Understanding Plato: Concepts, Philosophy, and Importance for UPSC
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Introduction
Plato, one of the most influential philosophers in Western thought, emerges as a central figure in the study of ancient philosophy. Born around 428 BC in Athens, Greece, he established profound ideas that have shaped philosophical discourse for centuries. This article delves into Plato's life, his philosophical concepts, critiques of his ideas, and notably, his significance within the UPSC syllabus.
The Relevance of Plato in Philosophy
Plato is often considered the epitome of ancient Western philosophy, primarily due to his contributions that laid the groundwork for subsequent ideologies. His works impact not only philosophy but also various fields such as mathematics and political theory, making him a pivotal figure that UPSC aspirants should deeply understand.
Who Was Plato?
Historical Background
Plato was born in a wealthy family in Athens, which was a prominent city-state in ancient Greece known for its cultural advancements. During his lifetime, Greece was divided into numerous city-states, often engaged in conflicts. However, despite the turmoil, Athens thrived as a center of learning and philosophy.
Educational Contributions
Plato founded the Academy in Athens, viewed as the first institution of higher learning in the Western world. Here, he taught various students, including the great philosopher Aristotle. The Academy became a hub for philosophical dialogue and exploration.
Key Concepts of Plato's Philosophy
Theory of Forms
One of Plato's central ideas is the Theory of Forms. He posits that beyond the material and changing world lies an unchanging realm of ideal forms.
- Reality vs. Illusion: Plato believed the material world is merely a shadow of the true reality which can be comprehended through rational thought and intellectual understanding.
- Example: A tangible object, such as a chair, may wear out and degrade; however, the concept of "chairness" remains an immutable ideal in the realm of forms.
Allegory of the Cave
Plato's Allegory of the Cave is a powerful metaphor for knowledge and enlightenment:
- Prisoners in a cave see only shadows of objects and believe those shadows are reality.
- When a prisoner escapes the cave, he perceives the real world for the first time and understands that the shadows were mere illusions.
- This illustrates Plato’s view of human cognition and the journey towards enlightenment.
The Structure of Society in "The Republic"
In his seminal work, The Republic, Plato describes an ideal society governed by philosopher-kings, emphasizing:
- Social Classes: Organized into three classes—rulers (philosophers), warriors (guardians), and producers (traders).
- Justice: Defined as each class performing its respective role within society, contributing to the common good.
The Four Cardinal Virtues
Plato identifies four key virtues essential for a just society:
- Wisdom - possessed by the rulers.
- Courage - characteristic of the warriors.
- Moderation - exhibited by the producers.
- Justice - the harmonious balance of the three virtues.
Critique of Democracy
Plato was critical of Athenian democracy, especially after witnessing Socrates' wrongful execution. He argued that democracy often leads to mob rule and tyranny. His belief was that only those with philosophical wisdom should govern, reinforcing the need for a knowledgeable leader rather than a populist.
Influence on Future Philosophers
Plato's thoughts not only affected his contemporaries but also shaped the works of later philosophers, especially Aristotle. His assertion that the essence of knowledge lies beyond mere sensory perception continues to resonate in modern philosophical discussions.
Criticism of Plato’s Ideas
Plato faced various criticisms during his time and in subsequent eras:
- Aristotle’s Critique: Aristotle, who studied under Plato, argued against his Theory of Forms, advocating instead for a more empirical approach to reality.
- Overemphasis on Idealism: Critics argue that Plato's emphasis on ideas can overlook the significance of the material world.
Conclusion
Plato's contributions to philosophy are foundational to understanding the evolution of Western thought. His emphasis on forms, justice, and the philosopher's role in governance presents a complex yet enriching framework for philosophical inquiry. For UPSC aspirants, mastering Plato's ideas is crucial, as they not only enhance comprehension of philosophical concepts but also underline the importance of critical thinking in governance and society. By grasping these concepts, students can better prepare for questions surrounding ethics, political theory, and the history of Western philosophy.
