Overview of US Tariff Proposals
The video addresses the current discussions surrounding tariffs on American goods, particularly in the context of US President Donald Trump's demands for India to reduce tariffs. The focus is on how these changes could disrupt India's domestic markets, especially for farmers and the automobile industry.
Key Points
- Tariff Discussions: Trump is urging countries trading with the US to lower tariffs on American goods. India currently imposes significant tariffs to protect its domestic industries.
- Impact on Agriculture: The video emphasizes the importance of maintaining tariffs on agricultural products to safeguard Indian farmers from potential price drops due to American imports.
- Automobile Sector Concerns: A zero-tariff policy could lead to a surge in American automobile imports, threatening India's domestic automobile industry.
- Reciprocal Tariffs: The US has announced reciprocal tariffs that could affect Indian exports, making them more expensive in the US market.
- Current Trade Surplus: India enjoys a trade surplus with the US, exporting more than it imports, which could be jeopardized by tariff changes.
- Negotiation Efforts: Indian Commerce Minister Piyush Goyal is in the US negotiating to find a middle ground on tariff issues, but the US remains firm on its demands.
Conclusion
The deadline for tariff negotiations is approaching, and India faces significant pressure to respond to US demands. The potential elimination of tariffs poses a serious risk to various sectors of the Indian economy, particularly agriculture and automobiles. The outcome of these negotiations will be crucial for India's economic stability.
स्टडी आईक्यू आईएस आपका सिलेक्शन हमारा मिशन नमस्कार दोस्तों दोस्तों भारत के लिए एक बहुत शॉकिंग खबर सामने आई है जैसा कि
आप जान ही रहे हैं इस समय टैरिफ को लेकर काफी चर्चा चल रही है और डोनाल्ड ट्रंप यह चाहते हैं कि वो सभी देश जो अमेरिका के
साथ ट्रेड करते हैं वो अमेरिकन गुड्स के ऊपर जो टैरिफ है उसको कम करें अब देखिए भारत जो भी टैरिफ लगाता है अमेरिकन गुड्स
के ऊपर यहां पर कोशिश क्या है हमारी कोशिश यही है कि जो भी अमेरिकन गुड्स है वो भारत के मार्केट को डिसर पट ना कर दे फॉर
एग्जांपल अगर मैं कहूं कि मान लीजिए अमेरिका गेहूं चावल इस तरह की चीजें अगर एक्सपोर्ट करने लग जाएगा भारत के मार्केट
में डालने लग जाएगा तो इसकी वजह से हमारे जो फार्मर्स हैं वो काफी ज्यादा ट्रबल में आ सकते हैं तो इसी की वजह से हम क्या करते
