डेटा कंप्रेशन क्या है?
- डिजिटल डेटा का साइज़ कम करने की प्रक्रिया।
- रिडंडेंट और अनावश्यक जानकारी हटाकर स्टोरेज तथा ट्रांसमिशन को बेहतर बनाना।
- आवश्यक क्यों? स्टोरेज बचाने, फास्ट डेटा ट्रांसफर, कम इंटरनेट कॉस्ट और बेहतर परफॉर्मेंस।
डेटा कंप्रेशन के प्रकार
- लॉसी (Lossy): कुछ डेटा या मीनिंगफुल इनफार्मेशन खो जाती है पर विजुअली क्वालिटी बनी रहती है।
- लॉसलेस (Lossless): डेटा में कोई भी जानकारी नहीं खोती, पूर्ण रिकवरी संभव।
हाफमैन कोडिंग
- लॉसलेस कंप्रेशन तकनीक।
- अक्सर आने वाले कैरेक्टर्स को छोटे कोड असाइन करना।
- उदाहरण सहित हाफमैन ट्री बनाना, कोड असाइन करना समझाया गया।
रन लेंथ कोडिंग (RLC)
- इमेज में रिपीटेड पिक्सल्स को एक वैल्यू और रन के रूप में एनकोड करता है।
- हॉरिजॉन्टल और वर्टिकल रन लेंथ अप्लाई कर तुलना करता है।
- हॉरिजॉन्टल रन लेंथ में फाइल साइज कम और प्रभावी रहता है।
शिफ्ट कोड
- सरल एन्क्रिप्शन तकनीक जिसमें अक्षरों को फिक्स्ड पोजीशन से शिफ्ट किया जाता है।
- मैसेज को सुरक्षित भेजने के लिए उपयोग।
अर्थमैटिक कोडिंग
- पूरे मैसेज को 0 और 1 के बीच एक नंबर में पैक करता है।
- प्रत्येक कैरेक्टर की प्रॉबेबिलिटी के आधार पर रेंज डिवाइड की जाती है।
- उदाहरण सहित लॉजिक और गणित समझाया गया।
JPEG & MPEG
- JPEG: फोटोग्राफ और प्राकृतिक छवियों के लिए लोकप्रिय लॉसी इमेज कंप्रेशन स्टैंडर्ड।
- MPEG: वीडियो और ऑडियो फाइलों के लिए कंप्रेशन स्टैंडर्ड, जैसे MP3, MP4।
- दोनों कंप्रेशन विधियां स्टोरेज और बैंडविड्थ बचाती हैं।
बाउंड्री रिप्रेजेंटेशन
- 3D ऑब्जेक्ट की बाहरी सतह को दर्शाता है, अंदरूनी हिस्से की जगह नहीं।
- मेमोरी की बचत क्योंकि केवल सतह स्टोर होती है।
- उपयोग: CAD, 3D मॉडलिंग, बाउंड्री फॉलोइंग (काउंटरेट्रैकिंग) तकनीक।
बाउंड्री फॉलोइंग और चेन कोड
- काउंटर और क्लॉकवाइज तरीके से पिक्सल्स की सीमा ट्रेसिंग।
- फोर कनेक्टेड (चार दिशाएं) और एट कनेक्टेड (आठ दिशाएं) एल्गोरिथ्म।
- प्रत्येक दिशा को विशिष्ट कोड दिया जाता है।
- उदाहरण संग कोडिंग की प्रक्रिया।
बाउंड्री डिस्क्रिप्टर्स
- बाउंड्री के गुणों का मैथमेटिकल वर्णन जैसे लंबाई, व्यास, कर्वेचर।
- कर्वेचर गणना से मैपिंग, जैसे कॉन्वेक्स या कॉन्केव सेगमेंट।
- शेप नंबर द्वारा क्लोज्ड बाउंड्री की पहचान।
फोरियर डिस्क्रिप्टर
- बाउंड्री के कॉऑर्डिनेट्स को फ्रीक्वेंसी डोमेन में कन्वर्ट करता है।
- प्रमुख फ्रीक्वेंसी कम्पोनेंट्स रख कर डेटा में कमी करता है।
रीजनल डिस्क्रिप्टर
- ऑब्जेक्ट के अंदरूनी क्षेत्र को गणितीय और सांख्यिकीय मानों से वर्णित करता है।
- क्षेत्र और परिधि, कॉम्पैक्टनेस, सर्कुलैरिटी आदि पैरामीटर शामिल।
टोपोलॉजिकल डिस्क्रिप्टर
- आकृति के ऐसे गुण जो रूपांतरण से नहीं बदलते।
- एइलर नंबर जैसे पैरामीटर से आकृति की विशिष्टता जांचना।
टेक्सचर
- डिजिटल इमेज के रिपीटिंग एलिमेंट्स को टेक्सचर कहते हैं।
ऑब्जेक्ट रिकॉग्निशन
- कंप्यूटर प्रोग्राम जो वास्तविक विश्व की छवियों में से चीजों और पैटर्न्स की पहचान करता है।
- फीचर सेलेक्शन (न्यूमेरिक या स्ट्रक्चरल) और मैचिंग प्रक्रिया।
निष्कर्ष
- इस वीडियो में इमेज प्रोसेसिंग के महत्त्वपूर्ण टॉपिक्स को सरल भाषा और व्यावहारिक उदाहरणों के साथ कवर किया गया।
- प्रत्येक टॉपिक का महत्व, उपयोगिता और गणितीय विवरण विस्तारपूर्वक समझाया गया है।
अधिक गहराई से डिजिटल इमेज प्रोसेसिंग की मूल बातें समझने के लिए आप Understanding Digital Image Processing: Pixels, Intensity, and Image Formation पढ़ सकते हैं।
यदि आप प्रोग्रामिंग के संदर्भ में इससे संबंधित कोडिंग तकनीकों में रुचि रखते हैं तो Python Programming से लेकर OOP, Exception Handling और File Management और C++ प्रोग्रामिंग बेसिक्स: कंपाइलर, वेरिएबल्स और डेटा टाइप्स समझें आपके लिए उपयोगी रहेंगे।
मल्टीडायमेंशनल और 2D अर्रे से जुड़ी अवधारणाओं को बेहतर तरीके से समझने के लिए आप मल्टीडायमेंशनल और 2D अर्रे: कोडिंग, इनपुट और मैट्रिक्स मल्टिप्लिकेशन पढ़ सकते हैं।
यदि आप इस यूनिट के नोट्स चाहते हैं तो वीडियो के डिस्क्रिप्शन में ऐप लिंक उपलब्ध है। किसी भी प्रश्न के लिए टेलीग्राम चैनल से संपर्क करें। अपडेट्स के लिए इंस्टाग्राम पेज फॉलो करें।
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सो हेलो गाइज़, वेलकम बैक टू दी चैनल। सो आप लोग कैसे हो? आई होप आप लोग बढ़िया होंगे और आपकी पढ़ाई अच्छे से चल रही
होगी। तो आज की वीडियो के अंदर हम यूनिट फाइव कंप्लीट करेंगे इमेज प्रोसेसिंग का। ऑलरेडी हमने वन से लेकर फोर यूनिट वीडियो
कंप्लीट कर दी है इमेज प्रोसेसिंग की। अगर उन सबका लिंक चाहिए इसी वीडियो के डिस्क्रिप्शन में आपको प्लेलिस्ट का लिंक
मिल जाएगा। तो आज की वीडियो के अंदर हम यूनिट फाइव कंप्लीट करेंगे। यूनिट फाइव के अंदर ये सारे टॉपिक्स होने वाले हैं जिनको
हम अच्छे से समझने वाले हैं विद दी हेल्प ऑफ एग्जांपल। साथ ही साथ इस यूनिट के जो पीवाईक्यू में क्वेश्चंस पूछे गए हैं वो
सारे क्वेश्चंस को भी इस वीडियो के अंदर हम सॉल्व करने वाले हैं। तो अगर आपको इस यूनिट्स के नोट्स चाहिए होंगे तो इसी
वीडियो के डिस्क्रिप्शन में आपको हमारे ऐप का लिंक मिलेगा जहां से आप आसानी से नोट्स को एक्सेस कर सकते हो। अगर आपको वीडियो
अच्छी लगी तो इस वीडियो को लाइक करना और ज्यादा से ज्यादा शेयर भी करना और अगर आप हमारे चैनल पे नए हो तो हमारे चैनल मल्टी
aटम्स एंड मल्टी aट प्लस को जरूर सब्सक्राइब कर लेना। तो चलो बढ़ते हैं अपने पहले टॉपिक की तरफ और समझते हैं कि
डेटा कंप्रेशन क्या होता है? तो डेटा कंप्रेशन इज द प्रोसेस ऑफ टू कंप्रेस द डेटा। मतलब जो डेटा का साइज है आपको क्या
करना है? ओवरऑल आपका मेन एम क्या है? कि आपको डेटा के साइज को रिड्यूस कर देना है। वो प्रोसेस हमारा सिंपल क्या कहलाता है?
डेटा कंप्रेशन कहलाता है। अब आप साइज कैसे रिड्यूस करोगे? जो डेटा में रिडेंडेंट पार्ट है या जो रिपीटेशन हो रहा है उस
पार्ट को आप सिंपली क्या करो? रिमूव कर दो। तो उससे क्या होगा? आपके डेटा का जो साइज़ है वह रिड्यूस हो जाएगा। तो डेटा
कंप्रेशन इज़ द प्रोसेस ऑफ़ रिड्यूसिंग द साइज़ ऑफ़ अ डिजिटल फाइव बाय एलिमिनेटिंग रिडंडेंट और अननेसेसरी इनेशन। दिस प्रोसेस
इज़ नोन ऐज़ डेटा कंप्रेशन। अब एडवांटेज क्या है डेटा कंप्रेशन का वो देखिए। यह क्या करता है? एक तो जो आपकी डिस्क स्पेस
है उसमें स्पेस को सेव करके रखता है। स्टोरेज को सेव करता है ताकि और भी डेटा आप स्टोर कर पाओ। और अगर आपके डेटा का जो
साइज है वो कम रहेगा तो जो डेटा ट्रांसमिशन स्पीड है वो बहुत ही ज्यादा फास्ट रहेगी और आपका डेटा फास्टली सेंड हो
पाएगा अदर पर्सन के पास या फिर अदर सिस्टम के पास। ठीक है? अब डेटा कंप्रेशन की हमें नीड क्यों पड़ी? इसकीेंस क्या है? पहला
क्या है? सेव स्टोरेज स्पेस। वही जो मैंने आपको बताया अगर डेटा का साइज कम होगा तो वो कम स्टोरेज लेगा। तो इससे हमारा क्या
होगा? ओवरऑल हमारा जो स्प स्टोरेज है वो वो सेफ होगा। साथ ही साथ जो हमारा फाइल साइज़ है वो रिड्यूस होगा। ठीक है? फिर जो
सेकंड है वो है फास्ट डेटा ट्रांसफर। जो स्मॉलर फाइल्स होती हैं जिन फाइल्स का जो साइज़ है वो कम होता है वो क्विकली अपलोड
हो सकती है या उन फाइल्स को हम क्विकली डाउनलोड कर सकते हैं। और उन फाइल्स को हम क्विकली ट्रांसफर भी कर सकते हैं। ठीक है?
तो ये हो गया हमारा सेकंड पॉइंट फास्ट डेटा ट्रांसफर। थर्ड वन है आपका सेफ मनी। सेफ मनी अगर आपके डेटा का साइज कम रहेगा
तो उसको स्टोर करने के लिए जो हमें स्पेस चाहिए वो भी कम चाहिए। अगर मान लो हम कोई क्लाउड सर्विस यूज कर रहे हैं। ठीक है? कई
सारे हैं जैसे Amazon का भी क्लाउड सर्विस है। आपके Google का भी क्लाउड सर्विस है। आप कोई भी क्लाउड सर्विस यूज़ कर रहे हैं
जो कि पेपर यूज़ मॉडल पर है। तो आपको केवल उतना ही पैसा देना पड़ेगा जितना आप अमाउंट में आप स्पेस यूज़ कर रहे हो। अगर आप कम
स्पेस यूज़ कर रहे होगे डेटा का तो आपको कम पैसे देना पड़ेगा। अगर आप क्लाउड का ज्यादा यूज़ कर रहे होगे तो आपको ज्यादा अमाउंट
देना पड़ेगा। तो इसलिए क्या है? हम डेटा के साइज़ को रिड्यूस कर देते हैं जिससे हमें कम स्पेस में ही हम डेटा को सेव कर पाए और
हम कम ही पैसे दें। ठीक है? लेस बैंडविच लोअर इंटरनेट कॉस्ट फॉर कंपनीज़। अगर आपका डेटा का जो साइज़ है वो रिड्यूस हो जाएगा
तो उससे जो ट्रांसमिशन कॉस्ट है वो आपका बच जाएगा। क्यों? क्योंकि आपका जो बैंड डेटा ट्रांसमिशन का जो बैंडविथ होता है वो
आपका लेस हो जाता है अगर आपका डेटा का साइज़ लेस है तो। ठीक है? फिर आता है आपका बेटर परफॉर्मेंस। बेटर परफॉर्मेंस वही
बताया मैंने जो कंप्रेस्ड फाइल होती है, वह फास्टली लोड होती है आपके एप्स के अंदर, गेम्स के अंदर और इवन वेबसाइट्स के
अंदर भी। फिर आता है बैकअप एंड आर्चविंग। बैकेट एंड बैकअप एंड अर्चविंग मतलब अगर आपका डेटा का साइज़ रिड्यूस है तो आप इसे
इज़ली बैकअप भी कर सकते हो या फिर कहीं पे स्टोर करके रख सकते हो। बाद में उसे आप आसानी से बैकअप भी कर सकते हो। तो
कंप्रेसिंग फाइल जैसे आपका ज़िप हो गया, आर एआर हो गया, मेक्स बैकअप स्मॉलर एंड इज़ियर टू स्टोर। तो, यह हो गई हमारीेंस कि डेटा
कंप्रेशन की हमें नीड क्यों पड़ी? इसकीेंस क्या थी? और डेटा कंप्रेशन भी आपको समझ में आ गया होगा। अब मैं एक बताता हूं
ऑलरेडी मैंने डेटा कंप्रेशन अच्छे से समझा रखा है। डेटा कंप्रेशन हमारी पूरी एक प्लेलिस्ट है। ठीक है? तो डेटा कंप्रेशन
बेसिकली हमारे दो टाइप के होते थे। एक होता था लॉसी डेटा कंप्रेशन और एक होता था लॉसलेस डेटा कंप्रेशन। तो लॉसी डेटा
कंप्रेशन के अंदर बेसिकली हमारा क्या होता था? हम जब डेटा के साइज को रिड्यूस कर रहे होते थे तो उसमें जो मीनिंगफुल इंफॉर्मेशन
होती थी वो भी लॉस हो जाती थी कुछ। तो उस टाइप का जो हमारा डेटा कंप्रेशन कहलाता था वो लॉस ही डेटा कंप्रेशन कहलाता था। और जो
लॉसलेस डेटा कंप्रेशन होता था अगर हम डेटा के साइज को रिड्यूस कर रहे हैं तो उसमें से कोई भी मीनिंगफुल इंफॉर्मेशनेशन हमारी
रिड्यूस नहीं हो रही होती। ठीक है? अब बाद में वापस आप उस जो साइज को आपने रिड्यूस करा है अब वापस से रिकवर करोगे तो आपको
सेम ओरिजिनल डेटा ही मिलेगा। तो उस टाइप का डेटा कंप्रेशन आपका क्या कहलाता है? लॉसलेस डेटा कंप्रेशन। ठीक है? तो आई होप
आपको डेटा कंप्रेशन समझ में आ गया होगा और इसकी इंपॉर्टेंस और नीड भी क्लियर हो गई होगी। यहां से सिर्फ टू मार्क्स का
क्वेश्चन पूछा जा सकता है। ठीक है? अभी तक यहां से कोई भी ऐसे क्वेश्चंस नहीं पूछा गया है। अब जो इसमें नेक्स्ट टॉपिक है वो
हमारा हाफ मैन कोडिंग है। अब हाफ मैन कोडिंग जो है वो हमारा इंपॉर्टेंट टॉपिक है। हाफ मैन कोडिंग जो है हमारा एक टाइप
है किसका? लॉसलेस डेटा कंप्रेशन का। लॉसलेस डेटा कंप्रेशन इसका मतलब क्या हो गया? हमारे डेटा में से कोई भी मीनिंगफुल
इनेशन रिमूव नहीं हो रहा है। ठीक है? इट असाइन शॉर्टर बाइनरी कोड टू मोर फ्रीक्वेंट करैक्टर एंड लगर कोड टू लेस
फ्रीक्वेंट वन। तो इसका मेन एम क्या होते थे? वो कररेक्टर जो जिनकी फ्रीक्वेंसी ज्यादा है जो एक से ज्यादा बार आ रहे हैं
तो उनको तो हम शॉर्टर बाइनरी कोड प्रोवाइड करते हैं और जिन कररेक्टर की फ्रीक्वेंसी कम है उनको हम लॉन्ग बाइनरी कोड प्रोवाइड
करते हैं। कैसे करते हैं? अभी मैं पूरा आपको एल्गोरिथम समझाऊंगा विद द हेल्प ऑफ़ एग्जांपल। तब आपको क्लियर हो जाएगा। ठीक
है? तो ओवरऑल मेन एम हमारा क्या है? कि हमारे फाइल साइज़ को हमें सिंपली क्या करना है? रिड्यूस करना है। द कोड आर असाइन इन
सच अ मैनर दैट ईच कोड विल बी यूनिक एंड डिफरेंट फ्रॉम ईच करैक्टर। तो हम कोड इस तरीके से असाइन करते हैं कि हर एक