में आई एम श्यर आपने प्लेटो का नाम जरूर सुना होगा मगर इस वीडियो में हम अच्छे से जानेंगे कि वह थे कौन उनके आइडियाज क्या
थे किन लोगों ने उनके आइडियाज का क्रिटिसिज्म किया और ऑफकोर्स यूपीएससी सिलेबस में प्लेटो की इंपॉर्टेंस क्या है
देखिए यूपीएससी सिलेबस में हम फिलॉसफी को दो हिस्सों में बांटते हैं एक तो है वेस्टर्न फिलॉसफी दूसरी है इंडियन फिलॉसफी
वेस्टर्न फिलॉसफी का एक बहुत ही महत्त्वपूर्ण हिस्सा है प्राचीन वेस्टर्न फिलॉसफी ऑफकोर्स अगर आपको वेस्टर्न
फिलॉसफी के बारे में जानना है तो आप कंटेंपररी वेस्टर्न फिलोसोफर को नहीं समझ सकते जब तक कि आप प्राचीन वेस्टर्न
उसको वैसे देखा जाए तो वह ग्रीक फिलॉसफी ही थी क्यों क्योंकि प्राचीन समय में वेस्टर्न फिलॉसफी में जो भी महान थिंकर जो
भी महान फिलोसोफर आए व ग्रीक ही थे और कोई नेशनलिटी के ज्यादा कोई फिलोसोफर थे नहीं कुछ ये इटालियन थे रोमन एंपायर से थे एक
दो मगर जो डोमिनेंस रही है वह ग्रीस की रही है तो यह भी कहा जाता है कि एसिंट वेस्टर्न फिलोसोफी इज आल्सो नोन एज ग्रीक
मिरेकल यह आप लिख सकते हैं अपने आंसर में तो अब आप समझ रहे होंगे कि प्राचीन वेस्टर्न फिलॉसफी की कितनी इंपॉर्टेंस है
अब प्राचीन वेस्टर्न फिलॉसफी का एक बहुत ही महत्त्वपूर्ण हिस्सा है प्लेटो कैसे हैं वह अभी डिस्कस करेंगे मगर आपको उनकी
इंपॉर्टेंस समझाने के लिए ए एन वाइटहेड जो 20 सेंचुरी के एक बहुत ही महान फिलोसोफर और एक मैथमेटिशियन थे उनकी की एक कोट आपको
दिखाऊंगा प्लेटो के बारे में उन्होंने कहा था द सेफेस्ट जनरल कैरेक्ट इजेशन ऑफ द यूरोपियन फिलोसॉफिकल
ट्रेडिशनल नोट्स टू प्लेटो तो बेसिकली यहां पे कह रहे हैं कि पूरी जो यूरोपियन फिलोसॉफिकल ट्रेडीशन है सिर्फ एक फुट नोट
है प्लेटो की फिलॉसफी की फुट नोट होता है जैसे आप एक मैटर लिखते हैं बहुत बड़ा उसके एंड में आप कुछ एडिशनल इंफॉर्मेशन देते
हैं तो यहां से उन्होंने प्लेटो की जो एक उनका है वेस्टर्न फिलॉसफी में उसके बारे में उन्होंने बताया है कि प्लेटो के बाद
जो भी फिलोसोफर आए हैं वो बेसिकली उन्होंने उन्हीं की फिलॉसफी को देखते हुए एडिशनल इंफॉर्मेशन ऐड करी है आज भी जो मेन
वेस्टर्न फिलॉसफी है वो प्लेटोनिया थॉट पे बेस्ड है यह ए एन वाइटहेड की कोट है तो ऑफकोर्स बाकी कुछ लोग यहां पे यह भी
कहेंगे कि प्लेटो के साथ एरिस्टोटल का नाम भी होना चाहिए मगर कोट ये है मेरा पर्सनल ओपिनियन भी है कि यहां पे प्लेटो के साथ
एरिस्टोटल का नाम भी होना चाहिए तो अब देखते हैं कि प्लेटो बेसिकली थे कहां के अब देखिए यहां पे आप मैप देख सकते हैं यह
इंडिया हो गया पाकिस्तान अफगानिस्तान और यहां पे टर्की जो है टर्की के बिल्कुल लेफ्ट साइड पे यह है ग्रीस ग्रीस पे अगर
हम जूम इन करें तो आपको यहां पे एथेंस दिखेगा कोस्टल साइड पे यहां के थे प्लेटो मगर जिस जमाने के प्लेटो थे वो उस वक्त जो
ग्रीस आज है यूनाइटेड कंट्री है उस वक्त यूनाइटेड नहीं था ग्रीस के अंदर बहुत सारे डिवीजन थे जरे इंडिया में थे उस वक्त खूब
सारे छोटे अंपायर थे और आपस में लड़ते रहते थे तो एथेंस की लड़ाई भी होती रही बाकी अंपायर से मगर उस वक्त भी एथेंस काफी
एक पावरफुल एक सिटी था आगे प्लेटो के बारे में जानने से पहले जरा यह देख लेते हैं कि ग्रीस में ही क्यों इतने सारे महान
फिलोसोफर पैदा हुए देखिए पहले तो एक रीजन है जियोग्राफिक कंडीशन ग्रीस की जो ज्योग्राफिकल कंडीशन है बहुत ही आइडियल थी
ना ज्यादा ये इंग्लैंड की तरह बहुत ठंडी थी या स्वीडन या नॉर्वे की तरह बहुत ज्यादा ठंडा था ना बहुत ज्यादा गर्मी थी