हैं उन सबके ऊपर काफी अच्छा खासा टैरिफ लगा देते हैं वैसे ही ऑटोमोबिल सेक्टर हो गया जो गाड़ियां वगैरह होती हैं अमेरिकन
तो उसके ऊपर भी टैरिफ लगाया जाता है ताकि हमारी जो डोमेस्टिक इंडस्ट्री है वो सेव हो सके वैसे इलेक्ट्रॉनिक सेक्टर हो गया
बहुत सारी चीजें हैं लेकिन मैं आपको बता दूं जो अभी बातचीत चल रही है भारत और यूएस के बीच में इसमें यूएस ने प्रपोज किया है
वो चाहता है कि ऑलमोस्ट सभी गुड्स के ऊपर भारत को अपना टैरिफ जीरो कर देना चाहिए जी हां अगर इमेजिन करके देखिए अगर हम सभी
अमेरिकन गुड्स के ऊपर जीरो टैरिफ कर देंगे तो एक बड़ा भूचाल आ सकता है भारत के ओवरऑल इंडस्ट्री के अंदर तो थोड़ा सा इसको डिटेल
से समझने की जरूरत है कि एगजैक्टली इस समय चल क्या आ रहा है आप देख सकते हो यहां पर जो सीएनबीसी की रिपोर्ट सामने आई है उसमें
बोला गया है कि यूएस चाहता है कि जो भारत है वो ऑलमोस्ट सभी गुड्स के ऊपर से एक्सेप्ट एग्रीकल्चरल प्रोडक्ट्स तो
ओबवियस सी बात है यह हमारे फार्मर्स के लिए काफी इंपॉर्टेंट है कि यहां पर जो भी एग्रीकल्चर प्रोडक्ट भारत के अंदर आए उसके
ऊपर हम टैरिफ लगा देते हैं ताकि हमारे फार्मर सेव हो सकें अदर वाइज प्राइस काफी कम हो जाएगा और हमारे किसानों को काफी
नुकसान होगा वैसे ही आपको पता है एमएसपी को लेकर कितनी ज्यादा मांग चल रही है भारत के अंदर तो यहां पर क्या है कि खबर ये आई
है कि एग्रीकल्चरल प्रोडक्ट्स को छोड़कर ऑलमोस्ट जितने भी बाकी के गुड्स हैं जो अमेरिका से भारत आना चाहते हैं उस परे
टैरिफ जीरो कर दिया जाए फॉर सपोज अगर मैं कहता हूं कि कोई गाड़ी है जिसका कॉस्ट है 10 लाख अमेरिका से वो ₹ लाख में हम ले
सकते हैं लेकिन सरकार क्या करती है मान लो उसके ऊपर 50 पर टैरिफ लगा देती है तो हमें कितना का पड़ता है 15 लाख का पड़ता है तो
मान लीजिए अगर ये टैरिफ जीरो हो गया 50 पर का टैरिफ हट गया तो सिर्फ 10 लाख में वो गाड़ी भारत के मार्केट में एंटर कर जाएगी
और इसकी वजह से हमारी जो ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री है वो बड़े स्तर पर डिसर पट हो जाएगी बहुत नुकसान हो सकता है तो इसी की
वजह से अब देखिए यहां पर क्या है कि भारत के ऊपर काफी प्रेशर आ गया है कि क्या हम इनकी बात माने या फिर ना माने अब यह मैटर
क्यों करता है मैटर इसलिए करता है क्योंकि डोनाल्ड ट्रंप लगातार भारत को क्रिटिसाइज करते आए हैं कि हम अनफेयर ट्रेड प्रैक्टिस
करते हैं और रिसेंटली यहां पर उन्होंने अनाउंस कर दिया कि यहां पर वह सभी देश के ऊपर सेकंड अप्रैल से अगले महीने से अ
रेसिप प्रोकल टैरिफ लगेगा मतलब अगर भारत मोबाइल के ऊपर मान लीजिए 15 पर का टैरिफ लगाता है अमेरिकन मोबाइल्स पर तो अमेरिका