कैरेक्टर का जो कोड है वो यूनिक होना चाहिए। अगर ए कैरेक्टर का ये कोड है तो B करैक्टर का जो कोड होगा वो A से डिफरेंट
होगा टोटली। ठीक है? अब देखो एग्जांपल के थ्रू मैं आपको समझाता हूं ये एल्गोरिथम। तो ड्रॉ द हाफ मैन ट्री फॉर द फॉलोइंग
सिंबल हुज़ फ्रीक्वेंसी अकरेंस इन अ मैसेज टेक्स्ट इज़ स्टार्टेड अलोंग विद देयर सिंबल। तो A की फ्रीक्वेंसी 15 है, B की
सिक्स है, सी की सेवन है, डी की 12 है। एंड रेस्ट ऑफ़ दिस। ठीक है? तो स्टेप वन आपको सिंपल क्या करता है? इन सबको एक पेयर
बना दो। ठीक है? मेक द पेयर सिंबल विद इट्स फ्रीक्वेंसी। तो मैंने क्या करा? जितने भी हमें सिंबल्स थे उनकी
फ्रीक्वेंसी के साथ सिंपली उनको पेयर में फॉर्म कर लिया। ठीक है? आई होप यहां तक तो आपको कोई भी क्लियर दिक्कत नहीं आई होगी।
फिर होगा आपका स्टेप टू। स्टेप टू के अंदर आपको सिंपली क्या करना है? शॉर्ट कर देना है ऑन द बेसिस ऑफ़ देयर फ्रीक्वेंसी
कैरेक्टर को। ठीक है? तो सॉर्ट द सिंबल्स इन इंक्रीजिंग ऑर्डर अकॉर्डिंग टू इट्स फ्रीक्वेंसीज़। तो एफ वाले की जो
फ्रीक्वेंसी थी वो सबसे कम थी। फिर जी वाले की आई, फिर सी की, फिर एच की, फिर 10 की, फिर ए की, फिर आई की, फिर ई की। तो ऑन
द बेसिस ऑफ देयर फ्रीक्वेंसीज हमने क्या करा? सारे सिंबल्स को इंक्रीजिंग ऑर्डर में शॉर्ट कर दिया। फिर स्टेप थ्री क्या
होता है? इनमें से आपको दो लीस्ट सिंबल्स को पिक अप करना है। उनको ऐड करना और एक नया सिंबल क्रिएट करना है। तो देखो वही
लिखा है पिक टू लीस्ट सिंबल एंड ऐड देम अप टू क्रिएट अ न्यू सिंबल। तो इनमें से जो लीस्ट सिंबल थे आपका F था और G था इन
दोनों को एक साथ पकड़ो। इनको सिंपली क्या करो? ऐड करो। तो 4 + 6 आपका सिंबल क्या हो जाएगा? 10 हो जाएगा। तो देखो ये लिखा है
F4 B6 और जो आपका नया सिंबल आया वो सिंबल क्या हो गया? 10 हो गया। वापस से आपको क्या करना पड़ेगा? इनको वापस से इंक्रीजिंग
ऑर्डर में शॉर्ट करके लिखना पड़ेगा। तो देखो मैंने ऑलरेडी इंक्रीजिंग ऑर्डर में शॉर्ट करके लिख दिया है। अब वापिस से
स्टेप टू, स्टेप थ्री आप रिपीट करोगे। तो अब इसमें आपको लिस्ट कौन सा दिख रहा है? जी और सी एक का सिक्स है, एक का सेवन है।
तो 6 7 कितना हो गया? 13 सिंपली अब 13 को वापस से आपको क्या करना पड़ेगा? इंक्रीजिंग ऑर्डर में लिखना पड़ेगा। तो
पहले 10 आएगा फिर आपका 10 12 आएगा। फिर लास्ट में आपका फिर 13 आएगा। फिर 15 15 25 आएगा। ठीक है? फिर स्टेप फाइव के अंदर
वापस आपको रिपीट करना है। इनमें से जो लीस्ट दो एलिमेंट है 10 और 10 कितना हो गया? 20 हो गया। तो 12 13 फिर 15 15 के
बाद आपका सिंपल क्या आ जाएगा? 20 आ जाएगा। तो इस तरीके से आपको सिंपली अरेंज करते हुए चलना है। अब यहां पर भी आप लिस्ट
उठाओगे तो आपका क्या आया? 12 ऑफ़ 13 आएगा। तो इनको सिंपली से ऐड करो। 12 13 को ऐड करोगे 25 तो 25 की प्लेस ये हो जाएगी। ठीक
है? स्टार्टिंग में आपको रखना है। जैसे ये भी 25 था ये भी 25 था। लेकिन पहले किसको रखना है? जो आपने पहले अभी बनाया है। फिर
आता है स्टेप सेवन। वापिस सेम आपको रिपीट करना है। 15 ये दो लीस्ट एलिमेंट है। इन दोनों को ऐड करोगे सिंपली। तो आपको क्या
मिलेगा? 30। 30 सबसे बड़ा है तो 30 आपका सिंपल क्या हो जाएगा? सबसे लास्ट में जाएगा। तो देखो ये रहा 30 आपका कहां पर आ
गया? सबसे लास्ट में आ चुका है। ठीक है? फिर वापस से आप लीस्ट एलिमेंट उठाओगे तो 20 और 25 मिलके बनाएगा 45। ठीक है? अब 45
30 से ही बड़ा हो गया। तो 45 यहां आ जाएगा। तो ये 45 ये रहा 55 ये रहा। अब इन दोनों को भी हम सिंपली क्या कर देंगे? ऐड अप कर
देंगे। तो 55 और 45 को ऐड करोगे तो क्या आएगा आपका? 100 आएगा। ठीक है? तो जो हमारी फाइनल ट्री बनेगी कुछ इस तरीके से बनने
वाली है। ठीक है? तो आई होप आपको ये फाइनल ट्री अच्छे से समझ में आ गया होगा किस तरीके से बना है। ठीक है? बी ये जो आपका
हाफ मैन कोडिंग है, हाफ मैन ट्री है, बहुत ईजी है। बस आपको स्टेप बाय स्टेप चल के चलना है। फर्स्ट आपको क्या करना है? सारे
को पेयर में कन्वर्ट करना है फ्रीक्वेंसी को। फिर इनको सिंपली क्या करना है? इंक्रीजिंग ऑर्डर में शॉर्ट करके लिख देना
है। फिर आपको जो लीस्ट टू फ्रीक्वेंसीज़ हैं, उनको उठाना है। उन दोनों को ऐड करके एक नया फ्रीक्वेंसी क्रिएट करना है। अब
इनको कोड कैसे असाइन करेंगे? आप कोड एक ही पैटर्न लेके चलोगे। अगर आप सिंपली क्या कर रहे हो? लेफ्ट वाले जो चाइल्ड है उसको
ज़ीरो असाइन कर रहे हो और राइट वाले चाइल्ड को वन असाइन कर रहे हो। तो जो सारे आपके नोट्स हैं उनके लेफ्ट चाइल्ड को ज़ीरो
करोगे और राइट चाइल्ड को वन असाइन करोगे। जैसे मैंने यहां पे सिंपली कर रखा है। ठीक है? तो मैंने सारे लेफ्ट वाले जो चाइल्ड्स
हैं उनको ज़ीरो असाइन कर रखा है। जितने भी हमारे राइट वाले चाइल्ड्स हैं उनको मैंने वन असाइन कर रखा है। अब इनको कोड कैसे
प्रोवाइड करते हैं वो देखिए। तो सिंपल कोड वर्ड है। एक ए तक ए पे आपको पहुंचना है। तो ए का कोड आप कैसे डिटरमाइन करोगे? ये
रहा आपका ए सिंबल। यहां पर आप कैसे पहुंच पा रहे हो रूट नोट से? तो 1 1 0 तो देखो 1 1 0 अब B का एलसीएम देखें तो B हमारा यहां
पर है तो B पे मैं कैसे पहुंच पा रहा हूं 100 से तो ज़ीरो फिर ज़ीरो फिर ज़ीरो फिर वन पहले 100 से 45 45 से 20 से 10 10 से मैं
किस पे पहुंचा? B पर पहुंचा। तो B का क्या हो गया? 0 0 1 ठीक है? तो इस तरीके से हम सिंपली क्या करते हैं? हर एक सिंबल को कोड
वर्ड भी असाइन करते हैं। ठीक है? तो आई होप आपको हाफ मैन कोडिंग अच्छे से समझ में आ गया होगा। हाफ मैन ट्री क्रिएट कैसे
करते हैं और उसको कोड कैसे प्रोवाइड करते हैं। अभी तक यहां से क्वेश्चन नहीं पूछा गया। क्या पता पूछ ले इसलिए मैंने आपको
अच्छे से समझा दिया विद दी हेल्प ऑफ एग्जांपल के साथ। तो हमारा जो नेक्स्ट टॉपिक है वो है रल लेंथ कोडिंग। तो हमसे
क्वेश्चन ही पूछा गया था कि हाउ डज़ रन लेंथ एंड कोडिंग वर्क इन डेटा कंप्रेशन? जो कि 2024 25 में लॉन्ग क्वेश्चन में
पूछा गया था। तो रल लेंथ कोडिंग एक्सप्लइट्स द रिपीटिव नेचर ऑफ़ द इमेज। तो रेलेंस कोडिंग का मेन काम क्या होता है कि
इमेज के अंदर जो पार्ट आपका बार-बार रिपीट हो रहा होता है इन अ सिंगल रो वो क्या करता है उसे एज अ सिंगल वैल्यू काउंट करता
है। ठीक है? कौन आपका? रन लेंथ कोडिंग। तो इसका मेन एम क्या है? कि इमेज के अंदर जो आपका रिपीटेड नेचर है उसको एक्सप्लइट कर
देता है। उसको रिमूव कर देता है सिंपली। तो आरएलसी ट्राई टू आइडेंटिफाई द लेंथ ऑफ़ द पिक्सल वैल्यूज़ एंड एनकोड द इमेज इन द
फॉर्म ऑफ़ रन। ठीक है? तो हम जानते हैं इमेज के अंदर हमारे बेस दो पिक्सल्स होते एक होता था वाइट पिक्सल और एक होता था
ब्लैक पिक्सल जिसके अंदर पूरा इमेज हमारा फॉर्मेट हो रहा होता है। ठीक है? तो आरएलसी बेसिकली क्या ट्राई करता है कि
आपकी पिक्सल वैल्यूज़ जो है उसकी लेंथ को आइडेंटिफाई करता है। साथ ही साथ उनको एनकोड करता है। किसके बेसिस पर? रन के
बेसिस पर। अब रन क्या है? मैं आपको एग्जांपल के थ्रू भी जब समझाऊंगा तब आपको अच्छे से क्लियर हो जाएगा। तो ईच रो ऑफ़ द
इमेज इज़ रिटन ऐज़ अ सीक्वेंस। तो इमेज के अंदर हर एक रो को हम सिंपली क्या बोलते हैं? सीक्वेंस बोलते हैं। लेंथ इज़
रिप्रेजेंटेड ऐज़ अ रन ऑफ़ ब्लैक एंड वाइट पिक्सल। दिस इज़ नोन ऐज़ लेंथ कोडिंग। तो जो मैंने आपको बताया रन तो रन बेसिकली क्या
है कि आप मूव कर रहे हो ए वो भी एज अ सीक्वेंस में। तो उसी सीक्वेंस में उस रो में आपके दो पिक्सल हो गए। एक होगा ब्लैक
पिक्सल एक होगा वाइट पिक्सल। तो जो जो पिक्सल्स आपके बार-बार रिपीट कर रहे हैं। जैसे वाइट पिक्सल्स के वाइट पिक्सल जो है
वो बार-बार रिपीट कर रहे हैं। जो ब्लैक पिक्सल है वो भी बार-बार रिपीट कर रहे हैं। तो सबको एज अ हम सिंगल वैल्यू काउंट
करेंगे। ठीक है? तो इस प्रोसेस हमारा कौन करता है? हमारा रन लेंथ कोडिंग करता है। तो, उसी के बेसिस पर हम सिंपल क्या करते
हैं? लेंथ को फाइंड करते हैं। इट इज़ वेरी इफेक्टिव वेय कंप्रेसिंग एन इमेज। तो, जो आपका रन लेंथ कोडिंग है, बहुत ही ज्यादा
इफेक्टिव है। क्यों? क्योंकि ये ओवरऑल फाइल साइज को रिड्यूस कर देता है। और साथ ही साथ यह आपके लॉसलेस कंप्रेशन का ही
टाइप है। तो, इसमें क्या है? आपका कोई भी जो डाटा है, वो लॉस नहीं होता है। ठीक है? आपको पूरा डाटा फुल्ली रिकवर हो जाता है।
तो एक क्वेश्चन हम सिंपल एग्जांपल लेते हैं कि आपको सैंपल बाइनरी इमेज दे रखा है जिसमें आपके कई सारे पिक्सल्स हैं। ज़ीरो
रिप्रेजेंट कर रहा है आपके वाइट पिक्सल को और वन रिप्रेजेंट कर रहा है आपके ब्लैक पिक्सल को। ठीक है? तो ये सारे हमारे
पिक्सल हो गए। तो ये सीक्वेंस है। ये रो को हम क्या बोलते हैं? सिंपल सीक्वेंस बोलते हैं। तो ये हमारे सीक्वेंस वाइज़ लगे
हुए हैं। अब इसमें हम दोनों फ़ैक्टर्स देखेंगे। पहले हम हॉरिजॉन्टल आरएलसी अप्लाई करेंगे। देन हम वर्टिकल आरएलसी
अप्लाई करेंगे। फैन देन हम कंपैरिजन करेंगे कि किससे हमें ज्यादा कंप्रेशन मिला है। किससे हमारा जो फाइल का साइज है
वो रिड्यूस हुआ है। तो पहला जो है हमारा हॉरिजॉन्टल आरएलसी है। तो उसके लिए आप सिंपल क्या करो? रल लेंथ वेक्टर निकाल दो।
अब रल लेंथ वेक्टर बेसिकली कैसे फाउंड हो गया? ये देखो। तो यहां पे ज़ीरो के कितने हैं? टोटल फाइव है। तो अब ज़ीरो क्या है
हमारा? वाइट पिक्सल है। तो वाइट पिक्सल हमारे कितने हैं? टोटल फाइव है। फिर यहां पे देखोगे आपके तीन तो वाइट पिक्सल और दो
ब्लैक पिक्सल है। तो उनको भी ऐसे लिखोगे। तो तीन आपके क्या हुए? सिंपल वाइट पिक्सल हो गए और वन आपके क्या हो गए? ब्लैक
पिक्सल हो गए। ठीक है? तो इस तरीके से आपको लिखना है। 0 3 यहां पे आएगा और ये 1 2 यहां पे आ जाएगा। ठीक है? फिर यहां पे
क्या है? आपके टोटल सारे ही वन है। यहां भी वन है। यहां भी वन है। तो देखो टोटल मैंने लिख भी रखा है। ये रहा 0 5 0 3 1 2
फिर 1 5 1 5 1 5 तो नंबर ऑफ वेक्टर्स हमारे टोटल कितने हो गए? 1 2 3 4 5 6 तो नंबर ऑफ़ वेक्टर्स कितने हो गए हमारे? टोटल
सिक्स हो गए। और इन वेक्टर में मैक्सिमम लेंथ किसकी है हमारी? सिंपल फाइव की है। ठीक है? तो देखो मैक्सिमम लेंथ हमारा क्या
है? फाइव है। और फाइव को हम बाइनरी में थ्री बिट्स में रिप्रेजेंट करते हैं। तो यहां पे मैंने थ्री बिट्स लिख दिया। आई
होप आपको यहां तक तो सारे स्टेप अच्छे से क्लियर समझ में आए होंगे। फिर आप जानते हो कि जो नंबर ऑफ़ बिट्स हैं तो हर एक पिक्सल
की जो बिट है वो कितनी है? सिंपल एक ही बिट की है। या तो ज़ीरो या तो वन। सिंपल। तो नंबर ऑफ़ बिट्स पर पिक्सल क्या है
हमारा? वन हो गया। अब हम टोटल नंबर ऑफ़ पिक्सल कैलकुलेट करेंगे। तो टोटल नंबर ऑफ पिक्सल कैसे कैलकुलेट करते हैं? जो आपका
नंबर ऑफ वेक्टर्स हैं मल्टीप्लाई बाय जो आपके मैक्स लेंथ की बाइनरी बिट आई। कितने बिट आई? 3 बिट प्लस वन कर दो। वन मतलब जो
नंबर ऑफ़ बिट्स पर पिक्सल आई है। क्या आया आपका? वन आया। तो 3 + 1 कितना हो गया? फोर। 4 * 6 कितना हो गया? 24। तो टोटल
नंबर ऑफ़ जो पिक्सल आया आफ्टर अप्लाइंग रन लेंथ कोडिंग हमारा कितना आया? 24 पिक्सल। और ओरिजिनल जो हमारी इमेज की जो पिक्सल है
वो कितना है? 55 का आपका टोटल मैट्रिक्स है यह। ठीक है? मतलब बाइनरी इमेज है। तो टोटल पिक्सल कितने हो गए? 25। तो ओरिजिनल
इमेज जो हमारे अह पिक्सल है उसके कितने? सिंपल 25 पिक्सल हो गए। तो कंप्रेशन रेशियो कितना आया कि जो आपका ओरिजिनल इमेज
के पिक्सल है वो 25 है। और जो आपका आरएलसी अप्लाई करने के बाद जो आया इमेज उसके पिक्सल कितने है? 24 है। तो कंप्रेशन
रेश्यो कितना आया? 1.042 से आपका कितना हो गया? सिंपली वन हो गया। तो आपका फाइल साइज यहां पे क्या हो गया?
