Overview of Unit 4: Thermodynamics and Steam Engineering
Unit 4 covers essential topics of Thermodynamics and Steam Engineering, critical for RGPV BTech first-year mechanical engineering students preparing for exams.
Thermodynamics Topics
- Thermodynamic systems: definitions, properties, and types (open, closed, isolated, adiabatic)
- Basic laws of thermodynamics: Zeroth, First, Second laws with statements and implications
- Energy transfer: heat and work as path functions
- Thermodynamic processes: constant pressure, constant volume, isothermal, adiabatic, polytropic
- Concepts of state, process, thermodynamic cycle
- Microscopic vs macroscopic approaches
Steam Engineering Topics
- Boiler classification based on tube content, firing method, pressure, circulation method, position, and number of tubes
- Important boiler types: Cochran, Locomotive, Babcock and Wilcox
- Boiler mountings: water level indicator, safety valves, feed check valves, blow-off cock, fusible plug, pressure gauge
- Boiler accessories: superheater, economizer, air preheater, feed water pump
- Boiler efficiency and equivalent evaporation concepts
Key Concepts and Insights
Thermodynamics
- Energy cannot be created or destroyed, only converted (First Law). For a deeper understanding, refer to Complete Thermodynamics & Thermochemistry Concepts Explained
- Heat transfer naturally occurs from higher to lower temperature (Second Law). Explore more on heat transfer in Comprehensive Overview of Heat Transfer Concepts
- Heat and work depend on the path of the process, unlike state properties
- Thermodynamic cycles return to initial state, net work done relates to net heat transfer
Boilers
- Fire tube boilers have hot gases inside tubes surrounded by water; water tube boilers have water inside tubes surrounded by hot gases
- Boiler mountings are essential safety components ensuring proper operation
- Boiler accessories improve thermal efficiency by recovering heat and raising feed water temperature
- Equivalent evaporation allows comparison of boiler performance on standardized basis
Draft in Boilers
- Natural draft arises from pressure difference caused by hot gases inside the chimney vs atmospheric air outside
- Artificial draft created by fans to overcome limitations of natural draft
- Types of artificial draft include forced, induced, and balanced draft
Practical Exam Tips
- Focus on understanding key definitions and laws
- Draw neat diagrams for systems, boilers, and draft setups
- Use standard formulas for calculating work, heat transfer, and boiler efficiency
- Remember distinctions between boiler types and mountings/accessories
Additional Resources
- Download simplified notes from Gateway Classes app
- Watch detailed lectures for numerical problem-solving
- Practice previous RGPV question papers focusing on Unit 4 topics
Maximize your exam preparation with this concise yet thorough revision covering all important facets of Unit 4 of Basic Mechanical Engineering for RGPV BTech first year.
हेलो एवरीवन वेलकम टू द गेटवे क्लासेस तो कैसे हैं आप सभी लोग उम्मीद करता हूं कि आप सभी अच्छे होंगे और आपकी पढ़ाई भी
अच्छी चल रही होगी मेरा नाम है महेंद्र सिंह तोमर और मैं आपको आरजीपीवी भोपाल बीटेक फर्स्ट ईयर का एक इंपॉर्टेंट
सब्जेक्ट पढ़ा रहा हूं और सब्जेक्ट का नाम है बेसिक मेकेनिकल इंजीनियरिंग आप सभी जानते हैं कि इस सब्जेक्ट का पूरा कोर्स
पूरा सिलेबस मैं ऑलरेडी यूनिट वाइज लेक्चर वाइज डिटेल में कवर करा चुका हूं एप्लीकेशन में भी और
अच्छे से आपने तैयारी कर ली होगी और अब जो है टाइम है वन शॉर्ट रिवीजन का क्योंकि आपके एग्जाम नजदीक आ गए हैं तो मैं आपको
यहां पर बेसिक मैकेनिकल इंजीनियरिंग की पांचों यूनिट का वन शॉर्ट रिवीजन कराने वाला हूं यानी कि पूरे का पूरा सिलेबस
आपका कवर हो जाएगा वन शॉट के माध्यम से आप जो है कम समय में अच्छे से अपने सब्जेक्ट की इसकी तैयारी कर सकते हैं तो यूनिट नंबर
फोर का वन शॉर्ट रिवीजन आज हम लोग करेंगे तो ध्यान दीजिएगा सिलेबस एक बार देख लेते हैं कि आरजीपीवी के अंदर यूनिट नंबर फोर
का सिलेबस क्या है बेसिक मैकेनिकल इंजीनियरिंग बीएमई का तो यहां पर हमको दो टॉपिक्स पढ़ने हैं एक थर्मोडायनेमिक्स
पढ़ना है यूनिट नंबर फोर में दूसरा है स्टीम इंजीनियरिंग तो थर्मोडायनेमिक्स में क्या-क्या पढ़ने वाले हैं थर्मोडायनेमिक
सिस्टम क्या होता है प्रॉपर्टीज स्टेट प्रोसेस ग्रोथ लॉ फर्स्ट लॉ सेकंड लॉ ऑफ थर्मोडायनेमिक्स देन थर्मोडायनेमिक
प्रोसेस एट कांस्टेंट प्रेशर एंड कांस्टेंट वॉल्यूम एंथल पी एंड एंट्रोपिक म इंजीनियरिंग के अंदर हम
पढ़ेंगे क्लासिफिकेशन एंड वर्किंग ऑफ बॉयलस मा माउंटिंग्स एंड एक्सेसरीज ऑफ़ बॉयल र्स देन एफिशिएंसी एंड परफॉर्मेंस ऑफ
बॉयलस नेचुरल एंड आर्टिफिशियल ड्रॉट्स के बारे में पढ़ेंगे और स्टीम प्रॉपर्टीज के बारे में पढ़ेंगे यह पूरे का पूरा सिलेबस
जो है यूनिट नंबर फोर का आज इस वन शॉट में आपका कवर हो जाएगा ध्यान दीजिएगा सारे क्वेश्चंस आपको आज की इस वन शॉर्ट वीडियो
से ही मिलने वाले हैं यूनिट नंबर फोर से जितने भी क्वेश्चंस आएंगे आप इजली उनको सॉल्व कर सकेंगे अब रही बात आप पूछेंगे कि
सर इसके नोट्स कहां पर मिलेंगे तो मैं आपको बता देता हूं आपको नोट मिल जाएंगे एप्लीकेशन के अंदर या
चलिए तो शुरुआत करते हैं इस पूरे इस पूरे सिलेबस को आज की वन शॉर्ट वीडियो में हम कवर करते हैं ये मैं आपको बता देता हूं कि
हमारा जो एप्लीकेशन है आप जो ए वाले स्टूडेंट्स हैं वो googlephotos.com आरजीपीबी के लिए कोर्सेस लेकर के आइए तो
बेसिक मैकेनिकल इंजीनियरिंग का जो कोर्स है मैंने वो कंप्लीट कराया था इस बार तो टेस्टिंग हो चुकी है और सेकंड सेमेस्टर से
आपके बीटेक फर्स्ट ईयर के सेकंड सेम के सारे कोर्सेस सभी सब्जेक्ट के कोर्सेस इट इज द साइंस ऑफ एनर्जी ट्रांसफर
थर्मोडायनेमिक्स क्या है एनर्जी ट्रांसफर का साइंस है एंड इट्स इफेक्ट ऑन प्रॉपर्टीज ऑफ द सिस्टम ये सिस्टम क्या
होता है हम नेक्स्ट स्लाइड में पढ़ने वाले हैं ऐसे समझो एक चाय का कप है अभी आपने गरम-गरम चाय बनाई है ये चाय हो गई है ना
चाय का टेंपरेचर कितना होगा शुरुआत में तो मान लीजिए 80 85 डिग्री सेल्सियस रहा होगा तो मान लो चाय का टेंपरेचर 80 डिग्री
सेल्सियस अब चाय को आपने रोम में रख दिया टेबल के ऊपर रख दिया नाउ व्हाट विल हैपन तो चाय का जो टेंपरेचर है वो धीरे-धीरे कम
होगा मतलब जो चाय है वो ठंडी होने लग जाएगी और यहां पर आप देख सकते हैं चाय का टेंपरेचर कितना था 80 डिग्री सेल्सियस और
बाहर जो रूम का टेंपरेचर है वो सराउंडिंग जो है उसका टेंपरेचर मान लेते हैं कि 25 डिग्री सेल्सियस है क्योंकि अंदर का
टेंपरेचर चाय का टेंपरेचर ज्यादा है बाहर का टेंपरेचर कम है तो हीट का ट्रांसफर होगा बाहर से मत अंदर से बाहर की तरफ चाय
में से हीट निकलेगी चाय के कप से हीट निकलेगी और हीट कहां जाएगी वो सराउंडिंग में चली जाएगी जिसके कारण क्या होगा कि
चाय का जो टेंपरेचर है वो कम हो जाएगा यानी धीरे-धीरे चाय जो है वो ठंडी हो जाएगी आप समझ रहे हैं इस बात को तो ध्यान
देना ये जो हीट का ट्रांसफर हुआ है ये जो हीट का ट्रांसफर हुआ है चाय में से चाय में से जो हीट का ट्रांसफर हुआ है ये एक
एनर्जी का ट्रांसफर हुआ है देखिए जो एनर्जी ट्रांसफर होती है या तो वो हीट की फॉर्म में होती है मैंने जो लिखा है ना
यहां पे एनर्जी का जो ट्रांसफर होता है बेटा या तो वो हीट की फॉर्म में होता है किसकी फॉर्म में हीट की फॉर्म में होता है
या फिर वो वर्क की फॉर्म में ही एनर्जी का ट्रांसफर हो सकता है ठीक है तो यहां पर चाय के कप में से जो हीट ट्रांसफर हो रही
है वो हीट की फॉर्म में हो रही है इसका मतलब क्या हो रहा है एनर्जी का ट्रांसफर हो रहा है तो जब एनर्जी का ट्रांसफर होगा
तो चाय का टेंपरेचर कम होगा और जो टेंपरेचर है ये एक प्रॉपर्टी है सिस्टम की अरे यहां पे जो चाय का कप है जो चाय है ना
वो आपका सिस्टम है वो आपका सिस्टम है और सिस्टम की कुछ प्रॉपर्टी होती है जो हम आगे चल कर के पढ़ेंगे जैसे टेंपरेचर जो है
टेंपरेचर जो है वो एक सिस्टम की प्रॉपर्टी है ऐसी प्रेशर हो सकता है इंटरनल एनर्जी ये सब प्रॉपर्टीज हो सकती है तो कहने का
मतलब यह है कि जब हम जब हम सिस्टम में कुछ सिस्टम में से एनर्जी का ट्रांसफर होता है यहां से हीट बाहर जाएगी एनर्जी का
ट्रांसफर होगा तो सिस्टम की प्रॉपर्टीज पर क्या इफेक्ट आएगा सिस्टम की प्रॉपर्टीज पर क्या इफेक्ट आने वाला है अरे सिस्टम की जो
प्रॉपर्टीज है उन पर क्या इफेक्ट आएगा किसका एनर्जी ट्रांसफर का यानी हीट ट्रांसफर का अरे हीट ट्रांसफर हो गई तो
चाय ठंडी हो गई यानी टेंपरेचर कम हो गया यस और नो तो बेसिकली इट इज द साइंस ऑफ एनर्जी ट्रांसफर थर्मोडायनेमिक्स क्या है
थर्मोडायनेमिक्स इज द साइंस ऑफ एनर्जी ट्रांसफर और एनर्जी ट्रांसफर का क्या इफेक्ट आता है सिस्टम की प्रॉपर्टीज पर कई
बुक में ये भी लिखी रहती है डेफिनेशन कि इट इज द ब्रांच ऑफ साइंस व्हिच डील्स विद द स्टडी ऑफ थई ये तीन ई कौन-कौन सी हैं
एनर्जी पहला ई एनर्जी ई से इक्विलियम ई से एंट्रोपय जीी इक्विलियम और एंट्रोपिक की स्टडी साइंस के जिस ब्रांच में करते हैं
उसको हम थर्मोडायनेमिक्स कहते हैं एक और डेफिनेशन आप लोगों ने पढ़ी होगी कि इट इज द ब्रांच ऑफ साइंस व्हिच डील्स विद द
कन्वर्जन ऑफ लो ग्रेड एनर्जी जिसको हम हीट कहते हैं इनटू हाई ग्रेड एनर्जी देखो जैसे कि मैंने आपको यहां बताया था एनर्जी
ट्रांसफर या तो हीट की फॉर्म में होती है या फिर वो वर्क की फॉर्म में होती है तो हीट को वर्क में हम लोग कन्वर्ट कर रहे
होते हैं जनरली हम क्या करते हैं जैसे आप स्कूटी बाइक बस ट्रैक्टर जो है ये इनके अंदर क्या होता है हम फ्यूल को बर्न करते
हैं डीजल पेट्रोल को तो वहां से जो थर्मल एनर्जी मिलती है हीट की फॉर्म में जो एनर्जी मिलती है फ्यूल को बर्न करके हम
उसको वर्क में मैकेनिकल एनर्जी में कन्वर्ट करते हैं यस और नो तो वही चीज कह रहे हैं कि थर्मोडायनेमिक साइंस की वो
ब्रांच है जिसमें हम हीट को वर्क में कन्वर्ट करते हैं जिसमें हम हीट को वर्क में कन्वर्ट करते हैं तो ये तीन डेफिनेशन
है छोटी-छोटी आप इसमें से कोई एक डेफिनेशन लिख सकते हैं थर्मोडायनेमिक्स के अंदर आइए ये तो सब्जेक्ट का नाम था हमारा यूनिट का
नाम था वट इज थर्मो डायनामिक्स आगे बढ़ते हैं थर्मोडायनेमिक्स के कौन-कौन से एप्लीकेशंस हैं हर जगह आपको
थर्मोडायनेमिक्स के एप्लीकेशन मिल जाएंगे जैसे पावर प्लांट है स्टीम पावर प्लांट गैस पावर प्लांट न्यूक्लियर पावर प्लांट
इन सब में क्या होता है इसमें इन सब में क्या हो रहा होता है हीट को वर्क में कन्वर्ट करते हैं तो ये सब थर्मोडाइल्यूशन
करते हैं अरे डीजल पेट्रोल कुछ तो जलाओ ग कार के अंदर सीएनजी लाओगे तो वहां से जो हीट है हीट प्रोड्यूस होगी और हीट को हम
इंजन के हेल्प से वर्क में क करते हैं वोही थर्मोडायनेमिक्स है ह्यूमन बॉडी के अंदर भी क्या होता है थर्मोडायनेमिक्स
इवॉल्व होती है आपके घरों में रेफ्रिजरेटर रखे हैं एसी है रेफ्रिजरेटर हो गया एयर कंडीशनर हो गया ये सब थर्मोडायनेमिक्स के
एप्लीकेशंस हैं बन टर्बाइंस हो गए एयर कंडीशनर हो गए है ना बोट्स हो गई सोलर सिस्टम हो गया सो बहुत बहुत सारे
एप्लीकेशंस आपको मिल जाएंगे थर्मोडायनेमिक्स के चलिए बेटा आगे बढ़ते हैं और यहां से जो क्वेश्चंस हैं अब आपके
बनने स्टार्ट हो जाएंगे ठीक है ना अब आपके क्वेश्चंस बनने स्टार्ट होंगे ध्यान दीजिएगा इस वन शॉर्ट रिवीजन के अंदर जो
मैं आपको पढ़ा रहा हूं सारे टॉपिक्स भी कवर होंगे जितने क्वेश्चंस ऑलरेडी आए हुए हैं आरजीपीबी के अंदर वो सारे क्वेश्चंस
भी आपके कवर हो जाएंगे तो क्वेश्चन पूछा गया आपसे सिस्टम सराउंडिंग सिस्टम सराउंडिंग और यूनिवर्स क्या होता है
आरजीपी भी दिसंबर 20177 और जून 2022 में ये क्वेश्चन पूछा गया तो माय डियर स्टूडेंट्स देखो सबसे पहले हम समझते हैं
व्हाट डू यू मीन बाय सिस्टम तो सिस्टम कुछ भी हो सकता है इट इज अ क्वांटिटी ऑफ मैटर और अ रीजन इन ए स्पेस कंसीडर्ड फॉर स्टडी
कि जिस मैटर को हम कंसीडर करते हैं या जिस रीजन को हम कंसीडर करते हैं जिस पर हमारी स्टडी फोकस होती है जिस पर हमारी स्टडी
कंसंट्रेट होती है उसको हम क्या बोलते हैं सिस्टम कहते हैं तो सिस्टम तो कुछ भी हो सकता है जैसे इस क्लासरूम की स्टडी मैं
करूं तो ये सिस्टम हो जाएगा मैं आपकी स्टडी करूं तो आप मेरे लिए सिस्टम हो जाओगे एक पिस्टन सिलेंडर अरेंजमेंट है तो
पिस्टन सिलेंडर क्या हो जाएगा एक सिस्टम हो जाएगा बॉयलर है एक सिस्टम हो जाएगा अगर हम बॉयलर की स्टडी कर रहे हैं ठीक है ना
टरबाइन की स्टडी कर रहे हैं तो टरबाइन एक सिस्टम हो जाएगा तो सिस्टम कैन बी एनीथिंग अपॉन व्हिच अवर स्टडी इज फोकस्ड तो यहां
पर आप देख सकते हैं यह एक एक मैंने कोई भी यहां पर एक सिस्टम मान लिया जैसे भी मैंने बताया था आपको ये चाय का कप है तो चाय का
कप भी आपका सिस्टम हो सकता है ये एक सिस्टम हो सकता है यह सिस्टम हो सकता है कुछ भी हमारा एक सिस्टम हो सकता है अब
ध्यान दीजिएगा नाउ व्हाट इज सराउंडिंग द मास और रीजन आउटसाइड द सिस्टम कि भाई सिस्टम के बाहर जो कुछ भी है उसको हम
सराउंडिंग कहते हैं तो देखो यह सिस्टम है अब ये सिस्टम के बाहर जो कुछ भी है सिस्टम के बाहर इस सिस्टम के बाहर जो कुछ भी है
दैट इज दस सराउंडिंग क्या बोलेंगे उसको सराउंडिंग नाउ व्हाट इज बाउंड्री अरे सिस्टम और सराउंडिंग को जो सेपरेट करता है
उसको हम बाउंड्री कहते हैं जैसे ये क्लासरूम मेरा सिस्टम है तो क्लासरूम के बाहर जो कुछ भी है वो सराउंडिंग है अब ये
जो दीवारें हैं क्लासरूम की ये क्या बन जाएंगी बाउंड्री यानी सिस्टम और सराउंडिंग को जो सेपरेट करता है उसको क्या बोलते हैं
बाउंड्री इट इज द सेपरेशन बिटवीन सिस्टम एंड सराउंडिंग नाउ व्हाट इज यूनिवर्स अरे हमने पढ़ा सिस्टम हमने पढ़ा सिस्टम हमने
पढ़ा सराउंडिंग सिस्टम और सराउंडिंग को अगर हम एक साथ मिला लें सिस्टम और सराउंडिंग को अगर हम एक साथ मिलाएं तो
क्या मिलेगा हमको यूनिवर्स यूनिवर्स का मतलब है सिस्टम प्लस सराउंडिंग सिस्टम एंड सराउंडिंग टुगेदर इज कॉल्ड यूनिवर्स है ना
तो सिस्टम प्लस सराउंडिंग क्या बन गया दैट इज दी यूनिवर्स दैट इज व्हाट यूनिवर्स तो आपसे अगर यह क्वेश्चन पूछा जाता है तो आप
लोग ये डायग्राम बना कर के समझा सकते हैं है ना तो देखो ये सिस्टम हो गया ये सराउंडिंग हो गया और ये हो गी सिस्टम की
बाउंड्री और इन दोनों को मिला देंगे तो क्या मिल जाएगा बेटा आपको ये दिस इज द यूनिवर्स आई होप कि आपको यह बात समझ आ गई
होगी लेट्स मूव टू दी नेक्स्ट व्हाट आर दी टाइप्स ऑफ सिस्टम अभी हमने पढ़ा सिस्टम कुछ भी हो सकता है ठीक है अब कितने टाइप्स
के सिस्टम हो सकते हैं ये आरजीपीवी दिसंबर 20177 में क्वेश्चन पूछा गया तो तीन टाइप के सिस्टम है बेटा नंबर वन ओपन सिस्टम
नंबर टू क्लोज सिस्टम नंबर थ्री आइसोलेटेड सिस्टम एक-एक करके बात कर लेते हैं पहले बात करेंगे ओपन सिस्टम ओपन सिस्टम तो
ध्यान दीजिएगा कि ऐसा सिस्टम जहां पर एनर्जी का ट्रांसफर भी हो सके और मास का ट्रांसफर भी हो सके ऐसे सिस्टम को हम ओपन
सिस्टम कहते हैं मतलब एनर्जी का भी ट्रांसफर हो सके और मैंने आपको यहां पर बताया था बेटा एनर्जी ट्रांसफर मैंने
बताया था या तो हीट का ट्रांसफर होगा या वर्क का ट्रांसफर होगा एनर्जी का ट्रांसफर या वर्क का ट्रांसफर तो ध्यान देना जब
एनर्जी का ट्रांसफर भी हो सकता मास का ट्रांसफर भी हो सके एनर्जी इन एनर्जी आउट मास इन मास आउट तो एनर्जी का ट्रांसफर भी
हो रहा है मास का ट्रांसफर भी हो रहा है ऐसे सिस्टम को क्या बोलोगे ओपन सिस्टम ओपन सिस्टम जैसे एक चाय का कप है तो चाय का कप
है तो इसका टेंपरेचर ज्यादा था पहले मान लो इसका टेंपरेचर कितना 80 डिग्री सेल्सियस है बाहर का टेंपरेचर कितना है 25
डिग्री सेल्सियस है अंदर का टेंपरेचर ज्यादा बाहर का टेंपरेचर कम हीट का ट्रांसफर होगा चाय तो ठंडी होगी अरे यस और
नो तो हीट तो बाहर निकली गी बोले तो एनर्जी का तो ट्रांसफर होगा एनर्जी का ट्रांसफर होगा क्या मास का भी ट्रांसफर
होगा मास का मतलब क्या है मास वेपर की फॉर्म में भी हो सकता है लिक्विड की फॉर्म में भी हो सकता है सॉलिड की फॉर्म में भी
हो सकता है तो जब ये चाय है तो यहां से भाप तो निकल रही है ना वेपर की फॉर्म में वेपर की फॉर्म में मास का ट्रांसफर हो रहा
है तो इसका मतलब व ये ओपन सिस्टम है दिस इज व्हाट ओपन सिस्टम एनर्जी का ट्रांसफर भी हुआ मतलब हीट का ट्रांसफर हुआ और मास
का भी ट्रांसफर हो रहा है भाप निकल रही है तो ये ओपन सिस्टम होगा इसके और थर्मोडायनेमिक एग्जांपल आप लिख सकते हैं
ओपन सिस्टम के टरबाइन हो गया पंप हो गया बॉयलर है कंप्रेसर है ये सब ओपन सिस्टम के एग्जांपल हैं मोस्ट ऑफ दी इंजीनियरिंग
डिवाइसेज आर एग्जांपल ऑफ ओपन सिस्टम नाउ क्लोज सिस्टम का मतलब है कि केवल एनर्जी का ट्रांसफर होगा मास का ट्रांसफर नहीं
होगा मतलब ये जो मास का ट्रांसफर हो रहा था यहां पे ये मास का ट्रांसफर यहां पे नहीं होगा जैसे हीट इंजन हो गया
रेफ्रिजरेटर हो गया सिंपल सा एग्जांपल ये देखिएगा जरा जैसे कोकाकोला की बोतल है आपने अभी फ्रीजर में से निकाली तो उसका
टेंपरेचर काफी कम है मान लेते हैं कि इसके अंदर का टेंपरेचर कितना है 10 डिग्री सेल्सियस है और बाहर का टेंपरेचर कितना है
25 डिग्री सेल्सियस है तो इस बार हीट का ट्रांसफर होगा अभी तो यहां से क्योंकि पहले चाय का कप तो गर्म था अंदर से बाहर
हो रहा था लेकिन इस बार बाहर का टेंपरेचर ज्यादा है तो हीट का ट्रांसफर बाहर से अंदर होगा लेकिन हो तो रहा है हीट का
ट्रांसफर अरे यहां भी एनर्जी का ट्रांसफर हुआ था हीट की फॉर्म में लेकिन चाय का टेंपरेचर ज्यादा था तो चाय के कप में से
हीट बाहर चल रही थी क्योंकि हीट का ट्रांसफर अपने आप से हाई टेंपरेचर से लो टेंपरेचर होता है ठीक है ना यहां पर क्या
है पानी का कोका कोला की जो बोतल आपने निकाली उसका टेंपरेचर कम था बाहर का टेंपरेचर ज्यादा था तो टेंपरेचर डिफरेंस
तो अभी भी है तो बाहर से हीट अंदर जाएगी बाहर से हीट इसके अंदर घुसे गी और इसका टेंपरेचर बढ़ जाएगा क्या इस बार ये तो
सील्ड है ये तो ये जो बॉटल है ये तो सील्ड है तो यहां पे मास का ट्रांसफर नहीं होगा जैसे यहां पर वेपर की फॉर्म में चाय से
मास निकल रहा था यहां पे कोका कोला की जो बोटल है वो सील्ड है मास का ट्रांस नहीं होगा तो नो मास ट्रांसफर ध्यान देना मास
का ट्रांसफर नहीं होगा मास का ट्रांसफर नहीं होगा दूसरा क्या एनर्जी का ट्रांसफर होगा यस तो ऐसा सिस्टम जहां पर केवल
एनर्जी ट्रांसफर होती हो जहां पर केवल एनर्जी ट्रांसफर होती हो उसको हम क्लोज सिस्टम कहते हैं तीसरा आता है आपका
आइसोलेटेड सिस्टम जैसे जैसे ये होता है आप थर्मोस्टील की जो बोटल होती है है ना थर्मस फ्लास्क अगर आप चाय भरोगे गरम तो
गर्म रहेगी ठंडा पानी भरोगे तो ठंडा रहेगा क्योंकि यहां पर इसको इस मटेरियल से बनाया जाता है कि हीट का ट्रांसफर भी रोक दिया
जाता है तो यहां पर एनर्जी का ट्रांसफर भी नहीं होगा मास का ट्रांसफर भी नहीं होगा नहीं ट्रांसफर होगा किसका ना तो एनर्जी
ट्रांसफर होगी ना मास ट्रांसफर होगा ऐसे सिस्टम को हम क्लोज्ड सिस्टम के नाम से जानते हैं कैसा सिस्टम होगा क्लोज्ड
सिस्टम होगा जैसे यूनिवर्स याद रखिएगा यूनिवर्स इसका एग्जांपल है हॉट कॉफी इन वेल इंसुलेटेड फ्लास्क और इसको हम ऐसे
दिखा देते हैं इसको हम ऐसे दिखा देते हैं है ना इसका मतलब है कि कोई एनर्जी का ट्रांसफर नहीं हो रहा है ठीक है आपको समझ
आ गई यार ओपन सिस्टम का मतलब है एनर्जी और मास दोनों का ट्रांसफर हो सकता है क्लोज सिस्टम का मतलब है केवल एनर्जी का
ट्रांसफर होगा मास का ट्रांसफर नहीं होगा और आइसोलेटेड सिस्टम का मतलब है किसी का भी ट्रांसफर नहीं होगा एनर्जी का भी और
मास का भी ट्रांसफर नहीं होगा आई होप कि आपको समझ आ गया होगा चलिए आगे बढ़ते हैं व्हाट इज एडिबेक प्रोसेस व्हेन देयर इज नो
फ्लो ऑफ हीट हाउ एवर वर्क एंड मास कैन ट्रांसफर इज कॉल्ड कैन एडि बेटिक सिस्टम अभी जो हम बात कर रहे थे यहां पर एनर्जी
ट्रांसफर की तो यहां पर जो है यहां पर एनर्जी ट्रांसफर नहीं होगी बोले तो ना तो हीट का ट्रांसफर होगा ना वर्क का ट्रांसफर
होगा लेकिन एडि बेटिक में क्या होगा हीट का ट्रांसफर नहीं होगा हीट का ट्रांसफर नहीं होगा लेकिन मास का ट्रांसफर हो सकता
है और वर्क भी ट्रांसफर हो सकता है ऐसे सिस्टम को हम क्या बोलते हैं एडिबेक सिस्टम कहते हैं हैं है ना जैसे यहां पर
टरबाइन का एग्जांपल लिख सकते हैं अगर टरबाइन क्या है वेल इंसुलेटेड है अगर टरबाइन कैसा है बेटा वेल इंसुलेटेड है
मतलब हीट का ट्रांसफर नहीं होगा लेकिन मास तो इसके अंदर आता है अरे टरबाइन आप लोगों को मैं पढ़ा चुका हूं कि टरबाइन के अंदर
स्टीम जाती है और स्टीम बाहर निकलती है अगर ये आपका हाइड्रो हाइड्रोलिक टरबाइन है तो पानी जाएगा पानी बाहर निकलेगा तो मास
तो जा रहा है मास बाहर भी निकल रहा है और वर्क भी मिलता है वहां से तो मास भी ट्रांसफर हो रहा है वर्क भी ट्रांसफर हो
रहा है लेकिन ये क्या है ये आइस मतलब ये क्या कर दिया हमने इसको एडि बेटिक कर दिया एडिया बेटिक का मतलब होता है हीट ट्रांसफर
इज जीरो हीट ट्रांसफर जीरो होता है एडिबेक का मतलब तो यह बात भी आपको समझ में आ गई कि यार मास भी ट्रांसफर होगा वर्क भी
ट्रांसफर होगा लेकिन हीट का ट्रांसफर नहीं होगा हीट ट्रांसफर जीरो है तो ऐसे सिस्टम को हम एडि बेटिक सिस्टम बोलेंगे नाउ व्हाट
इज माइक्रोस्कोपिक एंड मैक्रोस्कोपिक अप्रोच देखिए माइक्रो का मतलब होता है छोटा-छोटा माइक्रो का मतलब समझिए क्या
होता है बहुत छोटा बहुत छोटा बहुत छोटा और मैक्रो का मतलब होता है बड़ा बड़ा मैक्रो का मतलब होता है बड़ा ठीक है ना लार्ज तो
जब हम मान ले ऐसा सोच के देख मान ले कोई एक सिस्टम है है ना जैसे मान लो ये चाय है तो चाय के कितने मॉलिक्यूल होंगे अरे चाय
के तो इंफाइटिंग अगर मैं बोलूं कि मैंने यहां पर हीट का ट्रांसफर किया मैंने यहां पर हीट का
ट्रांसफर किया अब इसके जो बहुत सारे मॉलिक्यूल हैं एक मॉलिक्यूल के अगर मैं बात करूं एक मॉलिक्यूल की समझ रहे हैं एक
मॉलिक्यूल की इस मॉलिक्यूल का टेंपरेचर इंक्रीज हुआ कि डिक्रीज हुआ है ना मतलब जब मैं मॉलिक्यूलर लेवल की बात करता हूं एक
मॉलिक्यूल की बात करता हूं तो वो कहलाती है माइक्रोस्कोपिक अप्रोच बिहेवियर ऑफ इंडिविजुअल मॉलिक्यूल इज टेकन इनटू
कंसीडरेशन जब हम इंडिविजुअल मॉलिक्यूल के बिहेवियर की बात करते हैं जब हम इंडिविजुअल मॉलिक्यूल के स्टडी करते हैं
तो माइक्रोस्कोपिक अप्रोच कहलाती है लेकिन अब हम एक मॉलिक्यूल की बात नहीं कर रहे हम पूरे सिस्टम की बात कर रहे हैं हम एक पूरे
सिस्टम की बात कर रहे हैं ठीक है ना तो एवरेज बिहेवियर हम देख रहे हैं हम एवरेज बिहेवियर देख रहे हैं ऑफ द मॉलिक्यूल देन
इट इज नोन एज मैक्रोस्कोपिक अप्रोच इसका मैं एक और एग्जांपल देता हूं सिंपल सा आप अपनी बॉडी का टेंपरेचर मेजर करते हो
थर्मोमीटर से तो वो एक मलिक आपकी बॉडी का एक मॉलिक्यूल का टेंपरेचर बताता है कि एवरेज टेंपरेचर बताता है वो एवरेज
टेंपरेचर होता है आप बोलते हो 101 है 100 है 99 है दैट डिग्री फ हाइट तो आपकी बॉडी का टेंपरेचर होता है पूरे सिस्टम का
टेंपरेचर होता है वो एवरेज टेंपरेचर होता है इसी तरह से आप लोग जब अपनी कार स्कूटी बाइक के जो टायर में एयर फिल करवाते हो
हवा भरवा हो तो प्रेशर गेज से वो प्रेशर मेजर करता है तो वो जो प्रेशर है वो किसी एक मॉलिक्यूल का प्रेशर है या एवरेज
प्रेशर है एवरेज प्रेशर है तो वो कैसी है वो माइक्रोस्कोपिक अप्रोच है अगर आप केवल एक मॉलिक्यूल का प्रेशर देख रहे हो एक
मॉलिक्यूल का टेंपरेचर देख रहे हो तो वो क्या कहलाए गी माइक्रोस्कोपिक कहलाए गी तो माइक्रोस्कोपिक का मतलब है जब हम
मॉलिक्यूलर लेवल की बात करते हैं और मैक्रो का मतलब है जब हम पूरे सिस्टम की बात करते हैं एवरेज बिहेवियर की बात करते
हैं ठीक है इट इज आल्सो नोन एज स्टैटिस्ट थर्मोडायनेमिक्स इसको हम स्टेटिस्टिक्स भी कहते हैं एंड इट इज आल्सो नोन एज क्लासिकल
थर्मोडायनेमिक्स माइक्रोस्कोपिक को हम क्लासिकल थर्मोडायनेमिक्स के नाम से भी जानते हैं नाउ व्हाट इज स्टेट क्या होता
है व्हाट इज स्टेट प्रोसेस है ना प्रोसेस पा एंड साइकिल जरा ध्यान देना बेटा यहां पे ध्यान देना ये प्रेशर वर्सेस वॉल्यूम
मैंने एक एक्सेस ले रखी है देखो यहां पे यहां पर मान लीजिए ये एक इनिशियल स्टेट है और ये कैसी है फाइनल स्टेट है प्रोसेस हुआ
है मान लो ये इनिशियल स्टेट है वन और ये फाइनल स्टेट है टू प्रोसेस हो रहा है वन से टू एक प्रोसेस हुआ है वन से टू एक
प्रोसेस हुआ है वन से टू प्रोसेस हो रहा है कहां से वन से टू वन जो है वो इनिशियल स्टेट है और टू जो है वो फाइनल स्टेट है
अब ये मैं बोल रहा हूं कि ये स्टेट है क्या व्हाट इज स्टेट एक्चुअल में स्टेट है क्या तो देखो जरा ध्यान से मैंने बोला कि
ये जो स्टेट वन है यहां पे मुझे क्या पता है कुछ प्रेशर पता है कितना प्रेशर है p1 यहां का वॉल्यूम कितना है यहां का वॉल्यूम
बोल दे v1 इसी तरह से ये जो स्टेट टू है ये जो बेटा स्टेट टू है इसका प्रेशर कितना है दिस प्रेशर इज p2 एंड इसका जो वॉल्यूम
है दिस वॉल्यूम इज p2 ठीक है मतलब ये हुआ स्टेट का मतलब है कि सिस्टम की एक कंडीशन होती है कंडीशन का मतलब है कि यहां पे
कितना प्रेशर है कितना वॉल्यूम है प्रॉपर्टी से सिस्टम की प्रॉपर्टी से हमको सिस्टम की कंडीशन पता लगती है ठीक है तो
व्हाट इज स्टेट कंडीशन ऑफ ए सिस्टम व्हाट इज स्टेट कंडीशन ऑफ सिस्टम इज नोन एज स्टेट सिस्टम की कंडीशन क्या है सिस्टम की
कंडीशन का मतलब कि सिस्टम की कंडीशन का मतलब है कि सिस्टम की प्रेशर कितना सिस्टम का वॉल्यूम कितना है सिस्टम का टेंपरेचर
कितना है सिस्टम की एंट्रोपिक नाउ नाउ व्हाट इज प्रोसेस द चेंज ऑफ स्टेट
इज नोन एज प्रोसेस देखो हमने किसी सिस्टम के अंदर हमने क्या करा किसी सिस्टम के अंदर कुछ हीट सप्लाई करी तो उसका प्रेशर
बढ़ा उसका वॉल्यूम मान लो बढ़ा तो अभी इसका प्रेशर v1 था वॉल्यूम v1 था अब दूसरी स्टेट आ गई है ना क्योंकि प्रेशर बढ़ गया