भी क्या करेगा भारत से जो भी मोबाइल अमेरिका के अंदर जा रहा है उसके ऊपर 15 पर का टैरिफ लगा देगा आप समझ रहे हो तो यह
रेसिप प्रोकल अब ये भी हमारे लिए डेंजरस है क्योंकि हम ये जितनी भी चीजें एक्सपोर्ट करते हैं अमेरिका के अंदर वो
उतना हम एक्सपोर्ट नहीं कर पाएंगे क्योंकि वो कॉस्टली हो जाएंगी और जो अमेरिकन कंज्यूमर्स हैं वो भारत से ना खरीद कर
किसी और देश से खरीद सकते हैं तो ये सबसे बड़ी इस समय समस्या है वैसे अगर आप देखोगे तो प्राइम मिनिस्टर मोदी जी गए थे वाइट
हाउस अ ट्रंप से मिलने तो मोदी जी के सामने भी यहां पर ट्रंप ने यही चीज कह दिया था क्लियर कट शब्दों में कि टैरिफ
हमारे लिए प्रॉब्लम है और इसी के लिए अगर आप देखोगे तो इस समय पीयूष गोयल साहब जो हमारे कॉमर्स मिनिस्टर हैं वो अमेरिका में
है और वो वहां पर जाकर बातचीत कर रहे हैं कोशिश कर रहे हैं यहां पर यूएस के साथ कि कैसे ये जो टैरिफ का मामला है उसको
सुलझाया जा सके और भारत पर शायद उसका असर ना आए लेकिन जो सोर्सेस के माध्यम से खबर आई है वो उसमें बताया जा रहा है कि यूएस
मानने के लिए तैयार नहीं है और यूएस अड़ा हुआ है कि या तो भारत गुड्स के ऊपर टैरिफ जीरो कर दे या फिर यूएस हमारे ऊपर रेसिप
प्रोकल टैक्स लगा देगा अब इन सारी चीजों में अगर आप देखोगे जितने भी गुड्स हैं ना उसमें जो सबसे इंपॉर्टेंट मुद्दा उठा हुआ
है टैरिफ को लेकर वो है ऑटोमोबाइल सेक्टर आपको पता ही है यहां पर जो पर प्रपोज भी किया था भारत ने जो ईवी
पॉलिसी लेकर आए थे हम उसमें यह बोले थे कि जो भी टैरिफ लगता है हम उसको घटाकर 15 पर कर देंगे लेकिन आपको कम से कम 500 मिलियन
डॉलर का इन्वेस्टमेंट करना होगा और इसी के तहत टेस्ला भी भारत में आना चाहता है लेकिन अमेरिकन गवर्नमेंट अभी क्या चाहती
है कि सभी गाड़ियों के ऊपर डायरेक्टली 0 पर टैरिफ कर दिया जाए मतलब हम कोई टैरिफ लगा ही ना और इसी की वजह से सरकार अब यह
कोशिश कर रही है कि चलो हम थोड़ा सा और कम कर सकते हैं मान लो अगर किसी गाड़ी के ऊपर 50 पर टैरिफ लग रहा है तो सरकार कह रही है
कि चलो हम थोड़ा सा और कम कर देंगे 40 कर देंगे 30 कर देंगे चलो 20 कर देंगे लेकिन अमेरिकन गवर्नमेंट चाहेगी कि नहीं उसको
जीरो ही कर दो तो ये तो बहुत मुश्किल होने वाला है वैसे मैं आपको एक और इंटरेस्टिंग चीज बताता हूं अक्सर आप सुनते होंगे
डोनाल्ड ट्रंप जो है बार-बार ये बात कहते हैं कि भारत 100% से ज्यादा टैरिफ लगाता है मतलब अगर कोई गाड़ी का कॉस्ट 10 लाख है
तो वो पड़ जाता है 20 लाख से ज्यादा क्या ये सही है ये सही नहीं है क्योंकि मैं आपको बताता हूं अभी रिसेंटली आपको कल याद
होगा कांग्रेस को वो स्पीच दे रहे थे कल डोनाल्ड ट्रंप और उसमें उन्होंने एग्जांपल दे दिया भारत का और कहा कि इंडिया चार्जेस
