Introduction to Ethical Hacking
- Overview of ethical hacking and its importance in cybersecurity.
- Definition of ethical hacking and its legal implications.
Understanding Networking Concepts
- Explanation of computer networking and its types (LAN, MAN, WAN).
- Importance of networking in ethical hacking. For a deeper understanding of networking, consider exploring our summary on Mastering General Security Concepts for Security Plus Exam 2024.
IP Addresses and Their Role
- Definition and types of IP addresses (public, private, static, dynamic).
- How IP addresses are used in ethical hacking. To learn more about practical applications of IP addresses in cybersecurity, check out Palo Alto Firewall Basics: Key Configuration Techniques.
Networking Protocols
- Overview of networking protocols and their significance in data transmission.
- Detailed discussion on TCP/IP model and its layers. For those interested in a comprehensive introduction to networking, our summary on Introduction to Linux: A Comprehensive Guide for Beginners can provide valuable insights.
Tools and Techniques in Ethical Hacking
- Introduction to various tools used in ethical hacking. Understanding tools like Wireshark and Metasploit is crucial. For a more extensive guide on enhancing your hacking skills, refer to Unlock Your Hacking Potential: A Comprehensive Guide to Security CTFs.
Practical Applications
- Real-world applications of ethical hacking in securing systems. The significance of ethical hacking in combating cybercrime is paramount, as discussed in Unlocking the Secrets of Capture The Flag (CTF) Competitions: A Beginner's Guide.
- Importance of continuous learning and skill enhancement in cybersecurity.
Conclusion
- Summary of key points discussed in the video.
- Encouragement to pursue knowledge in ethical hacking and cybersecurity.
[प्रशंसा] हेलो एवरीवन सो दिस इज आशीष कुमार एंड आई होप यू ऑल आर डूइंग गुड स्टूडेंट्स जैसा
कि हमने आप सभी से प्रॉमिस किया था आप सभी के इस सपोर्ट और इस प्यार की वजह से हम आप सभी के लिए लेके आ गए हैं कंप्लीट एथिकल
हैकिंग का बिगिनर्स टू एडवांस कोर्स इस कंप्लीट वीडियो में स्टूडेंट्स आपको बहुत सारे मॉड्यूल मिलने वाले हैं जो आपके
एथिकल हैकिंग के बेसिक और एडवांस कांसेप्ट को स्ट्रांग करने वाले बट बिफोर स्टार्टिंग स्टूडेंट्स हम ये जरूर जानना
चाहेंगे एथिकल हैकिंग एगजैक्टली है क्या जैसा कि हमें पता है हैकिंग का मतलब तो स सिस्टम्स को कंप्रोमाइज करना सिस्टम को
हैक करना उनका डाटा चुराना होता है और एथिकल का मतलब होता है लीगल एक्टिविटीज यानी हमारे लॉ के जरिए डिफाइन करे गए सारे
रूल्स और रेगुलेशंस को जब हम फॉलो करते हैं तो वो सारी एक्टिविटी एथिकल काउंट करी जाती है अब सवाल ये है कि सर हमारा लॉ
एथिकल हैकिंग को लेकर या हैकिंग को लेकर क्या कहता है हमारे लॉ का बस इतना कहना है स्टूडेंट्स कि अगर आप किसी भी सिस्टम में
किसी भी डिवाइस में टेस्टिंग कर ते हैं तो आपके पास उसके ओनर की रिटर्न परमिशन होनी चाहिए और अगर आपके पास वो सिस्टम उस
डिवाइस उस वेबसाइट में टेस्टिंग करने की रिटर्न परमिशन है देन आप लीगल एक्टिविटी कर रहे हैं बिकॉज़ आपका मोटिव है सिस्टम
को सिक्योर करना एंड इसी फीड स्टूडेंट्स एथिकल हैकिंग यानी साइबर सिक्योरिटी की जो डिमांड है वो मार्केट में कंटीन्यूअसली
बढ़ती जा रही है इसके पीछे एक रीजन है बिकॉज स जो साइबर क्राइम है वो रेपिडली ग्रो करता जा रहा है और उसके इतने
कंटीन्यूअसली ग्रो करने की वजह से या इतना फास्टली ग्रो करने की वजह से हमारे नोस हमारे फैमिली मेंबर्स हमारी गवर्नमेंट
हमारे कॉर्पोरेट सेक्टर्स को बहुत ज्यादा लॉस एंड प्राइवेसी इशू को फेस करना पड़ रहा है बट अगेन स्टूडेंट्स बिकॉज हम जानते
हैं कि हमारी डिमांड बढ़ती जा रही है तो हमारी रिस्पांसिबिलिटीज भी उतनी ही बढ़ती जा रही है तो यह बहुत जरूरी है कि हम अपनी
स्किल्स को इस लेवल पर शाप करें कि जो बुरे हैकर्स है ब्लैक हैट हैकर्स है उनको हम पकड़ पाए और साइबर क्राइम को जितना
ज्यादा हो सके हम रोके और कम कर पाए एंड आई बिलीव आप सब भी इसी मोटिव से इस नॉलेज को गेन करना चाहेंगे और साइबर सिक्योरिटी
को एज अ पैशन आप लोग जरूर जीना चाहेंगे सो एंजॉय योर प्लेलिस्ट आज के इस वीडियो में हम देखने वाले हैं
नेटवर्किंग कांसेप्ट को बेसिकली हम ये समझने वाले हैं कि एथिकल हैकिंग में नेटवर्किंग क्या इंपॉर्टेंट रोल प्ले करती
है एंड यहां पे हम इन चीजों को क्यों सीखने वाले हैं बिकॉज हमें पता है कि सर जब दो सिस्टम्स आपस में बात करते हैं तो
एक जगह से दूसरी जगह पे शेयरिंग ऑफ डाटा या इंफॉर्मेशन तो हो रहा है जैसे अगर आज हम कम्युनिकेट कर पा रहे हैं या मैं आपको
कोई मैसेज सेंड करता हूं तो वो मैसेज आप तक पहुंच तो रहा है बट हमें ये समझना है कि एक सिस्टम से दूसरे सिस्टम तक वह मैसेज
डिलीवर कैसे होता है क्या प्रोसेस है कौन-कौन चीजें यूज हो रही होती है कौन-कौन सी ऐसी एंटिटीज है जो उसके काम आ रही होती
है ताकि वह मैसेज यहां से यहां तक ट्रांसफर हो सके तो हम इस कांसेप्ट को अच्छे से समझेंगे ताकि हम देख सके कि यहां
कहीं कोई कमियां तो नहीं है लूप होल तो नहीं है जिसकी वजह से शायद इस मैसेज को कोई अटैकर या कोई मिशिस हैकर रीड कर सके
तो बस इसीलिए हम समझेंगे नेटवर्किंग कांसेप्ट को ताकि हमारे लिए एथिकल हैकिंग में ऑपरेशंस को फॉर्म करना और भी आसान हो
जाए सो स्टूडेंट्स एक बहुत कॉमन टर्म है नेटवर्किंग कांसेप्ट है ना इससे रिलेटेड हम क्या-क्या सीखने वाले हैं तो हम
देखेंगे कि कंप्यूटर नेटवर्किंग क्या होती है कितने टाइप्स के नेटवर्क्स होते हैं दूसरा कि लैन मैन मैन जो है यह काम करते
कैसे हैं एंड देन हम देखेंगे कुछ इंपॉर्टेंट एंटिटीज इनके अलावा जो एक जगह से दूसरी जगह में कम्युनिकेशन में यानी
बातचीत करने में हमारे काम आती है अब पहले पॉइंटर की तरफ बढ़ते हैं स्टूडेंट्स कि व्हाट इज कंप्यूटर नेटवर्किंग आप लोगों ने
कॉमन टर्म बहुत कंप्यूटर नेटवर्किंग बहुत बार सुनी होगी शायद आपको आईडिया होगा शायद ना भी हो इट्स ओके बट बेसिकली कंप्यूटर
नेटवर्किंग क्या है तो कुछ पॉइंट्स के जरिए समझते हैं सबसे पहला पॉइंटर कह रहा है कि सर ये कम्युनिकेशन हो रहा है इसके
अंदर है ना दूसरा पॉइंटर कह रहा है कि शायद शेयरिंग ऑफ सॉफ्टवेयर हो रहा है शेयरिंग ऑफ फाइल्स हो रही है शेयरिंग ऑफ
इंफॉर्मेशन हो रही है और कुछ और भी पॉइंट्स हैं पहले उनको भी देख लेते हैं फिर एक साथ समझेंगे यहां पे से इंफॉर्मेशन
प्रिजर्वेशन भी हो रहा है सिक्योरिटी शायद मैनेज करने की कोशिश करी जा रही होगी शेयरिंग ऑफ हार्डवेयर भी हो रहा है और
शेयरिंग ऑफ डेटा भी हो रहा है अब सर ये सारे पॉइंट्स का मतलब क्या है यानी हमें क्या समझाना चाह रहे हैं एक बहुत नॉर्मल
सी चीज है कि अगर आज मैं और आप आपस में बातचीत कर रहे हैं तो उस बातचीत का यानी कम्युनिकेशन का एक बहुत
सिंपल सा रूल है कि मैं जो बोल रहा हूं आप तक पहुंचना चाहिए और आपको समझ में आना चाहिए और आप जो उसके अगेंस्ट में रिप्लाई
दे रहे हैं वह मुझ तक पहुंचना चाहिए मुझे समझ आना चाहिए कम्युनिकेशन का बहुत बेसिक रूल है कम्युनिकेशन का मतलब है कि आपकी
बोली गई बात सामने वाले यूजर तक पहुंच जानी चाहिए अपनी डेस्टिनेशन तक पहुंच जानी चाहिए और उसको समझ आनी चाहिए अब यही
कम्युनिकेशन कंप्यूटर्स भी फॉलो कर रहे हैं यानी जब कंप्यूटर्स में कम्युनिकेशन हो रहा है तो क्या हो रहा है कि सर एक
सिस्टम से दूसरे सिस्टम तक कोई भी डाटा सेंड करा जा रहा है और उस डाटा का कोई ना कोई मीनिंग जरूर है कोई ना कोई यूज जरूर
है वो डटा दूसरा सिस्टम समझ पा रहा है अब सर किस तरीके का डाटा भेजा जा सकता है दो सिस्टम्स के बीच में तो अगर हम नॉर्मली
देखें तो आप अपने किसी भी दोस्त को अपने किसी दूसरे सिस्टम पे डाटा शेयरिंग तो करते ही हैं फाइल शेयरिंग तो कहते हैं ये
क्या-क्या करते हैं कि सर कभी-कभार हम कोई सॉफ्टवेयर शेयर कर देते हैं जैसे जूम शेयर कर दिया एड शेयर कर दिया कोई भी एक टूल
गेम का कोई टूल शेयर कर दिया तो हम क्या कर रहे हैं सॉफ्टवेयर्स को शेयर कर रहे हैं दूसरा सर फाइल्स को शेयर कर सकते हैं
है ना स्टडी मटेरियल जो है हमारा वो शेयर कर रहे हैं पीडीएफ शेयर कर रहे हैं ये क्या है फाइल शेयरिंग हो गया तीसरा है
शेयरिंग ऑफ इंफॉर्मेशन अब शेयरिंग ऑफ इंफॉर्मेशन में क्या हो रहा है सर हम नॉर्मल कम्युनिकेशन कर रहे हैं बातचीत कर
रहे हैं उस बातचीत के अंदर हम कोई ना कोई बात बता रहे हैं कि आज ऐसा हुआ या ऐसा हुआ तो यह क्या है शेयरिंग ऑफ इंफॉर्मेशन है
इसके अलावा सर इंफॉर्मेशन प्रिजर्वेशन बहुत ही इंपॉर्टेंट पार्ट है ये क्योंकि प्रिजर्व करने का मतलब होता है चीजों को
बचा के रखना और यहां पे भी सेम चीज परफॉर्म करी जा रही है इसका मतलब कि सर अगर आज मैं आपको यानी आज अगर मैं यूजर ए
यूजर बी को कोई फाइल शेयर करता है मान लो मैंने एक पीडीएफ शेयर करी है ना मैंने एग्जाम की एक पीडीएफ शेयर करी और यह
पीडीएफ गलती से अगर मुझसे डिलीट हो जाए तो तो क्या मेरे पास कोई दूसरा रास्ता है इस पीडीएफ को लेने का बिल्कुल सर आपने दूसरे
सिस्टम में में जिस यूजर को भेजी थी उसके पास तो पड़ी होगी आप उससे मांग सकते हैं यानी आपकी इंफॉर्मेशन आपका डाटा आपकी फाइल
कहीं पे प्रिजर्व हो रखी है तो जब आप शेयरिंग करते हो तो इनडायरेक्टली देखा जाए तो आप एक बैकअप बना रहे हो एक कॉपी रख रहे
हो किसी और के पास फ्यूचर में अगर आपको सवाल की रिक्वायरमेंट होगी जरूरत पड़ेगी तो आप वो उसे वापस मांग सकते हैं तो
इंफॉर्मेशन प्रिजर्वेशन तो डेफिनेटली हो रहा है उसके अलावा सर सिक्योरिटी क्या स्टार्टिंग से मिलती है हमें सिक्योरिटी
का मतलब क्या है कि दो सिस्टम जब बात कर रहे हैं तो उनकी बात कोई और ना पढ़ पाए सेफ्टी और सिक्योरिटी के साथ डटा दूसरे
यूजर तक ही पहुंचे थर्ड यूजर के पास ना जाए है ना हमारी क्रेडेंशियल इंफॉर्मेशन कुछ खास प्राइवेट डाटा कोई और एक्सेस ना
कर सके ये सिक्योरिटी का काम होता है तो डाटा को सिक्योर रखना सिक्योरिटी का काम है लेकिन सिक्योरिटी असल में 100% अप्लाई
नहीं करी जा सकती लेकिन ये कोशिश जरूर करी जाती है ऐसी ट्राय जरूर करा जाता है कि हमारी जो कम्युनिकेशन है वह बेस्ट से
बेस्ट लेवल पर सिक्योर हो सके तो ये एक प्रोसेस है जो हम मेंटेन करने की कोशिश कर रहे हैं यानी हम मेंटेन करने की कोशिश कर
रहे हैं सिस्टम्स के अंदर सिक्योरिटी ऑल दो सय सिस्टम सिक्योर नहीं है अभी जो बातचीत हो रही है वो कंप्लीट सिक्योर नहीं
है समझेंगे ऐसा क्यों कह रहे हैं देन शेयरिंग ऑफ हार्डवेयर डेफिनेटली शेयरिंग ऑफ हार्डवेयर तो पॉसिबल है सर हम वाईफाई
शेयर करते हैं हॉटस्पॉट शेयर करते हैं इसमें हम हार्डवेयर सर्विसेस को शेयर कर रहे हैं ब्लूथ सर्विस शेयर करते हैं हम
एडीए केबल के जरिए अपने लैपटॉप को अपनी टीवी से एलईडी से कनेक्ट करते हैं तो वहां क्या हो रहा है शेयरिंग ऑफ हार्डवेयर हो
रहा है उसके अलावा सर एट दी एंड जो पूरा हम इसको कंक्लूजन शेयरिंग ऑफ डेटा या इंफॉर्मेशन
है बिकॉज डेटा इंफॉर्मेशन का ही एक पार्ट है आई होप स्टूडेंट्स आप सभी को बहुत अच्छे से क्लियर हुआ होगा कि कंप्यूटर
नेटवर्किंग क्या है कुछ सिस्टम्स आपस में बातचीत कर रहे हैं उसको हम कंप्यूटर नेटवर्किंग कहते हैं अब इसको आगे कंटिन्यू
करते हैं कि सर हमारे पास कितने टाइप्स है नेटवर्किंग के क्या हमारे पास यहां जो टाइप्स लिखे हैं इतने ही टाइप्स है नहीं
ऐसा नहीं है हमारे पास और भी टाइप्स है लेकिन एथिकल हैकिंग को समझने के लिए साइबर सिक्योरिटी को समझने के लिए हमें ये तीन
टाइप्स अभी पता होने चाहिए इसलिए हम अभी इन तीन टाइप्स को ही पढ़ेंगे तो यहां पे हमारे पास पहला टाइप है लैन जिसका फुल
फॉर्म है लोकल एरिया नेटवर्क इसका नाम अपने बारे में काफी सारी चीजें बता रहा है वैसे देन मैन मेट्रोपॉलिटन एरिया नेटवर्क
एंड देन वन वाइड एरिया नेटवर्क अब इन तीनों नेटवर्क्स का यूज क्या है तो इसको इजी करने के लिए स्टूडेंट्स एक चीज मैं
आपको क्लियर कर दूं यह कोई बहुत बड़ी चीज नहीं है यह बस एक कैटेगरी है जो बता रही है कि आप किस रेंज के अंदर बातचीत कर रहे
हैं यानी आप जब किसी से कम्युनिकेट कर रहे हैं तो किस दायरे में रहकर किस रेंज में रहकर बातचीत कर रहे हैं वो कैटेगरी यहां
पर बना रखी है लैन मैन और वन और भी है लेकिन अभी हम नहीं पढ़ेंगे क्योंकि एथिकल एगिंग साइबर सिक्योरिटी में हमारे लिए यही
काम की है अब लैन क्या कहता है किस रेंज में काम कर रहा है है ना हमें ये तो पता है कैटेगरी रेंज में बातचीत कर रहा है लैन
का कहना है कि सर जब पांच से 10 सिस्टम्स आपस में जुड़े हैं बातचीत करने के लिए है ना वो एक दूसरे से ही डाटा शेयरिंग कर
सकते हैं आपस में ही कम्युनिकेशन यानी बातचीत कर सकते हैं इन तीन से बाहर कोई भी डाटा शेयर नहीं हो सकता इस छोटी सी रेंज
से बाहर कोई भी कम्युनिकेशन या बातचीत नहीं हो सकती उसको लैंड कहते हैं लोकल एरिया नेटवर्क कहते हैं जो एक छोटी सी
रेंज में लोकल एरिया में फैला हुआ नेटवर्क होता है उसको हम लैन कहते हैं इसका एग्जांपल क्या हो सकता है तो सर इसका
बेस्ट एग्जांपल दो-तीन हो सकते हैं पहला हम एग्जांपल लेते हैं हमारी एक लैब का कौन सी लैब वो लैब जो हम हमारी फोर्थ फिफ्थ या
सिक्स्थ क्लास में एक्सेस करते थे बेसिकली तब हम क्या करते थे सर तब हमें जो माइक्रोसॉफ्ट के टूल्स हैं है ना
माइक्रोसॉफ्ट ऑफिस के टूल्स हैं जैसे पा पॉइंट हो गया वड हो गया या फिर नोटपैड हो गया ऐसे टूल्स को एक्सेस कराया जाता था
ताकि हम क्या कर सके बेसिक प्रैक्टिस कर सके वहां पे उन सिस्टम्स में इंटरनेट कनेक्शन नहीं हुआ करता था वो सारे
सिस्टम्स आपस में कनेक्टेड होते थे किसी केबल के जरिए है ना जैसे लैन केबल के जरिए और ये आपस में डाटा शेयरिंग कर सकते थे
लेकिन बाहर इंटरनेट पे कोई भी कम्युनिकेशन नहीं कर सकते थे तो ये एक बेस्ट एग्जांपल है लन का 1015 सिस्टम्स है आपस में जुड़े
हुए हैं आपस में बातचीत कर सकते हैं डटा शेयरिंग हो रहा है यहां पे बातचीत हो रही है लेकिन केवल एक छोटी सी रेंज में हो रहा
है इसको हम लैन कहते हैं आई होप आप सभी को क्लियर होगा लैन क्या है सर कुछ नहीं है एक छोटी सी रेंज में जब आप बातचीत करते
हैं तो उसे लैन कहा जाता है एक और एग्जांपल क्या हो सकता है कि सर जब हम हमारे किसी डिवाइस का हॉटस्पॉट एक्टिवेट
करते हैं उस डिवाइस से जितने भी यूजर्स जुड़ते हैं उस हॉटस्पॉट से जितने भी लोग अपना वाईफाई ऑन करके कनेक्ट करते हैं इनका
जो नेटवर्क बनता है इनका पर्सनल नेटवर्क इन चापा सिस्टम्स जो आपस में बातचीत करते हैं वो भी सर लैन ही कहलाता है कब तक जब
तक ये इंटरनेट का यूज नाना ले तो जब तक ये आपस में बातचीत कर रहे हैं तब तक वो लैन कहलाएगा लोकल एरिया नेटवर्क कहलाएगा आई
होप सभी को लन अच्छे से क्लियर होगा अब हम आगे बढ़ते हैं और देखते हैं मैन क्या है मैन जिसका फुल फॉर्म था मेट्रोपॉलिटन
एरिया नेटवर्क यह क्या कहना चाह रहा है ये किस तरीके से वर्क करता है तो कुछ नहीं सर लैंड से बड़ी रेंज को जब लैंड की रेंज को
हम और बड़ी एरिया में फैला देते हैं तब उसे हम मैन कहते हैं मेट्रोपोलिटन एरिया नेटवर्क कहते हैं इसका मतलब लैंड में सर
1015 सिस्टम यूज हो रहे थे यहां पे 100 200 सिस्टम यूज हो रहे हैं 100 से 200 सिस्टम यूज हो रहे हैं इसको हम मैन कहते
हैं मेट्रोपोलिटन एरिया नेटवर्क अब ये एग्जांपल क्या हो सकता है हमें ये तो पता है रेंज बड़ी हो गई है ना 100 200
सिस्टम्स आपस में कम्युनिकेट कर पा रहे 100 200 सिस्टम्स के बीच में कनेक्शन बन गया है ताकि वो डेटा शेयरिंग कर सके
बातचीत कर सके इसका एग्जांपल हो सकता है यूनिवर्सिटी या फिर कोई कॉर्पोरेट सेक्टर कोई कंपनी अब यूनिवर्सिटीज की अगर हम बात
करें तो वहां क्या होता है सर वहां पे लैब्स है हर एक डिपार्टमेंट की वहां पे लाइब्रेरी है है ना लाइब्रेरी में बेसिकली
हमारे पास एक नेटवर्क है उसके अलावा सर हॉस्टल होगा और उसके अलावा कॉलेज की क्लासेस होगी अब इन सभी जगहों पे अलग-अलग
नेटवर्क कनेक्शंस तो नहीं ले रखे होंगे लेकिन जिस एक नेटवर्क को यहां पे सभी जगह इंस्टॉल कर रखा है भले ही हार्डवेयर
डिफरेंट लगाए गए हो लेकिन एक ही नेटवर्क को जब शेयर करा गया है इसका मतलब ये सब आपस में कनेक्टेड है यह सब आपस में कहीं
ना कहीं कम्युनिकेट या बातचीत कर सकते हैं चाहे बूस्टर्स के जरिए इनको शेयर करा गया हो या किसी भी सोर्स से लेकिन यह पूरा का
पूरा जो नेटवर्क क्रिएट हो रहा है ये एक नेटवर्क है यह आपस में सब लोग कम्युनिकेट कर सकते हैं तो इसको हम कहते हैं मैन यानी
मेट्रोपोलिटन रिया नेटवर्क उसके अलावा सर हमारी लोकल सिटीज में कुछ आईएसपी होते हैं इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर्स होते हैं यानी
वो कंपनियां जो हमें इंटरनेट सर्विस प्रोवाइड करती है तो अभी जो लोकल सर्विस प्रोवाइडर है जैसे मान लेते हैं कि हमारे
यहां पे हमारे लोकल या नेटवर्क में आप कह सकते हैं कि सर जोधपुर में जो नेटवर्क प्रोवाइडर है वो है सिटी केबल एग्जांपल के
तौर पे ठीक है तो अभी जो सिटी केबल है क्या कर रहा है कि सर ये पूरे के पूरे जोधपुर को नेटवर्क सर्विसेस दे रहा है
हालांकि जोधपुर के जितने भी सिस्टम्स है वो इंटरनेट चला रहे हैं लेकिन इसके अलावा ये जो सिस्टम सब आपस में जुड़ चुके हैं
इसकी वजह से इसका जो नेटवर्क क्रिएट हो रहा है इसको हम मैन कहते हैं मेट्रोपोलिटन एरिया नेटवर्क कहते हैं आई होप सभी को
अच्छे से क्लियर होगा अब हम आगे बढ़ते हैं वन की तरफ वन जिसका फुल फॉर्म है वाइट एरिया नेटवर्क और यह नाम ही अपने बारे में
सब कुछ बता रहा है इसका मतलब सर जब आप बहुत बड़ी रेंज में वाइड एरिया का मतलब है एक बहुत बड़ी रेंज में कम्युनिकेशन करते
हो बातचीत करते हो तो उसको वैन कहा जाता है अब सर बहुत बड़ी रेंज मतलब क्या पूरे वर्ल्ड में जो कम्युनिकेशन हो रहा है वो
एक बहुत बड़ी रेंज है अगर मैं सबसे बड़ी रेंज मानूं तो क्या होगी सर पूरे वर्ल्ड में जो कम्युनिकेशन हो रहा है अब ऐसी कौन
सी सर्विस है जिसकी मदद से सर हम पूरे वर्ल्ड में बात कर सकते हैं डड वर्ल्ड वाइड वेब यानी इंटरनेट तो सर इंटरनेट वो
एकलौती सर्विस है जिसकी मदद से हम यहां बैठे हुए किसी से भी कम्युनिकेट कर सकते हैं मैं जोधपुर से जयपुर दिल्ली यूके यूएस
कहीं भी कम्युनिकेशन कर सकता हूं इसका मतलब एक बहुत बड़ी रेंज में ये बातचीत हो सकती है कम्युनिकेशन हो सकता है तो इसको
हम कहते हैं वन यानी वाइड एरिया नेटवर्क जिसका बेस्ट एग्जांपल हमारे लिए है डड यानी इंटरनेट सो आई होप आप सभी को
क्लियर होगा कि लैन मैन और वैन क्या है अब नेटवर्किंग का बेसिक सा आईडिया तो हमें लग गया कि सर किस रेंज में कम्युनिकेशन हो
रहा है वो अभी तक हमने समझा है जिसमें हमारे पास लैन मैन और वन था अब हम एक और इंपॉर्टेंट पार्थ देखने वाले हैं जो कि है
कुछ इंपॉर्टेंट एंटिटीज यानी सर नेटवर्किंग में बातचीत करने के लिए चाहे लोकल एरिया में करो चाहे वाइड एरिया
नेटवर्क में करो चाहे मेट्रोपॉलिटन एरिया नेटवर्क यानी मैन में करो किसी भी रेंज में आप बातचीत कर रहे हो तो ऐसा तो नहीं
है कि डायरेक्ट मैसेज चला जाएगा एक मैसेज को एक जगह से दूसरी जगह ले जाने में यानी एक जगह से दूसरी जगह पहुंचने के लिए इस
मैसेज को बहुत सारे लोग सपोर्ट कर रहे होंगे उसकी हेल्प कर रहे होंगे कोई मैसेज को फॉर्मेट करेगा कोई सेंड करेगा कोई
रिसीव करेगा अलग-अलग टूल्स या सर्विसेस या आप कह सकते हो एंटिटीज यहां पे यूज़ हो रही है बातचीत करने के लिए वो एंटिटीज
क्या है हर वो एंटिटी जो हैकिंग में हमारे लिए काम किया हमें पढ़नी पड़ेगी हमारे लिए यूज़फुल रहेगी वो चीज तो उनमें सबसे पहली
एंटिटी का नाम है आईपी जिसके बारे में एक बेसिक आईडिया आप सभी को लग गया है आसपी का फुल फॉर्म है इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर
यानी सर वो कंपनी वो एंटिटी जो हमें इंटरनेट प्रोवाइड करती है क्या आप में से कोई मुझे एग्जांपल बता सकते हैं किसी
आईएसपी सर्विस का यानी आपको इंटरनेट आज के टाइम पे कौन प्रोवाइड कर रहा है सर हमें आज के टाइम प इंटरनेट प्रोवाइड कर रहा है
देन हमारे पास आईपी एड्रेस एक बहुत ही इंपोर्टेंट एंटिटी है क्या है कैसे काम करती है यह हम नेक्स्ट वीडियो में बहुत
अच्छे से समझने वाले हैं देन मैक एड्रेस क्या होता है जिसको हम मीडिया एक्सेस कंट्रोल एड्रेस कहते हैं पोट्स क्या है और
प्रोटोकॉल्स क्या है ये कुछ एंटिटीज [संगीत] है आईपी एड्रेस असल में क्या है हमारे लिए
क्यों इंपोर्टेंट है इस एथिकल एकिंग साइबर सिक्योरिटी फील्ड में ये क्या रोल प्ले कर रहा है कितना ज्यादा जरूरी है हमारे लिए
भी सो स्टूडेंट्स हो सकता है आप में से काफी लोगों ने इस टर्म के बारे में आईपी एड्रेस के बारे में जरूर सुना होगा और
काफी हों ने नहीं सुना होगा इट्स टोटली फाइन हम देखने वाले हैं कि यह है क्या क्यों हमारे लिए जरूरी है और इसकी
इंपॉर्टेंस कितनी है हम देखने वाले हैं कि सर एगजैक्टली एक आई एड्रेस होता क्या है ठीक है इसके अंदर हमारे पास कुछ कैटेगरी
आती है जैसे आई v4 और आई v6 या टाइप्स आते हैं तो यह दोनों में क्या डिफरेंस है दोनों क्या है देन हम देखेंगे टाइप ऑफ़
आईपी एड्रेसस आईपी एड्रेसस कितने टाइप्स के होते हैं उसके बाद सबसे पहले उनमें से जो दो टाइप है पब्लिक और प्राइवेट उनको हम
डिफाइन कर दोनों में क्या डिफरेंस है क्या चीजें कॉमन है और किस तरीके से काम करते हैं और फिर हम देखेंगे बाकी के दो टाइप जो
कि है स्टैटिक और डायनेमिक आईपी एड्रेसस तो ये हमारा पूरा फ्लो रहने वाला है हम ये सारी चीजें सीखने वाले हैं और बिना देरी
करते हुए स्टार्ट करते हैं और देखते हैं कि सर आईपी एड्रेस जिस टर्म से शायद हम फैमिलियर हो शायद ना हो ये है क्या पहले
इसका फुल फॉर्म देखते हैं स्टूडेंट्स आईपी का फुल फॉर्म है इंटरनेट प्रोटोकॉल एड्रेस और ताकि आप सब लोग अच्छे से समझ जाए तो
मैंने यहां पे एक डेमो आईपी आप कह सकते हैं या फिर आप कह सकते हैं कि एक रैंडम आईपी एड्रेस लिख दिया है ठीक है इस आईपी
एड्रेस को आपने कहीं ना कहीं तो जरूर देखा होगा और नहीं देखा होगा तो हम देखेंगे कि क्या काम कर रहा था आज तक हमारी
कम्युनिकेशन में नेटवर्किंग के अंदर सो असल में यह है क्या इन शॉर्ट अगर हम समझे तो सर अगर आज यूजर ए अपने घर से कोई भी एक
चीज कूरियर करना चाहता है यूजर बी के घर में है ना या यूजर ए यूजर बी को कोई चीज भेजना चाह रहा है कोई चीज कूरियर करना चाह
रहा है तो यहां पर सबसे इंपॉर्टेंट चीज क्या है सर अगर यह किसी कंपनी के पास भी जाए या खुद भी एक सामान को लेकर जाए तो दो
चीजें बहुत जरूरी होती है पहला कि यह जो सामान है यह जो पैकेट है या यह जो चीज है ये किसने भेजी और दूसरा है कहां भेजी या
किसको भेजी अब किसने में नाम के साथ-साथ एड्रेस आना बहुत जरूरी है तभी पता पड़ेगा कि भाई किस एड्रेस से ये चीज भेजी गई है
किस एड्रेस से पैकेट सेंड करा गया है और जब यह पैकेट कहीं रिसीव होगा तो रिसीव तो तभी होगा सर जब इसके पास डेस्टिनेशन
एड्रेस होगा यानी जहां पर ये पैकेट भेज जा रहा है तो एड्रेस होना तो बहुत जरूरी है इसका मतलब सर अगर आप किसी से भी बातचीत
करना चाहते हैं कोई चीज शेयर करना चाहते हैं कोई चीज सेंड करना चाहते हैं तो वहां पे हर वो डिवाइस जिससे आप बात करना चाहते
हैं उसका एक एड्रेस होना जरूरी है वरना आप उसे डिफाइन कैसे करेंगे हैना उसे पॉइंट कैसे करेंगे क्या कहां पर जाना है तो इस
एड्रेस को जब हम कंप्यूटर फील्ड में देखते हैं या जब हम नेटवर्किंग फील्ड में देखते हैं तो एक सिस्टम दूसरे सिस्टम से बात जब
करता है तो उनको भी एड्रेस की जरूरत है और वो एड्रेस आईपी एड्रेस कहलाता है इसका मतलब सर नेटवर्किंग में जब भी हम बातचीत
करेंगे कोई भी पैकेट किसी को भी भेजेंगे कोई भी कम्युनिकेशन करेंगे तो आईपी एड्रेस वो एड्रेस है जिसकी मदद से हमें पता पड़
जाएगा कि पैकेट किसने भेजा है और किसको भेजा है तो सोर्स और डेस्टिनेशन एड्रेस जो है वो आईपी है नेटवर्किंग में बातचीत करने
के लिए आई होप आप सभी को समझ आ गया होगा सर जैसे घर के एड्रेस होते हैं वैसे सिस्टम के एड्रेस को आईपी एड्रेस कहा जाता
है और ये एड्रेस यूज़ कहां पे होते हैं तो सर ये एड्रेस नेटवर्किंग में बातचीत करने के लिए यूज होते हैं अब यह दिख कैसा रहा
है और यह कितना काम का यह हम समझते हैं तो यहां पे आपको दिख रहे होंगे टोटल चार पेयर्स पेयर नंबर वन पेयर नंबर टू पेयर
नंबर थ्री एंड पेयर नंबर फोर जिसमें क्योंकि मैंने एक रैंडम आईपी लिखी है तो यहां पे लिखा हुआ है 17.1 72.2 4.47 अब
अगर इन चारों पेयर्स के बारे में कुछ बेसिक चीजें देखें तो सर हर एक पेयर की जो साइज है वो है एट बिट्स यानी एक बाइट तो
टोटल हमारी आईपी की साइज होगी 32 बिट्स यानी 4 बाइट्स चार बाइट का एक आईपी एड्रेस होता है और यह आईपी एड्रेस ऐसे ही नहीं
होता सबसे खास बात अब मैं आप सभी को बताने जा रहा हूं कि यह आईपी एड्रेस हमारी काफी सारी इंफॉर्मेशन अपने पास रखता है देखो हर
एक सिस्टम का एक आईपी एड्रेस है अब अगर हम ऐसा समझे कि अगर एक यूजर एक ब्लैक हैट हैकर जिसका मतलब एक बुरा हैकर है वो किसी
भी दूसरे यूजर को हैक कर लेता है उसकी वेबसाइट को हैक कर लेता है किसी सिस्टम को खराब कर देता है तो फिर यह पकड़ा कैसे
जाता है कैसे हमारा साइबर सेल इन क्रिमिनल्स को पकड़ता है इन ब्लैक हैट हैकर्स या बुरे हैकर्स को को पकड़ता है तो
सतों इनको पकड़ने के लिए जो चीज हमारे काम आती है वो है इनका एड्रेस जो कि आईपी एड्रेस है तो इसका मतलब ये आईपी एड्रेस
अपने साथ कोई तो ऐसी इंफॉर्मेशन लेके चल रहा है जिससे हमें पकड़ा जा सकता है जिससे हमारी लोकेशन या जिससे हमारा एग्जैक्ट
एड्रेस डिफाइन करा जा सकता है अभी क्या-क्या डिटेल लेके चल रहा है ये आई थिंक इंटरेस्टिंग होने वाला है तो उसको
अच्छे से समझते हैं और देखते हैं तो होता स्टूडेंट्स ये है चाहे हम आईपी की बात करें या चाहे हम किसी भी एड्रेस की बात
करें मैं आपको एक बहुत कॉमन सी चीज सिखा देता हूं जो आप लोगों के हमेशा काम कि आपको कभी भी किसी भी तरीके का एड्रेस
दिया जाए व एड्रेस अपने साथ कोई इंफॉर्मेशन लेकर चलता है व ऐसे ही रैंडम नंबर्स का एड्रेस नहीं होता एग्जांपल के
तौर पे हम सबके पास एक आधार कार्ड जरूर होगा है ना आधार कार्ड में भी नंबर्स होंगे अगर आप देखेंगे आधार कार्ड नंबर तो
कुछ ऐसा होगा 0214 1212 1012 एंड 2121 मैंने ऐसे ही रैंडम एड्रेस लिखा है लेकिन ये भी तो एक एड्रेस है आधार कार्ड का नंबर
जो है यह भी तो अपने साथ कुछ इंफॉर्मेशन लेके चल रहा है ऐसे ही हमारे एटीएम कार्ड क्रेडिट कार्ड्स डेबिट कार्ड जो होते हैं
उन परे भी एक नंबर लिखा होता है अब क्या ये जितने भी नंबर्स है चाहे हमारी बैंक अकाउंट नंबर्स हो डेबिट क्रेडिट कार्ड
नंबर्स हो आधार कार्ड नंबर हो या पैन कार्ड नंबर हो क्या ये रैंडम नंबर्स है या इनके पीछे कोई मीनिंग है सर आई थिंक
मीनिंग होना चाहिए ऐसे रैंडम नंबर से इतनी सारी चीजों को मैनेज करना तो पॉसिबल नहीं होगा तो कभी भी आपको कोई भी एड्रेस दिखे
तो इस चीज को याद रखना कि सर जब भी एक डिवाइस को एक एड्रेस अलॉट करा जाता है इसको और अच्छे से क्लियर करता हूं आप सभी
को कि हमारे पास मान लेते हैं आधार कार्ड है या फिर हम मान लेते हैं कोई क्रेडिट कार्ड है और क्रेडिट कार्ड के नंबर्स हैं
ठीक सो ये हमारे क्रेडिट कार्ड के नंबर्स है एग्जांपल के तौर पर हमने नंबर्स लिए हैं अब क्या यह नंबर्स ऐसे ही रैंडम
नंबर्स है तो नहीं सर जब भी किसी चीज को कोई एड्रेस अलॉट करा जाता है नंबर्स या लेटर्स या अल्फाबेट्स किसी भी फॉर्म में
कोई आइडेंटिटी अलॉट करी जाती है तो यह देखा जाता है कि वो डिवाइस वो पर्टिकुलर चीज किस रेंज में काम आने वाली है तो आज
अगर मैं बात करूं हमारे किसी भी क्रेडिट कार्ड की है ना जैसे मान लेते हैं हमने बात करी आईसीआईसीआई के क्रेडिट कार्ड की
तो अब ये जो आईसीआईसीआई का हमारा क्रेडिट कार्ड है पहले हमें इस क्वेश्चन का आंसर ढूंढना होगा कि इसका जो यूज है व किस रेंज
में है तो मुझे बताओ आईसीआईसी का क्रेडिट कार्ड क्या पूरे वर्ल्ड में यूज होता है या एक कंट्री में यूज होता है या केवल एक
स्टेट में यूज होता है सर क्रेडिट कार्ड्स नॉर्मली देखा जाए तो एक कंट्री के लिए ही बनाए जाते हैं कंट्री के लिए डिफाइन करे
जाते हैं इंस्टेड ऑफ के इंटरनेशनल कार्ड्स हो है ना तो यहां पे अब अगर हमें पता है कि इसका यूज केवल और केवल इंडिया यानी एक
कंट्री के अंदर हो रहा है तो हमारे पास पहले क्वेश्चन का आंसर आ चुका है अब बस इस एंट्री को इस एंटिटी को जो हमें पता है कि
भाई इंडिया में यूज हो रहा है हमें इसे छोटे-छोटे पास में कैटेगरी इज करना है जैसे सबसे पहले अगर मैं इंडिया को डिवाइड
करना चाहूं जो कि जिसका मतलब कि सर अगर हम इंडिया को डिवाइड या डिवाइड सेही वर्ड नहीं रहेगा हम कहेंगे कैटेगरी इज करना
चाहे इसको कुछ-कुछ पार्ट्स में डिफाइन करना चाहे तो कैसे कर सकते हैं तो सर कंट्री के बाद अगर डिफाइन करा जाता है तो
दूसरी एंटिटी हमारे पास हमेशा क्या आती है स्टेट आती है इसका मतलब कि सेकंड एंटिटी से स्टेट हो सकती है है ना और उसके बाद
स्टेट को और छोटा डिफाइन कर दिया जाता है यानी स्टेट के बास से सिटी आता होगा अब इन सारी चीजों का रोल क्या है तो रोल यही है
कि पहले देखा जाता है कि कोई भी आइडेंटिटी किस रेंज में यूज होगी फिर उसको कुछ पास में डिवाइड करा जाता है और उसी के बिहाव
पे स्पेशल आईडी यानी यूनिक आईडी बनाई जाती है और वो हमें दी जाती है यानी कि सर हमारी इस पूरी रेंज में ये जो नंबर्स हमने
दिए गए थे ये जो नंबर्स हमने लिए हैं हमारे क ट काट के इसका जो पहला पेयर है हो सकता है यह पहला पेयर यह बताए कि सर यह
कौन से स्टेट के लिए बनाया गया पेयर है कौन से स्टेट को डिफाइन कर रहा है तो मान लेते हैं सर ये राजस्थान को डिफाइन कर रहा
है अब अगर पहला पेयर राजस्थान को डिफाइन कर रहा है तो सेकंड पेयर किस चीज को डिफाइन कर रहा होगा राजस्थान को अगर हम
कुछ पांच में डिवाइड करने की कोशिश करें या कैटेगरी करने की कोशिश करें तो क्या बनेगा एक स्टेट के बाद हमारे पास क्या
एंटिटीज आती है स सिटीज आती है तो इसका मतलब सेकंड पे ये बता रहा होगा कि कौन सी सिटी के बनाया गया पेयर है यानी सर ये
हमें बता रहा है कि सर यह जयपुर के लिए बनाया गया पेयर है अब जब हमें स्टेट और सिटी पता पड़ चुका है तो थर्ड पेयर
नॉर्मली क्या बताएगा सर अब सिटी के अंदर जाने के बाद तो थर्ड पेयर एजेक्ट ब्रांच का डिटेल बता देगा भाई कौन से ब्रांच ने
एड्रेस अलॉट करा था तो हो सकता है हमें पता पड़ जाए कि सर आईसीआईसीआई का जयपुर के अंदर जो भी एड्रेस था है ना
जैसे मान लेते हैं हम टोंक रोड हो गया एग्जांपल के तौर पर ठीक है कि सर टॉक रोड में जो आईसीआईसीआई बैंक का ब्रांच है वो
हमारा थर्ड पेयर डिफाइन कर रहा है तो फोर्थ पेयर क्या डिफाइन करेगा फोर्थ पेयर बताएगा यूजर कौन सा है ये मैंने एक
एग्जांपल लिया है ताकि आपको ये समझ आ जाए कि जब भी आपको नंबर्स के फॉर्म में या किसी भी फॉर्म में कोई आइडेंटिटी अलॉट करी
जाती है तो वो रैंडम नहीं होती वो अपने साथ एक इंफॉर्मेशन एक मीनिंग लेके चल रही होती है इसका बेस्ट एग्जांपल ये भी है कि
सर हम अक्सर जब कोई ऑनलाइन ट्रांजैक्शन करते हैं आप सभी ने देखा होगा उस ऑनलाइन ट्रांजैक्शन में जब आप अपनी डिटेल्स डालते
हैं अपने नंबर्स डालते हैं क्रेडिट कार्ड के तो स्टार्टिंग का पहला पेयर फिल करने के बाद ही वह आपके कार्ड का टाइप या आपके
बैंक का जो नाम है वह डिफाइन कर देता है इसका मतलब कि सर हमारा जो पेयर था वह ऐसे ही नहीं था वो एक मीनिंग लेके चल रहा था
बिना पूरा नंबर लिखे उसने बता दिया कि कौन सी ब्रांच का आपका कौन सा कार्ड है तो एगजैक्टली सेम चीज हर एड्रेस के साथ होगी
और आईपी एड्रेस के साथ भी वही चीज होगी आई होप आप सभी को यह समझ आया होगा और अगर यह क्लियर हो गया है तो आप लोग मुझे बताएंगे
कि इस हिसाब से आईपी एड्रेस अपने साथ क्या इंफॉर्मेशन लेके चल रहा होगा सबसे पहला सवाल हमें ये पूछना है कि सर आईपी एड्रेस
यूज किस रेंज में हो रही है है ना किस रेंज में आईपी एड्रेस यूज होता है तो सर आईपी एड्रेस की मदद से तो हम पूरे वर्ल्ड
में किसी से भी बात कर सकते हैं इसका मतलब कि आईपी एड्रेस का यूज क्या हो रहा है पूरे के पूरे वर्ल्ड में हो रहा है डडड
वर्ल्ड वाइड वेब में हो रहा है ठीक है अब पूरे वर्ल्ड में अगर मैं कुछ एंटिटीज डिफाइन करना चाहूं वर्स को कैटेगरी इज
करना चाहूं कुछ सब कैटेगरी इज पार्ट में डिवाइड करना चाहूं तो क्या आएगा हमारे पास वर्ल्ड के बाद क्या आता है सर वर्ल्ड के
बाद तो हमेशा कंट्रीज आती है वर्ल्ड्स को कुछ पार्ट्स में अगर हम कैटेगरी इज करते हैं तो हमेशा कंट्री आती है हमारे पास
इसका मतलब सर ये जो हमारा पूरा आईपी का जो पहला पेयर है वह शायद यही डिफाइन करेगा कि यह कौन सी कंट्री के लिए या कौन सी कंट्री
को अलॉट करा गया है कौन सी कंट्री के लिए बनाया गया है कौन सी कंट्री को अलॉट करा गया तो एग्जांपल के तौर पर मान लेते हैं
कि सरय इंडिया को अलॉट करा गया आईपी एड्रेस है इस हिसाब से कंट्री के बाद अगर मैं उसको कुछ सब कैटेगरी में डिवाइड करना
चाहूं तो सेकंड कैटेगरी क्या होगी वेरी गुड सेकंड कैटेगरी होगी सर स्टेट और स्टेट को कुछ कैटेगरी में डिवाइड
करना चाहूं तो तो सर वैसे तो हमारे पास सिटी आता है लेकिन केवल सिटी की इंफॉर्मेशन थर्ड पेयर लेके नहीं चलेगा
यानी पहले पेयर ने बताया कि इंडिया की आईपी है दूसरे पेयर ने बताया स्टेट जैसे कि राजस्थान कह सकते हैं कि राजस्थान को य
एड्रेस अलॉट करा गया था थर्ड पेयर वैसे तो सिटी बताना चाहिए सर लेकिन केवल सिटी नहीं बताएगा जिस तरीके से हमारे क्रेडिट कार्ड
का जो थर्ड पेयर था वो बैंक का नाम और उसका एड्रेस बता रहा था वैसे ही यह हमारे पास सिटी के साथ-साथ एक एड्रेस और बताएगा
एक और इंफॉर्मेशन देगा व है आईएसपी की एग्जांपल के तौर पे कि सर ये बताएगा कि जयपुर
में जो jio1 अलॉट करा था इसका मतलब थर्ड पेयर ने क्या बता दिया सिटी प्लस हमारा आईएसपी का
नाम तो हमें पता पड़ गया कि सर जो हमारा इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर है वो इंफॉर्मेशन लेके चलता है डिवाइस की यानी
सर डिवाइस आईडी जिस डिवाइस को यह आईपी एड्रेस अलॉट करा गया था उसकी इंफॉर्मेशन उसकी सारी डाटा जो है वो फोर्थ पेयर अपने
पास लेकर चलता है तो अगर कोई भी यूजर का आईपी एड्रेस आपको मिलता है तो उसको ट्रैक कैसे करा जाता है कि सर जो एक लॉजिकल
प्रोसेस कहता है वो यह कहता है कि आपको थर्ड पेयर तक आते-आते यह पता पड़ जाएगा कि वो कौन सी आईएसपी है और उसका ऑफिस कहां पे
है तो हमें पता पड़ गया सर आईएसपी जिओ है और उसका ऑफिस जयपुर में है तो जयपुर के उस जिओ ऑफिस में जाकर हम
कि एक पर्टिकुलर टाइम पीरियड पर जैसे मान लो हमने देखा कि भाई 12:1 पर क्राइम हुआ है ना 12:1 पीएम पर क्राइम हुआ तो हम क्या
करेंगे आईएसपी के पास जाएंगे उनको कहेंगे कि 12:1 पे यह जो आईपी एड्रेस है यह आईपी एड्रेस किस यूजर को दे रखा था उसने क्याक
एक्टिविटीज करी उसके लॉग यानी उसके डाटा हमें दे दो ताकि हम उसको ट्रैक कर सके और पता लगा पाए कि वह कहां पर है एटली यह
प्रोसेस होता है और इसी की मदद से ज्यादातर जो क्रिमिनल्स हो होते हैं या साइबर क्रिमिनल्स होते हैं उन्हें ट्रैक
करा जाता है आई होप आपको क्लियर होगा कि आईपी अपने साथ कितनी इंफॉर्मेशन लेके चल रहा है आईपी में एक बात और खास है वो यह
है कि सर जो आईपी के पेयर्स है ये कितने होंगे ये जो नंबर्स है कुछ भी आ सकते हैं यहां पे नहीं केवल जीरो से लेकर 255 की
रेंज के अंदर ही आईपी एड्रेसस बनाए जाते हैं और यूज लिए जाते हैं ये इनकी लिमिटेशंस है आई होप आप सभी को आईपी के
बारे में इतना तो क्लियर होगा अब सर आईपी में हमारे पास दो टाइप्स है आईपी के एक आईपी v4 और आईपी v6 क्यों इन आईपीस की
जरूरत है v6 क्या है क्या दोनों में डिफरेंस है समझते हैं सबसे पहले हमारे पास हुआ यह कि आईपी v4 को इंट्रोड्यूस करा गया
v4 का मतलब है वर्जन फोर v4 को इंट्रोड्यूस करने से क्या हुआ कि सर इसके अंदर जो एक आईपी का एड्रेस होता था टोटल
32 बिट होता था ठीक है इसका जो एड्रेस का फॉर्मेट है वो डॉटेड डेसीमल नोटेशन होता था यानी आप देख सकते हो हर एक पेयर के बाद
डॉट के जरिए उसको डिफाइन करा जा रहा है टोटल चार पेयर्स हैं इसके अंदर हमारे पास इसमें सर हमें एक चीज का ध्यान रखना चाहता
था कि 0 से 255 की रेंज के अंदर का ही एडस हो सकता है इसकी जो प्रीफिक्स नोटेशन यानी जो उसकी स्टार्टिंग हो करती थी लिखने की
वो होती थी 19218 और उसके बाद 00 जो होस्ट है उसको डिफाइन करया जाता था यानी यहां पे अलग-अलग नंबर्स आ सकते हैं अब यहां पे जो
ध्यान देने लाय एक पॉइंट है वो यह है कि सर आई v4 के जरिए हमें पता है 0 से 255 के अंदर के नंबर्स ही हम यूज़ ले सकते हैं और
हमारे पास चार पेयर है अब अगर हम इनके कॉमिनेशन देखें कि हमारे पास कितने आईपी एड्रेसस हैं यूज़ करने के लिए किसी को भी
नेटवर्किंग में बातचीत करनी है तो आईपी एड्रेस तो उसके पास होना पड़ेगा तो यहां पे ये हमें बताता है कि 2 की पावर 32 यानी
4.7 बिलियन एड्रेसस आईपी v4 आपको दे सकता है इसका मतलब 4.7 बिलियन लोग एक ही टाइम पे इंटरनेट एक्सेस कर सकते हैं इतने आईपी
एड्रेसस हमारे पास है लेकिन अगर आप आज का डाटा देखें मैं चाहूंगा आप सब लोग सर्च करें और ये देखें कि आज के टाइम पे
इंटरनेट पे एक्टिव यूजर्स कितने हैं चलो हम एक काम करते हैं हम साथ में सर्च करते हैं तो हम चलेंगे अपने ब्राउजर पे और वहां
पे जाके देखेंगे एक्टिव इंटरनेट यूजर्स इन वर्ल्ड तो यहां पर आप य
फिगर देख सकते हो जो कि कह रहा है 5.3 बिलियन इंटरनेट पे यूजर्स आज के टाइम पर एक्टिव है और यह हमें जो पेयर दे रहा है व
4.7 है तो इसका मतलब इंटरनेट पर यूजर ज्यादा है और आईपी एड्रेसस कम है लद इसके भी कुछ तरीके हैं जिसकी मदद सेय आज तक
मैनेज हो रहा था वो क्या है मैं आपको अभी समझाने वाला हूं टाइप ऑफ आईपी एड्रेस में बहुत अच्छे से देखेंगे
लेकिन पेस के कॉमिनेशन तो कम है ना यूजर्स के हिसाब से तो इसीलिए आईपी v6 को इंट्रोड्यूस करा गया ताकि हर कोई इंटरनेट
बहुत अच्छे से एक्सेस कर सके आईपी v6 और कुछ नहीं है क्योंकि आईपी एड्रेस के पास जो पेयर्स थे वो कम पड़ रहे थे इंटरनेट पे
यूजर्स बढ़ चुके हैं डिजिटल इंडिया हो चुका है और पूरे वर्ल्ड में इंटरनेट पे यूजर्स बढ़ते जा रहे हैं उस वजह से हमें
और आईपीस की जरूरत है और और आईपी हमें मिल रही है आईपी v6 की मदद से तो आईपी v6 में क्या हुआ कि सर आईपी v6 की जो साइज है जो
आई v4 का अपडेटेड वर्जन है ताकि ज्यादा आईपी एड्रेसस अलॉट करे जा सके उस की साइज है 128 बिट जो कि 32 बिट से बहुत ज्यादा
है यहां पे हेक्साडेसिमल नोटेशंस होते हैं जिसका मतलब यहां पे नंबर्स प्लस जीरो से लेकर जिसका मतलब यहां पे नंबर 0 टू नाइ
एंड अल्फाबेट्स ए से लेकर f तक के जो कॉमिनेशन है वो बनाए जाते हैं और ये पेयर जो है वो बहुत बड़ा है इसका मतलब हमारे
पास बहुत सारे कॉमिनेशन है कितने हो सकते हैं तो आप देख सकते हैं 2 की पावर 128 यानी 340 ट्रिलियन ट्रिलियन ट्रिलियन
एड्रेसस हमारे पास आईपी बेसिक्स दे सकता है इसका मतलब आने आने वाले कई सालों तक आईपी कम नहीं
पड़ेगी तो यहां पे इसका प्रीफिक्स नोटेशन बता रहा है प्रीफिक्स नोटेशन का मतलब और कुछ नहीं है कि आईपी के स्टार्टिंग में
आपको क्या पेयर्स नॉर्मली देखने को मिलते हैं क्या फॉर्मेट देखने को मिलता है तो यह बता रहा है कि सर आपको कुछ ऐसा फॉर्मेट
देखने को मिलता है आई होप इतनी चीजें आपको क्लियर होगी बहुत डिटेल में अभी नहीं जाना धीरे-धीरे जरूर जाएंगे अभी हमें इतना
क्लियर करना था कि आईपीवी 4 के जो नंबर ऑफ पेयर्स कॉमिनेशन बन रहे थे वो थे हमारे 4.7 बिलियन जब कि इंटरनेट पे एक्टिव
यूजर्स 5.3 या 5.4 बिलियंस के अप्रॉक्स है तो इसमें हमारे आईपी एड्रेस कम पड़ रही थी इसलिए आईपी के एक नए वर्जन को इंट्रोड्यूस
करा गया जो कि आईपी v6 लद अभी आईपी v6 कंप्लीट यूज़ में नहीं आया स्टार्ट हो गया है लेकिन हर कोई आईपी v6 को पूरा अडॉप्ट
नहीं कर पाया अभी चीजें चल रही है इन प्रोसेस है काफी हद तक इसका एडॉप्शन स्टार्ट हो चुका है तो आई होप आप सभी को
आई v4 और आईपी v6 बहुत अच्छे से क्लियर होगा अब सवाल यह है कि हमारे पास कितने टाइप्स हैं आईपी एड्रेसस के अभी जो हमने
देखा वो आईपीवी 4 आईपीवी स वर्जंस थे आईपी के पहले पुराना वर्जन आया फिर नया वर्जन आया लेकिन कोई भी वर्जन हो इनके अंदर कुछ
टाइप्स होते हैं इनके काम के हिसाब से इनके यूज़ के हिसाब से वो टाइप है पब्लिक प्राइवेट स्टैटिक एंड डायनामिक अब इन
चारों टाइप्स का मतलब क्या है कौन क्या काम कर रहा है क्या इनके अंदर डिफरेंस है ये समझने के लिए हम दो-दो टाइप्स को
उठाएंगे जैसे हमने देखा था सबसे पहले हम समझेंगे कि पब्लिक और प्राइवेट आईपी एड्रेस क्या है कैसे काम करते हैं और
