसमेंट
रहता है बिल्कुल ठीक है अच्छा अब यहां पे हमने डिस्प्लेसमेंट कितना कराया है तो आंसर है डेल्टा आ डिस्प्लेसमेंट करवाया हर
एक पार्टिकल का और फोर्स का फार्मूला आप सब जानते हैं प्रेशर इंटू में एरिया भी रहता है फोर्स का फार्मूला प्रेशर इंटू
में एरिया भी रहता है तो यहां से हमारे पास p अब जो एरिया है इस पूरे स्फेयर का हम सब जानते हैं कि सरफेस
एरिया 4 पा r स् होता है तो 4 पा r स् डेल्टा r यहां से हमें वर्क डन का पहला फार्मूला मिल जाता है ठीक है
आल्सो क्या हमने आज ही पढ़ा कि जो वर्क डन है उसका एक और फार्मूला भी है वो है सरफेस टेंशन इंटू में चेंज इन एरिया आज ही पढ़ा
तो वर्क डन का एक और फार्मूला है सरफेस टेंशन इंटू में चेंज इन एरिया अब एरिया कितना चेंज हो रहा है तो फाइनल एरिया
माइनस इनिशियल एरिया अब फाइनल एरिया कितना था तो 4 पा r + डेल्टा r का होल स्क्वा कैसे 4 पा बड़े वाले r का होल
स्क्वा - 4 पा r का होल स्क्वायर ये हमारा हुआ फाइनल एरिया माइनस इनिशियल एरिया अब यहां से जो वर्क डन आ जाएगा थोड़ा ध्यान
देना होगा 4 पा 4ps तो बाहर ही है अब अंदर क्या बच जाएगा हमारे पास r स् प्लस डेल्टा r का स्क्वा माइ + 2r डेल्टा r और यहां
क्या बच जाएगा हमारे पास r स् तो r स् से r स् कैंसिल हो जाएगा बचेगा क्या डेल्टा r स् + 2r डेल्टा r अब जल्दी से बताओ क्या
ये कहना ठीक होगा कि ये जो हमारे पास डेल्टा r है ये बहुत छोटा होगा या बहुत बड़ा होगा जल्दी से बताओ कमेंट सेक्शन पे
यह जो डेल्टा r है टाइम स्टैप देख लेना ये जो डेल्टा r है यह बहुत छोटा होगा या बहुत बड़ा होगा
आंसर है इसकी वैल्यू 0.001 ऐसे रेंज में होगी या एक दो मीटर होगी बताओ जी सो बबल है लिक्विड ड्रॉप है
कोई एक से छोटी होती है तो उसका स्क्वायर और छोटा हो जाता है अगर ऐसा है तो क्या डेल्टा आर का जो स्क्वायर है वह लगभग जीरो
है क्या जो डेल्टा आर का स्क्वायर है वो लगभग जीरो है अगर डेल्टा आर का स्क्वायर लगभग जीरो है तो क्या मैं इस वाली चीज को
इग्नोर कर सकता हूं तो आंसर है हां तो यहां से मेरे पास जो वर्क डन का फार्मूला आ जाएगा वह क्या आ जाएगा यह तो हट गया तो
2 * 4 8 पाई 8 पा आर ए डेल्टा आर तो तो हमारे पास यहां से वर्क डन का फार्मूला ये आ जाता है अब वर्क डन का फार्मूला ये भी
है वर्क डन का फार्मूला ये भी है दोनों को बस इक्वेट कर देना है तो p 4 पा r स् डेल्टा आ और यहां पे आ गया 8 पा r ए
डेल्टा आ डेल्टा आ से डेल्टा आ कैंसिल हो गया पाई से पाई 4 से 8 कैंसिल हो गया टू बच गया तो अल्टीमेटली प्रेशर का फार्मूला
आ गया 2s / r अल्टीमेटली प्रेशर का फार्मूला क्या आ गया 2s / r यानी कि एक लिक्विड ड्रॉप में जो एक्सेस प्रेशर होता
है उसका फार्मूला 2s / r होता है उसका फार्मूला 2s / r होता है समझ गए क्या तो हमने क्या किया सबसे पहले वर्क डन का
फॉर्मूला लगाया जो कि हम लोग बचपन से जानते आए हैं फिर हमने आज ही जो वर्क डन का फॉर्मूला डिराइवर किया है सरफेस टेंशन
इनटू में चेंज इन एरिया वो वाला फार्मूला लगा दिया और फिर हमने दोनों को आपस में इक्वेट कर दिया ध्यान रखना है डेल्टा r के
स्क्वायर को आपको इग्नोर कर देना है तो यह जो हमने काम किया यह एक लिक्विड ड्रॉप के लिए है अब यह सेम काम मैं आपको होमवर्क दे
रहा हूं सोप बबल के लिए लेकिन ऑब् वियस सी बात है होमवर्क के साथ-साथ आपको बता रहा हूं कि करना क्या है पहली बात तो डायग्राम
सेम बनेगा बस फर्क यह है कि लिक्विड ड्रॉप और सोप बबल में सोप बबल के अंदर दो लेयर्स होती हैं डायग्राम सेम ही है डायग्राम में
दो लेयर नहीं दिखानी है यहां पे दो लेयर्स होती हैं कैसे मैंने आपको बताया एक होती है एटमॉस्फेयर सोप फिर एक होती है सोप और
एटमॉस्फेयर तो लिक्विड ड्रॉप के बजाय सोप बबल में दो लेयर्स होती हैं तो जो भी काम हमने यहां पे किया वो आपको डबल कर देना है
जैसे बाकी सब कुछ ठीक है ये भी ठीक है बस यहां पे जो भी हमने चेंज इन एरिया लिया है उसको इंटू में टू करना होगा क्यों करना
होगा क्योंकि अब यहां पे दो लेयर्स हैं तो यहां पे आपके पास इंटू में टू आ जाएगा मैं हटा दूंगा अब यहां पे अगर इंटू में टू आ
जाएगा तो यहां पे हमारे पास एट आ जाएगा यहां पे अगर एट आ जाएगा तो यहां पे हमारे पास 16 आ जाएगा और यहां पे हमारे पास 16 आ
जाएगा और यहां पे हमारे पास टू की बजाय फोर आ जाएगा तो 2s / r की बजाय आंसर 4s बा r हो जाएगा 2s / r की बजाय आंसर जो है
हमारे पास वो क्या हो जाएगा 4 4s बा आ हो जाएगा समझ गए 2s बा r की बजाय आंसर 4s बा आ हो जाएगा बाकी सब कुछ सेम है दो लेयर
होंगी यह सब कुछ सेम रहेगा बस यहां पे इंटू में टू कर देना होगा आपको यहां पे इनटू में टू कर देना है बाकी सब कुछ सेम
रहेगा और एट दी एंड यहां पे 2s / r की बजाय 4s बा r आ जाएगा सही है तो ये आपके लिए होमवर्क हो जाता है बहुत ज्यादा
इंपॉर्टेंट है ध्यान रखिएगा सब कुछ सेम है बस टू से मल्टीप्लाई कर देना है चलिए अब एक छोटे से अगेन एक छोटे से कंसेप्ट की
बात करते हैं एंगल ऑफ कांटेक्ट का ज्यादा कुछ लेना देना नहीं है सिवाय मेनिस्क से मैंने बताया था अब मैं आपको कॉन्वेक्स
मेनिस्क और कनके मेनिस्क पढ़ा रहा हूं उसके बाद में एंगल ऑफ कांटेक्ट पढ़ रहा हूं और उसके बाद कुछ भी शुरू कर दूं कोई
ज्यादा फर्क नहीं पड़ता है क्योंकि ज्यादा कुछ लेना देना नहीं है अब एंगल ऑफ कांटेक्ट क्या होता
है यह हमारे पास एक कंटेनर है और कंटेनर के अंदर हमने एक मेनिस्क ली आप बताइए कौन सी मिनकस है तो आंसर है ये कनके मिनकस
है ठीक है अब क एंगल ऑफ कांटेक्ट क्या होता है तो अगर मैं मेनिस्क से यहां पे एक टेंज बना दूं ये मैंने मेनिस्क से एक टेंज
बनाया नहीं दिख रहा तो मैं इसको ग्रीन कलर दे देता हूं मैंने कन्वे मैंने यहां पे मेनिस्क से एक टेंज बनाया
और यहां पे जो कंटेनर की दीवार है इसके साथ से भी एक टेंज बनाया अब टेंज बनाया मतलब कि मैंने कंटेनर का कंटेनर के
साथ-साथ एक वेक्टर लिया तो कंटेनर की दीवार और हम हमारे मेनिस्क के टेंज कंटेनर की दीवार और हमारे मेनिस्क के टेंज के बीच
में जो एंगल बनता है इसको बोलते हैं एंगल ऑफ कांटेक्ट इसको बोलते हैं एंगल ऑफ कांटेक्ट तो एंगल ऑफ कांटेक्ट इज द एंगल
बिटवीन द कंटेनर एंड दी टेंज ऑफ दी मेनिस्क कंटेनर एंड द टेंज ऑफ द मेनिस्कल जैसे कि ये हमारे कन केव मेनिस्क के लिए
हमने किया अगर यही काम मैं कॉन्वेक्स मेनिस्क के लिए करता हूं लेट अस से अगर मैं यही काम कॉन्वेक्स मेनिस्क के लिए
बात तो यहां पर टेंज एट तो ऊपर की तरफ बनेगा अकॉर्डिंग टू मैथ्स और यहां पर हमारे पास तो टेंज नीचे ही बनेगा यहां पर
टेंज में कोई चेंजेज हमें नहीं देखने को मिलेंगे ठीक है ना अब आप बताओ इस केस में यह वाला जो एंगल है ये इनके बीच का हुआ तो
यह क्या हुआ एंगल ऑफ कांटेक्ट तो ऐसे कह दे क्या कि जब भी कॉन्वेक्स मेनिस्क होगी एंगल ऑफ कांटेक्ट एक्यूट होगा और जब भी कन
वेक्स में जब भी कनके मेनिस्क होगी एंगल ऑफ़ कांटेक्ट एक्यूट होगा जब भी कॉन्वेक्स मेनिस्क होगी एंगल ऑफ़ कांटेक्ट
ऑप्ट्यूमरा होगा कि क्या कभी प्लेन मेनिस्क हो सकती है तो आंसर है बनाने को बना सकते हैं बट नेचुरली मेनिस्क प्लेन
नहीं होती है अगर मान लो प्लेन मेनिस्क हो गई तो एंगल ऑफ कांटेक्ट कितना हो जाएगा जल्दी से कमेंट सेक्शन में बताओ अगर
मेनिस्क प्लेन हो गई तो जल्दी से कमेंट सेक्शन पे बताओ कि फिर एंगल ऑफ कांटेक्ट कितना हो जाएगा अगर मेनिस्क प्लेन हो गई
तो जल्दी से हां तो आंसर है 90 यानी कि राइट एंगल हो जाएगा बहुत सही बहुत सही बहुत सही तो ये हमारे पास एंगल ऑफ
कांटेक्ट होता है ठीक है जी अब हमारे पास यहां पे एक और टॉपिक आता है जिसको हम लोग बोलते हैं कैपिलेरिटी कैपिलेरिटी क्या
होता है क्या आपने कभी नोटिस किया है कि अगर आप एक जैसे अभी हाल ही में दिवाली गई आप लोगों ने नोटिस किया होगा कि दिए में
इसको कैपिलेरिटी कहते हैं या फिर अगर आपका शरीर गीला है और आप उसके ऊपर सिर्फ तोलिया रख लो जो फीमेल्स हैं जब वोह नहाती है तो
उनके बाल बहुत बड़े होते हैं और जब वो उनको सुखाने के लिए क्या करती हैं एक तो आजकल ड्रायर्स आ गए हैं मैं यहां पर
ड्रायर बाल सुखाने के लिए नहीं लाया हूं लेकिन ड्रायर आ गए हैं लेकिन एक तरीका और होता है मैंने नोटिस किया आपने भी किया
होगा कि वो अपने बालों के आसपास तोलिया लपेट लेती हैं वो भी एक कला है वैसे वो भी एक बड़ा ही विचित्र तरीका
होता है बट वो लपेट लेती हैं तो जो तोलिया होता है वह क्या करता है उस पानी को अपने अंदर अब्जॉर्ब करता है है ना वो कैसे
अब्जॉर्ब कर रहा है या वो दिए के अंदर वो जो कॉटन की विक है बत्ती है वह कैसे तेल को एब्जॉर्ब कर रही
है सॉरी इसे कैपिलेरिटी कहा जाता है बच्चों कैपिलेरिटी क्या होता है आपने स्कूल में शायद हो सकता है कैपिलरी ट्यूब
देखि मेरे पास अभी अवेलेबल नहीं है मेरे पास थी सारा पैकेट खत्म हो गया कैपिलेरिटी कैपिलरी ट्यूब कैसी होती है एकदम सेवया
जितनी पतली होती है सुई जितनी पतली होती है लेकिन वो अंदर से खोखली होती है लाइक अ टेस्ट ट्यूब बट वो पतली होती है बिल्कुल
सुई जितनी एक सेवया जितनी एक वर्मी सिली जितनी जो हम लोग घर में खाते हैं जैसे यह वाला जो ट्यूब है ये तो फिर भी बहुत मोटा
है वो इतना पतला होता है कि उसके अंदर आप सिर्फ एक छोटा सा बाल अपना हेयर अपना डाल सको इतना बस तो इसको हम कैपिलरी ट्यूब
बोलते हैं अब इस कैपिलरी ट्यूब के अंदर जब भी किसी सी फ्लूइड के अंदर इस कैपिलरी ट्यूब को डाला जाता है तो इस ट्यूब के ऊपर
एक लिक्विड राइज कर जाता है ऐसा क्यों होता है अगेन हम हाईयर क्लासेस में पढ़ेंगे बट थोड़ा बहुत समझ सकते हो वो
कैपिलरी ट्यूब में जो हवा का कॉलम होता है वो नाक के बराबर होता है जिसकी वजह से वहां पे कोई एटमॉस्फेरिक प्रेशर नहीं लग
पाता और नीचे से एटमॉस्फेरिक प्रेशर लगता है जो कि लिक्विड को ऊपर की तरफ राइज कर देता है लिक्विड को ऊपर की तरफ राइज कर
देता है तो इसको बोलते हैं राइज इन कैपिलरी ट्यूब कभी-कभार उल्टा भी होता है फॉल भी हो जाता है अच्छा ये होता क्यों है
इसकी एग्जैक्ट साइंस तो हम हायर क्लासेस में पढ़ेंगे ही बट अभी मैं रफले बताया कैपिलरी ट्यूब में ऊपर ना के बराबर
एटमॉस्फेयर होता है जिसके ऊपर लगभग आप समझ लो वैक्यूम होता है और चीजें नीचे से ऊपर की तरफ राइज करती है जिसको हम कैपिलेरिटी
कहते हैं और है ना इस फिनोमिना को क्या कहा जाता है कैपिलेरिटी अब इसके डेली लाइफ में कुछ एप्लीकेशंस हैं जैसे कि डॉटिंग
पेपर एक प्रकार से समझ लो टिश्यू पेपर एक प्रकार से समझ लो जो लैब में फिल्टर पेपर है व भी तो यही करता है अगर कोई गीली चीज
के ऊपर रख दें तो वो उसको एब्जॉर्ब कर लेता है उसमें छोटे-छोटे कैपिलरी ट्यूब्स होते हैं जो नेचुरल होते हैं और वो
कैपिलरी एक्शन करके उसे सोख लेता है एक क्रोमेटोग्राफी वाला पेपर आता है जिसको हम डॉटिंग पेपर कहते हैं उसकी यहां पे बात हो
रही है लेकिन आप उसको टिश्यू पेपर से भी कंपेयर कर सकते हो तोलिए की मैंने बात की फिर आता है ऑयल जो है वो थ्रेड में या विक
में उसमें बहुत छोटी-छोटी नेचुरल कॉटन के अंदर नेचुरल कैपिलरी ट्यूब्स होती हैं अब गर्मियों में हम कौन सा कपड़ा पहनना पसंद
करते हैं कॉटन का ना क्योंकि कॉटन के पास छोटी-छोटी कैपिलरी ट्यूब्स होती हैं जो किसको खींच लेती हैं आंसर है वो हमारे
शरीर से पसीने को खींच लेती है अब्जॉर्ब कर लेती हैं फिर वो सरफेस पे आता है इवेपरेट होता है वो लेटेंट ही ठंडा मंडा
है ना लकड़ी आपने देखा होगा मानसून में लकड़ी फूल जाती है क्यों फूल जाती है बारिश के दिनों में क्योंकि बारिश के
दिनों में पानी आता है ह्यूमिडिटी होती है तो लकड़ी के अंदर भी छोटी-छोटी कैपिलरी ट्यूब्स होती हैं जिसकी वजह से वो ऊपर