वॉल्यूम बढ़ गया तो दूसरी स्टेट आ गई फिर और प्रेशर बढ़ा फिर टेंप प्रेशर बढ़ा वॉल्यूम बढ़ा तो इस तरह से क्या हो रहा है
कंडीशन चेंज हो रही है कंडीशन चेंज हो रही है तो सिस्टम की स्टेट चेंज हो रही है तो ये जो सिस्टम की स्टेट चेंज हो रही है ये
इनिशियल स्टेट थी यहां से प्रोसेस स्टार्ट हुआ दूसरी स्टेट तीसरी स्टेट इस तरह से यह आपको स्टेट मिल रही है अब जो स्टेट सिस्टम
की चेंज हो रही है सिस्टम की जो स्टेट चेंज हो रही है है ना कि वन से फिर ये स्टेट चेंज हुई स्टेट चेंज हुई तो यहां पर
इसकी फाइनल स्टेट आ गई यहां से प्रोसेस स्टार्ट हुआ और यहां तक प्रोसेस हुआ तो ये हो गई इनिशियल स्टेट ये हो गी फाइनल स्टेट
और यह हो गई इसकी इंटरमीडिएट स्टेट तो सिस्टम की जो स्टेट चेंज हो रही है सिस्टम के अंदर कुछ जो चेंजेज हो रहे हैं सिस्टम
की जो कंडीशन चेंज हो रही है इसका मतलब क्या हो रहा है प्रोसेस हो रहा है तो चेंज ऑफ स्टेट ट इज नोन एज द प्रोसेस नाउ
कंडीशन ऑफ सिस्टम इज नोन वि द इज नोन विद द हेल्प ऑफ प्रॉपर्टी सिस्टम की प्रॉपर्टी से क्या लगता है पता हमको सिस्टम की
कंडीशन पता लगती है नाउ व्हाट इज प्रोसेस पाथ ये प्रोसेस पाथ क्या होता है द सीरीज ऑफ स्टेट थ्रू व्हिच द सिस्टम पासेस फ्रॉम
इनिशियल इक्विलियम स्टेट टू फाइनल इक्विलियम स्टेट ये थी इनिशियल इक्विलियम स्टेट स्टेट वन ये थी फाइनल इक्विलियम
स्टेट स्टेट टू ये थी इंटरमीडिएट स्टेट ठीक है अब इसको अगर हम मिला तो ये जो बना है ये जो मिला हमको ये क्या मिल गया ये
मिल गया प्रोसेस पाथ इस प्रोसेस को इस पाथ को फॉलो किया इसने वन से टू तो ये जो हुआ वन से लेकर के टू तक वन से लेकर के टू तक
एक हुआ प्रोसेस और यह जो इसने ये मिला हमको प्रोसेस पाथ ठीक है नाउ व्हाट इज नाउ व्हाट इज थर्मोडायनेमिक साइकिल ये
थर्मोडायनेमिक साइकिल क्या है बेटा कि जब इनिशियल स्टेट और फाइनल स्टेट सेम हो जाती है तो उसको हम बोलते हैं थर्मोडायनेमिक
साइकिल ये बेसिकली कॉम्बिन है अस ऑफ प्रोसेस है ठीक है जैसे आपने देखा कि ये क्या वन से टू गए हम वन से कहां गए टू गए
तो ये तो एक प्रोसेस हुआ इनिशियल स्टेट अलग है और फाइनल स्टेट अलग है जैसे यहां पर आप देख सकते हैं वन से टू हम गए वन से
टू गए हम लोग तो यह तो हुआ एक प्रोसेस वन से टू वन से टू एक प्रोसेस हुआ फिर टू से वन आ गए आप तो टू से वन भी क्या हो गया
प्रोसेस हुआ तो देखो जरा ध्यान से यहां पर अगर आप ध्यान से देखें एक सेकंड यहां पर अगर आप ध्यान से
ऑब्जर्व कर रहे हैं यस माय डियर स्टूडेंट्स तो वन से गए टू और टू से वापस वन पे आ गए तो इनिशियल स्टेट भी वन है वन
से टू गए और टू से वन आ गए इनिशियल स्टेट भी वन थी और फाइनल स्टेट भी वन है अरे इनिशियल स्टेट भी वन है फाइनल स्टेट भी वन
है इसको बोलेंगे साइकिल तो क्या बन चुकी है साइकिल वन से टू गए टू से वन आ गए या ऐसा कर सकते हैं कि वन से टू जाओ वन से टू
जाओ वन से टू गए ू से थ्री गए तो अभी साइकिल नहीं बनी है क्योंकि इनिशियल स्टेट वन है फाइनल स्टेट थ्री है अब थ्री से फिर
बना गए तो यहां पर वन से टू टू से थ्री थ्री से फोर एक प्रोसेस ये हुआ दूसरा प्रोसेस ये और तीसरा प्रोसेस ये तो क्या
बन गई एक साइकिल बन गई तो जब हम इनिशियल स्टेट से जब चलते हैं और वापस वहीं पे आ जाते हैं इनिशियल स्टेट और फाइनल स्टेट जब
सेम हो जाती है उसको हम साइकिल के नाम से जानते हैं आप लोगों को मैंने पढ़ाया भी होगा पहले जैसे ऑटो साइकिल होती है डीजल
साइकिल होती है ना ऑटो साइकिल डीजल साइकिल एंड रंका इन साइकिल जितनी भी साइकिल्स होती हैं उन सब में इनिशियल स्टेट और
फाइनल स्टेट सेम होती है ठीक है चलिए आगे बढ़ सकते हैं अब हम लोग डायग्राम देखिए पूरा का पूरा जो चीजें है मैं डायग्राम के
साथ आपको समझाने का यहां पर प्रयास कर रहा हूं नाउ व्ट डू यू मीन बाय थर्मोडायनेमिक प्रॉपर्टी थर्मोडायनेमिक प्रॉपर्टी क्या
होती है देखो मैंने बोला है कोई एक सिस्टम है जैसे ये क्लासरूम है इस क्लासरूम के अंदर जो एयर है इसके अंदर जो एयर है उसको
भी हम सिस्टम की तरह ट्रीट कर सकते हैं अब इस रूम का अंदर जो एयर है उसका कुछ तो मास रहा होगा मान लो m इसका कुछ वॉल्यूम भी
होगा मान लो v इसका टेंपरेचर होगा टी प्रेशर होगा p डि इसकी डेंसिटी होगी रो लेकिन अगर यह इसके अंदर जो एयर है इसका
कुछ टेस्ट भी होगा इसकी कुछ स्मेल भी हो सकती है इस एयर की कुछ स्मेल भी हो सकती है सिस्टम के अंदर जो कंटेंट है जो मैटर
है उसकी कुछ स्मेल भी हो सकती है नाउ व्हाट डू यू मीन बाय प्रॉपर्टीज ध्यान से देखिएगा कि जब हम सिस्टम को डिफाइन करते
हैं सिस्टम को डिफाइन करने के लिए या सिस्टम को एक्सप्लेन करने के लिए सिस्टम को डिफाइन करने के लिए सिस्टम को
डिस्क्राइब करने के लिए जो करेक्ट ध्यान से देखिएगा रिपीट करता हूं इस सिस्टम को डिफाइन करने के लिए या सिस्टम को
एक्सप्लेन करने के लिए जो मेजरेबल कैरेक्टरिस्टिक होती हैं कौन सी मेजरेबल कैरेक्टरिस्टिक होती हैं वो कहलाती है
आपकी थर्मोडायनेमिक प्रॉपर्टीज देखो जरा क्या मास को आप मेजर कर सकते हो कर सकते हैं क्या प्रेशर को मेजर कर सकते हो कर
सकते हैं अरे आप जब अपने टायर में बाइक के टायर में स्कूटी के टायर में हवा भरवा हो एयर भरवा हो तो उसका प्रेशर तो पता लगता
है टेंपरेचर पता लग सकता है क्या थर्मामीटर से तो टेंपरेचर को प्रे र को मास को वॉल्यूम को डेंसिटी को आप मेजर कर
सकते हो लेकिन आप टेस्ट को मेजर नहीं कर सकते आप स्मेल को मेजर नहीं कर सकते ये मेजरेबल नहीं है तो ये देखिएगा जरा ये
सारी की सारी कैरेक्टरिस्टिक हैं मास वॉल्यूम टेंपरेचर डेंसिटी टेस्ट स्मेल ये सब करैक्टर िक्स है सिस्टम की लेकिन इनमें
से वो कैरेक्टरिस्टिक जिनको हम मेजर कर सकते हैं ऑल मेजरेबल कैरेक्टरिस्टिक ऑल मेजरेबल कैरेक्टरिस्टिक व्हिच कैन
डिस्क्राइब और स्पेसिफाई थर्मोडायनेमिक सिस्टम आर नोन एज प्रॉपर्टीज सिस्टम की वो कैरेक्टरिस्टिक सिस्टम की वो
कैरेक्टरिस्टिक जिनको हम मेजर कर सकते हैं और उनकी हेल्प से हम सिस्टम को डिस्क्राइब कर सकते हैं उनको कहते हैं थर्मोडायनेमिक
प्रॉपर्टीज कितने टाइप्स की प्रॉपर्टीज होती हैं देयर आर टू टाइप्स ऑफ प्रॉपर्टीज वन इज इंटेंसिव प्रॉपर्टी अनदर वन इज
एक्सटेंसिव प्रॉपर्टी कुछ प्रॉपर्टी ऐसी होती है जो मास पर डिपेंड करती हैं मास अगर चेंज होगा तो वो प्रॉपर्टी चेंज होंगी
कुछ प्रॉपर्टी ऐसी होती है जो सिस्टम के मास पर डिपेंड ही नहीं करती है मास सिस्टम का इंक्रीज हो कि डिक्रीज हो वो प्रॉपर्टी
चेंज नहीं होती है तो ऐसी प्रॉपर्टीज जो मास पर डिपेंड नहीं करती हैं इंडिपेंडेंट होती हैं कैसी होती हैं इंडिपेंडेंट ऑफ
मास उनको हम बोलते हैं इंटेंसिव प्रॉपर्टीज क्या बोलते हैं इंटेंसिव प्रॉपर्टीज नाम से भी देखो पता लग रहा है
इंटेंसिव नाम देखिए इंटेंसिव इंडिपेंडेंट मतलब इंटेंसिव प्रॉपर्टीज वो प्रॉपर्टीज होती है जो इंडिपेंडेंट ऑफ मास होती है
सिस्टम के मास पर डिपेंड नहीं करती है ठीक है जैसे टेंपरेचर हो गया प्रेशर हो गया डेंसिटी हो गई ओके नाउ एक्सटेंसिव
प्रॉपर्टीज वो होंगी जो मास पर डिपेंड करेंगी दोज प्रॉपर्टीज विच डिपेंड ऑन मास और साइज ऑफ द सिस्टम आर नोन एज एक्सटेंसिव
प्रॉपर्टी जैसे मास वॉल्यूम इंटरनेट जैसे यहां पर आप देखो इस क्लासरूम को इस क्लासरूम का अगर मैं पार्टीशन कर दूं है
ना तो मास हो जाएगा आधा इधर आधा इधर आधा दो इक्वल पार्ट में अगर डिवाइड कर दूं तो मास चेंज हो गया तो क्या इसका वॉल्यूम भी
चेंज हो जाएगा हाफ हो जाएगा वॉल्यूम भी तो इसका मतलब वॉल्यूम क्या होगा वॉल्यूम तो मास पर डिपेंड कर गया तो इसका मतलब जो
वॉल्यूम है वो कैसी प्रॉपर्टी है एक्सटेंसिव क्योंकि ये मास पे डिपेंड करती है क्योंकि अभी एक बात बताओ इस रूम का
टेंपरेचर कितना है t है इस रूम का टेंपरेचर मान लो कितना है अभी मान लो सर्दियों के दिन है तो 10 डिग्री सेल्सियस
मान सकते हैं अब आपने इसका पार्टीशन कर दिया दो इक्वल पार्ट कर दिए इस रूम का टेंपरेचर कम हो जाएगा क्या मास कम होने पे
इसका मास हाफ हो गया वॉल्यूम हाफ हो गया क्या टेंपरेचर भी हाफ हो जाएगा इसका नहीं होगा होगा तो टेंपरेचर जो है मास पर
डिपेंड नहीं करता इसलिए टेंपरेचर क्या है वो इंटेंसिव प्रॉपर्टी है क्या इसका प्रेसर चेंज होगा नहीं होगा आपने दो पार्ट
में डिवाइड कर दिया अभी एटमॉस्फेरिक प्रेशर है तभी भी एटमॉस्फेरिक प्रेशर ही रहेगा आप इसको 10 पार्ट में डिवाइड कर दो
तो क्या उसका टेंपरेचर प्रेसर चेंज हो जाएगा नहीं होगा इंटेंसिव प्रॉपर्टी डेंसिटी की बात कर लीजिए डेंसिटी भी मास
पे डिपेंड नहीं करती है हालांकि डेंसिटी का जो फार्मूला होता है रो = m / v होता है बच्चों को ऐसा लग सकता है कि मास आ रहा
है इसका मतलब मास चेंज होगा तो डेंसिटी चेंज होगी लेकिन जो डेंसिटी है मास पर डिपेंड नहीं करती है डेंसिटी डेंसिटी जो
है मास पर डिपेंड नहीं करती है आप एक बात बताओ आपने लिया न केजी वाटर आपने लिया न केजी वाटर कितना न केजी वाटर एक सेकंड न
केजी आपने वाटर लिया सिस्टम कुछ गड़बड़ कर रहा है आपने लिया न केजी वाटर
1 केजी वाटर आपने लिया ठीक है तो 1 केजी वाटर की जो डेंसिटी होगी वो कितनी होगी दैट इज इक्वल टू 1000 किलोग्राम 1000
किलोग्राम पर मीटर क्यूब 1000 किलोग्राम पर मीटर क्यूब डेंसिटी है किसकी 1 केजी वाटर की आपने 10 केजी वाटर लिया तो क्या
उसकी डेंसिटी 10 गुना हो जाएगी नहीं मास तो चेंज हो गया अब उसका मास 1 केजी से बढ़ा कर के आप 100 लीटर कर दीजिए 100 लीटर
1 लाख लीटर कर दीजिए तो क्या उसकी डेंसिटी इतनी ज्यादा हो जाएगी नहीं 1000 क्रा पर मीटर क्यूब रहेगी तो मास पर डिपेंड नहीं
करती है डेंसिटी डेंसिटी भी कौन सी प्रॉपर्टी है इंटेंसिव प्रॉपर्टी है ठीक है आगे बढ़ते हैं नेक्स्ट आता है आपका
इसको आप स्किप कर सकते हैं मैंने अलग जो डिटेल में पढ़ाया था उसके हिसाब से पढ़ाया था ये आप इसको स्किप कर सकते हैं नाउ
प्रूव दैट वर्क एंड हीट आर पाथ फंक्शन हीट ट्रांसफर वर्क ट्रांसफर जो है वो पाथ फंक्शंस होते हैं ये आपको प्रूफ करना है
और ये क्वेश्चन आपसे पूछा गया है कि आरजीपीबी जून 2023 में तो आपको एक बात ध्यान रखनी हैग आपको एक बात ध्यान रखनी है
कि वर्क ट्रांसफर इज अ पाथ फंक्शन देखो जो वर्क होता है ड इक्वल टू इंटीग्रेशन ऑफ पीडीबी होता है मतलब आप क्या करेंगे पीबी
डायग्राम बनाएंगे मतलब प्रेशर वर्सेस वॉल्यूम तो प्रेशर वर्सेस वॉल्यूम आपने डायग्राम बनाया प्रेशर वर्सेस वॉल्यूम
आपने एक डायग्राम बनाया अब यहां पर एक प्रोसेस हुआ बेटा वन से लेकर के टू तक वन से लेकर के टू तक ठीक है एक प्रोसेस हुआ
मैंने बताया आपको को वन से टू जाएंगे हम लोग तो हम वन से टू यहां पर गए और इसने पाथ ए को फॉलो किया इसने किसको फॉलो किया
इसने पाथ ए को फॉलो किया ध्यान देना वन से हम टू गए इसने पाथ ए को फॉलो किया तो इसके नीचे का एरिया हम निकाल सकते हैं क्या
आइएगा इसका एरिया देखते हैं वन से मैं बात कर रहा हूं यहां पर वाइट कलर की ठीक है किसके कलर की वाइट कलर से जो प्रोसेस हुआ
है ध्यान देना वाइट कलर ए जो है वो वाइट कलर से है तो ये वाला जो एरिया होगा दिस वन ये एरिया
होगा और यह एरिया कौन सा ये कितना वर्क आएगा ये आएगा डब्लू ए मतलब क्योंकि जो पाथ फॉलो किया है ए पाथ को जो फॉलो किया है
इसके नीचे का टोटल एरिया निकाल लो अरे जो एरिया होता है वो किसके बराबर होता है वर्क के बराबर होता है अब हमको क्या करना
है कि वन से टू जाना है लेकिन पाथ को चेंज करना है अब हमने बी पाथ के थ्रू गए है ना कौन सा पाथ फॉलो किया ग्रीन कलर का आप देख
पा रहे होंगे बी पाथ ठीक है ग्रीन कलर से तो ग्रीन कलर से जो एरिया होगा वो ये वाला होगा यानी पहले से एरिया घट गया है पहले
से एरिया घट गया है और कौन सा एरिया आ गया आपको डब्बी एक और एक पाथ नेक्स्ट और कंसीडर कर लेते हैं जो आप पिंक कलर का देख
रहे हैं कौन सा कलर है पिंक कलर सी पाथ जिसने फॉलो किया है अब ये वाला जो एरिया होगा वो कुछ और ही आएगा ये और कम हो गया
ये वाला और कम और डब्लू सी अब आप देख रहे हैं क्योंकि सभी का एरिया अलग-अलग है मतलब आप ध्यान से अगर ऑब्जर्व कर पा रहे हैं
इसको कि a का एरिया अलग आएगा बी का एरिया और कम आएगा स का एरिया और कम आएगा क्योंकि एरिया अलग-अलग पाथ के लिए अलग है तो बेटा
वर्क भी तो अलग-अलग होगा क्योंकि डबल होता है पीडीबी और पीडीबी किसके बराबर होता है
एरिया के बराबर होता है ठीक है तो क्योंकि डल स की वैल्यू सबसे कम है ल ए की वैल्यू सबसे ज्यादा है फिर उसके बाद w ब की
वैल्यू आएगी क्योंकि एरिया ए का सबसे ज्यादा बी का उससे कम सी का उससे कम इसका मतलब ड बी और डल स अलग-अलग पाथ के लिए लिए
अलग-अलग एरिया आ रहा है अगर अलग-अलग पाथ के लिए अलग-अलग एरिया आएगा तो उसका वर्क भी अलग-अलग आएगा इसका मतलब यह हुआ अलग-अलग
पाथ के लिए अलग-अलग पाथ के लिए अलग-अलग वर्क है तो वर्क जो है वो पाथ फंक्शन है अगर पाथ चेंज होगा ए से बी बी से सी या
कोई और पाथ इसमें आ जाएगा इसका मतलब यह हुआ कि वर्क चेंज हो जाएगा तो वर्क जो है वो पाथ फंक्शन है वो पाथ पर डिपेंड करता
है वो पाथ पे डिपेंड करता है अब देखो तीनों ही केसेस में ए बी c में हम वन से टू जा रहे हैं यानी इनिशियल पॉइंट और
फाइनल पॉइंट दोनों तीनों के लिए सेम है लेकिन पाथ अलग-अलग होने के कारण एरिया अलग-अलग है वर्क भी अलग-अलग है वर्क पाथ
पे डिपेंड करता है इसलिए वर्क जो है एक पाथ फंक्शन है इतनी सी बात आपको समझा है तो डायग्राम मैंने छोटा सा डायग्राम बना
कर के आपको समझा दिया है यही चीज आप लोग यहां पर समझा देंगे अपने एग्जाम में ड जो होता है वन से टू अरे वन से टू जो वर्क
होता है इंटीग्रेशन पीडी भी होता है जो कि एरिया के बराबर होता है अलग-अलग पाथ के लिए अलग-अलग एरिया है तो अलग-अलग वर्क
होगा इसलिए वर्क ट्रांसफर जो है वो पाथ फंक्शन होगा जो मैंने आपको बात बताई है वो अंग्रेजी में यहां पर सिंपल लैंग्वेज में
लिखी हुई है कि पाथ फंक्शंस आर दोज क्वांटिटीज दैट डिपेंड्स अपऑन द पाथ फॉलो ओके दीज क्वांटिटीज कैन नॉट बी
रिप्रेजेंटेड बाय ए पॉइंट ऑन द थर्मोडायनेमिक प्लेन आप यह नहीं कह सकते कि यहां पर कितना वर्क है किसी एक पॉइंट
पर वर्क नहीं पता लगता टू पर कितना वर्क है यह नहीं बता सकते आपको एरिया निकालना पड़ेगा उसके लिए ठीक
है तो वन से टू हम जा रहे हैं तीनों केसेस में है ना लिखा है यहां पे दे आर रिप्रेजेंटेड बाय द एरिया अंडर द कर्व
कंसीडर द प्रोसेस वन टू टू व्हिच कैन फॉलो पाथ ए बी एंड सी एज शोन इन द फिगर ए बी सी तीन प्र तीन पाथ हैं तीनों के लिए क्या है
एरिया अलग-अलग है तो वर्क भी अलग-अलग होंगे इसलिए वर्क जो है वो वर्क ट्रांसफर जो है वो पाथ फंक्शन है इसी तरह से हीट
ट्रांसफर तो जैसे यहां पे वर्क ट्रांसफर के लिए आपने प्रेशर वर्सेस वॉल्यूम डायग्राम बनाया था यहां पे क्या करना है
आपको टेंपरेचर वर्सेस एंट्रोपिक डायग्राम बनाना है p वर्सेस s तो यहां पर जैसे वर्क जो होता है पीडीबी होता है तो यहां पे
वर्क जो है वो पीब होता है बेटा और हीट जो होता है हीट को हम q से लिखते हैं दैट इज इंटीग्रेशन ऑफ टीडीए तो टीए डायग्राम का
एरिया अरे टीएस डायग्राम का एरिया हीट ट्रांसफर बताता है और पीब डायग्राम का एरिया वर्क ट्रांसफर को बताता है ऐसा ही
डायग्राम आगे बना देना ऐसा ही डायग्राम आगे बना देना सब कुछ वही रखना बस p की जगह t और v की जगह s लिख देना यहां पे आपका
टेंपरेचर वर्सेस एंट्रोपय ग्राम बना कर के अब ध्यान से देखिएगा t ए अब ये a के नीचे का एरिया निकालो ग तो ज्यादा आएगा b के
नीचे का एरिया कम आएगा और c के नीचे का एरिया कम आएगा तो क्योंकि एरिया अलग-अलग आएगा टीएस डायग्राम का तो ए इसलिए जो हीट
ट्रांसफर है अलग-अलग पाथ के लिए अलग-अलग आएगा ए पाथ के लिए अलग बी के लिए अलग और c के लिए अलग तो जब हीट ट्रांसफर अलग-अलग
पाथ के लिए अलग-अलग आएगा तो पाथ पे डिपेंड करेगा क्या हीट ट्रांसफर तो हीट ट्रांसफर भी वर्क ट्रांसफर की तरह एक पाथ फंक्शन
होता है हीट ट्रांसफर एंड वर्क ट्रांसफर क्या होते हैं दोनों पाथ फंक्शन होते हैं बोलो कोई दिक्कत वाली बात नहीं है आगे बढ़
सकते हैं ये क्वेश्चन पूछा गया था आपसे आरजीपीबी जून 2023 में कि प्रूफ करो वर्क एंड हीट बोथ आर दी पाथ फंक्शंस तो हीट
ट्रांसफर वर्क ट्रांसफर जो है ये पाथ फंक्शंस होते हैं जो प्रेशर होता है ध्यान देना जो प्रेशर होता है वॉल्यूम होता है
टेंपरेचर होता है डेंसिटी होती है ये सब पॉइंट फंक्शंस होते हैं कौन से फंक्शंस ये पॉइंट फंक्शंस होते हैं उनको हम पॉइंट पर
दिखा सकते हैं लेकिन वर्क एंड हीट वर्क एंड हीट ये दोनों पाथ फंक्शंस होते हैं ये पाथ पे डिपेंड करते हैं आगे बढ़ सकते हैं
चलिए का बहुत बढ़िया बहुत ही शानदार बहुत ही जबरदस्त नाउ व्हाट डू यू मीन बाय यहां पे हम पढ़ेंगे जरथ लॉफ थर्मोडायनेमिक्स
कौन सा अरे जरथ लॉफ थर्मोडायनेमिक्स पढ़ेंगे बहुत बार आरजीपीबी एग्जाम में पूछा जा चुका है ये क्वेश्चन ऑलरेडी इसके
बाद हम पढ़ेंगे फर्स्ट लॉ ऑफ थर्मोडायनेमिक्स उसके बाद पढ़ेंगे सेकंड लॉ ऑफ थर्मोडायनेमिक्स देखिए यहां पर जो
फर्स्ट टू लेक्चरर्स हैं ये टोटल डिटेल लेक्चर की अगर मैं बात करूं बेटा तो मैंने यहां पर आपको कितने लेक्चर दिए थे डिटेल
लेक्चर जिसने देख रखे हैं ऑलरेडी देयर आर एट लेक्चर इन यूनिट नंबर फोर बट जो स्टार्टिंग के दो लेक्चर हैं वो बहुत
इंपॉर्टेंट है एक मैं कवर कर चुका हूं और दूसरा मेरा स्टार्ट हो चुका है है ना दूसरा लेक्चर मेरा स्टार्ट हो चुका है ये
दो लेक्चर जो हैं ये बहुत बहुत इंपोर्टेंट है ज्यादातर क्वेश्चंस आपको फर्स्ट टू लेक्चर से ही मिल जाएंगे और स्पेशली उन
स्टूडेंट्स के लिए जो न्यूमेरिकल सॉल्व नहीं करना चाहते हैं तो वो स्टार्टिंग के दो लेक्चर देख के जाएं जो न्यूमेरिकल
सॉल्व करना चाहते हैं वो थ्री और फोर लेक्चर दोनों देखें मैं रिपीट कर रहा हूं आपके लिए लेक्चर नंबर वन लेक्चर नंबर टू
बहुत इंपॉर्टेंट है जो लोग न्यूमेरिकल करना चाहते हैं वही देखेंगे लेक्चर नंबर थ्री और लेक्चर नंबर फोर ये सब मेंशन है
कौन सा लेक्चर है ठीक है ना चलिए मैं बताता रहूंगा साथ के साथ तो ये इंपोर्टेंट है आपके लिए बहुत इंपॉर्टेंट होने वाला है
क्या बात कर रहे हैं हम लोग यहां पे बात कर रहे हैं जरथ लॉ ऑफ थर्मोडायनेमिक्स एक्चुअली थर्मो डायनामिक्स के अंदर देयर
आर फोर लॉ टोटल कितने लॉ हैं जरथ लॉ फर्स्ट लॉ सेकंड लॉ ऑफ थर्मोडायनेमिक्स एंड थर्ड लॉ ऑफ थर्मोडायनेमिक्स 0 व जीरो
फर्स्ट सेकंड थर्ड लॉ ऑफ थर्मोडायनेमिक्स कितने हो गए 1 2 3 फोर ये फोर लॉ है थर्मोडायनेमिक्स के तो पहले हम बात करेंगे
ग्रोथ लॉ ऑफ थर्मोडायनेमिक्स ठीक है कौन सी जरो थ लॉ ऑफ थर्मोडायनेमिक्स को समझने से पहले आप
समझिए कि थर्मल इक्वि ब्रियन क्या होता है थर्मल इक्वि ब्रियन का मतलब होता है टेंपरेचर से इक्वलिटी ऑफ टेंपरेचर इस क्या
बात कर रहे हैं हम इक्वलिटी ऑफ टेंपरेचर मतलब दो ऑब्जेक्ट हैं एक आयरन का है एक स्टील का है एक का टेंपरेचर ज्यादा है
दूसरे का टेंपरेचर कम है हमने इन दोनों को कांटेक्ट में लेके आए तो क्या होगा जिसका टेंपरे ज्यादा था उसका कम हो जाएगा कम
वाले का ज्यादा हो जाएगा इसका मतलब वो थर्मल इक्वि ब्रियन में आ जाएंगे मतलब ये हुआ कि थर्मल इक्वि बियम का मतलब है थर्मल
इक्विलियम का मतलब है इक्वलिटी ऑफ टेंपरेचर इसका क्या मतलब है इक्वलिटी ऑफ टेंपरेचर इट रेफर्स टू द कंडीशन वन टू और
मोर ऑब्जेक्ट्स और सिस्टम रीच द सेम टेंपरेचर जब दो या दो से ज्यादा सिस्टम सेम टेंपरेचर पर आ जाए उसको
बोलेंगे थर्मल इक्विलियम ठीक है ग्रोथ लफ थर्मोडायनेमिक्स इट प्रोवाइड्स द कांसेप्ट ऑफ टेंपरेचर आप टेंपरेचर का कांसेप्ट
देखते हो जैसे आप थर्मामीटर से अपनी बॉडी का टेंपरेचर मेजर करते हो यह टेंपरेचर का कांसेप्ट कहां से मिला थर्मोडायनेमिक्स के
रथ लॉफ थर्मोडायनेमिक्स से मिला इट प्रोवाइड्स द कांसेप्ट ऑफ टेंपरेचर स्टेटमेंट क्या है इसका ध्यान दीजिएगा
यहां पर तीन सिस्टम है या तीन बॉडी है सिस्टम ए सिस्टम बी एंड सिस्टम सी ये जो स्टेटमेंट है रोलप थर्मोडायनेमिक्स का वो
क्या कहता है अगर सिस्टम ए इफ सिस्टम ए a एंड सी आर इन थर्मल इक्विलियम मतलब ये सिस्टम ए ये सिस्टम सी जो है ये आपस में
थर्मल इक्विलियम में है मतलब दोनों का टेंपरेचर सेम है दूसरा बी एंड सी आर आल्सो इन थर्मल इक्विलियम ये जो सिस्टम बी है और
ये सिस्टम सी है ये भी आपस में क्या है ये भी थर्मल इक्विलियम में है यानी ए के साथ थर्मल इक्विलियम में है और b स के साथ
थर्मल इक्विलियम है तो ये 100% श्यर है कि a और बी भी थर्मल इक्विलियम में होंगे यही है जरथ लफ थर्मोडायनेमिक्स का स्टेटमेंट
तो ये छोटा सा इस तरह का डायग्राम बना कर के समझा दीजिएगा बोल दीजिएगा इफ अगर सिस्टम ए सिस्टम सी के साथ थर्मो इक्वि
बियम में है सिस्टम बी सिस्टम सी के साथ थर्मल इक्वि ब्रियन में है तो फिर सिस्टम ए और सिस्टम बी भी थर्मल इक्विलियम में
होंगे वही लिखा है इफ सिस्टम ए एंड सी आर इन थर्मल इक्विलियम बी एंड सी आर इन थर्मल इक्विलियम दैट मींस दैट मींस ए एंड बी
आल्सो इन थर्मल इक्वि बियम यही है आपका जरथ लॉप थर्मोडायनेमिक्स का स्टेटमेंट कोई दिक्कत वाली बात नहीं इंपॉर्टेंट है कई
बार एग्जाम में ऑलरेडी ये क्वेश्चन पूछा जा चुका है आगे बढ़ सकते हैं हम लोग ठीक है तो याद रखेंगे ग्रोथ लॉ ऑफ
थर्मोडायनेमिक्स ने टेंपरेचर का कांसेप्ट दिया था दूसरा आता है हमारा फर्स्ट लॉ ऑफ थर्मोडायनेमिक्स ध्यान दीजिएगा तो फर्स्ट
लॉ ऑफ थर्मोडायनेमिक्स इज बेस्ड ऑन द एनर्जी कंजर्वेशन ये एनर्जी कंजर्वेशन पे बेस्ड है मतलब मींस द एनर्जी नाइ दर बी
क्रिएटेड्रॉअर्नेविगेटर टू अनदर फॉर्म ऑफ एनर्जी एनर्जी को ना तो उत्पन्न किया जा सकता ना ही उसको नष्ट
किया जा सकता है एनर्जी को एक फॉर्म से दूसरी फॉर्म में कन्वर्ट किया जा सकता है ठीक है ना जैसे फॉर एग्जांपल ये पेन है तो
हाइट की वजह से क्या होगी इसके अंदर पोटेंशियल एनर्जी होगी एज ए वेलोसिटी की वजह से होती है हाफ ऑफ एवी स्क्वा
काइनेटिक एनर्जी अगर यह बॉडी कुछ किसी हाइट पे है तो इसके अंदर पोटेंशियल एनर्जी तो है लेकिन वेलोसिटी कितनी है इसकी जीरो
है वेलोसिटी कितनी है जी तो काइनेटिक एनर्जी जीरो है अब मैं इसको छोड़ देता हूं इसको मैं ड्रॉप कर देता हूं तो नीचे की
तरफ जाएगी एजी ए ए कम हो गया हाइट कम हो गया तो इसका मतलब पोटेंशियल एनर्जी तो कम हो गई तो कम हो गई ना नष्ट नहीं हुई वो
पोटेंशियल एनर्जी कहां चली गई वो पोटेंशियल एनर्जी कहां चली गई काइनेटिक एनर्जी में क्योंकि जब ये नीचे गिरेगी तो
इसके अंदर वेलोसिटी आ जाएगी तो काइनेटिक एनर्जी सॉरी पोटेंशियल एनर्जी काइनेटिक एनर्जी में कन्वर्ट हो गई हीट जो जैसे
देखिएगा मैं ये कर रहा हूं तो यहां से क्या हो रहा है मैं वर्क कर रहा हूं मैं वर्क कर रहा हूं तो वर्क कन्वर्ट हो रहा
है किसमें हीट में फ्रिक्शन की वजह से हीट जनरेट हो रही है तो वर्क हीट में कन्वर्ट हो रहा है या हीट वर्क में कन्वर्ट हो
सकती है आप हीट को वर्क को किसी भी एनर्जी को नष्ट नहीं कर सकते डिस्ट्रॉय नहीं कर सकते एक फॉर्म से दूसरी फॉर्म में कन्वर्ट
कर सकते हो एनर्जी कंजर्वेशन पर बेस्ड है फर्स्ट लॉ ऑफ थर्मोडायनेमिक्स एनर्जी कंजर्वेशन का मतलब है नादर एनर्जी नादर बी
क्रिएटेड्रॉअर्नेविगेटर जा सकता है ठीक है नाउ इसका स्टेटमेंट क्या है अभी हम लोग पढ़ के आए थे प्रोसेस
एंड साइकिल प्रोसेस एंड साइकल ठीक है तो यह जो आपका फर्स्ट लॉ ऑफ थर्मोडायनेमिक्स है यह पहले साइकिल के लिए आया था उसके बाद
प्रोसेस के लिए तो ध्यान देना इसका स्टेटमेंट क्या है फॉर ए क्लोज्ड साइकल या क्लोज सिस्टम क्लोज क्योंकि सिस्टम भी
हमने पढ़े यार सिस्टम जो है वो ओपन सिस्टम भी हो सकता है क्लोज सिस्टम भी हो सकता है आइसोलेटेड सिस्टम भी हो सकता है तो बात हो
रही है कि सबसे पहले हम बात कर फॉर ए क्लोज सिस्टम क्लोज सिस्टम के लिए अंडरगोइंग अ साइकिल साइकिल की बात हो रही
है तो नेट हीट ट्रांसफर इज इक्वल टू नेटवर्क ट्रांसफर क्लोज सिस्टम के लिए अगर कोई सिस्टम है कैसा है क्लोज्ड है और वह
साइकिल पर काम कर रहा है तो नेट हीट ट्रांसफर कौन क्या नेट हीट ट्रांसफर नेटवर्क ट्रांसफर के बराबर होगा है ना
जैसे आप कह सकते हैं कि हीट ट्रांसफर हुआ ये हीट सिस्टम के अंदर गया हीट सिस्टम के बाहर गया तो q1 टू क्या होगा हीट सप्लाई
टू द सिस्टम तो प्लस हीट रिजेक्ट हो रहा है तो वन देखो प्रोसेस वन से टू हुआ प्रोसेस वन से टू हुआ तो हीट सप्लाई हुआ
कितना q1 टूट हीट रिजेक्ट हुआ तो q2 टूव q टू 1 q2 टूव ओके तो हीट जब सिस्टम के अंदर जाती है तो प्लस होता है जब सिस्टम हीट
बाहर निकलती है सिस्टम से तो माइनस होता है हमने लिखा q1 टू 2 माइ q22 1 इनका अलजेब्रिक सम क्या होगा अलजेब्रिक सम ऑफ
हीट q का अलजेब्रिक सम हीट का ज बक्सम कितना ही ट्रांसफर हुआ प्लस माइनस कर लीजिए वो हो जाएगा उसका फिर उसके बाद
कितना वर्क ट्रांसफर हुआ अगर सिस्टम से वर्क मिला है तो प्लस सिस्टम को वर्क दिया है तो माइनस तो देखो w1 22 - w221 कोई
दिक्कत नहीं है यस और नो तो कहने का मतलब यह है बेटा स्टेटमेंट आपको याद रखना है कि नेट हीट ट्रांसफर नेटवर्क ट्रांसफर के
बराबर होता है ठीक ए ये क्या है अरे ये क्या मतलब हुआ देखो ये सर्किल बना हुआ है साइकिल बता रहा है इंटीग्रेशन मतलब होता
है समेशन जैसे यहां पर ये बना हुआ है समेशन अलजेब्रिक सम ऑफ हीट इज इक्वल टू अलजेब्रिक सम ऑफ वर्क यानी के नेट हीट
ट्रांसफर इज इक्वल टू नेटवर्क ट्रांसफर नेट हीट ट्रांसफर इज इक्वल टू नेटवर्क ट्रांसफर आप ये भी लिख सकते हैं आप ऐसा भी
लिख सकते हैं ठीक है बस इतना लिख के दे दीजिएगा ये हो गया आपका स्टेटमेंट ऑफ फर्स्ट लॉ ऑफ थर्मोडायनेमिक्स यार नेट हीट
ट्रांसफर नेट वर्क ट्रांसफर के बराबर होता है नाउ फर्स्ट लॉ ऑफ थर्मोडायनेमिक्स फॉर ए प्रोसेस तो ये फर्स्ट लॉ ऑफ
थर्मोडायनेमिक्स किसके लिए था बेटा ये साइकिल के लिए था क्योंकि जून 2023 में क्वेश्चन पूछा गया उसके बाद यह 2008 और
जून 2012 में क्वेश्चन पूछा गया कि फर्स्ट लॉ ऑफ थर्मोडायनेमिक्स फॉर अ प्रोसेस पहले साइकिल के लिए आया था उसके बाद प्रोसेस के
लिए चलिए वन अ सिस्टम अंडरगोज अ चेंज ऑफ स्टेट स्टेट जब चेंज होती है उसी को तो प्रोसेस
बोलते हैं बताया था बोथ हीट ट्रांसफर एंड वर्क ट्रांसफर टेक्स प्लेस जब सिस्टम का सिस्टम के अंदर कोई प्रोसेस होता है मतलब
स्टेट्स जब सिस्टम की चेंज होती है तो क्या होता है हीट ट्रांसफर भी होता है वर्क ट्रांसफर भी होता है द नेट एनर्जी
ट्रांसफर गेट स्टोर्ड विदन द सिस्टम च इज नोन एज टोटल एनर्जी ऑफ द सिस्टम मान लेय तर कोई सिस्टम है है ना ये क्या है कोई एक
सिस्टम है अब इसमें हमने क्या करा कोई प्रोसेस हुआ वन से टू वन से टू जब प्रोसेस हुआ तो इसके अंदर कितना हीट गया तो 100