दोनों में डिफरेंस क्या है इसको और अच्छे से क्लियर करने के लिए स्टूडेंट्स नेक्स्ट स्लाइड पे चलते हैं और देखते हैं
कि पब्लिक एंड प्राइवेट दोनों में डिफरेंस क्या है दोनों के काम करने के तरीके में क्या डिफरेंस है
हमने अभी तक टाइप्स ऑफ नेटवर्क पढ़े थे आई होप सभी को याद होगा लैन मैन और वन करेक्ट तो पहले ये देखते हैं कि कौन सा आईपी कौन
सी रेंज में काम आता है यानी कौन सा टाइप कहां पर काम आता है यूज क्या है कि सर जो प्राइवेट आईपी एड्रेस है व आपके लिए
यूजफुल होता है केवल और केवल लोकल एरिया नेटवर्क में अब लोकल एरिया नेटवर्क क्या कह रहा था कि सर 1015 सिस्टम बात करते हैं
उसको हम लोकल एरिया नेटवर्क कहते हैं तो शायद यह हमें यह कहना चाह रहा है कि सर यह जो आपके 1015 या तीन चार सिस्टम्स आपस में
बातचीत कर रहे हैं जब इनको इस छोटी सी रेंज में बातचीत करनी है तब इनके पास प्राइवेट आईपी एड्रेस होना
चाहिए कौन सा आईपी एड्रेस होना चाहिए प्राइवेट आईपी एड्रेस क्यों क्योंकि प्राइवेट आईपी बोल रहा है कि मेरा काम है
लोकल एरिया नेटवर्क में बातचीत करने में मदद करना तो जब छोटी सी रज में बातचीत हम करते हैं तब हमारे पास कौन सा आईपी एड्रेस
होना चाहिए सर प्राइवेट आई ड होना चाहिए हमने कहा ठीक है तो पब्लिक कहां काम आता होगा सर पब्लिक यूज होता है वन में वन
यानी वाइड एरिया नेटवर्क में इसका मतलब पूरे वर्ल्ड में तो यह कह रहा है पूरे वर्ल्ड में अगर आपको किसी से भी बातचीत
करनी है या किसी को आपसे बातचीत करनी है तो कौन सा आईपी काम आएगा सर पब्लिक आईपी एड्रेस काम आएगा वहां पे कौन सा आईपी
एड्रेस काम आएगा पब्लिक आईपी एड्रेस वाइट एरिया नेटवर्क पूरे वर्ल्ड में कम्युनिकेशन करने के लिए तो हमने कहा ठीक
है यह तो समझ आया कि कौन सा आईपी कौन सी रेंज में काम आ रहा है प्राइवेट आईपी लोकल एरिया नेटवर्क में काम काम आ रहा और
पब्लिक आईपी वाइडर नेटवर्क में बात करने के काम आ रहा है लेकिन इसको और अच्छे से समझने के लिए मैं यहां पर एक एग्जांपल
नॉर्मली लेता हूं वो यह है कि पब्लिक आईपी को मैं मानता हूं मैं रियल नेम की तरह अपने रियल नेम की तरह और प्राइवेट आईपी को
मानता हूं मैं अपने निक नेम की तरह एग्जांपल के तौर प अब अगर एक यूजर है इस यूजर का जो निक नेम है वह कुछ भी हम रख
देते हैं आप लोग सजेस्ट कर सकते हैं क्या निक नेम हम रख सकते हैं य तो मैं यहां पर फिलहाल इसका नाम रख देता हूं निक ठीक है
निक इसका निकनेम है इस नाम से इस यूजर को कौन जानता है कौन बुलाता है कि सर इसके जो घर
में दो-तीन जने हैं है ना या चार पांच जने जो इसके फैमिली मेंबर्स है या क्लोज फ्रेंड्स है केवल यह लोग इसे इस नाम से
एड्रेस कर सकते हैं इससे बात कर सकते हैं और इसे जानते हैं हमारे निकनेम से हमें कौन जानता है हमारे घर के कुछ लोग क्या
ऐसा पॉसिबल है कि अगर आप अपनी कंपनी किसी कॉर्पोरेट सेक्टर में जाएं कहीं बाहर जाएं अपने घर से दूर कहीं जाए आउट ऑफ कंट्री
कहीं जाए तो क्या ये पॉसिबल है कि आपके निक नेम से आपको कोई आइडेंटिफिकेशन यानी बातचीत कर पाए पॉसिबल
नहीं है बिकॉज सर हमारा वो जो नाम था वो वैलिड या उसका यूज केवल और केवल उस छोटी सी रेंज में था हमारी लोकल एरिया नेटवर्क
की ही रेंज में था जो हमारे क्लोज वन थे हम वही हमें उस नाम से जानते थे और वही हमें उस नाम से बुलाते थे एड्रेस करते थे
यानी इस नाम के जरिए हमसे कौन बातचीत कर सकता था केवल हमारे क्लोज वन जो हमारी लोकल एरिया नेटवर्क की रेंज में हमारी
छोटी सी रेंज में लेकिन अगर मैं बात करूं रियल नेम की तो मैं वर्ल्ड के किसी भी हिस्से में चला जाऊं किसी भी कोने में चला
जाऊं मुझे एड्रेस कैसे करा जाएगा मुझे अगर कोई बुलाएगा मुझसे अगर कोई बातचीत करेगा तो कैसे करा जाएगा सर मेरे गवर्नमेंट
डॉक्यूमेंट में जो मेरा नाम लिखा है जो मेरा रियल नेम ऑफिशियल नेम है उसी से मुझे एड्रेस करा जाएगा उसी के जरिए मुझसे
बातचीत करी जाएगी कम्युनिकेशन करा जाएगा तो यह एगजैक्टली पब्लिक आईपी एड्रेस है सर ये आपके रियल नेम की तरह होता है पूरे
वर्ल्ड में किसी को भी आपसे बातचीत करनी है तो यही एड्रेस काम आएगा और जो प्राइवेट आईपी एड्रेस है वो सर आपके निकनेम की तरह
होता है जिसका मतलब इसकी मदद से इस एड्रेस की मदद से आपसे केवल आपकी रेंज में छोटी सी रेंज में लोकल एरिया नेटवर्क की रेंज
में जो लोग जुड़े हैं वही बात कर सकते हैं आई होप इतना सभी को क्लियर होगा और इस चीज को और अच्छे से क्लियर करने के लिए एक रूल
हम यहां पे डिफाइन कर रहे हैं जिससे हमें कंफर्म हो जाए इनके काम और आगे चलके हैकिंग हमारे लिए और भी आसान हो जाए साइबर
सिक्योरिटी हमारे लिए और भी आसान हो जाए तो वो रूल बहुत इजी है पहला रूल कहता है कि सर एक प्राइवेट आईपी कभी भी पब्लिक
आईपी से डायरेक्ट कम्युनिकेशन नहीं कर सकती एक प्राइवेट आईपी अपनी रेंज के बाहर बात कर सकती है बिल्कुल नहीं कर सकती तो
प्राइवेट आईपी की रेंज लोकल एरिया नेटवर्क है और पब्लिक आईपी की रेंज वाइड एरिया नेटवर्क है पहला रूल तो यही है कि
प्राइवेट आईपी पब्लिक आईपी से डायरेक्ट बात नहीं कर सकती और पब्लिक आईपी प्राइवेट आईपी से डायरेक्ट बात नहीं कर सकती यानी
दोनों आपस में डायरेक्ट कम्युनिकेशन नहीं कर सकते सते तो सर क्या करेंगे प्राइवेट आईपी केवल और केवल बात कर सकती है
प्राइवेट आईपी एड्रेस से बट यहां पर सेकंड रूल आता है जो कहता है कि रेंज जो है वह सेम होनी चाहिए अब रेंज क्या बता रही है
कि सर प्राइवेट आईपी तो लोकल एरिया नेटवर्क में काम करता है इसका मतलब प्राइवेट आईपी किसी भी दूसरे प्राइवेट
आईपी से बात कर सकता है लेकिन तब जब वो उसके लोकल एरिया नेटवर्क के अंदर है अदर वाइज नहीं और सेम पब्लिक आईपी के लिए भी
है बस डिफरेंस ये है कि पब्लिक आईपी किसी भी दूसरे पब्लिक आईपी से बात कर सकती है वो उसकी रेंज में होनी चाहिए और उसकी रेंज
वाइड र नेटवर्क है यानी पूरा वर्ल्ड इसका मतलब है किसी से भी बात कर सकती है दोनों रूल्स आप सभी को याद रखने हैं अच्छे से
ताकि आगे आपके काम आ सके एंड आई होप अच्छे से क्लियर होगा आपको प्राइवेट कभी भी पब्लिक से डायरेक्ट बात नहीं कर सकती
पब्लिक कभी भी प्राइवेट से डायरेक्ट बात नहीं कर सकती और प्राइवेट किसी से बात करेगी तो दूसरी प्राइवेट से करेगी वो भी
अपनी रेंज में लोकल एरिया नेटवर्क में पब्लिक किसी से बात करेगी तो पब्लिक से ही करेगी वो भी अपनी रेंज वाइड एडिया नेटवर्क
में सो ये तो था प्राइवेट और पब्लिक आईपी एड्रेस अब सर दो और टर्म्स थी आप सभी को याद हो तो यह दो टर्म्स बाकी है स्टैटिक
और डायनामिक यह दोनों हमें क्या कहती है इन दोनों का काम क्या है तो समझते हैं सबसे पहले हम बात करते हैं स्टैटिक की यह
वर्ड आपने पहले कहीं ना कहीं जरूर सुना होगा क्या कोई मुझे बता सकता है स्टैटिक मतलब क्या होगा सर स्टैटिक का मतलब जैसा
इसका नाम डिफाइन कर रहा है फिक्स कोई ऐसी चीज जो बिल्कुल फिक्स हो चेंज ना होती हो टाइम के साथ में और डायनेमिक का मतलब कि
सर टाइम पीरियड के गैप से चेंज होती रहे उसे डायनेमिक कहते हैं हम नॉर्मली अब यहां पर स्टैटिक और डायनेमिक में फर्क क्या है
उनका यूज क्या है य इनको क्यों बनाया गया इन टाइप्स को क्यों डिफाइन करा गया आप सभी को याद होगा कि आईपीवी फ एड्रेस जो था सर
उससे हमारे पास केवल 4.7 बिलियन एड्रेसस ही बनाए जा सकते थे पेयर्स ही बनाए जा सकते थे जबकि इंटरनेट पर एक्टिव यूजर्स
कितने हैं सर मोर देन 5.3 बिलियन अब यहां पे यह आईपी और इस आईपी की जो डिफरेंस है ये ज्यादा है मतलब नंबर ऑफ
यूजर और आईपी की हमारे पास जो रेंज है जो लिमिटेशन है उनके बीच में डिफरेंस ज्यादा है तो ये आज तक मैनेज कैसे करा जा रहा था
मतलब अभी तक आई v4 एड्रेस जो है वो यूज कैसे आ रहा था तो यहां पे इन दोनों का रोल प्ले होता है इनका कहना बहुत नॉर्मल सी
बात यह है कि सर एक सिस्टम है इसको इंटरनेट प बातचीत करनी थी तो इसको हमने एक आईपी एड्रेस दिया एग्जांपल के तौर पर मैं
मान लेता हूं कि 4.4.4 4 इसको हमने एक आईपी एड्रेस दिया कोई भी दिया हो पब्लिक प्राइवेट कोई भी हो ठीक है फिलहाल पब्लिक
मान लेना इसको एक एड्रेस अलॉट कर दिया इस एड्रेस की मदद से सबसे बात कर सकता है बिल्कुल कर सकता है लेकिन कैसा हो अगर यह
स्विच ऑफ हो जाए अगर इसका कनेक्शन बंद हो जाए अगर ये पावर ऑफ हो जाए है ना यानी ये अभी एक्टिव नहीं है ये डिवाइस बंद पड़ा है
तो सवाल यह है कि क्या ये आईपी एड्रेस अभी इसके काम आ रहा है बिल्कुल नहीं आ रहा क्योंकि आईपी एड्रेस का काम तो सर इंटरनेट
पे बातचीत करने का है और जब वो डिवाइस ही बंद पड़ा है वो इंटरनेट पे बात नहीं कर रहा तो आईपी एड्रेस इसके यूज आ रहा है
क्या नहीं आ रहा हो सकता है इस यूजर का जो नेट पैक है जो नेट का बैलेंस य कराता है इंटरनेट का जो रिचार्ज य कराता है हो सकता
है वह खत्म हो गया हो तो क्या अभी इंटरनेट चला सकता है नहीं चला सकता ऐसे ही किसी भी रीजन की वजह से अगर य यूजर इंटरनेट एक्सेस
कर ही नहीं रहा है तो इसको आईपी की क्या जरूरत है यह डायनेमिक आईपी का कहना है तो डायनेमिक आईपी और स्टैटिक आईपी कह रहे है
कि सर इसको इस आईपी की जरूरत नहीं है तो क्यों ना य आईपी तब तक के लिए किसी दूसरे यूजर को दे दी जाए ताकि वो इंटरनेट पर
अच्छे से बात कर सके अब हमें पता है कि इंटरनेट पे आज के टाइम पे 5.3 बिलियन एक्टिव यूजर्स हैं लेकिन क्या वह एक ही
टाइम पे एक्टिव है मतलब क्या 5.3 बिलियन यूजर्स एक ही टाइम पे इंटरनेट चला रहे हैं सर यह तो पॉसिबल ही नहीं है अगर हम हमारा
टाइम शेड्यूल भी देखें तो अभी काफी सारी ऐसी कंट्रीज हैं जहां पे रात हो रही है लोग सो रहे हैं इंटरनेट नहीं चला रहे कोई
कुछ काम कर रहा है किसी का मोबाइल बंद है अलग-अलग रीजंस है क्या सब लोग एक टाइम पे इंटरनेट पे एक्टिव हो सकते हैं यह तो नहीं
हो रहा अभी यहां पे तो एगजैक्टली वह सेम चीज यहां पे फॉलो करी जा रही है कि सब एक टाइम पे एक्टिव नहीं है भले ही 5.3 बिलियन
यूजर्स है पर 5.3 बिलियन यूजर्स एक टाइम पे एक्टिव नहीं है तो क्यों ना जब एक आईपी किसी के काम नहीं आ रहा तो दूसरे यूजर को
दे दिया जाए और यह सेम चीज हमारा डायनेमिक आईपी करता है डायनेमिक आईपी कह रहा है कि आपको एक एड्रेस दिया है जब तक आपके काम आ
रहा आपके पास है लेकिन जब आप उसको यूज नहीं ले रहे तो मैं वो किसी और को अलॉट कर दूंगा इससे आपको कभी कोई फर्क नहीं पड़ेगा
और आज तक ऐसा ही होता है इसका मतलब कि सर हम हमारे मोबाइल में हमारे कंप्यूटर में जो भी नेट चला रहे हैं हम सब के पास कौन
सा आईपी एड्रेस है हम सबके पास है डायनामिक आईपी एड्रेस अब यह बात हम क्या चेक कर सकते हैं क्या ये चीज कंफर्म कर
सकते हैं तो एक छोटा सा एक्सपेरिमेंट करते हैं इसके लिए हम क्या करेंगे सर हम सब अपने अपने सिस्टम से अपने ब्राउजर पर
जाएंगे एक्सपेरिमेंट आप सभी को ट्राई करना है और मुझे कमेंट सेशन में बताना है कि क्या आपके पास स्टैटिक आईपी एड्रेस था या
डायनामिक था एक्सपेरिमेंट क्या है मैं बता देता हूं आप सब लोग अपने अपने मोबाइल से ब्राउजर पर जाएंगे और वहां पर जाके
लिखेंगे व्ट्स माय आईपी माय आईपी स्पेस v4 आपको ये लिख के एंटर प्रेस करना है जो सबसे पहला एड्रेस
आपके पास आए आप वहां पर क्लिक कर देंगे क्लिक करते ही आपके पास आप देख सकते हो कि आपका जो आईपी v4 एड्रेस है वो आपको दिखा
रहा है इस एड्रेस को हम क्या करेंगे कॉपी करके कहीं पे नोट कर लेंगे कहीं पे सेव कर लेंगे ये टास्क आपको करना है क्या करना है
वच माय आईपी की वेबसाइट प जाना है अभी आपके पास जो आईपी एड्रेस है आपको उसको देखना है और अपने किसी भी टैब में रख लेना
है या फिर इसके जो लास्ट के नंबर है जैसे 233 और 235 इसको याद रखना है एक चीज का ध्यान रखना है जितने भी लोग मोबाइल से इस
ब्राउजर पे आए हैं वह अपने मोबाइल डाटा से ही ब्राउजर को एक्सेस करें यानी सिम के नेट से ही ब्राउजर को एक्सेस करें किसी
हॉटस्पॉट या वाईफाई से ना जुड़े हुए हो आपको बस इतना ही ध्यान रखना है मोबाइल में जो मोबाइल का पर्सनल नेट होता है सिम के
जरिए जो हम चलाते हैं वो एक्टिव हो आप वेबसाइट प जाओ उसे रिफ्रेश करो देखो आपका आईपी एड्रेस क्या है उसे कहीं पे नोट कर
लो यह करने के बाद क्या करना है कि सर हम सभी के मोबाइल्स में एयरप्लेन मोड होता है सबने देखा होगा तो मोबाइल को जो उसका
नेविगेशन बार होता है उसे स्क्रोल डाउन करेंगे ए प्लेन मोड को एक्टिवेट कर देंगे जिसका मतलब है कि वह मेरे कंप्लीट नेटवर्क
को बंद कर देगा यानी अब मैं आईपी एड्रेस को यूज नहीं ले रहा हूं और अगर ऐसा है तो ऐसे केस में आईपी एड्रेस चेंज हो जाना
चाहिए अगर मेरे पास डायनेमिक आईपी एड्रेस है तो तो हम कुछ देर के लिए आईपी एड्रेस को बंद रखेंगे यानी हम एयरप्लेन मोड को ऑन
रखेंगे और अब हम एप्लेन मोड को ऑफ कर देंगे जिसका मतलब हमारा सिस्टम फिर से स्टार्ट हो जाएगा हमारा सिस्टम का नेटवर्क
फिर से स्टार्ट हो जाएगा अब आपको करना बस इतना है कि आप जिस वेबसाइट पे थे उसको रिफ्रेश करना है उसे रीलोड करना है और
देखना है कि क्या आपका आईपी एड्रेस चेंज हुआ या नहीं हुआ अगर आपका आईपी एड्रेस चेंज हो चुका है इसका मतलब आपके पास
डायनेमिक आईपी एड्रेस है मैंने अभी ऐसा क्यों नहीं किया बिकॉज मैं अभी किसी राउटर से हॉटस्पॉट से जुड़ा हुआ हूं अगर मोबाइल
ने से जुड़ा होता तो मेरा भी आईपी एड्रेस चेंज हो चुका होता तो आई होप आप सभी को क्लियर होगा कि हम सबके पास आज तक
डायनेमिक आईपी एड्रेस था आगे भी रहेगा और इससे हमें कोई डिफिकल्टी नहीं होती ठीक है हम इजली नेटवर्किंग में बातचीत कर पाते
हैं स्टैटिक आईपी क्या कहता है तो सर स्टैटिक आईपी एड्रेस का का कहना है एक बार यहां पे फिर से डिफाइन कर देते हैं
स्टैटिक को स्टैटिक का कहना यह है कि अगर एक बार किसी सिस्टम को मैंने कोई एड्रेस अलॉट कर दिया एग्जांपल के तौर पे
4.4.4 तो चाहे वो सिस्टम उस एड्रेस को यूज ले या ना ले वो एड्रेस उसी के पास रहेगा इसका मतलब इस यूजर को कुछ एक्स्ट्रा पे
करके इस एड्रेस को खुद के लिए रजिस्टर करना पड़ेगा जो कि आज के टाइम पे सर्वर्स करते हैं आप अगर किसी भी वेबसाइट को देखो
डब्ल्यू कपटेक की वेबसाइट भी किसी सिस्टम पे पे चल रही है है ना हर वेबसाइट एक सिस्टम पे चल रही होती है तो इन सिस्टम का
जो आईपी एड्रेस होता है वो फिक्स रहता है वो टाइम के साथ चेंज नहीं होता तो यह स्टैटिक एड्रेसस किसको दिया जा रहा है सर
वो सिस्टम्स जिनको इसकी जरूरत है जो एक्स्ट्रा पे करके इन सर्विसेस को परचेस करते हैं यानी सर्वर्स को आई होप आप सभी
को प्राइवेट पब्लिक स्टैटिक और डायनामिक ये चारों टाइप्स के आईपी एड्रेसस बहुत अच्छे से क्लियर होंगे अब खास बात ये है
कि पब्लिक के अंदर भी स्टैटिक और डायनेमिक होता है प्राइवेट के अंदर भी स्टैटिक और डायनेमिक होता है बस रेंज ही तो डिफरेंट
है बाकी कांसेप्ट तो सेम है जिसको आईपी की जरूरत नहीं है चेंज होती जाएगी या फिर उसको फिक्स आईपी दे दी
[संगीत] जाएगी मैक एड्रेस के बारे में काफी सारी चीजें आज हम समझने वाले हैं क्या-क्या
देखेंगे तो सर देखेंगे सबसे पहले कि मैक एड्रेस होता क्या है फिर हम देखेंगे कि हम किस तरीके से चेक कर सकते हैं किस डिवाइस
के पास क्या मैक एड्रेस है और यह देखने के लिए हम यूज लेंगे मैक लक अप नाम के एक प्लेटफॉर्म का इन शॉर्ट अगर मैं आपको
समझाऊं तो स्टूडेंट्स हर वो डिवाइस जो नेटवर्किंग में कम्युनिकेशन में काम आता है उस हर हार्डवेयर डिवाइस को एक एड्रेस
दिया जाता है जिसको हम मैक एड्रेस कहते हैं कैसा दिखता है इसका मतलब क्या है यह देखने के लिए हम चलते हैं हमारी नेक्स्ट
स्लाइड पे तो यहां पे अगर आप देखें तो हमारे मैक का फुल फॉर्म है मीया एक्सेस कंट्रोल एड्रेस अब जैसा कि इसका नाम है
डिवाइस को कंट्रोल करने का या आप कह सकते हो आइडेंटिफिकेशन पास टोटल 1 2 3 4 5 एंड
सिक्स यानी टोटल सिक्स पेयर्स हैं हर एक पेयर में हमारे पास यहां पे दो नंबर्स या अल्फाबेट्स के कॉम्बिन हम कह सकते हैं
देखने को मिल रहे हैं हमारे पास दो डिजिट्स है यहां पे हमारे पास जिसकी साइज जो है यानी एक पेयर की जो साइज है वो होती
है 8 बिट्स यानी एक बाइट तो इसका मतलब हमारे टोटल मैक एड्रेस की साइज होगी 6 बाइट्स यानी 48 बिट्स अब ये जो एड्रेस है
हमें स्टार्टिंग से ही पता पड़ चुका है यानी जब हमने आईपी एड्रेस देखा था लास्ट क्लास में तब हमें आईडिया लग गया था कि
कोई भी एड्रेस ऐसे ही रैंडम एड्रेस नहीं होता है वो अपने साथ एक इंफॉर्मेशन लेकर चलता है हर एक पेयर का एक मोटिव है है ना
वो अपने साथ कुछ डिटेल लेके चल रहा है कुछ डाटा लेके चल रहा है तो उस हिसाब से तो मैक एड्रेस भी अपने साथ कुछ इंफॉर्मेशन
लेके चल रहा होगा और वो इंफॉर्मेशन क्या होगी तो हम एक काम करेंगे मैक एड्रेस को दो पेयर्स में डिवाइड कर देते हैं पहला
पेयर जो है उसमें तीन पेयर्स आ गए और ये हो गया हमारा दूसरा पेयर है ना यानी हमने तीन-तीन पेयर्स में मैक एड्रेसस को डिवाइड
कर दिया ये जो हमारा पहला पेयर है जो तीन पेयर्स के कॉमिनेशन से बना है इस पर्टिकुलर पेयर को हम कहते हैं
ऑर्गेनाइजेशनल यूनिट आइडेंटिफिकेशन है अपने साथ क्या इंफॉर्मेशन लेके चलता है तो सर ये अपने साथ इंफॉर्मेशन लेके चलता
है ऑर्गेनाइजेशन की या फिर आप कह सकते हो मैन्युफैक्चरर की इसका मतलब वो कंपनी जिसने हार्डवेयर डिवाइसेज बनाए हैं उस
कंपनी का नाम ये तीन पेयर्स बता देते हैं यानी ये मैक एड्रेस किस कंपनी को दे रखा था किस मैन्युफैक्चरर को दे रखा था वो
हमें बता दी जाती है जिसको आप वेंडर भी कह सकते हो मैन्युफैक्चरर भी कह सकते या फिर कोई ऑर्गेनाइजेशन भी कह सकते हो लेकिन सर
हमारा जो सेकंड पेयर है वो अपने साथ क्या इंफॉर्मेशन लेके चल रहा होगा तो हमारा सेकंड पेयर हमारे साथ इंफॉर्मेशन लेके
चलता है आप देख सकते हो एनसी लिखा हुआ है नेटवर्क इंटरफेस कंट्रोलर लिखा हुआ है जिसका मतलब और कुछ नहीं डिवाइस आईडी है
यानी सर यह बताता है कि यह मैक एड्रेस असल में किस डिवाइस को डिफाइन कर र है डिवाइस को यूनिक ली आइडेंटिफिकेशन
मुश्किल हो जाएगा तो हमें एटलीस्ट तीन पेयर्स तो चाहिए है ना तो लास्ट के तीन पेयर्स डिवाइस आईडी है स्टार्टिंग के तीन
पेयर्स वेंडर आईडी मैन्युफैक्चरर आईडी या ऑर्गेनाइजेशनल आईडी आप कह सकते हैं अब ये जो स्टार्टिंग के तीन पेयर्स हैं यानी
हमारे पहले पेयर के अंदर जो ये तीन पेयर्स हैं ये ऐसे ही तो नहीं हो सकते रैंडम नंबर्स तो नहीं हो सकते ये भी अपने साथ
कुछ इंफॉर्मेशन लेके चल रहे होंगे अब वो इंफॉर्मेशन क्या है तो जैसा हमने हमारे लास्ट वीडियोस में देखा है कि सर कभी भी
आपको कोई भी यूनिक एड्रेस देखने को मिलता है नंबर्स के फॉर्म में किसी भी फॉर्म में तो हमें पहले क्वेश्चन का आंसर ढूंढना
पड़ेगा वह यह है कि इसका यूज कहां पे है यह किस रेंज में यूज हो रही थी हमें यह समझना पड़ेगा अब मैक एड्रेस एक हार्डवेयर
का एड्रेस है वो हार्डवेयर पूरे वर्ल्ड में यूज लिया जा सकता है तो हमें पता पड़ गया कि सर इसका जो यूज है वो पूरे के पूरे
वर्ल्ड में है और वर्ल्ड को अब हमें कुछ कैटेगरी में डिवाइड करना है सबसे पहली अगर हम कैटेगरी देखें तो हमें कंट्री डिवाइड
होगी इसका मतलब पहला पेयर अपने साथ ये इंफॉर्मेशन लेके चलेगा कि ये मैक एड्रेस कौन सी कंट्री का है एग्जांपल के तौर पे
ये जो पहला पेयर है हमारा वो हमारी कंट्री इंडिया को अ ट करा गया है इस हिसाब से सेकंड पेयर क्या इंफॉर्मेशन लेकर चलेगा सर
कंट्री की कुछ कैटेगरी ढूंढनी पड़ेगी जैसे कि स्टेट तो स्टेट पता पड़ गया कि सर
राजस्थान को दे रखा होगा है ना सर थर्ड पेयर नॉर्मली तो सिटी आना चाहिए जैसे हमने जब आईपी के बारे में देखा था तो सिटी प्लस
आईएसपी बता रहा था तो बस माइनर सा एक चेंज है यहां पे कि जो थर्ड पेयर है वो सिटी प्लस वेंडर का एड्रेस बताएगा इसका मतलब उस
मैन्युफैक्चरर का सीटी प्लस वेंडर डिटेल यानी वो यह बता देगा कि भाई राजस्थान के अंदर जयपुर सिटी में यह जो
nokia1 पेयर्स के कॉमिनेशन में उन्होने उन हार्डवेयर्स को एड्रेस दिया होगा एक-एक आइडेंटिटी अलॉट करी गई होगी तो आई होप आप
सभी को क्लियर हुआ होगा कि मैक एड्रेस अपने साथ क्या इंफॉर्मेशन लेके चलता है और इसी चीज को हम प्रैक्टिकली भी देखेंगे कि
क्या रियलिटी में मैक एड्रेस ये तीन इंफॉर्मेशन लेके चल रहा है कि नहीं बट बिफोर दैट मैं आपको एक और चीज बताना
चाहूंगा कि मैक एड्रेस किस हिसाब से बनता है यानी मैक एड्रेस जब क्रिएट करा जाता है तो किस बात का ध्यान रखा जाता है कि सर
हमारा मैक एड्रेस बनाया जाता है रो से नाइन नंबर्स तक के कॉमिनेशन से एंड अल्फाबेट्स में बात करें तो a से f तक अगर
0 और ना और a से f के अलावा कोई भी लेटर या नंबर यूज हो रहा है लद रो से नाइन में तो कुछ बात नहीं आएगी क्योंकि सारे नंबर्स
इसी रेंज के अंदर आएंगे लेकिन अगर ए से ए अल्फाबेट के अलावा कोई भी अल्फाबेट यहां यूज होता है देन इस मैक एड्रेस को करेक्ट
नहीं माना जाएगा तो उस हिसाब से क्या यह मैक एड्रेस करेक्ट लगता है आप सभी को यानी क्या यह मैक एड्रेस बिल्कुल सही है या
इसमें कुछ गलती है अगर हम देखें तो सर पहला पेयर बिल्कुल सही है सेकंड भी सही है थर्ड भी सही है फोर्थ भी सही है फिफ्थ भी
सही है लेकिन सिक्सथ पेयर में सर गड़बड़ है कि यहां पे जो वी हमारा लेटर है उसका यूज ले रखा है और मैक एडस कहता है कि वो ए
से एफ तक के कॉमिनेशन से ही बनाया जा सकता है आई होप आप सभी को मैक एड्रेस क्या है कैसा दिख रहा है और क्या इंफॉर्मेशन अपने
साथ लेके चलता है ये क्लियर होगा अब सवाल ये है कि सर हर एक हार्डवेयर के पास ये मैक एड्रेस है तो क्या हम चेक कर सकते हैं
कि किस हार्डवेयर को क्या मैक एड्रेस दे रखा है तो बिल्कुल करा जा स सकता है अगर आप एक विंडोज ऑपरेटिंग सिस्टम यूज ले रहे
हैं तो हम अपने कमांड प्रोमट सीएमडी में इस कमांड का यूज लेंगे गट मैक का अगर आप टर्मिनल यूज ले रहे हैं
यहां पे हमने गेट मैक लिख के जूम कर दिया अब मैं एंटर प्रेस करूंगा तो आप देखोगे मेरे पास जितने भी हार्डवेयर डिवाइस है
सबके मैक एड्रेसस ये मुझे यहां पे शो कर देगा तो ये रहे सबके मैक एड्रेस अब सर क्या यह मैक एड्रेस अपने साथ कुछ
इंफॉर्मेशन लेके चल रहा है क्या ये मुझे कुछ खास डाटा या डिटेल देगा तो हम क्या करते हैं इसको कॉपी कर लेते हैं तो हमने
यहां पे ऐसे इस एड्रेस को कॉपी किया और अगर आपके सामने कभी भी कोई भी मैक एड्रेस आए तो आप उस मैक एड्रेस से उस डिवाइस की
कुछ इंफॉर्मेशन कलेक्ट कर सकते हैं जो आपके काम आएगी कैसे करेंगे तो सर उसके के लिए हम जाएंगे हमारे ब्राउजर पे एंड
ब्राउजर पे जाके हम यहां पे लिखेंगे मैक ल अप मैक ल अप लिखते ही जैसे आप एंटर प्रेस करेंगे तो आपके सामने डिफरेंट डिफरेंट
वेबसाइट आ जाएगी मैं यहां पे तीनों वेबसाइट्स को ओपन कर देता हूं फर्स्ट थ्री वेबसाइट्स को मैंने डीएनए चेकर को ओपन करा
मैक वेंडर्स को ओपन करा और एक यूआरएल को छोड़ने के बाद macup101 तो हमने सर्च पर क्लिक करा आप देख सकते
हैं इसके स्टार्टिंग के तीन पेयस के हिसाब से इसने इंफॉर्मेशन निकाली इसने हम बताया कि आपका वेंडर इटेल है और आपका एड्रेस
क्या है वह भी बता दिया बहुत ही डिटेल में तो हमें अच्छी इंफॉर्मेशन दे दी इसने अगर हम दूसरे वेबसाइट पर जाए हम डिफरेंट
डिफरेंट सोर्सेस यानी डिफरेंट डिफरेंट वेबसाइट इसलिए यूज रहे कई वेबसाइट हमें बहुत अच्छा आउटपुट दे देती है तो हमने य
एंटर प्रेस करा आप देख सकते हैं इसने केवल और केवल कंपनी का नाम बताया उससे ज्यादा इंफॉर्मेशन नहीं दी थर्ड वेबसाइट पर चलके
देखते हैं यह कितनी इंफॉर्मेशन देगा पेस्ट एंड एंटर तो सर इसने पहले से ज्यादा इंफॉर्मेशन दी और ज्यादा अच्छे से दी है
इसने हम वेंडर का नाम बताया एड्रेस बताया ठीक है और उसके अलावा उसकी लोकेशन भी यहां पर मार्क करके बता दी जितनी डिटेल्स इसके
पास थी वो बता दिया इनिशियल रजिस्ट्रेशन इस डिवाइस का कब हुआ था वह भी बता दिया इतनी डिटेल हमें केवल वेबसाइट्स के जरिए
मिल गई एक मैक एड्रेस [संगीत] की हम देखने वाले हैं पोर्ट्स इन
नेटवर्किंग यानी हम ये समझने वाले हैं है कि इस नेटवर्किंग के पूरे कांसेप्ट में जहां पे अभी तक हमने देखा आईपी क्या है
टाइप्स ऑफ नेटवर्क्स क्या होते हैं मैक एड्रेस क्या होता है वहां अब हम समझने वाले हैं कि पोट्स असल में है क्या और
इसका यूज़ क्या है मतलब क्यों हमारे लिए काम किए तो स्टूडेंट्स अब इस पूरे कंसेप्ट को समझने के लिए हम देखेंगे सबसे पहले
व्हाट इज पोर्ट देन देखेंगे काम कैसे करती है देन देखेंगे हमारे पास कितने टाइप्स होते हैं पोर्ट्स के अंदर और फिर देखेंगे
कुछ डिफॉल्ट पोर्ट्स और उनकी सर्विसेस तो बिना देरी करते हुए बढ़ते हैं पहले टॉपिक की तरफ जो कि है व्हाट इज पोर्ट पोर्ट असल
में है क्या तो उसको इजस्ट तरीके से समझने के लिए पहले इसके जो पॉइंट्स है उनको देख लेते हैं जैसे कि यहां पे सर लिखा है पाथ
और लिखा है कम्युनिकेशन देन लिखा है ओनली ऑन ओपन पोर्ट्स एक नंबर लिखा है जो कि वन से है 65535 तक का और उसके बाद लिखा हुआ
है वन पोर्ट एट अ टाइम अभी हमसे कहना क्या चाह रहा है तो स्टूडेंट्स ये हमें पता है कि अगर नेटवर्किंग में एक सिस्टम को दूसरे
सिस्टम से बातचीत करनी है यानी कम्युनिकेशन करना है तो दोनों के पास एड्रेस होना जरूरी है और वह एड्रेस कौन सा
होता है सर वह एड्रेस होता है आई एड्रेस करेक्ट तो यहां पे हम मान लेते हैं हमारे पास आई एड्रेस है
4.4.4 4 और इसके पास भी एक आई एड्रेस होगा मान लेते हैं 1.11.1 अब दोनों को आपस में कम्युनिकेशन
करना यानी बातचीत करनी है डेटा शेयरिंग करनी है दोनों के पास अपने-अपने एड्रेस है लेकिन सवाल यह है कि जब सिस्टम ए सिस्टम
बी को कोई पैकेट भेजेगा तो किसी ना किसी रास्ते के जरिए तो भेजेगा यानी अगर हम दो घरों का एग्जांपल लें यहां पे तो हमारे
पास यूजर ए है और यूजर भी है एंड आई होप आप सभी ने बचपन में कार्टस देखेंगे और शायद आप लोग रिमाइंड कर पाए याद कर पाए
रिकॉल कर पाए कि ये घर किसके हैं तो यहां पे ये शिजुका और नोबिता का घर है अब इसको हम रिनेम कर देते हैं हम एक काम करते हैं
शिजुका को नोबिता से कम्युनिकेशन करना है बातचीत करनी है या फिर कोई बुक या फिर कोई डिश जो उसने बनाई है वो सेंड करनी है शेयर
करनी है है ना अब यहां पे क्या होगा कि सर दोनों के पास एक-एक एड्रेस होगा दोनों के घर का एक-एक एड्रेस होगा है ना लेकिन जब
शिजुका नोबिता को कोई भी चीज कूरियर करेगी एग्जांपल के तौर पे कोई बुक कूरियर कर रही है तो यह बुक को यहां तक पहुंचने के लिए
क्या एक ही रास्ता मिलेगा क्या एक जगह से दूसरी जगह एक सोच से दूसरे डेस्टिनेशन पे जाने का एक ही रास्ता होता है अगर आप भी
आज डब्ल्यू एस क्यूब टेक आना चाहे या मेरे घर आना चाहे तो क्या उसका एक ही रास्ता है ऐसा तो पॉसिबल नहीं है सर बहुत सारे
रास्ते होंगे इसका मतलब एक सोर्स से डेस्टिनेशन पर जाने के काफी सारे रास्ते हो सकते हैं और इन रास्तों को नेटवर्किंग
में हम पोर्ट्स कहते हैं यानी सर जिस रास्ते के जरिए डाटा सेंड करा जा रहा है रिसीव करा जा रहा है उस रास्ते को
नेटवर्किंग में पोर्ट कहा जाता है तो पोर्ट का मतलब और कुछ नहीं सर वो रास्ते हैं जिसके जरिए डेटा शेयरिंग हो रहा है तो
अब यहां पे हमें यह तो समझ आया कि पोट्स क्या है और इसके जरिए डेटा शेयरिंग हो रही है इन पोर्चस के रूल्स को हमें समझना
पड़ेगा ताकि हमें अच्छे से पता पड़ जाए कि काम कैसे करते हैं जैसे आईपी के हमने रूल्स को देखा तो हमें आईपी के बारे में
काफी चीजें क्लियर हो गई वैसे ही पोस्ट के भी खुद के कुछ रूल्स है क्या-क्या रूल्स है देखते हैं सबसे पहला पार्ट य है सर एक
एग्जांपल लेते हैं कि शिजुका ने जो बुक कुरियर करी वो मान लेते हैं डीटीडीसी कंपनी के जरिए कुरियर करी तो डीटीडीसी
कंपनी क्या कर रही है एक सर्विस प्रोवाइड कर रही है तो इस कंपनी ने या आप कह सकते हो सॉफ्टवेयर ने क्या करा कि इस बुक को
लिया इस कंपनी ने इस बुक को लिया और यहां से नोबिता के घर तक पहुंच गए अब नोबिता के घर तक जाने के चार रास्ते हैं फिलहाल य पर
गली नंबर वन गली नंबर टू गली नंबर थ्री एंड गली नंबर फोर तो यह जो कंपनी कि ये कौन सी गली प वेट कर रही है कौन से रास्ते
प वेट कर ही है कौन से रास्ते प पैकेट लेकर पहुंची है सर गली नंबर फोर पे अब कैसा हो अगर नोबिता जो है वो गली नंबर वन
पे वेट कर रहा हूं और नोबिता से कम्युनिकेट करने का कोई दूसरा साधन नहीं है कोई मोबाइल या मैसेज करके नहीं बता
बताया जा सकता कि हम गली नंबर फोर पे वेट करें तो उस केस में क्या होगा यानी अगर आपके घर पे कोई कूरियर आया है और जिस जगह
पे कुरियर बॉय खड़ा है आपको नहीं पता कि कुरियर बॉय कहां है और आप उस कुरियर बॉय तक नहीं पहुंच पा रहे तो उस केस में क्या
होगा सर अगर हम कुछ देर तक कुरियर बॉय के पास नहीं पहुंचते है तो वो कूरियर वापस रिटर्न हो जाएगा या फिर वो अपने ऑफिस में
ले जाके उसको रख दिया जाएगा बेसिकली हम तक तो वो कूरियर नहीं पहुंचेगा तो वही चीज यहां पे होगी पोर्ट का एक रूल है पोर्ट कह
रहा है कि सर जिस रास्ते पे हमने पैकेज सेंड करा है जिस रास्ते पे बातचीत करने के लिए हमने पैकेज सेंड करा है वहां पे एक
रिसीवर होना जरूरी है ओबवियस सी बात है अगर रिसीवर नहीं होगा तो पैकेट रिसीव कौन करेगा इसका मतलब उस रास्ते का ओपन होना
जरूरी है वहां पे एक पर्सन होना जरूरी है जो उस पैकेट को रिसीव कर सके और अगर ऐसा नहीं होगा तो आपका पैकेट आप तक नहीं
पहुंचेगा यही चीज हमें पोर्ट ने समझाई तो यह था इसका पहला रूल पहला रूल क्या कह रहा है जिस रास्ते पर पैकेट भेजा है वहां
पर रिसीवर होना जरूरी है यानी उस पोर्ट का ओपन होना जरूरी है कि उस पैकेट को कोई एक्सेप्ट करे यह पहला रूल था अब दूसरा रूल
क्या कहता है सर जैसा आप देख सकते हैं हमने जो गलिया बनाई है जो रास्ते बनाए हैं यह बहुत पतले बनाए हैं मतलब बहुत बड़ी
सड़के नहीं हैय बहुत पतले रास्ते हैं तो एक रूल यह भी है कि मान लेते हैं यानी इस रास्ते से जो पैकेज सेंड हो रहा था वो
डीटीडीसी सेंड कर रहा था यानी इस रास्ते को कौन यूज ले रहा है फिलहाल डीटीडीसी यूज ले रहा है पैकेट भेजने के लिए है ना तो
अगर इस रास्ते को कोई एक सॉफ्टवेयर यूज ले रहा है तो पोर्ट का रूल यह कहता है कि एक रास्ते को एक बार में केवल एक ही पर्सन
यूज ले सकता है यानी जब तक डीटीडीसी गली नंबर फोर को यूज ले रहा है तब तक कोई दूसरा यूजर इस रास्ते को यूज नहीं ले सकता
यह रास्ता फिलहाल इन यूज है और कोई भी दूसरा सॉफ्टवेयर या कोई भी दूसरा पर्सन इस रस्ते को यूज नहीं ले पाएगा पोर्ट का दू
रूल है कि एक रास्ते को एक बार में एक ही जनाह यूज लेगा हां लेकिन अगर इसका काम कंप्लीट हो जाए और इस रास्ते को अब यूज
नहीं ले रहा है तो कोई भी दूसरा शॉपवेयर यानी कोई भी दूसरा पर्सन इस रास्ते को यूज ले सकता है ये हमारे पोर्ट का दूसरा रूल
है नेटवर्किंग के अंदर लद रियल वर्ल्ड एग्जांपल्स में हमारे साथ ऐसा रेयरली होता है मतलब इतनी पतनी गलियां रेयरली होती है
बट फिर भी ऐसा हो सकता है कि कोई गली है और वहां से सामने से कोई ट्रक आ रहा है आपके पास रास्ता नहीं है आसपास से जाने का
तो आपको उस रस्ते से हटना पड़ेगा यानी उस रस्ते को कोई दूसरा पर्सन यूज नहीं ले सकता जब तक वो ट्रक उस रास्ते पे जब वो
ट्रक अपना उस रास्ते को यूज ले लेगा उसका काम कंप्लीट हो जाएगा तो उस रास्ते पे कोई भी आ सकता है आई होप आपको पोर्ट के दोनों
रूल क्लियर हो गए होंगे अब सवाल ये है कि सर नेटवर्किंग में बात करने के लिए हमारे पास रास्ते हैं कितने क्या केवल चार
रास्ते हैं नहीं नेटवर्किंग में कम्युनिकेशन करने के लिए हमारे पास वन से 65535
65535 रस्ते हैं इनके जरिए हम सारा कम्युनिकेशन यानी बातचीत परफॉर्म कर सकते हैं आई होप सभी को ये बहुत अच्छे से
क्लियर हो गया होगा एक बार हम रिकॉल कर लेते हैं पॉइंट्स के जरिए तो पोज कुछ नहीं है पाथ है यानी रास्ता है जिसके जरिए
कम्युनिकेशन करा जा सकता है ठीक है पोर्ट के कुछ रूल है कि एक बार में एक पोर्ट को एक ही पर्सन यूज लेगा और पोर्ट के जरिए
जिस पर कम्युनिकेशन करा जा रहा है वो पोर्ट का ओपन होना जरूरी है यानी वहां पे रिसीवर होना जरूरी है तो दोनों रूल्स हो
गए नंबर ऑफ पोर्ट्स है हमारे पास 65535 आई होप आप सभी को पोर्ट्स का कांसेप्ट क्या कहता है क्लियर हो गया होगा
कि सर पैकेज सेंड करने के लिए हमारे पास एक रिसीवर होना जरूरी है और हमारे पास 65535
रास्ते हैं जिसके जरिए हम कम्युनिकेशन कर सकते हैं प्लस एक बार अगर एक रास्ते को कोई यूज ले ले तो दूसरा पर्सन उसे यूज
नहीं ले सकता अब क्योंकि हमें यह सारे पॉइंट्स क्लियर है तो हम एक काम करते हैं एक छोटा सा टेस्ट ले लेते हैं इसको रिकॉल
कर लेते हैं यहां पे हमारे पास एक रियल सिस्टम है जिसके पास उसका एक आईपी एड्रेस होगा एग्जांपल के तौर पर
4.4.4 ये इसका आईपी एड्रेस है एग्जांपल के तौर पर हमने माना है और हमारे पास एक और है सिस्टम बी जिसका आईपी एड्रेस है
1.1.11 अब अब सिस्टम ए को सिस्टम बी से बात करनी है कम्युनिकेशन करना लेकिन ये ऑब् वियस है कि वो बातचीत किसी ना किसी
सॉफ्टवेयर के जरिए होगी करेक्ट तो यहां पे क्या हुआ कि सर हमने जूम सॉफ्टवेयर को स्टार्ट करा अब जूम सॉफ्टवेयर मेरे सिस्टम
से बाहर पैकेट भेजेगा मुझे अभी तक इतना पता पड़ा है कि सिस्टम के पास बात करने के लिए टोटल
65535 रास्ते हैं किसी भी रास्ते के जरिए हम पैकेज सेंड कर सकते हैं कम्युनिकेशन कर सकते हैं तो जब हमने जूम को स्टार्ट करा
तो जम ने बोला कि मैं तो पोर्ट नंबर a0 a0 के जरिए बातचीत करूंगा तो यहां पे हमारी जो पोर्ट 080 थी उसके जरिए जूम ने एक
पैकेज सेंड करा गली नंबर बी को कौन से पोर्ट पे करा सर 080 पे ही करा अब मेरा क्वेश्चन आप सभी से यह है कि कि हम इस
यूजर को यानी सिस्टम बी को जिसका आईपी 1.11.1 है उसे कैसे बताएं कि उसकी पोर्ट 8080 पे हमने एक पैकेज सेंड करा है
क्योंकि पोर्ट का पहला रूल आप सभी को याद होगा जिस हस्ते पे पैकेट भेजा है वहां पे एक रिसीवर होना जरूरी है तो अब ये जो यूजर
बी है यह पोट 8080 प डाटा रिसीव करेगा कैसे 65535 पोस्ट में से इसको कैसे पता पड़ेगा
कि हमने कौन से रास्ते पर पैकेज सेंड करा है क्या सर इसके लिए हम एक और पैकेट भेजेंगे ताकि उसको अवेयर कर सके कि हम किस
पोर्ट पर पैकेट भेजने वाले हैं तो अगेन ये क्वेश्चन होगा कि अगर आपने कोई भी पैकेट भेजा तो आप किसी रास्ते प भेजोगे आप जिस
भी रास्ते प भेजोगे आप यूजर भी को बताओगे कैसे कि उस रास्ते प एक पैकेट आया है यानी व उस रास्ते को ओपन करके वहां पर लिसनिंग
क्यों ऑन रखेगा या फिर एक रिसीवर क्यों बैठाए तो सर यह तो पॉसिबल नहीं होगा इस चीज को सॉल्व कैसे करा जाए हम यूजर को
नहीं बता सकते कि हमने किस रास्ते पे पैकेट भेजा है कम्युनिकेशन के लिए और यह जो प्रॉब्लम है इसको सॉल्व करने के लिए जम
कंपनी ने क्या करा कि जब जम के डेवलपर्स यानी zombs.io रास्ते पे बात करेंगे तो जब हमने हमारे जम
को स्टार्ट करा और इसने अपने जूम को स्टार्ट करा तो दोनों ही 80 0 पे ही कम्युनिकेशन कर रहे हैं तो हमें उसे नहीं
बताना पड़ेगा कि कौन सी पोर्ट पे रिसीविंग करनी है क्योंकि उसे पता है इसी पोर्ट प रिसीविंग करनी है तो इस तरीके से हमारा
कम्युनिकेशन अच्छे से हो पाया पहला रूल जो था इस तरीके से सॉल्व हो पाया आई होप सभी को क्लियर हो गया होगा अब बात आती है
दूसरे रूल की यानी सर अगर हम यहां पे मान लेते हैं स्प को ओपन करें और बाय कॉनस इडेंस ऐसा हो कि स्प भी बोले कि मेरे को
बाय डिफॉल्ट पोर्ट 8080 का ही कन्फ दे रखा है क्योंकि डेवलपर्स ऐसे आपस में बात करके तो सॉफ्टवेयर बनाएंगे नहीं तो अब यहां पे
अगर ऐसा हो एक कोइंसिडेंस ऐसा आ जाए कि करना पड़ेगा कि भाई आपको भी पोर्ट 8181 पर सुनना पड़ेगा अगर स्काइप से बात करनी है
तो यानी जो भी पोर्ट हम चेंज करेंगे वहां भी कॉन्फिन करनी पड़ेगी तो नॉर्मली हम यही प्रेफर करते हैं कि सर पहला सॉफ्टवेयर जो
है वो अपना टास्क कंप्लीट कर दे फिर हम दूसरे सॉफ्टवेयर को स्टार्ट करें जो हमारी प्रायरिटीज है उसके हिसाब से हम सॉफ्टवेयर
को यूज लेते हैं आई होप स्टूडेंट्स आप सभी को पोस के बारे में अभी तक जो भी हमने समझा वो क्लियर होगा बात करते हैं टाइप्स
ऑफ पोल्स की क्या हमारे पास कितने टाइप्स है पोस्ट के सबसे पहला देखा जाए तो वेल नोन पोस्टस ये बेसिकली कैटेगरी डिवाइड कर
रखी है कुछ ज्यादा डिफरेंस नहीं है हमारे पास 65535 पोस्ट थी उनके काम के हिसाब से उनके
यूज के हिसाब से उनको अलग-अलग कैटेगरी दे दी गई है जैसे कि 0 से लेकर 1023 तक की जो पोस्ट्स हैं उन्हें वेल नोन पोस्ट क्यों
कहा जाता है क्योंकि सर ये वो पोस्ट है जो बहुत ही कॉमन है कॉमन से मेरा मतलब है ये पोस्ट वो पोस्ट है जो सबसे ज्यादा यूज हो
रही होती है ज्यादातर यूज हो रही होती है एग्जांपल के तौर पर अगर मैं आप लोगों से पूछूं कि एचटीटीपी सर्विस जो है वो कौन सी
पोर्ट पर वर्क करती है तो आप में से काफी लोगों को पता होगा कि सर बाय डिफॉल्ट पोर्ट नंबर 80 पे काम करती है अब आपको यह
क्यों पता है क्योंकि यह सर्विस बहुत कॉमन है बहुत ज्यादा यूज होती है और बाय डिफॉल्ट इस रास्ते को यूज लेती है तो ऐसे
ही वो सॉफ्टवेयर जो ज्यादातर हम लोग यूज लेते हैं चाहे एटीटीपी हो एचटीटीपीएस हो एफटीपी हो एसएमटीपी हो इनमें से कुछ के
बारे में आपको पता होगा कुछ के बारे में नहीं वो कॉमन सॉफ्टवेयर जो हम ज्यादा यूज लेते हैं वो बाय डिफॉल्ट इन्हीं पोस्ट को
यूज ले रहे होते हैं तो इनको वेल नोन पोस्ट कहा जाता है कि भाई ये बहुत कॉमन पोस्ट है सबको पता है कि कौन-कौन से
सॉफ्टवेयर इन पोस्ट को यूज ले रहे हैं हमारे लिए क्यों काम किया क्योंकि सर जब भी एक साइबर सिक्योरिटी एक्सपर्ट एक एथिकल
हैकर या ब्लैक हैट हैकर कोई सॉफ्टवेयर बनाता है तो वो ये ध्यान रखता है कि उस सॉफ्टवेयर को ऐसी पोर्ट ना दी जाए बिकॉज़
अगर उसने इनमें से कोई भी एक पोर्ट दी मान लेते हैं हमने हमारे सॉफ्टवेयर को पोर्ट 80 दी और सॉफ्टवेयर गया विक्टिम सिस्टम
में ताकि उस विक्टिम सिस्टम को कंट्रोल कर सके तो जब ये सॉफ्टवेयर विक्टिम सिस्टम में जाके रन होगा तो उसको एरर आ सकती है
कि सर पोर्ट 80 तो ऑलरेडी एसटीटीपी यूज़ ले रहा है आप यूज़ नहीं ले सकते तो सॉफ्टवेयर का सारा काम खराब हो जाएगा तो
ऐसे केसेस में हम ये डिफाइन करते हैं कि सर हम जो सॉफ्टवेयर यूज दे रहे हैं उसकी पोर्ट इतनी यूनिक तो हो कि पहले से इन यूज
ना आए क्योंकि पोर्ट का रूल कह रहा है एक बार में एक रास्ते को एक ही जनह यूज लेगा तो हमें थोड़ी यूनिकनेक्ट
पोस्ट अलॉट करते हैं वो पोस्ट जो हम लोग यूज ले सकते हैं रजिस्टर्ड का मतलब ये नहीं है कि ये फिक्स हो चुकी है कि यही
पर्सन इसे यूज लेगा तो इसका मतलब ये नहीं है कि ये पोस्ट ऑलरेडी किसी ने रख ली इसका मतलब यह है कि आप लोग अपने टास्क के लिए
इन पोस्ट को यूज ले सकते हैं तो हम लोग प्रेफर करते हैं कभी भी कोई टूल बनाए कोई भी ऐसी सर्विस बनाए या ओपन करें तो ऐसी ही
पोर्ट यूज ले जो ऑलरेडी न यूज ना हो ताकि हम एरर से सके उसके अलावा डायनेमिक पोस्ट है जो रैंडम यूज होता रहता है हम लोग
इन्हें कम प्रेफर करते हैं डायनेमिक पोस्ट को नॉर्मली टेस्टिंग्स में ज्यादातर यूज लिया जाता है तो हम कम प्रेफर करते हैं कि
इनमें से किसी पोर्ट को हम लोग यूज ले आई होप आप सभी को यह क्लियर हो गया होगा कि पोस्ट की कैटेगरी क्या और हमारे लिए किस
तरीके से काम आ रही है एक बार इस चीज को और अच्छे से क्लियर करने के लिए हमने यहां पे कुछ डिफॉल्ट पोट्स और उनकी सर्विसेस
बता रखी यानी कौन सी पोर्ट को बाय डिफॉल्ट कौन यूज लेता है इससे आपको और अच्छी चीज आईडिया लग जाएगा तो यहां पे अगर आप देखें
तो पोट 20 को कौन यूज ले रहा है सर एटी यूज ले रहा है 21 को कौन यूज ले रहा है एफटीपी कंट्रोल 22 को एसएसए 25 को
एसएमटीपी देन डीएनएस देन एटीटीपी यूज ले रहा है पोट 80 को और इसी तरीके से 110 को पीओ 3 यूज ले रहा है और एसएसएल यानी
एचटीटीपी एस जो आप देखते हो वो एचटीटीपीएस कौन सी पर्ड को यूज ले रहा होता है [संगीत]
443 तो अभी तक हमने आईपी पोर्ट्स मैक एड्रेस या हमारे टाइप ऑफ नेटवर्क्स के बारे में काफी सारी चीजें जी अब हम देखने
वाले हैं कि हमारे पास नेटवर्किंग में प्रोटोकॉल्स क्या रोल प्ले कर रहे हैं इनकी क्या जरूरत है तो इसके लिए हम
क्या-क्या समझेंगे सबसे पहले हम देखेंगे प्रोटोकॉल्स होते क्या है नेटवर्किंग प्रोटोकॉल्स है क्या असल में देन हम
देखेंगे हमारे पास कितने टाइप्स के प्रोटोकॉल्स हैं और उसके अंदर हम देखेंगे टीसीपी जो कि एक बहुत ही इंपोर्टेंट
प्रोटोकॉल है वह कैसे काम करता है और फिर हम देखेंगे टीसीपी वर्सेस यूडीपी तो बिना देरी करते हुए स्टूडेंट्स स्टार्ट करते
हैं और समझते हैं कि जिस तरीके से हमने लास्ट एग्जांपल लिया था कि दो सिस्टम्स अगर आपस में बातचीत करना चाह या फिर एक घर
से अगर दूसरे घर में हम कुछ सेंड करना चाहते हैं कुछ कूरियर करना चाहते हैं तो पहले तो दोनों के पास एक एक एड्रेस होना
चाहिए अब मान लेते हैं कि घर ना हो के अगर कोई सिस्टम होते तो इनके पास एड्रेस आईपी एड्रेस होता जैसे
4.4.4 और इस सिस्टम के पास होता है आईपी एड्रेस 1.11.1 अब यहां पर अगर एक जगह से दूसरी
जगह पर हमें कुछ कूरियर करना है तो उसके लिए हम रास्तों का यूज लेते हैं और रस्तों का मतलब है पो आप सभी को आईडिया होगा कि
हमारे पास नेटवर्किंग में 65535 पोट्स हैं बात करने के लिए लेकिन सवाल ये है कि जब हम एक रास्ते पे कोई भी