उसको सोख लेती है तो यह बेसिकली बात ऐसे बहुत सारी और एप्लीकेशन है जो कैपिलरी राइस को समझाती है लेकिन इन सब में
लेकिन लिक्विड कितना राइज होगा लिक्विड कितना ऊपर जाएगा इसका हम फार्मूला कैसे कैलकुलेट करें लिक्विड ऊपर तो जाएगा चाहे
वो तोलिया हो अब आप तो जब आप नहा के बाहर आते हो तो आप तोलिया कॉटन का यूज करना चाहते हो सिल्क नहीं क्योंकि सिल्क चाहे
आप कितने ही अमीर क्यों ना हो आप सिल्क नहीं यूज करना चाहोगे बिकॉज सिल्क में कैपिलरी ट्यूब नहीं है वो आपके शरीर से
पानी को सोखे ही नहीं जितना मर्जी आप उसे पहने रखो बात को समझना ठीक है ना तो यह बात भी है ऐसे हमारे बालों में भी
छोटी-छोटी कैपिलरी ट्यूब्स होती हैं इसलिए हमें बाल में जब ऑयल लगाते हैं तो हमें ऐसे स्कल्प पे लगाना चाहिए बालों में नहीं
क्योंकि तेल नीचे से होता हुआ जाता है छोटा सा केरोटिन नाम का एक पाइप होता है ना छोटा सा वैसे केराटिन एक प्रोटीन होता
है बट उसी के थ्रू चीजें ऊपर जाती हैं ठीक है ना अब कितना ऊपर जाएंगी इसको पहली बात तो हम कहते हैं एसेंट फॉर्मूला जो अभी हम
डिराइवर करने जा रहे हैं इसको हम बोलते हैं एसेंट फॉर्मूला कितना लिक्विड ऊपर की तरफ राइज़ करेगा इसे कहा जाता है एसेंट
फॉर्मूला आओ इसको एक बार डिराइवर कर ले तो ये हमारे पास एक कंटेनर है बहुत इजी सी प्यारी सी डेरिवेशन है ये हमारे पास एक
कंटेनर है और इस कंटेनर के अंदर हमारे पास थोड़ा ज्यादा बड़ा हो गया इस कंटेनर के अंदर हमने एक फ्लूइड को भरा हुआ है ठीक है
ओके अब फ्लूइड को भरा हुआ है हमने और फ्लूइड कुछ ऐसे इसमें है ठीक है अब हमने इसके अंदर एक बहुत पतली बेटा यहां पे जब
मैं बनाऊंगा तो ओबवियस स बात है वो मोटी बन जाएगी क्योंकि मुझे डायग्राम बनाना है बट आपको ये पता होना चाहिए कि बहुत पतली
कैपिलरी ट्यूब है हम तो यहां इतनी मोटी बना रहे हैं जितनी यह लंबाई देख रहे हो ना आप जितनी एक लाइन की लंबाई है उससे भी
पतली होती है कैपिलरी ट्यूब अब आप समझ जाओ कितनी पतली होती है यहां तो हमने बहुत ज्यादा ही बड़ी बना दी आप समझ रहे हो
कैपिलरी ट्यूब आ गई ऊपर से भी ऐसी ही है भाई ऊपर से भी ऐसी है भाई ऐसी ही ऐसी ऐसी ऐसी ऐसी ही है भाई ठीक है ना अब इस
कैपिलरी ट्यूब में जैसे ही हम इस कैपिलरी ट्यूब को डालेंगे क्या होगा इसके अंदर लिक्विड राइज़ कर जाएगा जैसे ही हम इसके
अंदर कैपिलरी ट्यूब डालेंगे इसमें लिक्विड जो है वह राइज़ कर जाएगा ऊपर की तरफ़ राइज़ कर जाएगा ऊपर की तरफ राइज़ कर जाएगा
अब कितना राइज़ करेगा ओबवियस स बात है एक सर्टेन लेवल पे जाके तो रुकेगा एक सर्टेन लेवल पे जाके तो रुकेगा अब कितने पे जाके
वह रुका यह हमें कैलकुलेट करना है यही तो हमें हाइट कैलकुलेट करनी है मान लो वह यहां से जमीन से जमीन से मतलब इस लेवल से
h हाइट तक ऊपर गया तो हमें ये h हाइट कैलकुलेट करनी है ठीक है ना अब इस h हाइट को कैलकुलेट करने के लिए सबसे पहले तो यह
जो मेनिस्क बनी है हम ऐसा अज्यू करेंगे कि इसके ऊपर एक हवा का क्या है एक सर्कल है एक स्फेयर है है ना भाई हवा का एक
एटमॉस्फेयर है एटमॉस्फेरिक प्रेशर की वजह से ही तो इसकी मेनिस्क कन्वे क्स हुई है अब वो जो स्फेयर इमेजिनरी स्फीयर है उसका
जो रेडियस हमने यहां पर लेट किया हुआ है वो r है ये जो इमेजिनरी स्फेयर है इसका रेडियस हमने r रिलेट किया हुआ है और वहीं
पे यह जो हमारे कैपिलरी ट्यूब है इसका जो रेडियस है वह स्ल r है हमारे इमेजिनरी स्फीयर का रेडियस कैपिटल r है लेकिन हमारे
जो ट्यूब है उसका रेडियस स्ल r है ठीक है ना अब ये कितना ऊपर जाएगा सबसे पहली बात ये ऊपर क्यों गया तो आंसर है प्रेशर
डिफरेंस की वजह से अच्छा अब ये ऊपर जाना बंद क्यों हो गया क्योंकि प्रेशर डिफरेंस मैच हो गया प्रेशर डिफरेंस बैलेंस हो गया
अब वो जो ऊपर से इसके ऊपर एटमॉस्फेरिक प्रेशर लग रहा होगा क्या मैं उसको एक्सेस प्रेशर कह सकता
हूं क्या ऊपर हवा का एक ड्रॉप है तो हवा का एक ड्रॉप इसके ऊपर एक्सेस प्रेशर लगा रहा है और नीचे से जब पानी ऊपर जाता है तो
उसको हम लोग बोल रहे हैं हाइट का प्रेशर हाइट के प्रेशर को आज ही हमने गॉज प्रेशर यानी कि रोजी ए से प्रूफ किया आज की पहली
डेरिवेशन यही थी गॉज प्रेशर यानी कि रोजी ए अब एक्सेस प्रेशर का फार्मूला क्या रहता है 2s बा r ये भी आज डिराइवर किया और गॉस
प्रेशर होता है रोज ए गॉस प्रेशर होता है रोजी तो यहां से अगर आपको हाइट निकालनी है तो हाइट का फार्मूला क्या आ जाएगा बोलो 2s
हाइट का फार्मूला क्या आ जाएगा बोलो 2s अप में r रोज 2s / r रोज तो ये हमारे पास हाइट का फार्मूला आ गया पहली बात तो मैंने
इन दोनों को इक्वेट कैसे किया क्या जब अब लिक्विड ऊपर राइज कर जाएगा तो वो अब राइज होना अगर बंद हो गया इसका मतलब प्रेशर
बैलेंस हो गया यानी एक्सेस प्रेशर और गॉज प्रेशर दोनों बराबर हो गए उससे मैंने हाइट निकाल ली लेकिन ये जो हाइट का फार्मूला है
मेरे को बिल्कुल भी पसंद नहीं आ रहा है क्यों नहीं आ रहा है मुझे इस हाइट का फार्मूला पसंद क्योंकि इस हाइट में कैपिटल
r आ गया अब कैपिटल r जो है वो तो एक इमेजिनरी ड्रॉप का रेडियस है कैपिटल r जो है वो तो एक इमेजिनरी ड्रॉप का रेडियस है
क्या इमेजिनरी ड्रॉप के रेडियस पे मुझे ट्रस्ट करना चाहिए क्या इमेजिनरी ड्रॉप के रेडियस प मुझे ट्रस्ट करना चाहिए तो आंसर
है मुझे बिल्कुल भी ट्रस्ट नहीं करना चाहिए क्योंकि भैया वो तो इमेजिनरी है एक सेकंड भाई वो तो इमेजिनरी है तो मुझे कभी
भी इमेजिनरी ड्रॉप के रेडियस पर कभी भी ट्रस्ट नहीं करना चाहिए क्योंकि भैया वो तो इमेजिनरी है इसलिए मैं क्या चाहूंगा
मैं कन्वर्ट करना चाहूंगा अ या एक्चुअली ना मैं यहां पे बहुत टाइम से क्लास ले रहा हूं लेकिन मेरा ना एक पार्सल आना था तो
मैंने मैसेज कर दिया बाहर गार्ड को कि भाई पार्सल आएगा मैं मैं फोन नहीं उठा पाऊंगा आप ले लेना तो वो दिक्कत भी होती है क् घर
पे आज कोई है भी नहीं आप सबको पता है शादियों का सीजन चल रहा है मेरा पूरा खानदान शादियों पे गया हुआ है कहीं ना
कहीं अच्छा दो शादियां है हमारे यहां पे पता किसी के यहां तो आधी फैमिली कहीं आधी एक शादी पे गया आधी फैमिली एक शादी पे गई
है मैं नहीं गया मैं यहां पर खड़ा होके वन शॉट रिकॉर्ड कर रहा हूं बेटा ड्यूटीज आर ड्यूटीज चलो सच बताऊं तो मेरे को शादियों
पे जाना पसंद भी नहीं मैं तो अपनी खुद की शादी पे नहीं जाना चाह रहा था बेटा काश ना गया होता बेटा कोई बात नहीं चलो बेटा
लेकिन कहने का मतलब है हाइट का फार्मूला होता है 2s अप में r हाइट का फार्मूला होता है 2s अप में r रोजी लेकिन इस
फार्मूले में मुझे r पसंद नहीं आ रहा है इस फार्मूले में मुझे r पसंद नहीं आ रहा है कैपिटल r पसंद नहीं आ रहा है क्यों
क्योंकि वो इमेजिनरी है तो यहां पे हम मैस लगा के कैपिटल r को स्ल r में कन्वर्ट कर देंगे आओ कैसे देखो तो यहां पे हमें एंगल
ऑफ कांटेक्ट काम आएगा मुझे पता है आपके मन में सवाल चल रहा होगा कि सर अभी तक एंगल ऑफ कांटेक्ट को हमने यूज तो किया नहीं तो
भाई टेंज किसका मेनिस्क का ठीक है अब इन दोनों के बीच में पिंक कलर से मैं एंगल ऑफ कांटेक्ट बना रहा हूं थीटा ठीक है एंगल ऑफ
कांटेक्ट बना रहा हूं थीटा ये थीटा कौन है एंगल ऑफ कांटेक्ट अब अगर आपको मैथ्स आती है तो यह वाला एंगल 90 है और यह वाला एंगल
भी 90 होगा बिकॉज ये रेडियस है और ये टेंज एट है तो अगर यह वाला एंगल 90 है और यह भी 90 है तो ये कॉमन है तो यह वाला एंगल भी
थीटा हो जाएगा यह वाला एंगल भी थीटा हो जाएगा अब अगर ये एंगल थीटा हो गया अब अगर ये एंगल थीटा हो गया इसको पहली बात तो
फर्स्ट इक्वेशन मान लो आल्सो अगर यह वाला एंगल थीटा हो गया तो क थीटा की वैल्यू क्या हो जाती है क होता है
बेस अपॉन में हाइपोटेन्यूज तो यह बेस है और ये हाइपोटेन्यूज है तो यहां सेपिटल r की वैल्यू आ गई r बा क थीटा r बा कस थीटा
अब इस कैपिटल r की वैल्यू को आपको पता है क्या करना है यहां पे पुट करना है तो हमारे पास जो हाइट का फार्मूला था जो कि
2s अपन में रोज r आया था तो r की जगह मैं लिख रहा हूं r बा क थीटा अब जोल r है इसको मैं जानता हूं
यह स्ल r रेडियस ऑफ कैपिलरी ट्यूब है कैपिटल r एक इमेजिनरी रेडियस था जो कि अच्छा नहीं था तो यहां से बच्चों मुबारक
हो हमारे पास एसेंड फॉर्मूला यानी कितनी हाइट पर लिक्विड राइज करेगा वो आ जाएगा 2s क थीटा ये आ जाएगा हमारे पास 2s क थीटा बा
रोज ये आ जाएगा हमारे पास 2sc थीटा बा रोज तो यह हमारे पास एेंट फॉर्मूला आ जाएगा बात समझ में आ गई बात समझ में आ गई तो यह
है अब एक बड़ा इंटरेस्टिंग सवाल पूछने जा रहा हूं इसको सोचना और सोचते सोचते जितना मैंने आपको नोट कराया इसको रोकना मैं यहां
पे वीडियो को भी थोड़ा सा पॉज करूंगा क्योंकि मुझे लग रहा है कि सेल खत्म होने वाले हैं इसको फिर मैं आगे कंटिन्यू कर
रहा हूं लेकिन मैं क्या कह रहा हूं आपको यह सोचना है अभी थोड़ी देर लगा के कि अगर मान लो मैंने यह s क्या है सरफेस टेंशन
ट्यूब को ही 10 सेंटीमीटर की लू 12 सेंटीमीटर फार्मूला कह रहा है फार्मूला कह रहा है कि भैया 12 सेंटीमीटर जाना होगा
लेकिन अगर मैं ट्यूब ही 10 सेंटीमीटर की लूं तो क्या होगा ऑप्शन ए क्या लिक्विड राइज करेगा और ओवरफ्लो कर जाएगा बिकॉज
उसकी हाइट इस फॉर्मूले के हिसाब से आनी चाहिए थी 12 देखो इस फॉर्मूले के हिसाब से अगर 12 सेंटीमीटर हाइट आनी चाहिए थ मैं 15
सेंटीमीटर का पाइप ले लूं तो ओबवियस से बात है 12 पे जाके रुक जाएगा लेकिन अगर 12 आनी थी और मैं 10 ले लूं तो क्या लिक्विड
ऑप्शन नहीं यही दो ऑप्शन है चार ऑप्शन बना भी नहीं पाऊंगा मैं ये दो ही ऑप्शन है सोचो कमेंट सेक्शन पे आंसर दो कि अगर
मैंने इन सफिशिएंट लेंथ को लिया तो क्या होगा क्या लिक्विड ओवरफ्लो करेगा क्या लिक्विड सरफेस पर जाकर रुक जाएगा अगर
मैंने लंबाई कैपल ट्यूब की कम लिया तो जल्दी सोचो ठीक है तो आई होप आपने सोचा हो कि क्या होगा तो आंसर है कि अगर मैं
इंसफिशिएंट लेंथ का पाइप लेता हूं तो लिक्विड उसके सरफेस पर आकर रुक जाएगा बट ओवरफ्लो नहीं करेगा तो ध्यान रखिएगा कि इफ
विल बी देयर विल बी नो ओवर फ्लो तो कोई ओवरफ्लो नहीं होने वाला चीजें ओवरफ्लो नहीं करेंगी फ्लूइड ओवरफ्लो नहीं करेगा अब
आप सोच रहे होगे ऐसा क्यों है तो आंसर है जब तक लिक्विड राइज करता रहेगा करता रहेगा करता रहेगा लिक्विड राइज करेगा करेगा
करेगा जैसे ही वो इसके सरफेस पे आएगा क्या सरफेस प आने के बाद उसे एटमॉस्फेयर मिल जाएगा लिक्विड राइज क्यों हो रहा था बिकॉज
कैपलर ट्यूब के अंदर मैंने आपको बताया था ना के बराबर एटमॉस्फेयर था तो प्रेशर डिफरेंस मैच नहीं हुआ
तो वह ऊपर से जैसे वो सरफेस पर आएगा तो आंसर है ऊपर का प्रेशर मैच हो गया नीचे के प्रेशर से या आसान भाषा में कहे तो जैसे
आप सरफेस पर आओगे तो जो एंगल ऑफ कांटेक्ट है वह 90 हो जाएगा जैसे आप सरफेस पर आओगे एंगल ऑफ कांटेक्ट जो है वह 90 डिग्री हो
हमारे पास एसेंट फार्मूला क्या आया था तो आंसर है 2s अपॉन में अगर इस फॉर्मूले को फात कर 2s कॉस थीटा अपन में रोज आ तो
फार्मूला हमारे पास आया था 2s कॉस थीटा तो क्या थीटा की जगह 90 आ जाएगा अपॉन में रोज तो हाइट जो है हमारी फरदर हाइट यह फर्द
हाइट है जो कि जीरो हो जाएगी जब तक कुछ एंगल था एंगल ऑफ कांटेक्ट था चाहे वो ट्यूस हो चाहे वो एक्यूट हो वहां पर हमें
मेनिस्क में राइज या फॉल मिला अ कैपल ट्यूब में राइज या फॉल मिला लेकिन जैसे ही वो उसके सरफेस पे आ गया एंगल ऑफ कांटेक्ट
कितना हो गया आंसर है 90 क 90 की वैल्यू क्या होती है फॉर्मूले के हिसाब से रो अगर एंगल ही जीरो एंगल क थीटा ही ज जीरो हो
गया तो फर्द हाइट बढ़ना भी बंद हो जाएगा तो अगर हम ओरली समझे तो सरफेस पे आने के बाद प्रेशर बैलेंस हो जाता है या फिर ऐसे
समझे कि सरफेस पे आने के बाद एंगल ऑफ कांटेक्ट 90 हो जाता है और क 90 की वैल्यू जीरो हो जाती है तो उस उस वजह से फर्द