वहां पर बिल्कुल परफेक्ट कंडीशन थी तो उसी वजह से जो वहां पे नेचुरल एनवायरमेंट था जो वहां के सीजन होते थे बहुत ही सुहाने
बहुत ही सुंदर होते थे तो ऐसे एनवायरमेंट में इंसान को सोचने का मन करता है कि वह कहां से आया यूनिवर्स के बारे में इन सब
चीजों के बारे में वह सोचता है तो एक तो यह है दूसरा कल्चरल इंटरेक्शन यह बहुत बड़ा एक एस्पेक्ट है ग्रीस के पास बहुत
सारे बंदरगाह थे क्योंकि मैं मैंने आपको दिखाया कि कोस्टल काफी सारी उसकी लाइन है और उसी वजह से आसपास के जो देश थे उनके
साथ ग्रीक्स के ट्रेड रिलेशन भी बने और जब लोग ट्रेड करने आए व्यापार करने आए तो वो साथ-साथ अपना लिटरेचर अपना कल्चर अपने
बिलीव्स वो भी लेके आए तो वो भी उन्होंने शेयर किए तो वहां से भी उनका जो वर्ल्ड का व्यू है वो और ज्यादा ब्रॉड हुआ उन्होंने
नई चीजें सीखी और उसके अलावा एक रिलीजियस फ्रीडम भी थी वहां पर ऐसा नहीं था कि आपको सिर्फ एक धर्म आपको मानना है और जो आप
मानना चाहो आप मान सकते हो उस वक्त क्रिश्चियनिटी वजूद में नहीं आया था इस्लाम वजूद में नहीं आया था तो उसके
अलावा यह भी है कि वह डेमोक्रेसी वहां पे बिलीव रखते थे खुले विचार के लोग थे तो यह इन सब रीजंस की वजह से ग्रीस एक तरीके से
वेस्टर्न थॉट का क्रेडल बन गया और वहां पर प्लेटो और एरिस्टोटल जैसे महान थिंकर्स आए अच्छा यह तो हो गया ग्रीस के बारे में
काफी जानकारी अब देखते हैं कि प्लेटो थे कौन अच्छा आखिर एथेंस के प्लेटो थे कौन देखिए उनका जो जन्म था उसकी एग्जैक्ट ईयर
तो किसी को पता नहीं है बहुत ही लंबे लंबे समय पहले उनका जन्म हुआ था तो रिकॉर्ड्स में भी थोड़ा बहुत डिस्प्यूट है कि असल
ईयर कौन सा था मगर ज्यादातर मानते हैं कि अराउंड 428 बीसी में उनका जन्म हुआ था बहुत ही अमीर घर में पैदा हुए थे पहलवानी
का शौक रखते थे बहुत ही लंबे चौड़े कद के थे और उनका जो लंबा चौड़ा कद था उनकी जो फिजिक थी ब्रॉड शोल्डर्स थे उनके उसको
देखते हुए उनको नाम दिया गया प्लेटो अच्छा साब आपको यह भी पता होना चाहिए कि वो फाउंडर थे दी अकेडमी के जो उन्होंने एथेंस
में खोली थी द एक जो अकेडमी थी प्लेटो की वह अपने आप में पहला इंस्टिट्यूशन था हायर लर्निंग का पूरी पश्चिमी सभ्यता में बहुत
बड़ी बात होती है तो इस अकेडमी में बेसिकली वो आसपास के जो देश थे या आसपास के राज्य थे या जो एसेंस के जो फेमस
फिलॉसफी उन सबको बुलाते थे उनसे वार्तालाप करते थे और उसके अलावा जो यंगर जनरेशन होती उनको ही पढ़ाते थे बहुत सारे फेमस
स्टूडेंट्स निकले हैं ये अकेडमी से उनमें से सबसे फेमस जो ये प्लेटो के स्टूडेंट थे वो थे एरिस्टोटल और प्लेटो ने बहुत सारी
किताबें भी लिखी और उनमें से सबसे जो फेमस है उनके मैंने यहां पे नाम लिखे हैं तो सबसे पहले नजर डालते हैं अपॉलॉजी ऑफ
सक्रेटीज पे अच्छा अपॉलॉजी ऑफ सक्रेटीज सक्रेटीज कौन थे सक्रेटीज प्लेटो के गुरु थे तो आपको यहां पे याद रखने में आसानी
होगी आप अगर यह एक्रोनिस याद कर ले एस पी ए स्पा तो आपको याद रखने में आसानी होगी कौन किसका गुरु था कौन किसका चेला था तो
सक्रेटीज के चेले थे उनके उनके स्टूडेंट थे प्लेटो और प्लेटो के स्टूडेंट थे एरिस्टोटल ठीक है स्पा याद रखने में आसानी
होगी आपको तो ये अपोलोजि ऑफ सक्रेटीज क्यों क्योंकि देखिए क्या हुआ था कि सक्रेटीज पे उनके जमाने में जो वहां के
एथेंस के जो एंपरर्स थे उन्होंने उन पर इल्जाम लगाया के जो यूथ है वहां के जो यंग लोग हैं उनको भटका रहे हैं सक्रेटीज उनको
गलत इंफॉर्मेशन दे रहे हैं तो उसकी वजह से वो अभी बताऊंगा क्या बड़ा इंटरेस्टिंग किस्सा है बाद में उसको डिस्कस करेंगे
क्या हुआ था तो उसकी वजह से उनको उन परे केस लगा दिया गया सरकार द्वारा और कोर्ट में मजाक सही हुआ था जो राजा की मर्जी थी