किलो जूल इसके अंदर हीट गया वर्क कितना मिला आपको 60 किलो जूल मतलब आपने किसी सिस्टम को इनपुट दिया 100 100 यूनिट उसम
में से वर्क कितना मिला आपको 60 यूनिट तो बाकी कहां गया वो सिस्टम के अंदर चला गया अरे आपने कितना दिया इसको हीट 100 वर्क
कितना मिला 60 तो 100 - 60 40 कहां गया उसके अंदर एनर्जी क्या हो गई स्टोर हो गई अरे यस और नो और यही साइकिल के लिए जीरो
हो गया था यानी कि साइकिल के लिए क्या था बेटा अरे साइकिल के लिए क्या बढा आपने अरे ध्यान से सुनो साइकिल के लिए नेट हीट
ट्रांसफर नेटवर्क ट्रांसफर के बराबर था यहीं पे ये जो हीट ट्रांसफर है वर्क ट्रांसफर के बराबर हो जाएगा अगर ये जीरो
कर दें तो 100 बराबर 100 हो जाए अरे यस और नो अब आपने इनपुट दिया इसको 100 आउटपुट मिला यहां से 60 तो बाकी जो डिफरेंस है वो
कहां गया इस सिस्टम के अंदर चला गया सिस्टम ने अब्जॉर्ब कर लिया सिस्टम के अंदर जो है उसकी टोटल एनर्जी बढ़ गई वही
चीज लिखी गई है द नेट एनर्जी ट्रांसफर गेट स्टोर्ड विद इन द सिस्टम व्हिच इज नोन एज टोटल एनर्जी तो जैसे ही ये प्रोसेस के लिए
इक्वेशन आ गई क्या तो डेल क - डेड यानी कि 100 - 60 = de0 मैंने लिख दिया यहां पर समझाने के लिए
आपको इंटीग्रेटिंग इक्वेशन वन इस इक्वेशन को इंटीग्रेट कर दो फॉर ए चेंज ऑफ फ्रॉम स्टेट वन से टू तक तो वन से टू तक जब इसको
डिफरेंशिएबल इसकी e1 जब आपने हीट सप्लाई करी तो कितना हो गया e2 हो गया ठीक है ना और e2 - e1 का
जो डिफरेंस है वो त समझ में आ रही है चलिए नाउ वेयर e1 एंड e2 ये क्या है टोटल एनर्जी ऑफ द सिस्टम एट स्टेट वन एंड स्टेट
टू इनिशियल स्टेट वन पे e1 थी बाद में कितनी हो गई e2 हो गी नाउ q12 2 क्या बेटा हीट ट्रांसफर टू द सिस्टम ड्यूरिंग द
प्रोसेस फ्रॉम स्टेट वन से टू वन से टू कितनी हीट ट्रांसफर करी हमने q1 टू 2 w1 टू 2 क्या है वर्क ट्रांसफर स्टेट वन से
टू कितना वर्क ट्रांसफर हुआ सो दिस इज द इक्वेशन फॉर फर्स्ट लॉ ऑफ थर्मोडायनेमिक्स फॉर ए प्रोसेस ये किसके लिए थी साइकिल के
लिए यह किसके लिए है प्रोसेस के लिए अब इसी इक्वेशन को आगे हम फर्द और थोड़ा सा सिंपलीफाई करें यह इक्वेशन होगी d q - d w
= d अरे यही तो इक्वेशन लिखी है इसको ना क्या करना है हमको यह जो कैपिटल e है यह टोटल एनर्जी है यह जो कैपिटल e है यह टोटल
एनर्जी है और टोटल एनर्जी का मतलब है काइनेटिक एनर्जी प्लस पोटेंशियल एनर्जी प्लस इंटरनल एनर्जी e क्या है यहां पर
इंटरनल एनर्जी अब मैं इनको अगर डिफरेंशिएबल एनर्जी d ऑफ़ काइनेटिक एनर्जी यानी कि यह
काइनेटिक एनर्जी में कितना चेंज हुआ पोटेंशियल एनर्जी में कितना चेंज हुआ इंटरनल एनर्जी में कितना चेंज हुआ अब मैं
क्या करूं कि इंटरनल एनर्जी में जो चेंज हुआ उसके रिस्पेक्ट में काइनेटिक एनर्जी का चेंज और पोटेंशियल एनर्जी का चेंज बहुत
ही कम होता है मान लो कि एक व्यक्ति ने दूसरे व्यक्ति को ₹ लाख रप दिए कितने रुपए दिए ₹ लाख रप दिए और किसी दूसरे दूसरे
बंदे ने उसको कितने रुपए दिए लाख एक अब एक लाख के कंपैरिजन में एक रप तो बहुत कम है भाई एक लाख र का सामान अगर लोगे तो एक रप
तो छोड़ सकता है कोई व्यक्ति अब आप ₹ का सामान ले रहे हो तो ₹ में से ₹ तो कोई नहीं छोड़ेगा क्योंकि ₹ ₹ के रेस्पेक्ट
में काफी वैल्यू रखता है एक रप के रिस्पेक्ट में काफी वैल्यू रखता है लेकिन एक रुपया रुपया अभी भी एक ही है ₹ लाख रप
के रिस्पेक्ट में क्या है उसकी वैल्यू बहुत कम हो गई है यस और नो तो वही बात है कि ये जो काइनेटिक एनर्जी और पोटेंशियल
एनर्जी के चेंजेज है बहुत ही नेगलिजिबल है मतलब बहुत ही कम है तो नेगलेक्ट कर दिया तो यहां पर जो टोटल जब इसने आप इसको
नेगलेक्ट कर दिया आपने तो ये जो टोटल एनर्जी थी ये चेंज इन इंटरनल एनर्जी के बराबर हो गया तो को आप क्या लिख सकते हो य
लिख सकते हो तो इस वाली इक्वेशन में आपने क्या करा को य से रिप्लेस कर दिया तो ये भी फर्स्ट लॉ ऑफ थर्मोडायनेमिक्स के
इक्वेशन है ये भी फर्स्ट लॉ ऑफ थर्मोडायनेमिक्स के इक्वेशन है किसके लिए प्रोसेस के लिए दोनों इक्वेशन में डिफरेंस
क्या है व्हाट इज द डिफरेंस बिटवीन दिस टू इक्वेशन एक इक्वेशन ये है और दूसरी इक्वेशन आपकी ये है भाई इसमें क्या है डेल
क - डेड = यहां पर भी वही इक्वेशन है बस की जगह य आ गया इसका मतलब यह है कि यहां पर जो e था ये टोटल एनर्जी था और यहां पर
जो य है वो इंटरनल एनर्जी है तो बेटा ये जो इक्वेशन है हमारे पास ये जो है यह भी फर्स्ट लॉ ऑफ थर्मोडायनेमिक्स इक्वेशन है
प्रोसेस के लिए ये भी फर्स्ट लॉ ऑफ थर्मोडायनेमिक प्रोसेस कि लेकिन यह तब है जब हमने काइनेटिक एनर्जी एंड पोटेंशियल
एनर्जी के चेंजेज को नेगलेक्ट कर दिया है वेन चेंजेज इन काइनेटिक एनर्जी एंड पोट पोटेंशियल एनर्जी आर नेगलेक्टेड कोई
दिक्कत वाली बात नहीं है अब आपसे आरजीपी में क्वेश्चन पूछ लिया था टू मार्क्स में व्हाट डू यू मीन बाय इंटरनल
एनर्जी एनर्जी व्हिच इज एसोसिएटेड विद मॉलिक्यूल इज नोन एज इंटरनल एनर्जी सिस्टम की सिस्ट जो सिस्टम होता है ठीक है ना तो
सिस्टम के जो मॉलिक्यूल होते हैं मॉलिक्यूल से जो एसोसिएटेड एनर्जी होती है मतलब मॉलिक्यूल की जो एनर्जी होती है दैट
इज नोन एज इंटरनल एनर्जी एंड इट इज सम ऑफ माइक्रोस्कोपिक फॉर्म ऑफ एनर्जी मैंने बताया था ना आपको जब हम मॉलिक्यूलर लेवल
की बात करते हैं तो माइक्रोस्कोपिक अप्रोच बताया था ना माइक्रोस्कोपिक माइक्रोस्कोपिक तो ये जो इंटरनल एनर्जी है
ये मॉलिक्यूलर एनर्जी तो है तो ये क्या हो गई सम ऑफ माइक्रोस्कोपिक एनर्जी माइक्रोस्कोप जैसे वाइब्रेशनल एनर्जी हो
गई ठीक है नाउ इंटरनल एनर्जी होती है एक्सटेंसिव प्रॉपर्टी होती है प्रॉपर्टी मैं पढ़ा चुका अभी आपको इंटेंसिव और
एक्सटेंसिव तो ये एक्सटेंसिव प्रॉपर्टी है और इसको हम जनरली किलो जूल में लिखते हैं दूसरा स्पेसिफिक इंटरनल एनर्जी स्पेसिफिक
क्या होती है पर यूनिट मास अगर हम लिखें इसको अगर हम किलो जूल को किलो जूल पर केजी अगर लिखें तो यह बन जाएगी स्पेसिफिक
इंटरनल एनर्जी इट इज जनरली एक्सप्रेस्ड इन किलो जूल पर केजी ठीक है तो आगे बात करें हम लोग इंटरनल एनर्जी की बात कर ली नाउ अब
हमने जरथ लॉ पढ़ चुके फर्स्ट लॉ पढ़ चुके नाउ द लिमिटेशन ऑफ फर्स्ट लॉफ थर्मोडायनेमिक्स हम जरो लॉ पढ़े उसके बाद
फर्स्ट लॉ पढ़े फर्स्ट लॉ की लिमिटेशंस क्या है और इन लिमिटेशंस को किसने दूर करा ड्रॉ बैक क्या है फ थर्म डायनेमिक्स से ये
ड्रॉ बैक किसने दूर करे सेकंड लॉ ऑफ थर्मोडायनेमिक्स ने तो ध्यान दीजिएगा जो लिमिटेशन है फर्स्ट लॉफ थर्मोडायनेमिक्स
वो क्या है कि इसने डायरेक्शन नहीं बताई थी इसने यह बताया था कि एनर्जी जो है व कंजर्व है एनर्जी का ट्रांसफर होता है अब
वन से टू हो रहा है ट्रांसफर की टू से वन हो रहा है यह नहीं बताया इट डज नॉट प्रोवाइड द डायरेक्शन फॉर ए पर्टिकुलर
प्रोसेस ये नहीं बताया इन्होने मतलब कोई भी प्रोसेस अगर फर्स्ट लॉ ऑफ थर्मोडायनेमिक करेगा तो जरूरी नहीं कि वो
प्रोसेस हो जाए अकर हो जाए ऐसा जरूरी नहीं है ठीक है ना तो सफिशिएंट कंडीशन नहीं दी थी नेसेसरी कंडीशन है किसी भी प्रोसेस को
होने के लिए फर्स्ट लॉ ऑफ थर्मोडायनेमिक्स को क्या करना चाहिए सेटिस्फाई लेकिन सेकंड लॉ को भी सेटिस्फाई करना चाहिए तो पहले
इसकी लिमिटेशन आपको पता लग गई इट डज नॉट प्रोवाइड द डायरेक्शन फॉर अ पर्टिकुलर प्रोसेस इसने डायरेक्शन नहीं बताई थी
अकॉर्डिंग टू फर्स्ट ल ऑफ थर्मोडायनेमिक्स व्हेन ए क्लोज सिस्टम अंडरगोन ए थर्मोडायनेमिक साइकिल द नेट हीट ट्रांसफर
इज इक्वल टू नेटवर्क ट्रांसफर इसने ये तो बताया कि नेट हीट ट्रांसफर नेटवर्क ट्रांसफर के बराबर होता है एंड दिस स्टेट
डज नॉट स्पेसिफाई द डायरेक्शन ऑफ अ फ्लो ऑफ हीट एंड वर्क हीट और वर्क फ्लो होने की डायरेक्शन क्या होगी ये इन्होंने नहीं
बताया कि हॉट बॉडी से कोल्ड बॉडी की तरफ होगी कि कोल्ड बॉडी से हॉट बॉडी की तरफ होगी जैसे चाय का कप है गर्म गरम चाय इसके
अंदर भरी हुई है ठीक है ना अब इसका टेंपरेचर 80 डिग्री सेल्सियस है बाहर का टेंपरेचर 25 डिग्री सेल्सियस है अब इसकी
जो हीट तो ट्रांसफर होगी लेकिन यहां से यहां होगी कि यहां से वहां होगी ऐसा फर्स्ट लॉ ने नहीं बताया यह किसने बताया
सेकंड लॉ ऑ थर्मोडायनेमिक्स ने बताया ये इसकी लिमिटेशन है ये इसका ड्रॉ बैक है ठीक है आगे बढ़ सकते हैं हम लोग य
आइए लिखा भी है यहां पे लिखा भी है डायरेक्शन किसने बताई देखो जरा एक सेकंड हां इट इज द सेकंड ऑ
थर्मोडायनेमिक्स ये सेकंड लॉ ऑफ थर्मोडायनेमिक्स है व्हिच गिव्स द डायरेक्शन फॉर ए पर्टिकुलर प्रोसेस व्हिच
गिव्स द डायरेक्शन फॉर ए पर्टिकुलर प्रोसेस थ्रू दी कांसेप्ट ऑफ एंट्रोपिक सेप्ट ऑफ
एंट्रोपय कि यह सेकंड लॉफ थर्मोडायनेमिक्स है जिसने किसी प्रोसेस की डायरेक्शन बताई इसीलिए सेकंड लॉ ऑफ थर्मोडायनेमिक्स को हम
डायरेक्शनल लॉ भी कहते हैं क्या कहते हैं डायरेक्शनल लॉ भी कहते हैं डायरेक्शनल लॉ दिस इज देयर फोर सेकंड लॉ इज ने
डायरेक्शनल ऑफ थर्मोडायनेमिक्स और कैसे बताई थी थ्रू द कांसेप्ट ऑफ एंट्रोपिक कांसेप्ट के माध्यम से सेकंड लॉ
ऑफ थर्मोडायनेमिक्स ने प्रोसेस की डायरेक्शन बताई थी इसीलिए हम सेकंड लॉ ऑफ थर्मोडायनेमिक्स को डायरेक्शनल लॉ भी कहते
हैं चलिए आगे बढ़ते हैं नेक्स्ट नोट कर लीजिएगा इस बात को कि हीट इज अ लो ग्रेड एनर्जी एंड वर्क इज अ हाई ग्रेड एनर्जी जो
हीट होती है जिसको हीट को हम किससे लिखते हैं q से ये लो ग्रेड एनर्जी होती है और जो वर्क होता है डब् ये हाई ग्र एनर्जी
होती है और एक्सपेरिमेंट से यह पाया गया इट इज फाउंड दैट इट इज फाउंड दैट द कंप्लीट कन्वर्जन ऑफ हीट यानी कंप्लीट
कन्वर्जन ऑफ हीट यानी कि लो ग्रेड एनर्जी इनटू हाई ग्रेड एनर्जी दैट इज वर्क यानी कि हीट जो कि लो ग्रेड एनर्जी है इसको
कंपलीटली कन्वर्ट नहीं कर सकते किसमें वर्क में यह इंपॉसिबल है मान लो 100 किलो जूल हीट है आप चाहो कि इसको वर्क में
कन्वर्ट कर दो 100 किलो जूल वर्क में हो नहीं पाएगा ऐसा तो हो सकता है कि 70 80 50 कि है ना जैसे फॉर एग्जांपल 60 किलो जूल
वर्क मिल गया 100 के 100 किलो जूल हीट को वर्क में आप कन्वर्ट नहीं कर सकते हो साइकिल के अंदर यह इंपॉसिबल है दिस इज नॉट
पॉसिबल ठीक है याद रखेंगे इस बात को हीट को जो है वर्क में कन्वर्ट नहीं कर सकते फुली इन केस ऑफ साइकिल आइएगा थर्मल एनर्जी
रिजर्वायर्स थर्मल एनर्जी रिजर्वायर्स एक होता है सोर्स और दूसरा होता है सिंक सोर्स वो थर्मल एनर्जी रिजर्वायर
होता है जो हीट को सप्लाई कर करता है सोर्स है ना तो हीट देगा तो देखो इसने हीट दी है q ए और यहां पर इसका टेंपरेचर कितना
है टीच और ध्यान रखना कि ये टेंपरेचर जो है वो कांस्टेंट होगा जैसे सूरज है सन है तो सन से हमको एनर्जी मिल रही है सन से
हमको हीट मिल रही है लेकिन सन का टेंपरेचर चेंज नहीं होगा तो उसकी इंफाइटिंग क्या होता है सिंक वो थर्मल एनर्जी
रिजर्वायर होता है जो हीट को एब्जॉर्ब करता है हीट को अपने अंदर एब्जॉर्ब करता है तो देखो यहां पर यह हीट को एब्जॉर्ब कर
रहा है यह हीट सिस्टम के अंदर जा रही है रिजर्वायर के अंदर जा रही है इसको बोलते हैं सिंक तो सिंक वो थर्मल एनर्जी
रिजर्वायर है सिंक वो थर्मल एनर्जी रिजर्वायर है जो हीट को रिसीव करता है अरे दो तरह के थर्मल एनर्जी रिजर्वायर हैं एक
सोर्स दूसरा सिंक सोर्स हीट को सप्लाई करता है और सिंक हीट को एब्जॉर्ब करता है सोर्स का टेंपरेचर हम टीटीएच लिखते हैं है
ना और ये सिंक जो है उसका टेंपरेचर हमने t लिखा है बात समझ में आ गई आगे बढ़ सकते हैं यस नाउ द सेकंड लॉ ऑफ थर्मोडायनेमिक्स
कौन सा लॉ बेटा दिस इज दी सेकंड लॉ ऑफ थर्मोडायनेमिक्स बहुत इंपॉर्टेंट है बहुत इंपॉर्टेंट है कई बार आरजीपी में आता है
हर यूनिवर्सिटी में ये क्वेश्चन पूछा जाता है ठीक है तो सेकंड लॉ ऑफ थर्मोडायनेमिक्स के दो स्टेटमेंट हैं अभी आपने पढ़ा जरथ लॉ
ऑफ थर्मोडायनेमिक्स एक स्टेटमेंट था फर्स्ट लॉ ऑफ थर्मोडायनेमिक्स उसका भी एक स्टेटमेंट था लेकिन यहां रो सेकंड लॉ ऑफ
थर्मोडायनेमिक्स के तो दो स्टेटमेंट है कौन-कौन से केल्विन प्लांक स्टेटमेंट एंड क्लॉसिस स्टेटमेंट तो पहले हम बात करेंगे
केल्विन प्लांक स्टेटमेंट की केल्विन प्लांक स्टेटमेंट ने क्या कहा कि यहां पर एक मशीन है यहां पर एक डिवाइस है और यहां
पर एक सोर्स है सोर्स का काम क्या है बेटा हीट को सप्लाई करना तो सोर्स का टेंपरेचर हमने t1 मान लिया सोर्स का टप मान लिया और
यहां पर इसने हीट जो हीट जो सप्लाई करी वो q1 है और ये एक मशीन है pmm2 ये जो मशीन है pmm2 यह सोर्स से हीट को रिसीव कर रही
है और यह क्या कर रही है हीट को वर्क में कन्वर्ट कर र है तो देखो जरा यहां पे सोर्स से इसने कितनी हीट ली q1 और इसने
वर्क में कन्वर्ट कर दिया किसको q1 को यानी फॉर एग्जांपल इसने 100 किलो जूल कितनी 100 किलो जूल 100 किलो जूल हीट को
लिया और 100 किलो जूल को हीट को इसने वर्क में कन्वर्ट कर दिया यानी वर्क भी कितना हो गया 100 किलो जूल मतलब जितना इनपुट था
इसको उसने उसको आउटपुट में कन्वर्ट कर दिया इट इज इंपॉसिबल मतलब क्या हो रहा है कि यहां पर केवल एक एक ही थर्मल एनर्जी
रिजर्वायर है यहां पर केवल एक ही थर्मल एनर्जी रिजर्वायर है दो रिजर्वायर होने चाहिए थे कम से कम एक ही रिजर्वायर है
सोर्स सोर्स से इसने हीट लिया उसको वर्क में कन्वर्ट कर दिया और इसकी एफिशिएंसी कितनी हो गई आउटपुट अपॉन इनपुट होता है
एफिशिएंसी तो ड अपन q1 आउटपुट है डब् इनपुट है q1 ये जो मशीन है इस मशीन ने इनपुट लिया q1 आउटपुट दिया डबल और डब् जो
है वो q1 के बराबर है जितना इनपुट लिया उसको आउटपुट में कन्वर्ट कर दिया दिया तोड अप q1 अरेड q1 के बराबर है तो q1 अप q1
दैट इ इक्वल टूव तो इसकी एफिशिएंसी कितनी आ गई 100% अरे कितनी एफिशिएंसी आ गई इसकी 100%
तो यह पॉसिबल नहीं है यह क्या नहीं है दिस इज नॉट पॉसिबल किसके हिसाब से केल्विन प्लांक स्टेटमेंट के हिसाब से तो
क्या कहा केल्विन प्लांक स्टेटमेंट ने इट इज इंपॉसिबल टू डेवलप अ डिवाइस चच कैन प्रोड्यूस नेटवर्क इन साइकिल बाय एक्स हीट
विद सिंगल रिजर्वायर दैट मींस मिनिमम टू रिजर्वायर्स आर रिक्वायर्ड मतलब एक रिजर्वायर तो सोर्स है एक दूसरा और
रिजरवायर होना चाहिए जिसका नाम होता है सिंक इसका नाम होता है क्या सिंक अब इसने दूसरा नाम इसका नाम क्या होता है एक
रिजर्वायर हो गया सोर्स और दूसरा हो गया सिंक मतलब कहने की बात यह है अगर आप खाओगे तो आपको सुबह सुबह जाना भी पड़ेगा ना ऐसा
तो है नहीं बस खाते रहोगे खाते रहो खाली भी तो करना पड़ेगा तो जैसे खाना जरूरी है निकालना भी जरूरी है उसी तरह से ऐसी
डिवाइस बनाना संभव नहीं है जिसको हम हीट सप्लाई करते रहे और वर्क प्रोड्यूस करता रहे हीट रिजेक्ट भी करना जरूरी है तो यहां
पर हो क्या रहा है यहां पर अल्टीमेटली हो क्या रहा है ध्यान दीजिएगा कि यहां से जितनी हीट ली उसको वर्क में कन्वर्ट कर
दिया रिजेक्ट तो कुछ हुआ ही नहीं और रिजेक्ट कहां पर होता है सिंक में अरे सोर्स तो है हीट सप्लाई कर रहा है रिजेक्ट
कहां पे होगा सिंक में रिजेक्ट कहां पे होगा सिंक में ठीक है तो सोर्स भी जरूरी है और सिंक भी जरूरी है तो दो थर्मल
एनर्जी रिजर्वायर होना जरूरी है एक जो हीट को सप्लाई करे और दूसरा जो हीट को एब्जॉर्ब करें एक जहां से हीट आएगी दूसरा
जहां हीट जाएगी हीट एडिशन भी जरूरी है हीट रिजेक्शन भी जरूरी है खाना खाना भी जरूरी है खाने को निकालना भी बाद में जरूरी है
दोनों चीजें जरूरी है तभी साइकिल चल पाती है तभी साइकिल में काम कर पाता है तभी तो इंसान काम कर पाएगा वही चीज यहां पर भी है
यह किसने बताया था बेटा आपको दिस इज द केल्विन प्लांक स्टेटमेंट केल्विन प्लांक स्टेटमेंट कहता है कि ऐसी डिवाइस बनाना
पॉसिबल ही नहीं है जो हीट को एक्सचेंज करता रहे एक रिजर्वायर पे तो मिनिमम टू रिजर्वायर्स आर रिक्वायर्ड दो से ज्यादा
हो सकते हैं कोई दिक्कत नहीं है दो से ज्यादा सोट्स हो सकते हैं नो प्रॉब्लम दो से ज्यादा सिंक हो सकते हैं प्रॉब्लम
लेकिन एक सोर्स का होना जरूरी है और एक सिंक का होना जरूरी है मिनिमम टू रिजर्वायर्स का होना जरूरी है अगर दो
रिजर्वायर्स है तो उनमें से एक सोर्स है और दूसरा सिंक है हालांकि दो से ज्यादा हो सकते है लेकिन कम से दो कम से कम दो चाहिए
अगर ऐसा हुआ अगर एक ही रिजर्वायर है वहीं से हीट मिल रही है वर्क में कन्वर्ट हो रही है एक ही रिजर्वायर से ऐसा अगर हुआ
ऐसी कोई मशीन अगर बनी ऐसी मशीन बनाना संभव ही नहीं है दुनिया में ऐसी मशीन को कोई अभी बना नहीं सकता जब बन जाएगी अगर मान लो
इमेजिन करो कि ऐसी मशीन बन गई जो एक ही रिजर्वायर में काम कर रही है बस हीट सप्लाई कर रहे हैं हीट रिजेक्शन नहीं हो
रही है जितनी हीट सप्लाई कर रहे हैं वर्क में जा रही है ऐसी मशीन को बोला जाता है पीएमएम 2 दैट इज परपे चुअल मोशन मशीन पीएम
ए2 का मतलब है परपे परपे चुअल मोशन मशीन ऑफ सेकंड काइंड क्योंकि ये सेकंड लॉ पढ़ रहे हैं इफ सच काइंड ऑफ डिवाइस इज पॉसिबल
अगर ऐसी डिवाइस पॉसिबल हुई जैसे डिवाइस है देन इट विल बी नोन एज pmm2 दैट इज परपे चुअल मोशन मशीन ऑफ सेकंड काइंड इसकी
एफिशिएंसी कितनी होगी 100% होगी किसकी pmm2 की एफिशिएंसी 100% होगी देयर फोर 100% एफिशिएंसी इज इंपॉसिबल इसीलिए तो हम
कहते हैं कि एफिशिएंसी 100% नहीं हो सकती 55 हो सकती है 60 हो सकती है 70 हो सकती है बट एफिशिएंसी कैन नॉट बी 100% 100%
एफिशिएंसी नहीं हो सकती किसने बताया केल्विन प्लांक स्टेट स्ट ने केल्विन प्लांक स्टेटमेंट गिव द कांसेप्ट ऑफ हीट
इंजन तो ऐसी डिवाइस तो पॉसिबल नहीं है जो एक रिजर्वायर पर काम करे तो यहां से हमको एक डिवाइस मिली और उस डिवाइस का क्या नाम
है बेटा उस डिवाइस का नाम है उस डिवाइस का नाम है हीट इंजन उस डिवाइस का नाम क्या है बेटा हीट
इंजन तो देखो हीट इंजन एक ऐसी डिवाइस है चच कन्वर्ट्स पार्ट्स ऑफ हीट रिसीवड फ्रॉम द सोर्स इनटू नेटवर्क एंड रिजेक्ट
रिमेनिंग हीट इन टू द सिंक अब यहां पे आप देखो एक सोर्स है ये एक सोर्स है और ये क्या हो गया एक सिंक हो गया यानी कि एक
रिजर्वायर ये है दूसरा रिजर्वायर ये है तो हीट इंजन एक ऐसी डिवाइस है जो यहां से हीट रिसीव करेगी q1 और q1 में से कुछ पोर्शन
वर्क में कन्वर्ट करेगी डब् में और बचा हुआ पार्ट रिजेक्ट कर देगी सिंक में मान ले कि यहां से इसने 100 किजल हीट ली पहले
तो 100 की 100 किसमें जा रही थी वर्क में लेकिन इस बार ऐसा नहीं होगा है ना ये 100 किलो जूल हीट ली इसने अब 100 में से इसने
60 दे दिया कि इसको वर्क बना दिया बच गया कितना 100 मा 60 ट इज 40 को रिजेक्ट कर दिया तो यहां पर एडिशन भी हो रहा है कितना
100 रिजेक्ट भी हो रहा है कितना 40 बाकी बचा हुआ वर्क मिल रहा है आपको तो ये एक डिवाइस पॉसिबल है और इसको हम हीट इंजन के
नाम से जानते हैं ठीक है ना चलिए तो आगे बढ़ते हैं नेक्स्ट आता है आपका क्लॉसिस स्टेटमेंट क्लॉसिस स्टेटमेंट ने क्या
बताया उसको जरा समझिए मैंने आपको बोला कि ये कप ऑफ टी है ठीक है चाय है इसमें गरम गरम और इसका टेंपरेचर मान लो 90 डिग्री
सेल्सियस है बाहर इसको आपने रखा रूम में रूम टेंपरेचर कितना है मान लो 25 डिग्री सेल्सियस है ठीक है अब ये जो गरम गरम चाय
थी अभी ठंडा होना स्टार्ट हो जाएगी क्योंकि इसका टेंपरेचर कम होगा क्योंकि जो हीट का ट्रांसफर है वो कप में से बाहर
जाएगा सराउंडिंग में है ना सराउंडिंग में हीट का ट्रांसफर होगा क्योंकि अंदर का टेंपरेचर ज्यादा बाहर का टेंपरेचर कम तो
हीट का ट्रांसफर होगा हाई टेंपरेचर से लो टेंपरेचर की तरफ तो चाय जब ठंडी हो रही है तो आपको कुछ करने की आवश्यकता नहीं है
चाहे तो अपने आप ही ठंडी हो रही है चाहे तो अपने आप ही ठंड ठंडी हो रही है क्योंकि हीट का ट्रांसफर अपने आप होता है बिना कुछ
किए बिना इनपुट दिए बिना एनर्जी दिए हीट ट्रांसफर टेक्स प्लेस फ्रॉम हाई टेंपरेचर टू लो टेंपरेचर देखो चाय ठंडी हो रही है
अभी आपने क्या करा पानी की बोतल ली गरम ठंडी-ठंडी पानी की बोतल निकाली है कहां से इसमें वाटर है फ्रिज से निकालिए टेंपरेचर
मान लो कितना है इसका 10 डिग्री सेल्सियस आपने इसको रूम में रख दिया और रूम का टेंपरेचर कितना है 25 डिग्री सेल्सियस अब
जो है हीट का ट्रांसफर बाहर से अंदर की तरफ होगा क्योंकि इस बार बाहर का टेंपरेचर ज्यादा है अंदर का टेंपरेचर कम और जहां
हीट जाती है वहां का टेंपरेचर बढ़ जाता है जहां हीट जाती है वहां का टेंपरेचर बढ़ जाता है जैसे इसका यहां से हीट निकली तो
इसका टेंपरेचर कम हो गया अब यह जो पानी की बोतल है ठंडी थी इसके अंदर हीट जाएगी टेंपरेचर बढ़ जाएगा गर्म हो जाएगा पानी
अपने आप से ठंडा नहीं होगा अपने आप से ठंडा नहीं होगा गर्म हो गया ना अपने आप से क्योंकि टेंपरेचर डिफरेंस
था इसीलिए उतना ही ठंडा उतना ही पाएगा ये जितना बाहर का टेंपरेचर है जैसे अभी सर्दियां हैं है ना विंटर है टेंपरेचर
काफी कम हो रहा है तो पानी भी ठंडा है अपने आप में क्योंकि सराउंडिंग टेंपरेचर प रहेगा और वही जब गर्मियां रहेंगी मई और
जून का मंथ रहेगा तो पानी भी गर्म रहेगा नॉर्मल टेंपरेचर रहेगा उसका जो सराउंडिंग का टेंपरेचर है उसका टेंपरेचर कम करने के
लिए करना चाहते हो कम तो फ्रीजर में रखना पड़ेगा और फ्रीजर में रखोगे अपने आप तो होता नहीं है आपको फ्रिज ऑन करना पड़ेगा
वर्क देना पड़ेगा इलेक्ट्रिसिटी बिल आता है जब उसको चलाते हो तो वर्क देना पड़ेगा वर्क करना पड़ेगा उसको ठंडा करने के लिए
चाय को गर्म करना चाहते हो तो अपने आप से नहीं होगी आपको एनर्जी देनी पड़ेगी इलेक्ट्रिक चुहे पर रखना पड़ेगा या गैस के
चूल्हे पर रखना पड़ेगा कुछ एनर्जी सप्लाई करनी पड़ेगी तब जाकर के होगा तो यही बताया था किसने क्लॉसिस स्टेटमेंट ने कि ऐसी
डिवाइस बनाना पॉसिबल नहीं है कि जो क्या कर सके हीट का ट्रांसफर करवा सके लो टेंपरेचर से हाई टेंपरेचर की तरफ नहीं हो
सकता बिना इनपुट दिए बिना एनर्जी दिए बिना वर्क दिए वर्क दोगे बाहर से एनर्जी दोगे तो हो जाएगा तो ठीक है आपने यहां बनाया ये
टीटीएच है मतलब हाई टेंपरेचर ये टी ए है दैट इज लो टेंपरेचर ये लो टेंपरेचर बॉडी है ये हाई टेंपरेचर बॉडी है अब एक डिवाइस
है ये डिवाइस क्या कर रही है लो टेंपरेचर बॉडी से हाई टेंपरेचर बॉडी की तरफ हीट का ट्रांसफर कर रही है जबकि इसको वर्क कितना
दिया हमने जीरो वर्क दिया है तो ये डिवाइस पॉसिबल नहीं है इट इज इंपॉसिबल यही लिखा क्लॉसस ने इट इज इंपॉसिबल टू डेवलप ए
डिवाइस व्हिच ट्रांसफर हीट फ्रॉम कोल्डर बॉडी टू हॉटर बॉडी विदाउट एनी इनपुट इन अ साइकिल ठीक है तो यह हो गया आपका सेकंड लॉ
ऑफ थर्मोडायनेमिक्स के दोनों स्टेटमेंट एक केल्विन प्लांक स्टेटमेंट क्या कहा था कि दो रिजर्वायर चाहिए कम से कम एक रिजर्वायर
से काम नहीं चलेगा दूसरा हो गया आपका क्लॉसस स्टेटमेंट कि भाई लो टेंपरेचर से हाई टेंपरेचर की तरफ हीट का ट्रांसफर तभी
होगा जब आप कुछ वर्क दोगे जब आप कुछ इनपुट दोगे अदर वाइज नहीं होगा ठीक बात है चलिए तो ये दोनों स्टेटमेंट अगर आप याद कर
लेंगे तो एक चीज और यहां पर आएगी कि सेकंड लॉफ थर्मोडायनेमिक्स के दो स्टेटमेंट हैं और दोनों घुमा फिरा के एक ही बात को बोलते
हैं कान ऐसे पकड़ लो या कान ऐसे पकड़ लो बात एक ही है ठीक है यही बात इन्होंने आगे यहां पर लिखी गई है कि इक्विवेलेंस ऑफ
केल्विन प्लांक एंड क्लॉसस स्टेटमेंट ऑफ दी सेकंड लॉ ऑफ थर्मोडायनेमिक्स मतलब यह हुआ कि अगर हम किसी एक का वायलेशन कर दें
तो दूसरे का वायलेशन अपने आप हो जाता है जैसे फॉर एग्जांपल यहां पर इस डायग्राम को आप बना सकते हैं ये किसका वायलेशन है दिस
इज द वायलेशन ऑफ क्लोसिस स्टेटमेंट क्योंकि ये लो टेंपरेचर है और ये हाई टेंपरेचर है जरा यहां पे देखना ये लो
टेंपरेचर से हीट का ट्रांसफर हाई टेंपरेचर की तरफ हो रहा है और जबक हम इस मशीन को मशीन वन को कोई वर्क नहीं दे रहे दिस इज द
वायलेशन ऑफ क्लॉसस स्टेटमेंट अरे यही तो कहा था कि आप बिना वर्क दिए हीट का ट्रांसफर नहीं करा सकते लो टेंपरेचर से
हाई टेंपरेचर की तरफ तो यहां पर हमने वायलेशन कर दिया किसका बेटा क्लॉसस स्टेटमेंट का इसका इक्विवेलेंट डायग्राम
यह बना हुआ है इसका इक्विवेलेंट डायग्राम यहां पर अगर आप देख पा रहे हैं तो यहां पर यह पूरी की पूरी जो कंबाइन मशीन है काम कर
रही है वर्क ले हीट को ले रही है इस वाले रिजर्वायर से है ना और वर्क में कन्वर्ट कर रही है लेकिन यहां पर एक रिजर्वायर
गायब हो चुका है मतलब ये किसका वायलेशन है केल्विन प्लांक स्टेटमेंट का क्योंकि एक रिजर्वायर से काम हो रहा है एक रिजर्वायर
से काम नहीं होगा तो ये डायग्राम बना दीजिएगा ये वायलेशन है किसका क्लॉसस का और इसी को इसी का रिजल्टेंट डायग्राम ये है
तो यहां पर हमने ने वायलेशन किसका किया क्लोसिस का और हो किसका किया वायलेशन किसका केल्विन प्लांक स्टेटमेंट का ये
दर्शाता है ये प्रूफ करता है कि दोनों जो स्टेटमेंट है दोनों जो स्टेटमेंट है एक ही बात को बोल रहे होते हैं ठीक है नाउ द
कोरोलरीज ऑफ द सेकंड लॉ ऑफ थर्मोडायनेमिक्स ये भी आरजीपीवी एग्जाम में 2018 में क्वेश्चन पूछा जा चुका है
समझिए कोरोलरीज सेस रिजल्ट्स सेकंड लॉ ऑफ थर्मोडायनेमिक्स से हमको क्या मिला सेकंड
लॉ ऑफ थर्मोडायनेमिक्स से हमको क्या मिला ठीक है तो ध्यान दीजिएगा कोलरी वन नो इंजन हैज नो इंजन हैज एफिशिएंसी ग्रेटर देन कार
नोट साइकिल एफिशिएंसी बिटवीन द सेम टेंपरेचर लिमिट्स अगर सेम टेंपरेचर लिमिट्स के बीच में बहुत सारे इंजंस लगे
हुए हैं तो जो रिवर्सिबल इंजंस होंगे उनकी एफिशिएंसी मैक्सिमम होगी जो एक्चुअल में इंजंस होंगे उनकी एफिशिएंसी हमेशा
रिवर्सिबल से क्या होगी कम होगी कोलरी टू है ऑल इंजंस वर्किंग बिटवीन द सेम टेंपरेचर लिमिट्स हैव द सेम एफिशिएंसी
जितने भी इंजंस हैं है ना और वोह सेम टेंपरेचर लिमिट्स के बीच में काम कर रहे हैं तो उनकी एफिशिएंसी
बराबर होगी सेम एफिशिएंसी होगी कोलरी थरी है क्लोसिस इन इक्वलिटी द साइकल द साइक्लिक इंटीग्रल ऑफ़ डेल q ओ t इज लेसन
और इक्वल टू 0 है ना साइक्लिक इंटीग्रल ये हो गया साइक्लिक इंटीग्रल किसका डेल क ओ t का तो डेल क ओ t का जो साइक्लिक इंटीग्रल
है दैट मस्ट बी लेस दन और इक्वल टू 0 यह मैथमेटिकल स्टेटमेंट है ठीक है इसी चीज को हमने यहां पर मैथमेटिकली लिखा है तो यहां
पर दो पॉसिबिलिटीज हैं पहला कि साइक्लिक इंटीग्रल डेल क ओ t किसके बराबर होगा जीरो के बराबर होगा इसका मतलब क्या हुआ कि
साइकिल कैसी है रिवर्सिबल है जीरो के बराबर नहीं होगा तो लेस देन जीरो होगा तो साइकिल कैसी हो जाएगी इरिवर्सिबल अब डेल क
ओ t जो है साइक्लिक इंटीग्रल ऑफ डेल क ओ t अगर जीरो से ज्यादा हुआ तो ये तो है ही नहीं यहां पे या तो लेस दन होगा या इक्वल
टू होगा अगर ग्रेटर दन जीरो होगा तो साइकिल पॉसिबल ही नहीं है दैट इज इंपॉसिबल ये थर्ड