देयर इज नो इंक्रीमेंट इन दी हाइट तो आप आप ऐसे भी समझ सकते हो कैसे मर्जी इसको आप समझ सकते हो निचोड़ आपको अल्टीमेटली वही
मिलने वाला है सही है डन है तो भैया इस वाले केस में हमारे पास इंसफिशिएंट लेंथ में भी जो लिक्विड है वो राइज करने वाला
नहीं है अब अगर हम यहां पे बात करें एक और नए टॉपिक की जिसको हम लोग यहां पे कहते हैं विस्कोसिटी अब ये विस्कोसिटी क्या
होता है आओ भाई समझे और यहां पे विस्कोसिटी का एक छोटा सा डेमोंस्ट्रेट भी समझेंगे एक चैप्टर हम लोगों ने पीछे पढ़ा
लॉज ऑफ मोशन उसमें हमने पढ़ा एक टॉपिक फ्रिक्शन फ्रिक्शन में अगर आपको याद हो तो हमने बात की थी कि फ्रिक्शन दो टाइप की
होती है एक होती है इंटरनल फ्रिक्शन और एक होती है एक्सटर्नल फ्रिक्शन जैसे यह रॉड है यह इस हाथ के ऊपर ऐसे-ऐसे करके स्लाइड
कर रही है तो यह फ्रिक्शन कौन सी फ्रिक्शन हो जाएगी एक्सटर्नल क्योंकि ये इस रॉड के इस टाइलर्स के बाहर है और मेरे हाथ के भी
बाहर है लेकिन अगर मैं पानी की बाल्टी में हाथ डाल के पानी भी है उसमें और अगर अपना हाथ घुमाता हूं तो फ्रिक्शन पानी के अंदर
से लग रही है तो वो फ्रिक्शन कौन सी हो जाएगी तो आंसर है वो फ्रिक्शन हो जाएगी पानी के लिए इंटरनल फ्रिक्शन तो जो फ्लूइड
होते हैं उनमें इंटरनल फ्रिक्शन होती है मैंने आपको तब भी बताया था सॉलिड्स में हमेशा फ्रिक्शन एक्सटर्नल रहती है लेकिन
फ्लड्स में फ्रिक्शन इंटरनल होती है तो उसी इंटरनल फ्रिक्शन को उसी इंटरनल फ्रिक्शन को एक्चुअली में हम लोग नापते
हैं एक वर्ड से जिसको हम लोग बोलेंगे आगे जाके स्टक्स फोर्स तो स्टूक जी के द्वारा दी गई एक फोर्स थी जिसको हम लोग नाप आपको
याद है हमने कितने सारे टॉपिक्स पढ़े जिसमें बॉल ऊपर से नीचे गिर रही है हम कह रहे हैं हवा को इग्नोर कर दो हम लोगों ने
प्रोजेक्टाइल मोशन पढ़ा हमने कहा हवा को इग्नोर कर दो यानी लगभग सभी केसेस में हम हवा को इग्नोर करते आए थे यस और नो एयर को
इग्नोर करते आए थे क्योंकि हमें एयर ड्रैग निकालने का भी फार्मूला नहीं पता था ऐसे पानी के अंदर जब कोई ऑब्जेक्ट मूव करेगा
तो पानी उस परे एक फोर्स लगाएगा जिसको आप फ्रिक्शनल फोर्स कह सकते हो बट पानी के केसेस में फ्लूइड केसेस में उसको हम
लिक्विड रैग कह देते हैं या विस्क फोर्स भी कह देते हैं तो विस्क फोर्स का फार्मूला आपको स्टूक जी देंगे बट उससे
पहले आपको एक चीज पढ़नी होगी जिसको बोलते हैं विस्कोसिटी या कोफिनेक जिसको बोलते हैं विस्कोसिटी या
क्या आपको याद है हमने सॉलिड्स के लिए फ्रिक्शनल फोर्स का फार्मूला ू आ पढ़ा था यहां पे म क्या था किसी को याद है म था
कफिट ऑफ फ्रिक्शन ऐसे ही यहां पे भी हम कफिट ऑफ विस्कोसिटी निकाल रहे हैं म के जैसा कुछ निकाल रहे हैं जो कि हमें एयर
ड्रैग या लिक्विड ड्रैग या विस्क फोर्स या इंटरनल फ्रिक्शन ऑफ लिक्विड्स कैलकुलेट करने में हमारी मदद करेगा उसको हम लोग
फार्मूला रहता है अच्छा स्ट्रेस और स्ट्रेन आपको पता है तो इसका फार्मूला रहता है स्ट्रेस अपॉन में स्ट्रेन रेट
इसका फार्मूला रहता है स्ट्रेस अपॉन में स्ट्रेन रेट फार्मूला सुनके हमें बिल्कुल भी समझ में नहीं आता
कि इसका फार्मूला ये क्यों है पहली बात तो विस्कोसिटी को हम लोग शो करते हैं टा से विस्कोसिटी को या कफिट ऑफ विस्कोसिटी को
हम शो करते हैं टा से क्या हम लोग मैकेनिकल प्रॉपर्टीज ऑफ सॉलिड पढ़ चुके हैं ओबवियस स बात है तभी तो मैकेनिकल
प्रॉपर्टीज ऑफ फ्लूइड में आए होंगे तो स्ट्रेस का फार्मूला हमारे पास फोर्स अपॉन एरिया हो जाता है स्ट्रेस का फॉर्मूला
हमारे पास फोर्स अपॉन एरिया हो जाता है और स्ट्रेन रेट हमारे पास होता है वेलोसिटी पर यूनिट लेंथ स्ट्रेस हमारे पास सबको पता
है फोर्स अपॉन एरिया स्ट्रेन रेट का मतलब है उसके भागने का रेट यहां पे स्ट्रेन रेट का मतलब है उसके भागने का रेट जो कि
वेलोसिटी अपॉन लेंथ हो जाता है तो उस हिसाब से हमारे पास कफिंकार्ट का फार्मूला हो जाता है फोर्स अपॉन एरिया इंटू में
वेलोसिटी इंटू में ऊपर लेंथ तो ये हमारे पास फार्मूला है किसका क्या ये फ्रिक्शन है नहीं ये फ्रिक्शन नहीं है ये फ्रिक्शन
नहीं है ये फ्रिक्शन को निकालने में मदद करने वाला है इसको तो हम कफिट ऑफ फ्रिक्शन या कोफिनेक सिटी कह रहे हैं विस्कोसिटी कह
रहे हैं विस्क फोर्स कितनी फोर्स लगेगी वह भी हम निकालेंगे मेरी जान लेकिन अभी हम बात कर रहे हैं कि कितना कोफिनेक सिटी
होगा जो हमें फ्रिक्शन या एयर ड्रैग या लिक्विड ड्रैग निकालने में मदद करेगा तो उसका फार्मूला है f अप में a * में l अप
में v अब यहां से अगर मैं एस यूनिट आप को निकालने के लिए बोलूं एस आ यूनिट ऑफ टा तो फोर्स की यूनिट क्या होती है न्यूटन एरिया
की क्या होती है मीटर स्क्वायर एरिया की क्या होती है मीटर स्क्वायर फोर्स की क्या होती है न्यूटन एरिया की होती है मीटर
स्क्वायर 1 मीटर से 1 मीटर कैंसिल हो जाएगा तो यहां पे क्या बच जाएगा मीटर पर सेकंड बच जाएगा तो फोर्स की क्या हो गई
न्यूटन न्यूटन अब आप चाहो तो देखो कैसे सॉल्व कर सकते हो सुनना क्या यहां पे हमारे पास 1 मीटर से 1 मीटर कैंसिल हो
जाएगा तो इधर तो मेरे पास बच जाएगा न्यूटन है ना अगर मैं इसकी यूनिट निकालता हूं तो मेरे पास पास इधर 1 मीटर से 1 मीटर कैंसिल
इधर न्यूटन अपॉन में हमारे पास 1 मीटर है और इंटू में हमारे पास मीटर पर सेकंड है तो क्या इसकी यूनिट न्यूटन ऊपर जाएगा पर
मीटर स्क्वायर पर सेकंड हो जाएगी अगर मैं चाहूं तो न्यूटन को खोल सकता हूं कैसे न्यूटन को खोल के क्या मिलेगा मुझे भाई तो
गया तो इसको खोल दूंगा तो मुझे मिल जाएगा केजी पर मीटर पर सेकंड कैसे आप न्यूटन को खोल सकते हो केजी मीटर पर सेकंड स्क्वायर
तो यहां पे 1 मीटर की पावर -1 बच जाएगा और यहां पे सेकंड की पावर -1 बच जाएगा तो ये दोनों यूनिट्स है और अगर ये यूनिट है तो
आप इसके यहां से डायमेंशन फार्मूला भी निकाल सकते हो जो कि हमने फर्स्ट चैप्टर में बहुत बार पहले से यूज कर रखा है क्या
केजी के लिए हम लोग मास यूज करते हैं मीटर के लिए l यूज करते हैं -1 और टाइम के लिए t यूज़ करते हैं तो इसके डायमेंशन क्या आ
गया हमारे पास ml-1 t - 1 ml-1 t -1 तो कुल मिला के इसकी एसआई यूनिट क्या हो गई केज पर मीटर पर सेकंड या फिर ml-1 t -1
इसके डायमेंशन हो गए दोबारा बोल रहा हूं ये हमने फ्रिक्शन नहीं निकाला पता नहीं क्यों कई बच्चे इसको फ्रिक्शन समझते हैं
रहा है बट ये बहुत जगह काम आने वाला है हां एक बात और इसकी जो वैल्यू है टा की जो वैल्यू है वैल्यू
ज्यादा होगा जितना कफिट ऑफ विस्कोसिटी ज्यादा होगा यह कॉमन सेंस की बात है उतनी फ्रिक्शन ज्यादा होगी जितना कफिट ऑफ
विस्कोसिटी ज्यादा होगा देखो उतनी फ्रिक्शन ज्यादा होगी उतनी उसकी बहने की वेलोसिटी कम होगी आप देख सकते हैं टा और v
आपस में इन्वर्सली प्रोपोर्शनल है इसका मतलब क्या हुआ जितना ज्यादा को फिश ऑफ विस्कोसिटी होगा लिक्विड उतना ही ज्यादा
फ्रिक्शन लगाएगा उतना ही ज्यादा खुद भी लेट फ्लो करेगा लद यहां पे हम उसके खुद के फ्लो होने के रेट के बारे में ज्यादा बात
करने वाले हैं एज कंपेयर टू अच्छा चलो एक बात बताओ अगर मैं एक प्लेट पे एक तरफ पानी रखूं एक तरफ शहद रखूं एक तरफ सरसों का तेल
रखूं और पूरे कंटेनर को टेढ़ा कर दूं तो कौन सा सबसे ज्यादा जल्दी नीचे बह के आएगा आओ एक बार इसको देखते हैं सबसे पहले इसको
देखते हैं सबसे पहले अब यहां देखो एक बहुत इंटरेस्टिंग चीज देखते हैं तो हमारे पास यहां पे ना तीन लिक्विड्स होने वाले हैं
एक तो हमारे पास ये सोप सॉल्यूशन होने वाला है जिसके ऊपर अभी हमने सरफेस टेंशन को देखा था वो मैंने सोप सॉल्यूशन यहां पे
गिर दिया अब यहां पे मैं थोड़ा सा ये रु अफजा जिसको हम कहते हैं शुगर वाला रु अफजा इसमें मैंने यहां पे ये थोड़ा सा रु अफजा
लगा दिया ठीक है ना अभी हम क्या करेंगे मैं आपको बताने जा रहा हूं एक सेकंड और अब हम यहां पे क्या करेंगे थोड़ा सा सरसों का
तेल गिर देंगे हम जैसे कि शुभ कामों में गरा जाता है तो यहां मैंने थोड़ ओ थोड़ा ज्यादा ही हो गया सरसों का तेल गिरेंगे अब
मैं क्या करूंगा इन ये जो ये जो बोर्ड है मेरे पास मैं इस बोर्ड को ऐसे टिल्ट कर दूंगा और हमें देखना है कि कौन सा लिक्विड
जल्दी बह के नीचे आएगा तो यह देखिए तो आप देख सकते हैं कि सरसों का तेल सबसे ज्यादा आगे रेस जीत रहा है एक सेकंड
में इस कैमरे के एंगल को हां सरसों का तेल जो है वो ज्यादा रेज जीत गया वहीं पे सोप जो है वो अभी भी हिला भी नहीं अपनी जगह से
और रु अफजा जो है वो सेकंड आया है यानी यहां पे सरसों के तेल की जो विस्कोसिटी है वोह सबसे कम है जिसकी वजह से सबसे इजली
फ्लो कर गया वहीं पे वो जो सोप है उसकी विस्कोसिटी सबसे ज्यादा है सबसे कम हिला और वहीं पे रवजा की विस्कोसिटी इससे तो
ज्यादा है सरसों के तेल से ज्यादा है लेकिन अ सोप से कम है इसलिए वो सबसे बीच में जाके हिलाए तो ये एक्चुअली में
विस्कोसिटी है फ्रिक्शन है जिसकी वजह से इनका फ्लो डिटरमाइंड होता है हां तो यार इस बेसिक वीडियो में यही था कि कुछ
लिक्विड्स ऐसे हैं जो जिनकी विस्कोसिटी ज्यादा है जो धीरे फ्लो कर रहे हैं और कुछ लिक्विड्स ऐसे हैं जिनकी विस्कोसिटी बहुत
कम है कफिट ऑफ विस्कोसिटी बहुत कम है और वो बहुत इजली फ्लो कर जाते हैं ये मैं नया-नया कंटेनर लाया हूं इसका भी हम काम
कि सब लिक्विड्स की विस्कोसिटी अलग होती है और उसकी वजह से उनके फ्लो पे भी इफेक्ट पड़ता है एंड ओबवियस सी बात है अगर हम
तीनों उन्हीं तीनों लिक्विड्स को बड़े लेवल पर लेके कंटेनर में हाथ डाल के घुमाए तो जो लिक्विड सबसे धीरे फ्लो हुआ उसमें
हमारा हाथ घुमाना भी मुश्किल होगा यानी जिसका फ्लो मुश्किल है ओबवियस स बात है उसमें इंटरनल फ्रिक्शन भी ज्यादा ही होगी
अब ये फ्रिक्शनल फर्स को कैलकुलेट कैसे करते हैं अभी तो हम लोगों ने बात की थी किस बारे में भाई कि भाई ठीक है यह एक
टर्म है जो कि हमारी मदद करती है फ्रिक्शन निकालने में लेकिन फ्रिक्शन को निकाला तो नहीं ना हमने तो इमेजिन करो पहले तो कि
हमारे पास एक ऑब्जेक्ट है ये ठीक है ना अब ये ऑब्जेक्ट अगर किसी फ्लूइड में ये किसी फ्लूइड में पड़ा हुआ है तो जब किसी फ्लूइड
में कोई ऑब्जेक्ट पड़ा रहता है तो उसपे एक फोर्स लगती है आप सबको पता है वो है बायोन फोर्स जो कि हमने इस चैप्टर के शुरू में
पढ़ा और एक फोर्स इस पे एक ऑपोजिट डायरेक्शन में फर्स लगेगी जिसको हम लोग विस्क फर्स कहते हैं जिस
फर्स को हम लोग क्या नाम देते हैं विस्क फोर्स तो इस फोर्स को हमने क्या नाम दिया है विस्क फोर्स नाम दिया है अब इसको विस्क
फोर्स क्यों बोला है हमने क्योंकि यह विस्कोसिटी की वजह से लगती है इसको हम लोग फ्लूइड ड्रैग भी कह सकते हैं आज तक हमने
जितने भी चैप्टर पढ़े हम उसमें विस्क फर्स या फ्लू ड्रैग को इग्नोर करते आए थे अगर आपको याद हो लेकिन अब हम लोग इसे कैलकुलेट
करना सीख जाएंगे और यह कैलकुलेट किसने करके दिया स्टूक जी ने जिसको स्टूक फोर्स भी कहा जाता है या स्टूक जी का लॉ भी कहा
जाता है फोर्स का मेनली नाम तो विस्क फोर्स या ड्राग फोर्स है तो इनके हिसाब से जिसको अभी हम डिराइवर भी करेंगे इनके
हिसाब से जो स्टूक फोर्स होती है उसका जो फार्मूला होता है या जो विस्क फोर्स होती है उसका जो फार्मूला होता है वो होता है 6
पा टा आवी अगर यहां नहीं दिख रहा है तो स्टूक फोर्स का फार्मूला होता है 6 पा टा आरवी एंड आई होप आप समझ पा रहे हैं कि
यहां पे थीटा तो अपना कोफिनेक सिटी ही है v यहां पे वेलोसिटी है और r यहां पे रेडियस ऑफ दी बॉडी है अब आप कहोगे कि अगर
ये रेडियस है तो क्या ये लॉ या ये फार्मूला सिर्फ स्फेरिकल बॉडीज के लिए ही वैलिड है तो आंसर है नहीं ऐसा नहीं है आगे
जाके हम अलग-अलग शेप के लिए भी बात करेंगे बट अभी के लिए ये हम स्फेरिकल चीजों के लिए ही पढ़ रहे हैं और r यहां पे रेडियस