अस ऑटो टैरिफ हायर देन 100% लेकिन मैं आपको बता दूं पिछले महीने जो बजट आया था निर्मला सीतारमन जी ने अनाउंस किया था
उसमें ऑलरेडी हमने जो हाईएस्ट टैरिफ लगता था लग्जरी कार्स के ऊपर वो था 125 पर इसको घटाकर ऑलरेडी हम उसको 70 पर कर चुके हैं
और इसके अलावा जो लग्जरी मोटरसाइकिल्स हैं जैसे हार्ली डेविडसंस वगैरह हो गई तो उसके ऊपर जो पहले टैरिफ 50 पर हुआ करता था उसको
हमने घटाकर 40 पर कर दिया है मतलब देखिए भारत सरकार भी कोशिश कर रही है कि कैसे हम टैरिफ को कम करें डोनाल्ड ट्रंप भी खुश हो
जाएं और भारत के ऊपर रेसिप प्रोकल टैरिफ ना लगे लेकिन यहां पर जो मैंने आपको बताया कि डोनाल्ड ट्रंप का बार-बार कहना कि नहीं
जीरो टैरिफ ही कर दो अदर वाइज हम पूरा रेसिप प्रोकल टैरिफ लगा देंगे तो यह बड़ी मुसीबत होने वाली है भारत के लिए अब मैं
आपको बताता हूं क्यों क्योंकि इंडिया यूएस का ट्रेड देखोगे वैसे ही आपको पता है भारत का जिन-जिन देशों के साथ ट्रेड है जैसे
फॉर एग्जांपल चाइना तो चाइना के साथ जो ट्रेड है हमारा तो ट्रेड डेफिसिट है बहुत ज्यादा हम इंपोर्ट करते हैं और एक्सपोर्ट
ऑलमोस्ट करते ही नहीं है बहुत कम करते हैं अगर हम इंडिया यूएस के ट्रेड की बात कर कर तो यहां पर हमारा ट्रेड सरप्लस है आप देख
सकते हो कि अभी जो करंट फाइनेंशियल ईयर है पिछला जो गया था 2023 24 इसमें हमने ट्रेड किया था 118 बिलियन डॉलर का और उसके पहले
वाले वर्ष में हमने किया था 128 बिलियन डॉलर का मतलब कम हुआ है लेकिन यहां पर क्या है कि 118 बिलियन डॉलर का ये जो
ट्रेड है ना इसमें हमारा सरप्लस है $6 बिलियन डॉलर का क्योंकि हम एक्सपोर्ट करते हैं अमेरिका को 77 बिलियन लर के गुड्स और
इंपोर्ट करते हैं सिर्फ $0 बिलियन डॉलर के गुड्स जिसकी वजह से ये एक्स्ट्रा 36 बिलियन डॉलर जो है वो भारत के अंदर आता है
तो यह भारत के लिए अच्छी खबर है लेकिन यह टैरिफ वगैरह का चक्कर होगा तो क्या आपको लगता है यह हमारा सरप्लस बन पाएगा ओबवियस
सी बात है इसको बहुत बड़ा इंपैक्ट होगा फिर इसके अलावा अमेरिका से बहुत ज्यादा एफडीआई भी आता है थर्ड लार्जेस्ट
इन्वेस्टर है एफडीआई के मामले में आप देख सकते हो इन द ईयर 2000 से लेकर 2024 के बीच में 24 वर्षों में अमेरिका ने 67
बिलियन डॉलर का फॉरेन डायरेक्ट इन्वेस्टमेंट किया है वैसे अगर आप एक्सपोर्ट इंपोर्ट की बात करें तो भारत
ज्यादातर कौन से गुड्स को एक्सपोर्ट करता है आप देख सकते हो मत मतलब इससे आपको यह समझ में आएगा कि कौन सा सेक्टर सबसे
ज्यादा इंपैक्ट कर सकता है और इसमें आप देख पाओगे इंजीनियरिंग गुड्स 1 बिलियन डॉलर हम एक्सपोर्ट करते हैं इंजीनियरिंग
गुड्स इलेक्ट्रॉनिक्स गुड्स 10 बिलियन डॉलर जेम्स एंड ज्वेलरी 9.9 बिलियन ड ड्रग्स एंड फार्मास्यूटिकल 88.7 बिलियन
डॉलर इसके अलावा पेट्रोलियम प्रोडक्ट्स बाकी भी चीजें हैं मतलब ये जो सेक्टर्स हैं इनके ऊपर सबसे ज्यादा इंपैक्ट आ सकता