चीज कूरियर कर रहे हैं या फिर अगर आज मैं अपने घर से मेरे ऑफिस जाना चाहूं या ऑफिस में कोई सामान लेकर जाना चाहूं तो जब मैं
सोर्स टू डेस्टिनेशन यानी एक जगह से दूसरी जगह जा रहा हूं तो जिस रास्ते पे मैं ट्रेवल करता हूं मैं वहां के रूल्स और
रेगुलेशंस डेफिनेटली फॉलो करता हूं अगर नहीं करूंगा तो क्या होगा तो सर उससे हमें नुकसान हो सकता है यानी अगर हम एक रास्ते
से जा रहे हैं और हमने यहां पे जो ट्रैफिक रूल्स की भी अगर हम बात करें फॉलो ना करें जैसे कि रेड लाइट प हम नहीं रुके या हमने
सीट बेल्ट नहीं लगाया या हमने हेलमेट नहीं पहना ऐसे कोई भी अगर हम रूल्स को फॉलो नहीं करते तो इससे हमें नुकसान हो सकता है
हो सकता है कि सर यहां पे अगर गलती से कोई एक्सीडेंट हो गया तो हम आगे ना पहुंच सके तो इसका मतलब रूल्स और रेगुलेशंस को अगर
हम फॉलो करेंगे तो हम जो है सेफली अपनी डेस्टिनेशन तक पहुंच सकेंगे और सेम नेटवर्किंग में भी अप्लाई होता है
नेटवर्किंग कह रही है कि सर अगर आप एक सिस्टम से दूसरे सिस्टम में कोई पैकेज सेंड कर रहे हो बात करने के लिए तो तो अगर
वो पैकेट रूल्स और रेगुलेशंस अच्छे से फॉलो करेगा तो वह सेफ्टी और सिक्योरिटी के साथ सामने वाले सिस्टम तक पहुंच पाएगा
यानी कम्युनिकेशन कर पाएगा लेकिन सर अगर आपने सेफ्टी और सिक्योरिटी का ध्यान नहीं रखा तो हो सकता है पैकेट ड्रॉप हो जाएगा
हो सकता है पैकेट वापस चला जाएगा या खराब हो जाए करप्ट हो जाए या फिर कोई ब्लैक हैट हैकर उस पैकेट को रीड कर ले उसे बीच में
एक्सेस कर ले तो हमें रूल्स रेगुलेशंस को फॉलो करना पड़ता है और इन्हीं रूल्स रेगुलेशंस को हम प्रोटोकॉल्स कहते हैं तो
यहां पे डेफिनेशंस के जरिए समझने की कोशिश करते हैं कुछ पॉइंट्स के जरिए प्रोटोकॉल को समझने की कोशिश करते हैं सबसे पहला
पॉइंटर बोल रहा है सर ये सेट ऑफ रूल्स है अगर मैं बात करूं स्कूल कॉलेजेस की तो आपने वर्ड सुना होगा प्रोटोकॉल्स है ना
स्कूल के प्रोटोकॉल्स है कॉलेज के प्रोटोकॉल्स हैं लॉ के कुछ प्रोटोकॉल्स हैं हमें उन्हें फॉलो करना होता है तो
यहां पे प्रोटोकॉल्स का मतलब सेट ऑफ रूल्स है और नेटवर्किंग में य मैं बता रहे हैं कि डाटा किस तरीके से ट्रांसमिट करा जाएगा
यानी डाटा का जो ट्रांजैक्शंस है चाहे रिसीव हो रहा हो चाहे सेंड हो रहा हो वो किस तरीके से होगा और इसकी मदद से हमारा
जो डिवाइस कम्युनिकेशन है वो और भी अच्छा हो पाता है यह हमारे प्रोटोकॉल्स का मतलब है यानी कुछ सेट ऑफ रूल्स जिसकी मदद से हम
अच्छे से कम्युनिकेशन कर सकते हैं यानी हम बताते हैं कि पैकेट किस तरीके से सेंड या रिसीव करे जाएंगे आई होप आप सभी को क्लियर
हो गया होगा कि प्रोटोकॉल असल में है क्या अब सर यहां पे हमने क्या करा हमारा जो टीसीपीआईपी मॉडल होता है क्या होता है
उसको और भी डिटेल में आगे चलके जरूर समझेंगे बट फिलहाल हमने यहां पे हमारा जो ओएआई मॉडल का एक अपडेटेड वर्जन है
टीसीपीआईपी मॉडल उसको रखा है और उसके आगे या उसके अंदर यूज होने वाले हमने सारे प्रोटोकॉल जो है वो मेंशन कर दिए हैं ऐसा
हमने इसीलिए करा है ताकि आप कुछ प्रोटोकॉल्स के नाम से केवल और केवल फैमिलियर हो सके अभी आपको उसको पूरा नहीं
समझना है धीरे-धीरे आगे की वीडियोस में आगे के हमारे सेशंस में आप लोग अच्छे से समझ जाएंगे फिलहाल अगर हम यहां पे देखें
तो एप्लीकेशन लेयर जो है वहां पे हमारे पास टेलनेट एसएमटीपी पीओपी 3 एफटीपी एनटीपी एचटीटीपी जो आपने डेफिनेटली सुना
होगा एसएनएमपी डीएनएस और एसएसए जैसे प्रोटोकॉल्स यूज़ होते हैं यह सब प्रोटोकॉल्स हैं सब अपना-अपना एक रोल प्ले
कर रहे हैं कुछ रूल्स रेगुलेशंस के जरिए डाटा को सेफ्टी और सिक्योरिटी के साथ ट्रांसफर करने के लिए देन हमारे पास है
ट्रांसपोर्ट लेयर ट्रांसपोर्ट लेयर में सर टीसीपी और यूडीपी एक बात आप सभी को बता दूं कि ये दोनों प्रोटोकॉल्स जो हैं वो
कोर कम्युनिकेशन प्रोटोकॉल्स माने जाते हैं कोर कम्युनिकेशन प्रोटोकॉल का मतलब है कि किसी भी सिस्टम को अगर किसी भी सिस्टम
से बात करनी है कोई भी दो सिस्टम्स को आपस में कम्युनिकेट करना है तो वहां पे ये प्रोटोकॉल्स पक्का यूज़ होंगे 100% यूज़
होंगे नेटवर्किंग में बात करने के लिए उसके अलावा सर इंटरनेट लेयर है जहां पे हमारे पास आईपी आईसीएमपी ए आरपी और
डीएससीपी जैसे प्रोटोकॉल्स यूज़ होते हैं क्या है धीरे-धीरे समझ जाएंगे हम और हमारी नेटवर्क एक्सेस लेर जिसमें हम नॉर्मली
हार्डवेयर डिवाइसेज को यूज़ लेते हैं जैसे इथरनेट ि प है डीएस है तो यहां पे हमने ये क्यों पढ़ा तो सर हमने केवल कुछ
प्रोटोकॉल्स के नाम से फैमिलियर होना था ताकि धीरे-धीरे जब हम इनको पढ़ते जाए इनके बारे में इनप हैकिंग परफॉर्म कर पाए तो
हमें बहुत क्लियर हो कि हम असल में किन पे और किस लेयर पे अटैक कर रहे हैं अब बात करते हैं टीसीपी की जैसा मैंने आपको कहा
कोर कम्युनिकेशन प्रोटोकॉल यानी सबसे ज्यादा यूज़ होने वाला प्रोटोकॉल टीसीपी है जिसकी मदद से हम नेटवर्किंग में बातचीत
करते हैं तो हम चाहेंगे कि सर हम टीसीपी की जो वर्किंग है वो अच्छे से समझ जाए और उसकी वर्किंग को समझने के लिए टीसीपी के
पास उसके छह फ्रेंड्स हैं अब इन छह फ्रेंड्स के काम क्या है ये क्या यूजफुल है इस टीसीपी के ये हमें समझना है यानी
टीसीपी के पास उसके छह फ्रेंड्स हैं जिनको हम फ्लैग्स कहते हैं यानी कुछ फंक्शंस है उनका काम हमें समझना है कि वो टीसीपी के
लिए कैसे यूजफुल है तो यहां पे जो सबसे पहला फ्लैग हमारे सामने लिखा हुआ है जो सबसे इसका पहला फ्रेंड है उसका नाम है यू
आरजी जिस इसका फुल फॉर्म है अर्जेंट फ्लैग का नाम क्या है सर यू आरजी है और उसका फुल फॉर्म है अर्जेंट और उसकी डेफिनेशन इसके
बारे में कह रही है डाटा कंटेंड इन द पैकेट शुड बी प्रोसेस इमीडिएट यानी सर ये कह रहा है कि अगर सिस्टम ए ने सिस्टम बी
को कोई पैकेज सेंड करा है तो इस पैकेट में जो भी डाटा लिखा हुआ है उसकी जो प्रोसेसिंग है उसकी जो वर्किंग है वो
अर्जेंट बेसिस पे होनी चाहिए यानी अभी के अभी होनी चाहिए इसका मतलब अगर मैं आप सभी को कहूं कि अभी के अभी वीडियो को लाइक
करें तो आप लोग क्या करेंगे अपना काम जो भी आप कर रहे थे वीडियो देख रहे थे आप उसको दो मिनट के लिए रोक के या फिर उसको
वहां पे स्किप करके पहले वीडियो को लाइक करेंगे यानी आपको पता है जब मैंने आपके सामने एक वर्ड यूज दिया कि अभी के अभी
लाइक करें तो उस टास्क की जो मैंने आपको एक टास्क दिया है लाइक करना उसकी प्रायोरिटी हाई हो गई आपको समझ आ गया कि
भाई इस काम को पहले करना है तो मैंने उसके साथ जो वर्ड यूज दिया अभी के अभी ये क्या कर रहा है अर्जेंसी बता रहा है टास्क की
प्रायोरिटी बता रहा है कि ये अभी होना चाहिए सो वैसे ही यहां पे भी यूर जीी फ्लैग काम आ रहा है यानी जर दो सिस्टम जब
कम्युनिकेट कर रहे हैं और आपने कोई पैकेट भेजा है आप चाहते हैं कोई काम हो लेकिन अर्जेंट हो बाकी सारे काम रोक के पहले य
काम करा जाए तो उसके साथ हम यू आरजी फ्लक को यूज लेते हैं यू आरजी फ्रेंड को यूज देते हैं आई होप सभी को क्लियर होगा कि यू
आरजी का काम क्या है किसी भी टास्क को अर्जेंट बेसिस प एग्जीक्यूट कराना प्रोसेस कराना यू आरजी का काम है देन हमारे पास
आता है इसका सेकंड फ्रेंड जिसका नाम है एफ आई एन विन का फुल फॉर्म है फिनिश और फिनिश अपने बारे में क्या कह रहा है यह कह रहा
है देयर विल बी नो फर्द ट्रांसमिशन यानी कह रहा है कि आगे कोई भी कम कम्युनिकेशन नहीं होगा कोई भी ट्रांजैक्शंस नहीं होंगे
ऐसा क्यों तो एक बहुत बेसिक एग्जांपल हम लेते हैं आई होप आप सभी ने डिफरेंट डिफरेंट सॉफ्टवेयर यूज लिए होंगे फाइल
शेयरिंग के लिए जैसे जेंडर शेयर इट ऐसे मल्टीपल सॉफ्टवेयर यूज लिए होंगे जिसके जरिए आप क्या करते हैं कोई मूवी कोई गेम
या कोई फाइल शेयर करते हैं करेक्ट अब हम एग्जांपल के तौर पर मान लेते हैं कि सर सिस्टम ए जो था और सिस्टम बी जो था दोनों
को कोई फाइल शेयर करनी थी यानी सिस्टम ए के पास एक बहुत ही अच्छी मूवी पड़ी थी ठीक है तो सिस्टम ए ने क्या करा सर जेंडर की
मजद से मदद से एक फाइल सेंड करी सिस्टम ए ने सिस्टम बी को एक फाइल सेंड करी अब यहां पे ये जो फाइल थी 100% सैंड हो चुकी है
इसको और अच्छे से समझना है तो मान लेते हैं आप और आपका एक फ्रेंड दोनों मूवी ट्रांसफर कर रहे हैं तो आपने जो मूवी सेंड
करना स्टार्ट करा था वो 100% कंप्लीट हो चुका है तो क्या ये फाइल शेयर होने के बाद भी आप इन दोनों सिस्टम्स के बीच में जो
कनेक्शन बना था जेंडर की मदद से उसे एक्टिव रखेंगे नहीं सर हम तो उसे तोड़ देंगे उस कनेक्शन को एक्टिव रखने का क्या
सेंस है अगर फाइल ट्रांसफर हो चुकी है तो कनेक्शन को बना के रखने का क्या सेंस है हम उस कनेक्शन को तोड़ देंगे तो वो सेम
चीज फिन करता है कि सर जब आपका डाटा ट्रांसफर हो चुका है अब आपको कनेक्शन बना के रखने की जरूरत नहीं है तो आप फिन फ्लैग
की मदद से फिन नाम के दोस्त की मदद से उस कनेक्शन को तोड़ सकते हैं आई होप सभी को क्लियर हो गया होगा कि फिन का यूज कहां पे
है डेटा ट्रांसफर होने के बाद हमें कनेक्शन तोड़ना होता है वहां पे फिन यूज आता है देन हमारे पास है आर एसटी फ्लैग अब
आर एसटी नाम का जो फ्लैग है या फ्रेंड है टीसीपी का इसकी फुल फॉर्म है रिसेट और इसकी डेफिनेशन कह रही है रिसेट अ कनेक्शन
यानी सर अक्सर ऐसा होता है कि जब दो सिस्टम्स के बीच में डाटा ट्रांसफर हो रहा होता है तो हो सकता है वो स्लो हो हो सकता
है सही से ना हो रहा हो हो सकता है कोई प्रॉब्लम आ रही हो कोई दिक्कत आ रही हो तो उसको रिजॉल्व करने के लिए क्या करा जाता
है सर कनेक्शन को रीस्टार्ट कर दिया जाता है आधी से ज्यादा प्रॉब्लम्स हम जानते हैं किसी सिस्टम को या किसी कनेक्शन को
रीस्टार्ट करने से सॉल्व हो जाती है तो वही चीज यहां परफॉर्म करी जा रही है आरएसडी फ्लग के जरिए तो जब हम आरएसडी फ्लग
को यूज लेते हैं तो कनेक्शन को ब करके फिर से स्टार्ट कर देता है तो जो बेसिक इश्यूज आ रहे थे प्रॉब्लम आ रही थी वो सॉल्व हो
जाती है आई होप सभी को क्लियर होगा आरएसडी क्या काम कर रहा है देन हमारे पास आता है पीएसएच फ्लैग पीएसएच का फुल फॉर्म है पुश
ये भी एक इंटरेस्टिंग फ्लैग है क्या काम कर रहा है यहां पे लिखा है सेंस ऑल बफर डटा इमीडिएट यह कह रहा है कि जितना भी बफर
डाटा बचा हुआ है पहले वोह सेंड करो और इसके कहने का मकसद क्या है तो एक बार फिर से हम हमारे इस एग्जांपल पर चलते हैं जहां
पे यूजर ए और यूजर बी कुछ ट्रांजैक्शंस कर देते हैं हमें काम करते से क्लियर करते हैं और फिर से यहां पे डिवाइस वन और
डिवाइस टू यानी डिवाइस ए और डिवाइस बी को यहां पे ऐड कर देते हैं दोनों ने जेंडर की मदद से कनेक्शन बनाया लेकिन जब कनेक्शन
बनाया और यूजर ए ने एक फाइल सेंड करना स्टार्ट करा मान लेते हैं मूवी सेंड करना स्टार्ट करा अब हुआ ये कि मूवी सेर 95 पर
ट्रांसफर हो चुकी थी 5 पर बाकी थी ऐसे केस में अगर यूजर बी डिस्कनेक्ट हो जाए किसी भी रीजन से हो सकता है उसके घर से उसको
किसी ने बुला लिया हो पापा का कॉल आ गया हो और इस वजह से वो जल्दी से वहां से चला गया कनेक्शन टूट गया अब ऐसे केस में क्या
होगा क्या ये मूवी अब यूजर बी के काम की है जो केवल 95 पर ट्रांसफर हुई है या 95 पर ट्रांसफर हुई है क्या ये मूवी काम की
है नहीं क्यों क्योंकि सर ये फाइल करप्ट हो जाएगी जब तक 100% ट्रांसफर नहीं होगी उसकी कुछ इंपॉर्टेंट फाइल उस तक नहीं
पहुंचेगी तब तक ये फाइल काम के नहीं है इसके करप्ट होने के चांसेस ज्यादा है तो इसी प्रॉब्लम को सॉल्व करने के लिए क्या
करा गया पुश फ्लैग का यूज लिया जाता है पुश क्या करता है कि सर जैसे आप कनेक्शन तोड़ना चाहते हैं आप देखेंगे एक
नोटिफिकेशन आएगा एक पॉपअप आएगा तो यहां पे होगा यह कि सर आधी फाइल तो काम नहीं आएगी ऐसे ही जब दो सिस्टम्स कनेक्ट करते हो
कनेक्शन तोड़ा जाता है जब फाइल पूरा ट्रांसफर नहीं हुआ जाता तब यहां पर पुश फ्लैग भेजा जाता है इसका मतलब दो सिस्टम
फाइल ट्रांसफर कर रहे थे जो सेकंड सिस्टम था उसको फाइल पूरी रिसीव नहीं हुई तो वो क्या करेगा पुश फ्लैग भेजेगा जिसका मतलब
है वो सिस्टम य को कहेगा कि अभी सारा डाटा ट्रांसफर नहीं हुआ है पहले जितना भी बचा हुआ डाटा है जितना भी बफर डाटा है आप वो
मुझे सेंड करो जब 100% डाटा मेरे पास रिसीव होगा तोही कनेक्शन टूटेगा तो कनेक्शन तोड़ने से पहले अगर आपके पास डाटा
रिसीव नहीं हुआ है वहां पे पुश फ्लैग काम आता है जो यूजर को कहता है कि आप पहले सारा डाटा सेंड करो देन हम कनेक्शन को
तोड़ने के प्रोसेस में आगे बढ़ेंगे आई होप आप सभी को समझ आ गया होगा पुश फ्लैग क्या काम कर रहा है उसके बाद सर हमारे पास आता
है एसीके एसीके का फुल फॉर्म है एक्नॉलेजमेंट फ्लैग अब एक्नॉलेजमेंट फ्लैग का मतलब क्या है तो इसकी डेफिनेशन कह रही
है एक्नॉलेजेस द रिसीप्ट ऑफ अ पैकेट अब इसका बहुत बेसिक सा मतलब है कि सर आपने अगर कोई पैकेज सेंड करा है तो आपको उसका
एक्नॉलेजमेंट मिलना चाहिए आपको पता पड़ना चाहिए कि आपका वो पैकेट के साथ क्या हुआ वो पहुंचा कि नहीं पहुंचा एग्जांपल के तौर
पे हम सब whatsapp2 टिक्स आ जाए तो इसका मतलब है कि सामने वाले सिस्टम पे विक्टिम यूजर पे या
फिर क्लाइंट के पास वो मैसेज पहुंच चुका है और अगर ये दोनों टक्स ब्लू हो जाए इसका मतलब उसने रीड भी कर दिया है मैसेज को पढ़
लिया है तो ये क्या हो रहा है हमारे भेजे हुए एक मैसेज के हमें एक्नॉलेजमेंट मिल र है हालाकि
में एक ऐसा फ्लैग है जो सबसे पहले यूज होता है ऐसा क्यों बिकॉज इस सिन का फुल फॉर्म है सिंक्रोनाइज और अगर इसकी
डेफिनेशन हम देखें तो वो हमें कह रही है इनिशिएटिव होस्ट यानी दो सिस्टम में जब कनेक्शन बनाया जाता है या कनेक्शन बनाने
की रिक्वेस्ट भेजी जाती है तो सबसे पहला फ्लैग सिन ही यूज होता है जो कहता है कि सर मैं आपसे कनेक्शन बनाना चाहूंगा इसका
एक और एग्जांपल ले लेते हैं अगर आज हम मान लेते हैं कि हम अनजान है हम एक दूसरे को नहीं जानते और मैं आप में से किसी भी एक
पर्सन के पास आऊ और मैं आपसे कहूं कि क्या मुझे आपके कांटेक्ट डिटेल्स मिल सकते हैं तो क्या आप लोग मुझे कांटेक्ट डिटेल शेयर
करेंगे डेफिनेटली नहीं क्यों बिकॉज़ हम हमारे बीच में कोई कनेक्शन नहीं है हम एक दूसरे को नहीं जानते लेकिन अगर ऐसा ना
करके मैं आपके पास वापस आऊं और इस बार मैं आपसे हाथ मिर हूं अपना इंट्रोडक्शन दूं यानी हम हैंड शेक करें मैं अपना
इंट्रोडक्शन दूं आपके बारे में कुछ जानू थोड़ा बहुत कम्युनिकेशन करके कनेक्शन क्रिएट कर दूं और उसके बाद आपको अगर मैं
कहूं कि क्या मुझे आपके कांटेक्ट डिटेल मिल सकती है तो क्या अब आप मुझे अपने कांटेक्ट डिटेल देंगे सर चांसेस हैं सो
बेसिकली ये सेम चीज यहां पे अप्लाई हो रही है नेटवर्किंग में भी जब दो सिस्टम्स को आपस में बात करनी है तो उनके बीच में
कनेक्शन क्रिएट होना जरूरी है उसके बाद ही डेटा ट्रांसफर होगा तो यहां पे कनेक्शन बनाने की शुरुआत कौन कर रहा है सिन फ्लैग
कर रहा है यानी जब मैंने आपके पास आके अपना हाथ आगे बढ़ाया ताकि हम हैंड शेक कर सके तो ये जो प्रोसेस था ये सिन फ्लैग है
नेटवर्किंग के अंदर आई होप आप सभी को क्लियर हो गया होगा तो ये है हमारे सिक्स फ्लैग्स टीसीपी के और उम्मीद है इन सभी
फ्लैग्स का काम आपको बहुत अच्छे से क्लियर होगा अब हम ये देखेंगे कि असल में ये टीसीपी के काम आते कैसे हैं किसका क्या
काम है वो तो समझ आ गया लेकिन टीसीपी कैसे बात करता है और यह लोग कहां पर और कब यूज हो रहे होते हैं तो इनको समझने के लिए हम
चलते हैं दो दोस्तों के पास एक का नाम है बिल और एक का नाम है शीला दोनों को एक दूसरे से बात करनी है यानी एक कनेक्शन
क्रिएट करना है नेटवर्किंग के अंदर कंप्यूटर नेटवर्किंग के अंदर सो यहां पर अगर आप ध्यान से देखें तो सबसे पहले बिल
ने क्या करा एक फ्लैग सेंड करा कौन सा फ्लैग सर सिन फ्लैग सिन का मतलब था कनेक्शन बनाने की रिक्वेस्ट तो जब बिल ने
शीला को सिन फ्लैग भेजा और ओबवियस बात है किसी रास्ते पे भेजा होगा कौन सा रास्ता यूज हो रहा है देखते हैं यहां पे लिखा हुआ
है आई वुड लाइक टू टॉक टू यू शीला ऑन पोर्ट 21 आर यू ओपन कि मैं आपसे पोर्ट 21 पे बात करना चाहता हूं इसका मतलब ये जो
गली है जो रास्ता है ये कौन सा था 21 21 रास्ते पे 21 नंबर पोर्ट पे बिल ने एक सिन फ्लैग भेजा जिसका मतलब बिल शीरा को कह रहा
है कि क्या आप इस रास्ते पे अवेलेबल हो क्या इस रास्ते पे हम कम्युनिकेशन कर सकते हैं कनेक्शन बना सकते हैं बात कर सकते हैं
अगर यह रास्ता ओपन हुआ क्योंकि पोर्ट का रूल था जिस ते प आप पैकेट भेज रहे हो उसका ओपन होना जरूरी है वहां पे रिसीवर होना
जरूरी है तो अगर यहां पे रिसीवर है यानी शीला स्पोर्ट पर एक्टिव है तो वो क्या करेगी रिप्लाई देगी तो देखते हैं इसके बाद
क्या हुआ शीला ने एक पैकेट रिप्लाई के तौर पर सेंड करा जिसमें हमारे पास दो फ्लैग्स है एक तो है सिन फ्लैग दूसरा है अनोज मेंट
फ्लैग अगर आप इसे ध्यान से देखें तो यह जो एनज मेंट फ्लैग है यह क्या बोल रहा है यह कह रहा है कि आपका पैकेट मुझे रिसीव हो
चुका है आपने जो सिम फ्लैग भेजा था उसका रिप्लाई जो है उसकी रिसीव जो है मैं एक्नॉलेजमेंट के जरिए मिली तो हमें पता
पड़ गया कि हमारा पैकेज तो वहां पहुंच चुका है साथ ही साथ शीला ने भी सिन फ्लैग भेजा जिसका मतलब शीला कह रही है कि हां हम
कनेक्शन बना सकते हैं आप देख सकते हो य मैसेज के फॉर्म में हमने समझाने की कोशिश करी है तो शीला कह रही है ओके लेट्स टॉक
बिल आई एम ओपन ऑन पोर्ट 21 तो ये कह रही है कि पोर्ट 21 पे मैं ओपन हूं और हम बात कर सकते हैं तो सिन के जरिए शीला ने भी
कनेक्शन इनिशिएटिव के जरिए ये कंफर्म कर दिया कि आपका पैकेट मुझे मिल चुका था तो यहां तक की प्रोसेस
में बिल को पता पड़ गया कि पोर्ट 21 ओपन है और शीला इस रास्ते पर बात करने को रेडी है तो फाइनली बिल ने क्या करा सर एक अनज
मेंट फ्लैग भेजा जिसका मतलब है बिल ने शीला को बोला ओके थैंक्स शीला सो अब हमारे बीच में कनेक्शन क्रिएट हो चुका है और अब
इसके बाद क्योंकि दोनों में कनेक्शन बन चुका है एक रास्ता बन चुका है जिसके अंदर ये डाटा शेयर करेंगे तो अब ये जो भी डाटा
ट्रांसफर करना चाहे यहां पे ट्रांसफर कर सकते हैं सारा डाटा यहां पे ट्रांसफर पॉसिबल है कनेक्शन बनने के बाद आई होप आप
सभी को समझ आया होगा कि टीसीपी ने किस तरीके से कनेक्शन बनाया और अगर आप इसे ध्यान से देखें तो सबसे पहले यहां पे
स्टेप नंबर वन परफॉर्म हुआ जिसमें हमने सिन फ्लैग भेजा देन स्टेप नंबर टू परफॉर्म हुआ जिसमें हमें सिन और उसका एक्नॉलेजमेंट
मिल गया है ना देन स्टेप नंबर थ्री परफॉर्म हुआ जिसमें हमने अनोज मेंट फ्लैग भेज के कनेक्शन बना दिया तो यानी टीसीपी
जो है वो थ्री वे हैंड शेक को यूज लेता है टीसीपी के बारे में यह कहा जाता है कि सर ये थ्री वे हैंड शेक को फॉलो कर रहा है
इसका मतलब हैंड शेक जो है वो डिफाइन करता है कनेक्शन बनाने को तो तीन स्टेप्स के जरिए हैंड शेक हुआ इसलिए इसको थ्रीवे एन
शेक कहा जाता है तो हमेशा याद रखिएगा टीसीपी कम्युनिकेशन के लिए थ्रीवे एन शेक को फॉलो करता है जिसमें सबसे पहले सिन
फ्लैग जाता है देन सिन एक्नॉलेजमेंट आता है और उसके बाद एकम फ्लैग जाता है तब जाके कनेक्शन क्रिएट होता है और ये हर बार होता
है अब नेटवर्किंग में जिससे भी बात करते हैं ऐसे ही काम होता है आई होप आप सभी को टीसीपी का काम क्लियर हो गया होगा सो
स्टूडेंट्स अभी तक के प्रोसेस में ये तो समझ आया कि टीसीपी ने कनेक्शन बनाया कैसे अब कनेक्शन बनाने के बाद डेटा ट्रांसफर
होगा और डेटा ट्रांसफर जब कंप्लीट हो जाएगा तब क्या होगा कनेक्शन तोड़ा जाएगा तो अब हम ये देखेंगे कि कि टीसीपी के अंदर
सेशन टर्मिनेशन जब एक कनेक्शन क्रिएट हो जाता है तो उसे हम सेशन कहते हैं उस सेशन को तोड़ा कैसे जाए देखते हैं तो यहां पे
जब बिल का काम और शीला का काम कंप्लीट हो चुका था बिल ने क्या करा सबसे पहले एक फिन फ्लैग भेजा जिसका मतलब यह है कि बिल शीला
से यह कह रहा है आई एम डन विद द डेटा ट्रांसफर तो फिन फ्लैग बीच के बिल ने शीला को क्या कहा कि मेरी तरफ से जो डाटा
ट्रांसफर करना था मैंने वो कर दिया है उसने उसे कंफर्मेशन दे दिया कि अब हम कनेक्शन तोड़ सकते हैं लेकिन यहां पर बहुत
ध्यान से समझेगा बिल ने शीला को कहा कि मैं कनेक्शन तोड़ना चाहता हूं मेरी तरफ से मेरा काम हो चुका है शीला ने क्या करा
जैसे ही फिन फ्लैग आया शीला ने केवल एक रिप्लाई दिया शीला ने रिप्लाई दिया एसी के फ्लैग यानी एक एक्नॉलेजमेंट फ्लैग का ही
रिप्लाई दिया जिसका मतलब शीला ने कहा कि ओके आई रिसीवड योर टर्मिनेशन रिक्वेस्ट यानी आपके सेशन को तोड़ने की रिक्वेस्ट
कनेक्शन को तोड़ने की रिक्वेस्ट मुझे मिल चुकी है उसने यह नहीं कहा कि हां हम कनेक्शन तोड़ देते हैं उसने यह नहीं कहा
कि नहीं कनेक्शन नहीं तोड़ सकते उसने कोई रिप्लाई नहीं दिया उसने बस एक एक्नॉलेजमेंट भेजा जिसका मतलब उसने कहा कि
आपकी रिक्वेस्ट मुझ तक पहुंच चुकी है आपकी रिक्वेस्ट मुझे मिल गई है इसके बाद क्या हुआ तो शीला ने यहां पर प्रोसेसिंग करी
यानी शीला ने देखा कि भाई जितना भी डाटा था वो 100% ट्रांसफर जो है वो कंप्लीट हुआ है या नहीं हुआ है जब शीला ने देखा सब कुछ
सही है ट्रांसफर कंप्लीट हो चुका है सारा तो शीला ने फाइनली एक फिन फ्लैग भेजा जिसका मतलब शीला ने बिल को कहा कि ओके आई
हैव रिसीवड ऑल दी डाटा सें यानी मेरी तरफ से भी अब हम कनेक्शन तोड़ सकते हैं मुझे सारा डाटा रिसीव हो चुका है इस ड्यूरेशन
में ने गैप लिया जिसमें इसने प्रोसेस करा कि डाटा सारा रिसीव हुआ है कि नहीं जब फाइनली इसने फिन फ्लैग भेजा तो बिल ने इस
फिन का रिप्लाई दिया एजमेंट फ्लैग के जरिए जिसका मतलब कि ठीक है आपकी तरफ से भी मुझे रिक्वेस्ट मिल चुकी है कनेक्शन तोड़ने की
तो क्योंकि अब दोनों ने फिन फ्लैग बेज के कंफर्म कर दिया है कनेक्शन टूटना चाहिए तो अब यहां पे कनेक्शन तोड़ दिया जाएगा सो आई
होप लर्नर्स आप सभी को टीसीपी का सेशन टर्मिनेशन समझ आ गया होगा कि वो कनेक्शन को तोड़ता कैसे हैं अब अगर क्लियर है तो
एक मेरा डाउट है उम्मीद है आप सब लोग उस डाउट को जरूर क्लियर करेंगे तो डाउट यहां यहां पे कुछ ऐसा है मैं इसको क्लियर कर
देता हूं मान लेते हैं बिल ने फिन रिक्वेस्ट भेजी उसने बोला मेरा काम कंप्लीट हो चुका है मैं चाहता हूं कनेक्शन
तोड़ दिया जाए शीला ने एकन फ्लैग भेजा जिसका मतलब उसने कहा कि आपकी रिक्वेस्ट मुझे मिल चुकी है लेकिन जब यहां पे शीला
ने प्रोसेसिंग करी तो उसने देखा कि उसके पास केवल 99 पर डाटा ट्रांसफर हुआ है 1 पर डाटा अभी भी बाकी है तो ऐसे केस में शीला
क्या करेगी मैं चाहता हूं आप सब लोग देखिए इसका सॉल्यूशन क्या हो सकता है इंटरनेट पर सर्च ना करें आप लोग समझे अभी तक हमने जो
पढ़ा और कमेंट में रिप्लाई दें कि क्या सॉल्यूशन होगा अगर 1 पर डाटा अभी भी रह गया है तो शीला क्या करेगी सो देखते हैं
आप में से कितने लोग अच्छे से समझे और करेक्ट आंसर दे पाते हैं उम्मीद है आप सभी को टीसीपी का काम कनेक्शन बनाने का तोड़ने
का समझ आ गया होगा अब बात करते हैं टीसीपी वर्सेस यूडीपी की तो जैसा मैंने कहा टीसीपी थ्री वे हैंड शेट को फॉलो करता है
सर पहले सिन फ्लैग जाता है देन सिन अनोले जमेंट आता है देन एक्नॉलेजमेंट जाता है तब जाके कनेक्शन बनता है और डेटा ट्रांसफर
चालू होता है लेकिन यूडीपी जिसका फुल फॉर्म यूजर डटा ग्राम प्रोटोकॉल है टीसीपी का फुल फॉर्म है ट्रांसमिशन कंट्रोल
प्रोटोकॉल यूडीपी जो है वह कैसे काम करता है तो यूडीपी का बहुत सिंपल सा फॉर्मेट है यह कहता है कि आपको कुछ डाटा चाहिए आप
रिक्वेस्ट करो उसके बदले में मैं आपको उसका रिप्लाई दे दूंगा रिस्पांस तो यहां पर कोई भी हैंड शेक प्रोसेस नहीं हो रहा
आपको डाटा चाहिए आपने मांगा आपको वो डाटा इमीडिएट प्रोवाइड कर दिया जाएगा तो ये रिक्वेस्ट और रिस्पांस पर वर्क करता है
जिसकी वजह से यूडीपी सर देखा जाए तो टीसीपी के कंपैरिजन में काफी फास्ट है लेकिन ज्यादा रिलायबल नहीं है क्यों नहीं
है क्योंकि सर यहां पे प्रॉपर प्रोटोकॉल जो है वो फॉलो नहीं करे जा रहे प्रॉपर स्टेप्स फॉलो नहीं करे जा रहे चेक नहीं
करा जा रहा पोर्ट ओपन है कि नहीं है जैसे थ्रीवे स्टेप्स के जरिए ये सब कुछ कंफर्म कर रहा था यहां पे वो कंफर्मेशन नहीं हो
रही है जिसकी मदद से हम ज्यादा इसको रिलायबल डाटा सेफ्टी और सिक्योरिटी के मामले में नहीं मान सकते टीसीपी इस मामले
में काफी ज्यादा [संगीत] रिलायबल देखने वाले हैं वर्किंग ऑफ
राउटर्स यानी अब हम ये समझने वाले हैं कि जितनी भी एंटिटीज को हमने पढ़ा हमने आईपी को पढ़ा पोटस को पढ़ा मैक एड्रेस को पढ़ा
प्रोटोकॉल्स को को पढ़ा और आईएसपी को पढ़ा अब ये सारी चीजें साथ मिलकर काम करती कैसे हैं वो भी हमारे राउटर की मदद से तो यह
सारी चीजें हम समझने वाले हैं ताकि हमें यह कांसेप्ट क्लियर हो जाए कि असल में नेटवर्किंग में अब बातचीत हो कैसे रही है
क्योंकि हमने सारी एंटिटीज को पढ़ लिया है तो उन्हें बस कंबाइन करने की जरूरत है तो उसके स्टार्टिंग करते हैं स्टूडेंट्स सबसे
पहली एंटिटी हमने क्या पढ़ी थी सबसे पहले हमने पढ़ा था आईएसपी आईएसपी का फुल फॉर्म था इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर तो अगर हम
इसका कोई एग्जांपल देखना चाहे क्या आप मुझे बता सकते हैं आईएसपी का क्या एग्जांपल हो सकता है यानी आज के टाइम पे
हमें इंटरनेट सर्विस कौन प्रोवाइड करता है वेरी गुड सर यहां पे jio1 एक आईपी एड्रेस होना चाहिए जिसकी मदद से
हम वाइड एरा नेटवर्क में कम्युनिकेशन कर सके कौन से टाइप का आईपी एड्रेस होना चाहिए तो सर उसके लिए हमारे पास होना
चाहिए पब्लिक आईपी एड्रेस तो यहां पे jio1 10.10 से लेकर
110 10.10.10 कि पूरी रेंज ले ली है ना हमने एग्जांपल के तौर पर एक रेंज ली ये रेंज
jio1 पब्लिक आईपी अलॉट कर सके और वो लोग इंटरनेट चला सके अब सर हुआ यह कि हमने हमारे घर में ब्रॉडबैंड
लगवाया जब हमने ब्रॉडबैंड लगवाया हमारे घर में तो आइडेंटिटी उसकी एक पहचान आ चुकी है जो कि
है सर पब्लिक आईपी और वो पब्लिक आईपी एड्रेस एग्जांपल के तौर पर मान लेते हैं 20.20 20.20 है तो अब मेरे राउटर के पास
एक एड्रेस तो आ चुका है उसकी एक पहचान तो आ चुकी है जो कि पब्लिक आईपी एड्रेस है क्या सर इसके अलावा भी इस डिवाइस के पास
कुछ और आइडेंटिटी होती है खुद की खुद की कुछ और पहचान होती है तो बिल्कुल होती है स्टूडेंट्स हमें पता है एक ऐसा एड्रेस है
जो हर हार्डवेयर डिवाइस के पास होता है वेरी गुड उस एड्रेस का नाम है मै एड्रेस मीडिया एक्सेस कंट्रोल एड्रेस तो सर हमारे
राउटर के पास अभी तक हम जितना देख पाए इसके पास खुद की दो आइडेंटिटी हैं जिसमें एक है पब्लिक आईपी एड्रेस और दूसरा है मैक
एड्रेस अब हमने यहां क्या करा ऑब् वियस सी बात है अगर आज आपके घर में कोई ब्रॉडबैंड लगेगा या आप अपने घर में ब्रॉडबैंड लगवाए
तो क्या करेंगे सर उससे हमारे जितने भी सिस्टम्स है उनको जोड़ेंगे या तो केबल के जरिए या बिना केबल के यानी वायरलेस लेकिन
एट दी एंड सिस्टम्स कनेक्ट तो करेंगे तभी तो इंटरनेट सर्विस एक्सेस कर पाएंगे तभी तो ब्रॉडबैंड लगवाया हमने है ना तो यहां
पे हमने दो सिस्टम जोड़े सिस्टम ए और सिस्टम बी एक केबल से जोड़ा है एक विदाउट केबल जोड़ा है बट एट दी एंड दोनों ही
सिस्टम ब्रॉडबैंड से जुड़े हुए हैं राउटर से कनेक्ट कर दिया हमने अब यहां पे एक इशू है प्रॉब्लम है प्रॉब्लम यह है कि सर अगर
ये सिस्टम्स आपस में कम्युनिकेशन करना चाहे यानी अगर मेरा ब्रॉडबैंड सिस्टम ए और सिस्टम बी आपस में बात करना चाहे तो कैसे
करेंगे बिकॉज विदाउट एड्रेस बिना आइडेंटिटी के य एक दूसरे को कम्युनिकेट ही नहीं कर पाएंगे एड्रेस ही नहीं कर पाएंगे
बातचीत कैसे करेंगे तो सर उसके लिए राउटर को भी पता था कि उससे कुछ लोग जुड़ने वाले वाले जिससे आगे चलके कम्युनिकेशन करने की
जरूरत पड़ेगी तो राउटर ने क्या करा राउटर ने अपने पास एक रेंज रखी वो भी प्राइवेट आईपी एड्रेस की तो यहां पर हमने लिख दिया
यह प्राइवेट अब प्राइवेट आईपी की रेंज क्यों रखी क्योंकि उसको पता हैसे जो लोग जुड़ रहे हैं वो लोकल र नेटवर्क में जुड़
रहे हैं और उससे इनको बात करने की जरूरत पड़ेगी तो अब ये रेंज हम मान लेते हैं 192.168
0.0 से लेकर 255.255 255 ड 255 के बीच की ही होती है के अंदर की होती है है अब इनमें से राउटर ने क्या
करा कि सर जो सबसे पहला आईपी एड्रेस होता है वह खुद को अलॉट कर दिया यानी खुद के लिए भी एक आईपी एड्रेस रख दिया कौन सा
आईपी स प्राइवेट आईपी एड्रेस क्यों रखा क्योंकि सर ओबवियस सी बात है अगर इसको सबसे बात करनी है तो इसके पास सेम टाइप का
आईपी एड्रेस होना चाहिए तो अब इस रेंज का सबसे पहला आईपी एड्रेस क्या होगा सर इस रेंज का सबसे पहला आईपी एड्रेस होगा
192.168 0.1 यह है हमारा राउटर का प्राइवेट आईपी एड्रेस ताकि व अपनी रेंज यानी लोकल एरिया
नेटवर्क में सबसे कम्युनिकेशन यानी बातचीत कर सके तो अब यहां पर जितने भी सिस्टम इससे जुड़े हैं उनके पास भी एक एड्रेस
होना कंपलसरी एड्रेस होना चाहिए तो हुआ यह कि इसने सिस्टम ए को एक एड्रेस दे दिया 192.168
0.10 और सिस्टम बी को भी आईपी एड्रेस दे दिया जो कि है 192.168 11 अब दोनों ही सिस्टम्स के पास
अपना अपना प्राइवेट आईपी एड्रेस आ चुका है लेकिन इसके अलावा भी इन सिस्टम के पास खुद की कुछ आइडेंटिटी यानी पहचान होती है
क्या-क्या होती है तो सर क्योंकि एक हार्डवेयर है तो एक आइडेंटिटी तो पक्का होगी जो कि है मैक एड्रेस दूसरी आइडेंटिटी
प्राइवेट आईपी एड्रेस हो गई जो तीसरी आइडेंटिटी है वो थोड़ी स्पेशल है यानी इसके बारे में अभी तक हमने नहीं पढ़ा है
वोह है लोकल होस्ट जिसका आईपी एड्रेस है 17.0.1 तो यहां पे इसका जो नाम है वो है लोकल होस्ट अब यह है क्या मतलब इसके बारे
में अभी तक तो हमने नहीं देखा इसके आईपी है 17.0.1 और इसका जो नाम है वह है लोकल
होस्ट ये और कुछ नहीं है जैसे हमने प्राइवेट आईपी और पब्लिक आईपी को जब समझा था तो हमने देखा था कि सर जो प्राइवेट
आईपी है वो होता है हमारे निकनेम की तरह करेक्ट और यूज होता है लोकल एरिया नेटवर्क में लैन में है ना और जो हमारा पब्लिक
आईपी एड्रेस है वो यूज होता है वाइड नेटवर्क में एंड यह होता है हमारे रियल नेम की तरह ये हमने कुछ एग्जांपल्स ले के
प्राइवेट और पब्लिक को समझाता अब लोकल होस्ट का एग्जांपल कैसे लिया जाए इसको कैसे समझा जाए तो लोकल होस्ट एक ऐसा
नेटवर्क है जो हमारे मन की तरह है इसका मतलब मेरे निकनेम से मुझे घर वाले जानते हैं मेरे क्लोज वनस जानते हैं मुझे इस नाम
से केवल वही एड्रेस कर सकते हैं लेकिन मेरे मन में जो चल रहा है वह किसी को नहीं पता मेरे जस्ट पास्ट में खड़े हुए मेरे को
क्लोजेस्ट से क्लोजेस्ट पर्सन को भी नहीं पता कि इंटरनल प्रोसेसिंग क्या चल रही है अंदर मेरे मन में क्या चल रहा है यह कोई
नहीं जानता तो यह जो मन है जिसमें मैं खुद ही टास्क एग्जीक्यूट कर रहा हूं प्रोसेस कर रहा हूं देख रहा हूं क्या हो रहा है
कैसे काम कर रहा है ये जो इंटरनली सिस्टम मेरे अंदर वर्क कर रहा है प्रोसेसिंग का वो लोकल होस्ट है यानी हर एक सिस्टम को
उसका एक इंटरनल नेटवर्क दिया जाता है ताकि वह अपने अंदर ही सारी चीजें टेस्ट कर सके और इस इंटरनल नेटवर्क को लोकल होस्ट कहा
जाता है इसका आईपी एड्रेस 127.0 होता है ये हर सिस्टम के पास होता है और सेम होता है क्योंकि इसकी मदद से
बातचीत नहीं करी जा सकती मतलब मेरे मन से कोई और बात नहीं कर सकता है ना मेरे मन से मैं ही कम्युनिकेशन कर सकता हूं तो सबको
एक एड्रेस दिया जाता है ताकि वह खुद के अंदर सॉफ्टवेयर को रन कर सके और टेस्ट कर सके आई होप आपको एक आईडिया लग गया होगा
धीरे-धीरे जब हम प्रैक्टिकल करेंगे तो और भी क्लियर हो जाएगा फिलहाल हमारे सिस्टम के पास भी तीन आइडेंटिटी आ चुकी है पहला
है सर मैक एड्रेस दूसरा है प्राइवेट आईपी एड्रेस और तीसरा है लोकल होस्ट आई बिलीव अब आपको यह कांसेप्ट तो क्लियर होगा बट
क्वेश्चन यहां पर ये अराइज होता है कि सर यह जो हमारा राउटर था इस राउटर ने सभी सिस्टम्स को आईपी अलॉट करी कैसे तो आईपी
अलॉटमेंट की अगर हम बात करें तो सो स्टूडेंट्स किसी भी सिस्टम को आईपी अलॉट करने के दो तरीके हैं पहला है सर मैनुअल
और दूसरा है ऑटोमेशन में है ना अब ये दोनों ही प्रोसेस कैसे वर्क करें यानी मैनुअल वर्क हो चाहे ऑटोमेशन हो ये वर्क
कैसे करेगा तो देखो जब बात आती है मैनुअल की तो इसमें हम क्या करते हैं सिस्टम की सेटिंग्स में जाते हैं वहां आईपी से लेटेड
सारी डिटेल्स फिल करते हैं तब जाके एक सिस्टम को एक आईपी एड्रेस अलॉट होता है ठीक है हम राउटर के हिसाब से वो कॉन्फिन
जो है वो सेटिंग्स जो है एक सिस्टम के अंदर जाके करते हैं इसका मतलब एक राउटर से जितने भी सिस्टम जुड़ेंगे हम सबकी
सेटिंग्स में जाएंगे और वहां पे जाके आईपी एड्रेस ऐड करेंगे लेकिन क्वेश्चन ये है कि क्या आप लोग भी ऐसा ही करते हो लाइक आप
लोगों के घर में जब ब्रॉडबैंड्स लगे हैं या जब आप अपने मोबाइल का हॉटस्पॉट एक्टिवेट करते हो तो उसे जितने भी यूजर्स
जुड़े हैं क्या उन्हें एक-एक करके जाके आईपी देना पड़ता है हमने तो नहीं दिया पहले कभी आईपी है ना इसका मतलब कि अभी जो
प्रोसेस है वो चलता है ऑटोमेशन में और इस ऑटोमेशन प्रोसेस में हो क्या रहा है तो सर यहां पे हम हमारे काम आता है डीएचसीपी
जिसका फुल फॉर्म है डायनेमिक होस्ट कॉन्फिन प्रोटोकॉल यह हमारे काम आता है ऑटोमेशन आईपी अलॉट करने में तो यहां पे
डीएससीपी अपना आप हमारा काम कर देता है और सभी सिस्टम्स को ऑटोमेशन में आईपी अलॉट कर देता है जिसमें इसकी मदद ए आरपी भी करता
है ये क्या है और कैसे काम कर रहा है ये हम आगे और अच्छे से समझेंगे ए आरपी का फुल फॉर्म होता है एड्रेस रेजोल्यूशन
प्रोटोकॉल जो ये पता लगाने में मदद करता है कि किस सिस्टम के पास क्या एड्रेस है आई होप इतना सभी को क्लियर होगा और अब
हमने अभी तक जो पढ़ा है उसको एक बार रिकॉल कर लेते हैं कि सर सबसे पहले आया आईएसपी एग्जांपल के तौर पे
jio3 है उन्हें एक-एक पब्लिक आईपी अलॉट कर सके फिर हमारा राउटर आया जिसके पास खुद की एक आइडेंटिटी तो उसकी पब्लिक आईपी होगी
दूसरी आइडेंटिटी मैक एड्रेस हो गई और तीसरी आइडेंटिटी प्राइवेट आईपी हो गई जितने भी सिस्टम्स उससे जुड़े उसने सबको
एक-एक प्राइवेट आईपी एड्रेस अलॉट करा ताकि वह उनसे बातचीत कर सके अब यह सबका जो रेंज एक कनेक्ट हुआ है यह सबका जो एक नेटवर्क
क्रिएट हुआ है यह पूरी जो रेंज बनी है यह लोकल एरिया नेटवर्क है लेकिन जब हम इंटरनेट चलाते हैं या हम किसी भी वेबसाइट
से जाकर बात करते हैं तो यह होता है वाइड एरिया नेटवर्क जिसमें काम आती है हमारी पब्लिक आईपी एड्रेस अब इस बात का मतलब
क्या है इसको और अच्छे से हम समझते हैं यहां पे सो स्टूडेंट्स इसको समझने के लिए हमें समझना होगा सोर्स आईपी एंड
डेस्टिनेशन आईपी को इसका मतलब क्या है सोर्स का मतलब होता है सर जहां से कोई पैकेट रिलीज हुआ है और डेस्टिनेशन का मतलब
जहां पे पहुंचने वाला है है ना उसकी डेस्टिनेशन होती है तो आईपी जब ऐड हो जाता है इसका मतलब जिस सिस्टम से पैकेट भेजा
गया है उसकी आईपी सोर्स आईपी होगी और जिस सिस्टम पे पैकेट पहुंचा है वो आईपी डेस्टिनेशन आईपी होगी ठीक है मैं एंड गोल
की बात नहीं कर रहा कि एंड में कहां पहुंचना चाहता है वो भी डेस्टिनेशन कहलाएगा लेकिन फिलहाल जिन-जिन सिस्टम्स के
पास वो जाएगा वो भी उसके छोटे डेस्टिनेशंस ही है तो हम सोर्स और डेस्टिनेशन आईपी के बारे में कुछ डिस्कशन करने वाले हैं मान
लेते हैं हमारे यूजर ए को करना था तो उसने क्या करा अपने ब्राउजर पर जाके लिखा
facebook.in है लेकिन हमारे पास जो आईपी है वो तो सर प्राइवेट आईपी एड्रेस है जो कि हमें राउटर ने अलट करा था तो क्या
प्राइवेट आईपी की मदद से मैं डायरेक्ट पब्लिक आईपी से बात कर सकता हूं यह तो आईपी के रूल्स के खिलाफ है यानी नहीं कर
सकते तो यहां होगा क्या सर यहां पर हमारा यह पैकेट डायरेक्ट ना जाकर सीधा जाएगा हमारे राउटर के पास जिसके पास एक प्राइवेट
आईपी थी जो कि थी 0.1 तो हमने अपनी प्राइवेट आईपी से पैकेट राउटर तक भेजा इसका मतलब जब पहला केस हमारा पैकेट राउटर
तक पहुंचा तो सोर्स आईपी थी 192 8.0.12 जो कि हमारी प्राइवेट आईपी थी है ना और डेस्टिनेशन आईपी थी
19216801 जो कि राउटर की प्राइवेट आईपी थी जब राउटर के पास ये पैकेट पहुंचा तो राउटर ने कहा ठीक है आपका काम कंप्लीट हो गया
सिस्टम ए को बोला कि आपका टास्क पूरा हो गया पैकेट मुझ तक आ गया है अब मैं इस पैकेट को अपने हिसाब से आगे भेज दूंगा
राउटर ने क्या करा यहां पर आईपी स्विचिंग करी यानी राउटर ने अब अपनी पब्लिक आईपी के जरिए यह पैकेट इंटरनेट पे भेजा क्योंकि
राउटर के पास भी पब्लिक आईपी एड्रेस है और सर्वर के पास भी पब्लिक आईपी एड्रेस है तो ये तो आपस में बात कर सकते हैं
कम्युनिकेशन कर सकते हैं तो अब यह पैकेट यहां से यहां तक पहुंचा ताकि आपस में बात कर सके और जैसे ही यह पैकेट हमारे
होगी तब सर सोर्स आईपी होगी 82102 199 यही है हमारी पब्लिक आईपी और यही हमारी सोर्स आईपी है क्योंकि इसके
जरिए हमने पैकेट facebook.in हो गया 4.4.4 4 और डेस्टिनेशन आईपी एड्रेस हो गया
82.30 240.320 तो लास्ट केस में जब पैकेट इस यूजर तक पहुंच चुका है तब क्या होगा तब सोर्स आईपी
होगी 19216801 और डेस्टिनेशन आईपी होगी 19216801 2 इस चीज को याद रखना कि आईपी के
रूल्स अगर आपको क्लियर है पब्लिक पब्लिक से बात कर सकता है प्राइवेट प्राइवेट से प्राइवेट पब्लिक से बात नहीं कर सकता तो
अगर यह रूल याद रखोगे तो आप लोगों के लिए इजी रहेगा पूरी नेटवर्किंग को समझना आई होप आपको क्लियर हो गया होगा कि अब हम
इंटरनेट अभी तक एक्सेस कैसे करें थे यानी अगर इनमें से कोई अटैकर है कोई हैकर है और वो कोई क्राइम करता है तो आईपी किसका
जाएगा सर आईपी जाएगा राउटर का क्योंकि पब्लिक आईपी इसी के पास है [संगीत]
टर की मदद से कम्युनिकेशन करते हैं किसी यूजर को इंटरनेट चलाना होता है तो उसके सिस्टम से एक पैकेज जनरेट होता है जो
सर्वर तक पहुंचता है यानी जैसे अगर मुझे आपकी वेबसाइट चलाना चाहता है इस पैकेट को क्या कहा जाता है और इसके बदले में
लाके दे रही थी यानी रिक्वेस्ट रिस्पांस में क्या इंफॉर्मेशन जारी थी ये एनालाइज करेंगे अब स्टार्ट करते हैं और देखते हैं
कि सर असल में एक रिक्वेस्ट होती क्या है पहली बात तो सबसे पहली टर्म जो हमारे पास यहां पे लिखी है वो है एचटीटीपी रिक्वेस्ट
एचटीटीपी यानी हाइपर टैक्स ट्रांसफर प्रोटोकॉल एक ऐसा प्रोटोकॉल जो कि आपके काम आता है वेबसाइट पे जब आप बात करते हैं
तब यानी अगर आप किसी भी वेबसाइट को एक्सेस कर रहे हैं किसी भी वेबसाइट से बातचीत कर रहे हैं तो वहां पे एचटीटीपी प्रोटोकॉल ही
यूज होता है अब वो एचटीटीपी प्रोटोकॉल का खुद का फॉर्मेट है यानी एटीटीपी खुद के रूल्स रेगुलेशंस के हिसाब से पैकेज सेंड
करेगा तो एटीटीपी जब एक पैकेज सेंड करता है किसी सर्वर को तो वह रिक्वेस्ट कहलाता है तो अब हम पढ़ने वाले हैं एटीटीपी
रिक्वेस्ट के बारे में क्या है एटीटीपी रिक्वेस्ट जैसा मैंने कहा कि सर जब एक क्लाइंट अपने ब्राउजर में जाके कुछ लिखता
है कि मुझे facebooksignup.in द सर्वर तक जाएगा हो सकता है बीच में राउटर यूज हो बट अभी हम
इतना डीप में नहीं जा रहे अभी हम ये समझ रहे हैं कि हमारे सिस्टम से एक पैकेट निकलेगा और सर्वर पर जाएगा और सर्वर से
पूछेगा कि मैं आपकी वेबसाइट एक्सेस करना चाहता हूं चलाना चाहता हूं इस पैकेट को हम रिक्वेस्ट कहते हैं एक बार डेफिनेशन के
जरिए और अच्छे से क्लियर कर देते हैं तो यहां पर इसकी डेफिनेशन जो है वो मैं बता रही है अ पैकेट आस्किंग टू लोड अ वेबसाइट
एक ऐसा पैकेट जो पूछ रहा है सर्वर से कि क्या मैं आपकी वेबसाइट चला सकता हूं क्या मैं आपका कोई पेज कोई फोटो कोई वीडियो या
कोई भी रिसोर्स एक्सेस कर सकता हूं तो जब हम परमिशन मांग रहे हैं कुछ पूछ रहे हैं कि क्या हम इस काम को कर सकते हैं वो
परमिशन मांगने के लिए सर हमने जो पैकेज सेंड करा है क्लाइंट ने जो पैकेज सेंड करा है इस पैकेट को हम रिक्वेस्ट कहते हैं आई
होप सभी को समझ आ गया होगा कि रिक्वेस्ट क्या है अब रिक्वेस्ट दिखता कैसा है और उसके अंदर क्या-क्या तरीके का डाटा यूज
होता है या किस तरीके से डटा सेंड होता है तो आप यहां देख सकते हो एक रिक्वेस्ट में सर गेट और पोस्ट यानी मेथड्स आ सकते हैं
और उसके अलावा हेडर और बॉडी पार्ट आता है एंड क्या ये हम देख सकते हैं तो अगर आप यहां पर देखो तो आप सभी के लिए एक डेमो
रिक्वेस्ट यहां पर रखी हुई है जो हमें बता दे कि रिक्वेस्ट में क्या-क्या डाटा जा रहा होता है और कैसे जा रहा होता है तो
उसका अगर आप सबसे पहला वर्ड देखें तो यह हमें बता रहा है कि कौन सा मेथड यूज लिया जा रहा है डाटा सेंड करने के लिए बेसिकली
जब आप रिक्वेस्ट के जरिए डेटा शेयर कर रहे हो तो उस डेटा को शेयर करने के लिए या अलग-अलग ऑपरेशंस परफॉर्म करने के लिए कुछ
मेथड्स डिफाइन करे गए हैं जिसमें अभी आप दो मेथड्स के नाम यहां पे देख पा रहे हैं गेट और पोस्ट इसके अलावा भी मेथड्स होते
हैं जो नेक्स्ट स्लाइड में हम अच्छे से समझने वाले हैं फिलहाल यहां पे गेट लिखा हुआ है जिसका मतलब नॉर्मली होता है कि आप
यूआरएल के जरिए सारा कंटेंट एक्सेस कर रहे हो या सारा डाटा शेयर कर रहे हो या रिक्वेस्ट सेंड कर रहे हो तो यहां पे
हमारे सामने जो यूआरएल है यानी एड्रेस है अगर आप देखो तो हमारे पास एक फोल्डर है डॉक जिसके अंदर .