है अब आप मुझे ना बताओ अभी हम इस फॉर्मूले को डिराइवर करने वाले हैं डायमेंशन ध्यान रखना इसकी यार ये भी प्रॉब्लम क्र ट कर
रहा है ध्यान रखना कि हमारे पास इस चैप्टर की डेरी इस चैप्टर में इसकी डेरिवेशन तो है लेकिन इसकी डेरिवेशन वैसे नहीं जैसे
अभी हमने एसेंट फॉर्मूला या एक्सेस प्रेशर या गॉस प्रेशर निकाला इसकी डेरिवेशन है डायमेंशन हमारे सिलेबस में भी मतलब ओबवियस
से बात है हाईयर क्लास में जब हम जाएंगे तो हमारे पास इसकी नॉर्मल डेरिवेशन भी आ जाएगी बट अभी हमारे पास जो इसकी डेरिवेशन
है वो कैसे डेरिवेशन है तो आंसर है डायमेंशन तो डायमेंशन इसको डिराइवर करेंगे लेकिन पहले इस फॉर्मूले को समझते हैं क्या
ये फार्मूला ठीक कह रहा है क्या जो विस्क फोर्स है यह ऑब्जेक्ट के साइज पर डिपेंड करेगी तो आंसर है हां जितना साइज बढ़ेगा
आप सबको पता है विस्क फोर्स बढ़ेगी एयर आप पे और ज्यादा ड्रैग लगाएगा फ्लूइड आप पे और ज्यादा ड्रैग लगाएगा तो समझ में आता है
कि जो फोर्स है वो रेडियस के डायरेक्टली प्रोपोर्शनल है वेलोसिटी के जितना ज्यादा आपकी वेलोसिटी बढ़ेगी क्या विकस फोर्स
बढ़ेगी जब कोमेट्स धरती पर एंटर करते हैं या कोई भी और स्पेस से कोई चीज धरती पर एंटर करती है जब उसका फॉल हो रहा होता है
तो वो धीरे-धीरे उसकी वेलोसिटी बढ़ती चली जाती है धीरे-धीरे वेलोसिटी बढ़ने पे उसपे जो विस्क फोर्स है वो बढ़ती है जिसकी वजह
से उसमें आग लग जाती है तो वेलोसिटी के बढ़ने से विस्क फोर्स तो बढ़ती ही है और सबसे इंपॉर्टेंट जो कि है टा यानी कि कफिट
ऑफ विस्कोसिटी ये भी आपको कॉमन सेंस होनी चाहिए अभी हमने देखा कि को एफिशिएंट ऑफ विस्कोसिटी जनरली उसकी ज्यादा है जो गाढ़ा
लिक्विड है जिसकी डेंसिटी ज्यादा है तो वो ज्यादा फोर्स भी लगाएगा तो तीनों के डायरेक्टली प्रोपोर्शनल है तो समझ में आता
है ऑल दो 6 पा हमारे लिए कांस्टेंट है आओ इस फॉर्मूले को डिराइवर करते हैं तो डायमेंशन फार्मूले को जब भी डिराइवर करते
हैं आप सबको पता है क्या किया जाता है लेट किया जाता है सबसे पहले अगर आपने फर्स्ट चैप्टर किया है तो आपको पता है कि पावर ऑफ
टा हम लोग मान लेंगे यहां पे x पावर ऑफ r हम लोग मान लेंगे y और पावर ऑफ वेलोसिटी हम लोग मान लेंगे z
तो ये इन तीन चीजों पर अगर डिपेंड करता है अगर ऐसा है तो क्या ऐसा कहना ठीक हो गया कि जो फिर हमारे पास फोर्स हो गई वो
डायरेक्टली प्रोपोर्शनल हो गई टा टा लिया है r लिया है और y लिया है तो टा की पावर x हो गई r की पावर y हो गई और वेलोसिटी की
पावर z हो गई प्रोपोर्शनल का साइ अटा आएंगे तो यहां पे कांस्टेंट लगा दिया कांस्टेंट की वैल्यू क्या है वह हमें पता
नहीं है और ना ही आपको सबको पता है इससे हम डिराइवर कर पाएंगे इससे हमें कांस्टेंट की वैल्यू नहीं मिलने वाली हां इससे हमें
अ पावर तो मिल जाएंगी लेकिन कांस्टेंट की वैल्यू नहीं मिलने वाली है चलिए अब आपको पता है कि अगर यह इक्वेशन करेक्ट है इफ
आरएचएस के डायमेंशन के बराबर होंगे फर्स्ट चैप्टर में ऐसा एक लाख बार हमने किया है क्या एलएचएस के डायमेंशन आरएचएस के
डायमेंशन के बराबर होंगे तो आंसर है यस बिल्कुल बराबर होंगे अगर एलएचएस के डायमेंशन आरएचएस के डायमेंशन के बराबर
होंगे तो एलएचएस में कौन है फोर्स है यानी कि m एटी -2 आ गया फोर्स है m एटी -2 आ गया और आरएचएस में कौन है टा आज ही निकाले
इसके डायमेंशन ml-1 t - 1 की पावर x हो जाएगा और r के डायमेंशन तो मतलब रेडियस है तो l की पावर
y हो जाएगा और वेलोसिटी भी हमने आज निकाला एटी -1 की पावर हमारे पास z हो जाएगा समझ गए क्या तो ये हमारे पास आ जाएंगे इसके
डायमेंशन अब आपको पता है हमें इसको कब तक सॉल्व करना है जब तक ये m एटी की फॉर्म में नहीं आ जाता तो यहां पर हमारे पास आ
जाएगा m एटी -2 और यहां पर हमारे पास क्या आ जाएगा बोलो m की पावर x l की पावर माइन x है प्वा है और प् ज है और यहां पर हमारे
पास t की पावर आ जाएगा - एक - ज t की पावर आ जाएगा - x - z तो ये हमारे पास आ जाएगा अब अगर हम इसको कंपेयर करें तो ऑन
कंपेयरिंग अगर हम इसको कंपेयर करते हैं तो यहां पे m की पावर व है और यहां पे m की पावर x है तो x की वैल्यू हमारे पास वन आ
जाएगी सही है सही है अब यहां पे l पहले t ले लेते हैं तो t की पावर यहां पे माइनस 2 है और यहां पे - x और - z है तो 2 = x + z
हो गया x की वैल्यू हमारे पास आ चुकी थी तो यहां से z की वैल्यू भी वन आ जाती है अब आपको पता है क्या करना है यहां पे l की
पावर हमारे पास वन है और यहां पे l की पावर हमारे पास - x है + y है और + z है सही है क्या तो -1 प् 1 आ चुकी है इसकी
वैल्यू तो y की वैल्यू यहां से वन आ जाती है और आनी भी चाहिए थी हमने पहले से ही एक्सपेक्ट कर रखा है कि सबकी पावर होगी
क्योंकि फार्मूला क्या आना चाहिए 6 पा नी आवी यानी टा की पावर भी वन r की पावर भी वन और वेलोसिटी की पावर भी वन तो उस हिसाब
से अगर बात करें तो हमारे पास जो फोर्स था जो कि कांस्टेंट टाइम्स टा की पावर x था r की पावर y था और वेलोसिटी की पावर z था तो
वो वन वन आ चुका है तो के नी आवी आप सब जानते हैं कि इस कांस्टेंट की वैल्यू तो हमें इससे नहीं मिलेगी तो आपको लिखना
हमने फार्मूला डायमेंशन क्या कर दिया है डिराइवर कर दिया है यानी कि जब भी कोई ऑब्जेक्ट जिसका रेडियस r होगा और वो v
वेलोसिटी से दौड़ रहा होगा तो उसके ऊपर एक विस्क फोर्स लगेगी जिसका फार्मूला होगा 6 पा ई आवी समझ गए अब एक बड़ी इंपॉर्टेंट
बात है यहां पे कि अगर एक ऑब्जेक्ट रेस्ट पे है अगर एक ऑब्जेक्ट किसी फ्लूइड में ऐसे रेस्ट पे ऊपर फ्लोट कर रहा है मान लो
तो उसकी वेलोसिटी जीरो होगी अब अगर उसकी वेलोसिटी जीरो होगी तो आप सब जानते हैं कि v0 होने की वजह से उसपे कोई विस्क फोर्स
नहीं लगेगी उसपे बायोन फर्स लग रही होगी उसपे एज लग रहा होगा लेकिन उसपे विस्क फर्स नहीं लगेगी तो विस्क फोर्स कब लगेगी
जब एक ऑब्जेक्ट मूव करेगा तो एग्जाम में कभी-कभार ये सवाल आ जाता है कि अगर एक ऑब्जेक्ट फ्लोट कर रहा है किसी फ्लूइड के
ऊपर या पानी के ऊपर तो क्या उसपे विस्कर फोर्स लग रही है या उसपे विस्क स फोर्स कितनी लग रही है तो आंसर अगर कोई फ्लोट कर
रहा है तो ओबवियस बात है ऊपर है तैर रहा है उसकी वेलोसिटी जीरो होगी है ना वेलोसिटी जीरो होगी तो फिर उसके पास विस्क
फोर्स भी जीरो हो जाएगी सही सही सही ठीक है अब स्टूक लॉ जो हमने पढ़ा या विस्क फोर्स जो हमने पढ़ी क्या इसके हमारे डेली
लाइफ में फायदे भी हैं एक फायदा अभी मैंने आपको फ्लो फ्लो में बताया था कि जब भी कोई स्पेस से चीज धरती की तरफ आती है तो उसमें
आग लग जाती है और ये अच्छी बात है खासकर वो चीजें जो धरती पे हमें नहीं चाहिए ओबवियस सी बात है बेटा जब कोई एयरक्राफ्ट
या एस्ट्रोनॉट्स धरती प वापस आ रहे होते हैं तो उनके लिए खतरा है पर वह कंट्रोल्ड वे में नीचे आते हैं उनकी वेलोसिटी
कंट्रोल्ड होती है और कभी-कभार एक्सीडेंट्स होते भी है पास्ट में हुए भी हैं आपको पता है लेकिन अगर मैं बात करूं
तो अ कॉमट्स या कोई और स्पेस जंक कोई स्पेस से कूड़ा अगर धरती की तरफ भागता हुआ आता है तो स्पेस में मोस्ट ऑफ द केसेस में
उसमें आग लग जाती है और वो धीरे-धीरे धरती पर आके छोटा हो जाता है जो कि अच्छी बात है बिकॉज अगर वो पूरा का पूरा धरती पर
आएगा तो बहुत डिस्ट्रक्शन पैदा वो कर सकता है जैसे कि हम ऐसा मानते हैं कि डायनासोर्स के टाइम पे भी हुआ था कि एक
बहुत बड़ा कॉमेट धरती पर आया था अब क्या वो उस वक्त उसमें आग नहीं लगी होगी लगी होगी बट वो इतना बड़ा हो होगा क्या पता कि
ज्यादा खत्म कर दिया आइस एज शुरू हो गया फला ढम काना बहुत सारी बातें उसके ऊर करने के लिए ठीक है बट इसके और भी बहुत सारे
फायदे हैं जैसे आर ए मलिकन जी ने अगर आपको स्ट्रक्चर ऑफ एटम चैप्टर पता हो तो आर ए मलिकन जी ने इलेक्ट्रॉन का चार्ज जो है वो
दिया था तो वो कैसे दिया था उन्होंने तो आंसर है उन्होंने स्टोक्स फोर्स यानी कि एयर ड्रैग या विस्क ड्रैग का ही इस्तेमाल
किया था कैसे किया था वो आप बड़े होकर जानोगे अभी नहीं जान सकते बट क्या ऐसा कह सकते हैं कि इस लॉ से हमार को पता चलता है
कि बादल कैसे बनते हैं देखो बादल इतने भारी होने के बावजूद भी नीचे क्यों नहीं आते क्योंकि उनका धीरे-धीरे साइज बढ़ता है
रेडियस बढ़ने से वैसे उन परे हवा का ड्रैग बढ़ता है तो वह धीरे-धीरे नीचे आते हैं इतना धीरे नीचे आते हैं कि नीचे धरती तक
आते-आते वो बरस ही जाते हैं तो उनके नीचे आने की वेलोसिटी इतनी कम क्यों होती है क्योंकि उनका साइज बहुत ज्यादा है जिसकी
वजह से रे रेडियस ज्यादा हो गया ना तो उन परे एयर ड्रैग या विस्कर ड्रैग ज्यादा लगता है इसके बाद सेकंड एप्लीकेशन बताती
है बारिश की बूंदे आप मुझे बताओ अगर बारिश की बूंदे इतनी ऊंचाई से नीचे गिर रही है और अगर उनका फ्री फॉल हो रहा होता तो हम
हम सब जानते हैं कि हर सेकंड उनकी वेलोसिटी 9.8 मीटर पर सेकंड बढ़नी चाहिए थी अकॉर्डिंग टू द एक्सीलरेशन ड्यू टू
ग्रेविटी बट ऐसा नहीं होता है हम सब जानते हैं हमारे ऊपर वो एक सर्टेन वेलोसिटी पर गिरते हैं अगर हवा नहीं होती हवा का ड्रैग
ना होता या विस्कर फोर्स ना होती तो वो बहुत हाई वेलोसिटी से धरती पर गिरते और बहुत नुकसान गोली से भी ज्यादा बंदूक से
निकली हुई गोली से भी ज्यादा स्पीड से वो लोग निकलते और हमारे शरीर पर बहुत नुकसान पहुंचाता है ओबवियस से बात है हम सब मर
जाते हैं और अगर बारिश हो रही होती तो यार हंस ना रहा होता बेटा यार मर जाता एक गाना था ना मेरा यार हंस रहा है बारिश की जाए
बिल्कुल नहीं हंस पाएगा उसके बाद बेटा यार सारे सबके यार मर जाएंगे मतलब सब लोग मर जाएंगे क्यों मर जाएंगे क्योंकि पानी इतनी
ज्यादा ऊंचाई से गिरेगा इतनी हाई वेलोसिटी से गिरेगा कि वो एक बुलेट की वेलोसिटी से भी ज्यादा होगा और मार देगा सबको और क्या
तो इसके बाद पैराशूट्स पैराशूट्स से इंसान धीरे नीचे जो आता है वो धीरे आता है क्यों पैराशूट्स का साइज बहुत बड़ा होता है जैसे
कि आर् कमेडि प्रिंसिपल समझा था पैराशूट का साइज ज्यादा होगा तो एयर ड्रैग उस पे ज्यादा लगेगा तो हम इसको स्टक्स लॉ या
विस्कर फोर्स से भी समझ सकते हैं ठीक है जी चलिए अब यहां पे एक अलग टॉपिक बिल्कुल शुरू हो रहा है और वो है स्ट्रीमलाइन फ्लो
एंड टर्बुलेटर लिक्विड के तीन प्रकार के फ्लो होते हैं जिसमें से एक होता है लैमिनार फ्लो लैमिनार फ्लो स्ट्रीमलाइन और
टर्बुलेटर बहुत अलग होता है जब भी लिक्विड लेयर्स की फॉर्म में चलता है तो उसे हम कहते हैं लैमिनार फ्लो लैमिनार फ्लो बहुत
अलग है स्ट्रीम लाइंड और टर्बुलेटर ध्यान रखिएगा लैमिनार फ्लो का मतलब होता है जब लिक्विड्स जो है या फ्लूइड जो है वो लेयर
की फॉर्म में चलते हैं उसको हम लैमिनार फ्लो कहते हैं आओ मैं आपको समझाऊं एक बड़े रफ आईडिया से जैसे एक बहुत बड़े कंटेनर की
अगर बात की जाए और उस बहुत बड़े कंटेनर में अगर मैं एक लिक्विड ले रखा है मैंने मान लो ऑयल ले रखा है तो मैं ऐसा इमेजिन
कर सकता हूं कि उसके पास ऑयल की दो लेयर्स हैं है ऑयल एक ही लेकिन मैं ऐसा इमेजिन कर सकता हूं कि दो लेयर है क्योंकि अगर मैं
इस कंटेनर को उल्टा करूंगा तो पहले b लेयर जो है वह आगे आएगी फिर पीछे-पीछे ए आएगी तो जो फ्लूइड है वो लेयर्स की फॉर्म में
चलता है तो जब एक बड़े कंटेनर में किसी फ्लूइड को घुमाया जाता है या फ्लो करवाया जाता है तो वहां पे फ्लूइड लेयर की फॉर्म
में चलते हैं एक के ऊपर एक लेयर फिर एक लेयर फिर एक लेयर अब इस लेयर की मोटाई आप कितनी इमेजिन कर सकते हो वो आपके ऊपर है
ओबवियस सी बात है एक मॉलिक्यूल की लेयर समझो मान लो आपके पास वाटर ही क्यों नहीं है तो वाटर के एक मॉलिक्यूल की लेयर को