वही हुआ कोई प्रॉपर एक ट्रायल हुआ नहीं सक्रेटीज का और उनको सजाए मौत सुना दी गई तो उसी पूरे केस पर प्लेटो ने एक उन पे एक
किताब लिखी थी जिसका नाम था अपॉलॉजी ऑफ़ सक्रेटीज एक सटीरिकल वर्जन था सक्रेटीज के डिफेंस का कि जहां पे वह सॉरी कह रहे हैं
कि मुझे माफ़ कर दीजिए कि मैंने लोगों को सोचने पे मजबूर किया तो काफी इंटरेस्टिंग है आगे देखिए उन्होंने द रिपब्लिक भी लिखी
है द स्टेट्समैन लिखी है लॉज द रिपब्लिक ऑफकोर्स सबसे ज्यादा फेमस है द रिपब्लिक से रिलेटेड काफी बार हमारे एसएससी के जो
एग्जाम होते हैं उसमें भी क्वेश्चन आता है कि हु रोट द रिपब्लिक तो ऑफकोर्स आंसर हो गया प्लेटो और मैंने खैर आपको यह तो बताया
बता दिया कि वो सक्रेटीज के स्टूडेंट थे और एरिस्टोटल के टीचर थे आगे जो उनके आइडियाज थे उन पर नजर डालते हैं देखिए
देखिए मान लीजिए कोई कुर्सी है यह कुर्सी हमेशा तो जैसी है वै नहीं रहेगी हालांकि हो सकता है कि जब तक मैं बूढ़ा हो के मरू
तब तक वो कुर्सी वहां पर रहे मगर एक समय आएगा कि वह कुर्सी भी डिग्रेड होगी उस पर भी कुछ प्रॉब्लम आएगी और एक समय के बाद वह
टूट जाएगी या एक सेब ले लीजिए कितने समय तक ताजा रहेगा जितना भी आप उसको प्रिजर्व करने की कोशिश करें एक समय पर आने के बाद
सड़ जाएगा गल जाएगा तो प्लेटो यह मानते हैं कि यह रियलिटी नहीं है असली जो दुनिया है वह अनचेंजिंग है वहां
पर कोई बदलाव नहीं होता इटरनल है कोई वहां पर वहां पर कोई अंत नहीं होता ठीक है और उसके अलावा हमारे सेंसेस के बियोंड है
क्योंकि प्लेटो यह मानते थे कि जो नॉलेज है वह हम सेंसेस से नहीं पा सकते क्योंकि सेंसेस तो एक कुत्ते की भी होती है मगर
क्या एक कुत्ता नॉलेजेबल है क्या उसको नॉलेज पा सकता है नहीं वह हमारी सेंसेस के भी बियोंड है और हम अगर रियलिटी को समझना
चाहते हैं तो हम इंटेलेक्चुअल स्टडी से समझ सकते हैं उसमें वह मैथमेटिक्स को काफी ऊपर रैंक करते थे तो यह मानते थे कि जो एम
है मेन जो एम होता है फिलॉसफी का वह यह है कि जो दुनिया है सेंसेस की या जिसमें हम अभी जी रहे हैं उससे हम दूर जाएं और हायर
रेलम में जाएं जहां पर हम जो एक फॉर्म है हर चीज की की वो समझ पाए अच्छा जो यह फन वाला कांसेप्ट है थोड़ा और आपको समझाता
हूं मान लीजिए एक एक सेव इमेजिन करिए ठीक है एक बिल्कुल ताजा सेब है और एक बहुत ही सड़ा हुआ खराब सा सेब है आप दोनों को सेब
ही कहेंगे क्यों क्योंकि आपको पता है एक सेब की आपके माइंड में एक फॉर्म है एक इमेज सी बनी हुई है कि हां सेब ऐसा ही
होता है ऑफकोर्स अगर मैं एक पेड़ को देखकर आपको कहूं यह सेव है आप कहेंगे नहीं यह सेब सेब ऐसा नहीं होता तो आपके माइंड में
एक फॉर्म है एक आइडियल स्टेट है एक इमेज है सेव की अगर आप इमेजिन करें मैं सेव कहूं तो आप सड़ा गलास नहीं करेंगे मतलब आप
एक आइडियल प्रॉपर लाल रंग का सेव इमेजिन करोगे और उसी को देखकर आप बाकी सेप को पहचान लोगे और उसको आप डिस्टिंग्विश कर
पाओगे अलग चीजों से तो वो यह कह रहे हैं कि जो फिलॉसफी है वो को जो जो मतलब हम चीज देख पाते हैं रियल लाइफ में उससे थोड़ा
आगे ले जाकर काफी आगे ले जाकर जो फॉर्म्स होती है जो असली एक जो अल्टीमेट रियलिटी होती है वहां पर जो फॉर्म्स होती है चीजों
की जो जो वहां पर जो इटरनल चीजें होती है वहां पर कुछ चेंज नहीं होता वहां पर हम जा सकते हैं प्लेटो ने जो किताब लिखी थी
रिपब्लिक जिसके बारे में हमने पहले ही बात करी थी उसमें उन्होंने कहा था कि आत्मा के तीन हिस्से होते हैं जो कस्प कर हैं रीजन