रिड्यूस हो गया। ठीक है? तो आप देख सकते हो 1.042 से हमने किस पे लिया है? हम इसे सिंपली वन पे ले आए। तो ओवरऑल हमारा फाइल
साइज यहां पे क्या हो गया? रिड्यूस हो गया। अब ऐसे ही आपका जो नेक्स्ट फैक्टर है वो हम देखते हैं वर्टिकल रन लेंथ कोडिंग
अप्लाई करके। तो देखो ये वर्टिकल रन लेंथ कोडिंग में भी आप सिंपल क्या करोगे? रन लेंथ वेक्टर्स फाइंड करोगे। अब रन लेंथ
वेक्टर्स कैसे फाइंड कर रहे हैं? वो देखिए। वर्टिकल में आप क्या कर रहे हो? पहले आपने क्या करा? हॉरिजॉन्टल मतलब रो
वाइज़ सीक्वेंस चले। अब हम कॉलम वाइज़ सीक्वेंस चलेंगे और वर्टिकल रन रन लेंथ कोडिंग अप्लाई करेंगे। तो यहां पे आप देख
सकते हो जीरो आपके दो हैं और तीन आपके वन हैं। मतलब जो आपके वाइट पिक्सल हैं वो दो हैं और ब्लैक पिक्सल जो है आपके तीन हैं।
तो यहां पे देखो मैंने रिप्रेजेंट कर दिया 0 2 और 1 3 सेम यहां पर भी 0 2 1 3 यहां पे भी 0 2 1 3 यहां पे 1 4 आया 0 1 आया।
क्यों आया? क्योंकि यहां पे आप देख सकते हो इस वाले कॉलम में आपका जो फोर्थ कॉलम है यहां पर आपका जो वाइट पिक्सल है वह
सिंगल है और बाकी सारे आपके जो फोर है वह ब्लैक पिक्सल है तो 0 1 हो गया ये 1 4 हो गया सेम फोर आपका फिफ्थ कॉलम के लिए ठीक
है तो आई होप आपको रन वेक्टर्स सारे निकाल के समझ में आ गए होंगे अब टोटल नंबर ऑफ वेक्टर्स आप काउंट करोगे तो टोटल कितना हो
गया 1 2 3 4 5 6 7 8 9 10 तो नंबर ऑफ वेक्टर्स कितने हो गए हमारे 10 हो गए तो यहां पे जो आपका मैक्स लेंथ है मैक्स लेंथ
आपका कितना आया यहां पर आपका मैक्स लेंथ आया आया आपका फोर। तो फोर को आप रिप्रेजेंट करोगे इन द फॉर्म ऑफ़ थ्री बिट।
ठीक है? और हर एक जो पिक्सल की जो बिट है वो कितनी है? सिंगल बिट है। या तो ज़ीरो या तो वन। तो वन बिट पर पिक्सल। तो टोटल नंबर
ऑफ़ पिक्सल फाइंड कर लो। सिंपल क्या करना है? नंबर ऑफ़ फैक्टर्स मल्टीप्लाई बाय आपका जो मैक्स लेंथ आया उसके बिट्स प्लस आपका
बिट्स पर पिक्सल कितना आया? वन। तो करोगे आप। कितना आएगा? 40। तो टोटल हम नंबर ऑफ़ पिक्सल आफ्टर अप्लाइंग वर्टिकल रन लेंथ
कोडिंग कितना आया? 40। और ओरिजिनल इमेज की जो पिक्सल्स थी वो कितना है? 25। तो यहां पे ऑलरेडी आपको पता चल गया होगा कि 25 से
40 हो गया। तो हमारा क्या हो गया? इमेज का साइज क्या हो गया? आपका इंक्रीस हो चुका है। ठीक है? रिड्यूस होने की वजह सिंपल
क्या हो गया? इंक्रीस हो गया। तो उससे क्या होने वाला है? स्टोरेज ज्यादा ऑक्यूुपाई करने वाला है। तो देखो इसका
कंप्रेशन रेशियो निकालें तो 25 / 40 ठीक है? आपका जो ओरिजिनल इमेज था डिवाइड बाय टोटल नंबर ऑफ़ पिक्सल कितना आया? 0.627
मतलब आपका क्या हो गया? आपका जो फाइल साइज था वो रिड्यूस होने की वजह सिंपल क्या हो गया और ज्यादा इंक्रीस हो गया। 0.62 से
कितना हो गया? वन हो गया। तो यहां पर आप क्या करोगे? वर्टिकल रन लेंथ कोडिंग को अप्लाई नहीं करोगे। आप सिंपल किस रन लेंथ
एंड कोडिंग को अप्लाई करोगे? आप करोगे हॉरिजॉन्टल रन लेंथ कोडिंग को। तो इस तरीके से आपको डिटरमाइन करना पड़ता है,
चेक करना पड़ता है। आप कौन से रल लेंथ कोडिंग को अप्लाई करोगे। तो आई होप आपको रल लेंथ कोडिंग अच्छे से समझ में आ गया
होगा और कैसे वर्क करता है ये भी क्लियर हो गया होगा। तो ये बेसिकली वर्क करता है एज अ रन। ठीक है? तो आई होप आपको ये
क्लियर अच्छे से समझ में आ चुका होगा। बढ़ते हैं नेक्स्ट टॉपिक की तरफ जो कि हमारा क्या है? शिफ्ट कोड। अब शिफ्ट कोड
बेसिकली क्या है? आपका एक तरीके से शी क्रिएट कोड है। ये बेसिकली क्या कर रहा है? आपका जो इमेज है ओरिजिनल उसे कन्वर्ट
करता है सफर टेक्स्ट के अंदर। जिससे कोई अनअथराइज़्ड पार्टी उसे एक्सेस ना कर पाए। तो वही काम हमारा इमेज के अंदर भी होता
है। ठीक है? तो शिफ्ट कोड इज़ अ टाइप ऑफ़ सीक्रेट कोड। सफर वेयर ईच लेटर इन अ मैसेज इज़ शिफ्टेड बाय अ फिक्स्ड नंबर ऑफ़ पोजीशन
इन द अल्फाबेट। तो शिफ्ट कोड के अंदर हम सिंपल क्या करते हैं? जो हमारे हर एक अल्फाबेट को हम क्या करते हैं? शिफ्ट कर
देते हैं कुछ पोजीशन तक। जिससे हमारा जो अल्फाबेट है वो टोटली डिफरेंट हो जाता था जो हमारा मैसेज आया है। तो इट्स वन ऑफ़ द
सिंपलेस्ट टाइप ऑफ़ इंक्रिप्शन। तो जो आपका शिफ्ट कोड है वो आपका क्या है? इंक्रिप्शन टेक्निक है। जिससे आप क्या करते हो? आप
मैसेज को इंक्रिप्ट कर पा रहे हो। तो रिप्लेस ईच लेटर विद अनदर लेटर दैट अ फ्यू स्टेप अवे इन द अल्फाबेट। ठीक है? तो
शिफ्ट कैसे अप्लाई करता है? जैसे हम मान लो हम अपने आप से अस्यूम कर लें कि हमारे हम हर एक अल्फाबेट को शिफ्ट करेंगे थ्री
बिट। ठीक है? तो ए से थ्री कर थ्री बिट शिफ्ट करोगे तो किस पर पहुंचोगे आप? डी पर। बी से करोगे तो आप ई पर, सी से करोगे
तो आप एफ पर। आप क्या कर रहे हो? थ्री आपने शिफ्ट कर दिया हर एक अल्फाबेट को। तो एग्जांपल के थ्रू जैसे आपका हेलो मैसेज
है। आपको इसको इंक्रिप्ट करना है तो आप यहां पे शिफ्ट कोड अप्लाई कर रहे हो। आप शिफ्ट करके क्या कर रहे हो? उसे थ्री बिट
आगे बढ़ा दे रहे हो। तो एच को थ्री बिट आगे बढ़ाओगे शिफ्ट करके तो के पर हो जाएगा। ई को एच हो जाएगा। एल आपका ओ में
कन्वर्ट हो जाएगा। ये एल भी ओ में और ओ आपका आर में। तो जो आपका हेलो था हेलो मैसेज दूसरे वाले पर्सन को आप इंक्रिप्टेड
भेजोगे तो वो कैसे जाएगा? कुर करके जाएगा। आप उसे बता दोगे कि आपने आपने शिफ्ट कोड अप्लाई करा तो वापस से आप क्या वो क्या
करेगा? वह बंदा डिक्रिप्ट करेगा और डिक्रिप्ट करके वापस उसे हेलो मैसेज मिल जाएगा। ठीक है? तो इस तरीके से जो हमारा
शिफ्ट कोड है वह वर्क करता है। तो आई होप आपको शिफ्ट कोड अच्छे से समझ में आ चुका होगा। अब जो हमारा नेक्स्ट टॉपिक है वो है
अर्थमैटिक कोडिंग। अर्थमैटिक कोडिंग बेसिकली क्या है? आपका डेटा कंप्रेशन का ही टाइप है। इसमें हम सिंपली क्या कर रहे
होते हैं? सारे मैसेज को हम रिप्रेजेंट कर रहे होते हैं विद दी हेल्प ऑफ़ सिंगल नंबर। अब सिंगल नंबर बेसिकली क्या होता है? आपका
फ्रैक्शन नंबर है जो कि लाई करेगा ज़ीरो और वन के बीच में। ठीक है? और ज़ीरो से वन के बीच में हो सकता है या ज़ीरो वन के रेंज
में ही हो सकता है सिंपल। ठीक है? इट पैक्स द एंटायर मैचिंग इंटू वन नंबर। तो ये क्या करता है? जो आपका पूरा मैसेज है
उसको एक सिंगल नंबर में पैक कर देता है। कैसे करता है? अभी मैं पूरा एल्गोरिथम के साथ समझाऊंगा विद द हेल्प ऑफ़ एग्जांपल। तो
देखो जो आपका अर्थमैटिक कोडिंग है उसका मेन एम क्या है? कि जो आपका पूरा मैसेज है उसको रिप्रेजेंट करना एज अ सिंगल नंबर। अब
कैसे कर रहे हैं वो देखिए। आपको एग्जांपल गिवन है कोड द स्ट्रिंग सीएबी यूजिंग अर्थमैटिक कोडिंग। तो आपको स्ट्रिंग दे
रखी है CAB। आपको इसको कोड करना है विद दी हेल्प ऑफ अर्थमैटिक कोडिंग। कैसे करेंगे वो देखिए। कैरेक्टर है A B C आपने इसकी
प्रोबेबिलिटी हमें गिवन थी। उनको लिख लिया 0.6 0.3 0.1 अब हम इसका रेंज डिवाइड करेंगे। अब रेंज हमें पता चल गया 0.6 और
0.1 है। 0.3 है। तो ओवरऑल रेंज जो होने वाली है 0 से वन के बीच में होने वाली है। तो 0 से वन हमारी पूरी रेंज हो गई। तो 0
से तो 0.6 तक हमारा A है। तो 0 से 0.6 हमारा A है। तो 0.6 से फिर 0.3 डिस्टेंस पर हमारा B है। तो 0.6 से 0.3 डिस्टेंस
करोगे तो आएगा 0.9। तो वहां पर हमारा सिंपल आ गया B। अब 0.9 से 0.1 डिस्टेंस पे हमारा C है। तो उसको ऐड करोगे तो आएगा
आपका वन। तो इस तरीके से हमने पूरा क्या करा? रेंज को डिवाइड कर दिया और हर एक कैरेक्टर की रेंज फाइंड कर ली। ठीक है? अब
फर्स्ट कैरेक्टर हमारा यहां पर क्या है? C है। तो C का जो रेंज है हमारा देख सकते हो आप 0.9 से लेकर वन तक है। तो 0.9 से लेकर
वन तक हमारी C की रेंज होगी। और C की जो प्रोबेबिलिटी गिवन है वो हमारी 0.1 है। ठीक है? तो आई होप आपको 0.1 प्रोबेबिलिटी
समझ में आ चुका होगा। अब आप क्या करोगे? जो आपका कोड है वो सिर्फ स्टार्ट होगा इस रेंज के लिए। 0.9 से लेकर वन रेंज के लिए।
और साथ ही साथ जो 0.1 आपकी जो प्रोबेबिलिटी है कैरेक्टर C की यह हर एक कैरेक्टर में डिवाइड होगी। अब कैसे डिवाइड
होगी? इसके लिए हमें फाइंड करना पड़ेगा क्यूम्युलेटिव कैरेक्टर प्रोबेबिलिटी टेबल। तो उसमें आपको कैरेक्टर सारे लिख
लेने हैं और क्यूम्युलेटिव प्रोबेबिलिटी। पहला जो कररेक्टर है वो हमारा a है। तो इसकी जो प्रोबेबिलिटी है जो हमारा रेंज
स्टार्ट हुआ है वो कहां से हुआ है? 0.9 से। ठीक है? प्लस आपकी जो a की प्रोबेबिलिटी है वो कितनी है? 0.6
मल्टीप्लाई बाय आपकी जो रेंज की प्रोबेबिलिटी है वो कितना है? 0.1। तो इसको ऐड करोगे तो आएगा 0.96।
तो B के लिए क्यूमुलेटिव फ्रीक्वेंसी हम सिंपली क्या करते हैं? इस वाली प्रोबेबिलिटी को मेंशन करेंगे तो 0.96 + B
की जो एक्चुअल प्रोबेबिलिटी है वो क्या है? 0.3 * बाय आपकी इस रेंज की प्रोबेबिलिटी है 0.1 इनको ऐड करोगे तो
आएगा 0.99 अब ये आपका क्यूमुलेटिव फ्रीक्वेंसी में जाएगा तो 0.99 प्लस आपकी जो एक्चुअल प्रोबेबिलिटी है C की वो क्या
है? 0.1 * बाय इस रेंज की जो प्रोबेबिलिटी है वो भी 0.1 है। तो 0.1 0.1 + 0.99 करोगे तो आएगा 1.0. ठीक है? तो आप देख सकते हो
जो आपका रेंज आया वो आपका 0.96 से लेकर अब कितना हो गया सिंपल 1.0 तक हो गया। तो जो हमारा रिजल्टेंट न्यू रेंज मिला वो हमारा
क्या आया 0.96 से लेकर 1.0 तक हो गया। तो आप देख रहे हो पहले आप 0.9 थे फिर आप 0.96 पे गए। फिर 0.96 से आप 0.99 पे गए। फिर आप
1.0 पे गए। तो आपने एक नया रेंज क्रिएट कर दिया। और उसमें भी आपको वैल्यू्यूज ऑलरेडी आपको पता है कि जो A की जो वैल्यू है वो
0.06 है। जो B की वैल्यू है 0.03 है और जो आपकी ज़ीरो अ C की वैल्यू है वो है 0.01। तो इनकी प्रोबेबिलिटी भी आपको पता होनी
चाहिए। तो आपका जो नया रेंज निकला वो आपका क्या आया? 0.96 से लेकर वन तक। ठीक है? आई होप आपको समझ में आ गया होगा। A कैरेक्टर
से लेकर C करैक्टर का जो आपका नया रेंज निकला वो आया 0.96 से लेकर वन तक। तो यहां पर जो आपका नेक्स्ट कैरेक्टर है वो है अब
A। तो A कैरेक्टर की जो आपकी रेंज है वो क्या है? 0.9 से लेकर 0.96। अब आप इस न्यू रेंज को देखोगे प्रीवियस रेंज को भूल
जाओगे। तो 0.9 से लेकर 0.96 आपकी रेंज होगी। ठीक है? अब जो कोड रहेगा केवल इसी रेंज के लिए रहेगा। तो कोड विल बी इन दिस
रेंज। तो रेंज हमारा क्या है? 0.96 से लेकर 0.9 और a का जो प्रोबेबिलिटी है वो हमारा कितना है? 0.06। तो यहां पे हमने