समझो वो दूसरे मॉलिक्यूल के ऊपर चल रही है फिर तीसरे मॉलिक्यूल के ऊपर चल रही है तो जब कोई लिक्विड बड़े से कंटेनर में लेयर्स
की फॉर्म में चलता है उसे लैमिनार फ्लो कहते हैं लेकिन जब एक छोटे से पाइप में कोई फ्लूइड फ्लो करता है छोटे से पाइप में
जब भी कोई फ्लूइड फ्लो करेगा तो वहां पे पहली बात तो लैमिनार फ्लो नहीं होगा जैसे नल के से पानी का बाहर आना या आपके वाटर
जग से पानी का बाहर आना ये सारे लैमिनार फ्लो नहीं हो सकते यहां पे फ्लो दो प्रकार के होते हैं एक होता है स्ट्रीम लाइंड
फ्लो और एक होता है टर्बुलेटर लाइंड फ्लो और टर्बुलेटर है आओ जरा इसके बारे में बात करते हैं तो इमेजिन करो कि
एक मार्चिंग हो रही है और मार्चिंग में आप क्या देखते हो कि हमेशा पीछे वाला इंसान जो है वो आगे वाले इंसान के पाथ पर चलता
है मार्चिंग स्ट्रेट लाइन में भी हो सकती है मार्चिंग एक सर्कुलर पाथ में भी हो सकती है और मान लो मार्चिंग के लिए एक ऐसा
पाथ दे रखा है तो बट उसमें भी क्या होगा कि हर एक पीछे वाला इंसान हमेशा आगे वाले इंसान के पाथ पर चलेगा बिल्कुल ऐसा ही
होता है स्ट्रीम लाइंड फ्लो स्ट्रीम लाइंड फ्लो में हमेशा एक पीछे वाला पार्टिकल आगे वाले पार्टिकल के नक्शे कदम पर चलता है
उसके रास्ते पर चलता है तो जब पीछे वाला पार्टिकल आगे वाले के और उसके पीछे पीछे वाला उसके ह वाले के और उसके पीछे वाला
उसके वा वाले पे एक ही पाथ पर चले तो उसे पहली बात तो स्ट्रीम लाइन कहा जाता है उस लाइन को कहते हैं स्ट्रीम लाइन और अगर ऐसे
सारे पार्टिकल कर रहे हैं एक ट्यूब में तो उसको स्ट्रीम लाइन फ्लो कह देते हैं जैसे कि आपने कभी भी नलकेरी खोला हो बहुत धीरे
तो पानी की एक बहुत प्यारी सी आपको एक फ्लो मिलता है ना जो ऐसे ऐसे नहीं हो रहा बहुत प्यारा सा है सबको पता है क्या कह
रहा हूं मैं बहुत प्यारा सा है उसको हम स्ट्रीम लाइन फ्लो कहते हैं बिकॉज उसमें कोई पार्टिकल रैंडम कहीं नहीं जा रहा है
हर एक पार्टिकल का एक फिक्स्ड पाथ है जिस पे वो फ्लो कर रहा है तो जैसे एक कंटेनर से दूसरे कंटेनर में शहद को डालना हनी को
डालना तो शहद बिल्कुल प्यार से आता है तो ये फ्लो कौन सा है स्ट्रीम लाइन फ्लो जिसमें हर पीछे का पार्टिकल हमेशा आगे के
पार्टिकल के रास्ते पे चल रहा है जैसे मान लो ये स्ट्रीम लाइन है तो ये वाला पार्टिकल अगर इस रास्ते पे है तो उसका
पीछे वाला भी इसके रास्ते पे होगा इसके पीछे वाला भी इसके रास्ते पे होगा ये सारे पार्टिकल एक ही रास्ते पे होंगे ये वाला
पार्टिकल इसी रास्ते पे प जाएगा कई और भटके का नहीं ऐसे ऐसे फ्लो को हम लोग कौन सा फ्लो कहेंगे स्ट्रीम लाइंड फ्लो कहेंगे
कौन सा फ्लो कहेंगे स्ट्रीम लाइन फ्लो और उस पाथ को हम लोग स्ट्रीम लाइन कह देंगे जिसको पार्टिकल फॉलो करता है और कोई भी दो
स्ट्रीम लाइन आपस में इंटरसेक्ट नहीं होंगी अगर इंटरसेक्ट हो गई तो फिर तो वो रैंडम पाथ कोई टकराएंगे पार्टिकल इधर-उधर
भागेंगे कोई भी एक दूसरे को डिस्टर्ब नहीं कर रहा है सब स्मूथली चल रहे हैं पीछे वाले पार्टिकल आगे वाले पार्टिकल के पाथ
पे इसे बोलते हैं स्ट्रीम लाइन फ्लो लेकिन जैसे-जैसे वेलोसिटी बढ़ती चली जाती है येभी हम आएंगे जैसे-जैसे वेलोसिटी बढ़ती
चली जाती है पीछे वाले पार्टिकल आगे वाले पार्टिकल के पाथ पे चल नहीं पाते और फ्लो टर्बुलेटर है अब वही मार्चिंग वाले लोगों
को मैं बोलूं कि भागो या आग लग गई या कुछ प्रॉब्लम हो गई तो वो सब रैंडम भागने लग जाएंगे कोई भी आगे वाले पार्टिकल के पाथ
को चहा के भी फॉलो नहीं कर पाएगा तो ऐसे फ्लो को हम लोग क्या कह देते हैं टर्बुलेटर का आप बहुत तेज खोल दो तो पानी
एकदम रैंडम भागने लग जाता है या अगर धीरे ही खोल लेकिन नलका बहुत ऊंचा हो जैसे मान लो होली का बड़ा अच्छा एग्जांपल दूंगा अगर
मैं अभी आप मेरे सामने खड़े होते और मैं आपके ऊपर बाल्टी से पानी गिर देता तो सारा पानी आपके ऊपर गिर जाता लेकिन अगर मैं यही
काम छत से करूं आप नीचे खड़े हो मैं होली पे वो डरपोक लोग होते हैं ना जो छत से होली खेलते हैं मान लो छत पे खड़ा होके
मैं चार मंजिल ऊपर से आपके ऊपर पानी फेंक रहा हूं तो सिर्फ आपके ऊपर नहीं गिरेगा आपको पता है वो फैल जाएगा क्योंकि ऊपर से
नीचे आते-आते जब बाल्टी से पानी निकला था तो वो स्ट्रीम लाइन था बिल्कुल स्मूथ था लेकिन नीचे आते-आते उसकी वेलोसिटी बढ़ती
चली गई बढ़ती चली गई पीछे वाला पार्टिकल आगे वाले पार्टिकल के नक्शे कदमों पर नहीं चल पाए फ्लो जो है वो स्ट्रीम लाइन से
टर्बुलेटर तो जब एक पार्टिकल कोई एक पार्टिकल भी कोई इधर जा रहा है कोई इधर जा रहा है कोई इधर जा रहा है आपस में टकरा
रहे हैं टकरा रहे हैं यानी पार्टिकल्स का कोई फिक्स पाथ नहीं है रैंडम मोशन है ऐसे फ्लो को हम लोग टर्बुलेटर
जी तो स्ट्रीम लाइन फ्लो क्या है मैंने को बताया जिसमें पीछे वाला पार्टिकल आगे वाला पिक पार्टिकल प चलता है और उस पाथ को हम
लोग क्या कहते हैं स्ट्रीम लाइन फिर लिखा हुआ है इन अ स्ट्रीम लाइन फ्लो कभी भी दो स्ट्रीम लाइन आपस में इंटरसेक्ट नहीं
होंगे मैंने आपको बता दिया क्योंकि अगर हो जाएंगी तो फ्लो तो फिर टर्बुलेटर इसके बाद जितनी ज्यादा स्ट्रीम लाइंस एक
दूसरे के पास होंगी उतनी पार्टिकल की वेलोसिटी भी ज्यादा होगी अगर स्ट्रीम लाइंस पास आएंगी जैसे मान लो एक पाइप है
जिसका इधर से एरिया बहुत ज्यादा है और इधर से एरिया बहुत कम है ऐसा कोई पाइप है मान लो है ना इधर से एरिया बहुत ज्यादा है और
इधर से एरिया बहुत कम है तो उस केस में क्या होगा बताओ उस केस में क्या होगा यहां पर पानी की वेलोसिटी बढ़ जाएगी ना आपके घर
में भी आपने नोटिस किया होगा हम अभी इक्वेशन ऑफ कंटिन्यूटी में बात भी करेंगे लेकिन मान लो आपके पास पाइप है और आप उसको
दूर तक पौधों को पानी देना चाहते हो तो आगे से पाइप का एरिया कम कर देते हो ना जिससे उसकी वेलोसिटी बढ़ जाती है और पानी
दूर तक जाता है तो वही हम कह रहे हैं कि जितनी स्ट्रीम लाइंस पास आएंगी जितना एरिया कम होगा वेलोसिटी उतनी बढ़ती चली
जाएगी सही है सही है सही है सही ठीक है ये क्या लग गया इस पे हम तो ये बेसिकली हमारे पास कौन से फ्लो
के बारे में बात हो रही है तो आंसर है स्ट्रीम लाइन फ्लो के बारे में ठीक है जी तो हमें क्योंकि अब हमें जो आगे की जो
सारी पढ़ाई करनी है वो कौन से फ्लो के लिए करनी है बच्चों स्ट्रीम लाइन फ्लो के लिए करनी है ध्यान रखना ठीक है ना चलिए इसके
बाद यहां पे कुछ परिभाषा है ट्यूब ऑफ फ्लो बहुत सारी स्ट्रीम लाइंस को अगर मैं एक साथ मिला दूं जैसे मैंने यहां पे बहुत
सारी स्ट्रीम लाइन एक साथ बना दी तो ये पूरा क्या हो जाएगा ट्यूब ऑफ फ्लो ठीक है ना ठीक है ना और फिर टर्बुलेटर
शुरुआत में तो स्ट्रीम लाइन फ्लो पे रहता है ना फिर जैसे-जैसे उसकी वेलोसिटी बढ़ती रहती है उसका जो फ्लो है वो टर्बुलेटर है
अब ट्रिपल एच जी आप पता नहीं आप लोग अभी वैसे तो शायद बहुत छोटे हैं लेकिन जब हम लोग आपकी उम्र में थे तो डब्ल्यूडब्ल्यूई
में एक रेसलर बहुत फेमस थे जिनका नाम था ट्रिपल एच मुझे नहीं पता अब वो आते भी है कि नहीं क्योंकि मैं तो रेसलिंग अब देखता
नहीं हूं उसमें ट्रिपल एच नाम के एक रेसलर आया करते थे वो क्या करते थे हवा में ऐसे पानी मुंह में लेते थे और एंट्री के वक्त
ऐसे बहुत जोर से पानी बाहर फेंकते थे अगर आप अपने मुंह से पानी ऐसे नॉर्मली बस ऐसे करके तो आपको एक ऐसे एक एक एक धारा सी
मिलेगी बस लेकिन वह पानी को ऐसे फैलाते थे आप चाहे अभी या फिर इस लेक्चर के बाद आप य पर सर्च कर लेना एंट्री ऑफ ट्रिपल एच आप
समझ जाओगे मैं क्या कह रहा हूं और वो ऐसे पानी को हवा में ऐसे ठा करके उड़ाते थे तो वो फ्लो टर्बुलेटर वो पानी को इतनी तेज
मुंह से फेंकते थे कि वो फ्लो टर्बुलेटर था या फिर हमारे घर में जो वो फुसफुस होते हैं फुआर होते हैं उनमें भी सेम चीज लागू
होती है कि इतनी तेजी से बाहर निकलता है कि वो फ्लो टर्बुलेटर जाता है और फैल जाता है तो इसका मतलब है कि सारा का सारा खेल
एक वेलोसिटी का है सारा का सारा खेल एक एक वेलोसिटी का है जिसकी वजह से कोई भी स्ट्रीम लाइन फ्लो टर्बुलेटर है और इसी
वेलोसिटी को हम लोग क्रिटिकल वेलोसिटी कहते हैं इस चैप्टर में एक और टॉपिक था टर्मिनल वेलोसिटी जो कि डिलीट हो गया है
तो वो हमने यहां पे नहीं पढ़ा है वो हमारे सीबीएससी के सिलेबस से डिलीट हो गया है लेकिन एक टॉपिक यहां पे जो आता है वो आता
है क्रिटिकल वेलोसिटी पहली बात तो टिकल वेलोसिटी क्या है ऐसी वेलोसिटी जिसके ऊपर जाने पे कोई भी स्ट्रीम लाइंड फ्लो
टर्बुलेटर जाता है यानी मान लो कि मैं कह रहा हूं किसी के लिए क्रिटिकल वेलोसिटी है 30 मीटर पर सेकंड तो इसका मतलब समझ रहे हो
ना क्या इसका मतलब यह है कि वो लिक्विड जब 30 मीटर पर सेकंड से ऊपर जाएगा तो उसका फ्लो टर्बुलेटर
तो उसका फ्लो स्ट्रीम लाइंड रहेगा यानी ऐसी वेलोसिटी जिसके ऊपर जाने पर फ्लो स्ट्रीम लाइन से टर्बुलेटर जाता है उसको
क्रिटिकल वेलोसिटी कहते हैं इससे ही कनेक्टेड एक और टॉपिक था रनल्स नंबर वो भी डिलीट हो गया है बट आप पहले बात करते हैं
क्रिटिकल वेलोसिटी के द वेलोसिटी अ अ क्रिटिकल वेलोसिटी दैट वेलोसिटी ऑफ लिक्विड फ्लो अप टू व्हिच जहां तक आप
रहोगे फ्लो स्ट्रीम लाइन रहेगा लेकिन उसके बाद जो है फ्लो वो टर्बुलेटर क्रिटिकल वेलोसिटी का फार्मूला किस पर डिपेंड करता
है तो आंसर है क्रिटिकल वेलोसिटी का फार्मूला भी पहली बात तो हमें डायमेंशन डिराइवर करना है ऊपर सारी तिगड़म बाजी
लिखी हुई है कि क्रिटिकल वेलोसिटी किन-किन चीजों पर डिपेंड करती है एक तो है कफिट ऑफ विस्कोसिटी ओबवियस सी बात है एक है
डेंसिटी और एक है रेडियस और एक है रेडियस ऑफ पाइप जिससे यह बाहर आ रहा है तो इसका जो फर्मूला है क्वेश्च ऊपर क्या लिखा हुआ
है देखो कि एक तो ये डिपेंड कर रहा है कफिट ऑफ विस्कोसिटी पे यानी कि यहां पे एक ये डिपेंड कर रहा है डेंसिटी पे जिसको अभी
हम रो से रिप्रेजेंट कर देते हैं रो से हमेशा ही रो से करते आ रहे हैं और रेडियस ऑफ द ट्यूब यानी r से कर देते हैं तो मुझे
तो इसका फार्मूला पता है लेकिन आओ जरा समझे कि इसका फर्मूला क्या बनेगा इसका फार्मूला क्या बनेगा तो लेट अस सपोज कि
अगेन अगेन हम इसका फार्मूला डिराइवर करने वाले हैं डायमेंशन तो क्या यहां पे प्रोपोर्शनल आ जाएगा टा की पावर x रो की
पावर y और r की पावर z की है ना भाई फार्मूला आ जाएगा टा की पावर x रो की पावर y और r की पावर z के तो ये हमारे पास
फार्मूला आ जाता है किसका भाई मतलब फार्मूला क्या आता है अभी तो हम डायमेंशन राइवल लेकिन इन पे डिपेंड कर रहा है तो
क्या यहां पे v इज इक्वल टू लगा दूं k टाइम्स टा के पावर पावर x आ जाएगा रो की पावर y आ जाएगा और r की पावर z आ जाएगा अब
हमें क्या करना है हमें इसका फार्मूला डिराइवर करना है क्या हम जानते हैं कैसे करना है वही एलएचएस के डायमेंशन को आरएचएस
के डायमेंशन के बराबर रखना है तो ये मैं आपको करने के लिए दे रहा हूं फार्मूला बता देता हूं क्या आएगा जब आप इसे सॉल्व कर
लोगे तो आपके पास जो फाइनल फार्मूला मिलेगा वो क्या मिलेगा k टा बाय रो r यानी कि आपको सॉल्व करने पे x की वैल्यू वन मिल
जाएगी क्योंकि टा की पावर x है y की लू वैल्यू आपको -1 मिल जाएगी और r की वैल्यू भी आपको मतलब z की वैल्यू भी आपको -1 मिल
जाएगी तो जब आप ये वैल्यूज पुट करोगे तो हमारे पास यहां से क्रिटिकल वेलोसिटी का फार्मूला आ जाएगा k नी बा रो r ये आप कर
सकते हो हमने फर्स्ट चैप्टर में भी बहुत सारे किए हैं और यहां पे लेट अस सपोज ये फर्स्ट चैप्टर का सवाल है कि जो हमारे पास
वेलोसिटी है वेलोसिटी की डायमेंशन l t -1 इसके ml-1 t -1 इसके m l -3 और r तो l है तो एलएचएस को डायमेंशन को आरएचएस के बराबर
रखो और वेलोसिटी के डायमेंशन को बराबर रख के m x की पावर y की पावर और z की पावर कैलकुलेट कर लो यानी कि अगर किसी भी