इमोशन और डिजायर को और वह यह भी मानते रहे कि जो आत्मा होती है वह अमर होती है और वापस जन्म ले सकती है जो काफी हद तक
इंडियन फिलॉसफी से भी मिलता जुलता है आगे जरा देखते हैं कि जो इनका यह कांसेप्ट है यह फॉर्म्स का और किस तरीके से अल्टीमेट
रियलिटी से इंसान दूर रहता है वह इन्होंने एग्जांपल से कैसे समझाया है अब यह जो असली दुनिया है जो दुनिया ऑफ जो वर्ल्ड ऑफ
आइडियाज है वर्ल्ड ऑफ फॉर्म्स है अकॉर्डिंग टू प्लेटो और जो एक तरीके से नकली दुनिया है जिसमें अकॉर्डिंग टू
प्लेटो हम जीते हैं उसमें फर्क क्या है और किस तरीके से एक उन्होंने एग्जांपल के जरिए इसको समझाया है देखिए ये इन्होंने
समझाया है एगरी ऑफ द केव के थ्रू यह प्लेटो का एक बहुत ही आइकॉनिक उनका फेमस एग्जांपल है बहुत सुंदर एक एग्जांपल है
बंदी उनको बिठाकर रखा गया है उनकी टांगों पर और उनके हाथों पर जंजीरें हैं और यहां तक कि उनके सर को भी इस तरीके से फिक्स कर
दिया गया है कि वह सिर्फ अपने सामने की जो दीवार है उसी को देखेंगे यह दीवार ठीक है यहां पर यह है प्रिजनर्स
है और आग की जो रोशनी है वह दीवार पर पड़ रही है और आग और रोशनी के बीच यहां पर कुछ पपेट्स कुछ पुतले से नचाए जा रहे
हैं ठीक है और उनकी छवि इस दीवार पर पड़ रही है अब यह जो प्रिजनर्स हैं यह जो बेचारे कैदी हैं जिनका पूरा हाथ पैर सब
बंधे हुए हैं और सिर्फ सामने देख सकते हैं यह तो यह मानेंगे कि यह जो चीजें हिल रही है यह जो शैडो है छवि है यह असली है उनको
थोड़ी ना पता है कि यहां पीछे आग जल रही है और उसके पीछे पुतले हैं और यहां पर पूरा जो हो रहा है यह असलियत नहीं है इनके
लिए तो ओनली दिस इज रियलिटी यह असलियत है मगर यहां पर प्लेटो कहते हैं कि अगर हम एक इंसान की जंजीरें खोल दे इनमें से एक
स्लेव की जंजीरें खोल दे और वह खड़ा होकर देखे पीछे ड़कर देखे कि य यह क्या हो रहा है जो मैं सारी जिंदगी जो मैं देख रहा था
जो असलियत है यह यहां पर जो नाच रहे हैं पुतले पुतलो के शैडो यह तो नकली है यह तो शैडो था और यहां पर तो आग जल रही है वो
अचानक से वो डर जाएगा वह इस रियलिटी को बर्दाश्त नहीं कर पाएगा उसको सडन दिखेगा कि जो अब तक मेरी
जिंदगी थी वो बस एक इल्यूजन थी एक भ्रम था फिर प्लेटो ने कहा है कि अगर हम उसको थोड़ा केव से बाहर निकालने की कोशिश करे
तो वह यहां पर डर जाएगा रोशनी को देखकर कहेगा इतनी सारी रोशनी मैंने कभी देखी नहीं व व इससे इतना यूज टू नहीं है और फिर
अगर उसको बाहर निकालकर घास पर भेज दे तो वह रंग रें कर चलेगा उसको समझ नहीं आएगा वह कहां पर आ गया है उसकी दुनिया अचानक से
बदल गई है वह सोचता रहा बस जो दीवार पर जो शैडोज नाच रहे हैं वही दुनिया है पूरी मगर सडन उसको समझ आ रहा है कि अब वो खुले
ग्राउंड में है और वह सूरज को देख पा रहा है और वह सूरज की रोशनी को देख के समझ पा रहा है कि अच्छा जो सब कुछ वो देख रहा था
है यहां पर प्लेटो समझाते हैं कि एक एक असली दुनिया में और जो दुनिया हम सोचते हैं असली है उसमें फर्क कैसे है खैर यह तो
एक सिंबॉलिक कहानी हो गई अब इसके पीछे इसका जो मतलब है वोह भी देखते हैं अच्छा अब जो हमने एगरी हमने अभी
डिस्कस करी उसका मतलब क्या है ऑफकोर्स सब कुछ सिंबॉलिक था तो यह जो बेसिकली एलरी ऑफ केव थी यह सिंबलाइज करती है चार ग्रेड्स
ज्ञान के नॉलेज के जिसमें से जो हमारा माइंड होता है वह गुजरता है जब तक वह जो आइडियाज होते हैं वहां तक नहीं पहुंच पाता
हर लेवल एक पर्टिकुलर स्टेट ऑफ माइंड को रिप्रेजेंट करता है यहां पर वह चार स्टेट ऑफ माइंड है जब लो लोग चेनस में थे
कंजेक्चर जब उनको चेन से खोल दिया गया और पहली बार उन्होंने देखा और बिल्कुल दंग रह गए कि यह क्या है बिलीफ फिर धीरे-धीरे जब