लिख भी लिया 0.06 हमारी A की गिवन प्रोबेबिलिटी दे रखी है। तो जो हमारी नई रेंज है वो 0.96 से लेकर 0.9 तक है। और
साथ ही साथ इस रेंज की जो प्रोबेबिलिटी है A कैरेक्टर की वो हमारी क्या है? 0.06 जो कि हमें गिवन दे रखी है। अब इसके लिए हमें
क्या करना पड़ेगा? क्यूमुलेटिव करैक्टर प्रोबेबिलिटी टेबल जैसे हमने ऊपर में निकाला था सेम वैसे ही अभी हमें यहां पे
निकालना है। ठीक है? तो देखो यहां पे A फिर B फिर C आपकी कैरेक्टर हो गया। A की जो प्रोबेबिलिटी है वो हमें क्या दे रखी
है? इस रेंज के लिए वो है 0.9 क्योंकि 0.9 से लेकर 0.96 है। तो 0.9 + 0.6 की एक्चुअल प्रोबेबिलिटी है जो आपकी a की है
मल्टीप्लाई बाय 0.06 जो इस रेंज की प्रोबेबिलिटी है। ठीक है? तो आपका टोटल क्या आ गया? 0.936।
ठीक है? तो ये आपका क्या होगा? B के लिए क्यूमुलेटिव फ्रीक्वेंसी बनेगा। तो 0.936 + आपका 0.3 जो B की है एक्चुअल
प्रोबेबिलिटी है मल्टीप्लाई बाय 0.06। तो क्या हो गया? 0.954 ऐसे ही C की निकालोगे तो आएगा 0.96 तो
आपका जो नया रेंज आएगा वो क्या होगा वो 0.9 आएगा पहला फिर आएगा 0.936 फिर 0.954 फिर 0.96 जो कि आप देख सकते हो तो जो
हमारी नया रेंज बना रिजल्टेंट रेंज वो 0.9 फिर 0.936 0.954 और 0.96 तो जिसमें से लेकर 0.9 से 0.936 तक में 0.036 जो वैल्यू
है वो A की है। फिर 0.018 जो वैल्यू है वो B की है और जो C की वैल्यू है वो आपकी 0.06 है। अभी कैसे आएगी वह देखिए। जो आपकी
A की वैल्यू है वो 018 कैसे आई? यहां पे देख सकते हो। इसको सिंपल मल्टीप्लाई करोगे 0.3 * बाय 0.06 तो आएगा
0.018। ठीक है? ऐसे ही इसको करोगे तो आएगा 0.06। ठीक है? तो इस तरीके से हमने क्या कर रखा
है? इस तरीके से हमने इन सबकी रेंज भी निकाल ली और हर एक जो कररेक्टर थी उसकी प्रोबेबिलिटी भी निकाल ली। ठीक है? तो आई
होप आपको ये सारी प्रोबेबिलिटी निकालना आ गया होगा। इसके बाद जो हमारा जो लास्ट करैक्टर है जो कि नेक्स्ट करैक्टर है वो
हमारा B है। इसके बाद कोई भी स्ट्रिंग नहीं बचती। तो यहां पे स्ट्रिंग जो हो जाएगी हमारी एंड हो जाएगी। तो जो रेंज आया
वो रेंज हमारा सिंपल क्या आएगा? 0.93936 से लेकर 0.954 किसकी रेंज है? वो B की रेंज है। तो 0.936
से लेकर 0.954 आपकी किसकी रेंज है? B की रेंज है। तो 0.936 से लेकर 0.954 हमारी B की रेंज हो गई। तो यहां पे स्ट्रिंग क्या
हो गया? हमारा एंड हो गया। तो जो फाइनल कोड हुआ हमारा स्ट्रिंग का वो हमारा क्या होगा? किस रेंज के अंदर आएगा? 0.936 से
लेकर 0.954 के बीच में ही कहीं पर आएगा। सो आई होप आपको अच्छे से समझ में आ गया होगा कि इस
तरीके से हम अर्थमैटिक कोडिंग का यूज करके किसी भी स्ट्रिंग को हम कन्वर्ट करते हैं एज अ सिंगल वैल्यू नंबर जो कि हमारा लाई
करता है ज़ीरो और वन के रेंज में ही। ठीक है? तो हमारा जो सी एबी स्ट्रिंग था उसका जो रेंज आएगा वो 0.936 से लेकर 0.954 ही
आएगा। ठीक है? तो आई होप आपको ये सारे स्टेप्स अच्छे से समझ में आ गया होगा क्योंकि इसमें स्टेप्स का ही खेल है। अगर
आप स्टेप्स अच्छे से समझ जाओगे तो सब चीज़ समझ जाओगे। ठीक है? तो आई होप आपको ये कैसे निकालते हैं क्यूम्युलेटिव
प्रोबेबिलिटी ये आपको क्लियर हो गया होगा और कैसे हर एक कररेक्टर को हम कोड में असाइन करते हैं। ठीक है? तो आई होप आपको
अर्थमैटिक कोडिंग अच्छे से क्लियर हो चुका होगा। बढ़ते हैं नेक्स्ट टॉपिक की तरफ जो कि हमारा क्या है? जेपेक और एमक। अब जेपेक
स्टैंड फॉर हमारा क्या है? जॉइंट फोटोग्राफिक एक्सपर्ट ग्रुप। यह एक्सपर्ट ग्रुप है जिन्होंने जेपक का इंट्रोड्यूस
करा था। ठीक है? इट इज़ द मोस्ट कॉमन इमेज कंप्रेशन स्टैंडर्ड फॉर फोटोग्राफ एंड नेचुरल इमेजज़। जो हमारे नेचुरल इमेजज़ होते
थे या जो फोटोग्राफ के थ्रू जो इमेजज़ निकलते थे उनके साइज़ को हम रिड्यूस करते थे विद दी हेल्प ऑफ़ जेपेक। ठीक? इट इज़ द
मोस्ट कॉमन इमेज कंप्रेशन स्टैंडर्ड फॉर फोटोग्राफ्स एंड नेचुरल इमेजज़। तो जो ये आपका जेपेक है, एक तरीके से आपका लॉसी
कंप्रेशन का टाइप है, ये क्या कर रहा है? आपके जो इमेज का साइज़ है उसको रिड्यूस कर देता है। इस तरीके से रिड्यूस कर रहा है
कि उसकी जो क्वालिटी है उस पे कोई फर्क नहीं पड़ता। लेकिन ओवरऑल जो आपका इमेज का जो साइज़ है वो रिड्यूस हो जाता है। तो
रिड्यूस द फाइल साइज़ ऑफ़ इमेजज़ व्हाइल मेंटेनिंग द एक्सेप्टेबल विजुअल क्वालिटी। तो रिड्यूस कर रहा है फाइल साइज़ को। तो
इसका मतलब है कैसे कंप्रेशन है? यह आपका लॉसी कंप्रेशन है। ठीक है? इस मतलब कुछ डेटा आपका यहां से डिस्कारेड हो जा रहा
है। वो डाटा डिस्कारेड होता है जो कि ह्यूमन आईज जो है वो ईजीली उसको रीड नहीं कर पाती। ईजीली विज़िबल नहीं कर पाती है।
क्योंकि इमेज का जो क्वालिटी है उसको एज़ इट इज़ दिखता है। ठीक है? बिल्कुल अच्छी तरीके से दिखता है। तो आपका जेपक क्या है?
आपका जॉइंट फोटोग्राफिक एक्सपेक्ट ग्रुप है जिन्होंने इस स्टैंडर्ड को इंट्रोड्यूस करा था ताकि वो इमेज की जो साइज़ हो उसको
रिड्यूस कर पाए। तो आई होप आपको जेपक अच्छे से समझ में आ चुका होगा। नेक्स्ट जो है वो है आपका एमक। एमक जो है आपके वीडियो
क्वालिटी या फिर जो आपकी सॉन्ग्स वगैरह हो गए, वीडियो वगैरह हो गए, ऑडियो वगैरह हो गए उनके साइज को रिड्यूस करने के लिए एमपक
आया। तो एमक स्टैंड फॉर मूविंग पिक्चर्स एक्सपेक्ट ग्रुप। तो ये ऐसा ग्रुप था जिन्होंने इस स्टैंडर्ड को इंट्रोड्यूस
करा था फॉर रिड्यूसिंग द फाइल साइज़ ऑफ़ मूविंग पिक्चर्स। तो एमक हैज़ वेरियस स्टैंडर्ड फॉर ऑडियो एंड वीडियो कंप्रेशन।
तो एमक के पास कई सारे वेरियस स्टैंडर्ड हैं। किसके लिए? आपकी ऑडियो कंप्रेशन के लिए और वीडियो कंप्रेशन के लिए। जैसे MP4
हो गया। mp3 हो गया। इनसे क्या होता है? आप अगर mp4 और mp3 में निकालते हो फाइल्स को तो ओवरऑल जो आपका फाइल का साइज़ है वो
रिड्यूस हो जाता है। तो दिस फाइल नेम फॉर अ एमक वीडियो हैव टू सेव डॉट एमक एक्सटेंशन सच एजॉट mp4 डॉट mp3 डॉट
एक्सट्रक्टर। ठीक है? तो ये क्या हमारे सिंपल एमक के एक्सटेंशन है। इसकी जो लेटेंसी होती है बहुत ही ज्यादा हाई होती
है। तो एग्जाम में आपसे डायरेक्ट क्वेश्चन पूछ लिया जा सकता है। एक्सप्लेन द डिफरेंसेट बिटवीन jपक और एमक। तो आपको ये
सारे डिफरेंस एज़ इट इज़ ऐसे लिख के आ जाने हैं। ठीक है? तो आई होप आपको जेपक एमपक अच्छे से समझ में आ चुका होगा। बढ़ते हैं
नेक्स्ट टॉपिक की तरफ जो कि क्या है हमारा? बाउंड्री रिप्रेजेंटेशन। अब बाउंड्री रिप्रेजेंटेशन मोस्टेंट टॉपिक
होने वाला है क्योंकि यहां से डायरेक्ट क्वेश्चन पूछा जाता है। इसको मैं आपको अच्छे से समझाने वाला हूं विद दी हेल्प ऑफ़
एग्जांपल के साथ। तो बाउंड्री रिप्रेजेंटेशन इज़ अ वे टू टेल द कंप्यूटर व्हाट अ 3D ऑब्जेक्ट लुक लाइक। अ
डिस्क्राइबिंग इट्स आउटर सरफेस नॉट व्हाट इनसाइड इट। तो बाउंड्री रिप्रेजेंटेशन सिंपल सा अगर आपको समझाऊं तो आप क्या कर
रहे हो कि आप बाउंड्री डिसाइड कर रहे हो कि कैसा बाउंड्री होने वाला है आपके ऑब्जेक्ट का। जैसे बाउंड्री मतलब ये आपका
एक पूरा बाउंड्री हो गया। ये बाउंड्री हो गया। ये आपका ऑब्जेक्ट है। आपने उसकी बाउंड्री डिसाइड कर ली। इस तरीके से कुछ
तो आप क्या कर रहे हो? केवल आउटर जो बाउंड्री है उसको डिसाइड कर रहे हो। इनर का आपको कुछ लेना देना नहीं है। तो ये
आपका क्या कहलाता है? बाउंड्री रिप्रेजेंटेशन कहलाता है। तो इट सेव्स मैंने इट सेव्स मेमोरी ओनली सरफेस आर
स्टर्ड नॉट द होल वॉल्यूम। तो इसमें क्या होता है कि केवल आप सरफेस जो है उसको केवल आप स्टोर कर रहे होते हो। उसकी जो इनर
वैल्यू इनर वैल्यू है या फिर जो होल वॉल्यूम है उसको आप स्टोर नहीं कर रहे होते हो। ठीक है? तो हेल्प्स इन जो आपका
बाइनरी रिप्रेजेंटेशन है हेल्प करता है 3D मॉडलिंग में, प्रिंटिंग में और रेंडरिंग में। साथ ही साथ इसका यूज्ड होता है कैड
सॉफ्टवेयर के अंदर। जैसे ऑटोcड में और ब्लेंडर के अंदर फॉर डिजाइनिंग दी 3D ऑब्जेक्ट मॉडल्स। ठीक है? अब कैसे हम
बाउंड्री रिप्रेजेंटेशन परफॉर्म करते हैं वो देखिए। उसके कई सारे टेक्निक हैं। जिसमें जो आपका पहला टेक्निक है वो है
बाउंड्री फॉलोइंग। ठीक है? अब बाउंड्री फॉलोइंग जिसको हम क्या बोलते हैं? काउंटर ट्रेिंग भी बोलते हैं। और काउंटर फॉलोइंग
बोलते हैं। ये ऐसा टेक्निक है जो कि यूज़ किया जाता है डिजिटल इमेज प्रोसेसिंग के अंदर टू एक्सट्रैक्ट द बाउंड्री और काउंटर
ऑफ़ एन ऑब्जेक्ट विद एन इमेज। तो इसमें सिंपल सा क्या है कि आपको कोई इमेज दे रखा है। ठीक है? ये कोई इमेज है। ये इसके अंदर
कई सारे आपके पिक्सल्स होते हैं। वाइट पिक्सल ब्लैक पिक्सल ये सारे पिक्सल्स होते हैं। ठीक है? आप क्या कर रहे होते
हो? बाउंड्री फॉलोइंग के अंदर सिंपल आप क्या कर रहे होते हो? इसकी काउंटर ट्रैक कर रहे होते हो। तो इस तरीके से आप क्या
कर रहे होते हो? काउंटर ट्रैक कर रहे होते हो। ठीक है? तो इस तरीके से हम सिंपल क्या कर रहे हैं? ये मैंने क्या बना दी? एक
बाउंड्री बना दी डॉटेड डॉटेड डॉट डॉटेड करके। ठीक है? द प्रोसेस ऑफ़ बाउंड्री फॉलोइंग इनवॉल्व ट्रेवर्सिंग अलोंग द
ऑब्जेक्ट बाउंड्री पिक्सल बाय पिक्सल इन अ सिस्टमेटिक मैनर अंटिल द एंटायर बाउंड्री इज ट्रॉस्ट। तो आप इसमें क्या करते हो? आप
पिक्सल बाय पिक्सल ट्रैस करना शुरू करते हो। ये जो आपके सारे ये डॉटेड डॉटेड है ये सारे ऐसे पिक्सल बाय पिक्सल आप क्या कर
रहे हो? यहां पर ट्रैस करना स्टार्ट करते हो। जैसे स्टार्टिंग यहां से करा है तो आप यहां से ऐसे धीरे धीरे धीरे-धीरे पूरा
ट्रैस करते हुए जाओगे। ट्रैक करने के बाद आप वापस सेम वही पॉइंट पर पहुंचोगे। ठीक है? दिस कैन बी अचीव्ड यूजिंग वेरियस
एल्गोरिथ्म विद द मोस्ट कॉमन वन बीइंग द एट कनेक्टेड और फोर कनेक्टेड एल्गोरिथ्म। अब ये एट कनेक्टेड और फोर कनेक्टेड
एल्गोरिथ्म क्या है वो आप समझिए। ये जो है आपका फोर डायरेक्शनल चेन कोड होता है। ये होता है आपका एट डायरेक्शनल चेन कोड। अगर
आप फोर डायरेक्शनल चेन कोड अप्लाई कर रहे हो तो वो होता है आपका फोर कनेक्टेड एल्गोरिथ्म। अगर आप एट डायरेक्शनल चेन कोड
अप्लाई कर रहे हो तो वो होता है आपका एट कनेक्टेड एल्गोरिथम। तो फोर डायरेक्शनल कोड के अंदर आपका सिंपल क्या आता है? टॉप,
बॉटम, लेफ्ट, राइट और एट डायरेक्शनल चेन कोड के अंदर आपके सारे डायगोनल्स वैल्यू भीज़ आ जाती हैं और साथ ही साथ जितने भी