लिक्विड की क्रिटिकल वेलोसिटी निकालनी हो यानी यह पता करना हो कि इसका फ्लो कब तक स्ट्रीम लाइन रहेगा तो उसकी कफिट ऑफ
विस्कोसिटी की वैल्यू k इज कांस्टेंट डेंसिटी और r की वैल्यू पुट कर दो उस कांस्टेंट की वैल्यू को पुट कर दो जो कि
सबके लिए अलग-अलग और वैल्यू पुट करने के बाद आपको एक फार्मूला मिलेगा एक वैल्यू मिलेगी एक वैल्यू को मान लो वैल्यू आती है
50 मीटर पर सेकंड तो इसका मतलब यह है कि उस 50 मीटर पर सेकंड के अगर मैं ऊपर जाऊंगा तो फ्लो टर्बुलेटर पर सेकंड के
नीचे रहूंगा तो फ्लो क्या हो जाएगा स्ट्रीम लाइंड हो जाएगा सही है सही है सही है सही है सही है सही है ठीक है जी तो यह
हो जाएगा हमारा क्या क्रिटिकल वेलोसिटी अब क्रिटिकल वेलोसिटी के बाद हमारे पास इस चैप्टर में एक बड़ा ही इंपॉर्टेंट टॉपिक
कंटिन्यूटी के बाद हमें पढ़ना है इस चैप्टर की अगेन एक बहुत इंपॉर्टेंट चीज जिसका नाम है बर्नोली थ्योरम लेकिन अभी
थोड़ा सा है समय ये चैप्टर बहुत बड़ा है यार आप देख सकते हो अभी से ही लेंथ के हिसाब से ये चैप्टर अभी बहुत बड़ा है अभी
अभी स्टिल हमारे पास आधे पौने घंटे का काम बचा है ज्यादा ही बचा है है ना तो अभ ये चैप्टर बहुत बड़ा है समझ गए पर पहले बात
करते हैं इक्वेशन ऑफ कंटिन्यूटी की कि इक्वेशन ऑफ कंटिन्यूटी क्या है पहली बात तो अगर मैं इसकी स्टेटमेंट समझाऊं इसकी
स्टेटमेंट लाइफ में उतने काम नहीं आएगी जो फाइनल फॉर्मूला काम आएगा इक्वेशन ऑफ कंटिन्यूटी कहता है कि इफ देयर
कंटिन्यूटी कहता है कि अगर हमारे पास एक पाइप है एक ट्यूब ऑफ फलो है तो उसके अंदर जितना पानी पानी उस पाइप में एंटर कर रहा
होगा पर यूनिट टाइम उतना ही पानी बाहर भी जाएगा शर्त क्या है उसमें कोई सिंक यानी कोई छेद और कोई सोर्स यानी कि दूसरा पाइप
नहीं जुड़ना चाहिए लेट अस सपोज हमारे पास यहां पर एक पाइप है अब इस पाइप में इधर का एरिया ऑफ क्रॉस
सेक्शन a1 है और इधर का एरिया ऑफ क्रॉस सेक्शन a2 है तो ओबवियसली बात है यहां से जो पानी बाहर आएगा वो अलग वेलोस अंदर
जाएगा वो अलग वेलोसिटी होगी लेट्स से v1 और यहां से जो पानी बाहर आएगा उसकी वेलोसिटी अलग होगी लेट्स से
वो कह रहे हैं कुछ भी हो लेकिन जितना पानी इस पाइप में पर यूनिट टाइम एंटर कर रहा है उतना ही पानी बाहर भी जाएगा और ओबवियस बात
भी सोचो कैसे अगर इस पाइप में कोई छेद नहीं है और कोई और पाइप नहीं जुड़ा हुआ है तो अगर एक सेकंड में 5 लीटर पानी इसके
अंदर एंटर कर रहा है तो ये कॉमन सेंस की बात है कि 1 सेकंड में 5 लीटर पानी को बाहर जाना भी पड़ेगा क्योंकि अंदर पानी के
रुक तो सकता नहीं अंदर कोई सिंक और सोर्स तो है नहीं जहां से पानी आ जाए या चला जाए तो अगर 1 सेकंड में 5 लीटर पानी अंदर आ
रहा है तो ये ओबवियस हो जाएगा कि 1 सेकंड में 5 लीटर बाहर जाएगा भी यानी कि वॉल्यूम जो पहले वाली जगह पे है पर यूनिट
टाइम यह बराबर होनी चाहिए किसके भाई वॉल्यूम जो बाहर निकल रही है पर यूनिट टाइम अब टाइम तो टाइम से कैंसिल हो गया तो
वॉल्यूम बचा यानी टाइम तो टाइम से कैंसिल हो गया एक सेकंड में इधर से कितना आएगा ऐसा 1 सेकंड में 5 लीटर आ तो 1 सेकंड में
5 लीटर जाएगा भी तो टाइम से टाइम तो कैंसिल हो जाएगा ऊपर बच जाएगा वॉल्यूम अब वॉल्यूम को हम क्या लिख सकते हैं अच्छा
देखो अगर आप चाहो तो टाइम से टाइम कैंसिल करो अगर आप चाहो तो टाइम से टाइम कैंसिल मत करो आपकी चॉइस है बट टाइम सेम है अगर
आप कैंसिल कर देते हो तो ऊपर क्या आ जाएगा ऊपर मेरे पास आ जाएगा वॉल्यूम वॉल्यूम क्या होता है एरिया इंटू में लेंथ जो पानी
चल रहा है और यहां पे क्या आएगा अगेन एरिया इंटू में लेंथ अरे सिलेंडर है ना तो इसका फार्मूला क्या होगा एरिया इंटू में
लेंथ तो यहां पे वो लेंथ चला मान लो x1 और यहां पे लेंथ चला वो मान लो x2 लेकिन मेरे को रिलेशन चाहिए वेलोसिटी के टर्म में तो
इसलिए मैं कह रहा था अगर आप पहले टाइम से ना करते तो सीधा आंसर होता अभी भी है टाइम से टाइम आपने कैंसिल कर दिया अब आप x को
वेलोसिटी के टर्म में कन्वर्ट कर सकते हो कैसे क्या डिस्प्लेसमेंट का फार्मूला वेलोसिटी अपॉन में टाइम होता है सॉरी
वेलोसिटी इनटू में टाइम होता है क्या डिस्प्लेसमेंट का फार्मूला वेलोसिटी इनटू में टाइम होता है यस और यहां पे भी
डिस्प्लेसमेंट का फार्मूला हो जाएगा वेलोसिटी इनटू में टाइम लेकिन अगेन टाइम तो सेम ही है तो टाइम से टाइम कैंसिल हो
जाएगा तो a1 v1 इ इ a2 v2 आ जाएगा तो जब आप बड़े हो जाओगे धीरे-धीरे आप जानोगे कि इक्वेशन ऑफ कंटिन्यूटी ये है कोई आपसे
पूछेगा इक्वेशन ऑफ कंटिन्यूटी तो आप ये नहीं बोलोगे कि इक्वेशन ऑफ कंटिन्यूटी का मतलब है कितना पानी अंदर आ रहा है उतना
जाएगा वो तो है ही लेकिन फॉर्मूले वाइज इक्वेशन ऑफ कंटिन्यूटी होता है a1 v1 = a2 v2 जैसे कि कोई आपसे पूछता है कि न्यूटन
जी का सेकंड लॉ तो अभी तो आप शायद ये बोलते होंगे कि रेट ऑफ चेंज ऑफ मोमेंटम इज डायरेक्टली प्रोपोर्शनल टू फोर्स लेकिन
बड़े हो के आप f इ ए बोलने वाले हो ध्यान रखना क्योंकि एक्चुअली न्यूटन जी का सेकंड लॉ तो f = ए भी है तो वही बोलते हैं ऐसे
ही इक्वेशन ऑफ कंटिन्यूटी क्या है हमारे पास a1 v1 = a2 v2 अब ये a1 v1 और a2 v2 हमें क्या दर्शा रहा है क्या मैं यहां से
अगर a1 / a2 का रेशो निकाल लूं तो क्या मुझे v2 / v1 मिल जाएगा तो इसका क्या मतलब है अगर आप समझो कि अगर a1 a2 का रेशो v2 /
v1 है उल्टा हो गया ना v2 / v1 है तो इसका मतलब यह है कि जो a एरिया है वो वेलोसिटी के इन्वर्सली प्रोपोर्शनल है इसका मतलब है
जो एरिया है यह वेलोसिटी के इन्वर्सली प्रोपोर्शनल है और होना भी चाहिए बचपन से देखते आ रहे हैं कि अगर पाइप का एरिया कम
होगा तो वहां पे वेलोसिटी बहुत ज्यादा होगी अगर पाइप का एरिया कम होगा तो वहां पे वेलोसिटी बहुत ज्यादा होगी अगर मैं
पाइप को आगे से दबा दूं तो वहां से पानी की वेलोसिटी बढ़ जाएगी तो पानी या कोई भी फ्लूइड अगर कम एरिया से बाहर
निकल रहा होगा तो उसकी वेलोसिटी बहुत ज्यादा होगी आपने वाटर कटर देखे हैं वीडियोस में जहां पानी की मदद से हम चीजों
को काटते हैं वो कितने कम एरिया से बाहर आते हैं जिसकी वजह से उनकी वेलोसिटी इतनी बढ़ जाती है कि वोह काटते हैं या कभी आपने
गाड़ी वॉश करने की जगह देखी होंगे उनके पास जो पाइप होता है उसका आगे से एरिया कितना कम होता है ताकि पानी ज्यादा से
ज्यादा वेलोसिटी से आए और गाड़ी के कोने-कोने की मिट्टी को भी साफ कर दे तो यहां पे इक्वेशन ऑफ कंटिन्यूटी लागू होता
है कि अगर एरिया जितना ज्यादा होगा वेलोसिटी उतनी कम और एरिया जितना कम होगा वेलोसिटी उतनी ज्यादा इसे हम लोग कहते हैं
इक्वेशन ऑफ कंटिन्यूटी सही है सही है सही है चलिए अब इक्वेशन ऑफ कंटिन्यूटी के बाद हमें तीन प्रकार की एनर्जीस को पढ़ना है
प्रेशर एनर्जी पर यूनिट वॉल्यूम काइनेटिक एनर्जी पर यूनिट वॉल्यूम और पोटेंशियल एनर्जी पर यूनिट वॉल्यूम क्योंकि ये हमें
काम आएंगे बर्नोली थ्योरम में तो ये जो मैं तीन एनर्जी आपको पढ़ा रहा हूं ये आपको काम आएंगे इस चैप्टर की सबसे इंपॉर्टेंट
चीज जिसका हम एक्चुअली में वेट कर रहे हैं बहुत देर से वो है बर्नोली थ्योरम लेकिन उससे पहले हमें तीन एनर्जीस को पढ़ना होगा
एनर्जी पर यूनिट वॉल्यूम ज्यादा टाइम नहीं लगाएंगे बहुत आसान है देखो काइनेटिक एनर्जी आप सब जानते हो क्या होता है पहली
बात तो काइनेटिक एनर्जी पर यूनिट वॉल्यूम का मतलब है काइनेटिक एनर्जी डिवाइड बाय वॉल्यूम हम सब जानते हैं काइनेटिक एनर्जी
का फार्मूला 1/2 m v स् होता है और डिवाइड बाय ये वेलोसिटी है यह वॉल्यूम है काट मत देना इसको तो क्या मैं इसको हाफ m बाय
वॉल्यूम और इनटू में v स्क्वा कर सकता हूं तो आंसर हां क्या मास बाय वॉल्यूम डेंसिटी होता है तो आंसर आ जाएगा हाफ रोवी स्क्वा
यानी कि अगर हम देखें तो काइनेटिक एनर्जी पर यूनिट वॉल्यूम क्या है कुछ भी नहीं है यह अच्छा सबसे पहला सवाल तो आपके मन में
आएगा कि हम ये क्यों पढ़ रहे हैं वो हम अभी समझ पाएंगे जब हम बर्नोली थ्योरम पढ़ रहे होंगे लेकिन काइनेटिक एनर्जी पर यूनिट
व वॉल्यूम का मतलब सिर्फ यह है कि मैंने काइनेटिक एनर्जी को वॉल्यूम से डिवाइड कर दिया तो क्या आंसर आ गया 1/2 रो v स् वेयर
एनर्जी क्या होता है पोटेंशियल एनर्जी पर ट वॉल्यूम का मतलब पोटेंशियल एनर्जी डिवाइड बाय वॉल्यूम पोटेंशियल एनर्जी का
फार्मूला हम सब जानते हैं रोजी आ जाएगा अरे यह तो प्रेशर का फार्मूला भी है हां और यह पोटेंशियल
एनर्जी पर यूनिट वॉल्यूम इसके बाद आता है हमारे पास प्रेशर एनर्जी पर यूनिट वॉल्यूम अच्छा भाई अब ये प्रेशर एनर्जी पर यूनिट
वॉल्यूम क्या है क्या हम लोगों ने थर्मोडायनेमिक्स चैप्टर में पढ़ा है थर्मोडायनेमिक्स फिजिक्स में यहां तो हम
पढ़ेंगे जो कि अभी हमने नहीं पढ़ा लेकिन थर्मोडायनेमिक्स केमिस्ट्री में तो पढ़ रखा है केमिस्ट्री में हमने पढ़ रखा है कि
प्रेशर एनर्जी का फार्मूला प्रेशर इंटू में वॉल्यूम होता है प्रेशर एनर्जी का फार्मूला प्रेशर इनटू में वॉल्यूम होता है
ये सब थर्मो डायनेमिक्स जिसने किया उसको पता होगा एंड डिवाइड बाय वॉल्यूम यानी प्रेशर एनर्जी पर यूनिट वॉल्यूम का मतलब
है प्रेशर एनर्जी को वॉल्यूम से डिवाइड कर दो तो प्रेशर एनर्जी होता है p * v चाहे p डेल्टा v कह लो और नीचे वॉल्यूम से डिवाइड
तो वॉल्यूम से वॉल्यूम कैंसिल हो गया यानी प्रेशर एनर्जी पर यूनिट वॉल्यूम बेसिकली प्रेशर के बराबर ही होती है अब आपके मन
में आ रहा होगा कि ये तीनों एनर्जी हमने निकाली क्यों है यह तीनों एनर्जी क्या कर रही है यहां और यह तीनों एनर्जी का हमें
करना क्या है तो आंसर है तीनों एनर्जी काम आएंगी हमें बर्नोली थ्योरम में ये तीनों चीजें हमें काम आएंगी बर्नोली थ्योरम में
अब ये बर्नोली थ्योरम क्या है मैं आपको जो बोलना जाह रहा हूं बहुत ध्यान से सुनना बर्नोली थ्योरम इस चैप्टर की सबसे
इंटरेस्टिंग चीज है लेकिन अगर आपने उसको ढंग से पढ़ा तो सुनना जब हम बर्नोली थ्योरम आपको पढ़ाएंगे उसकी स्टेटमेंट
लिखवाए उसके डेरिवेशन करवाएंगे आपको कुछ समझ नहीं आएगा सच बोल रहा हूं मतलब समझ तो आएगा लेकिन यह समझ नहीं आएगा कि हम यह कर
क्या रहे हैं लेकिन जब हम इसकी एप्लीकेशन पे पहुंचेंगे जब हम बर्नोली थ्योरम की एप्लीकेशन पे पहुंचेंगे तब जाके आपको समझ
में आएगा कि अच्छा अब मैं समझ पा रहा हूं कि इसका डेली लाइफ में कितना यूज है और यह कितना इजी टॉपिक भी है ठीक है जी बट अभी
फिलहाल जब मैं बर्नोली थ्योरम लिख रहा हूं आपको बहुत अजीब सा साउंड करेगा लेकिन उसमें तीनों चीजें काम आएंगी तो मेरी
रिक्वेस्ट है कि आप अ इक्वेशन ऑफ कंटिन्यूटी और ये सब जो भी हमने किया पीछे जा जाके चाहे वीडियो को चाहे पॉज कर लो
चाहे पीछे जा अगर आपको फॉर्मूले खुद से याद है तो लिख लो नहीं याद तो पीछे जा जा के वीडियो को पॉज करके प्लीज खासकर ये
तीनों तो लिख ही लो कहीं पे फिर आगे बढ़ते हैं चलिए ठीक है तो आई होप आपने लिख लिया है अब हम बात करते हैं आगे और आज का या इस
चैप्टर का सबसे इंपॉर्टेंट टॉपिक मैं हर बार बोलता हूं बच्चों को कि जैसे कि लॉज ऑफ मोशन में बैंकिंग ऑफ रोड था जैसे कि
ग्रेविटेशन में एस्केप वेलोसिटी था जैसे कि मैकेनिकल प्रॉपर्टीज ऑफ सॉलिड्स में हुक्स लॉ था या मोशन इन अ प्लेन में
प्रोजेक्टाइल मोशन था बिल्कुल उतना ही इंपॉर्टेंट यहां पर बर्नोली थ्योरम रहने वाला है अब जो बर्नोली थ्योरम है जिसको हम
शॉर्ट में बीटी थ्योरम भी कह देते हैं बीटी भी कह देते हैं अब बर्नोली थ्योरम क्या कहता है आओ जरा
समझे तो बर्नोली थ्योरम एक्चुअली जब हम अपने 11थ की किताबें उठाते हैं तो उसमें बर्नोली थ्योरम की जो परिभाषा लिखी होती
है वो बहुत कन्फ्यूजिंग और अजीब सी लिखी होती है लेकिन वहीं पर जब हम थोड़े ब हो जाते हैं या हम