कोरोलरीज किकी और भी है कोलरी फोर एंट्रोपिक का कांसेप्ट भी किसने दिया एंट्रोपिक का कांसेप्ट भी सेकंड लॉ ऑफ
थर्मोडायनेमिक्स से हमको मिला और होता क्या है एंट्रॉपिज द मेजरमेंट इट इज द मेजर सॉरी इट इज द मेजरमेंट ऑफ रेंडम और
डिसऑर्डर एस ऑफ द मॉलिक्यूल ऑफ अ सिस्टम जैसे ये सिस्टम है सिस्टम के ये क्या हो सकते हैं इंफाइटिंग
उनका जितना ज्यादा डिसऑर्डर है वो ऑर्गेनाइज्ड नहीं है उतनी ही एंट्रॉपिज होगी तो सिस्टम के मॉलिक्यूल की जो रेंडम
बस होती है उसी को हम क्या कहते हैं अ एंट्रोपिक कहते हैं ठीक है जैसे फॉर एग्जांपल सॉलिड लिक्विड और गैसेस की बात
करें तो जो गैसेस हैं उसके जो मॉलिक्यूल है वो रैंडम मोशन में होते हैं जैसे ये एयर है एयर के जो मॉलिक्यूल है वो रैंडम
मोशन में है इसकी एंट्रॉपिज है पानी वाटर की ए बात कर लीजिए तो उसकी जो
कम होगी गैसेस से सॉलिड के मॉलिक्यूल तो आपस में फिक्स पोजीशन पर होते हैं उसकी एंट्रोपिक होगी है ना सबसे ज्यादा सबसे
ज्यादा गैसेस की होगी एंट्रॉपिज की उसके बाद सॉलिड की ठीक है चलिए कोलरी फाइव प्रिंसिपल ऑफ इंक्रीज ऑफ
एंट्रोपय वर्स यह कह रहा है कि यूनिवर्स की जो रैंडम है यूनिवर्स ब्रह्मांड की जो एंट्रोपय तो वो कांस्टेंट रह सकती
है या फिर वो इंक्रीज होगी वो घटेगी नहीं एंट्रोपय वर्स सिस्टम की जो एंट्रॉपिज हो रहा है लगातार क्या हो रहा
है इंक्रीज हो रहा है इसीलिए कह रहे हैं कि वही इसलिए कह रहा है कि एंट्रॉपिज ऑफ एंट्रोपय
निवर्गी ऑफ एंट्रोपय वर्स बात समझ में आ गई यूनिवर्स का मतलब क्या समझते हो यूनिवर्स का मतलब है सिस्टम प्लस
सराउंडिंग तो यूनिवर्स की जो एंट्रोपय यूनिवर्स की एंट्रोपय इंक्रीज हो रही है क्योंकि रेंडम जो है वो लगातार इंक्रीज हो
रहा है ठीक है तो यहां पर एंट्रोपय में आप लिख सकते हैं तो एंट्रोपिक क्या होती है एंथल पी क्या होती है मैंने आपको बता दिया
तो ध्यान दें अगर आप कंक्लूजन ऑफ थर्मोडायनेमिक्स है इसने हमको कांसेप्ट दिया टेंपरेचर का जो फर्स्ट लॉ ऑफ
थर्मोडायनेमिक्स है इसने हमको कांसेप्ट दिया इंटरनल एनर्जी का और जो सेकंड लॉ ऑफ थर्मोडायनेमिक्स है जो सेकंड लॉ ऑफ थर्म
डायनेमिक्स है इसने हमको कांसेप्ट दिया किसका एंट्रोपिक का यस और
नो ठीक है जो एंथल पी होती है कैपिटल ए वो होता है u प् पब u प् पब इंटरनल एनर्जी और जो प्रेशर वॉल्यूम का जो प्रोडक्ट है उनका
जो सम है उसको बोलते हैं हम एंथल पी ठीक चलिए आगे बढ़ते हैं नेक्स्ट हमारा आता है देखिए कंटेंट अगर आपको अच्छा लगता है और
फर्स्ट टाइम आप चैनल को विजिट कर रहे हैं तो लाइक शेयर और सब्सक्राइब जरूर कर दीजिएगा जो लैंग्वेज में बहुत सिंपलीफाइड
नोट्स मैंने आपको दिए हैं यह आप डाउनलोड कर सकते हैं हमारे एप्लीकेशन से एप्लीकेशन आपको googlephotos.com
बार अगली बार से सारे कोर्सेस आपको मिलेंगे तो ये जो स्टार्टिंग के टू लेक्चर थे दीज टू लेक्चर आर वेरी वेरी इंपॉर्टेंट
हर एक बच्चे के लिए इंपॉर्टेंट है अब जो अगला लेक्चर है हमारा लेक्चर नंबर थ्री और लेक्चर नंबर फोर ये उन स्टूडेंट्स के लिए
इंपॉर्टेंट है जो न्यूमेरिकल भी अटेंप्ट करना चाहते हैं जो केवल थ्योरी करना चाहते हैं उनके दो लेक्चर हो चुके हैं वही
लेक्चर इंपॉर्टेंट है वहीं से क्वेश्चंस आने की पूरी पूरी संभावना है उसके बाद जो न्यूमेरिकल में भी इंटरेस्ट रखते हैं
न्यूमेरिकल भी अगर आप करना चाहते हो तो अगले दो लेक्चर जो है न्यूमेरिकल के लिए हैं थर्मोडायनेमिक्स के तो हम समझेंगे अभी
थर्मोडायनेमिक प्रोसेस क्या होता है कांस्टेंट वॉल्यूम पे कांस्टेंट प्रेशर एंड कांस्टेंट टेंपरेचर पे आइएगा तो सबसे
पहले आप यहां देखेंगे नॉन फ्लो वर्क और क्लोज्ड सिस्टम वर्क ठीक है w = टू इंटीग्रेशन ऑफ पीडीवी ये मैंने अभी आपको
बताया भी था जब हम बात कर रहे थे कि वर्क ट्रांसफर एक पाथ फंक्शन होता है तो ध्यान देना कि ये एक सिलेंडर है सिलेंडर के अंदर
एक पिस्टन है यह पिस्टन सिलेंडर के अंदर रेसिप प्रोकेट करता है ठीक अब यहां पर एक प्रेशर वर्सेस वॉल्यूम पीवी डायग्राम
बनाया हुआ है हमने अब ये जो सिलेंडर के अंदर गैस भरी हुई है इसका प्रेशर कितना है दैट प्रेशर इज p सिलेंडर का एरिया कितना
है इस सिलेंडर का जो एरिया है दैट इज दैट इज इक्वल टू a एरिया क्या रहेगा इसका कांस्टेंट रहेगा नाउ अगर मैं आपसे पूछूं
कि ये जो प्रेशर लगा हुआ है इस पिस्टन के ऊपर ये कितना वर्क करेगा इसकी वजह से वर्क कितना होगा तो आप सभी जानते हैं जो वर्क
होता है दैट इज फोर्स इंटू डिस्प्लेसमेंट ये सब पढ़ के आते हैं आप लोग यस और ये जो फोर्स होता है सॉरी प्रेशर जो होता है
फोर्स अपॉन एरिया होता है तो यहां से फोर्स कितना मिल जाएगा आपको प्रेशर इंटू प्रेशर इंटू एरिया भाई फर्स कितना हो
जाएगा यहां से प्रेशर इनटू एरिया तो फोर्स ऑन द सिस्टम ये जो सिस्टम है या जो पिस्टन है इस पिस्टन पे यानी कि सिस्टम पे कितना
फोर्स होगा f दैट इज p * a द वर्क क्या होता है वर्क होता है फोर्स इनटू डिस्प्लेसमेंट तो वर्क कितना हो गया
डेल्टा ड थोड़ा सा वर्क की हम बात कर रहे हैं कि जो पिस्टन है वो यहां से यहां तक चला गया है जिसका डिस्प्लेसमेंट कितना हुआ
है दैट इज dx8 a तो p * a डिस्प्लेसमेंट दैट इज dx1 डिस्प्लेस हुआ है नाउ अब आपको मान लो
पिस्टन की जो इनिशियल पोजीशन थी वो यह थी यहां पे यहां पे वन हो गया और यहां से वन से टू प्रोसेस हो रहा है 1 2 यानी पिस्टन
यहां से लेकर के यहां तक जब आएगा पिस्टन जब यहां से लेकर के यहां तक आएगा तो बताओ यह पिस्टन कितना वर्क करेगा इस सिस्टम से
कितना वर्क मिलेगा तो टोटल निकालने के लिए हम क्या करते हैं इंटीग्रेट करते हैं तो इसको कर दीजिए आप इंटीग्रेट तो हमने कर
दिया इसको इंटीग्रेट इंटीग्रेशन ऑफ डेल्टा w इ इक्वल टू कहां से कहां तक वन से लेकर के टू तक हमने इसको इंटीग्रेट कर दिया तो
इंटीग्रेशन ऑफ पीडीवी फ्रॉम 1 टूटू तो वन से टू वर्क मिल गया आपको टोटल वर्क कहां से कहां तक का वर्क मिल गया आपको यहां से
वन से लेकर के यहां तक पिस्टन यहां से यहां तक आया वन से टू तक तो आपको टोटल वर्क मिल गया इसी चीज को अगर आप देखना
चाहते हैं प्रेशर वर्सेस वॉल्यूम डायग्राम पे तो ये रहा प्रेशर ये रहा वॉल्यूम तो जब पिस्टन यहां पे था तो इसका वॉल्यूम कितना
था बेटा दिस वॉल्यूम इज v1 एंड दिस वॉल्यूम फाइनल वॉल्यूम कितना हो गया दिस वॉल्यूम इज v2 लिखा हुआ भी है यहां पे आप
देख सकते हैं ठीक है तो v1 से v2 तक ठीक अब मान लेते हैं कि यहां पे जो d d एक डिस्प्लेसमेंट हुआ था डेल्टा एक तो
सिलेंडर का वॉल्यूम कितना चेंज हुआ तो वो यहां पर आपको दिखाई देगा दिस वन यहां पे तो कितना वॉल्यूम हुआ
dvx200 छटा सा होता है तो यह जो पॉइंट है यह पॉइंट बहुत पासपास में है इसलिए हम ये कह सकते हैं कि इसका जो प्रेशर है वो
कांस्टेंट है रेक्टेंगल की तरह ट्रीट कर सकते हैं तो इस रेक्टेंगल का एरिया कितना आएगा प्रेशर यानी हाइट इनटू बेस प्रेशर है
p और ये कितना हैवी तो ये आ गया इसका ये वाला एरिया दिस वन तो कितना आ गया पीडीवी टोटल एरिया निकालना चाहते हो तो ये वाला
एरिया कितना आएगा इसको इंटीग्रेट कर देंगे तो कितना हो जाएगा इंटीग्रेशन ऑफ पडी ब आप एरिया कैलकुलेट कर लीजिए वो भी कितना है
इंटीग्रेशन पीडीवी या फॉर्मूले से अगर आप देखेंगे तो वो भी कितना है इंटीग्रेशन ऑफ पीडीवी तो वर्क जो होता है वो कितना होता
है वर्क जो होता है वो होता है आपका इंटीग्रेशन ऑफ पीडीवी एंड दैट इज इक्वल टू एरिया ऑफ दैट इज इक्वल टू एरिया ऑफ पीवी
डायग्राम ठीक है वही लिखा हुआ है कि यही है आपका नॉन फ्लो वर्क यही है आपका क्लोज सिस्टम वर्क यही है आपका पिस्टन वर्क यही
है आपका पिस्टन सिलेंडर अरेंजमेंट वर्क कितना है दैट इज नॉन फ्लो वर्क इज इक्वल टू इंटीग्रेशन ऑफ पीडीवी एरिया अंडर दी
कर्व एरिया अंडर द कर्व यह जो कर्व है वन से टू वाला जो कर्व देख रहे हैं इसके नीचे का जो एरिया है पीवी डायग्राम का वन
प्रोजेक्टेड ऑन वॉल्यूम एक्सिस ठीक वर्क ट्रांसफर जो है एक पाथ फंक्शन होता है वो भी यहीं से मैंने आपको समझाया था आगे
बढ़ते हैं ये बातें आपको याद रखनी है यू शुड रिमेंबर फ्रॉम न्यूमेरिकल पॉइंट ऑफ व्यू एयर के लिए ये जो आइडल गैस इक्वेशन
होती है है ना p = एटी cp-cv = r दिस इज मेयर्स फार्मूला यह भी याद रखना है सप क्या है यहां पे स्पेसिफिक हीट एट
कांस्टेंट प्रेशर सीवी क्या है स्पेसिफिक हीट एट कांस्टेंट वॉल्यूम r क्या है यहां पे दैट इज करेक्ट टिक गैस कांस्टेंट सप की
वैल्यू भी याद रखना चाहे तो याद रख सकते हैं 1.005 किज पर केजी केल्विन होती है एयर के लिए याद रखना केवल c इ इक्वल टू
कितना होता है 0.77 0.72 8 किज पर केजी केल्विन और जो गामा होता है दैट इज इक्वल टू cp-cv होता है गामा क्या होता है एडि
बेटिक इंडेक्स cp-cv तो रही सीवी की वैल्यू ये है दोनों का रेशियो निकालेंगे तो 1.4 के बराबर ही आएगा ठीक इस
फार्मूले से सप माइनस सीब दिस माइनस दिस अगर करेंगे तो आपको r की वैल्यू मिल जाएगी 0.28 से किलो जूल पर केजी केल्विन ये आपको
याद रखनी है यह आपको याद भी होनी चाहिए एटलीस्ट देखो सीप और सीवी की वैल्यू अगर आपने याद कर ली तो बाकी गामा जो है और आ
जो है वो तो फॉर्मूले से आ जाएगा एक चीज और याद रखेंगे डेल्टा क एट कांस्टेंट प्रेशर p
कितना होता है एसीप डेल्टा t होता है एसीप t2 माइ t1 डेल्टा t का मतलब है टेंपरेचर डिफरेंस अगर एक प्रोसेस वन से टू हुआ है
तो टी कितना हो जाएगा t2 माइ t1 m न सीप इसी तरह से कांस्टेंट वॉल्यूम पे कांस्टेंट वॉल्यूम पर अगर आप हीट सप्लाई
करोगे ट विल बी इक्वल टू एसीबी ट इज इक्वल टू एसीबी दैट इ इक्वल टू एसीबीटी यानी m न सीवी t2 माइ t1 ठीक याद रखना चाहिए आपको
ओके चलिए नेक्स्ट आता है आपका एंथल पी कैपिटल एच एंथल पी होता है एंथल पी को हम एच से लिखते हैं दैट इज u प्स पवी इंटरनल
एनर्जी u एंड प्रेशर वॉल्यूम का जो प्रोडक्ट है दैट इज पीब तो इन दोनों क्वांटिटी का जो सम होता है उसको हम एंथल
पी के नाम से जानते हैं आगे बढ़ेंगे इनका हम आ फर्द यूज करेंगे नाउ कांस्टेंट वॉल्यूम और
आइसोकों जिसमें वॉल्यूम क्या रहेगा कांस्टेंट उसको बोलते हैं आइसोकॉस्ट तो ये इक्वेशन आपको पता है p = m टी हमने क्या
कर दिया यहां पर वॉल्यूम कांस्टेंट कर दिया जब v कांस्टेंट हो जाएगा तो p जो है वो डायरेक्टली प्रोपोर्शनल टू कितना हो
जाएगा t है ना भाई m कांस्टेंट रहेगा r कांस्टेंट रहेगा v हो गया कांस्टेंट तो p डायरेक्टली प्रोपोर्शनल टू क्या हो जाएगा
t तो p अप t क्या हो जाएगा कांस्टेंट हो जाएगा यानी p1 अप t1 = p2 / t2 p अप t कांस्टेंट ये किसके लिए है कांस्टेंट
वॉल्यूम के लिए इक्वेशन बन गई है दिस इज द आइडियल गैस इक्वेशन फॉर कांस्टेंट वॉल्यूम प्रोसेस v कांस्टेंट कर दिया नाउ अब मेरे
को बता कर बात बतानी है आपको यहां पे कि वर्क कितना होगा यहां पर कांस्टेंट वॉल्यूम प्रोसेस के लिए वर्क कितना होगा
तो पहली बात तो ये देखो कि जो पीवी डायग्राम है वॉल्यूम कांस्टेंट कब रहेगा वन तो लाइन जब वर्टिकल होगी जब लाइन कैसी
होगी वर्टिकल होगी आप ध्यान देना तो वन से टू प्रोसेस हुआ ऊपर की तरफ हैय वर्टिकल लाइन है तो इसके नीचे का एरिया कितना है
जीरो है जब एरिया जीरो हो तो आपको मैंने क्या बताया था अभी जो वर्क होता है वो इंटीग्रेशन ऑफ पीडीवी फॉर्मूले से या फिर
एरिया भी निकाल सकते हैं इस कर्व के नीचे का तो एरिया कितना जीरो तो वर्क भी कितना आएगा जीरो आप देख सकते हैं ड इ ट
इंटीग्रेशन ऑफ पीडीवी अरे v2 जो है v1 के बराबर है ना वॉल्यूम कांस्टेंट है तो v2 v1 के बराबर है तो चेंज इन वॉल्यूम कितना
हो जाएगा जीरो तो चेंज इन वॉल्यूम डी जीरो तो वन से टू जो प्रोसेस होगा वो जीरो के बराबर होगा आप इसको ऐसे भी कर सकते हैं
लिख सकते हैं अरे यस और नो ध्यान देगा ध्यान देना बेटा आप इसको ऐसे भी लिख सकते हैं लाइक दिस है ना इस
तरह से आप इसको वन से टू ऐसे भी लिख सकते हैं एक ही बात है अभी भी वॉल्यूम जीरो है चेंज इन
वॉल्यूम जीरो है एरिया जीरो है वन से टू ऊपर की तरफ या वन से टू नीचे की तरफ जो लिखना चाहे लिख सकते हैं वॉल्यूम विल
रिमेंस कांस्टेंट वर्क डन इज ऑलवेज इक्वल टू 0 नॉन फ्लो वर्क जो है वो जीरो के बराबर होगा अगर वॉल्यूम कांस्टेंट है तो
नाउ चेंज इन इंटरनल एनर्जी इंटरनल एनर्जी को हम यू से लिखते हैं चेंज कितना हो जाएगा य तो य कितना होता होता है
mcv4 dtc1250e डब् ये इक्वेशन पढ़ी है अभी पीछे आप चेक कर सकते हैं अब क्योंकि कांस्टेंट
वॉल्यूम की बात हो रही है कांस्टेंट वॉल्यूम की बात हो रही है तो वर्क कितना है इसके लिए कांस्टेंट वॉल्यूम के लिए
वर्क कितना आया जीरो तो डेड कितना हो गया रो तो हीट ट्रांसफर किसके बराबर आ गया इंटरनल एनर्जी के तो डेल क जो है वन से टू
जो प्रोसेस ऑफ वन से टू के लिए य एंड दैट इज इक्वल टू ट्रांसफर की तो यह इंटरनल एनर्जी बढ़ रही
है इसकी मतलब उसका टेंपरेचर बढ़ रहा है है ना t2 - t1 टेंपरेचर को इंक्रीज करने में जा रही है पूरी की पूरी हीट नाउ चेंज इन
एंथल पी एंथल पी मैंने बताया था अभी h इक्वल टू होता है u प् पब आपने देखा अभी यहां पे एंथल पी को मैंने बोला आपको h
इक्वल टू एंथल पी u प् p भी होता है तो ये हमने वहां से लिखा तो d इसको इंटीग्रेट डिफरेंशिएबल
य d पवी कितना होता है एमआरटी होता है आप सभी जानते हैं बताया था अभी प = एटी तो d इ
ट यहां पे य की वैल्यू कितनी रखोगे यहां से रख दो यहां से रख दीजिए य की वैल्यू mcbm-l
t1 ठीक है और मास m भी कॉमन आ रहा है तो मास को हमने लिखा बाहर t2 - t2 को बाहर लिखा तो कितना बचेगा यहां बचेगा c यहां
बचेगा r तो cb2 - t1 को हमने कॉमन लिया अंदर बचा c + r अभी आपको मैंने बताया था कि cp-cv = r
होता है यहां पर भी मैंने लिख दिया है cp-cv = r तो यहां से आप लिख सकते हैं और ये हो गया t2 - t1 तो चेंज इन एंथल पी
कितना हो गया इन इंटरनल एनर्जी इतना होगा चेंज इन हीट ट्रांसफर इतना होगा और एंथी में चेंज इतना
होगा इसी तरह से कांस्टेंट प्रेशर प्रोसेस बोले तो आइसो बारिक प्रोसेस जहां पर प्रेशर क्या होता है जहां पर प्रेशर होता
है कांस्टेंट यहां पर प्रेशर क्या होता है कांस्टेंट होता है प्रेशर वर्सेस वॉल्यूम जब हम डायग्राम बनाएंगे तो क्योंकि वन से
टू क्या रहेगा इस बार प्रेशर कांस्टेंट रहेगा तो एक हॉरिजॉन्टल लाइन आएगी है ना वन से टू कैसी लाइन आएगी एक हॉरिजॉन्टल
लाइन आएगी लाइक दिस तो यह वाला जो एरिया होगा दिस एरिया यह वाला एरिया क्या होगा यह हमको
वर्क देगा वर्क कितना आएगा इस रेक्टेंगल कारि तो आप निकाल ही सकते हो क्योंकि इसका जो प्रेशर होगा p1 कह सकते हो p2 कह सकते
हो जो कि p के बराबर है यानी कि प्रेशर कांस्टेंट है अब यहां का वॉल्यूम कितना था v1 यहां का वॉल्यूम कितना है v2 तो v1 से
v2 तक जो वॉल्यूम में चेंज होगा वो कितना होगा v2 - v1 तो इसकी हाइट और बेस तो आपको पता है हाइट हो गया प्रेशर और चेंज हो गया
यहां पर ये बेस हो गया इसका v2 - v1 तो प्रेशर ध्यान देना w इक्वल टू कितना होता है इंटीग्रेशन ऑफ पीडीवी जो कि एरिया के
बराबर होता है इसका एरिया होगा p यानी कि हाइट p और ये कितना हो गया v2 - v1 तो बेटा इसका एरिया कितना आ जाएगा तो p v2 -
v1 तो चलिए यहां से देख लेते हैं स्टार्टिंग से वही काम हम यहां पर भी करेंगे तीन चार स्टेप्स में तो p इक्वल टू
कितना होता है एमआरटी और यहां पर कांस्टेंट क्या है इस बार प्रेशर कांस्टेंट रहने वाला है जब प्रेशर हो
जाएगा कांस्टेंट तो ये जो वॉल्यूम है ये t का डायरेक्टली प्रोपोर्शनल हो जाएगा तो v डायरेक्टली प्रोपोर्शनल टू t यानी कि v1 /
t1 = v2 / t2 बोले तो b / t जो है वो कांस्टेंट हो गया जबकि पहले वॉल्यूम कांस्टेंट था तो आपने देखा था पिछली वाली
इक्वेशन में वो आया था यहां पे p / p / t कांस्टेंट आया था ठीक है थोड़ा आज पेन गड़बड़ कर रहा है ये कल से ठीक हो जाएगा
आइए वर्क डन कितना आएगा w = ट इंटीग्रेशन ऑफ p इंटीग्रेट करेंगे तो w1 टू 2 कितना आ
जाएगा p v2 - v1 यही एरिया भी आ रहा था यही एरिया भी आया था नाउ चेंज इन इंटरनल एनर्जी u2 - u1 कितना हो जाएगा mc2 - t1
ठीक है पहले के बराबर ही रहेगा नाउ हीट ट्रांसफर कितना होगा हीट ट्रांसफर का फार्मूला क्या होता है य प्स डेल्टा ड
पहले भी लिखा था पहली वाली प्रोसेस में तो यहां पर इसको कितना लिखोगे य को mcv4 v2 - v1 है तो 1 टू 2 हीट ट्रांसफर
कितना हो गया mcv4 - t1 टेंपरेचर डिफरेंस d2 - t1 यहां पर इसको आप लिख सकते हो कितना क्योंकि पवी इ इक्वल टू कितना होता
है एटी तो ये जब इसके अंदर मल्टीप्लाई करोगे तो कितना हो जाएगा ये यू नो पवी पवी = mr2 तो m को बाहर लिखेंगे तो अंदर बचेगा
इसका है ना इसका जो बचेगा pb2 है ना तो अंदर t2 बचेगा इसी तरह से p1 है ना p * v1 और p = m तो अंदर बचेगा t1
आप लिख कर देख लेना आराम से कोई दिक्कत वाली बात नहीं है यहां पर भी देखो कुछ कॉमन आ रहा है पहले की तरह m कॉमन आ जाएगा
और t2 - t1 कॉमन आ जाएगा m कॉमन लिया t2 - t1 कॉमन लिया अंदर बचेगा ट्रांसफर किया था कांस्टेंट वॉल्यूम में
वो चेंज इन इंटरनल एनर्जी के बराबर आया था इस बार जो हम हीट ट्रांसफर कर रहे हैं वो चेंज इन एंथल पी के बराबर आ रहा है किसके
बराबर आ रहा है चेंज इन एंथल पी के बराबर आ रहा है तो चेंज इन एंथा पी कितना हो जाएगा यहां से एसीप t2 - t1 आगे बढ़ेंगे
नेक्स्ट जो है यहां से आपसे न्यूमेरिकल भी पूछ लेता है फार्मूला बेस न्यूमेरिकल आता है कि कांस्टेंट टेंपरेचर आइसोथर्मल
प्रोसेस की बात कर रहे हैं ठीक है तो पवी इ इक्वल टू क्या हो जाएगा कांस्टेंट ध्यान दीजिएगा तो
pv1 v1 = p2 v2 = कांस्टेंट अब आपको क्या निकालना है यहां से वर्क ट्रांसफर निकालना है कई बार तो ये फॉर्मूला ही डिराइवर करा
लेता है आपसे तो w = ट इंटीग्रेशन ऑफ p dv1 y डायग्राम तो यहां पर x y कांस्टेंट इक्वल टू कांस्टेंट की जो लाइन होती है वो
यही तो आता है पैराबोलिक है ना पैराबोला ही तो बनता है तो ऐसे ही यहां पर भी x की जगह वॉल्यूम है और y की जगह यहां पर
प्रेशर है और इक्वेशन क्या बन रही है आपकी p = टू कांस्टेंट जैसे ही एकवा इक्वल टू कांस्टेंट एकवा इक्वल टू कांस्टेंट p
इक्वल टू कांस्टेंट तो पीबी डायग्राम जब बनाओगे तो ऐसा ही पैराबोला यहां पर बनेगा जिसको हमने बोला हाइपरबॉलिक
प्रोसेस यह जो आइसोथर्मल प्रोसेस होता है बेटा ये हाइपरबॉलिक प्रोसेस होता है है ना हाइपरबोला बनता है यहां पे p इक्वल टू
कांस्टेंट तो देखो जरा यहां पे ध्यान से तो वर्क w = इंटीग्रेशन ऑफ p db9 अब आपको b के रेस्पेक्ट में इंटीग्रेट करना है और
यहां पर जो है p भी आ रहा है क्या आ रहा है p और ना तो इस बार p कांस्टेंट है p तो कांस्टेंट है नहीं इस बार तो क्या करेंगे
इस केस में क्या करो कि यहां से आप देखो जो p ब इक्वल टू कांस्टेंट है p इक्वल टू कांस्टेंट तो यहां से p इक्वल टू आप c / v
लिख सकते हो c कांस्टेंट है और v तो यहां पे हमने क्या करा इस p की जगह हमने c अप v लिख लिया अब यहां पर केवल एक की वेरिएबल
बचा v प्रेशर को हमने यहां से वॉल्यूम की टर्म्स में लिख लिया प्रेशर को हमने वॉल्यूम के टर्म्स में लिख लिया तो अब
क्या करोगे वन से टू तक इसको इंटीग्रेट कर दो जब इंटीग्रेट करोगे तो c को बाहर लिख लो कांस्टेंट है वन से टू तो 1 / v
dv1 / x 1 / v dvb-t तक तो c * ln2 / v1 ठीक है ना आप
क्या लिखेंगे जब लिमिट पुट करेंगे l v2 - l v1 और l v2 - l v1 को l v2 / v1 लिख सकते हो तो c * l v2 / v1 अब c की जो
वैल्यू है वो कितनी रख सकते हो c की वैल्यू आप p1 v1 भी रख सकते हो p2 v2 भी रख सकते हो तो हमने लिखा w1 2 = p1 v1 लॉग
v2 / v1 अब इस v2 / v1 को v2 / v1 को आप यहां पर p1 / p2 भी लिख सकते हो यहां पर आप p1 / p2 भी लिख सकते हो इसके जगह कुछ
भी आप यहां से कुछ भी लिख सकते हो नो प्रॉब्लम एट ऑल आपको अगर p1 v1 दे रहा है p1 और v1 p1 v1 और v2 दे रखा है तो आप
यहां से वर्क निकाल सकते हैं अगर प्रोसेस आइसोथर्मल है नाउ चेंज इन इंटरनल एनर्जी तो य कितना होता है पहले दो बार आ चुका है
mcbm-l तो कितना हो जाएगा क्योंकि टेंपरेचर तो कांस्टेंट है इस बार तो टेंपरेचर अगर
कांस्टेंट है तो ये हो जाएगा जीरो तो येडी की जो वैल्यू है वो कितनी आ जाएगी जीरो यानी कि इंटरनल एनर्जी में जो चेंज होगा
आइसोथर्मल प्रोसेस में वो जीरो हो जाएगा यानी कि जो u2 की वैल्यू है वो कितनी हो जाएगी u1 के बराबर हो जाएगी हीट ट्रांसफर
कितना आएगा डेल क = डेड्डी है ना तो य की वैल्यू कितनी होगी जीरो तो जितना इस बार जितनी हीट ट्रांसफर करोगे वो किसके बराबर
हो जाएगी वर्क ट्रांसफर के बराबर ऐसा कौन सा प्रोसेस है जिसमें हम जो हीट ट्रांसफर करते हैं व वर्क ट्रांसफर के बराबर आ जाती
है प्रोसेस की बात हो रही है तो हीट ट्रांसफर इ इक्वल टू वर्क ट्रांसफर चेंज इन एंथल पी कितना आएगा h2 - h1
हुए हैं इसी तरह से एक एक और इक्वेशन होती है एडि बेटिक प्रोसेस जिसमें हीट ट्रांसफर जीरो होता है इस केस में जो इक्वेशन होती
है पवी की पावर गामा इक्वल टू कांस्टेंट यहां पर गामा जो होता है एडि बेटिक इंडेक्स होता है उसी तरह से ये प्रोसेस भी
हमारा डायग्राम यहां पर भी सेम बन जाएगा यहां भी कर्व बनता है अब यहां भी क्या करेंगे हम लोग p को हम c अप ब की पावर
गामा लिखेंगे क्योंकि प्रेशर को हम वॉल्यूम की टर्म्स में लिखते हैं तो w = इंटीग्रेशन ऑफ p
अप b की पावर गामा या p = c v की पावर माइन गामा ठीक है आइएगा तो यहां पर हमने लिखा p को c v की पावर माइनस गामा और हम v
के रिस्पेक्ट में इसको क्या करेंगे इंटीग्रेट करेंगे इंटीग्रेट कर दीजिएगा तो कितना आएगा x की पावर n का जो इंटीग्रेशन
आता है x की पावर n का इंटीग्रेशन कितना आता है x की पावर n + 1 / n + 1 आप सभी जानते हैं तो यहां पर कितना है ये c
कांस्टेंट है बाहर लिखा v की पावर माइनस गामा * dv8 करो तो तो v की पावर माइनस गामा प्व अपन माइनस के गामा + 1 अरे ये
वाले फॉर्मूला लगाओगे ना x की पावर n का जब इंटीग्रेट करोगे x की पावर n + 1 अप n + 1 v1 से v2 तक इंटीग्रेट कर दो तो देखो
जरा यहां से c को बाहर लिखा माइनस के गामा + 1 को बाहर लिखा ठीक है वैल्यू लिमिट लगाओ तो v2 की पावर माइनस गामा + 1 - v1
की पावर माइन गामा + 1 आइए यहां पे आ जाइएगा अब ये जो c है इसके अंदर मल्टीप्लाई कर रहा हूं मैं यहां पे तो
यहां पे माइनस के गामा + 1 नीचे लिखा रहने दिया अब c के अंदर मल्टीप्लाई तो कितना हो गया c इन b2 की पावर अब ये जो b2 की पावर
माइनस गा प्व है इसको ऐसा लिख सकते हैं कि b2 की पावर माइनस गामा इनू v2 क्योंकि v2 की पावर कितनी बचेगी वन इसी तरह से c की
यहां भी अंदर मल्टीप्लाई करी तो ये आ जाएगा c b की पावर v1 की पावर माइनस के गामा इन v1 लिख लिया इस इक्वेशन को
न न आग देखते हैं देखो अब यहां पे आइएगा जरा एक बार पहले p इ सीवी की पावर माइनस के
तो यहां से क्या लिख सकते हैं हम लोग p1 = c v1 की पावर माइनस गामा इसको लिख सकते हैं ना ऐसा हम और इसी इसी को हम लिख सकते
हैं कि p2 = c v2 की पावर माइनस गामा अब जरा ध्यान से ऑब्जर्व करना यहां पे क्या लिखा हुआ है cv2 की पावर माइनस गामा cv2
की पावर माइनस के गामा ध्यान दो cv2 की पावर एक सेकंड cv2 की पावर माइनस गामा ये भी है cv2 की पावर माइनस गामा इसको क्या
लिख सकते हो p2 लिख सकते हो तो हमने इसको p2 लिख दिया पहले से यहां पर v2 लिखा हुआ है इसी तरह से cv1 की पावर माइनस गामा cv1
की पावर माइनस गामा को हम p1 लिख सकते हैं तो इसको हमने p1 लिख दिया v1 ऑलरेडी यहां पे लिखा हुआ है ठीक है -1 से ऊपर नीचे
मल्टीप्लाई कर दो तो ये हो जाएगा गामा प्लस हो जाएगा है ना यानी कि गामा -1 और ये इंटरचेंज हो जाएंगे क्योंकि हमने -1 से
ऊपर नीचे मल्टीप्लाई कर दिया है तो फाइनल जो एक्सप्रेशन आएगा बेटा फाइनल जो एक्सप्रेशन आएगा वो कितना आ जाएगा ड = p1
v1 - v2 v2 / गामा - 1 ये है एडिबेक वर्क वेयर गामा इ इक्वल टू एडिबेक इंडेक्स यहां पर लिख दिया है चेंज इन इंटरनल एनर्जी
mcv4 - t1 हीट ट्रांसफर तो कितना होगा जीरो हमेशा याद रखने का हमेशा याद रखने का आपको कि जब भी एडि बेटिक प्रोसेस की बात
होगी तो हीट ट्रांसफर मस्ट बी इक्वल टू ज जीरो तो हीट ट्रांसफर कितना होगा रो और चेंज इन एंथल पी कितना हो जाएगा
इक्वल टू कांस्टेंट है ये एडिबेक प्रोसेस है एक प्रोसेस और होता है pbn-a
पॉलीट्रॉपिक इंडेक्स जरा नेक्स्ट देखते हैं ये रहा पॉलीट्रॉपिक इंडेक्स pv1 = कांस्टेंट तो वर्क डन जो है w1 टू 2 कितना
होगा p1 v1 - p2 v2 / n - 1 पहले गामा था अब यहां पर n आ गया है और कोई दिक्कत वाली वाली बात नहीं है वेयर n = ट पॉलीट्रॉपिक
इंडेक्स वैसे ही रहेगा सेम लेकिन यहां पर ये ध्यान रखना कि जो एडि बेटिक प्रोसेस होता है इसमें हीट
ट्रांसफर जीरो होता है लेकिन पॉलीट्रॉपिक में हीट ट्रांसफर भी हो सकता है ओके चलिए उसके बाद ये जो मैंने आपको बताया है वो
पूरी की पूरी समरी लिखी हुई है है ना पांच पांच प्रोसेस बताए थे मैंने कांस्टेंट वॉल्यूम कांस्टेंट प्रेशर आयस थर्मल
एडिबेक पॉलीट्रॉपिक तो वर्क ट्रांसफर कितना आएगा हीट ट्रांसफर कितना होगा वो यहां पर मैंने समरी इसकी लिखी हुई है ठीक
है तो ये थे कुछ फॉर्मूले बेसिक लेक्चर थ्री में लेक्चर नंबर फोर में न्यूमेरिकल है जैसे कि मैंने आपको पहले ही बोला था कि
मैं आपको क्या कराने वाला हूं मैं आपको थ्योरी और डेरिवेशंस कराने वाला हूं इस वन शॉर्ट वीडियो में क्योंकि यूनिट काफी बड़ी
है तो यहां पर थ्योरी और डेरिवेशन से ही मैं कराऊंगा आपको थ्योरी और डेरिवेशन राइट न्यूमेरिकल अगर आप कहेंगे क्योंकि बहुत कम
स्टूडेंट्स होते हैं मैंने देखा ऑब्जर्व किया है अगर आप कहेंगे आप वीडियो के कमेंट में लिख दीजिएगा कि हमको न्यूमेरिकल भी
चाहिए तो एक छोटी सी वीडियो में न्यूमेरिकल की अलग से सेपरेट बना दूंगा फिलहाल मैं थ्योरी और डेरिवेशन करा रहा
हूं मोस्ट ऑफ दी क्वेश्चंस आपके थ्योरी और डेरिवेशन से ही आ जाएंगे हालांकि जो डिटेल लेक्चर थे मैंने एप्लीकेशन में भी पढ़ाए
थे youtube2 पर भी मैंने कुछ न्यूमेरिकल आपको ये कराए हुए हैं ठीक है तो मैं न्यूमेरिकल को अभी स्किप कर रहा हूं
क्योंकि वीडियो बहुत बड़ी हो जाएगी यूनिट का सिलेबस काफी ज्यादा है राइट तो न्यूमेरिकल के लिए आप कहेंगे तो जरूर मैं
आपके लिए एक न्यूमेरिकल की सेपरेट वीडियो बनाऊंगा नेक्स्ट हम लोग पढ़ेंगे यहां पे तो ये वाला जो पोर्शन है बेटा हमारा
कंप्लीट हो चुका है फर्स्ट वाला जो पार्ट है थर्मोडायनेमिक्स वा वाला जो सेकंड पार्ट चलेगा हमारा वो है स्टीम
इंजीनियरिंग जहां पर हम क्लासिफिकेशन ऑफ वर्किंग ऑफ बॉयलस पढ़ेंगे बॉयलर माउंटिंग्स बॉयलर ए सीरीज पढ़ने वाले हैं
देन उसके बाद हम बॉयलर की जो एफिशिएंसी होती है उसकी बात करेंगे ड्रॉट की बात करेंगे हां पर डेरिवेशन भी है हम डेरिवेशन
भी कराऊंगा आपको देखिए थ्योरी डेरिवेशन मैं कंप्लीट कराने वाला हूं तो यहां पर ड्रॉट का एक नेचुरल ड्रॉट का चिमनी ड्रॉट