पूरा पैकेट जनरेट हुआ है यह एटीटीपी के कौन से वर्जन के जरिए जनरेट हुआ है तो यहां पे लिखा है कि सर http1 1 वर्जन के
जरिए ये पैकेट बनाया गया है इस पहली लाइन को हम रिक्वेस्ट लाइन कहते हैं और जब यह पहली लाइन एंड हो जाती है यानी इस पहली
लाइन के बाद का जितना भी हिस्सा है जिसमें आप कुछ वर्ड्स देख पा रहे होंगे यहां पे जैसा आप यहां देख सकते हैं होस्ट एक्सेप्ट
एक्सेप्ट लैंग्वेज एक्सेप्ट इनकोडिंग यूजर एजेंट और कंटेंट लेंथ ये आपको जितने भी वर्ड्स दिख रहे हैं स्टूडेंट्स यहां पे इन
सब वर्ड्स को हम हेडर्स कहते हैं ध्यान से देखिएगा यहां पे जो होस्ट कॉलन लिखा हुआ है एक्सेप्ट कॉलन लिखा हुआ है एक्सेप्ट
लैंग्वेज कॉलन लिखा हुआ है है ना यूजर एजेंट देन कंटेंट लेंथ और या एक्सेप्ट इनकोडिंग ये जितने भी आपको वर्ड्स दिख रहे
हैं ये सब हेडर्स कहलाते हैं हेडर्स क्या है तो सर हेडर्स कुछ ऐसे फिक्स पैरामीटर्स हैं कुछ ऐसे फिक्स नाम है जिनका काम फिक्स
है कि इनके अंदर यही डाटा आएगा इसके अलावा और कुछ भी डाटा नहीं आ सकता इनको हम हेडर्स कहते हैं य एचटीटीपी के पैकेट
भेजने में एक फॉर्मेट है कि सर कुछ ऐसा डाटा है जो इनके अंदर 100% आएगा ही आएगा ताकि पैकेट को पता पड़ जाए उसको कहां जाना
है और कैसे काम करना है और सर्वर को कुछ डिटेल्स मिल जाए कि उसको रिप्लाई किस तरीके से करना है इसको समझते हैं अच्छे से
सबसे पहले हेडर को अगर आप देखें तो इसका नाम है होस्ट एडर जिसके आगे क्या लिखा हुआ है सर इसके आगे उस डोमेन का नाम लिखा हुआ
है जिसको हम पैकेट भेज रहे थे इसका मतलब यह जो हमारा क्लाइंट था इसने facebook.com नहीं लिखा था इसने लिखा था t 101.com तो
यानी ये जो सर्वर है ये क्या है सर ये टेस्ट 101.com नाम की एक वेबसाइट थी जिसको हमने पैकेट भेजा तो वह हमें होस्ट हेडर के
आगे क्या लिखा हुआ मिलता है सर व एडर के आगे उस डोमेन का नाम या वो एड्रेस देखने को मिलता है जहां पे यह पैकेट जा रहा है
जिसको हम यह पैकेट भेज रहे हैं उसके जस्ट बाद अगर आप देखें तो एक्सेप्ट नाम का एक हेडर है यह क्या बता रहा है तो इससे पहले
क्या आप बाकी के हेडर्स को समझे एक बहुत बेसिक सी चीज हमें समझनी है कि सर जब क्लाइंट ने facebook.com लिखा तो ऑब् वियस
सी बात है यह वड facebook.com उसने किसी ब्राउजर में लिखा होगा हो सकता है उसने या टूल के जरिए हम इंटरनेट चलाते हैं
करेक्ट तो यहां पर अगर आप किसी भी ब्राउजर में जाकर हो सकता है इंटरनेट एक्सप्लोरर भी यूज लिया हो अगर आप किसी भी ब्राउजर
में जाकर वहां पर लिखते हो जैसे मैंने लिखा facebook.com तो यह ब्राउजर पैकेज जनरेट करके सर्वर को भेजेगा लेकिन इस
ब्राउजर की कुछ लिमिटेशंस है लिमिटेशन मतलब सर य ब्राउजर हर प्रोग्रामिंग लैंग्वेज को रीड नहीं कर सकता हर तरीके की
फाइल को नहीं समझ सकता कहीं ना कहीं कुछ तो लिमिटेशन होगी तो यह ब्राउजर क्या करता है सर्वर को बता देता है सर्वर को यह
बताता है कि सर मैं क्या-क्या चीजें सपोर्ट करता हूं ताकि सर्वर जब रिप्लाई दे तो वही रिप्लाई दे जो हम पढ़ सकते हैं जो
हम समझ सकते हैं या जो हम रीड कर सकते हैं हमारे लिए काम का है अगर कोई ऐसा रिप्लाई आ जाए जो हमारे लिए काम का ही नहीं है तो
फिर उसका सेंस क्या बनेगा एग्जांपल के तौर पे एक बहुत छोटा एग्जांपल हम यहां पे लेते हैं मान लेते हैं क्लाइंट जो था वो इंडिया
से वेबसाइट एक्सेस कर रहा था जिसमें उस क्लाइंट को इंग्लिश लैंग्वेज समझ में आती है और हिंदी लैंग्वेज समझ में आती है ठीक
है तो जब ब्राउजर ने पैकेट भेजा ब्राउज ब्राउजर ने यह नहीं बताया कि यह कौन सी लैंग्वेज सपोर्ट करता है एग्जांपल के तौर
पर अगर ब्राउजर ना बताए कि हम कौन सी लैंग्वेज सपोर्ट करते हैं हमें पता है हम तो बस इंग्लिश और हिंदी पढ़ सकते हैं
लेकिन ब्राउजर अगर ये चीज डिफाइन ना करें और एक पैकेज सीधा सर्वर पे भेज दे और सर्वर क्या करे कि सर्वर स जैपनीज चाइनीज
या किसी भी ऐसी लैंग्वेज में है ना हमें रिप्लाई भेज दे तो क्या वो रिप्लाई हमारे काम का यानी अगर आपके सामने एक वेबसाइट
ओपन हो जिसमें कोई भी ऐसी लैंग्वेज लिखी हुई है जो आप नहीं समझ सकते तो वो वेबसाइट हमारे काम की ही कहां हुई
ट्रांसलेट का ऑप्शन भी नहीं आ रहा है फिलहाल ऐसा मान के चलना तो सर वेबसाइट हमारे काम के नहीं है इसका मतलब कि सर हम
जो चीजें सपोर्ट करते हैं हमारा ब्राउजर वह पहले ही सर्वर को बता देता है हेडर्स के जरिए कि सर हम ये ये फाइल य ये तरीके
का डटा सपोर्ट करते हैं आप वैसा ही डाटा भेजोगे तो हम रीड कर पाएंगे तो यहां पर अगर आप अब एक्सेप्ट हेडर को देखो हमारे
सेकंड हेडर को देखो मैं इसको क्लियर कर देता हूं ताकि और अच्छे से समझ आए अब अगर हम एक्सेप्ट हैडर को देखें तो इसके आगे
लिखा हुआ है इमेज स्लजी आईएफ यानी इमेज का एक्सटेंशन है ना या आप कह सकते हो टाइप ऑफ इमेज इमेज
जेपीजी यानी य कह रहा है हमारे सर्वर को कि सर अगर आप कोई भी इमेज भेजते हो तो केवल जीआईएफ और जेपीजी एक्सटेंशन की ही
भेजना आपने देखा होगा इमेज के एक्सटेंशन होते हैं जैसे मान लो लोगो डॉट जेपीजी है यह क्या है एक्सटेंशन
है इसका एंडिंग पार्ट है लोगो डॉट पीएनजी भी हो सकता है लोगो डज भी हो सकता है है ना तो ऐसे अलग-अलग एक्सटेंशन यहां पर हो
सकते हैं हम यह कह रहे हैं कि सर हम तो केवल जीआईएफ जेपीजी ही सपोर्ट करते हैं तो अब सर्वर इस बात का ध्यान रखिएगा कि वह जो
मुझे रिप्लाई भेजेगा उसमें जो भी इमेजेस हैं या जो भी टाइप का डाटा है वो वही भेजेगा जो मैं सपोर्ट करता हूं जीआईएफ और
जीपीजी आई होप सभी को एक्सेप्ट हैडर का काम समझ आया होगा ये सर्वर को बता र है कि सर हम किस तरीके की फाइल्स या एक्सटेंशन
सपोर्ट करते हैं रीड कर सकते हैं लेकिन इसके बाद एक और लाइन है एक और वर्ड है जो हमसे यहां पे मिस हो रहा है वो वर्ड है
एस्टिक स् एस्टिक ये हमें क्या समझा रहा है तो देखो एस्टिक का मतलब क्या होता है स्ट्रिक का मतलब होता है कि यहां पर कुछ
भी आ सकता है एनीथिंग कुछ भी यहां पर ऐड करा जा सकता है या फिर आप कह सकते हो सब कुछ तो इसका मतलब इस लास्ट वर्ड के जरिए
हमारी एक्सेप्ट हेडर ने क्या बोला कि सर मैं किसी भी टाइप की फाइल क्या किसी भी टाइप की फाइल या कोई भी एक्सटेंशन की फाइल
सपोर्ट करता हूं तो इसका मतलब हमने बोल दिया कि सर आप कोई भी फाइल भेज सकते हो हम आपको बिल्कुल फ्री करते हैं उस चीज के लिए
आप किसी भी एक्सटेंशन का कोई भी फाइल भेजोगे तो हम रीड कर लेंगे तो सर ये स्टार्टिंग में हमने क्यों
डिफाइन करा इमेज और ये जेपीजी ये बस एक डेमो रिक्वेस्ट है जो मैं समझा रही थी कि चीजें कैसे वर्क करती है तो यहां पर ये
चीज लिखी हुई थी नहीं भी लिखते तो भी चलता क्योंकि हमने सब कुछ अलाउ कर दिया है एस्टिक स्ल एस्टिक लिखकर आई होप समझ आ गया
होगा कि सर हमारा एक्सेप्ट हेडर क्या काम कर रहा है देन हमारे पासस आता है एक्सेप्ट लैंग्वेज जिसके आगे आप साफ-साफ देखोगे तो
यहां पे ईन यूएस यानी यूएस इंग्लिश लिखा हुआ है इसका मतलब कि सर आप जो रिप्लाई दे रहे हो वो यूएस इंग्लिश के ही फॉर्मेट में
देना है तो हम उसको बता रहे हैं कि हम कौन सी लैंग्वेज सपोर्ट करते हैं हैं अगर वोह किसी दूसरी लैंग्वेज में आउटपुट देता है
तो ओबवियस सी बात है सर वो हमारे लिए काम का नहीं होगा जैसे अभी हमने एग्जांपल देखा था देन हमारे पास आता है एक्सेप्ट
इनकोडिंग इनकोडिंग मतलब डाटा सिक्योरिटी है बेसिकली डाटा को अलग-अलग तरीके से लिखना उसे कंप्रेस करना उसे जिप करना वो
सब इनकोडिंग टेक्निक्स में काउंट करा जाता है तो फिलहाल ये कह रहा है कि अगर आप किसी भी तरीके की डाटा सिक्योरिटी अप्लाई करके
भेज रहे हो तो मैं रिक्वेस्ट करूंगा कि जी जिप और डे फलेट फॉर्मेट में ही भेजी जाए ताकि मैं उसे रीड कर सकूं ये फॉर्मेट क्या
है ज्यादा डिटेल में मत जाइएगा फिलहाल हमें बस समझना है कि सर अगर हमारा सर्वर किसी भी तरीके की डाटा सिक्योरिटी अप्लाई
कर रहा है तो हमने उसे पहले ही बता दिया कि हम तो ये दो डाटा सिक्योरिटीज को डाटा कंप्रेशंस को रीड कर पाते हैं आप ऐसा ही
डाटा भेजोगे तो हम समझ पाएंगे अगर आपने कोई ऐसी हाई इंक्रिप्शन लगा दिया है जो हम डिक्रिप्ट ही नहीं कर सकते जो हम देख ही
नहीं सकते जो हम समझ ही नहीं सकते तो फिर वो वेबसाइट रन नहीं होगी तो ओबवियस सी बात है वो हमारे लिए काम का तो नहीं माना
जाएगा देन इसके बाद हमारे पास आता है यूजर एजेंट अब यूजर एजेंट एक बहुत ही इंपॉर्टेंट हैडर है ट्रस्ट मी जब मैं कह
रहा हूं इंपॉर्टेंट हैडर है तो बहुत काम आने वाला है यह हैड इंपोर्टेंट क्यों है अगर आप इसके आगे देखो तो यहां पे मज 4.0
लिखा है अब इसका काम क्या है मैं अच्छे से समझाता हूं आप लोगों को कि सर जब एक ब्राउजर के जरिए मान लेते हैं
google.com google.com या t101 क किसी भी डोमेन का नाम किसी भी वेबसाइट का नाम जब आप लिखते हैं तो आपके सिस्टम से पैकेज
जनरेट हो रहा है इस पैकेट में एचटीटीपी की रिक्वेस्ट पैकेट में बहुत सारा डाटा है और एक यूजर एजेंट नाम का हेडर भी है ये यूजर
एजेंट नाम का हेडर क्या करता है कि सर यह जिस सॉफ्टवेयर के जरिए यह रिक्वेस्ट बनाई गई है उस सॉफ्टवेयर की बहुत सारी
इंफॉर्मेशन लेकर सर्वर तक चला जाता है यानी यूजर एजेंट क्या-क्या इंफॉर्मेशन ले जाता है यहां तो आपको काफी कम डाटा दिख
रहा है अभी मैं लाइव रिक्वेस्ट दिखाऊंगा तब आप देखोगे कि यूजर एजेंट सर हमारी क्या-क्या इंफॉर्मेशन ले जाता है यह यह
बताता है कि आप कौन सा ब्राउजर यूज ले रहे हो फॉर एग्जांपल सर आप बता ही रहा है साथ ही साथ ये ये भी बता
रहा है कि सर आप ऑपरेटिंग सिस्टम कौन सा यूज ले रहे हो एग्जांपल के तौर पर तो यह जो हैडर बहुत काम का है आ गया
एनोनिमस रहने के लिए हम इसको चेंज करना भी सीखेंगे देन इसके बाद हमारे पास आता है कंटेंट लेंथ जो यह बताता है कि इस पूरे
पैकेट में या बॉडी में कितना डाटा सेंड करा जा रहा है अब बॉडी क्या है तो सर जैसे ही यह हेडर पार्ट कंप्लीट होता है उसके
बाद हमें छोटा सा गैप देखने को मिलेगा यह गैप और इस गैप के जस्ट बाद आपको कुछ कंटेंट देखने को मिल सकता है क्योंकि यह
जो जगह है इसको हम कहते हैं रिक्वेस्ट बॉडी रिक्वेस्ट बॉडी मतलब इस रिक्वेस्ट पैकेट का बॉडी पार्ट जहां पे आप जो भी
कंटेंट लिखते हैं आप फॉर्म फिल करते हैं आप अपना डाटा सेंड करना चाहते हैं वो यहां पे नॉर्मली सेंड करा जाता है तो कुछ ऐसा
दिखता है हमारा रिक्वेस्ट पैकेट आई होप आप सभी को एक आईडिया लग गया होगा कि रिक्वेस्ट पैकेट क्या है और कैसा दिख रहा
है धीरे-धीरे आप लोग इससे और फैमिलियर हो जाएंगे और जब हम इस पर टेस्टिंग परफॉर्म करेंगे कमिया ढूंढेंगे तो और भी आप लोगों
के लिए इजी बन जाएगा अब यहां पे क्वेश्चन य अराइज होता है कि सर हमने एक रिक्वेस्ट भेजी यानी क्लाइंट ने कहा कि सर मुझे आपकी
वेबसाइट एक्सेस करनी है या कोई पेज एक्सेस करना या कोई भी हिस्सा कोई भी रिसोर्स आप कह सकते हो हमने कहा कि हमें चाहिए इसका
मतलब हमने सर्वर से कहा कि सर क्या हम आपका कंटेंट एक्सेस कर सकते हैं तो सर्वर इसके बदले में कुछ तो रिप्लाई देगा अब उस
रिप्लाई को हम कहते हैं रिस्पांस तो एचटीटीपी रिस्पांस क्या है कि सर क्लाइंट ने कोई भी चीज का रिक्वेस्ट करा हो कुछ भी
मांगा हो एग्जांपल के तौर पर अगर मैं आज आपसे कहता हूं कि प्लीज सब्सक्राइब कर दीजिए तो मैं आपसे क्या कह रहा हूं कुछ
मांग रहा हूं कि सब्सक्राइब कर दीजिए है ना जब मैं आपको ऐसा कह रहा हूं तो आपकी मर्जी है हो सकता है सब्सक्राइब करें आप
हो सकता है अभी नहीं कुछ देर बाद करें आप हो सकता है कि नहीं करें मतलब कुछ भी पॉसिबिलिटीज आप हो सकता है अभी कर दें इन
चारों ही कंडीशंस में आप कुछ ना कुछ तो रिप्लाई देंगे है ना यस नो अभी नहीं बाद में नेक्स्ट टाइम कुछ भी रिप्लाई दे सकते
हैं तो बेसिकली यह जो रिप्लाई है यह रिस्पांस कहलाता है कहने का मतलब कि हमने कोई चीज रिक्वेस्ट करी है उसके बदले में
कुछ भी रिप्लाई आ सकता है हो सकता है वह काम अभी हो जाए हो सकता है अभी ना हो बाद में हो हो सकता है कभी ना हो हो सकता है
कि हमय का काम कराने के ऑथराइज ना हो लेकिन ऐसा कोई भी रिप्लाई अगर हमें मिलता है सर्वर कुछ भी कहता है तो वो कहलाएगा
रिस्पांस तो रिस्पांस क्या है इसकी डेफिनेशन देख लेते हैं अ पैकेट प्रोवाइड परमिशन टू एक्सेस वेबसाइट एंड कंटेंट इसको
और थोड़ा मॉडिफाई सही कर देते हैं इस डेफिनेशन में छोटी सी गड़बड़ है वो ये है यह कह रहा है कि एक पैकेट जो परमिशन देता
है नॉर्मली आपको किसी भी वेबसाइट के कंटेंट या डाटा को एक्सेस करने की है ना बट सवाल ये है कई बार ऐसा होता है कि डाटा
वहां पे है ही नहीं तो परमिशन का तो सवाल उठता ही नहीं है दिए नहीं दिए तो इसकी बेस्ट डेफिनेशन क्या हो सकती है इसकी
बेस्ट डेफिनेशन होगी कि आपकी रिक्वेस्ट का जो रिप्लाई है उसको रिस्पांस कहा जाता है वो कुछ भी हो सकता है ठीक है आई होप सभी
को समझ आ गया होगा एक एसटीडी पे रिस्पांस क्या होता है आपकी भेजी हुई रिक्वेस्ट का रिप्लाई अब सर इसके अंदर भी हमें मेथड्स
देखने को मिल सकते हैं और हेडर्स एंड बॉडी पास जरूर होता है जिसके अंदर हमारे पास कंप्लीट प्रोग्राम होता है हमारी वेबसाइट
का जो हमारी डिस्प्ले पे हमें दिखता है एग्जीक्यूट होता हुआ जो हम अच्छी खासी ग्राफिकल वेबसाइट दिखती है वो ग्राफिकल
वेबसाइट के पीछे प्रोग्रामिंग होती है प्रोग्राम हमें रिस्पांस के जरिए हमारे ब्राउजर को मिलता है और वो उसे रन करता है
आई होप आप सभी को रिक्वेस्ट और रिस्पांस समझ आ गया होगा अब सवाल यह है कि मेथड्स क्या है जिसके बारे में हमने देखा था है
ना कि गैट ऑफ पोस्ट के बारे में हमने दो वर्ड्स सुने थे यह है क्या और ऐसे कितने मेथड्स हो सकते हैं तो हमारे पास अब आता
है टाइप ऑफ रिक्वेस्ट मेथड्स क्या-क्या है सबसे पहले हम देखते हैं यहां पर गेट लिखा हुआ है जो हमने भी हमारी रिक्वेस्ट पैकेट
में देखा था इसकी डेफिनेशन कै रही है डाटा ट्रांसफर थ्रू यूआ इजली विजिबल एंड नॉट सिक्योर यानी सर जितना भी डाटा आप गेट के
जरिए सेंड करते हैं रिक्वेस्ट में वो सारा डाटा यूआरएल में क्लियर विजिबल होता है जिसको हम सिक्योर नहीं मानते तो जब भी आप
अपना प्राइवेट इंफॉर्मेशन क्रेडेंशियल कुछ भी खास डाटा लिखते हैं तो आपको हमेशा रिकमेंड करा जाता है कि गेट मेथड को यूज
ना लिया जाए अब ऐसा क्यों यह यूआरएल क्या है तो इस चीज को समझने के लिए हम एक काम करते हैं हम चलते हैं हमारे ब्राउजर पे और
देखते हैं यूआरएल असल में है क्या तो आज अगर मैं ब्राउजर पे जाऊं और मैंने लिखा लए क्यूब टेक या फिर डब्लू एस क्यूब टेक
एथिकल हैकिंग पेज तो यह जो आपको पूरा कंटेंट दिख रहा है यह stpc.in कि सर अगर आप कुछ ऐसा करें कि मान लेते
हैं हमारे पास एक लॉगिन पेज है ठीक है उस लॉगइन पेज में हमारे पास यूजर नेम मांगा गया हमसे पासवर्ड मांगा गया और एक सबमिट
बटन है ठीक है तो आप नॉर्मली क्या करते हैं सर यूजर नेम में अपना नाम लिखते हैं पासवर्ड में अपना पासवर्ड लिखते हैं लेकिन
जब आप यहां पासवर्ड भी लिखते हैं तो आपका पासवर्ड नहीं दिखाता वह यहां पे एस्टिक्स लगे हुए दिखाता है जिसका मतलब कि कुछ भी
हो सकता है करेक्ट इसका मतलब हमें सिक्योरिटी दिखाता है हमें लगता है यार यह तो अच्छा सेफ है सिक्योर है हमारा पासवर्ड
लिखा हुआ है शो भी नहीं कर रहा है हम सबमिट बटन पे क्लिक कर करते हैं तो हमारे सिस्टम से रिक्वेस्ट पैकेज जनरेट होकर
सर्वर तक जाएगा और जाकर चेक करेगा यूजर नेम और पासवर्ड सही है कि नहीं है लेकिन सोचो कैसा हो अगर आपको यहां पर यह जो ऊ पर
यूआरएल का टैब होता है इस यूआरएल टैब में कुछ ऐसा लिखा हुआ दिखे एटीटीपी कॉलम स्ल डडड ws.com
स् य इट आशीष एंड p इ
1234 अब सोचो यहां पर भी आपको आपका लिखा हुआ पासवर्ड नहीं दिख रहा था लेकिन जब आपने यूआरएल को देखा तो आपने देखा कि आपका
पासवर्ड तो क्लियर टैक्स में सबको विजिबल है तो ये सेफ और सिक्योर कैसे हो सकता है यानी ये डाटा तो किसी को भी दिख सकता है
सामने यूआरएल में तो साफसाफ दिख रहा है हम ऐसा क्यों हो रहा है क्योंकि सर यह जो पैकेट रिक्वेस्ट के जरिए सेंड करा जा रहा
था सर्वर को यह पैकेट गेट मेथड के जरिए सेंड करा जा रहा था जो कहता है कि सारा डाटा यूआरएल में क्लियर विजिबल होगा तो
हमें इसी वजह से रिकमेंड करा जाता है कि सर कभी भी गेट मेथड के जरिए कुछ खास इंफॉर्मेशन जो होती है क्रेडेंशियल जो
होते हैं जो प्राइवेट इंफॉर्मेशन प्राइवेट डाटा होता है वो कभी भी गेट के जरिए ना भेजा जाए बाकी जो नॉर्मल पैकेज है वो भेजे
जाए गेट के कोई दिक्कत नहीं है जब आप मैं नॉर्मली एक पेज एक्सेस कर रहा हूं उस पेज का एड्रेस जाएगा मुझे कोई दिक्कत नहीं है
लेकिन अगर उस पेज में मैंने अपनी कुछ इंफॉर्मेशन लिखी है कोई फॉर्म फिल करा है कोई प्राइवेट डाटा लिखा है क्रेडेंशियल
लिखे हैं वो कभी भी गेट मेथड के जरिए सेंड नहीं करा जाना चाहिए यह डेवलपर्स को भी गाइड करा जाता है और हमें भी समझा जाता है
आई होप सभी को क्लियर हुआ होगा गेट मेथड क्या है अब बात करते हैं कि सर गेट मेथड यूज नहीं लेंगे तो क्या यूज लेंगे तो सर
जब हम गेट यूज नहीं लेते तो हमें रिकमेंड करा जाता है पोस्ट मेथड पोस्ट में क्या हो रहा है समझते हैं सेंस यूजर इंफॉर्मेशन
एंड फाइल इन बॉडी टू सर्वर यूजिंग एटीएमएल फॉर्म्स इसका मतलब कि सर अब आप जितनी भी डिटेल्स फिल कर रहे हो यह सारी डिटेल्स
हमारे रिक्वेस्ट का जो बॉडी पार्ट था उसमें ट्रांसफर हो रही है जो किसी को विजिबल नहीं होती नॉर्मली आप अगर कोई
फॉर्म फिल करते हो तो क्या यूआरएल में उस फॉर्म की सारी डिटेल्स लिखी हुई दिखती है आपको इसका मतलब कि सर अगर हम फिर से किसी
वेबसाइट प जाएं है ना किसी भी वेबसाइट पर जाए अगर हम कोई फॉर्म फिल करें जैसे हम एक काम करते हैं डब्लू एस क्यूटेक की नॉर्मल
सा एक फॉर्म फिल कर देते हैं कोई भी हम चलते हैं यहां पे कांटेक्ट अस में अब अगर मैं इस फॉर्म को फिल करता हूं मैं यहां पर
कुछ भी डिटेल लिख देता हूं ठीक है मैंने ऐसे ही कुछ भी रैंडम डिटेल्स लिख दिए यहां पे ईमेल में t @ t.com लिख देता हूं और
पर्पस में कुछ भी लिख देते कुछ भी लिख देते हैं लेकिन जब मैं सांड मैसेज पर क्लिक करूंगा आप ऊपर यूआरएल देख सकते हैं
फिलहाल केवल कांटेक्ट अस html5 तक का ही एड्रेस आ रहा है जब मैं सड मैसेज पर क्लिक कर रहा हूं तो क्या हमें यहां पे डाटा
लिखा हुआ दिख रहा है क्या जो पैकेज सेंड हुआ हमें विजिबल है नहीं है तो यह गट से ज्यादा सेफ है क्यों क्योंकि यह जितना भी
डाटा है ये पोस्ट के जरिए सेंड करा गया है अब क्या इस चीज को हम देख सकते हैं तो बिल्कुल देख सकते हैं अगर मैं यहां पे
राइट क्लिक करता हूं और इंस्पेक्ट में जाता हूं एंड इंस्पेक्ट में जाने के बाद हमें इंस्पेक्ट से फिलहाल कुछ नहीं करना
है यहां पे आपको नेटवर्क का एक ऑप्शन दिखेगा जो नेटवर्क ट्रैफिक को एनालाइज करता है नेटवर्क ट्रैफिक को रोक लेता है
और यहां पे रिकॉर्ड करता है मॉनिटर करता है आप कह सकते हो और अगर मैं इस पेज को फिर से सेंड करूं यानी मैं फिर से डिटेल्स
लिखूं यहां पे ठीक है तो हमने यहां कुछ डिटेल लिखी और अब अगर मैं सेंड मैसेज बटन पर क्लिक करूंगा तो आप देखेंगे यहां पे कि
इसने कुछ डाटा रिकॉर्ड करा है है ना और अगर आप इस डाटा पे क्लिक करते हैं तो आप देखेंगे कि ये मेथड कौन सा यूज हुआ है
पोस्ट मेथड यूज हुआ है रिक्वेस्ट मेथड में साफ दिखा रहा है कि पोस्ट मेथड के जरिए पैकेट भेजा गया है और उस पोस्ट में आपका
जितना भी डाटा है वह सारा का सारा डाटा बॉडी पार्ट के जरिए ट्रांसफर करा गया यह सब क्या है सर यह सारे हमारे हेडर्स हैं
है ना और एक खास चीज अगर आप यूजर एजेंट हेडर को देखो तो आपको यह भी क्लियर हो जाएगा जो मैंने बताया था अभी-अभी कि यूजर
एजेंट हमारी डिटेल लेके जाता है आप देख सकते हो यहां पे windows10 मेरे ऑपरेटिंग सिस्टम का वर्जन
वो कितने बिट का है और मैं कौन सा ब्राउजर यूज़ दे रहा था नहीं चाहेंगे ओबवियसली इतनी डिटेल सर्वर
को ले जाके बता दे कैसे चेंज होगी आगे चलके देखेंगे बट आई होप आपको समझ आ गया होगा कि रिक्वेस्ट और रिस्पांस क्या है
कैसा दिखता है ये रहे रिस्पांस के हेडर्स और ये रहे सारे रिक्वेस्ट के हेडर्स एक्सेप्ट एक्सेप्ट लैंग्वेज एक्सेप्ट
इनकोडिंग और कुछ और भी हेडर्स है जिसके बारे में अभी आपको आईडिया नहीं है और जानने की जरूरत भी नहीं पड़ेगी एंड अगर
मैं ऊपर एड पीएपी में आऊं जहां पे हमारा डाटा में देखने को मिल सकता है तो मेथड तो पोस्ट बता ही रहा है लेकिन यहां पे अगर आप
आए तो आप देख सकते हैं आपने जो डिटेल लिखी थी वो सारी दिखा रहा है लेकिन क्यों दिखा रहा है क्योंकि मेरा ही ब्राउजर है और
पोस्ट का डाटा वो यहां पर शो कर रहा है यह डाटा यूआरएल में देखने को नहीं मिलेगा तो नॉर्मल से ज्यादा सेफ है ठीक है ऐसा नहीं
है 100% सेफ है गेट के कंपैरिजन में पोस्ट ज्यादा सेफ है तो आई होप आप सभी को यह पार्ट तो समझ आ गया होगा तो अब हम कुछ
बाकी के मेथड्स को भी देख लेते हैं क्योंकि हमने रिक्वेस्ट को रोकना और एनालाइज करना यह भी साथ-साथ समझ लिया है
अब बात आती है हमारे पुट मेथड की और पुट मेथड में एक चीज हमें समझनी पड़ेगी कि सर साइबर सिक्योरिटी में दो ऐसे मेथड्स है
जिनको मोस्ट डेंजरस मेथड कहा जा जाता है अब डेंजरस मेथड क्यों कहा जाता है बिकॉज इस यह मेथड्स किसी भी यूजर को किसी भी
हैकर को अगर दिख गए या मिल गए तो उसकी मदद से वो हमारे सिस्टम का यानी सर्वर का बहुत नुकसान कर सकता है तो इन डेंजरस मेथड्स को
यूज लेने से या परमिशन देने से लोगों को इसको एक्सेस करने की परमिशन देने से मना करा जाता है डेवलपर्स को कौन-कौन से मेथड
है तो सर उसमें सबसे पहला मेथड है पुट याद रखिएगा कई एग्जाम्स में भी साइबर सिक्योरिटी एग्जाम्स में पूछा जाता है कि
मोस्ट डेंजरस मेथड्स कौन-कौन से माने जाते हैं तो उनमें सबसे पहला मेथड है पुट पुट डेंजरस क्यूस की डेफिनेशन के जरिए देखते
हैं यहां पर लिखा हुआ है रिप्लेस ऑल करंट रिप्रेजेंटेशन ऑफ द टारगेट रिसोर्सेस विथ द अपलोडेड कंटेंट यानी ये क्या कर रहा है
अगर इजी लैंग्वेज में आपको समझाऊं तो सर पुट मेथड के जरिए हमें परमिशन मिल जाती है कि एक सर्वर पे उस पर्टिकुलर हिस्से में
जिस एड्रेस को हम एक्सेस कर रहे थे वहां पर हम कुछ कंटेंट अपडेट कर सकते हैं या आप कह सकते हो अपलोड कर सकते हैं और अगर मेरे
पास ऐसी पावर्स आ गई कि मैं सर्वर सिस्टम पे यानी जिसकी वेबसाइट है उसके सिस्टम पे कुछ भी कंटेंट अपडेट कर सकता हूं अपलोड कर
सकता हूं ओवरराइट कर सकता हूं बेसिकली तो मैं वहां पे कोई मिलिशिया प्रोग्राम भेज दूंगा कोई वायरस जो आप अभी समझ पाएंगे
फिलहाल ऑल दो मलेशियन प्रोग्राम कहते हैं हम उन्हें लेकिन अगर मैं कोई ऐसा प्रोग्राम जो सिस्टम का नुकसान कर सकता है
सिस्टम पे भेज देता हूं पुट मेथड की वजह से तो ये तो लॉस है क्योंकि ये पूरा सिस्टम हैक हो जाएगा फिर पूरा सिस्टम खराब
हो सकता है इसी वजह से पुट मेथड को मोस्ट डेंजरस मेथड कहा जाता है क्योंकि के इसकी मदद से एक अटैकर को कंटेंट अपलोड कर की
परमिशन मिल जाती है अपडेट करने की परमिशन मिल जाती है सर्वर पे आई होप सभी को समझ आ गया होगा देन इसके बाद हमारे पास जो सेकंड
मोस्ट डेंजरस मेथड आता है वह है डिलीट डिलीट क्या है सेकंड मोस्ट डेंजरस मेथड है क्यों है तो इसकी डेफिनेशन देखते हैं
रिमूव ऑल करंट रिप्रेजेंटेशन ऑफ द टारगेट रिसोर्सेस गिवन बाय अ यू आरआईपीडी कर रहा है डिलीट मेथड का काम है
कि सर इसके आगे आप जो भी एड्रेस दोगे जिस भी रिसोर्स का जिस भी फाइल का जिस भी कंटेंट का आप एड्रेस दोगे यह उसको डिलीट
करने की ताकत रखता है हटाने की ताकत रखता है इसका मतलब मैं सर्वर का कोई भी कंटेंट डिलीट कर सकता हूं मैं उसके सिक्योरिटी
प्रोग्राम्स डिलीट कर सकता हूं जो कि बहुत ज्यादा डेंजरस साबित होगा सर्वर के लिए तो इस मेथड को सेकंड मोस्ट डेंजरस मेथड कहा
जाता है एंड आई होप आप सभी को पुट एंड डिलीट अच्छे से क्लियर हो गए होंगे अब बात करते हैं ऑप्शंस मेथड की कि सर ये ऑप्शंस
मेथड क्या है तो उसकी डेफिनेशन कह रही है डिस्क्राइब्स द कम्युनिकेशन ऑप्शंस फॉर द टारगेट रिसोर्सेस यानी सर जब आप
कम्युनिकेट कर रहे हो तो उससे रिलेटेड कुछ ऑप्शंस आपको शो करता है ऑप्शन नाम का मेथड क्या आप इस कनेक्शन में क्या-क्या कर सकते
हैं एक्टिव है कि नहीं है क्लोज हो चुका है कि नहीं हो चुका है एक्टिव रखना है कि नहीं रखना है ऐसे कुछ फंक्शन आपको ऑप्शन
मेथड प्रोवाइड करता है देन इसके बाद हमारे पास आता है ट्रेस मेथड जो कि मोस्ट डेंजरस मेथड तो नहीं कहा जाता पर यह मेथड भी
हैकर्स की काफी काम का है क्यों काम का है इसकी डेफिनेशन देखते हैं परफॉर्म अ मैसेज लूप बैक टेस्ट अलोंग द पाथ टू द टारगेट
रिसोर्सेस यानी ये कह रहा है कि सर आपको अगर कोई फाइल डिलीट करनी है तो आपके पास उसका एड्रेस होना चाहिए अगर आप कोई कंटेंट
अपडेट करना है तो आपको उस जगह का एड्रेस पता होना चाहिए जहां आप कंटेंट अपडेट कर रहे हो यानी दोनों ही केसेस में हमारे पास
यूआरएल जिसका मतलब एड्रेस होता है वो होना जरूरी है तो अक्सर कई चीजों का एड्रेस हमें नहीं मिलता मुझे नहीं पता कि यह पेज
कहां पड़ा है यह पेज कहां पड़ा है सर्वर पे क्योंकि मैंने तो सर्वर को अभी हैक नहीं किया है लेकिन ट्रेस मेथड की मदद से
सर हमें किसी भी रिसोर्स का एड्रेस मिलने में मदद मिल जाती है एक तरीके से जब हम कोई फाइल को फाइंड करते हैं सर्च करते हैं
कुछ वैसा है तो ट्रेस की मदद से हमें यूआरएल मिल जाते हैं और फिर हम यूआरएल की मदद से भी कर सकते हैं अपडेट भी कर सकते
हैं अगर वो मेथड हमें दिए गए हैं तो तो ट्रेस हमें इंफॉर्मेशन गैदरिंग में काफी हेल्प कर रहा है आई होप क्लियर हुआ होगा
आपको देन इसके बाद हमारे पास आता है कनेक्ट मेथड इसकी डेफिनेशन कहती है एस्टेब्लिश अ टनल टू द सर्वर
आइडेंटिफिकेशन बनाना है कि नहीं बनाना है टीसीपी को यह चीज गाइड करनी है कि नहीं करनी है यह काम
कनेक्ट मेथड करता [संगीत] है इस वीडियो में हम देखने वाले हैं डोमेन
नेम एंड डीएनएस के बारे में अभी तक हमने जितना भी नेटवर्किंग पढ़ा उसमें हम इतना समझ आया कि हम एचटीटीपी रिक्वेस्ट
रिस्पांस के जरिए कम्युनिकेशन करते हैं जिसमें आईपी पोस्ट प्रोटोकॉल्स हर कोई अपना रोल प्ले करता है अब हम ये समझने
वाले हैं कि जब हम एक नाम लिखते हैं डोमेन नेम लिखते हैं तो हम सर्वर तक पहुंचते कैसे हैं एंड डोमेन नेम होता क्या है सबसे
पहले हम देखेंगे डोमेन नेम क्या है फिर देखेंगे डीएनएस क्या होता है देन हम देखेंगे रिकॉर्ड्स डीएनएस के अंदर क्या
होते हैं और क्या काम आते हैं और हम फाइनली देखेंगे जोन फाइल नाम की बहुत ही इंपोर्टेंट और काम की फाइल को अब पहले
पार्ट पे अगर हम बढ़ें कि एक डोमेन क्या है तो हम बहुत इजली समझ सकते हैं कि सर जब हम एक वेबसाइट को एक्सेस करते हैं तो हमें
उसका नाम लिखना होता है और ऐसा इसलिए करना होता है क्योंकि हमें उसका आईपी एड्रेस याद नहीं रह सकता और इसी कांसेप्ट को
अच्छे से क्लियर करेंगे पहले इस पॉइंटर को समझ लेते हैं कि डोमेन सर और कुछ नहीं है एक आईपी का नाम है क्यों रखा गया ताकि
आपको इजली याद रह सके एग्जांपल के तौर पे google.com facebook.com w cet.com ये सब क्या है ये सब डोमेन नेम्स है अब इसकी
जरूरत क्यों पड़ी स्टार्ट कहां से हुआ तो हुआ यहां पर कुछ ऐसा स्टूडेंट्स कि एक डेवलपर था है ना डेवलपर ए मान लेते हैं
हमने इसको एक नाम दिया ए यह जो डेवलपर है इसने क्या करा सर इसने ग्रुप ऑफ वेब पेजेस बनाए अब आप सभी से मेरा क्वेश्चन है ग्रुप
ऑफ वेब पेजेस को हम क्या कहते हैं यानी खूब सारे वेब पेजेस को कंबाइन करेंगे तो क्या बनेगा एक वेबसाइट वेरी गुड तो सर
इसने एक वेबसाइट बनाई और यह वेबसाइट इसने अपने सिस्टम पर ले जाकर रख दी अब सवाल यह है कि इसके सिस्टम पर ये वेबसाइट पड़ी है
इसके सिस्टम के पास खुद की जो आइडेंटिटी है है मैं थोड़ी और डिटेल दे देता हूं इसके सिस्टम के पास खुद की जो पहचान है व
है प्राइवेट आईपी एड्रेस एग्जांपल के तौर पे मान लो 192 16801 उसके अलावा सर उसके पास है मैक
एड्रेस और उसके अलावा उसके पास है लोकल होस्ट है ना जिसका आईपी होता है 127.0 क्वेश्चन मेरा आप सभी से यह है कि
क्या बीइंग अ नॉर्मल यूजर आप जो अपने घरों पे बैठे हैं अलग-अलग स्टेट्स में बैठे हैं अलग-अलग कंट्रीज में बैठे हैं क्या आप लोग
इस वेबसाइट को एक्सेस कर सकते हैं डायरेक्ट क्या आप लोग ये वेबसाइट जो इस डेवलपर ने डेवलपर ए ने बनाई है क्या आप
उसे एक्सेस कर पाएंगे नहीं कर पाएंगे क्यों नहीं कर पाएंगे क्योंकि सर हमें आईपी का रूल याद रखना पड़ेगा आईपी का रूल
ये कहता है कि आप प्राइवेट आईपी से केवल और केवल प्राइवेट आईपी की ही बात करा सकते हो वो भी उसकी रेंज में यानी लोकल एरिया
नेटवर्क में और आप लोग तो वाइड एरिया नेटवर्क में बैठे तो क्या यह पॉसिबल है कि हम इस सिस्टम से किसी भी तरीके से
कम्युनिकेट कर सके डायरेक्ट डायरेक्ट तो पॉसिबल बिल्कुल नहीं है आईपी का रूल तो नहीं ब्रेक होगा इसका मतलब हमारे पास
पब्लिक आईपी होनी चाहिए तब हम कम्युनिकेशन कर सकते हैं तो हमारे इस डेवलपर को जब यह बात समझ आई तो उसने क्या करा उसने एक
सिस्टम परचेस करा तो यहां पर एक बार इसको क्लियर करते हैं कैसा सिस्टम परचेस करा तो सर उसने एक सिस्टम परचेस करा जिसके पास एक
पब्लिक स्टैटिक आईपी एड्रेस स्टैटिक मतलब जो चेंज नहीं होती है ना पब्लिक स्टैटिक आईपी एड्रेस एग्जांपल के तौर पर मान लेते
हैं 4.4.4 अब इस सिस्टम के पास एक पब्लिक आईपी एड्रेस है
4.4.4 इसने अपनी वेबसाइट को ले जाकर यहां पर अपडेट कर दिया अपलोड कर दिया यहां पर इसकी वेबसाइट अपलोड हो चुकी है अब मेरा
क्वेश्चन ये है कि बीइंग अ नॉर्मल यूजर फिर से क्या आप चाहे किसी भी कंट्री में हो किसी भी स्टेट में हो कितना भी दूर हो
या पास हो इंटरनेट की मदद से क्या इस सिस्टम से बात कर सकते हो सर डेफिनेटली कर सकते हैं क्यों क्योंकि हमारे ब्रॉडबैंड
के पास पब्लिक आईपी है और इनके पास भी पब्लिक आईपी है अब बस इशू यहां पे ये हुआ कि मैंने तो फिलहाल बहुत इजी आईपी एड्रेस
रखा है लेकिन अगर कोई ऐसा आईपी एड्रेस होता तो 128 211
210121 तो क्या हमें ये आईपी एड्रेस याद रहता एक याद रह भी जाता तो बाकी के आईपी एड्रेस याद रखना पॉसिबल नहीं होता इसी काम
को आसान करने के लिए इन आईपी को नाम दे दिया गया डोमेन नेम दे दिया गया जैसे google.com facebook.com या जो भी आपको
डोमेन नेम पता है ताकि हमें आईपी याद ना रखनी पड़े बट यहां पर एक और क्वेश्चन क्रिएट होता है सर यह नाम खरीदा कैसे गया
यह जो नाम है यह कैसे रखा गया तो इस पार्ट को बहुत अच्छे से समझेगा मैं इसको एक्सप्लेन कर रहा हूं तो हमें पता है हमें
आईपी याद नहीं रहेगा डेवलपर को पता है कि उसको अब एक नाम खरीदने की जरूरत है ताकि लोग उसकी वेबसाइट तक इजली पहुंच सके आईपी
याद रखने का इशू ना हो लोगों को ऐसा ना करना पड़े तो डेवलपर ने क्या करा वो किसी वेबसाइट पर गया जैसे मान लो वो ग डडी पे
गया ग डडी वेबसाइट प गया और वहां पे जाके उसने बोला कि मुझे एक नाम परचेस करना है अपनी वेबसाइट के लिए डोमेन नेम परचेस करना
है तो ग डडी ने इससे कुछ डिटेल्स मांगी जैसे रजिस्ट्रेशन कराया डेवलपर से और उसके बाद उसको कुछ अकाउंट क्रेडेंशियल दे दिए
यानी यूजर नेम और पासवर्ड दे दिया साथ ही साथ एक नाम भी दे दिया एक डोमेन नेम भी दे दिया एग्जांपल के तौर पे मान लेते हैं
ws.com ये डोमेन नेम परचेज करा इस यूजर ने यानी डेवलपर ए ने अपने सर्वर के लिए अब इसको ध्यान से देख के बताओ क्या इस डोमेन
नेम में इस डेवलपर के अलावा क्या कुछ भी कॉमन है यानी क्या इन दोनों के बीच में कोई भी कनेक्शन बना हुआ है फिलहाल कोई भी
कनेक्शन नहीं है उसने जो सर्वर है यानी सिस्टम जिसके पास पब्लिक आईपी एड्रेस है व अलग जगह से खरीदा उसने जो नाम है वो गड
आईडी से खरीदा तो दोनों बीच में कोई कनेक्शन नहीं है लेकिन सर इस यूजर को क्रेडेंशियल दे रखे थे उसका यूजर नेम और
पासवर्ड जिसकी मदद से वह क्या करता है डोमेन के जो सेटिंग्स का पेज है ये जो डोमेन नेम है इसकी सेटिंग्स के पेज में
पहुंच जाता है जिस सेटिंग का नाम है डोमेन मैनेजर क्या नाम है सर डोमेन मैनेजर और इस डोमेन मैनेजर सेटिंग के जरिए यह क्या कर
सकता है अपने डोमेन से रिलेटेड सारी कॉन्फिन यानी सारी सेटिंग्स कर सकता है बता सकता है डोमेन कोसको किसके साथ और
कैसे काम करना है तो यहां पर जितनी भी सेटिंग्स है उन सबको हम कहते हैं रिकॉर्ड्स क्या कहते हैं रिकॉर्ड्स कहते
हैं सर जैसे ए रिकॉर्ड एम एक रिकॉर्ड टी एक्सटी रिकॉर्ड अब ये सब है क्या और इनका काम क्या है यह अब हम डिटेल में समझेंगे
कि रिकॉर्ड्स क्या होते हैं और किस रिकॉर्ड में किस तरीके का डाटा आता है फिर भी अगर इन शॉर्ट आपको समझाऊं तो आपके
सामने आज अगर मैं एक फॉर्म ओपन करता हूं जहां पे नेम इक्वल्स टू लिखा हुआ है कांटेक्ट नंबर इक्वल्स टू लिखा हुआ है और
एड्रेस इक्वल्स टू लिखा हुआ है तो आप क्या करेंगे सर नेम में अपना नेम फिल करेंगे कांटेक्ट नंबर में कांटेक्ट नंबर और
एड्रेस में एड्रेस ऐसा तो नहीं करेंगे ना कि नेम में एड्रेस लिख दिया कांटेक्ट नंबर में एड्रेस लिख दिया या अपना नाम लिख दिया
ऐसी हम गलती तो नहीं करेंगे यहां पे तो वैसा ही सर यहां पे भी कुछ कॉलम्स है जिनको हम रिकॉर्ड्स कहेंगे जिनके अंदर कुछ
फिक्स टाइप का डाटा आना चाहिए और जो डेटा वो सपोर्ट करते हैं वही डेटा मेंशन करेंगे सो आइए देखते हैं रिकॉर्ड्स इन डीएनएस एंड
देयर यूज सबसे पहले रिकॉर्ड का नाम है ए रिकॉर्ड ए रिकॉर्ड क्या है सर ए क्या आगे लिखा हुआ है आईपी ऑफ डोमेन नेम इसका मतलब
आपने एक डोमेन खरीदा था उससे रिलेटेड आप सेटिंग्स में गए जहां पे a इक्वल्स टू लिखा हुआ है और ए रिकॉर्ड कह रहा है कि
अंदर आपको आईपी एड्रेस लिखना है यानी इस कॉलम में हमें क्या लिखना है यहां पर हमें आईपी लिखना है और किसका लिखना है सर्वर का
लिखना है इसका मतलब आप इस ws.com नाम के डोमेन को जिस भी सर्वर के साथ कनेक्ट करना चाहते हैं जिस भी सिस्टम के साथ जोड़ना
चाहते हैं आप उसका आईपी एड्रेस ए रिकॉर्ड में जाके लिख दोगे तो उससे उसको पता पड़ जाएगा कि उसको किस सर्वर के साथ जुड़ के
काम करना है यानी जब भी हम ws.com लिखेंगे तो हमें किस सर्वर पर जाना है ये ए रिकॉर्ड को आईडिया रहेगा यह डीएनएस को पता
पड़ जाएगा डीएनएस क्या है ये अभी और अच्छे से समझेंगे ठीक है आई होप ए रिकॉर्ड समझ आ गया होगा ए रिकॉर्ड के अंदर क्या आता है
आईपी ऑफ़ डोमेन नेम आपके डोमेन को आप जिस सिस्टम से जोड़ना चाहते हैं उसका आईपी आप लिख देते हैं देन आता है सी नेम एक बहुत
ही इंटरेस्टिंग रिकॉर्ड है सी नेम इसकी डेफिनेशन कै रही है फॉरवर्ड डोमस एंड सब डोमस टू अनदर डोमेन यानी ये क्या करता है
हमारे साथ अक्सर ऐसा हुआ होगा जब हम किसी वेबसाइट पे विजिट करते हैं तो मान लेते हैं हम डब्ल्यू क्यूब टेक की वेबसाइट पे
गए और उस वेबसाइट पे कोई मेंटेनेंस का वर्क चल रहा था कुछ काम चल रहा था तो वह वेबसाइट जो है व अच्छे से काम नहीं कर रही
थी है ना अपनी फंक्शनिंग अच्छे से नहीं कर ही थी तो उस दौरान जो वेबसाइट का एडमिन है या डेवलपर्स है वो नहीं चाहते कि जितने भी
यूजर्स उस वक्त उस वेबसाइट पर आए उन्हें बैड एक्सपीरियंस मिले है ना वो नहीं चाहते कि उन्हें कोई बुरा एक्सपीरियंस मिले तो
वो क्या करेंगे कुछ टाइम के लिए उन लोगों को कहीं और रीडायरेक्ट कर सकते हैं कहीं और बेज सकते हैं अपनी दूसरी वेबसाइट पे
बेज सकते हैं तो उन्होने क्या करा कि w c tech.com प जितने भी लोग आ रहे थे उस टाइम पे जब वेबसाइट में काम चल रहा था उन्होने
उन सभी लोगों को कोश ws.com नाम की वेबसाइट पे डैड कर दिया ऐसा करने पे क्या हु लोगों को कोई ज्यादा बुरा एक्सपीरियंस
नहीं मिला लोग दूसरी वेबसाइट पर गए जो अपने बेसिक काम करने थे वो करे और नहीं भी करे तो कुछ खास लॉस नहीं हुआ तो यहां पर
क्या हुआ हम जा कहीं और रहते हमें कहीं और भेज दिया गया रीडायरेक्ट कर दिया गया यह रीडायरेक्शन सी नेम की मदद से भी पॉसिबल
है और ऐसा कहने के पीछे रीजन यह है कि रीडायरेक्शन अलग-अलग तरीकों से हो सकता है फिलहाल सी नेम से भी पॉसिबल है सी नेम का
कहना है कि अगर आपने मेरे कॉलम में किसी भी डोमेन का नाम लिखा google.com को w.com में किसी भी डोमेन का नाम लिखा तो जब कोई
आपके ओरिजिनल डोमेन प आएगा जो कि ws.com था तो मैं उस यूजर को उस डोमेन पर रीडायरेक्ट कर दूंगा जो आपने मेरे अंदर
लिखा है मेरे कॉलम के अंदर लिखा है ये सी नेम का काम है रीडायरेक्शन का सी नेम का काम है आई होप समझ आ गया होगा सभी को देन
हमारे पास आता है एमएक्स रिकॉर्ड जिसका फुल फॉर्म है मेल सर्वर रिकॉर्ड यहां पर आप देख सकते हो डायरेक्ट मेल टू ईमेल
सर्वर अब होता क्या है इस चीज को और अच्छे से एक्सप्लेन करने की कोशिश करेंगे हम ध्यान से समझिए होता यहां पर ये है कि सर
जब भी आप एक डोमेन परचेस करते हैं तो वो डोमेन अपने साथ साथ आपको कई सारे नए यूजर्स ईमेल के यूजर्स है ना कौन सी
यूजर्स मेलिंग के लिए जो हमारे ईमेल एड्रेसस होते हैं ईमेल अकाउंट्स होते हैं वो कई सारे यूजर्स प्रोवाइड कर सकता है
आपने देखा होगा आपको अगर किसी भी कंपनी से मेल आता है तो उसका एक्सटेंशन जो है वो @ gmail.com नहीं होता जैसे होगा देखो कैसे
होगा मेल आपका hrs.com अब सर यहां पे gmail.com क्यों नहीं है हमारी जो ईमेल एड्रेसस है उनमें
तो एर gmail.com आता है @ gmail.com आता है यहां पे एचआर ws.com क्यों लिखा हुआ है क्योंकि सर यह जो नाम है यह जो पूरा ईमेल
एड्रेस है यह जुड़े हुए कई सारे ईमेल एड्रेसस बना सकते हैं लेकिन वो मेल सर्वर इतना अच्छा नहीं
है उसका j इतना अच्छा नहीं है उसकी वर्किंग इतनी अच्छी नहीं है तो हम चाहेंगे कि फ्यूचर में अगर मुझे मेरे इस मेल के
जरिए hrs.com के जरिए मुझे अगर किसी को मेल करना है तो इंटरफेस अच्छा मिले एक ऐसा सॉफ्टवेयर मिले जो मेलिंग करने के लिए
बेस्ट है या फिर बहुत अच्छा है अब अगर यही क्वेश्चन मैं आपसे पूछना चाहूं कि अगर आज के टाइम पे आप कोई मेल भेजना चाहो किसी को
भी अपनी नॉर्मल आईडी से तो कौन सा सॉफ्टवेयर यूज लेंगे सर हम तो हमारे पास ईमेल तो है लेकिन हम उसको
gmax.gvk gmax.gvk पड़ेगा देन हमारे पास आता है एनएस रिकॉर्ड अब एनएस के अंदर लिखा हुआ है
नेम सर्वर इन शॉर्ट अगर मैं आपको समझाऊं तो आपके डोमेन नेम को कुछ और दो छोटे नाम में डिवाइड कर दिया जाता है ताकि आपका जो
डाटा है वह बहुत ही सही तरीके से सर्वर तक पहुंचे या डीएनएस जो है आपसे रिलेटेड कुछ डिटेल्स कलेक्ट कर सके ये नेम सर्वर्स
कैसे दिखते हैं कुछ ऐसे ns1 ws.com ns2 ws.com तो यहां पे ये दो नेम सर्वर्स
है जो हमारे डोमेन से जुड़े रहते हैं है ना जो हमें सर्वर तक पहुंचाएंगे अब इसमें खास बात ये है कि ये हमारे लिए क्यों
यूजफुल है ये इंफॉर्मेशन हमारे लिए क्यों काम की है साइबर सिक्योरिटी में हमें रिकमेंड करा जाता है कि सर आपके डोमेन के
मिनिमम दो नेम सर्वर्स होने चाहिए क्योंकि कुछ स्पेशल टाइप के डॉस अटैक्स है जिससे डाटा एक साथ बहुत सारा आता है तो आपके
सिस्टम्स को इशू हो सकता है आपके सर्वर्स को इशू हो सकता है है ना क्रैश हो सकते हैं खराब हो सकते हैं स्लो हो सकते हैं तो
उससे बचने के लिए अगर आप दो नेम सर्व रखोगे तो डाटा डिवाइड हो जाएगा जिससे उसकी पावर कम हो जाएगी तो हमें एट दी एंड साइबर
सिक्योरिटी पर्सपेक्टिव से देखें तो रिकमेंड करा जाता है कि मिनिमम एक डोमेन के दो नेम सर्वर्स तो होने ही चाहिए उससे
ज्यादा हो सकते हैं कोई दिक्कत नहीं है आई होप यह पार्ट भी सभी को क्लियर होगा देन हमारे पास आता है एसओ ए रिकॉर्ड और
एसओएचडब्ल्यू होता है कि सर अगर फ्यूचर में हमारे डोमेन में कोई भी इशू हुआ तो हम किससे कनेक्ट
करेंगे यानी अगर एक यूजर किसी वेबसाइट को चला रहा है और डोमेन में कनेक्शन नहीं बन रहा डोमेन अच्छे से वर्क नहीं कर रहा है
तो एटलीस्ट किसी एडमिन का कोई ईमेल एड्रेस या कोई डिटेल होनी चाहिए ताकि उससे चीज रिपोर्ट करी जा सके तो वो डिटेल एसओ
रिकॉर्ड के अंदर ऐड करी जाती है उसके बाद सर हमारे पास आता है एस आरवी एस आरवी की डेफिनेशन कहती है स्पेसिफिक पोर्ट फॉर
स्पेसिफिक सर्विसेस और ये बहुत काम का रिकॉर्ड है हमारे लिए तो यहां पे ध्यान दीजिए और ये रिकॉर्ड हमारे लिए बहुत
यूजफुल रिकॉर्ड है तो यहां पे फोकस करिएगा कि सर होता यह है हमें पता है एक सिस्टम में बहुत सारी पोर्ट्स ओपन होती है और वो
पोर्ट एक हैकर के लिए बहुत काम कि है अगर किसी हैकर को पता पड़ गया कि मेरे सिस्टम में एंटर होने के लिए कौन-कौन से रास्ते
ओपन हैं तो वो सिस्टम का मिसयूज लेके उसे हैक कर सकता ओपन पोस्ट के जरिए कमिया ढूंढ के सिस्टम को हैक कर सकता है तो यहां पे
यह डिटेल हमें एसआरबी रिकॉर्ड में कभी-कभार देखने को मिल जाती है कि हमारे सर्वर पे कौन-कौन सी पोस्टस ओपन है और
वहां पे क्या सॉफ्टवेयर रन कर रहे हैं अगर इंफॉर्मेशन दिख जाए तो फिर ये डेवलपर के लिए गलत है उसके लिए हार्मफुल है ये
इंफॉर्मेशन एक वनबिल का रूप ले सकती है तो उम्मीद है एसआई रिकॉर्ड भी क्लियर हो गया होगा कि सर इसके अंदर सर हमें ओपन पोस्ट
और सर्विसेस की इंफॉर्मेशन मिल सकती है जो कि हमारे सर्वर की जो कि नहीं मिलनी चाहिए है देन हमारे पास आता है पीटीआई रिकॉर्ड
एक और इंटरेस्टिंग रिकॉर्ड ये इंटरेस्टिंग क्यों है इसकी डेफिनेशन कह रही है प्रोवाइज डोमेन नेम इन रिवर्स लुकअप अब
सोचो अगर कैसा हो एक अटैकर आए है ना तो ये एक अटैकर आया अटैकर ने क्या करा उसने ws.com को स्कैन करा यानी ws.com के पास