आपको अजीब सा लगेगा मतलब डेरिवेशन समझ में आ जाएगी मैं क्या कह रहा हूं समझ में आ जाएगा बट क्यों कह रहा हूं इससे क्या
फायदा होगा यह आपको समझ में नहीं आएगा कि इतने इंपोर्टेंट चीज क्यों है तो बर्नोली थ्योरम क्या कहता है कि
प्रेशर एनर्जी पर यूनिट वॉल्यूम पर यूनिट वॉल्यूम काइनेटिक एनर्जी पर यूनिट वॉल्यूम पर यूनिट वॉल्यूम
वॉल्यूम रिमेंस कांस्टेंट यानी कि यानी कि अगर मैं ऐसे बोलूं कि मेरे पास एक स्ट्रीम पहली बात तो कुछ
बातें हैं जिन पर आपको ध्यान रखना है और वह यह है कि दिस इज ओनली एप्लीकेबल फॉर स्ट्रीम लाइन फ्लो अगर एक स्ट्रीम लाइन
फ्लो है तो जो प्रेशर एनर्जी पर यूनिट वॉल्यूम है जो कि अभी हमने पीछे निकाली जो काइनेटिक एनर्जी पर यूनिट वॉल्यूम है और
जो पोटेंशियल एनर्जी पर यूनिट वॉल्यूम है इन तीनों का जो सम रहेगा वो कांस्टेंट रहेगा यानी मैथमेटिकली अगर मैं बात करूं
तो यह थ्योरम कहती है कि प्रेशर एनर्जी पर यूनिट वॉल्यूम काइनेटिक एनर्जी पर यूनिट वॉल्यूम एंड पोटेंशियल एनर्जी पर यूनिट
वॉल्यूम इसका जो सम है यह कांस्टेंट रहता है पहली बात तो यह प्रेशर एनर्जी पर यूनिट वॉल्यूम है यह काइनेटिक एनर्जी पर यूनिट
वॉल्यूम और या पोटेंशियल एनर्जी परट वॉल्यूम अभी हमने पढ़ा अब अगर मैं यहां पे बात करूं ये मैंने गलत बटन दबा दिया कोई
अगर मैं यहां पर बात करूं तो यह प्रेशर एनर्जी पर यूनिट वॉल्यूम काइनेटिक एनर्जी पर यूनिट वॉल्यूम और पोटेंशियल एर्ज परणी
वॉल्यूम का सम कांस्टेंट रहेगा पहले तो इसको प्रूफ करेंगे लेकिन आपके मन में ना अभी एक बड़ा ही अजीब सा सवाल चल रहा होगा
कि ये क्या ही हो रहा है कि इन तीनों का सम कांस्टेंट रहेगा ठीक है लेकिन मैं उससे करूंगा क्या तो वो आपको समझ में आएगा जब
हम एप्लीकेशन पर पहुंचेंगे लेकिन सबसे पहले इसकी हमें करनी है डेरिवेशन अब आप मुझे बताओ कि अगर मैं कह रहा हूं कि
प्रेशर एनर्जी पर यूनिट वॉल्यूम काइनेटिक एनर्जी पर यूनिट वॉल्यूम और पोटेंशियल एनर्जी पर यूनिट वॉल्यूम का सम कांस्टेंट
है तो अगर एक लिक्विड फ्लो हो रहा है तो उसके इधर की ये तीनों एनर्जी का सम और उसके इधर के तीनों का एनर्जी का सम
कांस्टेंट रहेगा यानी कि हम इसको ऐसे भी लिख सकते हैं कि p1 प्लस हाफ रो v1 का स्क्वायर प्लस रोजी
h1 इटू रो और जी तो सेम रहेगा रो और जी प कोई चेंज नहीं आएगा डेंसिटी थोड़ी ना चेंज हो जाएगी यहां से क्या आ जाएगा p2 प् हाफ
बर्नोली थ्योरम ये कहती है अब बर्नोली थ्योरम की अगर हम लोग यहां पे डेरिवेशन की बात करें और उसके बाद बात करें कि भाई ये
क्या कहना चाह रही है एक्चुअली में तो इमेजिन करते हैं कि हमारे पास एक पाइप है जिसमें एक फ्लूइड जो है वो फ्लो कर रहा है
ऐसे करके ठीक है ना जमीन ये रही जमीन और ये पाइप है यहां पे इसका एरिया ऑफ क्रॉस सेक्शन ए है यहां पर इसका एरिया ऑफ क्रॉस
सेक्शन a2 है यह जमीन से h1 हाइट प है पाइप और यह वाला पाइप जमीन से h2 हाइट पे है यहां से फ्लूइड फ्लो करेगा तो v1
वेलोसिटी होगी यहां से फ्लूइड फ्लो करेगा तो v2 वेलोसिटी होगी ये सब हम जानते हैं अब अगर मुझे बर्नोली थ्योरम को प्रूफ करना
है तो मैं सबसे पहले निकालू चेंज इन काइनेटिक एनर्जी ठीक है ना चेंज इन काइनेटिक एनर्जी क्या होगा यस सी बात है
फाइनल काइनेटिक एनर्जी व्हिच इज हाफ mv2 का स्क्वा माइनस इनिशियल काइनेटिक एनर्जी व्हिच इज 1/2 mv1 का स्क्वायर ठीक
है और इसको मैं मान लूंगा फर्स्ट इक्वेशन यहां की काइनेटिक एनर्जी माइनस यहां की काइनेटिक एनर्जी कर दिया और इसको मैं मान
एनर्जी कितनी होगी भाई तो आंसर है mgh2 और यहां की पोटेंशियल एनर्जी कितनी होगी भाई तो आंसर है mg1 तो इन दोनों की पोटेंशियल
एनर्जी में जो डिफरेंस आ जाएगा वो क्या आ जाएगा mgh2 - mg1 यानी कि इधर की पोटेंशियल एनर्जी कितनी हो गई mgh2 और इधर
की पोटेंशियल एनर्जी कितनी हो गई mg1 इसको मैं मान लूंगा सेकंड इक्वेशन अब मैं यहां से निकालूं कि वर्क में कितना चेंज आएगा
अब आप सब जान रहे हैं कि अगर ये पाइप ऊंचाई पे जा रहा है तो वर्क डन जो है वो नेगेटिव होगा तो वर्क डन नेगेटिव होगा
यानी कि माइनस वर्क डन यहां का यानी कि w2 - w1 जो कि बराबर हो जाएगा बेसिकली w1 - w2 के अगर मैं माइनस को अंदर ले लूं अब ये
w है क्या भाई अब यह w है क्या क्या w यहां पे वर्क डन बाय फ्लूइड है जिसको मैं प्रेशर एनर्जी भी बोलता आया हूं
थर्मोडायनेमिक्स में तो मैं यहां पे वर्क डन की जगह p1 v - p2v भी लिख सकता हूं तो ये मेरे पास आ जाएगी कौन सी इक्वेशन थर्ड
नहीं समझे तो दोबारा समझो मैंने क्या किया सबसे पहले क्या निकाला यहां की काइनेटिक एनर्जी माइनस यहां की फिर मैंने निकाला
यहां की पोटेंशियल एनर्जी माइनस यहां की फिर मैंने निकाला यहां का वर्क डन माइनस यहां का जो कि माइनस में लिया बिकॉज़ डन
और एनर्जी आपस में नेगेटिव रहते हैं अकॉर्डिंग टू लॉ ऑफ कंजर्वेशन ऑफ एनर्जी ठीक है ना अगर मैं यहां पर आप बोलूं कि
अकॉर्डिंग टू लॉ ऑफ कंजर्वेशन ऑफ एनर्जी लॉ ऑफ कंजर्वेशन ऑफ एनर्जी क्या कहता है भाई एनर्जी कैन नाइ दर बी
क्रिएटेड्रॉअर्नेविगेटर और पोटेंशियल एनर्जी में चेंज लेके आएगा बिकॉज अगर मुझे काइनेटिक एनर्जी चेंज करनी
है और पोटेंशियल एनर्जी चेंज करनी है तो मुझे वर्क तो करना ही होगा हमने ये वर्क एनर्जी थ्योरम में भी पढ़ा था बस वहां पे
सिर्फ काइनेटिक एनर्जी थी बिकॉज ऑब्जेक्ट की वेलोसिटी में सिर्फ चेंज हो रहा था यहां पे लेकिन पोटेंशियल एनर्जी में भी
चेंजेज हो रहे हैं तो वर्क डन के लिए हमारे पास आ चुका है p1 v1 - p2 v2 काइनेटिक एनर्जी आ चुकी है 1/2
mv2 का स्क्वा - 1/2 mv1 का स्क्वा और यहां आ चुका है mgh2 - mg1 सही है ठीक है अब मैं वन वाली
प्स 1/2 mv2 का स्क्वायर प् mgh2 तो मैंने क्या किया वन वालों को एक तरफ लि टू वालों को एक तरफ अब इस पूरी इक्वेशन को अगर मैं
v से डिवाइड कर दूंगा तो हमारा काम हो जाएगा कैसे अगर मैं इस पूरी इक्वेशन को v से डिवाइड कर दूंगा तो p1 व जो है वो p1
हो जाएगा हाफ मास अपॉन वॉल्यूम डेंसिटी हो जाएगा तोय रो v1 का स्क्वायर हो जाएगा सही कह रहा हूं प्लस यहां पर भी अगर वॉल्यूम
से डिवाइड कर दूंगा तो मास अपॉन वॉल्यूम डेंसिटी हो जाएगा एव हैय ठीक है इज इक्वल टू ओ सॉरी सॉरी सॉरी यहां पर भी v है सॉरी
ठीक है इसको भी अगर पूरी इक्वेशन को मैं v से डिवाइड कर दूंगा तो ये p2 हो जाएगा प्लस हाफ मास अपन वॉल्यूम डेंसिटी v2 का
हमें मिल जाएगी अ वर्क एनर्जी थ्योरम कैसे मिल जाएगी वर्क एनर्जी थ्योरम क्या वर्क एनर्जी थ्योरम यही कहती थी कि काइनेटिक
एनर्जी पर यूनिट वॉल्यूम पोटेंशियल एनर्जी पर यूनिट वॉल्यूम एंड प्रेशर एनर्जी पर यूनिट वॉल्यूम का सम कांस्टेंट रहता है तो
यह बेसिकली हमारे पास हो जाएगी वर्क एनर्जी थ्योरम अब ओ सॉरी सॉरी सॉरी सॉरी ब नोलेज थ्योरम एक तो इसकी डेरिवेशन इतनी
प्यारी डेरिवेशन है कि इंसान करते-करते बहुत सारे चीजें दिमाग में चलती हैं कि इसकी एप्लीकेशन भी है बहुत प्यारी चीजें
एक्चुअली अभी आपको ये बहुत अजीब लग रही होगी बट फिलहाल हमने बर्नोली थ्योरम को यहां पे प्रूफ कर दिया है अब बर्नोली
थ्योरम क्या कहना चाह रही है इसने कहा कि प्रेशर एनर्जी पर यूनिट वॉल्यूम काइनेटिक एनर्जी पर यूनिट वॉल्यूम और पोटेंशियल
एनर्जी पर यूनिट वॉल्यूम का सम हमेशा कांस्टेंट रहता है फॉर स्ट्रम लाइन फ्लो लेकिन हम इससे करेंगे क्या आओ जरा ध्यान
से सुने और इसकी एप्लीकेशन पे जाएंगे यहां से हम इसकी एप्लीकेशन शुरू करेंगे लेकिन उससे पहले हमें इसका आसान
वर्जन समझना होगा बर्नोली थ्योरम की एप्लीकेशन से पहले हमें इसका आसान वर्जन जो है वह सुनना होगा बहुत ध्यान से क्या
ऐसा कहना ठीक है कि हमने प्रूफ किया है कि प्रेशर एनर्जी पर यूनिट वॉल्यूम काइनेटिक एनर्जी पर यूनिट
वॉल्यूम एंड पोटेंशियल एनर्जी पर यूनिट वॉल्यूम इसका सम कांस्टेंट है सही अब बताओ अगर एक पाइप में पानी फ्लो कर
रहा है और अगर यह सब कांस्टेंट है पानी या कोई भी चीज तो क्या-क्या चीजें हैं जो चेंज नहीं होंगी अगर एक पाइप है उसमें
लिक्विड फ्लो कर रहा है तो क्या-क्या चीजें चेंज नहीं होंगी तो क्या-क्या चीजें चेंज नहीं होंगी वो है हाफ वो है रो वो है
जी और वो है h लेकिन क्योंकि वो तो चेंज नहीं होगा लेकिन क्या-क्या चेंज हो सकता है तो आंसर है वेलोसिटी और प्रेशर अब आप
मुझे बताओ क्या यह कहना ठीक है कि अगर मुझे इन सम का इन सब का सम कांस्टेंट रखना है और वेलोसिटी अगर बढ़ जाती है अगर मुझे
इन तीनों का सम कांस्टेंट रखना है और अगर वेलोसिटी बढ़ जाती है तो वेलोसिटी के बढ़ने से वेलोसिटी के बढ़ने से तो ये सब
बढ़ जाएगा बट हमें तो इसका सम कांस्टेंट रखना है तो अगर किसी भी कारण वर्ष वेलोसिटी बढ़ जाती है तो प्रेशर को कम
होना पड़ेगा ताकि इनका सम कांस्टेंट रहे या फिर अगर वेलोसिटी कम हो जाती है तो प्रेशर को बढ़ना पड़ेगा ताकि इनका सम
कांस्टेंट रहे तो क्या कह रहा हूं समझे अगर व बढ़ता है तो प को कम होना होगा और अगर प बढ़ता है तो व को कम होना होगा इन
शॉर्ट दोनों में से दोनों नहीं बढ़ सकते कोई एक बढ़ेगा तो दूसरे को कम होना पड़ेगा तो अब आप मुझे बताओ क्या मैं ऐसा कह दूं
कि अगर v बढ़ता है तो प्रेशर कम होता है तो इसका मतलब है फास्ट मूविंग फ्लूइड अगर एक फ्लूइड फास्ट
मूव कर रहा है मतलब v बढ़ गया तो फास्ट मूविंग फ्लूइड क्रिएट्स लो प्रेशर और ये एक्चुअली में बर्नोली
थ्योरम की वो वाली स्टेट स्टेटमेंट है जो हम लोग अपने डेली लाइफ में यूज करते हैं और बड़े होक जब आप इंजीनियर बन जाओगे या
फिजिक्स की फील्ड में कुछ भी करोगे आप यही स्टेटमेंट बोलोगे मैं भी अपने एमएससी तक यही स्टेटमेंट बोलता आया हूं पीएचडी नहीं
की मैंने शुरू की थी बस बीच में रोक दी लेकिन एमएससी तक मैं यही स्टेटमेंट बोलता आया हूं जब भी ब नॉलेज हमने लगानी थी कि
फास्ट मूविंग फ्लूइड क्रिएट्स लो प्रेशर फास्ट मूविंग फ्लूइड क्रिएट्स लो प्रेशर फास्ट मूविंग फ्लूइड क्रिएट्स लो प्रेशर
क्योंकि अगर फ्लूइड फास्ट मूव करेगा तो उसका प्रेशर जो है वो लो हो जाएगा उसका प्रेशर जो है वो लो हो जाएगा अब मैं आपको
बहुत सारे बर्नोली थ्योरम की एप्लीकेशन दिखाऊंगा लेकिन उससे पहले अगर मैं यहां पर आपको एक पेपर से बहुत इंटरेस्टिंग चीज
दिखाऊं क्योंकि ये तो आपको इस वाले कैमरा में दिख जाएगा फिर मैं आपको बाकी सारी चीजें पास वाले कैमरा से भी दिखाऊंगा
लेकिन पहले अगर मैं इसको देखूं तो मैंने क्या किया यहां पे अगर हम समझे एक सेकंड हां मैंने एक पेपर की यहां पे एक स्ट्रिप
ले ली ये मैंने एक पेपर की स्ट्रिप ले ली ठीक है अब मैं क्या कर रहा हूं इस थ्योरम को समझने के लिए मैं ना यहां से फूंक
क्यों आ रहा है समझ नहीं आ रहा देखो अगर ये ऐसा होता और मैं फूंक मारता चला जाता नीचे मेरे ऊपर फूंक मारने अगर मैं यहां से
फूंक मारूंगा तो इस ये ऊपर जा रहा है ये तो बड़ी कॉमन सेंस की बात है ऐसा होना भी चाहिए लेकिन अगर मैं नीचे से फूंक मार रहा
हूं तो ये ऊपर जा रहा है कॉमन सेंस लेकिन अगर मैं ऊपर से फूक मार रहा हूं तो भी ऊपर क्यों आ रहा है ऐसा क्यों हो रहा है क्यों
क्योंकि जब मैं यहां पे हवा को बहुत तेजी से फ्लो करवा रहा हूं तो फास्ट मूविंग फास्ट मूविंग फ्लूइड फास्ट मूविंग फ्लूइड
इज क्रिएटिंग लो प्रेशर जब मैं यहां से हवा को फास्ट मूव करवा रहा हूं तो यहां का प्रेशर लो हो रहा है और नीचे का प्रेशर
हाई है तो जो फ्लूइड है वो आपको पता है कहां से लिफ्ट लगाता है कहां से फोर्स लगाता है फ्रॉम हायर प्रेशर टू लोअर फ्रॉम
हायर प्रेशर टू लोअर यहां पे हो गया लो प्रेशर यहां पे हो गया हाई प्रेशर तो पेपर पे यहां से फोर्स लगने लग गई और ये उठने
लग गया दिस इज दिस इज बर्नोली थ्योरम दिस इज बर्नोली थ्योरम समझ गए आओ अब बर्नोली थ्योरम से और बहुत सारी एप्लीकेशंस के