का एक डेरिवेशन है वो मैं कराऊंगा आप लोगों के लिए और टाइप्स ऑफ ड्रॉट के बारे में बात करूंगा चलिए तो इसको कंटिन्यू
करते हैं ठीक है ओके तो देखेंगे हम बॉयलर है ना ये वाला पोर्शन जो है अब हम इसको कंप्लीट करेंगे
स्टीम इंजीनियरिंग वाले को तो नाउ फर्स्ट ऑफ ऑल व्हाट इज बॉयलर बॉयलर को डिफाइन करने के लिए आपसे पूछ लिया था पहले कि
आरजीपी भी नवंबर 2019 और जून 2020 में कि बॉयलर क्या होता है इट इज आल्सो नोन एज स्टीम जनरेटर देखिए जैसे आपका प्रेशर कुकर
होता है तो उसमें भी क्या करते हो आप स्टीम को जनरेट करते हैं वह भी एक स्टीम जनरेटर है प्रेशर कुकर भी एक स्टीम जनरेटर
है लेकिन उसको हम बॉयलर कैटेगरी में नहीं डाल सकते ध्यान देना कि बॉयलर इज एन इंजीनियरिंग डिवाइस बॉयलर क्या है एक
इंजीनियरिंग डिवाइस है व्हिच जनरेट स्टीम एट डिजायर्ड प्रेशर एंड टेंपरेचर डिजायर्ड प्रेशर पे है ना जो भी रिक्वायरमेंट होती
है प्रेशर की प्रेस देखिए जो स्टीम होती है वो उसके एप्लीकेशंस होते हैं टरबाइन के अंदर जो स्टीम जाती है इलेक्ट्रिसिटी
प्रोड्यूस होती है वर्क वहां से हम प्रोड्यूस करते हैं तो अलग-अलग टेंपरेचर पे अलग-अलग प्रेशर पे स्टीम की
रिक्वायरमेंट होती है तो जो डिजायर्ड प्रेशर होता है डिजायर्ड टेंपरेचर होता है उस पर स्टीम को जनरेट करने के लिए जो
इंजीनियरिंग डिवाइस है उसका नाम है बॉयलर इट इज द क्लोज्ड वेसल आप यहां देख सकते हैं ये होता है बॉयलर इस तरह का ये
क्लोज्ड वेसल है ये हॉरिजॉन्टल भी हो सकता है और ये वर्टिकल भी हो सकता है क्लासिफिकेशन में हम बात करेंगे इट इज अ
क्लोज्ड वेसल जनरली मेड ऑफ स्टील जनरली ये स्टील का बना होता है इन व्हिच वेपराइजेशन ऑफ वाटर टेक्स प्लेस बाय एब्जॉर्ब हीट
इसके अंदर वाटर को सप्लाई करते हैं और हीट स वाटर जाएगा इसके अंदर वाटर को फीड करेंगे बॉयलर के अंदर वाटर को फी ड करेंगे
हीट सप्लाई करेंगे तो वो क्या बन जाए उसको क्या बना देगा वो वाटर को स्टीम में कन्वर्ट करेगा वेपर में उसको कन्वर्ट
करेगा जैसे घर प प्रेशर कुकर होता है उसके अंदर आप पानी रख दीजिए वाटर जो है उसके अंदर जब आप भरोगे वाटर को तो वो वेपराइज
हो जाएगा यानी कि उसकी स्टीम बन जाएगी लेकिन कब बनेगी जब उसको आप हीट सप्लाई करोगे तो हीट को एब्जॉर्ब करता है कौन
बॉयलर और जो इसके अंदर वाटर को हम फीड करते हैं उसको स्टीम में बना दे उसको स्टीम बना देता है वेपर में कन्वर्ट कर
देता है हीट रिक्वायर्ड फॉर वेपराइजेशन मे बी प्रोवाइडेड बाय द कंबशन ऑफ फ्यूल इन द फर्नेस कि जो हम हीट सप्लाई करते हैं
बॉयलर को कंबशन करेंगे कहां पे फर्नेस के अंदर या इलेक्ट्रिसिटी से भी हम हीट सप्लाई कर सकते हैं ठीक है या न्यूक्लियर
रिएक्टर के माध्यम से या हॉट एग्जॉस्ट गैसेस के माध्यम से या फिर सोलर सोलर रेडियन के रेडिएशन के माध्यम से तो इस तरह
का यह है आपका बॉयलर दिखता है ठीक आगे बढ़ते हैं नेक्स्ट रिक्वायरमेंट ऑफ ए गुड बॉयलर जो गुड बॉयलर होता है उसकी क्या
रिक्वायरमेंट होती है कैसा होना चाहिए बॉयलर क्या उसकी करैक्टर सिक्स होनी चाहिए ये भी आरजीपीवी नवंबर 201920 में पूछा गया
आपसे से इन जनरल बॉयलर इज सपोज टू जनरेट लार्ज क्वांटिटी ऑफ स्टीम एट डिजायर्ड प्रेशर एंड टेंपरेचर क्विकली एंड
एफिशिएंटली जनरली हम ये कह सकते हैं कि जो बॉयलर कैसा होना चाहिए वो क्विकली फास्ट वे में स्टीम को जनरेट करे लार्ज
क्वांटिटी में जनरेट करें डिजायर्ड टेंपरेचर डिजायर्ड प्रेशर पे इट शुड जनरेट क्या कैरेक्टरिस्टिक होने चाहिए इट शुड
जनरेट स्टीम एट मिनिमम फ्यूल कंजमपट्टी की बाइक है स्कूटी जिसमें आप फ्यूल पेट्रोल चलाते डीजल पेट्रोल चलाते हो तो
आप क्या चाहोगे कि कम से कम डीजल का खर्चा हो उसमें कम से कम उसका माइलेज जो है उसको ज्यादा होना चाहिए वैसे ही जो है कम से कम
फ्यूल को बर्न करना पड़े और जो व स्टीम को जनरेट करे इट शुड इट शुड हैव सफिशिएंट स्टीम एंड वाटर स्टोरेज
कैपेसिटी बॉयलर की सफिशिएंट कैपेसिटी होनी चाहिए ताकि उसके अंदर सफिशिएंट जो है वाटर आ सके और स्टीम आ सके उसके अंदर बॉयलर शुड
हैव स्ट्रेंथ विदस्टैंड द एक्सेसिव थर्मल स्ट्रेस क्योंकि आप समझ सकते हैं कि टेंपरेचर काफी ज्यादा होता है प्रेशर काफी
ज्यादा होता है बॉयलर के अंदर तो उस बॉयलर जो मटेरियल है जो उसका डिजाइन है उसकी जो स्ट्रेंथ है वो सफिशिएंट स्ट्रेंथ होनी
चाहिए बॉयलर शुड ऑकुपाड़ा एंड गिव अ गुड वर्कशिप फॉर द ईज ऑफ इंस्पेक्शन एंड रिपेयर्स इसका जो
कंस्ट्रक्शन है वह सिंपल होना चाहिए ठीक है व उसकी उसको मेंटेनेंस के लिए उसको रिपेयर करने के लिए वो इजी होना चाहिए
देयर शुड बी मिनिमम फ्रिक्शनल पावर लॉस ड्यूरिंग द फ्लो ऑफ हॉट फ्लू गैसेस देखिए इसके अंदर जो बॉयलर है उसके अंदर क्या
जाएगी बॉयलर फीड करेंगे वाटर को और उसको हम स्टीम अ हीट सप्लाई करते हैं तो जो फ्लू गैसेस हैं वो फ्लो हो रही होती है
स्टीम फ्लो हो चाहिए वाटर फ्लो होता है तो ये तीनों चीजें जो हैं इजली फ्लो हो जानी चाहिए ठीक है कम से कम लॉस होना चाहिए ऐसा
फ्लो होना चाहिए इनका ट्यूब शुड बी डिजाइन सो दैट यू नो मिनिमम सूट डिपोजिशन एंड गुड स्ट्रेंथ अगेंस्ट वियर ऐसा ना हो कि जो
इसका डिजाइन है ऐसा ना हो जाए कि उसमें वियर आउट ज्यादा हो जाए बॉयलर शुड हैव मड ड्रम उसके अंदर एक मड ड्रम होना चाहिए टू
रिसीव ऑल इंप्योरिटीज ताकि उसके अंदर की जो इंप्योरिटीज हैं वो उस मड ड्रम के अंदर इकट्ठा हो जाएं इट शुड इक्विप विद नेसेसरी
माउंटिंग्स उसके ऊपर माउंटिंग्स होनी चाहिए सेफ्टी डिवाइस होनी चाहिए जैसा आप यहां पर देख सकते हैं हम पढ़ेंगे अलग से
भी बॉयलर माउंटिंग्स एंड बॉयलर एरीज क्या होती हैं तो यहां पर आप देख सकते हैं इसी के इंटीग्रल पार्ट्स होते हैं बॉयलर के
क्या जिनको हम बोलते हैं बॉयलर माउंटिंग्स जो कि इसको सेफ्टी प्रोवाइड कराते हैं ठीक है बिना बॉयलर माउंटिंग्स के बॉयलर जो है
ऑपरेट उसको हम नहीं कर सकते नाउ द टाइप्स ऑफ बॉयलर यह भी क्वेश्चन पूछा गया आपसे ऑलरेडी आरजीपीबी में तो कई तरीके हैं जो
हम जिसके बेसिस पर हम बॉयलर को क्लासिफाई कर सकते हैं फर्स्ट वन इज ट्यूब कंटेंट कि जो बॉयलर के अंदर ट्यूब्स होती हैं है ना
मैं आपको यहां पर अगर दिखाना चाहूं एक डायग्राम के माध्यम से यहां पर बॉयलर की क्या होती है ना ट्यूब्स होती है इस तरह
से इस इन ट्यूब्स के अंदर जो है हॉट फ्लू गैसेस हैं या फिर इनके अंदर वाटर है उसके हिसाब से हम इसको क्लासिफाई कर सकते हैं
तो पहला जो क्राइटेरिया है क्लासिफाई करने का वो क्या है बेटा कि ट्यूब के अंदर कंटेंट क्या है अकॉर्डिंग टू द कंटेंट इन
द ट्यूब द बॉयलर आर क्लासिफाइड एज फायर ट्यूब बॉयलस एंड वाटर ट्यूब बॉयलस अगर ट्यूब्स के अंदर फायर है फायर मतलब फायर
का मतलब है कि उसके अंदर जो फ्लू गैसेस हैं जब हम कंबशन करते हैं फ्यूल का जब कंबशन होता है तो वहां से जो गैसेस फ्लू
गैसेस निकलती हैं जिनका टेंपरेचर ज्यादा होता है अगर वो ट्यूब्स के अंदर हैं तो वो कहलाएगा फायर ट्यूब बॉयलस और उन ट्यूब्स
के सराउंडिंग में क्या होगा वाटर होगा तो वाटर क्या करेगा जैसे अ यू नो रॉड होती है पानी को गर्म करने की रॉड होती है तो गर
उसको क्या जैसे रॉड है ये है ना आपने बकेट में रखा बकेट के अंदर पानी है तो ये जो रॉड है यहां से हीट निकलेगी और वो हीट
कहां जाएगी वाटर के अंदर जाएगी वाटर हीट को एब्जॉर्ब करेगा और वाटर जो है उसका टेंपरेचर बढ़ जाएगा इसी तरह से जैसे
ट्यूब्स होती है तो ट्यूब्स के अंदर क्या रहेगा फायर मतलब उसके अंदर क्या रहेगी टेंपरेचर ज्यादा रहेगा हॉट फ्लू गैसेस और
उसके सराउंडिंग में क्या रहने वाला है उसके सराउंडिंग में रहेगा वाटर तो ट्यूब से जो ट्यूब के अंदर फ्लू गैसेस हैं वहां
से हीट निकलेगी और जो उसके सराउंडिंग में वाटर है वाटर हीट को एब्जॉर्ब करेगा और वाटर जो है वेपराइज हो जाएगा उसकी स्टीम
बन जाएगी भाप बन जाएगी और वो स्टीम के ड्रम में जो है वो इकट्ठा हो जाएगी और वही काम हमको करना है स्टीम को बनाना है ठीक
है स्टीम को क्या करना है प्रोड्यूस करना है राइट चलिए दूसरा आता है आपका वाटर ट्यूब बॉयलर इसमें उल्टा हो जाएगा इसमें
क्या होगा जो ट्यूब्स हैं ट्यूब्स के अंदर वाटर रहेगा और वाटर के सराउंडिंग में जो फ्लू गैसेस रहेंगी ठीक है अभी भी वही काम
होगा जो हॉट फ्लू गैसेस देखिए अब इन ट्यूब्स के अंदर क्या है वाटर है इसके बाहर क्या है फ्लू गैसेस हैं तो ट्यूब के
अंदर जो वाटर है वो हीट को एब्जॉर्ब करेगा और वेपराइज हो जाएगा तो दोनों में एक दूसरे का अपोजिट है फायर ट्यूब का मतलब है
कि ट्यूब्स के अंदर फायर होंगी और वाटर ट्यूब्स का मतलब है कि ट्यूब्स के अंदर वाटर होगा तो एक फायर ट्यूब बॉयलर दूसरा
होगा वाटर ट्यूब बॉयलस वही चीज यहां पर लिखी गई है जो फायर ट्यूब बॉयलस हैं उसके एग्जांपल है काकरान बॉयलर लेंके सायर
कॉर्निस एंड लोकोमोटिव बॉयलर जो वाटर ट्यूब बॉयलस हैं बेब कॉक एंड विल बॉक्स बॉयलस स्टर्लिंग बॉयस इसके एग्जांपल है
नेक्स्ट जो आता है दूसरा क्लासिफिकेशन मेथड ऑफ फायरिंग बेस्ड ऑन मेथड ऑफ फायरिंग बॉयलस आर क्लासिफाइड इंटरनली फायर्स
फायर्स बॉयलर द फर्नेस रीजन इज प्रोवाइडेड इनसाइड द बॉयलर जो बॉयलर शेल होती है ना अभी मैंने आपको दिखाया था बॉयलर शेल के
अंदर ही क्या होती है फर्नेस वहीं पर कंबशन होता है वहीं पर फायरिंग होती है उसको बोलते हैं इंटरनली फायर्स दूसरा
एक्सटर्नली फाड वाल्स का मतलब है कि जो जहां जो फर्नेस होती है जहां पे कंबन होता है वह आउटसाइड होती है है ना आउटसाइड द
बॉयलर बॉयलर सेल से बाहर होती है ठीक आगे बढ़ते हैं नेक्स्ट क्लासिफिकेशन आता है प्रेशर ऑफ स्टीम स्टीम जो है वह कितने
प्रेशर पे जनरेट हो रही है उसके हिसाब से लो प्रेशर बॉयलर हाई प्रेशर बॉयलर ठीक है एक तीसरा भी अगर चाहे तो आप मीडियम मीडियम
प्रेशर बॉयलर भी कह सकते हैं तो लो प्रेशर बॉयलर का मतलब है अ बॉयलर व्हिच प्रोड्यूस स्टीम एट अ प्रेशर लोअर देन 80 बार बार
क्या है प्रेशर की एक यूनिट है तो 80 बार से कम का प्रेशर अगर कोई बॉयलर प्रोड्यूस कर रहा है तो वो लो प्रेशर बॉलरी कैटेगरी
में आ जाएगा ठीक है एग्जांपल है इसका ककन कॉर्निस लेंके सायर लोकोमोटिव बॉयलस दूसरा आता है हाई प्रेशर बॉयलर अ बॉयलर व्हिच
जनरेट स्टीम एट अ प्रेशर अ हाईयर देन 80 बार अगर कोई बॉयलर ऐसा है कि जो 80 बार से 80 बार से ज्यादा प्रेशर प्रोड्यूस कर रहा
है स्टीम का जो प्रेशर है वो 80 बार से ज्यादा है 80 बार से ज्यादा है देन इट विल बी नोन एज हाई प्रेशर बॉयलर लामोंट एंड
वेलक क्स और बेंसन बॉयलस जो है वो इसके एग्जांपल हैं नेक्स्ट जो क्लासिफिकेशन आता है मेथड्स ऑफ सर्कुलेशन ऑफ वाटर देखिए ये
बहुत सारे मेथड्स हैं बॉयलर को क्लासिफाई करने के जैसे हम क्लास के अंदर मान लीजिए 50 स्टूडेंट्स हैं उनको भी क्लासिफाई कर
सकते हैं अलग-अलग तरीके से कि आपके मार्क्स कितने हैं आपके मार्क्स कितने आ रहे हैं 90 पर से ज्यादा है तो एक कैटेगरी
हो गई 80 % से 90 के बीच में एक कैटेगरी हो गई तो इस तरह से हम आपको क्लासिफाई कर सकते हैं तो मार्क्स एक क्राइटेरिया हो
गया दूसरा आपकी जो अटेंडेंस है है ना आपकी अटेंडेंस कितनी है 75 पर है उससे ज्यादा है 50 है कि 50 तो उसके हिसाब से भी हम
क्लासिफाई कर सकते हैं वैसे आप लोग की अटेंडेंस 75 पर होती नहीं होंगी बहुत ही यू नो किसी-किसी की 75 पर जाती होंगी तो
यू नो आपकी हाइट के अकॉर्डिंग भी हम क्लासिफाई कर सकते हैं आप जो है यूपी बोर्ड से हैं कि सीबीएससी बोर्ड से हैं यह
भी एक क्लासिफिकेशन हो सकता है तो देयर आर नंबर ऑफ क्लासिफिकेशंस बाय व्हिच वी कैन क्लासिफाई द नंबर ऑफ स्टूडेंट्स प्रेजेंट
इन द क्लास ओके नाउ तो इसी तरह से बॉयलर को भी क्लासिफाई करने के बहुत सारे तरीके हैं नेक्स्ट जो मेथड है मेथड्स ऑफ
सर्कुलेशन ऑफ वाटर ऑन द बेसिस ऑफ मेथड ऑफ सर्कुलेशन बॉयलस आर क्लासिफाइड नेचुरल सर्कुलेशन एंड द सेकंड वन इज फोर्स
सर्कुलेशन ठीक है ना तो दो तरह के होंगे नेचुरल और फोर्ट सर्कुलेशन कोई था क्या गेट पे
ठीक तो दो हो गए बेटा नेचुरल सर्कुलेशन और फोर्ड सर्कुलेशन नेचुरल सर्कुलेशन का मतलब समझिए क्या है इन दिस टाइप ऑफ बॉयलस
सर्कुलेशन ऑफ बॉयलर टेक्स प्लेस बाय नेचुरल कॉन्वेक्स करंट प्रोड्यूस्ड बाय द एप्लीकेशन ऑफ हीट हीट के कारण एक नेचुरल
सर्कुलेशन होता है जिसको हम बोलते हैं नेचुरल सर्कुलेशन बॉयलर जैसे लैकेस आयर हो गया लोकोमोटिव हो गया बब कक हो गया
विलकॉक्स हो गया मतलब इसमें जो जैसे ये यही कांसेप्ट उसमें भी होता है आपका का जो फ्रीजर जो फ्रीज होता है ना उसमें भी जो
है डेंसिटी डिफरेंस के कारण जो हीट का फ्लो होता रहता है उसी तरह से यहां पर भी है दूसरा होगा फोर सर्कुलेशन बॉयलर इन दीज
टाइप्स ऑफ बॉयलर द सर्कुलेशन ऑफ वाटर टेक्स प्लेस बाय मैकेनिकल मैकेनिकल मींस मतलब यहां पर हम
क्या करते हैं सर्कुलेशन के लिए फैंस वगैरह पंप्स वगैरह यहां पर लगाते हैं लामोंट एंड वेलक क्स जो है इसका एग्जांपल
है नेक्स्ट जो क्लासिफिकेशन है अकॉर्डिंग टू नेचर ऑफ ड्रॉट नेचुरल ड्रॉट बॉलर्स हो सकते हैं फोर्स ड्रॉट बॉयलस हो सकते हैं
इसमें नेचुरल ड्रॉट का यूज करते हैं जो फ्लू गैसेस होती हैं उनको स अ एग्जॉस्ट करने के लिए ठीक है इन दिस द ड्रॉट
प्रोड्यूस्ड बाय द नेचुरल सर्कुलेशन और एयर ऑफ एयर एंड गैस राइट एयर का फ्लो कराना है फ्लू गैसेस का जो फ्लो कराना है
उसके लिए हम नेचुरल डट ड्रॉट प्रोड्यूस करते हैं जिसको हम चिमनी ड्रॉट भी बोलते हैं चिमनी ड्रॉट का नेचुरल ड्रॉट का एक
डेरिवेशन भी है इंपॉर्टेंट है उसको भी हम आज इसी वन शॉट में ड्राइव भी करेंगे फोर्स ड्रॉट का मतलब है द ड्रॉट इज प्रोड्यूस्ड
बाय मैकेनिकल सच एज फेंस इसमें हम फेंस वगैरह लगाते हैं ठीक है अभी हम पढ़ेंगे इंड्यूस्ड फेन फोर्सड फेन वो सारी चीजें
पढ़ने वाले हैं ला सेकंड लास्ट क्लासिफिकेशन है पोजीशन ऑफ द शल जैसे कि मैंने यहां पर आपको दिखाया था अभी दिस वन
यहां पर जो बॉयलर होता है ना इसकी जो पोजीशन बॉयलर हॉरिजॉन्टल भी हो सकता है और ये वर्टिकल भी हो सकता है तो उस हिसाब से
भी हम इसको क्लासिफाई कर सकते हैं हॉरिजॉन्टल बॉयलस का मतलब है इन हॉरिजॉन्टल बॉयलस एक्सिस ऑफ द शेल इज
हॉरिजॉन्टल वर्टिकल बॉयलस का मतलब है वर्टिकल बॉयलस में जो शेल की एक्सिस होगी वो वर्टिकल होगी इंक्लाइंड बॉयलस का मतलब
है यहां पर जो बॉयलर की शेल है वो इंक्लाइंड होगी किसी एंगल पे होगी या तो हॉरिजॉन्टल होंगे या वर्टिकल या इंक्लाइंड
भी हो सकती है लास्ट क्लासिफिकेशन है नंबर ऑफ ट्यूब्स ठीक है तो सिंगल ट्यूब हो सकता है और मल्टी ट्यूब भी हो सकता है अ सिंगल
ट्यूब बॉयलर हैज ओनली सिंगल फायर ट्यूब और वाटर ट्यूब है ना फायर ट्यूब हो सक फायर ट्यूब का मतलब है कि फायर जो होगी फ्लू
गैसेस ट्यूब के अंदर होंगी वाटर ट्यूब का मतलब है कि जो वाटर वाटर जो है वो ट्यूब के अंदर होगा मल्टी ट्यूब का मतलब है कि
उसमें मल्टी ट्यूब्स रहेंगी नंबर मोर देन वन ट्यूब्स रहेंगी और मल्टी ट्यूब बॉयलस हैज टू और मोर देन अ मोर देन टू फायर
ट्यूब्स और वाटर ट्यूब्स ठीक है एग्जांपल भी लिख दिया यहां पर मल्टी ट्यूब्स के लोकोमोटिव बॉयलर बब कॉक एंड विलकॉक्स
बॉयलर यूनन को ज्यादातर जो बॉयलस होते हैं वो मल्टी ट्यूब बॉयलस ही होते हैं नेचर ऑफ सर्विस के हिसाब से भी हम कह सकते हैं कि
पोर्टेबल बॉयलर और स्टेशनरी बॉयलस ये बॉयलस हैं जो हम उनको पोर्टेबल होते हैं एक जगह से दूसरी जगह ले जा सकते हैं स्मॉल
साइज में होते हैं स्टेशनरी का मतलब है कि इनको हम पोर्टेबल नहीं जैसे आपके रेलवे के जो होते हैं ना रेलवे लोकोमोटिव बॉयलर तो
वो तो पोर्टेबल ही होगा एक तरह से बॉयलस व्हिच कैन रेडली डिस्मेंटल एंड ट्रांसपोर्टेड फ्रॉम वन प्लेस टू अनदर
प्लेस स्टेशनरी का मतलब है बॉयलस दैट आर यूज्ड फॉर स्टेशनरी प्लांट्स आर कॉल्ड दी जितने भी प्लांट्स होते हैं है ना
बड़े-बड़े प्लांट्स होते हैं वहां पर स्टेशनरी बॉयलर से यूज़ किए जाते हैं सो दिस इज ऑल अबाउट द क्लासिफिकेशन ऑफ बॉयलस
नाउ सिलेक्शन ऑफ बॉयलर हमको कौन सा बॉयलर इनमें से यूज करना है आपने बहुत सारे बॉयलर देख लिए इनमें से कौन सा बॉयलर हमको
यूज करना है इस बिहा पर हम सेलेक्ट करते हैं सिलेक्शन ऑफ बॉयलर राट तो फॉर डिसाइडिंग द बॉयलर फॉर
एनी एप्लीकेशन फॉलोइंग क्राइटेरिया आर मतलब हमको कौन सा बॉयलर सेलेक्ट करनार बलर मतलब प्रेशर कितना चाहिए हिसाब
से ज्यादा प्रेशर के चाहिए तो हाई प्रेशर वाला जो बॉयलर है उसको सेलेक्ट करेंगे लो प्रेशर की रिक्वायरमेंट
है टेंपरेचर ट रेट किस रेट सेस्ट
बजट रनिंग एंड रनिंग मतलब हम उसको ऑपरेट कर रहे हैं कस्ट कितनी आ रही हो सकता है कुछ ट
इ ज्यादा आएगी लेकिन उसकी रनिंग कॉस्ट क्या आएगी कम आएगी आप पेट्रोल और डीजल कंपेयर कर सकते का है पेट्रोल की कार है
डीजल की कार है वो महंगी आती हैकी ज्यादा होती है अगर आप लेना चाहते हैं और पेट्रोल में डीजल वाली कार की जो कॉस्ट होगी
प्राइस ज्यादा होगा रनिंग कॉस्ट कम जल जो है पेट्रोल से थ होता है टर जब हमर में क्या आपको चाहिए और वाटर
चाहिए अवेलेबिलिटी टर की टेरिया है प र हमको बॉयलर का फर फॉलोइंग
बॉयलर मैंने बहुत सारे बॉयलर को क्लासिफाई कर रहे थे हम लोग एपल दिए अब य आ में क्या डिफरेंस
बताया टल कर और असेंबल कर सकते नहीं में डिफरेंस बताया आपको जब कम होता है अगर व बॉयलर सेल के अंदर
है ममल बताया था आपको क्ला बलर में केवल एक ही टर ट या एक ही फायर ट्यूब है तो
सिंगल कहलाएगा और दो या दो से ज्यादा अगर वाटर ट्यूब है या फायर ट्यूब से कहलाता है मल्टी ट्यूब बॉयलर ओके चलिए तो ये दो
बॉयलर ऐसे हैं जो डिफरेंस बारबार पूछता है फयर ट्यूब बॉयलर वाटर ट्यूब वायल तो बताया था कि के अंदर अगर फायर है ट्यूब्स के
अंदर अगर फ्लू गैसेस है आप देख सकते और ये फर्नेस है फर्नेस में जब कंबन होगा तो जो फ्लू गैसे हो इस तर आप देख पा रहे होंगे
अ ह फूसे ट्यूब के अंदर है बोल फायर ट्यूब बलर और क्या टर
है बा का टमपरेचर कम य वाटर है करेगा और गा हो के अंदर टरबाइन को कर देंगे
माध्यम से वाटर ट्यूब का मतलब है उल्टा हो जाएगा वाटर ट्यूब वाटर ट्यूब लर से तो
ट्यूब्स के अंदर वाटर होगा बाहर क्या होगा उसके सराउंडिंग में पर ट्यूब टर
बाहर काम वही होगा फिर से हीट एक्सचेंज और हीट एक्सचेंज किसके बीच में होती है वाटर के और फ्लू गैसेस के फू गैसेस का टेंपरेचर
ज्यादा होता है वाटर हीट को एजॉर्ब करता है होता है स्टीम बनती है वेपर बनती है और ये कर राइट चलिए आगे बढ़ते हैं
ने डिफरेंस ब फयर ट्यूब एंड वाटर ट्यूब य मैंने डायग्राम से बता दिया अलग से टेबल के माध्यम से आपको बता दिया है आप एक बार
पढ़ लीजिए जब भी डिफरेंस अगर आता है लिखने के मार्क्स आपको अच्छे मिल आप उसको टेल की
फॉम में लिखते हो ना तो आपको क्या करना है टेबल के फॉर्म में लिख करके आना है अगर कोई डिफरेंस आपसे पूछा गया है तो जिसके
कारण आपका जो वे ऑफ रिप्रेजेंटेशन है वो अच्छा हो जाता है तो मार्क्स कटने की जो संभावना है वह कम हो जाती है आपको अच्छे
मार्क्स मिलते हैं आइएगा नेक्स्ट आता है अब कुछ बॉयलस हैं जो नाम से पूछे जाते हैं आपको बोलेगा एक्सप्लेन द कंस्ट्रक्शन एंड
वर्किंग ऑफ कॉकर बॉयलर तो इसका डायग्राम आप बना लीजिएगा इस तरह से ये डायग्राम है इसका ठीक है बाकी जो वर्किंग है सभी उसके
सभी जितने बॉलेट्स हैं सबके अंदर एक ही काम होगा मैं एक बार आपको एक में बता दूंगा बाकी आप हिसाब से लिख सकते हैं
फ्यूल का कंबशन होता है सभी में होगा हीट एक्सचेंज होगी किसके बीच में देखो फ्यूल का कंबशन कहां पे होता है फर्नेस में और
ये फर्नेस कहां हो सकती है बॉयलर के अंदर भी हो सकती है बॉयलर के बाहर भी हो सकती है वहां पर वुड को जला सकते हैं कोयले को
जला सकते हैं है ना किसी भी तरीके से आपको वहां पर फ्यूल को जलाना है ठीक है हीट एक्सचेंज होगी क्योंकि यहां से जो फ्लू
गैसेस निकलेंगी फ्लू गैसेस निकलेंगी और फ्लू गैसेस से जो हीट है वो कहां जाएगी वाटर में जाएगी वाटर वेपराइज होगा ठीक है
यानी कि स्टीम का फॉर्मेशन होगा भाई जब हीट एक्सचेंज होगी तो स्टीम का फॉर्मेशन होगा ठीक है वाटर स्टीम को वाटर हीट को
एब्जॉर्ब करेगा स्टीम बन जाएगी फिर स्टीम आउटलेट स्टीम जो है व कहां चली जाएगी टरबाइन के अंदर यहां भी एप्लीकेशन होगा
होगा उसका ठीक है ना नेक्स्ट आएगा आपका यहां पर फ्लू गैसेस रिमूवल अब जो फ्लू गैसेस है यहां से हीट वाटर में जा चुकी है
फिर चिमनी के माध्यम से वह सराउंडिंग में हीट जो फ्लू गैसेस वो रिमूव हो जाएंगी मेंटेनेंस होगा भाई पीरियोडिक क्या होता
होता है उसका मेंटेनेंस भी होता है कुछ वाटर के अंदर इंप्योरिटीज होती हैं उनको बाहर कर दिया जाता है एडवांटेज
डिसएडवांटेज होंगे अलग-अलग बॉयलर के तो मैं ये सारे स्टेप्स जो हैं सभी बॉयलर के अंदर आपको देखने को मिलेंगे मैं एक बार
यहां पर आपको एक्सप्लेन करने की कोशिश करता हूं द कॉक राउन बॉयलर इज अ वर्टिकल मल्टी ट्यूबलर फायर ट्यूब
स्टेशनरी टाइप बॉयलर देखो इसमें सारी चीजें आ गई हमने क्लासिफिकेशन में क्या बताया था या तो वर्टिकल बॉयलर होगा या
हॉरिजॉन्टल होगा इंक्लाइंड होगा तो ये कैसा है ये है वर्टिकल बॉयलर कौन कॉक रान बॉयलर दूसरा मल्टी ट्यूबलर सिंगल ट्यूब और
मल्टी ट्यूब आपको बताया था तो ये मल्टी ट्यूब बॉयलर है फायर ट्यूब या वाटर ट्यूब बॉयलर हो सकता है तो ये फायर ट्यूब बॉयलर
के अंदर आता है स्टेशनरी या पोर्टेबल आपको बताया था तो ये स्टेशनरी स्टेशनरी टाइप का बॉयलर है
प्राइमर यूज्ड फॉर प्रोड्यूजिंग स्टीम एट दी लो मीडियम प्रेशर लो मीडियम प्रेशर बॉयलर भी हो सकते हैं हाई मीडियम प्रेशर
भी हो सकते हैं मैंने बताया था 80 बार से 80 बार से कम का प्रेशर अगर स्टीम प्रोड्यूस हो रही है तो वो क्या है लो तो
ये सब चीज इसके अंदर आ गई पहली लाइन में में फर्स्ट लाइन में वो सारी चीजें इसके अंदर आ गई ये कौन से टाइप का बॉयलर है इट
हैज सिलेंडर कल वर्टिकल शेल विद हेमिस्फेरिकल क्राउन तो देखो ये रहा यहां पे एक सिलेंडर कल वर्टिकल शेल है और ये
हेमिस्फेरिकल इसकी क्या है यहां पर क्राउन है ओके नाउ हेमिस्फेरिकल ज्योमेट्री ऑफर्स द मैक्सिमम वॉल्यूम ऑफ स्पेस एंड इज आल्सो
वेरी गुड फॉर द स्ट्रेंथ एंड रेडिएंट हीट अब्जॉर्प्शन हीट एक्सचेंज के लिए भी और इसके जो हेमिस्फेरिकल बनाई जाती है इसकी
ज्योमेट्री तो मैक्सिमम वॉल्यूम इसके अंदर आता है काफी ज्यादा स्पेस इसके अंदर क्रिएट हो जाता है दीज बॉयलस आर कैपेबल ऑफ
जनरेटिंग स्टीम अप टू प्रेशर ऑफ 20 बार 20 बार तक का जो प्रेशर है वो जनरेट कर सकते हैं ठीक है कैपेसिटी फ्रॉम 20 केजी पर आर
टू 3000 केजी पर आर 1 घंटे में 20 किग्रा से लेकर के 3000 किग्रा तक स्टीम को ये जनरेट कर सकता है बॉयलर बॉयलर हैव
डायमेंशन रेंजिन फ्रॉम 1 मीटर डायमीटर टू 2 मीटर हाइट 1 मीटर डायमीटर से लेकर के 2 मीटर की हाइट इसकी अ 1 मीटर से ले ध्यान
दीजिएगा 1 मीटर से 2 मीटर तक इसका डायमीटर हो सकता है हाइट इसकी 3 मीटर तक हो सकती है ठीक है और 6 मीटर तक इसकी अ एक सेकंड
ये पॉइंट में थोड़ा करेक्शन है शायद बॉयलस हैव डायमेंशन रेंजिन फ्रॉम 1 मीटर डायमीटर एंड 2 मीटर 1 मीटर से 2 मीटर तक इसका
डायमीटर हो सकता है 6 मीटर तक इसकी हाइट हो सकती है एफिशिएंसी ऑफ सच बॉयलस रेंजेस बिटवीन 70 पर टू 75 इस बॉयलर की जो
एफिशिएंसी है वो 70 से 75 पर के बीच में हो सकती है थोड़ा सा डायग्राम के माध्यम से भी चीजों को समझ लेते हैं बाकी जो
मैंने आगे बताया था अभी आपको उसको लिख दीजिएगा देखिए कुछ तो यहां पर आपको देखने को मिलेंगे यह प्रेशर गेज लिखा हुआ है ठीक
है प्रेशर गेज लिखा हुआ है ध्यान दीजिएगा प्रेशर गेज ओके प्रेशर गेज है एक सेकंड हां जी प्रेशर गेज ठीक है
सेफ्टी वल्व स्टॉप वल्व और यहां पर फूजिबल प्लग है ये यहां पर आप देख सकते हैं ये कुछ इसकी सेफ्टी ये कुछ माउंटिंग्स है मैं
अभी आगे समझाऊं ये इंपोर्टेंट क्वेश्चन है तो यह जो प्रेशर गेज सेफ्टी बॉल स्टॉप बॉल और ये आपका जो है ब्लो ऑफ कॉक हो गया ये
सब क्या है बॉयलर को सेफ्टी प्रोवाइड कराते हैं और दीज आर दी इंटीग्रल पार्ट ऑफ दी बॉयलर ये जो जो माउंटिंग्स होती हैं वो
बॉयलर के ही इंटीग्रल पार्ट्स होते हैं और बिना माउंटिंग्स के ये जो बॉयलर है इसको हम ऑपरेट नहीं कर सकते आइए समझते हैं एक
बार फिर से इसको देखो जरा यहां पे ये ट्यूब ट्यूस हैं और ये ट्यूब्स के अंदर क्या होगा फायर होगी मतलब फ्लू गैसेस
होंगी क्योंकि ये फायर ट्यूब बॉयलर है यहां पर आप देख सकते हैं ये है आपका ग्रेट लिखा हुआ है यहां पे ये कई बार आएगा तो
ग्रेट वो जगह होती है जहां पर हम फ्यूल को कंबशन कराते हैं यहां पर फर्नेस के अंदर जो ग्रेट होती है वहां पर हम फ्यूल को
रखते हैं फ्यूल में यहां पर कंबशन होता है तो जब कुछ इसका जो बर्निंग के बाद जो मटेरियल बचता है वो उसको बोलते हैं एस पिट
तो वो यहां पर नीचे गिर जाता है है ना फर्नेस के अंदर ग्रेट ग्रेट पे हम फ्यूल को बर्न कराते हैं नाउ जैसे ही फ्यूल को
हम बर्न कराएंगे तो यहां से क्या आएंगी फ्लू गैसेस आएंगी क्या आएंगी ये फ्लू गैसेस आएंगी ठीक है हॉट फ्लू गैसेस आएंगी
और क्योंकि ये फायर ट्यूब बॉयलस है तो ये ट्यूब्स के अंदर फ्लू गैसेस चलेंगी ठीक है ट्यूब्स के अंदर क्या रहेंगी फ्लू गैसेस
रहेंगी ये जो ब्लू कलर का आप देख रहे हैं ये वाटर है तो वाटर क्या करेगा इन फ्लू गैसेस से हीट को एब्जॉर्ब करेगा और
वेपराइज हो जाएगा स्टीम बन जाएगी और ये स्टीम जो है ऊपर की तरफ यहां पर जो स्टीम का ड्रम है यहां इकट्ठा हो जाएगी और जो
फ्लू गैसेस हैं वो यहां से फर्नेस यहां से आएंगी और चिमनी के माध्यम से यह सराउंडिंग में बाहर एग्जॉस्ट हो जाएंगी ठीक बात है
चलिए अब ये जो स्टीम बनी है ये स्टीम जो है यहां पर आप देख सकते हैं ये स्टॉप वॉल्व है ये सेफ्टी बॉल्व है स्टॉप वॉल्व
यहां से ये क्या करेगा स्टीम को रेगुलेट करता है और यहां से जहां पर भी स्टीम को सप्लाई करना है टरबाइन में ये स्टीम को
सप्लाई कर देता है ठीक है अब बाकी जो फूजिबल प्लग का काम क्या होता है फायर ट्यूब का काम क्या होता है इसको भी मैं
आपको एक बार यहां पर समझा देता हूं और बाद में आपको इसके नोट्स जो है अगली स्लाइड में नेक्स्ट स्लाइड्स में मिल जाएंगे
देखिएगा ये जो प्रेशर गेज है ये बताता है प्रेशर कितना है ये बताता है कि इस जो वर्किंग प्रेशर है जो बॉयलर का प्रेशर
स्टीम का जो प्रेशर है वो कितना है ये बताएगा कौन प्रेशर गेज अगर प्रेशर गे अगर मान लीजिए प्रेशर ज्यादा हो गया ठीक है ना
तो ये जो सेफ्टी वल्व है ये क्या करता है उस प्रेशर को डाउन कर देता है एक लिमिट के अंदर रखता है जैसे ही यहां पर इसका प्रेशर
स्टीम का ज्यादा होगा तो ये जो अभी आगे मैं बताऊंगा इसको तो ये जो सेफ्टी वॉल्व है इस सेफ्टी बल्ब के माध्यम से जो स्टीम