कुछ पैकेज भेजे जो यहां से इंफॉर्मेशन लेकर आएंगे लेकिन जब ये पैकेज इंफॉर्मेशन लेकर आए तो यहां पे google.com लिखा हुआ
आया ऐसे में क्या होगा हमारा जो अटैकर था वो कंफ्यूज हो जाएगा वो कहेगा मैंने तो ws.com से डटा मांगा था मेरे पास
google.com पर डाटा क्यों आ रहा है तो ये जो कंफ्यूजन है ये क्रिएट करने में पीटीआर रिकॉर्ड हमारे काम आता है पीटीआर का मतलब
है पॉइंटर वो किसी और की तरफ पॉइंट कर देता है है ना इसका मतलब यह है कि सर जैसे ही हमारा डाटा जा रहा होता है वो वहां पे
नाम किसी और का दिखा देता है बस इतना डिफरेंस है कि नाम किसी और का दिख रहा है तो ये कंफ्यूजन क्रिएट करता है सो आई होप
स्टूडेंट्स ये कुछ डीएनएस बिकॉज आप सभी को क्लियर हो गए होंगे अब सवाल ये है कि डीएनएस असल में क्या है हमें डोमेन की
सेटिंग्स तो समझ आ गई अब बात करते हैं डीएनएस के बारे में कि डीएनएस है क्या डीएनएस का फुल फॉर्म है डोमेन नेम सिस्टम
इसको सर एड्रेस बुक ऑफ इंटरनेट भी कहा जाता है ये क्या करता है सर आप जितने भी डोमेन नेम लिखते हो ना वो असल में डोमेन
किस आईपी से जुड़ा हुआ है यही वो ट्रांसलेशन करता है एंड यहां पे एक और लाइन लिखी हुई है स्टोर ऑल डाटा इन फॉर्म
ऑफ रिकॉर्ड्स इन जोन फाइल इस डाटा को मैं अभी एक्सप्लेन करता हूं इस पॉइंट को मैं अभी एक्सप्लेन करता हूं आप सभी को पहले
डीएनएस का वर्क समझा देता हूं तो जितना हमने पढ़ा में यह समझ आया कि सर जब हम हमारे सिस्टम में किसी डोमेन का नाम लिखते
हैं ws.com तो वो डाटा सीधा जाता है डीएनएस के पास और डीएनएस बताता है कि सर यह आपका जो डोमेन है इसको क्या आईपी
अलडा सलेट करता है तो मान लेते हैं इसने ट्रांसलेट करा 4.4.4 4 वो था एड्रेस हमारे सर्वर का जिसके अंदर हमारी यह ws.com
वेबसाइट चल रही थी है ना जो डेवलपर ने सर्वर खरीदा था वो उसका एड्रेस था सवाल यह है कि डीएनएस को ये पता कैसे पड़ा कि
डोमिनस आईपी से जुड़ा हुआ है तो सर होता यह है कि डीएनएस एक्सेस करता है एक फाइल को जोन फाइल को इस फाइल का नाम क्या है
जोन फाइल और ये फाइल क्या है इसको और अच्छे से समझाता हूं आप सभी को लास्ट एग्जांपल याद होगा कि हमारे डेवलपर ने
क्या करा कि सर ग डडी के जरिए एक डोमेन परचेस करा ग डडी ने इसको एक पेज दिया रजिस्ट्रेशन और लॉगिन करने के बाद ये इस
डोमेन मैनेजर के पेज में जाता है और वहां पर सारे रिकॉर्ड्स को सेट अप करता है एम एकस टी एक्सटी एनएस इन सारे रिकॉर्ड्स की
लेटे सेटिंग्स करता है जब डेवलपर यह सारी सेटिंग्स करता है तो यह सेटिंग्स एक टाइम पीरियड के गैप के बाद एक फाइल में जाकर
अपना आप अपडेट हो जाती है और इस फाइल का नाम है जोन फाइल क्योंकि यह जो डाटा है यह प्राइवेट इंफॉर्मेशन है यह सारी प्राइवेट
इंफॉर्मेशन है यह डीएनएस वीएनएस कोई भी रीड नहीं कर सकता यह केवल मेरी इंफॉर्मेशन है यानी डेवलपर की इंफॉर्मेशन है जिसके
पास क्रेडेंशियल थे तो सर डोमेन को डीएनएस को कैसे पता प कौन सा डोमेन कौन से आईपी से जुड़ा हुआ है इसी प्रॉब्लम को सॉल्व
करने के लिए जितनी इंफॉर्मेशन इस रिकॉर्ड में थी या इस पेज में थी उसकी कुछ इंफॉर्मेशन एक जोन फाइल में जाके अपडेट हो
जाती है यह फाइल एक पब्लिक फाइल है इसको हर कोई एक्सेस कर सकता है तो डीएनएस क्या करता है सीधा इस फाइल को एक्सेस करता है
तो उसको पता पड़ जाता है कि अच्छा इस डोमेन का आईपी य है क्योंकि इसमें ए रिकॉर्ड का डाटा आ चुका है फिर हमें वो उस
यूजर के पास डाट कर दे यानी हमें हमारे सर्वर तक पहुंचा देता है आई होप आप सभी को समझ आया होगा डीएनएस कैसे काम कर रहा है
और यह जो हमारी न फाइल है ये जुड़ी होती है नेम सर्वर से ns1 ws.com ns2 क इनमें से किसी भी एक नेम सर्वर से
जुड़ी हुई होगी तो डीएनएस जाएगा नेम सर्वर्स के पास उससे पूछेगा जोन फाइल किसके पास है जैसे ns1 ने कहा मेरे पास है
तो जोन फाइल को एक्सेस करेगा उसे पता पड़ जाएगा कि ए रिकॉर्ड में ये आईपी लिखा हुआ है तो हमारे डोमेन को व आईपी में
ट्रांसलेट करेगा और हमारा पैकेट सर्वर तक पहुंचा देगा इस तरीके से हम पूरे इंटरनेट पे वेबसाइट एक्सेस कर पाते हैं आई होप आप
सभी को डोमेन डीएनएस और जोन फाइल का कांसेप्ट भी क्लियर होगा इसको और अच्छे से क्लियर करने की के लिए हम यहां पे जोन
फाइल की डेफिनेशन देख लेते हैं पॉइंट्स के जरिए तो जोन फाइल क्या है एक टेक्स्ट फाइल है डीएनएस की डोमिनियम सिस्टम की एक
टेक्स्ट फाइल है जिसके अंदर रिकॉर्ड्स होते हैं सारे के सारे डोमस के कौन से रिकॉर्ड सर ए रिकॉर्ड एम एक रिकॉर्ड टी
एकटी रिकॉर्ड ये जो रिकॉर्ड्स हमने पढ़े थे इसका डाटा इसके अंदर अपडेट होता रहता है टाइम पीरियड के गैप से ये आईपी मैपिंग
में मदद करता है यानी इसी की मदद से पता पड़ता है कौन सा डोमेन कौन सी आईपी से जुड़ा हुआ है एंसर नेम सर्वर डॉट जोन यहां
पे इसलिए लिखा हुआ है क्योंकि ये किसी ना किसी नेम सर्वर से जुड़ी हुई होती है कनेक्टेड होती है
[संगीत] हम देखने वाले हैं ओआई वर्सेस टीसीपी आईपी मॉडल दोनों में क्या डिफरेंस है
नेटवर्किंग में क्या रोल प्ले कर रहे हैं क्यों हमारे लिए जरूरी है यह चीज आज हम समझने वाले हैं तो हम क्या-क्या देखेंगे
सर सबसे पहले हम देखेंगे ओआई मॉडल क्या है देन देखेंगे ये काम किस तरीके से करता है फिर हम देखेंगे व्हाट इज टीसीपीआईपी मॉडल
एंड देन देखेंगे ओआई वर्सेस टीसीपीआईपी मॉडल यानी दोनों में डिफरेंस क्या है तो स्टार्ट करते हैं सबसे पहले देखते हैं ओआई
मॉडल क्या है स्टूडेंट्स ओ का फुल फॉर्म है ओपन सोर्स इंटरकनेक्शन मॉडल अ ये मॉडल की जरूरत क्या पड़ी पहले पॉइंट्स देख लेते
हैं फिर अच्छे से समझेंगे तो सर यहां पे लिखा हुआ है कि कुछ फंक्शंस डिफाइन कर रखे हैं सेवन लेयर्स के अंदर जिसकी मदद से
स्टैंडर्डाइज तरीके से कम्युनिकेशन पॉसिबल हो सकता है और जब इसे रीड करा जाता है तो बॉटम टू अप रीड करा जाता है अब ये समझते
हैं कि पॉइंटर हमसे क्या कहना चाह र है असल में ओआई मॉडल और कुछ नहीं है सर ये स्टैंडर्डाइज तरीका बनाया गया जिसकी मदद
से हमें पता पड़े कि सही फॉर्मेट में एक स्टैंडर्डाइज तरीके से स्टेप बाय स्टेप तरीके से कम्युनिकेशन कैसे पॉसिबल हो सकता
है जिसमें हमें पता है अगर कोई यूजर कोई डाटा भेजेगा तो पहले हार्डवेयर्स के पास जाएगा फ्यूज डाटा को अरेंज करा जाएगा सेट
करा जाएगा व्यू मोड में लाया जाएगा यानी एक पूरा प्रोसेस बनाया गया कम्युनिकेशन का तो इसी सिस्टमिक तरीके से जब हमने
कम्युनिकेशन स्टार्ट करा तो इसी सिस्टमिक तरीके को हम ओआई मॉडल मानते हैं ओएआई मॉडल और कुछ नहीं है एक तरीका है जिसके अंदर
सेवन लेयर्स के जरिए में डिफाइन करा गया है कि आप स्टैंडर्डाइज तरीके से बात कैसे कर सकते हैं अब इसको देखते हैं यहां पे कि
सेवन लेयर्स क्या-क्या है तो यहां पे हमारे पास सबसे पहला लेयर है फिजिकल लेयर देन आता है डेटा लेयर देन नेटवर्क देन
ट्रांसपोर्ट देन सेशन देन प्रेजेंटेशन एंड देन एप्लीकेशन और जैसा मैंने कहा था इसे बॉटम टू अप रीड करा जाता है अब कौन सी
लेयर में क्या काम हो रहा है ये हम बहुत ही जल्द क्लियर कर लेंगे बट हुआ यहां पे ये कि जो ओएआई मॉडल था जब इसको
प्रैक्टिकली इंप्लीमेंट करा गया इसको यूज लेने की कोशिश करी गई प्रैक्टिकली बेसिकली फॉलो करा गया तब देखा कि इसको कुछ अपडेशंस
की जरूरत है तो वो अपडेशंस बन गए टीसीपी आईपी मॉडल टीसीपी आईपी मॉडल क्या है सर टीसीपी का फुल फॉर्म होता है ट्रांसमिशन
कंट्रोल प्रोटोकॉल और आईपी का फुल फॉर्म होता है इंटरनेट प्रोटोकॉल अब यह मॉडल क्या है तो सर कुछ नहीं है ये ओआई मॉडल का
ही एक वर्जन है जिसको फोर या फाइव लि मॉडल्स में डिफाइन कर दिया गया है और यह असल में एक प्रैक्टिकल मॉडल है यानी
प्रैक्टिकल इंप्लीमेंटेशन जब करा गया तो ओआई मॉडल को अपडेट करके टीसीपीआईपी मॉडल बना दिया गया जिसमें फोर टू फाइव डेज हमें
देखने को मिलती है और यह यूज होता है हमारे वाडी ने नेटवर्क में जैसा मैंने कहा प्रैक्टिकली जब इसको वाइड नेटवर्क में यूज
देने लगे तो एसआई में बेसिक मॉडिफिकेशन करे गए अब सर इसमें क्या है टीसीपी आईपी में फोर और फाइव दो लेयर्स के मॉडल है और
अगर आप इन दोनों को देखेंगे तो बहुत मेजर डिफरेंस नहीं है इ फोर लेयर मॉडल को अगर आप देखते हैं तो इसमें नेटवर्क एक्सेस
लेयर देखने को मिलेगा इंटरनेट लेयर ट्रांसपोर्ट लेयर और एप्लीकेशन लेयर ठीक है यही अगर हम फाइव लेयर मॉडल को देखें तो
डिफरेंस बस इतना है कि एप्लीकेशन लेयर सेम है ट्रांसपोर्ट लेयर सेम है इंटरनेट लेयर भी सेम है बस नेटवर्क एक्सेस जो लेयर है
उसको दो पार्ट्स में डिवाइड कर दिया गया जो कि है डेटा लिंक लेयर और फिजिकल लेयर या हम ये कह सकते हैं कि डेटा लिंक लेयर
और फिजिकल लेयर को कंबाइन करके एक लेयर बना दिया गया नेटवर्क एक्सेस लेयर तो फाइव लेयर को फोर लेयर में कन्वर्ट करा गया और
असल में अगर हम आगे देखें तो हमें पता पड़ेगा ओआई में भी यही डिफरेंस हुआ है कि ओआई मॉडल की कुछ लेयर्स को कंबाइन करके एक
लेयर बना दिया गया ये इसमें एक माइनर सा डिफरेंस हुआ है प्रैक्टिकली जब फॉलो करने लगे तो लगा कि भाई इसको अलग डिफाइन करने
की जरूरत नहीं है इसके सारे काम इसी लेयर के अंदर हो जाएंगे तो उन्हें कंबाइन कर दिया गया और किस तरीके से कंबाइन करा गया
तो यहां आप देख सकते हैं हमारे पास है टीसीपीआईपी लेयर के मॉडल जिसमें एप्लीकेशन ट्रांसपोर्ट इंटरनेट और नेटवर्क एक्सेस ये
कौन सा मॉडल है फोर लेयर मॉडल है और ये रहा हमारा ओआई लेयर का मॉडल जिसमें हमारे पास एप्लीकेशन प्रेजेंटेशन सेशन
ट्रांसपोर्ट नेटवर्क डाटा लिंक और फिजिकल लेयर है साथ ही साथ इनको थोड़ा बहुत यहां पे एक्सप्लेन करने की भी कोशिश करी गई है
लद अभी हम इसको बहुत ही डिटेल में समझ जाएंगे फिजिकल लेयर कहता है कि सर जो फिजिकल बिज स्ट्रीमिंग होती है उसका जो
ट्रांसमिशन हो रहा है वो मैं कंट्रोल करती हूं डटा लिंक बोल रहा है कि फ्लो और एरर्स जो आते हैं उनको मैं मैनेज करता हूं यानी
फिजिकल लिंक में कोई भी इशू हो रहा है कोई चीज सही से काम नहीं कर रही है स्लो वर्क कर रही है कोई एरर आ रहा है कोई ट्रबल शूट
करना है तो वहां पे डटा लिंक लेयर काम आता है नेटवर्क लेयर कह रहा है कि सर मैं मल्टी नोड राउटिंग करने का काम करता हूं
बेसिकली राउटिंग सेट करने का कौन कहां से जाएगा और किसके पास क्या एड्रेस है ये डिफाइन करने का काम नेटवर्क लेयर कर रहा
है ट्रांसपोर्ट लेयर कह रहा है कि सर आपको जो मैसेज है उसे सही फॉर्मेट में सही तरीके से सेंड करने का काम मैं करूंगा और
एक्नॉलेज आपको मिल जाए कि आपका मैसेज पहुंचा है कि नहीं पहुंचा है वो भी देख लूंगा और रिलायबल तरीके से सारा काम हो ये
सारे काम ट्रांसपोर्ट लेयर देख लेगा सेशन लेयर ने कहा कि ठीक है जो ऑथेंटिकेशन का काम है सेशन यानी जो एक कनेक्शन बन गया
उसको मैनेज करने का काम है अगर उसमें डिफिकल्टीज आ रही है और रिकनेक्शन बनाना है तो ये जितने भी काम है ये सेशन लेयर
खुद एंटरटेन कर देगा देन आता है प्रेजेंटेशन लेयर जिसने कहा कि सर जो डेटा की फॉर्मेटिंग है बेसिकली डेटा रिसीव हो
गया है तो किस तरीके का डाटा है उसको कैसे रीड करना है उसे कैसे दिखाना है उसे कंप्रेस करना है ये सारे जो ऑपरेशंस है ये
मैं देख लूंगा एप्लीकेशन ने कहा ठीक है जो भी हाई लेवल एपीआई वर्क है या रिसोर्स शेयरिंग का वर्क है जो मेन ऊपर से सारा
काम आप करते हो पैकेट भेजना स्टार्ट करते हो जो इंटरफेस आप देखते हो वो सारी सर्विसेस वो सारे इंटरफेस मैं आपको
प्रोवाइड कर दूंगा इस तरीके से ओआई के सेवन लेयर मॉडल्स को कंप्रेस करके फाइव या फोर लेयर मॉडल बनाया गया अब कंप्रेशन क्या
करा गया और इन लेयर्स में कौन-कौन से काम हो रहे हैं जैसे हमने देखा कि सर ये फिजिकल बीमिंग को देख रहा है लेकिन किसकी
मदद से देख रहा है कौन-कौन से प्रोटोकॉल यहां यूज होते हैं ये हमारे लिए सबसे इंपोर्टेंट इंफॉर्मेशन है तो हम चलते हैं
हमारे टीसीपी आईपी और ओआई और प्रोटोकॉल्स के इस डाटा पे जहां पे आप देख सकते हो हमारे पास न 2 3 4 फोर लेयर का टीसीपीआईपी
मॉडल है और सेवन लेयर का हमारा ओआई मॉडल है जिसके अंदर हम साफ-साफ समझ पा रहे हैं कि एप्लीकेशन लेयर और कुछ नहीं है
कॉमिनेशन है एप्लीकेशन प्रेजेंटेशन और सेशन लेयर का यानी ओआई की जो तीनों लेयर्स थी उसको कइन कर दिया गया एप्लीकेशन लेयर
के अंदर होस्ट टू होस्ट लेयर जो हमारी यहां पे है टीसीपी आईपी में यहां पे क्या हो रहा है कि सर जो एज इट इज ट्रांसपोर्ट
था उसी को रखा गया देन नेटवर्क लेयर को क्या कर दिया गया इंटरनेट लेयर बना दिया गया और नेटवर्क एक्सेस के अंदर डटा लिंक
और फिजिकल दोनों को कंबाइन कर दिया गया बस इस हिसाब से हमारा सेवन लेयर मॉडल फाइव या फोर लेयर मॉडल में कन्वर्ट हो पाया अब सर
इनमें काम क्या हो रहा था तो अगर आप देखें फिजिकल जो बिस स्ट्रीमिंग का काम कर रहा था जो फिजिकल जो भी हार्डवेयर के जरिए
कम्युनिकेशन हो रहा था वहां पे सारे प्रोटोकॉल य हो रहे हैं यानी सारे हार्डवेयर डिवाइसेज मेंशन कर दिए गए हैं
जो काम करते हैं जैसे आईडीए डीएसएल सोनेट है ना इनमें से कुछ नाम आपने सुने होंगे कुछ नहीं सुने होंगे जैसे इथरनेट तो वो सब
यहां काउंट हो जाते हैं उसके अलावा बात करें डटा लिंक लेयर की तो सर वहां पे हमारे पास आ गया हमारे वाईफाई नेटवर्क्स
एपी एटीएम ये कुछ टेक्नोलॉजी जो है जो स्विच और ब्रिजे से रिलेटेड काम करते हैं नेटवर्क डिवाइसेज होते हैं जो हमारे पास
हार्डवेयर डिवाइस जो होते हैं जो हमारे वाईफाई एडेप्टर्स हैं ब्लूटूथ अडेप्टस हैं वो टेक्नोलॉजीज यहां पे यूज ली जा रही है
फिर नेटवर्क लेयर की बात करें तो नेटवर्क लेयर में हमारे पास क्या-क्या प्रोटोकॉल है सर आईपी आईपी सेक आईसीएमपी जिसको हम
इंटरनेट कंट्रोल मैनेजमेंट प्रोटोकॉल कहते हैं आईजीएमपी आरआईपीडी एससीपी कुछ ऐसे प्रोटोकॉल जिनसे आप लोग धीरे-धीरे अवेयर
होने वाले हैं और इन प्रोटोकॉल्स को हम पढ़ क्यों रहे हैं मैं एक और चीज आपको क्लियर कर देता हूं कि सर जब हम हैकिंग
परफॉर्म करते हैं तो मान लेते हैं हमने डीएससीपी में फ्लड कर दी डीएससीपी को खराब करा तो हमें पता पड़ जाएगा कि ये अटैक
हमने कहां करा है नेटवर्क लियर में करा है तो इसको पूरा पढ़ने के पीछे मेन रीजन ये है कि जब आप अटैकिंग कर रहे हैं किसी
प्रोटोकॉल को यूज ले रहे हैं या किसी प्रोटोकॉल में कमी ढूंढ रहे हैं किसी प्रोटोकॉल को खराब कर रहे हैं तो आपको पता
पड़ेगा कि सर आप कौन सी लेयर में अटैक कर रहे हो कौन सी लेयर का एक्सेस आपको मिला है कौन सी लेयर का कंट्रोल आप ले पा रहे
हैं तो यहां पे आगे बढ़ते हैं और ट्रांसपोर्ट लेयर क्या बता रहा है ट्रांसपोर्ट लेयर फॉलो करता है टीसीपी
यूडीपी एसएसएल टी एलएस जो इंक्रिप्शन के काम आते हैं है ना एसएसए टू ये सारे क्या है वो प्रोटोकॉल जो बेसिकली कोर
कम्युनिकेशन या कम्युनिकेशन को स्ट्रांग करने में काम आते हैं सिक्योर करने में काम आते हैं देन आ रहा है सेशन लेयर जो
सेशन मैनेज करता है जिसमें हमारे पास सॉक्स के प्रोटोकॉल्स है आरपीसी है एनएफएस है एसक्यूएल है नेट बायो है इनमें से काफी
में हम आगे चलके अटैकिंग करने वाले हैं यानी कमियां ढूंढने वाले हैं सिक्योर करने के पर्सपेक्टिव से रेडियस डीएनएस एप सोप
और नेट ये सारे फ्रेमवर्क्स या ये सारी टेक्नोलॉजी जो है या प्रोटोकॉल्स जो हैं ये हमारे सेशन लेयर के अंदर यूज़ हो रहे
हैं प्रेजेंटेशन लेयर किस-किस को यूज़ ले रहा है सर ये फाइल के जो फॉर्मेट होते हैं चाहे जीआईएफ हो चाहे आस्की हो चाहे जेपीजी
हो ये जितने भी फॉर्मेट है ये सारे के सारे प्रेजेंटेशन लेयर में आते हैं इसका मतलब जब हम मिशिस प्रोग्राम बनाते हैं तब
हम इसकी फंक्शनैलिटीज को यूज़ ले रहे होते हैं फिर हमारे पास एप्लीकेशन लिया जिसमें सबसे ज्यादा प्रोटोकॉल्स है जो जल्दी
कंप्रोमाइज हो जाते हैं जैसे एसएमटीपी हो गया एसएनएमपी हो गया एटीटीपी हो गया एलडीपी एफटीपी टीएफटीपी टेलनेट पीओ 3 ये
आधे से ज्यादा प्रोटोकॉल जो है हम इनमें खुद भी बग्स ढूंढ के देखेंगे कमियां ढूंढ के देखेंगे और इनमें कमियां ढूंढना बहुत
आसान होता है एप्लीकेशन लेयर को कंप्रोमाइज करना बहुत इजी होता [संगीत]
है के इस वीडियो में हम देखने वाले हैं एक ऐसे ऑपरेटिंग सिस्टम के बारे में जो हैकिंग में तो हमारे लिए यूजफुल है ही साथ
ही साथ इसके अंदर काफी सारे ऐसे कूल फ्यूचर्स हैं और सिक्योरिटी है जो कि इसे पर्सनली मेरा फेवरेट ऑपरेटिंग सिस्टम
बनाती है यह कौन सा टाइप है ऑपरेटिंग सिस्टम का सो ये है वो क्या-क्या रखता है किस फोल्डर में किस
तरीके का डाटा जाता है यानी किस डायरेक्टरी में किस तरीके का डाटा स्टोर होता है बिना देरी करते हुए चलते हैं पहले
पॉइंटर की तरफ जो कहता है व्हाट इज टू मॉडिफाई हमने कहा ठीक है शायद इसके सोर्स कोड जो है वो इजली मॉडिफाई करे जा
सकते हैं सबके लिए ओपन है कि वोह मॉडिफिकेशन कर सके देन यहां पे एक पॉइंटर है जो कह रहा है बेस्ड ऑन नक्स कर्नल हमने
कहा ठीक है और एक डेट यहां पे दे रखी है 17 सितंबर 1991 लीनस स्टोरेबल एक नाम हमें देखने को मिल रहा है और कम्युनिटी नाम का
एक वर्ड देखने को मिल रहा है अब ये सातों पॉइंट्स हमें क्या समझाना चाह रहे हैं तो उसको बहुत अच्छे से समझने के लिए हम
स्टार्ट करते हैं एक एग्जांपल से कि मान लेते हैं यहां पे एक डेवलपर है या एक प्रोग्रामर है इसने क्या करा सर इसने एक
सॉफ्टवेयर बनाया अब इस सॉफ्टवेयर में बेसिकली इसने कुछ ना कुछ फंक्शनिंग दी होगी मान लेते हैं इसने कोई ऑपरेटिंग
सिस्टम बनाया कोई जूम सॉफ्टवेयर बनाया whatsapp2 और सिक्योर करेगा ताकि कोई भी उसको पढ़ के समझ ना पाए ताकि कोई भी
सॉफ्टवेयर का जो सोर्स कोड है उसे एक्सेस ना ना कर सके उसके ओरिजिनल प्रोग्राम को एक्सेस ना कर सके और फिर इस प्रोग्राम को
यह क्या करेगा सेल करेगा मार्केट में लोग परचेस करेंगे इसके सॉफ्टवेयर को और यूज लेंगे लेकिन इस सॉफ्टवेयर का जो सोर्स कोड
है वो कोई भी एक्सेस नहीं कर पाएगा ना ही इस सॉफ्टवेयर में मॉडिफिकेशन कर पाएगा दूसरा ऑप्शन इसके पास ये है कि सर जो इसका
ओरिजिनल सोर्स कोड था सोर्स कोड का मतलब होता है जो प्रोग्राम उसने लिखा था वो एज इट इज वो किसी ओपन प्लेटफार्म पे शेयर कर
दे अपलोड कर दे जहां पे हर कोई इसके पूरे के पूरे प्रोग्राम को एक्सेस कर सकता है और जब हर कोई इसे एक्सेस करेगा और यूज
लेगा तो अपने अपने हिसाब से क्या करता रहेगा इसे मॉडिफाई करता रहेगा यानी अगर आज आपको मैं अपना बनाया हुआ कोई सॉफ्टवेयर का
ओरिजिनल प्रोग्राम दे दूं तो आप उसमें अपने हिसाब से मॉडिफिकेशन कर सकते हैं अगर आपको प्रोग्रामिंग आती है उस केस में तो
हर किसी ने इसमें मॉडिफिकेशन करे अपने हिसाब से क्यों क्योंकि इसने अपना प्रोग्राम एक ओपन प्लेटफॉर्म पे एक ऐसी
जगह पे जहां प बहुत सारे लोग हैं फ्रीली अपडेट कर दिया था अपलोड कर दिया था मॉडिफिकेशन होता गया और इसका प्रोग्राम
दिन बदन और भी बेहतर बनता गया और एक टाइम आया जब इसका प्रोग्राम जो था वो बेस्ट बन चु चुका था क्योंकि उसमें कंटीन्यूअस
लोगों ने अपने हिसाब से मॉडिफिकेशन करे उसे अपना एक्सपीरियंस के हिसाब से बेहतर बनाया ये दोनों ऑप्शंस ही सही है इनमें से
सही और गलत कुछ नहीं आएगा यहां पे लेकिन ये जो सेकंड ऑप्शन परफॉर्म करा गया यह कहलाता है ओपन सोर्स यानी सर जब भी किसी
प्रोग्राम का किसी सॉफ्टवेयर का ओरिजिनल कोड सोर्स कोड कम्युनिटी वेलफेयर के फॉर्म में अगर हम ऐसा करते हैं यानी किसी का
हेल्प करने के लिए हम क्या कर रहे हैं पूरा का पूरा प्रोग्राम फ्रीली दे रहे हैं जिसको प्रोग्राम को यूज़ लेना है वो फ्री
में यूज़ ले सकता है और अपने हिसाब से मॉडिफिकेशन भी कर सकता है ये ओपन सोर्स का कांसेप्ट कहता है तो ये जितने भी ओपन
सोर्स कोड है या पूरे के पूरे फ्रीली अवेलेबल सोर्स कोड है इनमें लोग मॉडिफिकेशन करते हैं इन्हें दिन बदन बेहतर
बनाते रहते हैं और इस वजह से इनके टूल्स ऑपरेटिंग सिस्टम या कोई भी चीज बेस्ट होती रहती है तो यहां पे भी ये पॉइंटर हमें यही
समझा रहा है कि जो जो उसके फंक्शनैलिटीज देखेंगे हमें पता पड़ेगा कि आज ये कितना बेहतर बन चुका है
सेकंड पॉइंटर था ओबवियस है कि ये फ्री टू यूज़ हो गया क्योंकि इस कंडीशन के हिसाब से अगर आपके पास किसी भी सॉफ्टवेयर का
पूरा प्रोग्राम पड़ा है तो फिर आप उसे परचेस क्यों करेंगे आप तो प्रोग्राम रन करेंगे और जो टास्क सॉफ्टवेयर करता था वो
सारे टास्क होंगे उसके अलावा यहां पे हमें बता रहा है ओपन सोर्स कोड टू मॉडिफाई आप लोग कनेक्ट कर पा रहे होंगे कि सर सोर्स
कोड अब हम मॉडिफाई कर पा रहे हैं ओपन सोर्स की वजह से यहां से एक और पॉइंटर स्टार्ट होता है एक अलग डेफिनेशन स्टार्ट
होती है जो हमें कह रही है कि सर जो को उन सभी ग्रुप ऑफ पीपल्स को हम कम्युनिटी कहते हैं जो कि एक बहुत बड़ा
ग्रुप है सो यहां पे कम्युनिटीज आज के टाइम पे कर लेते हैं विज भी एक ऑपरेटिंग सिस्टम है
जो माइक्रोसॉफ्ट का है है ना तो हम ऐसे इसके जरिए इसकी मदद से समझ पाएंगे कि इसमें क्या चीजें खास है और क्या नॉर्मल
है तो यहां हमारा पहला पॉइंटर ने हमें समझाया कि सर इसमें मल्टीपल यूजर रजिस्टर हो सकते हैं अब क्या विंडोज में मल्टीपल
यूजर रजिस्टर नहीं हो सकते वहां भी हो सकते हैं तो हम इसको कोई ऐसा फ्यूचर नहीं कहेंगे जो बाकी किसी ऑपरेटिंग सिस्टम में
नहीं है देन ये कह रहा है कि सर ये मल्टीटास्किंग है अब क्या बाकी ऑपरेटिंग सिस्टम मल्टीटास्किंग नहीं होते क्या
विंडोज जो है वो मल्टीटास्किंग नहीं है सर शायद सारे ऑपरेटिंग सिस्टम मल्टीटास्किंग होते हैं अगर इसको हमें देखना है इस चीज
को प्रूफ करना है तो मैं कंट्रोल शिफ्ट एस्केप बटन दबा के जब टास्क मैनेजर में जाऊंगा तो वो मुझे यहां शो करेगा कि एक
टाइम पे कितने सारे टास्क रनिंग है एक टाइम पे कितने सारे टास्क यह परफॉर्म कर रहा है यानी मल्टीटास्किंग तो डेफिनेटली
है उसके अलावा अगर हम नेक्स्ट पॉइंट देखें तो वो हमें कहता है पोर्टेबिलिटी अब ये एक फंक्शन है जो शायद दूसरे ऑपरेटिंग
सिस्टम्स में ना देखने को मिले सर हमारे में रख के हम कहीं भी जा सकते हैं यहां पे दो फ्यूचर्स हैं पहला यह कि सर इस
ऑपरेटिंग सिस्टम को आप छोटी से छोटी पेनड्राइव में इंस्टॉल करके यूज़ दे सकते हैं दूसरा फ्यूचर यह है कि सर जब भी आपको
किसी भी आईओटी डिवाइस के साथ किसी भी डिवाइस के साथ ऑपरेटिंग सिस्टम यूज़ देना होता है चाहे वो सीसीटीवी कैमरा के डिवाइस
हो चाहे वो हमारे एटीएम मशीनस हो चाहे वो ड्रोन हो चाहे वो एंड्राइड डिवाइस हो कुछ भी हो सर इन डिवाइस में
होता है तो यह इसका एक बहुत ही कूल और बहुत ही शानदार फ्यूचर है कि ये हर चीज के साथ पोर्टेबल है वर्किंग में भी और उसके
अंदर समाने के लिए भी यानी छोटी से छोटी पेनड्राइव हम इसे इंस्टॉल करके यूज ले सकते हैं देन इसका एक पॉइंटर आता है
सिक्योरिटी इस पॉइंटर को हम बहुत अच्छे से समझेंगे आगे आने वाले किसी पॉइंटर की मदद से तो कुछ देर के लिए हम इसको स्किप करते
हैं देन आता है फिफ्थ पॉइंट जो कि पर्सनली मेरा फेवरेट पॉइंट है जो कह रहा है लाइव सीडी या ूब ये ये समझा रहा है कि सर ये एक
ऐसा ऑपरेटिंग सिस्टम है जो आप किसी पेनड्राइव या किसी सीडी में बूट करके इसको इजली कहीं भी यूज ले सकते हो बिना इंस्टॉल
करें यानी अगर मैंने इस ऑपरेटिंग सिस्टम को अपनी एक पेन ड्राइव में इंस्टॉल कर दिया और वो पेनड्राइव में किसी भी डिवाइस
में प्लग करता हूं तो उस डिवाइस में मुझे ऑपरेटिंग सिस्टम इंस्टॉल करने की जरूरत नहीं है केवल डिवाइस रीस्टार्ट होगा और
उसके बाद में वो सारे अपने ऑपरेशंस को इजली परफॉर्म कर पाऊंगा ये एक बहुत खास चीज है अगर आप देखें विज भी एक पेनड्राइव
में इंस्टॉल हो जाता है या बूट हो जाता है लेकिन जब मैं इसे किसी डिवाइस में प्लग करता हूं तो मुझे पूरा इंस्टॉलेशन का जो
प्रोसेस है पार्टीशन सेलेक्ट करना पड़ता है यूजर क्रिएट करना पड़ता है वह पूरा प्रोसेस करूंगा तो ही विंडोज ऑपरेटिंग
सिस्टम को हम यूज़ ले पाएंगे जो ना ना करते हुए हमारे 30 टू 45 मिनट्स ले लेता है लेकिन अगर मैं बात करूं
क्लियर हुआ होगा अब बात करते हैं सिक्स्थ पॉइंट की कि सर अब तक हमने जितने भी फंक्शन और फ्यूचर्स देखे हमें ये समझ आया
कि के सिस्टम्स में हर तरीके के बेस्ट और यूजर
फ्रेंडली इन्वायरमेंट जो है वो प्रोवाइड कराए जा रहे हैं एक एग्जांपल और लेता हूं आप सभी के सामने आज के टाइम पे एक ऐसा
डिवाइस है या एक ऐसा ऑपरेटिंग सिस्टम है जो आप लोग सबसे ज्यादा यूज लेते हैं जो कंपलीटली
जीआई बहुत अच्छा हो चुका है ऐसे बहुत सारे डिस्ट्रीब्यूशन है चाहे वो फेडोरा हो चाहे कोई भी डिस्ट्रीब्यूशन हो गरुड़ा हो चाहे
नटू हो इनका जीआई बहुत अच्छा हो चुका है अब ये भी यूजर फ्रेंडली हो चुके हैं तो नो डाउट
सिस्टम पे बेस्ड है इसका मतलब आपका एक्यूट होने के लिए ऑटो रन होने के लिए खराब कर देती है यानी वह चीज वर्क करेगी
ही नहीं तो हमारा की कम्युनिटी हैकर्स की कम्युनिटी तो अगर मैं बात करूं हैकर्स की कम्युनिटी का
एग्जांपल लेके तो आप लोगों के हिसाब से हमारे इस वर्ल्ड में हैकर्स कम्युनिटी में कितने लोग होंगे सर काफी ज्यादा होंगे है
ना मतलब मिलियंस में लोग इस कम्युनिटी में ऐड हो रहे हैं अब यहां पे इसका एप्लीकेशन सपोर्ट अच्छा कैसे हुआ क्योंकि सर
कम्युनिटी बहुत बड़े ग्रुप्स होते हैं ये कोई कंपनी नहीं है जिसके कुछ लिमिटेड एंप्लॉयज या लिमिटेड स्टाफ होंगे
कम्युनिटी मतलब बहुत बड़े ग्रुप्स है ना तो जब भी हमें कोई प्रॉब्लम होती है हमें कोई भी एरर मिलता है हमें कोई भी चीज
रिजॉल्व नहीं हो होती है हम उसे ओपन फॉर्म्स में जब जाके पुट करते हैं यानी पब्लिकली जब उसे शेयर करते हैं तो हमारे
पास पूरी कम्युनिटी का सपोर्ट है यानी बहुत सारे लोगों का सपोर्ट है जो सरर को बहुत जल्दी रिजॉल्व कर देते हैं और इसी
वजह से अब हम देखते हैं इसका फाइल सिस्टम हमें क्या समझा रहा है फाइल सिस्टम का मतलब
क्या है मैं आपको अच्छे से क्लियर कर देता हूं कि जब हम ws623 का डटा जो है वो अपडेट करता रहता है
या ऐड करता रहता है डिपेंड करता है किस फोल्डर में क्या डाटा जाएगा जैसे प्रोग्राम फाइल्स में आप जितने भी
सॉफ्टवेयर इंस्टॉल करते हो वो जाते हैं यूजर्स में आप जितने भी यूजर्स क्रिएट करते हो वो जाते हैं वैसे ही
यहां पे वो रूट लोकेशन है और इस रूट लोकेशन के अंदर जो सबसे पहला फोल्डर हम देख रहे हैं फोल्डर्स को डायरेक्टरी भी
कहते हैं वो है बिन फोल्डर अब सवाल ये है कि सर इस बिन फोल्डर में किस तरीके का डाटा आता है तो बिन फोल्डर में डेटा आता
है बेसिक प्रोग्राम्स बेसिक प्रोग्राम्स यानी सर हम जब कमांड्स लिखते हैं अगर आपको कोई भी कमांड पता है एलएस सीडी आईएफ
कॉन्फिन व आईएफ कॉन्फिन भी कमांड अगर आपको पता है तो आप जो भी कमांड लिखते हैं किस कमांड के लिखने पर क्या होना चाहिए
एगजैक्टली क्या टास्क परफॉर्म होना चाहिए वो डाटा बिन फोल्डर के अंदर रखा हुआ रहता है कि जब आप एक कमांड रन करोगे तो वह क्या
टास्क परफॉर्म करेगा व डाटा हमें बिन डायरेक्टरी के अंदर देखने को मिलता है उसके अलावा सर हमारे पास है एस बिन फोल्डर
रूट लोकेशन पे एस बिन फोल्डर यानी एबिन डायरेक्टरी इसमें किस तरीके का डाटा है तो इसमें ऐसा सिस्टम प्रोग्राम्स यानी वो
सॉफ्टवेयर्स वो प्रोग्राम्स जो सीधा ऑपरेटिंग सिस्टम की मदद के लिए बनाए गए हैं जैसे सर स्टोरेज मैनेज करने वाला
ड्राइवर मैनेज करने वाला टूल य जितने भी सॉफ्टवेयर हैं जो सीधा ऑपरेटिंग सिस्टम की हेल्प करते हैं ट्रबल शूट जो है वो मैनेज
करने का टूल एरर्स मैनेज करने का टूल इन सबको हम कहते हैं सिस्टम प्रोग्राम्स और यह सारे सिस्टम प्रोग्राम स्टोर होते हैं
एस बिन डायरेक्टरी में यानी वो सॉफ्टवेयर्स जो ऑपरेटिंग सिस्टम की डायरेक्ट हेल्प के लिए बनाए गए हैं वो
एबिन डायरेक्टरीज में पड़े रहते हैं देन उसके बाद हमारे पास आता है ईटीसी फोल्डर एक बहुत ही इंटरेस्टिंग फोल्डर है ध्यान
से समझिए ये आगे चलके बहुत काम आएगा हैकिंग में भी और साइबर सिक्योरिटी में भी ईटीसी फोल्डर के आगे लिखा हुआ है कॉन्फिन
फाइल्स इसका मतलब सेटिंग्स की फाइल्स यानी सर हम जितने भी सॉफ्टवेयर्स हमारे हमारे लिए एक बहुत इंपॉर्टेंट फोल्डर है
और ये आगे चलके हमारे काफी काम आएगा देन उसके बाद हमारे पास है टम फोल्डर स्लैश टेम जिसकी फुल फॉर्म है टेंपरेरी फाइल्स
यानी इसके अंदर किस तरीके का डाटा आता है कि सर वो डटा जो कुछ देर के लिए बनाया जाता है लेकिन नॉर्मली डिलीट नहीं होता वो
सारा डाटा टम फोल्डर यानी टाइम डायरेक्टरी के अंदर जाके सेव हो जाता है इसका मतलब जब भी सर आप एक फाइल में मॉडिफिकेशन स्टार्ट
करते हो कुछ काम कर रहे होते हो तो उस फाइल के क्लोन फाइल बन जाती है कॉपी फाइल बन जाती है कुछ देर के लिए होती है वो
फाइल है ना ताकि वो उसका रिकॉर्ड रख सके कि आपने फाइल क्या-क्या टास्क परफॉर्म करें हैं उस फाइल को हम टेंपरेरी फाइल
कहते हैं जैसे आप अपना काम पूरा करते हो नॉर्मली ये फाइल्स डिलीट हो जाती है और अगर नहीं हुई है तो ये टाइम
डायरेक्ट्रीएंट्री में पड़े रहते हैं उनका जो डाटा है वो यूजर बिन
डायरेक्ट्रीएंट्री देन आता है यूजर शेयर फोल्डर इसमें क्या आएगा ये भी थोड़ा इंटरेस्टिंग है एप्लीकेशन सपोर्ट एंड डाटा
फाइल्स देखो काफी सारी ऐसी फाइल्स होती है जो एक सॉफ्टवेयर के लिए हेल्पफुल है कभी ना कभी उसके काम आएगी जब यूजर उस फंक्शन
को यूज़ लेकर शायद तब काम आए तो एक सॉफ्टवेयर की कुछ सपोर्टेबल फाइल्स कुछ ऐसी फाइल जो उसके काम की फाइलें कभी ना
कभी काम आ सकती है वो फाइल्स यूजर शेयर डायरेक्टरी में पड़ी रहती है एक सॉफ्टवेयर की काम की फाइल्स कुछ सपोर्टेबल फाइल्स
कुछ डेटा फाइल्स यूजर शेयर डायरेक्टरी में पड़ी रहती है देन हमारे पास आता है होम फोल्डर सर यहां पर किस तरीके का डाटा आता
है तो यहां साफ-साफ लिखा हुआ है पर्सनल डायरेक्टरीज ऑफ यूजर्स इसको और अच्छा करने के लिए मैं लिख देता हूं गेस्ट यूजर्स अब
होता क्या है कि सर विंडोज की अगर हम बात करें तो वहां पर दो तरीके के यूजर्स होते हैं एक होता है गेस्ट यूजर्स एक होते हैं
एडमिन यूजर्स एडमिन यूजर्स वो होते हैं जिनके पास एडमिन ताकत होती है एडमिन की परमिशन होती है एडमिन प्रिविलेजेस होती है
जो अपने सिस्टम में जो चाहे कर सकते हैं और गैस यूजर्स वो होते हैं जिनके पास कुछ परमिशन होती है वो बेसिक टास्क ही परफॉर्म
कर सकते हैं वैसा ही ड के अंदर पिक्चर्स डेस्कटॉप डाउनलोडस डॉक्यूमेंट वीडियोस जो आप अपने विंडोज में
देखते हो कुछ वैसे ही फाइल फोल्डर्स आपको यहां भी देखने को मिलेगी क्यों क्योंकि इस गेस यूजर के सारा डाटा आपको यहां मिलेगा
फाइनली हमारे पास आता है रूट फोल्डर देखो रूट लोकेशन यानी स्लैश था उसके अंदर एक फोल्डर है रूट नाम का जिसके अंदर स्टोर
होता है एडमिन का सारा [संगीत] डाटा वीडियो में हम देखने वाले हैं बेसिक
कि सर एथिकल हैकिंग में साइबर सिक्योरिटी में हम डी पीडब्ल्यूडी हम इन सारे कमांड्स को एक
साथ समझेंगे पहले इनकी बेसिक डेफिनेशन देख लेते हैं हेल्प कह रहा है सो शोज योर बेसिक कमांड्स एंड देयर यूज यानी आपके
बेसिक कमांड्स दिखाता है और उनका काम भी दिखाता है कि वो क्या और कैसे काम करेंगे मैन क्या कर रहा है शोज योर कंप्लीट
मैनुअल ऑफ दैट कमांड और प्रोग्राम यानी ये कह रहा है कि आपका कोई भी पर्टिकुलर एक कमांड या किसी टूल किसी प्रोग्राम की
कंप्लीट जो मैनुअल होती है वो आपको दिखा देता है हमने कहा ठीक है एलएस की डेफिनेशन कह रही है लिस्ट ऑल द फोल्डर्स एंड फाइल्स
ऑफ अ डायरेक्ट्रीएंट्री और इसके आगे लिखा हुआ है वन फोल्डर टू
अनदर फोल्डर जिसका मतलब है कि सर आप एक फोल्डर से दूसरे फोल्डर में इजली जंप कर सकते हैं अपनी लोकेशन बदल सकते हैं देन
हमारे पास है पीडब्ल्यूडी कमांड जिसकी डेफिनेशन कह रही है प्रिंट वर्किंग डायरेक्टरी यानी सर ये क्या करता है कि
आपकी जो करंट लोकेशन है आप जिस करेंटली फोल्डर पे फिलहाल एक्टिव है यानी जिस फोल्डर पे भी आप बैठे हैं उस फोल्डर की
लोकेशन बता देगा कि ये आपकी करंट वर्किंग डायरेक्टरी है आप इस जगह पे भी अपने टास्क को परफॉर्म कर रहे हो तो ये कुछ कमांड्स
की डेफिनेशन आई होप आपको आइडिया लगा होगा अब मजा तो तब आएगा जब इसे प्रैक्टिकल करके देखेंगे तो हम एक काम करते हैं चलते हैं
हमारी काली मशीन की तरफ और वहां पे इन्हीं कमांड्स को प्रैक्टिकल करके देखेंगे सो ये स्टूडेंट्स हमारी काली मशीन स्टार्ट हो
चुकी है यहां पे अगर आप देखें तो ये हमारा टर्मिनल है टर्मिनल यानी सर एक ऐसा विंडो जिसके जरिए हम सारे कमांड्स रन करने वाले
हैं तो इससे हमें फैमिलियर होना पड़ेगा ये हमारे काफी काम आने वाला है इससे थोड़ा ज़ूम कर लेता हूं आप देख पा रहे यहां पे
तो यहां मैं जो कमांड्स चाहूं लिख सकता हूं क्या-क्या कमांड्स है कैसे लिखने हैं फिलहाल हम देख लेंगे बट एक बहुत बेसिक सी
चीज अगर हम समझे तो यहां पे जीआई भी है ग्राफिकल यूजर इंटरफेस भी तो है हम सारे काम ग्राफिकली कर सकते हैं एग्जांपल के
तौर पे अगर ये थर्ड ऑप्शन को आप देखो तो ये क्या है ये फाइल मैनेजर है है ना जिसके जरिए हम फाइल्स और फोल्डर्स में जाके
देखते हैं क्या-क्या डाटा पड़ा है जैसे दिस पीसी हमें देखने को मिलता है विज में तो कुछ वैसे ही है ये या माय पीसी आप कह
सकते हैं तो मैं इस फोल्डर में ओपन फोल्डर पर क्लिक करूंगा तो आप देख सकते हैं ये मुझे सारे फोल्डर्स उसके अंदर पड़ी हुई
डिफरेंट डिफरेंट टाइप की फाइल्स उनके नाम उनके एक्सटेंशन सब दिखा रहा है यहां पे भी डेस्कटॉप डॉक्यूमेंट डाउनलोड्स पिक्चर्स
वो सारे डायरेक्टरीज यानी फोल्डर्स है यह जो एक्टिविटीज अभी मैं कर रहा हूं ये ग्राफिकली कर रहा हूं अब सर यहां पे अगर
मैं काली फोल्डर में जाता हूं और अपनी करंट लोकेशन देखना चाहता हूं कि मैं अभी किस फोल्डर पर बैठा हूं तो मैं क्या
करूंगा यहां ऊपर क्लिक करूंगा आप देख सकते हैं यह बता रहा है कि सर होम फोल्डर के अंदर काली नाम का फोल्डर है वो आपके अभी
करंट लोकेशन है और इस फोल्डर में यह सारे फाइल्स और फोल्डर्स पड़े हैं अब ये सेम चीज सर अगर हम टर्मिनल के जरिए देखना चाहे
तो कैसे पॉसिबल है तो पहला हमारा टास्क है टर्मिनल के जरिए ये देखें कि मेरी करंट लोकेशन क्या है तो जैसा हमने देखा था सर
पीडब्ल्यूडी नाम का एक कमांड है वो बता देता है कि आपकी करंट लोकेशन क्या है हमने एंटर प्रेस करा तो यह भी बता रहा है कि सर
आप होम के अंदर काली नाम का फोल्डर है उसी जगह पे आप अभी बैठे हैं यह आपकी करंट लोकेशन है एक्टिव लोकेशन है तो सर अगर हम
फाइल मैनेजर में देखें इस जगह पे तो बहुत सारे फाइल्स और फोल्डर्स पड़े हैं हमें क्यों नहीं शो हो रहे तो शायद उसके लिए
हमें कोई कमांड लिखना पड़ेगा जो एक फोल्डर में पड़े हुए सभी फाइल्स और फोल्डर्स हमें दिखाता है और वो कमांड एलएस कमांड है एलएस
क्या कह रहा था एलएस कह रहा था कि सर एक फोल्डर के अंदर जो भी डाटा पड़ा है फाइल्स फोल्डर्स जो भी चीजें पड़ी है मैं आपको
सारी शो कर दूंगा तो हमने एलएस लिख के एंटर प्रेस करा और आप देख सकते हो यहां पे हमें यही डेस्कटॉप डाउनलोड्स डॉक्यूमेंट
यह सारे फाइल फोल्डर्स विजिबल है जो कि ग्राफिकली भी विजिबल थे अमित डेस्कटॉप डाउनलोडस डॉक्यूमेंट आई होप क्लियर विजिबल
होगा आप सभी को हम इसे क्लोज कर देते हैं हां सो सारे ड हमें यहां पर विजिबल है इसका मतलब एलस की मदद से हम एक फोल्डर में
पड़े हुए सभी फाइल्स और फोल्डर्स देख सकते हैं अब सवाल यह है कि सर अगर मैं यहां पे देखना चाहूं डाउनलोड फोल्डर में क्या पड़ा
है तो ग्राफिकली क्या करेंगे सर डबल क्लिक करेंगे उस फोल्डर के अंदर चले जाएंगे और इसके अंदर पड़ा हुआ सारा डेटा हम देख सकते
हैं अब मेरी करंट लोकेशन क्या है तो सर अगर हम य क्लिक करें तो आप देख सकते हैं होम काली एंड डाउनलोड आपकी जो है वो करंट
लोकेशन है सेम चीज अगर हम टर्मिनल पर करना चाहे यानी यहां पर हम डाउनलोड फोल्डर में जा ना चाहे तो उसके लिए हम कमांड यूज लेते
हैं सीडी कमांड सीडी का मतलब है एक फोल्डर से दूसरे फोल्डर में जंप करना एक जगह से दूसरी जगह पर पहुंचना आपको बस बताना
पड़ेगा कि आपको जाना कहां है तो मैंने यहां पर लिखा डाउनलोडस एंड एंटर प्रेस कर दिया अब अगर मुझे अपनी करंट लोकेशन देखना
है वेरी गुड स्टूडेंट्स हम पीडब्ल्यूडी कमांड का यूज लेंगे एंटर प्रेस करेंगे तो मेरी करंट लोकेशन डाउनलोड हो चुकी है सेम
वही लोकेशन जो मेरे फाइल मैनेजर में थी इसके अंदर पड़ा हुआ डाटा देखना चाहते हैं सर एलएस कमांड का यूज लेंगे और हम सारे
फाइल्स और फोल्डर्स देख सकते हैं जो डाउनलोडस के अंदर पड़े थे तो यहां पर हमने सीडी के जरिए एक फोल्डर से दूसरे फोल्डर
में जाना समझा एरस के जरिए उसके अंदर पड़ा हुआ कंटेंट जो है जो डाटा पड़ा है वो देखना सीखा अब ऐसा अगर हम करना चाहे कि सर
हमारी करंट लोकेशन तो डाउनलोड्स है लेकिन अगर मैं देखना चाहूं कि डेस्कटॉप प क्या डाटा पड़ा है जो मैं यहां पे क्लिक में
देख पाया क्या यहां भी वो पॉसिबल है क्या एक कमांड से हम देख सकते हैं कि डेस्कटॉप में क्या डाटा पड़ा है तो हां ये पॉसिबल
है सर अगर आप एलएस के आगे किसी भी फोल्डर का पूरा लोकेशन लिख दो एड्रेस लिख दो कोई भी जगह बताओ इसको तो ये उस फोल्डर के अंदर
का डाटा आपको दिखाएगा जैसे अगर मैं यहां पे लिखूं होम काली एंड देन डेस्कटॉप तो ये मुझे डेस्कटॉप के अंदर पड़ा हुआ जितना भी
फाइल्स और फोल्डर्स हैं जो भी डाटा पड़ा है यहां पे वो सब दिखा देगा हमने कहा देखते हैं एंटर प्रेस करते हैं तो आप देख
सकते हो डेस्कटॉप में जो डाटा पढ़ाता है मुझे दिखा रहा है कैसे चेक करें तो सर यहां पे कैम फिश नाम का फोल्डर है स्ट्रम
ब्रेकर नाम का फोल्डर है जो ब्लू कलर में आपको सारी चीजें दिख रही है सब फोल्डर्स को डिफाइन करती है और अच्छे से धीरे-धीरे
आप समझ जाओगे क्या फाइल है क्या फोल्डर है बट अगर आप यहां पे देखो अपने सेम फाइल मैनेजर में तो आप देख सकते हो यहां पर भी
कैम फिश स्ट्रम बेकर टेस्ट नाम के डायरेक्टरीज है इसका मतलब हम दोनों सेम लोकेशन प हैं इसका मतलब हम दोनों सेम
लोकेशन पे है या फिर इसको और करेक्ट करूं अगर मैं तो मैंने अपनी लोकेशन बिना चेंज करे एलएस की मदद से देख लिया कि डेस्कटॉप
फोल्डर में क्या पढा है क्योंकि अगर मैं पीडब्ल्यूडी लिखता हूं तो मेरी करंट लोकेशन तो डाउनलोडस है लेकिन सर हम ये
कैसे देख पाए कि डेस्कटॉप में क्या पढ़ा है क्योंकि मैंने एलएस को लोकेशन दे दी कि बिना अपनी पोजीशन चेंज करे बिना उस फोल्डर
में जाए मुझे बता दो उस फोल्डर प क्या-क्या डाटा पड़ा है आई होप आप सभी को एलएस सीडी का काम क्लियर हुआ होगा अब यहां
पर ऐसे ही कमांड लिखते लिखते हमने एलस हान एल लिखा और एंटर प्रेस कर दिया तो हमने देखा कि हमारे पास जो आउटपुट आया वो बहुत
डिफरेंट आया है पहले से आप देखोगे यहां पर जो आउटपुट आया वो बहुत डिटेल में आया जिसका मतलब हमारे पास फाइल का नाम है उसकी
लास्ट मॉडिफिकेशन डेट एंड टाइम है उसकी साइज हमें बताई जा रही है किस यूजर ने उस फाइल को बनाया था वो भी बताया जा रहा है
और उस फाइल की परमिशन भी बताई जा रही है कि उस फाइल के पास क्याक परमिशन है तो इतना ज्यादा डिटेल में डाटा हमें कैसे
दिखा सर शायद एलएस हाइन एल लिखने से दिखा लेकिन हमें कैसे पता पड़ेगा कि हाइन एल क्या है क्या काम कर रहा है और ऐसे कितने
फंक्शंस एलएस के पास है तो इसके लिए सर हम यूज लेंगे हेल्प कमांड को जैसा हमने देखा हमारे पास दो कमांड्स है जो अक्सर आपके
काम आएंगे हमारे लिए बहुत यूजफुल कमांड्स है पहला तो है हेल्प दूसरा है मैन हेल्प को यूज लेने का तरीका क्या है कि सर पहले
आप कमांड लिखो और उसके बाद हेल्प लिख दो या हाइन हेल्प लिख दो हाइन हाइन हेल्प लिख दो तो अगर मैं ऐसा लिख के एंटर प्रेस करता
हूं तो आप देख सकते हैं मेरे पास एएस की हेल्प आ चुकी है जिसका फॉर्मेट अभी थोड़ा बिगड़ा है मैं इसको ज़ूम आउट करता हूं
ताकि आपको अच्छे फॉर्मेट में दिखे ये ठीक है आई थिंक अब आप समझ पाएंगे इसको इजली हम इसको अगर स्टार्टिंग से देखें तो यहां पे
इसके यूसेज में बता रखा है कि सर एलएस के आगे आप फोल्डर्स ऑप्शंस बता सकते हैं एलएस की डेफिनेशन बता रही है कि लिस्ट
इंफॉर्मेशन अबाउट द फाइल्स एक फाइल सेटेड इंफॉर्मेशन देती है फाइल्स जो फोल्डर्स दिखाती है उसके अंदर पड़े हुए ये भी लिखा
हुआ है कि बाय डिफॉल्ट जब एलस के आगे आप कुछ नहीं लिखते हो तो आपकी जो करंट लोकेशन है ये उसी का डाटा दिखाती है जो हमारे साथ
हुआ था अब यहां पे काफी सारा ऑप्शन है जो आप धीरे-धीरे समझ जाएंगे जैसे i a का मतलब है ऑल i कैपिटल a का मतलब है लगभग सब कुछ
जिसके अंदर हिडन फाइल जो है वो भी दिखा दी जाती है है ना हमने स्क्रोल डाउन करा हमने देखना चाहा कि सर न l का मतलब क्या है तो
यहां पे ये रहा हान l जो बता रहा है यूज अ लॉन्ग लिस्टिंग फॉर्मेट ये क्या बता रहा है कि सर ज्यादा डिटेल में ज्यादा डिटेल
फॉर्मेट में आपको आउटपुट दिया जाएगा जिससे आपको पता पड़ जाएगा कि वो फाइल क्या है किसने बनाई कब बनाई फाइल की साइज क्या है
एक्स वाई ज जो डिटेल्स है वो मिल जाएगी तो ऐसे ही हर एक कमांड में मल्टीपल फंक्शंस होते हैं या फिर हर एक कमांड का डिफरेंट
वर्क होता है तो अगर आप कहीं भी कंफ्यूज होंगे तो आप हेल्प या मैन का यूज़ ले सकते हैं मैन का यूज़ कैसे लिया जाए तो मैन को
यूज़ लेने का तरीका थोड़ा सा डिफरेंट है हेल्प कैसे यूज ले लेते हैं पहले कमांड लिखो फिर हेल्प लिखो मैन को यूज़ लेने का
तरीका यह है कि पहले मैन लिखो फिर कमांड लिखो अब अगर मैं एंटर प्रेस करता हूं तो मेरे पास एलएस की जो मैनुअल है वो आ जाएगी