डायमेंशंस होते हैं वो सब आ जाता है। ठीक है? द चॉइस बिटवीन एट कनेक्टेड एंड फोर
कनेक्टेड डिपेंड ऑन वेदर डायगोनल पिक्सल आर कंसीडर्ड एज़ नेबर। अगर अगर आप डायगोनल पिक्सल्स को भी कंसीडर कर रहे हो एज़ अ
नेबर, तब आप एट कनेक्टेड का चूज़ करोगे। अगर आप डायगोनल पिक्सल को एज़ अ नेबर कंसीडर नहीं कर रहे हो, तो आप फोर
कनेक्टेड को चूज़ करोगे। तो, आपको डिपेंड करता है। ठीक है? किस पे बेसिस पर? डायगोनल पिक्सल के बेसिस पर। ठीक है? अब
बाउंड्री फॉलिंग कैसे अप्लाई करते हैं? तो इसके कई सारे स्टेप्स होते हैं। पहला स्टेप क्या है आपका? डिसीजन रूल। डिसीजन
रूल मतलब एट ईच स्टेप ऑफ द ट्रेिंग प्रोसेस द एल्गोरिथम मेक डिसीजन बेस्ड ऑन द फॉलोइंग रूल। पहला रूल क्या है? इट
सेलेक्ट द नेक्स्ट बाउंड्री पिक्सल फॉर द एडजेसेंट नेबर इन अ स्पेसिफिक ऑर्डर। या तो क्लॉकवाइज़ या फिर एंटीक्लॉकवाइज़। इसका
सिंपल सा मतलब क्या हो गया? जो आपका नेबर पिक्सल होगा। जैसे ये हमारा एक इमेज है जिसको हमने विद द हेल्प ऑफ पिक्सल
रिप्रेजेंट कर रखा है। या तो आप सिंपल क्या करोगे? क्लॉकवाइज चलना शुरू करोगे या फिर आप एंटीक्लॉकवाइज चलना शुरू करोगे। वो
आप पे डिपेंड करेगा कि आप क्लॉकवाइज जाओगे या फिर आप एंटीक्लॉकवाइज जाओगे। पहला रूल ये कहता है। नेक्स्ट क्या है? इट एनश्योर
दैट द सेलेक्टेड नेबर इज़ अ पार्ट ऑफ़ ऑब्जेक्ट। और यह एश्योर करेगा कि जिस नेबर को आपने सेलेक्ट करा है, उस ऑब्जेक्ट का
पार्ट होना चाहिए। फिर आप क्या करोगे? ट्रेसिंग कंप्लीशन मतलब ट्रैक करना शुरू करोगे। द प्रोसेस ऑफ कंटीन्यूस अंटिल द
एल्गोरिथम रिटर्न टू द स्टार्टिंग पॉइंट फ्रेमिंग अ क्लोज्ड लूप द कंप्लीटिंग द बाउंड्री ट्रेस। अब अगर आप ट्रैक करना
शुरू कर रहे हो तो ट्रैकिंग के दौरान आपको कंप्लीट ट्रैक करना है जब तक आप वापस स्टार्टिंग पॉइंट पे ना पहुंच जाओ या पूरा
एक क्लोज्ड लूप फॉर्म ना हो जाए। ठीक है? तो ये हमारा कहलाता है ट्रेसिंग कंप्लीशन। फिर आता है रिप्रेजेंटेशन। अब एज़ द
बाउंड्री इज़ ट्रेच्ड, द कोऑर्डिनेट ऑफ द बाउंड्री पिक्सल आर रिकॉर्डेड। जब आप पूरे बाउंड्री को ट्रेस कर लोगे तो उसके जो
कोऑर्डिनेट पिक्सल्स हैं आप क्या करोगे? उसके जो कोऑर्डिनेट पिक्सल है बाउंड्री की उनको आप रिकॉर्ड करके रख लोगे। जैसे यहां
पे देख सकते हो ये हमारा कोऑर्डिनेट पिक्सल्स थे सबके। ठीक है? ये हमारा इमेज था। इमेज के अंदर ये सारे पिक्सल थे। इनके
जो कोऑर्डिनेट्स हैं हमने उनको बाउंड्री पे रिकॉर्ड कर लिया है। जैसे देख सकते हो ये बाउंड्री ये बाउंड्री ये बाउंड्री है।
फिर यहां पर है। फिर यहां पर है। फिर ये बाउंड्री है। ये बाउंड्री है। ये बाउंड्री है। ये बाउंड्री है। फिर ये है। तो इस
तरीके से हमने क्या करा? पूरा एक बाउंड्री फॉर्म करके रख लिया है। तो ये हमारा सिंपल क्या कहलाता है? बाउंड्री फॉलोइंग। ठीक
है? तो आई होप आपको बाउंड्री फॉलोइंग अच्छे से क्लियर समझ में आ चुका होगा। ठीक है? अब जो नेक्स्ट है फिर आता है इस
बाउंड्री फॉलोइंग तो आपने कर ली। अब इसको कोड असाइन करना पड़ेगा। उस कोड के लिए हम टेक्निक यूज़ करते हैं चैन कोड। ठीक है? तो
इन इमेज प्रोसेसिंग चैन कोड आर सिंपल एंड कंपैक्ट मेथड यूज्ड टू रिप्रेजेंट द बाउंड्री और कंटेनर ऑफ़ एन ऑब्जेक्ट इन एन
इमेज। तो इमेज प्रोसेसिंग के अंदर जो चैन कोड है ये आपका सिंपल और कॉम्पैक्ट मेथड है जिसका हम यूज़ करते हैं ठीक है किस क्या
रिप्रेजेंट करने के लिए बाउंड्री रिप्रेजेंट करने के लिए या फिर कॉन्टोर रिप्रेजेंट करने के लिए किसके इमेज की द
चेन कोड प्रोवाइड अ वे टू एनकोड द कनेक्टिविटी ऑफ़ दीज़ पिक्सल इन अ कंसाइज़ मैनर। तो जो चेन कोड है एक ऐसे टेक्निक है
जो कि क्या करता है? आपको एनकोडिंग प्रोवाइड करता है जिसके थ्रू आप क्या करते हो? पिक्सल्स को कनेक्ट मतलब पिक्सल को
कनेक्ट कर पाते हो। ईच पिक्सल इन द बाउंड्री इज़ रिप्रेजेंटेड बाय स्पेसिफिक कोड दैट इंडिकेट द डायरेक्शन टू मूव फ्रॉम
द करंट पिक्सल टू द नेक्स्ट वन इन द चेन। तो आपकी बाउंड्री की जो हर एक पिक्सल होती है, आप उसको रिप्रेजेंट कर रहे होते हो एक
स्पेसिफिक कोड के साथ। और वो कोड क्या होता है? उसकी डायरेक्शन के ऊपर डिपेंड करता है कि वो उसका मूवमेंट किधर है। ले
टॉप है, बॉटम है, लेफ्ट है, राइट है, डायगोनल है। ठीक है? अब कैसे वर्क करता है वो देखिए। पहला क्या होता है? इसमें
स्टार्टिंग पॉइंट होता है कि द चेन कोड स्टार्ट एट द डेजिग्नेटेड स्टार्टिंग पिक्सल ऑन द ऑब्जेक्ट बाउंड्री। अब कैसे?
ये देखो। पहले आप देखोगे कि आप फोर डायरेक्शनल चेन कोड अप्लाई कर रहे हो या एट डायरेक्शनल चे कोड अप्लाई कर रहे हो।
और हमेशा जब आप चेन कोड अप्लाई कर रहे होते हो वो हमेशा किधर होता है? आपका एंटीक्लॉकवाइज़ होता है। और ठीक है? और जो
आपका बाउंड्री फॉलोइंग होता है वो क्लॉकवाइज़ होता है। तो ये आप ध्यान में रखना हमेशा। ठीक है? तो ये देखो 0 1 2 3 4
मतलब अगर आप राइट की तरफ जा रहेगे तो यहां पे ज़ीरो अगर आप टॉप पे जा रहेगे मूव करोगे तो वन अगर आप लेफ्ट की तरफ कर रहेगे तो टू
और अगर आप थ्री की तरफ कर रहेगे मतलब बॉटम की तरफ कर रहेगे तो थ्री से आप डिनोट करोगे। तो इस तरीके से हम क्या करते हैं?
फोर डायरेक्शनल चेन कोड के लिए कोड अप्लाई करते हैं। एट डायरेक्शनल के लिए हमारे यहां पे डायगोनल्स वगैरह भी आ जाते हैं।
ठीक है? अभी मैं आपको समझाऊंगा तब आप समझना अच्छे से। ठीक है? अब इसके बाद जो नेक्स्ट स्टेप है वो है ट्रेस द बाउंड्री।
मतलब आप क्या करो? बाउंड्री को ट्रैक करते शुरू करो और उसको कोड अप्लाई करते रहो। द चेन कोड फॉलोइंग द ऑब्जेक्ट बाउंड्री
पिक्सल बाय पिक्सल रिकॉर्डिंग द डायरेक्शन ऑफ़ मूवमेंट फ्रॉम वन पिक्सल टू द नेक्स्ट। साथ ही साथ फिर आप क्या करो? बाउंड्री को
ट्रैक करना शुरू करोगे और रिकॉर्ड करोगे क्या? आपके जो पिक्सल की जो मूवमेंट है एक पिक्सल से दूसरे पिक्सल की जो मूवमेंट है
उसकी डायरेक्शन को आप रिकॉर्ड करते हुए चलोगे। फिर आता है आपका एनकोडिंग डायरेक्शन कि ईच डायरेक्शन इज़ असाइन अ कोड
और सिंबल। तो आपने क्या कर रखा? हर एक जो डायरेक्शन है उसको कोड और सिंबल असाइन कर रखा है जो कि मैंने अभी आपको पीछे बताया
था एट कनेक्टेड चेन के लिए और फोर कनेक्टेड चेन के लिए। तो एट कनेक्टेड चेन के लिए जो कोड होगा वो आपका ज़ीरो से लेकर
सेवन तक होगा और फोर कनेक्टेड चेन के लिए जो होगा वो आपका ज़ीरो से लेकर थ्री तक होगा। ठीक है? फिर आप क्या करोगे?
रिकॉर्डिंग द चेन एज़ द चेन कोड प्रोग्रेस अलोंग द बाउंड्री द सीक्वेंस ऑफ़ कोड इज़ रिकॉर्डेड। तब आप क्या करोगे? जैसे-जैसे
आप चेन कोड अप्लाई करते रहोगे और बाउंड्री को ट्रैक करते रहोगे। तो जो आपका कोड आप रिप्रेजेंट कर रहे हो हर एक पिक्सल को
उसको आप क्या करोगे? सीक्वेंस वाइज रिकॉर्ड करते हुए चलोगे। ठीक है? अब जैसे ये एग्जांपल था। ठीक है? अब अब आपको अच्छे
से समझ में आने वाला है। देखिए ये आपका एग्जांपल था। आपने मान लो स्टार्टिंग पॉइंट ये रख दी। ठीक है? अब ये स्टार्टिंग
पॉइंट से आप चलना शुरू कर रहे हो। तो ये देखो ये पूरा इमेज था। मैंने इसको उठा के एज़ इट इज़ यहां पे लिख दिया है। ठीक है? अब
ये स्टार्टिंग पॉइंट था। आप यहां से चलना शुरू करो इस तरफ। तो आप किधर की तरफ गए? सिंपल पहले राइट की तरफ गए। तो राइट की
तरफ आपका यहां पे क्या है? ज़ीरो। तो यहां पे आपने ज़ीरो लिख दिया। फिर आप क्या आ गए? नीचे की तरफ आए। जो कि क्या है आपका? नीचे
की तरफ में यहां पे सेवन है। तो यहां पे सेवन हो गया। फिर आप क्या करना चले गए? सिंपल बॉटम की तरफ मूव करा आपने। ये पूरा
बॉटम बॉटम बॉटम बॉटम की तरफ गया। बॉटम पे आपकी क्या वैल्यू है? सिक्स है। तो यहां पे सिक्स ये भी सिक्स ये भी सिक्स ये भी
सिक्स। फिर बॉटम से आप कहां गए? राइट की आपने सिंपल क्या करा? लेफ्ट की तरफ मूव करना शुरू करा। तो यहां से हम किधर गए?
लेफ्ट की तरफ। और लेफ्ट की तरफ हमारा क्या है? फोर है। तो हम कहां पहुंच गए? फोर पर पहुंच गए। ठीक है? फिर हमारा कहां गया?
नीचे की तरफ आए। नीचे की तरफ हमारा क्या है? फाइव है। इस तरफ में देख सकते हो आप फाइव है। ठीक है? ये डायगोनल है क्योंकि
फिर उसके बाद आप क्या करें? ऊपर की तरफ मूव करा। ऊपर की तरफ मूव करे वो भी डायगोनल वाइज़। तो यहां पे क्या आ गया
आपका? थ्री आया। फिर वापस से आप डायगोनल वाइज़ मूव कर रहे तो इसलिए यहां पे थ्री आया। फिर आप क्या हो गए? स्ट्रेट गए टॉप
की तरफ। स्ट्रेट के टॉप की तरफ यहां पे क्या टू है तो यहां पे टू आ गया। फिर आप क्या हुए? डायगोनल मूव करे। ठीक है? राइट
की तरफ। तो यहां पे क्या आ गया? सिंपल वन आ गया। फिर यहां पर आप क्या हुआ? वापस राइट की तरफ मूव करे। तो यहां पे क्या आ
गया आपका? ज़ीरो आ गया। ठीक है? फिर ऊपर क्या हुआ? अब वापस टॉप की तरफ गए। तो टॉप पे यहां पे क्या आ गया? टू हो गया। तो इस
तरीके से हमने सबको कोड असाइन करा। ठीक है? अब हर एक कोड को हम सीक्वेंस वाइज़ एज़ इट इज़ लिख देंगे। तो ज़ीरो, फिर सेवन, फिर
सिक्स, फिर सिक्स, फिर सिक्स, फिर सिक्स आया। फिर यहां पे फोर फिर फाइव फिर थ्री फिर थ्री फिर टू फिर वन फिर ज़ीरो फिर टू
आया। ठीक है? तो इस तरीके से हम सिंपल क्या करते हैं? ट्रैक करते हैं। तो अगर ये एग्जांपल आपको समझ में नहीं आया तो मैं एक
छोटा सा एग्जांपल लेके आपको अभी समझा देता हूं। ठीक है? मान लो मेरा जो इमेज है कुछ इस तरीके से ट्रैक हुआ है। यहां पे गए हम।
फिर यहां पे गए। फिर वापस यहां पे गए। फिर वापस यहां पे गए। ठीक है? फिर हम इधर डायनल की तरफ मूव करें। फिर हम इस तरफ मूव
करें। फिर हम टॉप पे गए। फिर हम टॉप पे गए। फिर हम थोड़ा सा राइट मूव करें। फिर हम वापस टॉप पे चले गए। अब इस इमेज को
मुझे कोड असाइन करना है। सिंपल सा यह समझो। कैसे करूंगा? पहले मैं एट डायरेक्शनल कोड यहां पे अप्लाई कर दूंगा
क्योंकि यहां पे डायगोनल है। तो एट डायरेक्शनल चेन कोड यहां पे लिख लेता हूं पहले। ठीक है? ये हो गया।
ठीक है? तो यहां पे देख सकते हो मैंने एट डायरेक्शनल चेन कोड यहां पे सिंपल अप्लाई कर दिया। हर एक की वैल्यू लिख देता हूं।
यह वन हो गया। ये ज़ीरो, ये सेवन, ये सिक्स, ये फाइव, ये फोर, ये आपका टू हो गया। ये थ्री हो गया। ठीक है? अब एक-एक
करके हम इसको चलना शुरू करते हैं। तो, पहले हम क्या करें? सिंपल राइट की तरफ मूव करें। तो, राइट की तरफ हमारा क्या है?