से बाहर निकले रीजनिंग और फिर जब पूरी तरीके से आजाद हो गए अंडरस्टैंडिंग एक मिनट जरा इसको अच्छे से
स्लाइड्स में देख लेते हैं तो सबसे पहले जब वह चेंस में थे कंजेक्चर जब उनको यह पता है कि जो शैडोज आ रहे हैं और जो
रिफ्लेक्शन है सारी और जो चीजें हो रही है वह उसको रियलिटी मान लेते हैं ठीक है इस समय में जो लोग होते हैं वो दे आर
सब्जेक्टेड टू प्रेजुड सेस बड़े उनके मतलब यू नो रिजट माइंडसेट होते हैं और उसके अलावा खैर ये भी यहां बताया गया कि चेंड
विदाउट डिजायर टू एस्केप दे क्लिंग ऑन टू द डिस्टोर्टेड विजंस वो उनको सिर्फ वही एक पक्ष दिखता है जिंदगी का तो उससे निकलने
की कोशिश भी नहीं करते वो बस वहीं पर रहते हैं और कुछ आगे जाकर उनकी इच्छा नहीं होती कि मैं कुछ खड़ा हो या और कुछ देखूं उनका
डिजायर ही नहीं होता कि वो वहां से उस केव में से भाग निकले फिर सेकंड मेन अन बाउंड इन द केव जब उनको चेन से छोड़ दिया गया तो
शुरुआत में तो खैर उनका मतलब मन भी नहीं करता कि वो चेन से उनको जब खोला और वो पीछे देखते हैं कि आग जल रही है तो उनको
तब भी फीलिंग आती है कि हम बस यहीं पर रहते हैं मैं इतने सच को बर्दाश्त नहीं कर पाऊंगा यू ो पचा नहीं पाऊंगा इतना सब कुछ
तो वो वहां पर यह भी लिखा है कि वह पीछे मुड़ के देखते हैं और फायर को देखते हैं अ विजिबल फिगर ऑफ द सन ठीक है तरीके सूरज की
विजिबल फिगर होती है और फिर बाकी फिजिकल बॉडी भी देखते हैं जो पपेट्स नाच रहे होते हैं और फिर उनको समझ में आता है कि जो ये
शैडोज होते हैं ये सिर्फ स्वप्न जीवी लोगों के लिए होते हैं यह रियलिटी नहीं थी जो मैं अभी शैडोज देख रहा था तो यह सेकंड
स्टेज है फिर थर्ड स्टेज है मैन आउट ऑफ द केव रीजनिंग जब बाहर निकलते हैं मतलब यू नो तो वो पहली बार देखते हैं कि सूरज है
अच्छा लाइट यहां से आती है तब उनका माइंड रीजन करना स्टार्ट कर देता है उनको एक लॉजिक ये लगाना स्टार्ट कर देते हैं कि
अच्छा ओके सो अब तक यह हो रहा था लाइट से मुझे धोखा दिया जा रहा था और फिर फाइनली जब वह सब कुछ समझ जाते हैं और आजाद हो
जाते हैं वो होती है फाइनल स्टेज अंडरस्टैंडिंग मेन हु फुल्ली फ्री देयर माइंड्स फ्रॉम बंड्स ऑफ चेंजिंग
सेंसिबिलिटीज ऑफ पर्टिकुलर इंटेलिजिबल सेंड टू द हाईएस्ट ग्रेड ऑफ नॉलेज ठीक है और फिर यह थे फोर ग्रेड्स ऑफ कॉग्निशन और
फाइनली प्लेटो यह कहते हैं कि द थ्योरी ऑफ नॉलेज यह है और कुछ भी नहीं है सिर्फ यही है ये याद रखना जो हम एक तरीके से जो हमने
मान लिया है रियलिटी उससे पहले क्या था जब यू नो हम लोग यह मान लिया कि द वर्ल्ड वी लिव इन यह रियलिटी है उससे पहले हमारी
क्या सोच थी उसको याद करना दैट इज नॉलेज दैट इज द थ्योरी ऑफ नॉलेज जस्टिस न्याय पर प्लेटो के क्या व्यू थे देखिए न्याय पर
प्लेटो बहुत ही ज्यादा जो एथेंस का मतलब जस्टिस सिस्टम था उससे बहुत ही ज्यादा वह निराश थे बहुत ही ज्यादा डिसेटिस्फाइड थे
क्योंकि जो कंडीशन थी एथेंस में बहुत ही ज्यादा खराब हो रही थी करप्शन ज्यादा आ रहा था जो वहां के रूलरसोंग्स
को अंदर से बहुत चोट लगी थी क्योंकि सिर्फ यही नहीं कि उनके गुरु थे बल्कि जो जिस तरीके से पूरा वो केस चला कोर्ट में एक
मजाक सा था सक्रेटीज को अपने बात रखने का चांस भी नहीं दिया गया बस सीधा-सीधा उनको सजा दे दी गई अच्छा अब जरा यह भी देखते
हैं अगली स्लाइड में कि हुआ क्या था क्यों सक्रेटीज जो प्लेटो के गुरु थे उनको मृत्यु दंड क्यों दिया गया और एक बहुत ही
फेमस कोट भी है एक्चुअली प्लेटो डेमोक्रेसी को पसंद नहीं करते थे खासकर सोक्रेट की डेथ के बाद तो बिल्कुल ही उनको