है अगर सेकंड अप्रैल से भारत के ऊपर रेसिप प्रोकल टैरिफ लगा फिर इसके अलावा यहां पर अगर हम इंपोर्ट की बात करें मतलब भारत कौन
सा गुड्स इंपोर्ट करता कराता है अमेरिका से तो ये आप देख सकते हो मिनरल्स फ्यूल्स ऑयल हो गया 12 बिलियन डॉलर और भी हम
मंगाने वाले हैं क्योंकि चर्चा यही चल रही है कि ज्यादा ऑयल हम अमेरिका से खरीदें ताकि डोनाल्ड ट्रंप भी खुश हो जाए फिर
इसके अलावा पर्ल सेमी प्रेशियस स्टोंस वगैरह हो गए वो भी करीब 5 बिलियन डॉलर तो ये सारी चीजें हम इंपोर्ट कराते हैं तो
कंक्लूजन क्या निकलता है इसका देखो कंक्लूजन ये है कि सेकंड अप्रैल का डेडलाइन बहुत जल्द आने वाला है और भारत के
ऊपर काफी प्रेशर है कि यहां पर कौन सा ऑप्शन हम चुनेंगे क्या हम कोई मिडिल ग्राउंड पर आ सकते हैं इसी को लेकर बातचीत
चल रही है वो देखना होगा आप आते हैं कि नहीं लेकिन ये जो खबर आई है ना कि हमें जीरो कर देना चाहिए ये काफी डेंजरस होगा
भारत के लिए लेट्स सी क्या होता है जाने से पहले आप सबके लिए एक इंटरेस्टिंग क्वेश्चन क्या बता सकते हो इन सभी में से
कौन सा नॉन टैरिफ बैरियर नहीं है नॉन टैरिफ बैरियर नहीं है ये आपको बताना है और इसका जो राइट आंसर है आप सब जानते हैं
मेरे instagram's की तैयारी कर रहे हैं प्रीलिम्स देने ने वाले हैं यूपीएससी का
हमारा जो एसआईपी प्लस बैच है इसके अंदर पूरा रिवीजन प्रीलिम्स के पर्सपेक्टिव से टेस्ट सीरीज सब कुछ आपको मिलेगा लिंक
कमेंट सेक्शन में दिया हुआ है और यूज़ करना है आपको यह कोड अंकित लाइव ताकि आप मैक्सिमम डिस्काउंट ले सकें दोस्तों
यूपीएससी एस्परेंस हो या बनने वाले हो मेरे पास है आपके लिए गेम चेंजिंग अपॉर्चुनिटी स्टडी आईक्यू का नया संपूर्ण
बैच सोचिए एक कंप्रिहेंसिव प्रोग्राम जिसमें मिलेगा सब कुछ टॉप एजुकेटर्स के साथ 1000 प्लस आवर्स की लाइव क्लासेस
पर्सनलाइज मेंटरशिप और है रिटन नोट से लेकर पीआरपी एमआरपी जैसे इंटेंसिव प्रोग्राम्स तक और बात स्कॉलरशिप्स की
करें तो प्रीलिम्स क्लियर करो पूरा फीस रिफंड पाओ टॉप परफॉर्मर्स के लिए हर मंथ ₹1 का कैश रिवर्ड सिल्वर गोल्ड या
प्लैटिनम चूज द प्लान दैट फिट्स योर नीड्स एक्स सेक्रेटरी अनिल स्वरूप जी खुद गाइड करेंगे आपको इस जर्नी में स्टडी आईक्यू पर
2 करोड़ इंडियंस का ट्रस्ट है और अब संपूर्ण बैच के साथ आपका यूपीएससी ड्रीम भी होगा अचीव आपको करना क्या है कमेंट में
दिए गए संपूर्ण बैच के लिंक पर क्लिक करें एंड वंस यू क्लिक ऑन बाय नाउ आप देख सकते हो डिस्काउंट कोड्स वहां पर टाइप कीजिए
अंकित लाइव एंड आपको मिलेगा सबसे लोएस्ट प्राइस एंड योर आईस जर्नी स्टार्टस हियर स्टडी आईक्यू आईस आपका सिलेक्शन
हमारा मिशन
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