और ये मैनुअल नॉर्मली क्या होता है जब भी हम कोई डिवाइस खरीद के लाते हैं जब भी हम कोई चीज परचेस करते हैं उसके साथ एक
मैनुअल बुक आती है जो बहुत अ अच्छे से कोशिश करती है सिस्टमैटिक तरीके से हमें चीजें समझा दे कि वो चीज कैसे काम करती है
तो वही चीज मैनुअल यहां पे करेगा आप देखोगे तो हेल्प के कंपैरिजन में मैनुअल जो है वो हमें अच्छी ग्राफिक्स या अच्छे
फॉर्मेट में समझाएगा कि हमारा कमांड क्या है और कितना और क्या-क्या काम कर सकता है तो आप देख सकते हो यहां पे नेम में इसका
नाम बताया इसका फुल फॉर्म बताया लिस्ट डायरेक्टरी कंटेंट इसको यूज लेने का तरीका बताया उसके बाद इसके सभी कमांड्स को इसने
हाईलाइट कर दिया और उसकी डेफिनेशन को अच्छी तरीके से यहां पे लिख दिया अगर यहां पे उसको किसी चीज पे ज्यादा फोकस करना
होगा तो ये कलर्स भी ऐड कर देगा डिपेंड करता है कि उसको क्या चीज दिखानी है ना बट बहुत अच्छे फॉर्मेट में सारी इंफॉर्मेशन
हमें यहां पे दिखा रहा है जो कि हमारे लिए काफी काम की साबित होगी आगे चलके अगर हमें कहीं भी कोई कॉम्प्लिकेशंस होती है तो
कमांड्स को यूज़ लेने में आई होप स्टूडेंट्स ये जो हमारे कमांड्स थे हेल्प मैन एलएस सडी पीडब्ल्यूडी इन सब का काम
क्लियर हुआ होगा अब बढ़ते हैं नेक्स्ट कमांड्स की तरफ जहां पे हमारे पास है डीडीआईआर कमांड एक सेम कमांड एलएस की तरह
एलएस क्या कर रहा था फाइल फोल्डर्स दिखा रहा था डीडीआईआर भी दिखाता है खास बात यह है कि डीडीआईआर सर विज का जो सीएमडी होता
है जिसको हम कमांड प्रोमट कहते हैं वहां भी सपोर्ट करता है एलएस नहीं करता डीडीआईआर करता है देन एमकेडी आईआर क्या
काम आता है सर एक फोल्डर बनाने के काम आता है सीपी क्या काम आता है कॉपी करने के काम मूव एक जगह से किसी फाइल को दूसरी जगह मूव
करने के काम आरएम क्या करता है किसी फाइल या फोल्डर को डिलीट करने का काम करता है अब इन चीजों को भी प्रैक्टिस करके देखते
हैं कि एल में वर्क करते कैसे हैं तो हम फिर से चलेंगे हमारी काली मशीन पे और हमारी इस मैनुअल को एग्जिट करने के लिए हम
क्यू बटन प्रेस करेंगे जैसा कि आप देख देख सकते हैं यहां पे q टू क्विट लिखा हुआ है तो हम क प्रेस कर रहे हैं क्विट हो चुके
हैं हम अब सर हमारे जो बाकी के कमांड्स थे जिसमें हमारा सबसे पहला कमांड था डी आई आर अगर मैं लिख के एंटर प्रेस करता हूं तो आप
देख सकते हैं ये सभी फाइल और फोल्डर्स हमें यहां पर दिखा रहा है यह सेम कमांड विंडोज में भी काम करता है इसका मतलब अगर
आप अपने विंडोज में सीएमडी यानी कमांड प्रोमट लिखते हैं और उसमें जाते हैं तो यह विंडोज का टर्मिनल है आप कह सकते हैं और
यहां डीआईआई लिखोगे तो यहां भी आपको सारे फाइल और फोल्डर्स ये दिखाएगा लेकिन अगर एलएस लिखोगे तो कोई आउटपुट नहीं नहीं आएगा
आई होप सभी को विजिबल होगा ये सो अब हम इसको बंद करते हैं डीआर का काम समझ आ गया होगा ये बिल्कुल एलस की तरह ही फाइल
फोल्डर्स दिखाता है हमें हम डिस्प्ले को थोड़ा क्लीन कर देते हैं और नेक्स्ट कमांड की तरफ बढ़ते हैं कि सर अगर हम हमारी करंट
लोकेशन में एक फोल्डर बनाना चाहे जैसे एग्जांपल के तौर पर मैं यहां पर आशीष नाम का एक फोल्डर बनाना चाहूं तो क्या अभी
यहां पर कोई फोल्डर है आशीष नाम का नहीं तो कैसे फोल्डर क्रिएट करा जाएगा तो सर इसके लिए हम कमांड लिखेंगे एम केडी आई आर
एम केडीआर का फुल फॉर्म है मेक डायरेक्टरी यानी फोल्डर बनाओ मुझे बस करना यह है कि कौन सा फोल्डर
बनाना है और कहां बनाना है वह बताना है यानी अगर मैं केवल आशीष लिख देता हूं तो य आशीष नाम का फोल्डर सेम लोकेशन पर बना
देगा और अगर मैं इसे कोई लोकेशन देता हूं कि इस जगह पे जाके फोल्डर बनाओ तो वहां वो फोल्डर क्रिएट कर देगा फिलहाल मैंने एंटर
प्रेस करा और अब अगर मैं एलस लिखता हूं तो मैं देख सकता हूं कि सर यहां पे आशीष नाम का फोल्डर क्रिएट हो चुका है जो ओबवियसली
फिलहाल एमटी फोल्डर है इसमें अभी कोई भी डाटा नहीं है यानी अगर मैं यहां पर सीडी आशीष लिखूं ऑल एलएस करूं तो इसके अंदर कोई
भी डाटा नहीं है और मेरी करंट लोकेशन क्या है होम काली डाउनलोड एंड आशीष आई होप आपको समझ आ गया होगा कि फोल्डर क्रिएट कैसे हो
रहा है अब सवाल यह है कि क्या सर हम किसी फोल्डर को एक जगह से दूसरी जगह कॉपी कर सकते हैं यानी उसकी एक फाइल तो हमारी जगह
पर भी रहे उसका एक और क्लोन फाइल क्या मैं किसी और जगह पर बना सकता हूं तो सर ये शायद सीपी कमांड के जरिए पॉसिबल हो सकता
है सीपी का मतलब था कॉपी करना और कॉपी करने का प्रोसेस बहुत इजी है किसको कॉपी करना और कहां कॉपी करना है हमें बस इतना
बताना है जैसे सर हमारे पास आशीष नाम का फोल्डर था तो हमने वो यहां पर लिख दिया अब उसको कॉपी कहां पे करना है तो उसकी लोकेशन
लिख दो जैसे हमने लिखा होम काली एंड डेस्कटॉप तो यानी यहां पे मैं चाहता हूं कि मेरा जो आशीष नाम का फोल्डर है वो
डेस्कटॉप फोल्डर में जाकर कॉपी हो जाए एक फाइल यहां भी रहे और उसकी एक फाइल वहां भी क्रिएट हो जाए मैंने एंटर प्रेस करा तो अब
ये बोल रहा है यहां पे एक ऑप्शन हमें शो कर रहा है कि हाइन आर नॉट स्पेसिफाइड एक चीज याद रखिएगा कभी भी अगर आपको ऐसी एरर
दिखे तो उसे अच्छे से पढ़ना वो एरर हमेशा आपको सॉल्यूशन बताती है कि आप क्या कर सकते हो यहां पे ये कह रहा है कि सर आपने
h r को यूज नहीं लिया है और आप एक डायरेक्टरी को कॉपी करने की कोशिश कर रहे हो जो शायद डायरेक्टली पॉसिबल नहीं है h r
क्या काम करता है तो हमने कहा सर हम सीपी न i हेल्प लिख के देख सकते हैं है ना तो यहां पे i r का काम देख लेते हैं क्या
वर्क कर रहा है h r के आगे लिखा हुआ है रिकसिव और रिकसिव की डेफिनेशन कह रही है कि सर जो फोल्डर्स होते हैं उन्हें
रिकसिवली कॉपी करने में आप कह सकते हो एक तरीके से फोर्सफुली या फिर आप कह सकते हो कि किसी रूल को बायपास करके कि फोल्डर हम
फिर भी इसको कॉपी करना चाहेंगे वो यहां पर आन r ऑप्शन कर रहा है तो इसका मतलब सर हमें हमारे कमांड में जो लास्ट हमने लिखा
था सीपी आशीष और उसको कहां पर कॉपी करना है उसके साथ हमें बस हान r लिखना है कहीं भी लिख सकते हो स्टार्टिंग में भी लिख
सकते हो एंडिंग में भी लिख सकते हो यानी सीपी के बाद भी लिख सकते हो और फोल्डर्स के बाद भी लिख सकते हो मैंने एंटर प्रेस
करा सर कोई एरर तो नहीं आया अब अगर मैं देखना चाहूं कि डेस्कटॉप लोकेशन पे हमारा ये फोल्डर की कॉपी बनी है या नहीं तो उसके
लिए हम क्या करेंगे एलएस होम काली डेस्कटॉप एंटर प्रेस करा तो सर हम देख सकते यहां प आशीष नाम का फोल्डर
क्रिएट हो चुका है इसका मतलब सीपी ने अपना काम बहुत अच्छे से करा अब सवाल यह है कि सर अगर मैं इस फोल्डर को यहां से उठाकर
डॉक्यूमेंट फोल्डर में रखना चाहू यानी मूव करना चाहूं कॉपी नहीं बनाना मुझे मूव करना है इसको यहां से कट करना है और कहीं और पर
पेस्ट करना है यानी मूव करना है तो कैसे पॉसिबल है शायद ये एमवी कमांड के जरिए पॉसिबल होगा एमवी का भी वर्क करने का
तरीका बहुत आसान है किसको मूव करना और कहां मूव करना है तो मैंने सेे बताया कि होम फोल्डर में काली नाम का फोल्डर है
उसमें डेस्कटॉप का फोल्डर वहां पर आशीष नाम का फोल्डर है इस पर्टिकुलर फोल्डर को आशीष फोल्डर को हमें मूव करना है कहां
करना है तो मैंने उसकी भी लोकेशन दे दी होम काली डॉक्यूमेंट में अब अगर मैं एंटर प्रेस करता हूं और फिर से डेस्कटॉप फोल्डर
के अंदर क्या-क्या डाटा पड़ा है वो देखता हूं तो आप देख सकते हो यहां से आशीष फोल्डर जो था व डिलीट हो चुका है हट चुका
है डिलीट तो नहीं कट हो चुका है और अगर मैं डॉक्यूमेंट फोल्डर में जाकर देखूं यानी अगर मैं लिखूं एलएस स्पेस होम काली
डॉक्यूमेंट मैस और एंटर प्रेस करूं तो आप देख सकते हो यहां पे वो फोल्डर पेस्ट हो चुका है इसका मतलब कट पेस्ट भी सक्सेसफुली
हुआ अब सर अगर हम इस फोल्डर को डिलीट करना चाहे तो कैसे होगा तो उसके लिए हम आरएम कमांड का यूज ले सकते हैं आरएमडीआईआर से
भी डिलीट होगा और आरएम से हर तरीके की फाइल फोल्डर डिलीट हो जाते हैं है तो हमने आरएम स्पेस आशीष लिखा और एंटर प्रेस करा
लेकिन सर हमारी करंट लोकेशन पे ऐसा फोल्डर है ही नहीं क्योंकि वो तो हमने डेस्कटॉप फोल्डर डॉक्यूमेंट में रखा हुआ है तो हमने
यहां पर लिखा होम काली डॉक्यूमेंट यानी हमने हमारी लोकेशन चेंज करी पहले एलस लिख के देखा कि यहां पर आशीष नाम का फोल्डर है
फिर से हमने आरम वाला कमांड लिखा लद पुरानी लोकेशन पे भी था लेकिन हमें डिलीट कौन सा करना था डॉक्यूमेंट वाला करना था
हमने आरएम आशीष लिखा इसने मुझे एरर दिया अब एरर को वापस देखेंगे एरर सेम है लेकिन हमें डॉक्यूमेंट के आशीष को डिलीट करना था
इसलिए हम इस फोल्डर में आए यहां पे लिखा हुआ है कैन नॉट रिमूव आशीष इज अ डायरेक्ट सर ये तो एक फोल्डर है हम इसे रिमूव नहीं
कर सकते अब क्या करें सर शायद आरम की हेल्प देखकर हमें एक ऑप्शन मिले जो हम पहले भी यूज दे चुके हैं और वो हमारे लिए
काम का हो तो हमने स्क्रोल अप करा यहां पर हमें हान r दिखा जिसने कहा कि सर इसकी मदद से आप फोल्डर्स को डिलीट कर सकते हो तो
हमने कहा ठीक है हमने लास्ट टाइम भी हान r को यूज किया था सीपी के साथ कॉपी के साथ तो हमने अपना कमांड फिर से लिखा और इसके
साथ न r लिख दिया और एंटर प्रेस करा अब अगर मैं एलएस लिखता हूं तो क्या हमें यहां पे आशीष नाम का फोल्डर दिख रहा है नहीं
दिख रहा इसका मतलब हम सक्सेसफुली कॉपी पेस्ट मूव या डिलीट जो है वो ऑपरेशन परफॉर्म कर पाए फोल्डर क्रिएट करने का जो
ऑपरेशन है वो परफॉर्म कर पाए सो अब स्टूडेंट स्स देखते हैं कुछ और कमांड जो शायद हमें थोड़ा और अपडेट कर दे
लिख सकता हूं डिलीट कर सकता हूं देन जी एडिट सर ये ग्राफिकल फाइल एडिटर है यह भी एक सॉफ्टवेयर है जिसकी मदद से फाइल
एडिटिंग पॉसिबल हो पाती है जैसे अगर मैं बात करूं हमारी विंडोज मशीन की तो वहां पे नोटपैड यूज होता है कुछ वैसा ही उसके
अलावा हमारे पास सीच एओडी यानी चेंज मोड नाम का एक कमांड है जो फाइल की परमिशन चेंज करने में हमारी मदद करता है सो
स्टार्ट करते हैं और देखते हैं यह कमांड्स क्या वर्क कर रहे हैं और कितना ज्यादा यूजफुल है हमारे लिए सो स्टूडेंट्स सबसे
पहला कमांड जो सुडो एयू था वो रूट परम का काम करता है यानी आपको एडमिन की ताकत देना इसका मतलब आप कोई ऐसा वर्क कर रहे हैं
जिसकी परमिशन एक गेस्ट यूजर को नहीं है क्योंकि अभी हम गेस्ट यूजर है और वो काम करने की परमिशन हमारे पास नहीं है तो मैं
एडमिन की परमिशन लेनी पड़ेगी एग्जांपल के तौर प अगर मैं मेन लोकेशन में जाऊ यानी रूट लोकेशन
में जाऊ जहां पर नक् का सारा डाटा पड़ा है सारे डायरेक्टरीज पड़े और यहां पर मैं किसी फोल्डर को डिलीट करने की कोशिश करूं
जैसे मैंने यहां पर लिख दिया एग्जांपल के तौर पर आर एम बिन है ना और एंटर प्रेस करा तो ये क्या बोल रहा है परमिशन डिनाइड का
एरर दे रहा है इसका मतलब सर आपके पास परमिशन नहीं है इस टास्क को करने की लद हम फिर भी इस फोल्डर को डिलीट नहीं करेंगे
लेकिन परमिशन तो नहीं है काम करने की तो सर क्या होता है ऐसे केसेस में हमें एडमिन से परमिशन लेनी होती है जिसके लिए हम सुडो
कमांड का यूज लेते हैं अब मेरे पास दो तरीके हैं सुडो कमांड क्या करता है सर किसी भी कमांड को एडमिन की परमिशन दे देता
है यानी अगर मैं सुडो के बाद में लिखता आरएम हान बिन तो ये मुझसे पासवर्ड मांगता जिसमें मैं अपने गेस्ट यूजर का ही पासवर्ड
लिखता जो कि काली है के ए एल आई लेकिन ये केवल इस पर्टिकुलर कमांड को एडमिन की ताकत देता तो जितनी बार मैं कोई ऐसा ऑपरेशन
परफॉर्म करता हूं जहां पर मुझे एडमिन ताकत की जरूरत है एडमिन परमिश की जरूरत है मुझे हर बार स्टार्टिंग में सुडो लिखना पड़ता
है जो कि एक कंफर्टेबल चीज नहीं है है ना जो हमारा टाइम और बढ़ा रही है या फिर कई बार एरर्स भी क्रिएट कर देती है तो मैं ये
नॉर्मली रिकमेंड करता हूं कि क्यों ना सुडो एयू के जरिए पूरे के पूरे इस टर्मिनल को पूरे के पूरे शेल को ही एडमिन ताकत दे
दी जाए तो जब आप ये कमांड लिख के एंटर प्रेस करेंगे तो ये आपसे पासवर्ड मांगेगा जिसमें आपको के एआई लिखना है और एंटर
प्रेस करना है अब अगर आप यहां पे चेंज देखें तो पहले यहां पे गेस्ट यूजर का नाम लिखा हुआ आ रहा था लेकिन अब यहां पे रूट
यूजर का नाम लिखा हुआ आ रहा है पहले यहां पे डॉलर सिंबल आ रहा था और अब यहां पे हैश सिंबल आ रहा है जो डिफाइन करता है रूट
परमिशन को इस जगह पे टर्मिनल में अगर हैश लिखा आ रहा है इसका मतलब वो रूट परमिश को डिफाइन कर रहा है तो अब मेरे पास एडमिन की
पावर है अब मैं जो कमांड चाह रन कर सकता हूं लद मैं बिन फोल्डर को डिलीट अभी भी नहीं करूंगा अदर वाइज मेरा
प्रैक्टिस करते हैं जैसे फाइल्स में एडिटिंग करना जो कि हम न के जरिए कर सकते हैं जी एडिट के जरिए कर सकते हैं तो अगर
मैं अपनी मेन लोकेशन पर चला जाऊं एक बार और वहां पे जाके एक फाइल क्रिएट करना चाहूं एग्जांपल के तौर पे मैंने एलस लिखा
य ऑलरेडी काफी सारी फाइल्स पड़ी है मैं कोई न्यू फाइल क्रिएट करना चाहूंगा तो मैंने पहले डिस्प्ले क्लियर करी और लिखा
नो स्पेस किसी भी फाइल का नाम मैंने यहां पे लिख दिया youtube0 एकटी जो चाहे फाइल का नाम रख
सकते हैं आप जब मैं एंटर प्रेस करूंगा तो अगर इस नाम की फाइल पहले से बनी हुई होती तो ये उसे ओपन कर देता और अगर नहीं होगी
तो नई फाइल क्रिएट कर देगा इसने क्रिएट कर दी अब ये कमांड एंड एडिटर है तो कर्सर का यहां पर कोई रोल नहीं है मुझे सब कुछ एरो
कीज या कीबोर्ड्स के जरिए ही करना पड़ेगा तो मैंने यहां पर लिखा है दिस इज आशीष और इसके बाद में हमने यहां
पर लिखा e सी एओ और यह क्या काम करता है कि सर इसके अंदर आप जो भी डाटा लिखोगे जैसे यहां पे लिखा मैंने हाउ आर यू तो
हमने यहां पे कमांड लिखा या हमने इस ईसी एओ के अंदर एक सेंटेंस लिखा ये क्या करेगा कि सर इसके अंदर आपने जो भी डाटा लिखा है
ये टर्मिनल पे प्रिंट कर देगा इसका मतलब ये एक कमांड है ये एक फंक्शन है हमने यहां क्यों लिखा है ये मैं आपको समझाता हूं मैं
फिलहाल इस फाइल को सेव करूंगा और क्लोज कर दूंगा कंट्रोल x के जरिए सेव करने के लिए हमने कंट्रोल s कमांड का यूज लिया और
एग्जिट करने के लिए कल x कमांड का यूज लेंगे आप देख सकते हो यहां पे ये एग्जिट के लिए कंट्रोल x बताया जा रहा है तो
मैंने सेव कर लिया है रोट टू लाइंस लिखा हुआ आ रहा है इसका मतलब दो लाइन सेव हो चुकी है कंट्रोल x करा फाइल एग्जिट हो
चुकी है अब सर अगर आप फाइल के अंदर का डाटा अभी भी देखना चाहते हैं तो कैट कमांड के जरिए देखा जा सकता है अगर आप
cat.no एडिटर से कंफर्टेबल नहीं हूं तो मैं क्या करूं तो उसके लिए हम जी एडिट कमांड का यूज लेंगे जिसका मतलब है
ग्राफिकल एडिट और यहां पे हम अपनी फाइल का नाम बता देंगे एंटर प्रेस करा तो आप देख सकते हैं यहां
पर एक फाइल एडिटर ओपन हो चुका है जिसमें मैं ग्राफिकली जो चाहे कर सकता हूं यहां पे तो फिलहाल हमें कुछ मॉडिफिकेशन तो नहीं
करनी है चाहे तो कर सकते हैं मैं उसको ऐसे ही सेव करके क्लोज कर दूंगा यह सारे टास्क जो मैं कर रहा हूं रूट परमिशन में कर रहा
हूं आई होप सभी को विजिबल होगा अब अक्सर होता यह है कि सर जब भी आप ट रन होने की एक फाइल के पास असल में तीन
परमिशन होती है इस पर भी हम डिस्कशन कर लेते हैं सो स्टूडेंट्स असल में जब हम या फिर हम क्या करेंगे उस फाइल के अंदर
कुछ ना कुछ मॉडिफिकेशन करेंगे कुछ डाटा लिखेंगे अपडेट करेंगे तो यह हम क्या कर रहे हैं यहां पे राइट कर रहे हैं तो दूसरी
परमिशन राइट की हो जाएगी तीसरा हो सकता है कि सर इस फाइल में नॉर्मल डाटा नहीं कोई प्रोग्राम लिखा हुआ है तो अगर यहां पे कोई
प्रोग्राम लिखा हुआ है इसका मतलब क्या होगा ये एग्जीक्यूट होगा रन होगा जैसे आपकी डॉट फाइल्स होती है वो क्या होती है
सीधा एग्जीक्यूट होती है रन होती है तो यहां पे एग्जीक्यूटेबल परमिशन तीसरी परमिशन है जो एक फाइल के पास हो सकती है
अब खास बात यह है कि जब आप नक्स में एक फाइल क्रिएट करते हो तो वो उस फाइल को केवल और केवल दो परमिशन देता है कौन-कौन
सी सर केवल रीड और राइट की एग्जीक्यूटेबल परमिशन नहीं देता तो इसका मतलब कोई भी मिशिस प्रोग्राम में सिस्टम में डायरेक्ट
रन हो ही नहीं सकता बिकॉज उसके पास एग्जीक्यूट होने की परमिशन नहीं है लेकिन सर हम किसी भी फाइल को चाहे तो कोई परमिशन
दे भी सकते हैं और उससे चाहे तो कोई परमिशन छीन भी सकते हैं कैसे उसके लिए हम कमांड यूज लेते हैं सी एच एम ओडी चेंज मोड
अगर इसके साथ मैं प्लस का यूज़ लेता हूं यानी मैं कोई परमिशन दे रहा हूं और अगर मैं इसके साथ माइनस का यूज़ लेता हूं इसका
मतलब मैं कोई परमिशन ले रहा हूं अब यह कैसे काम करेगा तो इसको यूज़ लेकर देखते हैं तो पहले तो हम हमारी फाइल की परमिशन
देख लेते हैं तो हमने यहां पे लिखा एए h l जो लॉन्ग लिस्टिंग फॉर्मेट में यानी डिटेल में सारी फाइल फोल्डर्स दिखाएगा और हमने
यहां पे ढूंढी youtube0 रही youtube.exe नाम की फाइल यह कब क्रिएट करी गई इसकी साइज़ क्या है इसको किस यूज़र ने बनाया सब
बता रहा है और इसके पास क्या परमिश है फ़िलहाल केवल और केवल रीड और राइट की परमिशन है सर एग्जीक्यूटेबल परमिशन नहीं
है अब हमें अगर इसे कोई भी परमिशन देना हो या लेना हो दोनों ही चीजें पॉसिबल है कैसे है तो सर उसके लिए हम सीच एमओ कमांड का
यूज लेते हैं और अगर मैंने इसके साथ लिखा प्लस एक् यानी एग्जीक्यूट और फाइल का नाम जैसे कि हमारा फाइल का नाम है
youtube0 और एंटर प्रेस करा तो उस फाइल को य एग्जीक्यूटेबल परमिशन दे देगा एल एफन आल के जरिए आप सभी को दिखा देता हूं अब इस
फाइल के पास एग्जीक्यूटेबल परमिशन भी आ चुकी है इसका कलर भी ग्रीन हो चुका का जिसका मतलब इसके पास रन होने की पावर्स है
और अगर सर हम इससे कोई परमिशन छीनना चाहे तो यानी सर अगर हम यहां पे कमांड लिखते सी एओडी माइनस रीड राइट और एग्जीक्यूट या
केवल राइट और एग्जीक्यूट जो भी चाहे हम कर सकते हैं है ना और एंटर प्रेस करता और फिर से एलएस लिख के देखता या फिर एलएस आफ ए
लिख के देखता तो हम देख सकते हैं इसके पास केवल और केवल रीड की परमिशन ही बची है फिलहाल वापस तीनों परमिशन इसको लौटा देते
हैं तो हमने यहां पे प्लस लिखा फिर से ड्राइट और एग्जीक्यूट की परमिशन यहां पे ऐड कर दी गई है फिर से एलएस आफ एल लिखते
हैं तो अब इसके पास वापस से तीनों परमिश आ चुकी है आई होप आपको यह तो क्लियर होगा कि इस फाइल को परमिशन दी कैसे जाती है ली
कैसे जाती है किसी भी फाइल के साथ अब ये समझेंगे कि फाइल को अगर परमिशन दी है तो वो रन भी तो हो सकती है एग्जीक्यूट भी तो
हो सकती है वो कैसे पॉसिबल है तो किसी भी फाइल को जिसके पास एग्जीक्यूटेबल परमिशन है अगर आपको रन करना है तो हम एक डिफॉल्ट
कमांड यूज ले सकते हैं कई बार ऐसा होगा कि डिफॉल्ट कमांड वर्क ना करे हमें पर्टिकुलर वही वही टूल यूज लेना पड़े जो फल को रन कर
सकता है ऐसे भी चांसेस है बट एक जो डिफॉल्ट कमांड है जो अक्सर हमारे काम आ जाता है वह है डॉट स्ल आपको डॉट स्ल और
बिना स्पेस दिए फाइल का नाम लिखना है जैसे वर्ड है कोई कमांड या कोई प्रोग्राम नहीं है तो उसने बोला सर ऐसा तो हमें कुछ भी
नहीं मिला कोड या कमांड लेकिन सेकंड लाइन में इसने क्या करा हाउ आर यू जो था वो प्रिंट कर दिया और क्यों करा क्योंकि वहां
पे हमने एक ऐसा फंक्शन यूज लिया था जिसके अंदर आप अगर कुछ भी लिखोगे तो वो टर्मिनल पे प्रिंट कर देगा और वो कब करेगा जब वो
एग्जीक्यूट होगा जब वो रन होगा एक बार अगर आप देखना चाहे कि इस फाइल में क्या-क्या लिखा था हमने तो यहां लिखा था हाय दिस इज
आशीष तो जब पहली लाइन रन हुई पहली लाइन को रन करने की कोशिश करी गई तो यहां पे हाई वर्ड सबसे पहला आया जो कि ओबवियस सी बात
है कोई भी कमा या प्रोग्राम का हिस्सा नहीं है तो उस केस में हमारे पास पहली लाइन को लेकर एरर आ गया सेकंड लाइन को जब
रीड करा गया तो यह कमांड का हिस्सा है जिसकी वजह से इसके अंदर लिखा हुआ कंटेंट जो था वो प्रिंट हो
[संगीत] गया इस वीडियो में हम सारे एरर से बचा सकते सो सबसे पहला
कॉन्फ़िगरेशन हम हमारे मशीन के रिसोर्सेस का करेंगे यानी हमें क्या करना है हम अपनी काली मशीन पे गए एडिट वर्चुअल मशीन
सेटिंग्स पर हम क्लिक करेंगे और यहां से इसको जो जो रिसोर्सेस अलॉट कर रखे हैं जैसे रम हो गया हार्ड डिस्क हो गया या कुछ
भी एक्स्ट्रा डिवाइस हो गया उसको हम मैनेज करेंगे यहां पे तो जैसे आप देख सकते हैं सबसे पहले रम का ऑप्शन शो कर रहा है अब रम
किस बेसिस पर अलॉट करनी है यहां पे तो ये जो ग्रीन एरो है ये हमें डिफाइन कर रहा है कि आपका ऑपरेटिंग सिस्टम 2gb में भी वर्क
कर सकता है ठीक है लेकिन मेरे पास टोटल 16gb की र पड़ी है तो मैं वहां क्या कर सकता हूं सर मैं उसको 4gb के अप्रॉक्स की
रैम अलॉट कर सकता हूं सर अगर हमारे पास 8gb रम होती तो तो मैं फोर से थोड़ा कम आप कह सकते हो 3.5 या 4 के कुछ आसपास का रैम
ही अलॉट करता या 3gb रम जो है उतना ही अलॉट करता जरूरी नहीं है वो टू के मल्टीपल में ही हो है ना तो मैं यहां पे 3gb रम
अलॉट करता अगर मेरे पास 1gb रम होती बिकॉज़ आगे चलके मुझे और भी ऑपरेटिंग सिस्टम्स को रम अलट करने की जरूरत पड़
सकती है और अगर एक टाइम पे दो-तीन ऑपरेटिंग सिस्टम हमें यूज़ लेने की जरूरत पड़ी तब वहां सिस्टम ज्यादा लैग करेगा
यानी हैंग हो सकता है तो हमने यहां पे 3gb के अप्रॉक्स रम कब देंगे जब 8gb और अगर 4gb रम है तब हम 2gb रम ही अलॉट करेंगे
ठीक है बट क्योंकि अभी हमारे पास 16gb रम है तो मैं यहां पे से 4gb रम जो है अलॉट कर रहा हूं उसके अलावा अगर हम बात करें
प्रोसेसर्स की तो मैंने यहां पे नंबर ऑफ प्रोसेसर्स में टू सिलेक्ट करा है एंड कोर्स पर प्रोसेसर्स में टू सिलेक्ट करा
है जिसके बाद मेरे पास टोटल कोर जो है प्रोसेसर्स की वह चार हो चुकी है और यहां पे इसके जस्ट नीचे हार्ड डिस्क की अगर हम
बात कर करें तो 80gb का बाय डिफॉल्ट इसके पास है जिसमें फिलहाल हम कोई भी मॉडिफिकेशन नहीं करेंगे ठीक है इसके बाद
सीडी डीवीडी का ऑप्शन है यहां भी हमें कोई मॉडिफिकेशन नहीं करना है लेकिन नेटवर्क एडेप्टर की अगर हम बात करें तो आपको यह
ध्यान रखना है कि चाहे कुछ भी हो जाए आपका नेटवर्क एडेप्टर नेट ही रहना चाहिए यहां पे ताकि आगे के लैब्स में हम जो
एक्टिविटीज परफॉर्म करेंगे वहां आपको कोई भी कॉम्प्लिकेशंस फेस करने को ना मिले ठीक है नेट और कुछ नहीं है हमारे वर्चुअल मशीन
का एक प्राइवेट नेटवर्क है जिसकी मदद से इस वर्चुअल मशीन में जितने भी ऑपरेटिंग सिस्टम बनेंगे वो सब एक लोकल एरिया
नेटवर्क में आ पाएंगे और सब आपस में कम्युनिकेट कर पाएंगे लेकिन वो वर्चुअल मशीन बाहर किसी भी मशीन से विंडो से या
हमारे आसपास के सिस्टम से कम्युनिकेशन नहीं करेगा जो हमें सेव भी बनाता है ठीक है उसके बाद हमारे पास यूब कंट्रोलर का
ऑप्शन है जहां पे हम ध्यान रखेंगे कि ये जो यूएसबी के ऑप्शंस है ये टिक रहे क्योंकि आगे चल के अगर हम वाईफाई हैकिंग
जैसी चीजें अप्लाई करते हैं तो उस केस में वाईफाई एडेप्टर प्लग करने पर वो शो होना चाहिए और वो तभी होगा जब यह जो ऑप्शंस है
ये टिक रहे यानी हम यबी डिवाइस को एंटरटेन करें यानी उसे ऐड करें साउंड कार्ड्स बाय डिफॉल्ट सेटिंग सही है डिस्प्ले की
सेटिंग्स भी बाय डिफॉल्ट सही है फिलहाल इसमें कोई भी मॉडिफिकेशन हम नहीं करेंगे ओके बटन पे क्लिक करेंगे तो बेसिक कॉन्फिन
हम यहां पे कर चुके हैं अब हम हमारी मशीन को स्टार्ट करेंगे आप में से काफी लोग काली मशीन को पहली बार स्टार्ट कर रहे
होंगे और अगर पहले से यूज ले भी रहे हैं तो एक बार चेक कर लीजिएगा मेरे साथ कि अब हम जो मशीन के अंदर की कॉन्फिडेंस कर रहे
हैं ताकि वो हमें एरर से बचाए अच्छे से वर्क करें सॉफ्टवेयर लेटस्ट से लेटस्ट लाके दे उसके लिए जो जो सेटिंग्स अभी मैं
करके बताने वाला हूं वो सब आप लोग भी क्रॉस चेक कर लीजिएगा अगर पहली बार यूज़ ले रहे हो तो उसको को अप्लाई कर लेना सो
यहां पे हमारे पास लॉगिन पेज आ चुका है जिसके बाय डिफॉल्ट क्रेडेंशियल काली काली रहेगा यानी यूजर नेम भी काली होगा पासवर्ड
भी काली ही रहेगा हमने एंटर प्रेस करा हम लॉगिन हो चुके हैं हमारी काली मशीन के अंदर हमने बेसिक टर्मिनल का जो इंटरफेस था
वो देख लिया था यानी हमें कुछ बेसिक कमांड समझ आ गए थे अब वहीं पे जाकर हम मॉडिफिकेशन करेंगे सबसे पहले हमें ये चेक
करना होता है अपनी काली मशीन में उसे अच्छा कॉन्फिन करने के लिए कि वहां इंटरनेट सर्विसेस यानी कम्युनिकेशन से
रिलेटेड हमें जो नेटवर्क चाहिए वो सही से वर्क कर रहा है कि नहीं कर रहा है तो इसके लिए हम बेसिक टेस्ट क्या करते हैं सबसे
पहले सर अपने टर्मिनल को स्टार्ट करेंगे हम इसे ज़ूम कर लेते हैं और रूट परमिशन दे देते हैं यहां पे सुड एयू कमांड के जरिए
और कमांड लिखेंगे हम psgcas.ac.in आप सभी को बता देता हूं कि अगर कोई भी प्रोसेस चल रहा है आप उसे बीच में रोकना
चाहते हैं स्टॉप करना चाहते हैं तो उसके लिए आप कंट्रोल सी शॉर्टकट का यूज लेते हैं जैसे आप कंट्रोल c दबाओगे उसका मतलब
है चलते हुए प्रोसेस को बीच में रोक दिया जाए ठीक है तो हमने यहां पे इस प्रोसेस को रोक दिया और इस प्रोसेस ने हमें यह बताया
देखो p google.com वर्क नहीं कर रहा होता यानी अगर हम पिंग नहीं कर पाते तो हम क्या करते पहले तो
जाके यहां पर राइट हैंड साइड में चेक करते हैं कि हम इथ से जुड़े हुए हैं या नहीं फिर भी नहीं करता तो हमें कमांड रन करते
हैं मैं डिस्प्ले को क्लियर कर देता हूं अगर सर नेटवर्क सर्विसेस वर्क नहीं कर रही है तो हम यहां पे कमांड लिखेंगे सर्वेस
नेटवर्क मैनेजर रीस्टार्ट इसकी मदद से क्या होगा कि सर हमारा जो ओवरऑल नेटवर्क मैनेजमेंट का पूरा प्रोसेस है वो
रीस्टार्ट हो जाएगा रिबूट हो जाएगा जिससे कोई अगर कॉम्प्लिकेशंस आ भी रहे हैं कोई इश्यूज हो भी रहे हैं तो अपना रिजॉल्व हो
जाएंगे अगर सर इसके बाद भी रिजॉल्व ना हो तो हमें वापस हमारी वर्चुअल मशीन सेटिंग्स में जाकर यानी काली की सेटिंग्स में जाकर
देखना पड़ेगा कि उसका जो नेटवर्क एडाप्टर है वो एन नेट ही सिलेक्टेड हो तो यहां पे सर हमने ये कंफर्म कर लिया नेटवर्क
सर्विसेस वर्क कर रही है कि नहीं कर रही इसके बाद आपका इंटरनेट सर्विस चालू हो जाएगा इंटरनेट वर्क कर रहा होगा इसके बाद
किस बात का ध्यान रखना पड़ता है कि सर हमें नॉर्मली सॉफ्टवेयर इंस्टॉल करने की जरूरत पड़ती है सॉफ्टवेयर को अपडेट करने
की जरूरत पड़ती है जिसके लिए हम एटी का यूज़ लेते हैं एटी क्या है एटी सर काली जो हमें लेटर से लेटर सॉफ्टवेयर्स लाने
में मदद करता है इंस्टॉल करने में मदद करता है अपडेट करने में मदद करता है और अन इंस्टॉल करने में भी हेल्प कर सकता है तो
वैसे ही हमारे वजह से जब भी हम कोई सॉफ्टवेयर डाउनलोड इंस्टॉल करने की कोशिश करते हैं वो हमें
एरर दिखा देता है कि हमारे पास ये टूल नहीं है तो हमें सबसे पहले हमारे एटी को अपडेट करना पड़ेगा या टी की सेटिंग्स
अपडेट करनी पड़ेगी जिसके लिए मैं लिखूंगा सीडी स् ईटीसी स् एटी हम जानते हैं ईटीसी का मतलब है एक ऐसा फोल्डर जो हर एक
सॉफ्टवेयर की कॉन्फिन फाइल यानी सेटिंग्स की फाइल अपने पास रखता है तो मैं टीसी फोल्डर में एटी के अंदर गया यानी मैं एटी
की सेटिंग्स फाइल्स को एक्सेस करना चाहता हूं एंटर प्रेस करा एलएस लिखा तो यहां पे कुछ फाइल्स मेरे सामने पड़ी है जिनमें से
सोर्सेस ड l नाम की जो फाइल है मुझे इसमें मॉडिफिकेशन करना है और केवल पहली बार करना है यानी आप में से जितने लोग पहली बार
linux.com में रन करें तो जब हमने इसे ओपन करा हमने देखा कि लाइन नंबर टू इकलौती ऐसी लाइन है
जिसके आगे हैश नहीं लिखा हुआ बाकी सभी लाइंस के आगे हैश लिखा हुआ है और यह हैश क्या कर रहे है इन लाइंस को कमेंट बना रहे
हैं यानी यह लाइन अभी वर्क नहीं कर रही जिस भी लाइन के आगे हैश लिखा हुआ दिखे आपको किसी फाइल के अंदर तो नॉर्मली उस हैश
का मतलब होता है कि हम इस लाइन को एक कमेंट बना रहे हैं एक नॉर्मल टेक्स्ट बना रहे हैं चाहे वो कोई कोड हो या फिर कोई
यूआरएल हो या फिर को अच्छा खासा फंक्शन हो हैश लगाने से व काम करना बंद हो जाता है क्योंकि वो एक कमेंट बन जाता है तो हमें
यहां पे एक नॉर्मल सा मॉडिफिकेशन करना है एक नॉर्मल सा चेंज करना है कि जो लाइन नंबर फाइव है जहां पे डब एसआरसी आप सभी को
लिखा हुआ विजिबल होगा हमें वहां पे जाना है और उसके आगे से ये स्पेस और हैश को हटाना है ताकि हम इस लाइन को एक्टिवेट कर
सके ये हमारा दूसरा सोर्स है आप कह सकते हो एड्रेस है जिसकी मदद से हमारा प्ले स्टो यानी एटी मुझे लेटेस्ट से लेटेस्ट
सॉफ्टवेयर्स लाके दे सकता है तो हमने क्या करा यहां पे इसके आगे से हैश हटाया फाइल को सेव करा कंट्रोल s के जरिए या फिर इस
बटन पे क्लिक करके भी सेव कर सकते हैं और मैंने से क्लोज कर दिया तो अब हमारी जो सोसे डट लिस्ट थी यानी प
st-t है कि हम एटी अपडेट कमांड जरूर रन करें ताकि हमारा प् स्टो अपने सारे यूआरएल को रीड कर ले जहां से वो मुझे सॉफ्टवेयर
लाके दे सकता है यानी इसकी मदद से मैं मेरे प् स्ट को अपडेट कर रहा हूं अभी-अभी मैंने क्या करा था प
आपको और अच्छे से विजिबल हो तो 98 पर जो है अपडेट हो चुका है और आई थिंक कंप्लीट हो ही गया है इसका अपडेट का वर्क ऐसा करने
के बाद आप जो भी सॉफ्टवेयर इंस्टॉल करना चाहे बहुत इजली कर सकते हैं कैसे होंगे सॉफ्टवेयर इंस्टॉल ये हम नेक्स्ट वीडियो
में देखने वाले हैं कि हम कितने तरीकों से सॉफ्टवेयर को इंस्टॉल कर सकते हैं इस कॉन्फिन के अलावा और क्या नॉर्मल
प्रॉब्लम्स हमें फेस करने को मिलती है या और क्या-क्या इश्यूज हमें देखने को मिल सकते हैं स्टार्टिंग में क्या कॉन्फिन
करनी चाहिए तो सर हम यहां पर एक और चीज का ध्यान रखते हैं कि हमारे पास कुछ फाइल्स है जैसे अगर मैं यहां पर लिखूं जी एडिट
स्ल ईटीसी स् एओटी नेम है ना पहले होस्ट नेम में चलते हैं और एंटर प्रेस करता हूं तो यहां पर
आपको ध्यान रखना है कि बाय डिफॉल्ट जो नेम होता है काली व ही रहे आपने मेरे कुछ वीडियोस देखे होंगे पहले जहां पर मैंने
विंडोज अप्लाई करा था अननमनन है सही है बट जब एनोनिमस रहने की जरूरत हो केवल तब ही यहां पे वो मॉडिफिकेशन करना चाहिए फिर
वापस अपने नॉर्मल यूजर का नाम जो पहले लिखा हुआ था वो लिख देना चाहिए बिकॉज अगर हम ऐसा नहीं करते हैं तो इंटरनली काली के
कुछ ऑपरेशन में धीरे-धीरे करके एरर्स आने स्टार्ट हो जाते हैं और ऐसा भी हो सकता है इस वजह से कि आप लोग अपनी काली मशीन को
लॉगइन ना कर पाए तो ध्यान रखिएगा आपका जो होस्ट नेम है वहां पे बाय डिफॉल्ट अगर काली लिखा हुआ था तो काली ही रहे अगर आपको
कभी एनोनिमस रहना है तो उस वक्त आप यहां पे विंडोज या एक नॉर्मल होस्ट का नाम लिख सकते हो लेकिन उसे वापस अपना काम कंप्लीट
होते ही अपना टास्क पूरा होते ही चेंज कर दीजिएगा पुराना जो टैक्स लिखा हुआ था पुराना जो डाटा था वो वापस ले आइएगा हमने
इसे सेव करा क्लोज कर दिया यहां पे कॉफिगुड्डा के देखना है कि बेसिक कॉन्फिन क्या कह रही
है यानी यहां पे हमारे डोमस के नेम और उनके आईपी एड्रेसस हमें लिखे हुए दिख जाते हैं तो फिलहाल यहां पे सब कुछ सही है सब
कुछ वेल कॉन्फिडेंस ओपन कर रहे हैं तो आपको यह देखना है कि सारी चीजें बिल्कुल सेम दिख
रही हो अगेन मैं इसे सेव करूंगा और क्लोज कर दूंगा तो हमारी जो बेसिक [संगीत]
सोर्सेस हैं कितने तरीके हैं हमारे सिस्टम्स में सॉफ्टवेयर्स को या टूल्स को इंस्टॉल करने के तो बिना देरी करते हुए
स्टार्ट करते हैं एक बहुत बेसिक अगर हम इसका ओवरव्यू ले तो हमें ये समझ आ जाएगा कि एक सिस्टम में सॉफ्टवेयर इंस्टॉल करने
के तीन तरीके होते हैं पहला प् स्ट के जरिए चाहे आप ए की बात करें चाहे आप विंडोज की बात करें जहां पे
सोर्स ये है यहां से हम सॉफ्टवेयर इंस्टॉल कर सकते हैं दूसरा सोर्स हमारे पास आता है उस सॉफ्टवेयर की जो ऑफिशियल वेबसाइट है
वहां से उस सॉफ्टवेयर को लेकर आना है ना यानी जिस भी कंपनी का सॉफ्टवेयर है या जो भी सॉफ्टवेयर का नाम है वो उसकी ऑफिशियल
वेबसाइट पे जाके डाउनलोड करके इंस्टॉल करा जाए एग्जांपल के तौर पे अगर मुझे google3 सोर्स आता है थर्ड पार्टी
सर्विसेस का थर्ड पार्टी सर्विसेस यानी सर हर वो वेबसाइट या हर वो सोर्स जो आपको सॉफ्टवेयर लाके दे सकता है जिसमें हम
ज्यादातर यूज लेते हैं गेट अप जैसे प्लेटफॉर्म को एक ओपन सोर्स प्लेटफॉर्म जहां पर सर हमें क्या होता है मल्टीपल
टूल्स ऐसे ही मिल जाते हैं लेकिन हम इन पर बहुत ज्यादा ट्रस्ट नहीं कर सकते क्यों नहीं कर सकते बिकॉज सर यहां पे कोई भी आके
अपने टूल्स अपने पैकेजेस अपने सॉफ्टवेयर जो है वो अपलोड कर सकता है अब उन सॉफ्टवेयर्स के अंदर सारी प्रोग्रामिंग
जेनुइन है कि नहीं कहीं कोई मलेशियन कोड तो नहीं लिखा हुआ कहीं कोई वो मिशिस सॉफ्टवेयर तो नहीं है जो हमारा डाटा चुराए
हमें नुकसान करे तो इस चीज की अरिटी हमें डायरेक्टली नहीं मिल सकती इस वजह से हम उसम थोड़ा कम ट्रस्ट करते हैं बट लद हम इन
तीनों सोर्सेस को यूज लेते हैं अपने सॉफ्टवेयर को इंस्टॉल करने के लिए डिपेंड करता है कि हमें क्या सॉफ्टवेयर या क्या
टूल या क्या पैकेज चाहिए फिलहाल स्टार्ट करते हैं एपीटीएफ स्टूडेंट्स हम रूट परमिशन दे
देंगे सबसे पहले और एक चीज याद रखिएगा कभी भी अगर आपको एपीटीजी t अपडेट कमांड जरूर रन कर लीजिएगा
ताकि एपीटीडी कर सके है ना अपडेट की स्पेलिंग करेक्ट कर देते हैं यहां पे अपडेट तो एटी
क्या करेगा सर खुद को अपडेट कर देगा यानी हम प् स्टर को अपडेट करें ताकि वो हम लेटेस्ट ऑफस लाके दे सके प्रोसेस कंप्लीट
हो चुका है ऑलरेडी अपडेटेड था इस वजह से इसने टाइम बिल्कुल नहीं लिया अब मैं यहां पे कमांड न करूंगा एटी इंस्टॉल सर अगर
आपको कोई भी टूल चाहिए आप एटी लिखो इंस्टॉल लिखो बाद में उस टूल का नाम लिख दो एग्जांपल के तौर पे अगर मुझे बाइट कोड
व्यू टूल चाहिए तो मैं इसका नाम लिख दूंगा और एंटर प्रेस करूंगा तो इसका इंस्टॉलेशन स्टार्ट हो जाएगा बट सर ऐसे टूल्स के नाम
हमें थोड़ी याद रहेंगे हमें थोड़ी पता है कि यहां पे इसके बीच में जो डैश लगा हुआ है आईन लगा हुआ है यहां पे होना ही चाहिए
तो उन केसेस में भी हम कुछ चीजें कर सकते हैं जैसे टैब बटन जब हम प्रेस करते हैं तो ये हमें खुद भी सजेस्ट करता है कि आप क्या
टूल कहना चाह रहे होंगे यानी इसके पास क्या-क्या टूल्स अवेलेबल है एग्जांपल के तौर पे मैंने बस बाइट कोड लिखा उसके आगे
कुछ नहीं लिखा है ना तो मैं अगर टैब बटन प्रेस करता हूं तो या तो ये उसका पूरा नाम फिल कर देगा या फिर अगर इससे रिलेटेड इसके
पास कुछ और टूल्स है जैसे मैं थोड़ा और कम लिख देता हूं मैंने केवल बाइट लिखा तो ये मुझे बता रहा है इससे रिलेटेड इसके पास दो
टूल्स है एक बाइट को व्यूअर और एक बाइट्स सर्कल अब इन दोनों में से कौन सा टूल इंस्टॉल करना है ये मैं सेलेक्ट कर सकता
हूं इसका मतलब ये भी मुझे लिस्ट ऑफ टूल शो करता है जो उसके पास अवेलेबल है हमें बस टैब बटन को प्रेस करना होता है टैब बटन से
क्या होता है हम इससे कहते हैं कि भाई इससे आगे हमें याद नहीं आ रहा है क्या होता है तो आप हमें सजेस्ट करें आपके पास
क्या-क्या टूल्स पड़े हैं तो जैसे ही मैं एंटर प्रेस करूंगा या टैब फिर से प्रेस करूंगा नाम को फिल कर देगा और अब अगर एंटर
प्रेस करता हूं तो ये मेरे लिए उस टूल को इंस्टॉल कर देगा लेकिन इन केस अगर आपके पास वो टूल पहले से पड़ा है तो यह क्या
करेगा उस टूल को अपडेट करने की कोशिश करेगा लेकिन सर अगर पहले से अपडेटेड है तो ये आपको कंफर्म कर देगा यहां पे आप देख
सकते हो बाइट कोड व्यूअर इज ऑलरेडी द न्यूएम वर्जन यानी ये कह रहा है कि आपके पास एक तो टूल पहले से पड़ा है और ऊपर से
लेटेस्ट वर्जन पड़ा है तो मैं इसमें आपको क्या ही सपोर्ट दूंगा आपके पास सब कुछ परफेक्ट है है ना लेकिन अगर सर ये
सॉफ्टवेयर पुराना होता तो ये उसे अपडेट कर देता नहीं होता तो इंस्टॉल कर देता तो एपीटीएफ वेयर कैसे इंस्टॉल होगा उम्मीद है
आपको क्लियर हो गया हो कई बार ऐसा भी होता है कि सर हमसे सॉफ्टवेयर सही से इंस्टॉल नहीं हुआ है ना कोई एरर आ गई या सही से
वर्क नहीं कर रहा है तो उस केस में हम क्या करते हैं हम यहां पे कमांड रन करते हैं रीइंस्टॉल कभी भी किसी भी सॉफ्टवेयर
को रिमूव या ऑटो रिमूव के जरिए आपको अन इंस्टॉल नहीं करना चाहिए नहीं हटाना चाहिए बिकॉज ऐसा करते हुए आपका जो एटी है वो कई
सारे और ऐसे टूल्स और पैकेजेस को हटा देता है जो आपके लिए बहुत काम के है तो मैं य रिकमेंड करूंगा कि ऑटो रिमूव और रिमूव
कमांड्स जो है एटी के अंदर यूज ना लिए जाए आप रीइंस्टॉल को यूज ले सकते हैं अगर आपको किसी भी टूल में कोई इशू हो रहा है तो तो
हमने लिखा एटी रीइंस्टॉल बाइट कोर व्यूअर और एंटर प्रेस करा तो अब आप देख सकते हैं इसका जो रीइंस्टॉलेशन का प्रोसेस है वो
स्टार्ट हो चुका है सॉफ्टवेयर को अन इंस्टॉल करके फिर से इंस्टॉल करा जा रहा है तो अगर कोई कहीं पे इशू हो भी रहा था
कोई चीज वर्क नहीं भी कर रही थी तो वो अब रिजॉल्व हो जाएगी सर यह करने के अलावा एक और चीज है डायरेक्ट सॉफ्टवेयर इंस्टॉलेशन
की तो नहीं है लेकिन हम एड का एग्जांपल ले रहे हैं फिलहाल हम तो हमारे पास जितने भी टूल्स वहां पे इंस्टॉल ते हैं हम उन सबको
एक साथ अपडेट करते हैं अपडेट ऑल के जरिए करेक्ट तो यहां पे भी तो हमें वो करने की जरूरत पड़ सकती है और करना भी चाहिए यानी
एक टाइम पीरियड के गैप से आप कह सकते हैं वन मंथ के गैप से टू वीक्स के गैप से आपको अपने
सते हैं एटी अपग्रेड याद रखिएगा अपडेट और अपग्रेड में फर्क है अपडेट का मतलब है मैं प्
रुक जाए जैसे आप देख सकते हैं फिलहाल 9 पर 10 पर कंप्लीट हो चुका है थोड़ा ज़ूम आउट कर लेता हूं ताकि आपको क्लियर विजिबल हो
ये 15 पर 16 हो चुका है अगर मैं गलती से इसे बीच में रोक भी दूं 19 पर पे मैंने रोका था और फिर से सेम कमांड रन करूं तो
यह वहीं से स्टार्ट होगा तो यह अगर आपसे गलती से रुक जाए आपका नेटवर्क बंद हो जाए सिस्टम बंद हो जाए तो आप वापस उस कमांड को
वहीं से स्टार्ट कर देंगे तो सारी चीजें रिजॉल्व हो जाएगी फिलहाल मैं इसे अगेन बंद कर देता हूं है ना सो स्टूडेंट्स यह तो था
एटी के जरिए यानी अपने कैसे इंस्टॉल करे जाए अब दूसरा क्वेश्चन होता है कि सर इसके अलावा सेकंड सोर्स जो
है ऑफिशियल वेबसाइट वहां से कैसे करा जाए तो यह बहुत इजी प्रोसेस है हम ब्राउजर पे जाएंगे यहां पे न्यू टैब ओपन कर लेते हैं
और अब हम यहां पे सर्च करेंगे कोई भी एक टूल जो हम इंस्टॉल करना चाहते हैं एग्जांपल के तौर पे मैं
google3 कर दिया तो मेरे पास इसकी ऑफिशियल वेबसाइट आ चुकी है जहां पे डाउनलोड नाउ का एक बटन मेरे सामने विजिबल है मैं उस परे
क्लिक करूंगा और यहां पे स्टूडेंट्स डाउनलोड कम का बटन मेरे सामने आ चुका है मैं उसपे क्लिक करूंगा और एक चीज खास आप
देखेंगे यहां पे कि हमारे पास सीधा और कौन से ऑपरेटिंग सिस्टम को यूज़ ले रहे हो वही डिटेल
google.in x के दिखाए तो आपको समझ आ गया होगा यूजर एजेंट आपकी जो डिटेल ले जाता है व यह यूज़ लेते हैं फिलहाल अगर आपके पास
कभी भी ही डाउनलोड हो जाएगी इंस्टॉलेशन ऑटो स्टार्ट नहीं होगा वो मैं मैनुअली स्टार्ट
करना पड़ेगा और बहुत इजी प्रोसेस है तो यहां पे फाइल जो है वो डाउनलोड हो चुकी है ठीक है इस फाइल का नाम नंबर फोर है तो मैं
एक काम करता हूं इसे अपने डेस्कटॉप पे कॉपी कर लेता हूं या किसी दूसरी लोकेशन पे इसे क्या करता हूं ड्रैग एंड ड्रॉप करके
कॉपी कर लेता हूं तो मैंने इसे डॉक्यूमेंट में कॉपी कर लिया आप देख सकते हैं डॉक्यूमेंट में
दे देते हैं पासवर्ड में के एल यानी काली लिखना है और एंटर प्रेस कर दिया हमने अब अगर मैं
पीडब्ल्यूडी लिखूं तो यह बता रहा है कि सर आप होम के अंदर काली के अंदर डॉक्यूमेंट नाम की डायरेक्टरी में हो और एलस लिखू तो
आप देख सकते हो google.de बी है अब इस डॉबी फाइल को हम कैसे इंस्टॉल कर सकते हैं तो सर इसके लिए
हम एक टूल यूज लेते हैं जिसका नाम है डीपी केजी डीपी केजी का मतलब है डेब एन पैकेज किट्स को मैनेज करने वाला एक टूल यानी
जितने भी डबिन पैकेजेस होते हैं ड डीबी पैकेजेस होते हैं उनको मैनेज कर सकता है तो इसके जरिए हम हमारे टूल को इंस्टॉल
करना चाहेंगे तो हमने लिखा i आ और यह जो आप आप कम हाइलाइटेड वे में आप आगे लिखा हुआ टैक्स दिख रहे हो क्या हो रहा है
हमारा टर्मिनल हमें सजेस्ट कर रहा है कि शायद आप ये लिखना चाह रहे होंगे तो मैंने यहां पे जीड लिखा और टैब बटन दबा दिया
इसका मतलब स्टार्टिंग का कुछ फेज लिखा और उसके बाद टैब दबा दिया ताकि उस पूरे नेम को सही फिल कर दे अब अगर मैं एंटर प्रेस
करता हूं तो आप देखेंगे प्रोसेस जो है वो स्टार्ट हो चुका है तो इस तरीके से मैं ऑफिशियल वेबसाइट पर जाके
मुझे जो भी फाइल्स मिलती है उन्हें इंस्टॉल कर सकता हूं अपनी हम यूज लेंगे गिट अप को तो मान लेते हैं
हमें यहां पे एक सॉफ्टवेयर चाहिए था कोई भी सॉफ्टवेयर हम एज एग्जांपल ले सकते हैं फिलहाल मैं ले लेता हूं टी बम नाम का एक
सॉफ्टवेयर है ना क्या काम करता है इससे फिलहाल फर्क नहीं पड़ेगा मेरे को बस एक सॉफ्टवेयर चाहिए था तो मैंने टी बम स्पेस
गिट हब लिख दिया एंड एंटर प्रेस करा तो ये ऑटोमेटिक मुझे कुछ यूआरएल लाके देगा जिसकी मदद से मैं टी बम सॉफ्टवेयर को अपने
सिस्टम में डाउनलोड कर सकता हूं हमने इस परे क्लिक करा गिट अप किया एक ओपन सोर्स प्लेटफॉर्म है जहां पे हमें हर तरीके की
फाइल्स टूल्स पैकेजेस और बहुत डाटा मिल सकता है हमारे लिए काफी काम की जगह भी है ये अब यहां पे ये रही टी बम की सारी
फाइल्स बट हमें नहीं पता ये क्या है और कैसे यूज़ होगा तो अगर आप इसे स्क्रोल डाउन करेंगे तो इसकी