ज़ीरो। तो, यहां पे हमारा ज़ीरो आ गया। ठीक है? फिर हम क्या करें? हम सिंपल बॉटम की तरफ मूव करना शुरू करें। अब यहां पे देखो
बॉटम पे आप कहां जा रहे हो? कौन से मूवमेंट पे आपका कोड क्या है? सिक्स है। तो, ये भी सिक्स हो गया। फिर वापस बॉटम के
तो ये भी सिक्स हो गया। वापस बॉटम के सिक्स हो गया। फिर हम क्या करें? सिंपल इधर देख सकते हो लेफ्ट की तरफ हमने मूव
करा और लेफ्ट की तरफ वो भी डायगोनल वाइज़ मूव करा। तो लेफ्ट की तरफ डायगोनल वाइज़ मूव पे आपका कोड क्या है? फाइव है। तो
यहां पे कोड क्या आ जाएगा? सिंपल फाइव आ जाएगा। ठीक है? फिर हम यहां पे क्या हुआ? फिर हमने यहां पे मूव करा। ठीक है? सीधा
डायगोनल वाइज़ मूव करा। वो भी किस तरफ? लेफ्ट की तरफ। तो यहां पे देख सकते हो वो भी टॉप पे। तो यहां पे देख सकते हो टॉप पे
हमने लेफ्ट की तरफ मूव करा। तो यहां पे डायगोनल की वैल्यू कितनी आ जाएगी? थ्री आ जाएगी। फिर यहां पे आप देख सकते हो हम
सिंपल टॉप की तरफ चलते गए। तो टॉप पे हमारा यहां पे क्या है? टू है। ठीक है? ये रहा टू। ये भी टू हो जाएगा। ये भी टू हो
जाएगा। फिर आप राइट की तरफ मूव करेंगे। राइट पे क्या वैल्यू है? ज़ीरो। फिर वापस आप टॉप पे चले गए तो यहां पे क्या आ
जाएगा? टू आ जाएगा। तो इसको कोड करके कैसे लिखूंगा? 0 6 फिर सिक्स फिर सिक्स फिर फाइव फिर थ्री फिर टू फिर टू फिर ज़ीरो फिर
टू। तो इस तरीके से हमने क्या करा? हर एक कोड को रिकॉर्ड करते हुए चले गए। वो भी सीक्वेंस वाइज़। तो इस तरीके से हम चेन कोड
अप्लाई करते हैं। ठीक है? तो आई होप आपको चेन कोड अच्छे से समझ में आ चुका होगा। अब इसकी कुछ एक लिमिटेशन है वो देखिए कि द
बाउंड्री कोड फॉर्म्ड एज अ सीक्वेंस ऑफ़ सच डायरेक्शनल मेंबर इज प्रेफर्ड टू एज फ्री मेन चेन कोड। ठीक है? जो जो अभी आपने
बनाया वो सिंपल क्या था? एक फ्री मेन चेन कोड था। लेकिन आपके अ पॉइंट में मतलब आपका जो इमेज है उसके उसके जो पिक्सल्स है तो
उस पिक्सल के कई सारे स्टार्टिंग पॉइंट हो सकते हैं। डिफरेंट स्टार्टिंग पॉइंट्स हो सकते हैं। और डिफरेंट स्टार्टिंग पॉइंट्स
आपको क्या देंगे? डिफरेंट चेन कोर्स प्रोवाइड करेंगे। तो आप कैसे डिसाइड करोगे कि किस स्टार्टिंग पॉइंट को आपको कंसीडर
करना है? तो जिस स्टार्टिंग पॉइंट से स्मॉलर मैग्नीट्यूड मिले आप उसे एज अ स्टार्टिंग पॉइंट मान लोगे। फॉर एग्जांपल
अब एग्जांपल के थ्रू देखिए ये आपका चेन कोड अप्लाई है। तो यहां पे आप देख सकते हो पहले हम राइट की तरफ गए तो ये ज़ीरो हो
गया। फिर हम बॉटम की तरफ गए तो थ्री। फिर हम लेफ्ट की तरफ गए तो टू। फिर हम टॉप की तरफ गए तो वन हो गया। ठीक है? अब इसके
अलग-अलग स्टार्टिंग पॉइंट्स हो सकते हैं। अगर मैं ज़ीरो एज अ स्टार्टिंग पॉइंट लूंगा तो ज़ीरो पे पहुंचने के लिए मुझे पूरा एक
रिपीटेशन करना पड़ेगा। तो ज़ीरो से थ्री फिर थ्री से टू, टू से वन। तो 0 2 1 फिर वापस से अगर मैं अब मैं क्या करूंगा? थ्री को
स्टार्टिंग पॉइंट ले लूंगा। तब क्या हो जाएगा? 3 2 1 0 फिर अगर मैं टू को स्टार्टिंग पॉइंट ले लूंगा तो क्या हो
जाएगा? 2 1 03 अब मैं वन को स्टार्टिंग पॉइंट ले लूंगा तो क्या आ जाएगा? 1 0 32 तो 1 0 32 हो जाएगा। ठीक है? अब इसमें से
मेरे को कौन सा कंसीडर करना है? जिसका मैग्नीट्यूड स्मॉलर है। तो मैग्नीट्यूड स्मॉलर किसका है? जो ज़ीरो से स्टार्ट हो
रहा है। तो 0 3 2 1 सबसे स्मॉलर मैग्नीट्यूड है। तो मैं इसको एज अ स्टार्टिंग पॉइंट लूंगा। तो स्टार्टिंग
पॉइंट यहां पे हम कौन सा कंसीडर करेंगे? ज़ीरो को। ठीक है? आई होप आपको क्लियर हो गया होगा। तो ये इसका एक डिफरेंट मेन
फैक्टर है जो कि आपको पता होना चाहिए। ठीक है? तो आई होप आपको चैन कोड अच्छे से समझ में आ गया होगा। बाउंड्री फॉलोइंग अच्छे
से समझ में आ गई होगी। और जो इसका जो टॉपिक था बाउंड्री रिप्रेजेंटेशन वो क्लियर हो गया होगा। ठीक है? तो आई होप
आपको ये बाउंड्री रिप्रेजेंटेशन अच्छे से समझ में आ चुका होगा। अब जो इसमें नेक्स्ट टॉपिक है वो है हमारा बाउंड्री
डिस्क्रिप्टर। अब बाउंड्री डिस्क्रिप्टर आपका इंपॉर्टेंट टॉपिक है। क्यों? क्योंकि ये ए केटीयू में डायरेक्ट क्वेश्चन पूछा
गया था। देख सकते हो कि एक्सप्लेन इन द एक्सप्लेन द प्रोसेस ऑफ़ बाउंड्री डिस्क्रिप्शनर एंड हाउ इट विल हेल्प इन
आइडेंटिफाई ऑब्जेक्ट बाउंड्रीज़ इन इमेज रिकॉग्निशन जो कि आपका ए केटी 2024 25 में डायरेक्ट क्वेश्चन पूछा गया था। तो देखो
बाउंड्री डिस्क्रिप्टर बेसिकली क्या है? तो वंस यू हैव अ बाउंड्री अगर आपके पास बाउंड्री आ गई है यू कैन डिस्क्राइब इट
मैथमेटिकली और न्यूमेरिकली। तो ये जो न्यूमेरिकल वैल्यू है या फिर जो मैथमेटिकल वैल्यू है यही हमारे क्या है?
डिस्क्रिप्टर हैं। ठीक है? तो डिस्क्रिप्टर बेसिकली क्या है? आपका क्वांटिटेटिव फीचर है दैट डिस्क्राइब हाउ
द बाउंड्री लुक सच ऐज़ बाउंड्री लेंथ, डायमीटर, कर्वेचर एक्सट्रा। तो जो आपका डिस्क्रिप्टर है वो क्या है? एक
क्वांटिटेटिव फीचर है जो कि आपको बताएगा कि आपकी जो बाउंड्री है कैसी दिखेगी? बाउंड्री की लेंथ क्या होने वाली है?
बाउंड्री के डायमीटर क्या होने वाला है? बाउंड्री का कर्वेचर कैसा रहेगा? ये सारी चीजें आप डिटरमाइन कर पाते हो। ठीक है? तो
आई होप आपको बाउंड्री डिस्क्रिप्शन की डेफिनेशन समझ में आ गया होगा। अब कितने टाइप के डिस्क्रिप्टर होते हैं? वो देखिए।
पहला डिस्क्रिप्टर होता है आपका सिंपल डिस्क्रिप्टर। सिंपल डिस्क्रिप्टर के अंदर भी पहला जो होता है वो होता है आपका लेंथ
जिसे हम पैरामीटर भी बोलते हैं। तो नंबर ऑफ पिक्सल अलोंग अ बाउंड्री गिव इट्स लेंथ। ठीक है? कि बाउंड्री पे जितने भी
आपके नंबर ऑफ पिक्सल है वो नंबर ऑफ़ पिक्सल ही आपका क्या होगा? लेंथ कहलाएगा। तो फॉर अ चेन कोडेड कर्व विद यूनिट स्पेसिंग इन
बोथ डायरेक्शन द नंबर ऑफ़ वर्टिकल्स एंड हॉरिजॉन्टल कंपोनेंट प्लस 2 टाइम्स द नंबर ऑफ़ डायगोनल कंपोनेंट्स
गिव इट्स एग्जैक्ट लाइन। तो आपकी जो सिंपल डायरेक्शंस होगी उनकी जो उनकी जो स्पेसिंग होगी वो यूनिट होगी। ठीक है? मतलब उनकी जो
वैल्यू होगी सिंपल वन होगी। लेकिन जो डायरेक्ट डायगोनल होगा ठीक है? उसका जो होगा वो आपका क्या होगा? अंडर रूट टू
टाइम्स होगा। तो यहां पे देखो एक एग्जांपल ये देखो ये पूरा एक अ सिंपल बाउंड्री हमने बना रखी है। और हर एक बाउंड्री यहां पे
यूनिट स्पेसिंग है। यूनिट स्पेसिंग के लिए यहां पे वन वन वैल्यू है। ये डायगोनल है। तो यहां पे कितना आ गया?
2 आ गया। अब मुझे इसकी लेंथ निकालनी होगी। तो सिंपल क्या करूंगा? इन सबको ऐड अप कर दूंगा। ठीक है? तो आई होप आपको समझ में आ
चुका होगा। ठीक है? तो लेंथ पैरामीटर क्लियर हो गया होगा। फिर आता है आपका डायमीटर। डायमीटर क्या होता है? मैक्सिमम
ऑफ़ आपका डायमीटर ऑफ़ PI PJ। तो इसमें से आप पहले डायमीटर निकालोगे। ठीक है? डिस्टेंस निकालोगे। डिस्टेंस निकालने के बाद इनमें
से जो मैक्सिमम वैल्यू होगी वो आप कंसीडर करोगे। वही आपका क्या होगा? मेजर एक्सिस होगा। यहां पे d आपका क्या है? डिस्टेंस
मेज़र है। अब डिस्टेंस मेज़र आप किसी भी टेक्निक का यूज़ करके निकाल सकते हैं। इक्विलिडियन का भी, सिटीिक ब्लॉक का भी और
चेस्ट बोर्ड का भी। तो डिस्टेंस मेज़र बेसिकली क्या होगा? जो आपका मैक्सिमम पॉइंट होंगे इस सर्कल के जैसे ये है, A है
और ये B है। ये आपके पूरा मैक्सिमम कोड या जिसे आपका मैक्सिमम डिस्टेंस होने वाला है सर्कल के अंदर जिसे हम डायमीटर बोलते हैं।
ठीक है? तो आई होप आपको डायमीटर समझ में आया होगा। फिर आता है आपका कर्वेचर। अब कर्वेचर बेसिकली क्या है? इट इज़ डिफाइंड
ऐज़ द रेट ऑफ़ चेंज ऑफ़ स्लोप। ठीक है? तो कर्वेचर एट अ पॉइंट ऑफ इंटरसेक्शन इज़ डिफाइंड ऐज़ द डिफरेंस बिटवीन द स्लोप ऑफ
एडजेसेंट बाउंड्री सेगमेंट। ठीक है? तो कर्वेचर बेसिकली क्या बता रहा है कि आपके स्लोप के अंदर कितना चेंज आया है। ठीक है?
अब उसको कैसे हम डिटरमाइन करते हैं? तो उसका सिंपल सा फार्मूला है कि आप डिफरेंस निकाल दो एडजेसेंट जो आपके बाउंड्री
सेगमेंट है उनके स्लोप्स का। तो यहां पे देखो ये बाउंड्री सेगमेंट था। एक ये है, एक ये है। इधर एक स्लोप बना थीटा1 और इधर
एक स्लोप बना थीटा2। अब मुझे इसका कर्वेचर निकालना होगा। तो सिंपल क्या करूंगा? d = θ2 - θ1 कर दूंगा। अगर θ2 - θ1 आपका
पॉजिटिव आया मतलब q2 की वैल्यू बड़ी है तो आपका जो सेगमेंट बनेगा वो कैसा बनेगा? कॉन्वेक्स कॉन्वेक्स सेगमेंट बनेगा। अगर
आपके θ2 की वैल्यू नेगेटिव आ गई तो इसका मतलब क्या है? कि आपका जो सेगमेंट बनेगा वो कैसा बनेगा? कॉनकेव सेगमेंट बनेगा। ठीक
है? तो इस तरीके से हम सेगमेंट भी डिटरमाइन करते हैं। फिर आता है आपका शेप नंबर। शेप नंबर बेसिकली द शेप नंबर इज़
डिफाइंड ऐज़ द फर्स्ट डिफरेंस फर्स्ट डिफरेंस ऑफ़ स्मालेस्ट मैग्नीट्यूड जो कि मैंने आपको बताया था चेन कोड के अंदर ही
जो हम स्मालेस्ट मैग्नीट्यूड को ही कंसीडर करते थे एज अ स्टार्टिंग पॉइंट। ठीक है? तो अब देखो एक यहां पे देख सकते हो आप। ये
आपका चेन कोड था। फोर कनेक्टेड चेन कोड था। ये आर्डर फोर था। ये हमने सिंपल क्या कर रखा है। तो यहां पे आप देख सकते हो
ऑर्डर फोर दे रखा है। ये हमें बाउंड्री दे रखी है। ये हमने फोर कनेक्टेड चेन बना लिया। तो आप यहां पे देखो कि आप चेन कोड
के लिए कैसे अप्लाई करोगे? सिंपल कि आप पहले किधर गए? राइट की तरफ मूव करोगे तो राइट पे ज़ीरो आ गया। फिर आप कहां गए? बॉटम
की तरफ। बॉटम पे आ गया आपका थ्री। फिर आप लेफ्ट की तरफ गए तो लेफ्ट पे आपका टू है। फिर आप टॉप की तरफ गए तो टॉप पे आपका वन
है। फिर आप डिफरेंस निकालोगे। डिफरेंस कैसे निकालोगे? वन से आप ज़ीरो पहुंचने के लिए आपको कितना डिफरेंस आया? तो आप हमेशा
क्या करोगे? एंटीक्लॉकवाइज़ मूव करोगे। तो यहां से आप टू पे जाओगे। टू से आप थ्री पे, थ्री से आप ज़ीरो पे। तो 1 2 3 तो
डिफरेंस कितना आ गया? थ्री आ गया। अब नेक्स्ट आप किसके लिए निकालोगे? ज़ीरो से थ्री के लिए। अब ज़ीरो से थ्री के लिए आपको
कैसे डिफरेंस निकालोगे? तो ज़ीरो से थ्री के लिए पहले आप ज़ीरो से वन जाओगे। वन से टू जाओगे। देन टू से थ्री जाओगे। तो 1 2 3
इसका भी डिफरेंस कितना आ गया? थ्री आ गया। फिर आप इस तरह फिर आप क्या करोगे? थ्री से टू के लिए। अब थ्री से टू पे आप कैसे
जाओगे? हमेशा एंटीक्लॉकवाइज़ जाना। मैंने आपको बताया था चेन कोड के अंदर ही। ठीक है? तो थ्री से आप ज़ीरो गए। ज़ीरो से आप वन
गए। वन से आप टू गए। तो 1 2 3 तो थ्री से टू पर भी आपको कितना आया? वन आया। फिर लास्ट आपका क्या आएगा? सिंपल वन आएगा। अब
टू से वन पे आप कैसे पहुंच पाओगे? तो टू से आप पहले थ्री फिर थ्री से ज़ीरो, फिर ज़ीरो से वन। तो 1 2 3 तो इसका डिफरेंस भी
कितना आ गया आपका? थ्री आ गया। अब शेप नंबर आप कैसे डिटरमाइन करते वो देखिए। जो स्मालेस्ट मैग्नीट्यूड होता था हम उसको
ऐसे कंसीडर्ड करते थे। तो यहां पे कोई भी ज़ीरो नहीं है। तो यहां पे सिंपल हमारा शेप नंबर क्या आ जाएगा? एज़ इट इज़ आ जाएगा।
क्योंकि सारे नंबर आपके सेम है थ्री थ्री थ्री। अब मान लो इस नंबर की जगह कुछ ऐसा होता कि आपका कुछ तो शेप नंबर तो आपको एज़
इट इज़ समझ में आ गया। लेकिन मान लो अगर इसमें स्मालेस्ट मैग्नीट्यूड लेना पड़ता तब कैसे होता? मैं अब आपको एग्जांपल के थ्रू
समझाऊं कि मान लो कि आपको जो शेप आपको जो डिफरेंस आया वो कुछ इस तरीके से आया 30 अह 33 03 ठीक है तो इस तरीके से कुछ आपका
डिफरेंस आया मान लो अब इसको मुझे शेप नंबर लेना होगा तो कैसे लूंगा आप क्या करोगे इसको आप पीछे भेज दोगे सर्कुलर की तरफ ठीक
है तो आपका पूरा एक सर्कुलर रोटेशन होगा तो ये ज़ीरो इधर फिर थ्री फिर ज़ीरो फिर थ्री लास्ट में आपका थ्री चला जाएगा तो ये
आपका एक स्मालेस्ट मैग्नीट्यूड फॉर्म हो जाएगा ठीक है तो इस तरीके से हम डिफरेंस को शेप नंबर में कन्वर्ट करते हैं। तो आई
होप आपको ये अच्छे से क्लियर हो चुका होगा। आप शेप नंबर देख सकते हो क्या आया आपका? फोर आया। तो ठीक है जो कि हमारा
क्या है? इवन है और क्लोज्ड बाउंड्री है। तो इस तरीके से हम अप्लाई करते हैं सिंपल हमारा शेप नंबर। आई होप आपको क्लियर हो
चुका होगा। चेन कोड के अंदर भी मैं ऑलरेडी आपको समझा चुका हूं। फिर आता है आपका फोरियर डिस्क्रिप्टर। अब फोरियर
डिस्क्रिप्टर बेसिकली क्या है? रिप्रेजेंट द बाउंड्री ऐज़ अ सीक्वेंस ऑफ़ कोऑर्डिनेट। आप क्या कर रहे हो? बाउंड्री को
रिप्रेजेंट कर रहे हो ऐज़ अ सीक्वेंस ऑफ़ कोऑर्डिनेट। कोऑर्डिनेट आपका क्या हो सकता है? x-एक्सिस और y एक्सिस आपका कोऑर्डिनेट
होता है। उसकी सीक्वेंस को आप एज अ बाउंड्री रिप्रेजेंट कर रहे हो। तो दे कन्वर्ट द ऑब्जेक्ट बाउंड्री इंटू अ सेट
ऑफ नंबर्स इन द फ्रीक्वेंसी डोमेन एंड कैप्चरिंग इट्स एसेंशियल सेफ फीचर्स। तो ये बेसिकली क्या कर रहा है? जो आपकी
ऑब्जेक्ट बाउंड्री है उसको कन्वर्ट करता है कुछ सेट ऑफ नंबर्स के अंदर। वो भी किसमें? फ्रीक्वेंसी डोमेन के अंदर। ठीक
है? कैसे करता है? अभी मैं पूरा आपको समझाऊंगा। तो ट्रीट ईच कोऑर्डिनेट पेयर एज अ कॉम्प्लेक्स नंबर। तो ये क्या करता है?