डेमोक्रेसी का जो आईडिया है वो बिल्कुल पसंद नहीं आया था तो उनकी बड़ी फेमस कोट है कि टेरनी नेचुरली नेचुरली अराइजेज आउट
ऑफ डेमोक्रेसी टेरनी मतलब डिक्टेटरशिप कह लीजिए वो धीरे-धीरे डेमोक्रेसी से आई जाती है यह बहुत बड़ी कोट है कि लोग सोचते हैं
यहां पे तो डेमोक्रेसी आ गई लोगों का राज चलता है पर नहीं अब जहां पे ज्यादा डेमोक्रेसी हो जाती है जहां पे फ्रीडम ऑफ
स्पीच और लिबर्टी बहुत ज्यादा हो जाती है धीरे-धीरे वहां पर टेरनी आ ही जाती है एक नेचुरल ऑर्डर है फॉर एग्जांपल जर्मनी में
हिटलर कैसे आया था उसने व आसमान से तो नहीं टपका था शायद अगर आप हिस्ट्री के आपके आप जानकार हैं तो आपको पता होगा
हिटलर ने इलेक्शन जीता था डेमोक्रेसी थी जर्मनी में इलेक्शन जीत के हिटलर जैसा संख आदमी वहां पर उनका कोटन कोर्ट
फ्यूरिक में कुछ वजन है प्लेटो की के डेमोक्रेसी में धीरे-धीरे टेरनी आ ही जाती है अब जरा सक्रेटीज का जो ट्रायल हुआ था
वो नजर डालते हैं उसपे कि बेसिकली हुआ क्या था डेथ ऑफ सक्रेटीज देखिए आपको यह तो मैंने बताया था कि सक्रेटीज जो गुरु थे
प्लेटो के उनको सजा सुनाई गई थी मौत की और उनको यह सजा क्यों सुनाई गई थी क्योंकि यह उन परे इल्जाम लगा कि वो अपने स्टूडेंट से
और आसपास के जो एथेंस के आम जो जनता थी उनसे काफी हद तक पॉलिटिक्स से रिलेटेड कुछ क्वेश्चन पूछते थे जिसमें वो काफी जो हद
तक डीप चले जाते थे सब्जेक्ट के और जो वहां के रूलरसोंग्स तो आप मौत चुनिए या फिर अपने आप को देश
निकाला कर लीजिए एजाइल हो जाइए हम आपको बराबर ही छोड़ेंगे तो आप जी सकते हैं मगर वो ऑप्शन चुनने के बजाय सक्रेटीज ने चूज
किया मरना और यह भी काहा सारकास्टिकली कि बिल्कुल जो मैंने काम किया है जो मैंने पाप किया है उसकी सजा मुझे मिलनी चाहिए
मुझे बिल्कुल आपको सजाए मौत देनी चाहिए उसके बाद जेल में उनको हेमलॉक नाम का एक पॉइजन होता है वो दे दिया गया और उनको कहा
कि आप पी जाइए और उनको खुद वो पॉइजन पीना पड़ा और आप अपनी स्क्रीन पे ये पेंटिंग भी देख पा रहे होंगे बहुत ही फेमस पेंटिंग है
ये और इस पेंटिंग में आप देख सकते हैं सक्रेटीज बैठे हैं उंगली उठा के वो अपने स्टूडेंट्स को बता रहे हैं उनके
स्टूडेंट्स रो रहे हैं उनको देखकर और वो सक्रेटीज बता रहे हैं कि कभी भी अपने आइडियल अपने बिलीव्स से पीछे मत मत हटना
अगर तुम्हें पता है कि तुम सच्चाई के रास्ते पे हो और तुमने कुछ गलत नहीं किया हमेशा अपने सिद्धांतों में खड़े रहो ये थी
डेथ ऑफ सक्रेटीज जिनका जिसका एक बहुत ही बड़ा इंपैक्ट पड़ा प्लेटो पे और फिर बाद में उन्होंने वो किताब भी लिखी एन अपॉलॉजी
अच्छा अब सक्रेटीज की डेथ का प्लेटो पे इंपैक्ट अच्छे से पढ़ने के बाद वापस प्लेटो की थ्योरी ऑफ जस्टिस पे आते हैं कि
प्लेटो की नजर में न्याय प्रॉपर जस्टिस क्या था देखिए प्लेटो आपको पता है बहुत ही एक प्राचीन समय के ग्रीक फिलोसोफर थे तो
उनका जो कांसेप्ट है वो ट्रेडिशनल कांसेप्ट माना जाएगा तो ट्रेडिशनल कांसेप्ट में ज्यादातर आप देखेंगे एक चीज
कॉमन होती है कि वो फोकस करते हैं एक जस्ट मैन पे ये जस्ट मैन सिर्फ आदमी नहीं है जस्ट का यहां पे मतलब है फेयर फेयर
माइंडेड मैन जैसे फॉर एग्जांपल सेंटेंस में यूज होता है दिस इज अ जस्ट एंड डेमोक्रेटिक सोसाइटी तो आगे यहां पर लिखा
है कि बेसिकली उनकी जो यह थ्योरी ऑफ जस्टिस थी वो प्राइमर कंसर्न थी एक आदमी के वर्चूज पे वर्चूज क्या होते हैं अच्छे
से अभी डिस्कस करेंगे प्लेटो के अपने वर्चूज थे एरिस्टोटल के अपने वर्चूज थे प्लेटो के चार मेन वर्चूज तो वो अभी
डिस्कस करेंगे आगे देखिए रिचर्ड लुईस की एक बहुत ही फेमस किताब है लेक्चर ऑन द रिपब्लिक ऑफ प्लेटो आप अपनी स्क्रीन पर