बारे में बात करते हैं मैं यहां पे आपको दो चीजें दिखाने वाला हूं दोनों के दोनों ड्रायर की मदद से होने वाली हैं और आओ
ड्रायर की मदद से ये ये जो मैंने यहां पे स्टायरोफोम बॉल रख रखी हैं इसके ऊपर काम करते हैं आओ पहले दो एक्टिविटी देखते हैं
कि फास्ट मूविंग एयर क्रिएट्स लो प्रेशर कैसे कर रही है उसके बाद इसकी प्रैक्टिकल एप्लीकेशन पे आते हैं कहां हम इसको यूज़
करते हैं अब यहां पे हमारे पास एक बॉल है और यहां पे हमारे पास ड्रायर है तो ड्रायर की मदद से हम फास्ट मूविंग एयर क्रिएट
करेंगे यहां से फास्ट मूविंग एयर क्रिएट होगी बॉल के आसपास से अब अगर यह बॉल है और बॉल के आसपास से फास्ट मूविंग एयर क्रिएट
होगी तो वो आसपास इधर लो प्रेशर क्रिएट करेगी और उसके आसपास हाई प्रेशर होगा तो ऐसे करके बॉल पे फोर्स लगेगी जिसकी वजह से
बॉल हमारी हवा में रुकनी चाहिए आओ यह काफी हैवी बॉल है तो आओ एक बार एक लाइट वाली बॉल से करके देखते हैं क्या
में जो कि इस पर लो प्रेशर क्रिएट कर रही है और साइड से दोनों तरफ से प्रेशर लग रहा है ये बॉल हिल क्यों रही है क्योंकि इसकी
बॉल की बनावट जो है वो यूनिफॉर्म नहीं है अभी मैं स्विंगिंग ऑफ वॉल अभी हम स्विंगिंग ऑफ वॉल पढ़ेंगे उसमें इसको हम
समझेंगे अब यहां पर हमारे पास एक फनल है फनल के अंदर हमारे पास मैंने ये एक बॉल डाल दी है अगर मैं इस बॉल को उल्टा ऐसे
करूंगा तो ये बॉल तो नीचे गिर जाएगी ग्रेविटी की वजह से लेकिन अगर मैं इस पाइप में फूक मारूं यह पाइप इससे बस कनेक्टेड
है अगर मैं इस फूक मारूंगा और फिर इसे उल्टा करूंगा तो जो भी हमने ड्रायर के साथ देखा वो इसके साथ होगा साइड से फोर्स
लेकिन जैसे ही मैंने फूंक मारना बंद किया गिर गई दोबारा से देखते आओ तो इस वाले केस में भी ये हुआ जब मैंने
हवा मारी तो इसके आसपास से हवा गई जिसने फास्ट मूविंग एयर क्रिएट किया लो प्रेशर हो गया और साइड से बॉल को जकड़ के रखा इस
फनल के अंदर तो सेम साइंस से जो ड्रायर में थी बस तरीका अलग है ठीक है यार तो बहुत ही बढ़िया अ एक्चुअली थ्योरम है
बर्नोली थ्योरम जिसमें आपने देखा कि फास्ट मूविंग एयर कैसे लो प्रेशर क्रिएट कर रहा है बट आप सोच रहे होंगे कि यह बॉल हवा में
उड़ाना या थर्मा कॉल की बॉल्स उड़ाना या पेपर को हिलाना यह हमारी लाइफ में तो काम नहीं आएगा ना ओबवियस सी बात है नहीं आएगा
बट इसकी क्या डेली लाइफ एप्लीकेशंस है जिसको हम पॉइंट की फॉर्म में लिख रहे हैं और आपको समझा भी नहीं तो आंसर है
स्विंगिंग अ बॉल स्विंगिंग अ बॉल एक बॉल को अगर मुझे स्विंग करना हो तो होता क्या है मैं आपको समझा रहा हूं
आप सबको पता है सब आप क्रिकेट देखते होंगे नहीं भी देखते मैं आपको बताता हूं एक होता है स्पिन जब बॉल टप्पा खाके डायरेक्शन को
चेंज करे उसको बोलते हैं स्पिन लेकिन अगर बॉल हवा में ही अपनी डायरेक्शन को चेंज कर ले उसको स्विंग बोलते हैं फुटबॉल के साथ
यह काफी अच्छे से हो सकता है लेकिन जो क्रिकेट बॉल है उसके साथ यह करना बहुत डिफिकल्ट होता है इसलिए जो बॉल स्विंग कर
सकता है वह एक अच्छा बॉलर माना जाता है अगेन द पॉइंट इज कि होता कैसे है आपने नोटिस किया होगा नहीं किया तो अब करना जब
भीय क्रिकेट का मैच हो रहा हो तो जो फास्ट बॉलर्स होते हैं पहली बात तो वही जनरली बॉल को स्विंग करा सकते हैं क्योंकि इसके
लिए हाई स्पीड चाहिए सेकंड आपने नोटिस किया होगा कि जब एक बॉल जब एक बॉलर के पास बॉल आती है तो वह हमेशा एक तरफ से बॉल को
घिसते रहते हैं तोलिए से या हाथ से क्योंकि वह एक तरफ से उसको चमकदार यानी कि शाइनी यानी कि स्मूथ रखना चाहते हैं और एक
तरफ से बॉल को रफ करते हैं और इसीलिए जो नई बॉल होती है एकदम ब्रांड न्यू वह थोड़ा कम स्विंग करते लेकिन जब पांच छ ओवर 10
ओवर हो जाते हैं उसके बाद बॉल को वो बार-बार एक तरफ से टप्पा मारते हैं जिसकी तरफ से वो एक तरफ से रफ होती रहती है और
एक तरफ से स्मूथ एक तरफ से वो चमकाते रहते हैं और एक तरफ से वो रफ होती रहती है जिसकी वजह से वो बॉल एक तरफ से अगर रफ
होगी तो जब वो हवा में जाएगी तो वहां पे उसको ऊबर खाबड़ सरफेस मिलेंगे जिसकी वजह से हवा को तेज चलना पड़ेगा और स्मूथ सरफेस
में बिल्कुल आराम से निकल जाएगी धीरे चलेगी अब अगर एक तरफ से बॉल मान लो एक तरफ से बॉल के फास्ट मूविंग एयर है और एक तरफ
से से स्लो मूविंग तो फास्ट मूविंग एयर विल क्रिएट लो प्रेशर तो यहां पे लो प्रेशर हो जाएगा यहां पे हाई प्रेशर हो
जाएगा फोर्स लगेगी और बॉल जो है वो स्विंग करने लग जाएगी बॉल जो है वो हवा में क्योंकि उसपे साइड से जैसे अभी हवा में
बॉल उड़ रही थी वहां तो दोनों तरफ से प्रेशर लग रहा था वहां पे एक तरफ से रफ है एक तरफ स्मू है तो एक तरफ से फोर्स लगेगी
क्योंकि हाई प्रेशर से लो लगती है और बॉल स्विंग कर जाएगी सेकंड हमारे पास आता है प्लेंस जब प्लेंस हवा में उड़ते हैं
एरोप्लेंस खासकर मैं देखो हेलीकॉप्टर की साइंस बहुत अलग है आपको पता है हेलीकॉप्टर एक जगह पे खड़ा-खड़ा भी उड़ सकता है लेकिन
प्लेन एक जगह पे खड़ा-खड़ा कभी भी उड़ नहीं सकता है उसको शुरुआत में एक सर्टेन वेलोसिटी चलनी पड़ती है फिर उसको एक रनवे
चाहिए जिस पे वो चलता है जैसे उसके पास एक सर्टेन वेलोसिटी आती है फिर वो ऊपर चलता है अब ऐसा क्यों होता है जो प्लेंस होते
हैं अगर आप उनके साइड के विंग्स देखो जब वो टेक ऑफ कर रहे होते हैं तो ऊपर से थोड़ा वो कर्व हो जाते हैं और नीचे से
फ्लैट रहते हैं अब जब प्लेन चलता है तो यहां से हवा को ऐसे चलना पड़ता है लेकिन यहां से हवा को ऐसे चलना पड़ता है अब
कंटिन्यूटी को बरकरार रखने के लिए इक्वेशन ऑफ कंटिन्यूटी के हिसाब से कंटिन्यूटी को बरकरार रखने के लिए यहां से हवा बहुत
फास्ट चलती है जिसकी वजह से लो प्रेशर क्रिएट कर देती है यहां हवा धीरे चलती है जिसकी वजह से हाई प्रेशर क्रिएट होता है
फोर्स लगती है आप सब जानते हो फ्रॉम हायर प्रेशर टू लोअर प्रेशर इस विंग पे नीचे से ऊपर की तरफ फोर्स लगती है और यह हवा में
उड़ना शुरू हो जाता है प्लेन तो ये एक बेसिक प्रिंसिपल है जिसपे प्लेन उड़ता है ऐसी बहुत सारी और एप्लीकेशन जैसे कि हर्ट
अटैक अब हर्ट हर्ट अटैक एक एप्लीकेशन नहीं है लेकिन हर्ट अटैक के पीछे की साइंस भी बर्नोली थ्योरम है हार्ट अटैक आने के पीछे
के बहुत सारे रीजन हो सकते हैं यहां पर उनमें से एक रीजन की यहां पर हम बात कर रहे हैं व्हिच इज कोलेस्ट्रॉल
समझो जब हमारी ब्लड कैपिलरी के अंदर ये जो मैं पीला पीला बना रहा हूं यह हमारे लिए कोलेस्ट्रॉल है तो हमारी जब भी ब्लड
कैपिलरी के अंदर कोलेस्ट्रॉल जमा हो जाता है कोलेस्ट्रॉल जमा हो जाता है और यहां से जब ब्लड फ्लो करता है बाहर की तरफ तो यहां
पे इक्वेशन ऑफ कंटिन्यूटी के हिसाब से इधर एरिया बहुत कम है तो वेलोसिटी बढ़ जाती है अभी मैं बर्नोली सरम नहीं कह रहा हूं अभी
मैं इक्वेशन ऑफ कंटिन्यूटी कह रहा हूं इक्वेशन ऑफ कंटिन्यूटी के हिसाब से अगर एरिया कम होगा तो वेलोसिटी ज्यादा हो
जाएगी तो यहां पे कोलेस्ट्रॉल जमा होने की वजह से हाई वेलोसिटी हो जाती है ब्लड की एंड आज क्या पढ़ा फास्ट मूविंग फ्लूइड विल
क्रिएट लो प्रेशर तो यहां पे ब्लड का प्रेशर लो हो जाएगा रिलेटिवली हर्ट के आसपास ब्लड प्रेशर हाई होता चला जाएगा
हर्ट और ज्यादा ताकत से ब्लड को पंप करना चाहेगा ताकि यहां का प्रेशर मेंटेन हो सके और उसकी वजह से हर्ट को फेलियर महसूस होगा
या हर्ट पे कार्डियक अरेस्ट आ जाएगा या हर्ट अटैक हो जाएगा तो यहां पे भी बर्नोली थ्योरम देखने को मिलती है बहुत सारी और
एप्लीकेशन है लाइक छत का उड़ जाना वेंचुरी मीटर यानी कि फुसफुस जो कि अब हमारे सिलेबस में नहीं है पहले हुआ करता था तो
ये सारी चीजें भी बर्नोली थ्योरम के ऊपर बेस्ड रहती हैं बात समझ में आ गई अब इस चैप्टर में अगर हम देखें तो वैसे तो यह
जिसमें से पहला फार्मूला हमारे पास आता है पॉयजंस फार्मूला बर्नोली थ्योरम क्या है समझ गए फास्ट मूविंग फ्लूइड क्रिएट्स लो
एफ्लक्स वेलोसिटी ऑफ एफ फ्लक्स कहता है कि अगर मेरे पास एक बहुत बड़ा कंटेनर है और उस कंटेनर के अंदर अगर मैंने यहां पे पानी
ले रखा है पानी ले रखा है पानी ले रखा है पानी ले रखा है तो इस कंटेनर यहां पे अगर एक छोटा सा छेद है तो क्या इससे पानी बाहर
आएगा ए फ्लक्स का मतलब उस छेद से पानी बाहर आना धारा तो उसकी जो वेलोसिटी होती है वो क्या होती है पहली बात तो वेलोसिटी
ऑफ f फ्लक्स का फार्मूला है अंडर √ 2gh जो कि बर्नोली थम लगा के आप बहुत इजली डिराइवर कर सकते हो बट अभी के लिए अगर हम
फॉर्मूला पढ़े तो वेलोसिटी का फार्मूला क्या है अंड √2 g अब यहां पे अंड √ 2gh में ये जो g है वो एक्सीलरेशन ड्यू टू
ग्रेविटी है और जो हाइट है वो h है h क्या है कितने नी हाइट पे ये छेद है यानी कि डेप्थ अब इस चैप्टर की शुरुआत में मैंने
आपको एक एक्सपेरिमेंट दिखाया था जिसमें हमने देखा था कि जितना छेद नीचे होगा उतनी वेलोसिटी ज्यादा है और ये फार्मूला भी
प्रूफ करता है कि वेलोसिटी h के डायरेक्टली प्रोपोर्शनल है जितना छेद नीचे होगा वेलोसिटी उतनी ज्यादा होती चली जाएगी
बात समझ में आ गई तो इसको बोलते हैं वेलोसिटी ऑफ ए फ्लक्स यानी एफ फ्लक्स मतलब उस छेद से पानी बाहर आने की वेलोसिटी क्या
है ध्यान रखेंगे यहां पे जो कंटेनर है वो ओपन है क्या करेंगे आप बहुत आसान है ऊपर लगाओ बर्नोली थ्योरम नीचे लगाओ दोनों को
इक्वेट कर दो रोजी एच से रोजी एच कैंसिल हो जाएगा प्रेशर डिफरेंस बराबर आ जाएगा हमारे पास अंडर रूट 1/2 रो v1 का स्क्वायर
रो v2 का स्क्वायर इक्वेशन ऑफ कंटिन्यूटी लगाना इसका एरिया a1 ले लो इसका एरिया a2 ले लो बहुत इजी डेरिवेशन है आप कर लोगे
मुझे पता है बहुत आसान है ऑल दो इसकी डेरिवेशन अगर इंपॉर्टेंट होती तो मैं यहां कराता इंपॉर्टेंट है आती भी है पेपर में
लेकिन इससे ज्यादा इसका फार्मूला ज्यादा इंपॉर्टेंट है बात समझ में आती है और एक और फार्मूला है जिसको बोलते हैं पॉयजंस
फॉर्मूला अगेन ये एनसीआरटी में नहीं है बट कभी-कभार इसके ऊपर हमारे लिए न्यूमेरिकल्स आ जाते हैं तो यह फार्मूला भी मैं आपके
लिए लिख देता हूं यह फार्मूला एक्चुअली होता है वॉल्यूम पर यूनिट टाइम का यानी कितने रेट से एक पाइप से पानी बाहर आ रहा
है एक पाइप से कितने रेट से पानी बाहर आ रहा है इसको बोलते हैं वॉल्यूम पर यूनिट टाइम इसका फर्मूला एनसीआरटी देती है पा बा
8 प की पावर 4 बा नी ए फार्मूला देती है पा बा 8 प की पावर 4 बाय टा एल वेयर p इज प्रेशर r इज रेडियस ऑफ द पाइप टा इज को
एफिशिएंट ऑफ विस्कोसिटी एंड एल इज लेंथ तो इस फॉर्मूले के हिसाब से हमारे पास आता है कि एक पाइप से कितना पानी पर यूनिट टाइम
बाहर आएगा यह उसका फार्मूला है एंड फाइनली बच्चों ये दोनों फॉर्मूले अगर आप याद कर लेते हैं और इस चैप्टर के सारे फॉर्मूले
तो ये चैप्टर यहां पर हमारा खत्म होता है आई होप यह बहुत बड़ा वन शॉट आपको अच्छा लगा हो बट मैंने पूरी कोशिश की कि मैं इस
वन शॉट को छोटे से छोटा रखूं बट यह यह एक्चुअली में चैप्टर ही बहुत अपने आप में बड़ा है तो इसलिए यह वन शॉट भी बड़ा हो
जाता है ठीक है भाई तो अगर आपको यह वन शॉट विद एक्सपेरिमेंट अच्छा लगा तो प्लीज आप नीचे कमेंट सेक्शन पे प्यार जरूर छोड़ के
जाइएगा है ना और अगेन अ आप कमेंट सेक्शन में बता देना कि अगर आपको इस वाले चैप्टर का डिलीटेड हिस्सा करना है कि नहीं करना
है इनकी डेरिवेशन मैंने आपको सबकी डेरिवेशन कराई है इनकी करनी है कि नहीं करनी है तो फिर जब हम लाइव जाएंगे पेपरों
के दौरान यानी कि दिसंबर एंड से तो हम इसकी डेरिवेशन भी करवा देंगे बट दैट इज नॉट द पॉइंट पॉइंट इज कि इस चैप्टर का हर
एक हिस्सा हमने डिटेल में पढ़ा तभी यह वन शॉट बहुत बड़ा हुआ तो अगर आपको ये वनशॉट अच्छा लगा तो प्लीज लाइक बटन जरूर दबाइए
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