जो आपके कोऑर्डिनेट पेयर होते हैं हर एक कोऑर्डिनेट पेयर को एज अ कॉम्प्लेक्स नंबर ट्रिएट कर रहे होते हैं। कैसे कर रहे होते
हैं? वो देखिए ये आपका y एक्सिस हो गया। ये आपका x एक्सिस हो गया। बीच में आपका कोई कैरेक्टर या इमेज है जो कि c है। ठीक
है? ये ये आपका इमेजिनरी एक्सिस है। ये आपका रियल एक्सिस है। इसके हमने दो कोऑर्डिनेट ले लिए। एक आपका x0 y0 हो गया।
एक आपका y1 x1 हो गया। ठीक है? अब आप यहां पे क्या है? आपके जो कोऑर्डिनेट होंगे वो क्या हो गए? x0 y 0 x1 y1 डॉट डॉट डॉट मान
लो x k - i से लेकर yk - 1 तक x k - 1 से लेकर yk - 1 तक ठीक है टोटल आपके k पॉइंट्स हैं। फिर आप क्या निकालोगे? xk
निकालोगे। तो sk बेसिकली क्या होगा? xk से लेकर yk तक होगा फॉर 2d के लिए। अगर इसमें वन डायमेंशनल में कन्वर्ट करना पड़ेगा। तो
यहां पे इमिनरी वैल्यू। तो sk = xk + jy ऑफ़ k। तो ये किसमें कन्वर्ट हो गया हमारा? वन डायमेंशनल में कन्वर्ट हो गया। अब इसके
लिए हमें निकालना पड़ेगा डिस्क्रीट अ फोरियर ट्रांसफॉर्म। ठीक है? तो यहां पे देख सकते हो डिस्क्रीट फोरियर ट्रांसफॉर्म
जिसको हम au से डिनोट करते हैं। इसका फार्मूला क्या होता है? समेशन ऑफ़ k = 0 से लेकर k - 1 तक s आपका क्या आएगा आपका? K e
की पावर -j 2π / k * k ऑफ़ * μ। ठीक है? तो इस तरीके से हमने क्या करा? ये हमारा डिस्क्रीट वो ट्रांसफ़ेशन का फार्मूला हो
गया। और u जो है आपका कहां से लाई करेगा? 0 से लेकर k - 1 तक। तो जो a ऑफ़ न्यू है ये आपका क्या होगा? फोरियर डिस्क्रिप्टर
होगा। अब इसी फोरियर डिस्क्रिप्टर को आप क्या करोगे? इनवर्स करोगे। तो इसका जो इनवर्स डिस्क्रीट फोरियर ट्रांसफॉर्म आएगा
वो क्या आएगा? sk = 1 / k समेशन u = 0 से लेकर k - 1 a ue ^ j 2π / k * k और फिर u और इसमें जो k की वैल्यू होगी वो आपकी
ज़ीरो से लेकर k - 1 तक चलेगी। अब हम क्या करेंगे? सारी कोऑर्डिनेट्स की तो हमें निकालना नहीं पड़ेगा। मतलब सारे कोफिशिएंट
का तो हम वैल्यू निकालेंगे नहीं। सबका इनवर्स डिस्क्रीट फोर ट्रांसफॉर्म। तो हम क्या करेंगे? सेलेक्टेड जो आपके फर्स्ट p
कोफिशिएंट होंगे उनकी वैल्यू को कैलकुलेट करेंगे। तो कैसे कैलकुलेट करेंगे? जब आपकी जो u की वैल्यू है वो आपकी क्या हो जाएगी?
ग्रेटर दैन हो जाए p - 1 से। तब आपका जो au होगा वो सिंपल ज़ीरो हो जाएगा। ठीक है? उसके लिए जो हमारा डिस्क्रीट फोर
ट्रांसफॉर्म आएगा s कैप वो होगा 1 / p समेशन u = 0 से लेकर p - 1 au u e की पावर j 2π p * ku और u की जो रेंज है वो 0 1 2
से लेकर p - 1 तक है और k की जो रेंज है वो 0 1 2 से लेकर k - 1 तक है। ठीक है? अब आप ये सिंपली कैसे कर रहे हो वो देखिए। आप
क्या कर रहे हो? इसमें से रिमूव कर दे रहे हो। जो आपके हाई फ्रीक्वेंसी कॉम्पोनेंट है किसके? ए यू के आप उसको रिमूव कर दोगे
तो आपकी जो वैल्यू आने वाली है कुछ ये आने वाली है। ठीक है? तो इस तरीके से हम डिस्क्रीट फोरियर डिस्क डिस्क्रीट फोरियर
ट्रांसफॉर्म अप्लाई करते हैं और फोरियर डिस्क्रिप्टर परफॉर्म करते हैं। तो आई होप आपको अच्छे से समझ में आ गया होगा कि कैसे
हम फोरियर डिस्क्रिप्टर अप्लाई करते हैं। अभी तक इसका क्वेश्चन नहीं पूछा गया। क्या पता इस बार पूछ ले तो आप इसे अच्छे तरीके
से समझ लेना क्योंकि इसकी जो डेरिवेशन है वो इंपॉर्टेंट है कि कैसे अप्लाई करते हैं। ठीक है? अब इसमें जो हमारा नेक्स्ट
टॉपिक है वो है हमारा रीजनल डिस्क्रिप्ट। जो नेक्स्ट टॉपिक है वो हमारा रीजनल डिस्क्रिप्टर है। तो रीजनल डिस्क्रिप्टर
आर न्यूमेरिकल और मैथमेटिकल फीचर दैट डिस्क्राइब द इनसाइड एरिया। तो जो आपका रीजनल डिस्क्रिप्टर ये बेसिकली क्या कर
रहा होता है? ऑब्जेक्ट की जो इंसाइड एरिया है उसको डिस्क्राइब कर रहा होता है। या तो न्यूमेरिकल वैल्यू से या फिर मैथिक
मैथमेटिकल वैल्यू से। ठीक है? अब इसके भी कई सारे आपके फॉर्म्स होते हैं, मेथड्स होते हैं। उसमें से पहला जो है वो आपका
सिंपल रीजनल डिस्क्रिप्टर है। सिंपल रीजनल डिस्क्रिप्टर के अंदर आता है आपका एरिया और पैरामीटर। एरिया आप कैसे कैलकुलेट करते
हैं? तो आपके द नंबर ऑफ़ पिक्सल इन द रीजन डिफाइन इट्स एरिया। तो उस रीजन के अंदर जितने भी आपके पिक्सल्स होंगे, तो नंबर ऑफ़
पिक्सल क्या बेसिकली डिटर डिटरमाइन करेंगे? एरिया को डिटरमाइन करेंगे। फिर आता है पैरामीटर। पैरामीटर बेसिकली क्या
होती है? जो शेप की बाउंड्री के जो शेप की बाउंड्री पर जो पिक्सल्स होते हैं वो नंबर ऑफ़ पिक्सल्स आपका क्या कहलाता है?
पेरीमीटर कहलाता है। ठीक है? फॉर एग्जांपल यहां पे एक इमेज है। ठीक है? ये इमेज की पिक्सल हो गई। ठीक है? ये इमेज है। उसके
ऑब्जेक्ट के ये सारे पिक्सल्स हो गए। अब कैसे होगा वो देखिए। तो हमारा जो एरिया होगा वो टोटल नंबर ऑफ़ पिक्सल कितने हैं?
इसमें 1 2 3 4 5 6 7 8 9 10 11 12 13 14 15 16 17 18 19। तो 19 इसका क्या होगा? एरिया होगा। अब पेरीमीटर क्या है? इसकी जो
बाउंड्री पिक्सल्स हो गई। तो टोटल बाउंड्री पिक्सल कितनी है? 13 है। तो वो इसकी पेरीमीटर हो जाएगी। अब इसमें अब अगर
हमें कॉम्पैक्टनेस और सर्कुलरिटी निकालना होगा तो उसका फार्मूला क्या होता है? रेश्यो ऑफ़ पेरीमीटर स्क्वायर / एरिया। ठीक
है? उसके थ्रू हम क्या निकाल पाते हैं? सर्कुलरिटी निकाल पाते हैं। तो c = p²/a तो पेरीमीटर हमारा कितना आया था? 13 तो 13
* 13 अपॉन में एरिया कितना आया था? 19। तो इसको कैलकुलेट करके जो भी वैल्यू्यूज आएगी वो आप मुझे कमेंट बॉक्स में बताना। जो
नेक्स्ट है वो हमारा है सर्कुलरिटी रेश्यो। अब सर्कुलरिटी रेश्यो बेसिकली क्या है? इट इज़ अ रेश्यो ऑफ़ द एरिया ऑफ़ द
रीजन टू द एरिया ऑफ़ द सर्कल हैविंग द सेम पैरामीटर। तो बेसिकली क्या है? ये रेश्यो है किसका? आपका एरिया ऑफ़ द सर्कल। ठीक है?