है वो बाहर निकल जाएगी और एग्जॉस्ट हो जाएगी और बॉयलर के अंदर का जो प्रेशर है वो कम हो जाएगा एक लिमिट के अंदर प्रेशर
रहेगा ताकि उसके अंदर कुछ भी मतलब जो है यह बॉयलर फट ना जाए ठीक है चलिए यह मैंने स्टॉप बल्व के बारे में आपको बता दिया
स्टीम को सप्लाई करना है स्टीम को जो है रेगुलेट करता है कितनी स्टीम आगे सप्लाई करनी है यहां पर लगा हुआ है वाटर लेवल
इंडिकेटर यहां पर जो वाटर है उसका लेवल कितना है उसको बताता है वाटर के लेवल को बताता है है ना जैसे ये एक बॉयलर है बॉयलर
के अंदर यहां पर जो है वाटर भरा हुआ है और फिर यह वाटर जो है स्टीम में कन्वर्ट होता रहता है तो मान लो यह वाटर का लेवल है तो
वाटर का लेवल कितना है ज्यादा है कि कम है यह वाटर लेवल इंडिकेट करता है वाटर जो है य वाटर लेवल इंडिकेटर जो है वाटर के लेवल
को इंडिकेट करता है एक यहां पर लगा हुआ है फूजिबल प्लग फूजिबल प्लग क्या करता है मान लीजिए बॉयलर के अंदर वाटर कम हो गया ठीक
है यहां पे जो वाटर है वाटर का लेवल क्या हो गया कम हो गया तो जैसे ही वाटर का लेवल कम होगा तो क्या हो सकता है ओवरहीटिंग हो
सकती है बॉयलर के अंदर ओवरहीटिंग की वजह से क्या हो सकता है मतलब बॉयलर के फटने के चांस हो सकते हैं उस केस में क्या करना
पड़ेगा जो फर्नेस है इसमें जो अ बर्निंग हो रही है उसको कम करना पड़ेगा फ्यूल के कंबशन को बंद करना पड़ेगा तो ये जो फ्यूजल
प्लग होता है जैसे ही जैसे ही ये जो वाटर लेवल नीचे की तरफ डाउन होता है तो ये जो फूजिबल प्लग होता है इसका मेटल जो है वो
मेल्ट हो जाता है और यहां से जो वाटर जो स्टीम है स्टीम जो है फर्नेस के अंदर चली जाती है और फर्नेस का जो कंबशन है बंद हो
जाता है एक तरह से ये कंबशन को रोक देता है ठीक है तो यह भी सेफ्टी प्रोवाइड कराता है ठीक है
चलिए आगे बढ़ते हैं नेक्स्ट यहां पर देखिए ब्लो ऑफ कॉक बॉल्व लगा हुआ है ब्लो ऑफ बॉल्व यहां पे क्या होता है जो वाटर वाटर
की जो इंप्योरिटीज होती है है ना उसको रिपेयर करने मेंट उसको पीरियोडिक क्या करते हैं वहां से जो मिट्टी होती है जो
इंप्योरिटी होती है वाटर से ब्लो ऑफ बल्ब के माध्यम से उनको बाहर निकालते हैं एक होता है यहां पे मेन होल है ना यहां पर
कहीं दिखा रखा है क्या इसमें ये रहा दिस इज दी मेन होल मैन होल का मतलब है कि इसके अंदर जो गंदगी इसके अंदर जो इंप्योरिटीज
होती है ये काफी बड़ा होता है इसके अंदर इंसान जो है वो जाता है है ना कोई भी जाकर के इसको मतलब जो भी ऑपरेटर होंगे उसके जो
भी उसके अंदर जाएंगे और वहां से उसको नीट एंड क्लीन करेंगे राइट चलिए आगे बढ़ते हैं नेक्स्ट इसके बाद जो मैंने आपको बता दिया
भाई फ्यूल का कंबशन होगा फर्नेस के अंदर जो ग्रेट होती है वहां पर फ्यूल की बर्निंग होगी हीट एक्सचेंज होगी फ्लू
गैसेस और वाटर के बीच में तो स्टीम फॉर्मेशन होगा वाटर स्टीम में हो जाएगी और स्टीम जो है वो सप्लाई कर दी जाएगी स्टॉप
बल्ब के माध्यम से है ना जो फ्लू गैसेस है वो चिमनी के माध्यम से बाहर निकल जाएंगी मेंटेनेंस इंप्योरिटीज और सेडिमेंट्स इन द
वाटर आर आ ड्रेंड पीरियोडिक यूजिंग द बिलो ऑफ वॉल या बिलो ऑफ कॉक जो हमने दिखाया था अभी आपको वहां पर उसे नीट एंड क्लीन कर
दिया जाता है एडवांटेज की बात करें तो सिंपल इन डिजाइन होता है कंपैक्ट होता है इजी टू ऑपरेट होता है टेबल फॉर प्रोड्यूस
द लो टू मीडियम प्रेशर लो प्रेशर से मीडियम प्रेशर पर हम इस पर काम ले सकते हैं ऑक्यूपाइड
लेस फ्लोर एरिया यूज एप्लीकेशन की बात करें यूज्ड इन स्मॉल स्केल इंडस्ट्रीज फॉर पावर जनरेशन एंड इट इज सूटेबल फॉर हीटिंग
एंड स्टीमिंग द पर्पस है ना हिटिंग और स्टीमिंग पर्पस के लिए भी हम इसका यूज करते हैं नेक्स्ट आता है आपका लोकोमोटिव
बॉयलर लोकोमोटिव बॉयलर क्या होता है नाम देखो देख पता लग रहा है आपको ये हॉरिजॉन्टल बॉयलर है है ना तो इज
हॉरिजॉन्टल मल्टी ट्यूबलर है मल्टी ट्यूब्स इसके अंदर भी है फायर ट्यूब है यानी कि फायर जो है फ्लू गैसेस हैं वो
ट्यूब के अंदर रहने वाली हैं ठीक है कॉमनली यूज्ड इन रेलवे रेलवे में आपने देखा होगा कोयले को ना कोयला डालते रहते
हैं उसमें आग लगती रहती है इलेक्ट्रिसिटी प्रोड्यूस होती है और उससे हमारा जो इंजन है स्टीम इंजन और रेल का इंजन जो है वह
चलता था पहले ओके तो यहां पर एक थोड़ा सा मैं इसका ओवरव्यू आपको दे देता हूं यहां पर आप देखिएगा जो ट्यूब्स हैं इन ट्यूब्स
के अंदर भी क्या होगी फायर होगी यहां पर आप देख सकते हैं यह फर्नेस है दिस इज द फर्नेस तो यहां पर क्या होगा यहां पर
फ्यूल की बर्निंग होगी ठीक है यहां पर फ्यूल की बर्निंग होगी और जब फ्यूल की बर्निंग होगी तो ट्यूब्स के अंदर क्या
जाएंगी फ्लू गैसेस जाएंगी फ्लू गैसेस के सराउंडिंग में ये वाटर है वाटर हीट को एब्जॉर्ब करेगा स्टीम बनेगी और स्टीम बनके
यहां पर जो स्टीम का ड्रम है यहां पर जो स्टीम है वो इकट्ठा हो जाएगी और स्टीम इकट्ठा हो जाएगी तो यहां पर जो है स्टॉप
बल्व के माध्यम से वाटर को जो है स्टीम को जो है सप्लाई कर दिया जाएगा ठीक हीटर ट्यूब या हीटर ट्यूब भी कह सकते हैं आप
इसको जिसके अंदर फ्लू गैसेस चल रही होती है यहां पर भी देखेंगे तो वाटर लेवल इंडिकेटर यहां भी लगा हुआ है ब्लो ऑफ कॉक
यानी कि जो वाटर के अंदर इंप्योरिटीज होती है सेडिमेंट्स होते हैं उनको ड्रेन करने के लिए ब्लो ऑफ कॉक होता है इसको ओपन कर
देंगे आप तो यहां पर जो वाटर के अंदर इंप्योरिटीज जैसे वाटर होता है उसके अंदर जो गंदगी होती है वो नीचे की तरफ बैठ जाती
है ठीक है नीचे की तरफ बैठेंगे तो ब्लफ कॉप के मान से बाहर निकल जाएंगी और जो फ्लू गैसेस हैं वो यहां पर स्मोक बॉक्स है
इकट्ठा होंगी और फिर चिमनी के माध्यम से यह बाहर निकल जाएंगी वही प्रोसेस वही स्टेप्स जो है फिर से यहां पर आपको लिखे
हुए हैं मैं कई बार आपको बता चुका हूं एक बार बार रीड आउट करेंगे वही स्टेप्स है कोई दिक्कत नहीं सिंपल लैंग्वेज में हर
चीज को लिखा गया है चलिए आगे बढ़ते हैं नेक्स्ट आता है आपका बेब कॉक एंड विलकॉक्स बॉयलर ठीक है चलिए ये जो बेब कॉक एंड
विलकॉक्स बॉयलर है ये कौन सा बॉयलर है इट इज नो टाइप ऑफ वाटर ट्यूब बॉयलर अभी तक हमने जो दो पढ़े हैं फर्स्ट वाले वो फायर
ट्यूब बॉयलस थे यानी कि फायर के ट्यूब्स के अंदर फायर थी और वाटर बाहर था इस बार जो है ये बेब कॉक एंड विलकॉक्स जो बॉयलर
है इसके इसके अंदर ट्यूब्स के अंदर वाटर रहेगा और उसके सराउंडिंग में फायर रहेगी ठीक है चलिए मैं यहां पर एक्सप्लेन कर
देता हूं बाकी थ्योरी लिखी हुई है देखो यहां पर है ये फर्नेस है है ना यहां पर ग्रेट होगा फ्यूल की बर्निंग यहां पे होगी
यहां पर फ्यूल की बर्निंग होगी और ये जो ट्यूब्स हैं इन ट्यूब्स के अंदर वाटर है इस बार इन ट्यूब्स के अंदर इस बार वाटर है
और ट्यूब्स के सराउंडिंग में यहां पे चारों तरफ इन ट्यूब्स के चारों तरफ जो एरोस दिख रहा है ये फायर है अब फ्लू गैसेस
हैं फ्लू गैसेस से जो वाटर है वो हीट को एब्जॉर्ब करेगा स्टीम बनेगी और ये जो है इकट्ठा यहां पर आप देख सकते
ये इसका ड्रम है वाटर स्टीम वाटर ड्रम है ऊपर की तरफ स्टीम रहेगी नीचे की तरफ क्या रहेगा वाटर रहेगा ओके और यह जो है जो
स्टीम होगी फाइनली जो है स्टीम बल्ब के स्टॉप बल्ब के माध्यम से स्टीम को जो है सप्लाई कर दिया जाएगा तो ये डायग्राम
बनाने की एक बार आप प्रैक्टिस कर लीजिएगा दो बार डायग्राम बना कर के देखेंगे डायग्राम की आपको प्रैक्टिस हो जाएगी बाकी
थ्योरी मैंने इसकी लिखी हुई है वो आप जो है बस कंस्ट्रक्शन का डिफरेंस रहने वाला है बाकी आप लोग इसको एक बार पढ़ेंगे कोई
दिक्कत आपको नहीं आएगी नेक्स्ट आता है आपका बॉयलर माउंटिंग्स एंड बॉयलर एक्सेसरीज बॉयलर माउंटिंग्स एंड
बॉयलर एक्सेसरीज ठीक है दो चीजें होती हैं बहुत इंपॉर्टेंट क्वेश्चन है आरजीपी भी दिसंबर 2017 नवंबर 20188 जून 2014 मई 2019
में है ना पहले जो एग्जाम आपके होते हैं ना मई जून में होते हैं एक सेमेस्टर आपका और दूसरा नवंबर दिसंबर में होता है
हालांकि जो नवंबर दिसंबर वाला जो सेमेस्टर आपका वह आप जो है यू नो जनवरी फरवरी में चला जाता है है ना फरवरी में जैसे इस बार
एग्जाम आपके होने वाले हैं तो यह कोरोना के बाद जो साइकिल है वो थोड़ा डिस्टर्ब हो गई है डिले हो गया आपका सेमेस्टर एग्जाम
आइएगा तो बॉयलर माउंटिंग्स और बॉयलर एसेज को समझते हैं पहले समझेंगे बॉयलर माउंटिंग्स देखो बॉयलर माउंटिंग्स वो
डिवाइसेटी प्रोवाइड कराती हैं और जो बॉयलर एक्सेसरीज होती है ये वो डिवाइस होती हैं जो बॉयलर की एफिशिएंसी को इंप्रूव करती है
बॉयलर की परफॉर्मेंस को इंप्रूव करती है ठीक है तो बॉयलर माउंटिंग्स की पहले बात कर रहे हैं दीज आर द डिवाइसेसपोर्ट
टू द स्टीम बॉयलर स्टीम बॉयलर को जो सेफ्टी प्रोवाइड कराती है माउंटिंग्स आर रिस्पांसिबल फॉर द सेटिस्फेक्ट्री ऑपरेशन
ऑफ द बॉयलर बॉयलर जो है प्रॉपर तरीके से काम कर रहा है कि नहीं कर रहा है इसके लिए बॉयलर माउंटिंग्स जो है रिस्पांसिबल होती
है बॉयलर माउंटिंग्स आर आइर इंस्टॉल्ड और माउंटेड ऑन द बॉडी ऑफ द बॉयलर सेट जो बॉयलर की बॉडी होती है उसी के ऊपर ये
डिवाइसेोकंट्रोल है सेफ्टी वॉल्व है स्टॉप वॉल्व है ठीक है फूजिबल प्लग है ब्लो ऑफ कॉक है ये सब क्या
है ये बॉयलर के बॉयलर की बॉडी के ऊपर लगी हुई है दीज आर द इंटीग्रल पार्ट ऑफ द बॉयलर ठीक है चलिए तो बॉयलर का जो बॉडी
होती है उसी पर ये लगी होती हैं ओके नाउ आगे देखते हैं दीज माउंटिंग्स फॉर्म एन इंटीग्रल पार्ट ऑफ दी बॉयलर कौन-कौन से
बॉयलर माउंटिंग्स हो सकती हैं वाटर लेवल इंडिकेटर हाई स्टीम एंड लो वाटर सेफ्टी वल्व है ना जो सेफ्टी वॉल्व होते हैं
प्रेशर गेज फीड चेक वॉल्व मेन होल और मड बॉक्स सेफ्टी वॉल्व है ना फूजिबल प्लग टॉप बॉल्व ब्लो ऑफ कॉक तो मैंने यहां
पर एक समरी दे दी आप लोगों को क्योंकि ये क्वेश्चन बहुत बार पूछा जाता है तो टेबल की फॉर्म में यहां पर मैं दे रहा हूं और
दो-तीन अलग से मैं एक्सप्लेन कर दूंगा एक्चुअली क्वेश्चन किस तरह से आता है क्वेश्चन ये आता है व्हाट डू यू मीन बाय
बॉयलर माउंटिंग्स बॉयलर माउंटिंग्स क्या होती है एक्सप्लेन एनी टू और एक्सप्लेन एनी थ्री ठीक है तो यहां पर मैंने आपको
बता दिया है इसके अलावा मैं यहां पर डायग्राम से आपको सेफ्टी वॉल्व फूजिबल प्लग ठीक है प्रेशर गेज ये तीन मैं आपको
बता दूंगा क्योंकि वो कई बार नाम लेकर भी पूछ लेता है तो नाम लेकर के अगर पूछ लेगा तो आपको थोड़ा सा आईडिया होना चाहिए ठीक
है तो यहां पर मैंने सेवन जो है बॉयलर माउंटिंग्स लिख दिए पहला आता है वाटर लेवल इंडिकेटर शो द वर्किंग लेवल ऑफ द वाटर इन
द बॉयलर बॉयलर के अंदर जो वाटर है उसका जो लेवल है उसको इंडिकेट करता है वाटर लेवल इंडिकेटर क्या वो व जो वर्किंग में जो
उसका अ जो वाटर लेवल है जितना होना चाहिए क्या उतना है कि नहीं है ज्यादा तो नहीं है ठीक है ना वह होता प्रेशर गेज क्या है
बॉयलर का जो वर्किंग प्रेशर है वह उसको इंडिकेट करता है शो द वर्किंग प्रेशर ऑफ दी बॉयलर ठीक है सेफ्टी वॉल्स अगर मान
लीजिए बॉयलर के अंदर प्रेशर ज्यादा हो गया स्टीम का अगर ज्यादा प्रेशर हो गया तो बॉयलर फट सकता है तो एक लिमिट के अंदर
प्रेशर रहना चाहिए उसको लिमिट में प्रेशर को मेंटेन करने के लिए जो सेफ्टी वॉल्व का हम यूज़ करते हैं तो प्रिवेंट द बॉयलर
प्रेशर टू राइज बियोंड इट्स सेफ वैल्यू एक सेफ वैल्यू से ऊपर अगर प्रेशर जाएगा तो स्टीम वॉल्व क्या करेगा वो ओपन हो जाएगा
सेफ्टी वॉल्व ओपन हो जाएगा और वहां से जो स्टीम है एग्जॉस्ट हो जाएगी और उसका परास डाउन हो जाएगा एक लिमिट के अंदर उसको रखता
है स्टीम स्टॉप बल्ब रेगुलेट द अमाउंट ऑफ आउटगोइंग स्टीम जो स्टीम बनी है वो स्टीम बाहर निकलेगी उसको रेगुलेट कौन करेगा
स्टीम स्टॉप बल्ब उसको रेगुलेट करेगा किस रेट से जो है स्टीम को बाहर भेजना है टरबाइन में जो स्टीम जा रही है उसको रोकना
होगा को भेजना सेंड करना होगा स्टीम को या फिर उसकी स्पी उसकी जो रेगुलेट करना होगा राइट बिलो ऑफ कॉक या बिलो ऑफ बल्ब जो होता
है अलाउ टू ड्रेन वाटर फ्रॉम बॉयलर इन टू द फर्नेस ठीक है जो अ स्टीम होती है सॉरी जो ड्रेन होता है वाटर की जो इंप्योरिटीज
होती है तो इसके माध्यम से उसको ड्रेन कर दिया जाता है फीड चेक वॉल्व चेक्स द अमाउंट ऑफ फीड वाटर गोइंग टू द बॉयलर एंड
डज नॉट अलाउ इट्स रिटर्न जो फीड चेक वल्व होता है ये जो वाटर बॉयलर के अंदर जो वाटर जाता है उसको ये चेक करता है चेक द द
अमाउंट ऑफ फीड वाटर जो वाटर हम फीड करते हैं बॉयलर के अंदर तो वो वाटर की क्वांटिटी कितनी है कितनी वाटर की
क्वांटिटी जानी चाहिए उसको भी जो है सप्लाई करता है फूजिबल प्लग क्या होता है स्टॉप्स द बॉयलर ये बॉयलर को स्टॉप करने
के काम आता है इट इज द इफ इट्स हीटिंग सरफेस गेट्स ओवरहीटेड ड्यू टू लो वाटर लेवल जैसे मैंने आपको बताया था कि वाटर
लेवल अगर कम हो जाता है तो ओवरहीट हो सकता है अंदर का जो सरफेस है बॉयलर का वो ओवरहीट हो सकता है ओवरहीट होगा तो उसके
अंदर अर ब्लास्ट भी हो सकता है तो उस केस में क्या होता है वो बॉयलर के अंदर जो फर्नेस है उस फर्नेस के अंदर जो कंबशन हो
रहा है जो आग लगी हुई है उसको कम कर देता है या उसको बंद कर देता है कैसे कर देता है कि जो स्टीम है उसके बॉयलर के अंदर
उसको उसको वो जो है फर्नेस के अंदर भेज देता है जिसके कारण क्या होती है आग लगनी आग जो है मतलब जो कंबशन हो रहा होता है वो
रुक जाता है स्टॉप हो जाता है ठीक है चलिए तो अब थोड़ा सा तीन को हम एक्सप्लेन भी कर लेते हैं मैंने बोला ना आपको आरजीपी के
अंदर जो क्वेश्चन आएगा वो बोलेगा व्ट ड य मीन बाय बॉयलर टिंग्स एक्सप्लेन एनी टू और एक्सप्लेन एनी थ्री यहां पर तीन को मैं
एक्सप्लेन कर रहा हूं सबसे पहले सेफ्टी बल्ब की बात कर रहे हैं इट्स फंक्शन इज टू प्रिवेंट द स्टीम प्रेशर फ्रॉम एक्सीडिंग
अ लिमिट मैक्सिमम प्रेशर वैल्यू एक लिमिट एक प्रेशर की जो एक लिमिट वर्किंग जो सेफ लिमिट होती है अ सेफ वर्किंग प्रेशर होता
है उससे ज्यादा प्रेशर ना जाए उसको प्रिवेंट करता है जरा देखिएगा यहां पे इस तरह से ये भी कई तरह के हो सकते हैं जैसे
डेड सेफ्टी वल्व हो सकता है डेड वेट सेफ्टी वॉल्व हो सकता है लीवर सेफ्टी वॉल्व हो सकता है स्प्रिंग लोडेड सेफ्टी
वॉल्व हो सकता है तो ये डेड वेट सेफ्टी वल्व है तो देखो यहां पर जो है स्टीम रहेगी यहां पर जो भी स्टीम का प्रेशर है
और यहां पर जो डेड वेट है आपने इस तरह से इसको डिजाइन किया हुआ है वल्व को या इस तरह से सेट किया हुआ है इसका प्रेशर जो है
कि अगर यहां पर प्रेशर ज्यादा होगा यहां का प्रेशर अगर ज्यादा होगा तो ये जो वल्व ये जो वेट है ये ऊपर की तरफ उठ जाएगा और
यहां से जो स्टीम है वो बाहर सराउंडिंग में चली जाएगी और इसका जो प्रेशर है वो क्या होगा कम हो जाएगा मान लीजिए आपको 80
बट से ज्यादा प्रेशर इसके अंदर नहीं रखना है स्टीम का प्रेशर जैसे ही 80 बार से ज्यादा होगा तो ये ओपन हो जाएगा बल्व
स्टीम बाहर निकल जाएगी और प्रेशर जो है 80 बार से कम हो जाएगा और जो है इस तरह से ये इसको सेफ्टी प्रोवाइड करेगा द सेफ्टी
वॉल्व शुड ऑपरेट ऑटोमेटिक बाय रिलीजिंग द एक्सेस स्टीम एंड ब्रिंग प्रेशर डाउन विद इन अ सेफ लिमिट ऑटोमेटिक ये एक्ट करता है
प्रेशर जैसे ही इंक्रीज होगा सेफ्टी वॉल्व जो है स्टीम को बाहर करेगा जितनी भी एक्स्ट्रा अमाउंट हो रहा होगा स्टीम का और
लिमिट के अंदर जो है प्रेशर आ जाएगा नेक्स्ट आता है आपका फ्यूज बल प्लग ओवरहीट से बचाता है देखो जरा यहां पे ये हलोग
मेटल की जो हलोग मेटल की बॉडी होती है फूजिबल मेटल है यहां पर आप देखिएगा तो एक वाटर लेवल इंडिकेटर होता है जिससे वाटर का
लेवल वाटर का लेवल पता लगता है तो मान लीजिए वाटर का लेवल जो है वो डाउन हो गया है तो जो अंदर का जो सरफेस का टेंपरेचर है
वो बढ़ेगा ओवरहीट हो जाएगा उससे बचाने के लिए ये जो मेटल है ये मेल्ट हो जाता है यहां से और ये जो पिन है एक ये जो पिन है
ये पिन यहां से निकल जाती है ये पिन यहां से निकल जाती है क्योंकि नीचे क्या है यहां पर फर्नेस होती है तो जब ये पिन बाहर
निकल जाएगी तो यहां से स्टीम जो है यहां पे इस फर्नेस के अंदर चली जाएगी जिसके कारण जो फर्नेस के अंदर कंबशन हो रहा था
वो रुक जाएगा इस तरह से जो बॉयलर है उसको वो सेफ रखता है कौन फूजिबल प्लग इट इज अ सेफ्टी डिवाइस यूज्ड फॉर प्रीवेंटिंग द
लेवल ऑफ वाटर फ्रॉम गोइंग डाउन बिलो अ क्रिटिकल पॉइंट एंड अवॉइडिंग द ओवरहीटिंग ओवरहीटिंग से बचाता है द फूजिबल प्लग इज
माउंटेड एट द क्राउन प्लेट ऑफ द कंबशन चेंबर यही होता है यहां पर कंबशन चेंबर ये इसकी क्राउन प्लेट होती है तो यहीं पर
इसको लगाया जाता है ठीक है चलिए आगे बढ़ते हैं राइट नेक्स्ट आता है आपका प्रेशर गेज
प्रेशर गेज क्या है कि प्रेशर को इंडिकेट करता है जो बॉयलर के अंदर स्टीम का प्रेशर है वो कितना है वो प्रेशर जो प्रेशर गेज
होता है उसको इंडिकेट य इसी तरह का जो प्रेशर गेज होता है ये आपका कहां पे आपने देखा होगा जब आप स्कूटी में बाइक में या
कार के टायर में एयर फिल करवाते हो भरवा हो तो वो जो एक डिवाइस होती है जिससे वो प्रेशर चेक करता है वो प्रेशर गेज ही होता
है वो क्या होता है प्रेशर गेज ही होता है यह क्या करता है स्टीम का प्रेशर चेक करता है तो स्टीम यहां पर जाती है इसके अंदर और
यहां पर जो है पूरा मैकेनिज्म बना हुआ है तो यह आपने उसमें भी पढ़ा होगा यूनिट नंबर आई थिंक टू में है मेजरमेंट में तो प्रेशर
को मेजर करने की एक डिवाइस होती है जिसका नाम है प्रेशर गेज इट इज माउंटेड एट द टॉप टॉप पे ये माउंट होता है आपने देखा था अभी
डायग्राम मैंने दिखाया था सबसे ऊपर था जनरली बर्डन ट्यूब ये भी कई टाइप का हो सकता है प्रेशर गेज ये वर्डन ट्यूब प्रेशर
गेज है जनरली बर्डन ट्यूब अ बर्डन ट्यूब टाइप प्रेशर गेज आर बीइंग यूज्ड फॉर द प्रेशर मेजरमेंट प्रेशर इज कंटीन्यूअसली
मॉनिटर्ड सो एज टू अवॉइड द अरेंस ऑफ द ओवर शूटिंग ऑफ दी बॉयलर प्रेशर ठीक है तो ये बॉयलर प्रेशर को बताता रहता है ठीक है
बॉयलर प्रेशर अगर ज्यादा होता है तो उसके लिए सेफ्टी बॉल वहां पर रहता है ठीक चलिए नेक्स्ट आता है आपका बॉयलर एसेसरीज मैंने
अभी क्या बताया आपको बॉयलर माउंटिंग्स वो डिवाइस होती हैं जो बॉयलर को सेफ्टी प्रोवाइड कराती हैं बिना बॉयलर माउंटिंग्स
के आप बॉयलर को चला नहीं सकते नेक्स्ट आता है बॉयलर एक्सेसरीज ये वो डिवाइस होती हैं जो बॉयलर की एफिशिएंसी को इंप्रूव करती
हैं जो बॉयलर की परफॉर्मेंस को इंप्रूव करती हैं लेकिन बॉयलर एस सरीज के बिना भी हम बॉयलर को चला सकते हैं उसको ऑपरेट कर
सकते हैं लेकिन उसकी एफिशिएंसी कम रहेगी ठीक है चलिए कौन-कौन सी बॉयलर एक्सेसरीज होती है देख लेते हैं पहले देखिएगा होती
क्या है दोज डिवाइसेज टू इंप्रूव द परफॉर्मेंस ऑफ द बॉयलस आर कॉल्ड बॉयलर एक्सेसरीज कौन-कौन सी होती है सुपर हीटर
इकोनोमाइजर एयर प्री हीटर एंड फीड वाटर पंप ये जो डायग्राम है इसकी थोड़ा प्रैक्टिस कर लीजिएगा इससे आपको ये समझ
में आ जाएगी ध्यान दीजिएगा यह है बॉयलर ये क्या है बॉयलर यहीं पे फर्नेस होगी और फर्नेस में क्या होगा कंबशन होगा कंबशन
किसका होगा फ्यूल का जैसे कोल या लकड़ी कोल को जब आप जलाओ ग तो कोल अकेला तो जलेगा नहीं कभी भी जो बर्निंग होती है
कंबशन होता है बिना एयर के तो होगा नहीं उसको एयर भी चाहिए ऑक्सीजन तो चाहिए तो यहां पर जो फर्नेस होती है यहां पे जो
फर्नेस होती है बॉयलर की वहां पे क्या आएगा प्यूल ठीक है मान लो कोल कोल आया इसके अंदर कोल नेक्स्ट कोल के साथ क्या
चाहिए ऑक्सीजन एयर चाहिए तो सराउंडिंग से एयर आएगी अब यहां पर देखो ये सराउंडिंग होगा यहां पे यहां सराउंडिंग से एयर आएगी
तो देखो ये एयर आ रही है यहां पे ये चली गई इसके अंदर एयर लिखा हुआ है एयर आएगी कहां पे फर्नेस के अंदर एयर आएगी और कोल
के साथ एयर मतलब एयर के साथ बर्निंग बर्निंग होगी किसकी कोल की अब एक बात बताओ फर्नेस है कोई भट्टी है जहां पर क्या है
कोल को जलाना है कोयले को जलाना है अगर हम हमको ऐसी कुछ व्यवस्था मिल जाए कि जो उसके अंदर एयर जा रही है एयर की जो सप्लाई कर
रहे हैं एयर का टेंपरेचर पहले से अगर हम बढ़ा कर के भेजेंगे तो क्या होगा बर्निंग जो है फ्यूल की जो बर्निंग है वो अच्छी हो
जाएगी यानी कि उसकी जो बर्निंग जो कंबशन एफिशिएंसी है वो इंप्रूव हो जाएगी अल्टीमेटली जो फ्लू गैसेस थी जो चिमनी में
निकलने वाली थी क्योंकि उसका टेंपरेचर काफी ज्यादा होता है देखो जो सराउंडिंग एयर है सराउंडिंग से एक तो बात होगी कि
सराउंडिंग्स ऐसा समझो इसको दूसरा एग्जांपल मैं आपको सिंपल दे देता हूं और भी जैसे आपने पानी रखा ठीक है ना पानी रखा पानी के
आपको क्या करना है चाय बनानी है तो चाय बनाने के लिए क्या करना पड़ेगा हीट सप्लाई करनी पड़ेगी मान लो एक आपको हीट सप्लाई
करनी पड़ी चाय बनाने के लिए अगर वो पानी आपको कहीं से गर्म करके मिल जाए एक तो आपने ठंडा पानी रखा तब चाय बनाई आपने कुछ
हीट सप्लाई करी कुछ इनपुट दिया उसको दूसरा आपको गर्म पानी मिल गया ठीक है ना पानी थोड़ा सा पहले से सराउंडिंग टेंपरेचर से
ज्यादा टेंपरेचर प आपको पानी मिला तो पहले सेही जब गर्म पानी आपके पास है ऑब् वियस कम हीट सप्लाई करनी पड़ेगी वही बात है ना
तो यहां पर जो एयर थी एयर को हमने पहले से हीट करके उसके अंदर भेजा फर्नेस के अंदर तो कंबशन जो है वो प्रॉपर हुआ क्या हुआ
कंबशन जो है कंबशन एफिशिएंसी बढ़ गई है अब ये कहां से आएगी एयर को आप गर्म कैसे करोगे तो क्या उसको एयर को गर्म करने के
लिए आपको कुछ सोट्स यूज नहीं करना पड़ेगा एनर्जी नहीं देनी पड़ेगी अलग से नहीं देनी पड़ेगी जो फ्लू गैसेस थी जो फर्नेस से
फ्लू गैसेस थी जो चिमनी में जाने वाली थी चिमनी में जाने से पहले हमने उसको एयर प्री हीटर में निकाल दिया कहां पे निकाल
दिया एयर प्री हीटर ध्यान देना नाम से ही पता लग रहा है आपको एयर प्री हीटर ओके तो यहां पे क्या था ये थी फ्लू गैसेस जो कि
चिमनी में जाने वाली थी चिमनी में जाने से पहले हमने उस हॉट फ्लू गैसेस को कहां ले गए एयर प्री हीटर में और यहां से हमने एयर
ले गए इधर से तो क्या होगा कि एक लाइन में चल रही है हॉट फ्लू गैसेस और दूसरी लाइन में चल रही है एयर इसका टेंपरेचर ज्यादा
है तो यहां से क्या होगा हीट जो है वो हॉट फ्लू गैसेस थे जो चिमनी के अंदर गैसेस जाने वाली थी वहां से जो हीट है वो एयर ने
अब्जॉर्ब कर ली और एयर का टेंपरेचर बढ़ गया अब टेंपरेचर बढ़ने के बाद एयर कहां गई कंबशन चेंबर में यानी कि फर्नेस में यानी
कि बॉयलर में बात समझ में आई तो एयर का टेंपरेचर हमने बढ़ा लिया इससे क्या हुआ एफिशिएंसी इंप्रूव हुई वही तो काम करना है
हमको बॉयलर की एफिशिएंसी बढ़ बढ़ानी है एयर पटर मैंने आपको बता दिया दूसरा आता है आपका इकोनोमाइजर क्या आता है आपका
इकोनोमाइजर देखो अब देखिए वाटर की मैं बात कर लेता हूं पानी की तो जब आपने जैसे मैंने अभी
चाय का एग्जांपल दिया था तो आपने ठंडा पानी रखा उसकी चाय बनाई और गर्म पानी रखा उसकी चाय बनाई तो आपको अगर गर्म पानी
मिलेगा तो हीट कम सप्लाई करनी पड़ेगी वही काम यहां पर भी करना है इकोनोमाइजर के अंदर देखो ये लिखा है फीड वाटर पंप फीड
वाटर प क्या करता है वाटर को सप्लाई करता है तो ये तो फीड यहां से जो पंप है सीधा पानी जा सकता था वहां पे नॉर्मल टेंपरेचर
पे लेकिन हमने क्या करा उस वाटर का टेंपरेचर बढ़ा लिया किसके अंदर इकोनोमाइजर के अंदर तो पानी पहले कहां जाएगा
इकोनोमाइजर के अंदर जाएगा और इकोनोमाइजर में क्या है जो हॉट फ्लू गैसेस हैं चिमनी में जाने से पहले और एयर हीटर से भी पहले
जो देखो चिमनी में जो गैसेस जाने वाली थी इससे पहले कहां गई वो एयर पीटर में तो एयर का टेंपरेचर बढ़ा दिया एयर में आने से
पहले ये फ्लू गैसेस कहां जाएंगी इकोनोमाइजर में जाएंगी इकोनोमाइजर में क्या है वाटर है वाटर का टेंपरेचर बढ़ेगा
क्योंकि इसकी जो फ्लू गैसेस का टेंपरेचर होगा वो ज्यादा होगा तो ये हीट को एब्जॉर्ब कर लेगा कौन वाटर तो वाटर का
टेंपरेचर बढ़ जाएगा अब वाटर का टेंपरेचर मान लो यहां पे कितना था पहले यहां पे मान लो था 25° सेल्सियस अब कितना हो गया मान
लो 35 डिग्री सेल्सियस तो अब वाटर पहले से गर्म मिलेगा तो जब ये बॉयलर किसमें जाएगा वाटर बॉयलर के अंदर जाएगा पानी कहां चला
गया बॉयलर के अंदर चला गया तो पहले से ही गर्म पानी हमने सप्लाई किया बॉयलर को तो ऑब् वियस जो हीट सप्लाई करेंगे अब वाटर को
स्टीम में कन्वर्ट करने के लिए तो अब हीट कम सप्लाई करनी पड़ेगी यस और नो तो फ्यूल कम जलाना पड़ेगा इसका मतलब क्या हुआ
एफिशिएंसी बढ़ गई किसकी बॉयलर की तो ध्यान देना एयर प्री हीटर का मतलब है एयर को प्री हीट करके फर्नेस में भेजना
इकोनोमाइजर का मतलब है कि वाटर को बॉयलर में जाने से पहले ही उसको प्री हीट कर देना वाटर का टेंपरेचर बढ़ा कर के भेजेंगे
अलग से एनर्जी देने की जरूरत नहीं है जो फ्लू गैसेस चिमनी में जाने वाली थी बेस्ट हो रही थी उसी को यूटिलाइज कर लिया है ठीक
बात है चलिए अब आगे बढ़ते हैं तो फर्नेस के अंदर कंबशन हो गया बहुत अच्छी बात है नो अब फर्नेस से जो स्टीम निकलेगी वो कहां
जाएगी वो जाती है कहां पे फ जो सॉरी बॉयलर से बॉयलर से जो स्टीम निकलेगी वो कहां जानी थी टरबाइन के अंदर जानी थी कहां पे
जानी थी टरबाइन में जानी थी टरबाइन में जाने से पहले हम जो स्टीम आ रही है कहां से बॉयलर से बॉयलर से जो स्टीम आएगी उसको
कहां ले जाएंगे पहले सुपर हीटर में ले जाएंगे कहां पे ले जाएंगे सुपर हीटर में ले जाएंगे डायरेक्ट टर्बाइन में नहीं पहले
सुपर हीटर में अब सुपर हीटर में क्या होगा जो फ्लू गैसेस इकोनोमाइजर में गई थी वो पहले सुपर हीटर में हो कर के आएंगी और
सुपरहीटर में क्या होगा जो फ्लू गैसेस थी वो हीट को क्या करेगी वो जो स्टीम है हीट को एब्जॉर्ब करेगी और उसका टेंपरेचर क्या
होगा बढ़ा देगी मान लो जो बॉयलर से स्टीम निकल रही थी उसका टेंपरेचर था मान लेते हैं 100 डिग्री सेल्सियस अब सुपरहीटर ने
क्या कर दिया सुपरहीटर से जो स्टीम निकली सुपरहीटर से स्टीम निकली मान लो टेंपरेचर कितना हो गया उसका 150 डिग्री सेल्सियस अब
ये जो सुपर हीटेड स्टीम है जिसका टेंपरेचर बढ़ चुका है वो कहां जाएगी इंजन में जाएगी मतलब टरबाइन में जाएगी तो टरबाइन में जाने
से पहले देखिए बॉयलर से जो स्टीम आएगी वो टरबाइन में जाएगी वहीं पर वर्क मिलेगा हमको टरबाइन के अंदर टरबाइन घूमेगी टरबाइन
रोटेट करेगी लेकिन टरबाइन में जाने से पहले हम कहां ले गए उसको सुपर हीटर में और सुपरहीटर ने क्या कर दिया उसको सुपरहीट कर
दिया स्टीम को टेंपरेचर और बढ़ा दिया तो हाई टेंपरेचर की हाई टेंपरेचर की स्टीम जब टरबाइन के अंदर तो ज्यादा वर्क प्रोड्यूस
करेगी ठीक है तो इस तरह से जो है इस तरह से जो है आपने देख लिया कि जो सुपर हीटर है देखिए सुपर हीटर इकोनोमाइजर और एयर