इसका कवर देख पा रहे होंगे 1962 की किताब है तो इस किताब से अब हम देखेंगे कि इन्होंने प्लेटो की थ्योरी ऑफ जस्टिस के
बारे में क्या कहा है और उसके बाद वर्चूज की बात की थी वह अलग से स्लाइड में डिस्कस करेंगे जस्टिस इन प्लेटो सेंस इज द पावर
ऑफ इंडिविजुअल कंसंट्रेशन ऑन ड्यूटी देखिए इसको एग्जांपल के तौर पे समझाया यहां पे कि अगर मान लीजिए एक सोल्जर है इस सेंस
में तो ऑफकोर्स वो एक ब्रेव मैन है वो इसका वर्च्यू हो गया ठीक है तो जस्टिस इज देयर फोर रिल इज रियली द कंडीशन ऑफ द
एसिस्टेंसिया है वर्चूज की हिंदी एक तरीके से होती है गुण कह लीजिए आप ठीक है अ कौन-कौन से वर्चूज होने चाहिए किस-किस में
एक जस्टिस से अ जो एक ऐसी सोसाइटी में जो जस्टिस को काफी ऊपर रखती है वह आगे जाक अभी डिस्कस करेंगे तो मेनली यहां पर है कि
जस्टिस इज देयर फॉर जस्टिस देयर फोर इज रियली द कंडीशन ऑफ द एक्जिस्टेंस ऑफ ऑल वर्चूज ईच ऑफ देम इन ए पर्टिकुलर
मेनिफेस्टेशन ऑफ द स्पिरिट ऑफ जस्टिस तो अब एक तरीके से इन मॉडर्न फ्रेज इट इज इक्विवेलेंट टू अ सेंस ऑफ ड्यूटी तो
अब यहां पर सीध सीध यह है कि बेसिकली जो प्लेटो का जस्टिस का जो व्यू था इट इज ऑल अबाउट इ सेंस ऑफ ड्यूटी ठीक है और साथ में
वर्चूज का वहां पर होना भी जरूरी है तो यहां पर प्लेटो ने चार वर्चूज की बात की गई थी पहला जो जो पहले जो तीन वर्चूज हैं
वो हर एक सोशल क्लास को चाहिए जैसे सोल्जर्स और किंग्स वगैरह मर्चेंट्स वगैरह को और उसके बाद एक फाइनल वर्च्यू अ वो बि
फिटिंग होना चाहिए ऑफ द सोशल ऑर्डर एक बार आपको दिखा देता हूं यहां पे यहां पे आप देख सकते हैं प्लेटोस थ्योरी ऑफ जस्टिस और
यहां पर आप जो देख सकते हैं वर्चूज किन-किन सोशल क्लासेस को सोशल क्लास के किन-किन लोगों को वो वर्चूज होने चाहिए और
जैसे कि आप देख सकते हैं यहां पर फिलोसोफर फिलोसोफर का जो डोमिनेंट ट्रेट है वो है नॉलेज और जो उनके पास वर्च्यू होना चाहिए
जो गुण होना चाहिए जो गुडनेस होनी चाहिए उनके पास वोनी चाहिए विजडम ठीक है वैसे ही सोल्जर्स का होता है डोमिनेंट ट्रेट इमोशन
और उनके पास बी फिटिंग वर्च्यू होना चाहिए करेज वैसे ही ट्रेडर्स जो मर्चेंट्स वगैरह होते हैं उनका डोमिनेंट ट्रेड है एपेटाइट
और उनका जो बि फिटिंग वर्चू होना चाहिए टेंपरेंस टेंपरेंस क्या होता टेंपरेंस मतलब एब्नेट थोड़ा मतलब एपेटाइट का उल्टा
कह लीजिए थोड़ा बहुत ठीक है और उसके बाद वर्चू बि फिटिंग द सोशल ऑर्डर वो है जस्टिस तो जस्टिस भी अपने आप में एक
वर्च्यू है ठीक है तो अभी यह तो खैर यह प्लेटो के वर्च्यू हो गए एरिस्टोटल के अलग से वर्च्यू है उसके ऊपर पूरा अलग से पूरी
वीडियो भी बनाऊंगा एरिस्टोटल के ऊपर तो अभी के लिए आपको यह काफी हद तक मटेरियल मिल जाएगा इसमें प्लेटो की थ्योरी ऑफ
जस्टिस के ऊपर अच्छा प्लेटो के जो फोर कार्डिनल जो वर्चूज है गुण है उनकी यहां पे मैंने एक फोटो भी दे दिया आपको आपको
याद रखने में आसानी होगी विजडम करेज मॉडरेशन वही है टेंपरेंस मॉडरेशन एक ही बात है और जस्टिस सो याद रखिएगा दिस इज द
एंड ऑफ द वीडियो अगर आप चाहते हैं कि मैं और वीडियोस बनाऊं फिलॉसफी पे तो मुझे बताइएगा इस पे मैंने अभी इस वीडियो में 30
मिनट में जितने भी प्ले डो के बारे में कांसेप्ट समझा सकता था कम टाइम में समझाने की कोशिश की है इसके बाद और कांसेप्ट के
लिए और वीडियोस भी बना सकता हूं और और फिलोसोफर जैसे एरिस्टोटल उनको भी हम कवर करेंगे आने वाली वीडियोस में सो उसके
अलावा मैं यूपीएससी के एक बर्निंग टॉपिक पे भी वीडियो जल्दी निका लूंगा एंड सब्सक्राइब टू आवर चैनल इफ यू ऑलरेडी