उन रीज़ंस का जिनका पेरीमीटर बेसिकली क्या है? सेम है। तो इसका फार्मूला क्या होता है? RC = 4 * π * एरिया अपॉन में पेरीमीटर
का स्क्वायर। ठीक है? क्यों? क्योंकि उन सबका पेरीमीटर जो है वो सेम है उस रीजन का। ठीक है? उसका हम सिंपल क्या निकालते
हैं? सर्कुलरिटी रेश्यो फाइंड करते हैं। ठीक है? फिर जो नेक्स्ट टॉपिक है हमारा वो है टोपोलॉजिकल डिस्क्रिप्टर। अब
टोपोलॉजिकल डिस्क्रिप्टर बेसिकली क्या है? द स्टडी ऑफ़ द प्रॉपर्टीज ऑफ अ फिगर दैट आर अनइफेक्टेड बाय एनी डिफेशन। तो इसमें
बेसिकली हम क्या कर रहे होते हैं? स्टडी कर रहे होते हैं फिगर्स की उन प्रॉपर्टीज की जिनके कोई भी इफ़ेक्ट नहीं पड़ता है
डिफ़ॉर्मेशन के थ्रू। ठीक है? वो क्या होता है? अनइफ़ेक्टेड होते हैं किसी भी डिफ़ॉर्मेशन से। जैसे आपका रबर हो गया। वह
उसे आप कितना भी डिफ़ॉर्म कर लो वापिस ओरिजिनल शेप में आ ही जाएगा। तो द स्टडी ऑफ़ लोकल स्ट्रक्चर ऑफ एनी शेप इज कॉल्ड
टोपोलॉजी। तो टोपोलॉजी बेसिकली क्या है आपका? कॉम्बिनेशन ऑफ़ टू वर्ड्स है टोपो और लॉजी। तो बेसिकली इसमें आप क्या कर रहे
होते हैं? स्टडी कर रहे होते हैं लोकल स्ट्रक्चर की किसी भी शेप की। वो आपका कहलाता है टोपोलॉजी। द आयरल नंबर द यूलर
नंबर कैन बी कंप्यूटेड यूजिंग कनेक्टेड कॉम्पोनेंट लेबलिंग एल्गोरिथम। तो इसको हम कैसे लेबल कर रहे होते हैं? आइलर
एल्गोरिथम की हेल्प से हम अप्लाई कर रहे होते हैं। अब आइलर नंबर बेसिकली क्या होता है? नंबर ऑफ पोल्स इन रीजन जिसको हम H से
डिनोट कर रहे होते हैं। नंबर ऑफ कनेक्टेड कंपोनेंट जिसको हम C से डिनोट कर रहे होते हैं। और जो हमारा यूलर नंबर होता है वो
होता है E = C - S होता है। मतलब डिफरेंस बिटवीन कॉम्पोनेंट माइनस रीजन। अब कैसे डिटरमाइन कर रहे हो? तो देखिए जैसे यहां
पे दो करैक्टर है एक है A, एक है B। तो A के अंदर जो आपका रीजन होगा नंबर ऑफ़ होल्स मतलब जो आपका वाइट स्पेस है। तो ये आपका
क्या हो गया? होल हो गया। इसमें होल कितने हैं? दो होल हैं। और कम और नंबर ऑफ़ कनेक्टेड कंपोनेंट। कनेक्टेड कंपोनेंट
टोटल कंपोनेंट कितना है? एक है और इधर भी कॉम्पोनेंट टोटल कितना है? एक ही है। तो यहां पे अगर आइलर नंबर निकालेंगे तो क्या
आएगा? 1 - 1 = 0 और यहां पे आइलर नंबर निकालेंगे तो क्या आएगा? 1 - 2 = -1 ठीक है? तो ये तो सिंपल कररेक्टर के लिए हो
गया। अब यही अगर पॉलीगॉन आपका पॉलीगोनल नेटवर्क होगा तब कैसे अप्लाई करोगे? तो उसके लिए जो आपका फार्मूला होगा वो होगा v
- q + f या फिर सिंपल c - h = e. ठीक है? ये ऑलर फ़ूला का ये तो सिंपल अभी मैंने बताया था। अब अगर आपको पॉलीगोनल दे रखा
होगा तो ये फार्मूला अप्लाई करोगे V - Q + F V होगा आपका नंबर ऑफ वर्टिससेस। Q होगा आपका नंबर ऑफ एजेस। F होगा आपका नंबर ऑफ
फसेस। अब वर्टिससेस तो ऑलरेडी आप जानते हो कि क्या होता है? ये हो गए आपके वर्टेक्स सारे। ठीक है? ये नंबर ऑफ़ वर्टेक्स हो गए
सारे। और आपके एजेस क्या हो गए? ये आपके सारे एजेस हो गए। ठीक है? ये एजेस हो गए। और होल्स क्या हो गए? जो आपके ये जो वाइट
स्पेस है, ये आपका क्या है? होल्स हो गए। ठीक है? और जो ये आपका एफ है, ये आपका क्या हो गया? फेस हो गया। जो आपके ये जो
शेडेड रीजन है ये आपके सिंपल क्या हो गया? फेस हो गया। जो ब्लैंक वाइट स्पेस है वो आपके क्या हो गए? होल्स हो गए। ठीक है? और
जो ये v है आपके सिंपल क्या हो गए? वर्टिससेस हो गए। अब यहां पे देखो इस फार्मूला अप्लाई कर दो सिंपल। e = v - q +
f v आपके नंबर ऑफ़ वर्टिससेस कितना है? सेवन। एजेस कितने हैं इसमें? टोटल 11 प्लस फेसेस कितने हैं? टू। तो 1 - 3 करोगे तो
क्या आएगा? -2। और यही अगर आप सिंपल C - H करके चलोगे तो भी आपकी वैल्यू सिंपल क्या आने वाली? क्योंकि कनेक्टेड कॉम्पोनेंट
कितना है? एक ही है और आपके जो होल्स हैं वो कितने हैं आपके? दो हैं। तो वन होल्स आपके टोटल तीन हैं। यहां पे देख सकते हो
ये भी होल है। ये भी होल है। ये भी होल है। तो टोटल होल्स आपके पास कितने हो गए? तीन हो गए। तो 1 - 3 करोगे तो आपकी वैल्यू
क्या आएगी? -2 आएगी। ठीक है? तो इस तरीके से हम पॉलीगोनल नेटवर्क का भी आइलर फॉर्मूले की हेल्प से वैल्यू फाइंड कर
लेते हैं। तो आई होप आपको टोपोलॉजिकल डिस्क्रिप्टर भी समझ में आ गया होगा और रीजनल डिस्क्रिप्टर अच्छे से क्लियर हो
चुका होगा। बढ़ते हैं नेक्स्ट अपने टॉपिक की तरफ जो कि हमारा क्या है? टेक्सचर। टेक्सचर बेसिकली क्या है? इन इमेज
प्रोसेसिंग एव्री डिजिटल इमेज कंपोज्ड ऑफ रिपीटेड एलिमेंट इज कॉल्ड अ टेक्सचर। तो टेक्सचर बेसिकली कुछ नहीं है। आपके डिजिटल
मतलब हर एक इमेज के कुछ रिपीटेड एलिमेंट होते हैं। उन रिपीटेड एलिमेंट को ही हम सिंपल क्या बोलते हैं? टेक्सचर बोलते हैं।
तो ये दो नंबर में आपसे डेफिनेशन पूछ सकते हैं। इसलिए मैंने आपको बता दिया कि टेक्सचर क्या होता है? जो नेक्स्ट टॉपिक
हमारा ऑब्जेक्ट रिकॉग्निशन है। द ऑटोमेटिक रिकॉग्निशन ऑफ़ ऑब्जेक्ट और पैटर्न इज़ वन वेरीेंट इमेज एनालिसिस टास्क। तो ऑब्जेक्ट
रिकॉग्निशन के अंदर हम सिंपल क्या कर रहे हैं? ऑब्जेक्ट को रिकॉग्नाइज़ कर रहे हैं। उसमें से पैटर्न्स को फाइंड कर रहे हैं।
तो ऑब्जेक्ट रिकॉग्निशन सिस्टम इज़ लाइक अ कंप्यूटर प्रोग्राम दैट ट्राइज़ टू आइडेंटिफाई थिंक इन अ पिक्चर ऑफ द रियल
वर्ल्ड। तो सिंपल सा मतलब क्या है? जो आपका ऑब्जेक्ट रिकॉग्निशन सिस्टम है एक तरीके से कंप्यूटर प्रोग्राम है जो कि
क्या कर रहा है? आइडेंटिफाई कर रहा है थिंग्स को। किसमें से? पिक्चर्स को। जो आपके रियल वर्ड्स के पिक्चर्स हैं उसमें
से थिंग्स को आइडेंटिफाई कर रहा है। ऑब्जेक्ट को आइडेंटिफाई कर रहा है। वो सिस्टम आपका क्या कहलाता है? ऑब्जेक्ट
रिकॉग्निशन सिस्टम कहलाता है। नेक्स्ट जो टॉपिक है हमारा पैटर्न एंड पैटर्न क्लासेस है। अब पैटर्न बेसिकली क्या है? पैटर्न इज़
एन अरेंजमेंट ऑफ़ डिस्क्रिप्टर। तो पैटर्न बेसिकली क्या है? कुछ भी हो सकता है जो कि क्या कर रहा होगा? रिप्रेजेंट कर रहा होगा
और रिकॉग्नाइज़ कर रहा होगा। ये बेसिकली क्या होता है आपका? कलेक्शन ऑफ फीचर भी हो सकता है या फिर कलेक्शन ऑफ मेज़रमेंट भी हो
सकता है जो कि आपकी डिस्क्राइब कर रहा होगा किसके? ऑब्जेक्ट को। अब पैटर्न क्लास बेसिकली क्या है आपका? पैटर्न क्लास है
आपका इज़ अ फैमिली ऑफ़ पैटर्न दैट शेयर सम कॉमन प्रॉपर्टीज़। तो पैटर्न क्लास बेसिकली क्या हो गया? सिमिलर पैटर्न्स का ग्रुप हो
गया। ठीक है? सिमिलर पैटर्न्स की फैमिली हो गई। तो वो हमारा क्या कहलाता है? पैटर्न क्लास कहलाता है। तो पैटर्न
क्लासेस आर डिनोटेड W1, W2 डॉट डॉट डॉट wn वेयर n इज़ द नंबर ऑफ़ क्लासेस। तो पैटर्न क्लास को हम कुछ हम इस तरीके से डिनोट कर
रहे होते हैं। तो पैटर्न रिकॉग्निशन बाय मशीन इनवॉल्व टेक्निक्स फॉर असाइनिंग पैटर्न टू देयर रेस्पेक्टिव क्लासेस
ऑटोमेटिकली। तो पैटर्न रिकॉग्निशन बेसिकली क्यों कर रहे होते हैं? तो पैटर्न रिकॉग्निशन इसलिए कर रहे होते हैं ताकि
उनके क्लासेस के अकॉर्डिंग हम क्या कर पाए? पैटर्न असाइन कर पाए वो भी ऑटोमेटिकली। तो द ऑब्जेक्ट और पैटर्न
रिकॉग्निशन टास्क कंसिस्ट ऑफ टू स्टेप्स। कौन-कौन से स्टेप्स होते हैं? पहला होता है फीचर सेलेक्शन जिसे हम एक्सट्रैक्शन
प्रोसेस बोलते हैं। सेकंड होता है आपका मैचिंग जिसे हम क्लासिफिकेशन बोलते हैं। तो देयर आर टू कॉमन पैटर्न अरेंजमेंट
यूज्ड इन प्रैक्टिससेस। तो हमारे पास दो कॉमन पैटर्न अरेंजमेंट है जिनको हम पैटर्न रिकॉग्निशन के लिए यूज़ करते हैं। पहला है
आपका न्यूममेरिक पैटर्न वेक्टर जो कि क्वांटिटेटिव डिस्क्रिप्शन में यूज़ किया जाता है। ये हमारा न्यूमेरिक पैटर्न
वेक्टर होता है। फिर होता है आपका स्ट्रिंग एंड ट्रीज़ पैटर्न वेक्टर जो कि होता है आपका क्वालिटेटिव और स्ट्रक्चर
डिस्क्रिप्शन के लिए यूज़ किया जाता है। ठीक है? तो आई होप आपको पैटर्न और पैटर्न वेक्टर की सिंपल डेफिनेशन क्लियर हो चुकी
होगी। ठीक है? इसके बेसिस पर ऐसे कोई क्वेश्चन नहीं पूछा जाता है। अब देखो हमसे एकटी के अंदर क्वेश्चन पूछा गया था कि
डिस्कस द जैपक स्टैंडर्ड फॉर इमेज कंप्रेशन इंक्लूडिंग इट्स कंप्रेशन टेक्निक एंड द टाइप ऑफ इमेज इट इज़ बेस्ट
सूटेड फॉर। तो जैपक तो मैं ऑलरेडी आपको समझा चुका हूं। तो वापस वो सेम रिपीट नहीं करूंगा। मैं क्या करता हूं? इसके कंप्रेशन
टेक्निक आपको बताता हूं। तो इसका जो पहला कंप्रेशन टेक्निक होता है वो होता है कलर स्पेस कन्वर्ज़। कलर स्पेस कन्वर्ज़ बेसिकली
क्या कर रहा होता है? ये द इमेज फर्स्ट इज़ कन्व्टेड फ्रॉम RGB टू वाईसीबीआर। तो इसमें हम सिंपल क्या कर रहे होते हैं? ये
कंप्रेशन टेक्निक है जो कि आपका जेपक यूज़ करता है। ये क्या करता है? आपकी जो आरजीबी है उसको कन्वर्ट कर देता है वसीबीसीआर
के अंदर। ठीक है? तो Y आपका क्या होता है? लुमिनेंस होता है जो कि क्या करता है? आपकी इमेज के अंदर ब्राइटनेस प्रोवाइड कर
रहा होता है। सीबी एंड जो आपकी सीआर हो गई ये बेसिकली क्या हो गया? क्रोमिनेंस हो गए जो कि कलर इंफॉर्मेशनेशंस होती है इमेज की
वो प्रोवाइड कर रहे होते हैं। ठीक है? तो इमेज आपके इमेज के अंदर एक तो ब्राइटनेस भी होती है साथ ही साथ कलर इंटेंसिटी भी
होती है। लेकिन क्या होता है? केवल उसका जो साइज है सिर्फ वो रिड्यूस हो जाता है। ठीक है? आई होप आपको समझ में आ गया होगा।
अब जो नेक्स्ट आपका मेथड है वो है आपका डाउन सैंपलिंग। अब डाउन सैंपलिंग बेसिकली जो आपका कलर कॉम्पोनेंट हो गया सीबी एंड
सीआर। ठीक है? है जो क्रोमिनेंस जो मैंने आपको बताया कलर इंटेंसिटी के लिए यूज़ किया जाता है। एंड सबेंबल्ड फॉर एग्जांपल जैसे
रेश्यो हो गया आपका 4:2 0 ठीक है रेड ग्रीन ब्लू का जो रेश्यो होता है या फिर सी बाय सीबी एंड सीआर का जो रेश्यो हो गया
ये बेसिकली क्या करते हैं रिड्यूस कर रहे होते हैं कलर रेोल्यूशन को लेकिन आपकी इमेज के अंदर ब्राइटनेस डिटेल्स जो होती
हैं वो एग्जैक्ट सेम ही रहती है आपकी जो इमेज की क्वालिटी होती है वो अच्छी होती है। ठीक है? फिर होता है आपका इससे क्या
होता है कि आपका जो ओवरऑल साइज है वो रिड्यूस हो जाता है। साथ ही साथ आपका जो स्टोरेज स्पेस है वो सेफ हो जाता है। फिर
आता है आपका ब्लॉक फॉर्मेशन। ब्लॉक फॉर्मेशन के अंदर बेसिकली जो हमारा इमेज होता है जो हमारा जेपेक है वो इमेज को
डिवाइड करता है 8/8 पिक्सल ब्लॉक्स के अंदर। और जो हर एक ब्लॉक है वो आपका प्रोसेस्ड होता है सेपरेटली। ठीक है? फॉर
बेटर कंप्रेशन कंट्रोल। इसलिए सेपरेटली अह प्रोसेस्ड होता है ताकि वो अच्छे से कंप्रेस हो पाए। जिससे क्या हो? हमारा जो
ओवरऑल फाइल साइज है वो रिड्यूस हो पाए। ठीक है? तो आई होप आपको ब्लॉक फॉर्मेशन भी समझ में आ चुका होगा। ठीक है? तो आई होप
आपको जेपिक स्टैंडर्ड भी अच्छे से समझ में आ गया। उसके सारे जो कंप्रेशन टेक्निक है वो भी क्लियर हो चुका होगा। ठीक है? तो
यहां पे जो हमारा यूनिट वाइफ है वो कंप्लीट हो गया है। जितने भी टॉपिक्स थे इस यूनिट के अंदर मैंने अच्छे से कवर करा
दिए हैं। साथ ही साथ जो भी आपके पीवाईक्यू के अंदर क्वेश्चंस पूछे गए थे वो भी कवर करा दिया है। तो आई होप आपको वीडियो अच्छी
लगी होगी। अगर आपको वीडियो अच्छी लगी होगी तो इस वीडियो को लाइक करना, शेयर करना और अगर आप हमारे चैनल पे नए हो तो हमारे चैनल
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थैंक यू फॉर वाचिंग दिस
डेटा कंप्रेशन डिजिटल डेटा का साइज़ कम करने की प्रक्रिया है, जिसमें रिडंडेंट और अनावश्यक जानकारी हटाई जाती है। यह स्टोरेज बचाने, तेज डेटा ट्रांसफर, इंटरनेट लागत कम करने और बेहतर परफॉर्मेंस के लिए आवश्यक है। उदाहरण के लिए, बड़े इमेज और वीडियो फाइलों को कंप्रेशन से छोटे आकार में भेजा जा सकता है जिससे बैंडविड्थ कम लगती है।
लॉसी कंप्रेशन में कुछ डेटा या महत्वपूर्ण जानकारी खो जाती है लेकिन विजुअल क्वालिटी संतोषजनक रहती है, जैसे JPEG इमेज। जबकि लॉसलेस कंप्रेशन में डेटा पूरी तरह रिकवर होता है, कोई जानकारी खोती नहीं है, जैसे हाफमैन कोडिंग। यह अंतर स्टोरेज और क्वालिटी जरूरतों के आधार पर तकनीक चुनने में मदद करता है।
हाफमैन कोडिंग एक लॉसलेस कंप्रेशन तकनीक है जिसमें सबसे अधिक बार आने वाले कैरेक्टर्स को छोटे कोड असाइन किए जाते हैं। यह प्रक्रिया हाफमैन ट्री बनाकर स्पष्ट की जाती है, जिससे डेटा आकार कम होता है बिना किसी जानकारी खोए। इसे तब उपयोग करें जब फाइल का पूरा डेटा सुरक्षित रखना हो, जैसे टेक्स्ट फाइलों में।
बाउंड्री फॉलोइंग डिजिटल इमेज में पिक्सल की सीमा को काउंटर या क्लॉकवाइज तरीके से ट्रेस करने की तकनीक है। चेन कोड प्रत्येक दिशा को एक विशिष्ट कोड देकर सीमा की प्रतिनिधित्व करता है। ये तकनीक CAD और 3D मॉडलिंग में ऑब्जेक्ट के आकार को पहचानने और स्टोर करने के लिए उपयोगी हैं।
टेक्सचर इमेज के रिपीटिंग पैटर्न को दर्शाता है जो ऑब्जेक्ट की सतह की विशेषता होती है। ऑब्जेक्ट रिकॉग्निशन कंप्यूटर प्रोग्राम द्वारा यह पहचानने की प्रक्रिया है कि इमेज में कौन सा वस्तु है, जिसके लिए फीचर जैसे टेक्सचर, आकार या स्ट्रक्चर का चयन और मैचिंग की जाती है। टेक्सचर एक महत्वपूर्ण फीचर के रूप में काम करता है।
JPEG मुख्यतः फोटोग्राफ और प्राकृतिक इमेज के लिए लॉसी कंप्रेशन स्टैंडर्ड है, जो चित्र की क्वालिटी बनाए रखते हुए फाइल साइज़ कम करता है। MPEG वीडियो और ऑडियो फाइलों के लिए कंप्रेशन स्टैंडर्ड है, जैसे MP3 और MP4 फॉर्मेट्स, जो मल्टीमीडिया डाटा के लिए उपयुक्त हैं। दोनों स्टैंडर्ड स्टोरेज और बैंडविड्थ की बचत करते हैं।
बाउंड्री डिस्क्रिप्टर्स बाउंड्री के गुणों जैसे लंबाई, व्यास और कर्वेचर का गणितीय वर्णन करते हैं, जिससे आकृति की पहचान और विश्लेषण आसान होता है। फोरियर डिस्क्रिप्टर बाउंड्री के कॉऑर्डिनेट्स को फ्रीक्वेंसी डोमेन में बदलकर डेटा की मात्रा कम करता है, विशेषकर प्रमुख फ्रीक्वेंसी कम्पोनेंट्स को रखने से। ये विधियां 3D मॉडलिंग और आकृति विश्लेषण में उपयोगी हैं।
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