प्री हीटर यह एनर्जी कहां से लेते हैं जो ब्लू गैसेस थी वो चिमनी में जाने वाली थी चिमनी में जाने से पहले उस वहां से हमने
हीट को एब्जॉर्ब करवा लिया है ना एक बार तो स्टीम को जब हमने स्टीम अगर यूटिलाइज करेगी स्टीम का टेंपरेचर बढ़ाने के लिए तो
वो सुपर हीटर होगा वाटर का टेंपरेचर अगर बढ़ेगा तो क्या होगा इकोनोमाइजर होगा और एयर का टेंपरेचर बढ़ेगा तो एयर प्री हीटर
के अंदर यह काम होगा ठीक है और फीड वाटर पंप जो होता है वाटर को सप्लाई करने का काम करता है बॉयलर में तो एक ब्लॉक
डायग्राम है इसको आप बना करके समझा सकते हैं ठीक चलिए आगे बढ़ते हैं यह जो पूरा लिखा हुआ है जो मैंने आपको अभी समझाया है
वो सब हिंदी में आसान इंग्लिश में यहां पर लिखा हुआ है सुपरहीटर का फंक्शन इकोनोमाइजर का एयर प्रेटर का फीड पंप का
ये डायग्राम बनाएंगे और इनके बारे में लिख देंगे इंपोर्टेंट क्वेश्चन है आया हुआ है चलिए आगे बढ़ते हैं नेक्स्ट डिफरेंस
बिटवीन द बॉयलर माउंटिंग्स एंड एक्सेसरीज ये डिफरेंस पूछ लेता है मैंने आपको बताया था अभी कि बॉयलर माउंटिंग्स आर प्राइमर
इंटेंडेड फॉर द सेफ्टी ऑफ द बॉयलर बॉयलर को सेफ्टी प्रोवाइड कराती है कौन माउंटिंग्स जबकि जो बॉयलर एरीज है ये
इंक्रीज करती है एफिशिएंसी ऑफ द बॉयलर अ बॉयलर कैन नॉट वर्क विदाउट माउंटिंग बिना माउंटिंग के बॉयलर वर्क नहीं कर सकता अ
बॉयलर कैन वर्क विदाउट एसज ये कर सकता बिना सीरीज के माउंटिंग्स आर माउंटेड ऑन द बॉडी ऑफ दी बॉयलर इट सेल्फ बॉयलर की जो
बॉडी होती है उसी के ऊपर ये माउंट होती है एक्सेसरीज आर इंस्टॉल्ड विद द बॉयलस टू इंक्रीज देयर एफिशिएंसी एग्जांपल के तौर
पर बात कर लीजिए प्रेशर गेज सेफ्टी बॉल फूजिबल प्लग इसके अलावा और भी मैंने बहुत सारे आपको बताए थे माउंटिंग्स जबकि
सुपरहीटर इकोनोमाइजर एयर प्री हीटर ये क्या हो गए इसकी एक्सेसरीज हो गई सो इंपोर्टेंट है टेबल की फॉर्म में आप भी
ऐसे ही लिख दीजिएगा ठीक है नीट एंड क्लीन जितना अच्छा अच्छा लिख कर के आएंगे है ना टू द पॉइंट आप लिखेंगे बहुत लंबी चौड़ी
कहानी लिखने की जरूरत नहीं है ठीक है ना कांसेप्ट आप लिख कर के आएं टू द पॉइंट लिख कर के आए बहुत लंबे-लंबे पैराग्राफ लिखने
की आवश्यकता नहीं है जहां पर आपको डिफरेंस की बात पूछी जाएगी तो डिफरेंस को आप टेबल की फॉर्म में लिखें और ध्यान दीजिएगा
जितना अच्छा नीट एंड क्लीन आप डायग्राम बना सकते हैं उतना अच्छा डायग्राम बनाएं क्योंकि जब थ्योरी की बात आती है तो
डायग्राम्स जो है वो इंपॉर्टेंट रोल प्ले करते हैं और जिन स्टूडेंट्स की राइटिंग अच्छी नहीं होती है उनके लिए तो बहुत
ज्यादा इंपॉर्टेंट हो जाता है डायग्राम मतलब उनका जो वे ऑफ़ रिप्रेजेंटेशन है वह एक इंपॉर्टेंट रोल प्ले करता है ठीक है
नहीं तो जो टीचर्स हैं वह नंबर काट देते हैं ठीक है तो मुझे उम्मीद है कि आपको यह समझ में आ रहा होगा कंटेंट अगर आपको अच्छा
लगता है पहली बार अगर आप चैनल पर विजिट कर रहे हैं तो आप लोग चैनल को सब्सक्राइब कर लीजिएगा ठीक है नोट्स मैं पहले भी आपको
बता चुका हूं जो मैं आपको पढ़ा रहा हूं सिंपल अ एकदम सिंपल लैंग्वेज में नोट्स बने हुए इजी लैंग्वेज में नोट्स हैं आप
इनको फ्री ऑफ कॉस्ट डाउनलोड कर सकते हैं हमारे एप्लीकेशन से गेटवे क्लासेस का एप्लीकेशन जो है आप अगर एंड फोन चलाते हैं
तो googlegroups.com हम लोग यस अब हम पढ़ेंगे इक्विवेलेंट इव ऑपरेशन के बारे में बॉयलर
एफिशिएंसी के बारे में ठीक है और इन पर बेस कुछ न्यूमेरिकल हैं तो न्यूमेरिकल अगर आप कहेंगे तो मैं अलग से एक वीडियो
बनाऊंगा जैसे पहले भी मैं आपको इफॉर्म कर चुका हूं आज की इस वन शॉर्ट वीडियो में क्योंकि सिलेबस ज्यादा है तो मैं थ्योरी
और डेरिवेशंस कवर करूंगा और मुझे उम्मीद है कि थ्योरी और डेरिवेशंस ही आपके एग्जाम में आएंगे अगर न्यूमेरिकल आया तो चॉइस में
निकल सकता है अगर फिर भी आपको न्यूमेरिकल करना है तो कोई बात नहीं डिटेल लेक्चर आप देख लीजिएगा
ख सकते हैं वहां से कोई दिक्कत आपको आएगी नहीं ठीक है चलिए बेटा आगे बढ़ते हैं इक्विवेलेंट इपोरेन की बात करते हैं
आरजीपी भी जून 2015 दिसंबर 2015 में ये क्वेश्चन ऑलरेडी पूछे जा चुका है द इ वपरे कैपेसिटी ऑफ टू बॉयलस कैन नॉट बी कंपेयर्ड
अनलेस बोथ द बॉयलस हैव द सेम फीड वाटर टेंपरेचर वर्किंग प्रेशर फ्यूल देखिए समझिए हमको जब दो चीजों के बीच में कंपेयर
करना होता है तो बाकी के जो पैरामीटर्स हैं उनको कांस्टेंट करना पड़ता है मान लीजिए के जो है दो स्टूडेंट हैं मुझे उनको
कंपेयर करना है तो क्वेश्चन पेपर मुझे सेम देना पड़ेगा तभी मैं कंपेयर कर पाऊंगा अदर वाइज कंपैरिजन का कोई मतलब रह नहीं जाएगा
एक को सिंपल पेपर दे दिया एक को टफ पेपर दे दिया भले ही दोनों के मार्क्स बराबर आ गए लेकिन उसका कोई मतलब नहीं है क्योंकि
दोनों का जब तक पेपर सेम नहीं होगा तब तक आप उसको कंपेयर नहीं कर सकते हैं तो ऐसे ही क्या है कि एक्चुअल प्रैक्टिस में अगर
हम देखें तो जो बॉयलर होते हैं उनका फीड वाटर टेंपरेचर अलग हो सकता है उनका वर्किंग प्रेशर अलग हो सकता है अलग-अलग
प्रेशर पे जो बॉयलस काम करते हैं ठीक है उनका जो फाइनल कंडीशन जो है वो अलग-अलग वेरी कर सकती है जैसे जो कुछ बॉयलर जो हैं
वो ड्राई स्टीम प्रोड्यूस करेंगे कुछ वेट स्टीम प्रोड्यूस करेंगे कुछ सुपरहीटेड स्टीम प्रोड्यूस करेंगे अलग-अलग कंडीशंस
हो सकती हैं तो कैसे कंपेयर करा जाए कैसे जो है बॉयलर अब दो बॉयलर से कैसे कंपेयर करें उनकी वर्किंग कंडीशंस अलग-अलग हैं
उनके वर्किंग प्रेशर वर्किंग टेंपरेचर उनकी जो स्टीम की कंडीशन है वो सब अलग-अलग है तो कैसे कंपेयर करा जाए तो दो बॉयर्स
को कंपेयर करने के लिए कॉमन एक एक स्टैंडर्ड हमने यहां पर बनाया हुआ है लिखा हुआ है देखो यहां पे इन मतलब हमने नहीं
बनाया हुआ ठीक है इ इन ऑर्डर टू कंपेयर द इपेटुस मान लीजिए दो बॉयलर हैं उनकी इपेटुस
टू फिक्स सम कॉमन स्टैंडर्ड्स कुछ कॉमन स्टैंडर्ड्स जो है वो फिक्स करने पड़ेंगे उन कॉमन स्टैंडर्ड्स के रेस्पेक्ट में हम
कंपेयर कर पाएंगे बॉलर्स ठीक है देयर फोर अ मोर लॉजिकल टर्म नोन एज इक्विवेलेंट इपोरेन ठीक है हैज बीन डिफाइंड टू कंपेयर
द टू बॉयलस दो बॉयलस को कंपेयर करने के लिए हम टर्म यूज़ करते हैं इक्विवेलेंट इपोरेन नाउ व्हाट इज इक्विवेलेंट इपोरेन
ये जो टर्म है इसको ध्यान से सुनिए दिस इज डिफाइंड एज इक्विवेलेंट इपोरेन इज डिफाइंड एज द अमाउंट ऑफ स्टीम जनरे फ्रॉम फीड वाटर
एट 100 डिग्री सेल्सियस एट नॉर्मल एटमॉस्फेरिक प्रेशर शॉर्ट में अगर आप कहें इट इज द अमाउंट ऑफ स्टीम जनरेट फ्रॉम एंड
एट 100 डिग्री सेल्सियस नॉर्मल ध्यान दीजिएगा नॉर्मल एटमॉस्फेरिक प्रेशर पर जो स्टीम जनरेट हो रही है 100
डिग्री सेल्सियस पर तो व जो अमाउंट स्टीम की जनरेट हुई है उसी को हम बोल रहे हैं इक्विवेलेंट ऑपरेशन ठीक है एक बार फिर से
पढ़ो दिस इज डिफाइंड एज द अमाउंट ऑफ स्टीम जनरेटर स्टीम जनरे फ्रॉम एंड एट 100 डिग्री सेल्सियस एट एटमस नॉर्मल
एटमॉस्फेरिक प्रेशर नॉर्मल एटमॉस्फेरिक प्रेशर पर जो क्वांटिटी स्टीम की प्रोड्यूस हुई है जनरेट हुई है फ्रॉम एंड
एट 100 डिग्री सेल्सियस 100 डिग्री सेल्सियस पर जो स्टीम का अमाउंट प्रोड्यूस हो रहा है एट नॉर्मल एटमॉस्फेरिक प्रेशर
एंड टेंपरेचर ठीक है आगे देखते हैं अंडर एक्चुअल ऑपरेटिंग थोड़ा सा मैथमेटिकल एनालिसिस देखते हैं इसका और आपको पिक्चर
क्लियर हो जाएगी अंडर एक्चुअल ऑपरेटिंग कंडीशंस एट दी बॉयलर देखो कुछ नोटेशन हम यूज करेंगे जैसे एमएस है मास ऑफ वाटर वपरे
इन केजी और केजी पर आर यानी कि पर आवर यानी एक घंटे में कितना केजी जो है वाटर जो है वपरे हुआ है नंबर नेक्स्ट आता है
एमएफ एमफ का मतलब है मास ऑफ फ्यूल यूज्ड इन केजी और केजी पर आर यानी एक केजी में कितना फ्यूल बर्न हुआ कोयले को हम जला रहे
तो न केजी यू नो एक घंटे में कितना केजी फ्यूल बर्न हो रहा है मास ऑफ वाटर एक्चुअली वपरे और एक्चुअल इरेशन जो होगा
है ना एक्चुअल इव ऑपरेशन की बात हो रही है जिको हम लिखेंगे एक्चुअल ऑपरेशन को ए है ना
स्मल ए से लिखेंगे ये होगा m ए अपॉन एमएफ यानी एमएस का मतलब क्या था मास ऑफ वाटर इ वपरे एक घंटे में कितना मास इ वपरे हुआ
वाटर का एमएफ क्या था एक घंटे में कितना फ्यूल बर्न हुआ इन दोनों का जो रेशियो होगा m ए अपन एए जो है वो एक्चुअल इपोरेन
कहलाएगा क्या कहलाएगा एक्चुअल इपोरेन कहलाएगा अभी इक्विवेलेंट इपोरेन की बात नहीं कर ही वो नीचे आएगा अभी ये एक्चुअल
इपोरेन है मतलब क्या हुआ एक्चुअल ऑपरेशन की यूनिट क्या होगी केजी पर केजी ऑफ़ फ्यूल मतलब यह हुआ कि 1 केज फ्यूल को बर्न
करने पर कितना केजी वाटर जो है वह इपोरेन हो गया है कितना केजी वाटर की जो है स्म बन गई है राइट एचएफजी का क्या मतलब है
यहां पे दैट इज लेटेंट हीट ऑफ़ इपोरेन या लेटेंट हीट ऑफ वेपराइजेशन किलो जूल पर केजी यानी 1 केजी में कितने किलो जूल
कितने किलो जूल है लेटेंट हीट उसकी राइट x क्या है यहां पे ड्राइनेस फ्रैक्शन ये एक्चुअल ड्राइनेस फ्रैक्शन है एचएफ व से
हम लिखेंगे एंथल पी ऑफ फीड वाटर सप्लाइड एट टीड टेंपरेचर टीड क्या है ठीक है डब् जो है वो फीड वाटर टेंपरेचर है hf1 की
वैल्यू अगर कैलकुलेट करनी हो जिसको न्यूमेरिकल सॉल्व करने हैं तो ध्यान देना वो आ जाएगा आपका 4.18 से * टीड टीड जो
टेंपरेचर है जैसे फॉर एग्जांपल फीड व टेंपरेचर कितना है मान लो 20 डिग्री सेल्सियस है तो 20 से इसमें मल्टीप्लाई कर
देंगे तो आपको hf1 की वैल्यू मिल जाएगी वेयर लिखा है यहां पे 4.18 किलोज पर केजी आय नो केल्विन रिप्रेजेंट्स द स्पेसिफिक
हीट ऑफ वाटर वेपर तो यहां पर आप 4.17 को एप्रोक्सीमेट कितना लिख सकते हो 4.19 तो इस फार्मूले को आप सिंपली याद रख सकते हैं
एचएफ व की वैल्यू अगर कैलकुलेट करनी है आपको तो 4.19 ड न्यूमेरिकल वाला लेक्चर आप देख लेना इसको और वहां पर आपको पिक्चर
क्लियर हो जाएगी अब समझना यह तो हम एक्चुअल की बात हो रही थी यहां पे नाउ वट इज एचएफजी नॉ एचएफजी नॉट का मतलब है
लेटेंट हीट ऑफ वेपराइजेशन एट एटमॉस्फेरिक प्रेशर वन बार पे 2257 ये क्या है आपका स्टैंडर्ड है वन एटमॉस्फेरिक प्रेशर पे
लेटेंट हीट ऑफ वेपराइजेशन कितनी होगी 2257 2257 किलो जूल पर केजी नाउ जो कैपिटल ई है ये है हमारा इक्विवेलेंट इपोरेन जिसकी हम
बात करेंगे है ना यहां पर जो हेडिंग डली हुई है इक्विवेलेंट इपोरेन यहां ब्रैकेट में लिख दिया कैपिटल e ये क्या है बेटा
आपका इक्विवेलेंट ऑपरेशन कैपिटल e यू नो इक्विवेलेंट इपोरेन फ्रॉम एंड एट 100 डिग्री सेल्सियस जो 100 डिग्री सेल्सियस प
हमने डिफाइन करा था यहां पे ये वही है इक्विवेलेंट इपोरेन आइएगा आगे देखते हैं नेक्स्ट जो फार्मूला बनेगा आपका यहां से
व्हाट इज स्मल एच एंथल पी ऑफ स्टीम एट द आउटलेट ऑफ द बॉयलर बॉयलर की आउटलेट पे बॉयलर से जो स्टीम निकल रही है उसकी क
उसकी कंडीशन क्या है स्टीम की उसकी एंथल पी क्या है ठीक है ना इसमें तीन केस बनेंगे पहला अगर स्टीम कैसी है वेट आपको
पता होगा ये डायग्राम मैंने पहले समझा रखा है यहां पर होता है लिक्विड यहां लिक्विड प्लस वेपर और यहां पर होता है वेपर तो यह
बीच में डोम के बीच में अगर कहीं कंडीशन है यहां पे तो यह होता है आपका h = hf1 पर जो है x की वैल्यू आपको पता होगी x
की वैल्यू अगर आपको पता है तो ये स्टीम टेबल से एचएफ की वैल्यू मिल जाती है और एचएफजी की वैल्यू मिल जाती है x की वैल्यू
यहां पर पुट करेंगे तो h की वैल्यू मिल जाएगी दूसरा केस क्या होगा अगर मान लीजिए आउटलेट बॉयलर का जो आउटलेट है वो
सुपरहीटेड है यहां पे है तो यहां पर जो होगा वो h कैसा होगा सुपरहीटेड वाला वाला होगा सुपर हीटेड इफ स्टीम इज सुपर हीटेड
अगर स्टीम ड्राई सैचुरेटेड है यानी कि इस लाइन पे है ये होता है ना ड्राई ये होता है आपका सैचुरेटेड लिक्विड कर्व ये होता
है सैचुरेटेड वेपर कर्व तो ये ड्राई एंड सैचुरेटेड वाला पॉइंट यहां पे तो यहां पर वैल्यू कितनी होगी h होगी तो हीट
रिक्वायर्ड टू प्रोड्यूस 1 केजी ऑफ स्टीम 1 केजी स्टीम प्रोड्यूस करने के लिए कितनी हीट की रिक्वायरमेंट होगी h - hf1 अब ये h
जो है इन तीन में से कोई सा भी हो सकता है ये न्यूमेरिकल में आपको समझ में आएगा hf1 की वैल्यू कहां से आएगी hf1 की वैल्यू इस
फॉर्मूले से आती है राइट आगे बढ़ते हैं नाउ अब हमारे पास एक्चुअल इपोरेन है और हमारे पास क्या है इक्विवेलेंट इवेपरेशन
है कौन सा है इक्विवेलेंट इवेपरेशन दोनों को इक्वेट करेंगे तो हीट एब्जॉर्ब अंडर स्टैंडर्ड कंडीशन स्टैंडर्ड कंडीशन में
कितनी हीट एब्जॉर्ब हुई इक्वल टू हीट एब्जॉर्ब अंडर एक्चुअल कंडीशन तो एक्चुअल कंडीशन में कितनी हीट एब्जॉर्ब हो रही है
यू नो h - hf1 ये तो 1 केजी को हीट 1 केजी स्टीम प्रोड्यूस करने के लिए कि कितनी हीट एब्जॉर्ब हुई मल्टीप्लाई क्या करेंगे
एक्चुअल ऑपरेशन और ये जो 2257 थी ये कौन सी थी स्टैंडर्ड वाला केस था ना दिस वन 2257 ठीक है तो यहां पर आ जाएगा
2257 ये 2257 और ये हो जाएगा आपका इक्विवेलेंट इपोरेन इन दोनों को क्या कर दिया हमने बराबर कर दिया कि एक्चुअल
कंडीशन में कितनी हीट एब्जॉर्ब हुई इक्वल टू स्टैंडर्ड कंडीशन में कितनी हीट एब्जॉर्ब हुई और जो स्टैंडर्ड कंडीशन मानी
है हमने वही तो है इक्विवेलेंट इव ऑपरेशन तो यहां से आपको इक्विवेलेंट इवा ऑपरेशन का फार्मूला मिल गया है इसको आपने क्या कर
लेना है देखो कैपिटल e जो है वो इक्विवेलेंट इवा ऑपरेशन है कितना हो गया m - hf1 /
2257 ठीक है तो ये इक्विवेलेंट ऑपरेशन का फार्मूला है और इस फॉर्मूले पे जो क्वेश्चन आरजीपी में पूछे गए हैं आप मेरा
लेक्चर देख सकते हैं उसका लिंक वीडियो के डिस्क्रिप्शन में मिल जाएगा जिससे मैंने न्यूमेरिकल सॉल्व करा हैं अब यहां पर एक
जो टर्म है यहां पर देखिएगा जो h - hf1 h - hf1 / 2257 यहां लिखा हुआ है h माइनस देखो h
माइनस h माइ h - hf1 अप 2257 ये जो है इसको बोलते हैं हम यहां पर लिख दिया हमने ये जो है आपका फैक्टर एक
फैक्टर होता है जिसको हम बोलते हैं इक्विवेलेंट इव अपरेशन क्या बोलेंगे इसको सॉरी फैक्टर ऑफ इक्विवेलेंट इव ऑपरेशन
क्योंकि जो कैपिटल e है ये तो क्या है आपका इक्विवेलेंट इव ऑपरेशन है तो ये जो टर्म है इसमें से इसको गायब कर दीजिए इसको
हटा दीजिए तो ये जो h - hf1 अप 2257 है इसको बोलते हैं फैक्टर ऑफ इक्विवेलेंट इवा ऑपरेशन या फिर जनरेशन फैक्टर क्या बोलते
हैं जनरेशन फैक्टर ये भी आरजीपी में पूछ लेता है कई बार कि न्यूमेरिकल दे देगा आपसे पूछेगा अब कैलकुलेट करिए फैक्टर ऑफ
इक्विवेलेंट इपोरेन या फैक्टर ऑफ जनरेशन फैक्टर ठीक है तो ये फार्मूला है आपका बहुत इंपॉर्टेंट फार्मूला है दिस वन
थ्योरी अगर आएगी तो आप इस तरह से लिख दीजिएगा जैसे मैंने आपको बताया है न्यूमेरिकल के लिए आप अलग से लेक्चर देख
सकते हैं तो यहां पर ये कुछ न्यूमेरिकल्स मैंने आपको सॉल्व करवा दिए हैं इससे पहले आपको एक ये भी टर्म पूछी गई है आरजीपीबी
दिसंबर 2011 में बॉयलर एफिशिएंसी देखिए बॉयलर एफिशिएंसी क्या होता है हीट यूटिलाइज्ड बाय द फीड वाटर अपॉन हीट
सप्लाइड बाय द फ्यूल कि जब फ्यूल को हमने बर्न करा तो कितनी हीट वहां से प्रोड्यूस हुई फ्यूल ने कितनी हीट सप्लाई करी लेकिन
उसमें से ऐसा तो है नहीं कि 100% एफिशिएंसी तो आ नहीं सकती कि पूरी की पूरी हीट सप्लाई हो जाएगी तो उसमें से कितनी
फ्यूल को बर्न कर ने पर कितनी हीट सप्लाई हुई और उसमें से कितनी हीट यूटिलाइज हुई पीड वाटर ने कितनी हीट को यूटिलाइज किया
उसका जो रेशियो है वो कहलाता है बॉयलर एफिशिएंसी तो कितनी हीट यूटिलाइज्ड हुई वो यहां पर आप देख सकते हैं m - hf1 और हीट
सप्लाई कितनी हुई फ्यूल के द्वारा दैट इज कैलोरीफिक वैल्यू है ना और ए की वैल्यू क्या होती है पीछे बताया मैंने अभी पिछले
स्लाइड में एए अप एए तो ये फार्मूला जो बना दिस इज द बॉयलर एफिशिएंसी ये बॉयलर एफिशिएंसी का फार्मूला बन चुका है आपके
पास ठीक है दिस इज द बॉयलर एफिशिएंसी एक्सप्रेशन ठीक है यहां पर सी भी क्या है कैलोरीफिक वैल्यू इन किलो जूल पर केजी कोई
दिक्कत नहीं है एमएस क्या बताया था मैंने आपको इतना मास ऑपरेट हो रहा है पर केजी पर आवर एक घंटे में कितना वाटर ऑपरेट हो रहा
है और एमएफ एक केजी में कितना फ्यूल जो है वो बर्न हो रहा है ठीक है चलिए आगे बढ़ते हैं नेक्स्ट बाकी कि ये न्यूमेरिकल मैंने
डिटेल लेक्चर में करे थे मैंने क्योंकि पहले ही बोल रखा है आपको थ्योरी और डेरिवेशन मैं करा रहा हूं मोस्ट ऑफ द
क्वेश्चन वहीं से आपको मिल जाएंगे लेकिन अगर किसी को लेकिन अगर किसी को न्यूमेरिकल सॉल्व करने हैं तो आप मेरा ये वाला लेक्चर
डिटेल लेक्चर इसी वीडियो इसी चैनल पर आपको मिल जाएगा देख सकते हैं कोई दिक्कत वाली बात नहीं है वहां पर स्टीम टेबल को कैसे
यूज करते हैं वो सारी चीजें मैंने आपको बताई हुई है स्टीम टेबल का यूज करना मैंने आपको दिखाया हुआ है तो तीन न्यूमेरिकल
प्रॉब्लम है आप वहां पर देख सकते हैं मैंने कुछ क्वेश्चंस आपको प्रैक्टिस के लिए भी दिए हुए हैं क्योंकि न्यूमेरिकल
प्रॉब्लम जब तक आप खुद से सॉल्व नहीं करोगे खुद से प्रैक्टिस नहीं करोगे तब तक आपका जो कॉन्फिडेंस है वो बिल्ड नहीं होगा
बोलो यस और नो न्यूमेरिकल सॉल्व अगर करना चाहते हो तो जितने न्यूमेरिकल मैं आपको कराता हूं उतने ही न्यूमेरिकल आपको खुद से
भी क्या करने हैं प्रैक्टिस करने होंगे तब जाकर के आपका जो कॉन्फिडेंस है बिल्ड हो पाएगा ठीक है चलिए नेक्स्ट लास्ट लेक्चर
आज का देख लेते हैं ठीक है और इसके बाद हमारा जो यूनिट है यूनिट नंबर फोर हमारी जो है वो कंप्लीट हो जाएगी पढ़ेंगे हम इस
लेक्चर के अंदर बॉयलर ड्रॉट क्या होता है नेचुरल एंड आर्टिफिशियल ड्रॉट डिफरेंस क्या होता है और एक डेरिवेशन है नेचुरल
ड्रॉट का यानी कि चिमनी ड्रॉट का वो भी हम करेंगे सबसे सेफ होता है डेरिवेशन अगर आपको डेरिवेशन करने के लिए अगर आ जाता है
क्योंकि डेरिवेशन में क्या होता है तो डेरिवेशन तो फिक्स होता है न्यूमेरिकल तो कभी भी किसी भी तरह का आ सकता है डटा भी
चेंज होता है डेरिवेशन फिक्स होता है तो डेरिवेशन कभी भी छोड़ के नहीं जाना चाहिए डेरिवेशन करके जाना चाहिए चलिए ये समझते
हैं कि बॉयलर ड्रॉट क्या होता है समझो जरा ध्यान से यहां पे इस तरह से ये एक्चुअली एक बात मुझे बताना हम बात कर रहे थे अभी
फ्लू गैसेस फर्नेस से जो है देखिए बॉयलर की जो फर्नेस होती है वहां पर फ्यूल का कंबशन होता
है कंबन किसका होता है फ्यूल का किसके साथ होगा क्या वो बिना एयर के हो जाएगा एयर के साथ होगा तो एयर सराउंडिंग से आएगी तो एयर
का फ्लो कराना है कहां तक कंबशन तक है ना जो बॉयलर है वहां पर फर्नेस है सरा से एयर को लाना है किसके अंदर फर्नेस के अंदर
किसके अंदर फर्नेस के अंदर एयर का फ्लो कराना है ठीक है दूसरा जो फ्लू गैसेस होंगी उनका भी उसका भी फ्लो कराना है फिर
चिमनी से बाहर निकालना है उसको तो फ्लू गैसेस का फ्लो कराना एयर का फ्लो कराना ये किसकी वजह से होता है प्रेशर डिफरेंस की
वजह से होता है तो हमको एक प्रेशर डिफरेंस क्रिएट करना पड़ता है जिसके कारण एयर का फ्लो हो पाता है फ्लू गैसेस का फ्लो हो
पाता है जैसे आपने ईंट के भट्टे देखे होंगे वहां भी एक चिमनी लगी रहती है वो भी प्रेशर डिफरेंस को क्रिएट करा जाता है और
जो उसके अंदर जो ईट जो है वो पक जाती है वहां से जो फ्लू गैसेस है वो होती हुई बाहर सराउंडिंग में निकल जाती है ठीक है
अजय अ भला तो आज घर चला गया उसकी हाथ में कुछ चोट वोट लगी हुई थी शायद स जी सर्जरी होगी उसके हाथ की तुम
निकल जाओ भी कहां रख दोगे बो
सर सर तो बेसिकली जो ड्रॉट होता है ना वो एक प्रेशर डिफरेंस होता है कि भाई किसी भी
फ्लूइड को फ्लो कराने के लिए एक प्रेशर डिफरेंस की जरूरत पड़ती है तो यहां पर हम चिमनी के माध्यम से एक प्रेशर डिफरेंस को
क्रिएट करते हैं ये तो हो जाएगा आपका नेचुरल ड्रॉट यानी कि चिमनी ड्रॉट इसके बाद हम फोर्स ड्रॉट भी पढ़ेंगे दोनों ही
एग्जाम में आते हैं आइए देखते हैं एक बार फिर से क्या लिखा हुआ है यहां पर ओके चलिए देखो यहां पर इ व्हाट इज नेचुरल ड्रॉट और
चिमनी ड्रॉट इट इज स्मॉल प्रेशर डिफरेंस मैंने क्या बताया था आपको एक स्मॉल प्रेशर डिफरेंस होता है ठीक है स्मॉल प्रेशर
डिफरेंस इन द प्रेजेंस ऑफ एयर आउटसाइड एंड दैट ऑफ गैसेस विदन द फर्नेस च कॉज फ्लो ऑफ फ्रेश एयर इन टू द फर्नेस एंड एग्जॉस्ट
गैसेस आउट ऑफ द चिमनी टू टेक प्लेस जरा ध्यान से देखो यहां पे ये होगी बेटा एक चिमनी ठीक है और यहां पर यह बॉयलर है ये
ग्रेट रहेगा यहां पर फ्यूल को बर्न कराओ मैंने बताया था ना जो ग्रेट होता है ग्रेट वो जगह होती है फर्नेस के अंदर जहां पर हम
फ्यूल को रख के बर्न कराते हैं जलाते हैं उसको अब क्योंकि ये ग्रेट है और यहां पे एयर आएगी इसके अंदर भाई ग्रेट प फर्नेस के
अंदर एयर जाएगी तो एयर को फ्लो कराना है ठीक है और फिर उस बर्न गैसेस को जो हॉट फ्लू गैसेस हैं उनको बाहर भी तो निकालना
है तो चिमनी के अंदर चिमनी के अंदर यहां से फ्लू गैसेस जाएंगी बाहर निकल जाएंगी अरे यस और नो तो चिमनी के अंदर जो एक कॉलम
है जो हॉट फ्लू गैसेस का कॉलम है हॉट गैसेस का जो कॉलम है चिमनी के अंदर वहां का प्रेशर कितना है और चिमनी के बाहर जो
कोल्ड एयर है उसका प्रेशर कितना है तो दोनों में प्रेशर डिफरेंस होगा दोनों में क्या होगा प्रेशर डिफरेंस होगा ये जो
प्रेशर डिफरेंस है उसी को हम चिमनी ड्रॉट या नेचुरल ड्रॉट के नाम से जानते हैं ये डिफरेंस क्यों क्रिएट करा हमने प्रेशर का
ताकि जो एयर है वो फर्नेस के अंदर जा सके और जो फ्लू गैसेस है वो बाहर निकल सके ठीक है आइए देखते हैं आगे क्या लिखा हुआ है
प्रेशर ड्यू टू कोल्ड एयर कॉलम एट द ग्रेट लेवल आउटसाइड द चिमनी कितना होगा प प् रो एजए जिसको हमने p1 बोला है और प्रेशर ड्यू
टू हॉट गैसेस कॉलम एट द ग्रेट लेवल इन द चिमनी इक्वल टू प प् रोजी जीी अभी समझाता हूं जरा ध्यान से देखो हमने दो पॉइंट
कंसीडर करने हैं जरा एक बार फिर से देखो यहां पर एक जो लाइन है ये एक हमारी डेटम लाइन है कौन सी लाइन है डेटम लाइन और ये
चिमनी है और चिमनी की जो हाइट हमने मानी है दैट इज कैपिटल ए कैपिटल एच जो है वो चिमनी की हाइट है मीटर में अब यहां पर जो
ग्रेट लेवल है जहां पर फ्यूल को रख के जलाते हैं ये ग्रेट का लेवल है जो मैंने यहां पर आपको दिखाया है एक डॉटेड लाइन से
दिस इज द ग्रेट लेवल इस ग्रेट लेवल पे मुझे दो पॉइंट कंसीडर करने हैं एक चिमनी के अंदर जो हॉट फ्लू गैसेस हैं और एक
चिमनी के बाहर आउटसाइड द चिमनी जो कोल्ड एयर है यहां पे और दोनों पॉइंट कहां पे होंगे ग्रेट लेवल पे होंगे यही तो लिखा है
मैंने यहां पे ग्रेट लेवल पे ग्रेट लेवल पे ठीक है एक p1 है दूसरा p2 है तो देखो ग्रेट लेवल पे चिमनी के बाहर जो पॉइंट
मैंने कंसीडर किया दैट इज p1 यहां पर पॉइंट नंबर वन है यहां का प्रेशर p1 होगा और इसी ग्रेट लेवल पे चिमनी के अंदर
इनसाइड द चिमनी जो हॉट फ्लू गैसेस हैं उसका प्रेशर कितना है p2 है इस चिमनी के ऊपर यहां पर कौन सा प्रेशर होगा दैट इज
एटमॉस्फेरिक एटमॉस्फेरिक प्रेशर प और यहां भी कितना प्रेशर होगा एटमॉस्फेरिक प्रेशर प होगा ओके आप सभी जानते हैं जो p होता है
प्रेशर दैट इज इक्वल टू रो * g * h होता है p = रो * g * h ओके नाउ अब ये जो प्रेशर है यहां पर p1 जो प्रेशर है वो
कितना होगा मैंने लिखा भी है यहां पर कि p1 = रोजी ए रोजी ए ठीक है अब ये जो रो है है उसको हमने लिखा है रो ए मतलब थोड़ा सा
नोटेशंस पर ध्यान देना ए का मतलब है यहां पर कोल्ड एयर से और जी का मतलब है यहां पर हॉट गैसेस से तो यहां पर जो चिमनी के बाहर
जो डेंसिटी है चिमनी के बाहर जो कोल्ड एयर की डेंसिटी है वो रो ए है और चिमनी के अंदर जो डेंसिटी है वो रोजी होगी क्या
होगी वो होगी रोजी चिमनी के अंदर चिमनी के अंदर जो हॉट गैसेस है उसकी डेंसिटी हमने रोजी मानी है जी मतलब गैसेस और जो कोल्ड
एयर है उसकी डेंसिटी हमने रो ए मानी है कोल्ड एयर की डेंसिटी हमने रो ए मानी है कोई दिक्कत नहीं है तो बताओ यहां का
प्रेशर कितना होगा p = रो g तो यहां से लेकर के यहां तक का जो प्रेशर हो गया रो g ए रो क्या है इसकी रो ए क्या होगी इसकी
एयर की डेंसिटी जी आपको पता है h इसकी हाइट हो गई लेकिन इस चिमनी के ऊपर जो प्रेशर है वो एटमॉस्फेरिक प्रेशर है तो वो
भी ऐड हो जाएगा इसमें दैट इज रो a अरे कोई दिक्कत नहीं है तो यहां पर जो प्रेशर होगा वो कितना होगा रोजी ए चिमनी के हाइट तक और
इसके ऊपर एटमॉस्फेरिक प्रेशर तो रोज ए तो ये हो गया और प्लस प तो ये तो हो गया पव पे प्रेशर इसी तरह से पट पे प्रेशर कितना
होगा p2 ये भी कितना होगा रोजी ए इसके अंदर कितना होगा रोजी ए और रो कौन सा आएगा रोजी मतलब गैसेस की डेंसिटी ओके g ए हाइट
और यहां भी तो इसके प्रेशर a होगा एटमॉस्फेरिक प्रेशर प होगा तो यहां पर आपने क्या देखा आपने बेटा ये देखा ध्यान
से सुनो बड़ा ही इंपोर्टेंट कांसेप्ट है कि यहां का जो प्रेशर p1 है वो रो ए h+ प है p2 का जो प्रेशर है वो रोज g+ प है
कहां पे डिफरेंस आ रहा है इसको जरा देखो और इसको जरा देखो डिफरेंस कहां पे है डिफरेंस यहां पे रो ए है यहां पर रोजी है
बस यही तो डिफरेंस है अच्छा एक बात बताओ जब टेंपरेचर बढ़ता है तो डेंसिटी घट जाती है अरे यस और नो डेंसिटी क्या होती है घट
जाती है एक बात बताना कि ठंडी एयर का डेंसिटी ज्यादा होगी या गर्म एयर की डेंसिटी ज्यादा होगी ठंडी की ज्यादा होगी
तो यानी कि रो ए की जो वैल्यू है बाहर जो डेंसिटी है उसकी वैल्यू ज्यादा होगी इसकी डेंसिटी कम होगी अरे यस और नो तो जब यह
ज्यादा है रो ए की वैल्यू रोजी से ज्यादा है इसका मतलब जो p1 की वैल्यू होगी क्या वो p2 से ज्यादा होगी बाहर का प्रेशर
ज्यादा होगा अंदर का प्रेशर कम होगा और यही जो प्रेशर डिफरेंस है यही नेचुरल ड्रॉट कहलाएगा यही जो प्रेशर डिफरेंस है
क्या कहलाएगा आपका नेचुरल ड्रॉट कहलाएगा आइए इसको जरा इधर देखते हैं वही चीज हमने लिखी है ना p1 कितना है प यानी
एटमॉस्फेरिक प्रेशर रो ए p2 कितना है ये चिमनी के अंदर है रोज + प यस और नो नाउ ये मैंने लिख दिया रो ए डेंसिटी ऑफ एयर
आउटसाइड द चिमनी रोजी क्या है डेंसिटी ऑफ हॉट गैसेस इनसाइड द चिमनी क्योंकि रो ए की वैल्यू रोजी से ज्यादा है इसलिए हम कह
सकते हैं कि p1 की वैल्यू p2 से ज्यादा होगी तो दोनों का डिफरेंस ले लो p1 - p2 तो नेट प्रेशर डिफरेंस कितना हो गया
डेल्टा p p1 - p2 p1 की वैल्यू कितनी है p1 की वैल्यू ये है और p2 की वैल्यू ये है दोनों का डिफरेंस ले लो है ना ये रही ना
p1 ये रहा p2 दोनों का डिफरेंस ले लोगे तो जी ए कॉमन आ जाएगा डिफरेंस क्या रो ए माइनस रोजी रो ए माइनस रोजी तो बेटा ये जो
आप देख रहे हैं डेल्टा प प्रेशर डिफरेंस ये जो स्मॉल प्रेशर डिफरेंस है यही तो है नेचुरल ड्रॉट यही तो है चिमनी ड्रॉट इस
प्रेशर डिफरेंस की वजह से एयर और हॉट फ्लू गैसेस का जो फ्लो है वो मेंटेन रहेगा तो याद रखना ये जो नेचुरल ड्रॉट है ये जो जो