ले रहे हैं अगर वहां करना चाहता है तो उसके भी स्टेप्स बता रहा है आपको बस इन स्टेप्स को फॉलो करना है और आपका जो टूल
है वो स्टार्ट हो चुका होगा या इंस्टॉल हो चुका होगा तो ये प्रोसेस क्या बोल रहा है कि सबसे पहले गट नाम के टूल को इंस्टॉल
करो जो बाय डिफॉल्ट हमारे तो मैंने पहला कमांड रन करा एट इंस्टॉल गिट अभी मेरे पास टूल इंस्टॉल नहीं था या
अपडेटेड नहीं था या कुछ पैकेज मिसिंग थे तो मुझे बोल रहा है क्या आप वो टूल्स और पैकेजेस भी इंस्टॉल करना चाहोगे हमने यस
लिख दिया अब ये गिट गिट से रिलेटेड जो भी टूल्स है मेरे पास इंस्टॉल कर देगा जिसकी मदद से मैं गिट के टूल्स को इंस्टॉल कर
सकता हूं और अच्छे से यूज़ ले सकता हूं अगर इसके बाद हम नेक्स्ट कमांड देखें यानी सेकंड कमांड देखें तो यहां पे गिट क्लोन
का कमांड दिया है अगर ये नहीं भी दिया हो तो गट क्लोन का मतलब मैं बता देता हूं इसकी मदद से आप कोई भी दिए हुए यूआरएल को
जो गिट अप का यूआरएल होगा उस फाइल को क्लोन कर सकते हो यानी डाउनलोड कर सकते हो लेकिन अगर ये यूआरएल यहां पे गलत लगे आपको
तो कोई दिक्कत नहीं है अगर आप स्क्रोल अप करेंगे तो कोड नाम का यहां एक बटन है ग्रीन कलर का जब आप इस पर क्लिक करते हैं
तो यहां हमें वो यूआरएल मिल जाता है मैंने यूआरएल कॉपी करा अपने टर्मिनल पे गया जैसा मुझे सजेस्ट करा गया था मैं वही
एक्टिविटीज कर रहा हूं मैं यहां पे कमांड लिखूंगा गिट स्पेस क्लोन एंड देन हमारा जो यूआरएल था वो पेस्ट कर दूंगा एंटर प्रेस
करूंगा तो ये टूल डाउनलोड होना स्टार्ट हो जाएगा अभी मुझे एक एरर दिखा रहा है वो एरर कह रहा है कि सर आपने जो फाइल डाउनलोड
करने का कहा है वो आपके पास ऑलरेडी एजिस्ट है यानी पहले से पड़ी है तो हमने कहा देख लेते हैं एलस लिखा यहां पे आप देख सकते हो
टी बम नाम का फोल्डर पहले से पड़ा है तो अगर हम इसे डिलीट कर दें आए हाफ r के जरिए और फिर से लास्ट कमांड जो हमने लिखा
था वो रन करें तो आप देख सकते हैं अब यहां पे टी बम नाम का जो फोल्डर है जो फाइल है वो मेरे पास डाउनलोड हो रही है इंस्टॉलेशन
प्रोसेस क्या है अगर आपको नहीं भी पता या मान के चल रहे हमें नहीं पता तो यहां पे हम स्टेप्स को देख सकते हैं कि इसके बाद
जो स्टेप था वो हमें क्या गाइड कर रहा था वो कह रहा था फोल्डर के अंदर जाओ सीडी कमांड के जरिए और बैस्ट t बम एस लिखो इसे
और जूम कर लेता हूं आपको क्लियर विजिबल हो थोड़ा सा जूम आउट और कर लेते हैं हां तो यहां पे इसने हमें बताया कि सर आप बबम ए
लिखकर इस फाइल को रन कर सकते हैं हमने कहा ठीक है हम फिर से गए हमारे टर्मिनल में हमने लिखा सीडी टी बम एंड एलस लिखा यहां
पे हमारे पास t बम एए नाम की फाइल पड़ी है हम लिखेंगे बैश t बड ए और एंटर प्रेस करेंगे तो आप देख सकते हैं हमारा टूल
स्टार्ट हो चुका है [संगीत] हम देखने वाले हैं कि हमारे एटी के जरिए
जब भी हम सॉफ्टवेयर इंस्टॉल करते हैं तो अक्सर एरर आ सकते हैं बहुत कॉमन चीज है लेकिन मैं आपको बताने वाला हूं कुछ टॉप
ऐसे फाइव कमांड जिसके जरिए हमारे आधे से ज्यादा एपीडी के एरर्स रिजॉल्व हो जाएंगे या आप कह सकते हैं 95 एपीडी के जो एरर्स
आते हैं या सॉफ्टवेयर जब आप इंस्टॉल करते हैं तब जो एरर्स आते हैं वो रिजॉल्व हो जाएंगे और वो एक्सेप्शन हमें कभी भी फेस
करने को मिल सकते हैं बट आई होप धीरे-धीरे आप लोग उनको भी क्लियर करना सीख लेंगे इन्हीं सेशंस के जरिए तो सवाल है ये
कमांड्स है क्या और एटी में एरर्स नॉर्मली आते क्यों हैं है ना पहली चीज हमें ये चेक करनी होती है कि सर जब भी हम एपीटीएन कर
रहे हैं आप लोगों ने मेरे पुराने कॉन्फ़िगरेशन वाले वीडियो देखा होगा जहां पे हम ये ध्यान रखते हैं कि सोर्सेस ड l
में यानी अगर मैं यहां पे लिखूं जी एडिट स्सी स् एटी स् सोलि और एंटर प्रेस करूं तो मेरे सामने एक फाइल ओपन होती है हमें
ये ध्यान रखना है सबसे पहली चीज कि इस फाइल में जो लाइन नंबर फाइव है उसके आगे हैश ना हो ना स्पेस हो ना हैश हो ठीक है
ये मेरी लास्ट वीडियो में भी हमने कॉन्फ़िगरेशन करी थी हमें पहला तो इसे क्रॉस चेक कर लेना है दूसरा हमें ये देखना
है कि इंटरना सर्विस वर्क कर रही हो तो हमने उसके लिए p google.com लिख के देख लिया कि हां से इंटरनेट सर्विस वर्क कर
रही है हमारे पैकेज जो है वो यहां पे सक्सेसफुली ट्रांसफर हो रहे हैं और रिप्लाई भी आ रहे हैं तो इंटरनेट सर्विस
भी वर्क कर रही है सोर्सेस डट लिस्ट भी सही है अब इसके बाद जो एपीटीएन को रिजॉल्व करने के लिए पहली
कोशिश क्या रहती है सर जैसा हमने देखा था एक बार एटी अपडेट कमांड रन कर लेना चाहिए ये मेरे फाइव कमांड्स में नहीं फिलहाल आ
रहा है ये एक बेसिक प्रोसेस है जो हम पहले चेक कर लेते हैं ये सब करने के बाद भी अगर सर हमारे पास एरर आ रहा है तो अब हम
अप्लाई करेंगे सबसे पहला कमांड एरर रिजॉल्व करने के लिए जो कि है एपीडी इंस्टॉल हान आईन फिक्स हाइन
ब्रोकन इस कमांड के जरिए स्टूडेंट्स अगर आपके पास कोई भी ब्रोकन पैकेज है कोई भी चीज सही से वर्क नहीं कर रही है तो ये उसे
मैनेज कर लेगा उसे सही कर देगा तो कुछ एपीटीजी रिजॉल्व हो जाते हैं जिसका मतलब है कि आपको कोई सॉफ्टवेयर अधूरा इंस्टॉल
हुआ अधूरा डाउनलोड हुआ जिसकी वजह से वो सही से वर्क नहीं कर रहा और आपके एटी में एरर्स आ रहे हैं तो उसको रिजॉल्व करने के
लिए यह कमांड हमारी मदद कर देता है हमने इस कमांड को रन कर दिया इस कमांड को रन करने के बाद मैं फिर से किसी सॉफ्टवेयर को
इंस्टॉल करने की कोशिश करूंगा और अगर अभी भी एरर आ रहा है तो हमें जरूरत है हमारे सेकंड कमांड सेकंड कमांड है एटी इंस्टॉल
हान आन फिक्स हान मिसिंग कोई भी स मिसिंग पैकेज है तो उसे इंस्टॉल करके भी चीजों को रिजॉल्व करा जा सकता है तो हम इस कमांड को
वहां पे यूज़ लेते हैं पहला था एपीडी इंस्टॉल i i फिक्स आफ ब्रोकन देन i i फिक्स आफ मिसिंग हमारा सेकंड कमांड था सर
लेकिन अगर इन दोनों कमांड्स को रन करने के बाद भी एरर रिजॉल्व नहीं हुआ तब क्या करें तो ऐसा हो सकता है कि हमारे
एपीटीएसओ है जो हैश से रिलेटेड डटा रिकॉर्ड करती है शायद उसकी वजह से एरर आ रहा हो है ना तो उन कैशे डटा को क्लियर
करने के लिए हम कमांड लिखते हैं एटी क्लीन बस यहां पर हम एक बात का ध्यान रखना है कि जब आप इस कमांड को रन कर रहे हैं तो उसके
बाद आपको एटी अपडेट कमांड एक बार जरूर रन करना है और यह करने के बाद यानी थर्ड कमांड को फॉलो करने के बाद भी अगर हमारा
एरर रिजॉल्व नहीं हुआ नॉर्मली हो जाता है बट फिर भी हम मान के चल रहे हैं कि सर वर्स कंडीशन है अभी भी एरर रिजॉल्व नहीं
हुआ तो अब हम अप्लाई करते हैं एक बहुत ही अच्छा कमांड जो ज्यादातर एटी के एरर रिजॉल्व कर देता है यह कमांड है आरएम हाइन
आरएफ स्वीर स् एल आई बी स्ल एटी एंड देन एल आई एसटी एस और उसके बाद एक एट्रिक इसका मतलब क्या है मैं आपको क्लियर कर देता हूं
यहां पे तो आरएम के जरिए यहां प हम क्या कर रहे हैं मैनुअली जो है कश का डेटा स्टोर होता है जो कैशे डाटा होता है उसे
मैनुअली पूरा डिलीट कर रहे हैं ताकि एपीटीजी से ज्यादा प्रॉब्लम ऐसे ही रिजॉल्व हो जाएगी नॉर्मली हमारा सिस्टम
में भी इशू आता है एड में इशू आता है तो हम क्या करते हैं बहुत ज्यादा इशू आ हो है तो एक बार फॉर्मेट कर देते हैं सारा डाटा
क्लीन कर देते हैं ताकि वो अच्छे से काम करे यहां पर भी हम कुछ ऐसा कर रहे लेकिन इससे हमारा कोई डाटा डिलीट नहीं होगा ठीक
है हमने यहां पे कमांड लिखा आरएम जिसका मतलब है फाइल को रिमूव करा जाए आरएफ का मतलब है रिकसिवली एंड फोर्सफुली ता कि
हमें कोई भी ना रोके ठीक है और ये काम हम रूट परमिशन में कर रहे हैं ये याद रखिएगा फिर हमने लोकेशन दी एपीटीएन की जहां पे
सारे के सारे कैश या हैश से रिलेटेड डाटा होता है एट्रिक का मतलब है सब कुछ यानी एल आई एसटीएस फोल्डर में जो भी डाटा है सब
डिलीट कर दिया जाए हमने एंटर प्रेस करर है हमसे पूछ रहा है क्या आप रियल्टी में डाटा डिलीट करना चाहते हैं वाय लिखेंगे और डेटा
डिलीट हो जाएगा ठीक है इसकी भी एक रिक्वायरमेंट है कि इसको रन करने के बाद आपको एक बार एपीटीडी कमांड रन करना होता
है जिसमें आप देखोगे वो सारी यूआरएल को फिर से रीड करेगा यानी एटी को सही में वापस अपडेट करेगा क्योंकि इसके लिए यह
बिल्कुल फ्रेश एटी है और ऐसा करने पर सर हमारे 90 पर एर रिजॉल्व हो जाते हैं अब वो 5 पर एरर्स क्या जैसा मैंने कहा था 95 पर
एरर रिजॉल्व होने के चांसेस है इन कमांड के जरिए तो जो लास्ट कमांड है हमारा अगर इन सब से वर्क नहीं हो रहा है तो लास्ट
कमांड हमारे वर्क आ जाता है क्या है वो डिस्प्ले को क्लियर करते हु यहां पर कमांड लिखते वो है डी पी
केजी हाइन ए हाइन आन ठीक सो जब हम इस कमांड को रन करेंगे तो हमारा डीपीकेजी क्या करेगा सारी चीजों को
सारे टूल्स को जो मिस कॉन्फिडो चुके जा इशू आ रहे उनको कॉन्फिडो इसकी मदद से हमारा लास्ट 5 पर
एरर भी रिजॉल्व हो जाएगा लद मेरे पास अभी कोई एरर था नहीं तो इसने रिजॉल्व भी नहीं करा लेकिन अगर इसको रन करते हो या इन
पांचों कमास को एक बार आप प्रैक्टिस करोगे तो आपके एटी के यह सारे एरर्स तो रिजॉल्व हो
[संगीत] जाएंगे हम देखने वाले हैं कि कोई भी मशीन या कोई भी सर्वर चाहे वो विज या
microsoft's जो कि माइक्रोसॉफ्ट का ऑपरेटिंग सिस्टम है और दूसरी तरफ है हमारा यह लोगों तक अपनी सर्विसेस पहुंचा सके
जिसका मतलब है वेबसाइट होस्टिंग कर सके लोग इनसे बात कर सके उसके लिए यह क्या करते हैं अपने कुछ टूल्स का यूज़ लेते हैं
जिसे हम सर्विस प्रोवाइडर्स भी कहते हैं तो नॉर्मली अगर हम बात करें की पावर यह सारी चीजें हमारा
सर ये एक ऐसा टूल है जो आपकी मदद करेगा आपके सिस्टम में एचटीटीपी सर्विस को ओपन करने के लिए अब
एचटीटीपी का फुल फॉर्म है हाइपर टैक्स ट्रांसफर्ट प्रोटोकॉल और आई थिंक हम सब जानते हैं कि ये बाय डिफॉल्ट कौन से
रास्ते पे अपने डाटा को शेयर करता है पोर्ट नंबर 80 पे यानी अचे को जब हम यूज लेते हैं या स्टार्ट करते हैं वो क्या
करता है सर वो एटीटीपी सर्विस को स्टार्ट कर देता है वेबसाइट शेयर करने के लिए जिसका मतलब है एक सिस्टम की पोर्ट 0 जो है
वो ओपन हो जाती है यानी सर हमने apache2 को अगर इस सिस्टम में स्टार्ट करा तो तो वो इस सिस्टम का एक रास्ता ओपन कर देगा
पोर्ट नंबर 80 जहां पर एचटीटीपी सर्विस वर्क कर रही है और उसकी मदद से यह अपनी वेबसाइट को होस्ट कर पाएगा अपनी वेबसाइट
को शेयर कर पाएगा लेकिन सर वेबसाइट कौन सी जगह से शेयर करेगा उसकी कोई डायरेक्टरी होनी चाहिए कोई फोल्डर होना चाहिए तो ये
सारा डाटा जो ये शेयर करेगा ये शेयर करता है अपने डायरेक्ट्रीएंट्री
देता है अब उस डायरेक्टरी की लोकेशन क्या है तो डायरेक्ट्रीएंट्री
का मतलब है सब कुछ वो सारा डाटा अचे टू शेयर कर देता है पोट 80 पे अब यह बात कितनी सही है और कैसे वर्क कर रही है इसको
एक बार हम प्रैक्टिकल करके देख लेते हैं तो अब हम चलते हैं हमारे काली मेरे सिस्टम की पोर्ट 80 पे कोई भी चीज चल
रही है या नहीं पर वो कैसे देखेंगे सर बिना आईपी के तो आप बात नहीं कर सकते अपने सिस्टम से भी तो हमारे सिस्टम के पास
फिलहाल क्या-क्या आईपी डिटेल्स हैं यह देखने के लिए या मेरे सिस्टम के पास करेंटली क्या-क्या आईपी एड्रेसस हैं ये
चेक करने के लिए मैं कमांड रन करूंगा आईएफ कॉन्ग इफ कॉन्फिन फिग ये जो कमांड है यह मेरे सिस्टम की नेटवर्किंग डिटेल्स और
उनसे जुड़े हुए हार्डवेयर्स की कुछ डिटेल्स दिखा देता है एग्जांपल के तौर पे आप देख सकते हैं मैं इसे थोड़ा ज़ूम आउट
करके फिर से रन करता हूं ताकि आपको अच्छे से क्लियर विजिबल हो है ना तो यहां पे आप देख सकते हैं सबसे पहला जो डिवाइस का नाम
मुझे लिखा हुआ दिखा रहा है वह है टीए 0 जिसका मतलब है इथरनेट जो हमारा वीएम वेर अपने नेट ए जो हमने नेटवर्क एडेप्टर
सिलेक्ट करा था उसके अंदर प्रोवाइड करता है जिसमें वह हमें दिखाता है कि आप केबल से नेट चला रहे हो फिर चाहे आप वाई-फाई से
क्यों ना जुड़े हुए हो हमारा वीएम वेर ऐसा ही दिखाता है एक पर्सनल नेटवर्क बनाने के लिए कि आप केबल से जुड़े हुए हो या एक
वर्चुअल नेटवर्क है खास बात यह है कि यहां पे हमें हमारी प्राइवेट आईपी शो कर रहा है यानी हमारे वीएम वेर ने हमें जो आईपी
एड्रेस अलॉट कराया वो है 192168 2161 61 ये क्या है सर ये मेरे सिस्टम का प्राइवेट आईपी एड्रेस है जो लोकल एरिया नेटवर्क में
बात करने में मेरी हेल्प करेगा उसके अलावा स्क्रोल डाउन करूं तो यहां पे आपको एल ओ लिखा हुआ है जिसका मतलब है लोकल होस्ट और
आई होप आप सभी को पता होगा लोकल होस्ट क्या होगा सर एक ऐसा एड्रेस जो हर सिस्टम के पास होता है जो उसके मन की तरह होता है
जिसके मतलब वह खुद से कम्युनिकेशन कर रहा है तो यहां पे उसका आई एड्रेस भी दिखा रहा है जो कि है
17.0.1 आप सभी से मेरा क्वेश्चन भी है कि इस 17.0.1 ये जो आई एड्रेस है इसका एक डोमेन
नेम भी होता है वो क्या है वेरी गुड वो है लोकल होस्ट तो अगर मैं यहां पे अपने ब्राउजर पे जाऊं और देखना चाहूं कि मेरे
इन आईपी एड्रेसस पे क्या कोई सर्विस चल रही है पोर्ट नंबर 80 पे यानी अगर मैं लिखूं लोकल होस्ट कॉलन और पोर्ट नंबर 80
ऐसा लिखने पे क्या करेगा यह देखेगा कि हमारे सिस्टम की क्योंकि लोकल होस्ट मेरा एड्रेस है पोर्ट 80 पे कुछ चल रहा है कि
नहीं एंटर प्रेस करूंगा कुछ नहीं दिखा रहा कुछ नहीं चल रहा सर मैंने न्यू टैब ओपन करा यहां पर मैंने आईपी एड्रेस लिख के
देखने की कोशिश करी 17.0.1 कॉलन 80 है ना क्योंकि आप बाय डिफॉल्ट पोर्ट 8 प डाटा शेयर करता है मैं
देख रहा हूं कि अभी कोई डाटा शेयर हो रहा है या नहीं एंटर प्रेस करा कुछ भी नहीं चल रहा हमने सोचा अपनी प्राइवेट आईपी लिख के
देख लेते हैं तो यह ही मेरी प्राइवेट आईपी जिसको मैंने कॉपी कर लिया कंट्रोल शिफ्ट सी कमांड के जरिए और यहां पर पेस्ट कर
दिया कंट्रोल व के जरिए कॉल 80 लिखा और एंटर प्रेस करा सर तीनों ही हमारे जो एड्रेसस हैं उनमें कहीं पर भी पोर्ट 80 पर
कोई भी सर्विस वर्क नहीं कर रही है कुछ भी नहीं चल रहा है तो हमने कहा अब क्या करें अब हम एक काम करते हैं हमारी जो अपाचे
सर्विस थी जो कहती है कि मैं पोट टी को ओपन कर दूंगी उसको जाके चेक करते हैं तो उसके लिए हम कमान लिखेंगे सर्विस अचे टू
स्टार्ट ऐसा लिखने पे अपाचे सॉफ्टवेयर स्टार्ट हो जाएगा जो एटीटीपी सर्विस को चालू करेगा पोर्ट 8 को ओपन करेगा और जो
एचटीएमएल फोल्डर के अंदर पड़ा हुआ डाटा है उसको शेयर कर देगा अब ये बात कैसे चेक करें तो हमने कहा फिर से हमारे ब्राउजर प
चलते हैं और वापस से सारे एड्रेसस लिख के देखते हैं तो हमने यहां पे लिखा लोकल होस्ट कॉलन ए एक बार आप फिर से एड्रेस
पूरा लिखिए ताकि वो एचटीटीपी में ही वेबसाइट को कॉल करें मैंने एंटर प्रेस करा तो आप देख सकते हो अब यहां पे एक पेज आ
रहा है एक ऐसा पेज जो मैंने बनाया है है ना या मैंने लिखा है थोड़ा बहुत आप लोगों के केसेस में पेज थोड़ा डिफरेंट दिखेगा
आपको अचे लिखा हुआ दिखेगा क्योंकि बाय डिफॉल्ट जो पेज होता है वो अलग होता है मैंने थोड़े मॉडिफिकेशन कर रखे हैं बस
इतना सा फर्क है नेक्स्ट पेज आ हू तो यहां पे मैंने आई एड्रेस लिख के भी बात करने की कोशिश करी
17.0.1 कॉलन 8 तो सर सेम पेज एक्सेस कर पा रहा हूं और सर अगर मैं अपना प्राइवेट आईपी से य चीज ट्राई करूं यानी अगर हम अपने
प्राइवेट आईपी को कॉपी कर लें फिर से कंट्रोल सी और इसको कंप्लीट रिमूव करके कंट्रोल v कॉलन 80 लिखें और एंटर प्रेस
करें तो आप देख सकते हो प्राइवेट आईपी से भी मैं इस वेबसाइट को एक्सेस कर पा रहा हूं खास बात यह है कि सर जितने भी लोग
मेरे इस रेंज में है लोकल रिया नेटवर्क की रेंज में वो सब लोग इस वेबसाइट को फिलहाल एक्सेस कर सकते हैं अची को आईपी से कोई
लेना देना नहीं है आईपी का रूल वैसा ही रहेगा अगर मेरे सिस्टम के पास प्राइवेट आईपी है तो केवल मेरी लोकल
एरिया नेटवर्क के जो लोग होते हैं वो इस वेबसाइट को एक्सेस कर सकते हैं अगर इसके पास पब्लिक आईपी होता जो हमारे सर्वर्स के
पास होता है तो वाइड एरिया नेटवर्क के लोग इस वेबसाइट से बात कर पाएंगे अची को कोई फर्क नहीं पड़ेगा उसने तो पोर्ट 8 ओपन कर
दी है अब आपके पास जो आईपी एड्रेस है उस रेंज के लोग आपसे बात कर सकते हैं आई होप आपको अच का इतना तो क्लियर हो गया होगा अब
हमें यह देखना है कि यह जो डाटा हम यहां पे देखने को मिल रहा है यह कहां से आया वह जो html4 था वह सही में वहीं से आ रहा है
या नहीं तो इसके लिए हम यहां पे कमान लिखेंगे सीडी और उस लोकेशन पे जाएंगे v आ पे होगी इसके अंदर कोडिंग अलग हो सकती है
अलग डाटा लिखा हुआ हो सकता है क्योंकि मैंने ये ऑलरेडी मॉडिफाई कर रखा है तो मैं यहां पे लिखूंगा जी एडिट index.htm और
एंटर प्रेस करूंगा तो मेरे सामने फाइल ओपन हो चुकी है आप लोगों के केस में भी एक फाइल ओपन होगी इसमें कंटेंट थोड़ा ज्यादा
होगा जैसा मैंने कहा यहां मैंने मॉडिफिकेशन कर रखा है बट फिर भी चेक करने के लिए मैंने ऑल हैड के बाद बैड लिख दिया
है ना और इसे सेव कर दिया अगर आप पुराना पेज देखोगे तो यहां पे केवल ऑल हैक लिखा हुआ है और ऑल हैग गुड लिखा हुआ है लेकिन
अगर मैं इस पेज को रीलोड करूं क्योंकि मैंने चेंजेज कर दिए उस फाइल में तो आप देख सकते हो यहां पे भी ऑल हैक्ड बैड लिखा
हुआ आ रहा है यानी यह बात कंफर्म होती है कि अचे ने इस ही डाटा को शेयर करा था और केवल वेबसाइट की बात नहीं है आप अपनी
फाइल्स और फोल्डर्स भी शेयर कर सकते हैं कैसे कर सकते हैं तो सर अगर मैं इस फोल्डर में जाता
हूं यहां पे कंट्रोल सी करके बाहर आता हूं एलएस लिखता हूं तो अगर यहां कोई फोल्डर पड़ा होता जैसे मैंने यहां पे लिखा एमकेडी
आईआर टेस्ट है ना और उसके बाद मैं इस फोल्डर में गया सीडी टेस्ट और मैंने यहां पर एक और फोल्डर बना
दिया एक फाइल रख दी एमकेडी आ आर राहुल लिख देते हैं और एंटर प्रेस करा तो इसका मतलब सर हमने टेस्ट नाम का फोल्डर बनाया जिसमें
राहुल नाम का एक फोल्डर पड़ा हुआ है या कोई फाइल भी पड़ी होती है और आप इसे अगर शेयर करना चाहते हैं तो हम क्या करेंगे बस
अपने ब्राउजर में जाएंगे इस एड्रेस के बाद हम लिख देंगे स्लश टेस्ट एंटर प्रेस करेंगे तो इसके अंदर रखा हुआ फोल्डर जो है
वो हमें यहां पर देखने को मिल रहा है हम देखने वाले हैं लेयर्स ऑफ इंटरनेट बेसिकली नमस रहने के इस कंसेप्ट में हमें
लेयर्स ऑफ इंटरनेट को समझना होगा बिकॉज वहां पे कुछ ऐसी लेयर्स है जैसे डार्क वेबके जरिए हम समझ सकते हैं कि खुद को
एनोनिमस कैसे रखा जाए अच्छे लेवल पे सो स्टूडेंट्स बिना देरी करते हुए स्टार्ट करते हैं सबसे पहले हमें यह समझना होगा कि
एक यूआरएल क्या होती है बिकॉज यह कनेक्टेड है हमारी लेयर्स ऑफ इंटरनेट से कैसे कनेक्टेड है आइए देखते हैं पहले देख लेते
हैं यूआरएल होता क्या है यूआरएल का फुल फॉर्म फेंड्स यूनिफॉर्म रिसोर्स लोकेटर होता है जैसा कि इसका नाम है शायद सर हर
एक चीज का हर एक रिसोर्स का हर एक एसेट का या फाइल का जो इंटरनेट पर अपलोडेड है उसके एड्रेस को शायद यूआरएल कहा जाता है ये
क्या है वेब रिसोर्सेस की यूनिक आइडेंटिफिकेशन कॉलन स्ल स्ल के बाद ड नेम आता है नॉर्मल
जैसे w c tag.com अक्सर यहां पे पोर्ट भी देखी जा सकती है नॉर्मली दिखती नहीं है बट अदर वाइज 443 या 80 पोर्ट पर यह बातचीत
करते हैं उसके अलावा सर हमारे पास किसी फोल्डर का नाम आ सकता है एग्जांपल के तौर पर मान लेते हैं इमेजेस नाम का फोल्डर हो
एंड देन फाइल आ सकता है जैसे इमेजेस नाम के फोल्डर में लोगो ड पीएनजी नाम की कोई फाइल पड़ी है कभी कभार सर यहां पे
पैरामीटर्स भी देखने को मिल सकते हैं जैसे आईडी इ 1 आईडी इ 2 तो यह एक यूआरएल का फॉर्मेट है और अगर आप यहां पे देखें तो
एग्जांपल के तौर पे लिखी भी गई है जो कि है https.com
जो फोल्डर का नाम है login.asp कहा जाता है उससे सिमिलर ही है इसका फुल फॉर्म है यूनिफॉर्म रिसोर्स
आइडेंटिफिकेशन इंटरनेट का कहना यह है कि सर आपको मेरा अगर कोई भी डाटा एक्सेस करना है कोई
वेबसाइट एक्सेस करनी है वेबसाइट की कोई फाइल एक्सेस करनी है कोई वीडियो एक्सेस करनी है कुछ भी एक्सेस करना है इंटरनेट का
कहना है कि बिना उसके कंप्लीट एड्रेस के यानी बिना उस फाइल के एड्रेस के आप उस कंटेंट को एक्सेस नहीं कर सकते अब सर फाइल
का एड्रेस क्या होगा तो फाइल का एड्रेस होता है यूआरएल इसका मतलब हमारा इंटरनेट हमें बता रहा है कि सर आप किसी भी चीज को
अगर एक्सेस करना चाहते हैं इंटरनेट की किसी भी फाइल को एक्सेस करना चाहते हैं तो बिना यूआरएल के नहीं कर सकते यानी आपको
कोई भी पेज एक्सेस करने के लिए यूआरएल पता होना चाहिए अब सवाल यह है कि सर हम ह्यूमंस को तो आईपी एड्रेस भी याद नहीं हो
रहे थे तभी उनका डोमेन नेम रखा गया है ना तो यूआरएल कैसे याद रख सकता है क्या आपके लिए पॉसिबल है इस यूआरएल को याद रखना या
ऐसे जितनी भी वेबसाइट आप एक्सेस करते हो उनके पूरे यूआरएल को याद रखना क्या ये पॉसिबल है सर ये तो पॉसिबल नहीं है हम
इंटरनेट पे कितनी फाइल्स ढूंढते हैं कितनी फाइल्स एक्सेस करते हैं हमें तो उनका यूआरएल याद नहीं है और अगर यूआरएल याद
नहीं है तो आज तक हम इंटरनेट का का डाटा एक्सेस कैसे कर पा रहे हैं तो वहां पर हमारी मदद कर रहे हैं हमारे सर्च इंजन
जैसे सर जैसे google2 जड यानी डग डग और उसके अलावा और भी कुछ सर्च इंजन है ये सब क्या है सर्च
इंजन है तो हम इनके सर्च टैब में जाते हैं और कोई ना कोई कीवर्ड लिखते हैं और उस कीवर्ड से रिलेटेड सारे यूआरएल हमें आज के
टाइम पे हमारे सर्च इंजन लाके देते हैं बिकॉज अगर हमारे पास यूआरएल नहीं होता तो हम उस रिसोर्स को हम उस कंटेंट को कभी
एक्सेस कर ही नहीं पाते एक एग्जांपल यहां पे देख ले इसी से रिलेटेड कि हम चलते हैं हमारे ब्राउजर में सो यहां पे स्टूडेंट्स
हमारे ब्राउजर पे चलते ही हमने लिखा मान लेते हैं डब्लू एस क्यूब हैकिंग अब अगर आप सबसे मैं पूछूं कि क्या आप सभी को डब्ल्यू
क्यूब टेक के हैकिंग पेज का एड्रेस पता है याद है नहीं याद होगा लेकिन अगर मैं लए क्यूब हैकिंग लिख के एंटर प्रेस करता हूं
तो यहां पे आप देख सकते हो हमारे पास डब्लू कपटेक के एथिकल हैकिंग पेज का यूआरएल आ चुका है अगर आप इस पर क्लिक
करेंगे आपने अब एक कीवर्ड सर्च करा अगर आप इस पर क्लिक करेंगे तो आप देख सकते हैं यह रहा इस पेज का कंप्लीट एड्रेस जो सर अगर
आपके पास नहीं होता तो आप कभी भी इस पेज को एक्सेस नहीं कर पाते इसका मतलब अगर मैं यहां से कुछ भी चेंजेज करूं अगर मैं यहां
पर थोड़ माइनर चेंस भी करू तो आप देखोगे ऐसा कोई पेज हमें नहीं दिखाएगा बिकॉज हमारा यूआरएल गलत हो चुका है और जब तक सही
एड्रेस नहीं डालेंगे सर पेज एक्सेस नहीं होगा इंटरनेट का रूल है ये चेंज नहीं होगा तो आज तक हम पेज कैसे एक्सेस कर पा रहे
सर्च इंजन की मदद से एक्सेस कर पा रहे हैं तो आई होप आप सभी को अ ये क्लियर हो गया होगा कि इंटरनेट का रूल क्या है यूआरएल
उसमें कितना इंपोर्टेंट रोल प्ले कर रहा है और हमारे सर्च इंजस कितना ज्यादा इंपोर्टेंट रोल प्ले कर रहे हैं अब बात
करते हैं यर्स ऑफ इंटरनेट की स्टूडेंट्स एक बात हमने जरूर सुनी होगी कि आज के टाइम पर हम हमारे इंटरनेट का केवल और केवल 5 पर
डाटा एक्सेस कर पा रहे हैं हमारे इंटरनेट पे इतना सारा डाटा पड़ा है जिसमें से हम केवल 5 पर डाटा एक्सेस कर पा रहे हैं क्या
यह बात सच है कि नहीं और अगर है तो इसका मतलब क्या है ये अब हम समझेंगे सो असल में हमारी जो सबसे पहले लेयर है ना सरफेस वेब
वो ये 5 पर डाटा के बारे में डिस्कशन कर रही है वो हमें इस 5 पर डाटा के बारे में बता रही है जो आज हम एक्सेस कर पा रहे हैं
इंटरनेट पे उसके अलावा सर 95 पर डाटा ऐसा है जो आप एक्सेस नहीं कर पा रहे तो पहले फोकस इस 5 पर पर करते हैं कि ये 5 पर क्या
है और हम क्यों इतना ही एक्सेस कर पा रहे तो असल में इस 5 पर को हम कहते हैं सरफेस वेब और सरफेस वेब की डेफिनेशन हमें क्या
समझाती है सरफेस पब का मतलब क्या है तो सर ये इंटरनेट की कैटेगरी है कोई हिस्सा नहीं है कोई टुकड़ा नहीं है है या कोई जगह नहीं
है यह कैटेगरी है जो हमें यह बताती है कि सर इंटरनेट के वो सारे एड्रेसस वो सारे यूआरएल वो सारे पेजेस जो आपका सर्च इंजन
आपका सर्च इंजन जैसे होता है वो डाटा 5 पर डाटा है केवल एग्जांपल के तौर पे हमारे सोशल अकाउंट है
मान लेते हैं हमारे पॉसिबल है कि अगर मैं इंटरनेट पर जाके सर्च इंजन प जाके सर्च करूं एग्जांपल के
तौर पर अपनी प्रोफाइल देखना चाहू और मैं सर्च करूं कि भाई आशीष कुमार का जो क्या कोई ऐसा यूजर जिसने कोर्स परचेस नहीं
करा ये ब्राउजर पे सर्च करके इस कोर्स को एक्सेस कर सकता है या आपकी प्रोफाइल को एक्सेस कर सकता है नहीं कर सकता तो ऐसा
इतना सारा डाटा है जो हमारा सर्च इंजन अपने आउटपुट में नहीं दिखा सकता अपने इस इंडेक्स में नहीं शो कर सकता उस पूरे डाटा
को यह 95 पर में काउंट करा जाता है और जितना डाटा वो सर्च इंजन दिखा सकता है अपने आउटपुट में चाहे वो कोई भी सर्च इंजन
हो जितना भी डाटा वो अपने इंडेक्सिंग में दिखा सकता है उसको हम 5 पर डाटा कहते हैं या सरफेस वेब कहते हैं आई होप सभी को
क्लियर हो गया होगा कि सरफेस वेप क्या है स इंटरनेट का वो हिस्सा जो हमारा सर्च इंजन हमें अपने आउटपुट में दिखा सकता है
यानी जिसका यूआरएल हमें हमारा सर्च इंजन लाके दे सकता है अब बात आती है इस 95 पर डाटा की यह क्या है तो यह 95 पर डाटा है
हमारा डीप वेब डीप वेब इंटरनेट का वो हिस्सा है हिस्सा भी नहीं कहेंगे यह वो कैटेगरी है जिसके अंदर पूरा का पूरा वो
डाटा जो बिना यूआरएल के एक्सेस नहीं करा जा सकता और जो सर्च इंजन अपना आउटपुट में नहीं दिखा स सकता वो सारा डाटा डीप एप की
कैटेगरी में काउंट होता है इसका मतलब सर आपका अब सवाल यह है कि सर जो डार्क वेब है यह
क्या है तो इसी डीप वेब में एक छोटा सा पार्ट और है जहां पे हम पार्ट तो नहीं कहेंगे एक कैटेगरी और है कि सर इस डीप पब
में 95 पर में बहुत सारी यूआरएल है जो अलग-अलग रीजन से सर्च इंजन नहीं शो कर रहा है उन यूआरएल में से कुछ ऐसी वेबसाइट है
कुछ ऐसी जगह है जहां पर इलीगल एक्टिविटीज हो रही है तो वह सारी वेबसाइट जहां पर इलीगल एक्टिविटीज परफॉर्म करी जा रही है
वो सारी वेबसाइट काउंट होती है डार्क वेब की कैटेगरी में इसका मतलब कि इस 95 पर डाटा में से जितना भी डाटा इल्लीगल
एक्टिविटीज कर रहा है जितनी भी वेबसाइट इलीगल एक्टिविटीज कर रही है वह सारी की सारी वेबसाइट डार्क वेब की कैटेगरी में
ऑटोमेटिक काउंट हो जाती है आई होप आप सभी को क्लियर हो गया होगा लेकिन यहां पर एक लेयर और बची हुई है और इस लेयर का नाम है
हिडन वेब अब सवाल ये है कि हिडन वेब क्या है तो सर हमारे इस 95 पर इंटरनेट में हमें पता है जहां इल्लीगल वेबसाइट वर्क कर रही
है जो इल्लीगल एक्टिविटीज हो रही है वो डार्क वेब की कैटेगरी में काउंट होगा लेकिन इसके अलावा वो सारा डाटा जो अभी तक
डिस्कवर ही नहीं करा गया है जो अभी तक लोगों को मिला ही नहीं है जिसके यूआरएल जिसके एड्रेस लोगों तक बिल्कुल नहीं
पहुंचे हैं वो पूरा का पूरा इंटरनेट कहलाता है हिडन वेब या पूरा का पूरा डाटा कहलाता है हिडन वेब की कैटेगरी में उसको
काउंट करा जाता है हम ये कह सकते हैं और इसी पार्ट को समझने के लिए एक एग्जांपल लेते हैं सो स्टूडेंट्स यहां पे हुआ ये कि
मैंने एक वेबसाइट बनाई ठीक है मैंने ध्यान रखा ये वेबसाइट गलती से भी सर्च इंजन पर इंडेक्स ना हो इस वेबसाइट का जो एक्सेस है
वो मेरे पास है मेरे एक फ्रेंड के पास है ठीक है और एक और फ्रेंड के पास है यानी हमारे दो हम तीनों के पास इस वेबसाइट का
एक्सेस है हम तीनों ही इस वेबसाइट को एक्सेस करते हैं हमारे अलावा कोई नहीं कर सकता किसी को इसका एड्रेस नहीं पता अब
मेरा सवाल आप सभी से ये है कि ये किस कैटेगरी में काउंट होगी वेरी गुड स्टूडेंट्स ये काउंट होगी हिडन वेब में
क्यों क्योंकि सर अभी तक लोगों को नहीं मिली है ऐसा तो है नहीं किसी ने बनाई नहीं है बनाई है और जिसने बनाई है उसके पास
उसका एड्रेस होगा लेकिन उस यूजर के अलावा बाकी किसी के पास उसका एड्रेस नहीं है या फिर तीन चार जनों के अलावा एक छोटे से
ग्रुप के अलावा किसी के पास वो यूआरएल नहीं है इतने बड़े वर्ल्ड में तो उस केस में उसको हम हिडन वेब मानेंगे उस केस में
हम इसको हिडन वेब की कैटेगरी में काउंट करेंगे अब सर हुआ ये कि इसने अपने एक फ्रेंड को बताया जिसके भी खुद के तीन
फ्रेंड्स थे और ऐसे ही करते करते बात शेयर होती गई और एक टाइम आया जब किसी वेबसाइट में या किसी ब्लॉग में एक यूजर ने इसका
लिंक अपलोड कर दिया जो कि अभी सर्च इंजन प इंडेक्स नहीं हुआ या फिर मान लेते हैं चलो इंडेक्स हो गया है है ना तो अब ये जो
ब्लॉग है ये सर्च इंजन पे दिख रहा है और वहां पे हमारा यूआरएल भी है तो मुझे बताओ अब ये कौन सी कैटेगरी में काउंट होगी अब
ये वेबसाइट जो है कौन सी कैटेगरी में गिनी जाएगी वेरी गुड अब ये सरफेस पब माना जाएगा क्यों क्योंकि सर ये सर्च इंजन पे इंडेक्स
हो चुकी है अब पता पड़ा कि सर यहां पे तो इल्लीगल एक्टिविटीज हो रही थी तो अब क्योंकि यहां पे कोई क्राइम हो रहा था तो
सर इ ने क्या करा इसे ब्लॉक कर दिया इसे हटा दिया अपने इंडेक्सिंग से सर्च इंजन ने इसे अपने इंडेक्सिंग से हटा दिया किसी भी
रीजन से हटाया हो एग्जांपल ले रहे हैं हम बस तो अब ये काउंट होगी हमारे डार्क वेब की कैटेगरी में क्योंकि सर यहां पे इलीगल
एक्टिविटीज हो रही थी ये सर्च इंजन प इंडेक्स नहीं है तो इसको डार्क वेब की कैटेगरी में काउंट करा
[संगीत] जाएगा इस वीडियो में हम देखने वाले हैं हाउ डार्क वेब मेक्स यू एनोनिमस बेसिकली
डार्क वेब की मदद से एक जो यूजर है जो डार्क वेब पे ले जाके अपनी वेबसाइट होस्ट कर रहा है डार्क वेब उसे एनोनिमस कैसे बना
पाता है वहां क्या-क्या टेक्नोलॉजी यूज हो रही होती है और और वो यूजर या वो एडमिन जिसने डार्क वेब पे अपनी वेबसाइट होस्ट
करी है उसको पकड़ना मुश्किल किन केसेस में हो पाता है या क्यों हो पाता है तो ये आज हम यहां पे देखेंगे सबसे पहला पार्ट हम सब
डार्क वेब के बारे में थोड़ा बहुत अवेयर है कि सर इसे एक्सेस करने के लिए हमें चाहिए एक स्पेशल ब्राउजर तो आप लेयर्स ऑफ
सिक्योरिटी देखिएगा यहां पे पहली सिक्योरिटी बता रही है कि आपके पास एक स्पेशल ब्राउजर होना चाहिए जैसे टॉप
ब्राउजर उसी की मदद से आप डार्क वेब की किसी भी वेबसाइट को एक्सेस कर सकते हैं दूसरा पार्ट जो बहुत इंपॉर्टेंट है कि सर
किसी भी वेबसाइट को एक्सेस करने के लिए हमें चाहिए यूआरएल यानी उसका डोमेन नेम अब खास बात यह है कि डार्क वेब की जो वेबसाइट
है वो होस्ट करी जाती है टर के जरिए जिसकी वजह से उनका जो लिंक है उनका जो डोमेन नेम है वह कुछ ऐसा होता है जिसका एक्सटेंशन आप
देख सकते हो डॉट ओनियन है और यह याद रखना किसी के लिए भी पॉसिबल नहीं है खैर सर हम याद क्यों रखेंगे हम कॉपी पेस्ट कर लेंगे
लेकिन कॉपी पेस्ट करने के बाद भी एक डिफिकल्टी और आ जाती है यानी थर्ड लेवल ऑफ सिक्योरिटी आ जाती है कि आपके पास जो
डोमेन नेम दिया गया है वो डायनामिक है यानी एक एडमिन के पास जो डोमेन नेम है वो हर एक टाइम पीरियड के गैप से चेंज हो
जाएगा या फिर जब एडमिन चाहता है तब चेंज हो जाएगा और ऐसा करने पर या ऐसा करने की वजह से अगर किसी सिक्योरिटी एक्सपर्ट के
पास ये एड्रेस चला भी गया है ना तो वो क्या होगा कुछ देर बाद चेंज हो जाएगा तो वो सिक्योरिटी एक्सपर्ट उस वेबसाइट तक
नहीं पहुंच पाएगा वो एड्रेस इनवैलिड हो जाएगा बिकॉज कुछ देर बाद एक नया एड्रेस बन चुका है तो ये यहां पे जो थर्ड लेयर ऑफ
सिक्योरिटी और दे रहा है यानी आपको डायनेमिक डोमेन नेम्स दे रहा है जो कि कंटीन्यूअस चेंज होते जाते हैं तो ये उन
यूजर्स को और ज्यादा सेफ कर देता है हम साथ-साथ ये भी समझेंगे कि वो किस केस में पकड़े जा सकते हैं और कैसे पकड़ना चाहिए
है ना देन हम बात करते हैं फोर्थ लेयर ऑफ सिक्योरिटी की जो बहुत ही ज्यादा स्ट्रांग लेयर है वो ये है कि सर यहां पे लेयर्स ऑफ
आईपी एड्रेसस प्रोवाइड कराई जाती है कि सर तीन लेयर्स ऑफ आईपी एड्रेस यहां पे प्रोवाइड कराई जाती है और इनमें भी कुछ
पॉइंट्स है जो इसको बहुत ज्यादा सिक्योर बना देते तो यहां पर तीन लेयर्स का मतलब क्या है किस तरीके से वक करता है कि मान
लेते हैं यूजर ए को फ एक्सेस करना था लेकिन वो अपनी आईपी से एक्सेस नहीं करना चाहता था वो उस वेबसाइट को नोमस एक्सेस
करना चाहता था और उसके लिए उसने ट सर्विस का यूज दिया तो उसने अपने सिस्टम में टर को स्टार्ट करा चाहे ट ब्राउजर हो या टर
का कोई भी सॉफ्टवेयर हो जिसके बारे में आगे चलके देखेंगे जब उसने इस स्टार्ट करा तो यह वर्क किस तरीके से करता है अब उसका
जो पैकेट था जो पहले डायरेक्ट फ तक पहुंच रहा था जिसमें फ के पास उसका एड्रेस जा रहा था जो भी था एग्जांपल के तौर पर इसका
आईपी मान लो 4.4.4 था तो सिस्टम सी क्या करेगा उसे सिस्टम डी पर भेजेगा अब सिस्टम डी जो कि एक अलग कंट्री
में है वो उस पैकेट को फ के पास भेजेगा तो सिस्टम डी का यानी यूजर ए की कोई भी डिटेल शेयर नहीं हुई और
टाइम लगना लाजमी है टाइम लगेगा तो हमें उस चीज को समझना पड़ता चा हम इंटरनेट कनेक्शन कितना ही अच्छा हो यह चीज स्लो वर्क करेगी
है ना लॉजिकली देखा जाए तो करनी भी चाहिए तीन सिस्टम से होता हुआ पैकेज जा रहा है और केवल ये सिक्योरिटी इतनी ही नहीं है
यानी इतना नहीं कि आपको तीन आईपी एड्रेस दे दिए अलग-अलग लेयर्स के वो भी कुछ टाइम बाद चेंज हो जाएंगे ये एक और पार्ट है कि
सर ये आईपी एड्रेस भी डायनामिक है आपको ये जो लेयर ऑफ आईपी एड्रेस दिए हैं जरूरी नहीं है कि यही आपके पास रहेंगे ये सर्किट
कंटीन्यूअस चेंज होता रहेगा एंड एक सबसे अच्छी बात कि सर चाहे कितनी बार भी आपका सर्किट चेंज हो जो आपको पहला सिस्टम अलॉट
करा जाता है उस सिस्टम पे एक और सिक्योरिटी रहती है कि सर वहां पे गार्ड होता है आपको लिखा हुआ दिखेगा गार्ड जिसका
मतलब है यहां पे एक्स्ट्रा फाइबर कॉन्फिन यानी एक्स्ट्रा सिक्योरिटी अप्लाई कर रखी है ताकि कोई भी जो मेन यूजर है वहां तक ना
पहुंच पाए यानी इसको कॉम्प्रोमाइज ना कर पाए इसमें से डाटा एक्सट्रैक्ट ना कर पाए तो कुछ इस तरीके से टॉर मल्टीपल लेयर्स ऑफ
आईपी एड्रेस के जरिए या आप कह सकते हो थ्री लेयर्स ऑफ़ आईपी एड्रेस के जरिए एक ओनियन की तरह एक प्याज की तरह कुछ वैसे ही
लेयर्स हमें आईपी एड्रेस की देता है और सिक्योरिटी की देता है ताकि हम कंप्लीट एनोनिमस रह सके अब सर इस पूरी कंडीशन में
ये जो डार्क वेब का एडमिन था जिसने अपनी वेबसाइट बनाई थी और उस वेबसाइट से रिलेटेड इसको डोमेन नेम मिला था ये यूजर पकड़े
कैसे जाते हैं तो सर एक बार भी अगर किसी के हाथ में डोमेन लग जाए तो डोमेन के जरिए आईपी तो नहीं मिलेगी क्योंकि यही तीन
लेयर्स ऑफ़ आईपी इन डोमस को भी दे रखी है तो डोमेन से हम सर्वर की आईपी नहीं निकाल सकते लेकिन डोमेन की मदद से सर हम वेबसाइट
एक्सेस कर सकते हैं और वेबसाइट में हमें पता है अगर आप कोई भी फॉर्म फिल करते हो अपनी कोई भी डिटेल फिल करते हो तो चाहे वो
10 सिस्टम से होकर जाए या तीन सिस्टम से होकर जाए वो एंड में एडमिन के पास ही पहुंचेगी तभी एडमिन उन डाटा को स्टडी
करेगा और देखेगा कि हां भाई इस यूजर ने मुझसे ये प्रोडक्ट खरीदा है या ये ये चीजें करी है इसका मतलब हमारा जो डाटा है
उसकी जो एंड डेस्टिनेशन है वो ये एडमिन ही है तो हम इस डाटा में कई बार वेबसाइट में बक्स ढूंढ के मशियल शियस कोड इंजेक्ट कर
देते हैं जिसकी वजह से जब ये यहां पे जाते हैं और एडमिन से एक्सेस करता है तो उसकी सारी डिटेल हमारे पास आ जाती है एक
सिक्योरिटी एक्सपर्ट के पास आ जाती [संगीत] है आज हम देखने वाले हैं बीइंग एनोनिमस के
इस कांसेप्ट में कि अपना यूजर एजेंट चेंज करके हम खुद को कितना ज्यादा एनोनिमस रख सकते हैं कितना सेफ रख सकते हैं आई होप
स्टूडेंट्स आप सभी को याद होगा जब हम एचटीटीपी रिक्वेस्ट और रिस्पांस को पढ़ रहे थे तो वहां पर हमारे पास एक रिक्वेस्ट
हेडर था जिसका नाम यूजर एजेंट था जो सर हमारी काफी सारी इंफॉर्मेशन ले जाकर सर्वर को बता देता है जैसे कौनसे ब्राउजर के
जरिए वो पैकेट भेजा गया है ब्राउजर का वर्जन क्या था कौन से ऑपरेटिंग सिस्टम में ब्राउजर चल रहा उस ऑपरेटिंग सिस्टम का
वर्जन क्या था वो कितने बिट का था ऐसी काफी सारी डिटेल्स एक यूजर एजेंट हैडर हमारी हर रिक्वेस्ट के साथ हर सर्वर को ले
जाकर बताता है और हम ओबवियसली नहीं चाहेंगे कहीं भी हमारी ऐसी कोई भी डिटेल जो है शेयर हो जहां पर हम एनोनिमस रहने से
खुद को बचाए या फिर हमारी नॉर्मल डिटेल भी शेयर नहीं होनी चाहिए तो उसको सेफ रखने के लिए हम क्या कर सकते यानी आज हम देखने
वाले हैं यूजर एजेंट को चेंज कैसे करा जाए तो बिफोर स्टार्टिंग पहले देख लेते हैं यर एजेंट असल में कितनी इंफॉर्मेशन लेक जा
रहा है हमारी तो हम हमारे ब्राउजर को ओपन करेंगे एंड यहां पर हम लिखेंगे व्ट्स माय ब्राउजर जब हम य लिखेंगे तो हमारे पास कुछ
वेबसाइट आएगी जो हम हमारा ब्राउजर डिटेल देगी वो भी यूजर एजेंट हैडर को रीड करके ही हमें डिटेल देती है तो उसे हम आईडिया
लग जाएगा हमारा यूजर एजेंट कितनी इंफॉर्मेशन लेके जा रहा है मैं यहां पे जिस वेबसाइट को ओपन कर रहा हूं वो है व मा
बजर ओज तो हमने इसे ओपन करा कंट्रोल के साथ एंड यहां पर हमारा एक टैब ओपन हो चुका है जो बता रहा है कि सर आपने जो रिक्वेस्ट
सेंड करी है यह कम के 120 वर्जन से जो है सेंड करिए यानी मेरे ब्राउजर का वर्जन बता रहा है इतना ही नहीं अगर मैं स्क्रोल डाउन
करूं तो यहां पे आपको ऑपरेटिंग सिस्टम का नाम आईपी भी दिख रहा है लेकिन उस आईपी में यूजर एजेंट का कोई रोल नहीं है वो आईपी
रिक्वेस्ट जिसने भेजा उसका दिखा रहा है तो यहां पे यूजर एजेंट का कोई रोल प्ले नहीं होगा बट अगर आप इसे स्क्रोल डाउन करें तो
यहां आप देख सकते हैं आपको साफ-साफ हमारा ऑपरेटिंग सिस्टम यानी मेरा ऑपरेटिंग सिस्टम उसका वर्जन कितने बिट का ऑपरेटिंग
सिस्टम है देन हमारे सॉफ्टवेयर जो कि यह सारी डिटेल हमारे इस यूजर एजेंट ने इस सर्वर को बताई जिसने हमें वापस लाकर भी
दिखा दी कि उसको क्या-क्या इंफॉर्मेशन देखने को मिली अब ओबवियस सी बात है सर हम नहीं चाहेंगे ऐसी कोई भी डिटेल हमारे
इंटरनेट पर शेयर हो तो इसके लिए हम जाएंगे वेब स्टोर पे वेब स्टोर क्या है सर वेब स्टोर हमारे ब्राउजर का प्ले स्टोर है है
ना ताकि हम ब्राउजर के टूल्स जिन्हे हम एक्सटेंशन कहते हैं वो यहां पर इंस्टॉल कर सके कम के केस में
फिलहाल मैं कम वे स्टोर पे जाऊंगा और यहां से मैं एक टूल एक एक्सटेंशन डाउनलोड करूंगा जिसका नाम है
रैंडम यूजर एजेंट और एंटर प्रेस करूंगा जैसे ही मैंने लिखा तो आपको यहां पे कुछ टूल्स
दिखा रहा है हम इसमें रैंडम यूजर एजेंट स्विचर जो है ये मैं ऑलरेडी इंस्टॉल कर चुका हूं और मुझे इसका वर्क नॉर्मली अच्छा
लगा है तो हमने क्या करा इस पे क्लिक करा और ड टू क्रम का यहां पे बटन आएगा हम उस परे क्लिक कर देंगे जस्ट बिकॉज मेरे पास
पहले से एक्सटेंशन पड़ा है इस वजह से यहां पे रिमूव फ्रॉम कम का ऑप्शन आ रहा है अदर वाइज यहां पे ड टू कम का ऑप्शन आप सभी को
विजिबल होगा जब आप इस पर क्लिक करेंगे आपसे ज्यादा से ज्यादा एक कंफर्मेशन मांगेगा चलो हम फिर से करके देख लेते हैं
मैं एक बार अपने देते हैं पॉज कर देते हैं है ना तो हमने यहां पे क्या कर दिया इसे पॉज कर दिया है
और अब अगर मैं अपने ब्राउजर पर जाऊ यानी व माय ब्राउजर वाले वेबसाइट पर जाऊ तो फिलहाल तो ये विंडोज 10 और बेसिक जो मेरी
रियल डिटेल थी वो दिखा रहा था तो हमने कहा क्यों ना अब हम डिटेल चेंज करके देखें तो यहां पर हम चलते हैं रैंडम यूजर जजन
स्विचर पे और हम चाहते हैं कि हमें एक नई आईडी दी जाए हमें दिखाया जाए एक मैक यूजर ठीक है तो हमने क्या करा इसको स्टार्ट कर
दिया और इस पेज को रीलोड कर दिया य ऑटो रीलोड भी हो जाएगा ठीक है और क्रम भी नहीं चाहते
हम चाहते हैं सफारी दिखे फिर से इसको रीलोड करेंगे पेज को तो अब आप देख सकते हैं यहां पर यह बता
रहा है कि सर आप सफारी 13 ब्राउजर यूज लेर स्क्रोल डाउन करोगे अगर आप तो यह बता रहा है आप ओ एक 10.7 यानी मुझे एल का डिवाइस
शो कर रहा है बेसिकली मैकबुक जो होता है वो शो कर रहा है मैंने और स्क्रोल डाउन करा तो यहां पर कोई भी ऐसी डिटेल नहीं है
जो मेरी रियल डिटेल है आप देख सकते हो यहां पर मै इल ओ x 107 शो कर रहा है ब्राउजर के नाम की बात करें तो यहां पर
वर्जन 133.5 जो हमारे सफारी का है 6734 वो यहां पर शो कर रहा है तो यह क्या थी यह सर हमारे यूजर एजेंट की डिटेल्स थी
जो हमने चेंज कर दी खुद को एनोनिमस रखने के लिए अब मैं कोई भी वेबसाइट एक्सेस करूं कोई भी पेज प विजिट करूं वो यही समझेगा कि
मैं सफारी ब्राउजर से उस वेबसाइट को एक्सेस कर रहा हूं बिकॉज यूजर एजेंट अब मेरी रियल डिटेल नहीं लेकर
[संगीत] जाएगा हम देखने वाले हैं कि मैक एड्रेस कैसे चेंज करा जाए बेसिकली एक ऐसा एड्रेस
जो कि एक हार्डवेयर एड्रेस माना जाता है और इसके बारे में एक बात और कही जाती है कि सर ये हमेशा के लिए परमानेंट बेसिस पे
कभी भी चेंज नहीं हो सकता तो आज हम इसी थ्योरी को थोड़ा सा गलत प्रूफ करेंगे और हम हमारे मैक एड्रेस को चेंज करना भी
सीखेंगे और हमेशा के लिए चेंज करना भी सीखेंगे सो बिना देरी करते हुए स्टूडेंट्स स्टार्ट करते हैं सबसे पहले हम जाएंगे
हमारी काली मशीन एंड यहां पे हमारे टर्मिनल को स्टार्ट कर देते हैं स्टूडेंट्स मैक एड्रेस को चेंज करने के
बेसिकली दो प्रश्न है पहला ऑटोमेशन तरीका है और दूसरा मैनुअल तरीका है तो पहले हम मैनुअल तरीके को अप्लाई करके इसकी वर्किंग
समझ लेते हैं ताकि फ्यूचर में अगर कोई ऑटोमेशन टूल ना भी हो हमारे पास तो अभी हम मैनुअली मैक एड्रेस चेंज कर सक नम एक
ऑटोमेशन तरीके की मदद से अपने मैक एड्रेस को चेंज भी करेंगे और उस रूल में मॉडिफिकेशन भी करेंगे तो हमने यहां पे रूट
परमिशन दे दी है सुडो एयू के जरिए पासवर्ड में हमने काली लिखा है डिस्प्ले हम ज़ूम कर चुके हैं और अब हम यहां पे कमांड
लिखेंगे आईएफ कॉन्फिन ये लिखने पे सर हमारे सभी इंटरफेस और उनकी नेटवर्किंग से डिटेल्स हमारे सामने आ जाती है जैसे आप
देख सकते हैं यहां पे ईटीच जीरो लिखा हुआ दिखा रहा है जिसका मतलब इथरनेट है और चाहे यहां पे टी 0 हो डल ला 0 या कोई भी डिवाइस
हो प्रोसेस बिल्कुल सेम रहेगा अब अगर आप इस इथरनेट की इंफॉर्मेशन में इस वेरिएबल पर ध्यान दें जिसका नाम है इथर ईटी एच ई
आर इस वेरिएबल के अंदर आपको आपका मैक एड्रेस लिखा हुआ दिखेगा और यह मैक एड्रेस हम चेंज करना चाहेंगे ओबवियस सी बात है एक
हार्डवेयर एड्रेस और हार्डवेयर का नाम है टी 0 तो हम क्या करेंगे सर हमें अक्सर ऐसा
रिकमेंड करा जाता है कि कभी भी अगर आप किसी हार्डवेयर में चेंजेज करते हैं तो पहले उस हार्डवेयर को बंद करेंगे देन
उसमें मॉडिफिकेशन करेंगे एक चलते हुए हम हार्डवेयर में कभी भी चेंजेज नहीं करते लाइक हम कभी भी ऐसा नहीं करते कि हमारे
चलते हुए कंप्यूटर में हम रम या हार्ड डिस्क जो है उसको निकाल रहे हैं और वहां पर दूसरी हार्ड डिस्क या रम या कोई भी
डिवाइस लगा रहे हैं ऐसा हम नहीं करते तो वही सेम पॉलिसी हमें यहां पे फॉलो करनी है हम क्या करेंगे सबसे पहले डिवाइस को बंद
करेंगे उसके लिए कमाल लिखेंगे आईएफ कॉन्फिडे वाइस का नाम चाहे वो कुछ भी हो डब् लान जीरो तो डब् लान जीरो मन जीरो तो
मन जीरो टीस 0 तो टीस 0 एंड देन डाउन इसका मतलब हम डिवाइस को बंद करना चाह रहे हैं आप देखेंगे कुछ ही देर में जो डिवाइस है
यहां पर डिस्कनेक्ट हुआ हुआ दिख जाएगा है ना पॉप अप आ जाएगा कि डिस्कनेक्ट हो चुका है आ चुका है अब हम क्या करेंगे
मॉडिफिकेशन करेंगे यानी सेटिंग्स में चेंस करेंगे इसका मतलब मैक एड्रेस को चेंज करेंगे तो हमने य प कमांड लिखा आई
कॉन्ग टी0 एंड क्या चाहते हैं सर हम इसमें हार्डवेयर में चेंस करना चाहते हैं तो
हमने लिखा एड एंड उसके बाद लिखा कि हार्डवेयर चेंजेज में करना क्या है कि सर इथर नाम का
वेरिएबल है उस वेरिएबल के आगे जो मैक एड्रेस वो चेंज करना है बाय डिफॉल्ट मैक एड्रेस लिखा हुआ नहीं आएगा हमें लिखना है
ये कमांड लिखना है और जो मैक एड्रेस चाहे हम रख सकते हैं एग्जांपल के तौर पर मैंने कहा डब ए ड ए रख दो यानी मैंने यहां पे
एंडिंग पेज में फोर टाइम्स ए लिख दिया है और मैं चाहता हूं ऐसा मेरा मैक एडस शो हो मैंने एंटर प्रेस करा आई थिंक एक बार फिर
से हम कमांड लिख देते हैं आईएफ अब एंटर प्रेस करते हैं तो आप देख सकते हैं हमारे पास कोई भी एरर नहीं आया अब
करना क्या है कि डिवाइस को वापस स्टार्ट करना पड़ेगा तो हम यहां पे कमांड लिखेंगे आई
कॉफिको स्टार्ट करने के लिए एंटर प्रेस करा सो आई थिंक स्टूडेंट्स हमारी तरफ से सारी कॉन्फिन हो चुकी है अब हम आईएफ
कॉन्फिन लिखेंगे और देखना चाहेंगे कि क्या हमारा मैक एड्रेस चेंज हुआ है या नहीं सो आप देख सकते हैं टीए 0 के अंदर जो इथर में
अब एड्रेस है वहां पर लास्ट में फोर टाइम्स ए शो हो रहा है इसका मतलब हमारा मैक एड्रेस सक्सेसफुली चेंज हो चुका है ये
मैनुअल तरीका था मैक एड्रेस को चेंज करने का ठीक है अब बात करते हैं ऑटोमेशन तरीके की लेकिन इससे पहले कि हम ऑटोमेशन तरीके प
डिस्कशन करें ऑटोमेशन तरीका क्या है उसको समझे आपको मैक एड्रेस के बारे में एक और चीज मैं बताना चाहूंगा सो स्टूडेंट्स असल
में हमारे इस मैक एड्रेस को चेंज करने के प्रोसेस में हमें एक पार्ट और समझना है कि हमारे सिस्टम में हमारा जो मैक एड्रेस है
वो तीन लेयर्स में रखा हुआ होता है बेसिकली इसके लिए तीन लेयर्स बना रखी है सबसे पहली लेयर का नाम होता है परमानेंट
लेयर ठीक है अब ये जो परमानेंट लेयर है इसमें सर हमारा जो ओरिजिनल मैक एड्रेस है वही रहता है और ये चेंज नहीं होता यह बात
बिल्कुल सच है ठीक है लेकिन सर जब भी हम किसी से कम्युनिकेशन करते हैं तो हर एक यूजर को जो मैक एड्रेस विजिबल होता है वो
परमानेंट लेयर का विजिबल नहीं होता है वो उसको मैक एड्रेस विजिबल होता है करंट लेयर का यानी हमारे पास अभी यहां पर दो लेयर्स
हमें शो हो रही है एक करंट लेयर और एक पमान मैक एड्रेस क्लियर अब करंट हो चाहे परमानेंट हो बाय डिफॉल्ट दोनों में ही
पहले तो मैक एड्रेस ओरिजिनल वाला ही लिखा हुआ होता है यानी जो आपका रिजनल मैक एड्रेस है वही आप परमानेंट लेयर में भी
लिखा हुआ दिखेगा बस फर्क इतना है कि आप जितने भी ऑपरेशन परफॉर्म करेंगे आपका सिस्टम जितने भी ऑपरेशन परफॉर्म करेगा सब
जगह जो मैक एड्रेस जाएगा वह करंट लेयर का ही जाएगा बाय डिफॉल्ट सर एक और लेयर यहां पर होती है
जिसको हम कहते हैं न्यू लेयर या आप कह सकते हो न्यू मैक एड्रेस है ना फिलहाल न्यू लेयर लिख आपके लिए समझना
ज्यादा आसान होगा तो अभी जो न्यू लेयर है यह बाय डिफॉल्ट वैसे तो खाली ही है और लोगों को दिखती नहीं है लेकिन अगर इसमें
डाटा है तो सबसे पहले यह दिखेगी देन अगर कोई और एक्स्ट्रा एफर्स डाले भी तो ज्यादा से ज्यादा यह वाली लेयर दिखेगी यानी करंट
लेयर दिखेगी परमानेंट मैक एड्रेस की जो लेयर है वो लोगों को नहीं दिखती जिससे भी हम कम्युनिकेशन करते हैं उन यूजर्स को
परमानेंट मैक एड्रेस की लेयर नहीं दिखती अब सर बाय डिफॉल्ट तो करंट में भी ओरिजिनल मैक एड्रेस है और न्यू में कोई मैक एड्रेस
नहीं है तो हम क्या करते हैं मैक एड्रेस चेंज करते हैं सर जब पहली बार आप मैक एड्रेस चेंज करोगे तो आपको क्या होगा नया
मैक एड्रेस मिलेगा जैसे मान लेते हैं हमें मिला न्यू मैक वन है ना नया मैक एड्रेस मिला पहला
नया मैक एड्रेस मिला तो जब आपको पहला नया मैक एड्रेस मिलेगा तो यह मैक एड्रेस सीधा चला जाएगा आपकी न्यू लेयर में इसका मतलब
आपकी न्यू लेयर में अब एक मैक एड्रेस आ चुका है जो कि है न्यू मैक वन अब होगा सर यहां पर यह कि आप
जभी भी किसी से कम्युनिकेशन करेंगे तो न्यू लेयर का ही मैक एड्रेस उनके पास जाएगा लेकिन कहीं ना कहीं चांसेस है कि वो
शायद करंट लेयर का भी मैक एड्रेस देख सके और अगर ऐसे चांसेस है और अगर उनको करंट एड्रेस में मेरा ओरिजिनल मैक एड्रेस दिख
गया तो यह सेफ तो नहीं माना जाएगा और अगर मैं करंट लेयर के मैक एड्रेस को चेंज कर सकता हूं तो क्यों ना चेंज कर दिया जाए तो
हम क्या करते हैं सर हम फिर से यानी हमने यहां पे क्या करा था पहले टाइम में जब मैक एड्रेस चेंज करा तो हमारे पास आया न्यू
मैक एड्रेस वन जो कि पहुंच गया न्यू लेयर के अंदर लेकिन सर जब हम सेकंड टाइम मैक एड्रेस चेंज करेंगे सेम कमांड रन करके मैक
एड्रेस चेंज करेंगे लेकिन जब सेकंड टाइम इस काम को करेंगे तो हमारे पास आएगा न्यू मैक 2 और ये जो न्यू मैक 2 है अब यहां
डिफरेंस ये होगा यहां पे फर्क ये आएगा कि सर जो एड्रेस पहले न्यू मैक एड्रेस के पास था वो ट्रांसफर कर दिया जाएगा हमारे करंट
मैक एड्रेस में और आपने जो न्यू मैक टू एड्रेस नया जनरेट करा है वो आ जाएगा आपकी न्यू लेयर के पास इसका मतलब न्यू लेयर में
आपके पास आ चुका है न्यू मैकट एंसर हमारी ये जो करंट लेयर थी इस करंट लेयर में हमारे पास कौन सा मैक एड्रेस आ जाएगा
इसमें आ जाएगा न्यू मैक वन जो पहले न्यू लेयर में था यानी न्यू में जो डटा था वो करंट में ट्रांसफर हो जाएगा और जो भी हम
नया डटा लिखेंगे वो न्यू के अंदर ऐड हो जाएगा अब आप जितनी बार भी ये करोगे प्रोसेस सेम रिपीट होगा परमानेंट में कोई
भी चेंजेज नहीं होंगे लेकिन ये लोगों को विजिबल भी नहीं होगा विजिबल कौन सा होगा सर करंट लेयर और न्यू लेयर ओनली आई होप
स्टूडेंट्स इतना आप सभी को क्लियर हुआ होगा और इसी चीज को एक बार प्रैक्टिकल करके और अच्छे से कंफर्म कर लेते हैं तो
हम चलेंगे हमारे टर्मिनल पे और इस बार हम मैक एड्रेस चेंज करेंगे ऑटोमेशन तरीके से जिसमें हम एक टूल यूज लेने वाले हैं जिसका
नाम है मैक चेंजर तो हमने यहां पे लिखा मैक चेंजर और हमें इसका यूज ले हमें इसको यूज लेने के बारे में आइडिया नहीं है कि
कैसे वर्क करेगा है ना स्पेलिंग सही कर देते हैं इसकी हमने यहां पे लिख दिया न एच यानी इसकी हेल्प शो हो जाए एंटर प्रेस करा
तो इसकी हेल्प हमारे सामने आ चुकी जिसमें स्टार्टिंग का तो हेल्प बता रहा है देन वर्जन बता रहा है देन बोल रहा है आपके जो
मैक एड्रेस है हम दिखाने में भी हेल्प कर सकते हैं यानी आपके पास करेंटली कौन सी लेयर में क्या मैक एड्रेस हैय i s के जरिए
आप देख सकते हैं शो के जरिए e का मतलब है कि जो आपके लास्ट के तीन पेयर्स होते हैं जिसको हम डिवाइस आईडी कहते हैं ये वो
लास्ट की तीन पेयर्स चेंज कर देगा और ऐसे ही हमारे पास एक ऑप्शन है i p जिसका मतलब है कि ये आपको वापस आपके ओरिजिनल मैक
एड्रेस लाकर दे देगा है ना इसका मतलब अगर आप कभी चाहते हैं कि मैं अपना मैक एड्रेस चेंज नहीं करना चाहता और उसे वापस ओरिजिनल
वैल्यू में लाना चाहता हूं तो वहां पे i p आपके लिए यूजफुल है उसके अलावा i r में रैंडम मै एड्रेस मिल जाएंगे i m के जरिए
आप मैनुअल मैक एड्रेस सेट कर सकते हैं जो चाहे वैसा जैसे हमने कुछ देर पहले करा था और i l के जरिए आप बहुत ही अच्छा डाटा देख
सकते हैं वो यह है कि आप सारे वेंडर्स और उनको क्या मैक एड्रेस दे रखा है वो देख सकते हैं हमें पता है मैक एड्रेस के
स्टार्टिंग के जो तीन पेज होते हैं वो वेंडर के होते हैं यानी उस मैन्युफैक्चरर के जिसने डिवाइस बनाया जैसे apple-system
तो हम यहां पे फिर से लिखेंगे मैक चेंजर एंड न l और एंटर प्रेस कर देंगे हान l का मतलब है लिस्ट बताओ तो आप देख सकते हो
यहां पे सारे वेंडर्स और उनको अलॉट करे गए जो मैक एड्रेस के स्टार्टिंग के तीन पेयज होते हैं वो यहां पे हमें बताए जा रहे हैं
अब चाहे वोह हमारा डस देखिए उसे ये लगे कि हम एक nokia1 पेयर्स भी पेस्ट कर देता हूं जो
कुछ भी रख सकते हैं तो 54 a5 a5 एंड अब अगर हम एंटर प्रेस करते हैं तो सर हम यहां पर देख पा रहे हैं हमारे पास एक लेयर है
परमानेंट मैक एड्रेस की जिसमें हमारा ओरिजिनल मैक एड्रेस लिखा हुआ दिखेगा ठीक है दूसरी लेयर है करंट मैक एड्रेस की
जिसके अंदर सर हमारा जो लास्ट मैक एड्रेस था वो विजिबल है जो हमने मैनुअली ऐड करा था और तीसरी जो हमारी लेयर है वो न्यू
लेयर की है जो अभी-अभी हमने ऐड करा है जिसमें स्टार्टिंग के जो तीन पेयर है वो बता रहे हैं कि सर आप एक
ट्रांसफर हो जाएगा और नया वाला मैक एड्रेस न्यू लेयर में आ जाएगा तो हमने फिर से एंटर प्रेस करा आप देख सकते हैं कि अब
हमारी न्यू लेयर में भी सेम एड्रेस है और हमारी करंट लेयर में भी सेम एड्रेस है यानी अब अगर मैं कोई भी एक्टिविटी करता
हूं किसी से भी कम्युनिकेशन करता हूं तो सबको मेरा नया मैक एड्रेस ही दिखेगा जो कि nokia1 ही यूजर पहुंच सकता है वो मैं खुद
हूं यानी रूट यूजर और अगर किसी यूजर के पास मेरे सिस्टम का कंट्रोल आ चुका है उसने मेरे सिस्टम को कंप्रोमाइज कर लिया
है और वो परमानेंट लेयर देखने त पहुंच चुका है तो वहां पर फिर एनोनिमस रहने का सेंस ही नहीं बचता यानी सिस्टम में
कंप्रोमाइज हो चुका है तो उसका मैक एड्रेस चेंज करके हमें कोई फायदा नहीं होने वाला लेकिन तब तक सबको हमारा न्यू या करंट लेयर
ही विजिबल होगा जो हम चेंज कर चुके हैं अब यहां भी एक प्रॉब्लम है स्टूडेंट्स प्रॉब्लम क्या है इसको समझने की कोशिश
करते हैं तो हुआ ये कि सर हमने मैक एड्रेस तो चेंज कर दिया लेकिन साथ-साथ हमने यह भी पढ़ा था कि हमारे मैक एड्रेस का एक रूल है
और वो यह है कि मैक एड्रेस हमेशा के लिए कभी चेंज नहीं होता इसका मतलब कि सर आपके पास था पहले एक ओरिजिनल मैक एड्रेस आपने
क्या करा चेंज करा उसको न्यू मैक एड्रेस में कर दिया हमने करंट और न्यू दोनों लेयर में चेंज कर दिया न्यू मैक एड्रेस ऐड कर
दिया लेकिन रूल यह कहता है मैक एड्रेस में होता असल में यह कि जब सिस्टम रिबूट होता है इसका मतलब रीस्टार्ट होता है चाहे किसी
भी तरीके से हो चाहे बटन से हो फोर्सफुली हो या आप मैनुअली इसको रीस्टार्ट करें किसी भी तरीके से आप रिबूट करें बेसिकली
सिस्टम को तो जब सिस्टम रीस्टार्ट हो रहा होता है यानी फिर से स्टार्ट हो रहा होता है देन हां पे वो ऑटोमेटिक अपना ओरिजिनल
मैक एड्रेस वापस लेकर आ जाता है इसका मतलब सर हमने नया मैक एड्रेस चेंज करा और अगर किसी भी रीजन से मेरा वो डिवाइस या वो
सिस्टम रिबूट हुआ यानी रीस्टार्ट हुआ तो वापस ओरिजिनल मैक एड्रेस आ जाता है इसका मतलब सिस्टम रिबूट होते ही हमारा नया मैक
एड्रेस चला गया यानी लाइफ टाइम के लिए जितनी बार भी सिस्टम रीस्टार्ट होगा या वो डिवाइस रीस्टार्ट होगा मुझे हर बार मैक
एड्रेस फिर से ऐड करना पड़ेगा तो आई थिंक कहीं ना कहीं ये रूल सही था कि मैक एड्रेस हमेशा के लिए चेंज नहीं हो सकता है एक बार
तो चेंज हो गया लेकिन हमने यहां पे सोचा कि क्यों ना अगर हम ऐसा करें कि हम बनाएं एक प्रोग्राम एक ऐसा प्रोग्राम जो मैक
एड्रेस चेंज करने का काम करता है है ना तो यहां पे मैक एड्रेस चेंज करने वाले प्रोग्राम को अगर हम सिस्टम के स्टार्ट
होने वाली सर्विसेस के साथ रन कर दें यानी सिस्टम के रिबूट पे इसको भी एग्जीक्यूट कराएं तो कैसा हो यानी ऐसा होगा कि सर
आपने एक नया मैक एड्रेस रखा आपका सिस्टम रीस्टार्ट हुआ आपके पास ओरिजिनल मैक एड्रेस वापस आ गया लेकिन
बीच में आपने क्या करा एक और प्रोग्राम रन कर दिया जो मैक चेंजर का था यानी मैक चेंजिंग के लिए आपने प्रोग्राम रन करा
जिसने वापस आपको न्यू मैक दे दिया और जैसे ही सिस्टम स्टार्ट हुआ आपके सामने वापस आपका न्यू मैक एड्रेस आ चुका था इसका मतलब
अब सिस्टम कितनी बार भी रिबूट हो वो अपने ओरिजिनल लेयर में जाएगा ओरिजिनल मैक एड्रेस में कन्वर्ट होगा लेकिन जैसे ही
मेरा प्रोग्राम फिर से रन होगा जो मैंने सिस्टम बूट पर रन करा दिया है यानी सिस्टम के रीस्टार्ट होने पर उसको भी एग्जीक्यूट
करा दिया है तो जितनी बार ओरिजिनल मैक एड्रेस वापस न्यू मैक एड्रेस आ जाएगा और हर एक को हर यूजर को या पूरे लाइफ टाइम
जितनी बार भी सिस्टम रीस्टार्ट हो सबको मेरा न्यू मैक एड्रेस ही विजिबल होगा आई होप आप सभी को ये कांसेप्ट बहुत अच्छे से
क्लियर हो गया होगा अब हम इसी चीज को प्रैक्टिकल करके देखना चाहेंगे कि पहली बात ये प्रोग्राम कैसे बनाए फिर इस
प्रोग्राम को टेस्ट करेंगे कि रन हो रहा है कि नहीं हो रहा है देन इसको हम सिस्टम की रिबूट सर्विसेस में ऐड कर देंगे तो
चलते हैं हमारी काली मशीन की तरफ और यहां पे हम लिखेंगे जी एडिट और एक फाइल बनाएंगे मैक चेंज करने के लिए तो हमने यहां पे
लिखा चेंज मैकड एच इस फाइल का एक्सटेंशन डॉट एएच रख रहे हैं मैंने एंटर प्रेस करा एक
बिल्कुल न्यू फाइल क्रिएट हमने यहां पे करी है तो कोई बहुत ज्यादा हाई लेवल की प्रोग्रामिंग या कोडिंग हमें यहां नहीं
करनी है हमें बस अपने जो कमांड्स थे वो यहां पे एज इट इज पेस्ट करने हैं जो हम इससे रन करवाना चाहते हैं यही शायद
प्रोग्रामिंग की खास बात है बिकॉज एक ऐसी प्रोग्रामिंग है जो हमारे टर्मिनल कमांड्स को रन करने में हमारी मदद करती है तो हमने
क्या करा हमारा जो लास्ट कमांड था जो हमें रन करना था उसे कॉपी कर लिया ठीक है एंड यहां पे हमार इस फाइल में फिर से हम एंटर
हुए और इस फाइल में उस कमांड को एज इट इज मैंने पेस्ट कर दिया एक बार पेस्ट किया दो बार पेस्ट किया तीन बार पेस्ट किया तीन
बार पेस्ट करने का मतलब ये है कि ये कमांड जो है ये तीन बार एग्जीक्यूट होगा पहली बार में न्यू लेयर में पहुंच जाएगा दूसरे
में करंट लेयर में पहुंच जाएगा और फिर भी क्रॉस वेरिफिकेशन के लिए मैं कह रहा हूं प्रॉपर हमें कंफर्म हो जाए कि कहीं कोई
गैप ना आ गया हो कोई इशू ना हो गया हो तो मैंने तीन बार रन कर दिया अपनी सिक्योरिटी के लिए ताकि मैं कंफर्म हो जाऊं कि न्यू
लेयर और करंट लेयर में मैक कैड 100% और सक्सेसफुल चेंज हो चुका है मैंने इस फाइल को सेव करा और क्लोज करा अब हमें पता है
कि सर अगर हम एल एस आफ ए लिख कर देखें तो हम यह देख सकते हैं कि हमारी जो मैक चेंजर वाली फाइल है या चेंज मैक एड्रेस वाली
फाइल है यह रही चेंज मैडस ए वाली फाइल यह एक ऐसी फाइल है जो नक् ने अभी भी बनाई है और नक् किसी भी फाइल को बाय डिफॉल्ट
एग्जीक्यूटेबल परमिशन नहीं देता तो यहां इसके पास केवल रीड और राइट की परमिशन है अब हम यह चाहेंगे कि इसके पास
एग्जीक्यूटेबल परमिशन आ जाए जिसके लिए हम कमांड यूज लेंगे स एओ + x एंड देन चेंज मैड ए फाइल का नाम एंटर प्रेस करा अगर फिर
से एलएस हाफना लिखेंगे तो हम देख सकते हैं कि इस बार हमारी चेंज मैड ए के पास रीड राइट और एग्जीक्यूट तीनों परमिश अवेलेबल
है अब हम इस फाइल को रन कर सकते हैं तो पहले रन करके देखेंगे सही से काम कर रही है या नहीं उसके बाद इसको हम उन सर्विसेस
में ऐड करेंगे कि सिस्टम के रिबूट होते ये भी रन हो जाए तो हम डिस्प्ले को क्लियर करते हैं और यहां लिखते हैं ड स् चेंज
मैकड ए फाइल का नाम लिखा एंटर प्रेस करा आप देख सकते हो यहां पर इसने पहली बार कमांड को एग्जीक्यूट करा सक्सेसफुली दूसरी
बार कमांड को एग्जीक्यूट करा एंड तीसरी बार कमांड को एग्जीक्यूट करा यानी यह अपना काम बहुत अच्छे से कर रही है यह फाइल
बिल्कुल से अपना वर्क कर रही है इस फाइल की लोकेशन देख लेते हैं तो इसकी लोकेशन है होम काली और फाइल का नाम है चेंज मैकड एस
जिसको मैं कॉपी कर लेता हूं अब हम क्या करेंगे सर तो इसको हम चाहते हैं कि सिस्टम रिबूट सर्विसेस पर रन हो जाए सबसे पहला
कमांड हम लिखेंगे इसके लिए क्रॉन टैब हान e यानी एडिटिंग क्रॉन टैब वो टूल है जिसको मैं गाइड कर सकता हूं कि सिस्टम के रिबूट
होती है सबसे पहले क्या रन करना है है ना या कब क्या टास्क परफॉर्म करना है तो जब आप पहली बार इस फाइल को ओपन करेंगे तो
आपको यह फाइल कुछ ऐसी विजिबल होगी ये फाइल ननो एडिटर के जरिए ओपन हुई है जिसका मतलब है यहां पे हमारे कर्सर्स वर्क नहीं
करेंगे हमें थोड़ा बहुत काम कमान लाइन के जरिए करना होगा मैं एंटर प्रेस करूंगा न्यू लाइन मिल गई अपर एरो के जरिए मैं
फ्रेश लाइन में गया और यहां पे मैंने लिखा ट रिबूट स्ल होम स्ल काली एंड देन चेंज मैकड
एस सो यहां पर हमने क्या करा है हमने बोला कि सिस्टम के रीस्टार्ट होते ही एक फाइल को रन करना है और उस फाइल का लोकेशन दे
दिया कि होम फोल्डर में काली फोल्डर में चेंज m.ss नाम की फाइल है इसको आपको एग्जीक्यूट यानी रन करना है कंट्रोल s के
जरिए मैं सेव करूंगा रो 24 लाइंस लिखा हुआ रहा है यानी सेव हो चुका है कंट्रोल x के जरिए एग्जिट कर दूंगा यह कमांड रन करते
हमें एक दो कमांड्स और रन करने है सर्विस को एक डिफॉल्ट सर्विस बनाने के लिए ताकि हर बार सिस्टम के रिबूट होते ही क्रॉन टैब
स्टार्ट हो जाए और वो अपना काम करना चालू कर द तो हम पहला कमांड लिखेंगे सर्विस क्रॉन स्टार्ट दूसरा कमांड
लिखेंगे सिस्टम सीटीएल स्टार्ट क्रॉन तीसरा कमांड लिखेंगे अपडेट आरसी डडी क्रॉन डिफॉल्ट्स एंड फाइनली अब जो लास्ट कमांड
हम यहां पे लिखेंगे वो है रिबूट यानी हम सिस्टम को रीस्टार्ट करेंगे यह देखने के लिए कि क्या हमारा क्रोन हमारा मैक एड्रेस
चेंज कर रहा है कि नहीं कर रहा है तो अगर सर सिस्टम को रिबूट करने के बाद यानी रीस्टार्ट करने के बाद हमारे पास ओरिजिनल
मैक एड्रेस ही दिखा में इसका मतलब फाइल वर्क नहीं कर रही हमसे कहीं कोई गलती हुई है ध्यान रखना है पूरा प्रोसेस मैंने रूट
परमिशन में कराया तो आप लोग भी जब इस ऑपरेशन को परफॉर्म करें तो रूट परमिशन में ही परफॉर्म करें अब हमें देखना है कि यह
काम कर रहा है कि नहीं अगर नहीं करेगा यानी कहीं ना कहीं कोई मिस्टेक तो होगी हम उसे सॉल्व करने की कोशिश करेंगे यूजर नेम
लिख दिया काली पासवर्ड लिख दिया काली लॉगिन कर दिया और अब हम चलते हैं हमारे टर्मिनल में और आईएफ कॉन्फिन को रन करके
देखते हैं तो यहां हम हमारे टर्मिनल में पहुंच चुके हैं हमने इसे जूम करा और सीधा ही आईएफ
कॉन्फरेड है वो a5 a5 है बिल्कुल वही मैक एड्रेस है जो हमने चेंज करने की कोशिश करी थी यानी
[संगीत] जरिए हम एनोनिमस कैसे रह सकते हैं और इसी आईपी एड्रेस के जरिए एनोनिमस रहने में
हमारे पास नॉर्मली दो टर्म्स आती है और एक कंफ्यूजन भी आता है कि सर वीपीएन या प्रॉक्सी दोनों में से बेस्ट कौन है
एनोनिमस रहने के लिए या फिर अच्छे लेवल पर एनोनिमस रहने के लिए दोनों में से बेस्ट किसे माना जाए सो बिना देरी करते हुए
स्टार्ट करते हैं स्टूडेंट्स सबसे पहले समझते हैं वीपीएन के बारे में वीपीएन का फुल फॉर्म स्टूडेंट्स वर्चुअल प्राइवेट
नेटवर्क होता है और जैसा कि इसका नाम है मैं यहां पे होता यह है कि आपको एक प्राइवेट नेटवर्क प्रोवाइड कर दिया जाता
है यानी एक सिस्टम प्रोवाइड कर दिया जाता है जो एक मीडिएट का वर्क करेगा इसका मतलब कि सर यह एक नॉर्मल यूजर है उसने अपने
सिस्टम में वीपीएन सर्विस को स्टार्ट करा जब वीपीएन सर्विस को स्टार्ट करा तो उस सिस्टम को एक नया सिस्टम अलॉट हो चुका है
एक वीपीएन सिस्टम अलॉट हो चुका है और इसमें खास बात यह है कि सर यह जो सिस्टम है इसके पास एक पब्लिक आईपी एड्रेस है
एग्जांपल के तौर पर 1.11.1 एंड इसका एक पोर्ट ओपन है मान लेते हैं पोर्ट नंबर 81 तो यहां पे हम हमारे
सिस्टम ए ने यानी यूजर ने अपने वीपीएन सिस्टम से कनेक्ट कर लिया है उसकी पोर्ट नंबर 81 पे अब अगर यह यूजर अपने ब्राउजर
में जाके कहता है कि े आईपी एड्रेस दिखा होगा ये पैकेट जो है ये किस आईपी एड्रेस से आता हुआ दिखा होगा तो
सर facebook.in सिस्टम ने उस रिक्वेस्ट को फॉरवर्ड कर दिया हमारे यूजर के पास एक
बेसिक सिस्टम के पास या फिर क्लाइंट के पास तो अब इस पूरे प्रोसेस में यह वीपीएन सिस्टम हमारे लिए एक मेडिएटर बन गया जो
हमारे हर एक पैकेट को इंटरनेट तक भेजेगा और वहां से आए हुए हर एक रिस्पांस को या आप कह सकते हो रिप्लाई को हमें लाकर शेयर
कर देगा और जितने भी यूजर्स हम कम्युनिकेट करेंगे इस वीपीएन की मदद से सभी यूजर्स के पास जो आईपी एड्रेस जाएगा वो इस वीपीएन का
आईपी एड्रेस जाएगा अब एक बार इसको टेस्ट करके देखते हैं क्या ये इसी तरीके से वर्क कर रहा है या नहीं देन हम देखेंगे कि इसके
अंदर लूप होल्स क्या है कमियां क्या है तभी हमें पता पड़ेगा कि वीपीएन बेस्ट ऑप्शन है या नहीं एनोनिमस रहने के लिए या
सिक्योर ऑप्शन है या नहीं एनोनिमस रहने के लिए तो हम चलते हैं हमारे ब्राउजर पे एंड यहां पे स्टूडेंट्स हम लिखेंगे व्हाट्स
माय आईपी जब मैं कमांड कंटर प्रेस करूंगा तो ये मुझे मेरी करंट आईपी शो करेगा जो कि मेरी रियल आईपी एड्रेस है और मैं नहीं
चाहता ये रियल आईपी एड्रेस कहीं भी जाए अब हम वीपीएस कैसे यूज़ ले सकते हैं वीपीएन यूज़ लेने के बहुत सारे तरीके हैं मैं
अपने सिस्टम में टूल भी डाउनलोड कर सकता था यानी एक सॉफ्टवेयर इंस्टॉल करके उसके जरिए भी वीपीए जो है यूज़ ले सकता था
वीपीएन सर्विसेस यूज ले सकता था एंड साथ ही साथ ब्राउजर के टूल्स भी इंस्टॉल कर सकते हैं जिन्हें हम एक्सटेंशंस कहते हैं
तो फिलहाल हम यहां पे लिखेंगे वेब स्टोर और हमारी वेब स्टोर यानी ब्राउजर की प्ले स्टोर पर जाकर हम वहां से एक एक्सटेंशन
डाउनलोड कर लेंगे जो वीपीएन चेंज करने में में हमारी मदद करेगा ऐसे बहुत सारे एक्सटेंशन स्टूडेंट्स हमें देखने को मिल
सकते हैं तो फिलहाल मैंने यहां पे लिखा वीपीएन या फिर हमने लिख दिया फ्री वीपीएन एंड एंटर प्रेस करा तो हमारे पास काफी
सारे सर्विसेस या एक्सटेंशंस आप कह सकते हो यहां पे शो हो रही है जिनमें से एक मैं ऑलरेडी यूज़ ले रहा हूं जिसका वर्क मुझे
अच्छा लगता है ठीक है तो ये है फ्री वीपीएन फॉर हमारे पास ऐड हो जाएगा आप देख सकते हैं
यहां पे हमारे पास फ्री वीपीए फॉर कम का ऑप्शन विजिबल है एंड अब हम क्या करेंगे अब हम जाएंगे हमारे पहले टैप पे जो हमें एक
आईपी एड्रेस दिखा रहा था जो मेरा करंट आईपी एड्रेस है मैं नहीं चाहता ओबवियसली आईपी एड्रेस किसी को भी दिखे तो हम
एक्सटेंशन पे क्लिक करेंगे फ्री वीपीएन पे क्लिक करेंगे और अब मैं इसे स्टार्ट कर रहा हूं आप देख सकते हैं मैंने यहां पे
फिलहाल पेरिस का सर्वर सिलेक्ट कर रखा है वीपीएन को बोल रखा है कि आप मुझे पेरिस का कोई भी एक वीपीएन सिस्टम अलॉट कर दो जो
आपके पास अवेलेबल हो फिलहाल स्टार्ट हो चुका है तो हमें इस पेज को रीलोड करना है और देखते हैं क्या हमारा आईपी एड्रेस चेंज
हुआ या नहीं तो आप देख सकते हैं स्टूडेंट्स यहां पे हमारा जो आईपी है वो चेंज हो चुका है पेरिस का हमें आईपी
एड्रेस शो कर रहा है जो कि बिल्कुल ही डिफरेंट है मेरे पुराने आईपी एड्रेस है अब मैं कोई भी एक्टिविटी करूं तो हर एक यूजर
को यही आईपी एड्रेस विजिबल होगा सो आप सभी को इस वीपीएन की वर्किंग तो दिख गई सो आई होप स्टूडेंट्स आप सभी को इसकी वर्किंग तो
समझ आ गई अब हमें यह देखना है कि क्या ये एक सिक्योर ऑप्शन है या नहीं या इसमें क्या-क्या लूप होज और कमियां है तो
स्टूडेंट्स यहां पे जैसा हम देख पा रहे हैं मुझे यहां पे तीन बड़ी कमियां दिख रही है सबसे पहली कमी जो है इस वीपीएन के लिए
वो ये है कि सर हमारे पास एक लंबे समय तक केवल एक ही वीपीएन सिस्टम हमें अलॉट करा गया है इसका मतलब अगर ये यूजर यूजर ए कोई
भी एक्टिविटी कर रहा है और लंबे समय तक इसके पास यही सिस्टम है मान लेते हैं ये एक सिक्योरिटी एक्सपर्ट है जो एक हैकर को
पकड़ने की कोशिश कर रहा है वीपीएन के जरिए तो जब ये इस वीपीएन सिस्टम के जरिए कंटीन्यूअसली हैकर को पैकेज भेजेगा ताकि
उसकी डिटेल कलेक्ट कर सके उसको हैक कर सके तो इस हैकर को एटलीस्ट ये आईपी एड्रेस तो दिखेगा कि इस आईपी से इस पर अटैक होने की
कोशिश हो रही है ये बात तो हैकर को पता पड़ जाएगी और अगर सर हैकर ने यहां पे रिवर्स हैकिंग परफॉर्म कर दी हमारे इस
सिस्टम पे तो एक टाइम पीरियड के गैप के बाद तो सिस्टम कंप्रोमाइज हो जाएगा और अगर ये सिस्टम कंप्रोमाइज हो गया सर तो इससे
जुड़ा हुआ सिस्टम यानी हमारी डिटेल भी लीक हो जाएगी सिक्योरिटी एक्सपर्ट की डिटेल भी लीक हो जाएगी सो इस केस में हमें एक बहुत
बड़ा लूप होल दिखा कि सर आपके पास लंबे समय तक केवल एक ही मेडिएटर है एक ही सिस्टम दे रखा है जो आपकी सारी एक्टिविटीज
परफॉर्म कर रहा है अगर कोई भी यूजर उस सिस्टम तक पहुंच जाता है कोई अटैकर उस सिस्टम तक पहुंच जाता है तो आप तक पहुंचना
डिफिकल्ट बिल्कुल नहीं रहेगा तो ये एक बड़ा लूप होल हमें लग रहा है कि लंबे समय तक हमारे पास एक ही वीपीएन सिस्टम या एक
ही मेडिएटर हमें अलट कर रखा है देन सेकंड पॉइंट जो यहां पे है वो यह है कि सर हर एक वीपीएन डिवाइस में यानी सिस्टम में एक लूप
होल होने की एक कमी होने की एक वर्न बिलिटी होने के चांसेस रहते हैं जिसका नाम है डीएनएस लीक अब ये डीएनएस लीक क्या है
तो सर डीएनएस लीक एक वनबिल है जिसका कहना यह है कि आपका जो वीपीएन सिस्टम है उस पर कुछ स्कैनस रन करने की वजह से हो सकता है
कि वह अपने साथी वीपीएन सिस्टम्स का या अपने सर्वर वीपीएन सिस्टम का या फिर अपने क्लाइंट का जो आईपी एड्रेस है वो लीक कर
दे यानी आपको वीपीएन ने एक आईपी अलॉट करा जो कि था 1.11.1 एग्जांपल के तौर पे अब अगर आप यहां पे स्कैनिंग करते हैं और यह
आपको कोई भी दूसरा आईपी शो कर रहा है उस स्कैन में एक डिटेल स्कैन में जिसको हम डीएनएस लीक टेस्ट कहते हैं अगर वहां पर ये
कोई भी दूसरा आईपी एड्रेस आपके लीक कर रहा है कोई भी दूसरा आईपी एड्रेस आपको शो कर रहा है तो उसको हम सिक्योर नहीं मानेंगे
हो सकता है वह इसके एडमिन का आईपी हो जिसके जरिए हम तक पहुंचना डिफिकल्ट ना रहे हो सकता है वह हमारा ही आईपी लीक कर दे
दोनों ही केसेस पॉसिबल है डीएनएस लीक की वजह से सो ऑब् वियस हम नहीं चाहेंगे कि यहां पे डीएनएस लीक पॉसिबल हो बट अक्सर
किसी भी सिस्टम में किसी वीपीएन सिस्टम में मैं सर्विस का नहीं कह रहा चाहे वह नॉ वीपीएन या किसी भी अह वीपीएन की सर्विस हो
उनके द्वारा दिए गए किसी भी वीपीएन सिस्टम में यह कमी होने के चांसेस हो सकते हैं तो हम क्या करेंगे एक टेस्ट करके देखेंगे
क्या हमें जो फ़िलहाल वीपीएन अलर्टेड है वहां पे डीएनएस लीक की कमी तो नहीं है तो हम फिर से जाएंगे हमारे ब्राउजर में एंड
यहां हम लिखेंगे डीएनए लीक टेस्ट और एंटर प्रेस करेंगे हमारे पास जो सबसे पहली वेबसाइट है ये आप देख सकते हैं
मुझे करेंटली अलडा कहा स्टैंडर्ड टेस्ट पर क्लिक करके देखते हैं सो आप देख सकते हैं स्टूडेंट्स
यहां पे इसने कोई भी दूसरा जो आईपी है या दूसरा कोई डोमेन है वो लीक नहीं करा लेकिन इसने अपना जो सर्वर का डोमेन था वो लीक कर
दिया है जिसके जरिए हम सर्वर तक पहुंच सकते हैं और वहां से इंफॉर्मेशन ले सकते हैं हालांकि इतना डिफिकल्ट नहीं है य ऐसे
भी पॉसिबल हो पाता बट अच्छी बात यह है कि इसने कोई भी दूसरा आईपीआई डोमेन लीक नहीं करा अब हम चाहेंगे कि इसको और अच्छे से
कंफर्म करने के लिए एक एक्सटेंडेड टेस्ट यानी एक बड़ा टेस्ट रन कर दें ताकि हमें 100% एश्योरिटी हो जाए कि यहां पे किसी भी
तरीके से दूसरा आईपी एड्रेस लीक नहीं हो रहा है इसके आउटपुट आने में थोड़ा टाइम लगेगा तब तक हम वेट करेंगे सो स्टूडेंट्स
यहां पे आप देख सकते हैं कि हमारा एक्सटेंडेड टेस्ट का आउटपुट आ चुका है और इसने किसी भी आईपी एड्रेस को लीक नहीं करा
है बट इसका मतलब ये नहीं है कि वीपीएन सर्विस के जरिए हमें जो भी सिस्टम्स मिलते हैं वो सब सिक्योर होते हैं हमें हर एक
सिस्टम को एक बार टेस्ट करना पड़ता है कि वहां पे डीएनएस लीक टेस्ट की वनबिल डीएनएस लीक की वनबिल ना हो आई होप स्टूडेंट्स ये
दो पॉइंट्स तो आपको क्लियर हो गए होंगे अब बात आती है तीसरा लूप होल पॉइंट क्या है या मुझे तीसरा ऐसा सिक्योरिटी इशू क्या
लगता है वो यह है स्टूडेंट्स कि रिसेंटली हमारे गवर्नमेंट ने जितने भी वीपीएन सर्विस प्रोवाइडर्स हैं उन्हें बाउंड कर
दिया है कि आपके जो भी यूजर्स है अगर हमें किसी यूजर की इंफॉर्मेशन की जरूरत पड़ती है उनके लॉग्स डाटा जो उने एक्टिविटीज जो
परफॉर्म करी है उसके लॉग्स की जरूरत पड़ती है तो आपको वो इंफॉर्मेशन वो लॉग्स हमें प्रोवाइड करने पड़ेंगे और नो डाउट काफी
सारी वीपीएन सर्विसेस के लिए एग्री हो गई है तभी वो अपनी सर्विसेस को यहां पे यूज ले पाएगी इंडिया में सो स्टूडेंट्स देखा
जाए तो अगेन प्राइवेसी फैक्टर के हिसाब से हम वीपीएन को एक सेफ ऑप्शन नहीं मानेंगे बिकॉज हमारी जो डाटा है वो उतना भी ज्यादा
प्राइवेट नहीं रहा आई होप आप सभी को वीपीएन का पार्ट क्लियर हो गया होगा वीपीएन में होने वाले लूप होल समझ आ गया
होंगे जिससे मैं एक पार्ट क्लियर हुआ किसी भी लॉन्ग टर्म एक्टिविटी या बड़ी एक्टिविटी किसी क्रिमिनल को पकड़ने के लिए
भी एक लंबे अटैक के लिए हम वीपीएस पे ट्रस्ट नहीं कर सकते सो देन हमारे पास आता है प्रॉक्सी नाम का ऑप्शन अब ये प्रॉक्सी
नाम का ऑप्शन क्या है और किस तरीके से वर्क कर रहा है इसको हम बहुत अच्छे से यहां पे समझते हैं हो सकता है प्रॉक्सी जो
वीपीएस के लूप होस्ट थे उनको हटा दें पहला पार्ट ये है प्रॉक्सी को यूज लेने के दो तरीके हैं एक तरीका है मैनुअल एंड एक
तरीका है ऑटोमेशन लेकिन सर जब हम मैनुअल तरीके को अप्लाई करते हैं तो यह वर्क कैसे करता है या प्रॉक्सी वर्क कैसे करता है जो
प्रॉक्सी सिस्टम्स को यूज लेना चाहता है तो प्रॉक्सी में क्या होता है सर प्रॉक्सी में एक लिस्ट होती है जिसको हम प्रॉक्सी
लिस्ट कहते हैं ठीक है तो यहां पे सर हम बनाते हैं प्रॉक्सी लिस्ट प्रॉक्सी लिस्ट का मतलब है कि एक आपके पास लिस्ट होगी
जिसमें कई सारे आईपी एड्रेसस और उनके ओपन पोर्ट्स होंगे और हो सकता है उनके यूजर नेम और पासवर्ड्स भी हो अगर उस पर्टिकुलर
पोर्ट पे पासवर्ड्स लगा रखे हैं उस केस में अदर वाइज आप क्या करेंगे आईपीओ पोर्ट की ओपन आईपीओ पोर्ट्स की एक लिस्ट बना
लेंगे वह सिस्टम जो आपके लिए एज अ प्रॉक्सी वर्क करने को रेडी है तो आप जैसे ही यहां पर लिस्ट
बनाएंगे आप अपना वर्क स्टार्ट कर सकते हैं इसका मतलब आप अपने सिस्टम को इस प्रॉक्सी लिस्ट से जोड़ देंगे या आपके सिस्टम के
अंदर ये प्रॉक्सी लिस्ट कॉन्फिन करेंगे अब अगर मैं कहता हूं मुझे पीएन में जो एक लूप होल था कि लंबे समय तक
आपको एक ही सिस्टम अलॉट करा गया है वो यहां पे नहीं है यहां पे हमारे पास एक रेंज ऑफ सिस्टम्स है जितनी बड़ी लिस्ट आप
बनाएंगे उतने ज्यादा सिस्टम्स आपके पास अवेलेबल होंगे और अब एक ही सिस्टम आपके पैकेज लेकर नहीं जाएगा इंटरनेट परक कुछ
देर तक हो सकता है सिस्टम वन ले जाए देन सिस्टम टू की बारी आ जाए देन सिस्टम फोर की बारी आ जाए तो इस तरीके से आपकी आईपी
जो है वो स्विच होती जाएगी यानी आप जिस भी यूजर से बातचीत कर रहे हैं उसके पास ये पैकेज अलग-अलग आईपी एड्रेसस से जाते
रहेंगे हर एक टाइम पीरियड के गैप से डायनेमिक आईपी चेंज होती होती रहेगी तो पहले लूप होल से जो वीपीएन का पहला कमी था
लंबे समय तक एक सिस्टम अलॉट करना वो यहां पे रिजॉल्व हो जाता है वो यहां पे सेफ हो जाता है बट सर यहां पे एक इशू हमें फेस
करने को मिलता है कि यह जो प्रॉक्सी लिस्ट का मैनुअल तरीका है मैनुअल तरीके में हमें यह प्रॉक्सी यानी आईपी ऑफ पोट्स खुद ढूंढ
के लाने पड़ते हैं जो कि एक सही ऑप्शन नहीं रहता बिकॉज़ हम क्या करते हैं सर हम फ्री वेबसाइट्स पर जाते हैं जैसे एग्जांपल
के तौर पे हम क्या करेंगे सर हम ब्राउजर पे जाएंगे और सर्च करेंगे प्रॉक्सी लिस्ट और एंटर प्रेस करेंगे तो अब मेरे पास कुछ
वेबसाइट जो कहेगी कि मैं आपको आईपीओ पोस्ट और प्रोटोकॉल्स बता रहा हूं ताकि आप अपने प्रॉक्सीस को यूज़ ले सके है ना हमने
स्क्रोल डाउन करा आप देख सकते हैं हमारे पास यहां पे कुछ आईपीओ पोस्ट आ चुके हैं हालांकि यहां प्रोटोकॉल मेंशन नहीं करे गए
आई थिंक दूसरी वेबसाइट में प्रो प्रोटोकॉल्स भी बता दिए जाए बट ऑल द स्टूडेंट्स ये जो सोर्सेस हैं ये ओपन
सोर्स है यानी ये सबके लिए विजिबल है हर कोई इन आईपीस को इन पोच को देख सकता है और अगर कोई पहले से ही इन आईपीस पे एज अ
अटैकर या एज अ लिसन एज अ मॉनिटर या स्नाइपर बनके बैठा है तो उस केस में वो हमारे लिए काफी ज्यादा हार्मफुल हो सकता
है हमारे सिस्टम पे रिवर्स हैकिंग भी हो सकती है और हमारी इंफॉर्मेशन हमारा डाटा हमा प्राइवेसी भी शायद सेफ ना रहे तो ये
एक ऑप्शन जो है मैनुअल प्रॉक्सी कॉन्फिन का हम इसको बहुत ज्यादा बेस्ट नहीं मान पाते बिकॉज इसके अंदर हमारे लिए इतने सारे
आईपी एड्रेसस और पोट लाकर उनमें से फिल्टर करके या फिर बेस्ट क्वालिटी के आईपी निकालना इतना ज्यादा फीजिबल नहीं हो पाता
या हम इतना एफर्स नहीं डाल पाते हैं तो अब इसी काम को बहुत ही परफेक्ट लेवल पे करने के लिए हमने सोचा क्यों ना ऑटोमेशन प्रो
का यूज लिया जाए अब हम कहां-कहां सोर्सेस पर जाकर एक-एक आईपीओ पोर्ट लेकर आएंगे और उनमें भी हम अशोर नहीं कर पाएंगे कि कौन
सा कितना सेफ तो क्यों ना हम ऑटोमेशन प्रोसेस को यूज ले यहां पे जो शायद हमें इस चीज की एश्योरिटी दे बिकॉज स्टूडेंट्स
जब हम बात करते हैं ऑटोमेशन प्रोसेस की तो प्रॉक्सी के अंदर ऑटोमेशन प्रोसेस का नाम आते ही एक बहुत ही फेमस और एक बहुत ही
अच्छी सर्विस का नाम आ जाता है एक प्रोजेक्ट का नाम आ जाता है जो कि है टर प्रोजेक्ट टर प्रोजेक्ट क्या है सर टर एक
ऐसा प्रोजेक्ट है जो केवल और केवल कंप्लीट एनोनिमस रहने के लिए बनाया गया प्रोजेक्ट इसका पूरा फोकस रहता है बेस्ट लेवल पर
एनोनिमस कैसे रहा जाए अगर आप टर के बारे में बात करें तो टर का खुद का ऑपरेटिंग सिस्टम है जिसका नाम है टेल्स एक ऐसा
ऑपरेटिंग सिस्टम जो केवल और केवल एनोनिमस रहने के लिए बनाया गया है ऐसे ही इसका खुद का ब्राउजर भी है जिसके जरिए आप लोग डार्क
वेब जैसी चीजों को एक्सेस कर पाते हैं जिसका नाम है टर ब्राउजर और इसके कुछ टूल्स भी है जिसका नाम टर या एक्स वाई जड
कुछ एक्स्ट्रा टूल्स है जो हमें अच्छे लेवल पे एनोनिमस रहने में हेल्प करते हैं तो हमने सोचा क्यों ना एक ऐसा प्रोजेक्ट
जिसका पूरा मोटिव पूरा फोकस ही एनोनिमस रहने पर है जो अपनी सर्विसेस को दिन बदन बेस्ट करता जा रहा है एनोनिमस रहने के लिए
हम उसी की उन सर्विसेस को यूज लेके खुद को एनोनिमस रखें तो यहां पे बात आ जाती है कि टर के जरिए एनोनिमस रहने में हमें
क्या-क्या प्रॉफिट्स है इससे पहले कि हम उन सारे प्रॉफिट्स को देखें एक बार टर के जरिए एनोनिमस रहने के प्रोसेस को
प्रैक्टिकल देख लेते हैं हम चाहे तो हमारी विज मशीन को भी यूज ले सकते हैं हम चाहे तो
और देखते हैं य हमें किस लेवल की सिक्योरिटी प्रोवाइड करता है और अगर ये क्वेश्चन है कि सर हम ट ब्राउजर कहां से
डाउनलोड या इंस्टॉल कर सकते हैं तो बहुत इजी प्रोसेस है हम अपने ब्राउजर पे जाएंगे और वहां पे जाके लिख देंगे ट ब्राउजर और
जैसे आप एंटर प्रेस करेंगे यहां पे डाउनलोड टॉ ब्राउजर का ऑप्शन आ चुका है ट प्रोजेक्ट की वेबसाइट में और जब हम यहां
जाएंगे सर तो हमारे पास यह रहा डाउनलोड टॉ ब्राउजर का ऑप्शन हम किसी भी ऑपरेटिंग सिस्टम के लिए चाहे ए हो चाहे
देके देखते हैं सर तो यहां पे ऑलवेज कनेक्ट ऑटोमेटिक ऑप्शन को मैंने टिक कर दिया है और कनेक्ट बटन पर क्लिक कर रहा
हूं ताकि अपने सर्किट से कनेक्ट कर सके इसके जरिए आपको बहुत डिटेल में समझ आ जाएगा कि क्यों टर के नेटवर्क को टर के इस
प्रॉक्सी नेटवर्क को ओनियन लेयर्स कहा जाता है या मल्टीपल लेयर्स की सिक्योरिटी कहा जाता है यह किस तरीके से वर्क कर रहा
है तो आई थिंक हमारा सर्किट जल्द ही क्रिएट हो जाएगा और उसके बाद हम किसी भी वेबसाइट को विजिट करेंगे और देखेंगे काम
कैसे करर है अब किस वेबसाइट को विजिट करा जाए तो हमने कहा लए क्यूब टेक पे ही चलते हैं तो हमने यहां पे लिखा डब्ल्यू ए
कब tag.com और एंटर प्रेस कर दिया अब सर टॉ स्लो क्यों चलता है इसके पीछे का रीजन भी आप सभी को बहुत अच्छे से क्लियर हो
जाएगा यहां पे फिलहाल आप देख सकते हैं ws.com की वेबसाइट ओपन हो रही है एंड इसको ओपन होने में एक बेसिक टाइम जो है या उससे
ज्यादा टाइम जो है वो लग रहा है नॉर्मली नहीं लगता इतना टाइम इसके पीछे भी एक रीजन है फिलहाल वेबसाइट ओपन आई थिंक करीब-करीब
हो ही चुकी है अगर आप यहां पे ध्यान से देखें इसके यूआरएल वाले एड्रेस बार में तो यहां पे इस लॉक बटन के पास में आपके पास
एक बटन है आपके पास एक आइकॉन यहां पे आपको शो हो रहा है जिस पर अगर आप ओवर करें तो आप देखेंगे टॉस सर्किट लिखा हुआ दिख रहा
है अब सर अगर हम इस पर क्लिक करें तो ये मुझे बताएगा कि मेरा पैकेट किस तरीके से सर्वर तक पहुंच रहा है डब्ल्यू क्यूब टक
के तो आप देखेंगे मेरे ब्राउजर से निकलते ही वो एक यूनाइटेड किंगडम के सर्वर के जरिए पहुचा स्वीडन के सर्वर के पास देन
फिर से स्वीडन के सर्वर के पास जो कि डिफरेंट सर्वर है एंड देन डब्लू कपटेक के पास यानी आपके और डब्लू कपटे के बीच में
आपको तीन मीडिएट प्रोवाइड कराए जा रहे हैं एक ही टाइम पे जो आपके पैकेट को ड कपटेक के सर्वर तक पहुंचा रहे हैं और वहां से
रिप्लाई लाकर आपको दे रहे हैं तो ओबवियस सी बात है स्टूडेंट्स ये उस प्रोसेस को स्लो तो करेगी यानी हमारे इंटरनेट
सर्विसेस जो है या वेबसाइट लोडिंग टाइम जो है वो स्लो तो डेफिनेटली होगा बट ये एक बहुत अच्छे लेवल की सिक्योरिटी दे रहा है
और इसमें अगर हम ध्यान से देखें तो जो सबसे पहला सिस्टम हमें अलॉट करा गया है आप चाहे तो सर्किट चेंज कर सकते हैं आप देखिए
मैंने यहां पे क्लिक करके सर्किट फिर से चेंज करा है जितनी बार भी आप सर्किट चेंज करेंगे एक बत आप डेफिनेटली देखेंगे जो भी
आपको पहला सिस्टम अलॉट करा जाएगा उस पहले सिस्टम में आपको एक जरूर मिलेगा और जरूरी नहीं है हर ब यूनाइटेड किंगडम का ही
हो फिलहाल कोइंसिडेंस ऐसा है कि हमें उसी का मिल रहा है बट सर हमें एक जो भी पहला सिस्टम मिलेगा वहां पे हमें एक गार्ड
प्रोवाइड कराया जाएगा और इस गार्ड का मतलब है कि इस सिस्टम को एक्स्ट्रा सिक्योर कर रखा है फायर वल
कॉन्फिडेंशियल पहुंचना डिफिकल्ट हो जाए अब इसकी ओवरऑल वर्किंग को अगर हम बहुत ध्यान से समझे तो हमें टॉर किस तरीके से एनोनिमस
रख रहा है देखते हैं सो सर टॉर क्या कर रहा है ये यूजर है यूजर ए है ना अब यूजर ए ने टॉर सर्विसेस को स्टार्ट कर दिया अपने
सिस्टम में तो टॉर क्या करेगा सर उसे एक सिस्टम अलॉट करेगा देन इको सिस्टम अलॉट करेगा एंड इको सिस्टम अलॉट करेगा यानी
लेयर्स ऑफ सिस्टम अलॉट कर रहे है वो भी डिफरेंट कंट्रीज के और अलग-अलग जगहों के है ना और फाइनली हमारा पैकेट पहुंचता है
एक सर्वर तक अब अगर इसने लिखा किसे पैकेज सेंड ना कर पाए एंड इसी वजह से हमारा जो पैकेज है हमारे पास लेट आते हैं
व डिले लेते हैं एक टाइम लेते हैं बिकॉज सर अब हमारा पैकेज डायरेक्ट सर्वर तक नहीं जा रहा है या एक मेडिएटर के जरिए सर्वर तक
नहीं जा रहा है वो तीन सिस्टम से होकर सर्वर तक जाएगा और सर्वर से जब रिप्लाई लाएगा तो वो भी तीन सिस्टम से होते हुए
आएगा तो ओबवियस सी बात है वो टाइम लेगा लेकिन स्टूडेंट्स ये जो लेयर्स ऑफ आईपी एड्रेसस हमें मिल रही है एक नियन की तरह
वो हमें एक बहुत अच्छे लेवल पे एनोनिमस रखने में मदद कर रही है मेरी कोई भी डिटेल गलती से भी यहां पे आईपी की तो शेयर नहीं
हो सकती आई होप आप सभी को कांसेप्ट समझ आ गया होगा कि प्रॉक्सी के अंदर हम बहुत ट्रस्ट करते हैं ऑटोमेशन में टॉर सर्विस
पे और इसकी मदद से हम बहुत अच्छे लेवल पे एनोनिमस भी रह सकते सो स्टूडेंट्स आई होप आप सभी को आज का हमारा कांसेप्ट क्लियर
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