आपका डेल्टा प है प्रेशर डिफरेंस इसी इसी को हम जो है आगे फर्द प्रोसीड करेंगे इसको हम यूज करेंगे अभी हम रो ए की वैल्यू रोजी
की वैल्यू कैलकुलेट करेंगे ठीक है ना उसके बाद आपको और आगे बताएंगे दिस प्रेशर डिफरेंस डेल्टा प ये जो प्रेशर डिफरेंस
डेल्टा प इज रिस्पांसिबल फॉर फ्लो ऑफ एयर एट द बॉयलर ग्रेट यहां पर जो एयर का फ्लो होगा उसके लिए डेल्टा प रिस्पांसिबल है
एंड फ्लो ऑफ हॉट गैसेस आउटसाइड द चिमनी चिमनी से बाहर निकाल के लिए यही प्रेशर डिफरेंस रिस्पांसिबल है ये जो डेल्टा प
होता है काफी स्मॉल होता है ये 10 से 20 एएम ऑफ h2o होता है जो कि काफी कम है तो नो पावर रिक्वायरमेंट इसके लिए चिमनी
ड्रॉट के लिए कोई पावर की रिक्वायरमेंट नहीं होती है सूटेबल फॉर स्मॉल बॉयलर स्मॉल ब बॉयलर में काम कर जाता है अदर
वाइज अदर वाइज हमको आर्टिफिशियल ड्रॉट क्रिएट करना पड़ता है आइए अब आगे बढ़ते हैं नेक्स्ट माय डियर स्टूडेंट्स यहां पर
हमने देखा रेफरेंस जो है हमने लिया t न t नॉ क्या है एब्सलूट t न क्या है एब्सलूट जीरो टेंपरेचर एब्सलूट जीरो टेंपरेचर
कितना होगा 273 केल्विन बोले तो 0 डिग्री सेल्सियस जो p न है ये कितना होगा वन एटमॉस्फेरिक प्रेशर कितना होता है 10325
पास्कल अरे यस और नो एटमॉस्फेरिक प्रेशर पता होना चाहिए या इसी को हम एप्रोक्सीमेट 10 की पावर 5 न्यूटन पर मीटर स्क्वायर लिख
सकते हैं या इसको वन बार के अप्रॉक्स लिख लेते हैं नाउ माय डियर स्टूडेंट्स आप एक बात मुझे बताइएगा पब इक्वल टू होता है एटी
पब इ इक्वल टू कितना होता है mrp2 / p r की वैल्यू मैं पहले ही बता चुका हूं आपको एयर के लिए कितनी होती है
287 किलो जूल पर केजी केल्विन ओके तो स्पेसिफिक वॉल्यूम होगा आटी अपन p एक बात मुझे बताओ जैसे t न आपने निकाला t न पता
है आपको प नॉ पता है तो t न और प न का यूज करना है और आपको v नॉ बताना है मतलब स्पेसिफिक वॉल्यूम आपने रेफरेंस के लिए
टेंपरेचर t नॉ देख लिया प नो देख लिया न इन दोनों की हेल्प से स्पेसिफिक वॉल्यूम ऑफ एयर एट रेफरेंस कंडीशन ये जो रेफरेंस
कंडीशन है हमारी उस रेफरेंस कंड पे स्पेसिफिक वॉल्यूम कितना होगा कितना होगा v = rt1 p तो यहां पर स्पेसिफिक वॉल्यूम
कितना हो जाएगा v नॉ यानी कि रेफरेंस कंडीशन पे स्पेसिफिक वॉल्यूम v नॉ इ rt0 / p न तो r की वैल्यू कितनी हो गई अरे 287
किजल पर केजी केल्विन ये याद रखनी थी आपको t न की वैल्यू कितनी है 273 केल्विन p न की वैल्यू कितनी है 101 इसको जब आप
सिंपलीफाई करेंगे तो बेटा आ जाएगा v नॉ स्पेसिफिक वॉल्यूम 0.77 33 मीटर क पर पर केजी ये तो हुआ स्पेसिफिक वॉल्यूम अरे
स्पेसिफिक वॉल्यूम होता है टोटल वॉल्यूम अपॉन मास तो टोटल वॉल्यूम कितना हो गया टोटल वॉल्यूम कितना हो गया दैट इज m * b
हो गया अरे यस और नो तो ये है स्पेसिफिक वॉल्यूम टोटल वॉल्यूम निकालना होगा तो आप मास से मल्टीप्लाई कर दोगे तो टोटल
वॉल्यूम आ जाएगा नाउ लेट्स टेक ए इ इक्वल टू मास ऑफ एयर सप्लाइड केजी पर केजी ऑफ फ्यूल अब आप मुझे बता सकते हो क्या कि
यहां पर टोटल वॉल्यूम कि कितना हो जाएगा टोटल वॉल्यूम कितना हो जाएगा टोटल वॉल्यूम ऑफ एयर एट रेफरेंस कंडीशन अरे टोटल
वॉल्यूम ऑफ एयर एट रेफरेंस कंडीशन कितना हो गया v नॉ इक्वल टू कितना होगा इसमें आप m से तो मल्टीप्लाई करोगे ए से तो ए से
मल्टीप्लाई करो तो v नॉ इट 0.77 33 * ए तो कितना आ गया तो कितना आ गया ये 0.77 33 ए मीटर क्य पर केजी ऑफ
फ्यूल ओके यस और नो नाउ ये तो हो गया ये तो हो गया टोटल वॉल्यूम ऑफ द एयर एट रेफरेंस कंडीशन नाउ मास ऑफ फ्लू गैसेस मास
ऑफ फ्लू गैसेस कितना होगा कि मास ऑफ एयर प्व यानी कि 1 केजी 1 केजी फ्यूल को वर्न कराने में 1 केजी फ्यूल बर्न किया आपने तो
और मास ऑफ एयर कितना यूज करर ए तो फ्लू गैसेस का मास कितना हो गया 1 केजी फ्यूल प्लस एयर का मास ए प् 1 केजी पर केजी ऑफ
फ्यूल एमजी क्या है यहां पे एज मास ऑफ फ्लू गैसेस ए क्या है मास ऑफ एयर ठीक है तो mgm1 याद रखेंगे आगे बढ़ते हैं हम लोग
नाउ लेट्स मूव आगे बढ़ते हैं एक-एक स्टेप समझा रहा हूं आपको नाउ एयर एट रेफरेंस एयर एट रेफरेंस तो दो क दो चीजें आपको देखने
को मिलेंगी एक तो कोल्ड एयर और दूसरी हॉट एयर अरे यही तो मैं समझाने की कोशिश कर रहा हूं आपको एक तो यह वाली कंडीशन थी वन
वाली कोल्ड एयर की एक हॉट एयर की कंडीशन थी फ्लू गैसेस की इनसाइड द चिमनी तो एयर अब हमने क्या करना है बाहर की जो कंडीशन
थी हमारी कोल्ड एयर की सराउंडिंग एयर की वन उसको एयर रेफरेंस के साथ देखना है और दूसरी हॉट गैसेस को भी हम रेफरेंस के साथ
देखेंगे तो पहली बात पहला हम कंडीशन यूज़ कर रहे हैं कि वॉल्यूम ऑफ कोल्ड एयर अभी हम कोल्ड एयर की बात कर रहे हैं बेटा
कोल्ड एयर की तो वॉल्यूम ऑफ कोल्ड एयर आउटसाइड द चिमनी कितना होगा ब होगा कितना होगा ब और कैसे आएगा ये ध्यान दीजिएगा
चार्ल्स लॉ यूज़ कर सकते हैं क्या v / t = कांस्टेंट तो इसको यूज़ करेंगे तो कितना हो जाएगा हम किके लिए लिख रहे हैं कोल्ड
एयर के लिए तो v अप t = v0 / t न मतलब कोल्ड एयर को इसके साथ इसके साथ इसका वॉल्यूम कितना है v नॉ टेंपरेचर कितना है
t नॉ और जो कोल्ड एयर है उसके लिए वॉल्यूम कितना है टेंपरेचर t कितना हो जाएगा / t = v0 अप t न ये क्या है आपका रेफरेंस कंडीशन
और ये क्या है कोल्ड एयर तो कोल्ड एयर को रेफरेंस कंडीशन के साथ यूज कर रहे हैं अब आप मुझे बताओ यहां से कितना हो गया यानी
कि वॉल्यूम ऑफ कोल्ड एयर यहां से va01 की वैल्यू तो रख सकते हो अरे यार v नॉ की वैल्यू कितनी थी यस और नो अरे v नॉ
कितना आया था जरा ध्यान दो जरा ध्यान दोगे यहां पे यहां पे देखो v न ये रहा 0.77 33 यहां पे देखो यहां पर हमने वैल्यू रख दी
0.77 33 ए ये v नॉ की वैल्यू है t न की वैल्यू आपको पता है 2 73 और ये t की वैल्यू यहां पर रखी आपने नाउ व्हाट इज द
डेंसिटी ऑफ कोल्ड एयर डेंसिटी क्या होती है डेंसिटी होती है रो = m / v तो डेंसिटी कोल्ड एयर की कितनी हो जाएगी ए रो a = ए /
va03 53 / t 353 अप t आगे बढ़ते हैं तो जैसे हमने यहां पर कोल्ड एयर के इसके साथ देखा है और हमको डेंसिटी मिली है कोल्ड
एयर की इसी तरह से हमको ये वाली कंडीशन यूज करनी है हॉट गैसेस की एयर रेफरेंस के साथ किसके साथ रेफरेंस के साथ आगे चलते
हैं दूसरा वॉल्यूम ऑफ हॉट गैसेस जैसे हमने वॉल्यूम ऑफ कोल्ड एयर लिखा था वॉल्यूम ऑफ हॉट गैसेस कितना हो जाएगा v g हो जाएगा
हॉट गैसेस के लिए हम g से लिख रहे हैं फिर से v / t = कांस्टेंट तो v g अप t = v0 / t0 पहले a था यहां पर इस बार g हो गया कोई
फर्क नहीं है तो vg1 t v0 / t0 तो यहां से बज हो जाएगा कितना v0 v0 की वैल्यू हमको पता है पहले से ये रही v न की वैल्यू t न
की वैल्यू 273 और यहां पर लिख दिया हमने tg1 vg1 और
vg1 है अरे यस और नो ma1 तो mg1 अप vg1 पर पुट करोगे तो ये आएगा एक्सप्रेशन इसको जरा सिंपलीफाई कर लेंगे तो 35 तो
रोजी आ जाएगा 353 / tg1 / m अरे ये डेंसिटी आ गई है किसकी हॉट गैसेस की ये डेंसिटी किसकी थी कोल्ड एयर की याद रखेंगे
क्या डेंसिटी ऑफ कोल्ड एयर डेंसिटी ऑफ हॉट गैसेस बहुत बढ़िया बहुत बढ़िया अब एक बात बताओ डेल्टा प कितना था रो ए - रो g / g *
h अरे यस और नो मैंने बोला था आपको इसको यूज करेंगे हम लोग यहां पे आइएगा जरा यहां पे देखिए नेचुरल ड्रॉट क्या था स्मॉल
प्रेशर डिफरेंस कितना था रो ए - रोज * g रो ए की वैल्यू पुट करेंगे रोजी की वैल्यू पुट करेंगे इस इक्वेशन में जो रोजी रो ए
अभी हमने कैलकुलेट कराया यहां पे आ जाइएगा जरा दिस वन ये रहा हमारा रो ए ये रहा हमारा रोजी उस इक्वेशन में वैल्यू पुट करो
यही तो इक्वेशन थी हमारी तो रो ए की वैल्यू हमने पुट कर दी रोजी की वैल्यू पुट कर दी g ए यहां पर लिखा रहने दिया सिंपली
तो इसको जरा सिंपलीफाई करो यही है आपका नेचुरल ड्रॉट कितना है 353 353 क्योंकि कॉमन आ रहा है और h भी
कॉमन आ रहा है यहां पे है ना देखो जरा ध्यान से देखो ये g ए जो है ना g ए जी ए तो ऑलरेडी था पहले बाहर कॉमन था 353 कॉमन
आ गया तो यहां क्या बचा 1 अप t - ए + 1 अप ए और 1 अप टेंपरेचर ऑफ हॉट गैसेस हॉट गैसेस का
टेंपरेचर इंक्रीज करोगे तो डेल्टा प क्या होगा ये इंक्रीज हो जाएगा मतलब यह जो स्मॉल प्रेशर डिफरेंस है जो नेचुरल ड्रॉट
है जो चिमनी ड्रॉट है यह क्या किस पर डिपेंड करता है ये एटमॉस्फेरिक कंडीशन प एटमॉस्फेरिक के टेंपरेचर पर डिपेंड करता
है टी पे और टीजी पर डिपेंड करता है हॉट गैसेस के टेंपरेचर पर भी डिपेंड करता है चिमनी के अंदर जो टेंपरेचर है टीजी उसको
बढ़ाओ तो यह बढ़ेगा और इसको ब कोल्ड एयर का टेंपरेचर अगर बढ़ गया तो ये घट जाएगा टू गेट द हाई नेचुरल ड्रॉट टू गेट द हाई
नेचुरल ड्रॉट फ्लू गैसेस आर टू बी डिस्चार्ज एट हाई टेंपरेचर व्हिच डिक्रीज द ओवरऑल एफिशिएंसी ऑफ दी प्लांट ठीक है
हाई टेंपरेचर पे क्या करना पड़ेगा इसको डिस्चार्ज करना पड़ेगा जिससे ओवरऑल एफिशिएंसी जो है वो डिक्रीज होगी नाउ
ड्रॉट इन टर्म्स ऑफ वाटर कॉलम इस ड्रॉट को डेल्टा प को हम वाटर की कॉलम की टर्म्स में वाटर की कॉलम की हाइट के टर्म्स में
रिप्रेजेंट कर सकते हैं तो डेल्टा प कितना होता है रोजी अरे हमने डेल्टा प तो निकाला है ये डेल्टा प है रोज ए डेल्टा p हम
निकाल चुके हैं और ये किसके बराबर होगा ये रो g ए के बराबर होगा एड लिख देंगे यानी हाइट ऑफ वाटर कॉलम तो यहां पर किसकी
डेंसिटी आ जाएगी वाटर की डेंसिटी आ जाएगी अगर वाटर कॉलम की बात हो रही है वही हमको करना है आगे चलिए देखते हैं तो देखो जरा
ये फार्मूला आया था हमारा अभी पहले 353 g 1 / t + 1 / m * 1 / tgp4 रोज ए के बराबर होगा हम बात कर रहे
हैं वाटर कॉलम की तो यहां पर रो g ए लिखेंगे रोजी एच की बात हो रही है किसकी बात हो रही है वाटर कॉलम की तो ये क्या
होगा डेंसिटी ऑफ वाटर ये क्या होगा एड हाइट ऑफ वाटर कॉलम तो देखो जरा यहां पे जी से जी कैंसिल आउट हो जाएगा तो यहां से जो
एड है ये जो एड है यही तो वैल्यू निकालनी है हमको रॉट इन टर्म्स ऑफ वटर कॉलम एड इक्वल टू कितना हो गया 353 अपन ये जो रोड
है रोड की जो वैल्यू होती है वाटर की जो डेंसिटी होती है 1000 होती है तो ये आ गया आपका एक्सप्रेशन और ये जो वैल्यू आई है
दिस वन ये जो वैल्यू है बेटा ये किसकी वैल्यू है ये जो वैल्यू आप देख रहे हैं दिस इज द
वैल्यू ये किसकी वैल्यू है दिस इज मीटर ऑफ वाटर कॉलम अब इस मीटर को आप मिलीमीटर में कन्वर्ट करना चाहते हो तो 1000 से
मल्टीप्लाई कर दो तो 1000 से जब आप इसमें 1000 से मल्टीप्लाई करोगे यहां पे 1000 से मल्टीप्लाई करोगे तो 1000 1000 कैंसिल आउट
हो जाएगा यहां पर ये कैंसिल आउट हो जाएगा अब ये बचेगा मिलीमीटर तो मीटर को आपने क्या कर दिया मिलीमीटर में कन्वर्ट कर
दिया तो ये एड की इस फॉर्मूले से जो वैल्यू आएगी हाइट वो मिलीमीटर में आएगी इस फॉर्मूले से वैल्यू आएगी वो मीटर में आएगी
ठीक है h क्या है यहां पर चिमनी ऑफ हाइट इन मीटर अगर न्यूमेरिकल सॉल्व करेंगे आप यहां पे तो डायरेक्ट फार्मूला यूज कर सकते
हैं और आपको वैल्यू मिल जाएगी जैसे हमने यहां पर देखा ड्रॉट इन टर्म्स ऑफ वाटर कॉलम एड की वैल्यू निकाली हमने यहां से
इसी तरह से हम क्या करेंगे ड्रॉट इन टर्म्स ऑफ हॉट गैसेस यानी कि h हॉट वाटर यानी कि एचज की वैल्यू भी निकाल सकते हैं
तो वही फार्मूला हमारे पास पहले से लिखा हुआ है अब इसको हम रोजी ए के बराबर पुट करेंगे लेकिन हॉट कॉलम की रे हॉट कॉलम की
बात हो रही है तो hg1 बार रोज किसका रखेंगे हॉट गैसेस की बात हो रही है तो जो चिमनी के अंदर
डेंसिटी है रोजी की बात हो रही है एज हमको कैलकुलेट करना है तो रोजी की वैल्यू तो आपको पता है बेटा रोजी की वैल्यू आपने
यहां पर देखी थी अभी ये वैल्यू पुट कर दो ये वाली रोजी की वैल्यू वहां पुट कर दीजिए है ना 353 / tg1 / ए यहां पर वैल्यू पुट
कर दीजिए ये वैल्यू आपने यहां पुट कर दी दिस वन ठीक है रोजी की वैल्यू ओके जी से जी पहले कैंसिल आउट हो गया यहां पे फिर जो
एज की वैल्यू आएगी वो मिल जाएगी आपको एंड दिस विल बी इन मीटर ऑफ हॉट गैसेस कॉलम ठीक है ये आ गया आपका हॉट कॉलम गैसेस की हाइट
ठीक है हॉट गैसेस कॉलम की हाइट आ गई एज तो अगर हॉट गैसेस कॉलम की हाइट निकालनी है तो इसकी वैल्यू आपको हाइट पता होगी चिमनी की
टीजी पता होगा आपको और टी पता होगा ए की वैल्यू पता होगी तो आप यहां से इन टर्म्स ऑफ हॉट गैस कॉलम की हाइट निकाल सकते हो
ओके नाउ द लास्ट बस पाच सात मिनट में हमारा टॉपिक खत्म हो रहा है टाइप्स ऑफ क्ला सॉरी टाइप्स और क्लासिफिकेशन ऑफ
ड्रॉट तो एक तो हम पढ़ चुके हैं अभी नेचुरल ड्रॉट यानी कि चिमनी ड्रॉट तो एक तो नेचुरल ड्रॉट होता है यानी कि चिमनी
ड्रॉट होता है दूसरा होता है आपका आर्टिफिशियल ड्रॉट आर्टिफिशियल ड्रॉट में भी आर्टिफिशियल ड्रॉट में भी आपका क्या
होगा बेटा आर्टिफिशियल में भी क्या होगा एक सेकंड एक सेकंड ओहो हां जी स्टीम जट ड्रॉट या मैकेनिकल
ड्रॉट मैकेनिकल ड्रॉट के अंदर भी इंड्यूस ड्रॉट होगा या बैलेंस ड्रॉट हो सकता है या फिर क्या हो सकता है यह आपका फोर्स ड्रॉट
भी हो सकता है ठीक है तो यह हम पढ़ेंगे अभी डिफरेंस थोड़ा सा इनमें देखेंगे नाउ लिमिटेशन ऑफ नेचुरल ड्रॉट की अगर बात करें
ये आरजीपी भी 2005 में पूछ लिया था यही तो फार्मूला आया था हमारा नेचुरल ड्रॉट का यही तो फार्मूला था नेचुरल ड्रॉट का तो
इसमें दिक्कत का विषय यह है कि ड्रॉट ऑफ केवल आप 50 एमएम का ही ड्रॉट प्रोड्यूस कर सकते हो पावर प्लांट को रिक्वायर्ड होती
है 300 एएम ऑफ वाटर तो दैट इज वेरी लेस काम नहीं चलता इससे नेचुरल ड्रॉट डिपेंड्स ऑन द एटमॉस्फेरिक
टेंपरेचर यानी कि एटमॉस्फेरिक का जो टेंपरेचर है टी इस पर डिपेंड करता है रिड्यूस विद इंक्रीज टी अगर इसको इंक्रीज
कर ये इंक्रीज हो गया तो ये डिक्रीज हो जाएगा और कम हो जाएगा पहले ही कम रहता है और कम हो जाएगा नॉट सूटेबल फॉर फ्लक्ट
एटिंग लोड क्योंकि लोड की डिमांड आप देखते हैं लोड की जो डिमांड है वो फ्लक्ट होती है पावर प्लांट में पावर प्लांट के जो अ
लोड की डिमांड है वो फ्लकचुएट होती है आप देखते हैं कि जैसे इलेक्ट्रिसिटी की अगर हम बात कर रहे हैं तो दोपहर में गर्मियों
के दिन अगर है तो दोपहर में में सबके एसी कूलर फैन ऑन हो जाते हैं और वही मॉर्निंग टाइम में बंद हो जाते हैं ठीक है ना तो
डिफिकल्ट टू मूव अ लार्ज क्वांटिटी ऑफ गैसेस आउट ऑफ द चिमनी तो नेचुरल ड्रॉट से जो ब्लू गैसेस हैं उनको डिस्चार्ज करना टफ
काम होता है लार्ज क्वांटिटी को डिस्चार्ज नहीं कर पाते चिमने ड्रॉट इज नॉट सूटेबल व्हेन द रेट ऑफ फ्यूल बर्निंग रिक्वायर्ड
वेरी हाई जब फ्यूल की बर्निंग बहुत ज्यादा होती है तो सूटेबल नहीं होते हैं एंड इट इज कॉस्टली देन आर्टिफिशियल ड्रॉट
आर्टिफिशियल ड्रॉट से भी ज्यादा कॉस्टली ये होता है ठीक है तो फोर्थ ड्रॉट क्या हो होता है नेचुरल ड्रॉट तो हो गया नाउ व्हाट
इज फोर्स ड्रॉट फोर्थ ड्रॉट क्या होता है कि जब हम फैन का यूज करते हैं ठीक है ना जो एयर है जो एयर को हम ग्रेट तक फर्नेस
के अंदर जो ग्रेट है एयर को वहां तक ले जाएंगे फैन का यूज करेंगे या फिर जो फ्लू गैसेस हैं उसमें भी हम उसको अ उसको भी
फ्लो कराने के लिए हम फैन का यूज करते हैं तो वो फोर्स ड्रॉट कहलाता है जैसा आप यहां पर इस तरह का डायग्राम बना सकते हैं ये तो
हो गया बॉयलर और बॉयलर के अंदर ग्रेट होता है ग्रेट में फ्यूल को बर्निंग होती है यहां पे इकोनोमाइजर एयर पटर वगैरह आप दिखा
सकते हैं ये चिमनी है तो जो फ्लू गैसेस हैं भाई यहां से तो एयर आएगी इसके अंदर फूल बर्न होगा तो एयर को यहां कैसे लाया
जाएगा तो यहां पर हमने एयर को धकेलने के लिए यहां पर एयर को धक्का मार देंगे यहां पर एयर को धके लेंगे यहां पर ग्रेट के
अंदर तो उसके लिए हमने लगा दिया क्या बेटा यहां पे अ फोर्स ड्रॉट फैन क्योंकि ये है फोर्स ड्रॉट लीकेज होते हैं इसमें लीकेज
होते हैं फ्रॉम फर्नेस टू आउटसाइड क्योंकि फर्नेस के अंदर जो प्रेशर होता है वो एटमॉस्फेरिक प्रेशर से ज्यादा होता है अरे
बाहर कौन सा प्रेशर है एटमॉस्फेरिक प्रेशर और फर्नेस के अंदर जो प्रेशर है वो एटमॉस्फेरिक प्रेशर ज्यादा है कोई भी
फ्लूड हाई प्रेशर से लो प्रेशर की तरफ जाता है तो चिमनी से लीकेज बाहर की तरफ होंगे क्योंकि चिमनी के अंदर प्रेशर
ज्यादा है बाहर का प्रेशर कम है लीकेज की पॉसिबिलिटी होती है फ्रॉम फर्नेस टू आउटसाइड टू ओवरकम द रेजिस्टेंस ऑफ थिक
फ्यूल बेड एंड सप्लाई द सप्लाई द एयर ऑफ प्रॉपर कंबशन दिस ड्रॉट इज यूज्ड फैन और जो ब्लोब है जो फैन हम यूज़ कर रहे हैं जो
ब्लोब हम यूज कर रहे हैं नियर एट द बेस ऑफ द बॉयलर ग्रेट ये जो बॉयलर ग्रेट है इसके पास ही इस फैन को लगाया जाता है फोर्स
ड्रॉट में एयर प्रेशर 25 एमएम से लेकर के 75 एमएम वाटर के बराबर होता है एयर का प्रेशर ये पॉजिटिव ड्रॉट सिस्टम है
क्योंकि प्रेशर ऑफ एयर थ्रू आउट द सिस्टम इज अबब द एटमॉस्फेरिक प्रेशर इस पूरे सिस्टम के अंदर जो प्रेशर होता है वो
एटमॉस्फेरिक प्रेशर से ज्यादा होता है जितने भी कंपोनेंट्स है इसके अंदर प्रेशर एटमॉस्फेरिक प्रेशर से ज्यादा होता है
इसलिए इसको पॉजिटिव ड्रॉट भी हम कहते हैं दूसरा आता है बेटा यहां पे इंड्यूस्ड ड्रॉट इंड्यूस्ड ड्रॉट में जो फैन है
इंड्यूस्ड ड्रॉट फैन यहां पर लगा होता है चिमनी के पास तो डिफरेंस क्या है तो बेसिक डिफरेंस क्या है बेटा आपको डायग्राम से
समझ में आ जाएगा कि यहां पर जो फोर्स ड्रॉट में फैन लगा था ब्लोब लगा था वो ग्रेट के पास लगा था जबकि यहां पर जो
इंड्यूस्ड फैन है जो इंड्यूस्ड फैन है वो कहां पर लगा हुआ है वो लगा हुआ है चिमनी के पास चिमनी के पास तो यहां पर जो फैन और
ब्लोब है इंस्टॉल्ड नियर द बेस ऑफ द चिमनी प्रेशर अबब द फ्यूल बेड इसका जो प्रेशर होता है फ्यूल बेड से ज्यादा होता है
लेकिन एटमॉस्फेरिक प्रेशर से एटमॉस्फेरिक प्रेशर से कम होता है मतलब यह हुआ कि बाहर का प्रेशर जो है इस बार एटमॉस्फेरिक
प्रेशर वो ज्यादा है अंदर का प्रेशर कम है तो लीकेज क्या होगा लीकेज बाहर से अंदर की तरफ होगा इसीलिए इसको नेगेटिव ड्रॉट भी
कहते हैं भाई इसको क्या बोल रहे थे हम पॉजिटिव ड्रॉट अंदर का प्रेशर एटमॉस्फेयर प्र ज्यादा था अंदर से बाहर की तरफ लीकेज
हो रहा था यहां पे बाहर से अंदर की तरफ लीकेज होगा क्योंकि बाहर का प्रेशर ज्यादा है कोई भी फ्लूइड हाई प्रेशर से लो प्रेशर
की तरफ मिलता है पार्शियल वैक्यूम रहता है इसमें ठीक है ना क्योंकि पार्शियल प्रेशर रह रहा है इसमें क्योंकि एटमॉस्फियर
प्रेशर से तो कम है लेकिन अबब द फ्यूल बेड है इंड्यूस द फ्लो ऑफ फ्रेश एयर द फर्नेस इंड्यूस्ड सिस्टम इसमें यूज़ करते हैं
इकोनोमाइजर एयर प्री हीटर आर इनकॉरपोरेटेड एयर पटर इकोनोमाइजर यहां पर आप देख सकते हैं लगा हुआ है टेंडेंसी ऑफ एयर लीकेज
फ्रॉम आउटसाइड टू द फर्नेस फर्नेस की तरफ इसमें लीकेज हो सकता है इसके बाद हम पहले हमने पढ़ा फोर्स ड्रॉट फिर इंड्यूस ड्रॉट
फिर इन दोनों का जो कॉमिनेशन है वो है बैलेंस ड्रॉट दोनों का एडवांटेज लेने के लिए हमने बैलेंस ड्रॉट लगा दिया इस बार जो
फैन है वो इधर भी लगेगा ग्रेट के पास और इसके पास भी लगेगा यानी फोर्स ड्रॉट फैन भी लगेगा और इंड्यूस्ड ड्रॉट फैन भी यहां
पर आपको देखने को मिलेगा फैन की जो लोकेशन होगी बोथ एट द इनलेट एंड आउटलेट ऑफ दी मतलब दोनों तरफ फैन लग रहे होंगे ठीक है
प्रेशर भी मेंटेन हो जाएगा दोनों का एडवांटेज हमने ले लिया है यहां पर मेंटेन द बैलेंस प्रेशर प्रीवेंटिंग टू मच
पॉजिटिव ना तो पॉजिटिव ड्रॉट रहेगा ना तो नेगेटिव ड्रॉट रहेगा ठीक है बैलेंस ंस हो जाएगा ऑफर द प्रेसा इज कंट्रोल ओवर द क
कंबन प्रोसेस इंप्रूव द बॉयलर की जो एफिशिएंसी है वो ओबवियसली यहां पर बढ़ेगी एप्लीकेशंस क्या होंगे कॉमनली यूज्ड इन
लार्ज पावर प्लांट एंड इंडस्ट्रियल बॉयलस वेयर प्रेसा इज कंट्रोल है ना ओवर एयर एंड गैस तो दोनों का एडवांटेज यहां पर ले लिया
हमने तो डायग्राम एक जैसे ही है बस फैन का डिफरेंस है फोर्स ड्रॉट में ग्रेट के पास फैन है इंड्यूस्ड में चिमनी के पास ड्रॉट
है यह क्या करता है खींचता है और ये क्या करता है इसको एयर को धकेल होता है यहां पर खींच गा भी और धके लेगा भी ठीक है ना तो
ये हो गया बैलेंस ड्रॉट ओके फोर्स ड्रॉट और इंड्यूस ड्रॉट में डिफरेंस आप लिख ही सकते हो दोनों का फैन का डिफरेंस है है ना
नेगेटिव पॉजिटिव वो सारी चीजें आप यहां पर लिख सकते हो टेबल की फॉर्म में लिखोगे तो अच्छा रहेगा ठीक है नेचुरल ड्रॉट और
आर्टिफिशियल ड्रॉट में अगर डिफरेंस लिखना चाहो अभी तक तो हम ये क्या थे भाई इंड्यूस्ड हो गया फोर्सड हो गया बैलेंस हो
गया ये तो आर्टिफिशियल ड्रॉट था इससे पहले जो चिमनी ड्रॉट हमने पढ़ा था वो नेचुरल ड्रॉट था तो नेचुरल ड्रॉट और आर्टिफिशियल
ड्रॉट में डिफरेंस भी आप लिख सकते इनिशियल कॉस्ट इसकी ज्यादा होती है इसकी ये इकोनॉमिकल होता है इट कैन नॉट बी
कंट्रोल्ड इसको कैसे कंट्रोल करोगे यह तो एटमॉस्फेरिक कंडीशन पर डिपेंड करता है ठीक है ना जबकि यहां पर जो फैन है जो ब्लोअर्स
है उनकी स्पीड आपके हाथ में रहती है तो इसको कंट्रोल किया जा सकता है इट प्रोड्यूस कंपेरटिवली लेस ड्रॉट छोटा सा
इसमें कम स्मॉल प्रेशर डिफरेंस आ पाता है नेचुरल ड्रॉट कम होता है जबकि इसमें आप अपने हिसाब से रिक्वायरमेंट के हिसाब से
लार्ज अमाउंट ऑफ ड्रॉट भी प्रोड्यूस कर सकते हो इट्स रेट ऑफ कंबन इज वेरी लो इसका हाई होता है ठीक है इन दिस सिस्टम लो
ग्रेड फ्यूल कैन नॉट बी बर्न प्रॉपर्ली लो ग्रेड का फ्यूल है क्योंकि वहां पर यू नो फ्लो ऑफ गैसेस फ्लो ऑफ एयर प्रॉपर नहीं है
तो लो ग्रेड का फ्यूल आप यूज़ नहीं कर सकते जबकि यहां पर आप कर सकते हो इट इज कंसीडरेबली इफेक्टेड अफेक्टेड बाय द
एटमॉस्फेरिक टेंपरेचर से अफेक्ट होता है जबकि ये एटमॉस्फेरिक टेंपरेचर कोई फर्क नहीं पड़ता है इसकी एफिशिएंसी कम होती है
इसकी एफिशिएंसी ज्यादा होती है फ्यूल कंजप्शन इज मोर फ्यूल कंजप्शन इज लेस सो दीज आर द डिफरेंसेस बिटवीन नेचुरल ड्रॉट
यानी कि चिमनी ड्रॉट और आर्टिफिशियल ड्रॉट ओके तो आरजीपीबी में कई बार यह ऑलरेडी क्वेश्चन पूछा जा चुका है फिर कुछ
न्यूमेरिकल प्रॉब्लम्स हैं जैसे कि मैंने आपको बताया था अगर आप लोग कमेंट करके मुझे बताओगे वीडियो में आप कमेंट कर दीजिएगा तो
मैं आप लोगों के लिए एक वीडियो अलग से बना दूंगा या फिर मेरे जो लेक्चर है न्यूमेरिकल के वो आप सर्च कर लीजिएगा इसी
चैनल पर आपको मिल जाएंगे एप्लीकेशन में भी कुछ स्टूडेंट्स ने एनरोल किया था क्योंकि ये कोर्स हमने थोड़ा सा बाद में स्टार्ट
किया था लेकिन इस बार जो है सेकंड सेमेस्टर के जो कोर्सेस होंगे और बीटेक सेकंड ईयर के थर्ड फोर्थ सेम के पूरी टीम
हमने एक बनाई है और पूरी टीम आपको जो है हर सब्जेक्ट के जो टीचर्स होंगे वो अलग होंगे और बेहतरीन कंटेंट जैसे हमने
एकेटीयू में प्रोवाइड कराया उसी तरह से हम आरजीपीवी के लिए भी प्रोवाइड कराने जा रहे हैं सो डोंट वरी अबाउट दैट आपकी जो
एकेडमिक परफॉर्मेंस है उसमें किसी तरह की कोई दिक्कत नहीं आएगी ठीक है तो अगर आप लोगों को ये नोट्स के लिए मैं फिर से
लास्ट में बता देता हूं कि आपको इस सब्जेक्ट के नोट्स हमारे गेटवे क्लासेस एप्लीकेशन प मिल जाएंगे जो स्टूडेंट्स ए
फोन चलाते हैं तो वो डाउनलोड कर लीजिएगा ने वाला है हमको आरजीपीबी की जो आंसर शीट है लिखनी
चाहिए कैसे आप मैक्सिमम स्कोर जो है कर सकते हैं अपने एग्जाम में उसके ऊपर भी हम एक वीडियो लेकर के आएंगे ठीक है विश यू
वेरी ऑल द बेस्ट थैंक यू थैंक यू वेरी मच
Unit 4 explains thermodynamic systems as open, closed, isolated, and adiabatic systems. Open systems exchange both mass and energy with surroundings, closed systems exchange only energy, isolated systems exchange neither, and adiabatic systems exchange no heat but may exchange work. Understanding these types helps in analyzing energy transfer in mechanical engineering applications.
The First Law states that energy can neither be created nor destroyed, only converted between heat and work, which is fundamental in calculating energy balances in machines. The Second Law explains that heat transfer occurs naturally from hotter to cooler bodies, establishing the direction of energy flow and efficiency limits of engines. Grasping these laws is essential for designing and evaluating thermal systems.
Fire tube boilers have hot combustion gases passing inside tubes surrounded by water, suitable for low-pressure applications. Water tube boilers have water inside tubes heated by surrounding hot gases, allowing higher pressures and capacities. Recognizing these differences aids in selecting appropriate boilers for specific industrial needs.
Boiler mountings are essential safety devices installed on boilers, including water level indicators, safety valves, feed check valves, blow-off cocks, fusible plugs, and pressure gauges. They ensure safe operation by controlling pressure, maintaining water levels, and preventing accidents, making them critical components in boiler management.
Boiler accessories such as superheaters increase steam temperature beyond saturation to enhance engine efficiency, while economizers recover residual heat from flue gases to preheat feed water. Air preheaters improve combustion by warming incoming air, and feed water pumps maintain water circulation. Together, these accessories boost thermal efficiency and fuel economy.
Draft refers to the flow of air required for combustion in boilers. Natural draft arises from the pressure difference caused by hot gases in the chimney compared to atmospheric air, but it may be insufficient in some conditions. Artificial draft uses mechanical fans to force or induce air flow, categorized into forced, induced, and balanced drafts, facilitating better combustion control and boiler performance.
Focus on understanding core concepts like thermodynamic laws and boiler operations, and practice drawing clear diagrams of systems and boilers. Use standard formulas to solve numerical problems on heat, work, and efficiency, and differentiate between boiler types and their safety devices. Reviewing previous question papers and utilizing resources like simplified notes and detailed lecture videos can significantly enhance exam readiness.
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